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Incest छोटे बेटे ने की घर की औरतों की चुदाई

dark_devil

dArc_dEvil
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Update 11

आखिर कार होली का दिन भी निकल गया अगली सुबह ऑफिस जाना था पर जब सो के उठा तो शरीर बहुत दर्द दे रहा था फ्रेश हो के नीचे हॉल में गया तो वह दीदी पहले से ही नाश्ता कर रही थी, मै दीदी को बोला मेरा शरीर बहुत दर्द हो रहा है मै आज ऑफिस नहीं जाऊंगा दीदी भी ठीक है बोल के चली गई , फिर मै, भाभी और मम्मी ने साथ में नाश्ता करने बैठे , मम्मी पूछी –
मम्मी – तू ऑफिस क्यों नहीं गया
मै – शरीर में बहुत दर्द है इसलिए नहीं गया
मम्मी – क्यों रात में ठीक से नींद नहीं आई क्या
मै – मम्मी वो कल होली में भांग पी ली थी इसीलिए
मम्मी – ठीक खाना खा के मेरे रूम में आ जाना तेल से शरीर की मालिश कर दूंगी।
मै (मन में – आज फिर मम्मी के करीब रहने का मौका मिलेगा)– ठीक है बोल के
अपने रूम में चला गया , मम्मी ओर भाभी किचेन का काम खत्म कर के अपने अपने रूम में चली गईं , मै भी सिर्फ बनियान ओर बरमूडा वो भी बिना कच्छे पहन के मम्मी के पास चला गया , चलते समय मेरा लन्ड साफ पता चल रहा था जैसे ही मम्मी के रूम के अंदर गया मम्मी सारी में थी। जैसे ही मम्मी में देखा बैठने को बोली–
मम्मी – तू यहां बैठ मै भी कपड़े बदल के आती हु गर्मी भी बहुत है और तेल भी लगने का डर है।
मै – ठीक है जल्दी आना ।
मम्मी बोल के बाथरूम में घुस गई ।
मम्मी जब बाथरूम से बाहर आई तो नजर ही नहीं हट रही थी, मम्मी सिर्फ ब्लाउस और पेटिकोट में थी फिर अलमीरा खोल के तेल निकली ओर रूम से बाहर जाने लगी, मै पूछा मम्मी कहा जा रही हो
मम्मी – तेल गर्म कर के आती हु
ओर मम्मी गेट सटा के बाहर चली गई
मम्मी के जाते ही मै उठा मम्मी के बाथरूम में घुस ओर अभी खोले कपड़े को देखने लगा हैंगर में टांगे ब्रा पैंटी को देख समझ गया कि मम्मी पेटीकोट ओर ब्लाउस के नीचे नंगी है फिर बाहर आ कर बैठ गया , मम्मी भी आ गई पहले ग्राम तेल का कटोरी को रखा और फिर दरवाजे को लॉक कर दी और खिड़की भी लगा दी,
फिर मम्मी ने जमीन पे एक चटाई बिछाए ओर बोली कपड़े खोल और इसपर लेट जा बिस्तर पर तेल लग जाएंगे
मै – कपड़े खोलना जरूरी है क्या ?
मम्मी – तेल से मालिश कैसे करूंगी
फिर मै बनियान खोल दी और फिर लेटने लगा
मम्मी – पैंट कौन खोलेगा
मै – गर्मी ज्यादा है इसीलिए अंदर कच्चे नहीं पहना ..
मम्मी – ठीक है पर कपड़े खराब हो जाएंगे
ओर मै छाती के मुंह नीचे कर के लेट गया मम्मी मेरे पीठ पर तेल से मालिश कर रही देखते– देखते वो मेरे चूतर पर दोनों तरफ पैर कर के बैठ गई और मालिश करने लगी।
मम्मी जैसे ही देखा मम्मी मेरे ऊपर बैठ गई नीचे मेरा लन्ड खड़ा होने लगा और कुछ ही छन में पूरा अकड़ गया मम्मी मेरे ऊपर बैठ कर आगे झुक के मालिश कर रही थी , ( पेटिकोट तो आपको पता ही है अंदर से पूरा खुला रहता है अगर मेरा पैंट न होता तो मम्मी की चुत सीधा मेरे चूतर पे लगती ) मम्मी भी आगे झुकती फिर पीछे आती इस वजह से छूट रगड़ खा रही थी , मेरा लन्ड तो इतना कड़क हो गया कि कही फट न जाए मै ऊपर उठना चाहा पर ताकि लन्ड को सही कर सकू पर मम्मी का पूरा वजन था तो हिल भी नहीं पाया , फिर मै थोड़ा और जोर लगाया और कमर को थोड़ा उठाया और लन्ड को सही किया मम्मी पूछी क्या हुआ , मै भी कुछ नहीं बोल के लेटा रहा ।
मम्मी समाज गई कि मैंने अपना लन्ड सही की , उसके बाद मम्मी ओर तेज चुत को आगे पीछे कर के रगड़ने लगी , चुत अब पानी छोड़ने शुरू कर दी थी जिसका पता मुझे चल गया क्योंकि बरमूडा पतले कपड़े का था चुत के पानी के वजह से भींग गया था । जब मम्मी ने ये देख की पैंट पीछे से भींग गया मम्मी सोचने लगी अब क्या बोलूं
फिर कुछ देर बाद मम्मी बोली – बेटा अब सीधा लेट जा
मै सीधा लेटने लगा लन्ड पूरा 90° में खड़ा था मै जन बुझ के पैंट पे हाथ रखा और पूछा ये भींग कैसे गया ।
मम्मी – कुछ सोचते हुए शायद तेल गिर गई होगी तुझे बोला था पैंट खोलने को पर तू मेरी बात ही नहीं सुनता ।
मैं – पर मां आपके सामने कैसे नंगा हो जाऊ।
मम्मी – ठीक है तो फिर तेरा पैंट एसेही गंदी होगी ।
