कुछ देर की खामोशी के बाद मेरे कानों में कुछ खटपट की आवाज़ें आयी और फिर ......... और फिर कपड़ो की हल्की सरसराहट ....... मैंने एक नजर घड़ी पर डाली रात के 10 बज रहे थे ......
तभी मेरे कानों में दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी और प्रतीक इस कमरे में दाखिल हुए अंधेरा देख कर उन्होंने मुझे आवाज़ दी और बोले विकास सो गए क्या मैंने कोई प्रतिक्रिया नही दी और फिर वो दरवाजा बंद कर के बाहर चले गए ........
दो मिनट बाद मैंने उठ कर जल्दी से बैग से अपने वायरलेस इयर बड्स निकाले और उन्हें कनेक्ट कर के एक कान में बड डाला और धीरे से रूम का दरवाजा खोल कर झांका बाहर गैलेरी में सन्नाटा था और मैं बाहर आ गया एक बार गैलेरी के दूसरे सिरे पर बनी सीढ़ियों तक गया और हर कमरे के दरवाजे पर नजर डाली कुल 12 कमरे थे 6-6 दोनो ओर एक दूसरे के सामने और हमारा कमरा आखिरी छोर पर था ।
इन 12 में से 8 कमरे खाली थे दो हमारे थे और दो अन्य बुक थे मैंने दीवार पर लगे हुए स्विच बोर्ड के बटन दबाने शुरू किए और गैलेरी की एक लाइट छोड़ कर जो सीढ़ियों वाले सिरे पर जल रही थी बाकी सब ऑफ कर दी और गैलेरी में लगभग अंधेरा हो गया और मैंने नीचे बैठ कर प्रतीक और नेहा के कमरे के दरवाजे के की होल पर आंख लगा दी छोटा सा कमरा था .......
सामने बाथरूम का दरवाजा नजर आ रहा था ......... नेहा बेड के पास खड़ी अपनी जीन्स उतार रही थी फिर उसने अपना टॉप भी निकाल दिया और ब्रा से फोन निकाल के उसे अजीब सी नजरों से देखा और फिर तकिए के नीचे छुपा दिया और बेड पर लेट गयी फिर उसने ब्रा को उपर सरका कर अपनी दूध जैसी गोरी चुचियाँ बाहर निकाल ली वाकई नेहा बेहद खूबसूरत थी हद से ज्यादा मुझे एक बार अफसोस हुआ कि मैने उसकी बात क्यों नही मान ली ........
उसके निप्पल किसी किसमिस के दाने जैसे लग रहे थे गुलाबी बादामी रंग के उसने एक हाथ से अपनी चुचियों को सहलाया आए दूसरा हाथ अपनी पैंटी में घुसा कर अपनी सैकड़ों बार चुदी हुई चूत सहलाने लगी ....... (आखिर अब उसे वो काम करना था जो उसका काम था जिसमे वो एक्सपर्ट थी)
कुछ मिनट तक वो ऐसे ही अपने अधंनगे बदन से खेलती रही और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और प्रतीक बाहर आया उसने एक बड़ा तौलिया लपेटा हुआ था ...... पर उसमे उसका खड़ा और बड़ा लंड साफ उभरा हुआ नजर आ रहा था ........
नेहा को यूं अधनंगी लेटी देख कर उसने फौरन अपने लंड को सहलाया और बोला अरे श्वेता तुम यहाँ क्या कर रही कान में लगे हुए बड में मुझे उसकी धीमी लेकिन साफ आवाज़ सुनाई दी .......
प्रतीक की आवाज़ सुनते ही नेहा ने आंख खोल कर उसे देखा और चौंकने और घबराने की शानदार एक्टिंग करते हुए अपनी चुचियाँ हांथो से ढक ली पर लड़की की नंगी चुचियाँ ढकने में कपड़े भी असफल हो जाते हैं तो हाथो की क्या बिसात ........
नेहा ने फिर भी अपनी चुचियाँ छिपाते हुए कहा भैया आप कब आये आज आफिस नही गए क्या .......
प्रतीक ने जैसे ही नेहा के मुह से भैया सुना उसका लंड तौलिए के अंदर उछल कूद करने लगा ........
उसने कहा आज तो मैं आफिस गया ही नही छुट्टी है मेरी लेकिन तुम आज मेरे रूम में कैसे श्वेता.....?
