Update 114
काल के साथ रहने जब नरेश आया तो वो शिवा को देख कर बहुत खुश हो गया ,काल ने उसे बता दिया कि हम दोनो बचपन से दोस्त है ,नरेश तो शिवा को पहले से जानता था ,उसने शिवा को अपने बेटे जैसे प्यार दिया था ,वो भी मनोज की तरह शिवा के साथ दोनो वक्क्त के खाना खाते थे ,जितना शिवा के साथ हो सके वो दोनो रहते थे ,मनोज और नरेश को शिवा में उनका खोया हुवा विजय ही दिखता था ,घरपर बाकी सभी लोग भी शिवा से प्यार से ही पेश आते थे सिवाय निता के वो शिवा से बात तो करती थी पर ज्यादा उसके आसपास नही रहती थी ,एक बार चुदाई के समय उसने शिवा से कहा कि तुमने यह रूप लिया है वैसा ही एक लड़का इस घर मे रहता है ,जब भी में उसके पास जाती हु ,मुझे ऐसा लगता है कि वह तुम ही हो ,में अपने आप पर बहुत काबू करने की कोशिश करती हूं ,पर मेरे मन में ऐसा लगता है कि उसे अपने बाहो में भरके बहुत प्यार करू ,पर वो मुझे मा मानता है और में उसके साथ ही चुदना चाहती हु ,क्या करूँ मेरे तो समझ मे नही आता जब से तुमने उसकी शक्कल लेकर मुझे चोदना शुरू किया है मेरी कामवासना बहुत बढ़ गई है ,ऐसा लगता है कि में तुमसे नही उस बिचारे शिवा से ही चुद रही हु ,शिवा को यह सब बातें सुनकर थोड़ा बुरा भी लग रहा था ,उसने अपनी हवस के चलते निता के साथ यह खेल नही खेलना चाहिए था ,निता के मन मे बहुत से ऐसे ख्याल आने लगते जिसे जानकर शिवा को तकलीफ़ होती ,निता को लगता कि वो उसके बेटे से ही चुद रही है ,उसके मन मे ऐसा आते ही वो किसी पागल घोडी की तरह हो जाती थी ,उसके बदन में शोला पैदा हो जाता था ,जिसमे बो शिवा को भी जलाकर चुदाई का अद्धभुत सुख देती थी ,शिवा की जिंदगी नेत्रा के बिना अधूरी सी हो गयी थी ,शिवा को नेत्रा से जबरदस्ती शादी होने से उसके प्रति इतना प्यार नही था ,पर धीरे धीरे जब वो नेत्रा के पास जाने लगा तो नेत्रा कब उसके दिल मे इतनी गहराई तक बैठ गयी उसे पता ही नही चला ,शिवा के साथ सब थे पर नेत्रा के ना होने से उसे कुछ भी पसन्द नही आ रहा था ,नेत्रा के बिना जीना उसे किसी सजा की तरह लगने लगा था ,नेत्रा के लिये उसके दिल मे प्यार हर पल और ज्यादा गहरा होने लगा था ,जब भी वो गरुड़ लोक जाता तो नेत्रा के साथ समयमनी मे सबसे ज्यादा समय बिताया करता था ,नेत्रा धरती के समय अनुसार पिछले 45 दिनोसे बेहोश थी तो गरुड़ लोक के समय से 1080 साल से बेहाश थी ,समयमनी के हिसाब से तो उसे बेहोश होकर लाखो साल हो गए थे ,नेत्रा होश में तो नही आ रही थी पर दिन ब दिन वो और ज्यादा सुंदर और शक्तिशाली हो रही थी ,उसके शरीर सभी शक्तियो को अपने अंदर बहुत ही अच्छे तरीके से सोख रहा था ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी भी दो दो बच्चों की माँ बन चुकी थी तीनो को जुड़वा बच्चे हुवे थे एक लड़का और एक लड़की ,वो भी गरुड़ लोक में जवान हो गए थे ,जहा काल के रूप में शिवा बीस साल का भी नही था तो