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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Rajizexy

punjabi doc
Supreme
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मैंने अपनी बाइक उस घर से थोड़ी दूर पर ही रोक दी थी फिर मैं संजय को वहीं रुकने को बोला और टहलते हुए उस घर के सामने से गुजरा मैंने सरसरी नजरें घुमाते हुए अच्छे से मुआयना किया गेट बंद था और गेट के बगल में 5 फ़ीट की बॉण्डरी थी बॉण्डरी के अंदर कुछ पेड़ पौधे लगे हुए थे उसके आगे बरामदा था और फिर घर का मुख्य दरवाजा ,एक गैलेरी उस दरवाजे के बगल से हो कर पीछे तक जा रही थी उस गैलेरी में कमरों की खिड़कियां खुलती थीं और फिर गैलेरी के अंत मे एक और दरवाजा था जो कि शायद पिछले कमरे में खुलता होगा और उसी के बगल से छत पर जाने की सीढ़ियां भी बनी हुई थीं मैं एक चक्कर काट कर संजय के पास आया वो मेरी ओर गौर से देख रहा था। मैंने कहा देख संजय मैं सोच रहा हूँ एक बार अंदर जा के देखूं शायद इसके कुकर्मो का कुछ और सबूत मिल जाये संजय ने कहा पर इसमे बहोत रिस्क है। ऐसे किसी के घर मे घुसना किसी ने देख लिया तो मैंने कहा यार मैं सड़क के उस ओर तक हो आया हूँ सभी घरों के गेट बंद हैं वैसे भी 7 बज रहे हैं अँधेरा हो चुका है अपनी बहन के लिए मैं इतना रिस्क उठाने को तैयार हूं ।​
कैसे भी मैं बस दीदी को इस विनय के चंगुल से निकलना चाहता था और इस टाइम बीयर का नशा भी मेरी हिम्मत को बढ़ाने में मदद कर रहा था ये सब सोच कर ही मुझे थोड़ा एडवेंचर महसूस हो रहा था और मेरा दिमाग भी अच्छे से चल रहा था मैंने अपना फोन निकाल कर साइलेंट पर डाला और वाइब्रेशन भी ऑफ कर दिया फिर मैंने कहा संजय मैं जा रहा हूँ बॉण्डरी फांद कर अंदर जाऊंगा अगर कोई और उस घर के आसपास फटके तो मुझे कॉल कर के अलर्ट कर देना मैं फोन हाथ मे ही रखूंगा और सावधान हो जाऊंगा संजय ने कहा ठीक है पर बहोत देर मत लगाना जल्दी आ जाना मैंने कहा ok ।
और मैं एक बार फिर से उस घर की ओर चल पड़ा घर के सामने पहुंच कर मैंने चारो ओर नजर मारी पर दूसरी ओर के 3 घर आगे चौथे घर की बालकनी में एक 16-17 साल की लड़की मुझे ही देख रही थी ।
और वो देखती भी किसे उस सड़क पर एक मात्र मैं ही था मैंने चाल धीमी कर ली पर वो फिर भी मुझे देखती रही मैंने दो तीन बार उसकी ओर देखा हर बार उसकी नजर मुझ पर ही जमी दिखी आखिर मुझे उसे वहां से हटाए बिना उस घर मे दाखिल होना मुश्किल दिखने लगा तो मैंने उसके घर के सामने पहुंच कर सड़क के किनारे लगे हुए एक पेड़ के पीछे बनी हुई नाली के पास खड़े हो कर पैंट की ज़िप खोली और लौड़ा निकाल कर मूतने लगा मैंने जानबूझ कर ऐसा एंगल लिया कि मेरा लंड उसे दिखता और जैसे ही उसकी नजर मेरे लंड पर पड़ी वो वहां से भाग कर अंदर चली गयी फिर भी तसल्ली कर लेने के लिए मैंने सच मे पेशाब किया और फिर ज़िप बंद कर के एक बार फिर अच्छे से चारो ओर का जायजा लिया किसी को मौजूद न देख कर मैंने फुर्ती से उस घर की ओर रुख किया और बॉण्डरी पर हाथ जमा कर उछल कर ऊपर चढ़ गया और धीरे से अंदर कूद गया।
कुछ सेकेंड्स तक वही चुपचाप बैठे रहने के बाद मैं झुके हुए साइड वाली गैलेरी में आया एक के बाद एक तीन कमरे बने हुए थे और पहला कमरा पार कर के दूसरे कमरे के सामने पहुंचते ही मुझे अंदर से कुछ आहट आयी मैंने खिड़की के पास नीचे बैठ गया और धीरे से खिड़की चेक की खिड़की पर ग्लास लगा हुआ था अंदर लाइट्स जल रही थीं पर इस गैलेरी की लाइट्स ऑफ थीं तो बाहर अंधेरा था मैंने सर उठा कर कोने से अंदर देखा तो अंदर विनय एक सोफे पर पसरा हुआ सा पड़ा था और वो लड़की रानी उसके सामने वाले सोफे पर बैठी हुई थी वो कुछ बात कर रहे थे पर वो मुझे स्पष्ट नही सुनाई दे रही थी। मैं चुपचाप देखने लगा कुछ देर बाद विनय ने अपना फोन निकाला और किसी से बात करने लगा तभी मेरे नंबर पर संजय का कॉल आने लगा मैंने खिड़की से कुछ दूर जा कर कॉल रिसीव की तो संजय बोला यार एक लौंडा उधर ही आ रहा है मैंने कहा ठीक है आने दो और कॉल काट दी मैं आगे जा कर आखिर में बनी हुई सीढ़ियों पर छुप गया और गर्दन निकाल कर झांकने लगा मेरा आईडिया सही निकला तभी विनय गेट के पास नजर आया उसने गेट खोला और एक लड़का अंदर आया वो कोई 22-23 साल का बड़े बड़े बिखरे वालों वाला शक्ल से ही लफंगा सा दिखने वाला लौंडा था उसके अंदर आने पर विनय ने गेट बंद किया और फिर वो दोनो अंदर चले गए।
उनके अंदर जाते ही मैं एक बार फिर उस खिड़की पर आ कर जम गया मैंने देखा कि वो दोनो उस कमरे में आये और विनय ने रानी और उस लड़के का इंट्रो कराया फिर उस लड़के ने अपनी शर्ट में छुपा कर पैंट में फंसा रखी शराब की बोतल निकाली और वो बोतल रख कर वो उठ कर सामने नजर आ रहे दरवाजे के उस पार चला गया जब वो वापस आया तो उसके हाथों में 3 ग्लास और पानी की बोतल थी ।
ये सब देख कर फोन का कैमरा ऑन किया और अंदर की रिकार्डिंग करने लगा ।
