• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest जरूरत है प्यार की

A.A.G.

Well-Known Member
9,638
20,150
173
#4

अभी तक:

रानी अपनी फटी साड़ी जो उसने पहन रखी थी उसको उतारी और वही जमीन पर रख दिया और अपने फटे ब्लाउस को खोलने लगी। अपनी दीदी को कपड़े उतारते हुए छोटी बड़े ध्यान से देख रही थी। रानी ने अभी फटे ब्लाउस के दी बटन ही खोले थे की तभी उसकी बड़ी चुचियाँ अपने आप बाहर उछल पड़ी मानो कैद से आजाद होगयी हो। फिर भी रानी फटे ब्लाउस को अपने शरीर से अलग करके जमीन पे रख देती है। मगर तभी छोटी जोकि इस दृश्य को बड़े ध्यान से देख रही थी आगे चलकर रानी के पास पहुँच कर बोलती है..

छोटी: (सीने पर लटकती चुचियों को देखते हुए) दीदी

रानी: हा बोल?

छोटी: (दीदी की आँखो मे बड़ी आस से देखते हुए कहती है) दीदी क्या मै आपकी इन चुचियों को एक आखरी बार मन भर कर चूस सकती हु?

************************************************
अब आगे:

रानी अपनी फटी साड़ी जो उसने पहन रखी थी उसको उतारी और वही जमीन पर रख दिया और अपने फटे ब्लाउस को खोलने लगी। अपनी दीदी को कपड़े उतारते हुए छोटी बड़े ध्यान से देख रही थी। रानी ने अभी फटे ब्लाउस के दो बटन ही खोले थे की तभी उसकी बड़ी चुचियाँ अपने आप बाहर उछल पड़ी मानो कैद से आजाद होगयी हो। फिर भी रानी फटे ब्लाउस को अपने शरीर से अलग करके जमीन पे रख देती है। मगर तभी छोटी जोकि इस दृश्य को बड़े ध्यान से देख रही थी आगे चलकर रानी के पास पहुँच कर बोलती है..

छोटी: (सीने पर लटकती चुचियों को देखते हुए) दीदी

रानी: हा बोल?

छोटी: (दीदी की आँखो मे बड़ी आस से देखते हुए कहती है) दीदी क्या मै आपकी इन चुचियों को एक आखरी बार मन भर कर चूस सकती हु?

छोटी की इस मासूम भरी बात को रानी मना न कर पाई और खुद छोटी के मुह को अपनी बड़ी चुचियों पे रख दिया। और छोटी अपनी दीदी की बड़ी चुचियों को बड़े मजे लेकर पीने लगी। रानी की आँखे अपने आप बंद हो गयी और उसके मुह से धीमी धीमी सिक्सिकारिया निकलने लगी। छोटी अपनी दीदी की बड़ी चुचियों को बड़े मजे से चूस रही थी उसका मुह रानी की एक चूची को चूस रहा था तो उसका हाथ दूसरी चूची को तेजी तेजी मसल रहा था चूचे इतनी बड़ी थी की हाथो मे आ ही नही पा रही थी। छोटी रानी की चुचियों को कभी पुरा मुह मे भर के चूसती तो कभी सिर्फ निप्पल को, कभी हाथो से चुचियों को तबाती तो कभी दातों के निप्पल को काट लेती। रानी को छोटी के इस क्रिया दे दर्द तो होता मगर इस से ज्यादा उसे मजा आता। खैर मन भर कर चुचियों को चूस लेने के बाद छोटी अपना मुह अपनी दीदी की चुचियों से अलग करते हुए बोलती है

छोटी: (मस्त होकर) मजा आगया दीदी कसम से इतनी मस्त चुचियाँ है आपकी मन करता है बस मुह मे डाल कर चूसती रहु ।

रानी: मन भर गया तेरा मेरी चुचियों को पी कर और पीना होतो पी ले फिर जल्दी ना मिलेंगी ये। अगर और भी कुछ देखना हो या चूसना हो तो बता दे?