उसके बच्चें 21 साल के हो गए थे ,काल के सभी लड़को की उम्र 21 साल की होने पर रुक जाती थी उसके बाद वो हजारो साल उसी उम्र में रहने वाले थे ,उसकी लडकिया भी 18 साल की उम्र तक रहने वाली थी हमेशा ,काल की जितनी भी सन्ताने हुवीं थी वो सभी दिव्य औरतो से हुवीं थी ,वो सभी अपनी माँ की दिव्य शक्तियॉ और काल की शक्तियो की वजह से बहुत ही ज्यादा बलशाली हो गए थे ,उन सब बच्चो में हैरतअंगेज ताकद आ गयी थी ,काल यानी शिवा के सिंहलोक और गरुड़ लोक के बेटो और बेटीयो ने भी अपनी सन्ताने पैदा कर ली थी ,जो काल से भी उम्र में बड़े हो गए थे ,काल सभी को बहुत प्यार करता था ,हिमांनी ,केतकी ,शिवानी के लड़को ने भी गरुड़ लोक में शादी कर ली थी ,पर उनकी बेटीयो ने किसी के साथ शादी नही की थी ,वो सभी तेजा की बेटी पूर्वा के साथ ही रहती थी उन चारो में बहुत ही गहरा और पक्का रिश्ता हो गया था ,अपनी माँ की तरह यह चारो भी एकदम खास थी एक दूसरे के लिये ,केतकी ,हिमांनी और शिवानी ने गरुड़ लोक में ही रहने का फैसला कर लिया था ,वो धरती पर नही आने वाली थी ,जब भी शिवा को उनकी जरूरत होगी तभी वो यहा पर आने वाली थी ,इसकी मुख्य वजह तेजा थी ,तेजा हमेशा अकेली रहती थी ,काल जब 6 साल गरुड़ लोक में आता तभी उसके चेहरे पर कुछ खुशी होती थी ,पर जब से यह तीनों गरुड़ लोक आयी थी तेजा भी अब सबके साथ रहने लगी थी ,यह सब बाते जानकर ही काल ने उन तीनों को यहा रुकने के लिये कह दिया था ,शिवा अपने समय मनी में रोज 1 घण्टा जाकर अपनी सभी शक्तिया को परखने लगा था ,उसे साथ लामन और सिंहार भी होते थे ,तेजा ने काल के भी समय मनी की शक्ति बढा दी थी अब जब बाहर की दुनिया मे 1 सेकंड खत्म होता तो समयमनी में 1 दिन खत्म होता ,ऐसे समयमनी में शिवा रोज 1 घण्टा यानी 3600 दिन अपनी सभी शक्तियो का अभ्यास करता था ,हर शक्ति को शिवा बहुत ही अच्छे तरीके से इस्तेमाल करने लगा था ,लामन ने जब सिंहार को पहली बार देखा तो वो आश्चर्य में पड़ गया था ,सिंहार तो उसके लिये भगवान हीं था ,शिवाय की वजह से वो उसके भगवान के पास आ गया था ,सिंहार से सभी दिव्य शेर निर्माण होते थे ,सिंहार ने भी लामन को पहले से कई गुना शक्तिशाली कर दिया था ,लामन भी सिंहार और शिवा के साथ समयमनी मे अभ्यास करके बहुत घातक हो गया था ,एक दिन जब शिवा समयमनी में अभ्यास कर रहा था तब उसे केतकी का संदेश आया कि नेत्रा होश में आ गयी है ,यह बात सुनकर शिवा बहुत खुश हो गया ,उसने समयमनी से बाहर आकर सिंहार और लामन को अपने अंदर ले लिया और अपना एक प्रतिरूप बनाकर उसे घर मे छोड़ कर वो सीधा गरुड़ लोक पहुच गया ,नेत्रा को होश आ चुका था पर धरती के समय और गरुड़ लोक के समय की वजह से काल को वहां पहुचने में 1 मिनीट हो गया था जिस वजह से गरुड़ लोक में 7 दिन का समय बीत चुका था ,काल को लगा कि नेत्रा उससे नाराज ना हो जाये इस वजह से सबसे पहले उसने नेत्रा से