मै – मम्मी आप थोड़ी ध्यान देना कही तेल फिर से न गिर जाए
मम्मी – तू अपने आंख बंद कर ले ओर सो जा मै अच्छे से मालिश कर दूंगी
मै – मां लाइट ऑफ के दो ऐसा मुझे नींद नहीं आएगी।
मम्मी – तू आंख में सोने वाली पट्टी लगा ले
मै – हा ये सही रहेगा ओर मै पट्टी से आंख बंद कर ली ( पर मुझे तो पता था आगे क्या होने वाला है ।
इस बार मम्मी की नजर मेरे लन्ड पर थी जो कि बरमूडा में पूरा खड़ा था , मम्मी फिर से मेरे ऊपर चढ़ गई इस बार चुत ओर लन्ड के बीच सिर्फ एक पतला कपड़ा था मम्मी जब आगे को झुकती छाती में तेल लगाने को चुत लन्ड पे रगड़ खाने शुरू हो गई । मम्मी को अब मजा आने लगा अब वो तेज तेज कर रही थी हाथ का पता नहीं पर कमर बहुत तेजी से आगे पीछे हो रही थी , तभी मम्मी रुकी और पैर के तरफ मुंह कर के बैठ गई और फिर से लन्ड को चुत पे रखी ओर वैसे ही कमर को आगे पीछे ओर हाथ से मालिश करने लगी । मम्मी हाथ कम कमर ज्यादा चला रही थी , अब मेरा लन्ड से माल कभी भी निकल सकता था इसीलिए ,मैने थोड़ी सी आंख से पट्टी हटा के देखी मेरे सामने एक विशाल गान्ड थी और साया को ऊपर कर के पैर में फंसा रखी थी ताकि तेल ना लग जाए मम्मी कमर के नीचे पूरी नंगी थी , गांड की छेद साफ दिख रही थी और चुत की बाहर निकली हु फुद्दि जो कि लन्ड पे पैंट के ऊपर से ही रगड़ खा रही थी । मेरा मन तो दोनों चूतर को हाथ से पकड़ लू ओर गान्ड के छेद में मुंह लगा दु पर डर लग रहा था मम्मी कही गुस्सा न करे , फिर सोचा मम्मी भी तो गर्म हो चुकी है और अपने बेटे के ही लन्ड पर चुत रगड़ रही है और थोड़ी हिम्मत दिखा कर जैसे ही मम्मी आगे की ओर झुकी मै अपने बरमूडा को साइड कर के लन्ड को बाहर निकल दिया जो कि पूरा खड़ा हो चुका था मै लन्ड को टोपे पर थोड़े से थूक लगने की सोची जैसे ही हाथ से थूक लगने के टोपे पर थूक मलने लगा मम्मी पीछे को हुई और हाथ चुत में टच हुआ मम्मी पीछे की ओर पलटी ओर देखी मेरा आंख खुला हुआ है , मम्मी की आंख पूरा लाल हो चुका था मम्मी पूरी गर्म हो चुकी थी , चुत बहुत पानी छोड़ रही थी । जैसे ही मम्मी मुझे देखी मम्मी उठने को चाही मै झट से उनके चूतर को दोनों हाथ से पकड़ और अपने लन्ड पे बिठा दिया मेरा लन्ड मां के भोसड़े को चीरता हुआ अंदर चला गया पर मां उठना चाह रही थी पर मै चूतर को पकड़ कर नीचे से झटके लगने लगा और मां के अंदर इतनी गर्मी थी कि मैं 2 मिन भी झेल नहीं पाया और चुत में ही झड़ गया ।
फिर मां उठी चुत से मेरा माल निकल रहा था साया से अपने कमर को ढकी ओर बोली–
मम्मी – तुझे शर्म नहीं आती अपनी मां के साथ गंदी हरकत करते हुए।
(मेरा लन्ड जो कि अभी भी खड़ा ही था मां तिरछी नजर से बार बार देखे जा रही थी)
मै – आप भी तो यही कर रही थी मै तो बस अंदर डाल दिया ।
मम्मी – फिर भी तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था , तेरे पाप के जाने के बाद पहली बार लन्ड देखी अपने आप को रोक नहीं पाई और तूने .... बोलते ही रोने लगी
मै – मां को रोता देख मैने मां को अपने बाहों में लिया और बोला मां में हु ना आपको कभी दुखी नहीं देख सकता आपका अकेलापन मै दूर करूंगा
मम्मी – पर तू मेरा बेटा है मैं तेरे साथ ये सब नहीं नहीं कर सकती समाज इस रिश्ते को बहुत गलत नाम से बुलाती है।
मैं – मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता ओर ये बात किसी को पता नहीं चलेगा सिर्फ हम दोनों कोई बाहर वाला नहीं ओर ना ही कोई घर वाला सिर्फ हम दोनों मां ओर आपको कभी अकेलापन भी नहीं लगेगा।
मम्मी – अगर किसी को पता चल गया तेरी भाभी तो हमेशा घर में ही रहती है
मै – भाभी तो हमेशा अपने रूम में रहती है आप उनकी फिक्र मत करो मै उसे संभाल लूंगा।
मम्मी – हा मुझे पता है कैसे संभालेगा।
मै– क्या मतलब कैसे संभाल लेगा।
वो सब छोड़ो आप तैयार हो या नहीं आप के पास सिर्फ एक ही रास्ता है वो सिर्फ मै हु , अगर आप बाहर किसी से संबंध बनाए फिर बदनामी का आप सोच लो ।
मम्मी – अगर मै किसी बाहर वाले के साथ करु तुझे बुरा नहीं लगेगा।
मै – अगर आप खुश हो तो फिर आपकी खुशी में मेरी खुशी।
मम्मी – ठीक है मै तैयार हु पर तू हमेशा आराम से करेगा और किसी को पता नहीं चलनी चाहिए।
( और मेरा लन्ड पकड़ लेती है )


