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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Nishant_mumbai

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मैं नीचे आ गया पापा tv पर आईपीएल देख रहे थे मम्मी खाना बना रही थीं ......
मैं भी बैठ कर मैच देखने लगा पापा ने कहा विकास बेटा सबसे पहले तुम शादी के लिए कोई अच्छा सा गेस्ट हाउस लॉन देख लो जो तुम्हे ठीक लगे और कोई हलवाई लाइट वाला माली इन सब से बात कर के सबको एडवांस देते जाओ और घर की भी पेंटिंग करवानी है ये सब निपट जाए तो खरीददारी शुरू कर दो ...... मम्मी और दीदी से सब पूछ पूछ कर करते जाना सब काम ध्यान से करना .....
मैंने कहा ठीक है पापा मैं बस दो तीन दिन बाद से काम मे लग जाता हूँ आप निश्चिंत रहो ...... पापा जानते थे कि मैं काम को ले कर हमेशा से जिम्मेवार रहा हूँ इसलिए उन्होंने सब मेरे जिम्मे कर दिया था ......

तभी दीदी ऊपर से उतर कर आईं और मुझे गुस्से से घूरती हुई किचन में चली गयी ...... फिर जल्दी ही हम सब ने खाना खाया और मैं सोचने लगा आज ऊपर जाने के बाद दीदी से बचना मुश्किल ही नही नामुमकिन होगा .......

खाना खा कर मैं भी पापा के साथ बैठ के मैच देखने लगा एकतरफा से मैच था चेन्नई आराम से जीत रही थी ...... पापा थोड़ी देर बाद बोले ये मैच CSK जीत रही मैं चला सोने व उठ के चले गए लेकिन जल्दी ही वो लौट कर आये और मेरे हाथ मे दीदी का पुराना फोन देते हुए बोले ये निकिता को दे देना मैंने कहा पर उनके पास है तो उनका फोन वो बोले वो कह रही थी कि उसे अपनी फ्रेंड्स के नंबर निकालने हैं जो कि इसी फोन में हैं ...... मैंने फोन ले लिया ....... थोड़ी देर में मम्मी भी किचन समेट कर चली गईं अपने कमरे में ......

और दीदी ने आ कर tv ऑफ कर दिया और कमर पर हाथ रख के मेरे सामने खड़े हो गईं ...... उनका मुझे देखने का अंदाज़ ऐसा था मानो कह रही हों अब बच के कहाँ जाएगा बच्चू ...... मैंने कहा tv क्यों ऑफ कर दी बस 6 ओवर का खेल बाकी था .....
दीदी बोली ऊपर चल मैं तुझे फ़ास्ट बॉलिंग खिलाती हूँ ..... मैं मुस्कुराते हुए उठा और दीदी के साथ ऊपर आ गया ...... मैं अपने कमरे में गया और दीदी अपने कमरे में चली गईं ...... मुझे शरारत सूझी और मैंने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया ...... और कपड़े बदल कर बेड पर लेट गया .......

कुछ देर बाद मेरे कमरे के दरवाजे को दीदी ने नॉक किया और बोली दरवाजा खोला विकी ये क्या हरकत है ..... मैंने सोचा बेवजह बखेड़ा करने से कोई फायदा नही और मैंने दरवाजा खोल दिया .......

दीदी अंदर आईं उन्होंने आज भी ब्लैक वाली नाइटी पहनी थी और अंदर उन्होंने शायद कुछ नही पहना था क्योंकि उनके चूचे चलने पर ज्यादा ही थिरक रहे थे .......

उन्होंने मुड़ कर दरवाजा बंद किया और अधिकार पूर्वक आ कर बेड पर लेट गयीं ....... मैं भी आ कर लेट गया और मेरे लेटते ही दीदी ने पूछा दरवाजा क्यों बंद किया था ...... मैंने कहा बस यूं ही ..... दीदी बोली विकी तू मुझे प्यार नही करता ना बस यूं ही बातें बनाता रहता है ..... मैंने कहा ऐसा क्यों लगा आपको अचानक ...... दीदी बोलीं जिस तरह से तू मुझसे दूर भागता है लगता तो यही है ..... मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर कहा ऐसा कुछ नही है दीदी आपके प्रति मेरा प्यार मैं कैसे जाहिर करु वो समझ नही आता पर सच तो ये है आप मेरी दीदी ने होती तो मैं आपसे शादी कर लेता .....

दीदी हंस कर बोली अब तो देर कर दी तूने ये बात कहने में कुछ दिन पहले कही होती तो मैं सोचती इस बारे में लेकिन अब तो मेरी शादी तय हो गयी है ....... मैंने कहा जानता हूँ और ये भी जानता हूँ कि मेरे कहने पर ही आपने इस शादी के लिए हां की है ......

दीदी बोली वही तो मैं तो तेरी हर बात मान लेती हूं चुपचाप पर तू ना जाने क्यों मुझसे दूर भागता है ..... मैंने कहा बस इसीलिए क्यों कि आपकी शादी तय हो गयी है और मैं नही चाहता कि विनय वाले मामले के बाद कोई नया संकट आये आपके जीवन मे हमारा रिश्ता कही से भी सही नही है .......

दीदी मेरी बात सुन के कुछ सोचते हुए बोली पर हमने ऐसा क्या गलत कर दिया भाई बहन एक दूसरे को प्यार करते हैं इसमे तो कुछ गलत नही है ..... . रही बात जो हम थोड़ी सी खुशी एक दूसरे को दे देते हैं उसमें किसी का क्या जाता है अगर हम एक दूसरे के साथ एक दूसरे की मर्ज़ी से कुछ कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है ......?

मैंने बस तब तक गलत नही है जब तक किसी को इसकी खबर नही लगती उसके बाद तो सब गलत ही गलत है और इतना गलत की इससे गलत कुछ नही हो सकता ....... अगर मम्मी पापा को इस बारे में कुछ पता चला गलती से भी इसका क्या अंजाम होगा कभी सोचा है आपने ......

विनय वाले मामले को जैसे तैसे बर्दाश्त किया उन्होंने पर ये शायद ना बर्दाश्त कर पाएं वो लोग .......

दीदी बोली तुम्हारी बातें एकदम सही हैं विकी पर मैं ऐसा कुछ तो नही करती हूं जिस से किसी को हम पर शक हो या कोई गड़बड़ हो ...... मैंने कहा हां सही है पर ये सिर्फ इसलिए है कि हम खुद पर काबू करते हैं आपकी इच्छाओं पर नियंत्रण रखते हैं और यही मैं कह रहा हूँ कि जितना नियंत्रण रखेंगे उतना ही सही रहेगा हम सब के लिए हमारे परिवार के लिए हमारे रिश्ते के लिए .......

