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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Sis lover

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bhai kuchh log kah rhe hai ab aage badho kcuhh log kah rhe hai ki aur sex ghusedo mai confused hu kya karu ab to wo update bhi aadhe se jyada likh diya chaliye aapki bhi dimond aage puri karne ki koshish hogi
आप अपने हिसाब से लिखो भाई सबको आप संतुष्ट नही कर सकते।
 

Sis lover

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अगली सुबह हम साढ़े 6 के आसपास उठे पहले मैं उठा देखा तो दीदी एकदम नंगी टांगे फैलाये पेट के बल गहरी नींद में सो रही थी मैंने उनके चूतड़ थपथपा कर उन्हें जगाया उन्होंने आंख खोल कर मुझे देखा और बोली सोने दो ना मैंने कहा सुबह हो गयी है कपड़े तो पहन लो ........

मेरी बात सुन कर उनका ध्यान अपने नंगे बदन पर गया और वो थोड़ा सा शर्मा गयीं और उठ कर कपड़े पहनने लगीं ....... मैं भी कपड़े ले कर बाथरूम में घुस गया और जल्दी ही तैयार हो कर नीचे आ गया थोड़ी देर में दीदी भी नहा कर आ गयी हम सब ने नाश्ता किया और तभी लेबर आ गए और मम्मी ने बताया कि आज से नीचे की मंजिल में पेंटिंग का काम शुरू होगा और अगले कुछ दिन वो और पापा ऊपर के तीसरे रूम में सोएंगे .........

ये सुनते ही दीदी ने मेरी ओर लाचारी से देखा उनका पूरे हफ्ते मेरे साथ खुल कर मस्ती करने का प्लान लौड़े लग चुका था ....... लेकिन अब इसमें कोई कुछ नही कर सकता था फिर मम्मी का कमरा खाली करने की शुरुवात हुई और मैं दीदी के साथ कॉलेज निकल गया ..........

रास्ते मे दीदी बोली यार मैं जब भी ज्यादा खुश होती हूँ मेरी खुशी ज्यादा टिकती नही मैंने कहा बस चार पांच दिन की बात है दीदी ....... दीदी उदासी भरी आवाज़ में बोली ऐसे दो चार पांच दिन करते बाकी के दो महीने भी बीत जाएंगे और मैं चली जाऊंगी ...... मैंने कहा कौन सा हमेशा के लिए चली जाओगी यहां से लखनऊ कितनी दूर हम हर महीने मिलेंगे कभी आप दो चार दिन के लिए यहां आ जाना कभी मैं वहां आ जाऊंगा ........

और शादी के बाद साल भर तक तो लड़की ससुराल से ज्यादा मायके में रहती है ....... मेरी बात सुन कर दीदी की उदासी कुछ कम हुई और वो बोली याद रखना ये बात अगर एक भी महीना तुमसे मिले बिना गुजरा तो मैं सीधा इधर चली आऊंगी उनकी इस बात पर मैं मुस्कुरा दिया ....... फिर उन्हें कॉलेज छोड़ कर मैं अपने कॉलेज चला गया और शाम को वापस घर ........

घर पहुंच कर देखा तो पापा मम्मी अपना जरूरी सामान और कपड़े ले कर उपर शिफ्ट हो चुके थे ....... मैंने मौका देख कर दीदी को समझाया कि जब तक पापा मम्मी यहां हैं खुद पर कंट्रोल रखना कोई ऐसी हरकत मत करना कि कोई बखेड़ा खड़ा हो दीदी ने मुह बना के सही पर मेरी बात से सहमति जताई और फिर दिन बीतने लगे इन 5 दिनों में मैं और दीदी अपने अपने कमरों में अलग सोए ......


और आखिर छठे दिन नीचे का काम खत्म हुआ और दीदी और मम्मी ने सारा दिन नीचे साफ सफाई कर के ड्राइंग रूम और मम्मी का कमरा सेट कर दिया फिर दीदी जल्दी जल्दी मम्मी और पापा का सामान ऊपर से नीचे लाने लगी .........


मम्मी ने एक बार उन्हें टोका भी की निक्की अब रहने दे आज और उपर सो लेंगे हम बाकी का काम काल निपटा कर कल से आ जाएंगे पर दीदी लगी रहीं और शाम 7 बजे तक उन्होंने सब सही कर दिया ........


हां इन 6 दिनो में उनकी प्रतीक से दो तीन बार हल्की फुल्की ही बात चीत हुई ....... हर बार प्रतीक उनसे रात में बात करने की जिद करता और दीदी उसे अपनी मजबूरी बता देती .......


और आखिर आज सब कुछ व्यवस्थित करने के बाद नहा कर फ्रेश हो कर नीचे आईं आज दीदी ने सिंपल सा कॉटन का सूट पहने हुए था लेकिन दीदी कुछ भी पहन के वो हमेशा सेक्सी ही दिखती थीं ......... उनकी भाग दौड़ मेहनत और उतवलापन देख कर मैं मन ही मन मस्कुरा रहा था 8 बजने वाले थे........

मम्मी अकेली ही आज किचन सम्हाल रही थीं खाना तैयार होने ही वाला था मैं पापा के साथ बैठा tv देख रहा था तभी दीदी मुझे देखते हुए ऊपर चली गईं और एक मिनट बाद मेरे फोन की घंटी बजी देखा तो दीदी का कॉल था ..........

मैंने कॉल रिसीव की तो दीदी बोली विकी आज मेरा बहोत मूड है मैंने उठ कर कमरे से बाहर आते हुए कहा तो अच्छी बात है रात में कर लेना जो मर्ज़ी हो दीदी बोली वो तो करूंगी ही लेकिन सूखा सूखा नही आज पीनी है मुझे मैंने कहा ऐसे ही पीती रही तो आदत पड़ जाएगी आपको ....... वो बोली पड़ जाने दो ना प्रतीक को कोई प्रॉब्लम नही है उसने तो खुद उस दिन तुम्हे बोला था ....... मैंने हथियार डालते हुए कहा ok लाता हूँ ........

दीदी बोली thanks और फोन काट दिया मैंने बाइक उठाई और 4 बियर ले कर आ गया और अपने कमरे में रख आया ....... फिर हम सब ने खाना खाया और दीदी आज ज्यादा थकी होने की बात बोल कर फौरन ऊपर चली गईं 15 मिनट बाद मैं भी ऊपर आया तो दीदी के कमरे का दरवाजा बंद दिखा लेकिन ऐसा लगा वो अंदर किसी से बात कर रही हैं .......

मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नही दिया और अपने कमरे आ गया दरवाजा बंद कर के मैंने अलमारी खोली तो देखा वहां बस दी बियर पड़ी थी शायद दीदी अपना हिस्सा ले गयी थीं मैंने एक खोल की बिस्तर पर बैठ कर पीने लगा मेरी बियर खत्म हो गयी पर दीदी नही आईं तो मैंने दूसरी भी खोल ली और पीने लगा ........

