• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
जोरू का गुलाम -भाग ३३८

War I - शेयर मार्केट में मारकाट

34,01,300

बुधवार -बम्बई

B-Merwan-img-1585.jpg


वो चरनी रोड के पास एक शेडी से होटल में रुके ,

और बहुत सुबह ,... साढ़े छह बजे ग्रांट रोड स्टेशन के सामने ( ईस्ट साइड ) बी मेरवान की दूकान पर , बन मस्का , मावा केक और चाय पीते हुए , वहीँ एक बार फिर उस काउंटर इंटेलिजेंस वाले से ,... और ढेर सारी इन्फॉर्मेंशन ,... वो साथ में ये भी चेक कर रहा था की इनकी मीटिंग्स के बारे में कोई इन्फो अपोजिट कैम्प में तो नहीं पहुंची।

बी मेरवान, १०० साल से भी ज्यादा पुरानी, ईरानी चाय की दूकान जहाँ चाय से ज्यादा मावा केक मशहूर है और सुबह ६ बजे से ही लाइन लग जाती, हैं, ग्रांट रोड स्टेशन से उतरने वाले, रात की पाली ख़तम कर जाने वाले, आस पास के लोग , सुबह की पहली चाय के लिए यहाँ लाइन में लगे रहते हैं। और मावा केक के चाहने वाले तो आसपास से ही नहीं बल्कि दूर से भी आते हैं, तो यहीं पर तय हुयी मिलने की बात,

चरनी रोड स्टेशन के बाद ग्रांट रोड बस अगला ही लोकल स्टेशन है वेस्टर्न लाइन पे मुम्बई सेंट्रल की ओर तो वहीँ सुबह सुबह,


B-Merwan-Merwanca1975.jpg


और उस भीड़ में कोई सोच भी नहीं सकता था, कितने काम की बात हुयी।

सुबह से तीन चार काम की बातें मैंने सोच रखी थी, पहले तो बीयर कार्टेल, जो लोग शेयर बाजार में मंदी लाते हैं, उनके बारे में जितना पता चल जाए, असल में उनको कंट्रोल करना सिर्फ हम लोगो के लिए जरूरी नहीं है, मुझे अब तक लग गया है जो सरकार में आर्थिक व्यवस्था की पेंच अपने हाथ में रखते हैं वो भी चाहते हैं इन्वेस्टमेंट हो, शेयर मार्केट में और इकोनामी के प्रति एक पॉजिटिव अप्रोच बाजार में और लोगो के मन में जागे, इसके लिए शेयर बाजार में ज्यादा नहीं लेकिन थोड़ा उछाल होना चाहिए, और मार्केट के रेगुलेटर, सेबी के लोग भी उन पर नकेल कसना चाहते हैं पर उनकी भी मज़बूरी है और उन्हें डाक्यूमेंट चाहिए, फिर कल उसने बोला भी था की दो चार दिन के लिए तो वो एक दो की ट्रेडिंग रोक सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा नहीं। वो कोर्ट से स्टे ले आते हैं।

कल उस 'बुल' के यहाँ से निकलते ही मुझे इन्फो मिल गयी थी की आज बीयर कार्टेल का जो मुखिया है वो शायद खुद मैदान में आएगा हम लोगो के खिलाफ।

दूसरी बात थी, कम्पनी के जो दो डायरेक्टर राइवल कम्पनी से मिल गए थे उन्हें हैंडल करने के हथियार तो थे, एक की बीबी का चक्कर था दूसरी की बेटी का और उसके खुद के भी बहुत घपले थे और ये बातें कल मैंने मिस्टर दीर्घलिंगम को बता दी थीं और आज उन्हें हैंडल करना था। लेकिन उनको हैंडल करने के लिए उन्हें डॉक्यमेंटरी एविडेंस चाहिए थे, वीडियो, ऑडियो जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे । और सबसे पापिन तो वो कम्पनी सेक्रेटरी थी, उसका जहर निकालने का भी जुगाड़ होना था। और यह सब डाकुमेंट आफिस के पहले ही मिस्टर दीर्घलिंगम को मिल जाना था।

और सबसे जरूरी बातें थी मुझे कुछ सर्वेलेंस वाले चाहिए थे जो मुझे ही सीधे रिपोर्ट करें, मैं मिसेज महालिंगम या उनकी बेटी के मामले में प्राइवेसी मेंटेन करना चाहता था, और वो दोनों मामले मुझे ही हैंडल करने थे और वो भी शाम पांच बजे के पहले नहीं।

और तीसरा मावा केक खत्म करने के पहले वो तीनो काम हो गए। मुश्किल से दस मिनट काउंटर इंटेलिजेंस वाले से बात हुयी, एक मोबाइल फोन वो मेरे लिए लाया था बस उसी में सब डाटा था। और सर्वेलेंस के लिए वहीँ उसने मीटिंग फिक्स कर दी, साढ़े सात बजे स्टेडियम रेस्टोरेंट में, चर्चगेट के पास।


उसके जाने के बाद मैंने एक मावा केक और खाया और एक पैक भी कराया। और वो डाटा यथायोग्य सात बजे तक भेज दिया , शेयर के दाम करने वाले कार्टेल के बारे में काफी अंदरूनी जानकारी मिल गयी थी और अब मुझे अगली मीटिंग के लिए निकलना था ।

साढ़े सात बजे, स्टेडियम रेस्टोरेंट, चर्चगेट, में मिलना था और चरनी रोड से मैंने फिर चर्च गेट के लिए लोकल पकड़ी, मुश्किल से पांच मिनट का रास्ता , चरनी रोड, मरीन लाइंस और फिर चर्च गेट।


stadium-restaurent-4e643afc665333ed834a9803b64da645.jpg


स्टेडियम रेस्टोरेंट, एकदम खुला खुला, इंडियन मर्चेंट चैंबर से सटा हुआ, पारसी रेस्टोरेंट, और सुबह का समय चर्च गेट आनेवालों की भीड़ अभी पीक पर नहीं पहुंची थी, लेकिन विरार की और से आने वाली लोकल हजारों लोगों को साऊथ मुम्बई ला रही थीं और वहां से वो बस, टैक्सी, कुछ पैदल, किसी को किसी से कोई मतलब नहीं, और इसी समय मैं जब स्टेडियम रेस्टोरेंट में घुसा तो वो पहले से वहां था, लाल टोपी, हाथ में मराठी अखबार लोकमत, और पहुंचते ही आर्डर उसी ने दे दिया और जैसे बहुत दोनों के बाद के दोस्त मिले हों, लेकिन बात सीधे काम पर आ गयी।

मैंने मोबाइल में उस लड़की की पिक दिखाई, जो मिसेज दीर्घलिंगम के पीछे पड़ी थी,


Girl-4eefa98e94bfed52aaa329e6241e4a28.jpg


देखने में एकदम कच्ची कली लगती थी


और उसके पास मिसेज दीर्घलिंगम की पिक्स थी और आज शाम को पांच बजे वो कुछ वोमेन एन जी ओ के साथ पहले कोलाबा थाने, फिर कफ परेड में उनके फ़्लैट पे, मिडिया, पहले से होती। पुलिस, एनजीओ और मिडिया वाले पहले से सेट थे, हाँ उन्हें ये नहीं बताया गया था की शिकायत कौन करेगा और फंसाना किसको है, ये पांच बजे के बाद ही पता चलता। लेकिन ये सब मैंने उसे नहीं बताया है।

उसने फोटो देख के सिर्फ ये पूछा,
"उठाना है ? लोकेशन।"

मैंने हाँ और नहीं दोनों में सर हिलाया और पूरा आपरेशन समझा दिया। पहले सिर्फ सर्वेलेंस, और चार बजे के आसपास, उठा लेना है, लेकिन कुछ करना नहीं है। सिर्फ २४ घंटे तक कहीं रखना है और फिर छोड़ देना है।

वो समझ गया, मैंने पोसोसिबल लोकेशन भी बता दी, कफ परेड के पास की ही झोपड़ पट्टी में, गली का नंबर भी। उसने फोटो अपने फोन में ले और चाय ख़तम करने के पहले बता दिया, पहले एक स्पा में थी, अभी एक एस्कॉर्ट एजेंसी के पास है । अभी नाना चौक के पास एक होटल में गयी है और दस बजे तक खोली में लौटती है, दिन भर वहीँ रहेगी और आपको डाटा भी चाहियेगा तो वो भी मैं निकाल लूंगा और डिवाइसेज खाली कर दूंगा।



आज बुधवार शुरू हो गया था और ये दिन बहुत अहम् था।



उनकी कम्पनी के लिए और उससे भी बढ़के इनके लिए , अगर इनकी कम्पनी डूबती तो साथ में ये भी और जो एक्वायर करता वो इनकी जॉब तो लेता ही आगे के लिए भी कांटे बोता। उन्हें टाउनशिप छोड़ना पड़ता, ये, गुड्डी और उसकी भाभी, और जो पॉजिशन इस कम्पनी में मिल गयी थी वो तो सपने में भी कहीं नहीं मिल पाती, डिप्रेशन का टाइम था, पांच छह महीना तो घर बैठना मामूली बात थी, हफ्ते भर में ही घर खाली करना पड़ता