नेहा बोली...... भैया मैं तो रोज ही स्कूल से आ कर आपके कमरे में ही सोती हूँ यहां शांति रहती है आप तो शाम को 6 के बाद ही आते हो इसलिए मैं यहीं आ कर सो जाती हूँ लेकिन मुझे क्या पता आप आज आफिस नही गए हो .......
प्रतीक ने अपना खड़ा लंड तौलिए के ऊपर से मसला और बोला ...... तुम रोज ऐसे ही सोती हो श्वेता जैसे आज सोई हुई थी .......
नेहा ने कहा हां भैया ...... दिन भर ब्रा में कसे हुए दर्द करने लगती हैं इसलिए यहां आते ही कपड़े निकाल देती हूं क्योंकि यहां तो कोई आता ही नही .......
प्रतीक ने कहा सही करती हो मैं भी तो कमरे में आते ही सारे कपड़े निकाल देता हूं सिवा इस तौलिए के ....... और मुस्कुराते हुए बेड पर बैठ गया .......
नेहा ने उठ कर बैठते हुए अपना टॉप पहनने की कोशिश की तो प्रतीक ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला जैसे आराम मिले वैसे रहना चाहिए श्वेता ...... तुम ये ब्रा भी निकाल दो और आराम से बैठो ......
नेहा ने शर्माने की शानदार अभिनय करते हुए कहा ...... हाय भैया आपके सामने शर्म आएगी ना ब्रा उतारने में ........ और अपना मुह हाथो में छिपा लिया .........
प्रतीक बोला तो क्या हुआ मैं तो घर का हूँ ना तुम्हारा बड़ा भाई मैं थोड़े किसी को बताने जा रहा कि मेरी जवान बहन नंगी सोती है अपने भैया के कमरे में ...... और सच तो यही है कि नंगे सोने का अपना ही अलग मज़ा है...........
नेहा बोली ....... लेकिन भैया मुझे तो शर्म आती है आपसे ....... और उसने अपनी आंखों से हाथ हटा के प्रतीक की ओर देखा .........
प्रतीक ने कहा अच्छा एक काम करते हैं आज हम दोनों भाई बहन नंगे हो के सोते हैं मम्मी भी घर पर नही हैं और शाम तक ही आएंगी ....... रही तुम्हारी शर्म की बात तो उसके लिए तुम्हे थोड़ा सा बेशर्म बनना पडेगा मेरी तरह ....... ये कहते हुए प्रतीक ने अपना टॉवल सामने की ओर से खोल दिया और उसका लंड ...... क्या गज्जब लंड था वो 8 इंच का एकदम मोटे आलू जैसा सुपाड़ा गोरा लंड उपर से नीचे तक मोटी मोटी नसें उभरी हुई ........
प्रतीक ने लंड पर हाथ फिराते हुए कहा अब तो ठीक है ना भाई भी नंगा बहन भी नंगी ........ और प्रतीक बेड पर सीधा लेट गया ...... उसका खड़ा खूंटे जैसा लौड़ा झटके लेता हुआ बड़ा खतरनाक और आकर्षक लग रहा था .......
मैं सोचने लगा आज तो नेहा की चूत की खैर नही ....... और फिर मुझे याद निकिता दीदी भी तो इसी मस्त लंड से चुदेंगी और ये याद आते ही मेरा लंड भी झटके लेने लगा ..........
नेहा ने बड़े गौर से प्रतीक का लंड देखा और बोली हाय भैया ये क्या है आपकी लुल्ली धत्त भैया आपको शर्म नही आती अपनी जवान बहन के सामने नंगे होने में और भैया ये इतनी लंबी और बड़ी कैसे हो गयी ........
प्रतीक बोला ये लुल्ली नही लौड़ा है श्वेता और ये बड़ा इसलिए हुआ है क्यों कि इसने तुम्हे नंगी देख लिया है पर तुम उसकी चिंता ना करो ये दिन मे कई बार बड़ा छोटा होता रहता है........
तुम भी लेट जाओ ना...... और नेहा भी प्रतीक के बगल में सीधी लेट गयी ...... प्रतीक ने नेहा की ओर करवट ली ....... और बोला श्वेता भैया तो नंगे हो गए पर तुमने अभी तक कपड़े पहने हुए हैं .......
