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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

Ajju Landwalia

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अचानक मेरी गीली चूत पर मुझे कुछ गर्म एहसास हुआ
ये बिनोद का काला लॅंड था जो अभी तक पेंट से बाहर निकल कर खड़ा हुआ था
मुझे गोद मे उठाने की वजह से उसका लॅंड सीधा मेरी चूत के इर्द गिर्द घूम रहा था
फिर उसने मेरे छेद को आख़िरकार ढूँढ ही लिया
एक पल के लिए वो रुक सा गया
हमारे दरमियाँ सिर्फ़ साँसों की आवाज़ आ रही थी
फिर उसके चेहरे के भाव अचानक बदलने लगे
आश्चर्य के कारण

क्योंकि मैने अपनी चूत के दरवाजे पर खड़े उसके लॅंड को अंदर निगलना शुरू कर दिया था
मैं अपना भार थोड़ा नीचे की तरफ करके उसके खड़े लॅंड पर फिसलने लगी
जैसे-2 वो लॅंड अंदर जा रहा था, मेरे होंठ ओ की मुद्रा में खुलने लगे
एक मीठे दर्द का एहसास फिर से मेरे पूरे शरीर में होने लगा
जितना दर्द पहली बार चुदाई में हुआ था, वैसा तो नही हुआ
पर हुआ ज़रूर

अब तो एक्सपीरियन्स हो चुका था मुझे
मैने सोचा भी नही था की ऐसे सुबह-2 स्कूल पहुँचते ही मैं बिनोद से इस तरह से चुदवा रही होऊंगी
पर जो भी था
इसमे एक अलग ही रोमांच और मज़ा मिल रहा था मुझे इस वक़्त

अब तक बिनोद समझ चूका था की लड़की पहले लॅंड ले चुकी है
बस इतना मोटा नही लिया है
इसलिए वो भी बड़े आराम -2 से अपने लॅंड को मेरी चूत में पिरोने लगा

मेरी साँसे उखड़ने को हो गयी जब उसका आधे से ज़्यादा लॅंड मेरे अंदर पहुँच गया
एक इंच और डालता तो सर का मुकाबला कर लेता पर उसके बाद भी करीब 3 इंच और था,
इसलिए मुझे अब डर भी लग रहा था की कहीं मेरी चूत से दोबारा खून ना निकालने लगे
ना बाबा ना
सुबह -2 इस झमेले में नही पड़ना था मुझे
इसलिए मैने अनमने मन से बिनोद को वहीं रुकने को कहा और एक झटके से अपने शरीर को पीछे करके उसके लॅंड को बाहर निकाल दिया
और नीचे उतर गयी

बेचारे का मुँह देखने लायक था
जैसे किसी जानवर के मुँह से माँस खींच लिया हो वापिस
पर वो कर भी क्या सकता था
मैं बोली : “देखो बिनोद, सब कुछ आराम से और सलीके से होना चाहिए, ये जगह इसके लिए सही नही है….इसलिए अभी नही…”

बेचारा क्या बोलता
इतना भी मिल गया था उसे, ये भी उसके लिए काफ़ी था
पर वो कहते है ना की शेर के मुँह पर खून लग जाए तो उसे शिकार किए बिना चैन नही मिलता

इसलिए उसने वो मज़ा दूसरे तरीके से लेने की सोची
और मेरी एक टाँग को उठा कर उसने अपने कंधे पर रखा और मेरे सामने पंजो के बल बैठ कर मेरी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा
मेरी चीख गूँज गयी उस बाथरूम में
“आआआआआआअहह……..बिनोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड……..नाआआआआआआआआआअ……..न्न्लिएनननणणन्…..उम्म्म्मममममममममममममम”

[/url
]