छोटी: बस दीदी मन भर गया अब। चलो जल्दी करो अपना साया उतारो आपको बस एक बार पूरी नंगी देख लू ।

रानी छोटी की इस बात पर हस्ती है और अपने पेटिकोट के नाड़े को खिच कर खोल देती है जिस पल नाडा खूला उसी पल साया सर सराता हुआ नीचे गिर गया। अपने पैरो से साया को बगल करते हुए बोलती है

रानी: ले देख ले जो जो देखना है तेरे सामने पूरी नंगी हू ।

छोटी कुछ नही बोलती बस अपनी नंगी खड़ी दीदी को देखती रहती है और कुछ देर बाद बोलती है

छोटी: कसम से दीदी बहुत गदराइ माल हो आप। जीजा जी बहुत खुशनसीब है जो आप उनको मिल रही हो । मुझे तो पक्का लगता है जीजा जी आपको दिन भर चोदते ही फिरेंगे ( और हसने लगती है) उस घर मे सायद ही आप जैसी कोई औरते होगी। देख लेना उस घर की औरते आप से जलेंगी, आपके इस शरीर से जलेंगी ।

रानी: हट पागल!

छोटी फिर कुछ नही बोलती बस अपनी दीदी के टाँगो के बीच मे देखने लगती है । रानी छोटी को अपने टाँगो के बीच मे देखते हुए बोलती है

रानी: क्या देख रही है?

छोटी: यही की आप की झाँटे कितनी प्यारी है (झांटो मे हाथ फेरते हुए) ।

रानी: ( आह्ह्) इतनी पसंद है तेरे को मेरी झाँटे ।

छोटी: ( कुछ नही बोलती बस अपना हाथ अपनी नंगी दीदी की चूत पे रख कर चूत को सहलाने लगती है)

छोटी के इस हमले से रानी के मुह से आह्ह् निकल जाती है और आँखे बंद करके रानी भी मजे लेने लगती है । कुछ देर चूत को सहलाने के बाद छोटी बोलती है

छोटी: मजा आया दीदी?

रानी: हा रे ।

छोटी: सोचो दीदी इसमे इतना मजा आ रहा है तो जब चुदोगी तो कितना मजा आयेगा । हाये दीदी .. .

रानी: जिन्ता मत कर मेरी बिट्टो तेरी शादी मै बहुत जल्दी करवा दूंगी फिर तू भी खूब मजे लेना।

छोटी: (चिड़ाते हुए) बड़ी आई शादी कराने वाली ।

रानी को बड़ी हसी आती है छोटी की इस बात पे ।

छोटी: दीदी अपनी बड़ी गांड दिखाओ ना ।

रानी छोटी की बात मानते हुए पीछे घूम जाती है। क्या गांड थी रानी की वाह मुह मे पानी आगया। जो भी रानी की बड़ी और भरीभरकम गांड को देखता उसका दीवाना हो जाता और यही हाल रानी की बहन छोटी का भी था हालाँकि वो थी तो लड़की ही मगर अपनी दीदी के बड़ी गांड की दिवानी थी। रानी अपनी दीदी की बड़ी और गोल गांड पे हाथ रख कर उसको सहलाने लगती है

छोटी: वाह्ह दीदी क्या चूतड़ है आपके, क्या गांड मिली है आपको। मन करता है बस इन्हे दबाती रहू ।

रानी: तेरी भी तो गांड बड़ी प्यारी है।

छोटी: पर आप जैसी कहा है ।

कुछ देर गांड को सहलाने और मसलने के बाद छोटी अपनी दीदी से बोलती है

छोटी: दीदी एक आख़िरी बार आपकी गांड को लाल करने दोना ।

रानी: दर्द होता है रे ना कर न ।

छोटी: मान जाओ न दीदी बस एक आखिरी बार ।

रानी: तू बहुत ज़िद्दी होतीं जा रही है।

रानी छोटी को मायूस होते देख बोलती है. .

रानी: अच्छा ठीक है पर ज्यादा नही दर्द होता है ।

छोटी: (खुशी से) बस गीनके पंच बार ।

रानी मिट्टी की दीवाल से टिक कर नीचे झुक जाती है और छोटी अपने हाथों पे अपना थूक गिराती है और उसे अच्छे से पूरे हाथों मे मिलाती है और अपना हाथ पीछे करके तेजी से अपनी दीदी की बड़ी सी गांड पे दे मारती है.

