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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

Premkumar65

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जोरू का गुलाम भाग ७२

थोड़ा सा फ्लैशबैक









चीनू के भाई, मेरी बड़ी मौसी के लड़के की शादी,... क्या खूब मस्ती हुयी थी , क्या क्या नहीं हुआ ( सिवाय 'उसको' छोड़ के ),



मैं उस समय तक इनके मायके में ही थी और अपने जॉब पर चले गए थे, मैंने बहुत कहा पर जेठानी मेरी, नहीं नहीं कुछ दिन तो ससुराल में रहो,... मन इनका भी बहुत कर रहा था पर अपनी भाभी के आगे एकदम भीगी बिल्ली बन जाते थे, उन्होंने बचपन से सीखा था , ' सेक्स बुरा है ' ' पत्नी के बारे में बड़ों से बात करना बुरा है' ,... रात में कमरे में तो मेरी बात करते लेकिन दिन में अपनी भाभी के आगे, ... और उनके जाने के बाद तो और घुटन, सुबह से रात तक,... न कोई बात करने वाला,... और जेठानी खुद तो बोलती हीं, मेरी सास को चढाती, वही सिंगल प्वाइंट प्रोग्राम , मेरी मम्मी की बुराई,... और ये सब क्यों था बाद में पता चला,... खैर मैं अपनी सास को पटा के कुछ दिन के लिए मम्मी के पास,... और वहीँ पता चला की चीनू के भाई की शादी हो रही है तो , ... कमल जीजू से मेरी मुलाक़ात उनकी शादी में ही हो गयी थी और जीजू साली वाली पक्की दोस्ती भी ,बताया तो था सब आपको,...



रीनू की शादी में मैं नहीं जा पायी थी , .. वही जेठानी का चक्कर, उनके किसी दूर के रिश्तेदार, एक कोई भाई लगते थे उसकी कोई बहन लगती थी , उसकी शादी में जेठानी जी का जाना बहुत जरूरी था , इसलिए,...



और जैसे मैं ही पहुंची चीनू के यहाँ, ... जबरदस्त स्वागत, गारियों से , छन्दा भाभी , चीनू की एक नाउन की बहु थी बसंती , चीनू की शादी में एकदम मेरे पीछे लेकिन बारातियों के सामने खूब उसने 'असली ' वाली गारियाँ , और भी रिश्ते की आधी दर्जन से ऊपर भाभियाँ , चीनू की शादी में सबसे अच्छी तरह ननद भाभी का रिश्ता कायम हो गया था ,



" ननदी रानी का स्वागत करते बारम्बार , ननदी रानी क्यों हैं मुंह लटकाएं



यार नहीं मिले क्या दो चार,... "



छन्दा भाभी ने कस के मुझे बाहों में भीचा और आँचल के अंदर हाथ डाल के सीधे मेरे उभारों को दबाते मसलते बोलीं ,

" अरे मायके आयी हैं यारों की कौन कमी , कित्ते बचपन के यार होंगे कितने नए जवान हो गए होंगे "




मैं क्यों छोड़ती अपने उभारों से उनके ३६ डी उभारों को दबाते चिढ़ाते बोली ,



" अरे नहीं भाभी , आपका घाटा हो जायेगा,... "



तबतक नीता भाभी ने टुकड़ा लगाया, उनका मायका बगल के मोहल्ले में ही था ,



" अरे बिन्नो दो चार से तेरा क्या होगा , अभी अपने मायके से फोन करके आधे दर्जन बुलवाती हूँ न, आगे से तोहार भैया , पीछे से हमार भैया,... "





मैं दुलारी से गले मिली तो मुझे उसकी हरकत मालूम थी , उसके पहले ही मैंने उसके ब्लाउज में सेंध लगायी और कस के दबाते हुए भौजी को छेड़ा,



" हे मरद तो तोहार सात महीना से पंजाब गया है कैसे दबवाय दबवाय के जोबन इतना डबल हो गया "

" अपने नन्दोई से , पूरा मोहल्ला तो ननदन क यार हो तो कुल तो हमार ननदोई लगीहें न ,... चला आज गाना में तोहार पेटीकोट खोलब , भाई का बियाह हो जबतक बहिन क नंगे न नचाइ जाए ,... "



चीनू तो थी लेकिन कमल जीजू कल आने वाले थे , शादी से दो दिन पहले , और रीनू और अजय जीजू भी अगले दिन ही। चीनू कुछ काम वाम में बिजी थी और वैसे भी वो थोड़ी सीरियस टाइप की थी , इसलिए भाभियाँ उसे इतना ज्यादा नहीं छेड़ती थी , और रात में गाने में , बरामदे में पर्दा लगा दिया जाता था , खाना खाने के बाद , मर्द सब सोने चले जाते थे , फिर चालू होता था,... और मैं अकेली ननद थी , इसलिए गाने में उस दिन मेरी रगड़ाई भी खूब हुयी ,



दो चार गाने सादी के उसके बाद गारियाँ , फिर एक दो काम वाली कोई उठ जाती थीं नाचने , और नाच के एकदम सेक्स एजुकेशन का क्लास



एक दूसरे की कमर पकड़ के वो धक्के मारती थीं की मर्द हार मान जाये,



तुम प्यारे कुत्ता , मैं प्यारी कुतिया



कातिक में मिलेंगे दोनों जने, ....



सब मेरे पीछे पड़ीं तो नाचने मैं भी खड़ी हुयी , और मैं जानती थी असली चक्कर ,



बंसती और छन्दा भाभी मेरा पेटीकोट उठाने के चक्कर में थी, और उठा भी दिया मैं बची लेकिन 'झलक' तो दिख ही गयी,



और बचा खुचा रात में सोते समय, .. छन्दा भाभी मेरे बगल में , फिर बसंती भी आ गयी, ... और एक और ,...



शादी के घर में सब लड़कियां औरतें , ननद भाभियाँ एक साथ, बड़ी बड़ी रजाइयां और एक रजाई से दूसरी में जाने में कोई पासपोर्ट वीसा नहीं लगता था,



" बिन्नो तेरा मर्द तो साथ आया नहीं चल आज भाभियों से ही मरद का काम चला ले, ... "



चीनू की शादी में मैं खूब मजे ले चुकी थी, और जानती थी भाभियों से पार पाना मुश्किल है, ...



