• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

Naik

Well-Known Member
20,973
76,633
258
Update 53
काल को नेत्रा की मन की बातों से कुछ पता नही चल पा रहा था ,उसने सोचा अब सीधी बात करना ही ठीक होगा ,
काल,नेत्रा में तुमसे कुछ बाते बताना चाहता हु,शायद तुमको उसके बाद लगे कि में शादी क्यो नही करना चाहता था ,मेरी कुछ मजबूरिया थी जो में सबके सामने तुम्हे नही बता सकता था,तुम मेरी जिंदगी में आने से पहले मेरे साथ बहुत कुछ हुवा है ,जो तुम्हे मुझसे शादिसे पहले जानना चाहिये था ,अगर तुम को मेरी हकीकत पता चली होती तो ,शादी करना तो दूर की बात है तुम मेरी शक्कल भी नही देखना पसंद करती ,
नेत्रा ,आप मुझे कुछ बताने की जगह यह क्यो नही पूछते की मेने आपसे शादी क्यो की अपनी वशीकरण शक्ति का प्रयोग करके ,तो बाते आसान हो जाएगी समंझने में ,
काल ,में कुछ समाझा नही ,तुम आखिर कहना क्या चाहती हो ,
नेत्रा ,आप कुछ मत कहो ,पहले मेरी सारी बात सुनलो ,में आप के बारे में सबकुछ जानती हूं शिवा या काल जो भी आप हो में सबकुछ जानती हूं ,मुझमे सिर्फ वशीकरण की नही बाकी भी शक्तिया है जो आपने पूछी ही नही ,में जिसको भी स्पर्श करती हूं ,उसके बारे में सब कुछ जान जाती हु,में जब किसी को छूती हु तो उसके आज के दिन से उसके जन्म तक कि सब बातें मुझे पता चल जाती है ,आप पहले इंसान है जिसके जन्म के बाद 5 साल का में पता नही कर पायी, पर उसके बाद कि आपके 13 साल की पूरी जिंदगी में जान गयी थी ,भीकु ,शफ़ी चाचा, जीनत ,और उनका परिवार, नरगिस ,पूजा ,मोना, सब जानती हूं में ,आप के कितने लोगों से शारिरिक सम्बन्ध बने ,जीनत चाची से लेकर कल सिनोब और कोकी तक ,सब मालूम है मुझे ,तुम्हे क्या लगा मेरी माँ के साथ तुम्हारे शारिरिक संबंध है यह जानकर में तुमसे शादी करने की बात छोड़कर ,तुमसे नफरत करती ,तुम गलत हो शिवा में तुम्हे देखकर तुम्हे पसन्द करने लगी ,मुकाबले में जितने के बाद जब हम सबसे तुमने हात मिलाया था,उसी वक्त में सब जान गई थी तुम्हारे बारे में सब जानकर तो में तुम्हारी दीवानी हो गई ,तुम हमेशा दूसरे के दिलकी खुशी सोचते हो बजाय अपनी ,ऐसा इंसान कहा मिलता है ,तुमने मेरी माँ की उस वक्त मदत की जब उनकी इज्जत और जान दोनो दाव पर थी ,पर उसके बाद तुमने मेरी माँ के साथ जो शारिरिक सम्बन्ध रखें उसकी वजह से आज मेरी माँ 10 साल बाद खुश दिख रही है ,तुमने मेरी माँ को एक ऐसे गम से निकाला है जो वो मेरे जुड़वा भाई के मौत की वजह से जीना ही भूल गयी थी ,उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया पर वो अपने अंदर के दर्द से कभी निकल ही नही पा रही थी ,पर तुम्हारे साथ शारिरिक सम्बंध बनाने के बाद वो अब जीने लगी है ,हसने लगी है तो सोचो में तुमसे सब जानकर नफरत करती या मोहब्बत, आजकी दुनिया मे थोड़ी ताकत मिलने के बाद लोग अपने फायदे के लिये क्या नही करते ,पर तुम तो इतनी शक्तिया होकर भी एक नौकरी करते हो ,कभी अपने लिये तुमने क्या किया उन शक्तियों की मदद से ,
काल तो नेत्रा के मुह से सब सुनकर उसके मुह को एकटक देख रहा था ,
मेने कल अपने माता पितासे तुमसे आज मेरी शादी करने की जिद इस वजह से कर रहीं थीं कि मुझे पता था तुम मेरी माँ की वजह से कभी मुझसे शादी नही करोगे ,ना काल के रूप में और नाही शिवा के रूप में ,तुम मुझे कभी नही अपनाते ,मुझे पता था कि तुम बड़े पापा की बात कभी नही टालोगे ,तुम उनको अपना भगवान मानते हो ,इसी लिये मेने उनको तुमसे बात करने को कहा ,शायद तुम मान जाओ और मुझे अपना लो , तब बड़े पापा ने मुझे बहुत समझाया कि ऐसी एक दिन में शादी का फैसला गलत है ,में काल से बात करूंगा शादी के लिये पर में उसको कोई जबरदस्ती नही करूँगा ,प्यार कभी मांग कर नही मिलता ,तुम पहले काल को जानो ,कुछ दिन उसके साथ रहकर देखो ,फिर अगर तुम एक दूसरे को पसन्द करने लगे तो शादी कर लेना ,अब उनको क्या बोलती में की मेने तुम्हे पूरा जान लिया है ,लेकिन में अपने माँ बाप से ज्यादा उनको प्यार करतीं हु ,उनकी बात मेने मान ली कि में कल शादी करने की जिद नही करूंगी ,
लेकिन जब तुम नही माने तो मैंने तुम्हारे सामने आकर तुम्हारा हाथ पकड़कर देखना चाहती थी ,कि मुझे देखने के बाद तुम क्या सोचते हो ,अगर तुम मुझे देखकर पसन्द नही करते तो में कभी तुमको परेशान नही करती ,पर तुमको छूने पर तुम्हे भी मुझमे खिंचाव महसूस होता है यह में जान गई ,लेकिंन जब मैने देखा तुम विशाखा की बहन को बचाने के लिये क्या करने वाले हो तो में डर गई ,जहा तुम जाने वाले हो वहांपर तुम्हे में बहुत काम मे आ सकती पर तुम कभी मुझे अपने साथ नही लेके जाते ,इसलिए मैंने तुमपर अपनी ताकद का इस्तेमाल करके तुमसे शादी की ताकि में एक पत्नी के हक से तुम्हारे साथ चल सकूंगी ,शायद तुम्हे याद होगा बड़े पापा ने तुमसे 10 बार पूछा था शादि से पहले की तुम ये शादी किसी दबाव या मजबूरी में तो नही कर रहे हो ,वो तो परेशान थे कि की 1 मिनट पहले कुछ साल शादी न करने की बाते करने वाला अचानक अभी के अभि शादी के लिए कैसे मान गया ,मैंने तुमसे शादी तुमपर अपनी शक्ति का प्रयोग करके जबरदस्ती की है ,तुमको में पसन्द थी पर तुम मुझसे शादी नही करना चाहते यह बात मुझे पता है ,तुम मुझे जिंदगी भर अपने साथ मत रखना ,बस जब तुम विषलोक जाओगे तुमको मुझे अपने साथ लेकर जाना होगा ,मुझपर किसीभी जहर का असर नही होता ,दुनियका सबसे जहरीला कोबरा के जहर से भी मुझे कुछ नही होता ,और में किसीके भी अंदर के जहर को छूकर उसे बचा सकती हूं ,और यही ताकद तुमको विषलोक में बचा सकती है ,तुमको शायद एक बाद पता नही है पर तुम सिर्फ जहर से मर सकते हों ,तुम्हारी कोई भी शक्ति तुम्हे जहर से नही बचा सकती है ,तुम एक अच्छे इंसान हो मेने तुमसे जबरदस्ती शादी करके भी ,तुमको मेरे आंसू देखकर तकलीफ़ होना ही तुम्हारी इस बात का सबूत है तुम किसी ऐसे के आंसू देखकर भी परेशान होते है जिसने तुमको फसाया हो ,