मेरी दूसरी बियर भी खत्म होने को थी तो मैं उठा और दरवाजा खोल कर दीदी के रूम के बाहर आ गया और कान लगा कर सुनने लगा अंदर कोई आवाज़ नही थी और तभी अचानक उनके रूम का दरवाजा जरा सा खुला और उन्होंने सर निकाल कर बाहर देखा मुझे एकदम दरवाजे के पास वो चौंक गई फिर बोली तुमने तो डरा ही दिया था ........

मैंने पूछा इतनी देर क्यों लगा रही हो वो बोली प्रतीक का कॉल था बहोत दुखी है बेचारा कह रहा था तुम नाराज़ हो इसलिए ही बात नही कर रही और रो भी रहा था उसे समझाने में टाइम लग गया मैंने कहा क्यों दुखी कर रही हो बेचारे को उसका भी ख्याल रखो ........

दीदी बोली कह दिया है ना कि आज तुमसे ढेर सारी बातें करूंगी आज से मैं अकेली हूँ अपने रूम में मैंने कहा फिर चलो .......(दीदी ने इतनी बातें अपने रूम के दरवाजे से गर्दन निकाल कर की थीं) और फिर उन्होंने अपने रूम की लाइट ऑफ की और बाहर आ गयी उफ़्फ़फ़ दीदी एकदम नंगी थीं उनके बदन पर सूत का एक रेशा भी नही था खुले हुए बाल और चिकना बदन आज दीदी की चूत के बाल कुछ और घने और घुंघराले हो गए थे ...........


दीदी भाग कर मेरे रूम में घुस गयीं और मैं सम्मोहित सा वहीँ खड़ा रह गया...... कमरे में जा कर दीदी ने दरवाजे से बाहर झांक कर कहा अब आओ भी या वहीं खड़े रहोगे जान और मैं खुद की सम्हालते हुए अंदर आ गया ....... मैंने दरवाजा बंद किया दीदी तब तक अलमारी खोल कर सिगरेट निकाल कर सुलगा कर कश लेने लगी थीं और धुवां उगलते हुए बोली .......

विकी आज मुझे प्रतीक से बात करनी है तो प्लीज उस दिन जैसे ही अपने earbuds कनेक्ट कर दो फिर मैं लेट कर बातें करूंगी ........ और तुम ....... इतना बोल कर वो चुप हो गईं और मैं उनकी ओर सवालिया नजरों से देखने लगा ...... उन्होंने एक कश और लिया और बोली तुम मेरी चूत चाटोगे ........


फिर वो बड़े प्यार से बोली बोलो चाटोगे ना जान अपनी दीदी की झांटो वाली रसीली बुर ....... ये सुन कर ही मेरा लंड बेकाबू होने लगा और मैंने हां में सर हिलाते हुए कहा हां दीदी चाटूँगा ...... मैंने अपने earbuds ढूंढ कर उन्हें दीदी एक फोन से कनेक्ट किया और दीदी ने बेड पर लेटते हुए एक बड अपने कान में खोंस लिया और प्रतीक को कॉल कर दी ..........


मैंने भी जल्दी से दुसरा अपने कान में खोंस कर अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए ....... और तभी प्रतीक की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी .........

प्रतीक- हेलो जान मैं आज जल्दी जल्दी खाना खा कर ऊपर आ गया तुम्हारे इंतजार में ...... सच मे बड़ी मुश्किल से कटे ये दिन तुम बिन .........

दीदी- ओहहह जानू सॉरी पर मैं क्या करती अकेले में मौका ही नही मिल रहा था और आज मिलते ही सबसे पहले तुम्हे काल की ........

प्रतीक- thanks जान love यू सो मच ऊम्म्ममम्म ....... पता है मुझे ऐसा लग रहा था कि उस दिन वाली बात से तुम नाराज़ हो गयी ईसलिये बात नही कर रही हो .......

दीदी- लव यू टू बेबी ...... कौन सी बात मैं तो नाराज़ नही थी आपसे ...... मैं आपसे कभी नाराज़ नही हो सकती जानू मेरे बारे में सब कुछ जानने के बाद भी आप मुझे उतना ही प्यार करते हो ......... मुझे अपना रहे हो मैं कैसे नाराज़ हो सकती हूं इतने बड़े दिल वाले प्यारे इंसान से ..........

प्रतीक- ह्म्म्म पर मुझे जो महसूस हुआ वो मैंने तुम्हें बता दिया .......

दीदी- पर आप किस बात की बात कर रहे हो मुझे तो याद भी नही ........ (2 बियर का नशा दीदी के सर चढ़ रहा था)

प्रतीक- वो तुमने पूछा था ना जानू की मैंने पहली बार किस लड़की को सोच कर मुठ मारी थी ....... और मैंने नही बताया था उस दिन के बाद तुमने ठीक से बात नही की मुझसे तो मुझे लगा शायद उस वजह से नाराज़ हो तुम.........

इन दोनों की बातें सुनते हुए मैं नंगा हो चूका था और अपना लंड सहला रहा था दीदी ने मुझे पास आने का इशारा किया मैं बेड पर चढ़ कर दीदी के पास में पैर फैला कर बेड की पुश्त से पीठ टिका कर बैठ गया दीदी ने मेरे लंड को मुट्ठी में भर कर मसलते हुए कहा ..........


नही जानू ऐसा कुछ नही है और तुमने तो कहा भी था कि बता दोगे फिर इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात हुई ........ प्रतीक मैं तुमसे कभी नाराज़ नही हो सकती भले ही तुम मेरे सामने किसी लड़की के साथ सेक्स भी कर लो . ..........

प्रतीक- ह्म्म्म thanks जान मुझे इतना प्यार देने के लिए मैं वादा करता हूँ कि सारी जिंदगी ठुमहे बहोत बहोत प्यार दूंगा ........


दीदी- हंसते हुए बोली ....... चलो फिर अब बता दो कौन थी वो खुशनसीब लड़की जिसने मेरे जानू के लंड का पानी पहली बार निकाला था ........

प्रतीक- ok पर हो सकता है ये सुनने के बाद तुम मुझसे नफरत करने लग जाओ ........


ये सुन कर मेरी धड़कन बढ़ गयी मुझे लगा प्रतीक श्वेता का नाम ना बता दे.........

दीदी- इसका तो सवाल ही नही उठता ...... लेकिन अब मुझे भी उत्सुकता हो रही है उसका नाम जानने की बोलो ना जान कौन है वो ........


प्रतीक- काफी गंभीर आवाज़ में ....... निक्की तुम उसे जानती हो उस से मिल चुकी हो .........

( दीदी की आंखे सिकुड़ गयी और वो सोच में पड़ गयी नशे की वजह से उन्हें उनकी बात समझने में थोड़ा वक्त लगा)


और फिर वो एकदम से हैरान होती हुई बोली ........ प्रतीक क्या कह रहे हो तुम मेरी समझ में नही आ रहा तुम्हारी साइड से तो मैं सिर्फ एक लड़की को जानती हूं तुम्हारी बहन श्वेता ....... उफ़्फ़फ़ तुम क्या कहना चाहते हो प्रतीक मैं जो सोच रही हूं वो सही है क्या ........????