बाकी की चीख मेरे मुँह में घुट कर रह गयी
क्योंकि मेरी पूरी की पूरी चूत को उसने अपने मुँह में भर कर पान की तरह चबाना शुरू कर दिया था
उसने दाँत मेरी चूत के होंठो की मसाज कर रहे थे
चुभन पैदा करके मुझे सिसकने पर विवश कर रहे थे
धीरे-2 उसने मेरी दूसरी टाँग भी अपने दूसरे कंधे पर रख ली
अब मैं दीवार पर अपनी पीठ टिकाए, उसके सिर को पकड़े, अपनी गांड हवा में लटकाए उससे अपनी चूत चुस्वा रही थी

[url=https://www.uploadhouse.com/viewfile.php?id=30959168&showlnk=0][/url]

बड़ा ही कामुक दृश्ये था वो
रोमांच भी महसूस हो रहा था काफ़ी
अभी जिस चूत में उसका लॅंड था, वहां उसकी जीभ घूम रही थी
ये एहसास सही था
भले ही बिनोद की जीभ भी लम्बी थी
पर उसके लॅंड जितनी नही
ये मज़ा भी दे रही थी

जैसे कोई छोटी सी मछली पानी से निकाल कर मेरी चूत के अंदर छोड़ दी गयी हो
ऐसे मचल रही थी उसकी जीभ मेरे अंदर
अपने बलिष्ट शरीर का परिचय देते हुए वो धीरे-2 उपर की तरफ खड़ा होने लगा
उसके साथ-2 मेरा शरीर भी उपर हवा में उठने लगा
और आख़िर मे जब वो पूरा खड़ा हो गया तो मेरा आधा शरीर क्यूबिकल में था और आधा बाहर
मुझे कोई बाहर से भी देख सकता था

पर इस वक़्त तो दूर -2 तक कोई नही था
सब प्रेयर में थे
जो अब लगभग ख़त्म होने वाली थी
अब वो घूमकर दीवार से जा लगा ताकि मैं अपने सामने हाथ करके डिवाईडर पर हाथ रखकर उसे पकड़ सकूं
ये एंगल सही था
अब मैं डिवाईडर पर हाथ रखकर अपनी चूत को उसके मुँह पर अच्छे से घिस्स पा रही थी
मज़े की बात ये थी की मेरे बूब्स अभी तक बाहर लटक रहे थे
मैं लगभग नंगी ही थी इस वक़्त
उपर से भी और नीचे से भी
अब मेरे अंदर की आग बारूद बनकर फटने को तैयार थी
और वो फटी भी

[url=https://www.uploadhouse.com/viewfile.php?id=30959165&showlnk=0]

एक जोरदार आवाज़ के साथ मेरी चूत से भरभराकर ढेर सारा पानी निकल कर बिनोद के चेहरे को भिगोने लगा
ऐसा लग रहा था जैसे मैने उसके चेहरे पर बियर की बॉटल खोल दी हो
वही नशीला सा एहसास
रसीलापन, झागपन
मेरे रस की एक-2 बूंस नशा बनकर उसके चेहरे को भिगो रही थी
और मुझे फिर उसके कराहने की आवाज़ भी सुनाई दी
मैने नीचे चेहरा करके देखा तो वो भी अपना लॅंड रगड़ने में लगा हुआ था
जाने कब से
और मेरे देखते -2 उसके लॅंड से ढेर सारा रस निकल कर सामने की दीवार को रंगने लगा
इतनी गाड़ी मलाई तो सुधीर सर की भी नही थी
काश मैं इसे टेस्ट कर पाती

साले ने बेकार में सारा माल दीवार पर फेंक दिया
मुझे ही पीला देता
खैर
अब तो कुछ हो नही सकता था
जब सब शांत हो गया तो उसने धीरे से मुझे नीचे उतरा
बाहर भी प्रेयर की आवाज़ बंद हो चुकी थी
कुछ ही देर में यहाँ फिर से भीड़ लगने वाली थी