काल नेत्रा की बातों से सोच में पड़ गया कि यह लड़की तो पूरी पागल है जो मुझे बचाने के लिए मुझसे ही शादी कर बैठी वो भी मुझे वश करके ,इसको समझना थोड़ा मुश्किल होगा मेरे लिये ,में इसके मन की बात जान नही पा रहा हु और यह बस मुझे छुकर ही सब जान लेती है ,
नेत्रा तुम्हे तो मेरे बारे में सब पता है, क्या तुम मुझे तुम्हारे बारे में नही बताओगी ,काल ,
तो इसमें कौन सी बड़ी बात है ,मेरे मन से पढ़कर सब जान लो ,किसने रोक है तुमको ,नेत्रा
में तुम्हारे मन को नही पढ़ पा रहा हु ,काल,
नेत्रा ने काल के हाथ को स्पर्श किया ,आप सचमुच मेरा मन नही पढ़ पा रहे हो ,अजीब बात है यह तो ,और आप को में पागल भी लगती हु ना
काल ने झट से अपना हाथ पीछे खीच लिया ,अरे नही वो में तो ऐसे ही सोच रहा था ,में सच मे थोड़ी तुमको पागल मानता हूं ,
तो एक काम करिए मेरा हाथ को छूकर देखो तो,में पता कर लुंगी तुम क्या मानते हो ,नेत्रा
काल कब से बेड पर नेत्रा के बाजू में बैठकर बात कर रहा था ,वो झटसे दूर हो गया ,नही नेत्रा इसकी कोई जरूरत नही है ,में तुमको कभी पागल नही मान सकता ,
नेत्रा को काल की हरकतें देखकर हँसी आ गई ,आप डरिये मत में आप मुझे कुछ भी कहंगे तो मुझे कभी बुरा नही लगेगा ,
काल अपने मन मे ,साला इससे बचके ही रहना होगा अब ,
नेत्रा ,आप को बता देती हूं में मेरे बारे में ,मुझमे बचपन से शक्तिया नही है पिछले 3 महीने से मुझमे यह शक्तिया आ गई है ,3 महीने पहले जब में पायल का हाथ पकड़ ली बाते करते वक्त तब मुझे पायल की जिंदगी ही देखने लगी किसी फिल्म की तरह तब में बहुत डर गई थी यह क्या हो रहा है मेरे साथ फिर यही बात पूजा ,मोना को छूकर देखने के बाद भी हुवीं ,उसके बाद मुझे तो लोगो को छूकर उनके बारे में जानने की आदत ही पड़ गई ,इसीमे मुझे यहभी पता चला कि में किसी को छूकर उसे जो कहु करवा सकती हूं, ऐसे ही एक दिन सड़क पर एक आदमी बेहोश पड़ा था ,उसके बारे में जानने के लिये मेने उसको छुकर देखा तो वो 1 मिनट में उठकर बैठ गया ,उसे छूने से मुझे पता चल गया था कि उसे एक जहरीले सांप ने काटा था ,में तब समझ गई के मेरे स्पर्श करने से ही वो ठीक हो गया है ,नही तो वो मरने वाला आदमी ऐसे कैसे उठकर बैठ जाता बिनकोई इलाज करने के
उसके बाद मेने हर तरह के जहरीले जानवर काटने वाले लोगों को अस्पताल में ढूंढ कर उन्हें छुकर देखती और ठीक कर देती ,यह में लोगो की मदद करने के लिए करती पर उनको में कोई पागल लगती ,मेने फिर खुद पर भी जहर का प्रयोग करके देखा ,मेने खुद को कितने ही जहरीले साँप से कटवाकर देखा ,मार्केट से सबसे जालिम जहर खरीद कर पीकर देखा पर मुझ पर किसी भी दवा का असर ही नहीं हुवा,तुमको यकीन नही होगा में बड़े पापा से कहकर जंगल से जहरीले साँप मंगवाती के हमे कॉलेज के वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट में लगने वाला है ऐसा बोलकर ,उन सापो को भी खुद को कटवाकर देखा पर कभी कोई असर नही हुवा मुझपर ,काल एक काम करना तुम विशाखा को मुझे काटने को बोलो, में उसके जहर को एक बार जरूर अपने ऊपर क्या असर होता है यह देखना चाहती हु,
काल ,तुम पागल तो नही हों वो 50 फिट की विशाखा सैकड़ो साल पुरानी नागिन है वो कोई मामूली साँप नही है ,सर्पलोक के सबसे जहरीले भगवान वासुकि के वंश से है,उसके सिर्फ साँस लेने से ही उसके आसपास के 25 फिट के दायरे में आनेवाला कोई नही बचता , कोई हाथी भी उसके सांस के दायरे में आया तो गल जाएगा औफ तुम उससे खुद को कटवाना चाहती हो ,
नेत्रा ,देखो इस काम मे तुम्हारे दो फायदे है ,अगर विशाखा के जहर से में मर गईं तो आपके पीछे का सरदर्द कम हो जाएगा और बच गई तो आपको यह पता चल जाएगा कि मुझपर विशाखा के जहर का असर नही होता तो विषलोक में आपको मुझे लेकर जाने से फायदा ही होगा ,
काल मन मे इस को पागलपन कहे या इश्क का जुनून ,इस लड़की में दम तो है विशाखा से खुद को कटवाने को बोल रही है ,उस विशाखा से तो मेरी भी अब फटने लगी है कि में जहर से मर सकता हु ,अच्छा हुवा की में कल उससे और उसकी बहन से दूर था ,अब इसको कैसे समाझाया जाए ,
नेत्रा ,आप सिनोब और कोकी के पास जाकर आराम करे ,सुबह इस रूम में जल्दी आ जाना ,आप को लग रहा होगा कि में आपसे आज जबरदस्ती सुहागरात मनाने वाली हु ,यह बेडरूम तो मेरी चाची और बहनो ने सजाया था मुझे यह बात पता भी नही थी ,आप बिलकुल भी चिंता न करे में कभी आपके साथ सोने की ,या पत्नी का हक देने की जिद नही करूंगी ,एक को छोड़कर वो है विषलोक साथ लेकर जाने की ,वहां से आने के बाद आप कभी मुझसे नही मिले तो भी चलेगा ,आप अपनी जिंदगी जैसी जीना चाहे जी सकते है ,में कभी आपके रास्ते की रुकावट नही बनने वाली ,में आपके बिना रह लुंगी जिंदगी में यह मानकर की आप ठीक है ,खुश है ,इसका यह मतलब नही है कि में आपसे प्यार नही करती ,में सचमुच आपसे बहुत प्यार करती हूं ,आपने मेरे साथ शादी की ,मेरी मांग भरी ,मुझे अपनी पत्नी बनाया यही बात मेरे लिए जीवनभर खुशी देता रहेगा ,चाँद को तो हर कोई चाहता है,इसका मतलब यह नही की वो सबकी किस्मत में होता है ,आप जाइये और सुबह जल्दी आ जाइए ,
काल कुछ देर नेत्रा को देखता रहा और फिर सिनोब वाले कमरे में लौट आया ,दोनो शिवा के ऐसे जाने से चिंता में सोए नही थे ,शिवा जब कमरे में वापिस आया तो उसने उन्हें सब बता दिया क्या हुवा उसके साथ ,सिनोब को उसने पूछा कि वो नेत्रा की मन की बात पहले जान लेता था अब क्यों उसके मन की बात नही जान पाता ,
