ये बात है मार्च २०२० की, होली की छुट्टियों में मैं घर आया लेकिन हमारे घर में होली कुछ खास मनाते नही है क्योंकि एक तो बच्चे छोटे है नही ऊपर से शोर शराबा भी ज्यादा घर में किसी को पसंद नही था सो होली यूं ही बीत गई अब क्योंकि मैं घर आया था छुट्टियों में सो आराम से सोकर उठता था कभी १२ कभी १ बजे कोई मुझे टोकता भी नही था, पापा और चाचा सुबह ही दुकान चले जाते थे और मम्मी और चाची बारी बारी खेतों में आती जाती रहती थी।
एक दिन मैं ऐसे ही सो रहा था मेरी नींद खुली करीब ११ बजे और मैं उठकर ऊपर अपने कमरे के बाहर बरामदे में निकला ही था की मैने देखा की मेरी मां खेत की तरफ से वापस आई घर में और आकार उसने दरवाजा बंद किया अंदर से और अपने कमरे में चली गई जो की एकदम सामान्य सी बात थी, मैं अभी मां को आवाज देने ही वाला था नाश्ता निकलने के लिए की कमरे में मेरा फोन बज उठा सो मैं चला गया कमरे में वापस फोन पर बतियाने। जब मैं बतिया के बाहर निकला तो मैने देखा की मेरी मां अपने कमरे से बाहर निकल रही है और उसके हाथ में पेटीकोट था एक बार को मैने सोचा की आवाज दूं मां को लेकिन न जाने क्यों बजाय आवाज देने के मैं दो कदम पीछे हट गया अपने कमरे की तरफ। मां को शायद ये याद नहीं था की मैं भी घर पर हूं या उसने सोचा होगा कि मैं तो अभी सो ही रहा हुं। खैर मां गई चपाकाल के पास और अपना हाथ में लिया हुआ पेटीकोट उसके ऊपर रखा और अपनी साड़ी उतारने लगी फिर उसने अपना ब्लाउज भी उतार दिया मेरा मुंह खुला का खुला रह गया मां ब्रा नही पहनती थी
एक दिन मैं ऐसे ही सो रहा था मेरी नींद खुली करीब ११ बजे और मैं उठकर ऊपर अपने कमरे के बाहर बरामदे में निकला ही था की मैने देखा की मेरी मां खेत की तरफ से वापस आई घर में और आकार उसने दरवाजा बंद किया अंदर से और अपने कमरे में चली गई जो की एकदम सामान्य सी बात थी, मैं अभी मां को आवाज देने ही वाला था नाश्ता निकलने के लिए की कमरे में मेरा फोन बज उठा सो मैं चला गया कमरे में वापस फोन पर बतियाने। जब मैं बतिया के बाहर निकला तो मैने देखा की मेरी मां अपने कमरे से बाहर निकल रही है और उसके हाथ में पेटीकोट था एक बार को मैने सोचा की आवाज दूं मां को लेकिन न जाने क्यों बजाय आवाज देने के मैं दो कदम पीछे हट गया अपने कमरे की तरफ। मां को शायद ये याद नहीं था की मैं भी घर पर हूं या उसने सोचा होगा कि मैं तो अभी सो ही रहा हुं। खैर मां गई चपाकाल के पास और अपना हाथ में लिया हुआ पेटीकोट उसके ऊपर रखा और अपनी साड़ी उतारने लगी फिर उसने अपना ब्लाउज भी उतार दिया मेरा मुंह खुला का खुला रह गया मां ब्रा नही पहनती थी