अगली सुबह मैं जल्दी उठा क्योंकि मुझे अपने मौसा जी के घर जाना था क्योंकि वहां अगर वह लोग हम दोनों को नहीं पाते तो बहुत दिक्कत हो जाती इसलिए मैंने सुबह 4:00 बजे ही अनु को जगाने की जगाने की कोशिश की।
अनु उठो हमें मासी के घर जाना पड़ेगा। अनु उसी तरह बिस्तर पर नंगी पड़ी हुई थी मैंने रूम की लाइट जलाई अपने कपड़े पहने और अनु की और देखा, अनु का नंगा बदन रूम की लाइट में चमक रहा था उसके चेहरे पर मासूमियत दिख रही थी ।
अनु ने कसमसते हुए अपनी आंखें खोली। उसने मेरी तरफ देखा और कहा
क्या अभी चलना है।
मैंने कहा है अनू हमे जल्दी जाना होगा, नहीं तो वहां लोग हमे खोजेंगे।
अनु ने उसके बाद अपनी और देखा और जब उसे अपनी स्थिति का आभास हुआ तो बुरी तरह से शर्मा गई।
वह ना तो आप बिस्तर से हिल रही थी ना ही मेरी तरफ देख रही थी। मैंने अनु को थोड़ा कंफरटेबल करने के लिए कहा – अनू यह तुम्हारे कपड़े हैं इन्हे जल्दी पहन लो मैं जरा बाथरूम से फ्रेश होकर आता हूं।
मैं थोड़ी देर बाद बाथरूम के बाहर आया तो मैंने देखा कि अनु पूरी तरह तैयार हो चुकी थी उसने अपने कपड़े पहन लिए थे बाल को भी अच्छी तरह से संभाल लिया था मैंने उसके बाद उससे ज्यादा बात करना ठीक नहीं समझा और हम सुबह चेक आउट कर बाहर आ गए मैंने बाइक स्टार्ट की और थोड़ी देर में हम अपनी मासी के घर पहुंच गए l
घर में पहुंचे तो सभी लोग सोए हुए थे मैंने घर से थोड़ी दूर पहले ही बाइक रोकी और उसके बाद मैं और अनु चुपके-चुपके अपने रूम तक पहुंच गए ।
रूम मे पहुंच कर मैंने राहत कि सांस ली ओर अनू को देखा वो भी मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। चुकी रूम मे सोने की जगह तो थी नहीं तो मैंने दीवाल के सहारे बैठकर अनू को अपने आप से चिपका लिया,
भैया आप बहुत बदमाश हो, आप वैसे क्यों कर रहे थे रात में ??
अरे अपनी बहन को प्यार कर रहा था ओर क्या
अच्छा जी, बहन से कोई ऐसे प्यार करता है भला ?
अब अनू भी मुझसे थोड़ी खुल रही थी , में बात करते करते उसके बूब्स को सहलाने लगा
अनु ने सुबह आके कपड़े चेंज कर लिए थे जिसके बाद वो कुछ ऐसे लग रही थी
अभी सुबह होने ओर हल्के नींद में होने के कारण अनू अब गर्म होने लगी थी।
मै अनू के बूब्स अब जोर जोर से मसलने लगा था
आआ भैया दर्द होता है। ओर अनू ने हल्का सा मेरी छाती में मारा ओर शर्म से अपना सर मेरी छाती में घुसा दी। मैं अब जोर जोर से दोनों बूब्स को ब्रा से बाहर निकाल कर दबा रहा था
अनु अब सी ई ई आआह उम्मम उन्ह कर रही थी। भैया मत करो ना आआआह!!
धीरे से भैया उम्मम्ममम
अब अनू बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी और एक हाथ से मेरे लन्ड को सहला रही थी
मैंने देर नहीं किया और अपना जींस उतार दिया जिससे मेरा खड़ा लंड पूरा बाहर आ गया । अनु अब इतनी गरम हो चुकी थी कि उसे शर्म नहीं बची थी।
भैया आपका तो बहुत हार्ड हो गया है। हा अनू देख ना बहुत ज्यादा
अनु ने मेरे लन्ड को अपने हाथ से पकड़ा और सहलाने लगी
मैंने देर ना करते हुए अनू के चेहरे को धीरे धीरे अपने लन्ड कि ओर ले जाने लगा।
अनु थोड़ा झिझकी लेकिन वो इतनी गरम हो गई थी कि उसने जरा सा भी विरोध नहीं किया । मैंने धीरे धीरे उसके होंठों को अपने लन्ड से टच किया फिर उसके आंखों में देखा।
अनु कि आंखे बिल्कुल भारी लग रही थी, उसपर चुदास हावी हो गई थी उसने मेरी आंखो मे देखा ओर दूसरे ही पल मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी ।
उम्म्म भैया कितना हार्ड है आपका ये।
ये क्या अनू
आपका ये भैया
ये क्या अनू बोल ना
कहते हुए मैंने जोर से उसके निप्पल दबा दिए
Aaaaaaahhhh भैया आपका लंड
आपका लंड बहुत बड़ा है भैया
अच्छा मैंने उसके निप्पल एक बार फिर से रगड़ दिया
आआएएआह भैया मत करो ना ।
रुको मैं बताती हूं। कहते हुए अनू ने मेरे लन्ड को जोर से कस लिया । मैने ओर जोर जोर से मुंह मै चुप चुप करके चुसने लगी ।
मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हुआ ओर मैं अनू मे मुंह मै ही जोर से झड़ गया । मेरा पूरा माल उसके मुंह से होते हुए उसके कपड़ों पर गिर गया ।उसने मुस्कुराते हुए कहा भैया आपने तो मेरे कपड़े गंदे कर दिए
तो उतार दो _
हा उतारने तो होंगे ही भैया। कहते हुए उसने मुझे स्माइल दी मैंने भी देर नहीं कि उसके सारे कपड़े उतार दिए। अब मेरी बहन नंगी मेरी गोद में बैठ कर मेरे लन्ड से खेल रही थी।
मैने अब उसको चूत पे हाथ रखा जो बिल्कुल भट्ठी कि तरह गरम थी। जैसे ही मैंने एक उंगली अनू की चूत में घुसाई अनू उमम्मम भैया कहकर मुझसे लिपट गई।
मैंने टाइम देखा तो अभी सुबह के 5 ही बजे थे तो कोई इतनी सुबह जागने वाला था नहीं था ओर अगर जागता भी तो ऊपर हमारे बंद कमरे में नहीं आता