सिनोब ने कुछ देर सोचकर ,शायद वो अब तुम्हारी पत्नी बन जाने से ऐसा हुवा हो ,या दूसरी कोई और वजह हो,यह तो तुमको ही पता करना पड़ेगा ,पर तुम्हारी दूसरी सीढी विशाखा और सर्पिणी है अब ।
Bahot behtareen shaandaar update
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,111
8,306
159
Bahut he gajab ka updat .. sab jagah sab apni preshanion ko lekar dukhi hai …

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🌷🌷🌷
 

Naik

Well-Known Member
20,973
76,633
258
Update 54
रात को जब सिनोब को लगा शिवा आज परेशान है वो कुछ नही करेगा सो जाएगा पर शिवा ने उसकी पूरी परेशानी सिनोब और कोकी के गांड़ के छेद को मारमार कर उनमे अपने माल को भरने में सुबह तक निकाल दी ,
सुबह जब काल नेत्रा के कमरे में पहुचा तो उसके दाएं पैर में दर्द हो रहा था ,बहुत दिनों बाद काल को कोई ऐसी शारीरिक पीड़ा हो रही थी उसके पैर के अंगूठे और उसकी बाजू की उंगली के बीच मे उसे ऐसा महसूस हो रहा था मानो उसमे कोई पतली सुई घुसी हुवी हो,वहां कोई जख्म नही था ,जो उसने नहाते वक्त भी देख लिया था पर कुछ नहीं था ,पर दर्द बरकार था ,
नेत्रा बेड पर सो रही थी , वो रातभर रोती रही ऐसा उसकी आँखों की आसपास के सूखे आसु उसकी गवाही दे रही थी ,काल को नेत्रा को ऐसे हाल में देखकर बुरा लग रहा था ,उसने नेत्रा को आवाज देकर उठाया तो दूसरे आवाज में ही वो उठ गई ,अपने सामने काल को देखकर वो खुश हो गई थी ,आप बैठिए में अभी नहाकर आती हु ,जब नेत्रा बाथरूम में नहाने गई तो उसके चलने में थोड़ी लड़खड़ाहट थी , नेत्रा नहाने गई तभी दरवाजे पर किसीने दस्तक दी ,दरवाजे पर सिमा चाची थी उनके हाथ मे चाय की ट्रे थी ,उन्होंने वो लाकर टेबल पर रख दी और एक चाय काल को देकर बिस्तर के तरफ देखने लगी ,
उनके चेहरे पर हँसी और आंखों में शरारत थी ,आप ने हमारी फूल सी बच्ची को ज्यादा सताया तो नही जमाइराजा ,और हसने लगी,
काल उसकी मन की बातों से समझ गया कि बेड पर बिछी सफेद चादर पर बीच के हिस्से में खून के धब्बे थे ,उसको देख कर ही सिमा चाची इशारा कर रही थी ,काल कुछ नही बोला ,बादमे नेत्रा के नहाने के बाद वो आ गई उसकी चाल देखकर सिमा ने उसे भी थोड़ा छेडा ,ऐसी ही हल्की फुल्की बाते ,हँसी मजाक सबके साथ करके नाश्ता भी हो गया ,तब नेत्रा ने अपनी माँ से मन्दिर में जाने की बात कही ,निता ने भी खुशी से उसे जाने की अनुमति दे दी ,नेत्रा आज पूरी सुहागन की तरह हरि साड़ी और ब्लाउज ,दोनो हाथो में लाल चुड़ीया ,पाव में पैजब गले मे मंगलसूत्र और मांग में लाल सिंदूर ,नेत्रा दिखने में बहुत खूबसूरत थी ,नीली आंखे ,काले लम्बे बाल ,दूध सी गोरी ,36 28 36 की कमाल की फिगर ,5 फिट 10 इंच की हाइट ,एक अप्सरा की तरह वो लगती थी ,काल या शिवा की ज़िंदगी मे जितनी भी लडकिया या औरते आयी थी उनमे कोई भी नेत्रा के बराबर नही थी ,नेत्रा की सुंदरता के सामने कोई नही टिकता था सिवाय उसकी माँ निता के ,
नेत्रा तो एक स्वप्न सुंदरी थी ,काल तो नेत्रा को ही एकटक देख रहा था ,नेत्रा काल के पास आकर ,चलिए हमें मन्दिर जाना है ,काल नेत्रा को देखते हुवे कब मन्दिर पहुचा उसे पता ही नही चला ,दोनों ने जाकर माता का जोड़ी से आशीर्वाद लिया,
नेत्रा, आपने कल मेरी मांग मेरे वशीकरण में भरी थी ,क्या आज आप एक बार मेरी मांग बार देंगे अपने होश में ,आखरी बार
काल ने बिना कुछ कहे कहि मन्दिर में रखी लाल सिंदूर उठाकर नेत्रा की मांग भर दी
नेत्रा के आखो में आसु आये पर उसने झट से उसे पोछकर आगे बढ़कर काल के पैर छू लिए
दोनो जब मन्दिर से बाहर आये तब नेत्रा ने कहा,आप विशाखा से बात कीजिये और उनके पास हमे लेकर चलिए ,
काल ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया,उसने बहुत बार मनाया पर काल माना ही नही ,नेत्रा की आंखों में आसु आ गए थे काल के मना करने से ,नेत्रा ने काल के एक हाथ को पकड़ कर उसे अपने वशीकरण में लेकर उसे विशाखा के पास लेकर चलने को कहा ,काल को जब होश आया तो उसने देखा की वो विशाखा की गुफा में खड़ा है और विशाखा अपने पूर्ण नागरूप अपने दाँत नेत्रा के हाथो में गाड़ चुकी है
उसके कुछ करने से पहले ही विशाखा ने अपना जहर नेत्रा के शरीर मे छोड़ दिया था ,रुक जाओ विशाखा वो मर जाएगी ,काल जोर से चिलाकर नेत्रा की तरफ भागा ,विशाखा उसे काटकर वहां से जा चुकी थी ,
नेत्रा का पूरा शरीर नीला पड़ गया था ,उसकी आंखें खुली थी ,उसने काल को अपने पास नही आने दिया
बस 2 मिनीट का समय दीजिए ,और आप रोईए मत,आपकी आँखों मे आसु मुझे बिल्कुल पसंद नही है, एक काम कर सकते है ,में आप को एक बार शिवा के रूप में देखना चाहतीं हु ,अगर में ना बचीं तो आपकी असली शक्कल देखकर जाने का सौभाग्य तो मिलेगा मुझे ,काल ने अपना शिवा का रूप ले लिया था ,और जाकर नेत्रा को गले लगा लिया, शिवा की मुह से निकल गया ,नेत्रा ,मेरी नेत्रा तुम मेरी हो, में तुम्हे कुछ नही होने दूँगा ,तुम पर सिर्फ मेरा ही अधिकार है ,
और शिवा ने अपने ओठ नेत्रा के ओठोसे जोड़कर उसे प्यार से चुसने लगा ,शिवा तो अलग ही दुनिया मे था ,जैसा वो निता के साथ किस करने में खो जाता था ,यह अहसास एकदम अलग था ,नेत्रा का भी हाल शिवा के जैसा ही था ,वो भी अपने प्यार के आगोश में सुधबुध खो चुकी थी ,दोनो ना जाने कबतक अपने होठो का रस एक दूसरे को पिलाते रहे ,दोनो की आत्मा मानो एक हो गयी थी,नेत्रा ने ही किस तोड़ा और शिवा की बाहो से निकल गई ,नेत्रा का चेहरा शर्म से पूरा लाल पड़ गया था ,उसकी वजह थी किस करते वक्त शिवा के हाथ नेत्रा के गांड़ को इतना मसल रहे थे कि वो किस करते करते ही झड गई थी ,शिवा भी अपने काल के रूप में कब का आ गया था ,नेत्रा को विशाखा के जहर का कुछ भी असर नही हुवा था वो एकदम ठीक थी,