Jaldi hi agli update ayegi...
🔥
 

Premkumar65

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Update 9


अब ये हमारा रोज का हो गया था , अब मै भी चूदाई के बहाने ही सही ऑफिस जाता था रोज तो नहीं पर सप्ताह में 2 – 3 दिन चूदाई कर ही लेता था मामा के साथ । इसी तरह देखते देखते कब पापा और भैया को मरे एक साल हो गए पता ही नहीं चला । अब ऑफिस का सारा काम मैं ही देखता था, इसी बीच मामा भी अपने घर(नानी घर) चले गए , अब मै दीदी मिल के कंपनी को बहुत अच्छे से संभाला , घर में भी सब नॉर्मल था , इसी बीच मै ओर भाभी बहुत करीब आ गए थे ओर हमारे बीच सम्बन्ध भी बहुत बार बनी अब भाभी को भी कोई ऐतराज नहीं था । मम्मी को भी पता था पर कुछ बोलती नहीं थी देख के भी अनदेखा कर देती थी । हमारे खानदान का एक रिवाज था अगर किसी की मौत हो जाए तो उसके एक साल तक कोई भी शादी नहीं होती थी , मम्मी ये सोच के ही हमेशा रुक जाती थी पर अब तो साल भर पूरा हो चुका था मम्मी बात करने को सोचती है पर बेटा सुबह होने के बाद ऑफिस चला जाता ओर रात में आने के बाद थक सा जाता था इसीलिए सही समय नहीं मिल पता है , अगले महीना होली का त्योहार आने वाला था मम्मी सोची ये सही रहेगा बेटा भी घर में रहेगा फिर बात करुंगी ।
देखते देखते एक महीना कैसे बीत गए पता ही नहीं चला , होलिका दहन का दिन था सभी ने साथ में मिल कर होलिका दहन जलाया , जलने का काफी रात हो गई इसलिए होलिका दहन जलाया उसके बाद सब ने खाना खाया और सब सोने चले गए क्योंकि अगले दिन होली था जल्दी उतना था ।
आज होली का दिन था मम्मी,भाभी ओर दीदी तीनों उठ चुकी थी और किचन में पकवान बनाने में लगी हुई थी, मै भी थोडा लेट उठा फ्रेश होने के बाद नीचे गया तो देखा सभी पकवान बनाने में लगे हुए है फिर मै घर से बाहर गया तो देखा होली की तैयारी चल रही थी मिल,पूरे मोहल्ले होली एक साथ मनाते थे , मै भी कुछ मदद की तभी मेरा फोन बज देखा तो मामा का था कॉल झट से उठाया –
मैं – हेलो मामा कैसे हो कितने दिनों बाद याद किए ?
मामा – क्या करु बेटा दिन भर काम रात में ठुकाई , टाइम ही नहीं मिलता ओर बताओ वह सब कैसा है
मैं – यहां सब ठीक है , आप बताओ वहां रात में किसकी ठुकाई करते हो अभी तक नहीं बताया
मामा – बाद में बताऊंगा ओर बताओ होली का क्या प्लान है
मैं – कुछ नहीं मामा हूं दोस्तो के साथ रंग लगाना
मामा – ओर तुम्हारा ओर तेरी भाभी का सेक्स लाइफ कैसी चल रही है
मै – नहीं मामा महीनों हो गए टाइम ही नहीं मिला
मामा – तो आज का मौका अच्छा है रंग लगाने के बहाने रगड़ डाल
मै – हा कोशिश करता हु
ओर फोन रख देता हु ।
बाहर से घर आ कर देखा सभी का पकवान बनाना हो चुका था दीदी ओर भाभी स्नान कर चुकी थी मम्मी को दिखाई नहीं दी मै भी जल्दी से स्नान करने चला गया जब वापस आया तो देखा मम्मी उजला सारी पहनी है और दीदी ओर भाभी उजला सलवार सूट पहनी हुई है और सभी पूजा की तैयारी में लगे हुए थे ,पूजा होने के बाद मैं बाहर दोस्तो के साथ होली खेलने चला गया । बाहर देखा तो सभी एक दूसरे को रंग लगा रहे थे दोस्तो मुझे भी रंग लगाई मै भी रंग लगाया फिर सभी भंग पीने गए मुझे भी साथ में ले गए मै कभी भंग नहीं पिया था थोड़ा अजीब लग रहा था पर सभी ने ली तो मैं भी ले लिया और पीने लगा एक ग्लास के बाद ओर पीने का मन हुआ 3–4 ग्लास पी क्या अब थोड़ी नशा भी होने लगी हमने फिर से होली खेली गाने पे डांस भी किया सभी ने फिर से भंग पी नशा अब ज्यादा हो गया फिर रंग लेके घर की ओर निकल गया घर में घुसा तो कोई दिखाई नहीं दिया , किचेन के तरफ गया तो कोई सलवार सूट में दूसरी तरफ घूम के कुछ कर रही थी मुझे लगा भाभी है पीछे से चुपके से गया ओर दबोच लिया , सबसे पहले मुंह में रंग लगाई उसने मुंह नहीं खोला क्योंकि रंग मुंह में जा सकती थी, जैसे ही हाथ नीचे चूची पर ले गया उसने मुंह से आवाज निकलने सोची मै उसकी मुंह बंद की ओर उसके कान में धीरे से बोला भाभी आज तो होली है रंग लगाने दो