माफी मांग ली ,पर नेत्रा ने उसे गले लगा लिया ,वो काल या शिवा के दिल की तड़प और दर्द को जान चुकी थी ,वो शिवा का दिमाग आसानी से पढ सकती थी,शिवा का ही नहि वो तेजा का भी दिमाग पढ़ने लगी थी ,शिवा को उसने बड़े प्यार से गले लगा लिया ,शिवा के गले लग जाने से नेत्रा को भी बहुत सुकून हो रहा था वो जितना प्यार शिवा से करती थी उससे भी ज्यादा प्यार शिवा उससे करता था ,वो बेहोश होने के बाद उसके दिल की तड़प और दर्द को नेत्रा जान गई थी ,उसे बहुत खुशी हो रही थी कि उसके लिये शिवा के मन भी इतना प्यार है ,बहुत देर एक दुसरे के गले लगने के बाद दोनो अलग हो गए ,
नेत्रा ने कहा ,आप के नए दोस्त के लिये मेरी तरफ से एक तोहफा में दे रही हु ,इतना कहकर नेत्रा के शरीर से एक काली शेरनी निकल आयी जो नेत्रा की दिव्य शक्तियों से बन गई थी ,शिवा समझ गया कि नेत्रा के अंदर से बसी उसकी शक्तियो ने इस शेरनी को बनाया होगा ,लामन भी इस दिव्य शेरनी को देख कर उसमे खो गया था ,आज तक बेचारे को लामनी जैसी काली शक्ति वाली शेरनी ने दर्द ही दिया था ,पर नेत्रा की बनी इस काली शेरनी की आंखों में उसे सिर्फ प्यार ही दिख रहा था ,शिवा ने भी लामन और उस नई काली शेरनी को अपने एक प्रतिरूप के साथ सिहलोक भेज दिया ,नेत्रा ने इस शेरनी का नाम लामनी ही रख दिया था ,
नेत्रा की काल वहां आने से पहले सबसे बात हो गयी थी ,तेजा तो एकदम उसकी खास सहेली बन गई थी ,केतकी ,हिमांनी ,शिवानी और तेजा के सभी बच्चों से मिलकर उसे बहुत खुशी हो गयी थी ,खास करके पूर्वा और बाकी तीनो की लड़कियां उसके आसपास ही रहने लगी थी ,उनके नाम तेजा ने रखे थे केतकी की बेटी उत्तरा ,हिमांनी की बेटी दक्षिणा और शिवानी की बेटी पश्चिमी थी ,चारो दिशा के नाम उन सबके रखे गए थे ,नेत्रा को गरुड़ लोक बहुत पसंद आया था ,नेत्रा ने जिद करके काल की सभी पत्नियों और बच्चों जो सिंहलोक और अश्वलोक में रहते थे उनको गरुड़ लोक बुला लिया ,साथ मे सर्पलोक से मंदा को भी गरुड़ लोक लेकर आने को कहा था ,नेत्रा ने सबको कह दिया कि आज से सभी एक साथ ही रहेंगे ,यह बात सबको पसन्द आ गयी ,नेत्रा ने सबके लिये एक बहुत ही सुंदर और विशाल महल का निर्माण किया अपनी माया से ,जिसमे सबके रहने का उसने इंताजम कर दिया था ,नेत्रा ने शिवा से कह दिया था कि उन दोनों का मिलन धरती पर ही ठीक होगा ,शिवा को नेत्रा होश में आना ही बहुत था बाकी उसे भी नेत्रा को भोगने की इच्छा नही थी ,जब तक नेत्रा खुद के मन से नही कहती तब तक शिवा भी कुछ नही करने वाला था ,नेत्रा के मन मे क्या चल रहा है वो यह जान नही पा रहा था,नेत्रा मन्दिर की रक्षा करने वाले हर व्यक्ति सी मिली थी ,उन सबको भि उसने कुछ दिनों के लिए गरुड़ लोक लेकर आयी थी उन सबकी जगह उसने अपने और काल के प्रतिरूप रख दिये थे ,नेत्रा ने सबसे कह दिया कि आज के बाद सिर्फ 12 घण्टे ही सभी मन्दिर की रक्षा करते रहंगे और