दीदी एक गहरी सांस ले कर बोली क्या यार शम्स के इतने मूड में थी मैं लेकिन तुमने तो एकदम गहरी गहरी बड़ी बड़ी बातें कर के सब चौपट कर दिया ...... मैंने कहा प्रतीक से बात कर लो फिर से मूड बन जायेगा ..... दीदी बोली हां लेकिन क्या फायदा तुम तो कुछ करोगे नही मेरे साथ ...... मैंने कहा अभी एक हफ्ता पूरा होने में दो दिन बाकी हैं ....... दीदी बोली ठीक है दो दिन और सही फिर देखती हूँ ...... तुम कहाँ भाग कर छुपते हो ......

तभी मुझे याद आया और मैंने जेब से दीदी का फोन निकाल कर उन्हें दिया ....... उन्होंने फोन ले कर चार्जिंग पर लगा दिया और वापस आ कर लेट कर अपना नया फोन उठा कर प्रतीक को कॉल कर दी ......

लेकिन कॉल रिसीव नही हुई तो मुह बना कर फ़ोन फेंकते हुए बोली किस्मत ही खराब है आज ...... और मैं हंस दिया ...... वो भी मुस्कुराने लगी और उनके गाल में डिंपल पड़ गया और मैंने उसे देख कर मन मे सोच लिया की एक दिन इसे छोटे से गड्ढे को अपने लंड के रस से भरूँगा जरूर ......

और इतना सोचते सोचते ही दीदी के फोन पर प्रतीक का कॉल आ गया ...... दीदी ने कॉल रिसीव किया और स्पीकर ऑन कर दिया ......

प्रतीक- लगता है मेरी सासू माँ को मुझ पर रहम आ ही गया ........

दीदी- हंसते हुए नही ऐसा कुछ नही है मैंने सोचा चलो थोड़ी सी ही बात कर लूं ताकि तुम चैन से सो सको......

प्रतीक - ओह जान कितना ख्याल रखती हो तुम मेरा लव यू सो मच मेरी जान .....

दीदी- लव यू टू जानू ...... पर हर किसी को प्यार की कदर नही होती ......

प्रतीक- ऐसा क्यों कह रही हो ..... जान ऐसा कौन बेवकूफ है जो प्यार की कदर नही करता ......

दीदी- बस यूं ही कहा ......

प्रतीक- खाना खा लिया तुमने ....?

दीदी- हां खा लिया ..... तुमने खाया....?

प्रतीक-अभी नही तुमने आज बात करने से मना किया था तो सोचा आराम से खा लूंगा नही तो रोज 8 बजे तक खा पी के फ़ोन ले के इंतजार करता हूँ तुम्हारी कॉल का ......

दीदी- अच्छा ऐसा क्यों एक दिन भी नही रह सकते मुझसे बात किये बिना ......

प्रतीक- रह सकता हूँ पर मुश्किल तो होगी ही ....... अच्छा लगता है तुमसे बातें करना तुम्हारी आवाज़ सुनना .......

मैं गौर से दीदी विनय की बातें सुन रहा था और खुश भी था कि दीदी को एक अच्छा जीवनसाथी मिला है जिसके साथ दीदी का जीवन खुशियों से भरा होगा ......

दीदी- अच्छा आज ज्यादा बात नही कर सकती अब रखती हूं गुड नाईट जान.....

प्रतीक- ok जानू गुड नाईट ऊऊम्म्म्म तुम्हारे रसीले होंठो पर .....

दीदी- ऊऊम्म्म्म्म तुम्हारे गाल पर ......

फिर दीदी ने फोन काट दिया और मेरे पास खिसक आईं और मेरे पर सीने पर सर रख कर लेट गयीं मैंने भी अपना हाथ उनकी कमर पर रख कर उन्हें खुद से चिपका लिया ....... तभी उन्हें कुछ याद आया और ..... वो उठ कर अपना पुराना फोन ले आईं ...... और उसे ऑन करते हुए बोली निशा (उनकी पक्की वाली सहेली) का नंबर चाहिए वो 20-22 दिन से मिली नही और बात भी नही हुई ......

फोन ऑन हुआ पूरे 27 दिन बाद ये फोन ऑन हुआ था और फोन ऑन होते ही नोटिफिकेशन की बाढ़ सी आ गयी .......


दीदी फोन चेक करने लगीं और थोड़ी ही देर में उनका चेहरा पीला पड़ने लगा ..... वो एकदम से फफक कर रोने लगीं ...... उन्हें रोता देख कर मैं भी हैरान और परेशान हो गया ....... मैंने दीदी को सीने से लगाते हुए पूछा क्या हुआ दीदी ...... आप रो क्यों रही हो वो बोली सब खत्म हो गया विकास ...... विनय ने सब खत्म कर दिया ये पढ़ लो उन्होंने अपना पुराना फोन मेरी ओर बढ़ा दिया .......

मैंने दीदी का फोन देखा व्हाट्सएप्प ओपन था और किसी नंबर से ढेर सारे मैसेज आये हुए थे........ मैंने उन्हें पढ़ना शुरू किया .......

(वो मैसेज मैं ज्यों के त्यों लिख रहा हूँ)

ये मैसेज जिस दिन विनय को थाने बुलाया गया था उस से तीन दिन बाद के थे।

साली रण्डी तुझे क्या लगा मेरी पुलिस कंप्लेन कर के तू बच जाएगी ......

बर्बाद कर दूंगा मैं तुझे मेरे बाप ने मुझे दिल्ली भेज दिया तो क्या हुआ ....... मैं यही से तेरी जिंदगी नरक कर दूंगा कुतिया......

अगर अपनी सलामती चाहती है तो मैसेज पढ़ते ही मुझे इस नंबर पर कॉल करना......

इसके बाद दो दिन बाद कोई मैसेज नही थे
फिर......

साली फोन बंद कर के बैठी है तो क्या हुआ मैं तुझे कहीं से भी ढूंढ निकलूंगा तेरी वजह से मेरी और मेरे बाप की बहोत बेज्जती हुई है और मैं ये बर्दाश्त नही कर पा रहा हूँ अगर मुझसे बात नही की तूने तो मैं तुझे बर्बाद कर दूंगा .........

उसके बाद फिर 4 दिन कोई मैसेज नही थे और अगले दिन ......

बिल में छुपी बैठी है तू और तेरा वो नामर्द भाई जो पुलिस का सहारा ले कर मुझे तुझसे दूर करना चाहता है पर याद रखना ये कानून ये पुलिस कुछ नही उखाड़ सकते मेरा ...... मेरे बाप ने भले ही सब भुला दिया हो पर मैं ना तुझे भूल पाऊंगा ना तेरे नंगे बदन को साली बनेगी तो तू मेरी ही रखैल .......

और फिर अगले मैसेज उस दिन के थे जिस दिन मैं रानी के घर गया था उसे चोदने।

साली रण्डी तेरी एक एक हरकत पर मेरी नजर है शादी फिक्स हुई है ना तेरी ...... मेज देखता हूँ कैसे होती है ये शादी अगर तूने मुझसे बात नही की तो तेरे होने वाले पति को सब बताऊंगा अपने और तेरे बारे में ...... ये भी की तूने मेरा लंड चूसा है और उछल उछल के मेरे लंड से चुदी है ........