प्रतीक- एकदम मरी मरी आवाज़ में बोला ........ हां निक्की वो लड़की श्वेता थी....... पर वो सिर्फ मेरी नादानी थी और कुछ नही तुम मुझे गलत मत समझना प्लीज जान ...... इसीलिए मैं मना कर रहा था तुम्हे ये सवाल पूछने से ............

दीदी ने ये बात करते हुए मेरा लंड और कस के दबोच लिया था और मसलते हुए बोली .......

दीदी- हम्म्म्म its ok प्रतीक मैं तुम्हे गलत नही समझ रही हूं बल्कि अब तो मैं तुम्हे और भी चाहने लगी हूँ कि तुमने इतनी बड़ी बात भी मुझसे सच सच कही तुम चाहते तो कभी भी मुझे ये बात ना बताते या किसी भी लड़की का नाम बता देते लेकिन तुमने सच बोला इस बात से खुश हुई मैं .......... और ये सच बोलने का कुछ इनाम मिलना चाहिए तुम्हे आओ जानू मैं तुम्हारा मस्त लंड चूस कर तुम्हे गरम कर दूँ .......

प्रतीक- आहह जान सच मे तुम नाराज़ नही हो ना मुझसे .......?..

दीदी- अगर नाराज़ होती तो फोन काट देती ना कि तुमसे अपना लंड चुसवाने को कहती अभी मुझे बस तुम्हारा लंड चूसना है बहोत तरसाया है मैंने अपनी जान को आ जाओ प्रतीक अपनी बीवी के मुह में दे दो अपना सख्त लौड़ा.........

प्रतीक- आहह जान मैं तो नंगा ही हूँ ये लो मैंने अपना लंड तुम्हारे होंठो पर रगड़ दिया उफ़्फ़फ़ तुम्हारे रसीले होंठ ...... चूस लो जान मेरा लंड........

दीदी एकदम से उठी और मेरे खड़े लंड पर झुकते हुए उसे मुह में ले कर चूस लिया और फिर सुपाड़े पर जीभ फिराते हुए बोली aaahhhh प्रतीक मैं तुम्हारे मोटे सुपाड़े को चूम रही हूं चाट रही हूं उफ़्फ़फ़ कितना गरम है तुम्हारा लंड ऊऊम्म्म्म्म और दीदी ने मेरे सुपाड़े को चूम लिया .........

प्रतीक- ओहहह मेरी जान मुझे भी तुम्हारी चूत चाटनी है बूब्स चूसने हैं और और ......

दीदी- aaahhhh हां बोलो ना जान और क्या शरमाओ मत बीवी हूँ तुम्हारी उस दिन तो कह रहे थे तुम्हे बेशर्म बीवी चाहिए और अब खुद हिचक रहे हो बोलने में ..........

प्रतीक उस श्वेता वाली बात से थोड़ा नर्वस था लेकिन अब उस पर उत्तेजना हावी होने लगी थी और वो बोला ........., उफ़्फ़फ़ जान मुझे अपनी बेशर्म बीवी की गांड़ चाटनी है चूसनी है और तुम्हारी रसीली बुर का रस पीना है aaaahhhhhhh ...........


दीदी- हां तो आ जाओ न मेरी जान किसने रोका है मैं तो नंगी पड़ी हूँ आ जाओ जी भर के चूमो चाटो रगड़ो मेरे नंगे बदन को जैसे चाहो खेलो ......... और पी लो मेरी बुर का रस उफ़्फ़फ़ ........

अब दीदी उठ खड़ी हुई और मेरे मुह पर बैठने लगी मैं जल्दी से सरक कर डबल तकिए लगा कर लेट गया दीदी ने मेरे मुह पर बैठ कर अपनी घनी झांटो वाली बुर मेरे मुह पर रखी और अपनी गांड़ हिलाते हुए बुर को मेरे चेहरे पर रगड़ने लगी उनके होंठो से बेहद कामुक सिसकारियाँ निकल रही थीं .........

मैंने उनकी हालत को महसूस करते हुए अपनी जीभ निकाली और दीदी की गांड़ की दरार से बुर के दाने तक फिरा फिरा कर चाटने लगा ........

प्रतीक- ऊफफफ मेरी जान निक्की मैंने अपनी जीभ तुम्हारी रसीली बुर में डाल दी है और कस के चाट रहा हूँ जानू तुम्हारी चूत को ऊऊम्म्ममम्म क्या स्वाद है जान तुम्हारी बुर का ऊफफफ

दीदी- हां जानू खा जाओ मेरी बुर को और तुम मेरे ऊपर लेट जाओ ना 69 में मुझे भी तुम्हारे लंड का स्वाद लेना है राजा आओ ना। ........

प्रतीक- ओहहह हां जान मैं आ गया तेरे ऊपर लेट गया और अपना लंड तेरे मुह में डाल कर तेरी चूत मुह में भर ली है और चूस रहा हूँ ऊऊम्म्म्ममम्म.......

दीदी- उफ़्फ़फ़ राजा काटो मत ना aaahhhhh मैं भी तुम्हारा लंड चाट रही हूं ......... aaaahhhh कैसे कुत्ते जैसे चाट रहे हो तुम मेरी बुर को राजा ऐसे ही चाटो जीभ अंदर डालो ना जानू .......,ऊम्म्म्ममसससस.......


प्रतीक- हां जान तेरी झांट वाली बुर देख कर मेरी लार टपकने लगी थी कुत्ते जैसे और तुम भी तो कुतिया जैसे मेरा लंड चाट रही हो उफ़्फ़फ़ लो मैंने धक्का दे कर पूरा लंड तुम्हारे गले तक पेल दिया है .........


दीदी- हाय्य्य्य प्रतीक मेरे सैयां और चाटो मैं झड़ने वाली हूँ राजा पी लो मेरी बुर का रस ..........


मैंने दीदी के निप्पल पकड़ कर उमेठते हुए उनकी बुर मुह में भर ली और दांतों से काटते हुए चूसने लगा ........ दीदी का बदन और मचलने लगा उन्होंने मेरे बाल कस के मुट्ठी में पकड़ लिया और अपना पूरा वजन डालते हुए मेरे मुह पर बैठ गईं मेरा चेहरा दीदी की गांड़ में दबा हुआ था मैं सांस नही ले पा रहा था ....... पर मैं उनकी चूत चूस रहा था जी जान से .........

प्रतीक- aaahhhh रानी झड़ जा मेरे मुह में पी जाऊंगा तेरी बुर का सारा रस aaahhhhh ले रानी मैं भी झड़ रहा हूँ चूस ले मेरे लौड़े का पानी कुतिया साली पी जा ........ aaahhhhh उफ़्फ़फ़ ........ बहोत गरम लौंडिया है तू और एकदम बेशर्म भी ........ ठीक वैसी जैसी मैं चाहता था .........

दीदी- हां राजा पी रही हूं चूस रही तेरे लौड़े की मलाई उफ़्फ़फ़ कितना सारा है मेरा तो पूरा मुह भर गया तेरे रस से जानू .......,(दीदी नशे और उत्तेजना में तू तड़ाक पर उतर आयी थीं) ले राजा मैं भी आगयी तेरे मुह में aahhhhh बह गई रे मेरी रण्डी चूत पी ले चूस ले चाट के बुर का पानी उफ़्फ़फ़ ...........