...चट्ट.... .....आह्ह्.....

जिस पल रानी के गांड पे छोटी का हाथ पड़ा उसी पल रानी उछल पड़ी ।

रानी: धीरे मार कुतिया.. दर्द होता है।

छोटी कुछ नही बोलती बस तुरंत अपने नंगी दीदी के गांड पे एक और हाथ दे मारती है और फिर बिना रुक..

...चट्ट.... .....आह्ह्.....

...चट्ट.... .....आह्ह्.....

...चट्ट.... .....आह्ह्.....

...चट्ट.... .....आह्ह्.....

जितनी बार गांड पे हाथ पढ़ते उतनी बार रानी के मुह से सिर्फ और सिर्फ हल्की सी दर्द भरी चीख के साथ आह्ह् निकलती ,मगर छोटी को इससे कोई फर्क नही पड़ता, रानी के मुह से जितनी आह्ह् निकलती छोटी उतना ही तेजी से अपनी नंगी दीदी की बड़ी सी गांड पे मारती। पर कहीं न कहीं रानी को भी इसमें मजा आ रहा था ।रानी के गांड पांच बार मे ही इतनी लाल होगयी थी क्या कहना। जितनी बार छोटी का हाथ रानी के गांड पे पड़ता उतनी बार गांड इस तरह हिलती मानो गांड मे लहर दौड़ रही हो।

इस क्रिया को करने के बाद छोटी मस्त होकर अपनी दीदी से बोलती है

छोटी: (संतुष्टि का भाव लेकर) मजा आगया दीदी ....हाय क्या गांड है आपकी ।

रानी: इतना तेज कौन मरता कुतिया.....साली रंडी ( झूठा गुस्सा और नाराज होते हुए) कितना दर्द हो रहा था....पूरी गांड लाल करदी ।

छोटी: झूठ ना बोलो दीदी मुझे पता है की कितना दर्द हो रहा था और कितना मजा आराहा था ।

रानी: (हल्का का मुस्कुराते हुए) अच्छा तुझे बड़ा पता है ।

दोनो बहनो मे बाते हो रही थी तभी काकी की आवाज़ आती है ।

काकी: अरे लड़कियों तैयार हुई की नही.... की रंडीपना कररही हो?

दोनो बहने इस आवाज़ से डर जाती है उनको लगता है काकी ने उनकी सारी हरकतो और बातों को देख और सून लिया । खैर जिन्ता करने की कोई बात नही थी क्युकी काकी ने न ही तो बात सुनी थी और न ही कुछ भी देखा था । काकी की बात का जवाब देने के लिए छोटी बोलती है..

छोटी: हो रहे है काकी बस दस मिंट और ।

काकी इस बात की कोई पर्तिक्रिया नही देती है। दोनो बहने जो की अपने रासलीला मे वेस्त थी वो अब तैयार होने मे लग जाती है। काकी की दी हुई साड़ी को पहनने लगती है और और कुछ ही देर मे तैयार हो जाती है ।

काकी की दी हुई इस लाल साड़ी को पहनने के बाद रानी और भी सुंदर ,प्यारी और बहुत ही खूबसूरत लगने लगती है। रानी थी तो काली (सावली) मगर उसकी बनावट बहुत ही सुंदर और बहुत ही आकर्षक थी । ये कहना गलत ना होगा की रानी के कपड़े रानी के बदन को बड़ी मुश्किल से ढक पाते थे क्युकी उसका शरीर बहुत भरा और बहुत गद्राया हुआ था । कहीं न कहीं एक कारण ये भी था की उसको कपड़े ही नाप के नही मिलते थे काकी के फटे पुराने कपड़े उसको छोटे और कसे पड़ते थे क्युकी काकी का बदन रानी के अंतर मे कमथा

तैयार होने के बाद रानी बोलती है..

रानी: कैसी लग रही हु मै छोटी?