पर दिमाग से एक झटके से उन्होंने उस अवसाद को निकाल दिया



होगी जीत, जरूर होगी जीत और ऐसी जीत होगी की अगली बार कोई सोचेगा भी नहीं कुछ करने की।

स्टेडियम रेस्टोरेंट से निकल कर वो एस्टोरिया होटल में घुस गए, एक छोटा सा लेकिन बहुत ही कम्फर्टबेल और पुराना होटल था साउथ बॉम्बे का, चर्चगेट स्टेटशन के एकदम बगल मे। कल जब उनकी एल आई सी से मीटिंग थी, उसी समय उन्होंने इस होटल में चेक इन कर लिया था, लेकिन रात में रुके थे वो चरनी रोड के पास एक छोटे से होटल में। पर आज दिन की सब एक्टिविटी साउथ मुंबई में ही है तो वापस वो एस्टोरिया में आ गए।

बस एक मीटिंग और बची थी, लेकिन वो भी पास में ही थी, और अभी आधे घंटे टाइम था। एरोस थियेटर के पास जहाँ चर्चगेट स्टेशन का सब वे निकलता है, एक अखबार वाले से उन्होंने सब इकोनामिक अखबार ले लिए, इकोनॉमिक टाइम्स, फायनेंसियल एक्सप्रेस और मिंट, और एक दो पेपर और।

होटल के कमरे में चाय पीते हुए अखबार खोला, टीवी लगाया और ख़ुशी से उछल पड़े, अब बयार थोड़ा उनलोगों की ओर बहने लगी थी।



टीवी में नीचे न्यूज रनर चल रहा था,

" सुबह सुबह ई डी का छापा, चार बड़े शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के यहाँ " और जब एक दो और चैनल देखे तो नाम पता चल गया।

वही जिनके नाम उन्हें सुबह सुबह मिले थे, जो बीयर किंग था, सट्टा बाजार में मंदी को सपोर्ट करने वाला, और उसके तीन प्रमुख साथी, अभी साढ़े छह बजे सुबह ही तो उन्होंने आधे दर्जन से ऊपर शेयर मार्केट वालों के बारे में डाटा ट्रांसफर किया था।

पहला हमला इन लोगों का आठ बजे शुरू हुआ , एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने उस बीयर वाले ट्रेडर्स के यहाँ जो मार्केट में मंदी का एक्सपर्ट था , उसके यहाँ छापे मारने शुरू किये , और वही खबर टीवी में आ रही थी और उसका असर मार्केट पर जरूर पड़ेगा और बाकी लोग भी जो इन के साथ मिलकर मार्केट को गिराने की कोशिश कोशिश करते थोड़ा तो सहम जाते, और सिर्फ उनकी कम्पनी के शेयर के दाम नहीं गिरते बल्कि और लोगों के भी उसको रोकने के लिए अगर इनकी कंपनी शेयर वापस खरीदना शुरू करती तो उसके लिए बहुत फंड चाहिए था, अभी सवाल था इन लोगो ने जो वार चेस्ट जोड़ा था उससे क्या हो पायेगा, लेकिन अब ये झटका निश्चित रूप से हेल्प करेगा



साढ़े नौ बजे , सेबी ने उस बीयर वाली कम्पनी के ट्रेडिंग राइट्स एक हफ्ते के लिए सस्पेंड किये ,

पर उससे पहले दो और मीटिंग हो गयी, एक तो टी सेण्टर में, स्टेडियम रेस्टोरेंट के पास ही, स्टैनफोर्ड का पढ़ा, बहुत दिन तक स्टैनले मॉर्गन में काम किया, फिर वॉल स्ट्रीट जर्नल में, लेकिन देश की माटी की पुकार और देसी लड़की का चक्कर, वापस हिन्दुस्तान और अब बिजनेस कंसल्टेंसी के साथ कई बिजनेस साइट्स से जुड़ा और शेयर मार्केट की एडवाइस भी इंटरनेट पर,



कल जिस लड़की के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर बात हुयी थी, उसी ने ये कांटेक्ट बताया था और रात में ही ये मीटिंग फिक्स हुयी थी। ये भी मंदी लाने वाले लोगो के खिलाफ था लेकिन उससे भी बढ़कर मार्केट इंटेलिजेंस उसकी पक्की थी और वर्ड ऑफ़ माउथ पब्लिसिटी के लिए भी वो जाना जाता था, उसके कालम के ६४ हजार फॉलोअर थे।

उसकी सूचना थी,

की आज मार्केट में क्रैश होने के पूरे चांसेज थे


share-market-fall-download.jpg


और उनकी कम्पनी पर जबरदस्त रेड होनेवाली थी और हो सका तो एक्वायर करने वाले शाम तक अपना दावा पेश कर दें, लेकिन उनके काउंटर अटैक की सुनगुन भी मार्केट में है और सुबह इंफोर्स्मेंट डायरेक्ट्रोरेट की रेड से भी मंदी वालों की आंच थोड़ी मंद पड़ी है,

और अगर इस रेड के बेसिस पर कुछ शेयर मार्केट वालों की ट्रेडिंग सेबी वाले रोक देंगे तो उनके पास सपोर्ट कम हो जाएगा और अगर कहीं बैंक ने उनके खाते सीज कर दिए, जिससे वो शेयर बाद में खरीदेंगे, तो उनका वार चेस्ट भी कम हो जाएगा और सबसे बड़ी बात मार्केट भी बड़े इन्वेस्टर्स को देखता है, तो इंस्टीयूशनल इन्वेस्टर्स क्या करते हैं ये भी लोग देखेंगे।

अक्सर जब बहुत उठा पटक होती है तो गवरमेंट के लोग दूर रहते हैं, पर वो अगर साथ आएंगे तो मार्केट का मूड बदलते देर नहीं लगेगी।



कुछ टिप मैंने उसे दी, कुछ उससे ली और कुछ बातें बोली, १२ बजे के बाद फूफसूसाहट के साथ मार्केट में फ़ैलाने के लिए।



एक हैकर से भी डार्क वेब पर जाकर कुछ काम की बातें हुयी।



और साढ़े नौ बजे सेबी ने चार बीयर वालो की ट्रेडिंग रोक दी, जिनके यहाँ छापा पड़ा था और छह को नोटिस दे दी, ये सारे लोग उस कार्टेल के मेंबर थे और इन्हे भी सिर्फ २४ घंटे का समय दिया। कुछ कंपनियों को इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए भी नोटिस पकड़ा दी गयी।
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
वार रूम
share-market-279712525.jpg


पर मैं उसके पहले ' वार रूम' में पहुंच गया था।

ओपनिंग बेल के पंद्रह मिनट पहले, यह फोर्ट में ही था, स्टॉक एक्सचेंज के पास, एक सेकेण्ड फ्लोर पर आफिस, जो वैसे कोई स्पा या पार्लर लगता।

कल रात में अमेरिकन कौंसुलेट से जो कारपोरेट हेडक्वार्टर से बात हुयी थी तो उन्होंने दो स्टॉक के एक्सपर्ट्स को मेरे साथ लगाया था, एक दुबई में और एक सिंगापुर में, साउथ एशिया के मार्किट के दोनों एक्सपर्ट थे और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का भी काफी एक्सपेरिएंस था। इनमे से एक से मेरी कई बार बिजनेस स्ट्रेटजी सेशन में मुलाक़ात हो चुकी थी। हम तीनो ने मिल कर आज के बारे में बहुत देर तक प्लान किया, वार चेस्ट, शेयर कितने लेवल तक गिरने देना है, कब चेस्ट से इंटरवीन करना है, कब खरदीना है कब बेचना है और क्या स्ट्रेटजी होगी अक्वीजिशन बचाने के लिए

लेकिन हम तीनो जानते थे की लड़ाई में पहली गोली चलने के बाद सारी प्लानिंग धरी रह जाती है ,

और उस समय फ्रंट पर कौन है वो क्या टैक्टिकल डिसीजन लेता है उसका बड़ा फरक पड़ता है।
ब्रोकर्स की कई टीम थीं, कुछ तो स्टॉक मार्केट में थे, कुछ अलग से आपरेट कर रहे थे, बिग बुल से जो मैंने बात की थी उनकी टीम अलग थी लेकिन कोआरडीनेट करने के लिए एक सेंटर था, ' वार रूम ' जिसको एक लड़की कंडक्ट कर रही थी, उसके बारे में उन दोनों ने ज्यादा नहीं बताया था, लेकिन ये बोला था की वो मुश्किल से किसी को पसंद करती है, अपने साथ वार रूम में रखना, लेकिन अगर उसने तुम्हे ग्रीन सिंग्नल दे दिया तो आधा काम हो गया।

एक लिमिट्स हम लोगो ने तय कर ली थी, उसके बियांड जाने पर हम तीनो की परमिशन लगती, और लाइव कम्युनिएकशन होता और उसमें भी मुझे ही उस वार रूम वाली को बोलना होता। उस के अलावा बिग बुल के साथ कारपोरेट के लोगो से क्या बात हुयी थी सिर्फ मुझे मालूम था। और वो सब कोर्डिनेट भी मुझ से ही करते

