kamdev99008
FoX - Federation of Xossipians
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मुझे भी बहुत बार ऐसा ही लगा..........mujhe aisa kyun lagta hai tum dono ek hi thali ke chate batte ho
मुझे भी बहुत बार ऐसा ही लगा..........mujhe aisa kyun lagta hai tum dono ek hi thali ke chate batte ho
lekhan shaili mitraआपको ऐसा लगने का कारण, महोदय?
dhanywad sir ji ..wow dactar sahib bahut khoob this update is realistic in context to the main story aur ab to kajal ki entry ka raasta bhi saaf ho gya
maa-bhairav-sameera-wakil ke biwi ka ashiq aur raj apna DNA kyon nahi karwa leta ki apne baap ka beta hai bhi ki nahi ?
dhanywad sandy bhai ...डॉ साब मस्त कहानी है ये राज की माँ का ही काण्ड लगता है वो शुरू से चुपचाप रहती थी और चुप्पी में ही गेम खेलती रही और शायद इसी चुप्पी में राज भी किसी और से (शायद भैरव) चुप चाप खेल खेलने से पैदा हो गया हो ?
कहानी की गुत्थी दो डॉ चूतिया और काजल ही खोल सकते हैं और राज लकड़ी खो जाने के बाद खुद भी खो सा गया है और डागा बाबा ने ठीक ही तो कहा है की कर्म तो खुद ही करना है बाकि तो रास्ता ही दिखा सकते है
To ye baat hai.
Aaj hi mujhe pata chla ki vo darshanik kyu bana tha