उस लौंडे ने बोतल खोल कर तीनो ग्लास में शराब डाली और फिर पानी से भर दिए उसने एक ग्लास उठा कर विनय को दिया दूसरा रानी को और तीसरा खुद ले कर एक सोफे पर बैठ गया वो तीनो बातें करते हुए शराब पी रहे थे अपना अपना गिलास खाली कर के विनय उठा और रानी के पास आ कर उसके गले मे पड़ा दुपट्टा हटा दिया अब मैंने गौर से उस लड़की को देखा वो ठीक थी साधारण शक्ल सूरत की पर हल्का मेकअप कर के उसने को खुद खूबसूरत दिखाने की कोशिश की हुई थी जिसमे वो कुछ हद तक सफल भी थी उसने पीले कलर का सलवार सूट पहन रखा था विनय ने उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसके सीने पर हाथ फिराना शुरु कर दिया था मेरी नजरे भी उसके सीने के मुआयना करने लगी उसके हृष्ट पुष्ट चूचे कसी हुई कुर्ती में नजर आ रहे थे उन पर हाथ लगते ही वो नशीली आंखों से विनय को देखने लगी देखते ही देखते विनय ने उसकी कुर्ती पकड़ कर ऊपर खींचते हुए निकाल दी और अब वो सिर्फ ब्रा में बैठी हुई थी ब्रा में कसे उसके सुडौल वक्ष देख कर मेरा भी लंड हरकत में आने लगा जीवन मे पहली बार किसी लड़की को सामने से इस तरह से देख रहा था।
पोर्न देखी थी कई बार पर वास्तविकता में और स्क्रीन पर देखने मे कुछ तो अंतर होता है और वो मुझे स्पष्ट महसूस हो रहा था दीदी की प्रॉब्लम विनय का हरामीपन सब मेरे दिमाग से निकल चुका था अभी बस मुझे अंदर के गरम दृश्य उत्तेजित कर रहे थे ।
उधर विनय के हाथ अब रानी के ब्रा के कप्स के अंदर घूम घूम कर उसकी चुचियो को मसल रहे थे रानी के चेहरे के भाव साफ चुगली कर रहे थे कि वो कितना एन्जॉय कर रही है फिर रानी ने विनय की पैंट की ज़िप और बटन खोलने शुरू कर दिए और विनय की पैंट खोल कर घुटनो तक सरका दी और और उसकी अंडरवियर के उपर से उसके लंड पर हाथ फिराने लगी उधर विनय ने रानी की ब्रा के हुक खोलते हुए उसे जल्दी से उसके जिस्म से निकाल फेंका और रानी की नंगी चुचियाँ देख कर विनय के साथ साथ मेरा लंड भी एकदम कड़क हो गया मैं एक हाथ से फ़ोन सम्हाले हुए अंदर के दृश्यों को अपने फोन में कैद करते हुए दूसरे हाथ से अपनी ज़िप खोल के अपने ऐंठे हुए लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा।
जल्दी ही मुझे सफलता मिल गयी और अब मेरा अकड़ा हुआ लंड मेरी मुट्ठी में था जिसे मसलते हुए मैं अंदर के गरमा गरम दृश्य का आनंद लेने लगा विनय अब रानी के भूरे कड़े निप्पल अपनी उंगलियों में दबा दबा कर मसल रहा था और रानी ने भी देर ना करते हुए विनय के लंड को अंडरवियर की कैद से आज़ाद कर दिया उसे हाथों से सहलाते हुए ललचाई नजरो से देखने लगी विनय लंड था भी जबरदस्त लगभग 8 इंच लंबा और अच्छा खासा मोटा वो एकदम सख्त हो कर झटके ले रहा रहा और रानी अपने गोरे नाजुक हाथों से उसकी मुठ मार रही थी.....
तभी विनय ने एक हाथ रानी के सर पर रखा और उसे अपने लंड पर झुकाने लगा उसकी मंशा समझते ही रानी ने खुद की अपने होंठ विनय के फूले हुए सुपाड़े पर चिपका दिए और आंखे मूंद के उसका स्वाद लेने लगी धीरे धीरे वो अपने सर को हरकत देते हुए लंड को और अंदर लेते हुए जोर लगा कर चूसने लगी और विनय आंखे बंद कर के उसकी जीभ और होंठो के स्पर्श का सुख महसूस करने लगा .....
अपना लंड मुठियाते हुए एक पल को मेरे मन मे आया काश मैं विनय की जगह होता और ये लौंडिया मेरा लौड़ा चूस रही होती ..... पर ये महज एक ख्याल ही था कुछ देर में एक और ख्याल मेरे दिमाग आया कि दीदी के साथ भी ये सेक्स कर चुका है तो क्या मेरी निकिता दीदी भी इसी तरह विनय का लंड चूसी होंगी और ये सोचते ही मेरे बीयर के नशे में डूबे दिमाग ने एक काल्पनिक छवि बना दी जिसमे मेरी निकिता दीदी रानी की तरह ही नंगी हो कर विनय का मोटा लंड चूस रही थीं और वो छवि खयालों में देखते ही मेरे लंड से वीर्य की एक तेज बौछार निकलने लगी लगातार एक के बाद एक तेज पिचकारियां मारने के बाद मेरे लंड का तनाव जरूर कम हुआ पर सामने की दीवार और जमीन मेरे गाढ़े बीर्य से तर ब तर हो गयी मैंने खुद को सम्हाला और अंदर ध्यान दिया ......
रानी सोफे पर कुतिया बनी हुई थी और उसकी पैंटी फर्श पर पड़ी थी और विनय पीछे से उसके चूतड़ पकड़ कर तेज तेज धक्के लगाते हुए उसे ठोंक रहा था और वो दूसरा लौंडा रानी की मुह की पास घुटनो पर खड़ा हुआ था और रानी उसका लंड तल्लीनता से चूसते हुए अपनी चूत विनय के मूसल जैसे लंड से कुटवा रही थी .....
