अगली सुबह हम साढ़े 6 के आसपास उठे पहले मैं उठा देखा तो दीदी एकदम नंगी टांगे फैलाये पेट के बल गहरी नींद में सो रही थी मैंने उनके चूतड़ थपथपा कर उन्हें जगाया उन्होंने आंख खोल कर मुझे देखा और बोली सोने दो ना मैंने कहा सुबह हो गयी है कपड़े तो पहन लो ........
मेरी बात सुन कर उनका ध्यान अपने नंगे बदन पर गया और वो थोड़ा सा शर्मा गयीं और उठ कर कपड़े पहनने लगीं ....... मैं भी कपड़े ले कर बाथरूम में घुस गया और जल्दी ही तैयार हो कर नीचे आ गया थोड़ी देर में दीदी भी नहा कर आ गयी हम सब ने नाश्ता किया और तभी लेबर आ गए और मम्मी ने बताया कि आज से नीचे की मंजिल में पेंटिंग का काम शुरू होगा और अगले कुछ दिन वो और पापा ऊपर के तीसरे रूम में सोएंगे .........
ये सुनते ही दीदी ने मेरी ओर लाचारी से देखा उनका पूरे हफ्ते मेरे साथ खुल कर मस्ती करने का प्लान लौड़े लग चुका था ....... लेकिन अब इसमें कोई कुछ नही कर सकता था फिर मम्मी का कमरा खाली करने की शुरुवात हुई और मैं दीदी के साथ कॉलेज निकल गया ..........
रास्ते मे दीदी बोली यार मैं जब भी ज्यादा खुश होती हूँ मेरी खुशी ज्यादा टिकती नही मैंने कहा बस चार पांच दिन की बात है दीदी ....... दीदी उदासी भरी आवाज़ में बोली ऐसे दो चार पांच दिन करते बाकी के दो महीने भी बीत जाएंगे और मैं चली जाऊंगी ...... मैंने कहा कौन सा हमेशा के लिए चली जाओगी यहां से लखनऊ कितनी दूर हम हर महीने मिलेंगे कभी आप दो चार दिन के लिए यहां आ जाना कभी मैं वहां आ जाऊंगा ........
और शादी के बाद साल भर तक तो लड़की ससुराल से ज्यादा मायके में रहती है ....... मेरी बात सुन कर दीदी की उदासी कुछ कम हुई और वो बोली याद रखना ये बात अगर एक भी महीना तुमसे मिले बिना गुजरा तो मैं सीधा इधर चली आऊंगी उनकी इस बात पर मैं मुस्कुरा दिया ....... फिर उन्हें कॉलेज छोड़ कर मैं अपने कॉलेज चला गया और शाम को वापस घर ........
घर पहुंच कर देखा तो पापा मम्मी अपना जरूरी सामान और कपड़े ले कर उपर शिफ्ट हो चुके थे ....... मैंने मौका देख कर दीदी को समझाया कि जब तक पापा मम्मी यहां हैं खुद पर कंट्रोल रखना कोई ऐसी हरकत मत करना कि कोई बखेड़ा खड़ा हो दीदी ने मुह बना के सही पर मेरी बात से सहमति जताई और फिर दिन बीतने लगे इन 5 दिनों में मैं और दीदी अपने अपने कमरों में अलग सोए ......
और आखिर छठे दिन नीचे का काम खत्म हुआ और दीदी और मम्मी ने सारा दिन नीचे साफ सफाई कर के ड्राइंग रूम और मम्मी का कमरा सेट कर दिया फिर दीदी जल्दी जल्दी मम्मी और पापा का सामान ऊपर से नीचे लाने लगी .........
मम्मी ने एक बार उन्हें टोका भी की निक्की अब रहने दे आज और उपर सो लेंगे हम बाकी का काम काल निपटा कर कल से आ जाएंगे पर दीदी लगी रहीं और शाम 7 बजे तक उन्होंने सब सही कर दिया ........
हां इन 6 दिनो में उनकी प्रतीक से दो तीन बार हल्की फुल्की ही बात चीत हुई ....... हर बार प्रतीक उनसे रात में बात करने की जिद करता और दीदी उसे अपनी मजबूरी बता देती .......