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ओर फिर मै सूट के अंदर हाथ डाल के अच्छे से चूची पे रंग रगड़ के लगाया , धीरे धीरे हाथ नीचे सलवार के अंदर ले जा कर चुत को मुट्ठी में भर लिया बुर बिल्कुल साफ था ,उसके मुंह से हल्की सिसकी भी निकली आह... कर के चुत ओर गान्ड दोनों को अच्छे से रंग लगाया

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फिर वह से अपने रूम जा ही रहा था कि मुझे भाभी के रूम से कोई सलवार सूट में निकला जैसे ही चेहरा देख मेरे होश ही उड़ गए मेरे पैर लड़खड़ा गए भाभी ने जल्दी से आ के मुझे पकड़ा और बोली –
भाभी – आपने पी रखी है
मै – हा भाभी मैने थोड़ी भंग पी रखी है पर आप यहां कैसे
भाभी – मै खा जाऊंगी मैं तो रूम में ही हु
मै – तो फिर किचन में कौन ....
भाभी – किचेन में तो सुरभि(बहन) है कुछ पकवान बच गए थे वहीं बना रही है कुछ हुआ क्या?
मै ( मन में ) मेरी तो पूरा नशा उतर गया कि मैं अपनी खुद की बहन को चुत ओर गान्ड में रंग लगाया ,
भाभी – क्या हुआ आप ठीक है
मै – हा में ठीक हु ओर रूम में चला गया
भाभी जब किचेन में गई तो वह कोई नहीं था जमीन पे थोड़े रंग गिरे हुए थे पर इतना ध्यान नहीं दी क्योंकि आज होली थी

वही दूसरी तरफ सुरभि(बहन) अपने रूम में आ कर सबसे पहले दरवाज ओर खिड़की बंद की सांसे तेज चल रही थी उसके दिमाग में सिर्फ थी आ रहा था कि उसका खुद का भाई उसे रंग लगाई वो भी ऐसी जगह जहां आज तक किसी को हाथ लगाने भी नहीं दी आज उसका भाई उसे रगड़ रगड़ के रंग लगा रहा था और पीछे से गान्ड पे कुछ चुभ भी रहा था क्या वो भाई का लन्ड था फिर उसके दिमाग में आया उसने भाभी बोला था मतलब वो भाभी समझ के रंग लगा रहा क्या इसके और भाभी के बीच कुछ चल रहा है , फिर वो अपने आप को साफ कर बाथरूम में चली गई और

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अपने कपड़े उतर के शावर चालू की अपने शरीर को रगड़ के रंग साफ करने लगी पहले तो चूची पे हाथ गया तो उसे भाई के याद आ गई कैसे वो मसल रहा था और वो भी ऐसीही मसलने लगी उसकी सिसकी भी नकल रही थी ऐसा सोच रही थी कि भाई ही मसल रहा हो और हल्की हल्की सिसकियां निकल जाती है फिर धीरे धीरे चुत के पास उंगली ओर उसे जोर जोर से ऊपर से ही रगड़ने लगी उसके बुर से पानी आने लगी थी धीरे धीरे 2 उंगली चुत में डाल दी

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और अंदर बाहर करने लगी पर उसके दिमाग में बार बार भाई का मोटा सा कुछ चुभ रहा था वहीं आ रहा था इसलिए वो नंगी ही बाथरूम का दरवाजा खोला और भर आई अलमारी खोली कपड़े के नीचे एक डब्बा निकले उसमें एक मोटा ओर लंबा डिल्डो ( प्लास्टिक का लन्ड )था

