वही दूसरी तरफ नहाने के बाद
मां - कम्मो, उर्मी, एक बात बताओ कैसी लग रही हूं मैं?
चाची - भाभी, एकदम माल लग रही हो, अगर मैं लौंडा होती तो अब तक तुम्हारे चक्कर में पड़ गई होती कसम से कही से नही लगता की दो जवान बच्चो की मां हो।
मां - धत्त पगलिया कुछ भी बोलती रहती है, और तू भी कुछ कम नहीं लग रही है और इसको देखो उर्मी को ऐसी लग रही है जैसे स्कूल कॉलेज की कोई लौंडिया।
मामी - हां दीदी, सही बोल रही है छोटी दीदी अगर मैं लौंडा होती तो अब तक तुम्हे पता चल जाता अपने आप तुम कैसी लग रही हो ( अपनी चूत की तरफ इशारा करके )
इससे।
मां - छी, बड़ी गंदी है री तू। वैसे एक बात बताऊं कपड़े के ऊपर से तुम लोगो का पूरा खजाना लगभग दिख रहा है। और ये देखो मुझे ये पजामा इतना टाइट है की नीचे के बाल भी निकल रहे है बाहर, बड़ी शर्म आ रही है।
मामी - इसमें शरमाने की क्या बात है कौन सा कोई यहां आने वाला है या कौन सा कोई पराया है।
चाची - हां भाभी, हम ही लोग तो है यहां, एक रवि है, तो वो भी अपना ही बच्चा है उससे कैसी शर्म।
मामी - हां दीदी, अब कपड़ो का इंतजाम तो हो गया लेकिन बस एक दिक्कत रहेगी !!
मां और चाची एक साथ - क्या?
मामी - अरे, गर्मी कहा निकलेगी शरीर की, दीदी मेरा और कम्मो दीदी का काम तो जैसे तैसे चल जाएगा आप तो दिन में दो तीन बार की आदि हो आपका क्या होगा?
मां - इसपर मेरा दिमाग गया ही नहीं अभी तक, तेरी सोचा कहा तक जाती है री, बहुत कमीनि है तू।
मामी - दीदी एक बात बताओ सच सच जब आपके अंदर इतनी गर्मी है तो जब जीजा बाहर चले जाते है कई दिनों के लिए तब आप क्या करती हो? सच सच बताना कही कोई और जुगाड़ू जीजा तो नही है.... ही ही ही ही ही ही...
मां - रुक जा कमीनि, अभी बताती हूं तुझे कितने जीजा है सारी गर्मी निकलती हूं तेरी ।
ये कहते हुए तीनों हंसते हुए कमरे में चली जाती है। कमरे में जाने के बाद
मामी - दीदी, मजाक छोड़ो सही सही बताओ ना क्या करती हो तब ? शायद हमलोगो का भी कुछ भला हो जाए।
चाची - हां भाभी, बताओ ना शायद कुछ भला हो जाए।
मां - नही मानोगी तुम लोग बिना सुने न? अच्छा लेकिन एक बात सुनो बता तो दूं मैं लेकिन ये बात हम तीनो के अलावा कोई ना जाने नही तो बड़ा अनर्थ हो जाएगा।
इस पर दोनो राजी हो जाती है।
मां - तो सुनो, जब वो बाहर चले जाते है तब बहुत परेशानी होती थी पहले मैने कई तरह से कोशिश की उंगली से सब्जियों से बेलन से लेकिन आराम नही मिला, फिर एक दिन मैं खेत से लौटी घर पर कोई नहीं था कम्मो खेत में थी इसका पति दुकान पर मैं जब आई तो थोड़ी थकान थी सो लेट गई तभी किसी ने कुंडी खड़कायी मैने दरवाजा खोला तो देखा कि शकीला (मालिश वाली) आई थी। मैं बड़ी खुश हो गई की सही समय से आ गई ये। शकीला से बैठ कर मैं बात करने लगी वो वही सब बताने लगी की कैसे उसका पति दारू पीकर पड़ा रहता है उसकी कोई फिक्र कोई इज्जत नहीं करता खैर मैने उसे बोला की चल जरा आज अच्छे से मालिश कर दे मैं नहा लूं उसके बाद। उसने हामी भरी और चटाई बाहर आंगन में बिछा दी। मैने उसे तेल की बोतल लाकर दे दी अपने कमरे से और लेट गई चटाई पर।उसने मालिश शुरू कर दी और बताने लगी मोहल्ले भर की पंचायत मुझे बड़ा आराम मिल रहा था फिर उसने बोला की भाभी एक काम करो आपको नहाना तो है ही ये साड़ी निकाल दो अच्छे से मालिश भी हो जाएगी साड़ी में तेल भी नही लगेगा मुझे भी सही लगा ये मैने साड़ी उतार दी और वो मुझे पेट के बल लेटने को बोलकर मेरे पैरो की मालिश करने लगी बड़ा आराम मिल रहा था मुझे, उसने मुझे बताया की भाभी एक बात बताऊं मैं इतनी औरतों की मालिश करती हु लेकिन आपके हाथो और पैरों में बाकियों की तरह एक भी बाल का रेशा तक नही है ये बोलते बोलते वो मेरे घुटने तक मालिश कर रही थी। मैने बोला की अब सबके शरीर की अपनी अपनी बनावट होती है हालांकि मुझे अपनी तारीफ अच्छी लग रही थी ।
