बात पिछवाड़े की
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और मिसेज मोइत्रा भी उसी रंग में मेरे पीछे पड़ीं, बोलीं
" कोमलिया डर तो नहीं रही है. बात तो ये सही कह रही हैं, रोज बिना नागा मेरे दामाद से पिछवाड़े की सेवा करवाओ, ...अब ये मत कहना की मेरा दामाद तेरे पिछवाड़े को, ...."
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उनकी बात काटते हुए मैं खिलखिलाते बोली,
" अब आपके दामाद इतने सीधे भी नहीं है की, लेकिन मैडम आपके चौड़े चौड़े पिछवाड़े के पीछे वो ज्यादा, और मैं अगर आप का नाम ले कर छेड़ती हूँ की सास के मोटे मोटे चूतड़ याद आ रहे हैं तो कहते हैं की जबतक सास नहीं है तो सास की बेटी से ही, इसलिए अबकी आप के दामाद आप के पिछवाड़े को,
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मेरी आगे की बात मिसेज मोइत्रा की खिलखिलाहट में डुब गयी।
बात उनकी एकदम सच थी।
अबकी जब से रीनू ने उन्हें पिछवाड़े का मजा चखा दिया था ख़ास तौर से उनकी बहिनिया की गाँड़ का, गुड्डी की तो एक दिन में उन्होंने चार पांच बार गाँड़ मारी थी, तब से वो और,
फिर अब गुड्डी भी नहीं थी तो अगवाड़े का नागा हो जाए, पिछवाड़े का नागा नहीं होता था।
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और एक ट्रिक और मेरे पास थी, मेरी सास, इनकी महतारी, जब उनके पिछवाड़े की याद दिलाती थी, इनकी महतारी का नाम ले ले के मोटी मोटी गाली देती थी तो उसके बाद मेरे पिछवाड़े की खैर नहीं,
और जब से हम दोनों को पता चल गया था की ढेर सारे कीड़े हैं पूरे घर में, जगह जगह कैमरे, कोई हम लोगों की सब हरकत रिकार्ड कर रहा है तो और सेक्सुअल अर्ज बढ़ गयी, खास तौर से किंकी।
एक मिनट के ब्रेक के बाद मिसेज मोइत्रा की फिर आवाज सुनाई पड़ी,
" सॉरी, कोमलिया तेरा ही काम कर रही थी। क्विक इट पर शुद्ध देसी कोल्ड प्रेस्ड कोल्हू का पांच लीटर का बड़ा डिब्बा तेरे पते पर भेज दिया है, बस दस मिनट में, तेरे घर पहुँचने के पहले ही साथ में एक कुप्पी भी फ्री थी। तो बस तू तो योगा करती हैं, बस, पिछवाड़े वही कुप्पी लगा के कम से कम एक ढाई सौ ग्राम एक बार में, रोज चार पांच बार, और उसके बाद मेरे दामाद से बोल देना उनकी सास ने हुकुम दिया है की अगले तीन दिन तक सिर्फ गोल छेद का स्वाद मिलेगा। तीन दिन में साढ़े तीन चार लीटर तो,..."
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चमची नंबर दो हंसी बड़ी जोर से लेकिन मिसेज मोइत्रा को वार्न कर दिया,
"ये आपकी बेटी मेरी मुट्ठी से बचेगी नहीं, आप चाहे जितनी तैयारी करवा ले। वेलकम में तो मैं ही रही हूँ सब चेक करुँगी, किसी छिनार ने तेल, क्रीम, वैसलीन की एक बूँद भी पहले से लगायी हैं न तो मुट्ठी में फटा बोरा बाँध के अंदर तक पेल के रगड़ रगड़ के सुखाऊँगी तभी पार्टी में एंट्री मिलेगी।"
असल में तय भी यही हुआ था, ऊँगली बुंगली तो पहले ही लेडीज मजाक में कर देती थीं लेकिन अबकी तो, कहीं उससे बचने केलिए कोई तेल क्रीम लगा के न आये इसलिए, हाँ मरद की मलाई परमिटेड थी बल्कि कम्पलसरी थी, जिसकी सूखी होगी उसके लिए निगेटिव प्वायंट ( हाँ जो सिनिययर्स मैसज मोइत्रा की तरह पति विहीन थीं उनके लिए छूट थी ।)
जब मैं घर पहुंची तो सच में एक डिलीवरी ब्वाय देसी कोल्हू का पांच लीटर का कडुआ तेल लेकर वेट कर रहा था,
गीता घर के सामने गाजर वाले को लाइन मार रही थी, दरवाजे पे खड़ी खड़ी, और उस ने घर का सब काम करने के साथ रात के खाने की भी तैयारी पूरी कर दी थी।
गीता गयी और गुड्डी का फोन आ गया, बड़ी खुश खूब मस्तायी।