और उस मस्ती में ही छन्दा भाभी ने मुझे असली काम सौंप दिया , कल नन्दोई आएंगे न तेरे कमल जीजू , तो हल्दी की रस्म में उनकी अच्छी तरह से हल्दी लगाने की जिम्मेदारी तेरी है , तू छोटी साली है ,



बगल की रजाई से एक और भाभी बोलीं ,



" हर जगह मतलब, हर जगह कोई जगह बचनी नहीं चाहिए "



" एकदम नहीं भाभी , आप लोगों की ननद हूँ , उस जगह तो सबसे ज्यादा लगेगी,... "

हँसते हुए मैं छन्दा भाभी को अपने ऊपर से हटाते बोली।

Great narration Komalji. UP winters ki shadi me razai ke andar bahut kuch hota hai. Kachi amiya se lekar pake aam wali sabhi Razai ke andar khoob dabwa dabwa ke maje leti hain. Aur agar lucky hue to niche bhi fingering ka mauka mil jata hai. Its a heavenly experience at young age.
 

komaalrani

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भाग १८१

गुड मार्निंग -गीता की



हम लोग चार बजे के करीब सोये ,लेकिन इसके पहले एक राउंड और ,इस बार शुद्ध चुदाई गुड्डी की उन्होंने की। मैं सिर्फ बगल में लेटी। ये बीच में, हम दोनों अगल बगल ,... हम दोनों का हाथ उनके खूंटे पर/मुर्गे ने कुकुड़ कूँ किया और दरवाजे की घंटी बज गयी।

और कौन , गीता।

आज न मेरे कहने की जरूरत पड़ी न समझाने की। गुड्डी खुद झट से उठ कर , फर्श पर उसका वो हाईस्कूल, वाला फ्राक पड़ा था , बस झट से उसमें घुसी और दरवाज़ा खोलने बाहर।

और दरवाज़ा खुलने के साथ ही गीता ने उस नए कोरे माल को गपुच लिया , एक हाथ फ्राक से बाहर झांकते टिकोरे पे , और दूसरा फ्राक उठा के सीधे पिछवाड़े , गोल गोल गुदाज नितम्बों के बीच दरार में ,

" ई अबहिंयो कोरा हौ। " गीता ने चेक किया , और कुछ देर में हंसती खिलखिलाती दोनों किशोरिया किचेन में।

अबतक गीता की उँगलियाँ आगे वाले छेद का भी मौका मुआयना कर चुकी थीं , गुड्डी की बिल उसके भइया के माल से बजबजा रही थी।



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" हे भौजी तोहार बिलिया तो खूब मजा लुटले हो भैया के साथ , तानी अपनी ननद का भी तो ऊ का कहते हैं ,... गुड मॉर्निंग कराय दो। "

जबतक गुड्डी कुछ समझती ,गीता ने उसके दोनों कंधे दबा के ,नीचे किचेन के फर्श पर , ... और गीता का साडी साया गीता की कमर तक ,



गीता के दोनों हाथों ने खींच कर गीता का सर ,... ठीक वहीँ , ... गीता के निचले होंठों पर गुड्डी के होंठ ,...

गुड्डी कसमसा रही थी, वो उहापोह में थी, सुबह सुबह,... गीता की चुनमुनिया चूसे की न चूसे, अभी ब्रश वश भी नहीं, लेकिन रात में इत्ती बार भाभी ने उसे भैया के सामने चुसवाया था,... और अब उसकी देह,... उसके होठ खुद हिल रहे थे,... और गीता के हाथों की पकड़ किसी सँड़सी से कम नहीं थीं फिर अपनी मांसल जाँघों के बीच गीता ने गुड्डी का सर इत्ती तेजी से दबोच रखा था की गुड्डी के होंठ अपने आप गीता के निचले होठों से रगड़ खा रहे थे, और गीता ने अपने अपने दोनों हाथों से कस के गुड्डी के सर को पकड़ रखा था,

और जाने अनजाने खुद गुड्डी के होंठ हिलने लगे, अब उसे भी चूत चूसने में एक नया मज़ा मिलने लगा था और किए जबरदस्ती कर के कोई काम करवाए तो मजा दूना हो जाता था, गुड्डी ने अपने दिमाग की सोच को बंद कर दिया और उसका मन हावी हो गया, ...

गुड्डी के रसीले गुलाबी किशोर होठों पर गीता जोर जोर से अपनी बुर मसल रही थी और उसे अच्छी तरह गुड्डी के मन की उहापोह का अंदाजा था, लेकिन वो जानती थी बस थोड़ी सी जबरदस्ती, और कुछ देर में ये लौंडिया खुद बुर चूसने चाटने के लिए मचलेगी, अपने भैया का लंड तो अब खा ही चुकी है बस उसे धीरे धीरे नम्बरी चूत चटोरी बनाना है, और चूत चाटने के सारे तरीके भी सिखाने हैं और चूत चाहे गीली हो सूखी हो, मलाई से भरी या कुछ और भी लगा हो, बस गुड्डी रानी का काम उसे चूस के चाट के झाड़ना है , जैसे अब मर्दों के लंड को झाड़ना गुड्डी रानी का काम है उसी तरह लड़कियों औरतों को भी रस देने का, ... बस थोड़ी जबरदस्ती, थोड़ी ट्रेनिंग मस्त चूत चटोरी बनेगी।

" अरे तानी जोर जोर से चूसा , हलके हलके से तोहार ननद का कुछ नहीं होने वाला,... " हँसते हुए गीता बोली।



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बस गुड्डी ने अपनी पूरी काम कला का ज्ञान , ... पहले तो उसने चूमा चाटा , फिर जीभ से थोड़ा देर लिक ,... और उसके बाद चूसना कस के

चुसूर चुसूर ,चुसूर चुसूर ,

गीता की जाँघे अपने आप फ़ैल गयीं , कुछ देर तक तो गीता के हाथ उस टीनेजर का सर पकड़े रहे ,दबोचे रहे , पर कुछ देर बाद वो हाथ किचेन के काम में बिजी हो गए। गीता अपने काम में लगी थी , गुड्डी अपने , ... गीता का चूसने में ,

चुसूर चुसूर ,

गीता बर्तन साफ करने में लगी थी लेकिन ध्यान उसका उसकी बुर चाटती गुड्डी पर ही था,... थोड़ी जोर जबरदस्ती, और उसके बाद,..

अब तो उसके हाथ ने गुड्डी का सर छोड़ भी दिया था तभी गुड्डी उसकी बुर में से मुंह नहीं हटा रही थी, जितना मजा उसे आ रहा था उतना ही इस कल की लौंडिया को भी, और जब खुद लौंडिया को चुदवाने में, चूसने चाटने में मजा आने लगे, तब समझो वो पूरी तैयार हो गयी है, और गीता इतनी देर में ही भांप गयी थी गुड्डी में पक्की चुदककड़ बनने के पूरे गुण थे, बस थोड़ी सी ट्रेनिंग, थोड़ी सी जोर जबरदस्ती और उसकी ' उन सब ' चीजों से झिझक हटवाना,...

गीता तो एक दो दिन में ही लेकिन उसे कहा गया था, सहज पके सो मीठा होय,... गीता को बुर में खूब मस्त सुरसुरी लग रही थी, बहुत अच्छा सा,...

