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लो आ गई एक नई छिनार नांदिया. अपने भाई को बहन चोद बना ने. और खुद भाई चुदी बन ने. यह तो पहले से ही तैयार है. पर थोड़ी सी हिचक रही है की उसकी महतारी उनकी बुआ क्या कहेगी. अरे पगली तेरी देवी जैसी भाभी हे ना. क्यों डरती है. तेरी महतारी खुद उनका पकड़ कर तेरे अंदर डलवाएगी. और जोरो से चीखना. तो फिर एक बार नई छिनार मतलब की नांदिया के लिए नया राशिफल. वाओ माझा आ जाएगा.भाग 247 - मेरा दिन -
बूआकी लड़की
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इन्होने तो अपना किस्सा पूरे डिटेल में बता दिया था आफिस में कैसे दिन कटा और वो नए प्रोजेक्ट वाली बात, लेकिन मेरी बात तो रह ही गयी थी, मैंने बात शुरू की थी शाम को घर आने के बाद से, लेकिन दिन में क्या क्या हुआ, ये भी तो बताना पड़ेगा न, अबतक की सब बात बताई, तो ये दिन कैसे रह जाएगा, पिछली पोस्ट में आखिरी लाइन में वादा भी किया था
बताउंगी, बताउंगी, आप सबको भी लेकिन अगली पोस्ट में, इनके आफिस जाने के बाद
असल में यह मरद लोग सोचते हैं न की जब ये आफिस में काम के बोझ तले दबे रहते हैं, बॉस की डांट खाते रहते हैं हम सब औरतें घर में मस्ती करती हैं, ( मेरा सोना मोना नहीं, इसने तो अपने सोचने का काम, आफिस के काम के अलावा, मेरे और अपनी सास के हवाले कर दिया है )
लेकिन हम जानते हैं कितने फोन करने पडते हैं, सास को ननद को, गप्पे मारनी होती हैं, रात में तो सोने को पहले दिन से नहीं मिलता तो सोना और लेडीज क्लब, किटी पार्टी या उसकी तैयारी, गिना नहीं सकती
तो कल भी, इनके आफिस जाने के बाद
काम शुरू हुआ इनके आफिस जाने के ठीक १७ मिनट बाद, ... इनकी फुफेरी बहन का फोन आया, बूआकी लड़की मिन्नी का, हाईस्कूल में गयी अरे वही मिसेज मोइत्रा के रसगुल्लों की ही उम्र की बताया तो था उसके बारे में
ये कच्ची उमर की लड़कियां और गरमाई रहती हैं, जबतक एक बार कस के ठुकाई न हो जाए और ये मिन्नी तो और, गुड्डी ने पिछली बार जब फोन पे वीडियो कांफ्रेंस कराई थी तो चढ़ा के उसकी ब्रा तो खुलवा ही दी थी, उभार अभी बस आ ही रहे थे, ३० नंबर था, गुड्डी से दो कम, लेकिन कप साइज सी थी पर सबसे बड़ी बात चुनमुनिया एकदम प्यारी सी, झांटे नयी नयी खूब मुलायम बस थोड़ी सी और छोटी छोटी, ... और चुनमुनिया इतनी टाइट दरार भी मुश्किल से ही दिखती थी.
लेकिन आज मेरी मिन्नी ननद रानी एकदम घबड़ायी, जैसे पता नहीं किस मुसीबत में फंस गयी हो,/
" भाभी, आपने मम्मी को बुलाया है क्या, वो मुझसे साथ चलने को कह रही थीं, लेकिन, ... " घबड़ायी हुयी आवाज में वो बोल रही थी।
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" तुझे अपने भैया से चुदवाना है की नहीं, ... " मैं सीधे मुद्दे पर आ गयी।
" वही तो, हाँ,... लेकिन " रुक रुक के वो बोल रही थी जैसे समझ न पा रही हो क्या बोले, कैसे बोले, ... फिर कुछ रुक के बोली
" वही तो परेशानी है, भैया के साथ,... तो,... लेकिन मम्मी साथ में रहेंगी तो कैसे,... " अब उसने अपनी परेशानी का राज खोला।
मैंने उसे अपनी ट्रिक नहीं बताई, की कैसे इनकी बूआ, मेरी ननद की मम्मी खुद अपने हाथ से मेरी ननद के हाथ में उसके भाई का, अपने भतीजे का लंड पकड़ाएंगी। . लेकिन मैंने एक घिसा पिटा मुहावरा दुहराया,
" तुझे आम खाने से मतलब है की पेड़ गिनने से "
सच में ससुराल मुझे सुन के मिली थी, सारी नंदन पैदायशी छिनार, ... मिन्नी हंस के बोली,
" भाभी मुझे केला खाना है "
पक्की शैतान लेकिन मैंने उस बात को इग्नोर करके दूसरा सवाल दाग दिया,
" मैडम जी अगर तुझे तेरी मम्मी के साथ नहीं बुलाती तो क्या तू अकेले आ पाती ? "
" हं ये बात तो है भाभी " अब थोड़ा समझते हुए वो बोली,
" तो घबड़ायेगी तो नहीं, फटने के बारे में सोच के फट तो नहीं रही है तेरी,... वैसे भी तुझे तो सब बच्ची समझते होंगे "
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अब वो गुस्सा हो गयी,
" समझते होंगे लेकिन हूँ नहीं, साल भर पहले से मेरा खून खच्चर चालू हो गया है, मेरी क्लास की चार लड़कियों की चिड़िया मुझसे पहले से उड़ रही है। फिर आप की फटी, गुड्डी दी की फटी,... और गुड्डी दी से तो मेरी अक्सर बात होती है। दिल्ली से भी कल रात में बात हुयी थी। वो बोल रही थीं पहली बार करवाने में तो दर्द हुआ, बहुत हुआ जब खून निकला था लेकिन उसके बाद तो मज़ा, सिर्फ मज़ा। अब गुड्डी दी करवा सकती हैं तो मैं क्यों नहीं, मैं उनसे मुश्किल से तीन साढ़े तीन साल छोटी हूँ,...
और उसका एक ही इलाज था, उसे चिढ़ाना।
" हे करवाना, मतलब क्या करवाना, यार तुझे तो ये भी नहीं मालूम जो गुड्डी तेरे भैया से करवाती थी उसे कहते क्या है, बोलने की तो हिम्मत नहीं करवाओगी क्या ? "
वो चुप रही और मुझे मौका मिल गया, और रगड़ने का " बोल न बिन्नो, क्या करवाएगी अपने भइया से, अगर बोल देगी तो पक्का करवा दूंगी,... मम्मी नो मम्मी। "
" वो वो, ... " बोलते बोलते वो रुक रही थी , फिर हिम्मत कर के एक झटके से बोल दिया,
" चुदवाउंगी "
" अरे मेरी ननदिया बारी जाऊं, जरूर चुदवाउंगी तुझे तेरे भैया से और तेरी गाँड़ भी मरवाउंगी घबड़ा मत बस हफ्ते भर की बात है "
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मैंने अगले हफते का उसका राशिफल बता दिया।
और होमवर्क भी।
ऐसा लग रहा है जैसे कोमलिया ने मिशन नांदिया चुदवाओं लॉन्च किया. या फिर मरद को बहनचोद बनाओ लॉन्च किया है.होमवर्क ननदिया का
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" देख हर लड़का चाहता है की लड़की मुंह में ले ले, मैंने तेरे भैया का पिक भी भेजा था चुसवाते,... तो पहले उसकी प्रैक्टिस, "
" यस भाभी " वो अच्छे स्टूडेंट की तरह बोली, लेकिन मेरी अंदर की भाभी, मैंने फिर से छेड़ा
" हे क्या चुसोगी अपने भैया का "
" वो वो,... लंड " हिम्मत कर के उसने बोल ही दिया।
" अबे स्साली, लंड बोलने में तेरी फट रही है तो लेगी कैसे अंदर," ननद को गरियाने, चिढ़ाने, हड़काने का मौका कौन भाभी छोड़ देती है, जो मैं छोड़ती।
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फिर मैं काम की बात पे लग गयी, मुंह में लेने में सबसे बड़ा ख़तरा गैग रिफ्लेक्स का रहता है और उनका है भी पूरा बरेली का बांस। हलक भी छील के रख देता है। तो पहला काम मैंने उससे बताया की मुंह में दो ऊँगली डाले, हलक तक,... जब उसे मचली आने लगे तब भी न निकाले। थोड़ी देर में वो फीलिंग खतम हो जायेगी, उसके बाद दुबारा,... रोज चार पांच बार करो, ... '
वो ध्यान से सुन रही थी, ये मेरी ननदें अपने भाई से चुदवाने के लिए कुछ भी करेंगी।
" और मुझे शाम को बताना भी सेल्फी भी लेना , टारगेट है की एक दो दिन में तुम चार पांच मिनट तक कम से कम बिना कुछ घबड़ाये ऊँगली हलक तक डाल लो और खूब जोर जोर से चूसना, जैसे लॉलीपॉप चूसती है स्साली, और सुन एक दो अपनी लॉलीपॉप चूसती सेल्फी, होंठो के क्लोज अप वाली भी भेजना तेरे भैया को ललचाऊँगी "
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जी भाभी, मिन्नी बोली।
और मैं जान रही थी की एक बार बस लंड हलक तक पहुंच जाए फिर कौन मरद बिना चुसवाये छोड़ देता है। लेकिन तब ही मुझे बाहर वो जो जासूस करमचंद की औलाद, गाजर का ठेला लगाए था उसकी याद आ गयी और मैंने मिन्नी को दूसरा काम पकड़ाया।
