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Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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गोल्डी भाई साहब अपडेट दे दो और इंतजार नहीं होता ☺☺☺
 

Goldybull

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Update 60
काल जब सुबह विशाखा की गुफा में पहुचा तो सब लडकिया बैठकर बाते कर रही थी ,नेत्रा ने हिमानी और केतकी को आज के दुनिया का सब ज्ञान दे दिया था ,सबसे बड़ी मुसीबत का हल केतकी ने हल कर दिया था ,वो था हिमानी कहा रहेगी ,तो केतकी उसे अपने साथ लेके जाने वाली थी ,हिमानी को यह मंजुर नही था ,बस कहने को वो हा कह रही थी पर उसकी आंखो की नमी से काल और नेत्रा समज गये तब नेत्रा के साथ उसके घर मे अमरीका की दोस्त शादी का सुनकर मिलने को आ गई है ऐसा बहाना बनाकर वो तीनो घर की तरफ निकल गए ,काल तो सुबह से हिमानी के बदन की आती खुशबू से परेशान हो गया था ,उसे ऐसा लग रहा था जाकर सीधा हिमानी की चुत में मुह घुसाकर चाटने लगे , जब तीनो घर पहुचे ,तो लड़कियों की इतनी पलटन के सामने काल का लन्ड पैंट फाड़ने तक कड़क हो गया ,उसे तो हर लड़की और औरत के चुत की अलग अलग ख़ुश्बू रही थी ,उसको अब अपने उपर काबू करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो गया था ,अगर वह यहां रुकता तो किसी ना किसी के कपड़े फाड़कर उसे चोदने लगता ,बाथरूम का बहाना करके अपने कमरे में चला गया ,उसने मन मे सुनीता ,निता,ज्वाला कह है वो देखा ,निता तो अभी उन सबसे मिलकर अपने कमरे में गयी थी ,निता को अपने अदृश्य यार की याद आ रही थी ,वो अपने कमरे में दरवाजा लगाकर अपने स्तनोसे खेल रही थी ,काल तुंरत अदृष्य होकर निता के कमरे में पहुँचा ,वो अपने यूनिफॉर्म में ही निता के कमरे में आ गया था मतलब पूरा नंगा ,निता के कान के पास जाकर वो बोला,निता क्या कर रही हो ,निता अपने कमरे में अपने अदृष्य यार की आवाज सुनकर खुश हो गई
निता,तुम यहा तक आ गये मेरे बलम
काल,हा मेरी सजनी तेरे चुत के बिना तो में बहुत प्यासा हो गया था
निता ,में भी मेरे बलम के लन्ड को कितना मिस कर रही हु,
काल,जान मुझे तेरी चुत का पानी पीना है ,चल जल्दी से अपनी चुत खोल ना
निता ,मुझे भी तुम्हारे लन्ड का माल पीना है ,में आज जबतक मेरा मन नही भरता तबतक तुम्हारा माल पीती रहुंगी
काल,मेरी रानी तेरे मुह को नही ,तेरी इस गुलाबी चुत और लाल लाल गांड़ के छेद भी तो भरने है
दोनो कभी ऐसी बाते नही करते थे पर आज काल कुछ अलग ही अंदाज में था ,दोनो अपनी बातों से इतने गर्म हो गए कि निता के कपड़े फाड़ता काल उसकी चुत को मुह में भरता उसे चुसने लगा ,दोनो 69 में थे ,निता ने भी काल के लन्ड को मुह में भरकर चुसने लगी आज उसको काल का लंड बहुत ज्यादा गर्म और पहले से कड़क लग रहा था ,उसे तो उसके लंड को मुह में लेते ही एक नशा चढ़ने लगा ,वो जितना हो सके इस गर्म डंडे को अपने हलक में उतारने लगी,
काल ने निता के मुह से लंड निकाला तो उसे गुस्सा आ गया था पर जब काल ने एक ही बार मे अपना पूरा मूसल उसकी चुत में उतारा तो उसका गुस्सा प्यार में बदल गया उसे अपने चुत में उस मूसल की गर्मी अलग ही मजा दे रही थी ,काल निता को पीठ के बल लिटाकर चोद रहा था ,निता तो आज इतने मजे में आ गयी थी कि बस ,वो अपनी चुत काल के लन्ड पर आज ऐसे पटक रही थी मानो पूरा काल को ही अपने अंदर घुसा लेगी ,उन्होंने बस दोपहर का खाने और रात के खाने को ही रुके थे ,काल ने कितनी बार निता के चुत और गांड़ को भरा ,गिनती करना मुश्किल था,काल के लंड को जितना नीता के चुत को मारने में मजा आता था वैसा किसीके साथ भी नही आता था ,काल ने अपने लंड से निता की लाल लाल गांड के छेद में माल भरकर ही सुबह को निता को छोड़ा था ,
काल जब अपने कमरे में नहाने गया तो नेत्रा ने उसको इतना ही पूछा कब तक मेरी माँ को चोदते रहोगे ,जरा अपनी बीवी पर भी ध्यान दीजिये ,काल के कान लाल हो गए थे यह बात सुनकर ,उसने अपने कपड़े पहने और चाय पानी पीकर घर के बाहर निकल गया ,काल को अब अपने महानाग बनने के बाद ऐसा लग रहा था वो 24 घण्टे सेक्स के बारे में ही सोच रहा है ,अब इस का क्या उपाय करें ,काल मन्दिर के पीछे बने जंगल मे अदृष्य बनकर घूमने लगा ,उसे अब किसी भी लड़की के सामने जाने का डर सता रहा था ,वो अब किसी हवसी की तरह हर लड़की को देख रहा था ,नरगिस और सनम से बात करके 3 दिन होने को आये थे ,नेत्रा और वो जब विषलोक गये थे उस दिन सुबह ही उनसे बात हुवीं थी ,उन्हें तो उसने यही सोचा था कि उसे विषलोक में समय लग सकता है ,इसीलिए उसने यह बताया था कि वो सीधा मुंबई में मिलेगा 7 दिन बाद ,हम थोड़ी पहाड़ी इलाको में है शायद फोन लगे नही ,उनको यकीन होने के लिये उसने अपने शक्ति का अभ्यास जिस जगह पर करता वहां जाकर एक पहाड़ के पास खड़े होकर एक विडियो कॉल किया था ,काल ने भले ही शक्कल बदली हो पर दिल नही बदला था ,अगर वो ऐसा अपने हवसी भावना के साथ 4 दिन बाद सबके साथ मुम्बई में रहेगा तो सब पर गलत असर हो सकता है ,भले ही वो सब उसके साथ चुदाई करना चाहती हो, लेकिन अब काल मे हवस भर गई थी ,और वो सब दिल से उसे प्यार करती थी ,काल को सब को एक अच्छी जिंदगी देनी थी (ना कि अच्छी तरह चोदना था ) और इसके लिये उसे सबसे पहले अपनी हवस कम करनी थी ,
काल ना कोई गुरु था ,ना कोई समझाने वाला , फिर भी उसके पास इतनी शक्तिया होने पर भी उसका दिमाग खराब नही हुवा था , कोई दूसरा होता तो अपनी शक्तियों के साथ इस कामवासना में अबतक क्या नही कर जाता ,पर काल तो इसे कम किस तरह किया जाए इसिका रास्ता ढूंढ रहा था ,जंगल में एक पेड़ के नीचे काल बैठकर अपने ही खयालो में खोया था ,तभी उसे किसी की आने की आहट हुवीं उसके सामने बहुत ही बड़ी और सुंदर दो अश्वमानव सुंदरियां थी ,उनको काल के होने का कुछ पता ही नही था, वो दोनो अपनी ही बातो में काल जिस पेड़ के पास बैठा था उसी के छाव में आकर वो आराम से बात करने लगी, पहली,बानी तू नही जानती शक्ति मिलने के बाद उसके साथ उसके फायदे भी है और नुकसान भी ,जो नुकसान का हमेशा ध्यान रखता है ,उसे टालता है वही अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल कर सकता है ,
दूसरी (बानी),माला तुमको कोई गुरु या बाबा बनना चाहियें तुम कोई भी बात हो उसे पूरी तरह जानकर ही अपना मत रखती हो ,
माला ,बानी में हम दोनों पहली जुड़वां संतान है अश्व मानवों में,जिस तरह आज तक हम दोनों हमारे अंदर कितनी ताकते है जान नही पाये ,उसी तरह सर्पिणी और विशाखा है ,हम चारो की एक ही समस्या है कि हमे आजतक हमारा जीवन साथी नही मिला है ,
बानी ,माला सर्पिणी की बाते सुनकर नही लगता काल ही उन दोनों का पति हो सकता है ,हजारों साल में पहली बार दोनो का दिल मे किसी को देखकर कामवासना का जन्म हुवा है,हिमांनी भी तो काल की पत्नी ही बनेगी ऐसा उसके जन्म के बाद से कहा गया था ,
माला, बानी ,काल की शक्तियां पहले ही बहुत ज्यादा थी ये हमने मुकाबले में देखा था अब तो वो महानाग बन गया है ,उसके पास कितनी ही नई शक्तिया होगी अब ,वह अपने नई शक्तियों के साथ कितनी जल्दी खुद को सम्भल पाता है ,ये देखने वाली बात होगी ,और महानाग में क्या शक्तिया है ये किसी को पता नही है ,वो तो पहली बार ही सबके सामने आया है काल के रूप में ,काल ने जिस तरह सर्पिणी की मदद की उसे बचाया ,मुझे लगता है वही भेड़िये मानव को वापिस ला सकता है काली घाटी से ,उस कोहिम ने कितने ही मानवभेडियो को अपने काली घाटी में बंदी बनाकर रखा है कितने सालो से ,
