- 1,430
- 5,818
- 159
अंदर जाते ही अनु ने अपना बेग साइड की टेबल पर रख दिया और बेड पर पसर गयी
बेड से निकल रही मर्दाना महक उसे मदहोश कर रही थी
मंसूर के बदन की महक उस बिस्तर से आ रही थी
पर अभी तो उसे बिनोद के बदन की महक लेनी थी
जिसके लिए उसकी चूत ना जाने कब से फड़क रही थी
उसने आँखे खोल कर देखा तो उसे बेड के किनारे पर ही खड़े पाया
वो अपनी शर्ट के बटन खोल रहा था
आज उसके जीवन का सबसे रंगीन सपना सच जो होने वाला था
स्कूल की सबसे हसीन लड़की आज उसके सामने अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार पड़ी थी
अनु ने उसका चौड़ा सीना देखा तो उसके अंदर की आग और भड़क उठी
उसने जल्दी से अपनी स्कर्ट को नीचे किया और अपनी पेंटी भी नीचे करके ज़मीन पर गिरा दिया
उसकी गर्म पानी उगलती चूत अब बिनोद की आँखो के सामने थी
उसके अंदर से भभक कर निकल रही चिकनाई देखकर उसके मुँह में पानी आ गया
वो झट से नीचे ज़मीन पर बैठा और उसकी टांगो को फैला कर अपने होंठ सीधा उस रसीले तालाब पर लगा दिए जिसका पानी पीने के लिए वो काफ़ी देर से तड़प रहा था
अनु ज़ोर से चिल्ला पड़ी
“आआआआआआआआआआआआहह…… ओह बिनोद………………….उम्म्म्ममममममममममममममम”
उसने एक ही पल में अपनी शर्ट के बटन खोलकर उसे भी निकाल फेंका
अब वो उस बेड पर पूरी नंगी थी और उस जंगली से अपनी चूत बड़ी बेदर्दी से चुसवा कर उसका भरपूर मज़ा ले रही थी
बिनोद ने अपने हाथ आगे बढ़ाकर उसके बूब्स को पकड़ लिया और उन्हे निचोड़ने लगा
उसकी मोसम्मियाँ वो ऐसे निचोड़ रहा था जैसे उनमे से अभी जूस निकलेगा और वो ग्लास भरकर उसे पी जायेगा
उनका कार्यकरम देखकर बाहर सोफे पर बैठी निशा का भी बुरा हाल था
काश वो अपने बाय्फ्रेंड संजू को भी यहीं बुला लेती
पर अब क्या हो सकता था
बेचारी के पास अपनी उंगलियो से चूत रगड़ने के सिवा कोई और चारा नही था
अंदर का माहौल धीरे-2 गर्म होने लगा था अब
निशा ने बिनोद के बाल पकड़ कर कुछ देर तक तो उसे अपनी चूत पर बुरी तरह से रगड़ा और फिर उसे उपर खींचकर उसके गीले होंठो को अपनी छातियों पर रगड़वाया
बिनोद तो उसकी कठपुतली बनकर वो जैसा उससे करवा रही थी वही कर रहा था
इतनी टाइट चूत का पानी पीकर उसके जन्मो -2 की प्यास आज बुझ गयी थी
और उसके नर्म बूब्स को चूसकर ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई मालपुवा खा रहा हो
इतना मीठापन था उसके जिस्म में
और फिर अनु ने जब उसे उपर खींचकर अपने रसीले होंठ उसके हवाले किए तो बिनोद तो पागल ही हो गया
कच्ची जवानी से भरी लड़कियों के रसीले होंठ चूसना उसकी फॅंटेसी थी
उसका बस चलता तो स्कूल की हर लड़की के होंठ चूस लेता वो
इतना दीवाना था वो स्मूच का
इस अवस्था में पहुँचकर उसके शरीर का पूरा भार अनु के उपर था
उसने बिनोद को बेड पर धक्का दिया और खुद उपर आ गयी