अगर तुझे लग रहा है कि मैं बकवास कर रहा हूँ तो ये देख तेरे होने वाले पति का नंबर भी है मेरे पास .......

प्रतीक का नंबर पढ़ के मुझे भी घबराहट होने लगी .......

फिर अगले मैसेज में लिखा था ये देख ले हरामजादी तेरी नंगी तस्वीरें फिर से मेरे पास आ चुकी हैं और अगर दो दिन में तूने मुझे कॉल नही की तो मैं ये तस्वीरें तेरे होने वाले पति को भेज दूंगा .......

उसके बाद दीदी वही सब तस्वीरें सेंड की गई थी जो कि विनय के फोन में थीं .........

उसके बाद आज दोपहर का एक मैसेज था उसमें लिखा था .......

तू ऐसे नही मानेगी फिर मैं ये तस्वीरें भेज देता हूँ तेरे पति को अब तू बर्बाद ......

ये सब पढ़ के मेरी आँखों के आगे अंधेरा सा छा गया और मेरा सर चकराने लगा .....

उधर दीदी फूट फूट कर रोये जा रही थीं मैं उन्हें चुप कराने की कोशिश करने लगा वो मेरे सीने से लग कर सुबकने लगीं .......

किसी तरह मैंने खुद को इस झटके से बाहर निकालते हुए सम्हाला और मैंने बड़े प्यार से दीदी माथे को सहलाते हुए चूम लिया और फिर उनके गालों पर बह रहे उनके आंसू पोछते हुए बोला दीदी आपको मुझ पर जरा सा भी भरोसा है या नही ......?

दीदी ने लाल लाल आंखों से मेरी ओर देखा और बोली मुझे अपनी किस्मत के सिवा सब पर भरोसा है ...... लेकिन मेरी किस्मत में ही दुख लिखे हैं शायद .......

मैंने कहा दीदी ज्यादा कुछ तो नही कह सकता इस समय पर इतना वादा जरूर करता हूँ पिछली बार की तरह ही इस बार भी मैं आपकी इस समस्या को कैसे भी दूर करूंगा आपकी मुस्कान वापस लाऊंगा आपके चेहरे पर ये मेरा वादा है इसके लिए मुझे जो भी करना पड़े करूंगा कोई भी हद पार करूंगा .......

इतना कहते हुए मेरे अंदर दबा हुआ गुस्सा जिसे मैं काबू करने की कोशिश कर रहा था फट पड़ा और मैं गुर्राते हुए बोला विनय सिंह अगर तेरी माँ ना चोदी तो मैं अपने बाप की पैदाइश नही ........ मेरा चेहरे गुस्से से लाल हो रहा था और मेरी आँखें लाल हो उठी थीं .......

दीदी बोली रहने दे विकास तू कहाँ तक मेरे दुख मेरी मुसीबतें अपने सर लेगा अब मुझे मेरे हाल पर छोड़ दे .......

मैंने दीदी को कस के बाहों में जकड़ लिया और बोला प्यार करता हूँ आपसे ..... हद से ज्यादा ..... और शायद मुझे बार बार अपने प्यार को सबित करने का मौका मिल रहा है .......

बस अभी आप रोना बंद करो प्लीज ताकि मैं कुछ सोच सकूं कोई रास्ता कोई तरकीब कोई हल इस समस्या का ......

दीदी ने रोना तो बन्द कर दिया पर उनके चेहरे पर दुनिया भर की उदासी और परेशानी के बादल मंडरा रहे थे ....... मेरी भी हालत कुछ ऐसी ही थी पर मैं उसे अंदर छुपाए हुए था नही तो दीदी को कौन सम्हालता मैं खुद बेड की पुश्त से पीठ टिका कर बैठ गया और दीदी को खींच कर अपनी गोद मे लिटा लिया और उनका माथा सहलाते हुए कहा आप सो जाओ दीदी बस आंखे बंद करो और ये सोचो कुछ हुआ ही नही है और कल सुबह से आपको एकदम नॉर्मल रहना है जैसे कुछ हुआ ही ना हो .......

मम्मी पापा को इस बारे में कोई भनक तक नही लगनी चाहिए ......

दीदी ने कहा है तो मुश्किल काम पर कोशिश करूंगी लेकिन अगर प्रतीक ने मम्मी पापा से कुछ बोल दिया तो क्या होगा मैंने फिर से उनके हाथ को कस के पकड़ते हुए कहा तब जो होगा देखा जाएगा और मैं हूँ ना हर हाल में आपके साथ हमेशा आपके सामने खड़ा हो जाऊंगा हर मुसीबत को आपसे पहले मुझसे टकराना पड़ेगा ......

लेकिन मुझे थोड़ा सा मौका दो शांत दिमाग से सोचने का दीदी ने सर हिला दिया और आंखे बंद कर ली .....

मैंने दीदी का फोन लिया और बारीकी से सारे मैसेज दोबारा पढ़े एक एक मैसेज की तारीख और समय दिमाग मे बिठाया और पिछले दिनों की घटनाओं को याद करने लगा .........

सबसे पहले मुझे ये पता लगाना था कि वो पिक्स विनय को दोबारा कैसे मिले उसने हमसे झूठ बोला था उनकी और कॉपी थी उसके पास या कोई और बात है .........

मेरे इस सवाल का जवाब मेरे ही दिमाग ने दिया अगर उसके पास कॉपी होती तो वो इस धमकी वाले मैसेज के लिए कई दिन इंतजार क्यों करता पहले दिन ही वो बात कहता .......
लेकिन तब तक तो दीदी की शादी की कोई बात थी ही नही ये सब तो अभी दो दिन पहले हुआ और कुछ खास लोगों के सिवा किसी को इस बारे में कुछ पता नही यहां तक कि मुहल्ले में भी सिर्फ शुक्ला अंकल की फैमिली को छोड़ कर कोई नही जानता दीदी की शादी वाली बात ......

और फिर अचानक रानी का नाम और चेहरा मेरे दिमाग मे आया ...... और ये भी याद आया कि उस दिन मेरा फोन उसके घर मे और उसके हाथ मे भी था ....... जब मैं बाथरूम से वापस आया था तो उसने सकपका कर मेरा फोन फेंक दिया था .......

गलती तो हुई थी मुझसे अब इस गलती को खत्म करना था कैसे भी ......

दीदी सो चुकी थी मैंने उन्हें धीरे से तकिए पर लिटा दिया और .......

मैंने अलमारी से विनय वाला फोन निकाला और निकाला सारे फोन ले कर मैं दीदी के रूम में आया दरवाजा अंदर से बंद कर लिया .......

मैंने दीदी के पुराने फोन से विनय का नया नंबर डायल किया ...... घंटी जाने के साथ ही मैंने कॉल को रिकार्ड पर लगा दिया ..........

जल्दी सी उधर से विनय की शराब के नशे में लड़खड़ाती आवाज़ आयी ....... अब आयी ना तू औकात में साली दो टके की लौंडिया तू विनय सिंह को पुलिस से उठवायेगी .......

