Update 3...
उस दिन के बाद से अनु मुझसे थोड़ी अलग अलग रहने लगी। मुझे तो लग रहा था कि मेरे ऐसा करने से से वह थोड़ा खुल जाएगी पर हुआ बिल्कुल इसका उल्टा। अब वह मुझसे गले मिलने में भी कतराने लगी थी। शुरू शुरू में मुझे थोड़ा बुरा भी लगा क्योंकि मेरी वजह से हम दोनों भाई बहन के रिश्ते मे एक दरार सी आ गई थी। फिर मैं अपने काम में व्यस्त रहने लगा और धीरे-धीरे इस बात को भी भूल गया। उस वक्त अनु 11वीं में पढ़ती थी और मुझे लगा कि टीनएज होने से के कारण है वह इस तरह से बर्ताव कर रही है तो मैंने धीरे-धीरे इन बातों पर ध्यान देना बंद कर दिया।
यह पिछले साल की बातें थी । इस साल हमारे एक रिलेटिव दूर की मासी की शादी दिल्ली में थी जिसमे जाने के लिए अनु बहुत ज्यादा एक्साइटेड थी। क्यूकी उसे शादी का माहौल बहुत भाता था। वो शादी के एक हफ्ते पहले से ही दिल्ली जाने के लिए उतावली हो रही थी ।उसका उतावलापन देखकर मम्मी ने मुझसे कहा कि समीर तुम अनुष्का को दिल्ली घुमा लाओ। मुझे वैसे भी दिल्ली में अपने ऑफिस का कुछ काम था तो मैंने सोचा वो मासी की शादी भी अटेंड कर लेगी और मेरा भी काम हो जाएगा। यह सोचकर मैंने मम्मी को आ कर दी
यह बात अनु को पता चलते ही उसका खुशी के मारे ठिकाना ना रहा दिल्ली जैसे शहर घूमने को सुनके वो बहुत एक्साइटेड हो गई थी।
शादी में बहुत कम दिन बाकी थे तो मैंने शाम में ही जाने का प्लान किया और स्लीपर बस की दो टिकेट बुक कर ली।
रात में बस 9 बजे थी को अगले दिन 8 बजे दिल्ली पहुंचती थी, मैंने दो टिकेट स्लीपर की बुक की थी।
हम सही समय पर स्टैंड पहुंचे । पापा भी हमारे साथ हमें छोड़ने आए थे। चुकी मार्च का महीना था तो घर भी अभी भी ज्यादा थी तो मैंने सिर्फ टीशर्ट और लूजर पहना हुआ था। अनु ने एक मरून कलर की ट्रेडिशनल ड्रेस पहनी थी जिसमे वो बला की खूबसूरत लग रही थी।
बस सही समय पर चल पड़ी , और ज्यादा सीट खाली ही थी तो अनु खिड़की के पास जाकर बैठ गई ।मुझे भी अपने ऑफिस का कुछ काम था तो मैं अपने बर्थ पे चड़कर अपने टैब पे कुछ काम करने लगा। जब आधा घंटा हो गया तो मुझे घ्यान आया कि अनु तो नीचे ही है। मैंने झांककर उसको सीट पर देखा तो पाया कि वो सो गई है। सोते वक्त उसका चेहरा बहुत क्यूट लग रहा था में नीचे उतरा और सोचा कि क्यूं ना उसके गालों को सहला कर उसे जगाऊं पर हमारे बीच की झिझक ने मुझे ऐसे करने से रोक लिया। मैंने उसे आवाज दी
समीर - अनु!!
वो बहुत नींद में थी , अंत में मैंने उसे कंधे से पकड़कर हिलाया तो वो जगी और मुझे देखते हुए मुस्कुराई।
कसम से उस ड्रेस में उसकी वो मुस्कुराहट मुझे पागल कर गई मेरा बस चलता तो में उसी समय उसे स्मूच कर लेता लेकिन मैंने अपने आप पर काबू किया
समीर - नींद आ रही है बेबी??