" सुन आज कल गाजर काफी ताज़ी आ रही है "
" भाभी आपको क्यों गाजर मूली खीरे की जरूरत पड़ गयी आप के पास तो असली वाला है " नन्द भी चिढ़ाने का मौका नहीं छोड़ रही थी।
" एकदम और आओगी तो असली वाला तुझे भी मिलेगा लेकिन प्रैक्टिस करने के लिए तो एक खूब लम्बी गाजर ले, कम से कम आठ नौ इंच की। बस जैसे ऊँगली से करना था उसी तरह गाजर से और सिर्फ होंठों का जोर, गलती से भी दांत न लगे , और अब पूरी ताकत से चूसना , पांच छह मिनट तक,... "
" आप तो मुझे पहले से पक्की कर देंगी " हँसते हुए वो बोली।
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" और इम्तहान तेरे भैया ही लेंगे लेकिन चल मैं तुझे कुछ साइट्स की लिंक भेज देती हूँ कुछ और पिक्स और वीडियो भी हां एक काम तेरे भैया को चिकनी चमेली पंसद है तो तो कम्प्लीट वैक्सिंग, सिवाय,... " और मैंने बात यही छोड़ दी।
"सिवाय,... मतलब " अब उस को चींटी काटने लगी।
" मतलब झांटे बहुत ज़रा सी इन्वर्टेड ट्राइंगल की तरह ठीक क्लिट के ऊपर वो भी बहुत हल्की सी बस लगे की यहां छूटी हैं,...और उस की एक पिक भी भेज देन। "
मैं सोच रही थी स्साली के भाई को दिखा दिखा के ललचाऊँगी। ये स्साली तो पट जायेगी, लेकिन इसका भाई ही स्लो लर्नर है, गुड्डी के ऊपर ही उसे चढ़ाने में मुझे, मम्मी और गीता की कितनी मेहनत करनी पड़ी, जबकि बचपन से उसकी अमिया देख के ललचाता था। "
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और मैंने साथ में ब्राजीलियन वैक्सिंग की चुनमुनिया की एक पिक भेज दी। लेकिन फिर मैंने काम की बात पूछ ली
" मम्मी ने तुमसे क्या कहा था , और तूने क्या जवाब दिया "
" मम्मी तो बड़ी उत्सुक थीं जाने के लिए, मुझसे बोली की तेरी दो दिन की छुट्टी है एक दिन की छुट्टी मार लेना मैं ही कुछ अर्जी बना दूंगी, फिर सैटरडे संडे , तो चार पांच दिन के लिए चल चल चलते हैं,. मेरी कुछ समझ में नहीं आया। मुझे लगा पहले एक बार आपसे बात कर लूँ तो मैंने बहाना बनाया की मैं जरा स्कूल में चेक कर लूँ की कोई टेस्ट वेस्ट तो नहीं है फिर बता दूंगी। " वो बोली।
सच में मेरी ननद चालाक हो गयी थी।
" देख तो तू अपनी ओर से हाँ मत करना लेकिन नहीं भी नहीं। मतलब उन्हें ये अंदाज न लगे की तू चुदने के लिए आना चाहती है " मैंने उसे इशारा किया।
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" समझ गयी भाभी, मना नहीं करुँगी, लेकिन ये बहाना बनाउंगी की अगले हफ्ते टेस्ट है, उस पीरियड में तो नहीं हैं। हाँ एक एक्स्ट्रा क्लास थी वो कैंसल हो गयी है पर घर पर रहने पर टेस्ट की तैयारी हो जाती, लेकिन आप कह रही हैं तो चल चलती हूँ और उस सब्जेक्ट की किताब ले लुंगी. वहीँ पढ़ लुंगी। "
एक झटके में उसने प्लान भी बना दिया और बता दिया।
लेकिन तब तक मेरे दो मिस्ड कॉल्स के बज्र बज गए थे और चार व्हाट्सऐप के।
" एकदम सही है , कल चल बात करती हूँ और पिक और लिंक भेजती हूँ तुझे " कह के मैंने फोन रख दिया। सच में मिन्नी जबरदस्त चुदवासी लग रही थी।
काम बहुत थे लेकिन ये काम सबसे जरूरी था, मुझे इस कच्ची अमिया को इनके नीचे लिटाना ही था, कुछ भी हो मतलब कुछ भी हो,
असल में मैं एक साथ तीन शिकार कर रही थी एक तीर से लेकिन जिसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहा था उसे हवा भी नहीं थी, की उसकी गार्डन कैसे काटी जा रही थी।
और वो सबसे बड़ा शिकार हो रहा था, जो दुष्ट पापी मेरे फोन की बात सुन रहा था और मेरे साजन की नौकरी और कम्पनी दोनों के पीछे पड़ा था। उन्होंने जब से ये बताया था, मुझे रिपोर्ट पढ़वाई थी जिसमे इनके सर्वेलेंस वालों का शक था की ये ठरकी आदमी हैं और जो कम्पनी इनकी एक्वायर होने से बची उसमे इनके हाथ होने के चांस कम हैं लेकिन क्योंकि और किसी पर शक की सुई नहीं घूम रही थी तो अगले दस पंद्रह दिन इनका जबरदस्त सरवायलंस हो रहा था और लगे हाथ मेरा भी फोन हैक हो गया था, घर में इंच इंच पे कैमरे लगे थे, कुछ ये आफिस की बात करे कोई ऐसी हरकत हो तो उनके ऊपर शक हो जाता
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और मैं उन दुष्टों का इलाज समझ गयी थी, उन्ही के फोन उन्ही के कैमरे से उनका पिछवाड़ा लाल करना था, और यही दिखाना था की ये लड़का ठरकी नहीं महा ठरकी है, कच्ची कलिया हों, बड़ी उम्र की औरतें हों किसी को नहीं छोड़ता, अपनी बहनों को भी नहीं
और एक बार कुछ शक कम होता तो शायद सर्वेलेंस भी कम हो जाता और इनका कंम्पनी बचने वाला काम भी चल निकलता
तो असली और पहला शिकार वही थे, मुझे कुछ भी करके अपने मरद को महाठरकी दिखाना था
दूसरी परेशानी, मेरी अगले हफ्ते पांच दिन वाली छुट्टी थी, तो मेरा मरद तरसता क्या, और खुद तो वो शिकार कर नहीं पाता। एक गुड्डी थी तो वो दिल्ली में कोचिंग में जूझ रही थीं, तो ममेरी न सही फुफेरी बहन सही
और तीसरा शिकार ननद और उसकी माँ , ननद पे मरद चढाने का मजा ही और है लेकिन अभी मिस्ड कॉल्स मेरा इन्तजार कर रहे थे तीज पार्टी को लेकर भी बहुत काम फैला था।
खुद के बजट से पैसा खर्च नहीं कर सकते. नहीं तो वो फसेंगे. और ऐसे क्लब के लिए पैसा आएगा नहीं. पिछली बार जिस तरह से महेंदी वगेरा के प्रोग्राम के बाहने बिल बनाया गया. ऐसा लगता है की उसमे भी घोटाले ही होंगे. लेकिन टीनएजर्स के नाम से तो जो गोटिया सेट की वो काबिले तारीफ है.पार्टी और फाइनेंसिंग
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फिर मैंने पहले मिस्ड काल देखीं।
------नंबर देख के मैं पहचान गयी , और वो क्या बोलेगा ये भी समझ गयी। ये बात कल सुजाता के यहाँ मीटिंग के पहले वाली मीटिंग में जिसमे सिर्फ सुजाता , मीनाक्षी और बच्ची पार्टी के एक दो और लोग थे वहां भी हुयी थी।
लेकिन मिस्ड काल पर रिंग करना तो बनता था खास तौर से जब इस कम्पनी को मेंहदी और उनकी सिस्टर कम्पनी को कॉस्मेटिक्स का खरचा करना था।
उस ने तुरंत फोन उठाया, वो अपनी कम्पनी ले मिडल मैनेजमेंट में थोड़ा ऊपर की ओर था और सी एस आर के मामले में वर्टिकल में तीसरे नंबर पर था। फोन उठाते ही उसने दुआ सलाम के बाद अपनी बात कह दी।
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वो लोग मेंहदी, कॉस्मेटिक्स के इवेंट्स को दोनों दिन स्पांसर करने के लिए तैयार थे। उनके खर्चे की लिमिट भी नहीं थी। लेकिन वो चाहते थे की वो सीधे हम लोगो को कुछ पेमेंट कर देंगे, थोड़ा बहुत कैश कम्पोनेंट होगा, वो उनके कुछ वेंडर कर देंगे, जो वो सप्लाई में डिस्काउंट होगा उसमें एडजस्ट हो जाएगा। तो हम लोग मेंहदी और कॉस्मेटिक में कुछ भी करें लेडीज क्लब के बजट से खरचा नहीं जाना था।
मैं चुपचाप सुनती रही।
कल यही बातें सुजाता के सामने भी उसने रखी थी, लेकिन हम लोगों ने तय किया था ऐसे नहीं चलेगा।
पहला ओब्जेकशन सुजाता ने ही रखा, पिछले साल लेडीज क्लब ने मेंहदी के मद में ११,४२८ रुपये खरच किये थे। इस बार यह राशि ६०- ८० हजार तक पहुँचती। हर साल हम लोगों के लेडीज क्लब का अकाउंट आडिट भी होता है, पिछले साल से लेडीज का नंबर २ या कम होता और उसके बावजूद ६ से ७ गुना खर्चा अगर हमारे बुक्स में आता है तो कोई भी सवाल पूछ सकता था।
यही हाल कॉस्मेटिक्स का भी होता। वैसे तो मिसेज दीर्घलिंगम को पता ही था पूरा खेल लेकिन कोई अखबार वाला ये बात उठाता तो मुश्किल हो जाता।