फिर थोड़ी देर बाद जैसे कोई आम की फांक फैला के बीच में जीभ डाल के ,

बस गुड्डी ने भी गीता की चूत की फांको को फैला कर , बीच में अपनी जीभ की नोक डाल दी , थोड़ी देर चूसती चाटती रही , फिर हलके हलके अंदर बाहर

कलछुल साफ़ करते हुए गीता हंस के बोली ,


" अगर बिना झाड़े छोड़ा तो समझ लो , इहे कलछुलिया तोहरी गांड में डाल देबे ,... "

और गुड्डी ने चूसने की चाटने की रफ़्तार और तेज कर दी। अपने दोनों किशोर होंठों में गीता की बुर की फांक भींच कर जोर जोर से वो चूस रही थी ,चुभला रही थी।



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komaalrani

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गीता


कलछुल साफ़ करते हुए गीता हंस के बोली ,

" अगर बिना झाड़े छोड़ा तो समझ लो , इहे कलछुलिया तोहरी गांड में डाल देबे ,... "

और गुड्डी ने चूसने की चाटने की रफ़्तार और तेज कर दी। अपने दोनों किशोर होंठों में गीता की बुर की फांक भींच कर जोर जोर से वो चूस रही थी ,चुभला रही थी।



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बात गीता की सही थी , वो जल्दी नहीं झड़ती थी पर गुड्डी भी ,... उसके होंठ जीभ सब कुछ ,... कुछ देर में गीता जब झड़ने के कगार पर पहुंची तो एक बार फिर बरतन का काम छोड़ कर उसने गुड्डी के सर को जबरन दोनों हाथों से दबोच लिया, और अब ये कहना मुश्किल था , की गीता अपनी बुर से मेरी ननद का मुंह चोद रही थी , या मेरी ननद अपने रसीले मुंह से गीता की बुर चूस रही है। दोनों मस्ती से चूर , जोबन की गरमी से भरपूर किशोरियां ,...

क्या कोई लड़का लड़की चुदाई करंगे जिस तरह बुर की चुसाई चल रही थी , पर असर उस जबरदस्त चुसाई का हुआ , और थोड़ी देर में गीता झड़ने लगी उस की देह काँप रही थी और साथ में आसिरबाद

आसिरबाद में गालियां ,

" अरे गुड्डी रानी स्साली का मस्त चूसती हो , रोज तोहरी बुर को मोटे मोटे नए नए लंड मिले ,एक से एक चोदक्कड़ मरद मिलें , हरदम तोहरी बुरियो से तोहरी गंडियों से सड़का टपकता रहे , एक साथ तीन तीन , चार चार मरद चढ़े तोहरे ऊपर ,... फाड् फाड़ के तोहरी चूत को भोंसड़ा बनाय देंय ,... "



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और जवाब में गुड्डी मस्ती में आकर और तेज चूसने लगी। एक बार फिर दुबारा गीता झड़ने लगी और फिर आसीर्बाद

" अरे ओह्ह उह्ह्ह्ह छिनार ओह्ह , चुदवाने में अपने नैहर क रंडियों को भी मात करोगी , जल्द ही एह शहर क सबसे मस्त रंडी बनोगी , ओह्ह ओह्ह ,... "

गीता जब एकदम लथर पथर हो गयी तभी गुड्डी ने अपने होंठ हटाए , और गीता ने उसे पकड़ कर उठा लिया।

गुड्डी के होंठ ,पूरा चेहरा गीता के शहद से चमक रहा था। गीता ने अपने होंठ सीधे गुड्डी के होंठों पर और अपना शहद चूसने लगी।

," भौजी सबेरे क असिरबाद है सब सच्चा होगा , "

हंस के वो बोली और फिर गुड्डी के मुंह में अपनी जीभ ठेल दी। गुड्डी जैसे कोई नयी लौंडिया लंड चूसे उसकी जीभ चूसने लगी।

कुछ देर में गीता ने उसे हटा कर कहा ,

" अच्छा सुनो , बरतन सब हमने मांज दिया है तुम खाली धो दो , अच्छे से। हाँ और तबतक हम चाय बना देते हैं। "

कुछ देर में ही गरमागरम चाय , गीता स्पेशल ,... एक ग्लास में ,... गीता ने पहले एक बड़ी सी सिप ली और फिर गुड्डी के हाथों में

लेकिन गुड्डी एक पल के लिए सकपकायी ,

" लेकिन ,... लेकिन अभी मैंने ब्रश भी नहीं ,... "

' अरे तुम भी न रोज वही नखड़ा , अभी करा देती हूँ ,... "

और गचाक से गुड्डी की बुर में गीता की ऊँगली रात भर की मलाई,...गीता भी ऊँगली करने में एक्सपर्ट , गोल गोल ऊँगली घुमाते समय सोच रही थी ,

" अरे ब्रश , मना नहीं होता गुड्डी रानी तो अभी चुसवाते चुसवाते , सुबह सबेरे सुनहले शरबत से तोहार मुंह भी धोयाय देती। "

और रबड़ी मलाई लगी ऊँगली गुड्डी के मुंह में ,दांतो पर रगड़ते गुड्डी को गीता ने छेड़ा , ...




" सुन स्साली ,अगर इस मंजन से मजा न आ रहा हो तो पिछवाड़े ऊँगली डाल के ,... उंहा से मंजन करा दूँ , एकदम चमक जाएगा। "

जोर जोर से ना में गुड्डी ने सर हिलाया।

पर वो बची इसलिए थी की मैंने सख्त हिदायत दी थी ,जब तक गुड्डी रानी की गांड लंड से नहीं फटती है , तबतक उसमें कुछ भी , वरना गीता न गांड में ऊँगली किये बिना छोड़ती न मंजन कराये बिना।

बारी बारी से उसी ग्लास से दोनों ने चाय साथ साथ पी , और फिर काम गीता ने गुड्डी को पकड़ाया। कल तो आधा काम गुड्डी के हवाले था आज तो तीन चौथाई

कचरा इकठ्ठा करना गार्बेज बैग में भरना ,



रात की व्हिस्की का असर , गुड्डी को जोर से ' आ रही थी "

बीच में गुड्डी ने दो तीन बार बोला की ' आ रही है ' तो गीता चिढ़ाने लगी

" क्या आ रही है , उलटी ,... कल रात गाभिन हो गयी क्या ,.. "

" धत्त ,.. " फिर कुछ रुक के हलके से बोली ' सु सु लगी है बहुत जोर से। "

गीता जोर जोर से हंसने लगी , फिर बोली अभी बच्ची हो क्या , रोज रात रात भर भैया से चुदवाती हो और सु सु कर रही हो ,
 
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komaalrani

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नया स्वाद



बीच में गुड्डी ने दो तीन बार बोला की ' आ रही है ' तो गीता चिढ़ाने लगी
" क्या आ रही है , उलटी ,... कल रात गाभिन हो गयी क्या ,.. "