काल को अब अच्छा लग रहा था ,नेत्रा खुद ठीक कर रहीं थी ,काल ने उसकी पूरी होठो की लाली खा ली थी ,उसके बाल ,उसकी साड़ी ,सब बिखर गए थे ,नेत्रा को देखता काल याद कर रहा था, कैसे उसने काल को अपने वश में करके उसे पहले विशाखा की गुफा में लाया ,फिर विशाखा को गुफा में बुलाया ,काल ने विशाखा को कहा वो नेत्रा को काटे ,वो मान नही रहीं थी ,तब काल ने कहा कि तुम इसको काटों इसे कुछ नही होगा,इसकी खुद की इच्छा है कि तुम इसके अंदर अपने जहर को जितना भर सकती है भरो ,लगे तो तुम इसे पूछ लो ,तो नेत्रा ने भी उसे कहा कि वो खुद ऐसा चाहती है ,उसके ऊपर किसी जहर का असर नही होता ,पर विशाखा मानी नही ,काल ने उसको फिर धमकी दी कि अगर तुमने इसको नहीं काटा ,तो में तुम्हारी बहन को मार दूँगा ,विशाखा काल की ताकद जानती थी ,इसलिये वो तैयार हो गई काटने को ,तब काल ने कहा इसे काटने के बाद तुम यहाँ से तुरन्त चली जाना और यहा क्या हो रहा है ये देखने के कोशिश भी मत करना ,में तुम्हे बुलाऊंगा तभी तुम यहा आना ,और काल ने जैसा कहा बिचारी विशाखा ने उसे वैसा ही किया था ,काल से यह सब वशीकरण में नेत्रा ने करवाया था ,
नेत्रा ने जैसे ही खुद को ठीक किया तो काल ने फिर उसे पकड़कर चुमना शुरू कर दिया ,पहले नेत्रा थोड़ी अचानक हुवे हमले से डरी फिर उसने अपने आप को काल के हवाले कर के उसका पूरा साथ देने लगी ,इस बार काल ने सिर्फ उसके होंठ ही चूसे ,
नेत्रा तुम मेरी बीवी हो ,और तुम्हारा मुझपर पूरा हक्क है ,पर तुम अपनी वशीकरण शक्ति का प्रयोग कभी मेरे ऊपर नही करोगी ,वचन दो मुझे
नेत्रा ,जी मे कसम खाती हु आज के बाद कभी आपके ऊपर अपनी वशीकरण शक्ति का प्रयोग खुद के फायदे के लिए नही करूंगी ,
काल ,नेत्रा तुमने मुझे पागल समझा है ,मुझे पता है तुम अपने फायदे के लिए, मेरे ऊपर कभी अपनी शक्ति का प्रयोग नही करोगी ,तुम यह कसम लो की कभी तुम मेरे उपर् अपनी वशीकरण शक्ति का प्रयोग नही करोगी ,
नेत्रा ,मेने वही कसम ली है ,और दिन में एक ही कसम ली जाती है ,
काल ,यह किसने कहा, यह किसने बताया तुमको ,
नेत्रा, किसीने नही ,लेकिन में दिन में एक ही कसम लेती हूं
काल को हसी आ गई
नेत्रा जिस दिन तुम और नरगिस साथ मे रहोगी बहुत लोग मारे जाएंगे ,काल
नरगिस दीदी तो मेरी बहुत अच्छी सहेली बन गई है ,और उनके बहुत अहसान है मुझपर नेत्रा ,
वो कैसे ,काल
बिचारी ने कितनी सेवा की अस्पताल में आपकी, उन्होंने आप के लिये अपने भाई को ही काट दिया था ,वो नही होती तो आप हमें कभी नही मिलते ,हम उनके लिए अपनी जान भी दे सकते है हसते हसते ,नेत्रा ,
नेत्रा तुम बिल्कुल पागल हो ,काल,
हा हु में पागल आपके प्यार में ,नेत्रा,
नेत्रा बोलते बोलते अपने दिल की बात बोल गई थी ,इसलिये एकदम चुप हो गई ,
नेत्रा एक काम करना तुम आज अपने माता पिता से बोल दो की आज शाम तुम मेरे साथ अपने घर जा रही हो हमेशा के लिए ,मुम्बई,काल,
नेत्रा भीगी पलको से काल को देख रही थी ,उसकी आँखों से बहते आंसू उसके अंदर के दर्द को बता रहे थे ,
अरे तुम मेरी बीवी हो तो तुम मेरे साथ हिं रहोगी ना हमेशा ,हा अगर तुमको में पसन्द नहीं हूं या तुमको मेरे साथ नहीं रहना तो कोई बात नही ,काल ,
नेत्रा तो रोते हुवे काल के बाहो में सिमट गयी थी ,उसके मुह से रोने की जो आवाज थी ,उसमे उसका दर्द था जो वो कल से अपने दिल मे दबाके बैठी थी ,अपने पति के ,अपने प्यार की बाहो में वो दर्द खुलकर उसके हमदर्द को सुना रहीं थी ,
नेत्रा ,जो लड़की मेरे लिये अपने आप को किसी हजारो साल पुराने साँप के सामने हसते हसते उसके जहरीले दांतो से कटवा सकती है ,उसके प्यार की में क्या कीमत लगा सकता हु ,जो एक दिन बिना साथ रहकर ,इतना प्यार कर सकती है
तो वो मेरे साथ मेरी पत्नी बनकर मुझे कितना प्यार करेगी ,
काल की बाते सुनकर नेत्रा उसकी बाहो ऐसी घुसने लगी मानो वो काल को अपने अंदर समेटने वाली हो ,काल के आगोश में नेत्रा जल्द ही सम्भल गई ,काल ने कहा ,मेरी एक बात मानोगी ,नेत्रा ने कहा ,आप विषलोक साथ मे न जाने की बात छोड़कर कुछ भी कहंगे में वो करूंगी ,
काल ,ठीक है पर तुम वह मेरी हर बात मानोगी, में विशाखा को बुलाता हु
काल ने विशाखा को याद किया वो पल भर में उनके सामने प्रकट हो गई
काल ,विशाखा में तुमसे माफी मांगता हूं मेरी बातों की पर हमें विषलोक जाना था इसलिये मेरी पत्नी को मैने तुम्हे काटने को कहा था ,में कभी तुमको या तुम्हारी बहन को नुकसान नही पहुचा सकता हु ,अब तुम यह बताओ कि विषलोक में कैसे जाते है और वहाँ पर हमें कहा पर मिलेगा अघोर विष ,
विशाखा, काल तुम्हे कैसे पता कि मेरी बहन अघोर विष से ठीक होगी ,और वो विषलोक में मिलता है ,और सबसे बड़ी बात मेरे काटने के बाद 1000 हाथी तक गल जाते है इतना विष निकलता है ,हमारे विष के सामने कोई नही टिक सकता ,हम भगवान वासुकि के वंशज है , हमारे विष के आगे सिर्फ महासर्पिणी कालनेत्री ही जिवित रह सकती है पर वो तो हजारो सालो से लुप्त है ,
काल ,विशाखा कौन थी कालनेत्री ,हमे उनके बारे में विस्तार से सब बाते बताओ ,
विशाखा ,काल सबको यह बात पता है कि भगवान शिव ने हलाहल या कालकूट विष पिया था दुनिया को बचाने तब उसकी एक बूंद गिर गई थी पृथ्वी पर जिसको पीकर ही विषारी जंतुओं में जहर आया था ,उस कालकूट बून्द को बहुत बड़ा हिस्सा एक नागिन ने पिया था ,वो जहर पीकर सामान्य साँप से 20 मुह वाली महासर्पिनी कलनेत्री बन गई ,उसका कोई मुकाबला नही था ,वो बहुत बड़ी शिवभक्त थी ,उसने बहुत ही बड़ेबड़े पापियो को मार गिराया था ,उसने हमेशा धर्म की रक्षा की थी ,बाद में वो कहा गई किसिको मालूम ही नही है,विषलोक ही उसका घर था ,वो वहा की राज कुमारी थी ,उनके ही महल में तुमको अघोर विष मिलेगा ,और विष लोक जाने के लिये तुम्हे प्रयागराज में गंगा में प्रवेश करके जाना होगा ,गंगा नदी में ही गुप्त मार्ग है जो तुम्हे ढूंढना होगा ,वही मार्ग तम्हे विषलोक लेकर जाएगा ।