और आखिर आज सब कुछ व्यवस्थित करने के बाद नहा कर फ्रेश हो कर नीचे आईं आज दीदी ने सिंपल सा कॉटन का सूट पहने हुए था लेकिन दीदी कुछ भी पहन के वो हमेशा सेक्सी ही दिखती थीं ......... उनकी भाग दौड़ मेहनत और उतवलापन देख कर मैं मन ही मन मस्कुरा रहा था 8 बजने वाले थे........
मम्मी अकेली ही आज किचन सम्हाल रही थीं खाना तैयार होने ही वाला था मैं पापा के साथ बैठा tv देख रहा था तभी दीदी मुझे देखते हुए ऊपर चली गईं और एक मिनट बाद मेरे फोन की घंटी बजी देखा तो दीदी का कॉल था ..........
मैंने कॉल रिसीव की तो दीदी बोली विकी आज मेरा बहोत मूड है मैंने उठ कर कमरे से बाहर आते हुए कहा तो अच्छी बात है रात में कर लेना जो मर्ज़ी हो दीदी बोली वो तो करूंगी ही लेकिन सूखा सूखा नही आज पीनी है मुझे मैंने कहा ऐसे ही पीती रही तो आदत पड़ जाएगी आपको ....... वो बोली पड़ जाने दो ना प्रतीक को कोई प्रॉब्लम नही है उसने तो खुद उस दिन तुम्हे बोला था ....... मैंने हथियार डालते हुए कहा ok लाता हूँ ........
दीदी बोली thanks और फोन काट दिया मैंने बाइक उठाई और 4 बियर ले कर आ गया और अपने कमरे में रख आया ....... फिर हम सब ने खाना खाया और दीदी आज ज्यादा थकी होने की बात बोल कर फौरन ऊपर चली गईं 15 मिनट बाद मैं भी ऊपर आया तो दीदी के कमरे का दरवाजा बंद दिखा लेकिन ऐसा लगा वो अंदर किसी से बात कर रही हैं .......
मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नही दिया और अपने कमरे आ गया दरवाजा बंद कर के मैंने अलमारी खोली तो देखा वहां बस दी बियर पड़ी थी शायद दीदी अपना हिस्सा ले गयी थीं मैंने एक खोल की बिस्तर पर बैठ कर पीने लगा मेरी बियर खत्म हो गयी पर दीदी नही आईं तो मैंने दूसरी भी खोल ली और पीने लगा ........
मेरी दूसरी बियर भी खत्म होने को थी तो मैं उठा और दरवाजा खोल कर दीदी के रूम के बाहर आ गया और कान लगा कर सुनने लगा अंदर कोई आवाज़ नही थी और तभी अचानक उनके रूम का दरवाजा जरा सा खुला और उन्होंने सर निकाल कर बाहर देखा मुझे एकदम दरवाजे के पास वो चौंक गई फिर बोली तुमने तो डरा ही दिया था ........
मैंने पूछा इतनी देर क्यों लगा रही हो वो बोली प्रतीक का कॉल था बहोत दुखी है बेचारा कह रहा था तुम नाराज़ हो इसलिए ही बात नही कर रही और रो भी रहा था उसे समझाने में टाइम लग गया मैंने कहा क्यों दुखी कर रही हो बेचारे को उसका भी ख्याल रखो ........
दीदी बोली कह दिया है ना कि आज तुमसे ढेर सारी बातें करूंगी आज से मैं अकेली हूँ अपने रूम में मैंने कहा फिर चलो .......(दीदी ने इतनी बातें अपने रूम के दरवाजे से गर्दन निकाल कर की थीं) और फिर उन्होंने अपने रूम की लाइट ऑफ की और बाहर आ गयी उफ़्फ़फ़ दीदी एकदम नंगी थीं उनके बदन पर सूत का एक रेशा भी नही था खुले हुए बाल और चिकना बदन आज दीदी की चूत के बाल कुछ और घने और घुंघराले हो गए थे ...........
