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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

Shetan

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छुटकी की कच्ची अमिया









मैं बोल तो नहीं सकती थी लेकिन देख तो सकती थी , छुटकी को , नहीं नहीं वो अपनी माँ बहिन की नाक नहीं कटा रही थी बल्कि और आगे,...दस हाथ,... और मेरी चचेरी सासें , गाँव के रिश्ते वाली सासें सब पगलाई थीं उन कच्ची अमिया को देख कर,...



और छुटकी की कच्ची अमिया थी भी ऐसी , बस आती हुयी लेकिन इत्ती छोटी भी नहीं , सूरज की धूप तरह मटर के बस आते कच्चे दूध भरे दानों के साइज के निपल, और रुई के फाहों ऐसे छोटे छोटे उभार,... कौन न पागल हो जाए, और ये मैंने अपनी ससुराल में ये देख लिया था की लड़कियां तो झांटे आने के पहले ही लंड की तलाश शुरू कर देती हैं पर औरतें भी , जैसी जैसी उमर बढ़ती जाती है , माँ के बाद दादी बनने की तैयारी शुरू हो जाती है ,बहुएं दामाद आ जाते हैं उस उमर में और गरमाने लगती हैं, ... और सिर्फ मर्दों के लिए नहीं बल्कि , अगर कोई छुटकी की उमर वाली मिल जाए तो उसके कच्चे टिकोरे कुतर कुतर के,..



और यही हो रहा था,



मेरी ख़ास चचिया सास उसपे चढ़ी उससे झांटो भरी बुर चुसवा रही थीं, लेकिन क्रेडिट मेरी छुटकी बहिनिया को बल्कि मिश्राइन भौजी, रीतू भौजी और बाकी भौजाइयों को, कि उन्होंने चुसवा चुसवा के छुटकी से अपनी बुर, भोंसड़ा एकदम पक्की चूत चटोरी बना दिया था , उसे मालूम था गाड़ी सीधे भरतपुर स्टेशन पर नहीं घुस जाती बल्कि थोड़ी देर आस पास के छोटे स्टेशनों पर , कभी सिग्नल पर,... तो बस कभी उसकी जीभ की टिप जांघों को तो कभी फांकों को तो कभी सीधे क्लिट पे और सास में मस्ता रही थीं,



दोनों कच्चे टिकोरे दो सास लोगों ने बाँट लिए थे,



लेकिन कुछ देर में मैं नीचे थी , मेरी सास ऊपर और उनकी कुप्पी से सीधे मेरे मुंह में घलघल ,... और ननदें चिढ़ा रही थीं , भौजी होली का परसाद , पहले सास फिर ननद, ...



और सास के बाद जो मेरी चचिया सास जिन्हे छुटकी ने चूस चाट के झाड़ा था , वो मेरे ऊपर और छुल छुल ,... मेरे होंठ खुले,...



छुटकी के ऊपर भी एक सास चढ़ी



लेकिन आज मुझे एक अपने देवर को ब्रम्हचारी से व्यभिचारी बनाना था , असली बहनचोद , तो सास से बोल के मैं सरक ली।



पर छुटकी की हालत और,...सारी गाँव भर की बुजुर्ग औरतें , जो मेरी सास लगतीं थी,... जैसे पहली बार ये उभरता जोबन मिला था, जैसे तोते पेड़ पर कच्ची अमिया कुतरते हैं , फिर चटवाने वालियां, घलघल, छुलछुल ,... कल वैसे ही मेरी सास और नैना ने मिल के उसे देह के हर अंग से निकलने वाले ' रस ' के बारे में समझाया था तो नमकीन खारा,



कम से कम दो घंटे तक,... लेकिन छुटकी खूब रस ले रही थी,... मेरे मायके में भौजियों ने अच्छी ट्रेनिंग दी थी, हलांकि नमकीन शरबत पहली बार,... और उसे बचाया कौन उसकी सबसे बड़ी,... रगड़ाई करने वाली,नैना ननदिया ,... ननदें भी इस कच्ची कली का मज़ा लेने के लिए बेचैन थी,... बड़ी मुश्किल से सास लोगो से , ...लेकिन जो कहते हैं आसमान से गिरे खजूर में अटकी वाली हालत



और नैना की उम्र की कुछ उससे भी कम कजरी , छुटकी की समौरिया,... लेकिन खूब रगड़ाई हुयी , और पहली बार गाँव की होली, कपडे जो बचे खुचे थे, वो दस पंदह मिनट में ननदों ने चिथड़े , चिथड़े कर के बाँट लिए, और फिर तो कीचड़, कीच,... और भी बहुत कुछ , रंग वंग का नंबर तो बहुत बाद में आता है ,असली चीज़ तो देह की होली थी , ऊँगली हथेली रगड़ाई,... लेकिन छुटकी बराबर की टक्कर दे रही थी , एक दो को तो उसने धकेल के , .. और वो भी अपनी कच्ची चुनमुनिया से दर्जनों लंड खाये ननदों की चूत को रगड़ रगड़ के उनके छक्के छुड़ा रही थी,...
Pata nahi kyo par nanand ki ragadai berahemi se karwane ka maza to kuchh or hi he.
 