मैंने एकदम शांत और ठंडी आवाज़ में कहा मैं विकास हूँ निकिता का भाई अब सुन हरामजादे तेरे बाप ने वादा किया था तेरी या उनकी ओर से कोई हरकत नही होगी ईसलिये तू बचा हुआ वरना मैं कब का तुझे काट कर गंगा में बहा देता ........ और हां ये जो तूने दीदी के pic प्रतीक को भेज कर नीचता की है ना इसका अंजाम तू नही सोच सकता बहोत बुरी हालत करूंगा तेरी जिस दिन तू मेरे सामने हुआ .......

मेरी बात सुन कर वो हंसते हुए बोला हरामजादे अब मैं उस शहर से बहोत दूर हूँ तुझे कभी मालूम भी नही होगा मैं कहाँ हूँ और सोच जो इंसान यहां बैठ कर तेरे घर मे चल रही घटनाओं की जानकारी कर सकता है वो क्या नही कर सकता ........ तू मेरी झांट भी नही उखाड़ सकता .....

मैंने अपने शब्दों को चबाते हुए कहा ....... कुत्ते तू भूल गया शायद अभी कुछ दिन पहले थाने में गांड़ पर एक डंडा पड़ते ही तेरी गांड़ फट गई थी दो चार और पड़ते तो पैंट में हग देता तू ....... लेकिन साले तू दोगला है एक बाप की औलाद ही नही है और नामर्द भी है तू एक लड़की को धोखा दे कर उस से प्यार का झूठा नाटक कर के उसे अपने जाल में फंसा कर उसे शादी के सपने दिखा कर तूने उसके जिस्म से खिलवाड़ किया उसकी नंगी तस्वीरें ले ली और उन तस्वीरों के दम पर तू खुद को बहोत बड़ा तीस मार खान समझ रहा है ...... थोड़ा सा इंतजार कर फिर तेरा खेल खत्म .......

विनय बोला ये सब तू जानता है मैं जानता हूँ पर तेरी बहन का होने वाला पति तो नही जानता और कौन तस्वीरें मेरे पास अब कोई तस्वीर नही तेरी बहन की वो तो मैंने आज सुबह ही उसके होने वाले पति को भेज दी थीं और अपने फोन से डिलीट भी कर दी थीं अब कोई सबित नही कर सकता कि मेरे पास तेरी बहन की कोई तस्वीर है ....... उसने देख भी ली हैं और उसका कॉल भी आ रहा था मेरे पास लेकिन मैंने उसका नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया ........

अब रहा होगा ये सोच सोच के तेरी दीदी से शादी करे या नही क्योंकि तेरी दीदी की तस्वीरें देखने के बाद वो सोच रहा होगा ऐसी मस्त लौंडिया को कैसे बिना चोदे छोड़ दूं ........

उसकी ये बात सुन कर इतनी परेशानी में भी मुझे हंसी आ गयी क़ानूनी तौर पर उसे गलत सिद्ध करने के एक हजार तरीके थे मेरे पास पर वो मुझे करना नही था ......

मैंने कहा विनय सिंह अब रखता हूँ जरा तेरी रखैल रानी के हालचाल पूंछ लूं कल सुबह उसे थाने में बिठा कर पूछ ताछ होगी तो वो सारी बातें गा गा कर बताएगी .......

मेरी बात सुन कर वो थोड़ा सा बौखला गया और बोला ...... उसे भी कुछ नही पता मैं कहाँ हूँ वो बस इतना ही बता सकती है कि उसने ही मेरे फोन से जिसे तू इस्तेमाल कर रहा है तेरी बहन की फ़ोटो और तेरी बहनोई का नंबर निकाल कर मुझे दिया लेकिन उसकी भी मजबूरी थी तेरी बहन जैसे उसके भी नंगे pic हैं मेरे पास वो तो मेरी गुलाम है मैं कहूँ तो बीच सड़क पर भी नंगी हो जाएगी ............

अब सब कुछ स्पष्ट था मेरे सामने ...... मैंने कहा रखता हूँ जल्द ही मुलाकात होगी तुझसे मेरी ........

मैंने फोन काट दिया और बैठ कर सोचने लगा ........ बाकी काम तो मैं निपटा लूंगा बस प्रतीक ने pic देख लिए हैं वो कैसे मैनेज होगा .......

मैंने दीदी के फोन से विनय वाली काल रिकार्डिंग अपने फोन में भेज दी और फिर सोचने लगा मेरा सर दर्द करने लगा सोचते सोचते और फिर एक आशा की एक मद्धिम सी किरण मेरे दिमाग के कोने में चमकी ........।
Gif dalo yaar yehi to jaaan hoti hai story ki
 
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Siraj Patel

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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



To chat or ask any doubt on a story, Use this thread — Chit Chat Thread

To Give review on USC's stories, Use this thread — Review Thread

To Chit Chat regarding the contest, Use this thread— Rules & Queries Thread

To post your story, use this thread — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 
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कुछ देर की खामोशी के बाद मेरे कानों में कुछ खटपट की आवाज़ें आयी और फिर ......... और फिर कपड़ो की हल्की सरसराहट ....... मैंने एक नजर घड़ी पर डाली रात के 10 बज रहे थे ......

तभी मेरे कानों में दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी और प्रतीक इस कमरे में दाखिल हुए अंधेरा देख कर उन्होंने मुझे आवाज़ दी और बोले विकास सो गए क्या मैंने कोई प्रतिक्रिया नही दी और फिर वो दरवाजा बंद कर के बाहर चले गए ........


दो मिनट बाद मैंने उठ कर जल्दी से बैग से अपने वायरलेस इयर बड्स निकाले और उन्हें कनेक्ट कर के एक कान में बड डाला और धीरे से रूम का दरवाजा खोल कर झांका बाहर गैलेरी में सन्नाटा था और मैं बाहर आ गया एक बार गैलेरी के दूसरे सिरे पर बनी सीढ़ियों तक गया और हर कमरे के दरवाजे पर नजर डाली कुल 12 कमरे थे 6-6 दोनो ओर एक दूसरे के सामने और हमारा कमरा आखिरी छोर पर था ।

इन 12 में से 8 कमरे खाली थे दो हमारे थे और दो अन्य बुक थे मैंने दीवार पर लगे हुए स्विच बोर्ड के बटन दबाने शुरू किए और गैलेरी की एक लाइट छोड़ कर जो सीढ़ियों वाले सिरे पर जल रही थी बाकी सब ऑफ कर दी और गैलेरी में लगभग अंधेरा हो गया और मैंने नीचे बैठ कर प्रतीक और नेहा के कमरे के दरवाजे के की होल पर आंख लगा दी छोटा सा कमरा था .......

सामने बाथरूम का दरवाजा नजर आ रहा था ......... नेहा बेड के पास खड़ी अपनी जीन्स उतार रही थी फिर उसने अपना टॉप भी निकाल दिया और ब्रा से फोन निकाल के उसे अजीब सी नजरों से देखा और फिर तकिए के नीचे छुपा दिया और बेड पर लेट गयी फिर उसने ब्रा को उपर सरका कर अपनी दूध जैसी गोरी चुचियाँ बाहर निकाल ली वाकई नेहा बेहद खूबसूरत थी हद से ज्यादा मुझे एक बार अफसोस हुआ कि मैने उसकी बात क्यों नही मान ली ........