बानी,माला उस काली घाटी में ऐसा क्या है जो वहाँ पर हम लोगो की कोई शक्ति काम नही करती ,यहाँ तक के हम अपनी ताकद की मदद से वहा क्या हो रहा है वह देख भी नही पाते
माला ,बानी यह बात कोई नही जानता कि काली घाटी में हमारी शक्तिया काम क्यो नही करती ,नही तो अभी तक हम सबने मिलकर काली घाटी पर हमला करके उन सब मानवभेडियो को बचा लिया होता ,
बानी ,तो काल की शक्तिया वहाँ काम करना बंद नही करेगी अगर वह वहा गया तो ,भले ही काल अब महानाग बन गया है लेकिन उसीकी भी शक्तिया वहां काम करेगी की नही यह हम भी तो नहीं जानते,उसका वहाँ पर जाना खतरे से खाली नही होगा,
माला ,बानी लेकिन काल को एक कोशिश करके देखनी चाहिए ,काली घाटी में जाकर अगर उसकी शक्तिया वहा पर काम कर गई तो वो कोहिम को अच्छा सबक सिखा सकता है ,और मानव भेड़ियों को भी बचा सकता है ,
माला और बानी अपनी बातें करती वहां पर ज्यादा देर नही रुकी वो वहां से चली गई ,काल उनकी बातें को सोचता उन दो अश्वसुंदरियों के शरीर को देख रहा था ,चार पैरों के ऊपर लड़की का आधा शरीर ,वह दोनो आम घोड़ो से काफी ऊंची और तगड़ी थी ,उनके जो लड़कियों का कमर से ऊपर का शरीर पकड़ के उनकी लंबाई 15 फिट से ज्यादा थी ,उनके चेहरे बहुत ही ख़ूबसूरत थे , उनकी चुचिया इतनी बड़ी थी कि काल के दोनो हाथो में मिलकर भी पूरी नही आ सके ,दोनो एकदम सफेद कलर की थी ,काल का लंड तो उनकी घोडी के शरीर मे पीछे से दिख रही बड़ी सी चुत की खुशबू से ही टनटना रहा था ,जब बाते करते वक्त बानी एक बार अपनी चुत से पेशाब कर रही थी ,तो उसके तेज खुश्बू से काल को ऐसा लग रहा था जाकर सीधा उसकी चुत को मुह में भर ले और उस पेशाब को पी ले ,पर उसने अपने आप को रोक के रखा था ,जब वो दोनो चली गयी ,काल अपने मन मे साला पहले औरतो की चुत की महक से पागल हो रहा था ,अब घोड़ियों की चुत देखकर उनको चोदने का मन कर रहा है ,अब तो रस्ते पे घूमने वाली कुतियों को देखकर कहि में चोदना ना शुरू कर दु ,जब से उन काली नागिनों को भोगा है में चोदने के लिये पागल ही हो गया हूं,काली घाटी में अगर यह काम वासना बन्द हो गई तो बहुत अच्छा होगा ,साले उस कोहिम को तो वैसेही मारना था ,बहुत पाप कर चुका है वो ,मेने उसके तीनो लड़को के दिमाग पढ़े है ,मुझे काली घाटी का रास्ता तो अंगारा से पता चला था जब उसके हाथ पांव तोड़ते वक्त वो अपने घर के बारे में याद करते हुवे रो रहा था ,नेत्रा को कुछ और बात बोलकर मुझे अभी ही निकलना होगा काली घाटी,उसे बता कर गया तो वो साथ मे ही निकल पड़ेगी ,काल ने फिर नेत्रा को बता दिया कि उसे महानाग के ठिकाने जाना है अपनी शक्तियों के बारे में जानने के लिए और वह काली घाटी की और अपने मन की शक्ति से झट से पहुच गया ,काली घाटी एक दुनिया की नजरों से छुपी दुनिया थी, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के जंगलों से ही वहां पर जाने का रास्ता था ,काल अब उसी जंगलों के बीच अदृष्य रूप से काली घाटी के रास्ते पर जा रहा था ,काल एक बड़े झरने के पास पहुचा उसी झरने के पीछे एक रास्ता जाता था ,अंदर 2 घण्टे के उस अंधेरे से भरे पहाड़ से गुजर कर ही काली घाटी में जा सकते है ,उसी रास्ते से काल तेजी से काली घाटी पहुच गया, काली घाटी उसे इसलिए कहा जाता है कि वहा पहुँचने के लिए काले अँधरे से भरे पहाड़ो से गुजरना पड़ता था ,काली घाटी एक मायावी असुरों का बहुत बड़ा ठिकाना था ,उस काली घाटी में हजारों मायावी असुर रहते थे ,जो अपनी बुद्धि और बल के साथ अपने अंदर की मायावी ताकदो से बहुत बलशाली थे ,वह ज्यादा इंसानी दुनिया में कभी किसी के सामने अपने वास्तविक रूप में नही जाते, जाना हो तो वो इंसानों के भेष में ही जाते थे , या गुप्त रूप से वो घूमते थे ,दो बार वो भवानीगढ़ आये थे ,पहली बार नरभेडिये को पकड़ने और कुश्ती मुकाबले में हिस्सा लेने,उनके आने की वजह काल को अंगारा के दिमाग से यही पता चली थी कि उसके पिता कोहिम ने अंगारा को भवानीगढ़ के मुकाबले में इस
साल इसी लिये भेजा था कि अंगारा उस मुकाबले को जीतकर मन्दिर में जा सके ,मन्दिर में कोई चमत्कारी चीज को तलाश उसके अंदर जाकर ही कि जा सकती है ,और मन्दिर में रहने वाली दो भयानक नागिनों को सामना उन असुरों का एक बार हुवा था जब नरभेडिये को पकड़ने उनके कुछ योद्धा आये थे, उसमे उनको दो सबसे अच्छे योद्धा को बुरी तरह मार दिया था उन नागिनों ने ,उस मन्दिर के पास और कुछ ताकते थी जो उन असुरों को दिखती नही थी पर जब वो चोरी से मन्दिर में दाखिल होने की कोशिश करते तो उनके शरीर के टुकड़े करके मार दिया जाता था , अपनी इतनी मायावी आसुरी ताकद के बावजूद वो कौन उनको मार रहा है ये देख नही पाते थे ,इसी वजह से जब कोहिम को मालूम गिरा की उस मन्दिर में चमत्कारि चीज है तो उसने कपट का सहारा लेकर अंगारा को मुकाबले में उतारा था और मन्दिर के परंपरा के अनुसार मुकाबले में जितने वाले को मन्दिर के पूजा का प्रथम मान मिलता है ,और इस परंपरा का सहारा लेकर उसका बेटा मन्दिर में प्रवेश कर सकता है ,और उसे मन्दिर के जो रक्षक है वो रोक भी नही सकते थे परंपरा के नियमों नुसार ,उन्हें पृथ्वी और नरेश के बारे में सब पता था उनकी दोनो की ताकद उनके सामने कुछ भी नही थी ,उनको मालूम था मुकाबले में उनका मुकाबला करने नरेश या पृथ्वी से हो सकता है जो उनके सामने पलभर में हार जाते पर उनके सामने काल नामकी मौत आ गई थी जिसने बुरी तरीके से उनको मार दिया था ,कोहिम अपने बेटे अंगारा के हालात देखकर बहुत ज्यादा भड़क चुका था काल से और जब काल ने उसके दो और बेटे गगन और देबन को मार दिया था विषलोक में तबसे वो काल के खून का प्यासा था ,कोहिम को बस काल की तलाश थी और काल इस वक्त उसके शहर में दाखिल होने वाला था ,
काल देख रहा था काली घाटी को जो बहुत ही ज्यादा बड़ी थी पहाड़ो के नीचे बहुत ही बड़े जंगलों में बनी थी यह ,यहा पर हजारो असुर काल को दिख रहे थे जो काली घाटी के चारो और बनी एक अदृश्य दीवार के सुरक्षा घेरे में थे ,उस काली घाटी में एक ही आने जाने का रास्ता था जहाँ पर सैनिकों का कड़ा पहरा था ,जो भी उस प्रवेश द्वार से अंदर आता या बाहर जाता उसकी बारीकी से तलाशी ली जाती ,पूछताछ की जाती थी ,उस प्रवेश द्वार पर एक बहुत ही बड़ी असुर की मूर्ति लगीं हुवीं थी ,हर आने जाने वालों को उसके सामने से ही गुजरना पड़ता था ,काल सब देख रहा था,उसने अपने आप को एकं असुर में बदल लिया ,असुर दिखने में इंसान जैसे ही होते है पर उनके शरीर का आकार बड़ा होता है ,असुर 14 से 15 फिट के ऊंचाई के होते है ,पर हर एक का शरीर समान नही होता है इंसानों की तरह कोई दुबला पतला,मोटा ,तगड़ा होता था ,काल ने जब असुर रूप लिया तो वो 15 फिट का एकदम तगड़ा असुर दिखने लगा था ,असुरों के तरह लंबे बाल ,लंबी दाढ़ी मुछे, में वो बहुत ही खूबसूरत असुर दिख रहा था ,उसने भी अपने कमर पर एक लँगोट लगाया था ,लेकिन यहा पर भी उसका लंड ने अपना कमाल दिखाया था जैसा आम इंसान होकर भी काल का लन्ड दुगने से भी मोटा और बड़ा था यहा पर भी उसका लंड और आंड उसी ही तरह आम असुर के मुकाबले दुगने से बड़ा बन गया था , और हमेशा की तरह उसका लन्ड खड़ा ही था जो लंगोट से दिख रहा था ,काल जब उस अदृश्य प्रवेशद्वार से दाखिल हुवा तो उसके आसपास के सब असुर उसके मजबूत शरीर और चेहरे को ही देख रहे थे ,बहुत सी असुर औरते इस तगडे असुर के लंगोट के अंदर दिख रहे असमान्य उभार को ही देख रही थी ,काल उन असुर महिला के कमर और छाती के दो कपड़ो से दिख रही उनके बडी चुचिया और गांड़ को ही देख रहा था ,यहा की आसुर औरते बहुत ही ज्यादा कामुक थी और यहां कोई भी किसीके साथ संभोग कर सकता था ,बस दोनो एक दूसरे के साथ संभोग के लिए तैयार हो बस इतना ही जरूरी था ,यहा बस दो ही नाते थे नर या मादा ,काल एक कतार में चल रहा था जो उसको तलाशी और पूछताछ के लिये असुर सैनिकों तक लेके जा रही थी काल के आगे एक बहुत ही मादक और खूबसूरत असुर औरत चल रही थी जिसके बड़ी सी गांड़ को देखता और उसकी चुत के ख़ुश्बू में खोया चल रहा था ,आगे कतार अचानक थमने से काल उस औरत से टकरा गया ,काल उस औरत के स्पर्श से बिथर गया उसने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाकर उसकी पीछे से ही दोनो चुचिया दबाते हुवे उसकी गांड़ में अपना लंड दबाने लगा ,काल के इस हरकत से उस औरत के मुह से हल्की चीख निकल गई ,उसकी चीख सुनकर कुछ असुर सिपाही आगे बढ़कर उससे पुछने लगे क्या हुवा ,तुम चीखी क्यो ,और ये आसुर तुमसे जबरदस्ती तो नही कर रहा ,