Bahot behtareen shaandaar update
 

Naik

Well-Known Member
20,973
76,633
258
Update 55
विशाखा से मिलने के बाद जब नेत्रा और काल घर लौट कर दोपहर का खाना सब के साथ मे खाकर अपने कमरे में आ गए ,नेत्रा ने खाना खाते वक्त ही परिवार में यह बता दिया कि काल और वो कुछ दिनों के लिए बाहर घूमने जा रहे है,
काल,नेत्रा एक बार और सोच लो मेरे साथ तुमको आने की जरुरत नही है ,
नेत्रा ,आप मुझे यह तो बताइये की विशाखा को किसने और क्यो इतना जख्मी किया ,आपने विशाखा के मन से जाना ही होगा सब
काल ,हा आज देखा मेने यह ,सर्पिणी और उस नीमोड राक्षस की लड़ाई हुवीं थी ,450 साल पहले ,वह राक्षस के साथ 3 और साथी थे ,उन चारो ने मिलकर नरभेडिये को मारना शुरू किया था मन्दिर के जंगलों में ,वो चारो इतने जहरीले थे कि कोई नरभेड़िया उनके सामने सास तक नही ले पाता था , उन्होंने कितने ही नरभेडिये को मार दिया था और उसके तीनो साथी सैकड़ो नरभेडिये को बंदी बनाकर काली घाटी ले गए उसी वक्त ,सर्पिणी और विशाखा ने मिलकर उन राक्षसो का मुकाबला किया था ,सर्पिणी ने ही नीमोड के साथी और को मार दिया था ,बाकी दोनो जान बचाकर भाग गये थे,नीमोड ने मरने से पहले विशाखा पर बहुत घातक वार किया था वो सर्पिणी ने अपने ऊपर ले लिया था ,सर्पिणी उस वार से बेहोश हो गयी उस के शरीर पर जो जख्म बने हे वो सिर्फ ,अघोर विष से ही ठीक हों सकते है , विशाखा और उसकी बहन को विषलोक में प्रवेश नही है ,उसकी वजह कालनेत्री है ,जब तक विषलोक में कालनेत्री रहती थी उसकी वजह से कोई भी इन्हें वहां टोकता नही था ,पर कालनेत्री के अचानक गायब होने के बाद उसके भाई ने इन दोनों को वहां पर आने पर पाबंदी लगा दी ,उनको यहीं लगता है कि कालनेत्री को गायब करने में इन दोनों को का ही हाथ है ,वो लोग अब इन दोनों को अपना शत्रु मानते है ,विशाखा ने कितनी बार उनसे अघोर विष मांगा था पर वो लोगो ने इसे कभी नही दिया ,
नेत्रा बोली ,काल हमको आज शाम को ही निकलना चाहियें ताकि हम कल सुबह तक प्रयागराज पहोंच सके
काल ,तुम मानोगी नही ,तुमको विशाखा ने आज स्पर्श किया था और तुम सब जान गई होगी उसके बाद ,फिर भी मुझसे पूछ रही हो ,ताकि में तुमको लेकर न जाने की बात छोड़कर बाकी बाते करता रहूं,
नेत्रा ,आप बहुत समझदार है ,मेरी बातों को समझ जाते है ना ,तो यह भी समझ लीजिये की में आपके साथ ही आने वाली हु ,
नेत्रा मानी नही और शाम को दोनो निकल गए अपनी मंजिल के लिये,
नील बोला, विशाखा तुम कहना चाहती हो की नेत्रा ही कालनेत्री है ,लेकिन वो तो हजारो साल से गायब है
विशाखा ,नील में मेरी बड़ी बहन जितनी तो नही पर हमारे वंश की सबसे जहरीली नागकन्या हु,मेरा जहर तो सर्पलोक के लोग भी नही सह सकते ,हम दोनों बहनों की सांस ही इतनी जहरीली है कि कोई भी हमारी जाती का नाग भी इसे बर्दाशत नही कर सकता , और नेत्रा ने बड़ी आसानी से मेरे जहर को हजम कर गई ,ये सिर्फ कालनेत्री ही कर सकती है ,
और हमारे पिता ने कहा था जो कालनेत्री से विवाह करेगा वही तुमसे भी शादी करेगा ,लेकिन कालनेत्री रही नही और हमे भी आजतक कोई वर मिला ही नही,हम दोनों बहनें अभी तक कवारी इसी वजह से है , आज तक कोई नही मिला जो हमारे सांसो के सामने टिक सके ,
नील ,अगर नेत्रा कालनेत्री है तो फिर काल ही तो तुम दोनो का वर नही
विशाखा, नही ऐसा नही होगा नील काल एक मनुष्य है और हमारा वर कोई महानाग ही हो सकता है ,भले ही नेत्रा ही कालनेत्री हो पर काल हमारा वर नही हो सकता
विशाखा और नील दोनो ही अपने अपने विचारोमे खामोश कितनी देर तक बैठकर अपने अपने रास्ते चले गए,
गंगा नदी के तट पर सुबह के वक्त प्रभु भोलेनाथ के दर्शन करके काल और नेत्रा खड़े थे ,काल ने कहा ,नेत्रा तुम को तैरना तो आता है ना ,और क्या तुम पानी मे इतनी देर तक सांस रोक सकती हो ,
नेत्रा ,में तुमको एक बात और बताती हु में जिसको स्पर्श करती हूं शायद उनके ज्ञान और शक्तियों को भी पा सकती हूं ,तुम पहले इंसान हो जिसे मेने स्पर्श किया था जिसमे शक्तिया थी ,आज में सुबह नहाते वक्त में तुम्हारी रूप बदलने की शक्ति को सोचकर अपना रूप बदलने की कोशिश कर रही थी ,तो में भी अपना रूप बदल रही थी ,जो चाहे वो रूप मैंने बदल कर देखा ,अब यह बात पक्की है कि मुझमे भी तुम जैसी शक्तिया आ गयी है , पानी मे जाकर यह बात की भी पुष्टि कर लेते है ,यह कहकर नेत्रा ने पानी मे छलांग लगा दी ,उसके पीछे काल भी कूद पड़ा ,काल ने देखा नेत्रा गहरे पानी मे उसीका इंतजार कर रही है वो आसानी से पानी मे सास ले रही थी ,तभी काल के मन मे नेत्रा की आवाज आयीं ,आप मेरे पीछे आइए ,मुझे विशाखा के स्पर्श करने के बाद विषलोक का रस्ता पता चला चुका था ,में आपको विषलोक ले चलती हु ,फिर नेत्रा के पीछे काल 10 मिनीट तक तेजीसे पानी मे सफर कर रहा था ,नेत्रा की पानी मे तैरने की स्पीड काफी तेज थी ,काल मन में उसकी इस स्पीड के तारीफ करता उसके पीछे ही चल रहा था ,नेत्रा एक जगह रूक गई जहा नदी के तल में बहुत बड़ा गड्ढा था ,नेत्रा ने काल का हाथ पकड़ा और उसके मन मे कहा कि उसका हाथ वो अब यहां से बाहर आने के बाद ही छोड़े और दोनो उस गड्ढे में उतर गए वो काफी गहरा और अंधेरे से भरा था ,पर दोनो उस अंधेरेमे आसानी से देख पा रहे थे ,दोनो ना जाने कितनी देर तक उस गहराई में सफर कर रहे थे पर वो गहराई खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी ,उनके उस सफर में वो अकेले ही थे ,ना कोई जीव ,ना मछली बस अंधेरे से भरा पानी ,कुछ देर बाद वो एक बहुत बड़ी गुफा के सामने पहुचे ,उस गुफा