Premkumar65
Don't Miss the Opportunity
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Great narration Komalji. UP winters ki shadi me razai ke andar bahut kuch hota hai. Kachi amiya se lekar pake aam wali sabhi Razai ke andar khoob dabwa dabwa ke maje leti hain. Aur agar lucky hue to niche bhi fingering ka mauka mil jata hai. Its a heavenly experience at young age.जोरू का गुलाम भाग ७२
थोड़ा सा फ्लैशबैक
चीनू के भाई, मेरी बड़ी मौसी के लड़के की शादी,... क्या खूब मस्ती हुयी थी , क्या क्या नहीं हुआ ( सिवाय 'उसको' छोड़ के ),
मैं उस समय तक इनके मायके में ही थी और अपने जॉब पर चले गए थे, मैंने बहुत कहा पर जेठानी मेरी, नहीं नहीं कुछ दिन तो ससुराल में रहो,... मन इनका भी बहुत कर रहा था पर अपनी भाभी के आगे एकदम भीगी बिल्ली बन जाते थे, उन्होंने बचपन से सीखा था , ' सेक्स बुरा है ' ' पत्नी के बारे में बड़ों से बात करना बुरा है' ,... रात में कमरे में तो मेरी बात करते लेकिन दिन में अपनी भाभी के आगे, ... और उनके जाने के बाद तो और घुटन, सुबह से रात तक,... न कोई बात करने वाला,... और जेठानी खुद तो बोलती हीं, मेरी सास को चढाती, वही सिंगल प्वाइंट प्रोग्राम , मेरी मम्मी की बुराई,... और ये सब क्यों था बाद में पता चला,... खैर मैं अपनी सास को पटा के कुछ दिन के लिए मम्मी के पास,... और वहीँ पता चला की चीनू के भाई की शादी हो रही है तो , ... कमल जीजू से मेरी मुलाक़ात उनकी शादी में ही हो गयी थी और जीजू साली वाली पक्की दोस्ती भी ,बताया तो था सब आपको,...
रीनू की शादी में मैं नहीं जा पायी थी , .. वही जेठानी का चक्कर, उनके किसी दूर के रिश्तेदार, एक कोई भाई लगते थे उसकी कोई बहन लगती थी , उसकी शादी में जेठानी जी का जाना बहुत जरूरी था , इसलिए,...
और जैसे मैं ही पहुंची चीनू के यहाँ, ... जबरदस्त स्वागत, गारियों से , छन्दा भाभी , चीनू की एक नाउन की बहु थी बसंती , चीनू की शादी में एकदम मेरे पीछे लेकिन बारातियों के सामने खूब उसने 'असली ' वाली गारियाँ , और भी रिश्ते की आधी दर्जन से ऊपर भाभियाँ , चीनू की शादी में सबसे अच्छी तरह ननद भाभी का रिश्ता कायम हो गया था ,
" ननदी रानी का स्वागत करते बारम्बार , ननदी रानी क्यों हैं मुंह लटकाएं
यार नहीं मिले क्या दो चार,... "
छन्दा भाभी ने कस के मुझे बाहों में भीचा और आँचल के अंदर हाथ डाल के सीधे मेरे उभारों को दबाते मसलते बोलीं ,
" अरे मायके आयी हैं यारों की कौन कमी , कित्ते बचपन के यार होंगे कितने नए जवान हो गए होंगे "
मैं क्यों छोड़ती अपने उभारों से उनके ३६ डी उभारों को दबाते चिढ़ाते बोली ,
" अरे नहीं भाभी , आपका घाटा हो जायेगा,... "
तबतक नीता भाभी ने टुकड़ा लगाया, उनका मायका बगल के मोहल्ले में ही था ,
" अरे बिन्नो दो चार से तेरा क्या होगा , अभी अपने मायके से फोन करके आधे दर्जन बुलवाती हूँ न, आगे से तोहार भैया , पीछे से हमार भैया,... "
मैं दुलारी से गले मिली तो मुझे उसकी हरकत मालूम थी , उसके पहले ही मैंने उसके ब्लाउज में सेंध लगायी और कस के दबाते हुए भौजी को छेड़ा,
" हे मरद तो तोहार सात महीना से पंजाब गया है कैसे दबवाय दबवाय के जोबन इतना डबल हो गया "
" अपने नन्दोई से , पूरा मोहल्ला तो ननदन क यार हो तो कुल तो हमार ननदोई लगीहें न ,... चला आज गाना में तोहार पेटीकोट खोलब , भाई का बियाह हो जबतक बहिन क नंगे न नचाइ जाए ,... "
चीनू तो थी लेकिन कमल जीजू कल आने वाले थे , शादी से दो दिन पहले , और रीनू और अजय जीजू भी अगले दिन ही। चीनू कुछ काम वाम में बिजी थी और वैसे भी वो थोड़ी सीरियस टाइप की थी , इसलिए भाभियाँ उसे इतना ज्यादा नहीं छेड़ती थी , और रात में गाने में , बरामदे में पर्दा लगा दिया जाता था , खाना खाने के बाद , मर्द सब सोने चले जाते थे , फिर चालू होता था,... और मैं अकेली ननद थी , इसलिए गाने में उस दिन मेरी रगड़ाई भी खूब हुयी ,
दो चार गाने सादी के उसके बाद गारियाँ , फिर एक दो काम वाली कोई उठ जाती थीं नाचने , और नाच के एकदम सेक्स एजुकेशन का क्लास
एक दूसरे की कमर पकड़ के वो धक्के मारती थीं की मर्द हार मान जाये,
तुम प्यारे कुत्ता , मैं प्यारी कुतिया
कातिक में मिलेंगे दोनों जने, ....
सब मेरे पीछे पड़ीं तो नाचने मैं भी खड़ी हुयी , और मैं जानती थी असली चक्कर ,
बंसती और छन्दा भाभी मेरा पेटीकोट उठाने के चक्कर में थी, और उठा भी दिया मैं बची लेकिन 'झलक' तो दिख ही गयी,
और बचा खुचा रात में सोते समय, .. छन्दा भाभी मेरे बगल में , फिर बसंती भी आ गयी, ... और एक और ,...
शादी के घर में सब लड़कियां औरतें , ननद भाभियाँ एक साथ, बड़ी बड़ी रजाइयां और एक रजाई से दूसरी में जाने में कोई पासपोर्ट वीसा नहीं लगता था,
" बिन्नो तेरा मर्द तो साथ आया नहीं चल आज भाभियों से ही मरद का काम चला ले, ... "
चीनू की शादी में मैं खूब मजे ले चुकी थी, और जानती थी भाभियों से पार पाना मुश्किल है, ...
और उस मस्ती में ही छन्दा भाभी ने मुझे असली काम सौंप दिया , कल नन्दोई आएंगे न तेरे कमल जीजू , तो हल्दी की रस्म में उनकी अच्छी तरह से हल्दी लगाने की जिम्मेदारी तेरी है , तू छोटी साली है ,
बगल की रजाई से एक और भाभी बोलीं ,
" हर जगह मतलब, हर जगह कोई जगह बचनी नहीं चाहिए "
" एकदम नहीं भाभी , आप लोगों की ननद हूँ , उस जगह तो सबसे ज्यादा लगेगी,... "
हँसते हुए मैं छन्दा भाभी को अपने ऊपर से हटाते बोली।
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