उसके निप्पल किसी किसमिस के दाने जैसे लग रहे थे गुलाबी बादामी रंग के उसने एक हाथ से अपनी चुचियों को सहलाया आए दूसरा हाथ अपनी पैंटी में घुसा कर अपनी सैकड़ों बार चुदी हुई चूत सहलाने लगी ....... (आखिर अब उसे वो काम करना था जो उसका काम था जिसमे वो एक्सपर्ट थी)

कुछ मिनट तक वो ऐसे ही अपने अधंनगे बदन से खेलती रही और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और प्रतीक बाहर आया उसने एक बड़ा तौलिया लपेटा हुआ था ...... पर उसमे उसका खड़ा और बड़ा लंड साफ उभरा हुआ नजर आ रहा था ........

नेहा को यूं अधनंगी लेटी देख कर उसने फौरन अपने लंड को सहलाया और बोला अरे श्वेता तुम यहाँ क्या कर रही कान में लगे हुए बड में मुझे उसकी धीमी लेकिन साफ आवाज़ सुनाई दी .......

प्रतीक की आवाज़ सुनते ही नेहा ने आंख खोल कर उसे देखा और चौंकने और घबराने की शानदार एक्टिंग करते हुए अपनी चुचियाँ हांथो से ढक ली पर लड़की की नंगी चुचियाँ ढकने में कपड़े भी असफल हो जाते हैं तो हाथो की क्या बिसात ........

नेहा ने फिर भी अपनी चुचियाँ छिपाते हुए कहा भैया आप कब आये आज आफिस नही गए क्या .......

प्रतीक ने जैसे ही नेहा के मुह से भैया सुना उसका लंड तौलिए के अंदर उछल कूद करने लगा ........

उसने कहा आज तो मैं आफिस गया ही नही छुट्टी है मेरी लेकिन तुम आज मेरे रूम में कैसे श्वेता.....?

नेहा बोली...... भैया मैं तो रोज ही स्कूल से आ कर आपके कमरे में ही सोती हूँ यहां शांति रहती है आप तो शाम को 6 के बाद ही आते हो इसलिए मैं यहीं आ कर सो जाती हूँ लेकिन मुझे क्या पता आप आज आफिस नही गए हो .......


प्रतीक ने अपना खड़ा लंड तौलिए के ऊपर से मसला और बोला ...... तुम रोज ऐसे ही सोती हो श्वेता जैसे आज सोई हुई थी .......

नेहा ने कहा हां भैया ...... दिन भर ब्रा में कसे हुए दर्द करने लगती हैं इसलिए यहां आते ही कपड़े निकाल देती हूं क्योंकि यहां तो कोई आता ही नही .......


प्रतीक ने कहा सही करती हो मैं भी तो कमरे में आते ही सारे कपड़े निकाल देता हूं सिवा इस तौलिए के ....... और मुस्कुराते हुए बेड पर बैठ गया .......

नेहा ने उठ कर बैठते हुए अपना टॉप पहनने की कोशिश की तो प्रतीक ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला जैसे आराम मिले वैसे रहना चाहिए श्वेता ...... तुम ये ब्रा भी निकाल दो और आराम से बैठो ......

नेहा ने शर्माने की शानदार अभिनय करते हुए कहा ...... हाय भैया आपके सामने शर्म आएगी ना ब्रा उतारने में ........ और अपना मुह हाथो में छिपा लिया .........

प्रतीक बोला तो क्या हुआ मैं तो घर का हूँ ना तुम्हारा बड़ा भाई मैं थोड़े किसी को बताने जा रहा कि मेरी जवान बहन नंगी सोती है अपने भैया के कमरे में ...... और सच तो यही है कि नंगे सोने का अपना ही अलग मज़ा है...........

नेहा बोली ....... लेकिन भैया मुझे तो शर्म आती है आपसे ....... और उसने अपनी आंखों से हाथ हटा के प्रतीक की ओर देखा .........

प्रतीक ने कहा अच्छा एक काम करते हैं आज हम दोनों भाई बहन नंगे हो के सोते हैं मम्मी भी घर पर नही हैं और शाम तक ही आएंगी ....... रही तुम्हारी शर्म की बात तो उसके लिए तुम्हे थोड़ा सा बेशर्म बनना पडेगा मेरी तरह ....... ये कहते हुए प्रतीक ने अपना टॉवल सामने की ओर से खोल दिया और उसका लंड ...... क्या गज्जब लंड था वो 8 इंच का एकदम मोटे आलू जैसा सुपाड़ा गोरा लंड उपर से नीचे तक मोटी मोटी नसें उभरी हुई ........

प्रतीक ने लंड पर हाथ फिराते हुए कहा अब तो ठीक है ना भाई भी नंगा बहन भी नंगी ........ और प्रतीक बेड पर सीधा लेट गया ...... उसका खड़ा खूंटे जैसा लौड़ा झटके लेता हुआ बड़ा खतरनाक और आकर्षक लग रहा था .......

मैं सोचने लगा आज तो नेहा की चूत की खैर नही ....... और फिर मुझे याद निकिता दीदी भी तो इसी मस्त लंड से चुदेंगी और ये याद आते ही मेरा लंड भी झटके लेने लगा ..........

नेहा ने बड़े गौर से प्रतीक का लंड देखा और बोली हाय भैया ये क्या है आपकी लुल्ली धत्त भैया आपको शर्म नही आती अपनी जवान बहन के सामने नंगे होने में और भैया ये इतनी लंबी और बड़ी कैसे हो गयी ........

प्रतीक बोला ये लुल्ली नही लौड़ा है श्वेता और ये बड़ा इसलिए हुआ है क्यों कि इसने तुम्हे नंगी देख लिया है पर तुम उसकी चिंता ना करो ये दिन मे कई बार बड़ा छोटा होता रहता है........

तुम भी लेट जाओ ना...... और नेहा भी प्रतीक के बगल में सीधी लेट गयी ...... प्रतीक ने नेहा की ओर करवट ली ....... और बोला श्वेता भैया तो नंगे हो गए पर तुमने अभी तक कपड़े पहने हुए हैं .......


नेहा बोली उफ़्फ़फ़ भैया एकदम नंगी हो जाऊं क्या आपके सामने ...... प्रतीक बोला और क्या हो जाओ ना......नेहा बोली यानी का आपका भी मन करता है अपनी बहन को नंगी देखने का ...... उफ़्फ़फ़ भैया आप कितने बेशर्म हो ...... अपनी बहन को नंगी देख के कौन अपना लंड बड़ा करता है .......

प्रतीक बोला मुझे लगता हर भाई का लंड खड़ा हो जाएगा आगर उसकी बहन उसके सामने नंगी हो तो ....... अब जल्दी से नंगी हो जाओ श्वेता या फिर मैं ही तुम्हे नंगी कर दूं .........