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वो ले कर वापस बाथरूम चली गई अंदर जाते ही पहले तो डिल्डो को मुंह में ली ढेर सारी ठुक लगाई ओर चुत के मुंह पे लगा के अंदर के तरफ घुसने लगी उसके मुंह से सिसकी भी निकली आह ... भाई .. कर के । भाई के बारे में सोच के उसे ओर मजा आने लगा कि भाई का मोटे लन्ड से पेलाई हो रही हो और इसीलिए जल्दी फव्वारे के तरह चुत से बहुत ज्यादा पानी निकला,

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उंगली गाजर मूली तो बहुत बार की थी बस झर के रह जाती थी ऐसा पहली बार हुआ फव्वारे की तरह पानी निकालना वो बहुत खुश हुई और संतुष्टि उसके चेहरे पर दिख रही थी दिमाग में एक चीज ही सोची (" भाई भाभी का तो पता नहीं पर तेरा लन्ड तो मै ही लुंगी , तेरे बारे में सोच के प्लास्टिक के लन्ड इतना पानी निकला जब तेरा लन्ड लुंगी तो पता नहीं क्या होगा ")
ओर फिर अपने आप को साफ की बाहर आ कर कपड़े
पहनी ओर बाहर आ गई ।

Uffff very sexy update.
 

Premkumar65

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Update 10


पिछले अपडेट में आपने पढ़ा कि कैसे एक भाई भंग के नशे में अपने बहन को भाभी समाज के चुत में रंग लगा डाली

अब आगे—


वही दूसरी तरफ मां भी मोहल्ले की औरतों के साथ होली खेल रही थी , औरते अब मिलकर बहुत गंदी गंदी हरकते कर रही थी , किसी की चूची में रंग कोई किसी के गान्ड में हाथ डाल रही हो कोई किसी की चुत रगड़ रही हो सभी बहुत मस्ती कर रही थी , उन सब मोहल्ले वाले औरते के बीच मेरी मां ही सबसे ज्याद गदराई हुई थी चूचियां पपीता की तरह लटके हुए , गान्ड बाहर की ओर निकली हुई, ओर सभी औरते भी सबसे ज्यादा मां को ही रगड़ रहे थे औरते आपस में बहुत गंदी गंदी बातें भी कर रही थी जैसे कि—

औरत 1– गान्ड पे रंग लगते हुए का रे सुमन इतनी बड़ी गान्ड कैसे कर ली हमर पति चोदत है फिर भी नहीं होती और एकड़ पति न है फिर भी इतने बड़े कैसे ?

औरत 2 – चूची को रगड़ते हुए सही बोल रही है बहन ई देख इसकी तो चूची भी हमर सब से बड़े है बता छिनाल किस से चुदवात हो

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( इतने में मै भी बाहर को आ गए और मेरे मोहल्ले वाले दोस्त भी वही खड़े थे सभी के हाथ में भांग की ग्लास थी और सभी मेरी मां ओर औरतें को ही देख रहे थे मै जब वहा पहुंचा तो एक ग्लास मुझे भी दे दी वो सभी भी नशे में थे ओर बाते कर रहे थे साली क्या माल है इतनी गदराई हुई साली एक बार मिल जाए तो मजा आ जाए और उन दोस्तों की भी मां वही खड़ी होली खेल रही थी सभी इतने नशे में थे कि कौन कौन है पहचान भी नहीं पा रहे थे मै जब अपने मां को देखा तो सोचा ये तो मेरी मां है और सभी औरत अंदर हाथ डाल के रंग लगा रही है , मै भी जान बुझ के पूछा भाई तुम किस औरत की बात कर रहे हो यह तो बहुत औरत है, दोस्त बोला साली वही जो सामने अंदर हाथ डलवा के रंग लगवा रही है पता नहीं कौन है ,

मै समाज गया इन्हें नहीं पता कि वो मेरी मां है और फिर मै औरते के करीब गया ओर उनकी बात सुनने लगा ,मेरे चेहरे पे भी रंग लगा हुआ था इससे औरते ओर मेरी मां को भी पता नहीं चला , ओर मै पा जा कर खड़ा हो गया ओर बाते सुनने लगा )


औरत 3 – मां की चुत को रगड़ते हुए 3 अंगुली अंदर को डाल दी मां की आह निकल गई और बोली सही बोल रही हो बहन ये पक्का किसी से चुदवातीं है इसके बुर भी काफी फैली हुई है 3 अंगुली तुरंत अंदर चली गई।

मां – नहीं र पगली मैं किसी से न चुदवातीं हु मेरे पति के मरे एक साल से ज्यादा हो गया अब तो मै कोई बाहर भी नहीं जाती ओर मेरे घर में बेटे को छोड़ कर कोई मर्द भी नहीं है तो भला मै किसी चुदवांगी।

औरत 3 – बुर में उंगली पेलते हुए तो क्या अपनी बेटे का लन्ड लेती है जो तेरी बुर इतनी फैल गई है और तेजी से उंगली अंदर बाहर करने लगी

