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Adultery जय का सफर-(Struggle,Adultery,Incest)

कहानी कैसी लगी?


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sunoanuj

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Ye kahani mai kisi aur ke author me likh raha tha pahle.. Payment ke vajah se Maine unko kahani updats dena band kiya..ye kahani bhi usi me se yek hai..so jabtak copyright ka matter khatm nhi hota..tbtk updated nhi hogi ye story
Sorry fo inconvenience

Regards
Mrsexywebee
 
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yeh bhi gaya.
Bhai jayega nhi..bas thoda time lega..maa ka mayka khatm hone ko hai uske bad dusra chalu kr dunga...isko aour maa ke maayke ke 2 part ko yeksath chalu karunga
 

Tony stark

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(Episode 6)

चाची ने सब काम खत्म किया।जय ने सोने की तैयारी पूरी करके अपनी जगह लेट गया था।आज चाचा नही था तो जगह बहुत थी।
चाची ने दरवाजा बंद किया एक धीमी रोशनी वाला बल्ब चालू रख सारि लाइट बंद की।जय छोटी मुन्नी को सुला रहा था।मुन्नी सो गयी ये देख।चाची ने मुन्नी को एक साईड करके सुला दिया।चाची ने जय के सामने ही अपनी साड़ी को उतार दिया।उसके साथ ब्लाउज और पेटीकोट को भी उतार फेंका।
चाची सिर्फ पेंटी में थी क्योकि उसने ब्रा नही पहनी थी या निकाल दी थी।चाची आज मुझे 18 साल की लौंडी लग रही थी।40 के चुचे अभी भी भरे थे।चूत की रेशाये पेंटी के ऊपर से दिख रही थी।चूत कमाल की फूली थी।चुदने के लिए बेकरार थी।
चाची मेरे ऊपर हल्के से सो गयी और मुझे चूमने लगी।
चाची की गर्म सांसे और चूमते कोमल ओंठ मेरे लन्ड को गर्म कर रही थी।
चाची ने जय के होंठ पर हाथ की एक उंगली घुमाई और नॉटी सी हस पड़ी।मुझे वह स्पर्श बहोत अच्छा लगा।
उसने जय के होंठो पे जीभ घूमना चालू किया।जय तो सातवे आसमान में था।
उसने जय के लब्जो को बारी बारी चूसना चालू किया।उसकी मिठास जय को बहुत अच्छी लग रही थी।उसके चुचे मेरे छाती पे दब रहे थे।उसने मेरे जीभ को मुह में ले चूसना चालू किया।करीब 15 से 20 मिनिट ये चुसम चुसाई का कार्यक्रम चालू था।
चाची अपने चुचो को मेरे छाती पे घिसने लगी।उसने मेरी बनयान निकाल फेंकी और चुचो को हाथ में ले कर मेरे मुह पर अपने चुचे दबाने लगी।
एक चुचे को मुह में दिया और जय का एक हाथ दूसरे पे रखे दबाया।उनका इशारा समज कर जय ने चुचे को दबाना चालू किया।
चाची:मेरे जानू निप्पल्स भी चुसले।
जय चाची के दोनो चुचे और निप्पल्स बारी बारी चूस रहा था
चाची ने जय के माथे में चूम फिर नाक,फिर ओंठो पे 5 मीनट लिपलॉक फिर छाती पे चाटने लगी।उसकी जीभ नीचे नीचे जा रही थी।
उसने नीचे नीचे जा कर जय की शॉर्ट और अंडरवियर को एकदम से खींचा,वैसे जय का लन्ड एकदम से आज़ाद हुआ।अभी मैं पूरा नंगा था। तभी जय के लन्ड के पास गर्म से महसुस होने लगा।ओ चाची की वासनाभरी सांसे जय के लन्ड को छू रही थी।