नेहा ...... थोड़ा घबराते हुए बोली नही नही आप मत करो मैं खुद ही हो जाती हूँ ....... और फिर नेहा बेड पर ही खड़ी हो गयी और अपने हाथ पीछे ले जा कर ब्रा के हुक खोल दिये और उसे अपने जिस्म से निकाल कर फेंक दिया और फिर अपनी तन कर खड़ी सफेद सुडौल चुचियाँ हाथ से सहला कर बोली भैया मैं नंगी होती हूँ तो हवा लगने से मेरे ये बड़े हो जाते हैं.........


प्रतीक बोले हर लड़की के साथ ये होता है इसमे कोई नही बात नही लेकिन तुम्हे इसका नाम नही मालूम क्या ...... नेहा बोली मालूम है ना इसे चूची कहते हैं भैया .......

प्रतीक बोला हां इसे चूची कहते हैं लेकिन ये जो खड़े होते हैं इसे क्या कहते हैं नेहा बोली इसे तो निप्पल कहते हैं प्रतीक बोले वेरी गुड तुम तो सब जानती हो ...... नेहा बोली कहाँ भैया सब कहाँ जानती हो ...... प्रतीक ने लंड को धीरे धीरे सहलाते हुए कहा ok जो नही जानती हो मैं बता दूंगा ना ...... लेकिन पहले पूरी नंगी तो हो जाओ तुम ......


नेहा ने इठलाते हुए अपनी पेंटी थोड़ी सी सरकाई उसकी चुत का एकदम ऊपरी हिस्सा नजर आने लगा ...... प्रतीक की आंखों में चमक बढ़ गयी ........

वो प्यासी नजरो से नेहा का नंगा सपाट पेट उसकी गहरी नाभि और उसकी चिकनी मुलायम टांगो और मोटी गदराई जांघो को देखते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगे ........... और बोले श्वेता जल्दी से नंगी हो ना ....... और नेहा थोड़ा सा शर्माते और मुस्कुराते हुए बोली aaahhh भैया बहन को नंगी देखने के लिए इतना क्यों तड़प रहे हो ........

प्रतीक बोले ......... क्यों कि ना जाने कब से तरस रहा था मैं तुम्हे नंगी देखने के लिए........ सारा दिन तेरी ब्रा में कसे चूचे और लैगी या जीन्स में फंसे हुए तेरी गदराई गांड़ देख देख कर मेरा लंड तड़पता रहता था जब तुम झुक कर झाड़ू या खड़े खड़े झाड़ू लगाती थी तो रोज सुबह तुम्हारी फूली हुई मस्त चुंचिया मेरे लंड को सख्त कर देती थी ........ और जब झुक कर पोंछा लगाती थी तो तुम्हारी उभरी हुई फूली और मोटी गांड़ देख कर मेरे लंड और मुह में पानी आ जाता था ....... फिर अक्सर मैं बाथरूम में तेरी उतारी हुई पैंटी और ब्रा सूंघ कर और चाट कर लंड को शान्त करता था ........और मेरी बड़ी चाहत थी अपनी बहन को नंगी देखने जो आज जा के पूरी हुई ..........

लेकिन तुम पता नही क्यों मुझे इतना तड़पा रही है और जल्दी से नंगी नही हो रही .......

नेहा ने फिर से इठलाते हुए अपनी गांड़ और कमर मटकाई और बोली हाय भैया मैं आपकी बहन हूँ शर्म आती है आपके सामने नंगी होने में ...... मैं एक काम करती हूं दूसरी ओर घूम कर नंगी हो जाती हूँ और नेहा बड़ी चालाकी से अपनी गांड़ प्रतीक की ओर घुमा कर खड़ी हो गयी ......

नेहा ने एक बार मुड़ के प्रतीक की ओर देखा प्रतीक किसी भूखे कुत्ते जैसा नेहा की ब्लू कलर की छोटी सी कच्छी में फँसे उसके गोरे चूतड़ देख कर लंड सहला रहा था....... नेहा ने एक बार अपने चूतड़ों को शेक किया और फिर थोड़ा सा टांग फैला के खड़ी हुई और अपनी पैंटी नीचे सरकाते हुए पंजो तक ले जा कर झुक कर खड़ी हो गयी .........

उफ़्फ़फ़ उसकी नंगी गांड़ खुले हुए चूतड़ उनके बीच की गहरी दरार और बीच मे कैसे हुए उभारदार गांड़ के छेद को देख कर प्रतीक के साथ साथ मेरा मुह में भी पानी आ गया और मेरा लंड एकदम से उछल पड़ा मैंने उसे मुट्ठी में भर के दबाते हुए ...... जोर से मसल दिया ...... और अंदर नजरें जमा दी........

प्रतीक की तो जैसे सांस ही थम गई वो नजारा देख कर और नेहा अपना रण्डीपन दिखाते वैसे ही गांड़ खोले खड़ी रही और फिर पीछे से घुमा कर बोली उफ़्फ़फ़ भैया इतने गौर से क्या देख रहे हो .......प्रतीक बोला बस देख रहा हूँ मेरी नंगी बहन कितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही है दिल करता है बस ऐसे ही देखता रहूं हमेशा सारी उम्र ........

नेहा बोली पर मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है ऐसे अपने भैया के सामने अपनी गांड़ खोलने में मैं और नेहा ने अपने पैरों से पैंटी निकाल कर प्रतीक के चेहरे पर फेंक दी ....... और बोली लो भैया हो गयी मैं भी नंगी पूरी हो गयी आपकी चाहत.........

प्रतीक ने वो छोटी सी ब्लू पैंटी ले कर उसे सूंघा और बोले उफ़्फ़फ़ कितनी मस्त खुशबू है तेरी ......... नेहा बोली छी आप पैंटी क्यों सूंघ रहे हो मेरी गंदी है वो ...... और प्रतीक ने वो पैंटी उलट कर उसका चूत वाला हिस्सा चाट लिया और बोले ........ ऊऊम्म्म्म कितना अच्छा स्वाद और गंध है तेरी चूत का श्वेता ........ मज़ा आ गया......

नेहा बोली भैया आपको मेरी चूत इतनी पसन्द है तो पैंटी क्यों चाट रहे हो मेरी ....... प्रतीक बोले इसलिए कि तुझे बहोत शर्म आ रही है मेरे साथ वरना मेरा तो दिल कर रहा है की ........

नेहा ........ आहह भैया क्या दिल कर रहा है आपका बोलो ....... प्रतीक.......मेरा दिल कर रहा है कि इस प्यारी गुलाबी चिकनी बुर को ही चाट लूं ........ कितनी रसीली है तेरी बुर श्वेता ..........

नेहा ....... उफ़्फ़फ़ भैया बुर भी कोई चाटने की चीज होती है क्या ....... प्रतीक ...... श्वेता तुझे नही पता तेरे जैसी जवान खूबसूरत लड़की का तो एक एक अंग चूसने चाटने लायक होता है .... .. नेहा ...... भैया आपकी बातें सुन कर पता नही मुझे क्या हो रहा है......... मेरी बुर में अजीब सी गुदगुदी हो रही है .........