Shetan

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छुटकी और ननदें




और उसे बचाया कौन उसकी सबसे बड़ी,... रगड़ाई करने वाली,नैना ननदिया ,...



ननदें भी इस कच्ची कली का मज़ा लेने के लिए बेचैन थी,... बड़ी मुश्किल से सास लोगो से , ...लेकिन जो कहते हैं आसमान से गिरे खजूर में अटकी वाली हालत



और नैना की उम्र की कुछ उससे भी कम कजरी , छुटकी की समौरिया,...




लेकिन खूब रगड़ाई हुयी , और पहली बार गाँव की होली, कपडे जो बचे खुचे थे, वो दस पंदह मिनट में ननदों ने चिथड़े , चिथड़े कर के बाँट लिए, और फिर तो कीचड़, कीच,...




और भी बहुत कुछ , रंग वंग का नंबर तो बहुत बाद में आता है ,असली चीज़ तो देह की होली थी , ऊँगली हथेली रगड़ाई,... लेकिन छुटकी बराबर की टक्कर दे रही थी , एक दो को तो उसने धकेल के , .. और वो भी अपनी कच्ची चुनमुनिया से दर्जनों लंड खाये ननदों की चूत को रगड़ रगड़ के उनके छक्के छुड़ा रही थी,...



लेकिन दो चार ननदें ऊपर से ,... कोई उसकी छोटी छोटी चूँचियों को रगड़ रही थी तो कोई पिछवाड़े के छेद में



लेकिन पिछली शाम ही पहले उसके डबल जीजा , फिर जीजा , फिर दोनों ने ऐसी हचक हचक के मिल के उसकी गाँड़ मारी तो अब दो चार नयी उमर की इन नंदों की उँगलियों से वो घबड़ाने वाली नहीं थी,... बीच बीच में नैना उससे इन ननदों का नाम बता के भेंट मुलाकात भी करवाती थी ,



"हे गीतवा जरा हचक के मार भौजी की बहिनिया की गाँड़ अरे यह गाँव क लंड खाने के लिए तो इसकी महतारी भेजी ही है जरा लड़कियों का भी तो मजा ले ले , ..."



"हे सुमनिया ऐसे हलके चूँची मिजने से कुछ नहीं होगा यह छिनार का"




हे ललिया , अरे दो नहीं तीन ऊँगली एकरा बिलिया में पेल,... और छुटकी भी नाम ले ले के



" अरे गीता तो खुदे अपने भैया से गाँड़ मराय मराय के थेथर हो गयीं है , लगता है तोहरे भैया को भी गाँड़ मारना नहीं आता खुद जो गांडू हो , अरे एक बार हमरे गाँव आयी जाएँ लौण्डेबाज हमरे गाँव के उनकी गाँड़ मार मार के उनकी महतारी के भोंसडे से चाकर कर देंगे कहो गीता,... "


और गीता उसे चूमते बोलती , जब हमरे भैया के नीचे आओगी तो पता चलेगा , कउनो छेद नहीं छोड़ते , ...



नैना, गीता, कजरी , सुमन और बाकी आधे दर्जन ननदों की मस्त होली छुटकी के साथ चल रही थी




तभी कहीं से संदेसा आ गया की कुछ ननदों को भौजाइयों की मंडली ने दबोच लिया है, बस नैना अपनी ननद मण्डली को लेकर भौजाइयों से लोहा लेने चली गयी लेकिन छुटकी को उसने गीता के भरोसे छोड़ दिया। गीता का घर पास में ही था, गाँव के किनारे बगल में खेत, आम का एक बड़ा सा बाग़।



गीता छुटकी को लेकर अपने घर पहुँच गयी , होली में ही गीता और छुटकी में जबरदस्त दोस्ती हो गयी थी,...