इसलिए मैने जल्दी से अपने कपड़े सही किए
बाहर जाकर अपने बाल बनाए और लगभग भागती हुई सी अपनी क्लास की तरफ चल दी
ये भी नही देखा की बाद में बिनोद कब निकला , कहाँ गया
मुझे बस चिंता थी की कोई हमें एक साथ वहां ना देख ले
पर मेरी चालाकी कुछ काम नही आई
सुधीर सर ने मुझे दूर से ही बाहर निकलते हुए देख लिया था
और बाद मे बिनोद को भी
अब मेरी शामत आने वाली थी

Gazab ki update he Ashokafun30 Bhai,

Binod ki to lottery lag gayi..................lekin use sudhir sir ne bhi dekh liya..........aage kya hoga ab..............

Keep posting Bhai
 

Ashokafun30

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Gazab ki update he Ashokafun30 Bhai,

Binod ki to lottery lag gayi..................lekin use sudhir sir ne bhi dekh liya..........aage kya hoga ab..............

Keep posting Bhai
wo bhi jald pata chalega
keep reading
 
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किसी फाॅरविडेन कार्य को करते वक्त पहली बार ही झिझक होती है और पहली बार ही भय भी महसूस होता है ।
एक बार क्या यह दीवार टूटी तो फिर इंसान के हौंसले बढ़ जाते है । वो खुद को अत्यंत ही सक्षम समझने लगता है । और इंसान अगर कई बार लक्ष्मण रेखा पार कर जाए , बार-बार मर्यादा की दीवार लाँघने शुरू कर दे तो फिर इंसान स्वयं को ही विधाता मानने लगता है । ताकतवर समझने लगता है । बुद्धि की श्रेणी मे प्रज्ञा मानने लगता है।
हमारी अनु डार्लिंग ने भी एक नही , दो नही बल्कि कई मर्यादा की दीवारें लांघ चुकी है । इसी कड़ी मे एक नाम विनोद का था । विनोद ने उन्हें सुबह सुबह ही जन्नत के तारों का दर्शन करा दिया । लेकिन उनका दुर्भाग्य कि यह सब सुधीर सर की नजरों से छुपा न रह सका ।
देखते है इसका असर उनके लाइफ पर क्या पड़ता है !

लेकिन विनोद ने अपनी जिस पुत्री को सेक्सुअली फैंटेसी कर अनु के साथ फाॅरप्ले सेक्स किया था , वो कहां है ?

बहुत ही बेहतरीन अपडेट अशोक भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड हाॅट अपडेट।
 

Ashokafun30

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किसी फाॅरविडेन कार्य को करते वक्त पहली बार ही झिझक होती है और पहली बार ही भय भी महसूस होता है ।
एक बार क्या यह दीवार टूटी तो फिर इंसान के हौंसले बढ़ जाते है । वो खुद को अत्यंत ही सक्षम समझने लगता है । और इंसान अगर कई बार लक्ष्मण रेखा पार कर जाए , बार-बार मर्यादा की दीवार लाँघने शुरू कर दे तो फिर इंसान स्वयं को ही विधाता मानने लगता है । ताकतवर समझने लगता है । बुद्धि की श्रेणी मे प्रज्ञा मानने लगता है।
हमारी अनु डार्लिंग ने भी एक नही , दो नही बल्कि कई मर्यादा की दीवारें लांघ चुकी है । इसी कड़ी मे एक नाम विनोद का था । विनोद ने उन्हें सुबह सुबह ही जन्नत के तारों का दर्शन करा दिया । लेकिन उनका दुर्भाग्य कि यह सब सुधीर सर की नजरों से छुपा न रह सका ।
देखते है इसका असर उनके लाइफ पर क्या पड़ता है !

लेकिन विनोद ने अपनी जिस पुत्री को सेक्सुअली फैंटेसी कर अनु के साथ फाॅरप्ले सेक्स किया था , वो कहां है ?