प्रतीक ने अपना एक हाथ नेहा के नंगे सपाट पेट पर रख कर सहलाते हुए कहा ...... लगता है मेरी बहन की बुर चुदने के लिए गरम हो रही है ........ नेहा भी करवट ले कर प्रतीक के नंगे बदन से कस के लिपट गयी और प्रतीक ने नेहा को बाहों में भर कर जोर से दबोच लिया नेहा की नरम चुचियाँ प्रतीक की छाती के नीचे दब कर पिचक सी गयीं ........ नेहा भी बहोत गरम हो चुकी थी और प्रतीक का मस्त मोटा लंड देख कर और इतनी अश्लील बातें कर के उसकी चूत भी गीली हो कर रसीली हो गयी थी ...........


प्रतीक ने नेहा की आंखों में देखते हुए उसके रसीले लिपस्टिक से रंगे होंठ अपने मुह में दबा लिए और उसके अधरों का रस पीने लगा कई मिनट तक वो लगातार नेहा के होंठ बारी बारी से चूसता रहा और उसका हाथ नेहा की नंगी पीठ को सहलाता हुआ उसके बड़े गद्देदार नरम चूतड़ों को मसलने लगा .......नेहा उसकी बाहों में सिसकने लगी ...... और अपने होंठ प्रतीक की गिरफ्त से छुड़ा कर बोली भैया क्या मुझे चोदना चाहते हो .......

प्रतीक ...... आहह श्वेता हां मैं कब से तुझे चोदना चाहता था रोज तेरे नाम की मुठ मार के तेरी पैंटी में लंड का माल निकाल देता था ......... नेहा बोली ...... ओहहह भैया आपका ये मस्त लंड देख कर मेरी भी बुर एकदम चुदासी हो गयी है देखो न कितना रस छोड़ रही है और नेहा ने प्रतीक का हाथ पकड़ कर अपने चूतड़ से सरकाते हुए अपनी बिना झांट वाली चिकनी नंगी बुर पर रख दिया ....... प्रतीक ने नेहा की बुर मुट्ठी में भर कर जोर से भींच दी और बोला उफ़्फ़फ़ श्वेता कितनी रसीली बुर है तेरी जी कर रहा तेरी बुर का सारा रस चूस कर पी जाऊं ....... और इसी के साथ प्रतीक ने अपनी मिडल फिंगर नेहा की गीली बुर में झटके से पेल दी .......

नेहा सिसिया कर प्रतीक से चिपक गयी और उसके गाल और कान पर जीभ फिराते हुए फुसफुसाई........ आहह भैया तो चूस लो ना अपनी बहन की बुर का रस खा लो मेरी चूत को जी भर के आहह ऊम्म्म्म.......

प्रतीक ने अपनी उंगली तेजी से नेहा की बुर में चलाते हुए कहा हां श्वेता आज जी भर के खाऊंगा तेरी बुर और गांड़ को रानी ...... एक काम कर आजा मेरे मुह पर बैठ कर चटवा दे मुझे अपनी रसीली बुर .......

और ये सुनते ही नेहा एकदम से उठ खड़ी हुई प्रतीक की उंगली उसकी चूत से बाहर निकल गयी और प्रतीक ने नेहा को अपनी उंगली दिखाई और फिर उसे मुह में डाल कर चूसने लगा ........

नेहा ने प्रतीक को अपनी उंगली में लगा उसकी बुर का रस चाटते देखा तो वो जल्दी से प्रतीक के सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई और फिर मूतने के अंदाज़ में बैठ गयी ...... नेहा की गोरी गांड़ के बंद दरवाजे खुले और प्रतीक को उसकी गुलाबी चूत जो रस छोड़ कर चिपचिपी हो रही थी और गांड़ का कसा हुआ भूरा छेद दिखने लगा ........

प्रतीक ने वो नज़ारा देख कर अपने होंठो को जीभ फिरा कर गीला किया और फिर सर को ऊपर उठाते हुए अपने होंठ नेहा की बुर पर चिपका दिए ...... नेहा के गले से एक जोरदार सिसकी निकली ...... aaahhhh भैया चूस लो अपनी बहन की बुर का रस पी जाओ भैया .......


और प्रतीक अपनी जीभ निकाल कर नेहा की बुर की दरार और गुलाबी फांको को चाटने लगा ........ कुछ देर तक रगड़ रगड़ कर बुर चाटने के बाद प्रतीक बोला ...... श्वेता अपने हाथ से बुर फैला कर चटवाओ ना और नेहा ने दोनो हाथो से बुर की दरार को फैला दिया ....... और प्रतीक ने जीभ नुकीली करते हुए अंदर तक घुसा दी और घुमा घुमा कर चाटने लगा ....... नेहा अपनी गांड़ को हिलाते हुए सिसियाते हुए अपनी बुर प्रतीक के मुह पर घिसने लगी और बोली ...... हाय भैया और अंदर डाल दो अपनी जीभ चोद दो अपनी बहन की बुर अपनी जीभ से ऊफफ भैया कुछ निकलने वाला है मेरी बुर से aaaahh ........

नेहा गर्म हो कर झरने के कगार पर आ चुकी थी उसकी आंखें बंद हो गयी थीं बदन अकड़ रहा था और उसने अपने हाथ अपनी चुत से हटा कर अपने निप्पल को पकड़ लिया था और उन्हें हौले हौले मसलते हुए अपनी चूत तेजी से प्रतीक के मुह पर रगड़ रही थी ......... नेहा के मुह से आवाज़ें निकलने लगी ...... आहह भैया चाट लो अपनी बहन की बुर चूस लो मेरी बुर का सारा रस मुझे पता होता आप इतने मज़े दोगे तो कब की नंगी हो कर आपके मुह पर अपनी बुर रख देती भैया aaaahhhh ऊफफफ भैया हाआय्य्य्य्य्य री गयी मैं ...... और नेहा के बदन को झटके लगने लगे वो झरने लगी और गहरी सांस लेते हुए अपनी बुर से प्रतीक के मुह में खट्टा मीठा रस टपकाने लगी प्रतीक ने भी उसकी पूरी बुर में भर कर जोर से चूसनी शुरू कर दी और एक एक बूंद रस चूसने के बाद उसने अपनी जीभ को बुर से निकाल कर गांड़ के हाईवे पर घुमाना शुरू कर दिया वो नेहा की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा और फिर नेहा की गांड़ के कसे हुवे छेद को चूमने लगा ......

2 मिनट में ही नेहा की हालत फिर से खराब होने लगी ...... और वो बोली ऊफफ भैया आप कितना मज़े देते हो ...... मैंने बड़ी देर कर दी आपको बहोत तड़पाया है ...... प्रतीक बोले अभी कोई देर नही हुई है श्वेता और जितना तड़पाया है तुमने मुझे आज उतने ही मज़े भी तो दे रहे हो ....... चलो अब तुम भी मेरे लंड को खुश कर दो उसे प्यार कर के ........