फिर उसने अजीब सी बात बोली उसने कहा भाभी गर्मी भी ज्यादा है ऊपर से तेल भी लग रहा है आप बुरा न मानो तो मैं अपना ये कुर्ता और सलवार उतार के मालिश करू आपकी उसकी बात सुनकर मुझे झटका लगा मैं तुरंत पलटी, मैने बोला पगला गई हो क्या, नंगी होकर मालिश करोगी? तब वो हसने लगी उसने बोला अरे नही भाभी मैं चड्डी और ब्रा पहनती हूं नंगी नही रहूंगी, और हो भी गई तो कौन सा हम लोगो के पास कुछ अलग है जो आपके पास है वही मेरे पास है। बड़ा अजीब लग रहा था मुझे लेकिन मैंने सोचा क्या फर्क पड़ता है सो मैने कहा ठीक है कर जैसा तेरा मन करे ये सुनकर उसने तुरंत ही अपना कुर्ता और सलवार उतार कर किनारे से रख दिया और लगी फिर से मेरी मालिश करने। फिर उसने बोला की भाभी ये बताओ अभी आपको नहाना है ना? मैने बोला हां तो उसने कहा तो आप अपने सारे कपड़े उतार क्यों नहीं देती एक बार पूरे शरीर की मालिश करवा लो बड़ा मजा आएगा हर बार ऐसे ही करवाओगी फिर। मुझे बड़ा अजीब लगा फिर मैने सोचा हर्ज ही क्या है ये भी तो मेरी तरह औरत ही है सो मैने लेटे लेटे ही पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और आगे से ब्लाउज के हुक खोल दिए और अपने कपड़े उतार दिए अब आंगन में मैं पूरी नंगी लेटी थी शकीला कस कस कर मेरी जांघों की और गांड़ की मालिश कर रही थी फिर आगे बढ़ कर मेरी पीठ की भी मालिश करने लगी। सच में इतना आराम पहले कभी नही मिला था। फिर उसने मुझे पलटने को कहा, मैं जब पलटी तब उसने बोला - हाय अल्लाह, भाभी इतना कसा हुआ बदन है आपका एक रेशा भी नही है शरीर पर, भैय्या की किस्मत सच बहुत अच्छी है।
मां - कम्मो, उर्मी, एक बात बताओ कैसी लग रही हूं मैं?
चाची - भाभी, एकदम माल लग रही हो, अगर मैं लौंडा होती तो अब तक तुम्हारे चक्कर में पड़ गई होती कसम से कही से नही लगता की दो जवान बच्चो की मां हो।
मां - धत्त पगलिया कुछ भी बोलती रहती है, और तू भी कुछ कम नहीं लग रही है और इसको देखो उर्मी को ऐसी लग रही है जैसे स्कूल कॉलेज की कोई लौंडिया।
मामी - हां दीदी, सही बोल रही है छोटी दीदी अगर मैं लौंडा होती तो अब तक तुम्हे पता चल जाता अपने आप तुम कैसी लग रही हो ( अपनी चूत की तरफ इशारा करके )
इससे।
मां - छी, बड़ी गंदी है री तू। वैसे एक बात बताऊं कपड़े के ऊपर से तुम लोगो का पूरा खजाना लगभग दिख रहा है। और ये देखो मुझे ये पजामा इतना टाइट है की नीचे के बाल भी निकल रहे है बाहर, बड़ी शर्म आ रही है।
मामी - इसमें शरमाने की क्या बात है कौन सा कोई यहां आने वाला है या कौन सा कोई पराया है।
चाची - हां भाभी, हम ही लोग तो है यहां, एक रवि है, तो वो भी अपना ही बच्चा है उससे कैसी शर्म।
मामी - हां दीदी, अब कपड़ो का इंतजाम तो हो गया लेकिन बस एक दिक्कत रहेगी !!
मां और चाची एक साथ - क्या?
मामी - अरे, गर्मी कहा निकलेगी शरीर की, दीदी मेरा और कम्मो दीदी का काम तो जैसे तैसे चल जाएगा आप तो दिन में दो तीन बार की आदि हो आपका क्या होगा?
मां - इसपर मेरा दिमाग गया ही नहीं अभी तक, तेरी सोचा कहा तक जाती है री, बहुत कमीनि है तू।
मामी - दीदी एक बात बताओ सच सच जब आपके अंदर इतनी गर्मी है तो जब जीजा बाहर चले जाते है कई दिनों के लिए तब आप क्या करती हो? सच सच बताना कही कोई और जुगाड़ू जीजा तो नही है.... ही ही ही ही ही ही...