" धत्त ,.. " फिर कुछ रुक के हलके से बोली ' सु सु लगी है बहुत जोर से। "

गीता जोर जोर से हंसने लगी , फिर बोली अभी बच्ची हो क्या , रोज रात रात भर भैया से चुदवाती हो और सु सु कर रही हो , अरे साफ़ साफ़ बोल न ,... मूतवास लगी है। बोल क्या लगी है। साथ में गीता ने एक हाथ कस के गुड्डी के किशोर चूतड़ों पर जड़ दिया और साथ में एक ऊँगली गाँड़ की दरार में

" स्साली की मस्त कसी कसी है जब फटेगी तो जान निकल जायेगी, चूत फटने से दस गुना ज्यादा दर्द होगा,.. " गीता सोच रही थी, फिर अंगूठे को गीता ने सीधे गुड्डी के मूत्र छिद्र पे रगड़ा और जोर से चिढ़ाया,

" स्साली, रात भर भाई का लंड घोंटने में लाज नहीं आ रही थी, भाई का लंड मुँह में लेने लाज नहीं लग रही थी, अब मूत बोलने में गाँड़ फट रही है स्साली छिनार, ये रंडीपना छोड़ दे, नहीं तो मूतने नहीं दूंगी सच में "

मूत्र छिद्र पे गीता के अंगूठे के रगड़ने से गुड्डी को और जोर से लगने लगी, लेकिन गीता इत्ती आसानी से नहीं छोड़ने वाली थी,

लेकिन गीता कम छिनार थी, बोली यार भौजी मैंने सुना नहीं का करना है जरा साफ़ साफ बोलो और हाँ ये कटोरियाँ जरा ठीक से साफ़ करो।

गुड्डी समझ गयी थी, कोई बचने का रस्ता नहीं था और मन के किसी कोने में गीता की ये जबरदस्ती अच्छी भी लग रही थी , जोर से उसने चूत को सिकोड़ रखा था की कहीं निकल न जाए , पांच बार गीता ने गुड्डी से जोर जोर से कहलवाया और गीता गुड्डी को गुदगुदी लगाती रही जबतक गुड्डी ने जोर जोर से नहीं बोला , मूतवास लगी है।

" बस काम ख़तम करो अभी चलेंगे न बाहर जहाँ कल हम दोनों मूते थे , बस वही ,.. "



वो जगह एकदम खुले में थी ,पर गीता के आगे किसी का जोर चला है जो गुड्डी का ,

पर गीता दुष्ट जान बूझ के चाय आराम आराम से पीया उसने और पांच मिनट के बाद ही गुड्डी को गार्बेज बैग ले के और आज गार्बेज बैग गुड्डी से ही फिंकवाया,

गुड्डी की हालत ख़राब, किसी तरह जांघ भींच के, चूत सिकोड़ के वो रोके रही,...

और गार्बेज डंप करने के बाद वही खुले में गीता और गुड्डी दोनों ने साथ साथ , एकदम बगल में बैठकर ,...

कल तो थोड़ी झाडी की आड़ भी थी आज एकदम खुले में गुड्डी बैठी और उस की फ्राक कमर से ऊपर उठी,... और सड़क पर सामने थोड़ा आना जाना भी चल रहा था, गीता जोर से बोल भी रही थी जिससे किसी का ध्यान न आये तो आ जाए, गीता की ये ट्रिक गुड्डी की बची खुची शरम खतम करने के लिए,

गुड्डी उकडू मुकड़ू बैठी की गीता ने खुद ही उसकी टाँगे और फैला दी,... और समझाया

" अरे मैदान में मूतना सीख लो भौजी,... ऐसे चिपकाओगी तो सब छलक के जांघ पे " लेकिन असली मकसद था अब साफ़ साफ़ दिख रहा था गुड्डी रानी

गुड्डी को इतनी जोर से आ रही थी की बिना कुछ सोचे वो

और साथ साथ गीता भी बगल में,

लेकिन गीता की बदमाशियां अभी ख़तम नहीं हुयी थी,

गुड्डी तो उहापोह में सड़क की ओर देखे की की और गीता ने गुड्डी का हाथ पकड़ के सीधे अपनी बिल पे दो चार बूंदे अभी भी,... और अपना हाथ भी गुड्डी के निचले होंठ पे, पूरी हथेली और वो भीगी हथेली सीधे गुड्डी के चेहरे पे

जबतक गुड्डी समझे कुछ बोले गीता ने उसका हाथ पकड़ के खड़ा कर दिया,...

' हो तो गया , कब तक लौंडो से नैन मटक्का करती रहोगी "

और अब गुड्डी ने ध्यान दिया वो स्कूल जाने वाला लड़का जिसने कल उसे देखा था,... आज उसके साथ उसका एक दोस्त भी था और दोनों गुड्डी को देख रहे थे ,

गुड्डी गीता के साथ वापस किचेन में और अंदर लौटने के साथ ही ,

" अरे जरा एक चुम्मी दे दे न , आज मुझे जाने की जल्दी है , ... " और जबरन गीता ने गुड्डी के होंठ अपने भीगे गीले निचले होंठों पर ,जबतक अच्छी तरह से उसने चूम चाट कर ,...

दोनों के मन में अलग बातें चल रही थीं,


गुड्डी पहले तो सोच रही थी किस तरह गीता के पकड़ से छूटे लेकिन अब उसके होंठों को भी निचले होंठों का स्वाद लग गया था तो ये एकदम भूल के की साथ में एक नमकीन खारा सा स्वाद भी,... वो कस कस के चाट रही थी और वो जानती भी थी बिना इसके गीता छोड़ने वाली नहीं है,...

गीता सोच रही थी मना नहीं किया होता तो आज जरूर एक नमकीन लौंडिया को अपना नमकीन शरबत पिला के,.. चलो स्वाद तो आज चखा ही दे रही हूँ और इसे स्वाद का अंदाज लग जाएगा फिर दो चार दिन की बात उसके बाद तो रोज सुबह रात भर का सुबह सुबह आने पर छल छल पहले इसी को पिलाऊंगी फिर आगे का काम धाम,

गुड्डी के मन भी भी बेड टी को लेकर किया हम लोगों का मज़ाक घूम रहा था इत्ती सीधी भी नहीं थी वो,

पांच दस मिनट चटवा के गीता चली गयी, .लेकिन जाने के पहले प्यार से उसने गीता को कस के दबोच के चूम लिया, और हंस के बोली,

" कैसा लगा नया स्वाद ,....अरे ओस के चाटने से पियास नहीं बुझती, बस एक दो दिन और,... तब तक चाट चाट के ऐसे स्वाद ले लो, फिर रोज मुंह अँधेरे, भिन्सारे, मुंह निखारे,... बिना कुछ खाये पीये, गिलास भर के नमकीन खारा, उ का कहते हैं,... बेड टी पिलाऊंगी,... घबड़ा जिन "



आठ बजे गुड्डी ने बेड टी के साथ हम दोनों को जगाया।
 

komaalrani

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नैंसी, नैंसी गुप्ता



और झट झट हम लोग नहा धो कर नौ बजे तक तैयार होकर निकल पड़े। गुड्डी से मैंने कहा बस एक ढीली सी टी शर्ट डाल ले अपनी देह पर , और एक शार्ट ,...