और इसी के साथ दीदी फलफला कर झड़ने लगी मेरे मुह में इतनी गरम बातें सुन कर और दीदी की बुर का रस पी कर मेरी भी हालत खराब हो रही थी और मैं भी झड़ना चाहता था .........., दीदी झड़ कर भी मेरा मुह चूतड़ों से दबाए बैठी थी और मुझे लगा मैं अब मर ही जाऊंगा और मैंने पूरी ताकत से दीदी को अपने ऊपर से धकेला और हांफते हुए गहरी सांस लेने लगा ........

उधर दीदी और प्रतीक की सांसे भी मेरे कान में गूंज रही थी ...... कुछ सेकेंड्स में हम तीनों की सांसे सामान्य हुई और मैंने दीदी के देखते हुए अपने लंड की ओर इशारा कर के उनके हाथ जोड़ते हुए कुछ करने को कहा मेरी हालत देख कर दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर मसलते हुए कहा प्रतीक मैं 5 मिनट में बाथरूम हो के आती हूँ फिर कॉल करती हूं ........ प्रतीक बोला ok जान तब तक मैं खुद को साफ कर लूं कुछ बूंदे तो मेरे चेहरे पर भी गिरी हैं .......

दीदी ने फोन काट दिया और उठ कर मुझ पर टूट पड़ी और एकदम से मेरी टांगों के बीच लेट कर मेरे लंड पर थूक दिया ....... आज दीदी का रवैया एकदम किसी पोर्न स्टार की तरह था और मुझे भी उनका ये नया रूप अच्छा लग रहा था ....... उनका थूक मेरे सुपाड़े से बहता हुआ नीचे आ रहा था और दीदी ने किसी कुतिया जैसे उसे जीभ निकाल कर चाट लिया और उन्होंने दो तीन बार यही हरकत की और मेरा लंड उनके थूक से लिबलिबा हो कर चमकने लगा फिर उन्होंने मेरे आंड़ मुह में भर कर चूसते हुए मेरे थूक से भीगे लंड को पूरी तेजी से मुठियाते हुए सड़का मारना शुरू कर दिया और बोली aaahhh विकी अब तू भी झड़ जा ना अपनी दीदी के मुह में पिला दे मुझे अपना रस मेरे राजा ......, मेरा बदन अकड़ने लगा और मैं भी आहें भरने लगा और तभी दीदी ने अपनी जीभ आंड़ से फिराते हुए मेरी गांड़ के छेद को चाटना शुरू कर दिया मेरे बदन में बिजली सी कौंध गयी और बस एक मिनट उनके गांड़ चाटने के बाद ही मेरे लंड से पहली धार फूट पड़ी जो सीधा उनकी मांग में जा गिरी ऐसा लग रहा था किसी ने सिंदूर की जगह वीर्य से उनकी मांग भर दी हो .......

सर पर वीर्य की धार गिरते ही उन्होंने गांड़ से मुह हटा कर जल्दी से लंड को मुह में दबोच लिया और हाथो से निचोड़ते हुए बाकी का सारा माल अपने मुह में भरती चली गईं आखिरी बून्द तक निचोड़ कर चूसने के बाद उन्होंने लंड से मुह हटाया और उनके होंठो के किनारे से मलाई जैसे गाढ़े माल की कुछ बूंदे उनकी चिन से बहती हुई मेरी जांघ पर टपक गई ........

दीदी ने जल्दी से एक घूंट भर कर अपने मुह में भरा मेरा वीर्य निगला और फिर मेरी जांघ पर गिरी बूंदों को भी जीभ से चाटने लगी ......., और फिर उनकी आंखों में ऐसी चमक थी जैसे किसी बिल्ली को भर पेट मलाई खाने को मिल गयी हो .......।
ओहो मार ही डालोगे।
 

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हमारी कार तेज गति से हाइवे पर दौड़ती चली जा रही रही शाम के साढ़े 5 बज रहे थे हल्का धुंधलका होने लगा था ...... और तभी सड़क के किनारे वो जगह आ गयी जहां उस रात हम दोनों डॉक बंगले में रुके थे मैंने कार की गति धीमी कर ली ...... और डॉक बंगले तक पहुंचते पहुंचते कार रोक दी ...... दीदी ने पूछा क्या हुआ जान क्यों रुक गए ......

मैंने कहा पता नही क्यों पर ये जगह हमेशा याद रहेगी हमारा पहला मिलन ...... दीदी ने मेरे गाल को चूम कर कहा अगर चाहो तो आज की रात भी यहीं गुजार लेते हैं सुबह घर चलेंगे ...... मैंने कहा नही घर पर भी काम फैला पड़ा है और मम्मी पापा परेशान होंगे ....... (मेरे लिए हमेशा सेक्स पहली प्रथमिकता नही रहा , सेक्स में रुचि है पसन्द है पर मैं कभी सेक्स में अंधा नही हुआ सोच समझ कर निर्णय लेना मेरी आदत में है)

दीदी बोली ok जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर ये जगह अच्छी है कभी फिर मौका मिला तो मैं तुम्हारे साथ यहां रात गुजारना चाहूंगी ....... मैंने कार आगे बढ़ाते हुए कहा ...... मैं भी कभी ना कभी एक रात जरूर अपनी दोनो बीवियों के साथ इस डॉक बंगले में गुजारूँगा ....... दीदी बोली फिलहाल तो आज रात घर पहुंच कर मुझे अपने पति की जी भर के सेवा करनी है दो दिन से तुम कैसे बर्दाश्त कर रहे होंगे मै समझती हूं ......

मैंने हंस कर कहा आज रात मैं भी कोई रहम नही करने वाला तुम पर मेरी जान ..... दीदी बोली करना भी मत राजा तुम्हारी बेरहमी भी मज़े देती है मुझे ....... मैंने कहा अच्छा ये बताओ यार पहले तो तुमने कहा था कि प्रतीक से शादी से पहले सेक्स नही करोगी ....... फिर अचानक से तैयार कैसे हो गयी ....... दीदी मुस्कुरा कर बोली इसके पीछे भी एक वजह है ...... मैंने कहा कैसी वजह ......?

वो बोली तुमने दो बार मुझे चोदा और मेरी बुर में झड़े हो मान लो अगर मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो दुनिया को क्या बोलूंगी किस का बच्चा है ये ...... औए सच कहूं मैं अपना पहला बच्चा तुमसे ही चाहती हूं जान ...... तुम्हारा अंश हम दोनों के प्यार की निशानी ....... इसलिए मैंने प्रतीक से भी सेक्स किया पर मैंने बड़ी चालाकी से उसके झड़ते समय उसका लंड बाहर निकाल दिया लेकिन अगर मैं प्रेग्नेंट हुई तो प्रतीक के साथ की गई चुदाई का बहाना मार दूंगी ......