के नीचे वो अंधेरा गड्ढा गहराई तक फैला था ,नेत्रा ने काल का हाथ पकड़कर उस गुफा में घुस गई ,आप ये गड्ढा देख रहे हो ये नीचे कहा तक गया है कोई नही जानता ,बस ऐसा कहते है कि नीचे कोई महानाग है ,यहा नीचे जाने के लिए विषलोक के सभी लोग भी डरते है ,ऐसा कहा जाता है वो महानाग बहुत ही खतरनाक और विशाल है ,जिसे आजतक किसीने नही देखा है ,पर जो भी नीचे गया था उस कालनाग की तलाश में वो कभी लौटकर नही आया ,हम जिस गड्डे में प्रवेश करके आये थे उसमे का पानी गंगा नदी में कभी नही मिलता ,दोनो पानी हमेशा एक दूसरे से अलग रहते है ,अब हम जिस गुफा में आये है वही हमे विषलोक के दरवाजे तक लेकर जायेगी, तुम अपने आप को सर्पमानव में बदल लो विशाखा की तरह में भी वैसाही रूप लेती हूं ,तुम वहां किसी से कुछ भी बात नही करना ,किसीने कुछ भी पूछा तो उसका जवाब में ही दुंगी ,और यह सोचना बंद करो कि में तुम्हारे मन मे कैसे बात कर रही हु और तुम मुझसे नही कर पा रहे हो ,यह बात का जवाब में भी नही जानती ,
नेत्रा और काल ने सर्प मानव का रूप लेकर एक बहुत बड़े नीले रंग के दरवाजे तक पहुच गये ,उस दरवाजे पर बहुत ही विशाल और भयानक साँप पहरा दे रहे थे ,उनके सामने तो ये दोनों मानो ऐसे लग रहे थे हाथी के सामने कोई बिल्ली का बच्चा हो ,
उन दोनों को देखकर एक साँप आगे आया और पूछा ,कौन हो तुम ,और इस रास्ते से विषलोक में आना मना है यह बात तुमको पता नही है क्या
नेत्रा ,जी हम दोनों सैकडो सालो से गंगा नदी में इच्छाधारी बनने के लिये तप कर रहे थे ,हमे यह बात पता नही थी ,हम दोनों इतने सालों से भूखे प्यासे थे ,कुछ ताकत पाने के लिये विषलोक जाकर विषपान करने जा रहे थे ,आप हमें माफ कर दीजिये ,
वो सांप नेत्रा की बातों से प्रसन्न हुवा ,अति उत्तम सर्पि (बेटी) ,तुम जैसे जवान सर्प ही हमारी उम्मीद रहते है जो अपने आप को हमेशा निखारते है ,तुम विषलोक जा सकती हो, पिछले 400 सालों से यह मार्ग बंद कर दिया था ,पर तुम इन बातों से अनजान थी इसलिये में तुम्हे जाने देता हूं ,इस जवान सर्प की कमजोरी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है लगता जो बोल नही पा रहा है तुम दोनो अंदर जा सकते हो ,कुछ दिन यहां के जहरीले फल और जहरीले पानी से तुम बहुत जल्द ठीक हो जाओगी ,
नेत्रा ने काल का हाथ पकड़ कर उस दरवाजे के सामने जाकर खड़ी हो गईं तो उस साँप ने दरवाजे की तरफ अपना एक हाथ को किया जिससे एक नीली रोशनी इन दोनों के बदन के साथ दरवाजे के साथ टकरा गई वो दोनो वहां से गायब होकर दरवाजे की दूसरी तरफ विषलोक में प्रवेश कर गए ,यह तो बहुत बड़ा नगर था ,हर तरफ नीली रोशनी फैली हुवीं थी , छोटे बड़े हर तरह के पक्के मकान बने हुवे थे,वहां पर बहुत बड़े महल भी दिख रहे थे जो अपनी सुंदरता बिखर रहे थे ,बड़ी सड़के ,हर तरफ घने पेड़ ,और बड़ी सी नीली नदी दिख रही थीं जो उस नगर के बीच मे से बह रही थी,सड़को पर काले ,पीले ,हरे रंगों के साँप घूम रहे थे ,उनमे बहुत से सर्पमानव भी थे ,यहा साँप ही नही हर तरह के पक्षी ,जानवर भी दिख रहे थे जो चारो तरफ घूम रहे थे अपने अपने कामो में ,काल यह सब आश्चर्य से देख रहा था ,
आप बस देखते ही रहैंगे क्या ,हमे अघोर विष के बारे में जानकारी लेकर उसे कैसे पाएं ये सोचना चाहिए ,नेत्रा बोली,
काल ,नेत्रा ये काम तुम आसानी से कर सकती हूं मुझसे ज्यादा ,हम किसी ऐसे को ढूंढते है जो राजमहल में काम करता हो ,उसे छुकर तुम आसानी से पता कर लोगी वो अघोर जहर कहा पर रखा है ,
फिर दोनो ने बड़ी मेहनत से एक महल में काम करने वाले राज सेवक को ढूंढ निकाला, उस सेवक को ढूंढने से पहले नेत्रा को 80 से ज्यादा लोगो को स्पर्श करना पड़ा था ,वो राजसेवक को स्पर्श करके उन दोनों को महल में जाने की तरकीब तो मिल गई पर अघोर विष की जानकारी नही मिली ,महल में विषपुर के राजा की बेटी बहुत सालो से बीमार थी ,उसे ना जाने कितने ही जहर पिलाए गये पर वो ठीक ही नही हो रहीं थी ,उसका इलाज करने हमेशा महल में कोई न कोई आता ही था ,तो वो दोनो भी इलाज करने के लिये महल में दाखिल हो गए
विषलोक के राजा का नाम विषदंश था और जो उसकी बेटी थी उसका नाम हिमानी था ,जब काल और नेत्रा ,हिमानी के इलाज के लिये महल में दाखिल हुवे तो उनकी पहले अच्छी तरह से तलाशी और पूछताछ की गई ,फिर सब ठीक लगने पर उन्हें राजा के सामने लेकर गए ,वहा विषदंश नेत्रा को ही देख रहा था एकटक जब वो उसको मिलने आयी थी ,नेत्रा और काल को उसने हिमानी के इलाज की आसानी से इजाजत दे दी थी ,उसकी पत्नी तो हैरान हो गई थी ,जो विषदंश 50 बार सामने वाली की पूरी पूछताछ खुद नही करता तब तक किसी को उसके बेटी का इलाज नही करने देता था, पर आज उसने बिना कुछ सवाल किये उन दोनों को इजाजत दे दी थी ,
जयमाला जो विषदंश की पत्नी थी ,अपने पति से बोली ,आज पहली बार आपने किसी को हिमानी के इलाज के लिये किसिको को बिनपुछे इजाजत कैसे दे दी ,
विषदंश ,जयमाला लगता है तुम यहाँ की रानी रहने के योग्य नही रही अब ,तुमने कुछ देखा नही
जयमाला ,में आपकी तरह इतनी बुद्धिमान नही हु जो सब देख सकू ,आप ही बता दीजिए मुझे
विषदंश ,जयमाला हमने इजाजत किसी और को नही बल्कि हमारी बहन कालनेत्री को दी है ,देखना कुछ पलों में हिमानी बिल्कुल ठीक होकर हम दोनों के सामने खड़ी होगी, हिमानी को ठीक मेरी बहन कालनेत्री के सिवा कोई नही कर सकता ,तुमने राज महल में कालनेत्री के घोड़े की आवाज तो सुनी होगी जो कितने सालो से एक ही जगह खड़ा है हजारो सालो से कालनेत्री की प्रतीक्षा में ,आज वो जिस तरह खुशी में हिनहिना रहा है तभी से हम समझ गए थे कलनेत्री विषलोक में आ गई है , अब हम महानाग को आसानी से मार सकते है ।
Bahot behtareen shaandaar lajawab update