और वार रूम में घुसते ही जोर का झटका जोर से लगा,

मीनल, मीनल शाह , सुना तो था उसके बारे में कल।


Diya-hot-mall.jpg



जब हम लोगो की आज के बारे में स्ट्रेटजी मीटिंग जो रही थी, दुबई और सिंगापुर में बैठे अपने एक्सपर्ट्स के साथ जो आज के आपरेशन में हमारे साथ रहते और कम्पनी के स्टॉक मार्केट के सबसे बड़े ऑपरेटर थे, उन दोनों ने बताया था।

बताया क्या था, बस वार्न किया था और कहा था समझ लो थी की अगर उसने तुझे पसंद कर लिया, तो काम हो गया, उसके साथ की किसी ऑर्डिनरी आदमी का टीम बना के काम करना मुश्किल है, लेकिन अगर जोड़ी बन गयी तो फिर तो, ….और ज्यादा पूछने पे उन्होंने हाथ जोड़ लिया,

उन लोगों की भी एक दो बार की ही मुलाक़ात थी, और आज वार रूम की कमान मीनल शाह के हाथ में थी, बल्कि वार रूम भी उसी का था,
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
मीनल शाह
Diya-ileana-in-nenu-naa-rakshasi-hq-stills-wallpapers-movie-1928147882.jpg


मीनल स्टॉक ब्रोकर के जंगल की शेरनी थी, जो कभी कभार ही शिकार में उतरती थी और वो भी अपनी मर्जी से, और जब ऑड्स एकदम खिलाफ हों, तब बाजी पलटने के लिए लेकिन वो भी किसी के कहने पर नहीं बस अपनी मर्जी से, और न बीयर थी न बुल, कभी मंदीवालों के साथ तो कभी तेजी वालो के साथ लेकिन और एक बार शिकार कर के हफ़्तों भर आराम करती थी।

आज सुबह से सट्टा बाजार में हमारी कंपनी के एक्वायर किये जाने पर पर एक का पांच चल रहा था, मतलब जो कहे की हमारी कम्पनी एक्वायर नहीं होगी और १०० रुपया लगाए, उसे अगर शाम तक हमारी कम्पनी न एक्वायर हो तो ५०० मिलेगा, मतलब हमारे जितने के चांसेज मुश्किल से २० फीसदी थी और मार्केट तो पब्लिक के मूड से चलता है , और मूड साफ़ दिख रहा था।

पहले मैंने वार रूम देखा और फिर मीनल शाह को, और दो बार जोर का झटका जोर से लगा।

ढेर सारे बीयर के कैन्स,
beer-18mc919szi2ssjpg.jpg


सिगरेट, और सामने ६० इंच वाले तीन टीवी के स्क्रीन, जिस पे फीड्स आ रही थीं, एक पे निफ्टी और सेंसेक्स के ट्रैकर चल रहे थे और एक पे काफी कंपनियों के और साथ में कुछ और लैप टॉप खुले थे,


share-stock-market-monitoring-stockcake.jpg


मीनल के साथ दो और थे, एक लड़की और एक लड़का और एक टीनेजर था शायद हाउस ब्वाय।

मीनल शाह मुड़ी मेरी ओर, ट्वेंटीज में,… बाल खुले, एकदम गुजराती लड़कियों की तरह स्लिम, शार्प फीचर्स, बड़ी बड़ी आँखे, तीखी नाक, एकदम अंकेम्पट, बूब्स जबरदस्त थे और टॉप छोटा सा, साफ़ था की उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी, और उसे लुक्स की कोई फ़िक्र नहीं थी। एकदम लाइट मेकअप, और जींस,

" स्साले चिकने, तो तू ही है, देखने में तो मस्त लग रहा है , तेरे साथ आज मजा आ जायेगा, क्यों अनु, लौंडा कैसा है " अपनी सीट पे थोड़ा सा सरक के मुझे हाथ और जगह ऑफर करते बोली।

diya-c106d0d835006d291e085d02de3d0078.jpg

अनु मतलब अनुराधा बिश्वास, असली बंगालन, मछली सी आँखे, थोड़ी सांवली लेकिन जैसे बँगला की खाड़ी का पूरा नमक उसके अंदर आ गया हो,

वो भी जरा सा मुस्करायी और हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ा दिया /
bengali-girl-2desktop-wallpaper-sohini-sarkar-bengali-actress-thumbnail.jpg


टीम का तीसरा मेंबर, सुब्रण्मयम, जिसे सब सुब्बू ही कहते थे और हाउस ब्वाय, अनीस, जो पता चला बाद में असली खिलाड़ी था, लॉजिस्टिक्स , आई टी सपोर्ट और एडमिन सब कुछ वही था।

गिरावट २५ मिनट के बाद शुरू हुयी, और मीनल एक स्क्रीन पर देख रही थी की कौन से एजेंट्स हैं, जो हमारे शेयर बेच रहे हैं, और सिर्फ हमारी कम्पनी के ही नहीं कुछ और कंपनियां थीं, जिनके शेयर नीचे गिर रहे थे, और ये वो कंपनियां थीं जो हमारे शेयर को सपोर्ट कर रही थीं, और कुछ बीयर वाली कंपनियां जिनके नाम मुझे पता चली थीं वो भी गिरा रही थीं, कुछ शार्ट सेलर मैदान में आ गए थे,

और हमारी कम्पनी के साथ और ग्राफ गिरने के साथ अब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों नीचे आ रहे थे, मैं सिर्फ सामने स्क्रीन पर ट्रैकर आ रहे थे, उन्हें देख रहा और उन्हें समझने की कोशिश कर रहा था।

२८ मिनट का टाइमर जैसे लगा, मीनल ने सिर्फ एक शब्द बोला, होल्ड फॉर टेनमिनट्स, और अनुराधा ने बस वो मेसेज सब टीम्स को रिले किया,



होल्ड फॉर टेन मिनट्स,

और बेचने वाली कंपनियों की ओर देख के मीनल ने बस सुब्बू की ओर देखा और वो टैब पे उन कंपनियों के डिटेल निकालने लगा। उन कंपनियों के खुद के शेयर किसके पास थे, कौन कौन सी ब्रोकरेज फर्म थीं और मीनल ने एक बार फिर से सब स्क्रीन को देखा और मुझे देख के मुस्करायी,

" स्साले कभी किसी १६ साल की लौंडिया को चोदा है ? "
Diya-desktop-wallpaper-charmi-kaur-telugu-actress-navel.jpg


मैं एक पल के लिए संशय में पड़ गया, गुड्डी ? नहीं अब अगर कुछ दिन पहले १८ की हो गयी है तो १६ की तो कतई नहीं, लेकिन फिर मुझे मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों की याद आ गयी, दोनों जुड़वाँ बहने अभी नौवे में थीं, और मैं मुस्कराया, और मीनल ने मेरी चोरी पकड़ ली और मुस्करा के बोली,

" कभी मौका मिले तो छोड़ना मत, और मौका न मिले तो मौका ढूंढ लेना, जितनी कच्ची उतनी अच्छी। खूब चिल्लायेगी, चीखेगी टांग फेंकेगी चूतड़ पटकेगी, हाथ पैर जोड़ेगी, और जितना रोये, उतना कस के पेलना, रगड़ के, खूब परपरायेगा, छरछरायेगा, स्साली को उतना ही मजा आएगा।
Girl-Y-Screenshot-20240106-093939.jpg


तो आज तुझे सोलह साल की लौंडिया जो चोदने का मजा मिलेगा, बल्कि उससे भी ज्यादा,....., खड़ा तो तेरा अभी से हो रहा है। क्यों अनु हम लोगों का आर्गाज्म का क्या रिकार्ड हैं, ऐसे टाइम का ?"

" चार बार लास्ट टाइम, " मुस्कराते हुए स्क्रीन पे देखते अनुराधा बोली,

" आज पक्का टूटेगा " मीनल बोली



और अब उसकी उंगलिया की बोर्ड पर नाच रही थीं, एक स्क्रीन पर इंस्ट्रक्शन आ रहे थे अलग अलग टीमों के लिए


share-market-financial-analyst-working-on-computer-260nw-2088641548.webp


और ट्रैकर अब सब नीचे चल रहे थे, सिर्फ हमारी कंपनी के नहीं बाकी कंपनियों के भी,

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, मुझे लग रहा था मीनल अब बिकवाली रोकने के लिए हमारे शेयर खरीदना शुरूकरेगी, अभी हमने अपना वार चेस्ट खोला भी नहीं था, लेकिन ठीक १० मिनट बाद मीनल चीखी



बेचो, सालों बेचो,



और चार टीमें अनुराधा हैंडल कर रही थी और चार सुब्बू और मीनल खुद हर टीम लीडर से अलग अलग बात कर रही थी।

अब वो अपने रूप में आ गयी थी, कम से कम आठ जुबानों में बात कर रही थी, सिंगापुर और दुबई के टीम लीडर्स से अंग्रेजो वाली अक्सेन्टेड अंग्रेजी में अनु से बांग्ला में, सुब्बू से तमिल में और टीम लीडर से कभी गुजराती, तो कभी सिंधी