छोटी: ( अपनी दीदी की नजर उतारते हुए) किसी की भी नजर ना लगे आपको। बहुत सुंदर लग रही हो दीदी बस एक चीज की कमी है और वो ये (रानी के माथे पर बिंदी लगते हुए) पूरी होगयी।

रानी: (अपने माथे पे लगी बिंदी को छुते हुए बोलती है) अरे ये कहा से लाई?

छोटी: अरे दीदी वो कल शाम को जब काकी हगने गई थी न तब उनके कमरे से चुपके से निकाल लाई थी। आपकी शादी होने जा रही है और माथे पे बिंदी न हो तो अच्छा नही लगता न। अब आप पूरी दुल्हन लग रही हो।

रानी छोटी को बड़े प्यार से देख रही थी और सोच रही थी की आज अपनी इस प्यारी बहन को छोड़ कर चली जायेगी। रानी के आँखो मे आँशू आ जाते है और छोटी को कस के गले लगा लेती है। छोटी थी तो बहुत हिम्मती, दुख उसे भी था अपनी दीदी के चले जाने का मगर वो अपनी दीदी को रुलाना नही चाहती थी वो जानती थी की अगर वो रोई तो उसकी दीदी भी जरूर रो देगी। पर न जाने क्यु रानी के गले लगते ही छोटी के आँखो से आँशु फूट पड़े और दोनो बहने एक दूसरे को पकड़के रोने लगी । कुछ देर रोने के बाद छोटी अपनी दीदी से अलग होती है और जल्दी से अपनी आँखो को पोछती हुए बोलती है

छोटी: आप एक नंबर की पागल हो दीदी आज के दिन कोई रोता है भला। कुछ आँशु अपने सुहागरात के लिए बचा कर रखोगी की नही ।

छोटी की इस बात पर रानी अपनी आँखो को पोछते हुए हसने लगती है और फिर बोलती है

रानी: (छोटी का चेहरा अपने हाथों मे लेकर) तू है न हम सबको हसाने के लिए ।

छोटी इस मौके को कैसे छोड़ सकती थी अपने दीदी के गालों को प्यार से चुम लेती है और बोलती है

छोटी: चलो अब दीदी नही तो काकी अजायेंगी ।

और दोनो बहने रानी के फटे पुराने कपड़ो को एक फटे रुमाल मे बांधती है और काकी के कमरे मे जाती है

काकी चारपाई पर लेती थी और उनकी आँखे बंद थी। रानी आगे जा कर काकी के पैरों को गोडे गिरती है। अपने पैरों पे किसी के हाथ का एहसास पाते ही काकी की आँखे खुल जाती है और अपने चहरे को उठा के देखती है तो रानी को अपने पैरों के पास खडा पति है। काकी जो हमेसा रानी से जलती थी आज रानी के चले जाने का उसे भी दुख है । काकी चरपाई पर उठ कर बैठ जाती है और बोलती है

काकी: खुश रहो । छोटी, गाँव की पुरानी मंदिर मे तेरे काका और वो लोग इंतज़ार कर रहे है ।

काकी इतना बोल कर वापिस चारपाई पे लेट जाती है और दोनो बहने घर से बाहर निकलती है। निकलते ही रानी काका काकी के इस घर को देखने लगती है उसके दिमाक मे बचपन से लेकरके अभी तक की सारी यादें एक पल मे आ जाती है की कैसा उसका बचपन यहा बिता ,कैसे वो अपनी बहनो के साथ यहा रहती थी। रानी को इस घर को छोड़ कर जाने मे बहुत तकलीफ हो रही थी मगर उसे जाना ही था। और दोनो बहने पुराने मंदिर के ओर चल देती है ।

रास्ते मे चलते हुए रानी सोच रही थी की अभी कुछ देर मे वो इस गाव को छोड़ कर दूसरे गाव मे चली जायेगी। रानी को लाहाति गाव बहुत पसंद था वो ये सोच रही थी की उसके ससुराल का गाव भी क्या इतना ही सुंदर होगा की नही। दोनो बहने बात करते हुए गाव के पुराने मंदिर के पास पहुँच जाती है।

