Ssking
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Correct sabse pehle vikki ka hi bachha ho shweta aur niku dono seनिकिता जो अपने ससुराल जाए तो उसके पेट में विकास का बच्चा हो,
तभी निकिता विकास की रियल बीवी बनेगी।
Correct sabse pehle vikki ka hi bachha ho shweta aur niku dono seनिकिता जो अपने ससुराल जाए तो उसके पेट में विकास का बच्चा हो,
तभी निकिता विकास की रियल बीवी बनेगी।
Excellent updateनमस्कार दोस्तो मेरा नाम विकास पटेल है और ये मेरे जीवन की घटना है कोई कहानी नही। मेरे परिवार में 4 लोग हैं। मैं विकास उम्र 19 साल मम्मी शालिनी पटेल उम्र 39 साल पापा राजेश पटेल उम्र 42 साल और मेरी दीदी निकिता जो कि अभी अभी 21 की हुई हैं और वो एक मस्त बेहद गोरी दुबली लंबी किसी मॉडल जैसी खूबसूरत हैं ।
हम इलाहाबाद में रहते हैं वैसे तो हमारा परिवार एक सामान्य परिवार है पापा जल निगम में इंजीनियर हैं मम्मी हाउसवाइफ और हम भाई बहन स्टूडेंट सब अपने अपने कामो में लगे हुए थे लाइफ नार्मल चल रही थी।
ये कहानी तब से शुरू होती है जब मैं 11th में पढ़ रहा था और निकिता दीदी कॉलेज में सेकेंड ईयर में एक दिन पापा किसी काम से अचानक ऑफिस से घर लौट रहे थे दोपहर के समय तो उन्होंने क्या देखा कि निकिता दीदी एक बाइक पर किसी लड़के के साथ बहुत चिपक कर बैठी हुई कहीं जा रही थींं वो लड़का हमारे ही मुहल्ले का विनय सिंह था जो कि काफी बदनाम था अपनी बुरी आदतों के चलते शराब पीना सट्टा खेलना नई नई लड़कियों को घुमाना जैसे सारे ऐब थे उस लड़के में, ये देख कर पापा का पारा चढ़ गया उन्होंने फौरन घर आ कर मम्मी को ये सब बताया उस समय मैं भी घर पर था और विनय को अच्छी तरह से जानता था तो मुझे भी बुरा लगा कि मेरी दीदी जो कि एक अच्छी पढ़ने वाली लड़की है वो ऐसे गलत इंसान के चक्कर मे कैसे फंस गई ।
सारी बात सुनने के बाद मम्मी ने कहा आप अभी अपना गुस्सा शान्त करो मैं बात करती हूँ निकिता से पर पापा नही माने उन्होंने तुरंत ही दीदी को कॉल की ।
दीदी ने कॉल रिसीव की और पापा ने लहजा सामान्य रखते हुए पूछा निकिता बेटा कहाँ हो तुम ??
दीदी ने बताया कि वो कॉलेज में है। वो साफ झूठ बोल रही थी जबकि अभी 10 मिनट पहले ही पापा ने उसे विनय के साथ घूमते देखा था ।
फिर भी पापा ने खुद पर संयम रखते हुए कहा कि बेटा ऐसा है मेरी तबियत कुछ खराब है तुम्हे फौरन घर आना होगा मैं विकास को तुम्हारे कॉलेज भेज रहा हूँ तुम जितनी जल्दी हो सके घर आ जाओ।
ये सुन कर दीदी कुछ हड़बड़ा सी गयी और बोली नही पापा आप किसी को मत भेजो मैं आ जाती हूँ ना जल्दी से ।
पापा ने एक गहरी सांस ली और बोले ठीक है आ जाओ। फिर उन्होंने फोन काट दिया और मुझे बुला कर कहा विकास कल से तुम दो तीन दिन अपना स्कूल छोड़ कर सुबह और शाम में अपनी दीदी पर नजर रखोगे सुबह जब वो कॉलेज जाती है और जब उसकी छुट्टी होती है उस टाइम वो किस के साथ आती जाती है । कॉलेज बंक कर के किस के साथ जाती है सारी इन्फॉर्मेशन मुझे चाहिए मैं अपनी बेटी को गलत हाथों में नही जाने दे सकता ।
मैंने कहा ठीक है पापा मैं दीदी पर नजर रखूंगा फिर हम सब दीदी का इंतजार करने लगे और कोई आधे घंटे बाद वो आयी घंटी बजते ही मम्मी ने दरवाजा खोला दीदी अंदर और हम सब को ड्राइंग रूम में बैठा देख कर वो थोड़ी चिंतित हो गयी ।
पापा ने दीदी को बैठने को बोला वो बैठ गयी फिर पापा ने गंभीरता से कहा निकिता आज सुबह से तुम कॉलेज में थी?
दीदी- ह ह हां और कहाँ होउंगी कॉलेज में ही थी पापा ....
पापा- पर मैंने तो तुम्हे चन्द्रलोक पैलेस के पास वाले चौराहे पर देखा था किसी लड़के के साथ उसकी बुलेट पर .....
दीदी का चेहरा एकदम उतर गया वो चुपचाप सर झुका कर बैठ गईं उन्होंने कोई जवाब नही दिया
पापा- चुप क्यों हो निकिता जवाब दो तुम किस के साथ और क्यों थी वहां ?
मम्मी ने भी वो सवाल दोहरा दिया थोड़ा सख्त लहजे में।
दीदी ने सर झुकाए हुए मरी मरी हुई आवाज़ में कहा वो मेरा एक दोस्त है उसी के साथ मूवी देखने जा रही थी ।
ये सुनते ही पापा एकदम से दहाड़ते हुए बोले दोस्त कैसा दोस्त उस लड़के को जानती हो तुम एक नंबर का आवारा और बदचलन लड़का है वो हर रोज नई लड़की को ले कर घूमता है उस से तुम्हारी दोस्ती हुई कैसे कहाँ मिला वो तुम्हे ??
दीदी ने फिर बताना शुरू किया वो पिछले कुछ दिनों से रोज उनके कॉलेज आने जाने के समय उनका पीछा किया करता था और एक दो रास्ते मे उनसे बात करने की भी कोशिश की शुरू में दीदी ने उस पर ध्यान ना देते हुए इग्नोर किया पर फिर एक दिन उसके बहोत अनुरोध करने पर वो उसके साथ कॉफी पीने चली गयी और उसी दिन से उनकी दोस्ती की शुरुवात हो गयी दीदी ने बताया कि वो सिर्फ उसके साथ तीन चार बार रेस्तरां गयी हैं और दो बार मूवी देखने ।
ये सुन कर पापा को तसल्ली हुई कि शायद अभी तक दीदी के साथ कुछ गलत नही किया विनय ने पर वो अभी सच से अनजान थे । उन्होंने गहरी सांस लेते हुए कहा निकिता आज के बाद तुम उस लड़के से कभी नही मिलोगी ना ही कोई बात करोगी किसी भी तरह का कोई भी सम्बन्ध दोस्ती कुछ भी नही रखना है तुम्हे उस आवारा लड़के के साथ ये मेरी पहली और आखिरी चेतावनी है इसके बाद मैंने कभी कुछ गलत देखा या सुना तो मुझसे बुरा कोई नही होगा।
दीदी ये सुन कर सहम सी गयीं और पापा उठ कर चले गए उनके जाने के बाद मम्मी ने क्लास लगाई मैं उठ कर अपने रूम में आ गया पर मेरे कान मम्मी और दीदी की बातों पर ही लगे हुए थे ।
मम्मी दीदी से कुरेद कुरेद कर पूछ रही थी कि उनकी विनय सिर्फ दोस्ती है या उसके आगे भी कुछ है आखिर मम्मी ने दीदी को ये भरोसा दिलाया कि वो पापा से कुछ नही कहेंगी पर वो उन्हें सब सच सच बता दें तब जा कर दीदी ने हिचकते हुए बताया कि वो दोनो एक दूसरे से प्यार करते हैं और विनय ने उनके साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बनाये हैं ।
ये सुन कर मम्मी भी शॉक हो गईं और दीदी को बुरी तरह से डांटने लगी घर का माहौल काफी खराब हो गया ।
और ये सुन कर मुझे भी बेहद गुस्सा आ रहा था उस विनय पर लेकिन मैं उसका कुछ कर नही सकता था क्योंकि मैं लड़ाई झगड़े से दूर रहने वाला लड़का था और अगर मैं कुछ करता और पापा मम्मी को पता चलता तो वो भी मुझे सुनाते खैर मैं उठ कर बाहर निकल गया और अपने दोस्त संजय के यहां चला आया उस के साथ थोड़ा समय बिताने के बाद मेरा मूड कुछ ठीक हुआ तब तक पापा का कॉल आ गया उन्होंने पूछा कहाँ हो मैंने बताया कि संजय के यहां हूँ उन्होंने फौरन घर आने का हुक्म दिया मुझे लगा फिर से कुछ गड़बड़ हुई है और मैं फौरन घर चला आया ।
घर आ कर देखा तो मम्मी पापा ड्राइंग रूम में बैठे हुए गहन विचार विमर्श में लगे हुए थे मुझे देख कर दोनो चुप हो गए पर मुझे तो सब मालूम था कि दीदी के विनय के साथ बने शारीरिक संबंधों की वजह से ही सारा बखेड़ा हुआ है ।
मैं जा कर चुपचाप बैठ गया पापा ने थोड़ा सोच कर बोलना शुरू किया । बेटा विकास तुम्हारी दीदी उस कमबख्त विनय के चक्कर मे पड़ गयी है पता नही कैसे हांलाकि मैंने उसे अच्छी तरह से समझा दिया है और डांट भी लगाई है पर ये उम्र ऐसी है कि बच्चों को ज्यादा समझ नही आता इसलिए मैंने उसका फोन भी उस से ले लिया है और कल से तुम रोज उसे कॉलेज छोड़ने और लेने जाओगे और हां इसके अलावा भी उसे कहीं जाना हो तुम उसके साथ जाओगे मैं उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब नही करना चाहता वरना मन तो कर रहा कि बस घर मे ही बंद कर के रखूं जैसे कर्म किये हैं इसने ......
पापा इस समय बेहद तनाव और गुस्से में थे मैंने पापा के हाथ पर हाथ रख कर कहा पापा आप निश्चिन्त रहो अब से मैं हर टाइम दीदी के साथ रहूंगा घर से बाहर पापा ने मेरी आँखों मे देखते हुए कहा बेटा ये जिम्मेवारी का काम है घर की इज्जत का सवाल है किसी तरह की कोई लापरवाही मत करना मैंने कहा नही पापा ऐसा कुछ नही होगा आप परेशान मत हो ।
फिर पापा ने अपनी बाइक की चाभी मुझे देते हुए कहा अब से तू साइकिल से स्कूल नही जाएगा ये पकड़ बाइक की चाभी कल से निकिता को कॉलेज छोड़ने और लाने की जिम्मेवारी तेरी और फिर वो उठ कर अपने रूम में चले गए ।
किसी तरह रात बीती और सुबह मैं साढ़े आठ बजे स्कूल के लिए तैयार हो गया निकिता दीदी सुबह से एक भी बार नजर नही आई थी वो अपने ही रूम में थी जब मैं नाश्ता करने लगा तो मैने मम्मी से पूछा भी की दीदी कहाँ है वो कॉलेज नही जा रही क्या तो मम्मी ने कहा सुबह उठा तो दिया था पर तब से वो कमरे से बाहर निकली ही नही मैं जा कर देखती हूँ और मम्मी उनके कमरे में गयीं तो दीदी अपने कमरे में तैयार बैठी थी पर वो शायद सबको फेस करने में हिचक रही थीं तो चुपचाप अपने कमरे में बैठी थीं मम्मी ने उन्हें बताया कि विकास तैयार है जाने के लिए चल बाहर तो वो बाहर आईं मम्मी ने उन्हें भी नाश्ता दिया और वो चुपचाप नाश्ता करने लगीं आज वो एकदम चुप थीं एक भी शब्द बोले बिना उन्होनें नाश्ता किया और फिर बैग ले कर बाहर आ गयी मैं भी उनके पीछे बाहर आ गया।
बाहर आ कर मैंने बाइक निकाली स्टार्ट की तो चुपचाप बैठ गईं मम्मी दरवाजे तक आईं और उन्होंने मुझे चेताया कि सीधा इसजे कॉलेज गेट पर ड्राप करना और जब से अंदर चली जाए तो सीधे अपने स्कूल जाना और शाम को इसे कॉलेज से ले कर सीधा घर आना ..... मैंने सर हिलाते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि मैं पूरा ख्याल रखूंगा और फिर हम चल पड़े दीदी के कॉलेज की ओर।
घर से थोड़ी दूर आ कर मैंने बाइक चलाते हुए कहा दीदी एक बात कहूँ दीदी ने सिर्फ हूँ बोल कर उत्तर दिया मैंने कहा दीदी देखो वो विनय सच मे अच्छा लड़का नही है आप प्लीज उस से दूर ही रहना अब वरना पापा शायद आपकी पढ़ाई भी छुड़वा दें दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा अब तू भी लेक्चर देगा मुझे मैंने नही एकदम नही दीदी मैं आपको लेक्चर नही दे रहा हूँ बस बता रहा हूँ कि अगर आप ने पापा की बातों को नही माना तो ऐसा भी हो सकता है इतना कह कर मैंने साइड मिरर से दीदी को ओर देखा हमारी आंखे मिली और वो थोड़ा सा मुस्कुराई तभी अगले चौराहे पर मेरी नजर विनय पर पड़ी वो अपनी काली बुलेट पर बैठा हुआ था और दीदी के मेरे साथ बाइक पर देख कर उसने बुरा से मुह बनाया रेड सिग्नल की वजह से मुझे बाइक रोकनी पड़ी मैंने मिरर में देखा दीदी उसी की ओर देख रही थीं तभी विनय अपनी बाइक स्टैंड पर लगा कर हमारी ओर आने लगा दीदी ने उसे चुपके से ना आने का इशारा किया जिसे मैंने देख लिया विनय ने इसे कॉल करने का इशारा किया पर दीदी ने उसे ना में सर हिलाते हुए एक कागज का पुर्जा सड़क पर गिरा दिया और उसकी ओर देख कर हाथ जोड़ते हुए उसे पास ना आने का इशारा किया मैं ये सब गौर से देख रहा था ।
तभी सिग्नल ग्रीन हुआ और मैंने बाइक बढ़ा दी थोड़ा आगे जा कर मैंने फिर से देखा कि विनय अपनी बुलेट से हमारा पीछा का रहा था ये देख कर मुझे गुस्सा आया और मैंने एकदम से एक्सीलेटर खींच कर स्पीड बढ़ा दी और दीदी को झटका लगा तो उन्होंने एकदम से मेरी कमर को कस के पकड़ लिया और बोली क्या कर रहा है विक्की गिरायेगा क्या ।
मैंने थोड़ा गुस्से में कहा .... वो हरामजादा विनय हमारा पीछा कर रहा है आपको दिखा नही क्या ये सुन कर दीदी चुप हो गयी और फिर कुछ देर बाद वो बोली विक्की प्लीज घर पर कुछ मत बताना नही तो फिर से वही सब शुरू हो जाएगा मैंने कहा क्या मतलब है आपका की मैं पापा से झूठ बोलूं अभी चौराहे पर वो और आप इशारों इशारों में बात कर रहे थे जबकि पापा ने मना किया है आपको उस से किसी भी तरह का संपर्क रखने से और अब आप चाहती हो कि मैं ये सब देख कर भी चुप रहूं या झूठ बोलूं दीदी ने कहा देखो विक्की मुझे भी पापा की बात समझ आयी है पर आखिर मुझे भी तो उसे ये सब बता कर उस से पीछा छुड़ाना पड़ेगा ना उसे क्या पता कल क्या हुआ घर पर वो तो रोज की तरह मुझसे मिलने के लिए आया है बातें करना चाहता है पर उसे बताए बिना वो कैसे जानेगा की मेरा और उसका रिश्ता मेरे घर वालों को पता लग गया है और अब आगे मैं उस से नही मिल सकती कोई संबंध नही रख सकती यही बताने के लिए मैंने उसे वो लेटर लिख कर दिया है हांलाकि मैं तुझसे छिपा कर उसे वो देना चाहती थी पर मुझे नही पता था तेरी नजर इतनी तेज है।
दीदी की बात सुन कर मुझे भी लगा कि वो सही कह रही हैं जब कल तक उन दोनों की अच्छी खासी दोस्ती चल रही थी वो साथ घूम रहे थे मूवी जा रहे थे तो एकदम से दीदी उस से मुह कैसे मोड़ लें आखिर उसे भी तो उनकी हालत पता चले हो सकता है सब मालूम होने के बाद वो खुद ही दीदी से किनारा कर ले ये सोचते हुए हम दीदी के कॉलेज पहुंच गए मैन दखा की विनय भी थोड़ी दूर पर अपनी बुलेट के साथ खड़ा हुआ दीदी को ही घूर रहा है ।
दीदी बाइक से उतरी उनके चेहरे पर चिंता और उदासी छाई हुई थी वो मुड़ कर अंदर जाने लगी मैंने उन्हें आवाज़ दी .... दीदी सुनो उन्होंने मुड़ कर मेरी ओर देखा मैंने कहा दीदी ऐसा है आपकी बात मुझे सही लग रही है बेहतर होगा आप एक बार विनय से इस मामले में साफ बात कर लो कि अब आप उस से आगे कोई संबंध नही रख सकती और वो इस तरह से आपका पीछा करना या आपसे मिलने और बात करनेके प्रयास करना छोड़ दे इसी में सबकी भलाई है ।
दीदी ने आश्चर्य से मेरी ओर देखते हुए पूछा और पापा को पता चला तो मैंने थोड़ा संजीदा होते हुए कहा मैं पापा से कुछ नही बताऊंगा पर ये आखिरी बार आपकी उस से बात होगी इसके बाद कभी नही दीदी ने थोड़ा सोचते हुए कहा ठीक है तो मैं अभी उस से मिल कर बात कर लूं मैंने कहा ठीक है कर लो दीदी कुछ सेकेंड्स मुझे देखते रही फिर मेरा हाथ पकड़ कर बोली थैंक्स विक्की तुमने मेरी परेशानी को समझा और मेरा साथ दिया वो जरा सा मुस्कुराई और फिर विनय की ओर बढ़ गईं ।
विनय के पास पहुंच कर वो कुछ देर उस से बात करती रहीं विनय के चेहरे के भाव देख कर मुझे लगा कि वो इतनी आसानी से दीदी का पीछा नही छोड़ने वाला वो कई बार ग़ुस्से में मेरी ओर देखता और फिर दीदी से उलझ जाता दीदी बार बार उसके हाथ जोड़ रही थीं ये देख कर मुझे गुस्सा आने लगा और मन किया कि जा कर इस विनय के बच्चे के चार हाथ लगाऊं सबके सामने पर फिलहाल मैंने खुद को शांत रखा लगभग 20 मिनट तक दीदी और विनय सड़क के किनारे खड़े बातें करते रहे फिर विनय ने ना में सर हिलाई और बाइक स्टार्ट कर के एकदम से बड़ी तेजी से मेरी बगल से निकल गया और चंद सेकेंड में ही नजरो से ओझल हो गया।
मैंने दीदी को ओर देखा वो अभी भी वही चुपचाप चिंता में डूबी हुई खड़ी थीं मैंने अपनी बाइक स्टैंड पर लगाई और दीदी के पास आया दीदी ने मुझे देखा और बोली वो नही मान रहा विक्की कह रहा है हम एक दूसरे से प्यार करते हैं और वो मुझसे ही शादी करेगा अगर किसी ने उसे मुझसे मिलने से रोका तो वो उसे जान से मार देगा ये कहते हुए दीदी रोने लगी उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे मैं भी उनकी बात सुन कर परेशान हो गया एक ओर पापा का गुस्सा दुसरी ओर दीदी का दुख मेरी समझ नही आ रहा था क्या करूँ ........
