हमदोनो दो मिनट तक लगातार स्मूच कर रहे थे । अनु को अब सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मैंने थोड़ा अनू के ऊपर से उठकर उसे सांस लेने दिया , उसने मेरी ओर मुस्कुराकर देखते हुए एक लम्बी सांस खीची। और अपनी सांसे वापस पाने के बाद खुद मुझे अपनी ओर खीच लिया । अब हम बाहरी दुनिया से बेखबर एक दूसरे मे डूबे हुए थे। उसकी पतली पतली पंखुड़ियों जैसे होठों को मैं चूसता जा रहा था। और अनू भी पूरे जोश में मेरा साथ दे रही थी।
तभी बाहर से गेट खटखटाने कि आवाज आई, मैंने जाकर दरवाजा खोला तो देखा मौसी कि बेटी आकांक्षा जिसकी शादी होनी थी वो गेट पर खड़ी थी।
अरे अनू अभी तक सो रही हो देखो धूप निकल आइ है अब तो
मैंने कहा दीदी वो रात में बहुत थक गई थी तो
आकांक्षा – क्या थक गई थी। शादी का माहौल है , हर कोई थकता है, चलो एंजॉय करो
अनु भी तबतक जग गई थी,
अनु – दीदी, अच्छा आप चलो में फ्रेश होकर आती हूं
आकांक्षा – अरे , नहीं तुम नीचे चलो वहा और लड़कियां है। सब वही तैयार हो रहीं है और समीर तुम जरा टेंट वाले को देखो सुबह से अभी तक उसका काम ही नहीं हुआ है, पता नहीं क्या कर रहा है।
ओके दीदी, मैं यह बोलकर काम मे लग गया ओर अनू दीदी के साथ नीचे चली गई। उस दिन पूरा दिन इधर उधर के काम मे ही निकल गया , शाम तक मेरा थक कर बुरा हाल था, मैंने अनू को भी दिनभर नहीं देखा था, वो शायद लड़कियों के साथ एंजॉय कर रही थी। खैर रात भी हो गईं मैंने दो रेड बुल पिया तब मेरे शरीर में थोड़ी जान आई ।
बाराती आ चुके थे ओर अब लड़की के आने कि बारी थी मेरा काम भी अब खत्म हो चुका था ओर मैं भी तैयार होकर लड़कों के साथ चिल मार रहा था ओर कुछ लोग दूल्हे के साथ फोटो वोटो ले रहे थे । तभी दुल्हन कि एंट्री हुई , पूरे तरह से सजी हुई दुल्हन अपनी सहेलियों के साथ स्टेज पर जा रही थी ओर उसके साथ थी मेरी प्यारी खूबसूरत बहन जो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। अनु ने एक पिंक कलर का लंहगा पहना हुआ था जिसमे उसके शरीर के एक एक अंग बला के खूबसूरत लग रहे थे । खैर उसके बाद सबने फोटो वोटो लिया, रस्मे हुए मैंने और अनू ने ने भी बहुत एंजॉय किया फिर खाना वाना खा कर में और अनू नीचे आ गए । नीचे कुल 4 कमरे थे जिसमे से तीन में तो लोग पहले ही सोए हुए थे अनू को शादी देखने का इतना मन नहीं था , यूं तो वो शादी में आने के लिए इतनी उतावली हो रही थी पर पता नहीं अभी वो बार बार आराम करने का बोल रही थी थी खैर में भी बहुत थक गया था और ऊपर बहुत लोग जमा थे तो हमलोग चौथे कमरे में जो मेरे मौसा मौसी जी का कमरा था वहां आकर लेट गए । अनू लंहगे मे ही लेट गई थी रूम में बहुत गर्मी थी ओर सीलिंग फैन खराब थी, तो मैंने एक टेबल फैन हमारे सिर कि ओर लगा दिया । थोड़ी देर तक बातें करने के बाद अनू मेरी तरफ मुड़ के सोने कि कोशिश करने लगी। ओर मैं भी अनू की ओर करवट ले कर सोने लगा हमारी आंखे मिली , मैंने फिर से थोड़ी हिम्मत दिखाई और अनू को किस करने के लिए बढ़ा , लेकिन अनू ने मुझे रोक दिया,
नहीं भैया अब और नहीं आप बहुत बदमाश हो गए हो
और मुझे नींद आ रही है।
पता नहीं अनू क्या सोच रही थी
फिर वो सोने लगी
मैंने कहा अनू क्या हुआ बेबी तुमको बुरा लगा क्या लास्ट नाईट ।
अनू कुछ नहीं बोली
अनू बोलना क्या हुआ
अनू - अब नहीं भैया । जो भी हुआ । बस अब और नहीं
मैंने अनू को अपनी ओर घुमाने कि कोशिश कि पर वो घूम ही नहीं रही थी
मैंने जबदस्ती करना ठीक नहीं समझा , क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि अनू मेरी वजह से हर्ट हो।
अच्छा कोई नहीं अनू बट मेरी एक बात मान लो
मै बस एक बार तुम्हे हग करना चाहता हूं
उसके बाद हम दोनों के बीच जो हुआ में सब भूल जाऊंगा
अनू अभी भी लेटी हुई थी।
आप सच कह रहे हो भैया??
हा अनू बस एक बार
अनू थोड़ा सोचकर - ठीक है भैया ।
ऐसा सुनकर मैं जैसे ही उसे हग करना चाहा वो उठकर बैठ गई और कहा
भैया बेड पे नहीं , खड़े हो जाओ
मैंने सोचा क्या हो गया इस लड़की को सुबह मेरा लंड चूस रही थी ओर अभी मुझे हग तक नहीं करने दे रही
फिर भी में उठा ओर अनू के सामने खड़ा हो गया
अनू लंहगे मे थी, उसके होठों पर लाल लिपस्टिक साफ दिखाई दे रही थी
मैंने अनू को अच्छे से हग किया। अनू की चूचियां मेरी छाती में दबी हुई थी ओर मैं उसकी तेज तेज धरकनो को आसानी से महसूस कर रहा था ।
उसके खुले हुए बालो को उसके गले से हटाकर मैंने उसके गले पर चूमना शुरू किया । अब अनू मेरी बाहों में कसमसा रही थी।
शायद आज कि रात हम दोनो भाई बहन के लिए बहुत खास होने वाली थी।