और उपर आते ही सबसे पहले उसने उसकी पेंट उतारकर उसे भी नीचे से नंगा किया ताकि उसके नंगे शरीर का पूरा मज़ा ले सके
पेंट उतरते ही उसका काला मोटा नाग फुफकारता हुआ सामने प्रकट हो गया
जिसे उसने बड़े प्यार से अपने दोनो हाथों में पकड़ा और उतने ही प्यार से अपनी जीभ निकाल कर उसका राज्यभिषेक किया
उसकी गंध जब उसके नथुनों के पार गयी तो उसपर एक अजीब सा नशा चड़ने लगा
और उसी नशे में डूबकर उसने बिनोद के लॅंड को मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया
हालाँकि वो मुँह में फिट नही हो रहा था पर फिर भी अपने मुँह को जितना हो सकता था उतना खोलकर वो उसे अंदर निगल गयी
कुछ ही देर में वो उसे अंदर तक निगलने में कामयाब हो गयी
आजकल की लड़कियो की यही बात बिनोद को सबसे ज़्यादा पसंद आई थी
की वो चुदाई से पहले लॅंड चूसना पसंद करती है
उसकी बीबी तो लॅंड चूसने के नाम से ही चिढ़ जाती है
और शायद उसी बात का असर था की ऐसी खूबसूरत बीबी होने के बावजूद आज वो इस तरह एक स्कूल की लड़की के साथ मज़े ले रहा था
कुछ ही देर में उसका लॅंड उसने पूरा रंवा कर दिया
अब वो उसकी चूत में जाने के लिए पूरा तैयार था
वो धीरे-2 उपर की तरफ खिसक आई और उसके लॅंड को निशाना बनाकर अपनी चूत पर लगाया
और धीरे-2 उसपर बैठकर अपना भार उसपर गिराने लगी और फिर उसे पूरा अंदर लेने के बाद आगे पीछे होकर उसपर रगड़ लगाकर लंड का भरपूर मजा लेने लगी
यही वो पल था जब बाहर बैठी निशा भी लगभग नंगी हालत में अपनी 4 उंगलिया अंदर ले चुकी थी और आँखे फाड़े अपनी सहेली को पहली बार चुदाई करते हुए देख रही थी
अपनी चूत में तो उसने काफ़ी बार लॅंड लिया था पर किसी और की चुदाई वो आज पहली बार देख रही थी
और ये उसे उत्तेजित भी कर रही थी
तभी तो उसकी चूत से पिचकारियाँ मारकर उसका रस बाहर निकल रहा था
हालाँकि वो अभी झड़ी नही थी पर उसकी चूत से इतना पानी निकल चुका था की उसने सोफा तक गीला कर दिया था
तभी उसकी और बिनोद की नज़रें आपस में मिल गयी
एक पल के लिए तो वो उसे अपने हाथों से अपनी जवानी की खुदाई करते देखकर पसीज ही गया की उसके रहते हुए वो भला ऐसा क्यों कर रही है
पर बेचारा चाहकर भी उसकी मदद नही कर सकता था
क्योंकि उसके चक्कर में उससे भी ज़्यादा गर्म माल उसके हाथ से निकल जाता
उसकी तो वो पहले भी मार ही चूका था और जिस अंदाज से अपनी टांगे फेला कर वो उसे ललचा रही थी इससे सॉफ था की अगली बार के लिए भी वो टांगे ऐसे ही खुली मिलेंगी
इसलिए उसने अपनी पूरी एकाग्रता के साथ अनु की चूत मारते रहने का फ़ैसला किया
अब अनु उसके उपर सवारी करके पूरे लॅंड को अपने अंदर महसूस कर पा रही थी
ये सैक्स भी कितनी अजीब चीज़ है, हर बन्दे के साथ अलग ही अनुभव होता है
रोमांच का, उत्तेजना का और सैक्स से भरपूर चुदाई का
काश वो इस धरती पर मोजूद हर मर्द से चुदाई करवा पाए
ये ख़याल आते ही वो खुद ही बुदबुदा उठी
‘साली रंडी….’