बाद में मुझे पता चला की मीनल को दस भाषाएँ तो अपने देश की आती थीं, विदेशी छोड़ दें लेकिन गाली वो सिर्फ पंजाबी और भोजपुरी में देती थी। उसका मानना था की उसके अलावा किसी और जुबान में गाली देने का मजा नहीं और जिससे बिना गाली दिए बात किया वो दोस्त नहीं।
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
खेल शुरू

share-market-female-stock-trader-working-in-office-TW8-FRM.jpg


मेरे समझ में धीरे धीरे आने लगा था कुल खेल,

एक स्क्रीन के कोने पे हमारा वार चेस्ट था, जिसमे हमारे शेयर और पैसे थे। मुझे लगा रहा था की हमारे वार चेस्ट में पैसे में कमी आनी शुरू हो जायेगी और हमारे शेयर बढ़ने लगेंगे लेकिन हो उलटा रहा था, बेचने से हमारे शेयर कम हो रहे थे और पैसे बढ़ रहे थे,

और अब मीनल का खेल मुझे थोड़ा बहुत समझ में आने लगा, अभी जब हमारे शेयर की वैल्यू ज्यादा है उसे बेच के हम वार चेस्ट और बढ़ा लेंगे और जब शेयर के दाम एकदम से गिर जाएंगे, तो उस समय जब हम शेयर अपने वापस खरीदना शुरू करेंगे तो उतने ही दाम में ज्यादा शेयर मिलने शुरू हो जाएंगे।

शेयर मार्केट में वैसे तो हर कोई बोलता है की जब शेयर गिरे तो खरीदो और उठे तो बेचो, लेकिन कितना गिरने पे खरीदो, यही आर्ट है क्योंकि आप पोस्टपोन करते रहे, और शेयर का दाम बढ़ने लगा या आपने खरीद लिया और शेयर और फिर औंधे मुंह गिर पड़े तो आप का पैसा गया।

और मीनल तेज निगाहों से सब बेचने वालों खरीदने वालों को देख रही थी और कम से कम कम १५० शेयर एक साथ ट्रैक कर रही थी , और कुछ कुछ कभी अनु को कभी टीम को बोलती।

लेकिन मैंने अपने लिए भी काम ढूंढ लिया था,

शेयर का मेरा ज्ञान करीब करीब शून्य था लेकिन बिजनेस एनेलेटिक्स और फोरेंसिक अकाउंटिंग में मैं क्लास ले सकता था और दूसरे बैलंस शीट और फायनेंसियल परफॉर्मेंस के डिटेल पढ़ कर मैं पांच मिनट में कम्पनी की असलियत तक पहुँच सकता था, बस करीब बारह कंपनियां थीं जो हम लोगो के पीछे पड़ी थीं, और कहीं से भी शेयर निकाल कर बेच रही थीं, बस सुब्बू को मैंने इशारा किया और उसने और अनीस ने, अनीस जबरदस्त हैकर भी था, उन ब्रोकरेज फर्म और कंपनियों की कुंडली निकाल के मुझे दे दी।

कम से कम पांच में मैंने जबरदस्त गड़बड़ियां ढूंढी, एकदम फ्राड वाली, और तीन तो फर्जी थीं।

राइवल भी जानता था की हम उनपे काउंटर अटैक करेंगे और ये तीन एकदम शैडो टाइप, कुछ दिनों पहले ही बनी थीं और डूब जाती तो फरक भी नहीं पड़ता, और उन्हें आगे इसलिए किया गया की अपने अटैक की सब एनर्जी हम इन कंपनियों पे खर्च करें,

मैंने मीनल को अपने रिजल्ट्स दिखाए और वो बड़े जोर से मुस्करायी और मुझे पकड़ के कस के हग कर के बोलीं,

" स्साले आज आया है असली मजा, आज जीतने के बाद तुझे बिना चोदे छोडूंगी नहीं, कहाँ छिपा था, अब चल हम दोनों मिल के इन सब की गांड मारते हैं "
share-market-download.jpg


और अनुराधा को इशारा किया और उसने स्ट्रेटजी में तुरंत चेंज किया।

इधर मैंने अपने रिजल्ट सेबी का जो मेरा दोस्त कल मिला था उसे भेजे।

पंद्रह मिनट में रिजल्ट आ गया, उन बारह में से पांच की ट्रेडिंग बंद कर दी गयी और उनके अकाउंट भी बैंक ने फ्रीज कर दिए। बाकी को सेबी ने समंस भेज दिए।



उसका असर हम लोगों के शेयर की बिक्री पर पड़ा, मैं सामने ट्रैकर पर देख रहा था।

अब न सर्फ हमारी कंपनी के रेट गिरना बंद हो गए थेलेकिन ओवरआल सेंसेक्स भी स्टैब्लाइज हो गया था, और मीनल ने गेम प्लान चेंज किया और एक टाइमर सेट किया २५ मिनट,



जस्ट होल्ड, नो सेल्स, नो परचेज वो चीख कर अपनी सारी टीम से बोली और एक बार फिर एक एक ब्रोकरेज फर्म की परफॉर्मंस देखने लगी। यहाँ तक की सिंगापुर और दुबई में बैठे दोनों एक्सपर्ट्स ने भी हाथ रोक दिए।

मीनल ने मुड़ के देखा मेरी ओर और बोली,


" अब निकलेंगे स्साले असली मोटे वाले चूहे बिल से बाहर "
 
Last edited:
  • Like
Reactions: ayush01111

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
हमला - बीयर कार्टेल का, मंदी वालों का
share-market-20241117131647-stock-market-forex-trading-graph.webp

अबतक मैं रिएक्शन टाइम समझ गया था, जो हम लोग या हम पर अटैक करने वाले कर रहे थे उस की कॉपी फंड मैनेजर्स कर रहेथे जिमसे ५-७ मिनट टाइम लगता और फिर ट्रैकर पर गिरते बढ़ते शेयर को देख कर रिटेल वाले रिएक्ट करते उसमे १५ मिनट टाइम लगता तो करीब बीस मिनट बाद असल पता चलता था।

और सच में चार ब्रोकरेज फर्म जो मेरी लिस्ट में थी सीधे बीयर किंग से जुडी उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी।

हम लोगों का शेयर जो पांच प्वाइंट नीचे चल रहा था, एक घंटे के अंदर १० प्वाइंट आ गया था।

वो चारों ब्रोकरेज फर्म हमारे शेयर मार्केट में आफ लोड कर रहे थे, मुझे लग रहा था की अब मीनल खरीदना शुरू करेगी, लेकिन वो बार बार एक ही बात बोलती होल्ड आन,

१० प्वाइंट मतलब एक रेड लाइन, कल हम लोगो ने दो रेड लाइन तय की थी, एक फाल्स वाली जो दस प्वाइंट पर थी

और एक असली वाली जो १४ प्वांइंट पर थी। १० प्वाइंट वाली लाइन मैंने सुबह मिडिया वाले को भी बताई थी और मिस्टर दीर्घलिंगम को भी और उनसे कहा था की अपने ड्राइवर के सामने कल सुबह दस बजे के करीब किसी से फोन पर बात करते हुए बता दें की उसके बाद हम पूरी ताकत लगा देंगे और उसके बाद भी अगर शेयर गिरा तो हम हार मान लेंगे।

और दस प्वाइंट पार हो गया।

मैं मीनल अनु सुब्बू सब लोग सांस थाम के ट्रैकर देख रहे थे, कुछ हमारा शेयर ऊपर आया, दुबई वाले ने मीनल से बात कर के कुछ शेयर अपने ख़रीदे।

और तभी मेरे दिमाग में एक बात कौंधी, हैकर, मैंने स्टॉक एक्स्चेंजेस के कैमरे हैक करवाए थे, यानी उन बीयर फर्म के जो लोग ट्रेड कर रहे थे उनक की फीड मैंने अपने टैब में लिंक की और उसे मीनल को पास किया, मीनल ने सुब्बू को और अनीस को इशारा किया और अब वो स्क्रीन पे साफ़ दिख रहा था।

उन सब के चेहरे पे टेंशन पे था और अब मैं मान गया मीनल की स्ट्रेटजी।


शेयर बेचने वालों के चेहरे देखकर मीनल को एक जबरदस्त इनपुट मिल गया था, उन का टेशन, स्ट्रेस देख कर अंदाजा वो लगा रही थी की ये कितना दूर तक और चल सकते हैं।

राइवल चाहता था की दस प्वाइंट से नीचे न जाने के लिए हम शेयर खरीदेंगे तो हमारा वार चेस्ट खरच होगा और फाइनल अटैक में हमारे पास डिफेंड करने के लिए पैसा नहीं बचेगा। या शेयर के दाम गिरते देख कर हम शेयर बेचेंगे तो मार्केट में हमारे शेयर आएंगे और हमारी इक्विटी डाइल्यूट होगी, दोनों ही हालत में उनके पास उसका जवाब था।

पर मीनल ने होल्ड कर दिया था और मार्केट या तो अब गिरता या बढ़ता और वो गिराना चाहते थे तो उनके पास हमारे जो भी शेयर थे उसे बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। और उससे उस राइवल कम्पनी के शेयर हमारे कंम्पनी में कम होते और टेक ओवर होने का खतरा कम हो जाता।