दीदी भाग कर मेरे रूम में घुस गयीं और मैं सम्मोहित सा वहीँ खड़ा रह गया...... कमरे में जा कर दीदी ने दरवाजे से बाहर झांक कर कहा अब आओ भी या वहीं खड़े रहोगे जान और मैं खुद की सम्हालते हुए अंदर आ गया ....... मैंने दरवाजा बंद किया दीदी तब तक अलमारी खोल कर सिगरेट निकाल कर सुलगा कर कश लेने लगी थीं और धुवां उगलते हुए बोली .......
विकी आज मुझे प्रतीक से बात करनी है तो प्लीज उस दिन जैसे ही अपने earbuds कनेक्ट कर दो फिर मैं लेट कर बातें करूंगी ........ और तुम ....... इतना बोल कर वो चुप हो गईं और मैं उनकी ओर सवालिया नजरों से देखने लगा ...... उन्होंने एक कश और लिया और बोली तुम मेरी चूत चाटोगे ........
फिर वो बड़े प्यार से बोली बोलो चाटोगे ना जान अपनी दीदी की झांटो वाली रसीली बुर ....... ये सुन कर ही मेरा लंड बेकाबू होने लगा और मैंने हां में सर हिलाते हुए कहा हां दीदी चाटूँगा ...... मैंने अपने earbuds ढूंढ कर उन्हें दीदी एक फोन से कनेक्ट किया और दीदी ने बेड पर लेटते हुए एक बड अपने कान में खोंस लिया और प्रतीक को कॉल कर दी ..........
मैंने भी जल्दी से दुसरा अपने कान में खोंस कर अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए ....... और तभी प्रतीक की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी .........
प्रतीक- हेलो जान मैं आज जल्दी जल्दी खाना खा कर ऊपर आ गया तुम्हारे इंतजार में ...... सच मे बड़ी मुश्किल से कटे ये दिन तुम बिन .........
दीदी- ओहहह जानू सॉरी पर मैं क्या करती अकेले में मौका ही नही मिल रहा था और आज मिलते ही सबसे पहले तुम्हे काल की ........
प्रतीक- thanks जान love यू सो मच ऊम्म्ममम्म ....... पता है मुझे ऐसा लग रहा था कि उस दिन वाली बात से तुम नाराज़ हो गयी ईसलिये बात नही कर रही हो .......
दीदी- लव यू टू बेबी ...... कौन सी बात मैं तो नाराज़ नही थी आपसे ...... मैं आपसे कभी नाराज़ नही हो सकती जानू मेरे बारे में सब कुछ जानने के बाद भी आप मुझे उतना ही प्यार करते हो ......... मुझे अपना रहे हो मैं कैसे नाराज़ हो सकती हूं इतने बड़े दिल वाले प्यारे इंसान से ..........
प्रतीक- ह्म्म्म पर मुझे जो महसूस हुआ वो मैंने तुम्हें बता दिया .......
दीदी- पर आप किस बात की बात कर रहे हो मुझे तो याद भी नही ........ (2 बियर का नशा दीदी के सर चढ़ रहा था)
प्रतीक- वो तुमने पूछा था ना जानू की मैंने पहली बार किस लड़की को सोच कर मुठ मारी थी ....... और मैंने नही बताया था उस दिन के बाद तुमने ठीक से बात नही की मुझसे तो मुझे लगा शायद उस वजह से नाराज़ हो तुम.........
इन दोनों की बातें सुनते हुए मैं नंगा हो चूका था और अपना लंड सहला रहा था दीदी ने मुझे पास आने का इशारा किया मैं बेड पर चढ़ कर दीदी के पास में पैर फैला कर बेड की पुश्त से पीठ टिका कर बैठ गया दीदी ने मेरे लंड को मुट्ठी में भर कर मसलते हुए कहा ..........
नही जानू ऐसा कुछ नही है और तुमने तो कहा भी था कि बता दोगे फिर इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात हुई ........ प्रतीक मैं तुमसे कभी नाराज़ नही हो सकती भले ही तुम मेरे सामने किसी लड़की के साथ सेक्स भी कर लो . ..........
प्रतीक- ह्म्म्म thanks जान मुझे इतना प्यार देने के लिए मैं वादा करता हूँ कि सारी जिंदगी ठुमहे बहोत बहोत प्यार दूंगा ........