उसकी आवाज़ बिनोद ने भी सुन ली और वो समझा की वो उसे रंडी कहने के लिए बोल रहा है
क्योंकि घर पर अपनी बीबी के साथ चुदाई करते वक़्त भी जब वो ऐसे शब्दों का प्रयोग करता था तो उसकी बीबी काफ़ी उत्तेजित हो जाती थी
इसलिए उसने अपने दोनो हाथ उसके नर्म मुलायम गुब्बारों पर रखे और नीचे से धक्के मारता हुआ ज़ोर से चिल्ला पड़ा
“साली……एक नंबर की रंडी है तू…..भेंन की लोड़ी ….पूरे स्कूल मे अपनी गांद मटका कर घूमती है….बिना कच्छी के स्कर्ट पहन कर आती है स्कूल…..ब्रा भी नही पहनती और अपने निप्पल दिखाती फिरती है…..भेंन चोद …..तुझे तो पूरे स्कूल के सामने घोड़ी बना कर चोदना चाहिए….साली हरामजादी ..रंडी कहीं की….”
हालाँकि अनु ने ऐसा एक्सपेक्ट नही किया था की बिनोद उसके साथ ऐसी भाषा का प्रयोग करेगा पर पता नही क्यो ऐसे वक़्त मे उसके मुँह से निकले ये शब्द उसे अपनी तारीफ में पड़े गये कसीदे जैसे लग रहे थे
उसने जब पूरे स्कूल के सामने उसे चोदने की बात कही तो उसकी उत्तेजना अपने चरम शिखर पर पहुँच गयी
और वो भी झड़ते हुए, हाँफती हुई सी उसकी बातों का जवाब देने लगी
“आआआआआआआआहह…….. हाsssss बिनोद….हूँ मैं रंडी……तेरी रंडी…….चोद मुझे बिनोद…..जैसे चाहे चोद ….पूरे स्कूल के सामने चोद …..हेडमास्टर की टेबल पर चोद ……सारे बच्चों के सामने……टीचर्स रूम मे चोद ….मंसूर के कैबिन में चोद, जहाँ तेरा मन करे वहाँ आएगी ये तेरी पर्सनल रंडी बिनोद….मेरे गले मे पट्टा बांधकर अपने साथ ले जा और कही भी चोद मुझे….”
ऐसा कहते-2 उसका जिस्म अकड़ने लगा और वो हाँफती हुई सी उसके उपर गिर पड़ी
उसका शरीर शिथिल पड़ चुका था
बिनोद ने अपना लॅंड उसकी चूत से निकाला और उसे घोड़ी बनाकर उसकी पीछे से चुदाई करने लगा
कुछ ही देर मे अपने दाँत पीसता हुआ वो झड़ने के करीब पहुँच गया
और जब उसने अपना लॅंड बाहर निकाल कर उसकी पीठ पर अपने वीर्य की पिचकारी मारी तो उसके मुँह से सिर्फ़ एक ही शब्द निकला….
“आआआआआआअहह………………..साली रंडी………”
और फिर अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसकी गांड से पोंछकर वो वहीं बेड पर लुढ़क गया
दोनो गहरी साँसे ले रहे थे
पर बाहर बैठी निशा की हालत पतली हो रही थी
उन्हे देखकर वो अभी तक 2 बार झड़ चुकी थी पर एक लॅंड वाली चुदाई का मज़ा अलग ही होता है
और शायद उसकी मन की आवाज़ उपर वाले ने सुन ली थी
क्योंकि अगले ही पल दरवाजा खोलकर मंसूर उसके सामने खड़ा था
वो अपनी फिंगरिंग मे इतनी खोई हुई थी की उसे उसके आने का एहसास भी नही हुआ
पर जब हुआ तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी, उसकी खुली टांगो के बीच का नंगा नगीना उसने देख लिया था
जिसे देखकर वो अपनी पेंट मे खड़े लॅंड को अपने हाथ से मसल रहा था
हालाँकि वो अभी कुछ देर पहले तक एक लॅंड की तमन्ना कर रही थी पर इतना तगड़ा लॅंड वो ले भी पाएगी या नही और वो भी इस सांड जैसे, पान खाने वाले मंसूर का…उसे तो डर ही लगने लगा