ये देख कर मेरे दिमाग मे फिर से विचार आने लगा क्या दीदी भी ऐसे ही विनय से ..... उफ्फ मेरे दिमाग मे गुस्सा भरने लगा और नफरत भी विनय के प्रति, कोई 7-8 मिनट तक अच्छे से रानी को ठोकने के बाद विनय उसकी चूत में ही झड़ गया और लंड निकाल कर सोफे पर पसर कर एक सिगरेट सुलगा ली और कश लेने लगा उधर वो लौंडा अब विनय की जगह आ गया उसने रानी की पैंटी से उसकी चूत पोंछि और अपना 5 इंच का छोटा सा लंड उसकी चूत में डाल कर उछलने लगा पर दो मिनिट में ही वो खल्लास हो गया और वो भी आ कर एक सोफे पर बैठ गया रानी भी सोफे पर बैठ कर सुस्ताने लगी मैंने ये रिकार्डिंग सेव की अब यहां रुकना बेकार भी था और खतरनाक भी मैंने खिड़की से थोड़ा दूर जा कर संजय को कॉल लगाई उसने झट से रिसीव की और बोला सो गया क्या उधर ही मैंने कहा मैं बाहर आ रहा हूँ उधर सब क्लियर है ना वो बोला हां सड़क पर कोई नही है आजा मैं जल्दी से बॉण्डरी फांद कर बाहर आ गया और तेजी से चलता हुआ संजय के पास पहुंचा उसने बाइक स्टार्ट कर रखी थी मैं पीछे बैठा और हम निकल गए वहां से ।
थोड़ी दूर आने पर उसने पूछा कुछ फायदा हुआ इतना रिस्क लेने का या नही ....? मैंने कहा अबे फायदा छोड़ खजाना मिल गया समझ ले अब तो विनय हमारे इशारे पर नाचेगा और नाक रगड़ेगा हमारे सामने वो आश्चर्य से बोला ऐसा क्या हो गया बे मैंने कहा बाइक रोक तो दिखाऊँ उसने एक खाली जगह पर बाइक रोकी मैं नीचे उतरा और फोन निकाल कर वो वीडियो प्ले कर के फ़ोन उसे दे दिया संजय ने पूरी 20-22 मिनट की वीडियो गौर से देखी और खुशी से उछलता हुआ बोला मान गया यार तू तो बड़ी कमीनी चीज है साले विनय को एक झटके में ही चित कर दिया वो बोला ये वीडियो मुझे भी दे दे मैं चाचा को सेंड कर देता हूँ कल ही इस साले को थाने बुला कर इसकी गांड़ में डंडा दिलवाता हूँ मैंने वो वीडियो सेंड की और तभी पापा का कॉल आ गया 8 बजने वाले थे और मैं इतनी रात को कभी घर से बाहर नही होता तो वो थोड़ा गुस्से से बोले कहाँ आवारागर्दी हो रही है ये कोई वक़्त है बाहर रहने का ?
मैंने कहा पापा वो संजय के साथ एक गाइड लेने आया था वो कहीं मिल नही रही थी इसलिए चौक मार्केट की एक दुकान तक आना पड़ा ये बड़ी दुकान है यहां मिल सकती है पर रास्ते मे बाइक पंचर हो गयी वही बनवाने में टाइम लगा गया बस मैं घर पहुंच ही रहा हूँ .....
मेरे जवाब से थोड़ा संतुष्ट होते हुए बोले एक कॉल कर ये बात घर मे किसी को बता भी सकते थे तुम हम सब को फिक्र हो रही है तुम्हारी और सब से निकिता फिक्रमंद हो रही है तुम्हारे लिए मुझे ऐसा लग रहा है आज कुछ हुआ जो तुम दोनों छिपा रहे हो मुझसे जल्दी घर आओ मुझे बात करनी है तुमसे ....
मैं बात बदलते हुए बोला ऐसा कुछ नही पापा कोई बात नही हुई सब ठीक है मैं बस आ ही गया मैंने संजय को किक मारने का इशारा करते हुए फ़ोन काटा और संजय को उसके घर ड्राप कर के मैं घर आ गया मम्मी ने दरवाजा खोला और धीरे से बोली पापा गुस्से में हैं ज्यादा बहस मत करना उनसे मैं धीरे से सर हिलाते हुए अंदर घुसा और पापा के सामने आ कर बैठ गया अपना आत्मविश्वास समेट कर।
पापा ने फौरन पहला सवाल दागा आज कॉलेज के रास्ते में कहीं कोई मिला था क्या ये निकिता कुछ घबराई सी लग रही है
मैंने थूक निगलते हुए बड़ी सफाई से झूठ बोला ऐसे कोई मिला तो नही पर मैं तो बाइक चला रहा था शायद निकिता दीदी को कोई मेरा मतलब है वो विनय दिखा हो या कोई बात हो बाकी मैं तो आराम से उन्हें उनके कॉलेज ड्राप कर के उनके कॉलेज के अंदर जाने के बाद अपने स्कूल चला गया था पापा ने मेरी आँखों मे देखा घूर कर पर मैं वैसे ही उन्हें देखता रहा फिर वो सर हिलाते हुए बोले बेटा कोई बात हो तो मुझसे मत छुपाना मैं उस विनय से डरता नही हूँ साले की पुलिस में शिकायत करूंगा दिमाग सही करवा दूंगा उसका (अब मैं उन्हें क्या बताता की यहां मैं पहले ही उसके क्रियाकर्म का सारा इंतजाम किए बैठा हूँ) पर मैंने सर हिला कर अच्छे बच्चे की तरह उन्हें जवाब दिया ठीक है पापा और वो उठ कर अपने रूम में चले गए।
मैं भी उठा और सीधा दीदी के रूम मे गया वो लेटी हुई थी कुछ गुमसुम सी मुझे देख कर उठ कर बैठ गईं और पूछने लगी कहाँ गायब थे इतनी देर मुझे बड़ी फिक्र हो रही थी तेरी?
मैं उनके पास ही बैठ गया बेड पर और मुस्कुरा कर बोला बस आपकी समस्या का हल ढूंढ रहा था और मिल भी गया ..... आपने दोपहर में कहा था ना आप प्यार करती हो विनय से अच्छी बात है पर वो आपके बारे में क्या सोचता है पता है आपको ?
दीदी हैरानी से मेरा मुह देखने लगी और बोली वो मुझसे बहोत प्यार करता है मेरा चेहरा थोड़ा गुस्से से तमतमाने लगा मैंने फोन निकाल कर बीयर शॉप के बाहर रिकार्ड हुआ वीडियो प्ले कर के फोन दीदी के हाथ मे थमाया और गुस्से से कहा देख लो उस कुत्ते का अपने प्रति प्यार और फिर भी अक्ल ना आये तो कल चली जाना उसके पास वो हमारे पापा को गाली दे रहा मुझे मारने की धमकी दे रहा है यहां तक कि तुम्हारे बारे में कितनी शर्मनाक बातें बोल रहा है अपने दोस्तों से और तुम्हारे सर पर उसके प्यार का भूत सवार है इतना बोल कर मैं चुपचाप उनके रूम से निकल कर अपने रूम में आ गया .......
मुझे पता था वो वीडियो खत्म होते ही अगली वीडियो प्ले हो जाएगी रानी विनय और उस लौंडे की सामूहिक चुदाई की और मैं नही चाहता था कि दीदी मेरे सामने वो गंदी वीडियो देख कर शर्मिंदा हों पर ये भी चाहता था कि दीदी वो देखें और विनय के बारे में उनकी सोच बदल उसका असली चेहरा उनके सामने आ जाये और उनके दिल से उस कमीने के लिए प्यार खत्म हो जाये और वो उस से नफरत करने लगें ......