दीदी- हंसते हुए बोली ....... चलो फिर अब बता दो कौन थी वो खुशनसीब लड़की जिसने मेरे जानू के लंड का पानी पहली बार निकाला था ........
प्रतीक- ok पर हो सकता है ये सुनने के बाद तुम मुझसे नफरत करने लग जाओ ........
ये सुन कर मेरी धड़कन बढ़ गयी मुझे लगा प्रतीक श्वेता का नाम ना बता दे.........
दीदी- इसका तो सवाल ही नही उठता ...... लेकिन अब मुझे भी उत्सुकता हो रही है उसका नाम जानने की बोलो ना जान कौन है वो ........
प्रतीक- काफी गंभीर आवाज़ में ....... निक्की तुम उसे जानती हो उस से मिल चुकी हो .........
( दीदी की आंखे सिकुड़ गयी और वो सोच में पड़ गयी नशे की वजह से उन्हें उनकी बात समझने में थोड़ा वक्त लगा)
और फिर वो एकदम से हैरान होती हुई बोली ........ प्रतीक क्या कह रहे हो तुम मेरी समझ में नही आ रहा तुम्हारी साइड से तो मैं सिर्फ एक लड़की को जानती हूं तुम्हारी बहन श्वेता ....... उफ़्फ़फ़ तुम क्या कहना चाहते हो प्रतीक मैं जो सोच रही हूं वो सही है क्या ........????
प्रतीक- एकदम मरी मरी आवाज़ में बोला ........ हां निक्की वो लड़की श्वेता थी....... पर वो सिर्फ मेरी नादानी थी और कुछ नही तुम मुझे गलत मत समझना प्लीज जान ...... इसीलिए मैं मना कर रहा था तुम्हे ये सवाल पूछने से ............
दीदी ने ये बात करते हुए मेरा लंड और कस के दबोच लिया था और मसलते हुए बोली .......
दीदी- हम्म्म्म its ok प्रतीक मैं तुम्हे गलत नही समझ रही हूं बल्कि अब तो मैं तुम्हे और भी चाहने लगी हूँ कि तुमने इतनी बड़ी बात भी मुझसे सच सच कही तुम चाहते तो कभी भी मुझे ये बात ना बताते या किसी भी लड़की का नाम बता देते लेकिन तुमने सच बोला इस बात से खुश हुई मैं .......... और ये सच बोलने का कुछ इनाम मिलना चाहिए तुम्हे आओ जानू मैं तुम्हारा मस्त लंड चूस कर तुम्हे गरम कर दूँ .......
प्रतीक- आहह जान सच मे तुम नाराज़ नही हो ना मुझसे .......?..
दीदी- अगर नाराज़ होती तो फोन काट देती ना कि तुमसे अपना लंड चुसवाने को कहती अभी मुझे बस तुम्हारा लंड चूसना है बहोत तरसाया है मैंने अपनी जान को आ जाओ प्रतीक अपनी बीवी के मुह में दे दो अपना सख्त लौड़ा.........
प्रतीक- आहह जान मैं तो नंगा ही हूँ ये लो मैंने अपना लंड तुम्हारे होंठो पर रगड़ दिया उफ़्फ़फ़ तुम्हारे रसीले होंठ ...... चूस लो जान मेरा लंड........
दीदी एकदम से उठी और मेरे खड़े लंड पर झुकते हुए उसे मुह में ले कर चूस लिया और फिर सुपाड़े पर जीभ फिराते हुए बोली aaahhhh प्रतीक मैं तुम्हारे मोटे सुपाड़े को चूम रही हूं चाट रही हूं उफ़्फ़फ़ कितना गरम है तुम्हारा लंड ऊऊम्म्म्म्म और दीदी ने मेरे सुपाड़े को चूम लिया .........
प्रतीक- ओहहह मेरी जान मुझे भी तुम्हारी चूत चाटनी है बूब्स चूसने हैं और और ......
दीदी- aaahhhh हां बोलो ना जान और क्या शरमाओ मत बीवी हूँ तुम्हारी उस दिन तो कह रहे थे तुम्हे बेशर्म बीवी चाहिए और अब खुद हिचक रहे हो बोलने में ..........
