सास अपने अनुभव बांट रही है...वाह री कोमलिया. तेरी सास को तो मान ना पड़ेगा. तेरे मरद ने तेरे पाऊ पलंग के निचे नहीं रखने दिये. तेरी हलत देख कर बड़ी खुश हो रही है.
रे पगली वो भी कभी इस गांव मे नईकी भोजी बनाकर आई थी. उसने भी अपने मरद से लेकर देवर, नन्दोई सबके खुटे पर सवारी की है.
सच ही तो कहती है तेरी सास. अरे सुहागन की ऊपर निचे दोनों मांग भरी होनी चाहिए. ऊपर वाली लाल और निचे वाली सफ़ेद.
तूने अपने सारे देवरो से उनकी बहेनिया तो पेलवा दी. अब नया और इरादा पल लिया.
री रेनू लीना सुन लो. नईकी भोजी ने किसी को मना किया क्या कभी. देवरो की मलाई तो निचे भरने मे कोनसी नई बात है.
माझा आ गया इस अपडेट मे.
ये सास बहु की जुगलबंदी ...देख लो. ये होती है सास. अपनी सारी ट्रेनिंग अपनी बहु को दे दी. बिलकुल सहेली जैसे. रसोई से बिस्तर तक सब कुछ.
हम्म तेरे होटो से अपने जाने की चासनी चाट ली. चाटी या तूने चटाई. पर तू ये बता की अपने मरद की मातृ भूमि का स्वाद कैसा लगा.
ये तो कन्या रस नहीं नारी रस है कोमलजी. कमुख्ता का अशली चहेरा. जिसके लिए मेरे पास शब्द नहीं.
मोगंबो लूट कर ले गया..Kaha gayi woh
बिना तार्किक परिणति के कोमल जी कहानी को खत्म नहीं करतीं....Kahani khatam ho gayi kya
take care...Going through some serious personal issues but the resolution is close and hoping to come back after Deepawali.
you have a fighting spirit..Just a patch of problem, hoping to see the sunlight soon and will try to come back in a week or ten days Thanks so much for your concerns and best wishes