मां भी ये सुन के गर्म होने लगी बेटे का लन्ड याद आने लगा और बोली –

कर्मजली अंदर से हाथ निकल ओर जा के अपने बेटे का लन्ड ले ।

तीनों औरत लगे हुए थे कोई चूची कोई गान्ड कोई बुर मम्मी तुरंत झर गई , मम्मी की सिर्फ एक आह निकली ओर झर गई ।


ये आह.. मै भी सुना मेरा तो लन्ड कब का खड़ा हो गया था अपनी मां के बारे में ये सब बात सुन के ओर भंग के नशा तो था ही अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और मै अपने चेहरे ओर शरीर पे ढेर सारा रंग लगा लिया क्यूंकि कोई पहचान न ले उसके बाद मां के पास गया पीछे से उनकी चूची पकड़ ली और रंग लगाने लगा चूची के बाद धीरे धीरे हाथ नीचे ले जाने लगा मम्मी नि छुड़ाने की कोशिश की पर मेरी पाकर काफी थी और मेरा लन्ड उनकी गांड में घुसे जा रहा था तो वो ज्यादा कुछ कर नहीं पाई और खड़ी रही ,

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मेरा हाथ नीचे उनके बुर पे गया तो बहुत चिप चिपा समझ गया औरते ने अंगुली कर के मम्मी की झर दी , होली खेलने वालों की भीड़ ज्यादा थी इसलिए कोई दिक्कत नहीं थी मै भी पहले एक उंगली डाला उसकी आह निकली फिर दो ऐसही करते करते 3 डाल दी और तेजी से अन्दर बाहर करने लगा मै अपना लन्ड उनके गेंद पे रगड़े जा रहा था वो भी मदहोश हो गई और अपना हाथ पीछे कर के मेरे लन्ड को ऊपर से ही पकड़ा मुझे ओर अच्छा लगा और मैं अपनी स्पीड बढ़ा दी धीरे धीरे वो अपना हाथ मेरे लोअर में घुसा दी और लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी , मेरा पहली बार मा का हाथ पड़ते ही जल्दी ही झड़ने को हो गया ओर झरने लगा मेरे मुंह से सिर्फ एक शब्द निकला आह मम्मी माजा आ गया , मां ये सुन के हैरान ओर वो जोर लगा कर पीछे को पलटी मै तुरंत भीड़ में घुस के भाग गया ओर घर की ओर निकल गया , मां अभी झाड़ी भी नहीं थी और वो ये सोच रही थी कि क्या वो मेरा बेटा था और वो वह से निकल के अपने घर आ गई बेटा को देखने उसके रूम में गई रूम में कोई नहीं था बाथरूम में पानी गिरने की आवाज आ रही थी मां बाथरूम के पास गई कान लगा के सुनने लगी अंदर से आवाजें आ रही थी – आह ..मां क्या चुत है... तेरी इतना बड़ा भोसड़ा बना रखा आह ... कभी मिल गई न तो पटक पटक के चोदूंगा आह आह करते हुए झड़ गया, मां भी तुरंत रूम से निकल कर अपने रूम में गई दरवाजा बंद की बाथरूम में घुस गई तुरन्त सारे कपड़े निकल कर शावर चालू की ओर शरीर से रंग को धोने लगी और उसके दिमाग में थी चला रहा था कि बेटे ने मेरी चुत में उंगली की अपनी मां की पानी निकली और तो और मुझे चोदने की बात कर रहा था ये सब सोचते हुए कब उसका हाथ चुत पे चला जाता है पता ही नहीं चला और चुत मे और
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झरते हुए बोली आह बेटा आजा चोद ले अपनी मां को बहुत प्यासी है तेरी मां बोलते बोलते झर गई सुकून उसके चेहरे पे दिख रहा था वो ना के भर आई तो देखा बेटा बेटी बहु तीनों एक साथ बैठ के पकवान खा रहे है और टीवी देख रहे है मां भी आ कर बैठ गई और टीवी देखने लगी और खाने लगी पर कुछ बोली नहीं वो बस बेटे को देख रही थी और सोच रही थी कितना भोला दिखता है पर अपनी मां को ही चोदने की बात करता है ।

hot maaa ki chudai karo bhai.
 