प्रतीक उस श्वेता वाली बात से थोड़ा नर्वस था लेकिन अब उस पर उत्तेजना हावी होने लगी थी और वो बोला ........., उफ़्फ़फ़ जान मुझे अपनी बेशर्म बीवी की गांड़ चाटनी है चूसनी है और तुम्हारी रसीली बुर का रस पीना है aaaahhhhhhh ...........
दीदी- हां तो आ जाओ न मेरी जान किसने रोका है मैं तो नंगी पड़ी हूँ आ जाओ जी भर के चूमो चाटो रगड़ो मेरे नंगे बदन को जैसे चाहो खेलो ......... और पी लो मेरी बुर का रस उफ़्फ़फ़ ........
अब दीदी उठ खड़ी हुई और मेरे मुह पर बैठने लगी मैं जल्दी से सरक कर डबल तकिए लगा कर लेट गया दीदी ने मेरे मुह पर बैठ कर अपनी घनी झांटो वाली बुर मेरे मुह पर रखी और अपनी गांड़ हिलाते हुए बुर को मेरे चेहरे पर रगड़ने लगी उनके होंठो से बेहद कामुक सिसकारियाँ निकल रही थीं .........
मैंने उनकी हालत को महसूस करते हुए अपनी जीभ निकाली और दीदी की गांड़ की दरार से बुर के दाने तक फिरा फिरा कर चाटने लगा ........
प्रतीक- ऊफफफ मेरी जान निक्की मैंने अपनी जीभ तुम्हारी रसीली बुर में डाल दी है और कस के चाट रहा हूँ जानू तुम्हारी चूत को ऊऊम्म्ममम्म क्या स्वाद है जान तुम्हारी बुर का ऊफफफ
दीदी- हां जानू खा जाओ मेरी बुर को और तुम मेरे ऊपर लेट जाओ ना 69 में मुझे भी तुम्हारे लंड का स्वाद लेना है राजा आओ ना। ........
प्रतीक- ओहहह हां जान मैं आ गया तेरे ऊपर लेट गया और अपना लंड तेरे मुह में डाल कर तेरी चूत मुह में भर ली है और चूस रहा हूँ ऊऊम्म्म्ममम्म.......
दीदी- उफ़्फ़फ़ राजा काटो मत ना aaahhhhh मैं भी तुम्हारा लंड चाट रही हूं ......... aaaahhhh कैसे कुत्ते जैसे चाट रहे हो तुम मेरी बुर को राजा ऐसे ही चाटो जीभ अंदर डालो ना जानू .......,ऊम्म्म्ममसससस.......
प्रतीक- हां जान तेरी झांट वाली बुर देख कर मेरी लार टपकने लगी थी कुत्ते जैसे और तुम भी तो कुतिया जैसे मेरा लंड चाट रही हो उफ़्फ़फ़ लो मैंने धक्का दे कर पूरा लंड तुम्हारे गले तक पेल दिया है .........
दीदी- हाय्य्य्य प्रतीक मेरे सैयां और चाटो मैं झड़ने वाली हूँ राजा पी लो मेरी बुर का रस ..........
मैंने दीदी के निप्पल पकड़ कर उमेठते हुए उनकी बुर मुह में भर ली और दांतों से काटते हुए चूसने लगा ........ दीदी का बदन और मचलने लगा उन्होंने मेरे बाल कस के मुट्ठी में पकड़ लिया और अपना पूरा वजन डालते हुए मेरे मुह पर बैठ गईं मेरा चेहरा दीदी की गांड़ में दबा हुआ था मैं सांस नही ले पा रहा था ....... पर मैं उनकी चूत चूस रहा था जी जान से .........
प्रतीक- aaahhhh रानी झड़ जा मेरे मुह में पी जाऊंगा तेरी बुर का सारा रस aaahhhhh ले रानी मैं भी झड़ रहा हूँ चूस ले मेरे लौड़े का पानी कुतिया साली पी जा ........ aaahhhhh उफ़्फ़फ़ ........ बहोत गरम लौंडिया है तू और एकदम बेशर्म भी ........ ठीक वैसी जैसी मैं चाहता था .........