मंदिर के पास पहुँचते ही रानी अपने मुह को अपने पल्लू से ढक लेती है। मंदिर मे सिर्फ रानी का होने वाला पति (राजू) , राजू के पिताजी (कमलेश), एक पंडित जी और रानी और छोटी का काका(रतन लाल) थे। राजू के चहरे पर सहरा लगा था जिससे उसका मुह ढका था, हो सकता है इसका कारण राजू के घर का रिवाज हो, की लड़का और लड़की एक दूसरे को शादी के बाद ही देख सकते है। खैर ये तो तै हो गया की अभी तक राजू को रानी के परिवार मे कोई भी नही देखा था।

मंदिर मे पहुँच कर छोटी पंडित जी को प्रणाम करके रानी को राजू के बगल मे बैठा देती है और फिर राजू के पिता (कमलेश) को पैर छु कर प्रणाम करती है और अपनी दीदी और होने वाले जीजा जी के पीछे खड़ी हो जाती है। राजू के पिता जी पंडित जी से बोलते है

कमलेश: पंडित जी अब देरी न करिये। जल्दी से शादी करा दीजिये ।

फिर क्या पंडित जी चालू होगये ।

पूरे मंदिर मे दो लोग इस शादी के होने से उदास थे एक तो था अपना राजू और दूसरे थे रतन लाल। राजू इस शादी को नही करना चाहता था वो ये शादी सिर्फ और सिर्फ अपनी माँ के लिए कर रहा था । और वही रतन लाल इस लिए दुखी था की रानी आज चली जायेगी, रानी ही थी जो रतन लाल की आँखो को ठंडा करती थी कहने का मतलब पूरे गाँव मे एक रानी ही थी जिसे देख कर रतन लाल अपनी आँखे सेक्ता था ।

खैर पंडित जी मंत्रो को जल्दी जल्दी पढ़ कर शादी को पूरी करा दिये और राजू के पिता जी (कमलेश) राजू और रानी को लेकर अपने गाँव बिलासपुर के लिए रवाना हो गये ।

************************************************


क्या राजू रानी को अपनी पत्नी मनेगा? क्या उससे प्यार करेगा? क्या उसे पति का सुख देगा या नही?

आगे जानने के लिए मेरे साथ जुड़े रहे और पढ़ते रहे इस कहानी को।

मुझे स्पोर्ट करिये कहानी को like👍 , comments करिये और मजे लेकर कहानी को पढ़ते रहिये😘😘

आप सभी का बहुत बहुत ध्यनवाद मेरी इस कहानी को पढ़ने और प्यार देने के लिए ❤
nice update..!!
rani aur chhoti ne jo harkate ki woh badi majedar thi..dono behne ek dusre ki dost bhi hai..ab dono ko juda hona pad raha hai..rani aur chhoti ko pata hi nahi hai ki rani ka sasural kaisa hai..chhoti bol rahi hai ki raju ke ghar ki aurte rani par jalengi lekin ghar me sirf raju ki maa hi hai jo khud hi apni bahu ko beti ki tarah rakhegi..raju bhale hi beman se abhi shaadi kar raha ho lekin woh jarur rani ko dekhkar aur rani ke achhese swabhav ko jankar usse jarur pyaar karne lagega aur rani ko itna pyaar dega ki woh apne purane dukh bhul kar raju ke sath sukhi rahegi..rani hosakta hai baad me raju kehkar chhoti ko bhi apne sath lekar aaye..kya pata aage chalkar chhoti ki shaadi bhi raju se hojaye aur dono behne ek sath rahe..abhi tak toh humne bas rani aur chhoti ki life hi jani hai lekin ab raju jo kahani ka nayak hai uske bare me janane ko milega..raju bhi ek achha noujawan malum hota hai kyunki uske maa baap ne uspar achhe sanskar kiye huye hai..!! abhi toh rani ke kaka aur kaki ne raju ko dekha hi nahi..usko dekhenge tab rani se bahot jalenge..!!
 
Last edited:

Napster

Well-Known Member
4,779
13,245
158
बहुत ही सुंदर लाजवाब और मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
Top