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मम्मी – तू ऑफिस क्यों नहीं गया
मै – शरीर में बहुत दर्द है इसलिए नहीं गया
मम्मी – क्यों रात में ठीक से नींद नहीं आई क्या
मै – मम्मी वो कल होली में भांग पी ली थी इसीलिए
मम्मी – ठीक खाना खा के मेरे रूम में आ जाना तेल से शरीर की मालिश कर दूंगी।
मै (मन में – आज फिर मम्मी के करीब रहने का मौका मिलेगा)– ठीक है बोल के
अपने रूम में चला गया , मम्मी ओर भाभी किचेन का काम खत्म कर के अपने अपने रूम में चली गईं , मै भी सिर्फ बनियान ओर बरमूडा वो भी बिना कच्छे पहन के मम्मी के पास चला गया , चलते समय मेरा लन्ड साफ पता चल रहा था जैसे ही मम्मी के रूम के अंदर गया मम्मी सारी में थी। जैसे ही मम्मी में देखा बैठने को बोली–
मम्मी – तू यहां बैठ मै भी कपड़े बदल के आती हु गर्मी भी बहुत है और तेल भी लगने का डर है।
मै – ठीक है जल्दी आना ।
मम्मी बोल के बाथरूम में घुस गई ।
मम्मी जब बाथरूम से बाहर आई तो नजर ही नहीं हट रही थी, मम्मी सिर्फ ब्लाउस और पेटिकोट में थी फिर अलमीरा खोल के तेल निकली ओर रूम से बाहर जाने लगी, मै पूछा मम्मी कहा जा रही हो
मम्मी – तेल गर्म कर के आती हु
ओर मम्मी गेट सटा के बाहर चली गई
मम्मी के जाते ही मै उठा मम्मी के बाथरूम में घुस ओर अभी खोले कपड़े को देखने लगा हैंगर में टांगे ब्रा पैंटी को देख समझ गया कि मम्मी पेटीकोट ओर ब्लाउस के नीचे नंगी है फिर बाहर आ कर बैठ गया , मम्मी भी आ गई पहले ग्राम तेल का कटोरी को रखा और फिर दरवाजे को लॉक कर दी और खिड़की भी लगा दी,
फिर मम्मी ने जमीन पे एक चटाई बिछाए ओर बोली कपड़े खोल और इसपर लेट जा बिस्तर पर तेल लग जाएंगे
मै – कपड़े खोलना जरूरी है क्या ?
मम्मी – तेल से मालिश कैसे करूंगी
फिर मै बनियान खोल दी और फिर लेटने लगा
मम्मी – पैंट कौन खोलेगा
मै – गर्मी ज्यादा है इसीलिए अंदर कच्चे नहीं पहना ..
मम्मी – ठीक है पर कपड़े खराब हो जाएंगे
ओर मै छाती के मुंह नीचे कर के लेट गया मम्मी मेरे पीठ पर तेल से मालिश कर रही देखते– देखते वो मेरे चूतर पर दोनों तरफ पैर कर के बैठ गई और मालिश करने लगी।
मम्मी जैसे ही देखा मम्मी मेरे ऊपर बैठ गई नीचे मेरा लन्ड खड़ा होने लगा और कुछ ही छन में पूरा अकड़ गया मम्मी मेरे ऊपर बैठ कर आगे झुक के मालिश कर रही थी , ( पेटिकोट तो आपको पता ही है अंदर से पूरा खुला रहता है अगर मेरा पैंट न होता तो मम्मी की चुत सीधा मेरे चूतर पे लगती ) मम्मी भी आगे झुकती फिर पीछे आती इस वजह से छूट रगड़ खा रही थी , मेरा लन्ड तो इतना कड़क हो गया कि कही फट न जाए मै ऊपर उठना चाहा पर ताकि लन्ड को सही कर सकू पर मम्मी का पूरा वजन था तो हिल भी नहीं पाया , फिर मै थोड़ा और जोर लगाया और कमर को थोड़ा उठाया और लन्ड को सही किया मम्मी पूछी क्या हुआ , मै भी कुछ नहीं बोल के लेटा रहा ।
मम्मी समाज गई कि मैंने अपना लन्ड सही की , उसके बाद मम्मी ओर तेज चुत को आगे पीछे कर के रगड़ने लगी , चुत अब पानी छोड़ने शुरू कर दी थी जिसका पता मुझे चल गया क्योंकि बरमूडा पतले कपड़े का था चुत के पानी के वजह से भींग गया था । जब मम्मी ने ये देख की पैंट पीछे से भींग गया मम्मी सोचने लगी अब क्या बोलूं
फिर कुछ देर बाद मम्मी बोली – बेटा अब सीधा लेट जा
मै सीधा लेटने लगा लन्ड पूरा 90° में खड़ा था मै जन बुझ के पैंट पे हाथ रखा और पूछा ये भींग कैसे गया ।
मम्मी – कुछ सोचते हुए शायद तेल गिर गई होगी तुझे बोला था पैंट खोलने को पर तू मेरी बात ही नहीं सुनता ।
मैं – पर मां आपके सामने कैसे नंगा हो जाऊ।
मम्मी – ठीक है तो फिर तेरा पैंट एसेही गंदी होगी ।
मै – मम्मी आप थोड़ी ध्यान देना कही तेल फिर से न गिर जाए
मम्मी – तू अपने आंख बंद कर ले ओर सो जा मै अच्छे से मालिश कर दूंगी
मै – मां लाइट ऑफ के दो ऐसा मुझे नींद नहीं आएगी।
मम्मी – तू आंख में सोने वाली पट्टी लगा ले
मै – हा ये सही रहेगा ओर मै पट्टी से आंख बंद कर ली ( पर मुझे तो पता था आगे क्या होने वाला है ।