यही सब सोचते हुए मैंने चेंज किया और बिस्तर पर लेट गया तभी मम्मी ने खाने के लिए आवाज़ दी और मैं उठ कर डाइनिंग टेबल पर आ गया पापा पहले से वहां थे मम्मी ने दीदी को दो आवाज़ें दी तो वो भी आ गईं पर उनका चेहरा फक्क था वो बहुत टेन्स थीं उनकी हालत की वजह सिर्फ मुझे पता थी फिर हमने खाना खाया दीदी ने भी जैसे तैसे एक दो रोटियां निगल ली और तबियत सही ना होने का बहाना कर जल्दी ही अपने रूम में चली गईं।
मैं भी खाना खत्म कर के अपने रूम में आ गया और लेट कर सोचने लगा कि कल के दिन में संजय के चाचा से मिल कर ये झंझट खत्म करवा दूँ और मेरे परिवार की खुशियां वापस आ जाएं।
मैं लगभग सो ही गया था ये सब सोचते हुए तभी मुझे लगा कोई मुझे हिला रहा है आंख खोल कर देखा तो दीदी मुझ पर झुकी हुई मुझे जगा रही थीं मैं फौरन उठ बैठा पर उनके यूँ झुकने से मेरी नजर सीधा उनकी नाइटी के अंदर झूल रहे गोरे सुडौल चूचो पर पड़ी और मेरे लंड में जरा सी हरकत हुई पर मैने अपनी नजर हटाते हुए उनकी आंखों में देखा और आंखों ही आंखों में सवाल किया कि क्या हुआ?
दीदी मेरे पास में बैठ कर मेरा फोन वही बिस्तर पर रख दीं और बोली विकी तुम सही कह रहे थे ये विनय तो एक नम्बर का गिरा हुआ नीच इंसान है मुझसे कितनी कितनी प्यारी बातें कर के मुझे फंसा लिया पर इसकी सोच और बातें कितनी घटिया हैं।
इतना कह कर वो चुप हो गयी और मेरी ओर देखने लगी ।
मैंने कहा मैं और पापा जब आपको समझा रहे थे तब तो आपको हम सब गलत और वो हरामी सही लग रहा था इसलिए मुझे कितने खतरे उठा कर ये वीडिओज़ हासिल करनी पड़ी अगर विनय जान जाता तो मुझे जान से मार देता (ये बात मैंने सिर्फ खुद को तीस मार खान साबित करने के लिए कही थी) पर मेरी बात सुन कर दीदी की आंखों से आंसू टपकने लगी और उन्हें मुझे अपनी बाहों में भरते हुए कस के सीने से लगा लिया और बोली मैं उस विनय का खून ना कर देती अगर वो मेरे भाई को हाथ भी लगाता ..... ये सुन कर मेरे होंठो पर मुस्कान आ गयी दीदी का ये प्यार मुझे अंदर तक गुदगुदा गयी और उधर उनकी मोटी मोटी चुचियाँ मेरे सीने में घुसी हुई थी उनकी गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी ।
मैंने भी दीदी को बाहों में जोर से कस लिया और बोला ओह दीदी इतना प्यार करती हो तुम मुझसे वो बोली बस एक तू ही इकलौता भाई है मेरा और मेरी बातों को समझता है तुझसे नही तो किस से प्यार करूँ मैं उन्हें चिढ़ाते हुए बोला क्यों विनय से प्यार खत्म हो गया क्या ......? उसका नाम सुन कर वो झटके से मुझसे अलग हुई और नाम मत लो उस कुत्ते का मेरे सामने साले ने मुझे खराब कर दिया और वो फूट फूट कर रोने लगी मैंने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा.... दीदी प्लीज अब रो मत उस से कुछ नही होगा जो होना था हो चुका अब बस ये सोचो कि आगे कैसे निपटा जाए उस से दीदी ने सिसकते हुए कहा उस कमीने के पास मेरे pic हैं कहीं उसने उन्हें वायरल कर दिया तो पापा मुझे जान से मार देंगे मैंने कुछ सोचते हुए कहा ऐसा कुछ नही होने दूंगा दीदी मैं आप मुझ पर यकीन करो चाहे जो करना पड़े पर अब आपके साथ कुछ और बुरा नही होने दूंगा दीदी मेरी आँखों मे देखने लगी और विश्वास के साथ बोली ठीक है विकी तुम जो कहोगे मैं करूंगी तुम्हारा साथ दूंगी पर अब इस मुसीबत से मुझे निकालो मैंने कहा अब तो विनय के खिलाफ कंप्लेन दोगी ना वो बोली पर मेरे pic मैंने उनकी बात काटते हुए कहा आप भूल रही हो उसके पास pic हैं तो मेरे पास वीडियो वो भी एकदम hd क्वालिटी में ये सुन कर दीदी के गाल लाल हो गए मैं समझ गया दीदी वो वीडियो देख चुकी हैं
तभी संजय का कॉल आया मैंने कॉल रिसीव की तो उसने बताया कि चाचा से बात हो गयी उन्हें वो वीडियो भी सेंड कर दिया है चाचा कह रहे थे कल उसे थाने बुला कर ऐसी माँ चोदेगे उसकी वो सारी जिंदगी याद रखेगा .....
मैंने कहा दीदी भी उसके खिलाफ लिखित शिकायत दे देंगी वो खुश हो कर बोला फिर तो पक्का उसका पुलंदा बांध देंगे चाचा मैंने कहा थैंक्स मेरे भाई उसने एक मोटी सी गाली दे कर कहा भोसड़ी के अपना थैंक्स अपनी गांड़ में डाल लें बस ये सब निपट जाए तो एक बीयर पिला दियो मैंने कहा एक नही बे जी भर के पी लियो फिर मैने कॉल काट के दीदी को सब बताया और सब सुनने का बाद दीदी कुछ निश्चिंत हुई फिर मैंने कहा दीदी अब आप जा कर आराम से सो जाओ हो कल सब ठीक हो जाएगा ।
दीदी ने मुस्कुरा कर मेरी ओर देखा उनके चेहरे पर शुक्रिया अदा करने के भाव थे मैंने उनकी खूबसूरत आंखों में देखते हुए उनके नरम नरम हाथ पकड़ कर दबा दिए और फिर वो उठ खड़ी हुई और अपने कमरे में चली गयी और मैं भी पता नही कब नींद के आगोश में चला गया .....।
Good start. Keep it up dear
 