दोस्तों ये था पहला अपडेट जल्दी ही फिर मुलाकात होगी आपसे पढ़िए और मेरा प्रयास कैसा है अपने सुझाव दीजिये।
sabki apni apni pasand hai , mujhe lagta hai bahut jyada dekhna hai to pic section jayen story me kyunGalat bat bhai images se doguna maja bad jata hai
Nice updateमैंने कुछ सोच कर कहा दीदी बैठो बाइक पर वो आंसू पोंछ कर थोड़ा शांत हुई फिर बोली तुम्हे स्कूल नही जाना क्या। मैंने कहा नही पहले इस प्रॉब्लम का कोई सॉल्यूशन निकालने दो बाकी सब उसके बाद दीदी चुपचाप बाइक पर बैठ गईं तभी पापा का कॉल आ गया वो पूछ रहे थे मैं कहाँ हूँ मैंने झूठ बोलते हुए कहा कि मैं दीदी को कॉलेज छोड़ कर अब अपने स्कूल जा रहा हूँ फिर मैंने बाइक बढ़ा दी पर समझ नही आ रहा था जाना कहाँ है ।
काफी देर सड़कों पर उधर उधर घूमने के बाद मुझे अचानक मिंटो पार्क का गेट दिखा और मैंने बाइक किनारे लगा दी दीदी को उतरने को बोला और फिर बाइक स्टैंड पर लगा कर मैंने कहा आओ दीदी कुछ बात करनी है फिर हम पार्क के अंदर आ गए दोपहर के 11 बज रहे थे पार्क में सन्नाटा था इक्का दुक्का लोग और कुछ लवर कपल ही नजर आ रहे थे ।
मैं दीदी के साथ एक पेड़ के नीचे बैठ गया यहां आसपास कोई नही था कोई हमे देखता तो प्रेमी प्रेमिका ही समझता ।
दीदी चुपचाप बगल में बैठ गईं मैंने चुप्पी तोड़ते हुए कहा दीदी देखो आप ने जरा सी गलती कर के हम सब को कितनी बड़ी परेशानी में डाल दिया दीदी घुटनो में सर झुकाए बैठी थीं उनके चेहरे पर चिंता और परेशानी स्पष्ट नजर आ रही थी मैंने कहा कुछ बोलोगी भी वो मेरी ओर सवालिया नजरो से देख कर बोली मेरी कुछ समझ नही आ रहा विकी मैं क्या बोलूं मैंने पूछा क्या आप सच मे उस गलत इंसान से प्यार करती हो जो किसी भी तरह से आपके लायक नही ?
दीदी ने थोड़ा रुक कर कहा पता नही मैं कह नही सकती मुझे उस से प्यार है या नही पर वो मुझे अच्छा लगा था हैंडसम है स्मार्ट है शुरू में कुछ दिन उसे इग्नोर किया फिर वो अच्छा लगने लगा तो हमारी बातचीत शुरु हो गयी और फिर बात बढ़ती गयी इतना कह कर वो चुप हो गईं।
मैंने बात का सिलसिला बढ़ाते हुए कहा और अब जब कि आप उस से कोई मतलब नही रखना चाहती हो वो आपको धमकी दे रहा है परेशान कर रहा है दीदी ने जवाब में बस हूँ कहा ......
मैंने कहा दीदी अब आप ने क्या सोचा है क्या करोगी दीदी ने कहा मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है विकी वो अभी जाते हुए कह कर गया है कि कल सुबह वो मुझे कॉलेज के बाहर मिलेगा और मुझे कही ले जाएगा घुमाने और उसने ये धमकी भी दी है अगर कल मैं तुम्हारे साथ आई तो वो तुम्हे ...... इतना बोल कर दीदी चुप हो गईं और फिर से रोने लगी मैंने उनकी पीठ पर हाथ रख कर कहा दीदी घबराओ मत उसने जो भी कहा है मुझे बताओ ताकि मैं कुछ कर सकूं हमारी सुरक्षा के लिए दीदी ने सुबकते हुए बताया कि विनय ने कहा है अगर वो कल मेरे साथ कॉलेज आयी तो वो मेरे हाथ पैर तुड़वा देगा अपने लड़को से और फिर दीदी को अकेले कॉलेज आना पड़ेगा ये सुनकर मेरी झांट सुलग गयी कि इस भोसड़ी वाले कि इतनी हिम्मत हो गयी खैर मैंने अपने भावों पर काबू किया और बोला दीदी आप चिंता ना करो मैं भी देखता हूँ इस साले ने कितना दूध पिया है कल या तो तो वो मेरे हाथ पैर तोड़ेगा या मैं उसके ...... मेरी बात सुन कर दीदी फिर से सुबकने लगी और बोली विकी मेरे भाई मैं ऐसा कुछ नही देखना चाहती तुम दोनों को सही सलामत देखना चाहती हूं मैं मुझे अब दीदी पर थोड़ा गुस्सा आ रहा था कि इतने पर भी उन्हें विनय की फिक्र हो रही थी ।
पर गुस्से में बात और बिगड़ती मैं फिर चुपचाप बैठा सोचता रहा और काफी देर बाद मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया संजय मेरा बचपन का भाई जैसा दोस्त उसकी मेरी खूब पटती थी और एक वो ही मेरा खास दोस्त है जिस से अपनी हर परेशानी शेयर कर लेता था कुछ देर तक सोचने एक बाद मैंने कहा दीदी आप यही बैठो मैं जरा अपने एक दोस्त से बात कर लूं दीदी ने कहा मैं अकेली यहां बैठूं मैंने कहा मैं कही जा नही रहा बस जरा प्राइवेट बात है तो यहीं पास में ही जा कर बात कर के आता हूँ वैसे भी अब ना आप कॉलेज जा सकती हो ना मैं स्कूल तो कोशिश करता हूँ इस प्रॉब्लम का कुछ तो हल निकले दीदी ने सर हिला दिया और मैं वही थोड़ी दूर जा कर संजय को कॉल करने लगा ।
घंटी जा रही थी पर दो घण्टी के बाद ही उधर से कॉल काट दिया गया और फौरन ही संजय का मैसेज आया "अबे गांडू स्कूल में हूँ कॉल क्यों कर रहा साले फोन छीन लिया जाएगा अगर किसी ने देख लिया तो" मैसेज पढ़ कर मेरे चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट आई हमारा बात करने का यही अंदाज़ था ।
मैने उसे रिप्लाई किया "अबे साले अर्जेंट काम है इसलिए कॉल किया वरना मुझे भी पता है स्कूल में फ़ोन allow नही है"
एक मिनट में ही संजय का रिप्लाई आया "मौका मिलते ही कॉल करता हूँ इंतजार कर"
फिर मैं दीदी के पास आ कर बैठ गया दीदी ने कहा क्या हुआ कुछ सोचा कल क्या करना है मैंने गहरी सांस लेते हुए कहा देखता हूँ अगर कुछ सॉल्यूशन नही निकला तो पापा को सब साफ साफ बताना पड़ेगा फिर वो ही हैंडल करेंगे दीदी ये सुन कर थोड़ा सा डर गयीं उन्हें लगा पापा को पता चला तो बात बढ़ेगी और विनय की वो धमकी...... दीदी नही चाहती थीं कि मुझे या पापा को किसी तरह का कोई नुकसान हो।
कोई 10 मिनट बाद संजय का कॉल आया और मैं कॉल रिसीव करते हुए दीदी से थोड़ा दूर चला आया ।
संजय- हां भाई अब बोल क्या हुआ क्या अर्जेंट काम आ गया तुझे?
मैं- यार एक बड़ा मैटर है समझ नही आ रहा कैसे बताऊं
संजय-भोसड़ी के मुह से बता और कैसे बताएगा चूतिये
मैं- यार संजय वो ऐसा ही कि निकिता दीदी विनय सिंह के चक्कर मे फंस गई हैं और ...... फिर मैं उसे सारी कहानी सुना गया सिवा इसके की दीदी ने उसके साथ सेक्स भी किया
सारी बार सुन कर वो चुप ही रहा मैंने पूछा क्या हुआ बे कुछ बोलेगा भी वो बोला कि मैं थोड़ी देर में फिर से कॉल करूंगा और कॉल काट दी मुझे बड़ा अजीब सा लगा पर फिर मुझे लगा होगी कोई बात शायद कोई आ गया हो या कोई और वजह हो मैं फिर से दीदी के पास आ कर बैठ गया दीदी ने मेरी ओर देखा मैंने कहा आप ज्यादा परेशान मत हो दीदी कुछ तो करूंगा ही मैं आपके लिए ।
दीदी ने कहा विकी मेरी वजह से सब कितनी परेशानी में पड़ गए मैंने कहा दीदी ये सब आपको पहले सोचना था ना अब तो समस्या हो ही गयी है दीदी ने कहा मुझे सच मे विनय के बारे में कुछ नही मालूम था वो बस उन्हें अच्छा लगा और ......
तभी फिर से संजय का कॉल आया और मैंने जल्दी से दूर जाकर कॉल रिसीव की संजय बोला सुन विकी मैंने अपने चाचा से बात की है (संजय के चाचा जो को पुलिस डिपार्टमेंट में हैं और इस समय दारागंज चौकी में तैनात हैं) उनका कहना है कि अगर लड़की एक कंप्लेन दे दे लिखकर तो वो 10 मिनट की सारी हेकड़ी निकाल देंगे और वो कभी हमे परेशान नही करेगा।
मैंने उसकी बात सुन कर चौंकते हुए कहा अबे पूरी बात तो सुन लिया कर पहले साले तूने अपने चाचा को सब बता दिया क्या?
संजय ने कहा बिना मर्ज बताए कहीं दवा मिलती है क्या वो तो बताना ही पड़ेगा अब तू किसी तरह अपनी दीदी से एक लिखित शिकायत ले ले तो इस विनय के घोड़े की गांड़ फाड़ दी जाए मैंने कहा ठीक है मैं कोशिश करता हूँ फिर मैंने कॉल काटी और दीदी के पास आ कर उन्हें सारी बात बताई पर पुलिस कंप्लेन के नाम पर दीदी मना करने लगी वो बोली कि वो विनय के कजिलाफ़ शिकायत नही करेंगी चाहे जो हो ।
ये सुनकर मैंने भी थोड़ा गुस्से में कहा कि ठीक है फिर मैं पापा को सब कुछ बता देता हूँ और ये भी कह देता हूँ कि वो आपका कॉलेज जाना बंद करवा दें ये सुन कर दीदी और चिंता में डूब गयीं और बोली तुम मेरे भाई हो या दुश्मन मैंने कहा हूँ तो भाई ही पर आप मुझे अपना दुश्मन और उस हरामजादे को अपना दोस्त मान बैठी जो जिस इंसान ने आपके भाई के हाथ पैर तोड़ने की धमकी दी उसके खिलाफ आप एक कंप्लेन नही दे सकती हो दीदी धीरे से बोली मैं प्यार करती हूं उस से ये सुन कर मैं चौंक गया और गुस्से से भर गया मैंने हाथ पटकते हुए कहा ठीक है आप उठो घर चलते हैं दीदी उठ खड़ी हुई पर घड़ी देखते हुए बोली अभी तो सिर्फ 12 बजे हैं और छुट्टी 3 बजे होती है अभी घर गए तो मम्मी कितने सवाल पूछेंगी मैंने कहा फिर कहाँ जाएं आप ही बता दो दीदी बोली मैं क्या बताऊँ जहां चाहो चलो ।
मैंने बाइक स्टार्ट की और फिर इधर उधर घूमने लगा लंच टाइम हो रहा था तो मैंने बाइक एक रेस्तरां में रोकी और दीदी के साथ अंदर आ गया मैंने दो डोसे आर्डर किये और फिर हमने डोसे खाये और एक एक कोल्ड ड्रिंक पी किसी तरह एक बजे तक हम वहीं बैठ टाइम बिताते रहे अब हमारे बीच बातचीत ना के बराबर ही हो रही थी तभी दीदी ने कहा विकी अपना फोन दो मुझे एक कॉल करनी है मैंने कहा किस से बात करनी है वो बोली विनय से बात करनी है एक बार और उसे समझाने की कोशिश करती हूं ।
मैंने कहा आपको लगता है वो समझ जाएगा आपके समझाने से दीदी ने कहा कोशिश करने में क्या जाता है मैंने कुछ सोच कर फ़ोन दे दिया दीदी को दीदी ने विनय को कॉल की ।
दीदी- हेलो विनय मैं निकिता मेरी बात सुनो प्लीज अब मैं तुमसे नही मिल सकती तुम्हारे साथ कहीं नही जा सकती और अब से तुम मेरा पीछा मत करना मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ ......
उधर से विनय ने जो भी कहा हो वो सुन कर दीदी का चेहरा पीला पड़ गया वो रुआँसी हो गयी और भरे गले से बोली प्लीज विनय मेरी बात समझने की कोशिश करो अगर पापा को ये सब पता चला वो मेरी पढ़ाई छुड़वा देंगे मैं पढ़ना चाहती हूं तुमसे दोस्ती करना मेरी भूल थी अब जो हुआ उसकी इतनी सज़ा मत दो मुझे प्लीज मुझे भूल जाओ और मेरा पीछा छोड़ दो ये कहते हुए दीदी सिसक सिसक कर रोने लगी ......
दीदी को यूँ रोते देख मुझे उन पर तरस आने लगा और मैंने मन मे निर्णय कर लिया कि जैसे भी हो दीदी की इस प्रॉब्लम को मुझे सॉल्व करना ही होगा पहला इनके दिल से विनय के लिए प्यार खत्म करना दूसरा विनय को इनकी जिंदगी से दूर करना ..... अब ये दोनों काम कैसे होंगे मुझे भी नही पता था इनमें से दूसरा काम तो फिर भी कुछ आसान था पर पहला काम ज्यादा ही मुश्किल था दीदी के दिल से विनय के लिये फीलिंग्स खत्म करना ......