ये सुन कर नेहा प्रतीक के सीने पर लेट गयी और अपना मुह उसने प्रतीक के खूंटे जिसे खड़े लंड पर झुका दिया ....... इस तरह 69 पोजीशन में आने से नेहा की गांड़ और अच्छे से फैल कर खुल गयी और प्रतीक में जीभ को उसकी गांड़ के छेद में चुभोते हुए उसकी गांड़ चाटनी शुरू कर दी ...... और नेहा ने प्रतीक का गर्म लंड अपने ठंडे हाथो में थाम लिया ऑयर सहलाने लगी ........

नेहा एक हाथ से लंड को मुठियाते हुए दूसरे हाथ से प्रतीक के आंड़ मसल रही थी और फिर उसने अपने सुर्ख होंठ प्रतीक के सुपाड़े पर रख दिये ....... और उसे चूम लिया नेहा के होंठो को अपने लंड पर महसूस करते ही प्रतीक एकदम से गनगना गया और अपनी कमर उचका कर गप्प से अपना लंड नेहा के मुह में पेल दिया .......

मोटा सुपाड़ा मुह में घुसते ही नेहा ने लंड को जड़ से पकड़ा और अपना सर ऊपर नीचे हिलाते हुए लंड से अपना मुह चोदने लगी ...... प्रतीक नेहा की गांड़ को जीभ से कुरेदते हुए अपनी कमर को ऊपर पुश करते हुए नेहा के मुह में लंड पेलते हुए चोद रहा था.........

और मैं इन सब हद से ज्यादा कामुक दृश्यों को देख कर अपने भन्नाए हुए लौड़े को मसलने में लगा हुआ था .......

कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे की गांड़ और लंड का स्वाद लेने के बाद ....... प्रतीक बोला ..... श्वेता अब बस कर ना वरना तेरे मुह में निकाल दूंगा ....... नेहा ने लंड मुह से निकाल के थूक से भीगे हुए लंड को मुठियाते हुए कहा aaahhh भैया पिला दो ना अपनी बहन को अपने लौड़े का गरम रस ....... प्रतीक बोला ...... उफ़्फ़फ़ पिला दूंगा लेकिन पहले मुझे अपनी बहन की कसी हुई बुर में लंड डालना है ....... चोदना है मुझे श्वेता तुम्हारी बुर को अपने मोटे लंड से .......

नेहा तेजी से लंड पर हाथ चलाते हुए बोली हाय्य्य्य भैयाआआआ ....... इतने मोटे लंड से तो मेरी बुर फट जाएगी बड़ा दर्द होगा मेरी बुर को ......... प्रतीक ने नेहा के चूतड़ मसलते हुए कहा ...... ना श्वेता मैं बड़े प्यार से चोदूगा तेरी बुर ....... धीरे धीरे पेलूँगा अपना लंड तेरी बुर में उफ़्फ़फ़ .......

और फिर नेहा प्रतीक के ऊपर से उठी और उसके बगल में लेट कर अपनी टांगे फैला कर बोली आओ भैया पेल दो अपना लोड़ा अपनी बहन की बुर में चोद लो अपनी बहन श्वेता को ....... बन जाओ बहनचोद ....... और प्रतीक ने नेहा की टांगों के बीच पोजिशन लेते हुए अपना सुपाड़ा उसके चूत की दरार पर रख दिया ....... और सुपाड़े को दरार पर रगड़ने लगा .......

नेहा भले ही रण्डी थी लेकिन इस टाइम वो पूरी मस्ती में इस रोल को एन्जॉय कर रही थी और उसने नीचे से गांड़ उछाल कर लंड को चूत में लेने की कोशिश की और उसकी कोशिश सफल हुई ....... प्रतीक का मोटा सुपाड़ा उसकी चुत के छेद को फैलाता हुआ अंदर समा गया और नेहा मज़े से गनगना कर बोली ...... हाय्य्य्य भैयाआआआ घुस गया आपका लंड आपका मेरी बुर में ........


प्रतीक से भी अब बर्दाश्त नही हो रहा था सो उन्होंने नेहा के ऊपर लेटते हुए अपनी हथेलियां उसके दोनो ओर टिका कर अपनी गांड़ को पूरी तेज से आगे धकेलते हुए पूरा लंड एक बार मे नेहा की चूत में हचक के पेल दिया और नेहा तेजी से सिसियाते हुए बोली ......... उफ़्फ़फ़ भैया पूरा घुस गया दर्द हो रहा मेरी बुर में प्लीज रुक जाइये ....... लेकिन प्रतीक के लिए अब रुकना नामुमकिन था उसने अपनी कमर को गति देते हुए लंबे लंबे शॉट मारने शुरू कर दिए और उसका 8 इंच का लंड नेहा की बुर की दीवारों को बेदर्दी से रौंदता हुआ अंदर बाहर होने लगा ...... नेहा की बुर काफी पानी छोड़ रही थी और उसकी चिकनाई में फिसलता हुआ लंड किसी पिस्टन की तरह सटासट उसकी बुर में गति पकड़ता जा रहा था ........

और फिर नेहा भी नीचे से अपनी गांड़ उछालते हुए बोली aaahhh चोदो और चोदो कस कस के चोदो मेरी बुर राजा बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा पेल दो पूरा ....... और प्रतीक पूरी ताकत से अपना लंड पेलते हुए नेहा को चोदने लगा ......

प्रतीक ने नीचे झुक के नेहा को होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी जीभ के नेहा के मुह में डाल कर चाटते हुए तगड़े धक्के लगाने लगा आए बोला ....... ले खा लंड श्वेता चुद साली और चुद आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा चोद चोद के भोसड़ी वाली ....... aaahhh उफ़्फ़फ़ ........

नेहा ने अपनी गुलाबी रसीली जीभ प्रतीक की जीभ पर फिराई और फिर उसे होंठो में दबा के चूस लिया....... और अपने हाथों से अपने निप्पल मसलते हुए सिसियाने लगी ........ हां भैया बना दो मेरी बुर का भोसड़ा चोद डालो अपनी बहन को भर द अपने लंड का पानी अपनी बहन की बुर में aaaaahhhh भैयाआआआ मैं गयी फिर से और इसी के साथ उसके बदन को झटके लगे वो कांपने लगी और उसकी बुर से रस के छींटे उड़ने लगे प्रतीक ने और तेजी से धक्के लगाते हुए नेहा की बुर का रस अपने लंड पर महसूस किया और फिर उसने भी तेजी से 8-10 करारे शॉट लगाए और जड़ तक लंड नेहा की चूत में पेल कर अपने लंड का गरम माल उसकी बुर में भरने लगा और वो नेहा के नंगे बदन पर निढाल हो कर गिर गया और नेहा अपनी बुर को सिकोड़ते हुए उसके लंड का माल अपनी बुर से चूसने लगी ...........।
Super update
 
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Suku31

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