वो असुर औरत ,जी नहीं ऐसी कोई बात नही ,यह मेरे पति जीवा है ,आज जंगल मे कुछ औषधियों के तलाश करते हुवे ,इन्होंने गलतीसे कामशक्ति बढ़ने की दवा खा ली है ,इसी वजह से यह ऐसा कर रहे है ,
असुर सैनिक ,ठीक है ,इसे फिर जल्दी घर लेकर जाओ ,अगर इसने किसी और के साथ ऐसा किया होता तो उसको दंड दिया जाता ,तुम दोनो इस कतार से बाहर निकालो हम सीधे तुम्हारी तलाशी लेकर तुम दोनो को अंदर भेज देंगे
वो असुर सैनिक उस औरत और काल को सीधा उस बड़े से असुर पुतले के पास पहुंचे ,वहां पर पहले ही दो असुरो को पकड़ा था वो दोनो अपने साथ कुछ इंसानों का मास लेकर आये थे, काली घाटी में इंसानी मास नही खाते थे पर ये दो असुर किसी मायावी शक्ति को पाने लेकर आये थे वो मास ,इसी वजह से कतार भी अचानक रुक गई थी ,काल के साथ उस औरत की तलाशी ली गई और दोनो के नाम और क्या काम से बाहर गए ये पुछने पर उस असुर औरत ने बताया,जी मेरा नाम माया है और यह मेरे पति जीवा है हम दोनों जंगल में औषधि वनस्पति लाने जाते है ,जो यहा किसी असुर को बीमार और जख्मी होने के बाद काम मे आती है ,
उस औरत के पास थैले में बहुत सी औषधि वनस्पति भी थे तो सैनिकों ने उन दोनों को अंदर जाने दिया ,वो दोनो जैसे ही उस बड़ी असुर मूर्ति के सामने से गुजरे कुछ ही पल में वो पूरी मूर्ति एक बड़े से विस्फोट के साथ टुकडो में बदल गई ,
उसके बाद उस प्रवेशद्वार को जल्दी से बन्द कर दिया गया ,वहां पर बहुत बड़ी भगदड़ मच गई थी ,वहाँ बहुत से असुर सैनिक जमा हो रहे थे ,
माया अपने एक हाथ मे काल के हाथ को पकड़कर कबसे वहां से गायब होकर काल को अपने साथ लेकर अपने घर पर आयी थी ,काल ने जब उसकी चुचिया दबायी थी उसके बाद ही माया ने उसको एक फूल सूंघा दिया था ,जिसकी वजह से काल किसी कठपुतली की तरह माया के साथ बिना बोले चल रहा था ,
माया जब अपने घर पहुंची तो ,उसके सामने दो लडकिया आयी वो अपने माँ के साथ आये इस खूबसूरत असुर को देख रही थी ,उनमें से एक लड़की बोली ,माँ ,आपके साथ यह असुर कौन है और यह ऐसा किसी कठपुतली जैसा क्यों कर रहा है,
माया , सारा बेटी यह कोई असुर नही है ,यह मुझे प्रवेशद्वार से जब टकराया तभी में इसको जान गई थी यह कोई असुर नही है ,में यह तो नही जान पायी की यह कौन है पर इतना तो जरूर पता लग चुका है कि यह कोहिम को मार सकता है ,सारा ,में कुछ समझी नही माँ ,
माया ,बेटी में असुर राज की बेटी हु मेरे पास कुछ जन्म से ही ताकते है जिस तरह तुम दोनो में है ,मुझे स्पर्श मात्र से ही सामने वाले के बारे में सब पता चल जाता है ,इसने जब मुझे स्पर्श किया तो में तुरंत जान गई के ये असुर नही है ,पर में यह नही जान पा रही थी, कि यह है कौन जो मुझे पहचान में नही आ रहा ,तब मैंने इसको अपने पास रखी नागासुर वटी सुंघाई पर यह बेहोश ही नही हुवा ,जिस वटी को सूंघने 1000 असुर बेहोष हो जाये ,उसे सूंघकर भी यह बेहोश नही हुवा ,और जब हम उस काले असुर के पुतले से गुजरे जो यहाँ पर आने वालो कि शक्ति को अपने अंदर खींच लेता है उस पुतले ने जब इसकी शक्ति छीननी चाही तो वो पुतला ही टुकडो में बिखर गया,सोचो बेटी जिस पुतले के अंदर बड़े से बड़े योद्धा जो कोई भी जाति का हो उसकी पूरी शक्ति खींच कर उसे कमजोर कर देता था वो इसकी शक्ति को झेल तक नही पाया ,यही इस काली घाटी को वापिस असुर घाटी में बदल देगा ,कोहिम जो कभी हमारा सेनापति हुवा करता था उसने मेरा पिता और पति को धोके से मारकर राजा बन बैठा है सैकड़ो सालो से यह उस कोहिम को खत्म करके उसके पाप के साम्राज्य को मिटा देगा ,बेटी तुम दोनो बस एक काम करना इस को जब होश आये इसके सामने मत आना
सारा ,ऐसा क्यों मा ,हम क्यो सामने नही आये इसके
माया ,सारा बेटा तुम और हीरा इसके सामने नही जाओगी बस तुम दोनो अपने कमरे में चली जाओ और जब में बोलू तभी बाहर आना ,
सारा और हीरा दोनो अपने कमरे में गुस्से से चली गई
माया मन मे ,अब इन दोनो को क्या बोलू इसने मुझे कहा स्पर्श किया था ,यह तो उसी कतार में मेरी गांड फाड़ देता अपने उस बड़े से मूसल से ,मेरी गांड़ तो कभी मेरे पति ने नही मारी ,औऱ इसने उसी में अपने लंड को घुसा रहा था ,अगर यह मुझपर मोहित होकर सबके सामने मेरे ऊपर चढ़ सकता है, तो मेरी दोनो बेटियोके यह क्या हाल करेगा
 

vickyrock

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काल जब सुबह विशाखा की गुफा में पहुचा तो सब लडकिया बैठकर बाते कर रही थी ,नेत्रा ने हिमानी और केतकी को आज के दुनिया का सब ज्ञान दे दिया था ,सबसे बड़ी मुसीबत का हल केतकी ने हल कर दिया था ,वो था हिमानी कहा रहेगी ,तो केतकी उसे अपने साथ लेके जाने वाली थी ,हिमानी को यह मंजुर नही था ,बस कहने को वो हा कह रही थी पर उसकी आंखो की नमी से काल और नेत्रा समज गये तब नेत्रा के साथ उसके घर मे अमरीका की दोस्त शादी का सुनकर मिलने को आ गई है ऐसा बहाना बनाकर वो तीनो घर की तरफ निकल गए ,काल तो सुबह से हिमानी के बदन की आती खुशबू से परेशान हो गया था ,उसे ऐसा लग रहा था जाकर सीधा हिमानी की चुत में मुह घुसाकर चाटने लगे , जब तीनो घर पहुचे ,तो लड़कियों की इतनी पलटन के सामने काल का लन्ड पैंट फाड़ने तक कड़क हो गया ,उसे तो हर लड़की और औरत के चुत की अलग अलग ख़ुश्बू रही थी ,उसको अब अपने उपर काबू करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो गया था ,अगर वह यहां रुकता तो किसी ना किसी के कपड़े फाड़कर उसे चोदने लगता ,बाथरूम का बहाना करके अपने कमरे में चला गया ,उसने मन मे सुनीता ,निता,ज्वाला कह है वो देखा ,निता तो अभी उन सबसे मिलकर अपने कमरे में गयी थी ,निता को अपने अदृश्य यार की याद आ रही थी ,वो अपने कमरे में दरवाजा लगाकर अपने स्तनोसे खेल रही थी ,काल तुंरत अदृष्य होकर निता के कमरे में पहुँचा ,वो अपने यूनिफॉर्म में ही निता के कमरे में आ गया था मतलब पूरा नंगा ,निता के कान के पास जाकर वो बोला,निता क्या कर रही हो ,निता अपने कमरे में अपने अदृष्य यार की आवाज सुनकर खुश हो गई
निता,तुम यहा तक आ गये मेरे बलम
काल,हा मेरी सजनी तेरे चुत के बिना तो में बहुत प्यासा हो गया था
निता ,में भी मेरे बलम के लन्ड को कितना मिस कर रही हु,
काल,जान मुझे तेरी चुत का पानी पीना है ,चल जल्दी से अपनी चुत खोल ना
निता ,मुझे भी तुम्हारे लन्ड का माल पीना है ,में आज जबतक मेरा मन नही भरता तबतक तुम्हारा माल पीती रहुंगी
काल,मेरी रानी तेरे मुह को नही ,तेरी इस गुलाबी चुत और लाल लाल गांड़ के छेद भी तो भरने है