बहुत ही बेहतरीन अपडेट अशोक भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड हाॅट अपडेट।
थैंक यू
आपके प्यार भरे शब्दों का दिल से शुक्रिया
आपने सही कहा, ये झिझक की दीवार एक बार टूट जाए तो कोई डर नही रहता, अनु के साथ भी यही हो रहा है, अभी तो बिनोद है, बाद में औरों का भी नंबर आयेगा
बाकी रही बात बिनोद की लड़की की तो आप अगर चाहोगे तो उसे भी ले आयेंगे कहानी में
ऐसे ही एंजॉय करते रहो, अभी तो बहुत कुछ बाकी है
 

Rudra chawla

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भाई कहानी में gif और xxx फोटो लगाओ कहानी के हिसाब से कहानी अच्छी लगेगी
 
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Ashokafun30

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भाई कहानी में gif और xxx फोटो लगाओ कहानी के हिसाब से कहानी अच्छी लगेगी
gif aur pics daali thi par wo apne aap hat gayi last update me....:headache3:
 
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Siraj Patel

The name is enough
Staff member
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).


"Chance to win cash prize up to Rs 8000"
Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 15th February ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 5th March 2024 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 4000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-UP 750 Rupees + 1000 Likes
Best Supporting Reader 750 Rupees + Award + 1000 Likes
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 
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Ashokafun30

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अब तो कुछ हो नही सकता था
जब सब शांत हो गया तो उसने धीरे से मुझे नीचे उतरा
बाहर भी प्रेयर की आवाज़ बंद हो चुकी थी
कुछ ही देर में यहाँ फिर से भीड़ लगने वाली थी


इसलिए मैने जल्दी से अपने कपड़े सही किए
बाहर जाकर अपने बाल बनाए और लगभग भागती हुई सी अपनी क्लास की तरफ चल दी
ये भी नही देखा की बाद में बिनोद कब निकला , कहाँ गया
मुझे बस चिंता थी की कोई हमें एक साथ वहां ना देख ले
पर मेरी चालाकी कुछ काम नही आई
सुधीर सर ने मुझे दूर से ही बाहर निकलते हुए देख लिया था
और बाद मे बिनोद को भी
अब मेरी शामत आने वाली

अब आगे
-----------
सुधीर सर की तो झांटे सुलग कर रह गयी वो नजारा देखकर
पहले तो उन्हें लगा की प्रेयर में अनु नहीं आयी है शायद क्लास में बैठ गयी होगी
उन्हें फ़िक्र हो रही थी की कहीं उनके जंगलीपन वाली चुदाई ने उस फूल सी बच्ची की चूत ना सुजा दी हो जिसकी वजह से वो बहार नहीं आ पायी
पर यहाँ तो नजारा ही कुछ और था

वैसे जो वो देख रहे थे शायद वो उनका वहम भी हो सकता था
पर उन दोनों की तेज चाल देखकर साफ़ पता चल रहा था की दोनों के मन में चोर है

पहला पीरियड उन्ही का था इसलिए वो सीधा उसकी क्लास में पहुँच गए
दोनों की नजरें मिली तो वो मुस्कुरा दी
उसके चेहरे को देखकर पता ही नहीं चल रहा था की वो चालाकी दिखा रही है या सच में वो मासूम है
खैर
उन्होंने ठान लिया की दोपहर को घर जाते हुए वो अनु से सब उगलवा लेंगे
उधर क्लास में एक बार फिर से अपनी सहेली को देखकर उसकी सहेली निशा काफी खुश थी
पूरे 4 दिन बाद वो स्कूल आयी थी

वो उससे सब सवाल जवाब पूछने लगी की इन चार दिनों में उसने क्या किया
वैसे तो अनु का मन कर रहा था की वो उसे सब बता दे
पर सुधीर सर की बात उसे याद आ गयी की अभी स्कूल में किसी को भी ये बात पता ना चले