पर अब कुछ नही हो सकता था
जो होना था वो मंसूर ने ही करना था
बेड से निकल रही मर्दाना महक उसे मदहोश कर रही थी
मंसूर के बदन की महक उस बिस्तर से आ रही थी
पर अभी तो उसे बिनोद के बदन की महक लेनी थी
जिसके लिए उसकी चूत ना जाने कब से फड़क रही थी
उसने आँखे खोल कर देखा तो उसे बेड के किनारे पर ही खड़े पाया
वो अपनी शर्ट के बटन खोल रहा था
आज उसके जीवन का सबसे रंगीन सपना सच जो होने वाला था
स्कूल की सबसे हसीन लड़की आज उसके सामने अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार पड़ी थी
अनु ने उसका चौड़ा सीना देखा तो उसके अंदर की आग और भड़क उठी
उसने जल्दी से अपनी स्कर्ट को नीचे किया और अपनी पेंटी भी नीचे करके ज़मीन पर गिरा दिया
उसकी गर्म पानी उगलती चूत अब बिनोद की आँखो के सामने थी
उसके अंदर से भभक कर निकल रही चिकनाई देखकर उसके मुँह में पानी आ गया
वो झट से नीचे ज़मीन पर बैठा और उसकी टांगो को फैला कर अपने होंठ सीधा उस रसीले तालाब पर लगा दिए जिसका पानी पीने के लिए वो काफ़ी देर से तड़प रहा था
अनु ज़ोर से चिल्ला पड़ी
“आआआआआआआआआआआआहह…… ओह बिनोद………………….उम्म्म्ममममममममममममममम”
उसने एक ही पल में अपनी शर्ट के बटन खोलकर उसे भी निकाल फेंका
अब वो उस बेड पर पूरी नंगी थी और उस जंगली से अपनी चूत बड़ी बेदर्दी से चुसवा कर उसका भरपूर मज़ा ले रही थी
बिनोद ने अपने हाथ आगे बढ़ाकर उसके बूब्स को पकड़ लिया और उन्हे निचोड़ने लगा
उसकी मोसम्मियाँ वो ऐसे निचोड़ रहा था जैसे उनमे से अभी जूस निकलेगा और वो ग्लास भरकर उसे पी जायेगा
उनका कार्यकरम देखकर बाहर सोफे पर बैठी निशा का भी बुरा हाल था
काश वो अपने बाय्फ्रेंड संजू को भी यहीं बुला लेती
पर अब क्या हो सकता था
बेचारी के पास अपनी उंगलियो से चूत रगड़ने के सिवा कोई और चारा नही था
अंदर का माहौल धीरे-2 गर्म होने लगा था अब
निशा ने बिनोद के बाल पकड़ कर कुछ देर तक तो उसे अपनी चूत पर बुरी तरह से रगड़ा और फिर उसे उपर खींचकर उसके गीले होंठो को अपनी छातियों पर रगड़वाया
बिनोद तो उसकी कठपुतली बनकर वो जैसा उससे करवा रही थी वही कर रहा था
इतनी टाइट चूत का पानी पीकर उसके जन्मो -2 की प्यास आज बुझ गयी थी
और उसके नर्म बूब्स को चूसकर ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई मालपुवा खा रहा हो
इतना मीठापन था उसके जिस्म में
और फिर अनु ने जब उसे उपर खींचकर अपने रसीले होंठ उसके हवाले किए तो बिनोद तो पागल ही हो गया
कच्ची जवानी से भरी लड़कियों के रसीले होंठ चूसना उसकी फॅंटेसी थी
उसका बस चलता तो स्कूल की हर लड़की के होंठ चूस लेता वो
इतना दीवाना था वो स्मूच का
इस अवस्था में पहुँचकर उसके शरीर का पूरा भार अनु के उपर था
उसने बिनोद को बेड पर धक्का दिया और खुद उपर आ गयी