लेकिन असली परेशानी दूसरी थी , कंपनियां स्पांसरशिप कर तो रही थीं लेकिन वो लेडीज क्लब के तीज फंक्शन को थोड़े ही कर रहे थे।
मिसेज मोइत्रा की हेल्प से और उनके प्रेसिडेंसी कालेज वाली जूनियर की हेल्प से एन जी औ के रूप में रिकग्नाइज तो हो गया लेकिन उसका एक पर्पज था।
वो टीनेजर्स के सेल्फ रियलाइजेशन उनमे सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए कर रहा था। उसके कई कम्पोनेंट थे , एक पार्ट था बीइंग कम्फर्टबेल विद योर बॉडी और कल्टीवेशन ऑफ़ एथनिक ब्यूटी सेन्स और मेंहदी और कॉस्मेटिक उसी के तौर पर हम डील कर रहे थे। इस लिए स्पोन्सरिंग आर्गनाइज़ेशन का पूरी इवेंट का खर्चा सीधे उठाना और उसे आर्गनाइज करने का काम था।
उससे मैंने आराम से बात की, थोड़ी अपनी परेशानी की बात की और ये तय हुआ की हम लोग शाम को ४ बजे फिर बात करेंगे, और फोन रख दिया।
ये मैंने अपनी डायरी में नोट कर लिया की फंक्शन के बाद मैं उसे खुद फोन करुँगी , थैंक यू नोट्स और गिफ्ट भेजूंगी। किसी की बात अगर आप काट रहे हों उसके डिसीजन को उसके ऊपर वाले से पलटवा रहा हों तो उसे ये अहसास कभी नहीं होने देना चाहिए की वो कमजोर है या उसे हम दबा सकते हैं
अब इस परेशानी से निबटने के लिए मैंने इन्हे फोन लगाया लेकिन फोन बंद। फिर मिसेज डिमेलो के नंबर पे जब मैंने फोन लगाया तो रहस्य खुला,... ये कहीं मीटिंग में गए थे जहाँ फोन नहीं लग सकता है . कारपोरेट आफिस से भी दो फोन आया था।
दो बजे के बाद ही मिल पाएंगे। मिसेज डी मेलो को जो मैंने परेशानी का थोड़ा सा हिंट दिया तो वो बोली की मैडम थोड़ी देर बाद फोन आएगा।
मिसेज डी मेलो से बात के पंद्रह मिनट के अंदर ही उनकी सी ऍफ़ ओ का फोन आया।
और सारा मामला सलट गया। उन्होंने न सिर्फ परेशानी हम लोगों की समझी, हम लेडीज क्लब की बुक्स में न पैसे ले सकते थे न उनसे एक्स्ट्रा पेमेंट कर सकते थे।
यह तय हुआ की जैसा मैं कह रही थी ३५ % पेमेंट वो सीधे कॉस्मेटिक्स, मेहँदी बाकी एक्टिविटी को स्किल डेवलेपमेंट या इसी तरह के किसी फंड से देंगे। उस से हम लोगों का कोई लेना देना नहीं होगा।
लेकिन असली बात थी एक सेल्फ हेल्फ ग्रुप क्रिएट करना, जो हम लोगों ने जिस आब्जेटिव्स के साथ अचीव किया है उसके लिए होगी।
उसकी एक्जीक्यूटिव में दो मेंबर हमारे लेडीज क्लब की आफिस बियरर्स होंगी, दो इंडिपेंडेंट मेंबर्स होंगी जो हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर से होंगी, दो बेनिफिसियरीज होंगी जिसमे एक स्लम एरिया से बी पी एल होगी और दूसरे हमारे विलेज आउटरीच प्रोग्राम के किसी गाँव में जहाँ कोई महिला प्रधान होगी वो होगी। क्योंकि हमारा फोकस टीनेजर्स गर्ल्स हैं तो इन मेंबर्स में से दो टीनेजर्स होंगी, जिनका न हमारी कम्पनी से कोई संबंध होना चाहिए न फंडिंग कम्पनी से और वो हमारे आउटरीच प्रोग्राम के एरिया से ही होनी चाहिए।
मैंने उनसे पूछा की उनकी कम्पनी का भी तो कोई होना चाहिए, तो वो बोले की वैसे आठ से ज्यादा मेंबर नहीं होना चाहिए तो वो अपनी कंपनी के सीनियर वीपी की वाइफ का नाम सजेस्ट कर सकता हैं या तो वो खुद रहें या किसी का नाम सजेस्ट कर दें, लेकिन अच्छा होगा की मैं या मिसेज खन्ना उनसे बात कर लें।
उन्होंने नाम और नंबर दे दिया। और मैंने कमेटी के मेंबर्स का नाम , हमारी कम्पनी की ओर से सुजाता होगी जो सेक्रेटरी होगी और मीनाक्षी उसने सी ए कर रखा है तो वो ट्रेजरार, हेल्थ सेक्टर में हमारे शहर की मशहूर गायनकोलॉजिस्ट डाक्टर गिल, और स्काई कोचिंग की हेड मिसेज मल्होत्रा एजुकेशन सेक्टर से।
स्लम एरिया से मैंने गीता का नाम दे दिया वो टीनेजर भी है और महिला प्रधान एक्स आफ़िसियों होंगी।
एक और टीनेजर में मैंने गुड्डी की सहेली निधि का नाम दे दिया। कुल छह नाम हम लोगो के और एक उनकी कम्पनी के। एक जगह का स्कोप रहेगा बाद में किसी को डालना हो।
उन्होंने बोला की बस इस बेसिस पे लीगल डाक्यूमेंट वो बनवा देंगे, और मिसजे डी मेलो के पास भेज देंगे। सबके कंसेंट लेटर और बाकी डॉक्युमेंट्स के साथ कल तक वो रजिस्टर हो जाएगा। बस ६० % पेमेंट वो एक सेल्फ हेल्प ग्रुप के नाम करेंगे जिसका लेडीज क्लब से कोई रिश्ता नहीं होगा। और तीज का प्रोग्राम एक पायलट प्रोजेक्ट की तरह होगा। जो कम्पनी सर्विस प्रोवाइड करेंगी उन्हें एनुअल कांट्रेक्ट विलेज आउट रीच के लिए मिलेगा।
लेकिन किस कॉस्मेटिक और मेंहदी और बाकी एक्टिविटीज के लिए चुना जाए, क्या क्राइटेरिया होगा, उसका भी उन्होंने एक रास्ता निकाल लिया।
हर कमिटी में तीन लोग होने चाहिए और कम से कम से एक एक्सपर्ट और एक मेंबर फंड देने वाली कम्पनी नॉमिनेट करेगी। वो भी फाइनल हो गया, सुजाता, या सुजाता किसी को नॉमिनेट कर देगी , तनु, मेरी मुँहबोली बहन जो शहर की सबसे मशहूर कॉस्मेटिक फर्म में है और लंदन से एक साल का कॉस्मेटोलॉजी का कोर्स कर के आयी है और एक किसी का नाम जो वो सजेस्ट करेंगे , वो भी उन्होंने बोला की शाम तक बता देंगे .
ओह्ह्ह तो अच्छा मतलब गांव की लड़कियों को एडल्ट बना ना मतलब उनको मॉडर्नाइज करना. उन्हें मेडिकल और बाकि चीजों के लिए जागृत करना. साथ नाए ज़माने के हिसाब से रोजगार पैदा करना. जिसमे कोमल ने गीता का नाम दिया है. जो कंपनी सोशल वर्क करती है. और उसके जरिये कंपनी का टैक्स बचत है. अभी खेल समझ आने लगा.विलेज आउटरीच प्रोग्राम
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असली खेल तीज का फंक्शन नहीं था उस के बाद का था, विलेज आउटरीच प्रोग्राम का। हम लोगों ने आलरेडी टाउन शिप के अगल बगल के २५ गाँवों को एडाप्ट किया था और टारगेट था अब ४० किलोमीटर की रेडियस में जितने गाँव थे उन्हें एडाप्ट करना। हमारी मार्केटिंग रिसर्च टीम ने जोड़ा था करीब ६० गाँव हैं और उनमें १२०० टीनेजर लड़कियां है जो हमारी क्राइटेरिया में पूरी उतरती हैं।
दो तरह के प्रोग्राम थे , एक तो हेल्थ और एजुकेशन का।
हर महीने पांच गाँवों के क्लस्चर में एक महिलाओं और टीनेजर्स लड़कियों के लिए दो दिन का कैप, लास्ट वीकेंड पे, जिसमे ब्लड टेस्ट, पेप स्मीयर, मैमोग्राम, बर्थ कंट्रोल से लेकर लड़कियों औरतों से जुडी सभी चीजें, ... लेकिन ये नहीं की उस क्लस्चर में अगले ११ महीने कुछ नहीं होगा। उन क्लस्चर में रिडीयूसड लेवल पर हेल्थ एक्सटेंसन वर्कर्स , पैरा मेडिक टीम और कम से कम एक लेडी डाक्टर। डाक्टर गिल इस प्रोग्राम को कोर्डिनेट कर रही थीं।
मिसेज मल्होत्रा की कोचिंग करीब १५ साल पुरानी थी और उनके शुरू के दिनों की निकली लड़किया, जो अब डाक्टर बन चुकी थीं कोचिंग की एल्म्युनिआई थी , उन्होंने भी तय किया की जाड़ों में वो भी आएँगी और चार दिन के लिए कैम्प लगाएंगी।
जिस दिन जिस क्लस्चर में हेल्थ क्लीनिक चलती वहीँ एक एजुकेशन काउंसिलिंग कैम्प, जिसमे लड़कियों की पढ़ाई को लेकर हो रही प्रॉब्लम्स, उसमे मिसेज मल्होत्रा की कोचिंग के टीचर्स और कुछ मोटिवेशनल स्पीकर्स वो भी लेडीज
लेकिन हमने ये देखा था की ट्रेडिशनल पढ़ाई में बहुत सी लड़कियों की रूचि नहीं थी। और वोकशनल कोर्सेज के नाम पर तीन तरह के कोर्सेज की डिमांड थी , कम्प्यूटर, मेहँदी और ब्यूटीशियन।
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इसमें हम लोगो ने दो और जोड़ दिया था म्यूजिक, और कूकरी, लेकिन ये दोनों उन गाँवों के लोकगीतों और रीत रिवाजों से जुड़े रहते .