पर निशा के पास बताने के लिए बहुत कुछ था
उसने बताया की किस तरह उसने पिछले दो दिनों में अपने बाय्फ्रेंड संजू के साथ मस्ती की
एक बार तो उसने संजू को स्कूल में ही बुला लिया था और उसके साथ उसी पेड़ के नीचे चुदाई की जहाँ उसने बिनोद के साथ मज़े लिए थे
बिनोद का नाम आते ही अनु की चूत एक बार फिर से रिसने लगी

हालाँकि अभी कुछ देर पहले सुधीर सर को देखकर भी उसका मन कर रहा था की काश वो इसी वक़्त उसे पूरी क्लास के सामने किस्स कर ले तो क्या होगा



वो उनका लॅंड चूसने बैठ जाएगी सब के सामने
अपने पूरे कपड़े निकाल कर उसी बेंच पर टांगे फेला कर लेट जाएगी जिसपर इस वक़्त वो निशा के साथ बैठी थी
और पूरी क्लास उसकी और सुधीर सर की चुदाई देखेगी

उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
क्या हसीन खुली आँखो से देखा सपना था ये
काश ऐसा हो पाए किसी दिन
पर अभी तो उसकी सुई बिनोद की तरफ अटकी हुई थी
उसका आधा लॅंड अपनी पुस्सी में लेकर वो उसकी मोटाई और उससे मिलने वाले मज़े के बारे में तो जान ही चुकी थी
अब उसे अंदर लेने के बाद ही उसका असली मज़ा महसूस होगा

पर ये स्कूल शायद उसकी पहली चुदाई के लिए सही जगह नही है
उसे किसी और जगह का इंतज़ाम करना पड़ेगा
इसी उधेड़बुन में सारी क्लासेस निकल गयी

लास्ट पीरियड के बाद जब वो क्लास से बाहर निकली तो सुधीर सर को पहले से ही बाहर खड़े पाया
उसने देखा की उनके ठीक पीछे बिनोद भी खड़ा है
शायद वो उसे स्कूल के पिछले हिस्से में ले जाने के लिए खड़ा था
पर सुधीर सर के होते हुए वो उसके साथ कैसे जा सकती थी
जा तो क्या, उसके साथ बात भी करेगी तो उन्हें शक हो जायेगा

पर वो भी किसी से कम नही थी
उसने ठान लिया था की उसे जो करना है वो करना ही है
उसकी चुदाई के बीच सुधीर सर तो क्या उसकी माँ भी नही आ सकती

सुधीर सर ने उसे साथ चलने के लिए बोला तो उसने कहा की आज वो निशा के साथ जाएगी
उसका आज बर्थडे है और वो उसे पार्टी दे रही है
एक मिनट के लिए तो सुधीर सर की सुलग कर रह गयी
क्योंकि अंदर ही अंदर उन्हे पता था की ये ज़रूर उनसे झूठ बोल रही है
पर वो बेचारे कुछ कर भी नही सकते थे
स्कूल का मामला जो था

सभी के सामने वो उसके बाप बनकर उसपर हुक्म तो चला नही सकते थे
थोड़ी देर में निशा भी बाहर आई और अनु उसका हाथ पकड़ कर बाहर चल दी
अभी तक निशा को उसके प्लान के बारे में कुछ भी पता नही था
अनु ने चलते -2 उसे दबी ज़ुबान में सारी स्टोरी समझाई और दोनो बाहर निकल कर एक रिक्शे में बैठ कर निशा के घर की तरफ चल दिए

बिनोद बेचारे का लॅंड सिकुड कर रह गया ये देखकर
बेचारा अनमना सा होकर स्कूल के क्लासरूम चेक करके उन्हें एक-2 करके बंद करने लगा
सारा काम निपटा कर वो मंसूर के पास आकर बैठ गया
सुधीर सर भी अपनी गाड़ी लेकर निकल चुके थे
अब सिर्फ़ वो दोनो ही थे स्कूल में