और उपर आते ही सबसे पहले उसने उसकी पेंट उतारकर उसे भी नीचे से नंगा किया ताकि उसके नंगे शरीर का पूरा मज़ा ले सके
पेंट उतरते ही उसका काला मोटा नाग फुफकारता हुआ सामने प्रकट हो गया
जिसे उसने बड़े प्यार से अपने दोनो हाथों में पकड़ा और उतने ही प्यार से अपनी जीभ निकाल कर उसका राज्यभिषेक किया
उसकी गंध जब उसके नथुनों के पार गयी तो उसपर एक अजीब सा नशा चड़ने लगा
और उसी नशे में डूबकर उसने बिनोद के लॅंड को मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया
हालाँकि वो मुँह में फिट नही हो रहा था पर फिर भी अपने मुँह को जितना हो सकता था उतना खोलकर वो उसे अंदर निगल गयी
कुछ ही देर में वो उसे अंदर तक निगलने में कामयाब हो गयी
आजकल की लड़कियो की यही बात बिनोद को सबसे ज़्यादा पसंद आई थी
की वो चुदाई से पहले लॅंड चूसना पसंद करती है
उसकी बीबी तो लॅंड चूसने के नाम से ही चिढ़ जाती है
और शायद उसी बात का असर था की ऐसी खूबसूरत बीबी होने के बावजूद आज वो इस तरह एक स्कूल की लड़की के साथ मज़े ले रहा था
कुछ ही देर में उसका लॅंड उसने पूरा रंवा कर दिया
अब वो उसकी चूत में जाने के लिए पूरा तैयार था
वो धीरे-2 उपर की तरफ खिसक आई और उसके लॅंड को निशाना बनाकर अपनी चूत पर लगाया
और धीरे-2 उसपर बैठकर अपना भार उसपर गिराने लगी और फिर उसे पूरा अंदर लेने के बाद आगे पीछे होकर उसपर रगड़ लगाकर लंड का भरपूर मजा लेने लगी
यही वो पल था जब बाहर बैठी निशा भी लगभग नंगी हालत में अपनी 4 उंगलिया अंदर ले चुकी थी और आँखे फाड़े अपनी सहेली को पहली बार चुदाई करते हुए देख रही थी
अपनी चूत में तो उसने काफ़ी बार लॅंड लिया था पर किसी और की चुदाई वो आज पहली बार देख रही थी
और ये उसे उत्तेजित भी कर रही थी
तभी तो उसकी चूत से पिचकारियाँ मारकर उसका रस बाहर निकल रहा था
हालाँकि वो अभी झड़ी नही थी पर उसकी चूत से इतना पानी निकल चुका था की उसने सोफा तक गीला कर दिया था
तभी उसकी और बिनोद की नज़रें आपस में मिल गयी
एक पल के लिए तो वो उसे अपने हाथों से अपनी जवानी की खुदाई करते देखकर पसीज ही गया की उसके रहते हुए वो भला ऐसा क्यों कर रही है
पर बेचारा चाहकर भी उसकी मदद नही कर सकता था
क्योंकि उसके चक्कर में उससे भी ज़्यादा गर्म माल उसके हाथ से निकल जाता
उसकी तो वो पहले भी मार ही चूका था और जिस अंदाज से अपनी टांगे फेला कर वो उसे ललचा रही थी इससे सॉफ था की अगली बार के लिए भी वो टांगे ऐसे ही खुली मिलेंगी
इसलिए उसने अपनी पूरी एकाग्रता के साथ अनु की चूत मारते रहने का फ़ैसला किया
अब अनु उसके उपर सवारी करके पूरे लॅंड को अपने अंदर महसूस कर पा रही थी
ये सैक्स भी कितनी अजीब चीज़ है, हर बन्दे के साथ अलग ही अनुभव होता है
रोमांच का, उत्तेजना का और सैक्स से भरपूर चुदाई का
काश वो इस धरती पर मोजूद हर मर्द से चुदाई करवा पाए
ये ख़याल आते ही वो खुद ही बुदबुदा उठी
‘साली रंडी….’