बाकी 12 घण्टे के लिये वो गरुड़ लोक में रहंगे ,उन सबकी भी कुछ जिंदगी थी ,उन्हें भी खुशी पाने का हक है यह कहकर उसने सबको मना लिया था और नेत्रा की दिव्य शक्तिया वाला रूप देखकर कोई उसकी बात भी नही टाल सकता था ,एक तरह से बिना कहे ही सबने उसे अपनी प्रमुख मान लिया था ,नेत्रा का तेज ही इतना विलक्षण था कि उसके सामने हर कोई हतप्रभ हो जाता था ,नेत्रा के सामने शिवा भी कुछ नही लगता था ,जब धरती पर जाने का समय हो गया तो नेत्रा ने सबसे विदा ले ली ,उसने वादा किया कि आजसे वो भी रोज 12 घण्टे गरुड़ लोक आया करने वाली है काल के साथ ,सबसे विदा लेकर वो धरती पर आ गयी ,जब नेत्रा घर पर आयी उसका प्रतिरूप उसमे समा गया ,जिस वजह से उसे 45 दिनों में धरतींपर क्या क्या हुवा वो सब पता चल गया ,उसकी शक्तियो की वजह से उसे यह भी पता चल गया कि उसकी माँ और सभी चाचिया ,उसकी 7 बहने गर्भवती हो गए है शिवा से मिलन करके ,पहले शिवा को यही डर लग रहा था कि उसकी माँ निता के बारे में पता चलने पर वो नाराज हो जाएगी ,पर नेत्रा ने उसे कुछ भी नही कहा ,उसे तो खुशी थी कि उसकी माँ खुश है शिवा से गर्भवती हो कर ,दोनो घर मे सबसे मिलने के बाद एक पार्क में आकर बैठ गए ,अपने दोनो के प्रतिरूप उन्होंने घर पर छोड़ दिये थे ,नेत्रा ही शिवा के साथ उसे लेकर यहा पर आयी थी वो शिवा से कुछ बात करना चाहती थी ,
दोनो एक पार्क में बैठे थे ,शिवा नेत्रा की तरफ देख रहा था उसे तो अब नेत्रा के मन की बात समझ नहीं आती थी इसलिए वो उसके मुह से ही सब सुनने वाला था ,
नेत्रा ने शिवा की तरफ देख कर कहा ,आप को में आज कुछ बताना चाहती हु ,आप पहले सब सुन ले उसके बाद ही आप की क्या राय है वह मुझे बता दीजिए ,आप को जो भी फैसला होगा वो मुझे मंजूर होगा ,आप ने शायद आज तक कुछ चीजो पर गौर नही किया है ,लेकिन मेने कुछ बाते आपके इस सफर में गौर की है ,आज तक जिसके साथ भी आपने शादी की है उन सब की माँ के साथ भी आपकी शादी हुवीं है या उनसे आपके शारीरिक सम्बंध हो गए है ,यह सिर्फ सभी लोको की औरतो के साथ नही धरती पर भी आपके हम सबके मा के साथ शारीरिक सबन्ध हो गए है ,सनम और उसकी बहनो से आपकी शादी भी नही हुवीं है पर आपके उनकी माँ के साथ पहले ही सम्बंध हो गया था ,में कुछ बातों से परेशान हो गयी हु ,गरुड़ लोक और सिहलोक में लड़की अपने पिता से भी शादी कर सकती है ,आपकी चारो बेटिया भी आपसे शादी कर सकती है ,क्योकि उन्हें कोई भी पसन्द नही आया है अभीतक ,उन सबने आप के शिवा के रूप को आज तक नही देखा है और मुझे इस बात पर पूरा यकीन है वो जब भी आप के शिवा के रूप को देखेगी वो आपसे ही शादी करने को कहने वाली है ,आप इस बात के लिए शायद ही माने पर यह होकर ही रहेगा ,वो चारो मेरे साथ ही धरतींपर आने के लिये पीछे पड़ी थी पर मेंनें उन्हें किसी तरह समझाकर बाद में आने को कहा है ,दूसरी बात जिस तरह आपने मेरी सभी बहनो को हक़ दिया है उसी तरह आप नरगिस ,सनम और उसकी सभी बहनो से शादी कर ले साथ मे पूजा और मोना से भी ,उसके बाद ही हम दोनो एक होंगे ,में आपके जिंदगी में आने से पहले ही यह बेचारी आपकी जिंदगी में है ,उनको भी तो उनका हक मिलना चाहिए ना ,