ये कोर्स भी पांच गाँवों के क्लस्चर के फ़ार्म में चलते। हर क्लस्चर में महीने भर का कोर्स तो एक टीम साल भर में ६० गाँवों की लड़कियों को मेंहदी का कॉस्मेटिक कॉर्स सीखा देती। और एक दूसरी टीम जिन गाँवों में कोर्स हो गया है वहां अगले ११ महीने हर पंद्रह दिन पर रिफ्रेशर प्रोग्राम , कम्पटीशन करती रहती।
तो जो टीम मेहदी, कॉस्मेटिक इत्यादि करती उसका असली फायदा होता उन्हें साल भर का कांट्रेक्ट मिलता।
और फंडिंग कई कम्पनिया अपने सी एस आर से करतीं ,
हमारी कम्पनी के कारपोरेट आफिस ने पब्लिसिटी की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी, उससे ओवर ऑल कम्पनी की इमेज इम्प्रूव होती। उससे बड़ी बात थी की मूल कंपनी तो एक बड़ी मल्टीनेशनल थी तो उसकी इमेज इम्प्रोव होती की ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है। मिसेज दीर्घ लिंगम ने तो यहाँ तक कहा की एक दो साल अगर ये प्रोग्राम चल गया तो बिल गेट्स फाउंडेशन और आक्सफैम ऐसी आर्गनाइजेशन को वो रोप इन कर सकती हैं।
जो कंपनियां सी एस आर से फंडिंग करती वो ज्यादातर हम लोगो के सप्लाई चेन में थीं, कुछ वेंडर, कुछ एंसिलरी इंडस्ट्री और कुछ एक्सक्लूसिव डिस्ट्रीब्यूटर।
और हमारी कम्पनी भी अपने सी एस आर का एक हिस्सा उन कंपनियों के प्रोजेक्ट्स के लिए खर्च करती।
लेकिन सबसे बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व हो गयी मेरी इस सेल्फ हेल्प ग्रुप के बनने और फंडिंग का सिस्टम सेट होने से। करीब दस कंपनियां हमें फंड करने वाली थीं और अब किसी का लेडीज क्लब से कांटेक्ट नहीं होगा।
अब जब एक टेम्पलेट सेट हो गया तो मैंने उसी तरह से बाकी कंपनियों से बात किया, मिसेज मल्होत्रा और डाक्टर गिल का कंसेंट फ़ार्म और बाकी डॉक्युमेंट्स मिसेज डी मेलो को भेज दिए। और सुजाता को सब बता दिया।
वाह बुआजी ने तो सच मे मस्त कर दिया. क्या मस्त गरीयाई. कोमलिया से भी मस्त. एकदम टक्कर का. कोमलिया ने गरियाया नांदिया चुदाई तो उन्होंने मुन्ना के ससुर और कोमलिया के ससुर को भी आड़े हाथ ले लिया. एक तो कोमलिया की सास बुआ की भाभी लगी. तो वो कहा छोड़ती. वैसे भी भाभी नांदिया ना गरीयाए तो कौन गरियाएगा. लेकिन कोमल ने जो 1st वाला गाया था ना गुड्डी चुदाई वाला. वो तो बहोत मस्त था. अब तो गुड्डी क्या मिनवा भी चुदेगी.बूआ जी
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बस अब पार्टी के तैयारी के लिए चार पांच बाते और बाकी थी लेकिन मैंने देखा तो दो व्हाट्सऐप काले थीं मिस्ड एक बूआ जी की, दूसरी मिसेज मोइत्रा की .
लेकिन इतनी बातें कर के मेरा सर थक गया था, मैंने किचेन में जाके ब्लैक काफी बनायी और तभी बूआ जी का फोन घनघनाया।
पहले तो मैंने माफ़ी मांगी लेकिन वो बोलीं की "
मैं समझ रही थी तुम बिजी होगी वरना तुम,...क्या पता मुन्ना के मुन्ना के साथ बिजी हो, कहीं दिन में मन आ गया हो।" कह के वो खिलखिला पड़ीं। और जोड़ा
"मुंह में कुछ हो तो फोन पे कैसे बात हो सकती है। दिन में ही आफिस छोड़ के हवा मिठाई खाने आ गया हो।"
क्या बताती बूआ जी को कि ये आज सुबह नौ बजे ही आफिस निकल गए और मैं जानती थी इत्ते दिन बाद आये हैं तो शाम तक तो फोन की भी फुरसत नहीं मिलेगी, लेकिन मैं भी बूआ जी को चिढ़ाने का मौका क्यों छेड़ देती, बोली,
" अरे बूआ जी आप जल्दी से आ जाइये उन्हें बड़ी वाली ३६ नंबर की हवा मिठाई खिलाइये, कल मैंने जब से बोला की आप लोग अगले हफ्ते आप लोग आने वाली हैं तब से बेताब हैं, "
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लेकिन बूआ जी आज ज्यादा ही गरमाई थीं, बोलीं अरे वो बेताब था तो दूर करदेती उसकी बेताबी आखिर ब्याह के तुझे क्यों लाये हैं?
" वो तो में दूर कर देती हूँ लेकिन अब वो बेताब बड़ी वाली हवा मिठाई के लिए हैं "
हँसते हुए मैं बोली और मेरे सामने बूआ जी की शक्ल नाच गयी। इनसे थोड़ी ही तो बड़ी थीं जोबन एकदम गद्दर और ऊपर से खूब टाइट चोली पहनतीं खूब लो कट, दोनों कबूतर झलकते रहते। गोरे गोरे दूध के कटोरे। एक बार मैंने चिढ़ाया भी,
" बूआ जी ये दूध के कटोरे ऐसे छलकते रहते हैं, कोई पी लेगा, चुसूर चुसूर "
" अरे इसी लिए तो झलकाती रहती हूँ, लेकिन कोई मिले तो जोबना का कदरदान। " हँसते हुए वो बोलीं।
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बूआ जी से दोस्ती तो शुरू से ही हो गयी थी, लेकिन जिस दिन मैं आयी उसके तीसरे दिन, छत पर गाने का प्रोग्राम था और जैसे होता है कुछ देर तो शराफत वाले गाने, फिर असली वाली गालियां। कलावती थी, काम करने वाली की बेटी तो ननद लगती उसने शुरू किया तो मेरी ओर से दुलारी ने फिर मैं खुद मैदान में आ गयी, और सब ननदों का नाम ले ले के उनके भाइयों से जोड़ के अपने भाइयों से जोड़ के, और खास तौर से गुड्डी को इन्ही से जोड़ के
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सैयां हमारे आँगन में आये , आवन को आदर, बैठन को कुर्सी, खाने को खाना, पीने को पानी
अरे संग सोवन को , अरे संग सोवन को मजा लेवन को गुड्डी रानी राजी रे
अरे संग सोवन को , अरे संग सोवन को मजा लेवन को टांग उठावन को और पीछे से दुलारी ने भाभियो की ओर से जोड़ा
बुर चोदावन को गुड्डी रानी राजी रे
खूब हल्ला हुआ उसके बाद तो फिर मेरी सास बूआ की ओर इशारा कर के बोलीं , अरे बहू अपनी ननदों का तो असल हाल तूने सुना दिया मेरी ननद का,
बूआ ने कहा ठीक है लेकिन पीछे से दुलारी का सहारा नहीं लेना और उसके बाद तो वो गारियाँ, मेरे ससुर, इनके ससुर, गदहा घोडा कोई बचा नहीं जिसे मैंने गाने में बूआ जी की बिल में न घुसवाया हो और उसके बाद से हम दोनों पक्की सहेली सी।
" बूआ जी अब आज से खीरा गाजर बैगन का सेवन बंद,,,, " मैंने बूआ जी को चिढ़ाया।
" एकदम मुन्ने का मुन्ना मिलेगा समझ रही हूँ, सच में अपने पति का ख्याल करती है तू। "
लेकिन मुझे फिर वही गारी वाली बात याद आयी बूआ जी की, घोंटने में लाज नहीं बोलने में लाज आती है कुल। बिदा होके मैं आयी ही थी,... पास के एक तालाब में मौरी सेरवाने की रस्म हो रही थी, खाली औरतें, ये मैं, नन्द भौजाई मेरी एक गाँव की जेठानी ने अपनी ननद को लेके गाना शुरू किया,...
कारे कारे भेड़वा क भूअर भूअर बार, कारे कारे भेड़वा क भूअर भूअर बार
कहाँ जाए भेड़वा अंधरिया हो रात रे, कहाँ जाए भेड़वा अंधरिया हो रात रे,
जाए को तो जाए, वो तो जाए, चुन्नी छिनरो के पास रे, वो तो जाए गप्पू क बहिनिया का पास रे
अरे चुन्नी छिनरो क लागल बा पियास रे,...
बस बूआ एकदम खुल के,
' हे बिटुवा बो रोज रतिया के चुदवावत क लाज ना और चुदवासी बोलने में,.."
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. बस उसके बाद तो और बूआकी बिटिया भी थी छोटी भी थी लेकिन लगती तो ननद थी,
मैंने बूआजी को याद दिलाया, ... का बूआ जी आप तो ऐसी न थीं, ...मुन्ना क मुन्ना बोलना छोड़ए
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बस बूआ जी असली रूप में आ गयी और हंस के बोली " तोहरी महतारी के दामाद क लंड बोलूंगी चलो अब तो खुश। "
मैं क्यों पीछे रहती, उन स्साले कम्पनी वालों से बात कर कर के दिमाग का रायता बन गया था. बूआ जी से बात करके थोड़ा मूड फ्रेश हो रहा था. बूआ की बात सुन के मैं भी गरमा गयी और एकदम उनकी तरह जवाब दिया,
" अरे बूआ जी असली खुश तो तब होउंगी जब हमरे सास क बेटवा क लंड उनकी ननद के भोंसडे में,... "
अब बूआ जी एकदम असली मूड में आ गयीं, और गरियाते बोलीं,
" भोंसड़ा किसका बोल रही हो, भोंसड़ा होगा तेरी सास का, तेरी चचिया सास का, ... यहाँ तो एक ही बेटी पैदा हुयी वो भी आपरेशन से , दो साल से पूरा उपवास चल रहा है "
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बूआ जी ने एक तीर से दो निशाना साधा, मेरी सास उनकी भौजी लगीं तो उनको भी गरिया लिया।
" अरे बूआजी अभी नहीं है भोंसड़ा तो हो जाएगा न जब मेरे मरद का ट्रैक्टर चलेगा आपके खेत में और नौ महीने में सोहर होगा, और मेरी यह ननद सही रास्ते से आएगी"
मैं हँसते हुए बोली।
लेकिन बूआ जी अब सीधे मुद्दे पर आ गयी. अपनी परेशानी उन्होंने साफ़ साफ़ बताई,
" यार सुन मैंने तो प्रोग्राम पक्का कर लिया, गाड़ी में तेल वेल भी भरवा लिया कपडे भी पैक कर लिए लेकिन वो तेरी ननद, उसकी छुट्टी भी है दो दिन की, एक दिन बीच में पड़ेगा तो मैंने उसकी टीचर से बात भी कर ली, उसके बाद वीक एन्ड, तो सीधे पांच दिन मिल रहे थे, सुबह निकलूंगी तो दस बजे तक तेरे घर।
पर वो ननद तेरी, कह रही है की मंडे को टेस्ट है घर पर रहेगी तो पढ़ाई कर लेगी, अब उसे छोड़ के तो आ भी नहीं सकती, अब देखो वो मान जाए तो। "
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जिओ बुआजी जिओ. मान तो रही हो की नांदिया जिसकी उसका हक़. तो तैयारी कोमलिया ने कर भी तो रखी है. मेडिकल चेकअप करवा के कब महीना आएगा.बूआ और उनकी बेटी -
प्रोग्राम पक्का
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बूआ जी थोड़ा परेशान लग रही थी और मैं अपनी हंसी दबा रही थी, उन्हें ये बता तो सकती नहीं थी की उनकी बेटी से सुबह सुबह बात हो गयी है। मैंने लेकिन बड़ी सीरियसली बूआ जी से बोला,
" बूआ जी आप बड़ी है आप को मैं क्या बताऊं ये तो आप को मालूम ही है ननद का मतलब ही है,... छिनार। "
" एकदम " हँसते हुए वो बोलीं।
" और ननद वो किसकी है " मैंने फिर पूछा।
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" तेरी,... " वो बोलीं
" तो उसको पटाने मनाने की जिम्मेदारी किसकी है, मेरी न। तो मैं आज शाम को उससे बात कर के पटा लूँगी आप चिंता न करें। ननद को पटाने का काम भाभी का ही होता है. और सीधे से नहीं मानेगी तो दो चार गुंडे भेजके उठवा लूंगी। " हंस के मैं बोली।
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" असल भौजाई हो तुम। मेरा तो पक्का ही है और तेरी ननद तुम्हारी जिम्मेदारी , मैं दस बजे तक पहुंच जाउंगी " वो हँसते हुए बोलीं। उनकी परेशानी दूर हो गयी थी.