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हजारों ऐसी भी कहानियां है जिन्हें पढ़ कर हंसी भी नही आती ऐसी बेतुके बे सिर पैर के सेक्स सीन creat कर देते हैं लिखने वाले कि पढ़ कर झांट जल जाती है ....... 🤣
अरे अरे अपनी झाँटे न जलाओ यार
 

A.A.G.

Well-Known Member
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अगली सुबह हमारी नींद नही खुली क्योंकि कल रात 1 बज गया था सोते सोते ....... सुबह साढ़े सात के आसपास मम्मी ने दरवाजा पीटते हुए आवाज़ें दी और मैं हड़बड़ा कर उठ बैठा देखा तो मैं और दीदी एकदम नंगे पड़े हुए थे दरवाजा पीटने की आवाज़ से दीदी भी जाग गयीं ........

और हालात समझते ही फुर्ती से बाथरूम के रास्ते होते हुए अपने कमरे में निकल गईं ...... मैंने भी जल्दी से अपना लोअर टांगों में डालते हुए कहा आ रहा मम्मी ...... खोल रहा हूँ और टीशर्ट सर में घुसाते हुए दरवाजा खोल दिया .....

मम्मी बोली 8 बजने वाले हैं कितना सोना है तुम दोनों को वो निकिता भी अभी घोड़े बेंच कर सो रही है ....... हुआ क्या है तुम दोनों को आज ......?

मैं थोड़ा सा घबराया हुआ था बस आंख खुलते ही ये सब शुरू हो गया था और मेरे मुह से निकल गया वो मम्मी रात दीदी के सर में दर्द था तो वो सो नही रही थीं ....... फिर उनको बाहर टहलते देख कर मैं भी आ गया और उनका सर दबाता रहा ...... सोने में देर हो गयी दोनो को इसलिए नींद नही खुली ......

तब तक दीदी ने भी दरवाजा खोला और बाहर आ गईं ...... मैंने फौरन बात बनाते हुए पूछा दीदी अब कैसा है आपका सरदर्द ...... दीदी हैरानी से मुझे देखने लगी ...... मैंने मम्मी की नजर बचा के आंख मारते हुए कहा रात सरदर्द था आपको अभी कैसा है आपकी वजह से कल मुझे भी देर हो गयी सोने में और अब मम्मी की डांट सुननी पड़ रही है सुबह सुबह ........

गनीमत हुई कि दीदी बात समझ गयीं और बोली हां काफी आराम है वैसे रात ही आराम मिल गया था तभी तो सो पाई ....... मम्मी ने दीदी के माथे को छू कर देखा और बोली फीवर तो नही है अगर ज्यादा दर्द था तो मुझे बताना था ना विकास को क्यों परेशान किया वो बेचारा वैसे ही आजकल दिन भर कितनी भाग दौड़ में लगा रहता है तेरी शादी की सारी जिम्मेवारी अकेले उठा रखी है ऊपर से घर का काम भी ...... रात में तो चैन से सोने दिया कर उसे .........

दीदी बोली तो मैंने थोड़े कहा था इसे की ये जागे मेरे साथ खुद ही आ गया तो भगा थोड़े देती मैं इसे ....... मैंने कहा मम्मी कोई नही रोज रोज थोड़े दर्द होगा दीदी एक दिन हो गया अभी वो ठीक है ना ....... लेकिन क्यों सुबह सुबह दरवाजा पीट रही थीं ....... मम्मी बोली प्रतीक की मम्मी का फोन आया था ........ परसों श्वेता का जन्मदिन है वो हम सबको बुला रही थीं ........ अब तेरे पापा को तो ऑफिस के सिवा कुछ सूझता नही और मैं बेटी की ससुराल जा के क्या करूंगी ..........

तो तुम निकिता को ले कर चले जाओ ....... मैंने नखरे दिखाते हुए कहा क्या यार इतना काम फैला हुआ है अभी लखनऊ कैसे जाऊं सब छोड़ कर यहां का काम कौन देखेगा ....... मम्मी बोली बेटा दो दिन की बात है मैं देख लुंगी वैसे भी लेबर काम कर रहे हैं उसमें क्या देखना है ...... सब हो जाएगा तो उसकी फिक्र ना कर और चला जा अपनी दीदी को ले कर इतने प्यार से बुलाया है उन्होंने कोई नही गया तो उन्हें बुरा लगेगा .........

मैंने हार मानने के अंदाज़ में कहा ठीक है फि तो जाना ही पड़ेगा ....... लेकिन फिलहाल मुझे बाथरूम जाना है पॉटी आई है और मैं वापस कमरे में घुस गया ..... पीछे से मम्मी की आवाज़ आयी और बोली अब तो बड़ा बन जा बेटा .......

अब मम्मी को क्या पता मैं कितना बड़ा बन चुका हूं ...... फिर मैं रेडी हो कर नीचे आया पापा ने नाश्ते की मेज पर मुझे हुक्म सुनाया विकास तुम निकिता के साथ लखनऊ चले जाओ ........ और ये लो उन्होंने 10000 रुपये मुझे देते हुए कहा ....... की उनके यहां जाना तो 5 डिब्बे मिठाई के और फल वगैरह लेते जाना ........

मैंने पैसे जेब मे डालते हुए कहा ठीक है पापा लेकिन मैं कार से जाऊंगा ट्रेन में आजकल बहोत भीड़ होती है अकेले जाना होता तो चला जाता दीदी को साथ ले जाने में प्रॉब्लम होगी ...... पापा ने एक मिनट सोचा और फिर बोले ठीक है ....... फिर निकिता दीदी से बोले निकिता बेटा तुम साथ जाओगी देखना ये 60 से ऊपर ना चलाये गाड़ी ....... दीदी बोली ठीक है पापा इसकी स्पीड पर मेरी पूरी नजर रहेगी ...... और मुस्कुराने लगी ........