दीदी- हां राजा पी रही हूं चूस रही तेरे लौड़े की मलाई उफ़्फ़फ़ कितना सारा है मेरा तो पूरा मुह भर गया तेरे रस से जानू .......,(दीदी नशे और उत्तेजना में तू तड़ाक पर उतर आयी थीं) ले राजा मैं भी आगयी तेरे मुह में aahhhhh बह गई रे मेरी रण्डी चूत पी ले चूस ले चाट के बुर का पानी उफ़्फ़फ़ ...........
और इसी के साथ दीदी फलफला कर झड़ने लगी मेरे मुह में इतनी गरम बातें सुन कर और दीदी की बुर का रस पी कर मेरी भी हालत खराब हो रही थी और मैं भी झड़ना चाहता था .........., दीदी झड़ कर भी मेरा मुह चूतड़ों से दबाए बैठी थी और मुझे लगा मैं अब मर ही जाऊंगा और मैंने पूरी ताकत से दीदी को अपने ऊपर से धकेला और हांफते हुए गहरी सांस लेने लगा ........
उधर दीदी और प्रतीक की सांसे भी मेरे कान में गूंज रही थी ...... कुछ सेकेंड्स में हम तीनों की सांसे सामान्य हुई और मैंने दीदी के देखते हुए अपने लंड की ओर इशारा कर के उनके हाथ जोड़ते हुए कुछ करने को कहा मेरी हालत देख कर दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर मसलते हुए कहा प्रतीक मैं 5 मिनट में बाथरूम हो के आती हूँ फिर कॉल करती हूं ........ प्रतीक बोला ok जान तब तक मैं खुद को साफ कर लूं कुछ बूंदे तो मेरे चेहरे पर भी गिरी हैं .......
दीदी ने फोन काट दिया और उठ कर मुझ पर टूट पड़ी और एकदम से मेरी टांगों के बीच लेट कर मेरे लंड पर थूक दिया ....... आज दीदी का रवैया एकदम किसी पोर्न स्टार की तरह था और मुझे भी उनका ये नया रूप अच्छा लग रहा था ....... उनका थूक मेरे सुपाड़े से बहता हुआ नीचे आ रहा था और दीदी ने किसी कुतिया जैसे उसे जीभ निकाल कर चाट लिया और उन्होंने दो तीन बार यही हरकत की और मेरा लंड उनके थूक से लिबलिबा हो कर चमकने लगा फिर उन्होंने मेरे आंड़ मुह में भर कर चूसते हुए मेरे थूक से भीगे लंड को पूरी तेजी से मुठियाते हुए सड़का मारना शुरू कर दिया और बोली aaahhh विकी अब तू भी झड़ जा ना अपनी दीदी के मुह में पिला दे मुझे अपना रस मेरे राजा ......, मेरा बदन अकड़ने लगा और मैं भी आहें भरने लगा और तभी दीदी ने अपनी जीभ आंड़ से फिराते हुए मेरी गांड़ के छेद को चाटना शुरू कर दिया मेरे बदन में बिजली सी कौंध गयी और बस एक मिनट उनके गांड़ चाटने के बाद ही मेरे लंड से पहली धार फूट पड़ी जो सीधा उनकी मांग में जा गिरी ऐसा लग रहा था किसी ने सिंदूर की जगह वीर्य से उनकी मांग भर दी हो .......
सर पर वीर्य की धार गिरते ही उन्होंने गांड़ से मुह हटा कर जल्दी से लंड को मुह में दबोच लिया और हाथो से निचोड़ते हुए बाकी का सारा माल अपने मुह में भरती चली गईं आखिरी बून्द तक निचोड़ कर चूसने के बाद उन्होंने लंड से मुह हटाया और उनके होंठो के किनारे से मलाई जैसे गाढ़े माल की कुछ बूंदे उनकी चिन से बहती हुई मेरी जांघ पर टपक गई ........
दीदी ने जल्दी से एक घूंट भर कर अपने मुह में भरा मेरा वीर्य निगला और फिर मेरी जांघ पर गिरी बूंदों को भी जीभ से चाटने लगी ......., और फिर उनकी आंखों में ऐसी चमक थी जैसे किसी बिल्ली को भर पेट मलाई खाने को मिल गयी हो .......।