एक जैसे १०० -१५० वादक का आर्केस्ट्रा हो और एक कुशल कंडक्टर उसे संचालित कर रहा हो, मीनल एकदम उसी कुशलता से कर रही थी।
share-market-trader-monitoring-markets-stockcake.jpg


वो और उसके साथ अनु और सुबु भी, जैसे कठपुतली नचाने वाले हों और उनके दो नहीं दस हाथ हों और हर हाथ में बीसों उँगलियाँ हों, एक किसकी कुशल कोरियोग्राफर की तरह, जब उसने शेयर की खरीद फरोख्त होल्ड कर दी थी, तब भी लगातार टीमों से कभी वो फोन पे तो कभी आई पेड और कम्प्यूटर से, और अब सिर्फ टीम ही नहीं जो हम लोगों की टीमों को फॉलो कर रहे थे, फंड मैनेजर्स, जो मार्केट में सलाह देते हैं, यहाँ तक की राइवलस भी अगले कदम का इन्तजार कर रहे थे,

लेकिन मेरी दिल की धड़कने बढ़ रही थीं,
हालत अनु की भी कम ख़राब नहीं थी, हमारे शेयर की लाइन धीरे धीरे नीचे आ रही थी, जो एक फाल्स रेड लाइन हमने तय कर रखी थी, वो तो कब की पार हो गयी थीं, उसके बाद बाजार कुछ देर तक रुका,

लेकिन फिर धीरे धीरे गिरना शुरू हो गया। बीयर कार्टेल की मज़बूरी थी, मार्केट गिराने के लिए उन्हें हमारे शेयर बेचने पड़ रहे थे, मुझे लगा शायद एल आई सी या कोई और फ्रेंडली कंपनियां आएँगी, लेकिन मुझे याद आया की उनकी शर्त यही थी की पहले हम मैदान में आये, और

मीनल ने सबको रोक रखा था, बस वो देख रही थी हमारे और हमारी सपोर्ट करने वाली कंपनियों के कितने शेयर मैदान में है

और असली रेड लाइन भी पार हो गयी, हम लोगों ने तय किया था की अगर शेयर हमारी कम्पनी के १५ प्वाइंट से ज्यादा नीचे गिर गए तो उसे उठाना बहुत मुश्किल होगा,

मैं बार बार मीनल की ओर देख रहा था, उसका चेहरा स्क्रीन से चिपका लेकिन हाथ ट्रैफिक के सिपाही की तरह रोकने की मुद्रा में

अनुराधा की भी हालत खराब थी, वो बार बार जांघो को भींच रही थी, सिकोड़ रही और ढीली कर रही थी, जैसे कोई लड़की बार बार झड़ने के कगार पे पहुँच के रुक जाए और फिर एक बार झड़ने की हालत में पहुँचने लगे, साँसे तेज चल रही थी,

मीनल की हालत भी कम खराब नहीं थी, बड़े बड़े बूब्स एकदम पथराये, निप्स भाले के नोक की तरह टॉप को बेध रहे थे लकिन ये सब देखने की फुर्सत किसे थी, मेरी खुद हार्ट बीट कब की १०० पार कर चुकी थी, मैं कस के टेबल को पकडे था, बस अपनी कम्पनी के टिकर को देख रहा था


share-falling-stock-market-image-44325754.webp


अब वह धीरे धीरे १६ प्वाइंट के नीचे आ गया था
 
Last edited:
  • Like
Reactions: ayush01111

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
हमारा हमला
share-market-766e2e29-10ac-489c-9fe5-35a9e83bc947-large.webp


मीनल किसी कुशल सर्जन की तरह आपरेशन टेबल पर और जैसे बाकी डाक्टर बिना बोले अपना काम करते हैं, हेड नर्स औजार पकड़ाती है अनुराधा और सुब्बू और मैं भी

मीनल की आँखे मुस्करायी, पहले हलके से मेरी ओर और फिर सुब्बू की ओर,

और सुबु ने जो सपॉर्टिंग कंपनियां थीं उनके शेयर ग्रैब करने शुरू किये, पहले धीरे धीरे फिर तेजी से, मीनल बस स्क्रीन पर और टाइमर देख रही थी और पंद्रह सेकेण्ड बाद अनुराधा को उसने आँख से इशारा किया, और हमारा वार चेस्ट कम होना शुरू हुआ,

हमने शेयर खरीदने शुरू कर दिए थे लेकिन बहुत धीरे धीरे जिससे मार्केट को अंदाजा न लगे और शेयर अब गिरना बंद हो गए थे, बीयर कार्टेल ने फिर एक झटके में १०, हजार शेयर हमारी कम्पनी के आफलोड किये और मीनल चिल्लाई,

" पेल दे, फाड़ दे स्सालों की, लौंडिया ने टाँगे खोल दी हैं चोद दे "

और ये इशारा सिर्फ हमारी बाहर बैठी टीमों के लिए नहीं था, उन तीनो ने तमाम फंड मॅनेजर को लूप में ले लिया था की मीनल की जो टिप आएगी वो उन्हें तुरंत बतायंगे, और उन फंड मैनेजर्स ने रिटेलर्स को



" डाल डाल और डाल, पूरा डाल स्साली, “

मीनल अनुराधा से बोल रही थी और अब सिर्फ हमारी कम्पनी के नहीं हम अपनी सपोर्टिंग कामोनियों के भी शेयर तेजी से खरीद रहे थे,

जो शेयर हमने १८०० में बेचे थे अब १३०० में खरीद रहे थे, और थोड़ी देर में हमारे कम्पनी का ट्रैकर ऊपर उठने लगा, मुश्किल से दो चार न मिनट के अंदर बिग बुल और बाकी कंपनियां भी मैदान में आ गयी, जब शेयर १५०० पहुँच गया तो सब को यकीन हो गया की अब हमारी कंपनी बच गयी है और शेयर तेजी से मॉप अप होने लगे, लेकिन तब तक हमने अपनी कम्पनी की शेयर होल्डिंग काफी बढ़ा ली

जो मैंने फाल्स रेड लाइन दे रखी थी, आधे घंटे में हमारे शेयर उससे भी ऊपर आ चुके थे।

और अब ड्राप सिर्फ ८ प्वाइंट का था , सपॉटिंग कंपनियां जो एकदम डूबने के कगार पर थीं अब सुबह के लेवल पर ट्रेड कर रही थीं और सबसे ज्यादा उछाल उनमे आया था

जिन जिन बैंको और फंड ने हमें लोन दिया था, उनके शेयर भी नीचे हो गए थे अब वो भी सुबह के लेवल पर आ गए और कुछ के तो पॉजिटिव हो गए,



साढ़े बारह बजे तक सेंसेक्स सुबह से चार प्वाइंट ऊपर चलने लगा था।

अनुराधा की हालत एकदम खराब थी, वो बस ट्रैकर देख रही थी और बार बार अपनी जाँघे सिकोड़ रही थी, हाथ उसके कस के टेबल को दबोच रहे थे, मैं समझ रहा था की क्या हो रही हां उसके साथ, देह एकदम पथराई, आँखे चढ़ी और वही हालत मीनल की लेकिन उन दोनों से ज्यादा खराब हालत मेरी थी,

वो ट्रैकर देख कर मेरा टनटनाया था, एकदम बुरी हालत में और मीनल ने उस हालत में भी सुब्बू को बोला, स्लो २० मिनट्स जस्ट रैप अप
और वो इंस्ट्रक्शन सारी टीम्स को पास हो गए,

अब हम लोगों ने अपनी खरीद रोक दी, बल्कि स्लो कर दी थी, और जो छोटी छोटी कंपनियां हमारे साथ की थीं बस थोड़ा बहुत उनके शेयर बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे और यह काम सुब्बू और सपोर्टिंग टीम के जिम्मे था,

मैं समझ गया मीनल की ट्रिक,

अब कुछ फायदा मिस्टर बुल और इंस्टीट्यूशनल बायर्स को मिल जाए और दूसरी बात, जब शेयर हमारे बहुत लो हो गए थे तो कम फंड्स इन्वेस्ट कर के भी उसे १३०० से १५०० पर खींच लाये, लेकिन १५०० से १८०० पर लाने के लिए और फंड चाहिए जो इन इन्वेस्टर्स के पास था और तब भी उन सब को टोटल कैपिटल गेन अच्छा खासा होता और सबसे बड़ी बात हमारी कंपनी एकदम सेफ हो जाती

हे, सुब्बू की ओर मीनल ने देखा और सुब्बू ने एक सिगी उसकी ओर बढ़ा दी, और दो जबरदस्त कस लगा के मीनल ने वो मेरे मुंह में खास दी और उसकी निगाह मेरी पैंट के बल्ज पे,
Bulge-C1hyehl-WIAAOk7-R.jpg