फिर नाश्ता कर के हम कॉलेज के लिए निकल पड़े ....... और फिर सारा दिन कॉलेज में बिता कर शाम को वापस घर और रात को फिर अपने कमरे में .........

रोज की तरह दीदी कपड़े बदल कर नाइटी में कमरे में आईं और दरवाजा बंद कर के आ कर मेरे बगल में लेट गयीं ....... और बोली तो आज क्या इरादा है मेरी जान ....... मैंने कहा जो मेरी जान का इरादा हो वही मेरा इरादा है ........ दीदी बोली विकी याद है एक दिन मैंने तुमसे कहा था कि मुझे पब्लिक प्लेस में सेक्स करना खास उत्तेजना देता है .........

मैंने सर हिलाते हुए कहा हां याद तो है ....... दीदी बोली तो कल हमे लखनऊ जाना है by road ...... मैंने कहा हां जाना तो है ...... दीदी बोली मैं चाहती हूं तुम मेरी पहली चुदाई कही किसी ऐसी जगह पर करो कि मज़ा आ जाये कुछ नया कुछ एक्साइटिंग सा सोचो ना प्लीज ........

अब तक मैं भी मानसिक रूप से दीदी को चोदने के लिए खुद को तैयार कर चुका था ....... और मुझे लग रहा था कि आज रात चुदे बिना दीदी मानेंगी नही लेकिन दीदी की बात सुन कर के मेरी खोपड़ी चकरा गयी ...... की अब ये कैसी नई फरमाइश है उनकी ....... लेकिन फिर मैंने सोचा कि जब दीदी मेरे लिए इतना सब कर रही हैं तो इनकी इस ख्वाइश को पूरी करना मेरा फ़र्ज़ है और मैंने कहा ठीक है दीदी ........

कल कुछ ऐसा सोचता हूँ कि आप को सारी जिंदगी याद रहे ये हमारी पहली चुदाई ....... मेरी बात सुन कर दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया और मेरे होंठो पर गरम और गीला किस दे दिया ऊऊम्म्म्म्म विकी तुम सच मे बहोत प्यारे हो........

तभी दीदी के फोन की रिंग बजी प्रतीक का कॉल था ....... दीदी ने फोन रिसीव किया और ......

दीदी- हेलो मेरी जान ....... कैसे हो ....

प्रतीक- एकदम बढ़िया तुम कैसी हो ......


दीदी- मैं भी फर्स्ट क्लास हूँ ........

प्रतीक- आ रही हो ना कल ......?

दीदी- हां क्यों नही मेरे प्यारे पति बुलाएं और मैं ना आऊं ऐसा हो सकता है क्या .....

प्रतीक- और कौन कौन आ रहा है जान .....?

दीदी- बस मैं और विकी ...... हम दोनों ही आ रहे हैं ......

प्रतीक- ok जान वैसे मम्मी पापा भी आते तो अच्छा था ......


दीदी- पापा को तो छुट्टी नही मिल रही और वो नही आ रहे तो मम्मी को भी रुकना ही पड़ेगा ....... उनकी वजह से .......

प्रतीक- कोई नही लेकिन शादी से पहले एक बार मम्मी पापा को यहां आना तो चाहिए ही आखिर उनकी बेटी की शादी हो रही है इस घर मे एक बार आ कर देखना तो चाहिए सब कुछ .......

दीदी- अभी तो टाइम है शादी में और घर मे काम भी चल रहा है इसलिये एक साथ सब का निकलना मुश्किल है ...... हो सकता है बाद में आएं वो लोग भी ......

प्रतीक- ok जान और बताओ .......

दीदी- मैं क्या बताऊँ जान तुम बताओ ना आजकल तो सारा दिन तुम्हारा खड़ा रहता होगा अपनी बहन को देख देख कर .........

प्रतीक- हां यार जब से तुमने उसके बारे में बातें की है अब तो बस उसकी गांड़ पर ही नजर टिकी रहती है मेरी और आज तो उसने सुबह झाड़ू लगाते हुए मुझे देख भी लिया था उसके कुर्ते से अंदर झांकते हुए ......

दीदी- फिर क्या रिएक्शन था उसका .....

प्रतीक- कुछ खास नही बस हल्का सा मुस्कुरा दी और झाड़ू लगाती रही ......

दीदी- देखा मैं ना कहती थी उसकी बुर में खुजली होती होगी 18 कि हो गयी है चुदने का मन तो करता ही होगा .......

प्रतीक- अब तो तुम ही पता लगाओ उसके मन मे क्या है ....... मेरे बस में होता तो कब का उसे चोद देता ...... एक और बात है बताने लायक मेरे पास .....

दीदी- बताओ न जल्दी से .....

प्रतीक- आज मैं उसके नहाने के बाद नीचे वाले बाथरूम में गया था टॉयलेट करने के बहाने से वहां हेंगर पे उसकी उतारी हुई पैंटी टंगी थी ......

दीदी- ओहहो जनाब तो बड़े तेज निकले एक ही दिन में अपनी बहन की पैंटी तक पहुंच गए ....... मुझे लगता है कि तुम मेरी मदद की बिना ही जल्दी ही उसकी चुत तक भी पहुंच जाओगे ......

प्रतीक- झेंपते हुए अरे नही यार इतनी हिम्मत नही है मुझमें ......

दीदी- अच्छा वो छोड़ो ये बताओ फिर किया क्या उसकी पैंटी का ......

प्रतीक- बस सूंघा और लंड निकाल कर उस पर लपेट ली ...... सच बताऊँ उस टाइम लंड इतना गर्म हो गया था कि ...... दिल कर रहा था उसकी पैंटी में ही छेद कर के घुसा दूँ .......

दीदी- ओहहह मेरी जान बस थोड़ा सब्र करो फिर तुम्हारी बहन की बुर में ही घुसवा दूंगी तुम्हारा मोटा खूंटा ........

प्रतीक - ऊफफ जान सुबह से ही खड़ा हो रखा है .......

दीदी- ठीक है पर अभी उसे शांत करो और आज मैं ज्यादा देर बात नही कर पाऊंगी कल सोने में बहोत देर हो गयी थी सुबह मम्मी को जगाने आना पड़ा और मुझे डांट भी पड़ी की अभी से ये हाल हैं ससुराल जा के ऐसे दोपहर तक सोएगी तो मेरी सासू मां बहोत गुस्सा होंगी .......