दोनो कभी ऐसी बाते नही करते थे पर आज काल कुछ अलग ही अंदाज में था ,दोनो अपनी बातों से इतने गर्म हो गए कि निता के कपड़े फाड़ता काल उसकी चुत को मुह में भरता उसे चुसने लगा ,दोनो 69 में थे ,निता ने भी काल के लन्ड को मुह में भरकर चुसने लगी आज उसको काल का लंड बहुत ज्यादा गर्म और पहले से कड़क लग रहा था ,उसे तो उसके लंड को मुह में लेते ही एक नशा चढ़ने लगा ,वो जितना हो सके इस गर्म डंडे को अपने हलक में उतारने लगी,
काल ने निता के मुह से लंड निकाला तो उसे गुस्सा आ गया था पर जब काल ने एक ही बार मे अपना पूरा मूसल उसकी चुत में उतारा तो उसका गुस्सा प्यार में बदल गया उसे अपने चुत में उस मूसल की गर्मी अलग ही मजा दे रही थी ,काल निता को पीठ के बल लिटाकर चोद रहा था ,निता तो आज इतने मजे में आ गयी थी कि बस ,वो अपनी चुत काल के लन्ड पर आज ऐसे पटक रही थी मानो पूरा काल को ही अपने अंदर घुसा लेगी ,उन्होंने बस दोपहर का खाने और रात के खाने को ही रुके थे ,काल ने कितनी बार निता के चुत और गांड़ को भरा ,गिनती करना मुश्किल था,काल के लंड को जितना नीता के चुत को मारने में मजा आता था वैसा किसीके साथ भी नही आता था ,काल ने अपने लंड से निता की लाल लाल गांड के छेद में माल भरकर ही सुबह को निता को छोड़ा था ,
काल जब अपने कमरे में नहाने गया तो नेत्रा ने उसको इतना ही पूछा कब तक मेरी माँ को चोदते रहोगे ,जरा अपनी बीवी पर भी ध्यान दीजिये ,काल के कान लाल हो गए थे यह बात सुनकर ,उसने अपने कपड़े पहने और चाय पानी पीकर घर के बाहर निकल गया ,काल को अब अपने महानाग बनने के बाद ऐसा लग रहा था वो 24 घण्टे सेक्स के बारे में ही सोच रहा है ,अब इस का क्या उपाय करें ,काल मन्दिर के पीछे बने जंगल मे अदृष्य बनकर घूमने लगा ,उसे अब किसी भी लड़की के सामने जाने का डर सता रहा था ,वो अब किसी हवसी की तरह हर लड़की को देख रहा था ,नरगिस और सनम से बात करके 3 दिन होने को आये थे ,नेत्रा और वो जब विषलोक गये थे उस दिन सुबह ही उनसे बात हुवीं थी ,उन्हें तो उसने यही सोचा था कि उसे विषलोक में समय लग सकता है ,इसीलिए उसने यह बताया था कि वो सीधा मुंबई में मिलेगा 7 दिन बाद ,हम थोड़ी पहाड़ी इलाको में है शायद फोन लगे नही ,उनको यकीन होने के लिये उसने अपने शक्ति का अभ्यास जिस जगह पर करता वहां जाकर एक पहाड़ के पास खड़े होकर एक विडियो कॉल किया था ,काल ने भले ही शक्कल बदली हो पर दिल नही बदला था ,अगर वो ऐसा अपने हवसी भावना के साथ 4 दिन बाद सबके साथ मुम्बई में रहेगा तो सब पर गलत असर हो सकता है ,भले ही वो सब उसके साथ चुदाई करना चाहती हो, लेकिन अब काल मे हवस भर गई थी ,और वो सब दिल से उसे प्यार करती थी ,काल को सब को एक अच्छी जिंदगी देनी थी (ना कि अच्छी तरह चोदना था ) और इसके लिये उसे सबसे पहले अपनी हवस कम करनी थी ,
काल ना कोई गुरु था ,ना कोई समझाने वाला , फिर भी उसके पास इतनी शक्तिया होने पर भी उसका दिमाग खराब नही हुवा था , कोई दूसरा होता तो अपनी शक्तियों के साथ इस कामवासना में अबतक क्या नही कर जाता ,पर काल तो इसे कम किस तरह किया जाए इसिका रास्ता ढूंढ रहा था ,जंगल में एक पेड़ के नीचे काल बैठकर अपने ही खयालो में खोया था ,तभी उसे किसी की आने की आहट हुवीं उसके सामने बहुत ही बड़ी और सुंदर दो अश्वमानव सुंदरियां थी ,उनको काल के होने का कुछ पता ही नही था, वो दोनो अपनी ही बातो में काल जिस पेड़ के पास बैठा था उसी के छाव में आकर वो आराम से बात करने लगी, पहली,बानी तू नही जानती शक्ति मिलने के बाद उसके साथ उसके फायदे भी है और नुकसान भी ,जो नुकसान का हमेशा ध्यान रखता है ,उसे टालता है वही अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल कर सकता है ,
दूसरी (बानी),माला तुमको कोई गुरु या बाबा बनना चाहियें तुम कोई भी बात हो उसे पूरी तरह जानकर ही अपना मत रखती हो ,
माला ,बानी में हम दोनों पहली जुड़वां संतान है अश्व मानवों में,जिस तरह आज तक हम दोनों हमारे अंदर कितनी ताकते है जान नही पाये ,उसी तरह सर्पिणी और विशाखा है ,हम चारो की एक ही समस्या है कि हमे आजतक हमारा जीवन साथी नही मिला है ,
बानी ,माला सर्पिणी की बाते सुनकर नही लगता काल ही उन दोनों का पति हो सकता है ,हजारों साल में पहली बार दोनो का दिल मे किसी को देखकर कामवासना का जन्म हुवा है,हिमांनी भी तो काल की पत्नी ही बनेगी ऐसा उसके जन्म के बाद से कहा गया था ,
माला, बानी ,काल की शक्तियां पहले ही बहुत ज्यादा थी ये हमने मुकाबले में देखा था अब तो वो महानाग बन गया है ,उसके पास कितनी ही नई शक्तिया होगी अब ,वह अपने नई शक्तियों के साथ कितनी जल्दी खुद को सम्भल पाता है ,ये देखने वाली बात होगी ,और महानाग में क्या शक्तिया है ये किसी को पता नही है ,वो तो पहली बार ही सबके सामने आया है काल के रूप में ,काल ने जिस तरह सर्पिणी की मदद की उसे बचाया ,मुझे लगता है वही भेड़िये मानव को वापिस ला सकता है काली घाटी से ,उस कोहिम ने कितने ही मानवभेडियो को अपने काली घाटी में बंदी बनाकर रखा है कितने सालो से ,
बानी,माला उस काली घाटी में ऐसा क्या है जो वहाँ पर हम लोगो की कोई शक्ति काम नही करती ,यहाँ तक के हम अपनी ताकद की मदद से वहा क्या हो रहा है वह देख भी नही पाते
माला ,बानी यह बात कोई नही जानता कि काली घाटी में हमारी शक्तिया काम क्यो नही करती ,नही तो अभी तक हम सबने मिलकर काली घाटी पर हमला करके उन सब मानवभेडियो को बचा लिया होता ,
बानी ,तो काल की शक्तिया वहाँ काम करना बंद नही करेगी अगर वह वहा गया तो ,भले ही काल अब महानाग बन गया है लेकिन उसीकी भी शक्तिया वहां काम करेगी की नही यह हम भी तो नहीं जानते,उसका वहाँ पर जाना खतरे से खाली नही होगा,
माला ,बानी लेकिन काल को एक कोशिश करके देखनी चाहिए ,काली घाटी में जाकर अगर उसकी शक्तिया वहा पर काम कर गई तो वो कोहिम को अच्छा सबक सिखा सकता है ,और मानव भेड़ियों को भी बचा सकता है ,
माला और बानी अपनी बातें करती वहां पर ज्यादा देर नही रुकी वो वहां से चली गई ,काल उनकी बातें को सोचता उन दो अश्वसुंदरियों के शरीर को देख रहा था ,चार पैरों के ऊपर लड़की का आधा शरीर ,वह दोनो आम घोड़ो से काफी ऊंची और तगड़ी थी ,उनके जो लड़कियों का कमर से ऊपर का शरीर पकड़ के उनकी लंबाई 15 फिट से ज्यादा थी ,उनके चेहरे बहुत ही ख़ूबसूरत थे , उनकी चुचिया इतनी बड़ी थी कि काल के दोनो हाथो में मिलकर भी पूरी नही आ सके ,दोनो एकदम सफेद कलर की थी ,काल का लंड तो उनकी घोडी के शरीर मे पीछे से दिख रही बड़ी सी चुत की खुशबू से ही टनटना रहा था ,जब बाते करते वक्त बानी एक बार अपनी चुत से पेशाब कर रही थी ,तो उसके तेज खुश्बू से काल को ऐसा लग रहा था जाकर सीधा उसकी चुत को मुह में भर ले और उस पेशाब को पी ले ,पर उसने अपने आप को रोक के रखा था ,जब वो दोनो चली गयी ,काल अपने मन मे साला पहले औरतो की चुत की महक से पागल हो रहा था ,अब घोड़ियों की चुत देखकर उनको चोदने का मन कर रहा है ,अब तो रस्ते पे घूमने वाली कुतियों को देखकर कहि में चोदना ना शुरू कर दु ,जब से उन काली नागिनों को भोगा है में चोदने के लिये पागल ही हो गया हूं,काली घाटी में अगर यह काम वासना बन्द हो गई तो बहुत अच्छा होगा ,साले उस कोहिम को तो वैसेही मारना था ,बहुत पाप कर चुका है वो ,मेने उसके तीनो लड़को के दिमाग पढ़े है ,मुझे काली घाटी का रास्ता तो अंगारा से पता चला था जब उसके हाथ पांव तोड़ते वक्त वो अपने घर के बारे में याद करते हुवे रो रहा था ,नेत्रा को कुछ और बात बोलकर मुझे अभी ही निकलना होगा काली घाटी,उसे बता कर गया तो वो साथ मे ही निकल पड़ेगी ,काल ने फिर नेत्रा को बता दिया कि उसे महानाग के ठिकाने जाना है अपनी शक्तियों के बारे में जानने के लिए और