मां - रुक जा कमीनि, अभी बताती हूं तुझे कितने जीजा है सारी गर्मी निकलती हूं तेरी ।
ये कहते हुए तीनों हंसते हुए कमरे में चली जाती है। कमरे में जाने के बाद
मामी - दीदी, मजाक छोड़ो सही सही बताओ ना क्या करती हो तब ? शायद हमलोगो का भी कुछ भला हो जाए।
चाची - हां भाभी, बताओ ना शायद कुछ भला हो जाए।
मां - नही मानोगी तुम लोग बिना सुने न? अच्छा लेकिन एक बात सुनो बता तो दूं मैं लेकिन ये बात हम तीनो के अलावा कोई ना जाने नही तो बड़ा अनर्थ हो जाएगा।
इस पर दोनो राजी हो जाती है।
मां - तो सुनो, जब वो बाहर चले जाते है तब बहुत परेशानी होती थी पहले मैने कई तरह से कोशिश की उंगली से सब्जियों से बेलन से लेकिन आराम नही मिला, फिर एक दिन मैं खेत से लौटी घर पर कोई नहीं था कम्मो खेत में थी इसका पति दुकान पर मैं जब आई तो थोड़ी थकान थी सो लेट गई तभी किसी ने कुंडी खड़कायी मैने दरवाजा खोला तो देखा कि शकीला (मालिश वाली) आई थी। मैं बड़ी खुश हो गई की सही समय से आ गई ये। शकीला से बैठ कर मैं बात करने लगी वो वही सब बताने लगी की कैसे उसका पति दारू पीकर पड़ा रहता है उसकी कोई फिक्र कोई इज्जत नहीं करता खैर मैने उसे बोला की चल जरा आज अच्छे से मालिश कर दे मैं नहा लूं उसके बाद। उसने हामी भरी और चटाई बाहर आंगन में बिछा दी। मैने उसे तेल की बोतल लाकर दे दी अपने कमरे से और लेट गई चटाई पर।उसने मालिश शुरू कर दी और बताने लगी मोहल्ले भर की पंचायत मुझे बड़ा आराम मिल रहा था फिर उसने बोला की भाभी एक काम करो आपको नहाना तो है ही ये साड़ी निकाल दो अच्छे से मालिश भी हो जाएगी साड़ी में तेल भी नही लगेगा मुझे भी सही लगा ये मैने साड़ी उतार दी और वो मुझे पेट के बल लेटने को बोलकर मेरे पैरो की मालिश करने लगी बड़ा आराम मिल रहा था मुझे, उसने मुझे बताया की भाभी एक बात बताऊं मैं इतनी औरतों की मालिश करती हु लेकिन आपके हाथो और पैरों में बाकियों की तरह एक भी बाल का रेशा तक नही है ये बोलते बोलते वो मेरे घुटने तक मालिश कर रही थी। मैने बोला की अब सबके शरीर की अपनी अपनी बनावट होती है हालांकि मुझे अपनी तारीफ अच्छी लग रही थी ।
फिर उसने अजीब सी बात बोली उसने कहा भाभी गर्मी भी ज्यादा है ऊपर से तेल भी लग रहा है आप बुरा न मानो तो मैं अपना ये कुर्ता और सलवार उतार के मालिश करू आपकी उसकी बात सुनकर मुझे झटका लगा मैं तुरंत पलटी, मैने बोला पगला गई हो क्या, नंगी होकर मालिश करोगी? तब वो हसने लगी उसने बोला अरे नही भाभी मैं चड्डी और ब्रा पहनती हूं नंगी नही रहूंगी, और हो भी गई तो कौन सा हम लोगो के पास कुछ अलग है जो आपके पास है वही मेरे पास है। बड़ा अजीब लग रहा था मुझे लेकिन मैंने सोचा क्या फर्क पड़ता है सो मैने कहा ठीक है कर जैसा तेरा मन करे ये सुनकर उसने तुरंत ही अपना कुर्ता और सलवार उतार कर किनारे से रख दिया और लगी फिर से मेरी मालिश करने। फिर उसने बोला की भाभी ये बताओ अभी आपको नहाना है ना? मैने बोला हां तो उसने कहा तो आप अपने सारे कपड़े उतार क्यों नहीं देती एक बार पूरे शरीर की मालिश करवा लो बड़ा मजा आएगा हर बार ऐसे ही करवाओगी फिर। मुझे बड़ा अजीब लगा फिर मैने सोचा हर्ज ही क्या है ये भी तो मेरी तरह औरत ही है सो मैने लेटे लेटे ही पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और आगे से ब्लाउज के हुक खोल दिए और अपने कपड़े उतार दिए अब आंगन में मैं पूरी नंगी लेटी थी शकीला कस कस कर मेरी जांघों की और गांड़ की मालिश कर रही थी फिर आगे बढ़ कर मेरी पीठ की भी मालिश करने लगी। सच में इतना आराम पहले कभी नही मिला था। फिर उसने मुझे पलटने को कहा, मैं जब पलटी तब उसने बोला - हाय अल्लाह, भाभी इतना कसा हुआ बदन है आपका एक रेशा भी नही है शरीर पर, भैय्या की किस्मत सच बहुत अच्छी है।