प्रतीक- हसंते हुए बोला अरे नही यार ऐसा कुछ नही है मेरी मम्मी बहोत अच्छी हैं तुम सारा दिन सोगी तो भी कुछ नही कहेंगी ....... और मैं कोई तुमसे घर के काम कराने के लिए थोड़े शादी कर रहा हूँ मेरी जान . .......

दीदी- अच्छा जी फिर किसलिये शादी कर रहे हो ........

प्रतीक- बस इसलिए कि अब मैं मुठ मार मार के थक गया हूँ अब मुझे तुम्हारी रसीली बुर चाहिए जिसे मैं जब चाहे जितना चाहे चोद सकूं .......

दीदी- ओहहो हर वक़्त मेरी ही बुर चोदोगे राजा तो तुम्हारी बहन की बुर कौन चोदेगा जानू ......

प्रतीक- वो सब तो तुम ही जानो जब तुम कहोगी तब ही चोदूगां उसकी बुर वरना तो मुझे तुम्हारी बुर में ही घुसे रहना है . ......

दीदी- उफ़्फ़फ़ अच्छा अब बस नही तो फिर मूड बन जायेगा और घंटो लगेंगे .......

प्रतीक- बन जाने दो ना जानू मेरा तो सुबह से ही बना हुआ है ........ प्लीज जान थोड़ी देर बात करो न एक बार मुठ मार लूं मैं .......

दीदी- प्लीज जान रोज रोज मुठ मारना सही नही होता ना कल किया था ना अब आज नही ...... कंट्रोल करना सीखो ........

प्रतीक- ओहहह मेरी जान कंट्रोल ही तो नही होता ......

दीदी- बहन की चूत की खुशबू सूंघते रहोगे कैसे होगा कंट्रोल ...... अच्छा सुनो एक काम करना कल सुबह भी जाना उसके बाथरूम में और उसकी पैंटी पर मुठ मार के रख देना चुपचाप .....

प्रतीक- उफ़्फ़फ़ ये क्या बोल रही हो यार ऐसा कैसे करूंगा उसे पता लगा तो ......

दीदी- लगने दो ना जब तक उसे पता नही लगेगा उसके भैया उसकी बुर के दीवाने हैं तब तक बात कैसे बनेगी तुम्हारी ......

प्रतीक- नही यार मैं ऐसा नही कर पाऊंगा डर लगता है कुछ गड़बड़ हो गयी तो .......

दीदी- कुछ नही होगा जान भरोसा रखो मुझ पर ....... वो किसी से बताने थोड़े जाएगी कि मेरे भैया ने मेरी पैंटी पर मुठ मारी है हां इतना करने के बाद उसका रिएक्शन गौर से देखना ...... और नोट करना कि वो परेशान है या खुश है गुस्से में है या नार्मल है .......

प्रतीक- कुछ गड़बड़ नही होगी ना जान .....

दीदी- कुछ नही होगा ना और फिर मैं तो कल रात तक आ ही जाऊंगी कुछ हुआ तो मैं सम्हाल लुंगी तुम चिंता ना करो बस जो कहा वो करो ...... और इतना डरना छोड़ दो बहन चोदनी है तो ......

प्रतीक- ok जान जैसा तुम कहो ......

दीदी- ok जान हां एक काम और करना जब मैं और विकास वहां आएं तो हमारे रुकने के इंतजाम श्वेता के कमरे के एकदम पास में करना .....

प्रतीक- उस से क्या होगा जान.....

दीदी- अरे यार मैं उस से नजदीकी बढ़ाना चाहती हूं तभी तो उसके मन की बात जान पाऊंगी या उसे सेक्स के लिए उसके दिल मे उत्सुकता जगा पाऊंगी ......

प्रतीक- ओहहह समझ गया रानी नीचे चार कमरे हैं एक मम्मी का एक श्वेता का एक ड्राइंग रूम और एक गेस्ट रूम ....... जो कि श्वेता के कमरे के ठीक बगल में है तुम उसी में रुक जाना ......

दीदी- गुड ऐसे ही मेरी बात मानते रहे तो जल्दी ही मैं तुम्हारी बहन को तुम्हारे लंड के नीचे ले आऊंगी जान ...... ok अब रखती हूं सुबह जल्दी उठना है और कल की तैयारी करनी है ...... कल मिलते हैं जान bye good night love you uummmmmhhh......

प्रतीक- जानू एक रिक्वेस्ट है .......

दीदी- ओहहह जान मैं बीवी हूँ तुम्हारी मुझसे रिक्वेस्ट नही आर्डर किया करो .......

प्रतीक- अपनी चुत की एक pic सेंड कर दो जान कल उसे देख कर ही मुठ मारूंगा श्वेता की पैंटी में ......

दीदी- ओहहह सॉरी बाबू मुझे पहले ही भेजनी थी लेकिन मैं भूल गयी थी अभी भेजती हूँ जान ......

प्रतीक- (बच्चों जैसे खुश होते हुए ) thanks जान तुम बहोत बहोत प्यारी हो सच मे लव यू सो मच ...... good night जान ......

और कॉल कट गई ......

दीदी ने उठ कर कमरे की लाइट जलाई और अपनी नाइटी ऊपर कर के अपनी टांगे फैलाते हुए अपनी झांटो वाली चूत के तीन चार क्लोजअप लिए और उन्हें प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दिया .........

मैंने अपना लंड सहलाते हुए कहा बड़ी खतरनाक प्लानिंग है तुम्हारी दीदी .....

दीदी मुस्कुराते हुए बोली मैं तो सोच रही हूं श्वेता की सील तुम्हारे लंड से तुड़वा दूँ ....... और दीदी की बात सुन कर मेरा लंड एकदम से तन कर खड़ा हो गया ....... लेकिन मुझे लगा अगर मैं ज्यादा जल्दबाजी करूँगा तो दीदी को सही नही लगेगा ...... मैंने दीदी के गाल पर किस करते हुए कहा ......

नही दीदी अब मुझे किसी की जरूरत नही है बस आप हो ना मेरे लिए ..... दीदी मुस्कुरा कर बोली मैं तो हूँ ही मेरी जान पर अगर प्रतीक तुम्हारी दीदी को चोदेगा तो तुम्हारा भी हक़ है कि तुम उसकी बहन चोद लो ...... मैंने कहा वो बाद की बात है अभी तो मुझे पहले अपनी प्यारी की दीदी रसीली बुर चोदनी है ........

दीदी हंस कर बोली हां जरूर लेकिन जैसे इतने दिन सब्र किया एक दिन और करो आज नही कल ....... यहां से लखनऊ के रास्ते मे कहीं किसी जगह बस मैं और तुम ....... इतना कहते हुए दीदी ने आंख मार दी मुझे ......