उसकी आवाज़ बिनोद ने भी सुन ली और वो समझा की वो उसे रंडी कहने के लिए बोल रहा है
क्योंकि घर पर अपनी बीबी के साथ चुदाई करते वक़्त भी जब वो ऐसे शब्दों का प्रयोग करता था तो उसकी बीबी काफ़ी उत्तेजित हो जाती थी
इसलिए उसने अपने दोनो हाथ उसके नर्म मुलायम गुब्बारों पर रखे और नीचे से धक्के मारता हुआ ज़ोर से चिल्ला पड़ा
“साली……एक नंबर की रंडी है तू…..भेंन की लोड़ी ….पूरे स्कूल मे अपनी गांद मटका कर घूमती है….बिना कच्छी के स्कर्ट पहन कर आती है स्कूल…..ब्रा भी नही पहनती और अपने निप्पल दिखाती फिरती है…..भेंन चोद …..तुझे तो पूरे स्कूल के सामने घोड़ी बना कर चोदना चाहिए….साली हरामजादी ..रंडी कहीं की….”
हालाँकि अनु ने ऐसा एक्सपेक्ट नही किया था की बिनोद उसके साथ ऐसी भाषा का प्रयोग करेगा पर पता नही क्यो ऐसे वक़्त मे उसके मुँह से निकले ये शब्द उसे अपनी तारीफ में पड़े गये कसीदे जैसे लग रहे थे
उसने जब पूरे स्कूल के सामने उसे चोदने की बात कही तो उसकी उत्तेजना अपने चरम शिखर पर पहुँच गयी
और वो भी झड़ते हुए, हाँफती हुई सी उसकी बातों का जवाब देने लगी
“आआआआआआआआहह…….. हाsssss बिनोद….हूँ मैं रंडी……तेरी रंडी…….चोद मुझे बिनोद…..जैसे चाहे चोद ….पूरे स्कूल के सामने चोद …..हेडमास्टर की टेबल पर चोद ……सारे बच्चों के सामने……टीचर्स रूम मे चोद ….मंसूर के कैबिन में चोद, जहाँ तेरा मन करे वहाँ आएगी ये तेरी पर्सनल रंडी बिनोद….मेरे गले मे पट्टा बांधकर अपने साथ ले जा और कही भी चोद मुझे….”
ऐसा कहते-2 उसका जिस्म अकड़ने लगा और वो हाँफती हुई सी उसके उपर गिर पड़ी
उसका शरीर शिथिल पड़ चुका था
बिनोद ने अपना लॅंड उसकी चूत से निकाला और उसे घोड़ी बनाकर उसकी पीछे से चुदाई करने लगा
कुछ ही देर मे अपने दाँत पीसता हुआ वो झड़ने के करीब पहुँच गया
और जब उसने अपना लॅंड बाहर निकाल कर उसकी पीठ पर अपने वीर्य की पिचकारी मारी तो उसके मुँह से सिर्फ़ एक ही शब्द निकला….
“आआआआआआअहह………………..साली रंडी………”
और फिर अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसकी गांड से पोंछकर वो वहीं बेड पर लुढ़क गया
दोनो गहरी साँसे ले रहे थे
पर बाहर बैठी निशा की हालत पतली हो रही थी
उन्हे देखकर वो अभी तक 2 बार झड़ चुकी थी पर एक लॅंड वाली चुदाई का मज़ा अलग ही होता है
और शायद उसकी मन की आवाज़ उपर वाले ने सुन ली थी
क्योंकि अगले ही पल दरवाजा खोलकर मंसूर उसके सामने खड़ा था
वो अपनी फिंगरिंग मे इतनी खोई हुई थी की उसे उसके आने का एहसास भी नही हुआ
पर जब हुआ तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी, उसकी खुली टांगो के बीच का नंगा नगीना उसने देख लिया था
जिसे देखकर वो अपनी पेंट मे खड़े लॅंड को अपने हाथ से मसल रहा था
हालाँकि वो अभी कुछ देर पहले तक एक लॅंड की तमन्ना कर रही थी पर इतना तगड़ा लॅंड वो ले भी पाएगी या नही और वो भी इस सांड जैसे, पान खाने वाले मंसूर का…उसे तो डर ही लगने लगा
पर अब कुछ नही हो सकता था
जो होना था वो मंसूर ने ही करना था
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