और मैंने उन्हें दस बजे के आगे का प्रोग्राम बता दिया।
मैंने साढ़े ग्यारह बजे का डाक्टर गिल का ऍप्वाइंटमेंट ले लिया है वो उनकी जांच भी कर लेंगी और ताम्बे का ताला भी निकाल देंगी। जैसा बूआ जी ने बताया था मैंने डाक्टर गिल को लास्ट पीरियड की डेट्स बता दी हैं। उनके हिसाब से उस दिन से मोस्ट फर्टाइल वाला पीरियड चलेगा उनका पांच दिन के लिए। कुछ वो पिल्स भी दे देंगी।
बूआ एकदम खुश, बोलीं तुम डाक्टर साहिबा को अपनी ननद के सिजेरियन वाली बात भी बता देना।
" एकदम आज ही बता दूंगी लेकिन अगर आपके भोंसडे से मेरी आधी दर्जन ननदें भी निकली होती न तो वो डाक्टर ऐसी हैं की ऐसा ऑपरेशन कर के टाइट करती, बल्कि नकली झिल्ली भी लगा देतीं की आपको गौने की रात याद आ जाती। टाइट तो आपकी अभी भी है लेकिन डाक्टर साहिबा बिना कच्ची कली बनाये नहीं छोड़ेंगी। "
बूआ जोर से हंसी फिर बोलीं
" तेरे मर्द को ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी "
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" अरे बूआ कडुवा तेल ( सरसों का तेल ) बहुत महंगा हो गया है २०० के ऊपर नहीं तो दो सौ ग्राम वही तेल,... वरना चलिए पुराने मिर्च का अचार है लाल मिर्च वाला भरवा, उसका तेल रख दूंगी नहीं तो आर्गेनिक का जमाना है, अपने भतीजे को बोल दीजियेगा थूक से काम चलाये "
मैंने भी अपना इरादा साफ़ कर दिया।
एक परेशानी अभी भी बची थी बूआ की, वो बोलीं,... लेकिन तेरी ननद भी तो रहेगी न, और उसको छोड़ के भी नहीं आ सकती।
मैंने पुराना डायलॉग दुहराया,... " ननद किसकी है , मेरी न तो उसकी जिम्मेदारी मेरी,... लेकिन मैं आपको कुछ कहूँगी अपनी ननद से कहने करने के लिए तो मना नहीं करियेगा . "
" एकदम नहीं करुँगी " बूआ जी ने तीन तीर्बाचा भर दिया।
" तो नौ महीने में सोहर पक्का बूआ जी और मैं कुंडली बिचरवा ली है, मेरी ननद ही आएगी। " मैं हँसते हुए बोली।
बूआजी के यहाँ लगता है कोई आया था, घंटी बज रही थी , मेरे फोन पर भी दो मिस्ड काल आ चुकी थीं। मैंने जब बूआजी से यह कहना चाहा की उनका ताम्बे का ताला निकलेगा और मेरी ननद के लगेगा तो उन्होंने बात काट दी और मेरी बात दुहरायी,
" ननद किसकी है तेरी न तो तू जान तेरी ननद जाने। मैं ननद भौजाई के बीच में नहीं पड़ती। " और फोन रख दिया।
बात तो मैं बूआ जी से कर रही थी इसके पहले स्पॉन्सरिंग वालों से लेकिन मेरे दिमाग में वो ' कीड़े ' जो जगह जगह पर बग्स कोई इनका दुश्मन, रंडी का जना लगा गया था. हर आवाज सुनी जा रही थी, हर हरकत देखी जा रही थी, टॉयलेट बाथरूम तक में कैमरे लगे थे। इसलिए भले बात में कहीं कर रही होऊं बस इस बात का ध्यान रख रही थी की इनका जिक्र न आये। ये पिछले तीन चार दिन जो गायब थे उसका एकदम नहीं।
लेकिन बातचीत नेचुरल भी लगनी चाहिए और काम भी सब पड़ा हुआ था।
और इनके आफिस के बारे में , तीज के दिन इनका जो मिसेज मोइत्रा के यहां दिन भर रहने का प्रोग्राम था या अगले दिन जिस रिसार्ट में हम लोग जाने वाले थे, उसके लोकेशन के बारे जरा सा भी हवा भी नहीं लगने देनी थी वरना ये सब कैमरे वाले वहां भी पहुँच के कैमरे लगा देते तो जो थोड़ी बहुत इनको खुल के सांस लेने की छूट मिलती वो भी खतम हो जाती।
अनेजिंग. अब शुरू होंगी पार्टी. मीटिंग के लिए तो मनोत्राइन निकाल गई. और अपनी दोनों कबूतरियो को उनके भरोसे. वाह... खून खच्चर ना हो. चीखे ना निकले तो फिर माझा नहीं आएगा.भाग २48पार्टी की तैयारी
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सीनियर्स की पार्टी
३७,४०, 1७४
लेकिन अच्छी बात थी की कैटरिंग, मेंहदी और बाकि सब काम की फंडिंग कैसे हो और एजेंसी कौन सी हो, ये दोनों बातें मीटिंग के पहले ही सुलझ गयी थीं।
हमने तीज के प्रोग्रम का जिसमे फैसला लिया था, जब पहली बार मैं मिसेज मोइत्रा को अपनी बेटियों को इन के भरोसे छोड़के, क्लब ले आयी थी, तभी हम लोगों ने अनांउस किया था की अबकी तीज पार्टी का कोई बजट नहीं होगा, और सीनियर्स एकदम उदास होगयी, 'अब बनाओ बच्ची पार्टी वाली को सेक्रेटरी,'... एक दो ने मुंह बना के पूछा भी
" क्या पार्टी नहीं होगी, "
" होगी और पहले से जबरदस्त होगी, मेंहदी पहले एक हाथ में लगती थी दूसरे का पैसा, अब हर जगह लगेगी, और कोई पैसा नहीं, ......कॉस्मेटिक्स भी , गिफ्ट हैम्पर भी, कम्टीशन के अवार्ड भी और झूला भी खाने का मेनू भी, लेकिन बजट नहीं " सुजाता ने और हवा भरी,
" तो चंदा जबरदस्त देना पडेगा न, पहले भी ५०० रूपया था अब क्या हजार लोगी ? "
एक ने मुंह बना के पूछा, मिसेज मोइत्रा के साथ ये मेरे खिलाफ वोट डलवाने में जबरदस्त थी।
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और मैंने मामला सम्हाल किया।
" बजट नहीं, मतलब बजट की लिमिट नहीं, ....तो बस प्लानिंग आप लोगो को करनी हैं, आप सीनियर हैं.