अनु - हां भैया । बहुत उसने अंगड़ाई लेते हुए कहा
अंगड़ाई लेते वक्त उसके दोनों बूब्स के निप्पल के उभार नजर आ रहे थे। मेरा लन्ड उसी वक्त टाईट होने लगा।
समीर - एक काम करो तुम ऊपर जाके सो जाओ मैं यहां बैठता हूं।
अनु - नई भैया आप भी चलो ना , आप क्यों नहीं चल रहे
समीर - मैंने झिझकते हुए कहा ,तुम्हे दिक्कत होगी अनु। अच्छे से सो नहीं पाओगी। और मुझे बहुत सारा काम भी है टैबलेट की रोशनी में तुम सो नहीं पाओगी।
अनु - क्या भैया आप भी । मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी ।चलो आप ऊपर, उसने लगभग आदेश देते हुए कहा
में भी ऊपर आगया और मेरे पीछे अनु भी, हमने एक दूसरे से ज्यादा बाते नहीं की । में अपना काम कर रहा था और अंशु मेरे बगल में लेटी हुई थी, उसके बूब्स उसकी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और में जैसे उस दृश्य में डूब सा गया था।
रात में करीब 1 बजे मुझे ठंड का एहसास हुआ, हुआ ये था कि बस की AC फूल होने के कारण तापमान काफी ठंडा हो गया था ।और हमे कभी भी AC में रहने की आदत नहीं थी हमने कपड़े पैक तो किए थे लेकिन वो बस के डिक्की में सूटकेस में थे। मेरा काम अब खत्म हो चुका था पर मुझे अब ठंड के कारण नींद नहीं आ रही थी, यही हाल शायद शायद अनु का भी था वह भी ठंड से अपने आप को सिकोड़ के सोई थी जिससे उसकी गान्ड थोड़ी पीछे हो कर मेरे दाए जांघो से चिपके हुए थी ।
जैसे जैसे समय बीतता जा रहा था ठंड और बढ़ता जा रहा था । काम बहुत होने और दिन भर की थकान होने के कारण मुझे जैसे तैसे हल्की नींद आने लगी और मेंने अपने आप को एडजस्ट करने के लिए अपने लेफ्ट साइड में करवट ली । जिससे मेरा लन्ड अब बिल्कुल अनू की उभरी हुई गान्ड के सामने था। मैंने ज्यादा ना सोचते हुए नींद के आगे घुटने टेक दिए
अभी मुझे नींद आए कुछ ही देर हुए थे कि मुझे अपने शरीर में थोड़ी गर्मी महसूस हुई और नींद में होने के कारण मुझे वो एहसास स्वर्गीय लग रहा था
हुए ये थे कि अनू धीरे धीरे नींद में मेरी ओर चिपक गई थी जिससे उसकी पीठ बिल्कुल मेरी छाती से आके चिपक गई थी, जाहिर है हमारे जिस्म से पैदा हो रही गर्मी का फायदा हम दोनों को हो रहा था और हमे अब ठंड कम लग रही थी।
तभी मुझे अपने लन्ड पे थोड़ा दबाव महसूस हुआ। मेरी नींद अचानक से खुल गई और मैंने पाया कि अनू पूरी तरह से मुझे चिपकी हुई थी, उसकी पीठ मेरी छाती पे, गान्ड मेरे लन्ड पे, ओर हमारी जांघे एक दूसरे से चिपकी हुई थी।
एक आश्चर्य की बात मुझे यह लगी की अनू का सूट उसके कमर से ऊपर उठ गया था और नीचे उसकी गांड लेगिग्स में बिकुल टाईट मेरे लन्ड से चिपकी हुई थी।