नेहा बोली उफ़्फ़फ़ भैया एकदम नंगी हो जाऊं क्या आपके सामने ...... प्रतीक बोला और क्या हो जाओ ना......नेहा बोली यानी का आपका भी मन करता है अपनी बहन को नंगी देखने का ...... उफ़्फ़फ़ भैया आप कितने बेशर्म हो ...... अपनी बहन को नंगी देख के कौन अपना लंड बड़ा करता है .......
प्रतीक बोला मुझे लगता हर भाई का लंड खड़ा हो जाएगा आगर उसकी बहन उसके सामने नंगी हो तो ....... अब जल्दी से नंगी हो जाओ श्वेता या फिर मैं ही तुम्हे नंगी कर दूं .........
नेहा ...... थोड़ा घबराते हुए बोली नही नही आप मत करो मैं खुद ही हो जाती हूँ ....... और फिर नेहा बेड पर ही खड़ी हो गयी और अपने हाथ पीछे ले जा कर ब्रा के हुक खोल दिये और उसे अपने जिस्म से निकाल कर फेंक दिया और फिर अपनी तन कर खड़ी सफेद सुडौल चुचियाँ हाथ से सहला कर बोली भैया मैं नंगी होती हूँ तो हवा लगने से मेरे ये बड़े हो जाते हैं.........
प्रतीक बोले हर लड़की के साथ ये होता है इसमे कोई नही बात नही लेकिन तुम्हे इसका नाम नही मालूम क्या ...... नेहा बोली मालूम है ना इसे चूची कहते हैं भैया .......
प्रतीक बोला हां इसे चूची कहते हैं लेकिन ये जो खड़े होते हैं इसे क्या कहते हैं नेहा बोली इसे तो निप्पल कहते हैं प्रतीक बोले वेरी गुड तुम तो सब जानती हो ...... नेहा बोली कहाँ भैया सब कहाँ जानती हो ...... प्रतीक ने लंड को धीरे धीरे सहलाते हुए कहा ok जो नही जानती हो मैं बता दूंगा ना ...... लेकिन पहले पूरी नंगी तो हो जाओ तुम ......
नेहा ने इठलाते हुए अपनी पेंटी थोड़ी सी सरकाई उसकी चुत का एकदम ऊपरी हिस्सा नजर आने लगा ...... प्रतीक की आंखों में चमक बढ़ गयी ........
वो प्यासी नजरो से नेहा का नंगा सपाट पेट उसकी गहरी नाभि और उसकी चिकनी मुलायम टांगो और मोटी गदराई जांघो को देखते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगे ........... और बोले श्वेता जल्दी से नंगी हो ना ....... और नेहा थोड़ा सा शर्माते और मुस्कुराते हुए बोली aaahhh भैया बहन को नंगी देखने के लिए इतना क्यों तड़प रहे हो ........
प्रतीक बोले ......... क्यों कि ना जाने कब से तरस रहा था मैं तुम्हे नंगी देखने के लिए........ सारा दिन तेरी ब्रा में कसे चूचे और लैगी या जीन्स में फंसे हुए तेरी गदराई गांड़ देख देख कर मेरा लंड तड़पता रहता था जब तुम झुक कर झाड़ू या खड़े खड़े झाड़ू लगाती थी तो रोज सुबह तुम्हारी फूली हुई मस्त चुंचिया मेरे लंड को सख्त कर देती थी ........ और जब झुक कर पोंछा लगाती थी तो तुम्हारी उभरी हुई फूली और मोटी गांड़ देख कर मेरे लंड और मुह में पानी आ जाता था ....... फिर अक्सर मैं बाथरूम में तेरी उतारी हुई पैंटी और ब्रा सूंघ कर और चाट कर लंड को शान्त करता था ........और मेरी बड़ी चाहत थी अपनी बहन को नंगी देखने जो आज जा के पूरी हुई ..........
लेकिन तुम पता नही क्यों मुझे इतना तड़पा रही है और जल्दी से नंगी नही हो रही .......
नेहा ने फिर से इठलाते हुए अपनी गांड़ और कमर मटकाई और बोली हाय भैया मैं आपकी बहन हूँ शर्म आती है आपके सामने नंगी होने में ...... मैं एक काम करती हूं दूसरी ओर घूम कर नंगी हो जाती हूँ और नेहा बड़ी चालाकी से अपनी गांड़ प्रतीक की ओर घुमा कर खड़ी हो गयी ......