मेंहदी, मेनू सब कुछ पर पैसे का जुगाड़ कमेटी करेगी, एजेंसी भी हम लोग ढूंढ के लाएंगे,बस टारगेट है मस्ती, फुल टाइम मस्ती कम से कम सात आठ घंटे तक और मैडम ( मिसेज मोइत्रा -क्लब में कोई इनका नाम नहीं लेता था ) मैडम ने प्रॉमिस किया है , सबसे पहले वो आएँगी और सबसे बाद में जाएंगी।
( मेरे मरद को उनकी दो दो कच्ची अमिया कुतरनी थी, दोनों की नथ उतारनी थी, और वो भी हचक के, पूरी बेरहमी के सात तो टाइम लगाना ही था और मिसेज मोइत्रा को सात -आठ घंटे बाहर रहना जरूरी था। जब तक वो पहुँचती, अब तक जिन्हे पिंजड़े में पाल पास के बड़ा किया था दोनों मुनिया की चुनमुनिया फट जाती, भरतपुर लूट जाता, और पिक्स के साथ)
,मुझे और सुजाता को उम्मीद थी की कंपनियों ने जो सी एस आर से प्रॉमिस किया है उससे आराम से हो जाएगा और बच भी जाएगा लेडीज क्लब के लिए लेकिन अभी जो फोन आया था की बुक्स में तीज के नाम पे या मेंहदी के नाम पे तो दिखा नहीं सकते, तो हमें कुछ सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाने होंगे।
वो सभी बन भी गए, स्लम और विलेज दोनों की रेप्रेजेंटेटिव गीता को नॉमिनेट कर दिया, उसका आधार कार्ड वार्ड सब मेरे ही पास था , बताया तो था पिछले पार्ट में, लेकिन एक बात शायद छूट गयी थी, वो थर्ड पार्टी पार्टसिपेशन, वो कंपनियां एक थर्ड पार्टी के जरिये सी एस आर फंडिंग करती थीं, उस थर्ड पार्टी का काम था, डाक्यूमेंटेशन, जिस काम के लिए पैसा दिया गया है वो हो रहा है की नहीं , उय्सकी आडिट और उस के डाकुमेंट इकठा करना और तमाम सरकारी एजेंसियों को झेलना। और उन्हें खुश रखना,
क्या बात है ला ज़वाब. रमोला तो बनारस की ही निकली. तब तो वो भी बहन ही हुई. फिर तो खूब गालिया चलेगी. देखा बनारस वलियो को. तुरंत समझ गई. तू तो अपने ससुराल वालों की खूब गांड मरती होंगी. और रमोला ने अपनी तरफ से बस एक बार बोलने पर ही सब अरेंजमेंट कर दिया. हर जगह प्रॉफिट ही प्रॉफिट. जो किसी ने सोचा भी नहीं होगा. मनहोत्राइन को भी जो चाहिये. वो मिल ही रहा है.रमोला
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बस उसी थर्ड पार्टी वाले से भी मैंने बात कर ली जो विलेज आउटरीच प्रोग्राम की फंडिंग से जुडी थी, बस उन्ही से मैंने कहा की अपनी एक आर्म बना ले उन प्रोग्राम के एग्जिक्यूशन के लिए जो हमारे सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के साथ मिल के काम करेंगे। वो आदमी समझदार था इशारा समझ गया और उस के सीईओ की कोई साली थीं, रमोला, बनारस की ही बस उन्ही को हेड बना के उन लोगों ने एक आर्म बना दी
और मैंने रमोला से सीधे बात कर ली,
बस बात बन गयी। पहले पांच मिनट में ही हम लोग फर्स्ट नेम पे आ गए, मेरी एक कजिन थीं, चचेरी, बसंत कालेज की पढ़ी, बाद में मिरांडा हाउ दिल्ली, तो उसी के साथ निकल आयी, और जब उसे पता चला की मेरी शादी बनारस के पास के जिले में हुयी है तो फिर तो सीधे हम दोनों गाली पे उतर आये।
मसला वही था, तीज पार्टी के इस खर्चे को दिखाएँगे कहाँ, किस मद में, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की भी तो आडिट होती है
मैंने ही आइडिया दिया, " स्साली, मत दिखा न,.... कोई जोबन है क्या जब तक दिखाएंगे नहीं, झलकायँगे नहीं, लौंडे नहीं पटेंगे"
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और उस की चमकी, बोली
"स्साली है तू गजब की चीज,... सच में अपने ससुराल वालों की गांड मारती होगी, "
और रमोला ने चार पांच इवेंट मैनेजर्स को फोन लगाया, और सबको बताया बड़ा काम है ५ से १० सी ( मतब करोड़ ) के बीच का, कांट्रैक्ट चाहिए, हफ्ते भर में फाइनल करना है। पांच मिनट में फोन करुँगी, मेसेज करो
और मुझे बोली, यार सुन एक्टिवटी लिस्ट करवा मुझे तीज पार्टी की. और हम दोनों ने मिल के लिस्ट बना ली, ज्यादा लम्बी नहीं थी,
। मेंहदी २ कॉस्मेटिक्स ३ कैटरिंग ४ गिफ्ट हैम्पर ५ डेकोरेशन ६ मिसलेनियस
बस हम दोनों ने मिल के रास्ता निकाल लिया विलेज आउटरीच ग्रुप में, मेहंदी और ब्यूटीशियन के तो कोर्स होंगे और १०० गाँव साल में दो तीन कोर्स भी चलाये तो ३०० और हर एक में दस लड़कियां भी आयीं तो ३००० और हर लड़की का दस दिन के कोर्स का हजार रूपया भी चार्ज हुआ तो ३० लाख और ५ % मलाई निकालो तो, डेढ़ लाख और स्साली कित्ती छिनार आएँगी तेरी पार्टी में
मैंने जोड़ के बताया, २५ -३० पहले दिन और अगले दिन २० से ज्यादा नहीं, तो कुल मिला के पचास,
" स्साला कितना लेगा मेंहदी का , एक का हजार दो हजार, तो भी तो पचास का एक लाख से ज्यादा नहीं हुआ और फिर चल खर्चा जोड़ते हैं, मान लो उस ने दस मेहँदी वाले या वालियां भेजी तो दो दिन का बीस यानी अगर दो हजार रूपये हर रोज का जोड़ तो कितना हुआ, "
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रमोला हिस्सब जोड़ने में बहुत तेज थी।
" चालीस हजार " मैंने जोड़ के बता दिया " और " फिर पर हेड मेहँदी और बाकी समान कितने का आएगा " रमोला ने अगला सवाल पूछ लिया
" ब्राइडल मेंहदी का १२ कोन वाला २०० के आसपास आता है " मुझे मालूम था और मैंने बता दिया।
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" चल ५०० लगाते हैं तो ५० का पच्चीस हजार ही तो हुआ, और चालीस मैनपावर का तो कुल जोड़ के ६५ हजार और मलाई थी अपने पास डेढ़ लाख की, चल यार तू अपने शहर को छोड़, मेरे पड़ोस में टाँगे फ़ैलाने आयी, ....हो गया तेरा काम, साल भर मेंहदी लगवा साली सब छिनरों को,... चूँचियों में भी
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और चूत पर भी,.... ये काम तो हो गया, चल अब अगला देखते हैं " रमोला अब असल बनारस की बोली में आ गयी थी
कैटरिंग, डेकोरेशन सब हो गया. कैटरिंग का तो एक तो कूकरी के कोर्स चलने थे, तो वो कैटरिंग वाले चलाते, फिर सारी ट्रेनिंग में भी खाने का नाश्ते का इंतजाम करना पड़ता और सेल्फ हेल्प ग्रुप की मीटिंग्स का बल्क कांट्रेक्ट कैटरिंग का, तो उसकी मलाई का एक चौथाई भी नहीं लगता कैटरिंग में , पर हेड २००० भी जोड़ें तो एक लाख ही तो आया,
हाँ कॉस्मेटिक मैं ब्रांडेड वाले चाहती थी और वही रमोला भी तो उसे इस मलाई स्कीम से बाहर रखा,
उसकी एक मिरांडा की सहेली थी, कहीं बाहर से एम् बी ए किया और अभी इण्डिया में ही लोरियल की प्रमोशन हेड थी,
बस उसी से बात कर के, विलेज आउटरीच प्रोग्राम में पार्टनर बना के,.... तो बस ५० % डिस्काउंट पे काम हो जाएगा, और उस की कुछ फ्रेंड्स लक्मे, रेवलॉन और शुगर ऐसी कम्पनी में हैं तो ये चार पांच ब्रांड तीज पार्टी के और १०० विलेज आउटरीच में अगर आधे लोरियल को दे दिए डिस्काउंट पे तो बाकी में ये सब और इनके कारपोरेट प्रोमोशन में भी आएगा तो इन्हे हम पार्टनर की तरह पोजीशन कर सकते हैं तो स्पांसर कर देंगे
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इवेंट मैनेजर को वो बोल देगी अगर काम चाहिए तो स्पांसर करो, वो भी बिना नाम आये, तो वो अपनी मेहदी, कैटरिंग और डेकोरेशन की एजेंसीज और कांटेक्ट परसन का नाम बता देंगे और रमोला मुझे इवेंट मैनेजर्स के भी नाम बता देगी ।
सेल्फ हेल्प ग्रुप का कांट्रैक्ट रमोला की कम्पनी के साथ होगा।
हाँ और मेडिकल और एजुकेशन का खर्चा तो वैसे ही मैंने बचा लिया था, मिसेज मल्होत्रा और डाकटर गिल का इस्तेमाल करके,
लेकिन बुक्स में तो दिखाते ही, और कुछ श्याम वर्णीय धन इससे पैदा होता, वाउचर तो जिस चीज के चाहिए, रमोला ने कहा वो जुगाड़ करवा देगी और कम्पनी भी असली होगी, कम से कम जीएसटी नंबर और पैन तो होगा ही, वेरिफायबल एड्रेस भी होगा और आडिट भी उसका कोई परिचित सीए है, उसकी कम्पनी से ,
बस सब काम हो गया। न सिर्फ इस पार्टी का बल्कि आगे का भी।
लेकिन मिसेज मल्होत्रा का भी कुछ फायदा होना चाहिए तो वो बहुत दिनों से ' बॉटम आफ पिरामिड ' वाले कंसेप्ट से गाँवों के लड़को लड़कियों को पकड़ने की कोशिश कर रही थीं, बस मैंने उन्हें 'डाक्टर बिटिया', प्रोग्राम सजेस्ट किया,
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उन की दो साल की कोचिंग की फ़ीस, गाँव से आने जाने का खर्चा और बुक्स सब फ्री, बस दो बातें थी, जिन गाँवों में हम प्रोग्राम कर रहे हैं उन्ही के स्कूल से वो लड़कियां सेलेक्ट होंगी
और सेलेक्शन टीम में एक कोई कोचिंग की और एक सेल्फ हेल्प ग्रुप की जो गीता ही होगी, रहेंगी, और मार्क्स का लिमिट नहीं होगा
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दूसरी ज्यादा बड़ी बात थी, डाकटर बिटिया का प्रोग्राम ५० % हमारी कम्पनी स्पांसर करेगी और २५ % के स्पांसर का मैं जुगाड़ करवाउंगी। बाकी मिसेज मल्होत्रा....