मेरा लन्ड बिल्कुल हार्ड हो गया था , मैंने अपना दायां हाथ धीरे धीरे अनू के जांघो पे चलाना शुरू किया, जैसे ही मैंने अपना हाथ उसके जांघो पे रखा तो अनू मुझसे और चिपक गई, अब हमारे बीच हवा के जाने लायक भी रास्ता नहीं बचा था। मेरी छोटी बहन मुझसे ऐसे चिपक के सोई थी कि मुझे कंट्रोल करना अब नामुमकिन हो गया । मैंने धीरे से अपना हाथ उसके गान्ड पे फेरा ओर हल्के हल्के दबाने लगा । मैंने एक चीज नोटिस कि जब भी में उसके गान्ड दबाता था तो अनू भी मेरे लन्ड पे दवाब डालती थी। हो सकता है ये मेरा वहम हो पर मैंने कुछ सोचकर एक फैसला लिया ।
मैंने धीरे से अपना लोअर नीचे किया और अपना लन्ड अनू की गांड पे वापस लगा दिया। अब अनू को मेरे नंगे लंड का एहसास अपनी पतली लेगिंग्स पे हो रहा था।
जैसे ही अनू को लगा कि में नीचे से नंगा हू तो उसने अपने आप को आगे खींच लिया , में अपसेट होने लगा कि तभी अनू ने वापस उसी तरह मेरे लन्ड पे अपना गान्ड लगाया और इस बार लंड उसके गान्ड के दरार में फस गया
अनु की तरफ से हामी देखकर मैंने देर नही कि और उसके गान्ड पर हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ जोर से खींच कर नीचे धक्कों की स्पीड थोड़ी तेज कर दी
अब मेरा लंड उसके चूत के मुंह पर चोट कर रहा था
हमारे शरीर बिल्कुल चिपके हुए होने के कारण में अनू की सांसों को सुन सकता था जो धीरे धीरे भारी हो रही थी।
मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए , में पूरा का पूरा लन्ड उसकी गान्ड की दरार में आगे पीछे कर रहा था । तभी मुझे मेरे लन्ड पे कुछ गीला गीला महसूस हुआ मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि मेरा लन्ड अब अनू की चूत के मुंह तक जा रहा था और उसके रस से भीग गया था। अपनी छोटी बहन रस से भीगे हुए चूत की बात सोचकर मेरे लन्ड में एकदम आग लगा गई और में बिना कुछ सोचे जोर जोर से लंड घपा घप उसके गान्ड के दरार में पेलने लगा।
अनू की हथेली मेरे हाथ में थी जिससे मैं उसे अपनी ओर खींचे हुए था मैंने वह हथेली पकड़े हुए ही उसके बूब्स पे रख दी और उसके बूब्स को दबाना शुरू किया
अब अनू भी मेरे बाहों में कसमसा रही थी उसी सिसकारियां अब मुझे साफ़ सुनाई पड़ रही थी।
मैंने अपने धक्के ओर तेज कर दिए जिस से अनू अब धीरे धीरे आह आह की आवाज निकाल रही थी, मेरे हर धक्के के साथ अब अनू भी आह आ!! कर रही थी।
मै अब झरने के करीब पहुंच गया था , तो मैंने जोर जोर से 3-4 शॉट्स अनू की गांड में लगाए को उसकी गीली चूत के छेद तक पहुंच गया ओर उसके बूब्स को जोर से दबाते हुए उसके लेगिंग्स पर ही झरने लगा । ओर तभी अनू भी अपने बूब्स इतना जोर से दबाए जाने ओर चूत पे इतना धक्का खाने को बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसका शरीर थरथराने लगा । मुझे पता चल गया कि वो झरने वाली है मैंने खुद झरते झरते भी धक्के मारना जारी रखा और उसके निप्पलों को जोर से पिंच किया । अनु इतना हमला बर्दाश्त नहीं कर पाई ओर थरथराते हुए झड़ गई। झड़ने के बाद हम दोनों उसी तरह एक दूसरे से चिपके हुए ही सो गए।