दीदी की बात सुन कर मैं अंदर तक हिल गया ....... इतना प्यार वो अपना पहला बच्चा भी मुझसे चाहती हैं ...... उनकी इस बात पर मेरा दिल भर आया ....... और मैंने उन्हें बांह से पकड़ कर अपनी ओर खींच कर अपने सीने से लगा लिया ....... ऊऊम्म्म्म्म लव यू सो मच निक्की ...... उनके माथे को चूम लिया मैंने .......

दीदी ने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दीं और मेरे सीने से लग गईं ........ अगला एक घंटे का सफर हमने एक दूसरे को चूमते सहलाते दुलार करते तय किया और जब कार शहर में एंटर हुई तो दीदी अलग हो कर आराम से बैठ गईं........ हम बस घर पहुंचने वाले थे कि दीदी बोली विकी अब तो बिना पिए सेक्स का मज़ा फीका सा लगता है ...... ले लो ना ......

और मैंने कार एक बियर शॉप के सामने रोकी और 4 बियर ले कर आ गया ...... फिर हम घर पहुंचे 8 बज चुके थे मम्मी पापा ड्राइंग रूम में ही मिल गए हम वहीं जम गए फिर घण्टे भर तक ढेर सारी बातें ...... मम्मी पापा लखनऊ की एक एक बात पूछते रहे और दीदी मज़े से उनको सारे किस्से सुनाती रहीं ....... साथ ही दीदी उन सब की बड़ी तारीफ कर रही थीं ....... आखिर में मम्मी बोली हमारी बेटी बड़ी भाग्यशाली है जो इतना अच्छा घर परिवार और पति मिला उससे ...... और दीदी मेरी ओर देख कर मुस्कुरा कर बोली सही कहा मम्मी ...... मेरा पति बड़ा प्यारा है .......

फिर मम्मी बोली चलो अच्छा तुम दोनो जल्दी से खाना खा कर आराम करो थके होगे सफर से ..... और उन्होंने फटाफट खाना लगा दिया ..... हमने खाना खाया और अपना बैग ले कर ऊपर आ गए ...... मैं तो कमरे में आ कर सीधा बाथरूम में घुस गया दीदी भी अपने कमरे में चली गईं ......

मैंने नहा कर सिर्फ एक टॉवल लपेट लिया और कमरे में आ के एक बियर खोल ली ...... कोई 20 मिनट बाद दीदी भी कमरे में आ गईं ....... उन्होंने भी नहा कर एक नाइटी पहन ली थी ....... और उनकी चुचियों की हलचल बता रही थी कि नाइटी के अंदर वो नंगी हैं ....... कमरे में आ कर उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया और मेज़ पर रखी बियर में से एक कैन खोलते हुए सीधा बेड पर चढ़ कर मेरी गोद मे बैठ गईं .....

टॉवल के अंदर मेरा लंड दीदी के नरम चूतड़ों का अहसास करके सर उठाने लगा और जल्दी ही दीदी की गांड़ में ठोकर मारने लगा ....... दीदी ने एक हाथ नीचे ला के टॉवल के ऊपर से लंड को पकड़ते हुए कहा कितनी जल्दी कड़ा हो जाता है मैंने कहा मेरी बीवी है ही इतनी सेक्सी की देखते ही लंड चुदाई को तैयार हो जाता है ......

दीदी ने लंबे लंबे घूंट मारते हुए 5 मिनट में कैन खाली कर दी और मेरी गोद से उठ कर सामने खड़ी हो गईं और बोली आज तो बड़ी मस्ती चढ़ रही है मुझे ...... जानू आज मुझे चोद चोद के मेरी बुर की सारी मस्ती निकाल दो ....... ये कहते हुए उन्होंने अपनी नाइटी खोल कर एक ओर फेंक दी और एकदम नंगी हो कर अपनी झांटो भरी बुर को सहलाने लगी ........ ये दृश्य देख कर मेरे बदन का तापमान बढ़ने लगा और मैंने अपने घुटनों पर बैठ कर दीदी के चूतड़ों को मुट्ठी में भरते हुए अपने होंठ दीदी की झांटो पर रगड़ने शुरू कर दिए ....... दीदी ने मेरे सर के बालों को सहलाते हुए अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और मेरा मुह अपनी चूत पर दबाते हुए सिसिया कर बोली ........ aaaahhhhh विकी तुम्हे अपनी बीवी की बुर का स्वाद बहोत पसन्द है ना ....... मैंने कहा हां मेरी जान जी करता है बस जीभ डाल कर चूसता ही रहूं अपनी सेक्सी बीवी की रसीली बुर और अपनी जीभ से बुर के दाने को चाटने लगा ....... दीदी ने अपनी गांड़ को पुश करते हुए बुर को मेरे पूरे चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया और उनकी बुर का चिपचिपा रस मेरे थूक के साथ मेरे चेहरे को गीला करने लगा ......... दीदी का ये कामुक रूप मुझे पसन्द आ रहा था ....... और मैंने अपने हाथों की उंगलियां उनके नरम चूतड़ों में धँसाते हुए सख्ती से उनकी गांड़ को थाम कर उनकी कमर को स्थिर करते हुए अपनी पूरी जीभ उनकी गीली गर्म रस से भरी बुर में अंदर तक घुसा दी और रगड़ रगड़ कर चाटने लगा ....... दीदी सिसक उठीं और अपने हाथों से अपनी नंगी चुचियाँ सहलाते हुए बोली aaahhhh जानू काश इस वक़्त श्वेता भी साथ होती तो वो मेरे निप्पल चूसती और मज़ा आ जाता मुझे .........

दीदी की बात सुन कर मैंने उनकी पूरी बुर अपने मुह में भर कर उनकी बुर को पीना शुरू कर दिया और दीदी की टाँगे कांपने लगी ........ मैंने उनकी बुर को मुह से आज़ाद कर दिया और उनकी आंखों में देखते हुए कहा घूम जाओ मेरी जान ....... दीदी घूम गयीं अपनी उभरी हुई मस्त गांड़ मेरे सामने कर के वो थोड़ा सा झुक कर अपने पैर फैला कर अपने हाथ से अपने चूतड़ों को फैला कर बोली गांड़ चाटनी है ना मेरी जान को ....... मैंने कहा हां रानी सब पता है तुम्हे और मैंने अपना मुह दीदी की गांड़ में घुसा कर उनकी गांड़ की गहरी दरार को ऊपर से नीचे तक चाटते हुए गीला कर दिया और आखिर में उनकी गांड़ के छेद को चूसते हुए जीभ से कुरेदने लगा .........


दीदी अपनी गांड़ को शेक करते हुए बोली aaaahhhhhh जानू कितना सुख दे रहे हो तुम अपनी पत्नी को ऐसे ही चाटो राजाजी रगड़ के चाटो अपनी बीवी की गांड़ को ..... और मैं दीवानों जैसे दीदी की गांड़ चाटने लगा ........ कुछ देर बाद दीदी वापस घूम गयीं और झुक कर मेरे होंठो को चूसने लगी ऐसे झुकने से उनकी नंगी चुचियाँ एकदम मेरे सामने लटकने लगी दीदी की लटकी हुई नंगी चुचियों पर नजर पड़ते ही मैंने दोनो हाथ चुचियों पर रख कर उन्हें मुट्ठी में भर लिया और सहलाते हुए दबाने लगा उधर दीदी की जीभ मेरे मुह में दाखिल हो चुकी थी और झुकने की वजह से उनका गाढ़ा मीठा थूक उनकी जीभ से होता हुआ मेरे मुह में आ रहा था दीदी के थूक का स्वाद भी कमाल था मैं उनका थूक चूसते हुए निगल रहा था और हर पल मेरा लंड और गरम होता जा रहा था .........