शिवा तो नेत्रा की बाते सुनकर एकदम हैरान हो गया ,कुछ देर के लिये उसका दिमाग काम करना ही बन्द हो गया था ,कुछ देर बाद वो बोला ,नेत्रा शायद तुम्हे कुछ बाते मेंनें अभी तक बताई नही है पर आज में तुम्हे सब बताने वाला हु ,यह बात सिर्फ तुम ही जानने की हकदार हो ,फिर शिवा ने उसे सब कुछ बता दिया ,अपनी परीक्षा के बारे में भी उसने सब कुछ बता दिया ,नेत्रा भी उसकी बातें सुनकर एकदम सोच में पड़ गयी ,उसे शिवा के हालात समझ आ गए थे हर तरफ से वो फसा हुवा था ,अपनी मजबूरियों से लड़ता वो सबको खुश रखने में लगा हुवा था ,उसकी हालत पर नेत्रा को बहुत तरस आने लगा था ,उसकी बातें सुनकर वो खुद सोच में पड़ गयी थी ,शिवा क्यो आज तक उसे टालता आ रहा था यह उसे समझ आ गया था ,तेजा जो उसके सामने सबसे बडी मुश्किल थी वो नेत्रा आराम से सम्भल सकती थी ,पर मन्दिर की जादुई पथर की परीक्षा में शिवा को अकेले ही लड़ना था ,उसके सामने कौनसी मुश्किलें आने वाली है यह कहा नही जा सकता था ,पर नेत्रा ने सोच लिया था कि कुछ भी हो वो मरते दम तक शिवा का साथ देते रहेगी ,शिवा को इस लड़ाई में कभी अकेला नही पडने देगी ,आज से शिवा की हर मुश्किल घड़ी में वो उसके साथ ही रहने का फैसला कर चुकी थी ,तेजा पर भी उसे बहुत तरस आ रहा था ,उन सब की जिन्दगि एक अजीब सी पहेली बन गई थी ,शिवा मरने से नही डरता था पर सबसे बिछड़ने का गम उसे ज्यादा था ,शिवा ने उसे काल 2 के बारे में कुछ नही बताया था ,शिवाने अपने नीलमणि की ताकद का इस्तेमाल करके अपने दिमाग पर एक कवच चढ़ा लिया था ,जिस वजह से नेत्रा भी उसका दिमाग न पढ सके ,नेत्रा ने शिवा से पूछा भी की वो पहले उसका दिमाग आसानी से पढ़ लेती थी पर अब अचानक पढ नही पा रही ,शिवा ने कहा दिया इस बात का जवाब वो भी नही जान पाया ,नेत्रा समझ गयी शिवा जरूर उससे कुछ छिपा रहा है पर उसने इस बात के ऊपर ज्यादा ध्यान नही दिया ,शिवा ने यह बात काल2 के बारे में पता न चले इसलियें की थी ,पर यही बात उसमे और नेत्रा में सबसे बड़ी दरार की वजह बनने वाली थी ,इस बात का शिवा को अंदाजा भी नही था ,शिवाने और नेत्रा ने बहुत देर तक बाते की ,नेत्रा ने शिवा का काम आसान करने की सोच ली थी ,आज से मन्दिर की रक्षा वो खुद के जिम्मे लेने वाली थी ,शिवा की सभी कंपनी को भी वो आराम से सम्भल सकती थी ,नेत्रा ने शिवा से कह दिया कि आज से तुम सबके साथ अपना समय देते रहना में मेरे 1000 प्रतिरूप बनाकर हर जगह रखने वाली हु ,मन्दिर ,घर ,सॉफ्टवेयर की कंपनी को में आराम से देख लुंगी आज से तुम अपनी शक्तियों का अभ्यास करते रहो और शिवाय की मदद से भुजंग का खात्मा जल्द से जल्द