नेहा ने एक बार मुड़ के प्रतीक की ओर देखा प्रतीक किसी भूखे कुत्ते जैसा नेहा की ब्लू कलर की छोटी सी कच्छी में फँसे उसके गोरे चूतड़ देख कर लंड सहला रहा था....... नेहा ने एक बार अपने चूतड़ों को शेक किया और फिर थोड़ा सा टांग फैला के खड़ी हुई और अपनी पैंटी नीचे सरकाते हुए पंजो तक ले जा कर झुक कर खड़ी हो गयी .........
उफ़्फ़फ़ उसकी नंगी गांड़ खुले हुए चूतड़ उनके बीच की गहरी दरार और बीच मे कैसे हुए उभारदार गांड़ के छेद को देख कर प्रतीक के साथ साथ मेरा मुह में भी पानी आ गया और मेरा लंड एकदम से उछल पड़ा मैंने उसे मुट्ठी में भर के दबाते हुए ...... जोर से मसल दिया ...... और अंदर नजरें जमा दी........
प्रतीक की तो जैसे सांस ही थम गई वो नजारा देख कर और नेहा अपना रण्डीपन दिखाते वैसे ही गांड़ खोले खड़ी रही और फिर पीछे से घुमा कर बोली उफ़्फ़फ़ भैया इतने गौर से क्या देख रहे हो .......प्रतीक बोला बस देख रहा हूँ मेरी नंगी बहन कितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही है दिल करता है बस ऐसे ही देखता रहूं हमेशा सारी उम्र ........
नेहा बोली पर मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है ऐसे अपने भैया के सामने अपनी गांड़ खोलने में मैं और नेहा ने अपने पैरों से पैंटी निकाल कर प्रतीक के चेहरे पर फेंक दी ....... और बोली लो भैया हो गयी मैं भी नंगी पूरी हो गयी आपकी चाहत.........
प्रतीक ने वो छोटी सी ब्लू पैंटी ले कर उसे सूंघा और बोले उफ़्फ़फ़ कितनी मस्त खुशबू है तेरी ......... नेहा बोली छी आप पैंटी क्यों सूंघ रहे हो मेरी गंदी है वो ...... और प्रतीक ने वो पैंटी उलट कर उसका चूत वाला हिस्सा चाट लिया और बोले ........ ऊऊम्म्म्म कितना अच्छा स्वाद और गंध है तेरी चूत का श्वेता ........ मज़ा आ गया......
नेहा बोली भैया आपको मेरी चूत इतनी पसन्द है तो पैंटी क्यों चाट रहे हो मेरी ....... प्रतीक बोले इसलिए कि तुझे बहोत शर्म आ रही है मेरे साथ वरना मेरा तो दिल कर रहा है की ........
नेहा ........ आहह भैया क्या दिल कर रहा है आपका बोलो ....... प्रतीक.......मेरा दिल कर रहा है कि इस प्यारी गुलाबी चिकनी बुर को ही चाट लूं ........ कितनी रसीली है तेरी बुर श्वेता ..........
नेहा ....... उफ़्फ़फ़ भैया बुर भी कोई चाटने की चीज होती है क्या ....... प्रतीक ...... श्वेता तुझे नही पता तेरे जैसी जवान खूबसूरत लड़की का तो एक एक अंग चूसने चाटने लायक होता है .... .. नेहा ...... भैया आपकी बातें सुन कर पता नही मुझे क्या हो रहा है......... मेरी बुर में अजीब सी गुदगुदी हो रही है .........
प्रतीक ने अपना एक हाथ नेहा के नंगे सपाट पेट पर रख कर सहलाते हुए कहा ...... लगता है मेरी बहन की बुर चुदने के लिए गरम हो रही है ........ नेहा भी करवट ले कर प्रतीक के नंगे बदन से कस के लिपट गयी और प्रतीक ने नेहा को बाहों में भर कर जोर से दबोच लिया नेहा की नरम चुचियाँ प्रतीक की छाती के नीचे दब कर पिचक सी गयीं ........ नेहा भी बहोत गरम हो चुकी थी और प्रतीक का मस्त मोटा लंड देख कर और इतनी अश्लील बातें कर के उसकी चूत भी गीली हो कर रसीली हो गयी थी ...........