मेरे दिमाग मे बहुत सारे सवाल और उलझने थी पर किसी का भी कोई जवाब नही था किसी तरह इधर उधर भटकते हुए ढाई बजे का समय बिताने के बाद हम घर की ओर चल पड़े मैंने रास्ते मे दीदी से कहा अभी आज पापा या मम्मी से कुछ नही बताना है कल कुछ इंतजाम करता हूँ मैं 3बजे घर पहुंच कर हमने अपने अपने रूम में जा कर चेंज किया तभी पापा का कॉल आया मेरे पास उन्होंने पूछा कि घर आ गए दोनो मैंने उन्हें बताया कि हां हम घर पर ही हैं उन्होंने फिर पूछा कि सब ठीक है मैंने कह दिया हां सब ठीक है पर कुछ भी तो ठीक नही था।
थोड़ा सा खाना खा कर मैंने बाइक उठाई और संजय के घर निकल गया उसके घर पहुंच कर पता चला कि वो घर पर नही है मैंने उसे कॉल की तो उसने बताया वो कॉपी और कुछ सामान लेने मार्केट आया हुआ है मैंने उसे उधर ही मिलने को बोला उर मार्केट कि ओर चल पड़ा वो रास्ते मे मिल गया फिर उसे बाइक पर ले कर मैं अपने अड्डे वाली बीयर शॉप पर आया और उसे दो बीयर लाने को बोला संजय बीयर लेने चला गया...... मेरे दिमाग मे बड़ी उथल पुथल थी और मैं उसे शांत करना चाहता था हम दोनों दोस्त कभी कभी बीयर पी लेते थे ऐसे ही मस्ती के लिए पर आज मुझे पहली बार टेंशन की वजह से बीयर पीनी पड़ रही थी।
मैं अपने ख्यालों में गुम बाइक पर ही बैठा था तभी बुलेट की आवाज़ से मेरा ध्यान भंग हुआ मैंने देखा कि विनय ने अपनी बुलेट मेरी बाइक के पास ही रोकी मैं हेलमेट लगाए हुए था इसलिये उसने मेरी ओर कोई ध्यान नही दिया तब तक संजय बीयर के कैन ले कर पास आया मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया वो हैरानी से मेरी ओर देखने लगा मैंने उसे धीरे से बताया कि यही विनय है उसने भी धीरे से मेरे कान में कहा यहीं पेल दें क्या साले को । मैंने उसे शान्त रहने का इशारा किया।
तभी विनय ने बाइक पर बैठे हुए ही बीयर शॉप वाले को आवाज़ दी उसकी आवाज़ सुनते ही वो लौंडा दांत निकाल कर जी भैया कहते हुए एक बीयर ले कर उसकी ओर दौड़ा और उसे बीयर दे कर बोला और कुछ लाऊं भैया जी विनय ने उसे सिगरेट लाने को कहा और मैंने चुपचाप मोबाइल निकाल कर उसकी वीडियो बनानी शुरू कर दी ये सब मैं बड़ी सावधानी से कर रहा था कि विनय को जरा भी शक ना हो मैंने संजय को धीरे से बोला कि वो थोड़ी देर इधर उधर घूम कर आये दो लोगों की वजह जे विनय का ध्यान हमारी ओर जा सकता था संजय ने एक कैन खोली और पीते हुए आगे बढ़ गया मैंने भी अपनी कैन खोल ली और धीरे धीरे पीने लगा .....
उधर विनय ने भी अपनी कैन ओपन की और पीने लगा पर उसने दो घूंट में ही कैन खाली कर के फिर से लड़के को इशारा किया और वो दूसरी कैन और एक सिगरेट उसे दे गया विनय ने दूसरी कैन भी खोली और धीरे धीरे घूंट भरने लगा फिर उसने सिगरेट भी सुलगा ली तभी उसका फ़ोन रिंग हुआ उसने फ़ोन निकाल कर कॉल रिसीव की और हंस हंस कर किसी से बात करने लगा मैंने गौर से सुनने की कोशिश की वो अपनी किसी सेटिंग से बात कर रहा था और उसे आज शाम को मिलने को कह रहा था उनकी बात चीत दो मिनिट तक चली और आखिर में उसने कहा ok जान आज शाम ठीक 6 बजे उसी जगह पर मिलते हैं जहां पिछली बार मिले थे और खूब मज़े करेंगे इसके बाद उसने कॉल काट कर किसी और को कॉल की मैं थोड़ा सा घूम कर और पास चला गया उसके मैं उसकी पीठ की ओर था इसलिए उसने ज्यादा ध्यान नही दिया और वो फोन कान पर लगाए बीयर के घूंट आए सिगरेट के कश लगाते हुए खड़ा रहा फिर उसने बात शुरू की
विनय- हां बे चूतिये मैं तो बीयर शॉप पर हूँ तू कहाँ है साले......
उधर की बातें मैं नही सुन पा रहा था पर समझ सकता है कि ये उसका कोई चेले चपाटे जैसा दोस्त होगा।
विनय- हां बे आज शाम को रानी के साथ जुगाड़ लग गया है उसी से काम चलाना पड़ेगा और वो साली निकिता आज भाई के साथ कॉलेज आयी थी कह रही थी उसके गांडू बाप को पता चल गया है हमारे अफेयर के बारे में और अब वो मुझसे नही मिल सकती ......
ये सुन के मेरा खून खौल गया मैंने एक झटके से बची हुई बीयर खत्म की और ग़ुस्से में खाली कैन को ही विनय की गर्दन समझ कर दबाने लगा।
विनय- अरे कहा यार अभी तो बस दो बार ही पेला है साली को पर है एकदम कड़क बहित मज़ेदार है मैं सोच रहा था 4-6 महीने से अच्छे से रगड़ लूं फिर तेरा भी जुगाड़ करा दूंगा लेकिन अभी तो मेरा पत्ता काट रही वो लेकिन मैं इतनी आसानी से उसका पीछा नही छोडूंगा मानी तो ठीक वरना उसकी nude pic हैं मेरे पास ब्लैकमैल करूंगा साली को हहहहह उसकी हंसी मेरे कानों में तेज़ाब बन कर उतर रही थी।
पर तभी मेरे दिमाग ने मुझे सुझाया की थोड़ा ठंड रख भाई ये वीडियो जो तू रिकार्ड कर रहा है ये तेरी सारी प्रॉब्लम सॉल्व करेगा एक ही झटके में और ये समझ आते ही मेरा गुस्सा शांत हो गया।
विनय- चल ठीक है तू शाम को 6 बजे वहीं मिल अपने अड्डे पर आज तुझे भी रानी का स्वाद चखा देता हूँ तू भी क्या याद करेगा और फिर उसने कॉल काट कर फ़ोन जेब मे डाल लिया और सिगरेट फूंकते हुए उसने मुड़ कर मेरी ओर देखा मैन लापरवाही से सर दूसरी ओर घुमा लिया और खाली कैन कूड़ेदान कि ओर उछाल कर बाइक स्टार्ट की और आगे बढ़ गया ।
थोड़ा आगे जाने पर संजय मिला उसने पूछा क्या हुआ मैंने उसे सारी बात बताई वो भी सुन कर खुश हो गया और बोला बस ये वीडियो मुझे भी दे दियो अब निकिता दीदी इसकी कंप्लेन ना भी करे तो इसे जेल भेजने लायक इंतजाम है इस वीडियो में और मैंने वो वीडियो उसे फॉरवर्ड कर दिया ।
पर अभी एक और चिंता थी मेरी उसके फ़ोन में निकिता दीदी के nude pic थे जिनके जरिये वो उन्हें बदनाम तो कर ही सकता था मैंने संजय से नजरें चुराते हुए उस से ये बात कही तो उसने भी थोड़ा नजरें चुरा कर कहा पता नही दीदी ने ऐसी गलती कैसे कर दे मैंने कहा अब ये सोचने का समय नही है यार अब कैसे भी उस गलती को सुधारना है वो pic कही आगे नही जानी चाहिए बस डिलीट होनी चाहिए उसने कुछ सोचते हुए कहा मैं चाचा से बात करता हूँ इस बारे में बात करता हूँ मैंने कहा यार संजय तू बात की गंभीरता को समझ रहा है ना ये सब बातें किसी को पता नही चलनी चाहिए वो बोला विकी तू मुझ पर भरोसा करता है या नही मैंने उसे गले लगाते हुए कहा साले भाई से बढ़ कर है तू मेरे लिए उसने कहा फिर क्यों फिक्र कर रहा है मैं सब हैंडल कर लूंगा तू ज्यादा टेंशन ना ले ।
तभी मैंने देखा विनय हमारी ओर ही आ रहा है मैंने झट से हेलमेट लगा लिया और संजय से कहा यार मैं इसके पीछे जा रहा हूँ शायद कुछ और हाथ लगे इसके खिलाफ संजय जल्दी से पीछे बैठते हुए बोला साले अकेला नही जाने दूंगा तुझे तू जानता नही ये बहोत हरामी इंसान है ।
विनय हमारे बगल के निकला और मैंने अपनी बाइक उसके पीछे डाल दी कोई आधे घण्टे हम उसकी बाइक के पीछे लगे रहे आखिर में उसने एक घर के सामने बाइक रोकी और किसी को कॉल करने लगा मैंने उस से काफी दूर बाइक रोकी और मैं भी फोन निकाल कर किसी के बात करने का दिखावा करने लगा फिर लगभग 10 मिनट बाद एक स्कूटी पर एक लड़की जो दिखने में ठीक ठाक थी वो विनय के पास पहुंची स्कूटी बंद कर के उसने विनय को सड़क पर ही हग किया और फिर विनय ने उस घर का गेट जेब से चाभी निकाल कर खोला और दोनो ने अपनी अपनी बाइक और स्कूटी अंदर करी और अंदर से गेट बंद हो गया ......
Excellent updateमैंने अपनी बाइक उस घर से थोड़ी दूर पर ही रोक दी थी फिर मैं संजय को वहीं रुकने को बोला और टहलते हुए उस घर के सामने से गुजरा मैंने सरसरी नजरें घुमाते हुए अच्छे से मुआयना किया गेट बंद था और गेट के बगल में 5 फ़ीट की बॉण्डरी थी बॉण्डरी के अंदर कुछ पेड़ पौधे लगे हुए थे उसके आगे बरामदा था और फिर घर का मुख्य दरवाजा ,एक गैलेरी उस दरवाजे के बगल से हो कर पीछे तक जा रही थी उस गैलेरी में कमरों की खिड़कियां खुलती थीं और फिर गैलेरी के अंत मे एक और दरवाजा था जो कि शायद पिछले कमरे में खुलता होगा और उसी के बगल से छत पर जाने की सीढ़ियां भी बनी हुई थीं मैं एक चक्कर काट कर संजय के पास आया वो मेरी ओर गौर से देख रहा था। मैंने कहा देख संजय मैं सोच रहा हूँ एक बार अंदर जा के देखूं शायद इसके कुकर्मो का कुछ और सबूत मिल जाये संजय ने कहा पर इसमे बहोत रिस्क है। ऐसे किसी के घर मे घुसना किसी ने देख लिया तो मैंने कहा यार मैं सड़क के उस ओर तक हो आया हूँ सभी घरों के गेट बंद हैं वैसे भी 7 बज रहे हैं अँधेरा हो चुका है अपनी बहन के लिए मैं इतना रिस्क उठाने को तैयार हूं ।कैसे भी मैं बस दीदी को इस विनय के चंगुल से निकलना चाहता था और इस टाइम बीयर का नशा भी मेरी हिम्मत को बढ़ाने में मदद कर रहा था ये सब सोच कर ही मुझे थोड़ा एडवेंचर महसूस हो रहा था और मेरा दिमाग भी अच्छे से चल रहा था मैंने अपना फोन निकाल कर साइलेंट पर डाला और वाइब्रेशन भी ऑफ कर दिया फिर मैंने कहा संजय मैं जा रहा हूँ बॉण्डरी फांद कर अंदर जाऊंगा अगर कोई और उस घर के आसपास फटके तो मुझे कॉल कर के अलर्ट कर देना मैं फोन हाथ मे ही रखूंगा और सावधान हो जाऊंगा संजय ने कहा ठीक है पर बहोत देर मत लगाना जल्दी आ जाना मैंने कहा ok ।
और मैं एक बार फिर से उस घर की ओर चल पड़ा घर के सामने पहुंच कर मैंने चारो ओर नजर मारी पर दूसरी ओर के 3 घर आगे चौथे घर की बालकनी में एक 16-17 साल की लड़की मुझे ही देख रही थी ।
और वो देखती भी किसे उस सड़क पर एक मात्र मैं ही था मैंने चाल धीमी कर ली पर वो फिर भी मुझे देखती रही मैंने दो तीन बार उसकी ओर देखा हर बार उसकी नजर मुझ पर ही जमी दिखी आखिर मुझे उसे वहां से हटाए बिना उस घर मे दाखिल होना मुश्किल दिखने लगा तो मैंने उसके घर के सामने पहुंच कर सड़क के किनारे लगे हुए एक पेड़ के पीछे बनी हुई नाली के पास खड़े हो कर पैंट की ज़िप खोली और लौड़ा निकाल कर मूतने लगा मैंने जानबूझ कर ऐसा एंगल लिया कि मेरा लंड उसे दिखता और जैसे ही उसकी नजर मेरे लंड पर पड़ी वो वहां से भाग कर अंदर चली गयी फिर भी तसल्ली कर लेने के लिए मैंने सच मे पेशाब किया और फिर ज़िप बंद कर के एक बार फिर अच्छे से चारो ओर का जायजा लिया किसी को मौजूद न देख कर मैंने फुर्ती से उस घर की ओर रुख किया और बॉण्डरी पर हाथ जमा कर उछल कर ऊपर चढ़ गया और धीरे से अंदर कूद गया।
कुछ सेकेंड्स तक वही चुपचाप बैठे रहने के बाद मैं झुके हुए साइड वाली गैलेरी में आया एक के बाद एक तीन कमरे बने हुए थे और पहला कमरा पार कर के दूसरे कमरे के सामने पहुंचते ही मुझे अंदर से कुछ आहट आयी मैंने खिड़की के पास नीचे बैठ गया और धीरे से खिड़की चेक की खिड़की पर ग्लास लगा हुआ था अंदर लाइट्स जल रही थीं पर इस गैलेरी की लाइट्स ऑफ थीं तो बाहर अंधेरा था मैंने सर उठा कर कोने से अंदर देखा तो अंदर विनय एक सोफे पर पसरा हुआ सा पड़ा था और वो लड़की रानी उसके सामने वाले सोफे पर बैठी हुई थी वो कुछ बात कर रहे थे पर वो मुझे स्पष्ट नही सुनाई दे रही थी। मैं चुपचाप देखने लगा कुछ देर बाद विनय ने अपना फोन निकाला और किसी से बात करने लगा तभी मेरे नंबर पर संजय का कॉल आने लगा मैंने खिड़की से कुछ दूर जा कर कॉल रिसीव की तो संजय बोला यार एक लौंडा उधर ही आ रहा है मैंने कहा ठीक है आने दो और कॉल काट दी मैं आगे जा कर आखिर में बनी हुई सीढ़ियों पर छुप गया और गर्दन निकाल कर झांकने लगा मेरा आईडिया सही निकला तभी विनय गेट के पास नजर आया उसने गेट खोला और एक लड़का अंदर आया वो कोई 22-23 साल का बड़े बड़े बिखरे वालों वाला शक्ल से ही लफंगा सा दिखने वाला लौंडा था उसके अंदर आने पर विनय ने गेट बंद किया और फिर वो दोनो अंदर चले गए।
उनके अंदर जाते ही मैं एक बार फिर उस खिड़की पर आ कर जम गया मैंने देखा कि वो दोनो उस कमरे में आये और विनय ने रानी और उस लड़के का इंट्रो कराया फिर उस लड़के ने अपनी शर्ट में छुपा कर पैंट में फंसा रखी शराब की बोतल निकाली और वो बोतल रख कर वो उठ कर सामने नजर आ रहे दरवाजे के उस पार चला गया जब वो वापस आया तो उसके हाथों में 3 ग्लास और पानी की बोतल थी ।
ये सब देख कर फोन का कैमरा ऑन किया और अंदर की रिकार्डिंग करने लगा ।
उस लौंडे ने बोतल खोल कर तीनो ग्लास में शराब डाली और फिर पानी से भर दिए उसने एक ग्लास उठा कर विनय को दिया दूसरा रानी को और तीसरा खुद ले कर एक सोफे पर बैठ गया वो तीनो बातें करते हुए शराब पी रहे थे अपना अपना गिलास खाली कर के विनय उठा और रानी के पास आ कर उसके गले मे पड़ा दुपट्टा हटा दिया अब मैंने गौर से उस लड़की को देखा वो ठीक थी साधारण शक्ल सूरत की पर हल्का मेकअप कर के उसने को खुद खूबसूरत दिखाने की कोशिश की हुई थी जिसमे वो कुछ हद तक सफल भी थी उसने पीले कलर का सलवार सूट पहन रखा था विनय ने उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसके सीने पर हाथ फिराना शुरु कर दिया था मेरी नजरे भी उसके सीने के मुआयना करने लगी उसके हृष्ट पुष्ट चूचे कसी हुई कुर्ती में नजर आ रहे थे उन पर हाथ लगते ही वो नशीली आंखों से विनय को देखने लगी देखते ही देखते विनय ने उसकी कुर्ती पकड़ कर ऊपर खींचते हुए निकाल दी और अब वो सिर्फ ब्रा में बैठी हुई थी ब्रा में कसे उसके सुडौल वक्ष देख कर मेरा भी लंड हरकत में आने लगा जीवन मे पहली बार किसी लड़की को सामने से इस तरह से देख रहा था।
पोर्न देखी थी कई बार पर वास्तविकता में और स्क्रीन पर देखने मे कुछ तो अंतर होता है और वो मुझे स्पष्ट महसूस हो रहा था दीदी की प्रॉब्लम विनय का हरामीपन सब मेरे दिमाग से निकल चुका था अभी बस मुझे अंदर के गरम दृश्य उत्तेजित कर रहे थे ।
उधर विनय के हाथ अब रानी के ब्रा के कप्स के अंदर घूम घूम कर उसकी चुचियो को मसल रहे थे रानी के चेहरे के भाव साफ चुगली कर रहे थे कि वो कितना एन्जॉय कर रही है फिर रानी ने विनय की पैंट की ज़िप और बटन खोलने शुरू कर दिए और विनय की पैंट खोल कर घुटनो तक सरका दी और और उसकी अंडरवियर के उपर से उसके लंड पर हाथ फिराने लगी उधर विनय ने रानी की ब्रा के हुक खोलते हुए उसे जल्दी से उसके जिस्म से निकाल फेंका और रानी की नंगी चुचियाँ देख कर विनय के साथ साथ मेरा लंड भी एकदम कड़क हो गया मैं एक हाथ से फ़ोन सम्हाले हुए अंदर के दृश्यों को अपने फोन में कैद करते हुए दूसरे हाथ से अपनी ज़िप खोल के अपने ऐंठे हुए लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा।
जल्दी ही मुझे सफलता मिल गयी और अब मेरा अकड़ा हुआ लंड मेरी मुट्ठी में था जिसे मसलते हुए मैं अंदर के गरमा गरम दृश्य का आनंद लेने लगा विनय अब रानी के भूरे कड़े निप्पल अपनी उंगलियों में दबा दबा कर मसल रहा था और रानी ने भी देर ना करते हुए विनय के लंड को अंडरवियर की कैद से आज़ाद कर दिया उसे हाथों से सहलाते हुए ललचाई नजरो से देखने लगी विनय लंड था भी जबरदस्त लगभग 8 इंच लंबा और अच्छा खासा मोटा वो एकदम सख्त हो कर झटके ले रहा रहा और रानी अपने गोरे नाजुक हाथों से उसकी मुठ मार रही थी.....