वह काली घाटी की और अपने मन की शक्ति से झट से पहुच गया ,काली घाटी एक दुनिया की नजरों से छुपी दुनिया थी, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के जंगलों से ही वहां पर जाने का रास्ता था ,काल अब उसी जंगलों के बीच अदृष्य रूप से काली घाटी के रास्ते पर जा रहा था ,काल एक बड़े झरने के पास पहुचा उसी झरने के पीछे एक रास्ता जाता था ,अंदर 2 घण्टे के उस अंधेरे से भरे पहाड़ से गुजर कर ही काली घाटी में जा सकते है ,उसी रास्ते से काल तेजी से काली घाटी पहुच गया, काली घाटी उसे इसलिए कहा जाता है कि वहा पहुँचने के लिए काले अँधरे से भरे पहाड़ो से गुजरना पड़ता था ,काली घाटी एक मायावी असुरों का बहुत बड़ा ठिकाना था ,उस काली घाटी में हजारों मायावी असुर रहते थे ,जो अपनी बुद्धि और बल के साथ अपने अंदर की मायावी ताकदो से बहुत बलशाली थे ,वह ज्यादा इंसानी दुनिया में कभी किसी के सामने अपने वास्तविक रूप में नही जाते, जाना हो तो वो इंसानों के भेष में ही जाते थे , या गुप्त रूप से वो घूमते थे ,दो बार वो भवानीगढ़ आये थे ,पहली बार नरभेडिये को पकड़ने और कुश्ती मुकाबले में हिस्सा लेने,उनके आने की वजह काल को अंगारा के दिमाग से यही पता चली थी कि उसके पिता कोहिम ने अंगारा को भवानीगढ़ के मुकाबले में इस
साल इसी लिये भेजा था कि अंगारा उस मुकाबले को जीतकर मन्दिर में जा सके ,मन्दिर में कोई चमत्कारी चीज को तलाश उसके अंदर जाकर ही कि जा सकती है ,और मन्दिर में रहने वाली दो भयानक नागिनों को सामना उन असुरों का एक बार हुवा था जब नरभेडिये को पकड़ने उनके कुछ योद्धा आये थे, उसमे उनको दो सबसे अच्छे योद्धा को बुरी तरह मार दिया था उन नागिनों ने ,उस मन्दिर के पास और कुछ ताकते थी जो उन असुरों को दिखती नही थी पर जब वो चोरी से मन्दिर में दाखिल होने की कोशिश करते तो उनके शरीर के टुकड़े करके मार दिया जाता था , अपनी इतनी मायावी आसुरी ताकद के बावजूद वो कौन उनको मार रहा है ये देख नही पाते थे ,इसी वजह से जब कोहिम को मालूम गिरा की उस मन्दिर में चमत्कारि चीज है तो उसने कपट का सहारा लेकर अंगारा को मुकाबले में उतारा था और मन्दिर के परंपरा के अनुसार मुकाबले में जितने वाले को मन्दिर के पूजा का प्रथम मान मिलता है ,और इस परंपरा का सहारा लेकर उसका बेटा मन्दिर में प्रवेश कर सकता है ,और उसे मन्दिर के जो रक्षक है वो रोक भी नही सकते थे परंपरा के नियमों नुसार ,उन्हें पृथ्वी और नरेश के बारे में सब पता था उनकी दोनो की ताकद उनके सामने कुछ भी नही थी ,उनको मालूम था मुकाबले में उनका मुकाबला करने नरेश या पृथ्वी से हो सकता है जो उनके सामने पलभर में हार जाते पर उनके सामने काल नामकी मौत आ गई थी जिसने बुरी तरीके से उनको मार दिया था ,कोहिम अपने बेटे अंगारा के हालात देखकर बहुत ज्यादा भड़क चुका था काल से और जब काल ने उसके दो और बेटे गगन और देबन को मार दिया था विषलोक में तबसे वो काल के खून का प्यासा था ,कोहिम को बस काल की तलाश थी और काल इस वक्त उसके शहर में दाखिल होने वाला था ,
काल देख रहा था काली घाटी को जो बहुत ही ज्यादा बड़ी थी पहाड़ो के नीचे बहुत ही बड़े जंगलों में बनी थी यह ,यहा पर हजारो असुर काल को दिख रहे थे जो काली घाटी के चारो और बनी एक अदृश्य दीवार के सुरक्षा घेरे में थे ,उस काली घाटी में एक ही आने जाने का रास्ता था जहाँ पर सैनिकों का कड़ा पहरा था ,जो भी उस प्रवेश द्वार से अंदर आता या बाहर जाता उसकी बारीकी से तलाशी ली जाती ,पूछताछ की जाती थी ,उस प्रवेश द्वार पर एक बहुत ही बड़ी असुर की मूर्ति लगीं हुवीं थी ,हर आने जाने वालों को उसके सामने से ही गुजरना पड़ता था ,काल सब देख रहा था,उसने अपने आप को एकं असुर में बदल लिया ,असुर दिखने में इंसान जैसे ही होते है पर उनके शरीर का आकार बड़ा होता है ,असुर 14 से 15 फिट के ऊंचाई के होते है ,पर हर एक का शरीर समान नही होता है इंसानों की तरह कोई दुबला पतला,मोटा ,तगड़ा होता था ,काल ने जब असुर रूप लिया तो वो 15 फिट का एकदम तगड़ा असुर दिखने लगा था ,असुरों के तरह लंबे बाल ,लंबी दाढ़ी मुछे, में वो बहुत ही खूबसूरत असुर दिख रहा था ,उसने भी अपने कमर पर एक लँगोट लगाया था ,लेकिन यहा पर भी उसका लंड ने अपना कमाल दिखाया था जैसा आम इंसान होकर भी काल का लन्ड दुगने से भी मोटा और बड़ा था यहा पर भी उसका लंड और आंड उसी ही तरह आम असुर के मुकाबले दुगने से बड़ा बन गया था , और हमेशा की तरह उसका लन्ड खड़ा ही था जो लंगोट से दिख रहा था ,काल जब उस अदृश्य प्रवेशद्वार से दाखिल हुवा तो उसके आसपास के सब असुर उसके मजबूत शरीर और चेहरे को ही देख रहे थे ,बहुत सी असुर औरते इस तगडे असुर के लंगोट के अंदर दिख रहे असमान्य उभार को ही देख रही थी ,काल उन असुर महिला के कमर और छाती के दो कपड़ो से दिख रही उनके बडी चुचिया और गांड़ को ही देख रहा था ,यहा की आसुर औरते बहुत ही ज्यादा कामुक थी और यहां कोई भी किसीके साथ संभोग कर सकता था ,बस दोनो एक दूसरे के साथ संभोग के लिए तैयार हो बस इतना ही जरूरी था ,यहा बस दो ही नाते थे नर या मादा ,काल एक कतार में चल रहा था जो उसको तलाशी और पूछताछ के लिये असुर सैनिकों तक लेके जा रही थी काल के आगे एक बहुत ही मादक और खूबसूरत असुर औरत चल रही थी जिसके बड़ी सी गांड़ को देखता और उसकी चुत के ख़ुश्बू में खोया चल रहा था ,आगे कतार अचानक थमने से काल उस औरत से टकरा गया ,काल उस औरत के स्पर्श से बिथर गया उसने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाकर उसकी पीछे से ही दोनो चुचिया दबाते हुवे उसकी गांड़ में अपना लंड दबाने लगा ,काल के इस हरकत से उस औरत के मुह से हल्की चीख निकल गई ,उसकी चीख सुनकर कुछ असुर सिपाही आगे बढ़कर उससे पुछने लगे क्या हुवा ,तुम चीखी क्यो ,और ये आसुर तुमसे जबरदस्ती तो नही कर रहा ,
वो असुर औरत ,जी नहीं ऐसी कोई बात नही ,यह मेरे पति जीवा है ,आज जंगल मे कुछ औषधियों के तलाश करते हुवे ,इन्होंने गलतीसे कामशक्ति बढ़ने की दवा खा ली है ,इसी वजह से यह ऐसा कर रहे है ,
असुर सैनिक ,ठीक है ,इसे फिर जल्दी घर लेकर जाओ ,अगर इसने किसी और के साथ ऐसा किया होता तो उसको दंड दिया जाता ,तुम दोनो इस कतार से बाहर निकालो हम सीधे तुम्हारी तलाशी लेकर तुम दोनो को अंदर भेज देंगे
वो असुर सैनिक उस औरत और काल को सीधा उस बड़े से असुर पुतले के पास पहुंचे ,वहां पर पहले ही दो असुरो को पकड़ा था वो दोनो अपने साथ कुछ इंसानों का मास लेकर आये थे, काली घाटी में इंसानी मास नही खाते थे पर ये दो असुर किसी मायावी शक्ति को पाने लेकर आये थे वो मास ,इसी वजह से कतार भी अचानक रुक गई थी ,काल के साथ उस औरत की तलाशी ली गई और दोनो के नाम और क्या काम से बाहर गए ये पुछने पर उस असुर औरत ने बताया,जी मेरा नाम माया है और यह मेरे पति जीवा है हम दोनों जंगल में औषधि वनस्पति लाने जाते है ,जो यहा किसी असुर को बीमार और जख्मी होने के बाद काम मे आती है ,
उस औरत के पास थैले में बहुत सी औषधि वनस्पति भी थे तो सैनिकों ने उन दोनों को अंदर जाने दिया ,वो दोनो जैसे ही उस बड़ी असुर मूर्ति के सामने से गुजरे कुछ ही पल में वो पूरी मूर्ति एक बड़े से विस्फोट के साथ टुकडो में बदल गई ,
उसके बाद उस प्रवेशद्वार को जल्दी से बन्द कर दिया गया ,वहां पर बहुत बड़ी भगदड़ मच गई थी ,वहाँ बहुत से असुर सैनिक जमा हो रहे थे ,
माया अपने एक हाथ मे काल के हाथ को पकड़कर कबसे वहां से गायब होकर काल को अपने साथ लेकर अपने घर पर आयी थी ,काल ने जब उसकी चुचिया दबायी थी उसके बाद ही माया ने उसको एक फूल सूंघा दिया था ,जिसकी वजह से काल किसी कठपुतली की तरह माया के साथ बिना बोले चल रहा था ,
