असली ट्रेनिंग तो गीता हीं दे रही है...कोचिंग -गीता की
मैं और गुड्डी ने एक हंक की पिक्चर पर क्लिक किया , तो उस की फुल साइज पिक्चर ,...
लेकिन तभी गीता आ गयी। सब्जी लेकर।आते ही जुट गयी वो गुड्डी को चिढ़ाने ,
" का हो नयकी भौजी का कर रही हो "
" अरे डाक्टर बनने क पढ़ाई कर रही हैं तोहार नयकी भौजी। " मैंने बताया गीता को।
" चला अबहिन हमहीं डाकटर बन जा रहे हैं , चला भौजी ,मुंह खोला , और बड़ा ,.... "
जैसे डाक्टर मरीज़ से मुंह खुलवाता है वैसे ही गीता ने गुड्डी का मुंह खुलवा दिया।
" अरे नहीं और बड़ा ,... और ,... थोड़ा सा और ,... अरे जैसा भइया का खूंटा घोंटने के लिए खोलती हो न वैसे ही। "
गुड्डी ने पूरी ताकत से मुंह खोल दिया , और अब गीता मान गयी।
" ठीक है अब ज़रा जोबान दिखाओ "
गुड्डी कौन काम शरारती थी ,उसने अपनी फ्राक के बटन खोल दिए ,
" अरे जोबन बाद में देखूंगी , पहले जुबान निकालो। "
गुड्डी ने अपनी जुबान बाहर निकाल दी। पर गीता और और कहती रही , गुड्डी ने पूरी ताकत से अपनी जीभ बाहर कर दी थी।
" और बाहर , हाँ अब थोड़ा दाएं , जितना मोड़ सकती हो , अब बाएं ,.... फिर दाएं ,... "
पांच बार दाएं बाएं गीता ने करवाया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
" अच्छा चल अब जीभ झुका के ठुड्डी छुआओ , और और ,.... नहीं और कोशिश करो। "
गुड्डी की जीभ सच में लम्बी थी ,ठुड्ढी तक तो नहीं आलमोस्ट , ठुड्डी गीता ने उससे छुआ ही लिया और फिर अब गुड्डी की जीभ उसकी नाक की टिप से ,... अब भी वो आलमोस्ट छुआ पा रही थी ,...
पर गीता इतने आसानी से नहीं छोड़ने वाली थी , और अब मैं समझ गयी गीता मेरी ननद से क्या करवा रही थी।
टंग एक्सराइसेज , .... ओरल सेक्स के लिए , और रहा सहा शक तब ख़त्म हो गया जो गुड्डी के गले में अचानक गीता ने अपनी दो ऊँगली डाल दी।
ऑलमोस्ट हलक तक ,
मुझे लग रहा था की कही गुड्डी गैग न करे ,चोक न करे ,.... पर गुड्डी की आँखे लग रहा था उबल पड़ेंगी ,उसका चेहरा लाल हो रहा था सांस फूल रही थी , पर गीता भी न ,
गीता पर कोई असर नहीं हो रहा था , वो उसके हलक तक ऊँगली दोनों ठूंसे हुयी थी।
मुझे लग रहा था कहीं गुड्डी चोक न कर जाय , उसके चेहरे से लग रहा था वो गैग कर रही थी , गुड्डी की हालत खराब थी।
मैं धीरे धीरे बोल रही थी , रिलैक्स यार , रिलैक्स ,ले लेगी तू , कुछ और सोच न , जस्ट फारगेट अबाउट थ्रोट, रिलैक्स ,मैं पीछे से उसकी गर्दन सहला रही थीं , बहुत कम लड़कियां हलक तक घोंट पाती हैं ,कई तो वोमिट कर देती हैं , शुरू में मुझे भी बहुत दिक्कत होती थी पर,
मेरी एक निगाह गुड्डी के चेहरे पर थी , दूसरी घडी रानी पर , एक मिनट , डेढ़ मिनट , .... पौने दो मिनट ,
मुझे लग रहा था की अब तो गीता को ऊँगली निकाल लेनी चाहिए ,कही गुड्डी
पर गुड्डी भी , ... धीरे धीरे उसका चेहरा नार्मल होने लगा। गैग रिफ्लेक्स उसने ओवरकम कर लिया।मान गयी गीता को मैं ,... और गीता ने ऊँगली निकाल ली।
और कुछ देर में मेरी किशोर ननद जैसे ही नार्मल हुयी , थोड़ी रिलैक्स हुयी , एक बार फिर दोनों उँगलियाँ गीता की हलक तक , एकबार फिर गुड्डी की हालत खराब थी , आँखे उसी तरह उबल रही थीं , सांस फूल रही थी , लग रहा था बड़ी मुश्किल से वो अपने को रोक रही थी ,पर अब की एक मिनट में ही उसने अपने ऊपर कंट्रोल कर लिया , और अब गीता भी उसे देख कर मुस्करा रही थी ,
बस अब तानी जिभिया से हमार उँगरी नीचे से चाटा ,और गुड्डी वो भी करने लगी।
गीता अब आधे मिनट तक हलक पर ऊँगली बाहर निकाल लेती और पंद्रह बिस सेकेण्ड के बाद झटके से एकदम अंदर हलक तक ठोंक देती दस पंद्रह बार के बाद , मैं समझ गयी ,गुड्डी रिलैक्स करना सीख गयी थी , चोकिंग की फीलिंग तो उसे अभी भी हो रही थी ,जैसे ही ऊँगली हलक को छूती , पर वो रिलैक्स कर के ,
जैसे ही गीता ने ऊँगली बाहर निकाली , मैंने अपनी छुटकी ननद को बाहों में भर कर चूम लिया ,सीधे उसके होंठो पर और मेरी जीभ उसके मुंह के अंदर थी।
" परफेक्ट , जस्ट परफेक्ट ,.... " मैंने उसके गालों पर चूम कर आसिषा , अब तू एकदम परफेक्ट लंड चूसने की एक्सपर्ट बन जायेगी ,तेरे भइया के तो मजे ही हैं।
" अरे जउने मरद का एक बार मुंह में लोगी न ,हरदम तोहीं को याद करेगा। " गीता भी उसे चूमते हुए बोली।
" लेकिन तानी एक बार फिर मुंह खोला और हाँ पहली बार से बड़ा ,और बड़ा ,.... हाँ आपन आंख बंद कर ला। "