तभी विनय ने एक हाथ रानी के सर पर रखा और उसे अपने लंड पर झुकाने लगा उसकी मंशा समझते ही रानी ने खुद की अपने होंठ विनय के फूले हुए सुपाड़े पर चिपका दिए और आंखे मूंद के उसका स्वाद लेने लगी धीरे धीरे वो अपने सर को हरकत देते हुए लंड को और अंदर लेते हुए जोर लगा कर चूसने लगी और विनय आंखे बंद कर के उसकी जीभ और होंठो के स्पर्श का सुख महसूस करने लगा .....
अपना लंड मुठियाते हुए एक पल को मेरे मन मे आया काश मैं विनय की जगह होता और ये लौंडिया मेरा लौड़ा चूस रही होती ..... पर ये महज एक ख्याल ही था कुछ देर में एक और ख्याल मेरे दिमाग आया कि दीदी के साथ भी ये सेक्स कर चुका है तो क्या मेरी निकिता दीदी भी इसी तरह विनय का लंड चूसी होंगी और ये सोचते ही मेरे बीयर के नशे में डूबे दिमाग ने एक काल्पनिक छवि बना दी जिसमे मेरी निकिता दीदी रानी की तरह ही नंगी हो कर विनय का मोटा लंड चूस रही थीं और वो छवि खयालों में देखते ही मेरे लंड से वीर्य की एक तेज बौछार निकलने लगी लगातार एक के बाद एक तेज पिचकारियां मारने के बाद मेरे लंड का तनाव जरूर कम हुआ पर सामने की दीवार और जमीन मेरे गाढ़े बीर्य से तर ब तर हो गयी मैंने खुद को सम्हाला और अंदर ध्यान दिया ......
रानी सोफे पर कुतिया बनी हुई थी और उसकी पैंटी फर्श पर पड़ी थी और विनय पीछे से उसके चूतड़ पकड़ कर तेज तेज धक्के लगाते हुए उसे ठोंक रहा था और वो दूसरा लौंडा रानी की मुह की पास घुटनो पर खड़ा हुआ था और रानी उसका लंड तल्लीनता से चूसते हुए अपनी चूत विनय के मूसल जैसे लंड से कुटवा रही थी .....
ये देख कर मेरे दिमाग मे फिर से विचार आने लगा क्या दीदी भी ऐसे ही विनय से ..... उफ्फ मेरे दिमाग मे गुस्सा भरने लगा और नफरत भी विनय के प्रति, कोई 7-8 मिनट तक अच्छे से रानी को ठोकने के बाद विनय उसकी चूत में ही झड़ गया और लंड निकाल कर सोफे पर पसर कर एक सिगरेट सुलगा ली और कश लेने लगा उधर वो लौंडा अब विनय की जगह आ गया उसने रानी की पैंटी से उसकी चूत पोंछि और अपना 5 इंच का छोटा सा लंड उसकी चूत में डाल कर उछलने लगा पर दो मिनिट में ही वो खल्लास हो गया और वो भी आ कर एक सोफे पर बैठ गया रानी भी सोफे पर बैठ कर सुस्ताने लगी मैंने ये रिकार्डिंग सेव की अब यहां रुकना बेकार भी था और खतरनाक भी मैंने खिड़की से थोड़ा दूर जा कर संजय को कॉल लगाई उसने झट से रिसीव की और बोला सो गया क्या उधर ही मैंने कहा मैं बाहर आ रहा हूँ उधर सब क्लियर है ना वो बोला हां सड़क पर कोई नही है आजा मैं जल्दी से बॉण्डरी फांद कर बाहर आ गया और तेजी से चलता हुआ संजय के पास पहुंचा उसने बाइक स्टार्ट कर रखी थी मैं पीछे बैठा और हम निकल गए वहां से ।
थोड़ी दूर आने पर उसने पूछा कुछ फायदा हुआ इतना रिस्क लेने का या नही ....? मैंने कहा अबे फायदा छोड़ खजाना मिल गया समझ ले अब तो विनय हमारे इशारे पर नाचेगा और नाक रगड़ेगा हमारे सामने वो आश्चर्य से बोला ऐसा क्या हो गया बे मैंने कहा बाइक रोक तो दिखाऊँ उसने एक खाली जगह पर बाइक रोकी मैं नीचे उतरा और फोन निकाल कर वो वीडियो प्ले कर के फ़ोन उसे दे दिया संजय ने पूरी 20-22 मिनट की वीडियो गौर से देखी और खुशी से उछलता हुआ बोला मान गया यार तू तो बड़ी कमीनी चीज है साले विनय को एक झटके में ही चित कर दिया वो बोला ये वीडियो मुझे भी दे दे मैं चाचा को सेंड कर देता हूँ कल ही इस साले को थाने बुला कर इसकी गांड़ में डंडा दिलवाता हूँ मैंने वो वीडियो सेंड की और तभी पापा का कॉल आ गया 8 बजने वाले थे और मैं इतनी रात को कभी घर से बाहर नही होता तो वो थोड़ा गुस्से से बोले कहाँ आवारागर्दी हो रही है ये कोई वक़्त है बाहर रहने का ?
मैंने कहा पापा वो संजय के साथ एक गाइड लेने आया था वो कहीं मिल नही रही थी इसलिए चौक मार्केट की एक दुकान तक आना पड़ा ये बड़ी दुकान है यहां मिल सकती है पर रास्ते मे बाइक पंचर हो गयी वही बनवाने में टाइम लगा गया बस मैं घर पहुंच ही रहा हूँ .....
मेरे जवाब से थोड़ा संतुष्ट होते हुए बोले एक कॉल कर ये बात घर मे किसी को बता भी सकते थे तुम हम सब को फिक्र हो रही है तुम्हारी और सब से निकिता फिक्रमंद हो रही है तुम्हारे लिए मुझे ऐसा लग रहा है आज कुछ हुआ जो तुम दोनों छिपा रहे हो मुझसे जल्दी घर आओ मुझे बात करनी है तुमसे ....
मैं बात बदलते हुए बोला ऐसा कुछ नही पापा कोई बात नही हुई सब ठीक है मैं बस आ ही गया मैंने संजय को किक मारने का इशारा करते हुए फ़ोन काटा और संजय को उसके घर ड्राप कर के मैं घर आ गया मम्मी ने दरवाजा खोला और धीरे से बोली पापा गुस्से में हैं ज्यादा बहस मत करना उनसे मैं धीरे से सर हिलाते हुए अंदर घुसा और पापा के सामने आ कर बैठ गया अपना आत्मविश्वास समेट कर।
पापा ने फौरन पहला सवाल दागा आज कॉलेज के रास्ते में कहीं कोई मिला था क्या ये निकिता कुछ घबराई सी लग रही है
मैंने थूक निगलते हुए बड़ी सफाई से झूठ बोला ऐसे कोई मिला तो नही पर मैं तो बाइक चला रहा था शायद निकिता दीदी को कोई मेरा मतलब है वो विनय दिखा हो या कोई बात हो बाकी मैं तो आराम से उन्हें उनके कॉलेज ड्राप कर के उनके कॉलेज के अंदर जाने के बाद अपने स्कूल चला गया था पापा ने मेरी आँखों मे देखा घूर कर पर मैं वैसे ही उन्हें देखता रहा फिर वो सर हिलाते हुए बोले बेटा कोई बात हो तो मुझसे मत छुपाना मैं उस विनय से डरता नही हूँ साले की पुलिस में शिकायत करूंगा दिमाग सही करवा दूंगा उसका (अब मैं उन्हें क्या बताता की यहां मैं पहले ही उसके क्रियाकर्म का सारा इंतजाम किए बैठा हूँ) पर मैंने सर हिला कर अच्छे बच्चे की तरह उन्हें जवाब दिया ठीक है पापा और वो उठ कर अपने रूम में चले गए।
मैं भी उठा और सीधा दीदी के रूम मे गया वो लेटी हुई थी कुछ गुमसुम सी मुझे देख कर उठ कर बैठ गईं और पूछने लगी कहाँ गायब थे इतनी देर मुझे बड़ी फिक्र हो रही थी तेरी?
मैं उनके पास ही बैठ गया बेड पर और मुस्कुरा कर बोला बस आपकी समस्या का हल ढूंढ रहा था और मिल भी गया ..... आपने दोपहर में कहा था ना आप प्यार करती हो विनय से अच्छी बात है पर वो आपके बारे में क्या सोचता है पता है आपको ?
दीदी हैरानी से मेरा मुह देखने लगी और बोली वो मुझसे बहोत प्यार करता है मेरा चेहरा थोड़ा गुस्से से तमतमाने लगा मैंने फोन निकाल कर बीयर शॉप के बाहर रिकार्ड हुआ वीडियो प्ले कर के फोन दीदी के हाथ मे थमाया और गुस्से से कहा देख लो उस कुत्ते का अपने प्रति प्यार और फिर भी अक्ल ना आये तो कल चली जाना उसके पास वो हमारे पापा को गाली दे रहा मुझे मारने की धमकी दे रहा है यहां तक कि तुम्हारे बारे में कितनी शर्मनाक बातें बोल रहा है अपने दोस्तों से और तुम्हारे सर पर उसके प्यार का भूत सवार है इतना बोल कर मैं चुपचाप उनके रूम से निकल कर अपने रूम में आ गया .......
मुझे पता था वो वीडियो खत्म होते ही अगली वीडियो प्ले हो जाएगी रानी विनय और उस लौंडे की सामूहिक चुदाई की और मैं नही चाहता था कि दीदी मेरे सामने वो गंदी वीडियो देख कर शर्मिंदा हों पर ये भी चाहता था कि दीदी वो देखें और विनय के बारे में उनकी सोच बदल उसका असली चेहरा उनके सामने आ जाये और उनके दिल से उस कमीने के लिए प्यार खत्म हो जाये और वो उस से नफरत करने लगें ......
यही सब सोचते हुए मैंने चेंज किया और बिस्तर पर लेट गया तभी मम्मी ने खाने के लिए आवाज़ दी और मैं उठ कर डाइनिंग टेबल पर आ गया पापा पहले से वहां थे मम्मी ने दीदी को दो आवाज़ें दी तो वो भी आ गईं पर उनका चेहरा फक्क था वो बहुत टेन्स थीं उनकी हालत की वजह सिर्फ मुझे पता थी फिर हमने खाना खाया दीदी ने भी जैसे तैसे एक दो रोटियां निगल ली और तबियत सही ना होने का बहाना कर जल्दी ही अपने रूम में चली गईं।
मैं भी खाना खत्म कर के अपने रूम में आ गया और लेट कर सोचने लगा कि कल के दिन में संजय के चाचा से मिल कर ये झंझट खत्म करवा दूँ और मेरे परिवार की खुशियां वापस आ जाएं।
मैं लगभग सो ही गया था ये सब सोचते हुए तभी मुझे लगा कोई मुझे हिला रहा है आंख खोल कर देखा तो दीदी मुझ पर झुकी हुई मुझे जगा रही थीं मैं फौरन उठ बैठा पर उनके यूँ झुकने से मेरी नजर सीधा उनकी नाइटी के अंदर झूल रहे गोरे सुडौल चूचो पर पड़ी और मेरे लंड में जरा सी हरकत हुई पर मैने अपनी नजर हटाते हुए उनकी आंखों में देखा और आंखों ही आंखों में सवाल किया कि क्या हुआ?
दीदी मेरे पास में बैठ कर मेरा फोन वही बिस्तर पर रख दीं और बोली विकी तुम सही कह रहे थे ये विनय तो एक नम्बर का गिरा हुआ नीच इंसान है मुझसे कितनी कितनी प्यारी बातें कर के मुझे फंसा लिया पर इसकी सोच और बातें कितनी घटिया हैं।
इतना कह कर वो चुप हो गयी और मेरी ओर देखने लगी ।
मैंने कहा मैं और पापा जब आपको समझा रहे थे तब तो आपको हम सब गलत और वो हरामी सही लग रहा था इसलिए मुझे कितने खतरे उठा कर ये वीडिओज़ हासिल करनी पड़ी अगर विनय जान जाता तो मुझे जान से मार देता (ये बात मैंने सिर्फ खुद को तीस मार खान साबित करने के लिए कही थी) पर मेरी बात सुन कर दीदी की आंखों से आंसू टपकने लगी और उन्हें मुझे अपनी बाहों में भरते हुए कस के सीने से लगा लिया और बोली मैं उस विनय का खून ना कर देती अगर वो मेरे भाई को हाथ भी लगाता ..... ये सुन कर मेरे होंठो पर मुस्कान आ गयी दीदी का ये प्यार मुझे अंदर तक गुदगुदा गयी और उधर उनकी मोटी मोटी चुचियाँ मेरे सीने में घुसी हुई थी उनकी गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी ।
मैंने भी दीदी को बाहों में जोर से कस लिया और बोला ओह दीदी इतना प्यार करती हो तुम मुझसे वो बोली बस एक तू ही इकलौता भाई है मेरा और मेरी बातों को समझता है तुझसे नही तो किस से प्यार करूँ मैं उन्हें चिढ़ाते हुए बोला क्यों विनय से प्यार खत्म हो गया क्या ......? उसका नाम सुन कर वो झटके से मुझसे अलग हुई और नाम मत लो उस कुत्ते का मेरे सामने साले ने मुझे खराब कर दिया और वो फूट फूट कर रोने लगी मैंने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा.... दीदी प्लीज अब रो मत उस से कुछ नही होगा जो होना था हो चुका अब बस ये सोचो कि आगे कैसे निपटा जाए उस से दीदी ने सिसकते हुए कहा उस कमीने के पास मेरे pic हैं कहीं उसने उन्हें वायरल कर दिया तो पापा मुझे जान से मार देंगे मैंने कुछ सोचते हुए कहा ऐसा कुछ नही होने दूंगा दीदी मैं आप मुझ पर यकीन करो चाहे जो करना पड़े पर अब आपके साथ कुछ और बुरा नही होने दूंगा दीदी मेरी आँखों मे देखने लगी और विश्वास के साथ बोली ठीक है विकी तुम जो कहोगे मैं करूंगी तुम्हारा साथ दूंगी पर अब इस मुसीबत से मुझे निकालो मैंने कहा अब तो विनय के खिलाफ कंप्लेन दोगी ना वो बोली पर मेरे pic मैंने उनकी बात काटते हुए कहा आप भूल रही हो उसके पास pic हैं तो मेरे पास वीडियो वो भी एकदम hd क्वालिटी में ये सुन कर दीदी के गाल लाल हो गए मैं समझ गया दीदी वो वीडियो देख चुकी हैं
तभी संजय का कॉल आया मैंने कॉल रिसीव की तो उसने बताया कि चाचा से बात हो गयी उन्हें वो वीडियो भी सेंड कर दिया है चाचा कह रहे थे कल उसे थाने बुला कर ऐसी माँ चोदेगे उसकी वो सारी जिंदगी याद रखेगा .....