और उस में भी उन का फायदा, मार्जिनल कॉस्ट तो आलमोस्ट ज़ीरो होगी, क्लास में ५० पढ़ रहे हैं ५१ पढ़ लेंगे लेकिन बुक्स में पूरी फ़ीस और चार्जेज और उस पे इनकम टैक्स का बेनिफिट, फिर प्रमोशन।
हाँ एक बात और थी, पहले साल में दस लड़कियां उन गाँवों से ली जाती, और गीता पक्का उन का सेक्स कोशेंट देख के ही चुनती, और सब की सब कन्या कुवारी, और साल भर उन्हें हर पार्टी में जाने का पास भी मिलता, पार्टियों में अब शहर की लड़कियां कम जा रही थीं, उन्हें डिस्को, विस्को, तो उन सब के पीछे पीछे गाँव के लड़के भी आते
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तो सब पक्का होगया और मैं मीटिंग के लिए निकल पड़ी, पैसा, एजेंसी और सबसे बड़ी बात हमारी या हमारी कम्पनी के बुक्स में कुछ एंट्री नहीं होती, न हमें सी एस आर देने वालों के,.... सब स्पॉन्सर के जरिये।
वाह मान गए. मतलब सारी देरी सिर्फ मनोत्राइन की दोनों बेटियों को चुदवाने के लिए की जा रही है. सब कुछ प्रोवाइड करवाया जा रहा है. खाना खा के जाए. ताकि देर हो. बच्चों और अपने मरद की टेंशन होने लगी तो खाना पैक करवा दिया.मेनू खाना कम, पीना ज्यादा
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अभी भी काफी काम पड़ा था एक तो मेनू फाइनल करना था।
पहले तय हुआ की लाइट रिफ्रेशमेंट सुबह साढ़े ग्यारह -बारह तक फिर दो तीन के बीच लंच। उसके बाद कुछ नहीं बीच बीच में ड्रिंक्स विंक्स तो चलते ही रहते कुछ लाइट स्नैक्स।
असल में मेनू का मामला मेनू से ज्यादा ईगो का रहता है इसलिए इस मामले में मैं और पूरी बच्ची पार्टी ने ये तय कर लिया था की इस मामले में जो सीनियर या साफ साफ़ बोलूं अपनी जुबान में तो भोंसड़ी वालियां या सुपर सीनियर ( बच्ची पार्टी मतलब हम लोगो की एज वाली, १९ से २४-२५ यानी जिनकी शादी हाल में हुयी हो, बच्चे न हुए हों, और बच्चे नहीं तो खुद बच्ची, और सीनियर मतलब जिनके हस्बेंड ८--१० साल से ज्यादा से कम्पनी में हो, जिनकी उम्र ३०-३२ से ऊपर की हो बच्चे हो चुके हों और अगर बच्चे या बच्चिया हाईस्कूल या इससे ऊपर वाले हैं, पति थोड़े सीनियर पोस्ट पर हैं या १५-२० साल से कम्पनी में है तो सुपर सीनियर, जिसमे मिसेज मोइत्रा आती थीं ) तो इन सुपर सीनियर को अपनी चला लेनी होगी, हाँ शरू में थोड़ी झांय झांय करना जरूरी है जिससे उन्हें लगे की आखिर उनकी बात रखी गयी आखिर उम्र और एक्सपीरीयन्स भी कोई चीज है।
होता ये है की जैसे सूप ले ले, तो दो चार वैरायटी ही हैं लेकिन उसमे तय करने में ज्यादा मजा आता है बजाय पीने के और उसी तरह से स्टार्टर, हाँ हम लोगो ने तय किया था की स्टार्टर पर ज्यादा जोर रखा जाएगा लंच तो बाद में होना था।
लेकिन फिर मुझे आइडिया मेरा ये स्साला, मेरी सास ने जैसा भी दिया हो, ... स्साला है थोड़ा स्लो स्टार्टर, ... तो जैसे हम दोनों मैं और मिसेज मोइत्रा निकलते उनकी बेटियों की झिल्ली वो तुरंत पटक के नहीं फाड़ देगा, भले बेटियां उनकी खुद पिघली पड़ रही हों, ...
मतलब इन्हे टाइम चाहिए था और एक बार में साली को चोद के कौन जीजू छोड़ देता है कम से कम दो बार, फिर अगर उन दोनों की पिछवाड़े की भी सील टूटी तो सात आठ घण्टा तो चाहिए।
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और मैं लेडीज क्लब की सेक्रेटरी हो के अपने सोना मोना के लिए ये भी नहीं कर सकती। मतलब प्रोग्राम को आगे खींचना,
तो बस मैंने मिसेज मोइत्रा की चमची नंबर २ को आगे किया, घर पहुँच के खाना कौन बनाएगा ,
तो तय हुआ हाई टी छह साढ़े छह के आस पास उसी के साथ साथ प्रोग्राम ख़त्म होता।
लेकिन ये तो कैटरिंग वाले के हाथ में था की साढ़े छ का सात सवा सात बजा दे और आठ बजे तक खींच दे।
मतलब रात में घर पहुँच के खाना बनाने का झंझट न हो, और हाई टी तो प्रोग्राम ख़त्म और थोड़ा टाइम भी लग सकता है और ज्यादा आइटम हो तो आराम से खाने के बाद, और फिर कैटरिंग वाली कम्पनी से बात हो गयी थी, खर्चे का कोई इशू नहीं था और मुझे मिसेज मोइत्रा को क्लब में देर तक रोकना था , फिर अभी बताया नहीं था लेकिन जीतती तो वहीँ और उनकी एक कोई चमची भी तो ख़ुशी के उस मूड में वो माइंड भी नहीं करती , और फिर मंजू उनके यहाँ काम जो आज कल करती थी वो भी उस रात नहीं रहती तो,.... इसलिए खा पी के जाने की बात पर सब की हामी बन गयी।
और मिसेज मोइत्रा साढ़े आठ के पहले घर न पहुंचे,.... तबतक उनकी दोनों बेटियां अच्छे से चुद जातीं। नौ घंटे से ज्यादा का टाइम था इनके पास।
लेकिन लेडीज क्लब चलाना आसान नहीं है। कुछ अभी भी खुश नहीं थी,
" खाना तो तब भी बनाना पडेगा, मैं तो ठूंस के जाउंगी लेकिन,... ये और बच्चे क्या उपवास करेंगे ? "
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तो तय हुआ एक फ़ूड हैम्पर भी जो जाते समय गर्मागर्म मिलेगा। लेकिन असली मामला था दारू का और अबकी बच्ची पार्टी ने तय किया था खेल खुला फर्रुरखाबादी होना चाहिए, ... तो ग्लास में या स्पाइक्ड ड्रिंक्स नहीं पूरा बार ही सजेगा और बार बालाएं भी होंगीं।
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व्हिस्की, जिन, वोडका सब,.... ये नहीं की लेडीज के नाम पर वाइन सर्व कर दी, ... लेकिन असली खेल था बहुत सी सीनियर्स अभी भी दारू के नाम पे मुंह बनाती थीं, वो तो मिसेज मोइत्रा इलेक्शन हार गयीं वरना,... खैर बीती ताहि बिसार दे,
और इस बार की जिम्मेदारी सौंपी गयी बच्ची पार्टी की बच्ची अन्नया को, सच में बच्ची थी, अभी भी टीनेजर, छह महीने पहले ही शादी हुयी थी
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और उसका हबी भी आई आई टी में इनसे चार साल जूनियर, जिस साल इन्होने पास आउट किया उसी साल ज्वाइन किया था वो भी सबसे यंग. अन्नया को हम सब अन्नी ही कहते थे और सब उसे छेड़ते थे ख़ास तौर से सीनियर लेडीज खास तौर पे सेक्स के नाम पे एकदम खुल्ल्मखुला हे कल कितना राउंड हुआ से लेकर तेरा मर्द चमचम रोज चुसाता है, पानी लेती है और वह बुद्धू उसे ये भी नहीं अंदाज था की कब हंस के टाल देना चाहिए, कब उलटा सवाल कर देना चाहिए,
कई बार झेंप जाती तो कई बार सच बोल देती। जिस फंक्शन में मिसेज मोइत्रा आयी थीं तीज की बात तय हुयी थी उसमे कवाली मुकाबले की बात तय हुयी थी सीनियर और बच्ची पार्टी में, बस एक सीनियर बोलीं सोच लो ये सब चूत वाली आएँगी तो चूत लेके जाएँगी भोंसड़ा ले के ( हम बच्ची पार्टी वालियों की एज साढ़े अठारह से लेकर २४ तक थी एवरेज एज २२ -२३ रही होगी। बच्चे किसी के थे नहीं। सीनियर्स की एज ३४ से ४४ होगी और सबके बच्चे थे। बस अन्नी हमारी टीम के बेबी ने पूछ लिया
" लेकिन ये कैसे "
" इस तरह से बेबी की तुम सब तो हारोगी ही, ही, फिर हम सब मुट्ठी करेंगे तेरी चूत में, बन जाएगा चूत का भोंसड़ा। "
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एक सीनियर जो मजाक में सबका कान काटती थी, वो उसे चिढ़ाते बोलीं।
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तो उसी बेबी आफ बच्ची पार्टी को ये काम सौंपा गया था की बार वो सम्हालेगी, और कोई सीनियर बिना टुन्न हुए न बचे।
जो कोल्ड ड्रिंक वाली थी सबकी लिम्का में वोडका या जिन, कोक में रम,... हर ड्रिंक में एक से दो पेग हार्ड ड्रिंक्स और मॉकटेल्स जो असल में कॉकटेल्स होंगी। जब पिछली बार हम लोगों में मिसेज मोइत्रा को सील बंद ऑरेंज जूस के टेट्रा पैक में इंजेक्शन से पहले ऑरेंज जूस निकाल के फिर उसी इंजेक्शन से ऑरेंज वोडका भर के पिला दिया गया
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तो तीज वाले दिन वैसे ही फुल टाइम मस्ती होनी थी।