करने की कोशिश करना ,शिवा को भी यह बात सही लगी थी ,उसने शिवा से अलग शक्कल वाला एक प्रतिरूप बनाकर उसे शिवा की जगह घर मे रख दिया और जो भी शिवा को जानते थे उनके मन मे यही शिवा है यह बात नेत्रा के सबसे मजबूत माया से उसे करने को लगा दी ,नेत्रा को शिवा की इस हरकत से बहुत हसि आ रही थी ,पर उसने यह काम कर दिया ,शिवा आज के बाद घर मे अदृष्य रूप से रहने वाला था ,उसे अपनी चारों बेटीयो का डर लगने लगा था ,वो शिवा के रूप में कभी आने ही नही वाला था उन सबके सामने ,नेत्रा को शिवा की इस हरकत से हँसी भी आ रही थी और दुख भी हो रहा था ,शिवा सबसे भाग सकता है पर अपनी किस्मत से नही भाग सकता यह बात वो जानती थी ,पर शिवा को उसने कुछ भी नहीं कहा ,शिवा ने निता के मन से भी अपनी शक्कल मिटा दी थी ,नेत्रा शिवा को लेकर पार्क से घर आ गयी ,शिवा अपने खुद के कमरे में जाकर अपने प्रतिरूप के साथ ही अदृश रूप से रहने वाला था ,वो आज से पूजा और मोना से शादी की बात करने वाला था ,उसके बाद नरगिस ,सनम और उसकी सभी बहनो से शादी करने वाला था ,सबके साथ एक ही दिन में शादी करने का उसने सोच लिया था ,घर आने के बाद वो उसने सबके पास अपने प्रतिरूप भेज कर उन्हें शादी के लिये मना लिया ,सिर्फ पूजा से वह खुद मिलने गया था ,उसने सभी लड़कियों को बोल दिया कि वो शिवा बनकर नही दूसरे ही रूप में उनसे शादी करने वाला है ,ताकि घर पर किसी को पता नही चले ,अपनी थोड़ी बहुत शक्तिया उसने सबको दिखा दी ,हाथ से आग निकालना ,पानी की फव्वारा निकालना ,हवा में उड़ना ,सबकी शक्कल लेकर दिखाना ,सबको उसने यह दिखा कर शादी के लिए मना लिया ,शिवा के घर मे ही सब रहते थे इसलिये सात अलग रूप लेकर और उनके परिवार अपने ही प्रतिरूप से बनाकर वो मिला वो सभी शिवा और काल के दोस्त है और उनकी ही साथ काम करते है यह बात बता दी ,शिवा और काल के साथ जो प्रतिरुप 6 तत्वों के पतीं बने थे उन्होंने भी सबको अपना अच्छा दोस्त बना दिया ,फिर क्या था ,सबकी शादी एक ही दिन करने का सबने तय कर लिया ,घर के सब लोग खुश थे ,उन्होंने सभी रिश्तेदार ,पहचान वालो को शादी में बुला लिया ,बहुत ही बड़ी शादी का आयोजन किया गया था इस शादी का ,भवानी गढ़ से भी सबको नरेश और मनोज ने बुला लिया था ,पृथ्वी और ज्वाला के साथ उसका सभी परिवार शादी में आने को मान गए थे ,उसके साथ ही निता की बहन और भाई भी इस शादी में आने वाले थे ,इस शादी में बहुत कुछ होने वाला था कुछ अच्छि बाते शिवा को पता चलने वाली थी तो किसीका राज खुलने वाला था ,नेत्रा का कहर कुछ लोगो पर पड़ने वाला था ,यह शादी शिवा के जीवन मे एक अहम मोड़ बनने वाली थी ,शिवाय ,कालराक्षस ,कालासुर ,कालभेड़िया ,कालअश्व ,सर्पिणी ,विशाखा के साथ सभी मन्दिर के रक्षक मानव के रूप में शादी में आने वाले थे ,गरुड़ लोक और सिहलोक से भी नेत्रा ने सभी को बुला लिया था ,तेजा को उसने सबसे पहले ही बुला