इस बार मम्मी की नजर मेरे लन्ड पर थी जो कि बरमूडा में पूरा खड़ा था , मम्मी फिर से मेरे ऊपर चढ़ गई इस बार चुत ओर लन्ड के बीच सिर्फ एक पतला कपड़ा था मम्मी जब आगे को झुकती छाती में तेल लगाने को चुत लन्ड पे रगड़ खाने शुरू हो गई । मम्मी को अब मजा आने लगा अब वो तेज तेज कर रही थी हाथ का पता नहीं पर कमर बहुत तेजी से आगे पीछे हो रही थी , तभी मम्मी रुकी और पैर के तरफ मुंह कर के बैठ गई और फिर से लन्ड को चुत पे रखी ओर वैसे ही कमर को आगे पीछे ओर हाथ से मालिश करने लगी । मम्मी हाथ कम कमर ज्यादा चला रही थी , अब मेरा लन्ड से माल कभी भी निकल सकता था इसीलिए ,मैने थोड़ी सी आंख से पट्टी हटा के देखी मेरे सामने एक विशाल गान्ड थी और साया को ऊपर कर के पैर में फंसा रखी थी ताकि तेल ना लग जाए मम्मी कमर के नीचे पूरी नंगी थी , गांड की छेद साफ दिख रही थी और चुत की बाहर निकली हु फुद्दि जो कि लन्ड पे पैंट के ऊपर से ही रगड़ खा रही थी । मेरा मन तो दोनों चूतर को हाथ से पकड़ लू ओर गान्ड के छेद में मुंह लगा दु पर डर लग रहा था मम्मी कही गुस्सा न करे , फिर सोचा मम्मी भी तो गर्म हो चुकी है और अपने बेटे के ही लन्ड पर चुत रगड़ रही है और थोड़ी हिम्मत दिखा कर जैसे ही मम्मी आगे की ओर झुकी मै अपने बरमूडा को साइड कर के लन्ड को बाहर निकल दिया जो कि पूरा खड़ा हो चुका था मै लन्ड को टोपे पर थोड़े से थूक लगने की सोची जैसे ही हाथ से थूक लगने के टोपे पर थूक मलने लगा मम्मी पीछे को हुई और हाथ चुत में टच हुआ मम्मी पीछे की ओर पलटी ओर देखी मेरा आंख खुला हुआ है , मम्मी की आंख पूरा लाल हो चुका था मम्मी पूरी गर्म हो चुकी थी , चुत बहुत पानी छोड़ रही थी । जैसे ही मम्मी मुझे देखी मम्मी उठने को चाही मै झट से उनके चूतर को दोनों हाथ से पकड़ और अपने लन्ड पे बिठा दिया मेरा लन्ड मां के भोसड़े को चीरता हुआ अंदर चला गया पर मां उठना चाह रही थी पर मै चूतर को पकड़ कर नीचे से झटके लगने लगा और मां के अंदर इतनी गर्मी थी कि मैं 2 मिन भी झेल नहीं पाया और चुत में ही झड़ गया ।
फिर मां उठी चुत से मेरा माल निकल रहा था साया से अपने कमर को ढकी ओर बोली–
मम्मी – तुझे शर्म नहीं आती अपनी मां के साथ गंदी हरकत करते हुए।
(मेरा लन्ड जो कि अभी भी खड़ा ही था मां तिरछी नजर से बार बार देखे जा रही थी)
मै – आप भी तो यही कर रही थी मै तो बस अंदर डाल दिया ।
मम्मी – फिर भी तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था , तेरे पाप के जाने के बाद पहली बार लन्ड देखी अपने आप को रोक नहीं पाई और तूने .... बोलते ही रोने लगी
मै – मां को रोता देख मैने मां को अपने बाहों में लिया और बोला मां में हु ना आपको कभी दुखी नहीं देख सकता आपका अकेलापन मै दूर करूंगा
मम्मी – पर तू मेरा बेटा है मैं तेरे साथ ये सब नहीं नहीं कर सकती समाज इस रिश्ते को बहुत गलत नाम से बुलाती है।
मैं – मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता ओर ये बात किसी को पता नहीं चलेगा सिर्फ हम दोनों कोई बाहर वाला नहीं ओर ना ही कोई घर वाला सिर्फ हम दोनों मां ओर आपको कभी अकेलापन भी नहीं लगेगा।
मम्मी – अगर किसी को पता चल गया तेरी भाभी तो हमेशा घर में ही रहती है
मै – भाभी तो हमेशा अपने रूम में रहती है आप उनकी फिक्र मत करो मै उसे संभाल लूंगा।
मम्मी – हा मुझे पता है कैसे संभालेगा।
मै– क्या मतलब कैसे संभाल लेगा।
वो सब छोड़ो आप तैयार हो या नहीं आप के पास सिर्फ एक ही रास्ता है वो सिर्फ मै हु , अगर आप बाहर किसी से संबंध बनाए फिर बदनामी का आप सोच लो ।
मम्मी – अगर मै किसी बाहर वाले के साथ करु तुझे बुरा नहीं लगेगा।
मै – अगर आप खुश हो तो फिर आपकी खुशी में मेरी खुशी।
मम्मी – ठीक है मै तैयार हु पर तू हमेशा आराम से करेगा और किसी को पता नहीं चलनी चाहिए।
( और मेरा लन्ड पकड़ लेती है )


Jaldi hi agli update ayegi...
Chud gai maa......!
 

sunoanuj

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अगला भाग कब मिलेगा मित्र ?
 
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