आखिर मैंने दीदी के दोनो निप्पल चुटकी में पकड़ कर पूरी ताकत से मसलते हुए जोर से उमेठ दिए और दीदी एकदम से चीख पड़ी ..... हाय्य्य्य जालिम धीरे से दर्द होता है उफ़्फ़फ़फ़ ..........


और दीदी ने फौरन मेरे सामने कुतिया जैसे झुक कर मेरे लंड को टॉवल के अंदर से निकाल लिया और नंगे लंड को चूमना शुरू कर दिया वो लंड के एक एक इंच हिस्से को अपने होंठो से रगड़ते हुए चूम रही थीं और फिर लंड को मेरे पेट से चिपका कर नीचे लटक रही गोलियों को जीभ से चाटने लगी ........ कुछ देर तक आंडों को चाटने के बाद उन्होंने मेरी आँखों मे देखते हुए बड़ा सा मुह खोल कर एक साथ दोनो आंड़ मुह में भर लिए और उन्हें चूसते हुए लंड को तेजी से मुठियाने लगी ........

उफ़्फ़फ़फ़ मैं तो एकदम पागल सा हो रहा था ....... मैंने कहा ओहहह मेरी जान तू बहोत मस्त है ....... दीदी मुह से आंड़ निकाल कर बोली बीवी किस की हूँ आखिर ...... और फिर मुह खोल कर सुपाड़े को जीभ फिराते हुए चाटने लगीं और पूरे लंड पर ऊपर से नीचे तक जीभ फिराने लगी मेरे बर्दाश्त से बाहर हो रहा था मैं बस अपना लंड दीदी के किसी गीले गर्म छेद में डाल कर धक्के लगाना चाहता था ..........

मेरे पैर जवाब दे रहे थे और मैं बेड पर लेट गया ....... मेरे लेटते ही दीदी मेरे सीने पर चढ़ गयीं और अपने नंगे मांसल चूतड़ मेरे सीने पर रख कर बैठ गयी मेरे लंड की ओर मुह कर के और झुक कर मेरा लंड मुह में ले लिया ....... झुकने से उनकी गांड़ एकदम खुल कर मेरी आँखों के सामने आ गयी और मैंने गौर से देखा दीदी की गांड़ के छेद के इर्द गिर्द भी कुछ बाल उगे हुए थे वो सीन देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने अपनी मिडल फिंगर को मुह में ले कर चूसा और दीदी के गांड़ के छेद पर रख कर एकदम से पेल दिया दीदी की कसी हुई गांड़ में तेजी से उंगली को अंदर बाहर करते हुए दीदी की गांड़ उंगली से चोदने लगा ........

गांड़ में उंगली घुसते ही दीदी जोर से सिसियाते हुए मेरे लंड पर अपना मुह दबाते हुए लंड को गले मे उतार कर अपना सर हिला हिला कर लंड से अपना मुह चोदने लगी और फिर लंड को मुह से निकाल कर मुह में भरा थूक मेरे लंड पर उगल दिया जो बहता हुआ मेरी गांड़ तक चला गया और फिर से वो लंड को चाटने लगी ......

एक बात तो थी बियर पीने के बाद दीदी बहोत ज्यादा मस्ती में आ जाती थीं और फिर उनको चोदने का मज़ा ही अलग था ......... मैंने दीदी की गांड़ से उंगली निकाली और उंगली मुह में डाल कर चूसने लगा ....... अभी मेरे दिमाग पर भी बस चुदाई का नशा छाया हुआ था और उंगली चूसने के बाद मैं फिर से दीदी की गांड़ के छेद को जीभ फिराते हुए चाटने लगा उम्ममम्महहहह ....... ओहहह मेरी जान क्या लौड़ा चूसती है मेरी बीवी .......

दीदी जीभ की नोक से सुपाड़े के छेद को चाटती हुई बोली इतना मस्त लंड है मेरे पति का जी नही भरता मेरा इसे चूस कर ...... मैंने कहा अब चुदवा ले ना रानी या सारी रात चूसती ही रहेगी ....... दीदी ने एक बार लंड के सुपाड़े को होंठो में दबा कर अच्छे से चूसा और पेशाब की नली में आये हुए प्रीकम को चूस कर उसका स्वाद लेते हुए बोली .......

बड़ा मन कर रहा क्या अपनी बीवी की बुर पेलने का राजा ...... मैंने आहह भरते हुए कहा ....... हां रानी मेरा दिल कर रहा है अपनी बीवी को पटक कर उसकी बुर में लौड़ा पेल के हुमच हुमच कब चोदने का ........ मेरी बात सुन के दीदी मेरे ऊपर से उठी और नीचे उतर कर मेज़ से बियर का एक कैन उठा कर खोल ली और फिर उन्होंने बेड के सिरहाने से एक तकिया खड़ा कर के रख दिया और उस पर पीठ टिका कर अपनी टाँगे फैला कर बैठ गयी . ..... और बोली आओ ना राजा कर लो अपने मन की देखो तुम्हारी बीवी नंगी बैठी है चूत खोल के ........

इतना कह कर वो बियर के घूंट लेने लगी और मैं उनकी टांगो के बीच आ कर घुटनो पर बैठ गया और दीदी की टाँगे उठा कर अपनी नंगी जांघो पर चढ़ा कर अपने लंड का सुपाड़ा दीदी की क्लिट पर चिपका दिया ....... दीदी ने aaahh भरी और मेरी ओर नशीली आंखों से देख कर बोली विकी बहोत गरम है तुम्हारा लंड मेरी जान .........

मैंने एक हाथ से लंड पकड़ कर सुपाड़ा उनकी बुर के दाने पर तेजी से रगड़ते हुए कहा उफ़्फ़फ़ जानू तेरी बुर भी तो एकदम गरम रसीली और चुदासी है मेरी रानी ........
और मैंने दीदी के हाथ से कैन ले कर एक तगड़ा घूंट भरा बियर का ....... अब दीदी नीचे से अपनी गांड़ उठा कर लंड को बुर में लेने की कोशिश कर रही थीं लेकिन मैं हर बार लंड को हिला कर इधर उधर कर देता था ....... 5-7 कोशिशों के बाद भी जब दीदी चूत में लंड नही ले पाईं तो चिढ़ कर बोली बड़ा मजा आता है ना अपनी बीवी को ऐसे तड़पाने में ........ मैंने कहा नही ऐसा नही है पर मुझे तेरी बुर पर लंड रगड़ने में बड़ा मजा आ रहा है ....... दीदी बोली ऐसे ही रगड़ रगड़ के झड ना जाना........