चाची ने लन्ड के सुपडे की चमड़ी नीचे कर दी जय के मुह से"आह"निकल गया।पर उस समय जय को उतना दर्द नही हो रहा था।
चाची लन्ड को धीमे धीमे सहला रही थी।जय का लन्ड ठहाके मार रहा था।
चाची ने सुपडे को चूमा फिर लन्ड के नीचे तक चाटने लगी।
उसने लन्ड को चाट के पूरा गिला कर दिया।
उसने पहले मेरा लन्ड का सूपड़ा मुह में लिया और वही सुपडे का टोप लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।नीचे के अंडो को मसलने लगी।अभी ओ जय का पूरा लन्ड मुह में लेकर अंदर ही लन्ड को रख घुमाने लगी।उसकी चुसाई बहोत ही जड़ रोमांचक कारी थी।
पर बहोत देर से खड़ा लन्ड आखिर कर झड़ने को आया।
जय का लन्ड को अकड़ते हुए महसूस करते ही ओ सब समाज गयी पर ओ हिली नही।बल्कि उसने स्पीड बढ़ाया।
जय पूरा झड़ गया।उसने आधे से ज्यादा गटक लिया।बचा हुआ मेरे लन्ड पे था।
ओ वैसे ही उठी।जय को लगा उनको गुस्सा आया।पर उन्होंने पेंटी निकली।उनकी चूत गीली थी,ओ वैसे ही छूट फैला के नीचे बैठी और लन्ड को थोड़ा हिला के लन्ड के सुपडे को चूत के छेद पर लगाके नीचे बैठ गयी।
"आह उहूऊऊज आउच सी ईईईई"चाची सिसक गयी।
थोड़ी देर अइसे ही निकल गया और चाची फिरसे ऊपर नीचे होना चालू कर दी।
"आह उह आह हहहहहहहह उ हहहहहहहह सी ईईज्ज्ज् चुद गयी आज मेरे यार से आह चोद भड़वे चोद रंडी के बच्चे आज तो तेरा पूरा लन्ड खाऊँगी और तेरे बच्चे की मा बनूँगी,,,,,आह उह आह हहहहहहहह उ हहहहहहहह सी ईईज्ज्ज्
चाची की ये बाते जय को चकित और विचलित कर रही थी।
चाची ने जय हाथ चुचो पर रखे।जय चुचो को दबाना मसलना चालू किया,चुचे इतने बड़े थे तो उसके हाथ में निप्पल आ जाती थी।तो ओ अभी निप्पल्स को खींचने मसलने लगा।
चाची का स्पीड अभी थोड़ा कम हो रहा था ,मतलब चाची थक चुकी थी।तो जय ने उनको नीचे कर खुद ऊपर चढ़ा और लन्ड चूत में सेट कर धक्के पेलने लगा।
चाची:
"हा मेरा आह राजा बेटा जल्दी सिख गया आह हहहहहहहह आह सीईई छोड़ और जोर के धक्के मार बे मादरचोद लन्ड पूरा अंदर घुसेड आह हहहह सीईई"
चाची चरमसीमा पर आई थी पर मेरा बाकी था।चाची ने अपना माल झाड़ दिया।जैसे ही ओ झड़ी
चुदाई करते हुए"पछ फकक ककपच्छ पच्च्छ्" आवाजे आने लगी।
मैं तो पूरे होश खोके चुद रहा था।झड़ने के बाद चाची बहोत शांत हुई थी।मेरा भी वक्त आ रहा था।मेरा भी लन्ड अकड़ने लगा।मैं उसको बाहर निकालके झड़ने वाला था तभी , चाची ने मेरे गांड को दबाके लन्ड अंदर ही झड़ाओ अयसे इशारा किया।मैंने भी वैसे ही किया।मैं पूरा उसके छूट में झड गया।और थकावट से बाजू में गिर के सो गया।चाची भी काफी थकी की।बहोत दिन बाद दोनो की इतनी दमदार चुदाई थी।दोनो खुश थे ,ज्यादा कर निर्मला चाची।


कहानी जारी रहेगी।कमेंट करके बताना जरूर कैसे लगी।सुझाव देने या लेने है तो मेरे प्रोफाइल में भी मेरी पर्सनल contact के लिए id'स है वह पर फीडबैक दे सकते हो।
धन्यवाद कहानी आखरी तक इतने ध्यान से पढ़ने के लिए।
NICE UPDATE,

SEX KE DOURAN AGAR KUCH KAMUK BAAT CHIT HO TO AUR MAZEDAR RAHEGA

YE BAS MERA SUJHAW HAI, BAKI AAP ACHHA LIKH RAHE HAIN
 
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