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,111
8,306
159
😄😄😄
 

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,000
173
Update 55
विशाखा से मिलने के बाद जब नेत्रा और काल घर लौट कर दोपहर का खाना सब के साथ मे खाकर अपने कमरे में आ गए ,नेत्रा ने खाना खाते वक्त ही परिवार में यह बता दिया कि काल और वो कुछ दिनों के लिए बाहर घूमने जा रहे है,
काल,नेत्रा एक बार और सोच लो मेरे साथ तुमको आने की जरुरत नही है ,
नेत्रा ,आप मुझे यह तो बताइये की विशाखा को किसने और क्यो इतना जख्मी किया ,आपने विशाखा के मन से जाना ही होगा सब
काल ,हा आज देखा मेने यह ,सर्पिणी और उस नीमोड राक्षस की लड़ाई हुवीं थी ,450 साल पहले ,वह राक्षस के साथ 3 और साथी थे ,उन चारो ने मिलकर नरभेडिये को मारना शुरू किया था मन्दिर के जंगलों में ,वो चारो इतने जहरीले थे कि कोई नरभेड़िया उनके सामने सास तक नही ले पाता था , उन्होंने कितने ही नरभेडिये को मार दिया था और उसके तीनो साथी सैकड़ो नरभेडिये को बंदी बनाकर काली घाटी ले गए उसी वक्त ,सर्पिणी और विशाखा ने मिलकर उन राक्षसो का मुकाबला किया था ,सर्पिणी ने ही नीमोड के साथी और को मार दिया था ,बाकी दोनो जान बचाकर भाग गये थे,नीमोड ने मरने से पहले विशाखा पर बहुत घातक वार किया था वो सर्पिणी ने अपने ऊपर ले लिया था ,सर्पिणी उस वार से बेहोश हो गयी उस के शरीर पर जो जख्म बने हे वो सिर्फ ,अघोर विष से ही ठीक हों सकते है , विशाखा और उसकी बहन को विषलोक में प्रवेश नही है ,उसकी वजह कालनेत्री है ,जब तक विषलोक में कालनेत्री रहती थी उसकी वजह से कोई भी इन्हें वहां टोकता नही था ,पर कालनेत्री के अचानक गायब होने के बाद उसके भाई ने इन दोनों को वहां पर आने पर पाबंदी लगा दी ,उनको यहीं लगता है कि कालनेत्री को गायब करने में इन दोनों को का ही हाथ है ,वो लोग अब इन दोनों को अपना शत्रु मानते है ,विशाखा ने कितनी बार उनसे अघोर विष मांगा था पर वो लोगो ने इसे कभी नही दिया ,
नेत्रा बोली ,काल हमको आज शाम को ही निकलना चाहियें ताकि हम कल सुबह तक प्रयागराज पहोंच सके
काल ,तुम मानोगी नही ,तुमको विशाखा ने आज स्पर्श किया था और तुम सब जान गई होगी उसके बाद ,फिर भी मुझसे पूछ रही हो ,ताकि में तुमको लेकर न जाने की बात छोड़कर बाकी बाते करता रहूं,
नेत्रा ,आप बहुत समझदार है ,मेरी बातों को समझ जाते है ना ,तो यह भी समझ लीजिये की में आपके साथ ही आने वाली हु ,
नेत्रा मानी नही और शाम को दोनो निकल गए अपनी मंजिल के लिये,
नील बोला, विशाखा तुम कहना चाहती हो की नेत्रा ही कालनेत्री है ,लेकिन वो तो हजारो साल से गायब है
विशाखा ,नील में मेरी बड़ी बहन जितनी तो नही पर हमारे वंश की सबसे जहरीली नागकन्या हु,मेरा जहर तो सर्पलोक के लोग भी नही सह सकते ,हम दोनों बहनों की सांस ही इतनी जहरीली है कि कोई भी हमारी जाती का नाग भी इसे बर्दाशत नही कर सकता , और नेत्रा ने बड़ी आसानी से मेरे जहर को हजम कर गई ,ये सिर्फ कालनेत्री ही कर सकती है ,
और हमारे पिता ने कहा था जो कालनेत्री से विवाह करेगा वही तुमसे भी शादी करेगा ,लेकिन कालनेत्री रही नही और हमे भी आजतक कोई वर मिला ही नही,हम दोनों बहनें अभी तक कवारी इसी वजह से है , आज तक कोई नही मिला जो हमारे सांसो के सामने टिक सके ,
नील ,अगर नेत्रा कालनेत्री है तो फिर काल ही तो तुम दोनो का वर नही
विशाखा, नही ऐसा नही होगा नील काल एक मनुष्य है और हमारा वर कोई महानाग ही हो सकता है ,भले ही नेत्रा ही कालनेत्री हो पर काल हमारा वर नही हो सकता
विशाखा और नील दोनो ही अपने अपने विचारोमे खामोश कितनी देर तक बैठकर अपने अपने रास्ते चले गए,
गंगा नदी के तट पर सुबह के वक्त प्रभु भोलेनाथ के दर्शन करके काल और नेत्रा खड़े थे ,काल ने कहा ,नेत्रा तुम को तैरना तो आता है ना ,और क्या तुम पानी मे इतनी देर तक सांस रोक सकती हो ,
नेत्रा ,में तुमको एक बात और बताती हु में जिसको स्पर्श करती हूं शायद उनके ज्ञान और शक्तियों को भी पा सकती हूं ,तुम पहले इंसान हो जिसे मेने स्पर्श किया था जिसमे शक्तिया थी ,आज में सुबह नहाते वक्त में तुम्हारी रूप बदलने की शक्ति को सोचकर अपना रूप बदलने की कोशिश कर रही थी ,तो में भी अपना रूप बदल रही थी ,जो चाहे वो रूप मैंने बदल कर देखा ,अब यह बात पक्की है कि मुझमे भी तुम जैसी शक्तिया आ गयी है , पानी मे जाकर यह बात की भी पुष्टि कर लेते है ,यह कहकर नेत्रा ने पानी मे छलांग लगा दी ,उसके पीछे काल भी कूद पड़ा ,काल ने देखा नेत्रा गहरे पानी मे उसीका इंतजार कर रही है वो आसानी से पानी मे सास ले रही थी ,तभी काल के मन मे नेत्रा की आवाज आयीं ,आप मेरे पीछे आइए ,मुझे विशाखा के स्पर्श करने के बाद विषलोक का रस्ता पता चला चुका था ,में आपको विषलोक ले चलती हु ,फिर नेत्रा के पीछे काल 10 मिनीट तक तेजीसे पानी मे सफर कर रहा था ,नेत्रा की पानी मे तैरने की स्पीड काफी तेज थी ,काल मन में उसकी इस स्पीड के तारीफ करता उसके पीछे ही चल रहा था ,नेत्रा एक जगह रूक गई जहा नदी के तल में बहुत बड़ा गड्ढा था ,नेत्रा ने काल का हाथ पकड़ा और उसके मन मे कहा कि उसका हाथ वो अब यहां से बाहर आने के बाद ही छोड़े और दोनो उस गड्ढे में उतर गए वो काफी गहरा और अंधेरे से भरा था ,पर दोनो उस अंधेरेमे आसानी से देख पा रहे थे ,दोनो ना जाने कितनी देर तक उस गहराई में सफर कर रहे थे पर वो गहराई खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी ,उनके उस सफर में वो अकेले ही थे ,ना कोई जीव ,ना मछली बस अंधेरे से भरा पानी ,कुछ देर बाद वो एक बहुत बड़ी गुफा के सामने पहुचे ,उस गुफा के नीचे वो अंधेरा गड्ढा गहराई तक फैला था ,नेत्रा ने काल का हाथ पकड़कर उस गुफा में घुस गई ,आप ये गड्ढा देख रहे हो ये नीचे कहा तक गया है कोई नही जानता ,बस ऐसा कहते है कि नीचे कोई महानाग है ,यहा नीचे जाने के लिए विषलोक के सभी लोग भी डरते है ,ऐसा कहा जाता है वो महानाग बहुत ही खतरनाक और विशाल है ,जिसे आजतक किसीने नही देखा है ,पर जो भी नीचे गया था उस कालनाग की तलाश में वो कभी लौटकर नही आया ,हम जिस गड्डे में प्रवेश करके आये थे उसमे का पानी गंगा नदी में कभी नही मिलता ,दोनो पानी हमेशा एक दूसरे से अलग रहते है ,अब हम जिस गुफा में आये है वही हमे विषलोक के दरवाजे तक लेकर जायेगी, तुम अपने आप को सर्पमानव में बदल लो विशाखा की तरह में भी वैसाही रूप लेती हूं ,तुम वहां किसी से कुछ भी बात नही करना ,किसीने कुछ भी पूछा तो उसका जवाब में ही दुंगी ,और यह सोचना बंद करो कि में तुम्हारे मन मे कैसे बात कर रही हु और तुम मुझसे नही कर पा रहे हो ,यह बात का जवाब में भी नही जानती ,
नेत्रा और काल ने सर्प मानव का रूप लेकर एक बहुत बड़े नीले रंग के दरवाजे तक पहुच गये ,उस दरवाजे पर बहुत ही विशाल और भयानक साँप पहरा दे रहे थे ,उनके सामने तो ये दोनों मानो ऐसे लग रहे थे हाथी के सामने कोई बिल्ली का बच्चा हो ,
उन दोनों को देखकर एक साँप आगे आया और पूछा ,कौन हो तुम ,और इस रास्ते से विषलोक में आना मना है यह बात तुमको पता नही है क्या
नेत्रा ,जी हम दोनों सैकडो सालो से गंगा नदी में इच्छाधारी बनने के लिये तप कर रहे थे ,हमे यह बात पता नही थी ,हम दोनों इतने सालों से भूखे प्यासे थे ,कुछ ताकत पाने के लिये विषलोक जाकर विषपान करने जा रहे थे ,आप हमें माफ कर दीजिये ,
वो सांप नेत्रा की बातों से प्रसन्न हुवा ,अति उत्तम सर्पि (बेटी) ,तुम जैसे जवान सर्प ही हमारी उम्मीद रहते है जो अपने आप को हमेशा निखारते है ,तुम विषलोक जा सकती हो, पिछले 400 सालों से यह मार्ग बंद कर दिया था ,पर तुम इन बातों से अनजान थी इसलिये में तुम्हे जाने देता हूं ,इस जवान सर्प की कमजोरी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है लगता जो बोल नही पा रहा है तुम दोनो अंदर जा सकते हो ,कुछ दिन यहां के जहरीले फल और जहरीले पानी से तुम बहुत जल्द ठीक हो जाओगी ,
नेत्रा ने काल का हाथ पकड़ कर उस दरवाजे के सामने जाकर खड़ी हो गईं तो उस साँप ने दरवाजे की तरफ अपना एक हाथ को किया जिससे एक नीली रोशनी इन दोनों के बदन के साथ दरवाजे के साथ टकरा गई वो दोनो वहां से गायब होकर दरवाजे की दूसरी तरफ विषलोक में प्रवेश कर गए ,यह तो बहुत बड़ा नगर था ,हर तरफ नीली रोशनी फैली हुवीं थी , छोटे बड़े हर तरह के पक्के मकान बने हुवे थे,वहां पर बहुत बड़े महल भी दिख रहे थे जो अपनी सुंदरता बिखर रहे थे ,बड़ी सड़के ,हर तरफ घने पेड़ ,और बड़ी सी नीली नदी दिख रही थीं जो उस नगर के बीच मे से बह रही थी,सड़को पर काले ,पीले ,हरे रंगों के साँप घूम रहे थे ,उनमे बहुत से सर्पमानव भी थे ,यहा साँप ही नही हर तरह के पक्षी ,जानवर भी दिख रहे थे जो चारो तरफ घूम रहे थे अपने अपने कामो में ,काल यह सब आश्चर्य से देख रहा था ,
आप बस देखते ही रहैंगे क्या ,हमे अघोर विष के बारे में जानकारी लेकर उसे कैसे पाएं ये सोचना चाहिए ,नेत्रा बोली,
काल ,नेत्रा ये काम तुम आसानी से कर सकती हूं मुझसे ज्यादा ,हम किसी ऐसे को ढूंढते है जो राजमहल में काम करता हो ,उसे छुकर तुम आसानी से पता कर लोगी वो अघोर जहर कहा पर रखा है ,
फिर दोनो ने बड़ी मेहनत से एक महल में काम करने वाले राज सेवक को ढूंढ निकाला, उस सेवक को ढूंढने से पहले नेत्रा को 80 से ज्यादा लोगो को स्पर्श करना पड़ा था ,वो राजसेवक को स्पर्श करके उन दोनों को महल में जाने की तरकीब तो मिल गई पर अघोर विष की जानकारी नही मिली ,महल में विषपुर के राजा की बेटी बहुत सालो से बीमार थी ,उसे ना जाने कितने ही जहर पिलाए गये पर वो ठीक ही नही हो रहीं थी ,उसका इलाज करने हमेशा महल में कोई न कोई आता ही था ,तो वो दोनो भी इलाज करने के लिये महल में दाखिल हो गए
विषलोक के राजा का नाम विषदंश था और जो उसकी बेटी थी उसका नाम हिमानी था ,जब काल और नेत्रा ,हिमानी के इलाज के लिये महल में दाखिल हुवे तो उनकी पहले अच्छी तरह से तलाशी और पूछताछ की गई ,फिर सब ठीक लगने पर उन्हें राजा के सामने लेकर गए ,वहा विषदंश नेत्रा को ही देख रहा था एकटक जब वो उसको मिलने आयी थी ,नेत्रा और काल को उसने हिमानी के इलाज की आसानी से इजाजत दे दी थी ,उसकी पत्नी तो हैरान हो गई थी ,जो विषदंश 50 बार सामने वाली की पूरी पूछताछ खुद नही करता तब तक किसी को उसके बेटी का इलाज नही करने देता था, पर आज उसने बिना कुछ सवाल किये उन दोनों को इजाजत दे दी थी ,
जयमाला जो विषदंश की पत्नी थी ,अपने पति से बोली ,आज पहली बार आपने किसी को हिमानी के इलाज के लिये किसिको को बिनपुछे इजाजत कैसे दे दी ,
विषदंश ,जयमाला लगता है तुम यहाँ की रानी रहने के योग्य नही रही अब ,तुमने कुछ देखा नही
जयमाला ,में आपकी तरह इतनी बुद्धिमान नही हु जो सब देख सकू ,आप ही बता दीजिए मुझे
विषदंश ,जयमाला हमने इजाजत किसी और को नही बल्कि हमारी बहन कालनेत्री को दी है ,देखना कुछ पलों में हिमानी बिल्कुल ठीक होकर हम दोनों के सामने खड़ी होगी, हिमानी को ठीक मेरी बहन कालनेत्री के सिवा कोई नही कर सकता ,तुमने राज महल में कालनेत्री के घोड़े की आवाज तो सुनी होगी जो कितने सालो से एक ही जगह खड़ा है हजारो सालो से कालनेत्री की प्रतीक्षा में ,आज वो जिस तरह खुशी में हिनहिना रहा है तभी से हम समझ गए थे कलनेत्री विषलोक में आ गई है , अब हम महानाग को आसानी से मार सकते है ।
Wonderfull update dost
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,111
8,306
159
Waiting for next wala update …
 
Top