और मीनल ने कस के उसे पकड़ के निचोड़ दिया,

" वाउ स्साला, तेरा तो, हो गया न खड़ा, अरे मीनल के पास आया है, घबड़ा मत मजा आया न । बहुत दिन बाद ऐसी ट्रेडिंग हुयी है आज तुझे तो बिना चोदे जाने नहीं दूंगी, पर उसके पहले तेरे साथ मिल के आज स्साले इन बीयर कार्टेल वालों की मां बहन चोदनी है, स्साला आज गांड मार के रख दूंगी, मजा आ गया तेरे साथ चिकने "
diya-desktop-wallpaper-neha-sharma-red-hot-cleavage-thumbnail.jpg


और सिगी के बाद बीयर का नंबर था लेकिन मीनल की एक निगाह ट्रैकर्स पर चल रही थी, वो धीरे से बोली,

" लेकिन वो सब अभी गए नहीं हैं, देखना गांड पे मरहम लगा के आधे एक घण्टे में फिर लौंटेंगे, और तब तक हम लोग दुबारा तैयार मिलेंगे हाँ वो हमला सुबह से भी तेज होगा, अबकी वो सब ताकत झोंकेंगे "



एल आई सी के साथ अब एन बी ऍफ़ सी और कुछ बड़े फंड मैनेजर्स भी गए थे और सामने टीवी पे भी सेंसेक्स की ही न्यूज चल रही थी

तब तक मेरा नान स्मार्ट फोन बजा और ये नंबर सिर्फ चार पांच लोगो के पास था, मिस्टर बुल का सीधे फोन था

और एक बड़ी खराब न्यूज थी,

" एल आई सी वाले शायद हाथ खींच ले और अभी तो न्यूट्रल रहेंगे लेकिन अगर दूसरा हमला बहुत तगड़ा हुआ तो शायद "

और उन्होंने फोन रख दिया, मतलब साफ़ था की अभी जो शेयर उन्होंने ख़रीदा है, उसे वो सीधे बीयर कार्टेल को बेच भी सकते हैं अगर मैंने उन्हें हैंडल नहीं किया।

मेरे चेहरे पे पसीना आ गया। न्यूयार्क में अभी दस बज रहा होगा, लेकिन ये तो डूबने उतराने की बात थी, और मैंने अपनी कंपनी के हेडक्वार्टर में फोन लगाया, और मीनल को धीरे से बोला


" एल आई सी "
अगर ये खबर सही हुयी तो अब तक का सब किया धरा पानी में चला जाएगा और हम पर हमला करने वालों को भी ये बात अभी नहीं तो थोड़ी देर में पता चल ही जायेगी।

हम सब के चेहरे उतर गए,
 
Last edited:
  • Like
Reactions: ayush01111

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
मिस्टर दीर्घलिंगम
Nariman-Point-aerial-view-nariman-point-mumbai-maharashtra-india-asia-HY0-EW8.jpg


नरीमन प्वाइंट पर मेकर चैंबर में कम्पनी का जो कारपोरेट आफिस था, उस दिन वहां सब सामान्य था, रोज की तरह काम करने वाले लोकल ट्रेनों से आये, अपनी अपनी कारों से आये और साढ़े नौ बजे से लिफ्टों में चढ़ कर आफिस में पहुँचने लगे।

मिस्टर दीर्घलिंगम भी एकदम सामान्य थे जब वो कल अमेरिकन कौंसुलेट से निकले, तो अपने ड्राइवर से उन्होंने एकदम सामान्य बात की, जब की उन्हें मालूम हो गया था की वह कितना जबरदस्त विश्वासघाती है, रोज की तरह उसे थैंक्स भी दिया और देर होने के कारण ५०० रूपये की टिप भी।



घर में भी वह कुछ नहीं बोल सकते थे, उन्हें पता चल गया था की न सिर्फ हर फोन और कम्प्यूटर हैक हो चूका है बल्कि हर दीवान के कान ही नहीं आँख भी हैं।



सुबह सब कुछ सामान्य था, हर रोज की तरह, उनके चेहरे की कोई भी शिकन, कोई झुंझलाहट उनके मन की बात खोल देती।

इसलिए सब कुछ रोज की तरह यह जानते हुए भी की आज का दिन उनका इस पोस्ट पर आखिरी दिन हो सकता है बल्कि उसके बाद शायद कोई और कम्पनी भी उन्हें जॉब नहीं देगी। यह कफ परेड का चार बी एच के का फ़्लैट, हो सकता है शाम को उन्हें तीन दिन के अंदर खाली करने का नोटिस मिल जाए या उस से भी पहले। इन सब बातों की उन्हें चिंता थी लेकिन उससे भी बड़ी चिंता ये थी की उनकी कम्पनी का भी आज आखिरी दिन हो सकता है, जो लेगा वो उसे बदल कर रख देगा।

हफ्ते में तीन दिन वो मैरीन ड्राइव पर जोगिंग करने जाते थे, और उसके बाद सी सी आई ( क्रिकेट क्लब आफ इण्डिया ) में ब्रेकफास्ट।

एकदम सामान्य था वह दिन और सी सी आई में ब्रेकफास्ट के समय ही उन्हें वो पेन ड्राइव मिली, कल जिसके बारे में अमेरिकन कौंसुलेट में बताया गया था।

सीसीआई के मीटिंग रूम में जाकर उन्होंने उस पेन ड्राइव को खोला और क्या नहीं था उसमे, आडियो, वीडियो दोनों डायरेक्टर्स के बारे में भी और कम्पनी सेक्रेटरी के भी, कैसे डॉक्युमेंट्स फाल्सीफाई किये गए थे, फोटोशॉप कर के, और टेक्निक से चेंजेज कर के, तीनो की जिम्मेदारी साफ़ साफ़ सिद्ध होती थी, और एक की तो बेटी और बीबी की ऐसी ऐसी फिल्मे, उन्हें भी ब्ल्यू फिल्मो का शौक था लेकिन ऐसी तो उन्होंने भी नहीं देखी थीं

वहीँ से उन्होंने फोन भी किये एक तो मिस्टर खन्ना को, वो एक मीटिंग और ट्रेनिंग के चक्कर के दस बारह दिन से बम्बई में थे, और यही के साथ मिसेज खन्ना से भी रिक्वेस्ट किया। मिसेज दीर्घलिंगम की वो पक्की सहेली थी तो ये तय हुआ की मिसेज दीर्घलिंगम के साथ आज वो ब्रंच ताज प्रेजिडेंट में करेंगी, साढ़े ११ बजे। और दिन में उन्ही के साथ।

एक दो और फोन।

मिसेज खन्ना पक्की पंजाब की शेरनी थीं और दूर से खतरा भाप लेती थीं।
Teej-MIL-IMG-20230429-102000.jpg


मिस्टर दीर्घलिंगम दस बजे के आसपास, बल्कि दस -सवा दस तक अपने आफिस में पहुँचते थे लेकिन तब तक वो सारी रिपोर्ट देख कर एक बार डिपार्टमेंटल हेड्स से फोन पर बात कर चुके होते थे।

पर आज वो पौने दस बजे ही मेकर चैंबर पहुँच गए, उनके फ्लोर के लिए सीधी लिफ्ट थी जिसका इस्तेमाल, डायरेक्टर्स और कम्पनी सेक्रेटरी करती थीं।
Nariman-Point-6495162b30744287a3-Maker-Chamber-4-Mumbai.jpg


जब मिस्टर दीघलिंगम आफिस में पहुंचे तो सब कुछ सामान्य लग रहा था, एक दो डायरेक्टर लेट आते थे वो अभी नहीं आये थे, उनकी प्राइवेट सेक्रेटरी आफिस खुलने के टाइम से हमेशा दस मिनट पहले आ जाती थी और वो आ चुकी थी, कम्पनी सेक्रेटरी भी अपने कमरे में थी।

एक बार अपने कमरे में पहुँच कर उन्होंने चारो ओर देखा, सब कुछ रोज की तरह था।

लेकिन सब कुछ सामान्य नहीं था,

उन्हें मालूम था की जब उनके घर की दीवालों तक दुश्मन की कान और आंख पहुँच चुके थे तो आफिस के फोन कहाँ बचे होंगे, लेकिन एक जगह थीं, जहाँ उनके अलावा कोई और नहीं पहुँच सकता था, बड़े से बड़ा आई टी एक्सपर्ट भी वहां सेंध नहीं लगा सकता था, उनका दिमाग और अब वो तेजी से काम कर रहा था।

उनके लम्बे कारपोरेट जीवन में कई बार ऐसे कारपोरेट रेड्स हुए लेकिन अबकी दो बातें नयी थीं, एक उनके पक्ष में दूसरी उनके खिलाफ, सख्त खिलाफ

पक्ष में यह था की कल उन्हें हैकिंग वाली बाते पता चल गयी और जो उनके पीठ में छुरा घोपने वाले थे, उन की न सिर्फ असली शक्ल सामने आ गयी बल्कि उनका तोड़ भी, जबरदस्त तोड़ मिल गया। डायरेक्टर्स तो वो सोच सकते थे एक बार, लेकिन ये कम्पनी सेक्रेटरी, इतनी यंग , इतना उसे इन्होने प्रमोट किया, अपने घर की तरह रखा, लेकिन सबसे ज्यादा वो

और हमला तिहरा था, एक ओर से, दो ओर से लेकिन तीन ओर से कभी भी नहीं सोच सकते थे और वो भी एक ही दिन, जब कम्पनी की हालत कमजोर हो