मैंने कहा दीदी भी उसके खिलाफ लिखित शिकायत दे देंगी वो खुश हो कर बोला फिर तो पक्का उसका पुलंदा बांध देंगे चाचा मैंने कहा थैंक्स मेरे भाई उसने एक मोटी सी गाली दे कर कहा भोसड़ी के अपना थैंक्स अपनी गांड़ में डाल लें बस ये सब निपट जाए तो एक बीयर पिला दियो मैंने कहा एक नही बे जी भर के पी लियो फिर मैने कॉल काट के दीदी को सब बताया और सब सुनने का बाद दीदी कुछ निश्चिंत हुई फिर मैंने कहा दीदी अब आप जा कर आराम से सो जाओ हो कल सब ठीक हो जाएगा ।
दीदी ने मुस्कुरा कर मेरी ओर देखा उनके चेहरे पर शुक्रिया अदा करने के भाव थे मैंने उनकी खूबसूरत आंखों में देखते हुए उनके नरम नरम हाथ पकड़ कर दबा दिए और फिर वो उठ खड़ी हुई और अपने कमरे में चली गयी और मैं भी पता नही कब नींद के आगोश में चला गया .....।
बहुत ही धमाकेदार अपडेट है रानी की जबरदस्त ठुकाई की लगता अब तो विनय का चैप्टर closed होने वाला हैगहरी नींद में जाते ही मेरे दिमाग मे इन दिनों चल रही घटनाओं का अक्स उभरने लगा और मैं सपनो की दुनिया मे डूब गया मैंने देखा उस घर मे जिसमे विनय रानी को चोद रहा था उसी घर मे विनय और निकिता दीदी गए हुए हैं और विनय रानी जैसे ही निकिता दीदी को कपड़े उतार कर नंगी कर देता है और सपने में ही निकिता दीदी को नंगी देख कर मेरा लंड बेकाबू हो कर खड़ा हो गया और मैं नींद में ही अपना लंड पकड़ कर दबाते हुए सहलाने लगा आगे मैंने देखा कि निकिता दीदी रानी की तरह ही विनय की पैंट खोल कर उसका लंड चूसने लगी और वो दीदी की कसी हुई चुचियाँ मसलते हुए उनके निप्पल रगड़ते हुए जोर से धक्के देते हुए अपना लंड दीदी के मुह में घुसाने लगा दीदी किसी पोर्न स्टार जैसे उसका लंड मुठियाते हुए अपने गुलाबी रसीले होंठो में भर कर चूस रही थी और फिर कुछ देर बाद दीदी उठी और सोफे पर झुकते हुए अपनी गांड़ पीछे की ओर उभार दी मैंने कभी निकिता दीदी को गलत नजर से नही देखा था ना ही उनके बारे में कुछ गलत सोचा था लेकिन सपनो पर किसी का बस कहाँ चलता है आज सपने में मेरी प्यारी दीदी एकदम नंगी उस विनय के आगे झुकी हुई थी और विनय ने पीछे आ कर दीदी की कमर पकड़ कर अपना लंड उनकी कसी हुई गुलाबी चूत पर रख कर के झटका दिया और लंड दीदी की बुरमे समाता चला गया और फिर वो तेज झटके मार मार कर दीदी को चोदने लगा और दीदी भी मस्ती में भरी कर सिसकते हुए उसके लंड के धक्कों का आनंद लेने लगी कोई 10 मिनट तक उन्हें चोदने के बाद विनय ने अपना लंड उनकी बुर से निकाला और वो विनय के सामने बैठ गयी और अपनी बुर से निकला विनय का लंड फिर से चूसने लगी दीदी जीभ निकाल निकाल कर विनय का लौड़ा चाट रही थी और फिर विनय के लौड़े से तेज धार के साथ वीर्य टपकने लगा दीदी का गोरा मासूम चेहरा विनय के गाढ़े वीर्य से लथपथ होने लगा उनके होंठो गालों माथे नाक हर जगह वीर्य की बूंदें चमक रही थी और इसी के साथ नींद में ही मेरे लंड ने भी पिचकारी मार दी पहली बार मुझे स्वप्नदोष का आंनद मिल गया ......
लेकिन मेरे झड़ते ही सपना टूट गया नींद खुल गयी और मुझे थोड़ा सा बुरा महसूस हुआ नींद में ही सही पर दीदी को ऐसी हालत में देख कर मुझे बड़ी बेचैनी होने लगी फिर सर को झटक कर उसे एक बुरा सपना समझ कर मैं बिस्तर से उतरा बाथरूम जा कर खुद को साफ किया और पानी पी कर वापस आ के लेट गया जल्दी ही फिर से मुझे नींद आ गयी और फिर सुबह कोई मुझे हिलाते हुए जगा रहा था आंखे मिचमिचाते हुए खोली तो देखा निकिता दीदी नहा कर अपनी कॉलेज की ड्रेस(गुलाबी कुर्ते और सफेद सलवार में) बिना दुपट्टे के मुझ पर झुकी मुझे जगा रही थी और आंखे खुलते ही मेरी नजर सबसे पहले कुर्ते के गले से झांक रही उनकी दूध सी गोरी मुलायम और मांसल चूचियों पर पड़ी और वो नजारा देख कर मेरे लंड में जरा सी हरकत भी हुई मैंने फौरन खुद को सम्हालते हुए दीदी के चेहरे पर नजर डाली तो दीदी मुस्कुराते हुए बोली आज कॉलेज नही जाना क्या विकी मैंने जल्दी से अपना फोन निकाल कर टाइम देखा 7:35 मैंने फोन बिस्तर पर फेंक कर कहा आज तो हर हालत में जाना है दीदी आज तो सारी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन करना है मुझे आज के बाद इस विनय नाम की समस्या को तुम्हारी जिंदगी से हमेशा के लिए दूर करना है ।
मेरी बात सुन कर दीदी के चेहरे पर थोड़ी चिंता की लकीरें उभर आईं उन्हें लगा होगा कि ये 19 साल का लड़का उस दबंग रईस बाप के बिगड़ैल लड़के से सामने भला क्या कर पायेगा , दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए सवाल किया विकी वो पिक हैं उसके पास मैंने कहा आप एकदम चिंता ना करो दीदी वो अब आपके साथ कुछ भी बुरा नही कर पायेगा आपकी और अपने परिवार की इज्जत से बढ़ कर कुछ भी नही मेरे लिए उसकी रक्षा के लिए मैं अपनी जान लगा दूंगा एकदम बेफिक्र रहो आप ये सुन कर दीदी एकदम से मेरे सीने पर लेट सी गयी और मुझे बाहों में भर कर बोली ..... ओह मेरा भाई सच मे बड़ा हो गया है और एकदम जिम्मेवार और समझदार भी मैं तो तुझे बच्चा ही समझती थी ......
दीदी जिस तरह से मेरे सीने से चिपकी हुई थी उनकी नरम गोले मेरे छाती में मुझे महसूस हो रहे उनकी नरमी और गरमी मेरे दिल की धड़कने बढ़ा रही थी ।
मैंने कहा दीदी अब उठो भी मैं इतना भी बड़ा नही हुआ कि आपका सारा वजन बर्दाश्त कर लूं कितनी भारी हो आप मेरी तो सांस रुक रही है .......
ये सुन कर दीदी ने थोड़ा नखरे से मेरी ओर देखा और तुनक कर बोली अच्छा बच्चू मैं भारी हूँ और गुस्से से एक मुक्का मेरी बांह पर मार दिया मैं हाय हाय करने लगा और बोला क्या ज़माना आ गया है लोगों की मदद करो और बदले में मार खाओ दीदी ने इस बार गुस्सा नही किया और मेरे मज़ाक पर मुस्कुराती हुई बोली तू ना बहोत बदमाश होता जा रहा है दिन ब दिन मैंने कहा वाह बदमाशी आप करो और बदमाश मैं होता जा रहा हूँ अच्छी जबरदस्ती है ।
ये सुन कर दीदी उदास हो गईं और सर झुकाते हुए बोली तू भी ताने मार ले मम्मी पापा की तो सुनती ही रहती हूं आजकल मैंने जल्दी से दीदी का चेहरा अपनी हथेलियों में भरते हुए कहा दीदी मैंने बस मज़ाक में कही वो बात ताना नही मारा ना अच्छा सॉरी अब से नही करूंगा ऐसा मज़ाक ..... अब मुझ पर रहम करो मुझे उठने दो या मेरा दम निकलने के बाद ही छोडोगी मुझे दीदी हंसते हुए उठ गयीं और जाते जाते बोली आज के बाद कभी गले नही लगाउंगी तुझे मोटी हूँ ना और भारी भी कहीं किसी दिन तेरी हड्डी वड्डी टूट गयी तो और जीभ निकाल कर मुझे चिढ़ाते हुए बाहर चली गईं .......
मैं फटाफट बिस्तर से उठ कर बाथरूम में घुस गया और फ्रेश होते हुए मेरे मन मे ख्याल आया कि अब से पहले मेरा और दीदी का रिश्ता बहुत औपचारिक था पर इस विनय वाली घटना के बाद हम थोड़ा सा तो नजदीक आये ही हैं और दीदी के साथ ये नजदीकी मुझे अच्छी भी लग रही थी।
जल्दी जल्दी नहा धो कर ड्रेस पहन कर मैं रेडी हुआ और नाश्ते की टेबल पर पहुंचा पापा बैठे अखबार पढ़ रहे थे वो नाश्ता कर चुके थे दीदी नाश्ता कर रही थीं और मेरे बैठते ही वो मुझे देख कर मुस्कुरा दी तभी मम्मी मेरा भी नाश्ता ले आयी और मैं भी जल्दी जल्दी नाश्ता निपटाने लगा ।
पापा ने अखबार रखते हुए रोज की तरह मुझे कुछ हिदायतें दी और फिर 200 रुपये मुझे देते हुए बोले बाइक में पेट्रोल डलवा लियो और वो आफिस निकल गए ।
हमने भी नाश्ता खत्म किया और अपने अपने बैग ले कर बाहर आ गए बाइक उठाई और कॉलेज की ओर चल पड़े ...... घर से थोड़ी दूर आ कर मैंने बाइक रोकी और संजय को कॉल की उसने फौरन ही कॉल रिसीव की मैंने कहा बोल बे आज का क्या प्लान है वो बोला तू स्कूल आ जा मैं वही इंतजार कर रहा हूँ तेरा फिर चाचा के पास चलते हैं ..... मैंने कहा ठीक है पर यार मैं ये चाहता हूं दीदी को कहीं थाने वगैरह ना जाना पड़े एक तो लड़की को ले कर थाने जाना ही सही नही लग रहा मुझे दूसरा अगर किसी ने हम तीनों को वहां आते जाते देखा तो फालतू में चार तरह की बातें होंगी और अगर पापा को ये सब पता चला तो वो मेरी खाल उधेड़ देंगे कि मैंने उनसे ये सब क्यों छुपाया मेरी बात सुन कर वो बोला ठीक है मैं एक बार चाचा से बात कर के तुझे बताता हूँ कि आगे क्या करना है उसने कॉल काट दी।
मैंने बाइक स्टार्ट की और दीदी के कॉलेज की ओर चल पड़ा तभी अगले चौराहे पर बुलेट लगा कर खड़ा हुआ विनय हमे दिखाई दिया उसे देखते ही मेरी झांट सुलग उठी वो बड़ी तीखी नजरो से मुझे घूर रहा था हांलाकि मैंने हेलमेट लगा रखा था उसे देख कर दीदी घबरा सी गयी उसकी कल वाली धमकी की वजह से उन्होंने मेरी शर्ट को कस के मुट्ठी में पकड़ लिया वो थोड़ा घबरा रही थीं मैंने उन्हें हिम्मत देते हुए कहा दीदी आप टेंशन ना लो कल से ये आपको अपने आसपास नजर नही आएगा दीदी ने अपना सर पीछे से मेरे कंधे पर रख दिया मानो कह रही हों अब तो बस तेरा ही सहारा है ।
उधर विनय ने बाइक स्टार्ट की और मेरी बाइक के पीछे पीछे आने लगा मैंने कहा दीदी तुम आराम से बैठी उसकी ओर देखो भी नही और यूँ रियेक्ट करो मानो तुम्हे उसकी कोई परवाह ही नही है।
दीदी अब थोड़ा रिलैक्स हो कर बैठ गईं और फिर मैंने बाइक एकदम उनके कॉलेज गेट के सामने रोकी तभी संजय का कॉल आ गया उसने कहा चाचा कह रहे हैं कि मैं बस दीदी से एक लिखित शिकायत ले लूं जिसमे वो लिख दें कि विनय सिंह ने उन्हें बहला फुसला कर उनसे दोस्ती की और फिर एक दोस्त के घर ले जा कर वहां उन्हें कोल्ड ड्रिंक में कोई नशीली चीज पिला कर उनकी गंदी तस्वीरें लेली और बाद में उन्हीं तस्वीरों के दम पर उसने उन्हें ब्लैकमेल कर के उनके साथ गलत काम किया और अब उन्हें बार बार वहीं बुलाता है और मना करने पर उन्हें जान से मारने की और बदनाम करने की धमकी देता है नीचे दीदी के साइन करवा लेना बस फिर तू आजा और हम चाचा के पास चलते हैं। मैंने कहा ठीक है ।
फिर मैंने दीदी को सब समझाया और उन्होंने कॉपी निकाल कर एक पन्ने पर पूरी कंप्लेन लिखी और नीचे साइन कर के मुझे देते हुए बोली विकी उन pic का ध्यान रखना प्लीज वो परेशान थीं मैंने कहा दीदी तुम सीधा अंदर जाओ एकदम परेशान ना हो मैं शाम को तुम्हे यहीं मिलूंगा दीदी बोली अपना ख्याल रखना विकी और फिर सर झुकाए हुए कॉलेज के गेट के अंदर चली गयी गेट पर दो सिक्योरिटी गार्ड होते हैं इसलिए विनय ने अपनी बुलेट थोड़ा आगे ले जा कर रोकी थी वो वही खड़े खड़े हमे घूरने लगा था अचानक मुझे शरारत सूझी और मैंने उसे वापस घूरते हुए उसे आंख मार दी अपनी मिडल फिंगर उसे दिखा दी ये देख कर वो अपनी बाइक स्टैंड पर लगा कर मेरी ओर बढ़ने लगा पर मैने जल्दी बाइक स्टार्ट की और यू टर्न मार कर एक्सीलेटर खींचते हुए दौड़ा दी और सीधा अपने स्कूल पहुंच कर रुका वहां संजय मेरा इंतजार कर रहा था।
उसने बाइक पर बैठते हुए पूछा कंप्लेन ले ली मैंने कहा हां जेब मे है फिर हम सीधा दारागंज पुलिस चौकी पहुंचे अंदर जा कर हम संजय के चाचा (राजेश सिंह) से मिले संजय ने उनके पैर छुए और मैंने भी लपक कर उनके पैर छू लिए उन्होंने एक बार मुझे ऊपर से नीचे तक देखा फिर बोले आओ मेरे साथ हमे ले कर वो एक केबिन में आये हमे बिठा कर एक हवलदार को चाय लाने का आर्डर दिया और फिर मुझसे पूछा कि क्या प्रॉब्लम है मैंने कम शब्दों में अपनी और दीदी की सारी समस्या उन्हें बताई वो सर हिलाते हुए सब सुनते रहे फिर उन्होंने वो कंप्लेन मांगी और उसे ले कर पढ़ने लगे पढ़ने के बाद वो बोले कि चिंता ना करो तुम उस लौंडे के खिलाफ काफी सामान है अपने पास इतने में तो वो उसे ऐसा पेलेंगे की वो दोबारा हमारे परिवार का नाम भी लेने से डरेगा उनकी बात से मेरे मन को काफी तसल्ली मिली पर मैंने कहा चाचा वो मेरी दीदी की कुछ गलत तस्वीरें भी हैं उसके पास उन्होंने कहा परेशान मत हो यार मैं उसका फोन जब्त कर के तुम्हे दे दूंगा जो चाहो करना उसका चाहो तो तालाब में फेंक देना या आग लगा देना अब खुश मैंने कहा पर अगर उसने वो pic कहीं और भी सेव किये हों तो ...... दीदी की और मेरे परिवार की इज्जत का सवाल है .....