मैंने भी एक क्रॉप टॉप और हगिंग स्किनी जींस ,

मैंने न उन्हें बताया न गुड्डी को की हम कहाँ जा रहे हैं।

वो और गुड्डी आगे , मैं पीछे ,

" हे भाभी बता न कहाँ ले चल रही है ,... " गुड्डी मार पीछे पड़ी थी।

" चुदवाने ,... अरे एक मरद से तो तेरा मन भरने वाला नहीं ,इसलिए,... " मैंने छेड़ा।

" भाभी ,प्लीज बोल न ,...." गुड्डी पीछे पड़ी थी।



" अरे यार मेरी कुंवारी ननद की , कोरी कच्ची सील इन्होने तोड़ दी ,... और तुझे मुंह दिखाई तक नहीं दी। ये तो मेरी सीधी ननद है ,कोई दूसरी होती तो बिना मुंह दिखाई के सील तोडना तो छोड़ ,चोली तक न खोलने देती। इसलिए ,... तुझे कोई ज्वेलरी ,... "मैंने आधी बात ही बोली थी की इनकी चमकी।

ज्वेलरी नाम सुन के इनकी चमकी और इन्हे रास्ता भी याद आ गया। आखिर इनकी छोटी साली भी तो थी वो , जहां जाना था। मेरी सगी बहन कोई नहीं थी , पर मैंने इनको कभी स्साली की कमी खलने नहीं दी।

" सच्च भाभी , तुम बहोत अच्छी हो ,खूब मीठी ,... और भैया तो एकदम कंजूस। मालूम है भाभी पिछले ५ साल से उन्होंने राखी का पैसा भी नहीं दिया है। "

हंसती खिलखिलाती वो गुड़ की डली बोली।


' हे ये तो बहुत बेईमानी है , चल आज हम दोनों मिल के उन्हें लूटेंगे अच्छी तरह ,सूद मूल के साथ। तूने अच्छा किया बता दिया , अब तुझे ज्वेलरी दिलाने के बाद तो इन्हे ऑफिस जाना है। बस हम दोनों इनके आधे दर्जन कार्ड हैं न ,सब जब्त कर लेंगे , बस उसके बाद शॉपिंग , फिर बढ़िया लंच। तेरे क्लास तो दो बजे से है तब तो ,... आज पांच साल का सूद समेत लूट लेंगे। "

मैंने गुड्डी से बोला।

" पर भाभी पिन ,... "गुड्डी ने मुस्कराते हुए पूछा

" उसकी चिंता छोड़ तू , सारे कार्ड की एक ही है , तेरी फीगर मेरी फीगर " , मैंने राज खोल दिया।



" 32 34 " हंस कर वो टीनेजर बोली। और तब तक हम लोग शाप के सामने पहुँच गए। शाप के बाहर कोई नाम नहीं लिखा था , सिर्फ कोने में कहीं छोटा सा बॉडी ज्वेलरी लिखा था। वो गाड़ी पार्क कर के गुड्डी के साथ आते उस के पहले मैं दूकान में घुस चुकी थी।

" हाय दी , ... " जोर से नैंसी चहकी , क्रॉप टॉप और स्कर्ट में एकदम हॉट लग रही थी।

और उसने मुझे कस के भींच लिया , मैंने भी।

" हे आज अकेली है क्या शाप में ,... " मैंने चारो ओर देखते हुए पूछा।

" हाँ एकदम , और कोई आनेवाला भी नहीं है , अगला अप्वाइंटमेन्ट ११ बजे के लिए है। और जो ओनर हैं वो दिल्ली गए हैं चार दिन के लिए /" नैंसी बोली।

" पर आप , ... और वो नहीं आयी ,... और जीजू ,.. " मुझे बाहों में भींचे हुए वो बोली। "

" आये है आये हैं , ... और हम दोनों की ननद भी , ... "

तबतक वो और गुड्डी नजर आये , चहकते , उनका हाथ गुड्डी के कंधे पर था।

देख कर ही नैंसी का चेहरा चमक गया ,

" दी , ये तो स्साली एकदम मस्त पटाखा है ,... आग लगा देगी , और एक बार वो रिंग पहन लिया इसने तो फिर तो,…। .. "

इसलिए तो लायी हूँ इसे यहां ,... मैं बोली।

गुड्डी ने नैंसी को देखा तो उसका मुंह खुला रह गया , मॉड ,स्मार्ट सेक्सी हॉट। थी भी गुड्डी से डेढ़ दो साल ही तो बड़ी वो। लास्ट ऑफ टीन्स ,परफेक्ट फीगर।

" मेरी छोटी बहन , तेरे भैया की स्साली। ",मैंने गुड्डी से इंट्रो करवाया नैंसी का।

गुड्डी ने नैंसी से हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया पर नैंसी ने उसे दबोच लिया , ( लौंडिया खोर तो वो भी थी ,पक्की। ) और अपने बूब्स गुड्डी की छोटी छोटी अमिया पर रगड़ती मसलती बोली ,

" और तेरी भाभी। हाँ अब तू आ गयी है न , तो अब जीजू को मैं स्साला बनवा दूंगी , जल्द ही , अपने भाइयों को तेरे ऊपर चढ़वा कर। "

वो लेकिन बाहर चले गए थे , गाडी शायद उन्होंने लॉक नहीं की थी इसलिए।

और नैंसी गुड्डी को लेकर उस कमरे में आ गयी जहाँ 'काम धाम' होना था। गुड्डी को उसने उसकी चेयर पर बैठा दिया और जबतक गुड्डी समझे ,

नैंसी ने गुड्डी रानी की टी शर्ट उठा दी ,

जैसे १००० वाट के दो दूधिया बल्ब जल गए हों ,




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नैंसी का चेहरा खिल उठा ,

" वाउ ,परफेक्ट , जस्ट परफेक्ट ,... " वो देखती रह गयी।

गुड्डी के किशोर उभार सच में मस्त थे , एकदम गोल गोल ,कड़े ,मांसल , और चम्पई गोरा रंग तो मेरी ननद का था ही ,जैसे कोई छू भी दे तो मैला हो जाय।

नैंसी ने छू कर देखा , दबा कर हलके से , .. एकदम कडा।

गुड्डी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था ,मेरी ओर देख कर वो भोली बोली ,