एक तो डेट को इक्विटी वाली बात थी, और वैसे तो चार पांच परसेंट इक्विटी से कोई फर्क नहीं पड़ता था, लेकिन शेयर मार्केट की जो हालत थी उसमे अब ये चार पांच परसेंट बहुत मायने रखते थे। और जिससे कर्ज लिया गया था उसे इन लोगों को ऑफर करना था पहले और के रिफुजल पर ही वो उसे शेयर में कन्वर्ट कर सकता था।

आज पता चला था की कम्पनी सेक्रेटरी ने फायनेंस वाले से मिल के उस के ऑफर को रिजेक्ट कर दिया था लेकिन अभी उन्होंने उस को ओवररूल करते हुए एक काउंटर ऑफर दे दिया था और सेबी को भी उसकी कॉपी दे दी थी और यह काम आज सी सी आई से किया था जिससे कम्पनी में किसी को खबर न हो और सेबी से वहां से बात कर ली थी।



दूसरा हमला शेयर मार्केट का और तीसरा उन दोनों डायरेक्टर्स का था।

शेयर मार्केट वाला मामला उनके बस का नहीं था, और उसके बारे में वो सोचना भी नहीं चाहते थे लेकिन बाकी दोनों को उन्हें ही फेस करना था और उसकी काउंटर स्ट्रेटजी, इस फ्लोर पर बिना किसी को विशवास में लिए उन्हें बनाना था और जब तक उनका अटैक न हो तब तक सब कुछ बस यही लगे,



सब कुछ नार्मल है।



लेकिन सब कुछ नार्मल नहीं था।
 
Last edited:
  • Like
Reactions: ayush01111

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
कम्पनी सेक्रेटरी,
Girl-jeans-desktop-wallpaper-anveshi-jain-bollywood-actress-thumbnail.jpg


वो कम्पनी सेक्रेटरी, जो किसी से सीधे मुंह बात नहीं करती थी, खास तौर से मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी से, और सीनियर सेक्रेटरीज से जूनियर यंग असिस्टेंट्स नयी नयी लड़कियां तो उसके लिए धूल की तरह थीं, आज वो सबसे हाल चाल पूछ रही थी।

यहाँ तक की उसकी अपनी सेक्रेटरी जब काफी ले के आयी तो उसने बैठने के लिए पूछा।

मिस्टर दीर्घलंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी के लिए तो उसने सोच रखा था, बस एक बार नए सिक्योरटी वाले आ जाए, आज टेकओवर हो जाए, तो कल नहीं, आज ही अपने सामने बल्कि सबके सामने स्ट्रिप सर्च करवाएगी, बल्कि कैविटी सर्च भी, चार ऊँगली कम से कम खुद अंदर डालेगी, अरे स्साली आराम से घोंटेंगी, एक लौंडिया तो निकाल ही चुकी है और अब तो उसकी लौंडिया भी घोंटने लायक होगयी होगी।

नहीं होगी तो वो करवा देगी, बुलाएगी उसे अपनी मां से मिलने और उसके सामने ही,



और दोनों डायरेकटर जिन्हे आज की मीटिंग के बारे में मालूम था वो भी थोड़ा अबनार्मल थे, एक तो मिस्टर सेन, जिन्हे ब्लैकमेल कर के डिफेक्ट करने के लिए मजबूर किया गया था, फिर कम्पनी में कुछ फ्राड करवाया गया, कुछ गलत फाइलिंग करवाई गयी उनकी सिग्नेचर से वो थोड़े घबड़ाये लग रहे थे, लेकिन दूसरे डायरेक्टर जो शेयर और कंपनी के एम् डी बनने के लिए डिफेक्ट कर रहे थे, वो काफी जोश में थे।

पर टेंशन स्टॉक मार्केट का थोड़ा बहुत कम्पनी में आ रहा था।


सुबह से जो टेकओवर की अफवाह थी, वो कम्पनी के हर फ्लोर पे थे, और टेकओवर के बाद हर आदमी को अपने जॉब की चिंता रहती है।

और साढ़े दस बजे के बाद जब कम्पनी के शेयर गिरने शुरू हुए तो टेंशन कम्पनी में भी आ गया। एक तो सीनियर मैनेजमेंट के पास कम्पनी के स्टॉक थे, और कई बार स्टाफ के लिए प्रिफरेंशियल शेयर भी मिलते थे, पर आफिस में ट्रेडंग पर एकदम से बैन था। और साढ़े ग्यारह के बाद जब शेयर के दाम १५०० से नीचे गिरे, तो टेंशन एकदम बढ़ गया था, और उसके बाद मिस्टर दीर्घलिंगम ने सी ऍफ़ ओ को बुलाया और आज शाम की बोर्ड मीटिंग के लिए, कंपनी सेक्रेटरी से बात की, तो लोगों को लगा की खतरा बढ़ गया है पर बाद में पता चला की बात कुछ रूटीन की थी, बोर्ड मीटिंग की लॉजिस्टिक्स और स्नैक्स की।

पौने बारह बजे कम्पनी सेक्रेटरी ने लास्ट टाइम ट्रैकर को देखा, कम्पनी के शेयर अब १५०० से भी नीचे आ गए थे, बस एक दो लोगों से बात की और बोर्ड मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सारे डायरेक्टर्स को मेल किया, सिवाय एम् डी के,

उसी समय कुछ सूट पहने लोग लिफ्ट से टॉप फ्लोर पर आ रहे थे, उस फ्लोर पर सिर्फ डायरेक्टर्स, सी ऍफ़ ओ, सी ओ ओ, उनकी सेक्रेटरी के आफिस थे, और कम्पनी सेक्रेटरी, लॉ और दो मीटिंग रूम थे , एक छोटा सिर्फ डायरेकटस के लिए जो अक्सर लंच रूम के लिए इस्तेमाल होता था और दूसरा बड़ा बोर्ड रूम जो सिर्फ बोर्ड मीटिंग्स या स्टाफ को एड्रेस करने के लिए होता था, डिपार्टमेंटल हेड्स निचले फ्लोर पर बैठते थे और सिक्योरिटी, ला, एडमिन भी उसी फ्लोर पे थे, बाकी का स्टाफ एक ओपन आफिस में निचले फ्लोर पर।



कम्पनी सेक्रेट्री ने एक बार फिर अपने लैपटॉप पे स्टॉक की पोजीशन देखी, अपना मेल चेक किया, शाम के मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सब को मिल गया था। तभी इंटरनेट डिस्कनेक्ट हो गया, इंटरकॉम पर उसने आई टी सेल वालो को फोन किया।

इंटरकॉम काम नहीं कर रहा था।

अपने फोन से कम्पनी सेक्रेटरी ने बात करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल का भी नेटवर्क चला गया था।

अपने केबिन से बाहर निकल कर झाँका, कॉरिडोर में सन्नाटा, कुछ सूट वाले, छोटे वाले मीटिंग रूम में, और सफारी पहने कुछ सिक्योरटी वाले, नहीं उसकी कम्पनी के लोग नहीं थे वो

और वो आ के कमरे में बैठ गयी,

थोड़ा खुश, थोड़ा परेशान,

क्या एक्विजशन शरू हो गया ?

एक बार पहले भी वो एक कम्पनी में इसी तरह कू हुआ था और उस बार वो इन्वाल्व थी, पूरे १००० शेयर मिले थे और प्रमोशन भी।

उस बार भी अक्वीजिशन वाले ऐसे ही आये थे, उनकी टीम प्रोफेशनल थी, तीन दिन तक किसी को आफिस से बाहर जाने नहीं दिया, सिवाय जिन्हे वो निकाल रहे थे। फोन वोन ऐसे ही काट दिए गए थे। और सबसे नान डिस्क्लोजर अग्रीमेंट पहले साइन करवाया गया था

कम्पनी सेक्रेटरी ने बाहर निकल कर देखा।

लिफ्ट बंद थी, और स्टेयर्स पर सिक्योरटी वाले थे, उस का दरवाजा बंद था। उस का गेस एकदम सही था।

टॉप फ्लोर का रास्ता बंद कर दिया गया था, मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी को छोड़ के सब सेक्रेट्रियल स्टाफ को घर भेज दिया गया था। टेलीफोन, इंटरकॉम बंद थे और मोबाइल के जैमर लगा दिए थे। निचले फ्लोर पर डिपार्टमेंटल हेड्स और उनके नंबर २ को छोड़ कर सबको घर भेज दिया गया था और जो थे उन्हें बोला गया था, वो अपने चेयर से नहीं हटेंगे। सबके मोबाइल, लैपटॉप ले लिए गए थे।

डायरेक्टर्स को बड़े मीटिंग रूम में बैठा दिया गया था और एक एक को छोटे मीटिंग रूम में बुलाया जा रहा था, जहाँ बाहर से आये कुछ लोग बैठे थे।

मिस्टर दीर्घलिंगम भी अपने कमरे में थे और उनका फोन भी बंद था।

डेढ़ बजे कम्पनी सेक्रेटरी के कमरे में एक नयी सिक्योरटी वाला आया और बोला,

" योर फोन प्लीज "