मंसूर : “क्या हुआ , आज कहाँ गयी वो तेरी मुर्गी, मेरा नाम सुनकर उड़ तो नही गयी”

उसने अपने पान वाले दाँत निपोरते हुए कहा
एक तो पहले से ही अनु के चले जाने से उसका दिमाग़ खराब हो रखा था उपर से मंसूर की बातें उसे और गुस्सा दिला रही थी
पर वो कुछ बोला नही क्योंकि मंसूर उसके राज के बारे में जानता था

वो बाते कर ही रहे थे की तभी बिनोद को अनु का रिक्शा फिर से वापिस आता हुआ दिखाई दिया
निशा भी उसमे बैठी थी
उसकी तो बाँछे ही खिल गयी
वो समझ गया की सुधीर सर को चकमा देने के लिए उन दोनो ने ये प्लान बनाया था
उनके स्कूल के बाहर रुकते ही बिनोद उनके करीब जा पहुँचा

अनु : “बिनोद….यहाँ स्कूल में कुछ भी करना ख़तरनाक होगा और पूरा मज़ा भी नहीं आएगा, कोई और जगह है क्या जहाँ हमें कोई डिस्टर्ब ना करे और रिलैक्स होकर एन्जॉय भी कर सके ..”

वो बेचारा अपनी आँखे फाड़े कभी उसे तो कभी निशा को देखे जा रहा था
उसे तो विश्वास ही नही हो रहा था की अनु उसके साथ किसी ऐसी जगह पर चलने को तैयार है जहाँ वो खुल कर चुदाई कर सके
और रिलैक्स होने से उसका मतलब शायद बेड से था जिसपर लेटकर वो चुदना चाहती थी

उसका एक मन तो करा की किसी ओयो होटल में ले जाए उसे
पर स्कूल की बच्ची को किसी चपड़ासी के साथ देखकर उसे कोई कमरा देगा ही नही

उसे अपने घर भी नही ले जा सकता क्योंकि उसकी बीबी और बच्चे घर पर थे
तभी उसे मंसूर का ध्यान आया और एक प्लान भी

क्योंकि मंसूर भी अनु के साथ मज़े लेना चाहता था
मंसूर दूसरे शहर का था और उसके बीबी बच्चे भी वहीं रहते थे
उसने यहाँ एक घर किराए पर ले रखा था जो स्कूल के पास ही था
और उसकी एंट्री भी एकांत में थी
कोई आते – जाते देख नही सकता था उन्हें

उसका कमरा लिया तो एहसान के बदले शायद अनु उसके साथ मज़े लेने के लिए भी तैयार हो जाए
पर इस निशा का क्या करे
वो अभी तक क्यो चिपकी हुई है अनु के साथ
खैर, उसे क्या, वो जल्दी से मंसूर के पास गया और उसे सारी बात समझाई
एक ही मिनट में दोनो ने एक प्लान बना लिया और मंसूर ने उसे अपने कमरे की चाबी निकाल कर दे दी

निशा ने जब उसे मंसूर के पास जाते देखा तो वो समझ गयी की इस हरामी ने उनके बीच की बातें उस कमीने गार्ड को बता दी है
तभी वो उसे स्कूल मे आते जाते घूर-घूरकर देख रहा था
वैसे तो ऐसे मर्दों के घूरने में उसे आजकल ज़्यादा ही मज़ा आने लगा था

सामने से कोई उसे देखता तो वो छाती चौड़ी करके और बाहर निकाल लेती थी ताकि उसके उभरे हुए निप्पल्स और ज़्यादा बाहर निकल आए
और जब आगे निकल जाती थी तो पीछे से देखने वालो के लिए उसकी चाल में एक अजीब सी मस्ती शामिल हो जाती थी
जैसे दो मटकियां आपस में रगड़ खाती हुई हिलोरे लेते हुए पानी में बहती चली जा रही हो
ताकि देखने वाला उसकी रसीली गांड की थिरकन देखकर अपना लंड मसल सके

