वाह्ह वाह वाह
तू ता छा गयिलू हो
बहुत समय बाद कोई अपने क्षेत्र का लेखक मिला और वो शुध्द हिन्दी लेखनी मे
जिला बस्ती की गलियो मे बचपन बिता कर शिक्षा ग्रहण कर इलाहाबाद के कटरा मे 4 साल समय हमने भी बिताया लेकिन कभी सोचा नहीं था कि अपने जिला जवार का भी कोई होगा ।
लेखक महोदया के अनुरोध है कि वो मेरे शब्दो को अपने साहस वर्धन के रूप मे ही ले और कदाचित ये ना सकोंच ना करे कि मै आपसे व्यकितगत रूप से संपर्क करूँगा और आपकी गोपनीयता भंग होगी ।
बस दिल की बात थी तो उंगलियाँ लिखने से रुक ना सकी
और मुझे ये बात काफी रोमांचित कर रही है कि अपने जिला जवार की कहानी पढने को मिलेगी
प्लीज बेजिझ्क लिखते रहिये और मनोरंजन करवाते रहिये
ध्नयवाद