" पर भाभी आप ने तो कहा था ,की ,... भैया मेरे लिए ,... " जवाब नैंसी ने दिया ,

" ये बोल , माना की तेरी बड़ी बड़ी आँखे एकदम हिरणी की तरह हैं ,तेरे होंठ खूब रसीले हैं , गाल मस्त और उसपर से तेरे डिम्पल , ,,, पर तेरे शहर में जब से तू जवान हुयी आग किसने लगाई , ... तेरे इन टिकोरों ने न , .... "

गुड्डी थोड़ा लजायी , थोड़ा शरमाई ,... पर हलके से उसके मुंह से हाँ निकल गया।

नैंसी की ललचाती उंगलिया गुड्डी के उभारो पर घूम रही थी ,गोल गोल लाइन खींच रही थी।

" तब ,... तो ज्वेलरी किसे पहनानी चहिये ,तेरे इन मस्त उभारों को न ,...और तेरे भैया ने खुद इनका सेलेक्शन किया है। " नैंसी मुस्करा के बोली , और गुड्डी का टी शर्ट उसने खींच कर उतार दिया , मैंने कैच कर लिया।


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रिंग-निप रिंग्स



" तब ,... तो ज्वेलरी किसे पहनानी चहिये ,तेरे इन मस्त उभारों को न ,...और तेरे भैया ने खुद इनका सेलेक्शन किया है। " नैंसी मुस्करा के बोली , और गुड्डी का टी शर्ट उसने खींच कर उतार दिया , मैंने कैच कर लिया।

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शैतान का नाम लो , .... वो आ गए और अपनी स्साली , ... नैंसी के बगल में बैठ गए।

गुड्डी के निप्स अभी भी छोटे थे ,उम्र ही कितनी थी उसकी ,... कुछ दिन पहले ही तो उसने इंटर पास किया था ललछौंहे ऐसे जैसे अभी सुबह की लाली बस आनी शुरू ही हुयी हो , पर सेक्सी तो वो थी ही , गुड्डी के निप्स पर नैंसी की ऊँगली पड़ते ही जैसे कोई सोते से झट जाग जाय , वो तुरंत उठ जाय , मेरी ननद के निप्स ,... कड़े खड़े हो गए। अब वो साफ़ साफ़ दिख रहे थे।

" हे ज़रा हाथ अपना आर्मरेस्ट पर रख न। "

गुड्डी ने अपना हाथ बिना सोचे समझे रख दिया ,नैंसी ने कोई बटन रिमोट से दबाया , और दो हैंडकफ जैसे , .... गुड्डी की नरम कलाइयां अब जकड़ गयी थी , उस चेयर के आर्म रेस्ट से। वही हालात उस के पैरों की हुई , अब वो हिल भी नहीं सकती थी ,उस कुर्सी से उठने की तो बात छोड़िये।नैंसी के एक्सपर्ट फिंगर्स के बीच अब गुड्डी के निपल रगड़े मसले जा रहे थे। गुड्डी के निप्स वैसे ही बहुत सेंसिटिव थे ,मैं जरा सा भी उन छेड़ती थी तो वो सिसकने लगती थी।

वो फिर सिसकने लगी।

निप्स एकदम इरेक्ट और कड़े हो गए , और अब नैंसी ने मोर्चा उनके भैया को दे दिया। जैसे तय था ,...और नैंसी थोड़ी देर के लिए गायब हो गयी। उन्होंने अपने होंठों के बीच गुड्डी के अपनी ममेरी बहन का एक निपल अपने होंठों के बीच ले लिया , चूसने में तो एक्सपर्ट थे ही और अभी तो एक ख़ास पर्पज भी था। होंठ उनके चूस रहे थे और जीभ निप्स को रगड़ रही थी , बस गुड्डी की हालत खराब ,





दूसरा निपल उसके भैया की उँगलियों के बीच रगड़ा मसला जा रहा था। चार पांच मिनट तो गुड्डी के निप्स एकदम कड़क करीब डेढ़ सेंटिंमीटर , एकदम तने हुए

जैसा नैंसी ने हम लोगों को समझाया था , उसने एक पतले टेस्ट ट्यूब ऐसा निपल में सेट कर दिया , निपल उसके अंदर। वो पूरा सेट ले आयी थी जो गुड्डी के निप्स से मैच कर रहा था बस वही उसके अंदर गुड्डी के तने इरेक्ट निपल्स घुसेड़ दिया। और ट्यूब अब निप्स के बेस पर ,

दूसरा निप्स अब वो चूस रहे थे कस कस के.

ट्यूब असल में एक वैक्यूम पम्प था , और उसे अब नैंसी ने आन कर दिया था , थोड़ी देर में ही वो पूरी ताकत से , गुड्डी कुछ देर तो मजे से सिसकी पर कुछ देर बाद दर्द से , ... हलकी हलकी चीख ,



पर वो रूम साउंड प्रूफ था और मेरी ननद के हाथ ,पैर उस कुर्सी से कस के जकड़े थे। दो चार मिनट में ही गुड्डी के निप्स एकदम इलांगेटेड , इंच भर के नहीं लेकिन पौन इंच के तो हो ही गए थे।



बस नैंसी ने निप्स के बेस पर गोल्डन ,१८ कैरेट का रिंग उसके खड़े उठे हुए निप्स के चारो ओर ,... और एक किसी मशीन से जैसे सोल्डरिंग करते हैं ,बस उसी तरह ,... अब गुड्डी क्या कोई भी लाख कोशिश करे, वो रिंग उतर नहीं सकती थी। अगर उतारना ही हो नैंसी के ही पास आना पडेगा।




लेकिन अभी सिर्फ आठ आने का खेल हुआ था। रिंग निपल के बेस पर एकदम टाइट थी , और अब नैंसी ने एक छोटा सा इंजेक्शन निप्स के बेस पर लगा दिया।


इसमें असली जादू था ,

कोलाजेन,फाइटोएस्ट्रोजेन और कुछ और हार्मोन्स , इसका असर दस पंद्रह मिनट में शुरू हो जाता था।

कहानियों में लिखते हैं एक इंच का निपल ,पर औसत साइज निप्स की एक सेंटीमीटर से थोड़ी कम होती है , और अराउजड होने पर २५ से ४० % तक बढ़ती है। गुड्डी के निप्स इस समय आलमोस्ट दो ढाई सेंटीमीटर थी और पम्प हटाने पर भी , इस रिंग के कारण डेढ़ दो सेंटीमीटर के आसपास हमेशा रहेगी , अराउजड और इरेक्ट ,