ये सुन कर वो थोड़ी गंभीरता से बोले लगता है अभी तुमने पुलिस का असली चेहरा नही देखा है मैं सब दिखाऊंगा आज तुम्हे तुम बस अब सब मुझ पर छोड़ दो फिर वो बोले एक बात बताओ सिर्फ अपना काम बनाना है उस से पीछा छुड़ाना है या उस पर चार्ज लगा कर क़ानूनी कार्यवाई भी करना चाहते हो.....?.
मैंने कहा चाचा मैं बस चाहता हूं कि वो मेरी दीदी के जीवन से हमेशा के लिए दूर हो जाये हमारे आसपास भी ना फटके हमे नजर भी ना आये हमारा नाम भी ना ले और वो pic उसके पास ना रहें बाकी कुछ नही चाहते हम हां आप चाहो तो अपना कुछ जुगाड़ देख लो आखिर आप इतनी मदद कर रहे मेरी ......
मेरी बात सुन कर वो हंसते हुए बोले संजू तेरा दोस्त बहोत होशियार है सही है उसका दिमाग ठिकाने करने के बाद कुछ वसूलता हूँ उसके बाप से सुना है बहोत दो नंबर का पैसा है उसके पास संजय खींसे निपोरते हुए बोला चाचू उसमे से 10% मेरा कमीशन हेहेहे .....
राजेश चाचा बोले तू भी कम होशियार नही है बेटा अब अपने चाचा से कमीशन लेगा संजय ने कहा तो क्या हुआ आप वसूली भी तो लम्बी करोगे तभी हवलदार चाय ले आया और हम सब चाय पीने लगे ।
चाचा हवलदार से बोले ऐसा करो सज्जन सिंह को भेज दो मेरे पास वो जी साहब बोल कर बाहर चला गया फिर वो चाय पीते हुए बोले ऐसा करो उस लौंडे का पता और फ़ोन नंबर दो मुझे मैं उसे उठवाता हूँ मैंने एक कागज पर उसका एड्रेस और नंबर लिख दिया तभी सज्जन सिंह अंदर आया और सलाम ठोंक कर खड़ा हो गया मैंने देखा ये एक छह फुट से भी लंबा मजबूत बदन का पुलिसिया था चेहरे पर कठोरता और बड़ी बड़ी मुछे उसे काफी खतरनाक बना रही थीं चाचा ने वो कागज उसे थमाते हुए कहा ये लौंडा एक घण्टे में यहां चाहिए मुझे साले को घसीट कर लाओ और हां इस से कुछ कड़ी पूछ्ताछ होगी सारी तैयारी करो वो जी सर बोल कर चला गया चाचा बोले तुम लोग यहीं बैठो मैं कुछ काम निपटा लेता हूँ और वो भी निकल गए मैं और संजय बातचीत करने लगे।
कोई 50 मिनट बाद बाहर से कुछ आवाज़ें आयी तो हमने केबिन की जाली से झांक कर देखा सज्जन सिंह और उसके साथ एक और हवलदार विनय को गर्दन से पकड़ा कर खींचते हुए ले कर आ रहे थे और वो काफी उछलकूद कर रहा था तभी सज्जन सिंह ने उसके चूतड़ों पर एक जोर की लात मारी वो जमीन पर लुढ़क गया उसके घुटने छील गए और खून रिसने लगा उसने जलती हुई आंखों से सज्जन सिंह को देखते हुए कहा जानता है मैं कौन हूँ तेरी वर्दी ना उतरवा दी तो कहना ये सुन कर सज्जन सिंह ने उसे दो लातें और जमा दी और बोला मादरचोद वो बाद कि बात है अभी तो तू यहां थाने में है अकेला और मेरे रहमोकरम पर मैं जितनी चाहे तेरी दुर्गति कर सकता हूँ कौन रोकेगा मुझे ये बात उसकी बुद्धि में घुसी और वो चुपचाप एक कोने में बैठ कर अपनी चोट सहलाने लगा उसने फोन निकाल कर किसी को कॉल लगानी चाही पर सज्जन सिंह ने फुर्ती से उसका फोन छीन कर अपनी जेब मे डाल लिया और बोला जब तक साहब नही आ जाते चुप कर के बैठ जा वरना इस बार ये डंडा तेरी गांड़ में घुसा दूंगा ......
ये सुन कसर विनय की सारी अकड़ ढीली हो गयी और वो चुपचाप बैठ गया उसकी ये हालात और बेज्जती देख कर मेरा मन खुश हो गया और मुझे लगा काश दीदी भी ये सब देख पाती तो मुझ पर कितना गर्व करती।
थोड़ी देर में चाचा की जीप थाने में दाखिल हुए वो नीचे उतरे तो सज्जन सिंह ने विनय की ओर इशारा करते हुए कहा सर ये रहा आपका कबूतर ।
चाचा विनय के पास पहुंचे और उसे बालों से पकड़ कर खड़ा किया और दांत पीसते हुए बोले क्यों बे मादरचोद सुना है तू बड़े रईस बाप की औलाद है और तुझे लड़कियों की नंगी तस्वीरें लेने का बड़ा शौक है और तू ब्लैकमेलिंग का धंधा भी करता है ये सुन कर विनय के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी पर उसने हिम्मत करते हुए किसने कहा ऐसा ये सब झूठ है आपके पास कोई सबूत है या यूं ही मुझे थाने बुला कर वर्दी का रौब झाड़ रहे हो और इस तरह मुझे यहां बुलाने का क्या मतलब है मुझे अभी अपने पापा और वकील से बात करनी है मैं केस करूंगा तुम पर मानहानि का ......
उसकी बात सुन कर राजेश चाचा उसे घूरने लगे और बोले सुन लौंडे मैं सिफारिश से पुलिस में भर्ती नही हुआ हूँ पढ़ लिख कर एग्जाम दे कर ट्रेनिंग ले कर सेलेक्ट हुआ हूँ कानून कायदा सब जानता हूँ और तुझे सबूत चाहिए ना उन्होंने जेब से दीदी की कंप्लेन निकाली और उसे विनय के आंखों के आगे लहराते हुए बोले सबसे पहले ये शिकायत पढ़ जो एक लड़की ने की है ...... विनय ने वो पेपर लिया और पढ़ने लगा पढ़ते पढ़ते उसका चेहरा लटक गया चाचा ने उसके हाथ से वो पेपर लिया और बोले सज्जन सिंह एफ आई आर दर्ज करो इसके खिलाफ ..... सज्जन सिंह वो पेपर ले कर आफिस की ओर चल दिया विनय ने खुद को बहोत हिम्मती दिखाते हुए हंस कर कहा मेरा वकील दो मिनट में मेरी बेल करा देगा मेरे पापा मेरे लिए अच्छे से अच्छा वकील करेंगे और उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है इंस्पेक्टर तुम्हे जल्दी ही अपनी गलती का पछतावा होगा ......
चाचा ने उसकी बात सुन कर ठहाका लगाया और फिर उसके पास जा कर अपना मोबाइल फोन निकाल कर उस पर वो वीडियो प्ले की जिसमे वो बीयर शॉप के सामने दीदी के बारे में कबूल कर रहा था कि उसके पास उनके न्यूड पिक हैं जिनके दम पर वो दीदी को ब्लैकमेल करेगा वो देखते ही उसके चेहरे पर चिंता का भाव छा गए वो समझ चुका था कि वो फंस चुका है इसके बाद तो वकील भी उसे शायद ही बचा सके वो वीडियो खत्म होते ही चाचा ने अगले वीडियो प्ले कर दिया जिसमे वो रानी के साथ नंगा हो कर ग्रुप सेक्स करता दिख रहा था चाचा ने कहा सिर्फ तुझे ही नंगी pic लेने का शौक नही है इस बार तेरा दांव तुझी पर पड़ गया है बहनचोद इतने सबूत काफी हैं या और दिखाऊँ बाकी रही सही कसर लड़की का बयान पूरी कर देगा जो मैं मजिस्ट्रेट के सामने दिलवा दूंगा अब बोल ???
विनय के पास अब बोलने के लिए कुछ नही था वो सर झुका कर खड़ा हो गया तभी चाचा ने कहा अपना फोन दे विनय ने बताया उसका फोन सिपाही के पास है तो चाचा ने सज्जन सिंह को बुला कर उससे विनय का फोन लिया और उससे पूछा कि लड़कियों के न्यूड पिक इसी में हैं ना ..... उसने कोई जवाब नही दिया तो चाचा ने कहा सज्जन सिंह इसे टॉर्चर रूम में ले चलो ये ऐसे नही बताने वाला कुछ सज्जन सिंह ने विनय के बाल पकडे और उसे खींचते हुए अंदर एक कमरे में ले गया ।
मैं और संजय भी धीरे से बाहर आ गए और उस कमरे के दरवाजे से चुपके से अंदर झांकने लगे अंदर एक दीवार पर दो हुक लगे हुए थे दो फीट की दूरी पर उनमें मजबूत रस्सियां बंधी हुई थीं सज्जन सिंह के साथ एक और तगड़ा सिपाही था उन दोनों ने विनय के हाथ उन रस्सियो में कस कर बांध दिए और सज्जन सिंह एक बांस का बढ़िया डंडा ले कर खड़ा हो गया।
कमरे में एक कुर्सी भी थी चाचा उस पर बैठ गया टांग पर टांग रख कर और बोले सुन बे लौंडे इस कमरे में अच्छे अच्छों का मूत निकल जाता है अब मैं जो भी सवाल पूछुं उसका एक बार मे एकदम सही जवाब दे देना वरना तेरे कपड़े खराब होंगे और यहां सफाई करनी पड़ेगी .......
बोल तेरे इसी फोन में हैं ना लड़कियों के नंगे pic उसने कोई जवाब नही दिया और सज्जन सिंह के पूरी ताकत से डंडा उसकी टांगो पर जमा दिया मैंने जल्दी से अपना मोबाइल निकाला और ये सीन रिकार्ड करने लगा संजय ने मेरे कान में कहा ये मत कर चाचा गुस्सा करेंगे मैंने कहा यार उन्हें बताना ही मत संजय मुझे घूरने लगा मैंने उसके सामने हाथ जोड़ दिए और धीरे से कहा की ये देख के दीदी को थोड़ी खुशी होगी उसने फिर कुछ नही कहा।
उधर टांग डंडे की भरपूर चोट पड़ते ही विनय चीखने लगा और बिलबिलाते हुए बोला मैं बताता हूँ सब बताता हूँ पर मारो मत..... चाचा ने हंसते हुए बस एक डंडे में सारी अकड़ ठंडी हो गयी तेरी मुझे तो लगा था 10-20 डंडे आराम से झेल लेगा तो रईस बाप की बिगड़ी औलाद अब बोल जल्दी से विनय बोला हां इसी फोन में है चाचा ने कहा पासवर्ड बोल ये सुन कर मुझे फिक्र हो गयी कि कहीं वो फोन खोल कर देखने ना लगें मेरी दीदी की नंगी तस्वीरें पर उन्होंने ऐस कुछ नही किया ........ और दूसरा सवाल पूछा किस किस को भेजी ये pic विनय ने कराहते हुए कहा किसी को नही भेजी सर कसम से किसी को नही दिखाया कभी सिर्फ अपने लिए रखी थी ।
चाचा ने पूछा कहीं और किसी फोन या लैपटॉप में इनकी कॉपी है?
उसने सर हां में हिलाते हुए कहा हां मेरे लैपटॉप में है इनकी कॉपी ये सुन कर चाचा ने विनय का फोन निकाला और बोले अपने बाप का नंबर बता उसने नंबर बताया और चाचा ने उसी के फोन से उसके बाप को कॉल की ।
कॉल रिसीव होते ही विनय के बाप ने पूछा क्या बात है ......