मैंने कहा इतनी जल्दी नही झड़ने वाला मेरी जान फिक्र ना कर ....... मैंने एक और तगड़ा घूंट कर कैन दीदी को दे दी और झुक कर दीदी का एक निप्पल चाटने लगा ...... दीदी ने फौरन अपने हाथ से अपनी चूची पकड़ी और मेरे मुह में ठेलते हुए बोली aahhhhh चूसो जान पूरी चूची मुह में ले लो खा जाओ इसे ...... और मैं मुह में जितनी समा सकती थी उतनी चूची मुह में भर कर पीने लगा ......... नीचे मेरा सुपाड़ा दीदी की पनियाई चिपचिपी बुर के ठीक मुह पर आ कर रुक गया था ....... दीदी मेरे बालो को सहलाते हुए मुट्ठी में भर कर अपनी चूची को और जोर से मेरे मुह में ठेल रही थी और जोर से सिसक रही थीं ........

मैं उत्तेजना से भरता जा रहा था और फिर मैंने दीदी की दूसरी चूची के निप्पल को अंगूठे और उँगलियों के बीच पकड़ कर पूरी ताकत से मसल दीदी और मुह में भरी हुई चूची के निप्पल पर दांत गड़ा कर जोर से काट लिया ....... दीदी काफी जोर से चीख पड़ी और नीचे से अपनी कमर उछाल दी और मेरा लंड दीदी की बुर की दीवारों को फाड़ता हुआ अंदर समा गया ......... आनंद से दीदी की आंखे बड़ी हो गईं और उनका मुह खुल गया .......

अगले ही पल मैने कमर को पीछे खींचते लंड को सुपाड़े तक बुर से बाहर निकाला और फिर निप्पल को उमेठते हुए एक तेज प्रहार किया ....... दीदी आंनद से बेसुध सी हुई आ रही थीं ....... उनकी आंखें बंद हो गईं और वो सिसियाते हुए बड़बड़ाने लगी ....... aaahhhh चोद विकी और तेज धक्के लगा फाड़ दे आज मेरी बुर को ....... पेल दे अपना लौड़ा जड़ तक aaahhhhhh मेरी जान और चोद राजा और ....... मेरी कमर की गति उनके मुह से निकले हर शब्द के साथ बढ़ती गयी और कमरे में थप थप फच्च फच्च की मधुर ध्वनि गूंजने लगी और हम दोनों की आहें और सिसकारियां उस ध्वनि को और मधुर बनाने लगी ....... जल्दी ही दीदी की गांड़ में हरकत होने लगी और वो भी नीचे से अपनी गांड़ उछाल कर लंड को और अंदर लेने की कोशिश करने लगी पर लंड तो पहले ही उनकी बुर के आखिरी छोर पर सर पटक रहा था ........ दीदी ने एकदम से आंखे खोल कर हाथ मे पकड़ी कैन को मुह से लगा कर एक बार मे बची हुई बियर गटकी और खाली कैन फेंकते हुए मेरी गर्दन में हाथ डाल कर ऊपर सर उठाते हुए मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया ....... और मैंने भी दीदी की गर्दन दोनो हाथो से पकड़ कर जनक होंठ और जीभ चूसते हुए फुल स्पीड ने अपने घोड़े यानी लौड़े को उनकी चूत रूपी मैदान में दौड़ाना शुरू कर दिया ........

दीदी की आहें प्रतिपल तेज होती जा रही थीं उनका बदन कांपने लगा ....... और उनके गले से एक किलकारी निकली ...... aaahhhhh my love मैं गयी रे विकी झड़ गयी तेरी दीदी की बुर ले राजा पी ले दीदी की बुर का पानी अपने लौड़े को पिला दे मेरी बुर का रस aaahhhhhhh ssssssseeeeeee ......... और उनकी कमर को झटके से लगने लगे ....... और उनका बदन कमान की तरह तन गया ........

मैंने धक्कों की गति कम कर दी पर रुका नही ....... दीदी की बुर इतनी गीली हो चुकी थी कि लंड बड़े आराम से फिसल कर अंदर जा रहा था ....... कुछ पल बाद दीदी ने बंद आंखे खोल कर मेरी ओर देखा उनकी आंखें इतनी लाल और नशीली हो रही थीं कि मुझे लगा उन्होने दारू की पूरी बोतल चढ़ा रखी हो ........ और मुझे ख्याल आया जब दो बियर पी कर दीदी इतनी मस्त और बेशर्म हो जाती हैं तो दारू पी के तो ये पूरी रण्डी ही बन जाएंगी ........

और ये सोच कर ही मेरे लंड ने एक ठुमकी मारी दीदी की बुर के अंदर और उसे महसूस कर के दीदी ने भी अपनी बुर सिकोड़ कर मेरे लंड को अपनी बुर से पकड़ सा लिया ......... दीदी ने बड़े प्यार से मेरी ओर देखते हुए अपना मुह खोल कर जीभ बाहर निकाल दी और मैं बस उनकी बुर में लंड घुसाये हुए उनकी आंखों में देखने लगा और फिर झुक कर उनकी जीभ चाट ली ........ दीदी ने कहा जानू ......

अब गांड़ का भी नंबर लगा दो ना ...... मैंने मुस्कुरा कर कहा आज सारे छेद एक साथ चुदवाने की इच्छा है क्या दीदी बोली मेरी इच्छा तो एक साथ चूत और गांड़ मरवाने की है लेकिन वो इच्छा दूसरी शादी के बाद ही पूरी होगी जब मेरे दोनो पति एक साथ मुझे अपने लौड़ो का मज़ा देंगे फिलहाल तो बारी बारी ही सही ..........

दीदी की बार सुन कर मैंने उनकी बुर से लंड निकाला और जल्दी से झुक कर उनकी गीली रस बहाती हुई बुर को मुह में भर लिया और जोर से चूसने लगा कोई डेढ़ दो चम्मच गाढ़ा गाढ़ा गर्म सा जूस मेरे मुह में आ गया जिसका स्वाद बेमिसाल था ....... मैं उसे मुह में लिए फिर से पोजिशन में आया और एक तकिया दीदी की कमर के नीचे डाल दिया दीदी ने अपने हाथों पर उचक कर गांड़ ऊपर उठा दी तकिए पर चूतड़ रख कर टाँगे फैला दी ........ मैंने अपनी मिडल फिंगर से गांड़ के छेद को सहलाया वो नन्हा सा छेद बुर के रस से एकदम भीगा हुआ था और मैंने बड़े आराम से उंगली दीदी की गांड़ में सरका दी और गोल गोल घुमाने लगा ......

और फिर मैने उंगली को दीदी की गांड़ से निकाल कर अपना सुपाड़ा गांड़ के छेद पर रख दिया और कमर का दबाव डालते हुए मोटे सुपाड़े को गांड़ के छल्ले में फंसा कर रुक गया दीदी का बदन सिहर गया ....... और मैंने दीदी की गांड़ से निकाली हुई उंगली को उनके होंठो पर रगड़ दिया दीदी ने अपनी जीभ निकाली और मेरी उंगली चाटने लगी और मैंने उंगली उनके मुह में ही डाल दी .......