माया जब अपने घर पहुंची तो ,उसके सामने दो लडकिया आयी वो अपने माँ के साथ आये इस खूबसूरत असुर को देख रही थी ,उनमें से एक लड़की बोली ,माँ ,आपके साथ यह असुर कौन है और यह ऐसा किसी कठपुतली जैसा क्यों कर रहा है,
माया , सारा बेटी यह कोई असुर नही है ,यह मुझे प्रवेशद्वार से जब टकराया तभी में इसको जान गई थी यह कोई असुर नही है ,में यह तो नही जान पायी की यह कौन है पर इतना तो जरूर पता लग चुका है कि यह कोहिम को मार सकता है ,सारा ,में कुछ समझी नही माँ ,
माया ,बेटी में असुर राज की बेटी हु मेरे पास कुछ जन्म से ही ताकते है जिस तरह तुम दोनो में है ,मुझे स्पर्श मात्र से ही सामने वाले के बारे में सब पता चल जाता है ,इसने जब मुझे स्पर्श किया तो में तुरंत जान गई के ये असुर नही है ,पर में यह नही जान पा रही थी, कि यह है कौन जो मुझे पहचान में नही आ रहा ,तब मैंने इसको अपने पास रखी नागासुर वटी सुंघाई पर यह बेहोश ही नही हुवा ,जिस वटी को सूंघने 1000 असुर बेहोष हो जाये ,उसे सूंघकर भी यह बेहोश नही हुवा ,और जब हम उस काले असुर के पुतले से गुजरे जो यहाँ पर आने वालो कि शक्ति को अपने अंदर खींच लेता है उस पुतले ने जब इसकी शक्ति छीननी चाही तो वो पुतला ही टुकडो में बिखर गया,सोचो बेटी जिस पुतले के अंदर बड़े से बड़े योद्धा जो कोई भी जाति का हो उसकी पूरी शक्ति खींच कर उसे कमजोर कर देता था वो इसकी शक्ति को झेल तक नही पाया ,यही इस काली घाटी को वापिस असुर घाटी में बदल देगा ,कोहिम जो कभी हमारा सेनापति हुवा करता था उसने मेरा पिता और पति को धोके से मारकर राजा बन बैठा है सैकड़ो सालो से यह उस कोहिम को खत्म करके उसके पाप के साम्राज्य को मिटा देगा ,बेटी तुम दोनो बस एक काम करना इस को जब होश आये इसके सामने मत आना
सारा ,ऐसा क्यों मा ,हम क्यो सामने नही आये इसके
माया ,सारा बेटा तुम और हीरा इसके सामने नही जाओगी बस तुम दोनो अपने कमरे में चली जाओ और जब में बोलू तभी बाहर आना ,
सारा और हीरा दोनो अपने कमरे में गुस्से से चली गई
माया मन मे ,अब इन दोनो को क्या बोलू इसने मुझे कहा स्पर्श किया था ,यह तो उसी कतार में मेरी गांड फाड़ देता अपने उस बड़े से मूसल से ,मेरी गांड़ तो कभी मेरे पति ने नही मारी ,औऱ इसने उसी में अपने लंड को घुसा रहा था ,अगर यह मुझपर मोहित होकर सबके सामने मेरे ऊपर चढ़ सकता है, तो मेरी दोनो बेटियोके यह क्या हाल करेगा
अब कोहीम का अंत आ गया
 

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Update 60
काल जब सुबह विशाखा की गुफा में पहुचा तो सब लडकिया बैठकर बाते कर रही थी ,नेत्रा ने हिमानी और केतकी को आज के दुनिया का सब ज्ञान दे दिया था ,सबसे बड़ी मुसीबत का हल केतकी ने हल कर दिया था ,वो था हिमानी कहा रहेगी ,तो केतकी उसे अपने साथ लेके जाने वाली थी ,हिमानी को यह मंजुर नही था ,बस कहने को वो हा कह रही थी पर उसकी आंखो की नमी से काल और नेत्रा समज गये तब नेत्रा के साथ उसके घर मे अमरीका की दोस्त शादी का सुनकर मिलने को आ गई है ऐसा बहाना बनाकर वो तीनो घर की तरफ निकल गए ,काल तो सुबह से हिमानी के बदन की आती खुशबू से परेशान हो गया था ,उसे ऐसा लग रहा था जाकर सीधा हिमानी की चुत में मुह घुसाकर चाटने लगे , जब तीनो घर पहुचे ,तो लड़कियों की इतनी पलटन के सामने काल का लन्ड पैंट फाड़ने तक कड़क हो गया ,उसे तो हर लड़की और औरत के चुत की अलग अलग ख़ुश्बू रही थी ,उसको अब अपने उपर काबू करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो गया था ,अगर वह यहां रुकता तो किसी ना किसी के कपड़े फाड़कर उसे चोदने लगता ,बाथरूम का बहाना करके अपने कमरे में चला गया ,उसने मन मे सुनीता ,निता,ज्वाला कह है वो देखा ,निता तो अभी उन सबसे मिलकर अपने कमरे में गयी थी ,निता को अपने अदृश्य यार की याद आ रही थी ,वो अपने कमरे में दरवाजा लगाकर अपने स्तनोसे खेल रही थी ,काल तुंरत अदृष्य होकर निता के कमरे में पहुँचा ,वो अपने यूनिफॉर्म में ही निता के कमरे में आ गया था मतलब पूरा नंगा ,निता के कान के पास जाकर वो बोला,निता क्या कर रही हो ,निता अपने कमरे में अपने अदृष्य यार की आवाज सुनकर खुश हो गई
निता,तुम यहा तक आ गये मेरे बलम
काल,हा मेरी सजनी तेरे चुत के बिना तो में बहुत प्यासा हो गया था
निता ,में भी मेरे बलम के लन्ड को कितना मिस कर रही हु,
काल,जान मुझे तेरी चुत का पानी पीना है ,चल जल्दी से अपनी चुत खोल ना
निता ,मुझे भी तुम्हारे लन्ड का माल पीना है ,में आज जबतक मेरा मन नही भरता तबतक तुम्हारा माल पीती रहुंगी
काल,मेरी रानी तेरे मुह को नही ,तेरी इस गुलाबी चुत और लाल लाल गांड़ के छेद भी तो भरने है
दोनो कभी ऐसी बाते नही करते थे पर आज काल कुछ अलग ही अंदाज में था ,दोनो अपनी बातों से इतने गर्म हो गए कि निता के कपड़े फाड़ता काल उसकी चुत को मुह में भरता उसे चुसने लगा ,दोनो 69 में थे ,निता ने भी काल के लन्ड को मुह में भरकर चुसने लगी आज उसको काल का लंड बहुत ज्यादा गर्म और पहले से कड़क लग रहा था ,उसे तो उसके लंड को मुह में लेते ही एक नशा चढ़ने लगा ,वो जितना हो सके इस गर्म डंडे को अपने हलक में उतारने लगी,
काल ने निता के मुह से लंड निकाला तो उसे गुस्सा आ गया था पर जब काल ने एक ही बार मे अपना पूरा मूसल उसकी चुत में उतारा तो उसका गुस्सा प्यार में बदल गया उसे अपने चुत में उस मूसल की गर्मी अलग ही मजा दे रही थी ,काल निता को पीठ के बल लिटाकर चोद रहा था ,निता तो आज इतने मजे में आ गयी थी कि बस ,वो अपनी चुत काल के लन्ड पर आज ऐसे पटक रही थी मानो पूरा काल को ही अपने अंदर घुसा लेगी ,उन्होंने बस दोपहर का खाने और रात के खाने को ही रुके थे ,काल ने कितनी बार निता के चुत और गांड़ को भरा ,गिनती करना मुश्किल था,काल के लंड को जितना नीता के चुत को मारने में मजा आता था वैसा किसीके साथ भी नही आता था ,काल ने अपने लंड से निता की लाल लाल गांड के छेद में माल भरकर ही सुबह को निता को छोड़ा था ,
काल जब अपने कमरे में नहाने गया तो नेत्रा ने उसको इतना ही पूछा कब तक मेरी माँ को चोदते रहोगे ,जरा अपनी बीवी पर भी ध्यान दीजिये ,काल के कान लाल हो गए थे यह बात सुनकर ,उसने अपने कपड़े पहने और चाय पानी पीकर घर के बाहर निकल गया ,काल को अब अपने महानाग बनने के बाद ऐसा लग रहा था वो 24 घण्टे सेक्स के बारे में ही सोच रहा है ,अब इस का क्या उपाय करें ,काल मन्दिर के पीछे बने जंगल मे अदृष्य बनकर घूमने लगा ,उसे अब किसी भी लड़की के सामने जाने का डर सता रहा था ,वो अब किसी हवसी की तरह हर लड़की को देख रहा था ,नरगिस और सनम से बात करके 3 दिन होने को आये थे ,नेत्रा और वो जब विषलोक गये थे उस दिन सुबह ही उनसे बात हुवीं थी ,उन्हें तो उसने यही सोचा था कि उसे विषलोक में समय लग सकता है ,इसीलिए उसने यह बताया था कि वो सीधा मुंबई में मिलेगा 7 दिन बाद ,हम थोड़ी पहाड़ी इलाको में है शायद फोन लगे नही ,उनको यकीन होने के लिये उसने अपने शक्ति का अभ्यास जिस जगह पर करता वहां जाकर एक पहाड़ के पास खड़े होकर एक विडियो कॉल किया था ,काल ने भले ही शक्कल बदली हो पर दिल नही बदला था ,अगर वो ऐसा अपने हवसी भावना के साथ 4 दिन बाद सबके साथ मुम्बई में रहेगा तो सब पर गलत असर हो सकता है ,भले ही वो सब उसके साथ चुदाई करना चाहती हो, लेकिन अब काल मे हवस भर गई थी ,और वो सब दिल से उसे प्यार करती थी ,काल को सब को एक अच्छी जिंदगी देनी थी (ना कि अच्छी तरह चोदना था ) और इसके लिये उसे सबसे पहले अपनी हवस कम करनी थी ,