प्रतीक ने नेहा की आंखों में देखते हुए उसके रसीले लिपस्टिक से रंगे होंठ अपने मुह में दबा लिए और उसके अधरों का रस पीने लगा कई मिनट तक वो लगातार नेहा के होंठ बारी बारी से चूसता रहा और उसका हाथ नेहा की नंगी पीठ को सहलाता हुआ उसके बड़े गद्देदार नरम चूतड़ों को मसलने लगा .......नेहा उसकी बाहों में सिसकने लगी ...... और अपने होंठ प्रतीक की गिरफ्त से छुड़ा कर बोली भैया क्या मुझे चोदना चाहते हो .......
प्रतीक ...... आहह श्वेता हां मैं कब से तुझे चोदना चाहता था रोज तेरे नाम की मुठ मार के तेरी पैंटी में लंड का माल निकाल देता था ......... नेहा बोली ...... ओहहह भैया आपका ये मस्त लंड देख कर मेरी भी बुर एकदम चुदासी हो गयी है देखो न कितना रस छोड़ रही है और नेहा ने प्रतीक का हाथ पकड़ कर अपने चूतड़ से सरकाते हुए अपनी बिना झांट वाली चिकनी नंगी बुर पर रख दिया ....... प्रतीक ने नेहा की बुर मुट्ठी में भर कर जोर से भींच दी और बोला उफ़्फ़फ़ श्वेता कितनी रसीली बुर है तेरी जी कर रहा तेरी बुर का सारा रस चूस कर पी जाऊं ....... और इसी के साथ प्रतीक ने अपनी मिडल फिंगर नेहा की गीली बुर में झटके से पेल दी .......
नेहा सिसिया कर प्रतीक से चिपक गयी और उसके गाल और कान पर जीभ फिराते हुए फुसफुसाई........ आहह भैया तो चूस लो ना अपनी बहन की बुर का रस खा लो मेरी चूत को जी भर के आहह ऊम्म्म्म.......
प्रतीक ने अपनी उंगली तेजी से नेहा की बुर में चलाते हुए कहा हां श्वेता आज जी भर के खाऊंगा तेरी बुर और गांड़ को रानी ...... एक काम कर आजा मेरे मुह पर बैठ कर चटवा दे मुझे अपनी रसीली बुर .......
और ये सुनते ही नेहा एकदम से उठ खड़ी हुई प्रतीक की उंगली उसकी चूत से बाहर निकल गयी और प्रतीक ने नेहा को अपनी उंगली दिखाई और फिर उसे मुह में डाल कर चूसने लगा ........
नेहा ने प्रतीक को अपनी उंगली में लगा उसकी बुर का रस चाटते देखा तो वो जल्दी से प्रतीक के सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई और फिर मूतने के अंदाज़ में बैठ गयी ...... नेहा की गोरी गांड़ के बंद दरवाजे खुले और प्रतीक को उसकी गुलाबी चूत जो रस छोड़ कर चिपचिपी हो रही थी और गांड़ का कसा हुआ भूरा छेद दिखने लगा ........
प्रतीक ने वो नज़ारा देख कर अपने होंठो को जीभ फिरा कर गीला किया और फिर सर को ऊपर उठाते हुए अपने होंठ नेहा की बुर पर चिपका दिए ...... नेहा के गले से एक जोरदार सिसकी निकली ...... aaahhhh भैया चूस लो अपनी बहन की बुर का रस पी जाओ भैया .......
और प्रतीक अपनी जीभ निकाल कर नेहा की बुर की दरार और गुलाबी फांको को चाटने लगा ........ कुछ देर तक रगड़ रगड़ कर बुर चाटने के बाद प्रतीक बोला ...... श्वेता अपने हाथ से बुर फैला कर चटवाओ ना और नेहा ने दोनो हाथो से बुर की दरार को फैला दिया ....... और प्रतीक ने जीभ नुकीली करते हुए अंदर तक घुसा दी और घुमा घुमा कर चाटने लगा ....... नेहा अपनी गांड़ को हिलाते हुए सिसियाते हुए अपनी बुर प्रतीक के मुह पर घिसने लगी और बोली ...... हाय भैया और अंदर डाल दो अपनी जीभ चोद दो अपनी बहन की बुर अपनी जीभ से ऊफफ भैया कुछ निकलने वाला है मेरी बुर से aaaahh ........