इस खतरे से नैंसी ने हम लोगों को पहले भी बताया था पर मम्मी खुश हो गयीं , बोलीं ये तो बहुत अच्छा है , पूरी दुनिया को अपने आप पता चल जाएगा स्साली गर्मायी है , हर आदमी उसको पटक के चोदने के चक्कर में रहेगा , फिर निप्स खड़े , अगर कपडे से रगड़ते रहेंगे तो उसकी चुनमुनिया भी अपने आप गीली रहेगी।




नैंसी ने दाएं निपल में रिंग लगाने के बाद बाएं का काम शुरू किया। पहले वाले में वैक्यूम पम्प अभी भी लगा था। दूसरे वाले में उसने लगा दिया।

इनका काम ख़तम हो गया था और आज इन्हे कुछ ज्यादा ही जल्दी भी हो रही थी , एक मिशन पर जो जाना था।



बंगाली रसगुल्लों को उनके स्कूल छोड़ने का , और उन्हें बहन बनाकर ,... बहनचोद तो ये पैदायशी थे , उन दोनों मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों को फंसने का पहला अध्याय आज इन्हे शुरू करना था , फिर मंजू बाई को तो मैंने लगा ही दिया उन 'संस्कारी बच्चियों ' को 'महा संस्कारी' बनाने का। आज से वो मिसेज मोइत्रा के घर जाना शुरू कर देगी।

इन्होने आफिस से एक गाडी मंगा ली थी ,उसे ले कर ये निकल गए।



अब मैं और नैंसी थे और अभी २० -२५ मिनट तक रुकना था उसका पूरा असर होने तक।
 
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बाडी डेकोरेशन



इन्होने आफिस से एक गाडी मंगा ली थी ,उसे ले कर ये निकल गए।

अब मैं और नैंसी थे और अभी २० -२५ मिनट तक रुकना था उसका पूरा असर होने तक।

गुड्डी के हाथ पैर अब खुल गए थे ,और नैंसी ने बॉडी माडिफिकेशन का अपना अल्बम उसे पकड़ा दिया।


सबसे पहले निपल पीयर्सिंग्स , बार बेल डिजाइन की , गोल्ड प्लेटेड ,एनोडाइज्ड टाइटैनियम , सब १४ गेज साइज की , लम्बाई कुछ की ५/८ कुछ की ९/१६ इंच , अलग अलग डिजाइन के , कुछ छोटी नथ की तरह की तो कुछ स्ट्रेट जिसके एन्ड में छोटे छोटे डायमंड लगे थे।





इसके अलावा निपल पीयर्सिंग्स में , निपल चेन भी लगे थे , जिससे दोनों निपल कनेक्ट कर सकते थे।



तरह तरह के डिजाइंस थी। गुड्डी बहुत ध्यान से देख रही थी।

फिर नैंसी ने ऐल्बम के साथ निपल रिंग्स , बार बेल्स अपने कलेक्शन में से निकाल के दिखाए , और यही नहीं इनकी ममेरी बहन के निपल के साथ लगा के ,

" मैं तो सोच रही थी की तुझे ५-६ महीने लगेंगे इन्हे ट्राई करने में पर आई ऍम श्योर , मेरी ननद महीने डेढ़ महीने में इन्हे ट्राई कर सकेगी , बस तुम पसंद कर लो , और बेली रिंग्स तो तुम अभी भी ट्राई कर सकती हो। "

नैंसी ने ऐल्बम का पन्ना पलटा और एक से एक खूबसूरत बेली बटन पर लगी पीयर्सिंग्स

मेरी ननद की नेवल भी बहुत सेक्सी , पतली कटीली कमर , गोरी गोरी चिकनी , और चिकने पेट पर खूब गहरी नाभी ,

इस पर तो बेली बटन रिंग्स बहुत अच्छी लगेंगी , नैंसी ने उसकी गहरी नाभि सहलाते बोला , और एक उसे निकाल के दे दिया ,

" ये नान पीयर्सिंग् है , पर अच्छी तो पीयर्सिंग्स ही होती हैं। तुम १५ -२० दिन बाद कभी भी आ जाना , मैं कर दूंगी , मैं तुझे मेल भी कर दूंगी , डिजाइन एडवांस में पसंद कर लेना , तेरे ऊपर तो गोल्ड वाली ही अच्छी लगेंगी। " नैंसी ने बेली बटन रिंग्स दिखायीं। वास्तव में सब एक से एक ,...


लेकिन तबतक गुड्डी ने एल्बम का पन्ना पलट दिया , जबतक मैं बोलती ,

" अरे यार ये तेरे लिए नहीं हैं , ये बच्चियों के लिए नहीं है। " वो एक्स्ट्रीम बॉडी मॉडिफिकेशन थे , और उसमें वैजाइना , क्लिट सब की पीयर्सिंग्स थीं ,



" अरे वाह , हमारी ननद कौन सी बच्ची है , और है भी तो उसे बड़ी बनाना हमारा काम है , देख लो , कभी मन हो तो ट्राई भी करा दूंगी। "

तब तक १५ मिनट हो गया था , नैंसी ने ट्यूब निकाल दिया। निप्स एकदम इरेक्ट थे , बेस पर गोल्डन रिंग्स बहुत सुन्दर लग रहे थे।


नैंसी ने दो क्रीम्स दी , एक निप्स पर लगाने को और दूसरा बूब्स पर लगाने को।

" अभी मैं लगा देती हूँ , दो घंटे बाद एक बार और तुम लगा लेना , फिर आज ६ -६ घंटे पर ,... और कल से सिर्फ तीन बार , एक बार सोते समय , एक बार जब नहाना और एक बार शाम को , कभी बाहर निकलना तो भी निप्स वाली बस हलके से टच , और आज दो घंटे तक इसके ऊपर कोई ब्रा वा नहीं , उसके बाद कुछ भी पहन सकती हो , टाइट ड्रेस भी , कोई इशू नहीं। "

निकलते समय नैंसी से गुड्डी खुद गले मिली , और तय ये हुआ की गुड्डी बेली पियर्सिंग के लिए दो हफ्ते बाद आ जायेगी.