मंसूर भी उसके अगाड़े और पिछवाड़े का दीवाना था
हालाँकि उसकी शक्ल अनु को ज़्यादा पसंद नही थी पर उसकी 6 फुट की हाईट और बलिशट शरीर देखकर सॉफ पता चलता था की वो बिस्तर पर पहलवान बनकर क्या धमाल मचाता होगा

पर अभी के लिए तो उसका पहलवान बिनोद था
जिसके मोटे लॅंड को लेने के लिए उसने आज सुधीर सर से झूठ बोलकर ये प्लान बनाया था

बिनोद वापिस आया और उछलकर उस ए रिक्शा में बैठ गया
रास्ते में उसने बताया की उससे रिक़वेस्ट करके उसने उसके घर की चाभी ली है जो पास में ही है
वहां कोई डिस्टर्ब नही करेगा

सवाल तो बहुत आ रहे थे अनु के मान में पर चुदाई के सामने सब दब कर रह गये
कुछ ही समय बाद वो उसके घर के सामने पहुँच गये

वो एक पुरानी कॉलोनी का आख़िरी सिरा था, जहाँ गिनती के 4-5 मकान बने हुए थे
सभी बंद पड़े थे, उनकी हालत काफ़ी जर्जर थी

और इतनी सुनसानियत इसलिए भी थी वहां क्योंकि उसके ठीक पीछे की तरफ रेल की पटरी थी, शायद ट्रेनों की आवाज की वजह से वहां बसावट कम थी

बिनोद तेज़ी से चलता हुआ एक मकान के सामने पहुँचा और उसका ताला खोलकर वो सब अंदर आ गये
अंदर आने से पहले अनु ने चारों तरफ देखा , पर दूर -2 तक उन्हे देखने वाला कोई भी नही था
इस लिहाज से अनु को ये जगह काफ़ी पसंद आई थी

अंदर एक ड्रॉयिंग रूम था और सामने 2 कमरे थे
एक कमरा बंद था और दूसरे में एक बेड लगा हुआ था
मंसूर को देखकर लग नही रहा था की उसका घर इतना सॉफ सुथरा होगा
सब कुछ सलीके से बिछा हुआ था
बेड भी गद्देदार था

अब सिर्फ़ निशा की चिंता हो रही थी बिनोद को
उसने इशारा करके अनु से जब पूछा तो वो बोली
“अब इससे छुपाने वाली क्या बात है, ये सब जानती है की उस दिन इसकी चुदाई करने वाले तुम ही थे”

वो उसे स्कूल के पीछे वाली उस बात की याद दिला रही थी जब उसने निशा की आँखो पर पट्टी बांधकर उसकी चुदाई की थी

अब देखा जाए तो निशा पहले से ही बिनोद से चुदवा चुकी थी और अनु उसका आधा लॅंड अपने अंदर ले चुकी थी
ऐसे में दोनो को एक साथ चोदने का ख़याल भी उसके मन में आया और ऐसा सोचते ही बिनोद के लॅंड में तनाव आना शुरू हो गया

पर अनु बोली : “पर ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नही है, निशा को सिर्फ़ मैं अपनी सैफ्टी के लिए साथ लाई हूँ , ना की इसे हम दोनो के साथ थ्रीसम करवाने के लिए, मुझे जब मज़े लेने है तो पूरे लेने है, नो शेयरिंग”

इतना कहते हुए उसने एक आँख मार दी और अपनी नन्ही सी गांड मटकाती हुई अंदर बेडरूम की तरफ चल दी
निशा वहीँ बाहर सोफे पर बैठ गयी
वहां से बैठकर वो उनकी चुदाई का नज़ारा देखने वाली थी
 
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