वो एक मिनट के लिए रुकी तो वो बोला, दीर्घलिंगम का भी फोन हमने ले लिया है और दो मोबाइल दिखाए।

उन्होंने अपना आफ्सियल फोन हैण्ड ओवर किया तो वो बोला, दूसरा भी।

और अब उनके पास कोई चारा नहीं था। " आधे घंटे बाद स्माल बोर्ड रूम में आ जाइये " बोल के वो चला गया।



जब दो बजे वो बोर्ड रूम में घुसी तो मिस्टर सेन, डायरेक्टर निकल रहे थे, उनका चेहरा एकदम राख लग रहा था।
 
Last edited:
  • Like
Reactions: ayush01111

komaalrani

Well-Known Member
22,376
58,335
259
जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०

वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट

अपडेट पोस्टेड

कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें।
 
Last edited:

ayush01111

Well-Known Member
2,521
2,776
144
कम्पनी सेक्रेटरी,
Girl-jeans-desktop-wallpaper-anveshi-jain-bollywood-actress-thumbnail.jpg


वो कम्पनी सेक्रेटरी, जो किसी से सीधे मुंह बात नहीं करती थी, खास तौर से मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी से, और सीनियर सेक्रेटरीज से जूनियर यंग असिस्टेंट्स नयी नयी लड़कियां तो उसके लिए धूल की तरह थीं, आज वो सबसे हाल चाल पूछ रही थी।

यहाँ तक की उसकी अपनी सेक्रेटरी जब काफी ले के आयी तो उसने बैठने के लिए पूछा।

मिस्टर दीर्घलंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी के लिए तो उसने सोच रखा था, बस एक बार नए सिक्योरटी वाले आ जाए, आज टेकओवर हो जाए, तो कल नहीं, आज ही अपने सामने बल्कि सबके सामने स्ट्रिप सर्च करवाएगी, बल्कि कैविटी सर्च भी, चार ऊँगली कम से कम खुद अंदर डालेगी, अरे स्साली आराम से घोंटेंगी, एक लौंडिया तो निकाल ही चुकी है और अब तो उसकी लौंडिया भी घोंटने लायक होगयी होगी।

नहीं होगी तो वो करवा देगी, बुलाएगी उसे अपनी मां से मिलने और उसके सामने ही,



और दोनों डायरेकटर जिन्हे आज की मीटिंग के बारे में मालूम था वो भी थोड़ा अबनार्मल थे, एक तो मिस्टर सेन, जिन्हे ब्लैकमेल कर के डिफेक्ट करने के लिए मजबूर किया गया था, फिर कम्पनी में कुछ फ्राड करवाया गया, कुछ गलत फाइलिंग करवाई गयी उनकी सिग्नेचर से वो थोड़े घबड़ाये लग रहे थे, लेकिन दूसरे डायरेक्टर जो शेयर और कंपनी के एम् डी बनने के लिए डिफेक्ट कर रहे थे, वो काफी जोश में थे।

पर टेंशन स्टॉक मार्केट का थोड़ा बहुत कम्पनी में आ रहा था।


सुबह से जो टेकओवर की अफवाह थी, वो कम्पनी के हर फ्लोर पे थे, और टेकओवर के बाद हर आदमी को अपने जॉब की चिंता रहती है।

और साढ़े दस बजे के बाद जब कम्पनी के शेयर गिरने शुरू हुए तो टेंशन कम्पनी में भी आ गया। एक तो सीनियर मैनेजमेंट के पास कम्पनी के स्टॉक थे, और कई बार स्टाफ के लिए प्रिफरेंशियल शेयर भी मिलते थे, पर आफिस में ट्रेडंग पर एकदम से बैन था। और साढ़े ग्यारह के बाद जब शेयर के दाम १५०० से नीचे गिरे, तो टेंशन एकदम बढ़ गया था, और उसके बाद मिस्टर दीर्घलिंगम ने सी ऍफ़ ओ को बुलाया और आज शाम की बोर्ड मीटिंग के लिए, कंपनी सेक्रेटरी से बात की, तो लोगों को लगा की खतरा बढ़ गया है पर बाद में पता चला की बात कुछ रूटीन की थी, बोर्ड मीटिंग की लॉजिस्टिक्स और स्नैक्स की।

पौने बारह बजे कम्पनी सेक्रेटरी ने लास्ट टाइम ट्रैकर को देखा, कम्पनी के शेयर अब १५०० से भी नीचे आ गए थे, बस एक दो लोगों से बात की और बोर्ड मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सारे डायरेक्टर्स को मेल किया, सिवाय एम् डी के,

उसी समय कुछ सूट पहने लोग लिफ्ट से टॉप फ्लोर पर आ रहे थे, उस फ्लोर पर सिर्फ डायरेक्टर्स, सी ऍफ़ ओ, सी ओ ओ, उनकी सेक्रेटरी के आफिस थे, और कम्पनी सेक्रेटरी, लॉ और दो मीटिंग रूम थे , एक छोटा सिर्फ डायरेकटस के लिए जो अक्सर लंच रूम के लिए इस्तेमाल होता था और दूसरा बड़ा बोर्ड रूम जो सिर्फ बोर्ड मीटिंग्स या स्टाफ को एड्रेस करने के लिए होता था, डिपार्टमेंटल हेड्स निचले फ्लोर पर बैठते थे और सिक्योरिटी, ला, एडमिन भी उसी फ्लोर पे थे, बाकी का स्टाफ एक ओपन आफिस में निचले फ्लोर पर।



कम्पनी सेक्रेट्री ने एक बार फिर अपने लैपटॉप पे स्टॉक की पोजीशन देखी, अपना मेल चेक किया, शाम के मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सब को मिल गया था। तभी इंटरनेट डिस्कनेक्ट हो गया, इंटरकॉम पर उसने आई टी सेल वालो को फोन किया।

इंटरकॉम काम नहीं कर रहा था।

अपने फोन से कम्पनी सेक्रेटरी ने बात करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल का भी नेटवर्क चला गया था।

अपने केबिन से बाहर निकल कर झाँका, कॉरिडोर में सन्नाटा, कुछ सूट वाले, छोटे वाले मीटिंग रूम में, और सफारी पहने कुछ सिक्योरटी वाले, नहीं उसकी कम्पनी के लोग नहीं थे वो

और वो आ के कमरे में बैठ गयी,

थोड़ा खुश, थोड़ा परेशान,

क्या एक्विजशन शरू हो गया ?

एक बार पहले भी वो एक कम्पनी में इसी तरह कू हुआ था और उस बार वो इन्वाल्व थी, पूरे १००० शेयर मिले थे और प्रमोशन भी।

उस बार भी अक्वीजिशन वाले ऐसे ही आये थे, उनकी टीम प्रोफेशनल थी, तीन दिन तक किसी को आफिस से बाहर जाने नहीं दिया, सिवाय जिन्हे वो निकाल रहे थे। फोन वोन ऐसे ही काट दिए गए थे। और सबसे नान डिस्क्लोजर अग्रीमेंट पहले साइन करवाया गया था

कम्पनी सेक्रेटरी ने बाहर निकल कर देखा।

लिफ्ट बंद थी, और स्टेयर्स पर सिक्योरटी वाले थे, उस का दरवाजा बंद था। उस का गेस एकदम सही था।

टॉप फ्लोर का रास्ता बंद कर दिया गया था, मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी को छोड़ के सब सेक्रेट्रियल स्टाफ को घर भेज दिया गया था। टेलीफोन, इंटरकॉम बंद थे और मोबाइल के जैमर लगा दिए थे। निचले फ्लोर पर डिपार्टमेंटल हेड्स और उनके नंबर २ को छोड़ कर सबको घर भेज दिया गया था और जो थे उन्हें बोला गया था, वो अपने चेयर से नहीं हटेंगे। सबके मोबाइल, लैपटॉप ले लिए गए थे।

डायरेक्टर्स को बड़े मीटिंग रूम में बैठा दिया गया था और एक एक को छोटे मीटिंग रूम में बुलाया जा रहा था, जहाँ बाहर से आये कुछ लोग बैठे थे।

मिस्टर दीर्घलिंगम भी अपने कमरे में थे और उनका फोन भी बंद था।

डेढ़ बजे कम्पनी सेक्रेटरी के कमरे में एक नयी सिक्योरटी वाला आया और बोला,

" योर फोन प्लीज "

वो एक मिनट के लिए रुकी तो वो बोला, दीर्घलिंगम का भी फोन हमने ले लिया है और दो मोबाइल दिखाए।

उन्होंने अपना आफ्सियल फोन हैण्ड ओवर किया तो वो बोला, दूसरा भी।

और अब उनके पास कोई चारा नहीं था। " आधे घंटे बाद स्माल बोर्ड रूम में आ जाइये " बोल के वो चला गया।



जब दो बजे वो बोर्ड रूम में घुसी तो मिस्टर सेन, डायरेक्टर निकल रहे थे, उनका चेहरा एकदम राख लग रहा था।
Matlab pahle director ki maa chod di company ne maza aya ab company secretary ki bari and ye Minal shah to Badi tez nikli maza aeyga dekh kar
 
Top