चाचा ने बताया कि वो दारागंज चौकी से इंस्पेक्टर राजेश सिंह बोल रहे हैं उनका लड़का विनय इस समय पुलिस हिरासत में है उस पर गंभीर चार्ज लगे हैं अगर वो उसकी सलामती चाहते हैं तो जल्दी से उसका लैपटॉप ले कर चौकी आ जाएं वरना उसकी जिंदगी झंड हो जाएगी ये सुन कर विनय के बाप ने सबसे पहले चाचा को आने पैसे और रुतबे की धौंस दी जवाब में चाचा बोले सुन तू ज्यादा से ज्यादा मेरा ट्रांसफर करवा सकता बाकी इसके अलावा मेरी झांट नही उखाड़ सकता तू पर उसके पहले मैं मीडिया बुला कर वो सारे सबूत जो तेरे बेटे के खिलाफ हैं मेरे पास उन्हें पब्लिक कर दूंगा फिर तेरे बेटे को दुनिया की कोई ताकत नही बचा सकती और तेरे बेटे की जिंदगी के साथ तेरी इज्जत और रुतबा सब मिट्टी में मिल जाएगा खत्म हो जाएगा तेरा सारा एम्पायर ....... समझा ............... इसलिए ये गर्मी दिखाना बंद कर और जितनी जल्दी हो सके इस लौंडे का लैपटॉप ले कर आजा अभी कुछ गुंजाइश है इसके बचने की ....... इतना कह कर उन्होंने फोन काट दिया ।
दोपहर के 12 बज रहे थे चाचा ने घड़ी देखी और बाहर आने के लिए उठे मैंने झट से अपना फोन जेब मे डाल लिया विनय की ठुकाई का वीडियो था अब मेरे पास और हम वापस उसी केबिन में आ कर बैठ गए दो मिनट में चाचा भी आ गये और बोले चलो बच्चो लंच कर लो तब तक इसका बाप भी आ जायेगा और फिर सब मामला सुलझ जाएगा .......।
बहुत ही सुन्दर और शानदार अपडेट है विनय का तो chapter closed कर दियाहम सब चौकी में पीछे बने हुए क्वार्टर में आ गए वहां एक कमरे में कूलर लगा हुआ था सब वहीं सोफे पर बैठ गए और एक सिपाही ने टेबल पर लंच लगा दिया चाचा ने होटल से खाना मंगवाया था ।
मटर पनीर चिली पनीर और तंदूरी रोटी खाना बढ़िया था हम सब बातें करते हुए खाने लगे चाचा हंस कर बोले ये लौंडा तो एक डंडे में ही बोल गया अब बस इसका बाप आ जाये तो सब मामला क्लियर कर दूं मैंने खाते हुए कहा चाचा थैंक्स आपने मेरी बहोत मदद की वरना हम सब बहोत परेशान थे वो बोले बेटा इसमे थैंक्स की कोई बात नही है संजय को मैं बहोत प्यार करता हूँ जब इसने फोन पर सारा मामला बता कर मदद मांगी तो मैं समझ गया कि तुम उसके खास दोस्त तो और मेरे लिए संजय और उसका खास दोस्त एक जैसे ही हो ..... तभी संजय बोला और इस सब मे आपका भी तो तगड़ा फायदा होने वाला है चाचू ..... राजेश चाचा हसंते हुए बोले और तेरा 10% कमीशन भी तो है ।
संजय बोला अरे वो तो मैं यूँ ही कह रहा था चाचू आप बस इसकी मुसीबत हल कर दो वही बहुत है। चाचा बोले वो तो मैं कर ही रहा हूँ यार उसमे कहने की क्या बात है ऐसे ही हमने खाना खत्म किया तभी एक सिपाही आ कर बोला सर कोई आया है आपसे मिलने चाचा बोले आता हूँ और वो उठकर चल दिये हम भी पीछे से बाहर आ गए ।
बाहर दो गाड़िया खड़ी थी एक से एक महंगी लक्सरी गाड़ियां और 4 लोग वहां खड़े थे जिनमें से विनय के बापको मैं पहचान गया हांलाकि मैंने उसे पहली बार ही देखा था पर उसका पहनावा हाथ की सभी उंगलियों में फंसी भारी भारी अंगूठियां गले मे पड़ी मोटी जंजीर सब गवाही दे रही थीं उसकी रईसी की वो फोन पर किसी से बातें कर रहा था शायद किसी पॉलिटिशियन से उसके साथ उसका एक सुरक्षा गार्ड और एक काले कोट वाला वकील जो एकदम गंजा तवे जैसा काला और ठिगने कद का था और चौथा शायद ड्राइवर रहा होगा ।
राजेश चाचा वहां पहुंचे तो विनय के बाप ने पूछा आप ने ही बुलाया था मुझे चाचा ने कहा हां मैंने ही बुलाया था पर तुम्हे अकेले आना चाहिए था ये फौज ले कर क्यों चले आये उसने चाचा की बात को अनसुनी करते हुए कहा विनय कहाँ है मुझे उस से मिलना है ।
चाचा बोले ठंड रखो मिल लेना अच्छी तरह से जब कोर्टमे उसकी पेशी हो फिलहाल वो कस्टडीमे है कोई नही मिल सकता उस से ये सुनकर विनय के बाप ने अपने वकील की ओर देखा ........... उसने सामने आ कर कहा सुनो इंस्पेक्टर तुम नही जानते विनय एक इज्जतदार घर का लड़का है और आखिर तुमने उसे क्यों अरेस्ट किया है क्या किया है उसने ऐसे किसी शरीफ आदमी को तुम कस्टडी में नही रख सकते ...... चाचा ने कुछ क्षण उसे घूरकर देखा फिर बोले इतना सब मेरे को भी मालूम है कुछ नया बता भाई......... वकील हैरानी से उनका मुह देखने लगा तो चाचा बोले उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज हो चुकी है सबूत मेरे पास है इतना काफी है उसे कस्टडी मे रखने के लिए कल उसे कोर्ट में पेश कर के 20 दिन की रिमांड पर बड़े आराम से ले लूंगा उसके बाद तू अपनी वकालत के पैंतरे कोर्ट में दिखाना और हां वकील साहब कोर्ट में आपकी चलती होगी पर ये मेरी पुलिस चौकी है यहां मेरी ही चलती है ये बात उन्होंने सख्ती से कही जिसे सुन कर वकील रुमाल निकाल कर अपना पसीना पोछने लगा और इस बार थोड़ा नरम स्वर में बोला पर बताइए तो उस पर क्या चार्ज लगाए हैं आपने इस बार चाचा ने विनय के बाप की ओर देखते हुए पूछा यहीं बताऊं सबके सामने ...... चाचा ने ड्राइवर और गॉर्ड की ओर देखते हुए पूछा? विनय का बाप समझदार था वो बोला आइये कहीं बैठ कर बात करते हैं चाचा ने कहा आओ और वो सारे अंदर वाले आफिस की ओर जाने लगे तो विनय के बाप ने वकील गॉर्ड और ड्राइवर को वहीं रुकने को बोला और कहा मैं सर से बात कर के आता हूँ तुम लोग यही रुको फिर वो दोनो अंदर चले गए मैं और संजय बगल वाले केबिन में ही थे इसलिये उन लोगों की सारी बातें हमे सुनाई दे रही थीं।
चाचा ने विनय के बाप को विनय की सारी करतूतें बताई और ये भी की जिस लड़की के साथ ये सब किया है वो मेरी सगी भतीजी है और उसने एफ आई आर दर्ज करा दी है सारे सबूत उनके पास हैं ये सब सुन कर उसका बाप चिंतित हो गया वो पैसे और रसूख वाला आदमी था पर ये सब बातें पब्लिक होने पर उसकी इमेज तो खराब हो ही जानी थी उसने चाचा के आगे हाथ जोड़ते हुए अपने लौंडे की करतूत के लिए माफी मांगने लगा ।
चाचा ने कहा ठाकुर साहब मेरी भी भतीजी की इज्जत का सवाल है इसलिए मैं भी नही चाहता कि मामला कोर्ट में जाये पर इतना समझ लीजिए कि आप मुझ पर किसी भी तरह का दवाब डालने की कोशिश करेंगे या धमकी देंगे तो मैं सब कुछ भूल कर अपनी पूरी ताकत आपके लड़के के खिलाफ झोंक दूंगा विनय के बाप ने सर झुकाते हुए कहा ऐसा कुछ नही है सर आज मुझे एहसास हुआ है इंसान के लिए पैसे और रुतबे से ज्यादा मायने उसकी इज्जत उसका मान सम्मान होता है शायद पैसे कमाने के चक्कर मे मैं ये बात भूल चुका था विनय ने जो भी किया उसके लिए मैं बेहद शर्मिंदा हूँ आप उसे जो सज़ा देना चाहें मुझे मंजूर ये कहते कहते उसके चेहरे पर पश्चाताप और निराशा के आ गए।
चाचा ने कहा सब से पहली बात विनय का लैपटॉप और मोबाइल हमारे पास जमा रहेगा हम उसकी बात पर विश्वास कर लेते हैं कि उसके पास इन फोटोज की और कॉपी नही हैं लेकिन यदि भविष्य में किसी भी तरह उन लड़कियों की फोटोज कहीं लीक या वायरल हुई तो उसका जिम्मेवार आपका बेटा ही माना जायेगा और उस हालात में फिर मैं आपकी कोई मदद नही कर पाऊंगा दूसरी बात उन लड़कियों या उनके परिवार के किसी भी सदस्य पर आप या आपसे सम्बंधित किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई दबाव डाला गया या उन्हें किसी भी तरह से डराया धमकाया गया तो आपके खिलाफ सारे एक्शन लिए जाएंगे हो सके तो अब आप अपने बेटे को इस शहर से ही दूर कर दीजिए और इस केस की विक्टिम मेरी भतीजी को 10 लाख रुपये मुआवजा दीजिये उसके शारीरिक और मानसिक शोषण के एवज में ....... विनय का बाप उनकी बात सुनते हुए चुपचाप हां में सर हिला रहा था ।
चाचा थोड़ा रुक कर बोले विनय के कर्म तो सज़ा लायक ही हैं पर आपको अपनी गलती का अहसास है इसलिए मैं इस मामले को फिलहाल यही दबा रहा हूँ पर इस सब मे तगड़ा पैसा लगेगा क्यों कि स्टाफ में कई लोगो का इस मामले का पता लग चुका है और सब यही समझेंगे की मैं अकेले पैसा खा रहा हूँ तो मेरे लिए भी समस्या खड़ी होगी इन सब लोगों का मुह बंद करने में कम से कम 20 लाख लग जायेंगे उसने फिर से सर हिला दिया और बोला .........आप ये सब खत्म कर रहे हैं इसके लिए आपका बेहद शुक्रिया सर पर अभी मेरी तरफ से खत्म नह हुआ है इस सब के अलावा मैं विनय को बाप के तौर पर भी सज़ा दूंगा वो कहाँ है अभी ले चलिए मुझे उसके पास
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चाचा ने कहा ठीक है आइये मेरे साथ और वो विनय के बाप के साथ उस कमरे में आ गए जहां विनय बंधा हुआ था उसकी हालत खस्ता हो रही थी ।
विनय को देखते ही उसके बाप ने अपना जूता उतारा और जा कर विनय के मुह अपर 5 जूते लगा दिए और बोला साले तेरे जैसी औलाद होने से अच्छा है इंसान बिना औलाद के रहे ये तो साहब की अच्छाई है कि इतना सब करने पर भी वो मामले को खत्म करने पर तैयार हैं विनय हैरान था कि एक ओर मामला खत्म भी हो रहा है दूसरी ओर उसका बाप उसे जूते भी मार रहा है उसके बाप ने फिर कहा आज के बाद तूने किसी भी लड़की को गलत नजर से देखा भी तो तेरी टांगे तोड़ दूंगा मैं और आज शाम की गाड़ी से तू इस शहर से जा रहा है बहोत दूर...... इतना सब बोल कर वो कमरे से बाहर निकल गए चाचा भी उनके पीछे वापस आ गए इस तरह इस मामले का अंत हुआ और फिर विनय के पापा ने उसका लैपटॉप ला कर दिया इसके अलावा उन्होंने एक 10 लाख का चेक दीदी के नाम और एक 20 लाख का चेक चाचा को दिया और विनय को ले कर वहां से अपने लाव लश्कर के साथ चले गए ।
चाचा हमारे पास आये विनय का लैपटॉप और उसका फोन और वो 10 लाख का चेक मेरे हाथों में देते हुए बोले ये लो बेटा सब तुम्हारे सामने हुआ अब तो खुश हो ना वो अब कभी तुम्हारे परिवार के आसपास नही फटकेगा ।
मैंने खुशी से एक बार फिर चाचा के पैर छू लिए वो मेरी पीठ थपथपाने लगे और बोले मेरा नंबर ले लो संजय कभी कोई दिक्कत हो तो मुझे कॉल कर लेना पर याद रखना कभी मेरी पावर का मिसयूज करने की कोशिश ना करना मैंने कहा चाचा जी मैं हमेशा आपकी बात याद रखूंगा पर मैं इतने रुपये का क्या करूँ घर मे बता नही सकता वो बोले अब वो तुम जानो भाई मैं नही बता सकता मैंने तो अपने लिए 10 सोचे थे पर 20 मिल गए बहोत हैं वो भी काफी खुश थे उन्हें इतने पैसे मिलने की वजह तो मैं ही था।
मैंने चेक जेबमें डाल ली और तभी चाचा ने जेब से 2000 रुपये निकाल कर संजय को देते हुए कहा ले भाई तू भी अपना कमीशन ले ही ले नही तो गुस्सा हो जाएगा अपने चाचा से बाकी 10% फिर कभी दे दूंगा वो हंसने लगा और फिर हम चाचा से आशीर्वाद ले कर वहां से चल पड़े ........
मैं दीदी के पास पहुंचने को बेचैन था ये सब जान कर उनकी नजरो में मेरी इज्जत जो बढ़ जानी थी मैं बाइक पूरी स्पीड में भगाए हुए मन ही मन खुश होता हुआ चला जा रहा था तभी एक मोड़ पर मेरी बाइक स्पीड ज्यादा होने की वजह से स्लिप हुई और फिसलती चली गयी .........!
बहुत ही अच्छा और शानदार अपडेट हैबाइक काफी स्पीड में थी तो दूर तक फिसलती चली गयी संजय उछल कर घुटने के बल गिरा पर मेरा बायां पैर बाइक के नीचे फंसा हुआ था और मैं बाइक के साथ ही 10-12 मीटर तक घिसटता चला गया इधर बाइक रुकी और आसपास चल रहे लोग दौड़ कर आये बाइक हटा कर मुझे उठाने लगे मैंने उठने की कोशिश की पर बाएं पैर में दर्द की तेज लहर उठी और मैं लड़खड़ा कर गिर गया ।
दर्द से मैंने अनुमान लगाया कि हो ना हो पैर में फ्रैक्चर हो गया अभी कुछ देर पहले मैं बहोत ही खुश था जल्दी से दीदी के पास जा कर उन्हें सब बताना चाहता था लेकिन ये नया झमेला खड़ा हो गया तभी संजय मेरे पास आ गया उसके घुटने में कुछ खरोंचे आयी थी पर उसे कोई गंभीर चोट नही लगी थी मैंने पूछा कैसा है तू उसने बताया ठीक हूँ ज्यादा नही लगी फिर मेरी हालत देख कर उसने पूछा ज्यादा लगी क्या मैंने बताया कि बायां पैर काम नही कर रहा शायद टूट गया वो थोड़ा घबरा गया और बोला अंकल को बताऊं कॉल कर के अब ये बात घरवालों से छुपाई नही जा सकती थी तो मैंने कहा रुक मैं ही कॉल करता हूँ वही सड़क पर बैठे बैठे मैंने पापा को कॉल की और पूरी बात बतायी हां थोड़ा सा झूठ भी बोलना पड़ा उनके गुस्से से बचने के लिए मैंने बताया कि मैं अपने स्कूल से दीदी के कॉलेज जा रहा था उन्हें लेने और रास्ते मे अचानक एक कुत्ता भागता हुआ आकर बाइक में टकरा गया और बाइक गिर गई मेरे पैर में चोट है खड़ा नही हो पा रहा हूँ आप आ जाओ और दीदी को किसी तरह घर पहुंचा दो ...... गनीमत रही कि सारी बात सुन कर उन्होंने मुझे डांट नही लगाई तब तक विनय ने 112 कॉल कर के एम्बुलेंस बुला ली थी और 10 मिनट में ही एम्बुलेंस आ गयी संजय ने मुझे सहारा दे एम्बुलेंस में बिठाया और खुद बाइक ले कर साथ मे चल पड़ा 10मिनट में हम हॉस्पिटल पहुंच गए डॉक्टर मेरा चेकअप किया और पैर का एक्सरे करवाया हेयर लाइन फ्रैक्चर था मेरे पैर में तभी पापा का कॉल आया मैंने उन्हें सारी बात बताई और हॉस्पिटल का एड्रेस बताया थोड़ी ही देर में मम्मी पापा आ गए मम्मी तो काफी घबराई हुई थीं पर मुझसे मिलने और सारी बात जानने के बाद उन्हें थोड़ी तसल्ली मिली फिर अगले दो तीन घंटे तक मेरे इलाज और पैर मे प्लास्टर लगाने का कार्यक्रम चलता रहा जैसे तैसे शाम के 6 बजे डॉक्टर ने मुझे घर जाने की इजाजत दी 20 दिन के रेस्ट की हिदायत के साथ।
तभी मेरे फोन पर रिंग आयी देखा तो ये मेरे पड़ोस के शुक्ला अंकल की वाइफ का कॉल था मैंने रिसीव किया तो दीदी की चिंतित आवाज़ सुनाई दी ...... विकी क्या हुआ है कहाँ हो तुम लोग सब ठीक तो है ना...... और तुम मुझे लेने क्यों नही आये ये शुक्ला आंटी क्यों कॉलेज आयी मुझे लेने और घर मे कोई नही है सब लोग कहाँ है ...... दीदी ने एक सांस में ढेरों सवाल पूछ डाले उनकी फिक्र जायज थी जिस काम से मैं निकला था सुबह उन्हें छोड़ कर वो सारे दिन चिंता में थीं कि पता नही क्या हुआ होगा ..... अभी इस समय मैं उनसे ज्यादा कुछ नही बता सकता था इसलिए मैंने सिर्फ इतना कहा दीदी सब ठीक है हम लोग बस घर ही आ रहे हैं फिर मैं सारी बात बताता हूँ तुम्हें ......
दीदी ने फिर से पूछा अभी कहाँ हो तुम मैंने बताया कि बस हॉस्पिटल से निकल रहे हैं हम लोग , वो ये सुन कर और परेशान हो गईं और फिर से पूछने लगी हॉस्पिटल में क्यों हो तुम हुआ क्या है, कुछ बताओगे मुझे मैंने बताया दीदी मैं जब अपने स्कूल से तुम्हारे कॉलेज आ रहा था तुम्हे पिक करने तभी मेरी बाइक स्लिप हो गयी रास्ते मे पैर में थोड़ी चोट आ गयी थी तो हॉस्पिटल आना पड़ा लेकिन अभी सब ठीक है हम आ रहे हैं घर फिर बाकी बातें घर आ कर करते हैं.......
दीदी बोली ठीक है अब उनकी चिंता कुछ कम हुई थी फिर मैंने फोन काटा और पापा और मम्मी ने सहारा दे कर मुझे व्हील चेयर पर बिठाया और ले कर बाहर आये किसी तरह मम्मी और पापा के कंधों पर झूल कर मैं कार में बैठा और फिर पापा ने संजय को व्हील चेयर अंदर जमा करने को दे दी और जब वो बाहर आया तो पापा ने बोला बाइक वो ले कर घर आ जाये और पापा ने कार घर की ओर बढ़ा दी......