लिया था ,शिवा के सभी बेटे उनकी पत्निया ,बेटिया ,उसके पोते सभी इस शादी में आने वाले थे,सबको धरती पर होने वाली शादी देखने की बहुत बड़ी ख्वाहिश थी ,नेत्रा ने अपनी बहनों की शादी बोलकर ही सबको बुला लिया था ,सिनोब और कोकी तो सब कामो में बढ चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे ,नरगिस की शादी वो दोनो ना हों यह बात कैसे हो सकती थी ,शिवा से चुदने के बाद उनकी बीमारी खत्म ही हो गयी थी ,सालो तक ऊनको अभी कोई तकलीफ नही होने वाली थी ,इस वजह से वो दोनो बहुत खुश थे ,शिवा से चुदने के बाद सभी उन्हें लडकिया ही समझ रहे थे ,दोनो गजब के निखर जो गये थे शिवा से चुद कर, उन दोनों की सबसे ज्यादा शिवाय से पटती थी ,शिवाय उन्हें बहुत प्यार और सम्मान देता था ,विनोद और सनी के पीछे वो तीनो मिलकर हमेशा उन्हें सताया करते थे पर विनोद और सनी भी किसी बात का बुरा नही मानते थे ,शिवा घर मे सबकुछ देख रहा था और सोच रहा था ,शिवाय ने बहुत से काम मेरे बिना बोले कर दिए थे ,सिनोब और कोकी में कितने दिनों से मिला भी नही था ,यही बात विनोद और सनी की थी ,शफ़ी चाचा और जीनत से भी शिवा उतना नही मिल पाया था इस 60 दिनों में ,पर शिवाय शिवा बनकर सबसे मिल लेता था ,शिवाय मानो शिवा की कमी घर मे होने ही नही देता था ,शिवा के 90% काम वो बिना बोले कर दिया करता था ,शिवाने काल2 को भी अपनी शादी में बुला लिया था ,वो अपनी शक्कल बदल कर इसमे अपनी दोनो पत्नियों और उसके दो लड़के और दो लड़कियो के साथ आने वाला था ,उसे भी सूवर्ण बक्से में हजार साल हो गए थे ,काल2 के बेटे और बेटिया भी जवान हो गए थे ,शामली भी उन सबके साथ आने वाली थी ,और सबसे बड़ी बात जो किसी को नही पता थी त्रिशक्ति और त्रिदेविया भी इस शादी में चुपके से शामिल होने वाले थे ,शिवा के साथ ऐसे लड़की की शादी होने वाली थी जिसे त्रिदेवियों ने शक्तिया दी थी ,और वो लड़की भी थी जो शिवा को महानाग बनने के वक्त मिली थी ,शिवा की ताकद बहुत हीं ज्यादा बढ़ने वाली थी ,उसे बहुत सी ऐसी ताकद मिलने वाली थी जो किसी मे नही थी ,नेत्रा भी उसके सामने कुछ नही होने वाली थी ,जिस लड़की को त्रिदेवियों ने अपनी सबसे बड़ी शक्तिया दी थी वो सामने आने वाली थी जो सबसे शक्तिशाली थी ,महानाग की परीक्षा के वक्त मिली लड़की भी कोई सामान्य नहीं थी ,उसे शेषनाग की शक्ति अंश से महानाग के लिये बनाया गया था वो भी एक असीम चमत्कारी शक्तियो की मालकिन थी ,सब की शक्तियां शिवा को मिल जाने से शिवा खुद शक्ति का सबसे बड़ा भंडार होने वाला था ,पर उसकी शादी में एक बहुत बड़ा विघ्न पड़ने वाला था ,जिसे त्रिशक्ति और त्रिदेविया भी नही रोक सकते थे ,इसकी जिम्मेदारी शिवाय और काल2 पर डाली गई थी ,काल 2 भी कोई आम नही था उसमे शिव जी का सबसे शक्तिशाली अंश समा चुका था ,शिवा के सामने अब दो सबसे मजबूत ढाल खड़ी थी जिसे पार करना कोई मामुली बात नही थी ।