और छुटकी भी, उसे याद आ रहा था की कल इसी गीता के बारे में दीदी की सास ने कैसे रस ले ले कर बताया था की कैसे वो अपने भाई के साथ कैसे दोनों मरद औरत की तरह,... और मरद औरत में कभी एक दिन का नागा हो जाए,... लेकिन कउनो दिन नहीं होता की गितवा क वो सगा भाई , अपनी बहिनिया के ऊपर न चढ़े।


छुटकी ने पूछ लिया की माँ वो पांच दिन क छुट्टी में गितवा ,

तो वो हँसते बोलीं अभी नयी चुदवाना शुरू की हो न,... अरे मरद जात,... और गितवा क भाई क दोष नहीं , गितवा खुदे बोलती है अरे भैया एक छेद बंद है बाकी तो खुला है , तो कभी गाँड़ मरायेगी कभी लंड चूसेगी, लेकिन बिना अपने भाई क पानी अपने अंदर लिए बिना उसे नींद नहीं आती।



छुटकी ने गीता पर ज़रा भी जाहिर नहीं होने दिया की गीता और ऊके भाई का पूरा किस्सा उसे मालूम है। पर थी तो मेरी ही छोटी ही बहन न , मेरी माँ का खून उसके अंदर भी था , घर में घुसते ही जब तक गीता किवाड़ बंद करती, पिछवाड़े से गीता के अपने सगे भाई से गाँड़ मरवा मरवा के बड़े हो गए चूतड़ों पर कस के चिकोटी काटते चिढ़ा के बोली,...



" अरे हमार छिनार ननदिया, अपने भैया के खूंटे क इतना तारीफ़ कर रही हो तो इसका मतलब खूब घोंटी होगी, गपागप गपागप,... "



छुटकी, कुछ बातों में एकदम मेरी माँ पर गयी थी , जोबन और चूतड़, गोरा रंग और लुनाई में तो हम तीनों बहनें माँ पर गयी थीं , लगती भी थीं , हमारी बड़ी बहन की तरह,लेकिन मुंह में हाथ डाल के बात निकलवाने की जो कला थी वो माँ से सीधे छुटकी में आयी थी। तभी तो माँ ने अपने दामाद से मेरे सामने, जो बात शादी क छह महीने में मैं न पता कर पायी , वो मेरे सामने इन्होने , ... कैसे कैसे इन्होने अपनी माँ का भोंसड़ा चूसा , उसकी गाँड़ चाटी, कैसे जब उनका खड़ा होना शुरू हुआ ही है , ये कमरे में मुठ मार रहे थे की इनकी कुँवारी बुआ ने इन्हे पकड़ के ,... खुद चढ़ के चोद दिया और सिखाया भी , घर में जवान माँ बहन के रहते इधर उधर पानी गिरा रहे हो ,... और उनकी बुआ ने कैसी उनकी झिझक छुड़ा के , उनकी माँ के ऊपर,... आखिर तेरी माँ ने कैसे कैसे , किसका किसका लंड ले के तुझे पैदा किया और अब वही बुर भूखी पियासी ,... और तुम बित्ते भर का लंड ले के , कुछ तेरी भी जिम्मेदारी बनती है न,..



तो छुटकी ने गीता को चढ़ा के चढ़ा के सब हाल खुलासा जान लिया। बाकी ननद भौजाइयां तो होली की मस्ती में , यह गीता छुटकी एक दूसरे की बाँहों में कभी गीता अपनी कुप्पी उसे चुसाती तो कभी उसकी चूसती,... और गीता ने बताया पूरा भाई बहन का किस्सा ,... वैसे तो इस गाँव में शायद ही कोई लौंडा होगा जिसने अपनी बहन की शलवार का नाड़ा न खोला हो लेकिन गीता की बात ही अलग थी , ... और वो वो बातें जो न नैना को मालूम थी न गाँव में किसी चिड़िया को भी वो सब गीता के मुंह से छुटकी ने उगलवा ली.




गीता का स्कूल का नाम संगीता था लेकिन घर में सब लोग उसे गीता, फिर गीता से गितवा, उसके भाई का नाम अरविन्द था , लेकिन वो गीता से दो साल बड़ा तो उसे वो भैया ही कहती थी
Wah ek kamjor kadi to apni chhutki hi pakad li. Khel ka maza to ab aaega.
 

komaalrani

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Incest me hi to maza he
Thanks so much, enjoy and do share your views after every post, my first effort in INCEST, realizing that my readers show interest
 

komaalrani

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Muje komal ji ki skill se apni story ko aage badhane me bahot madad milti he. Bhale hi skill alag ho. Josh pura raheta he
Lekin aapki story bhi gazab hai aur apne bahoot kathin genre par kaam shuru kiya hai jisko likhne men bade bade hil jaate hain, aap ko mera salute
 

Shetan

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Lekin aapki story bhi gazab hai aur apne bahoot kathin genre par kaam shuru kiya hai jisko likhne men bade bade hil jaate hain, aap ko mera salute
Thank you so much komal ji ese hosala badhati rahena.


Or bahuriya ke kisse sunati rahiye
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whats my screen
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Shetan

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Devarji ke kele ka swad bahot mittha heIMG-20221123-092045 IMG-20221123-092029 IMG-20221123-092010
 
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Sajni piya ki.
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Shash bhi hori khele bahuriya ke sath
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