संजय पीछे से बाइक ले कर आ रहा था मम्मी पीछे ही मेरे पास बैठी हुई थी तभी मेरी जेब मे पड़ा विनय का फोन बजने लगा मैंने धीरे से जेब मे ही हाथ डाल कर उसकी रिंग बंद की मम्मी मुझे देख रही थीं और बोली कि किसका फोन है देख ले मैंने कहा घर पहुंच कर देख लूंगा ना और मम्मी की गोद मे सर रख कर बैक सीट पर लेट गया ।
आधे घंटे में हम घर पहुंचे पापा ने दरवाजा खुलवाया और दीदी भागती हुई मेरे पास आई मेरी हालत देख कर उन्होंने कुछ कहना चाहा पर मैंने उन्हें इशारे से चुप रहने को बोला। तब तक संजय भी आ पहुंचा था संजय और पापा ने इस बार मुझे टांग कर घर के अंदर पहुंचाया और सोफे पर बिठा दिया।
अपने घर के बारे में बता दूं मेरा घर मुख्य सड़क से अंदर गली में एकदम लास्ट में है मेरे घर के बाद गली बन्द है और ये एक 30×50 मे बना हुआ दोमंजिला घर है जिसमे ग्राउंड फ्लोर पर तीन कमरे हैं सबसे पहले बरामदा उसके बाद मुख्य दरवाजा जो ड्राइंग रूम में खुलता है उसके बाद आंगन आंगन के एक ओर किचन दूसरी ओर स्टोर रूम और सब से पीछे दो कमरे जिनमे से एक मम्मी पापा का बैडरूम और दूसरा किसी गेस्ट के आने पर उसके रुकने के लिए खाली पड़ा रहता है । मम्मी पापा के रूम में अटैच बाथरूम है और एक बाथरूम बाहर की ओर बरामदे के किनारे पर है।
दूसरी मंजिल पर भी 3 कमरे और दो बाथरूम हैं जिनमे से एक बाथरूम मेरे और दीदी के रूम से अटैच है और दूसरा नीचे वाले बाथरूम के ठीक ऊपर मेरा और दीदी का कमरा ऊपर ही है इसके अलावा तीसरे कमरे का कॉमन यूज़ होता है और मैंने वही अपनी स्टडी टेबल भी लगा रखी है ये रहा मेरे घर का नक्शा।
मेरे बैठने के बाद संजय और पापा भी वही बैठ गए पापा ने एक बार फिर से पूछताछ शुरू कर दी कि कैसे एक्सीडेंट हुआ था और मैंने कुछ सही कुछ झूठ मिलाजुला कर एक अच्छी सी कहानी उन्हें सुना जिसमे मेरी गलती ना के बराबर थी सुनने के बाद उन्होंने कहा ठीक है जरा ध्यान से बाइक चलाया करो और स्पीड पर नियंत्रण रखा करो मैंने कहा ठीक है पापा मैं आगे से ध्यान रखूंगा तब तक मम्मी हमारे खाने के लिए स्नैक्स और चाय ले आईं सबने हल्का फुल्का चाय नाश्ता किया फिर पापा अपने रूम में चले गए मैंने संजय से कहा यार मुझे ऊपर अपने रूम में पहुंचा दो ...... ये सुन कर मम्मी बोली क्या जरूरत है इस हालत में ऊपर जाने की यही पड़े रहो चुपचाप मैंने कहा मम्मी मेरा सारा सामान कपड़े बुक्स वगैरह सब ऊपर है कौन बार बार ऊपर नीचे करेगा और ऊपर मैं अपनी पढ़ाई भी जारी रखूंगा संजय रोज के रोज आ के मुझे नोट्स देता रहेगा यहां प्रोबलम होगी .... दीदी फौरन बोली हां मम्मी विकी ठीक कह रहा है ऊपर मैं भी इसका पूरा खयाल रखूंगी ..... मम्मी ने थोड़ा सोचते कहा ठीक है लेकिन तू तो दिन में रहेगी नही फिर मुझे ही सारा दिन भाग दौड़ करनी पड़ेगी दीदी बोली कोई बात नही मम्मी जब तक ये ठीक नही होता मैं कॉलेज से छुट्टी ले लुंगी वैसे भी आजकल प्रैक्टिकल चल रहे हैं तो कुछ पढ़ाई नही चल रही कॉलेज मैं ..... इसी बहाने मैं भी घर पर रह कर एग्जाम की तैयारी कर लुंगी ..... मम्मी ने गहरी सांस लेते हुए कहा ठीक है ठीक है जो मर्ज़ी हो करो मेरी तो कोई सुनता ही नही है।
मम्मी उठ कर किचेन में चली गयी मैंने संजय की ओर देखा तो वो आ कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठाने लगा मैं किसी तरह खड़ा हुआ पर पैर जमीन पर नही रखा जा रहा था ये देख दीदी भी मेरी दूसरी ओर आ गयी और मेरा हाथ उठा कर अपने कंधे पर रखते हुए मुझसे चिपक गयीं संजय ने दूसरी ओर से दूसरा हाथ अपने गले मे डाल लिया और फिर मैं दोनो के कंधों पर एक पैर से उछलता हुआ सीढ़ियों तक पहुंचा और किसी तरह मुझे ऊपर मेरे कमरे तक पहुंचाया गया लेकिन सीढ़ियों पर चढ़ते समय मुझे ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा था और इस वजह से दीदी का बायां बूब एकदम मेरे सीने पर दबा हुआ था और मुझे उसका अहसास बड़ा अच्छा लग रहा था।
रूम में पहुंच कर मैं बेड पर लेट गया दीदी ने फौरन एक तकिया मेरे प्लास्टर लगे पैर के नीचे लगा दिया और संजय मेरे पास बैठ गया मैंने कहा सॉरी यार संजय मेरी वजह से तुझे भी चोट लग गयी वो गुस्से से मुझे देखता हुए बोला साले खुद का पैर तोड़ लिया उसकी फिक्र कर मेरे तो जरा सी खरोंच लगी हैं एक दो दिन में ठीक हो जाएगा।
दीदी अपने रूम में चली गईं मैंने संजय से पूछा वो लैपटॉप कहाँ है उसने बताया कि उसने बाइक की डिक्की में डाल दिया था वो मैंने कहा वो ला कर मुझे दे दो उसने नीचे से वो लैपटॉप ला कर मुझे दे दिया और जाने लगा मैंने उसे बुलाया और बैठने को कहा वो बोला अब जाने दे यार पापा दो बार कॉल कर चुके हैं गुस्सा कर रहे थे कि मैं कहाँ हूँ घर क्यों नही आया मैंने जेब से वो चेक निकालते हुए पूछा इसका क्या करना है वो बोला इसे एकाउंट में लगा और क्या करेगा मैंने कहा एकाउंट ही तो नही है उसने कहा खुलवा ले उसमे क्या है दो घंटे में खुल जायेगा मैंने अपनी टांग को इशारा किया वो हंसते हुए बोला समझ गया तू चिंता ना कर वैसे भी ये चेक निकिता दीदी के नाम पर है तो उनका ही एकाउंट खुलेगा मैं कल उन्हें ले जा कर उनका एकाउंट खुलवा कर ये चेक लगा दूंगा और कुछ ..... मैंने कहा बस और कुछ नही दोस्त वो मुस्कुराते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर चला गया।
उसके जाते ही दो मिनट बाद दीदी मेरे कमरे में दाखिल हुई और मेरे बाजू में बैठ कर मेरा हाथ अपने हाथों में कस के पकड़ लिया फिर वो चिंतित स्वर में पूछने लगी विकी सच सच बताना ये चोट बाइक से ही लगी या कुछ और हुआ था मैंने दीदी के हाथ को दबाते हुए कहा मुझे बाइक से ही चोट लगी दीदी और कुछ नही हुआ हाँ कुछ गुड न्यूज भी हैं विनय नाम का कांटा आपकी जिन्दगी से हमेशा के लिए निकल गया और फिर मैं सुबह से ले कर शाम तक का सारा वाकया उन्हें बताता चला गया मैंने वो वीडियो भी उन्हें दिखाई जिसमे विनय की पिटाई और बेज्जती हो रही थी वो देख कर उनके चेहरे पर सुकून नजर आने लगा पर फौरन ही उन्होंने पूछा कि मेरे pic का क्या हुआ मैंने अपनी जेब से उन्हें विनय का फ़ोन निकाल कर दिखाया और उसका लैपटॉप भी और ये भी बताया उनके फ़ोटो सिर्फ इन दो डिवाइस में ही हैं और अब ये मेरे कब्जे में है उन्होंने फौरन पूछा कि क्या मैंने वो डिलीट कर दिए मैंने कहा मौका ही कहाँ मिला अब कर दूंगा ना क्या जल्दी है फिर मैंने उन्हें उन 10 लाख रुपयों के चेक के बारे में भी बताया और चेक निकाल कर उनके हाथ मे दे दिया चेक में अपना नाम और 10 लाख की रकम भरी देख कर उनके चेहरे पर ढेर सारे आश्चर्य के भाव आ गए उन्होंने बड़ी मुश्किल से थूक निगलते हुए पूछा इतने सारे पैसे मेरे हैं ......
मैंने हसंते हुए कहा वैसे तो आपके ही हैं पर थोड़ा कमीशन मेरा भी बनता कितनी भागदौड़ कर रहा हूँ आपकी खातिर और पैर भी तुड़वा लिया दीदी ने ना में सर हिलाते हुए कमीशन नही ये सारे पैसे तेरे ही हैं मुझे क्या करना है इनका पर मम्मी पापा से क्या बताएगा इतने पैसों के बारे में मैंने कहा उन्हें बताने की जरूरत ही क्या है ये पैसे चुपचाप आपके एकाउंट में पड़े रहेंगे कभी जरूरत पड़ी तो काम आएंगे नही तो आपकी शादी में खर्च करूंगा बड़ी धूमधाम से करूंगा आपकी शादी ..... शादी की बात सुनकर दीदी के गाल एकदम गुलाबी हो गए वो शर्मा गयीं और ऐसे शर्माते हुए वो बड़ी हसीन लग रही थीं ।
मैंने कहा आप तो शरमा रही हो शादी के नाम पर ही शादी कैसे करोगी वो धीरे से बोली धत्त मुझे अभी शादी वादी नही करनी .....
मैंने कहा दीदी एक काम करना कल आप संजय के साथ बैंक चली जाना एक खाता खुलवा कर ये चेक लगवा देना और अपने कॉलेज में लीव एप्पलीकेशन भी दे आना फिर मेरी सेवा करना ।
मेरी बात सुनकर दीदी हंसने लगी और मेरी गाल खींचते हुए चिंता ना कर मैं अच्छे से तेरी सेवा करूंगी तू हफ्ते भर में डांस करने लगेगा ।
मुझे टॉयलेट जाना था दोपहर एक बजे मैं नही गया था अब जोर से पेशाब लगी थी मैंने दीदी से कहा दीदी मुझे जाना है ऑयर हाथ की छोटी उंगली खड़ी कर दी .... दीदी ने कहा हां तो चल ना मैं ले चलती हूँ और उन्होंने मुझे सहारा दे कर बिठाया और जैसे ही मैं खड़ा हुआ तो जरा सा लड़खड़ा गया क्योंकि टूटा हुआ पैर तो जमीन पर रखा ही नही जा रहा था दूसरे पैर मैं खड़ा तो हो गया पर आगे बढ़ने के लिए दोनो पैर की जरूरत थी दीदी ने मेरी सिचुएशन समझ कर कहा संजय मैं तुझे पीठ पर लाद कर ले चलूं क्या? मैंने कहा उठा लोगी क्या मुझे इतना भी हल्का नही हूँ उन्होंने कहा देखती हूँ मुझे लगता है उठा लुंगी फिर वो मेरे आगे आ गईं और मैंने अपने दोनों हाथ उनके गर्दन में डाल दिये ऐसे करने से मेरे हाथ उनके सीने पर टच होने लगे पर उन्होंने उस पर ध्यान ना देते हुए आने हाथ पीछे कर के मेरी कमर को थामा और झटके से मुझे उठा लिया वो जरा सा लड़खड़ाई और मैंने उन्हें पकड़ने के चक्कर मे एकदम से उनकी एक चूची मुट्ठी में जोर से पकड़ ली दीदी के मुह से तेज आह निकली और वो सिसक उठी मैंने घबरा कर उनकी चूची छोड़ दी और सॉरी बोलने लगा मैंने कहा सॉरी दीदी गलती से हो गया दीदी ने खुद को सम्हालते हुए कहा कोई बात नही its ok विकी लेकिन इस घटना का सीधा असर मेरे लंड पर हुआ ये पहली बार था कि किसी जवान लड़की की चुचियाँ मेरे हाथों में आई थी उनका नरम गुदगुदा अहसास मुझे उत्तेजित कर गया और मेरे लंड ने सर उठाना शुरू कर दिया और दीदी के चूतड़ पर दस्तक देने लगा ...... दीदी मुझे पीठ पर लाद कर बाथरूम के दरवाजे तक आईं और उन्होंने दरवाजे की कुंडी खोलने को कहा मेरे हाथ तो आगे थे ही सो मैने बड़े आराम से दरवाजा खोल दिया और दीदी ने अंदर दाखिल हो कर मुझे कमोड के पास खड़ा कर दिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने कंधे पर रख लिया ......
मैंने दीदी की ओर देखा और कहा आप बाहर जाओ न तो मैं कर लूं दीदी ने कहा पर तू एक पैर पर कैसे खड़ा होगा मैंने कहा मैं दीवार का सहारा ले लूंगा ना आप जो तो सही और मैंने दोनो हाथों से दीवार थाम ली दीदी ने एक बार मुझे देखा फिर छोड़ कर दरवाजे के पास चली गयी और बोली जल्दी कर ले मैं नही देख रही .....
मैंने ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाला और आराम से मूतने लगा जोर से पेशाब लगी थी तो मैं बड़ी देर तक मूतता रहा और कमोड में गिर रही पेशाब की धार की आवाज़ बाथरूम में गूंजने लगी मूत कर मैंने फ्लश किया और फिर हमेशा की तरह लंड अंदर कर के ज़िप बंद करने की कोशिश में मैंने दोनो हाथ दीवार से हटा लिए और ऐसा करते ही एक पैर पर मेरा सन्तुलन बिगड़ गया और मेरा चोटिल पैर जमीन पर रख गया पैर पर दबाव पड़ते ही मेरे पैर में दर्द की तेज लहर उठी और मेरे मुह से चीख सी निकल गयी ..... मेरी आवाज सुन कर दीदी दौड़ कर मेरे पास आ गयी और मेरा हाथ अपनी गर्दन में डाल कर मुझे सहारा दे दिया पर मेरा लंड जो अभी भी बाहर लटक रहा था दीदी की नजरों के सामने मैं जल्दी से उसे हाथ से छुपाने लगा दीदी ने थोड़ा चंचल आवाज़ में कहा अब कोई फायदा नही मैंने देख ही लिया उसे अंदर करो और कमरे में चलो नही तो पैर दुखने लगेगा मैंने किसी तरह अपना लंड पैंट में घुसाया और ज़िप बंद की फिर दीदी ने मुझे वापस अपनी पीठ पर लाद लिया और कमरे में ले आईं मुझे bed पर बिठा कर सहारा देते हुए लिटा दिया ।
लेटने के बाद मुझे ख्याल आया कि मैंने अभी भी स्कूल ड्रेस पहन रखी है तो मैंने कहा दीदी मुझे चेंज करना है वैसे भी मेरी पैंट घुटने के नीचे से फट चुकी थी और प्लास्टर लगाने में काफी गंदी हो चुकी थी।
मेरी बात सुन कर दीदी ने अलमारी से मेरा लोअर और टीशर्ट निकाला और फिर बेड पर बैठ कंसर मुझे सहारा दे कर बिठा दिया मैंने अपनी शर्ट निकाल दी और उन्होंने अपने हाथ से मुझे टीशर्ट पहना दी उसके बाद मैं अपनी पैंट खोलने लगा ज़िप खोल कर मैं पैंट सरकाने लगा पर मैं बैठा हुआ था पैंट मेरे नीचे दबा था वो सरकने को तैयार ही नही था तो दीदी हंसने लगी बोली अपने हाथों पर अपना शरीर ऊपर उठा लो तो मैं निकाल देती हूं मैंने दीदी को एक पल देखा और फिर वैसे ही दोनो हाथों पर वजन डाल कर अपनी कमर का हिस्सा ऊपर उठा दिया और दीदी झुक कर मेरा पैंट निकालने लगी पर उनके झुकते ही उनके कुर्ते के ढीले गले से उनकी लटकती हुई गोरी गोरी चुचियाँ मेरी आँखों के सामने आ गईं वो नजारा देख कर मेरा लंड फिर से सर उठाने लगा मेरी पैंट फिटिंग की थी तो वो एकदम जरा जरा सा सरक रही थी और लंड खड़ा होने की वजह से आगे का हिस्सा उसमे फंसा हुआ सा था दीदी ने एक झटका मार कर पैंट को नीचे तो कर दिया पर पैंट में फंसा हुआ लंड एकदम से टनटना कर उनके चेहरे के सामने आ गया मेरा लंड खड़ा होने पर 6 इंच का तो होगा ही ..... अंडरवियर में उभरा हुआ मेरा लंड देख कर एक पल को तो वो ठिठकी पर फौरन ही अपनी नजरें फिरा कर उन्होंने मेरा पैंट नीचे सरकाते हुए टांगो से निकाल दिया इस पूरी प्रक्रिया में एक मिनट से ज्यादा का समय लगा मेरे हाथों में दर्द होने लगा था तो मैं वापस बेड पर बैठ गया इतने में दीदी ने मेरा लोअर उठाया और मेरी टांगों के पास बैठ कर झुक कर पहनाने लगी एक बार फिर से मुझे दीदी के रसीले सख्त चूचो के दर्शन होने लगे और अब मेरा लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा हो चुका था मैं एक बार फिर से अपने हाथों पर ऊपर को उठ गया और दीदी ने लोअर ऊपर सरकाते हुए जांघो तक चढ़ा दिया नीचे से लोअर सही से पहना दिया उन्होंने पर खड़े लंड की वजह से वो सामने से आकर लंड पर फंस गया अब मेरे तो दोनो हाथ बिजी थे इसलिए दीदी ने एक पल सोचा और फिर जल्दी से मेरे खड़े लंड को अपने हाथ से दबा कर लोअर को अच्छी तरह से पहना दिया लेकिन दीदी का हाथ लंड पर लगते ही मेरे लंड में एक करेंट से दौड़ गया मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि मैं खुद पर काबू क्यों नही कर पा रहा हूँ दीदी पता नही क्या सोचेगी मेरे बारे में पर दीदी ने लोअर पहना कर मुझे लेटने को कहा और मैं नीचे खिसक कर आराम से लेट गया फिर दीदी बोली कोई काम हो तो आवाज़ देना मुझे और वो अपने कमरे में चली गईं ,......।