मैंने लंड को दबाते हुए कहा ठीक है दीदी एक रात और सही ...... और फिर हम दोनों एक दूसरे को बाहों में भर कर सोने की कोशिश करने लगे पर मेरा लंड खूंटे जैसा सख्त था और दीदी की बुर के ऊपर चिपका हुआ था ...... और मैं अपनी कमर को धीरे धीरे पुश कर के उसे दीदी की बुर पर रगड़ रहा था दीदी बोली ऐसे करोगे तो कैसे नींद आएगी ...... और फिर मेरा भी चुदने का मन हो जाएगा आज अभी। .......

मैंने कहा फिर तो एक ही रास्ता है आप अपने कमरे में जा के सो जाओ वरना आज की रात मैं भी खुद पर काबू नही कर पाऊंगा और चोद दूंगा तुम्हे ....... मेरी बात सुन कर दीदी उठी और अपने कमरे में चली गईं और मैं भी अपने लंड को तसल्ली देता हुआ सो गया .........

अगली सुबह हम टाइम से उठ गए मैं तैयार हो कर नीचे आ गया और प्रकाश को कॉल कर के उसे सब समझाया कि दो दिन मैं नही रहूंगा तो घर के काम का ध्यान दे ......, वो बोला आप बेफिक्र रहो भैया वैसे भी ऊपर का काम लगभग खत्म है आज आज में सब निपटा कर कल से प्लास्टर का शुरू करा दूंगा .......

फिर नाश्ता कर के मैंने दीदी को आवाज़ दी वो बोली आज मैं नही जा रही कॉलेज और मैंने कहा ठीक है आज मैं अकेले ही चला जाता हूँ आप अपना बैग लगाना तो मेरे भी पैंट शर्ट और अंडरवियर बनियान ब्रश वगैरह रख लेना उसी में ........ दीदी बोली ठीक है मैं सब तैयारी कर लूंगी फिर मैं कॉलेज निकल गया और शाम को 3 बजे वापस आया ......

नहा कर कपड़े बदले और हल्का खाना खाया क्यों कि 6 घंटे की ड्राइविंग भी करनी थी ....... मैंने आज व्हाइट जीन्स और रेड शर्ट पहनी थी ....... और दीदी तो जब से मैं आया था नजर ही नही आई थीं . ....... और आखिर वो नजर आईं .......,

सीढ़ियों से उतरती हुई उन्होंने आज वही लहंगा पहना हुआ रहा ग्रे वाला इसमे वो एकदम अप्सरा जैसी दिखती थीं ...... खुले हुए लहराते बाल ...... माथे पर छोटी सी बिंदी ...... नाक में छोटी सी नथ और होंठो पर डार्क रेड मेटल लिपस्टिक उफ़्फ़फ़ दीदी का हुस्न देख कर ही मेरे लंड में तनाव आने लगा और मैं हक्का बक्का सा बस दीदी को देखे जा रहा था .......

दीदी मेरे सामने आ खड़ी हुई और बड़ी अदा से मुस्कुरा कर बोली मुह बन्द कर ले विकी दिख तो आंखों से भी जाऊंगी ...... मैंने हड़बड़ा कर मुह बंद किया और झेंपते हुए कहा ....... दीदी आज तो प्रयागराज से ले कर लखनऊ तक आग लगने वाली है ......

दीदी के होंठो पर एक कामुक मुस्कान आ गयी और बोली ....... आग तो आज लगेगी ही पता नही कहाँ कहाँ ....... बैग ऊपर रखा है हमारा ..... मैंने कहा मैं ले कर आता हूँ और मैं भागता हुआ ऊपर गया और दौड़ता हुआ बैग ले कर नीचे आया ....... तभी मम्मी भी बाहर आ गईं ...... हमें तैयार देख कर बोली ..... टाइम से निकल जाओ बेटा रात का सफर अच्छा नही होता ......

मैंने बस मम्मी के पैर छुए और फिर बाहर आ कर बैग कार की पिछली सीट पर डाल दिया ....... कार गेट से बाहर निकाली ...... दीदी आईं और अगली सीट पर मेरे बगल में बैठ गईं .......

मम्मी भी पास आ गईं और आखिरी हिदायतें देने लगी बेटा वहां सबसे एकदम अच्छे से बात चीत करना पहली बार जा रही है तू उनके घर ....... दीदी बोली ओहह मम्मा मैं वहां उन लोगों से झगड़ा करने थोड़े जा रही हूं कल से आप इतना समझा चुकी हो मुझे ....... मम्मी भुनभुनाते हुए बोली पहली बार जा रही है अपनी ससुराल मेरा फ़र्ज़ है समझाना माँ हूँ तेरी और हमेशा रहूंगी .....

दीदी ने मुस्कुरा कर मम्मी के गाल खींचते हुए ओ मेरी प्यारी माँ मैं सब समझ गयीं हूँ जाते ही माँ जी के पैर छूने है और ज्यादा बकबक नही करनी है शांत रहना है एक बहु के जैसे ..... ठीक है ना अब जाएं हम.....??

मम्मी दीदी की इस हरकत पर हंस दी फिर मम्मी मुझसे कहने लगीं विकी फल और मिठाई ले लियो याद से भूल मत जाना और पहुंचते ही कॉल कर देना मुझे ........

मैंने कहा ok मम्मी और फिर मैंने एक्सीलेटर दबा दिया और हम निकल पड़े एक सुहाने सफर पर ........ जिस की मंजिल कुछ खास थी ......।
nice update..!!
bhai vikas ki mouj hai ab..safar bhi zabardast honewala hai aur lacknow pohach kar toh seal pack hi milne wali hai..!!
 

neeRaj@RR

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nice update..!!
bhai vikas ki mouj hai ab..safar bhi zabardast honewala hai aur lacknow pohach kar toh seal pack hi milne wali hai..!!
हां भाई विकास की भी मौज होगी और मेरे पाठकों की भी
 

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Bus aap u hi likhate rahe

or hum padhate rahe ge

lajawb Sir :love3:
bhai 4000 shabd type kar chuka hu lekin abhi aadha update bhi complete nhi hua agla update kal sham tak hi aa payega lekin jab aayega to aapko bharpur anand aayega ye wada h mera
 
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Khubsurat kahani ka.. Khubsurat update..... lagta hai vikas aur Nikita is safar ka bharpur maza lene ke mood me hai ...... shaandaar update
dhnywad mitr
 
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