अब अनु भी अपना कंट्रोल खो रही थी। लेकिन उसे अभी भी मुझसे खुलने में बहुत झिझक हो रही थी, अनु ने मुझे हटाने की थोड़ी सी कोशिश की लेकिन मैंने अब अपनी पकड़ और भी मजबूत कर दी थी। अब मैं अनु के होठों को अपने होठों से पी रहा था, ओर अनु ने भी अब विरोध करना बंद कर दिया था। हमदोनो अभी भी बेड के किनारे खड़े एक दूजे को बाहों में भरकर होठों को चूसने में व्यस्त थे। मैंने धीरे से अपना हाथ अनु के पीछे ले जाकर उसकी ड्रेस की जिप कमर तक खोल दी। जिप के खुलने से अनु की पीठ आधी नंगी हो गई और उसकी ड्रेस भी सामने से ढीली हो गई । मैंने अनु के पीठ पे हाथ फेरा तो मुझे उसकी ब्रा का हुक महसूस हुआ, मैने उसे खोलना अभी ठीक नहीं समझा। पहले में अनु की ड्रेस उतारना चाहता था इसलिए मैंने ड्रेस को उसके कंधे से अलग करना सुरु किया। अनु ने थोड़ा रोकने की कोशिश तो की लेकिन तुरत हथियार भी डाल दिए। मैंने जैसे ही दूसरे कंधे से उसके ड्रेस को निकाला ड्रेस आराम से फिसला और अनु के कदमों में आ गिरा।
अब अनु मेरी बहन मेरी बाहों में सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। में अब धीरे धीरे ब्रा के ऊपर से ही अनु के बूब्स सहलाने लगा, फिर मैंने जैसे ही एक बार उसके दाएं बूब्स को हाथ में लेकर जोर से मसला अनु ने एकदम से उम्मम्म की आवाज निकली और उसका शरीर एकदम तन गया। उसके इस तरह मोन करने से मेरे शरीर में भी आग लग गई और मैने उसे पीछे घुमा दिया और पीछे से उसके दोनो बूब्स को पकड़कर जोर से मसल दिया ।
अनु मेरे इस तरह बूब्स मसले जाने से बुरी तरह मचल गई और उसने अपने पीठ पूरी तरह मुझपे चिपका दी। में अब अनु के बूब्स जोर जोर से मसल रहा था ओर अनु भी अब आराम से अपने बूब्स मसलवा रही थी। मेरा लन्ड अब बहुत हार्ड हो गया था ओर अनु की गांड में उसके पैंटी के ऊपर से ही घुसा जा रहा था, अब अनु भी अपनी गांड मेरे लन्ड pe घिसने लगी थी। मैंने अब अनु को चिपकाए हुए ही अपना हाथ उसके पैंटी में डाला । अनु अब मुझे रोकने के मूड में नहीं थी। वो बस अपने बूब्स मसले जाने से मस्त थी, ओर आआआह्हह आआआआआह्हह असस्सष आआआआह उम्म्ममम्म की आवाज निकाल रही थी । मैने उसकी पुसी को जोर से मसला जिससे अनु एकदम गनगना गई । मैंने अपने कपड़े उतारे ओर अनु के ब्रा के हुक को खोला। अब अनु ऊपर से पूरी नंगी थी मैंने अपने हाथ आगे किए ओर उसके दोनो बूब्स को अपने हाथो में लिया
उसके नंगे बूब्स बिलकुल मुलायम थे । में दोनो बूब्स हाथ में लेकर जोर जोर से उन्हें मसलने लगा अनु कभी दर्द से कभी मजे से आआआआह उम्मम्म्म करने लगी। अब अनु पुरी तरह से गर्म हो चुकी थी। मैंने उसे बिस्तर पे लिटाया अब अनु पुरी तरह नंगी बस पैंटी पहने मेरे बिस्तर पे चित लेटी थी उसकी आंखे शर्म से बंद थी और उसके दोनो निपल्स बिल्कुल कड़े थे। मैं उसके ऊपर आया और उसके बूब्स को चूमने लगा
मैंने उसके निप्पल को अपने दांतों से जोर से काटने लगा, मुझे लगा अनु दर्द से कुछ बोलेगी लेकिन अनु इतनी गर्म हो चुकी थी मेरे निप्पल को काटने के बाद वो अपने कमर को उठा कर जोर से आआआआह बोली ओर मेरे सिर को अपने बूब्स पे दबा लिया। मुझसे अब कंट्रोल नही हो रहा था मैंने अब उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत पे अपना मुंह लगा दिया , अनु से अब कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था पूरा कमरा उसके आह उम्मम उफ्फ की आवाज से गूंज रहा था।
मैं उसकी चूत को चूसता रहा और अनु मेरा सिर अपने चूत पे मस्ती में दबाती रही।
मेरा लंड बहुत हार्ड हो चुका था , अब मैंने देर करना ठीक नहीं समझा , में अनु के ऊपर आया जिससे मेरा लंड अनु की चूत पे सेट हो गया , अनु की आंखे बंद थी मैंने उसके आंखों पे किस किया तो अनु ने अपनी आंखे खोली।
कैसा लग रहा है अनु,
अनु कुछ।नहीं बोली ओर शर्म से अपना मुंह एक तरफ घुमा लिया जिससे उसका गला मेरे सामने आ गया जिसे मैं चाटने लगा , अनु की हालत खराब होती जा रही थी, मैने थोड़ा सा लंड का दबाव अनु की चूत पे बनाया तो अनु दर्द से कराह गई
भैया आआआह दर्द होगा।
कुछ नही होगा अनु
भैयाआआ
मैंने अपना लंड थोड़ा ओर अंदर डालने की कोशिश की।
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