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और घर आके सासू के घाघरे में फंस गएअस्पताल से जल्दी छुटकारा पा लिया नंदोई जी ने...
पुलिसिए भी चैन की साँस ले रहे होंगे....
और घर आके सासू के घाघरे में फंस गएअस्पताल से जल्दी छुटकारा पा लिया नंदोई जी ने...
पुलिसिए भी चैन की साँस ले रहे होंगे....
कई कहानियों में ज्ञान वर्धन के लिए मैंने लिखा है,इतना त्रिया चरित्र तो बनता है ननद का....
बेटी के बदले बेटी की माँ और भाभीहाँ दामाद का तो छप्पन भोग लगाना बनता है....
वर्तमान भी भविष्य भी, वो भी एकदम कच्ची कली," देख रही है इस स्साले बेटीचोद को,... कैसे अभी से तेरे लिए ललचा रहा है। अरे जिस बहनचोद ने अपनी सगी बहन नहीं छोड़ा वो बेटी को कैसे छोड़ेगा और छोड़ना चाहिए भी नहीं। अरे जब बाहर निकलेगी न नौ महीने बाद तब देखना अपने इस बेटीचोद बाप की बदमाशी, तेरे सामने चढ़ेगा तेरी माँ पे,... "
साली ननद भी अपने भाई को ऐसे डायलोग मार कर और आग भड़का रही है...
छोटी सलहज की बात ही कुछ और होती हैकोहबर तो यहीं हुआ होगा...
तो रगड़ाई से बच कैसे गए...
क्या नयकी भौजाई नहीं थी इसलिए...?
आज रात पूरी ट्रेनिंग हो जायेगीनंदोई भी अक्ल के कोरे...
अभी बहुत कुछ सीखना बचा है...
सास दामाद और बहू दोनों को सिखा रहीनंदोई के साथ-साथ बहु भी चूचि से चोदना चुदवाना सीख रही है...
एकदम सही कहा आपने बस अगले भाग में सास की ये मस्ती जारी रहेगी और उम्मीद रहेगी की आप इसी तरह कमेंट से साथ देती रहेंगी।कोमल जी,
आप को फिर से देख कर दिल को बहुत ही सुकून और खुशी मिली |जब तक आप फोरम पर नही थी तब तक फोरम सुना पड़ा था, आप आ गये मानो फिर से जान आ गयी है l
कोमल जी आप स्वस्थ रहे, खुश रहे, ईश्वर आप को विपदा से बचाए, मेरी ईश्वर से यही कामना है l
आप की लेखन कला अद्भुत है, शब्दो का चयन, उपमा, अलंकार, रस अद्भुत रूप में रहता है l
आप कहानी मे रस की ऐसी बरसात होती है की तन मन भीग जाता है, लेकिन आत्मा तृप्त नहीं होती है,
उसकी लालसा बड़ती जाती है l
सास और बहु की जोड़ी बहुत ही लाजवाब है
दमाद जी की पांचो ऊँगली घी में है
अभी तो शुरुवात हुई है दमाद जी साथ, अभी तो बहुत कुछ बाकी है l पुराने खिलाडी आज नए खिलाडी को अपने गुर भी तो सिखाना जरुरी है l
कोमल जी सासु जी का हाल खुलाशा भी तो होना चाहिए l
आप का बहुत बहुत आभार
soonWaiting for next amazing update