नेहा गर्म हो कर झरने के कगार पर आ चुकी थी उसकी आंखें बंद हो गयी थीं बदन अकड़ रहा था और उसने अपने हाथ अपनी चुत से हटा कर अपने निप्पल को पकड़ लिया था और उन्हें हौले हौले मसलते हुए अपनी चूत तेजी से प्रतीक के मुह पर रगड़ रही थी ......... नेहा के मुह से आवाज़ें निकलने लगी ...... आहह भैया चाट लो अपनी बहन की बुर चूस लो मेरी बुर का सारा रस मुझे पता होता आप इतने मज़े दोगे तो कब की नंगी हो कर आपके मुह पर अपनी बुर रख देती भैया aaaahhhh ऊफफफ भैया हाआय्य्य्य्य्य री गयी मैं ...... और नेहा के बदन को झटके लगने लगे वो झरने लगी और गहरी सांस लेते हुए अपनी बुर से प्रतीक के मुह में खट्टा मीठा रस टपकाने लगी प्रतीक ने भी उसकी पूरी बुर में भर कर जोर से चूसनी शुरू कर दी और एक एक बूंद रस चूसने के बाद उसने अपनी जीभ को बुर से निकाल कर गांड़ के हाईवे पर घुमाना शुरू कर दिया वो नेहा की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा और फिर नेहा की गांड़ के कसे हुवे छेद को चूमने लगा ......
2 मिनट में ही नेहा की हालत फिर से खराब होने लगी ...... और वो बोली ऊफफ भैया आप कितना मज़े देते हो ...... मैंने बड़ी देर कर दी आपको बहोत तड़पाया है ...... प्रतीक बोले अभी कोई देर नही हुई है श्वेता और जितना तड़पाया है तुमने मुझे आज उतने ही मज़े भी तो दे रहे हो ....... चलो अब तुम भी मेरे लंड को खुश कर दो उसे प्यार कर के ........
ये सुन कर नेहा प्रतीक के सीने पर लेट गयी और अपना मुह उसने प्रतीक के खूंटे जिसे खड़े लंड पर झुका दिया ....... इस तरह 69 पोजीशन में आने से नेहा की गांड़ और अच्छे से फैल कर खुल गयी और प्रतीक में जीभ को उसकी गांड़ के छेद में चुभोते हुए उसकी गांड़ चाटनी शुरू कर दी ...... और नेहा ने प्रतीक का गर्म लंड अपने ठंडे हाथो में थाम लिया ऑयर सहलाने लगी ........
नेहा एक हाथ से लंड को मुठियाते हुए दूसरे हाथ से प्रतीक के आंड़ मसल रही थी और फिर उसने अपने सुर्ख होंठ प्रतीक के सुपाड़े पर रख दिये ....... और उसे चूम लिया नेहा के होंठो को अपने लंड पर महसूस करते ही प्रतीक एकदम से गनगना गया और अपनी कमर उचका कर गप्प से अपना लंड नेहा के मुह में पेल दिया .......
मोटा सुपाड़ा मुह में घुसते ही नेहा ने लंड को जड़ से पकड़ा और अपना सर ऊपर नीचे हिलाते हुए लंड से अपना मुह चोदने लगी ...... प्रतीक नेहा की गांड़ को जीभ से कुरेदते हुए अपनी कमर को ऊपर पुश करते हुए नेहा के मुह में लंड पेलते हुए चोद रहा था.........
और मैं इन सब हद से ज्यादा कामुक दृश्यों को देख कर अपने भन्नाए हुए लौड़े को मसलने में लगा हुआ था .......
कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे की गांड़ और लंड का स्वाद लेने के बाद ....... प्रतीक बोला ..... श्वेता अब बस कर ना वरना तेरे मुह में निकाल दूंगा ....... नेहा ने लंड मुह से निकाल के थूक से भीगे हुए लंड को मुठियाते हुए कहा aaahhh भैया पिला दो ना अपनी बहन को अपने लौड़े का गरम रस ....... प्रतीक बोला ...... उफ़्फ़फ़ पिला दूंगा लेकिन पहले मुझे अपनी बहन की कसी हुई बुर में लंड डालना है ....... चोदना है मुझे श्वेता तुम्हारी बुर को अपने मोटे लंड से .......