वो मज़े से मेरी उंगली चूसने लगी ....... और मैंने कमर का दबाव बढ़ाते हुए लंड उनकी गांड़ में पेलना शुरू कर दिया ....... कोई 5 इंच लंड गांड़ में सरका कर मैं रुक गया और दीदी ने एक गहरी सांस ली ....... मेरे मुह में अभी भी दीदी की बुर का रस भरा हुआ था जिसमे मेरा थूक मिक्स होता जा रहा था........

और मैंने लंड को हल्का सा खींच के एक तेज धक्का दिया और पूरा लंड की गांड़ में समा गया दीदी एकदम से गनगना गयी दर्द और मस्ती की लहर में उनका मुह एक बार फिर से खुल गया ...... और मैंने अपने मुह में भरा उनकी बुर के रस और थूक का मिक्स्चर उनके खुले हुए मुह में टपकाते हुए ....... धीरे धीरे लंड के धक्के लगाने शुरू कर दिए ....... मुह में कुछ टपकने के अहसास होते ही दीदी ने आंखे खोल कर मेरी ओर देखा और मुझे अपने मुह में थूकता देख उन्होंने जीभ बाहर निकाल दी ........

मैं उनकी जीभ पर थूक टपकाते हुए उनकी गांड़ में कस कस के धक्के लगाने लगा और फिर मैंने दीदी का मुह एक हाथ से दबा लिया और तेजी से लंड पेलने लगा दीदी की गांड़ में दीदी के मुह में मेरे मुह से टपका थूक और बुर का पानी भरा हुआ था उनके गलेसे अजीब सी आवाज़ें आ रही थी और मैं पागलों जैसे उनकी गांड़ चोदे जा रहा था ..........

आखिर दीदी ने अपने मुह में जमा तरल को निगल कर गले से नीचे उतारा और मेरा हाथ अपने मुह से हटा कर तेजी से सांस लेने लगी और मैं पूरी ताकत से अपना लंड उनकी गांड़ में पेलते हुए दीदी को चोदने लगा ........ aaahhhhh मेरी जान ले चुद ले बहन की लौड़ी उफ़्फ़फ़फ़ कितनी गरम माल है मेरी बीवी ...... साली मक्खन जैसी गांड़ है तेरी ....... फाड़ दूंगा आज चोद चोद के .........

5 मिनट तक ऐसे दीदी को पेलने के बाद मेरे आंड़ सिकुड़ने लगे और मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने एकदम से लंड बाहर खींच लिया ....... दीदी ने आश्चर्य से मेरी देखा ......., और मैंने लंड को सहलाते हुए कहा कुतिया बन जा ...... दीदी फुर्ती से उठी और अपना सर तकिए पर रख कर गांड़ उठा कर अपने हाथों से गांड़ फैला कर बोली come on जानू तेरी कुतिया रेडी है गांड़ खोल कर मार ले अपनी कुतिया की गांड़ चोद ले राजा फिर ना कहना दीदी चुदती नही है .......

मैं एक हाथ से लंड मुठियाते हुए दीदी के पीछे आया और दीदी के चूतड़ को सहला कर एक थप्पड़ पूरी ताकत से दीदी के गोर चूतड़ पर लगा दिया ......., चटाक की आवाज़ गूंजी और दीदी का चूतड़ थरथरा कर हिल गया ....... और दीदी सिसक कर बोली हाय्य्य्य राजा ऐसे ही ....... एक और मार ना प्लीज जानू दूसरे वाले पर भी ....... और इस बार मैंने दुगनी ताकत से दूसरे चूतड़ पर भी थप्पड़ लगा दिया .......

दीदी चीख पड़ी ......., दर्द से बिलख उठी मगर उन्होंने दर्द को पीते हुए कहा aaahhhhh जान लव यू बेबी ...... अब लंड पेल दो मेरी गरम गांड़ में और मैंने सुपाड़ा गांड़ पर टिका कर दीदी के बालों को मुट्ठी में पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए एक तेज धक्के के साथ पूरा लंड दीदी की गांड़ में पेल दिया और उन्हें कुतिया जैसे चोदने लगा ........ aaahhhhh ले मेरी रानी मेरी बीवी मेरी दीदी ख़ा लौड़ा साली चुद ले बुझा ले अपनी बुर की प्यास aaahhhhhh कुतिया ....... दीदी अपनी गांड़ लंड पर दबाते हुए धक्के खाते हुए चुद रही थीं और उन्होंने एक हाथ टांगों के बीच घुसा कर ......., अपनी बुर को रगड़ना शुरू कर दिया .........

मेरे धक्कों की गति बढ़ती जा रही थी और दीदी ने अब दो उंगलियां चूत में डाल ली थीं और वो उंगली से अपनी चूत चोदते हुए एक साथ डबल पेनरेशन का मज़ा लेने में डूबी थीं ......... वो बोली हाय्य्य्य जब उंगली और लंड इतना मज़ा दे रहा है तो जब एक साथ दोनो छेदों में लंड जाएगा तो मैं मर ना जाऊं मज़े से ....... aaahhhhh उफ़्फ़फ़फ़ विकी मेरी जान मेरे शोना aaahhhhh गयी तेरी दीदी फिर से और एक बार फिर से दीदी की बुर से रस छलक उठा ...... मैं भी एकदम से झड़ने की कगार पर था मैंने चूतड़ों को टाइट कर के पूरी रफ्तार से गांड़ में लंड पेलना शुरू किया और दीदी भी समझ गयी मैं झड़ने वाला हूँ वो बोली हां राजा ऐसे ही ठोकते रहो मेरी गांड़ में और भर दो मेरी गांड़ को अपने बीज से aaahhhh जानू और मैं एकदम से दीदी की पीठ से लिपट गया और जड़ तक लंड पेल कर अपना वीर्य उगलने लगा उनकी गर्म गांड़ के अंदर aaahhhhhhh मेरे मुह से बस आहें निकल रही थी और मैं एक के बाद एक पिचकारियां मारता रहा दीदी की गांड़ में ........ और फिर मैं वैसे ही दीदी की पीठ पर पसर सा गया मेरा मन नही कर रहा था उनकी गांड़ से लंड निकालने का ........

दीदी भी बस धीरे से पैर सीधे कर के पेट के बल लेट गयीं करवट लेकर और मैं पीछे से उनकी गांड़ में लंड डाले हुए उनसे चिपक कर कब सो गया मुझे भी नही पता चला .......।
भगवान ऐसी बहन सबको दे।
 

Sis lover

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धन्यवाद भाई बदलाव किए भी नही हैं शुरू में एक दो बार पाठकों की मांग के अनुसार बदलाव किए लेकिन फिर मुझे ही लगने लगा ऐसे तो कहानी का कबाड़ा हो जाएगा इसलिए अब अपने हिसाब से ही लिख रहा हूँ 🙏
भाई आप जो लिख रहे हो बहुत अच्छा लिख रहे हो अपने हिसाब से लिखते रहो।
 
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