मूल से सूद ज्यादा प्यारा होता है...एकदम सही कहा आपने, इस अपडेट का नाम बेटीचो होना चाहिए था,
चढ़ा मेरा मरद अपनी सगी बहन पे था लेकिन मन में लड्डू उस आने वाली कच्ची कली को सोच सोच के फूट रहे थे और दूने जोश से कुटाई कर रहा था और मेरी ननद भी बार बार उस का जिक्र कर के,
मूल का भी फायदा और सूद का भी