नेक्स्ट स्टापेज मिसेज गिल थीं , गायनोकोलॉजिस्ट और उसके बाद शॉपिंग।



उनका फोन आगया था , वो मिसेज मोइत्रा के घर पहुँच गए थे।


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Rajizexy

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भाग १७७

गुड मार्निंग -गीता की



हम लोग चार बजे के करीब सोये ,लेकिन इसके पहले एक राउंड और ,इस बार शुद्ध चुदाई गुड्डी की उन्होंने की। मैं सिर्फ बगल में लेटी। ये बीच में, हम दोनों अगल बगल ,... हम दोनों का हाथ उनके खूंटे पर/मुर्गे ने कुकुड़ कूँ किया और दरवाजे की घंटी बज गयी।

और कौन , गीता।

आज न मेरे कहने की जरूरत पड़ी न समझाने की। गुड्डी खुद झट से उठ कर , फर्श पर उसका वो हाईस्कूल, वाला फ्राक पड़ा था , बस झट से उसमें घुसी और दरवाज़ा खोलने बाहर।

और दरवाज़ा खुलने के साथ ही गीता ने उस नए कोरे माल को गपुच लिया , एक हाथ फ्राक से बाहर झांकते टिकोरे पे , और दूसरा फ्राक उठा के सीधे पिछवाड़े , गोल गोल गुदाज नितम्बों के बीच दरार में ,

" ई अबहिंयो कोरा हौ। " गीता ने चेक किया , और कुछ देर में हंसती खिलखिलाती दोनों किशोरिया किचेन में।

अबतक गीता की उँगलियाँ आगे वाले छेद का भी मौका मुआयना कर चुकी थीं , गुड्डी की बिल उसके भइया के माल से बजबजा रही थी।



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" हे भौजी तोहार बिलिया तो खूब मजा लुटले हो भैया के साथ , तानी अपनी ननद का भी तो ऊ का कहते हैं ,... गुड मॉर्निंग कराय दो। "

जबतक गुड्डी कुछ समझती ,गीता ने उसके दोनों कंधे दबा के ,नीचे किचेन के फर्श पर , ... और गीता का साडी साया गीता की कमर तक ,



गीता के दोनों हाथों ने खींच कर गीता का सर ,... ठीक वहीँ , ... गीता के निचले होंठों पर गुड्डी के होंठ ,...

गुड्डी कसमसा रही थी, वो उहापोह में थी, सुबह सुबह,... गीता की चुनमुनिया चूसे की न चूसे, अभी ब्रश वश भी नहीं, लेकिन रात में इत्ती बार भाभी ने उसे भैया के सामने चुसवाया था,... और अब उसकी देह,... उसके होठ खुद हिल रहे थे,... और गीता के हाथों की पकड़ किसी सँड़सी से कम नहीं थीं फिर अपनी मांसल जाँघों के बीच गीता ने गुड्डी का सर इत्ती तेजी से दबोच रखा था की गुड्डी के होंठ अपने आप गीता के निचले होठों से रगड़ खा रहे थे, और गीता ने अपने अपने दोनों हाथों से कस के गुड्डी के सर को पकड़ रखा था,

और जाने अनजाने खुद गुड्डी के होंठ हिलने लगे, अब उसे भी चूत चूसने में एक नया मज़ा मिलने लगा था और किए जबरदस्ती कर के कोई काम करवाए तो मजा दूना हो जाता था, गुड्डी ने अपने दिमाग की सोच को बंद कर दिया और उसका मन हावी हो गया, ...

गुड्डी के रसीले गुलाबी किशोर होठों पर गीता जोर जोर से अपनी बुर मसल रही थी और उसे अच्छी तरह गुड्डी के मन की उहापोह का अंदाजा था, लेकिन वो जानती थी बस थोड़ी सी जबरदस्ती, और कुछ देर में ये लौंडिया खुद बुर चूसने चाटने के लिए मचलेगी, अपने भैया का लंड तो अब खा ही चुकी है बस उसे धीरे धीरे नम्बरी चूत चटोरी बनाना है, और चूत चाटने के सारे तरीके भी सिखाने हैं और चूत चाहे गीली हो सूखी हो, मलाई से भरी या कुछ और भी लगा हो, बस गुड्डी रानी का काम उसे चूस के चाट के झाड़ना है , जैसे अब मर्दों के लंड को झाड़ना गुड्डी रानी का काम है उसी तरह लड़कियों औरतों को भी रस देने का, ... बस थोड़ी जबरदस्ती, थोड़ी ट्रेनिंग मस्त चूत चटोरी बनेगी।

" अरे तानी जोर जोर से चूसा , हलके हलके से तोहार ननद का कुछ नहीं होने वाला,... " हँसते हुए गीता बोली।



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बस गुड्डी ने अपनी पूरी काम कला का ज्ञान , ... पहले तो उसने चूमा चाटा , फिर जीभ से थोड़ा देर लिक ,... और उसके बाद चूसना कस के

चुसूर चुसूर ,चुसूर चुसूर ,

गीता की जाँघे अपने आप फ़ैल गयीं , कुछ देर तक तो गीता के हाथ उस टीनेजर का सर पकड़े रहे ,दबोचे रहे , पर कुछ देर बाद वो हाथ किचेन के काम में बिजी हो गए। गीता अपने काम में लगी थी , गुड्डी अपने , ... गीता का चूसने में ,

चुसूर चुसूर ,

गीता बर्तन साफ करने में लगी थी लेकिन ध्यान उसका उसकी बुर चाटती गुड्डी पर ही था,... थोड़ी जोर जबरदस्ती, और उसके बाद,..

अब तो उसके हाथ ने गुड्डी का सर छोड़ भी दिया था तभी गुड्डी उसकी बुर में से मुंह नहीं हटा रही थी, जितना मजा उसे आ रहा था उतना ही इस कल की लौंडिया को भी, और जब खुद लौंडिया को चुदवाने में, चूसने चाटने में मजा आने लगे, तब समझो वो पूरी तैयार हो गयी है, और गीता इतनी देर में ही भांप गयी थी गुड्डी में पक्की चुदककड़ बनने के पूरे गुण थे, बस थोड़ी सी ट्रेनिंग, थोड़ी सी जोर जबरदस्ती और उसकी ' उन सब ' चीजों से झिझक हटवाना,...

गीता तो एक दो दिन में ही लेकिन उसे कहा गया था, सहज पके सो मीठा होय,... गीता को बुर में खूब मस्त सुरसुरी लग रही थी, बहुत अच्छा सा,...

फिर थोड़ी देर बाद जैसे कोई आम की फांक फैला के बीच में जीभ डाल के ,

बस गुड्डी ने भी गीता की चूत की फांको को फैला कर , बीच में अपनी जीभ की नोक डाल दी , थोड़ी देर चूसती चाटती रही , फिर हलके हलके अंदर बाहर

कलछुल साफ़ करते हुए गीता हंस के बोली ,


" अगर बिना झाड़े छोड़ा तो समझ लो , इहे कलछुलिया तोहरी गांड में डाल देबे ,... "

और गुड्डी ने चूसने की चाटने की रफ़्तार और तेज कर दी। अपने दोनों किशोर होंठों में गीता की बुर की फांक भींच कर जोर जोर से वो चूस रही थी ,चुभला रही थी।



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Sooo erotic,pata nahi didi kahan kahan nath dalva rahi ho ladkiyon ke ear se vagina tak.
Super duper gazab sexiest hottesttttttt updates, typical Komal style.

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Gynaecologist Gill ko bhi daal diya vich aur hamare wale hormones bhi khud hi use karne lagi ho didi tum,
zara doctors ka bhi khyal kiya kro
kyon apni Raji behn ke pet par laat maar rahi ho didi.
 
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