काल ना कोई गुरु था ,ना कोई समझाने वाला , फिर भी उसके पास इतनी शक्तिया होने पर भी उसका दिमाग खराब नही हुवा था , कोई दूसरा होता तो अपनी शक्तियों के साथ इस कामवासना में अबतक क्या नही कर जाता ,पर काल तो इसे कम किस तरह किया जाए इसिका रास्ता ढूंढ रहा था ,जंगल में एक पेड़ के नीचे काल बैठकर अपने ही खयालो में खोया था ,तभी उसे किसी की आने की आहट हुवीं उसके सामने बहुत ही बड़ी और सुंदर दो अश्वमानव सुंदरियां थी ,उनको काल के होने का कुछ पता ही नही था, वो दोनो अपनी ही बातो में काल जिस पेड़ के पास बैठा था उसी के छाव में आकर वो आराम से बात करने लगी, पहली,बानी तू नही जानती शक्ति मिलने के बाद उसके साथ उसके फायदे भी है और नुकसान भी ,जो नुकसान का हमेशा ध्यान रखता है ,उसे टालता है वही अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल कर सकता है ,
दूसरी (बानी),माला तुमको कोई गुरु या बाबा बनना चाहियें तुम कोई भी बात हो उसे पूरी तरह जानकर ही अपना मत रखती हो ,
माला ,बानी में हम दोनों पहली जुड़वां संतान है अश्व मानवों में,जिस तरह आज तक हम दोनों हमारे अंदर कितनी ताकते है जान नही पाये ,उसी तरह सर्पिणी और विशाखा है ,हम चारो की एक ही समस्या है कि हमे आजतक हमारा जीवन साथी नही मिला है ,
बानी ,माला सर्पिणी की बाते सुनकर नही लगता काल ही उन दोनों का पति हो सकता है ,हजारों साल में पहली बार दोनो का दिल मे किसी को देखकर कामवासना का जन्म हुवा है,हिमांनी भी तो काल की पत्नी ही बनेगी ऐसा उसके जन्म के बाद से कहा गया था ,
माला, बानी ,काल की शक्तियां पहले ही बहुत ज्यादा थी ये हमने मुकाबले में देखा था अब तो वो महानाग बन गया है ,उसके पास कितनी ही नई शक्तिया होगी अब ,वह अपने नई शक्तियों के साथ कितनी जल्दी खुद को सम्भल पाता है ,ये देखने वाली बात होगी ,और महानाग में क्या शक्तिया है ये किसी को पता नही है ,वो तो पहली बार ही सबके सामने आया है काल के रूप में ,काल ने जिस तरह सर्पिणी की मदद की उसे बचाया ,मुझे लगता है वही भेड़िये मानव को वापिस ला सकता है काली घाटी से ,उस कोहिम ने कितने ही मानवभेडियो को अपने काली घाटी में बंदी बनाकर रखा है कितने सालो से ,
बानी,माला उस काली घाटी में ऐसा क्या है जो वहाँ पर हम लोगो की कोई शक्ति काम नही करती ,यहाँ तक के हम अपनी ताकद की मदद से वहा क्या हो रहा है वह देख भी नही पाते
माला ,बानी यह बात कोई नही जानता कि काली घाटी में हमारी शक्तिया काम क्यो नही करती ,नही तो अभी तक हम सबने मिलकर काली घाटी पर हमला करके उन सब मानवभेडियो को बचा लिया होता ,
बानी ,तो काल की शक्तिया वहाँ काम करना बंद नही करेगी अगर वह वहा गया तो ,भले ही काल अब महानाग बन गया है लेकिन उसीकी भी शक्तिया वहां काम करेगी की नही यह हम भी तो नहीं जानते,उसका वहाँ पर जाना खतरे से खाली नही होगा,
माला ,बानी लेकिन काल को एक कोशिश करके देखनी चाहिए ,काली घाटी में जाकर अगर उसकी शक्तिया वहा पर काम कर गई तो वो कोहिम को अच्छा सबक सिखा सकता है ,और मानव भेड़ियों को भी बचा सकता है ,
माला और बानी अपनी बातें करती वहां पर ज्यादा देर नही रुकी वो वहां से चली गई ,काल उनकी बातें को सोचता उन दो अश्वसुंदरियों के शरीर को देख रहा था ,चार पैरों के ऊपर लड़की का आधा शरीर ,वह दोनो आम घोड़ो से काफी ऊंची और तगड़ी थी ,उनके जो लड़कियों का कमर से ऊपर का शरीर पकड़ के उनकी लंबाई 15 फिट से ज्यादा थी ,उनके चेहरे बहुत ही ख़ूबसूरत थे , उनकी चुचिया इतनी बड़ी थी कि काल के दोनो हाथो में मिलकर भी पूरी नही आ सके ,दोनो एकदम सफेद कलर की थी ,काल का लंड तो उनकी घोडी के शरीर मे पीछे से दिख रही बड़ी सी चुत की खुशबू से ही टनटना रहा था ,जब बाते करते वक्त बानी एक बार अपनी चुत से पेशाब कर रही थी ,तो उसके तेज खुश्बू से काल को ऐसा लग रहा था जाकर सीधा उसकी चुत को मुह में भर ले और उस पेशाब को पी ले ,पर उसने अपने आप को रोक के रखा था ,जब वो दोनो चली गयी ,काल अपने मन मे साला पहले औरतो की चुत की महक से पागल हो रहा था ,अब घोड़ियों की चुत देखकर उनको चोदने का मन कर रहा है ,अब तो रस्ते पे घूमने वाली कुतियों को देखकर कहि में चोदना ना शुरू कर दु ,जब से उन काली नागिनों को भोगा है में चोदने के लिये पागल ही हो गया हूं,काली घाटी में अगर यह काम वासना बन्द हो गई तो बहुत अच्छा होगा ,साले उस कोहिम को तो वैसेही मारना था ,बहुत पाप कर चुका है वो ,मेने उसके तीनो लड़को के दिमाग पढ़े है ,मुझे काली घाटी का रास्ता तो अंगारा से पता चला था जब उसके हाथ पांव तोड़ते वक्त वो अपने घर के बारे में याद करते हुवे रो रहा था ,नेत्रा को कुछ और बात बोलकर मुझे अभी ही निकलना होगा काली घाटी,उसे बता कर गया तो वो साथ मे ही निकल पड़ेगी ,काल ने फिर नेत्रा को बता दिया कि उसे महानाग के ठिकाने जाना है अपनी शक्तियों के बारे में जानने के लिए और वह काली घाटी की और अपने मन की शक्ति से झट से पहुच गया ,काली घाटी एक दुनिया की नजरों से छुपी दुनिया थी, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के जंगलों से ही वहां पर जाने का रास्ता था ,काल अब उसी जंगलों के बीच अदृष्य रूप से काली घाटी के रास्ते पर जा रहा था ,काल एक बड़े झरने के पास पहुचा उसी झरने के पीछे एक रास्ता जाता था ,अंदर 2 घण्टे के उस अंधेरे से भरे पहाड़ से गुजर कर ही काली घाटी में जा सकते है ,उसी रास्ते से काल तेजी से काली घाटी पहुच गया, काली घाटी उसे इसलिए कहा जाता है कि वहा पहुँचने के लिए काले अँधरे से भरे पहाड़ो से गुजरना पड़ता था ,काली घाटी एक मायावी असुरों का बहुत बड़ा ठिकाना था ,उस काली घाटी में हजारों मायावी असुर रहते थे ,जो अपनी बुद्धि और बल के साथ अपने अंदर की मायावी ताकदो से बहुत बलशाली थे ,वह ज्यादा इंसानी दुनिया में कभी किसी के सामने अपने वास्तविक रूप में नही जाते, जाना हो तो वो इंसानों के भेष में ही जाते थे , या गुप्त रूप से वो घूमते थे ,दो बार वो भवानीगढ़ आये थे ,पहली बार नरभेडिये को पकड़ने और कुश्ती मुकाबले में हिस्सा लेने,उनके आने की वजह काल को अंगारा के दिमाग से यही पता चली थी कि उसके पिता कोहिम ने अंगारा को भवानीगढ़ के मुकाबले में इस
साल इसी लिये भेजा था कि अंगारा उस मुकाबले को जीतकर मन्दिर में जा सके ,मन्दिर में कोई चमत्कारी चीज को तलाश उसके अंदर जाकर ही कि जा सकती है ,और मन्दिर में रहने वाली दो भयानक नागिनों को सामना उन असुरों का एक बार हुवा था जब नरभेडिये को पकड़ने उनके कुछ योद्धा आये थे, उसमे उनको दो सबसे अच्छे योद्धा को बुरी तरह मार दिया था उन नागिनों ने ,उस मन्दिर के पास और कुछ ताकते थी जो उन असुरों को दिखती नही थी पर जब वो चोरी से मन्दिर में दाखिल होने की कोशिश करते तो उनके शरीर के टुकड़े करके मार दिया जाता था , अपनी इतनी मायावी आसुरी ताकद के बावजूद वो कौन उनको मार रहा है ये देख नही पाते थे ,इसी वजह से जब कोहिम को मालूम गिरा की उस मन्दिर में चमत्कारि चीज है तो उसने कपट का सहारा लेकर अंगारा को मुकाबले में उतारा था और मन्दिर के परंपरा के अनुसार मुकाबले में जितने वाले को मन्दिर के पूजा का प्रथम मान मिलता है ,और इस परंपरा का सहारा लेकर उसका बेटा मन्दिर में प्रवेश कर सकता है ,और उसे मन्दिर के जो रक्षक है वो रोक भी नही सकते थे परंपरा के नियमों नुसार ,उन्हें पृथ्वी और नरेश के बारे में सब पता था उनकी दोनो की ताकद उनके सामने कुछ भी नही थी ,उनको मालूम था मुकाबले में उनका मुकाबला करने नरेश या पृथ्वी से हो सकता है जो उनके सामने पलभर में हार जाते पर उनके सामने काल नामकी मौत आ गई थी जिसने बुरी तरीके से उनको मार दिया था ,कोहिम अपने बेटे अंगारा के हालात देखकर बहुत ज्यादा भड़क चुका था काल से और जब काल ने उसके दो और बेटे गगन और देबन को मार दिया था विषलोक में तबसे वो काल के खून का प्यासा था ,कोहिम को बस काल की तलाश थी और काल इस वक्त उसके शहर में दाखिल होने वाला था ,