नेहा तेजी से लंड पर हाथ चलाते हुए बोली हाय्य्य्य भैयाआआआ ....... इतने मोटे लंड से तो मेरी बुर फट जाएगी बड़ा दर्द होगा मेरी बुर को ......... प्रतीक ने नेहा के चूतड़ मसलते हुए कहा ...... ना श्वेता मैं बड़े प्यार से चोदूगा तेरी बुर ....... धीरे धीरे पेलूँगा अपना लंड तेरी बुर में उफ़्फ़फ़ .......
और फिर नेहा प्रतीक के ऊपर से उठी और उसके बगल में लेट कर अपनी टांगे फैला कर बोली आओ भैया पेल दो अपना लोड़ा अपनी बहन की बुर में चोद लो अपनी बहन श्वेता को ....... बन जाओ बहनचोद ....... और प्रतीक ने नेहा की टांगों के बीच पोजिशन लेते हुए अपना सुपाड़ा उसके चूत की दरार पर रख दिया ....... और सुपाड़े को दरार पर रगड़ने लगा .......
नेहा भले ही रण्डी थी लेकिन इस टाइम वो पूरी मस्ती में इस रोल को एन्जॉय कर रही थी और उसने नीचे से गांड़ उछाल कर लंड को चूत में लेने की कोशिश की और उसकी कोशिश सफल हुई ....... प्रतीक का मोटा सुपाड़ा उसकी चुत के छेद को फैलाता हुआ अंदर समा गया और नेहा मज़े से गनगना कर बोली ...... हाय्य्य्य भैयाआआआ घुस गया आपका लंड आपका मेरी बुर में ........
प्रतीक से भी अब बर्दाश्त नही हो रहा था सो उन्होंने नेहा के ऊपर लेटते हुए अपनी हथेलियां उसके दोनो ओर टिका कर अपनी गांड़ को पूरी तेज से आगे धकेलते हुए पूरा लंड एक बार मे नेहा की चूत में हचक के पेल दिया और नेहा तेजी से सिसियाते हुए बोली ......... उफ़्फ़फ़ भैया पूरा घुस गया दर्द हो रहा मेरी बुर में प्लीज रुक जाइये ....... लेकिन प्रतीक के लिए अब रुकना नामुमकिन था उसने अपनी कमर को गति देते हुए लंबे लंबे शॉट मारने शुरू कर दिए और उसका 8 इंच का लंड नेहा की बुर की दीवारों को बेदर्दी से रौंदता हुआ अंदर बाहर होने लगा ...... नेहा की बुर काफी पानी छोड़ रही थी और उसकी चिकनाई में फिसलता हुआ लंड किसी पिस्टन की तरह सटासट उसकी बुर में गति पकड़ता जा रहा था ........
और फिर नेहा भी नीचे से अपनी गांड़ उछालते हुए बोली aaahhh चोदो और चोदो कस कस के चोदो मेरी बुर राजा बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा पेल दो पूरा ....... और प्रतीक पूरी ताकत से अपना लंड पेलते हुए नेहा को चोदने लगा ......
प्रतीक ने नीचे झुक के नेहा को होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी जीभ के नेहा के मुह में डाल कर चाटते हुए तगड़े धक्के लगाने लगा आए बोला ....... ले खा लंड श्वेता चुद साली और चुद आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा चोद चोद के भोसड़ी वाली ....... aaahhh उफ़्फ़फ़ ........
नेहा ने अपनी गुलाबी रसीली जीभ प्रतीक की जीभ पर फिराई और फिर उसे होंठो में दबा के चूस लिया....... और अपने हाथों से अपने निप्पल मसलते हुए सिसियाने लगी ........ हां भैया बना दो मेरी बुर का भोसड़ा चोद डालो अपनी बहन को भर द अपने लंड का पानी अपनी बहन की बुर में aaaaahhhh भैयाआआआ मैं गयी फिर से और इसी के साथ उसके बदन को झटके लगे वो कांपने लगी और उसकी बुर से रस के छींटे उड़ने लगे प्रतीक ने और तेजी से धक्के लगाते हुए नेहा की बुर का रस अपने लंड पर महसूस किया और फिर उसने भी तेजी से 8-10 करारे शॉट लगाए और जड़ तक लंड नेहा की चूत में पेल कर अपने लंड का गरम माल उसकी बुर में भरने लगा और वो नेहा के नंगे बदन पर निढाल हो कर गिर गया और नेहा अपनी बुर को सिकोड़ते हुए उसके लंड का माल अपनी बुर से चूसने लगी ...........।