तो जैसे हम लोगो ने सोचा था कमिटी में जो सीनियर्स थीं उनसे थोड़ी झांय झाईं हुयी लेकिन स्नैक्स, स्टार्टर और सूप से लेकर स्वीट डिश तक उन लोगो के सजेशन से ही एक लिस्ट बनी, सब्जेट तो अप्रूवल बाई मिसेज मोइत्रा। और मैं जानती थीं ये सीनियर अभी मिसेज मोइत्रा को मुझसे पहले फोन लगाएंगी और उन्हें बता देंगी की असल में जो सीनियर्स थीं उन्ही का बनाया मेनू है वरना ये बच्ची पार्टी तो, और मिसेज मोइत्रा को पूरी मीटिंग की एक एक बात बता देंगी। लेकिन मैं चाहती भी यही थी की जब मैं बात करूँ तो फिर मुझे उनसे ज्यादा पार्टी के बारे में बात न करनी पड़े , मजे और मस्ती के बारे में ज्यादा बात हो, और उनकी बेटियों के बारे में।
कैटर्स से बात करके मैंने मेनू ले लिया था और ये तय हुआ था की मैं मिसेज मोइत्रा से बात कर के उनका नंबर कैटरर्स को दे दूंगी और वही मेनू फाइनल करेंगी।
क्या बात है. जबरदस्त इरोटिक.मिसेज मोइत्रा
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मिसेज मोइत्रा से बात हो और अच्छी वाली बातें न हो ये कैसे हो सकता था, लेकिन आज मुझे वो अवॉयड करना था।
जो कीड़े मेरी सब बाते सुन रहे थे देख रहे थे वो मेरे फोन में भी थे और मिसेज मोइत्रा की बातें भी सुनते। मुझे पक्का विश्वास था, उन्होंने कुछ की वर्ड्स डाल रखे होंगे और वो शब्द आते ही उनके एंटीना खड़े हो जाते होंगे, और उन की वर्ड्स में इनका नाम जरूर होगा। तो अगर कहीं गलती से इनका नाम मिसेज मोइत्रा या उनकी बेटियों से जुड़ गया तो उन लोगों की भी मॉनिटरिंग क्या पता चालू हो जाए।
मैंने मिसेज मोइत्रा को फोन लगाया, और वो खुद सीधे मुद्दे पर आ गयीं।
पहले वो तीज वाले फंक्शन के एक दिन पहले लौटने वाली थीं, यानी शुकव्रार को लेकिन अब वो बृहस्पति को ही लौट आएँगी, दोपहर में। उन्होंने उस दिन कुछ सीनियर पार्टी वालियों को बुलाया है कव्वाली के मुकाबले के बारे में बात करने के लिए, फिर हंस के बोली, बच्ची पार्टी को हराना है तो तैयारी तो करनी पड़ेगी न। तो दो दिन की वो लोग रिहर्सल करती।
तो बस उन्होंने तीन काम पकड़ा दिए मुझे, पहला स्टेशन से पिकअप करने के लिए गाड़ी, दूसरे मंजू को खबर कर दूँ , वो बृहस्पति की शाम को आ जाए , और बच्चो के स्कूल में खबर कर दूँ की वो स्कूल ज्वाइन करेंगी। फ्राइडे को एक कोई टेस्ट भी था और उनके जल्दी आने का एक कारण यह भी था।
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आगे की बातें मैंने कर दी, लेकिन बिना इनका नाम लाये।
" कोई बात नहीं मैडम, ड्राइवर पहुँच जाएगा, और मंजू को मैं अभी बोल दूंगी। टेस्ट वो बायो का है, सोनाक्षी ले रही है मैं उसे खुद बोल दूंगी। वैसे भी उस दिन सुजाता को स्कूल जाना ही है तो वो बच्चों को पिक कर लेगी और शाम को मैं ले आउंगी दोनों को और आप से मुलाक़ात भी हो जायेगी, फाइनल प्वाइंट्स डिस्कस हो जाएंगे। और अब बहुत अच्छा कर रही हैं की एक दिन आपने प्री पोन कर दिया, ... आपके बिना सब काम अटका पड़ा था। और आप लोगो की रिहर्सल के बारे में एक बात करनी थीं, कव्वाली की ड्रेस, मगनभाई ड्रेसवाला से बात हो गयी है लेकिन मैं सोच रही थी की बाकी सब तो चल जायेगा, लेकिन टॉप फिटिंग होना चाहिए, सुनयना ( चमची नंबर दो ,... मैं चमची नंबर दो बोलते बोलते रही गयी ) को मालूम है वही कोर्डिनेट कर रही है। मैं उन्हें बोल भी दूंगी और जब वो लोग आएँगी तो वही टेलर मास्टर जी जो बुला लेंगे, सही मेजरमेंट ले लेंगे, आखिर ३६ डी डी वाली तो आप अकेले ही हैं न।"
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वो बड़ी जोर से खिखिलायीं। उन्हें भी कुछ कुछ अंदाज था की जल्दी ही मेरा सोना मोना उनका मुंहबोला दामाद उस ३६ डी डी के बीच जबरदस्त टिट फक करेगा, बोली
" तू भूलती नहीं,एकदम सही सोचा है ड्रेस तो टाइट फिट ही अच्छी लगेगी। और बाकी क्या चल रहा है। "
मैं बात को फिर से घुमा के पार्टी की ओर ले आयी और उन्हें काम पकड़ा दिए। " असली काम तो अटका पड़ा है, मेनू फाइनल करना है, कैटरिंग वालों से डील भी, और जैसा आपने कहा था हम लोगों ने शाम का हाई टी और फ़ूड हैम्पर जोड़ दिया है। फ़ूड हैम्पर के लिए अलग एजेंसी रखी है वरना वो पूड़ी सब्जी बना के पकड़ा देता,
" एकदम सही किया और घर में सब लोग भन्नाते की अपने तो पार्टी में मस्ती कर के आयी और हम लोगो के लिए रेलवे प्लेटफार्म की पूड़ी सब्जी। " वो बोलीं
" लेकिन मैडम फाइनलाइज आपको करना है, सजेस्टेड मेनू और एजेंसी वालों के नम्बर मैंने आपको दे दिया है, फ़ूड हैम्पर की भी दो एजेंसी है और दिन के खाने की भी जिसमे स्नैक्स, लंच और हाई टी रहेगा जो आप कहियेगा वो फाइनल होगा , ये मैंने सबको बोल दिया है और बिल भी आप के हाँ करने के बाद ही पे होगा। " मैंने काम भी पकड़ाया और मस्का भी लगाया .
मैं जानती थी उन्हें लूप में रखना जरूरी है, एक तो उनका एक्सपीरिएंस दूसरे अभी भी बहुत सीनियर लेडीज उनकी बात मानती थीं, फिर उनका एक्सपेरियएंस और
सबसे बड़ी बात की उनकी प्यारी प्यारी बेटियों की जबरदस्त चुदाई होनी थी उसी दिन,
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कोरी चूत फटनी थी, जिसको उन्होंने इत्ते दिन से बचा के डिब्बे में बंद कर के रखा था
तो उनके मन में ये बात जम जानी चाहिए थी की भले वो इलेक्शन हार गयीं लेकिन चलती उन्ही की है। और उनको काम भी कितना मैंने किया बल्कि इनसे करवाया, पहले तो खुद टाउन इंजिनियर को बोल के उनके यहाँ जाने वाला माली और स्टाफ बंद करवाए, ' मिस्टर मोइत्रा का ट्रांसफर हो गया तो अब किस बात का स्टाफ ' यहाँ तक की टॉयलेट भी चोक हो गया और जब खुद उन्होंने मुझे फोन किया तो माली गुलाब, स्टाफ और सबसे बढ़कर मंजू की सेवायें उन्हें उपलब्ध करवा दी और ये खुद अक्सर उनकी बेटियों को स्कूल छोड़ने लगे या फिर कम्पनी की गाडी, थोड़ा बहुत उनका रुतबा आया लेकिन इनके सौजन्य से तो वो एकदम पिघल गयीं
मिसेज मोइत्रा खुश और बोलीं तेरी बहने भी जल्दी घर चलने की जिद्द लगाए हैं,
लेकिन मैं नहीं चाहती थी की किसी तरह से बात इनके ओर मुड़े और गलती से भी हैकर को अंदाज लगे की ये मिसेज मोइत्रा के यहाँ शनिवार को जानेवाले हैं या इनका कुछ लफड़ा मिसेज मोइत्रा या इनकी बेटियों से हैं, वो पक्का इनके घर के अंदर नहीं तो आसपास कीड़े लगवा देता, कैमरे अभी और क्या पता एक गाजर का ठेला वहां भी लग जाता।
मैं बोली, मेरी बहनों से बात करवाइये न लेकिन मिसेज मोइत्रा ने कहा अरे अभी डांस चल रहा है उसमे हैं दोनों, बोल दूंगी बात कर लेंगी,
मैं सोच रही थी आने दीजिये दोनों को, जिस क्लब में आपने मेरी बेइज्जती करने की कसर नहीं छोड़ी, मुझे हराने के लिए हर कोर कसर लगा दिया, मिस्टर मोइत्रा ने अपने सबऑर्डिनेट्स तक को काम पे लगाया लेडीज क्लब के इलेक्शन के लिए, और जरा सा एक बार सुजाता ने एक डबल मीनिंग मजाक क्या कर दिया आप की गांड में ऐसी मिर्ची लगे जैसे दिवाली में रॉकेट में कोई आग लगा दे, एकदम ज्वालामुखी,
तो उसी क्लब में उन दोनों का नंगा नाच करवाउंगी,
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वीडियो रील सब बनेगी और उनकी गांड मारेंगी आपकी चमचियाँ, जो उन लड़कियों के चपल उठा के देती थीं,
और चीरहरण तो आप का भी होगा, और करेंगी वही आप की तीनो चमचियाँ,
बेचारी मिसेज खन्ना हैं नहीं, लेकिन ऑनलाइन लाइव देखेंगी, जब मोटे मोटे डिलडो जाएंगे एक के बाद एक,
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हाँ पिछवाड़ा आपका कोरा का कोरा रहेगा, आपके दामाद और मेरे सोना मोना के लिए, चौड़े चौड़े चूतड़, एम् आई ऍफ़ तो उसे बचपन से पंसद है, तो ऐसा कोरा माल कहाँ मिलेगा और पहले पिछवाड़े की उसे आदत नहीं थी लेकिन अपनी टीनेजर बहन की गांड मार मार के अब पक्का, गोलकुंडा का शौक़ीन होगया है
लेकिन मैं बोली, नहीं नहीं मैं बात कर लुंगी, डांस तो दोनों बहुत अच्छा करती है, मैं भी वेट कर रही हूँ आप सब के आने का और मेनू कन्फर्म कर के व्हाट्सऐप कर दीजियेगा तो आज ये सब क्लोज कर दूंगी, बस तीन चार दिन बचे हैं
शादी का घर था जहां मिसेज मोइत्रा गयी थीं तो किसी रसम के लिए उनका बुलावा आ गया और फिर हम लोगों ने तय किय की कुछ होगा तो व्हाट्सऐप कर देंगे।