काल देख रहा था काली घाटी को जो बहुत ही ज्यादा बड़ी थी पहाड़ो के नीचे बहुत ही बड़े जंगलों में बनी थी यह ,यहा पर हजारो असुर काल को दिख रहे थे जो काली घाटी के चारो और बनी एक अदृश्य दीवार के सुरक्षा घेरे में थे ,उस काली घाटी में एक ही आने जाने का रास्ता था जहाँ पर सैनिकों का कड़ा पहरा था ,जो भी उस प्रवेश द्वार से अंदर आता या बाहर जाता उसकी बारीकी से तलाशी ली जाती ,पूछताछ की जाती थी ,उस प्रवेश द्वार पर एक बहुत ही बड़ी असुर की मूर्ति लगीं हुवीं थी ,हर आने जाने वालों को उसके सामने से ही गुजरना पड़ता था ,काल सब देख रहा था,उसने अपने आप को एकं असुर में बदल लिया ,असुर दिखने में इंसान जैसे ही होते है पर उनके शरीर का आकार बड़ा होता है ,असुर 14 से 15 फिट के ऊंचाई के होते है ,पर हर एक का शरीर समान नही होता है इंसानों की तरह कोई दुबला पतला,मोटा ,तगड़ा होता था ,काल ने जब असुर रूप लिया तो वो 15 फिट का एकदम तगड़ा असुर दिखने लगा था ,असुरों के तरह लंबे बाल ,लंबी दाढ़ी मुछे, में वो बहुत ही खूबसूरत असुर दिख रहा था ,उसने भी अपने कमर पर एक लँगोट लगाया था ,लेकिन यहा पर भी उसका लंड ने अपना कमाल दिखाया था जैसा आम इंसान होकर भी काल का लन्ड दुगने से भी मोटा और बड़ा था यहा पर भी उसका लंड और आंड उसी ही तरह आम असुर के मुकाबले दुगने से बड़ा बन गया था , और हमेशा की तरह उसका लन्ड खड़ा ही था जो लंगोट से दिख रहा था ,काल जब उस अदृश्य प्रवेशद्वार से दाखिल हुवा तो उसके आसपास के सब असुर उसके मजबूत शरीर और चेहरे को ही देख रहे थे ,बहुत सी असुर औरते इस तगडे असुर के लंगोट के अंदर दिख रहे असमान्य उभार को ही देख रही थी ,काल उन असुर महिला के कमर और छाती के दो कपड़ो से दिख रही उनके बडी चुचिया और गांड़ को ही देख रहा था ,यहा की आसुर औरते बहुत ही ज्यादा कामुक थी और यहां कोई भी किसीके साथ संभोग कर सकता था ,बस दोनो एक दूसरे के साथ संभोग के लिए तैयार हो बस इतना ही जरूरी था ,यहा बस दो ही नाते थे नर या मादा ,काल एक कतार में चल रहा था जो उसको तलाशी और पूछताछ के लिये असुर सैनिकों तक लेके जा रही थी काल के आगे एक बहुत ही मादक और खूबसूरत असुर औरत चल रही थी जिसके बड़ी सी गांड़ को देखता और उसकी चुत के ख़ुश्बू में खोया चल रहा था ,आगे कतार अचानक थमने से काल उस औरत से टकरा गया ,काल उस औरत के स्पर्श से बिथर गया उसने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाकर उसकी पीछे से ही दोनो चुचिया दबाते हुवे उसकी गांड़ में अपना लंड दबाने लगा ,काल के इस हरकत से उस औरत के मुह से हल्की चीख निकल गई ,उसकी चीख सुनकर कुछ असुर सिपाही आगे बढ़कर उससे पुछने लगे क्या हुवा ,तुम चीखी क्यो ,और ये आसुर तुमसे जबरदस्ती तो नही कर रहा ,
वो असुर औरत ,जी नहीं ऐसी कोई बात नही ,यह मेरे पति जीवा है ,आज जंगल मे कुछ औषधियों के तलाश करते हुवे ,इन्होंने गलतीसे कामशक्ति बढ़ने की दवा खा ली है ,इसी वजह से यह ऐसा कर रहे है ,
असुर सैनिक ,ठीक है ,इसे फिर जल्दी घर लेकर जाओ ,अगर इसने किसी और के साथ ऐसा किया होता तो उसको दंड दिया जाता ,तुम दोनो इस कतार से बाहर निकालो हम सीधे तुम्हारी तलाशी लेकर तुम दोनो को अंदर भेज देंगे
वो असुर सैनिक उस औरत और काल को सीधा उस बड़े से असुर पुतले के पास पहुंचे ,वहां पर पहले ही दो असुरो को पकड़ा था वो दोनो अपने साथ कुछ इंसानों का मास लेकर आये थे, काली घाटी में इंसानी मास नही खाते थे पर ये दो असुर किसी मायावी शक्ति को पाने लेकर आये थे वो मास ,इसी वजह से कतार भी अचानक रुक गई थी ,काल के साथ उस औरत की तलाशी ली गई और दोनो के नाम और क्या काम से बाहर गए ये पुछने पर उस असुर औरत ने बताया,जी मेरा नाम माया है और यह मेरे पति जीवा है हम दोनों जंगल में औषधि वनस्पति लाने जाते है ,जो यहा किसी असुर को बीमार और जख्मी होने के बाद काम मे आती है ,
उस औरत के पास थैले में बहुत सी औषधि वनस्पति भी थे तो सैनिकों ने उन दोनों को अंदर जाने दिया ,वो दोनो जैसे ही उस बड़ी असुर मूर्ति के सामने से गुजरे कुछ ही पल में वो पूरी मूर्ति एक बड़े से विस्फोट के साथ टुकडो में बदल गई ,
उसके बाद उस प्रवेशद्वार को जल्दी से बन्द कर दिया गया ,वहां पर बहुत बड़ी भगदड़ मच गई थी ,वहाँ बहुत से असुर सैनिक जमा हो रहे थे ,
माया अपने एक हाथ मे काल के हाथ को पकड़कर कबसे वहां से गायब होकर काल को अपने साथ लेकर अपने घर पर आयी थी ,काल ने जब उसकी चुचिया दबायी थी उसके बाद ही माया ने उसको एक फूल सूंघा दिया था ,जिसकी वजह से काल किसी कठपुतली की तरह माया के साथ बिना बोले चल रहा था ,
माया जब अपने घर पहुंची तो ,उसके सामने दो लडकिया आयी वो अपने माँ के साथ आये इस खूबसूरत असुर को देख रही थी ,उनमें से एक लड़की बोली ,माँ ,आपके साथ यह असुर कौन है और यह ऐसा किसी कठपुतली जैसा क्यों कर रहा है,
माया , सारा बेटी यह कोई असुर नही है ,यह मुझे प्रवेशद्वार से जब टकराया तभी में इसको जान गई थी यह कोई असुर नही है ,में यह तो नही जान पायी की यह कौन है पर इतना तो जरूर पता लग चुका है कि यह कोहिम को मार सकता है ,सारा ,में कुछ समझी नही माँ ,
माया ,बेटी में असुर राज की बेटी हु मेरे पास कुछ जन्म से ही ताकते है जिस तरह तुम दोनो में है ,मुझे स्पर्श मात्र से ही सामने वाले के बारे में सब पता चल जाता है ,इसने जब मुझे स्पर्श किया तो में तुरंत जान गई के ये असुर नही है ,पर में यह नही जान पा रही थी, कि यह है कौन जो मुझे पहचान में नही आ रहा ,तब मैंने इसको अपने पास रखी नागासुर वटी सुंघाई पर यह बेहोश ही नही हुवा ,जिस वटी को सूंघने 1000 असुर बेहोष हो जाये ,उसे सूंघकर भी यह बेहोश नही हुवा ,और जब हम उस काले असुर के पुतले से गुजरे जो यहाँ पर आने वालो कि शक्ति को अपने अंदर खींच लेता है उस पुतले ने जब इसकी शक्ति छीननी चाही तो वो पुतला ही टुकडो में बिखर गया,सोचो बेटी जिस पुतले के अंदर बड़े से बड़े योद्धा जो कोई भी जाति का हो उसकी पूरी शक्ति खींच कर उसे कमजोर कर देता था वो इसकी शक्ति को झेल तक नही पाया ,यही इस काली घाटी को वापिस असुर घाटी में बदल देगा ,कोहिम जो कभी हमारा सेनापति हुवा करता था उसने मेरा पिता और पति को धोके से मारकर राजा बन बैठा है सैकड़ो सालो से यह उस कोहिम को खत्म करके उसके पाप के साम्राज्य को मिटा देगा ,बेटी तुम दोनो बस एक काम करना इस को जब होश आये इसके सामने मत आना
सारा ,ऐसा क्यों मा ,हम क्यो सामने नही आये इसके
माया ,सारा बेटा तुम और हीरा इसके सामने नही जाओगी बस तुम दोनो अपने कमरे में चली जाओ और जब में बोलू तभी बाहर आना ,
सारा और हीरा दोनो अपने कमरे में गुस्से से चली गई
माया मन मे ,अब इन दोनो को क्या बोलू इसने मुझे कहा स्पर्श किया था ,यह तो उसी कतार में मेरी गांड फाड़ देता अपने उस बड़े से मूसल से ,मेरी गांड़ तो कभी मेरे पति ने नही मारी ,औऱ इसने उसी में अपने लंड को घुसा रहा था ,अगर यह मुझपर मोहित होकर सबके सामने मेरे ऊपर चढ़ सकता है, तो मेरी दोनो बेटियोके यह क्या हाल करेगा
Zabardast update dost 🤠🤠🤠
 
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