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जोरू का गुलाम भाग २४२, 'कीड़े' और 'कीड़े पकड़ने की मशीन, पृष्ठ १४९१
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Jabardastजोरू का गुलाम भाग २४
मिसेज खन्ना
एक दिन मैं मिसेज खन्ना के साथ बैठी थीं , हमारे कंपनी की वी पी की वाइफ लेडीज क्लब की सर्वे सर्वा , और कंपनी में भी उनकी ही चलती थी। मिस्टर खन्ना तो उनके उँगलियों पे नाचते थे और जो कंपनी के हेड थे उनकी वाइफ कभी कभार ही आती थी , और वो भी आधे टाइम कभी टूर तो कभी मीटिंग ,… इसलिए।
मिसेज खन्ना , खूब लम्बी चौड़ी ,अर्ली फॉर्टिज , अमेजोनियन ,जो कहते हैं मर्दमार एकदम वही और 'दोनों ओर चलती थीं' , जितनी कम उम्र की हो उतना अच्छा , चाहे कच्ची कली हो या कच्चा केला, और खास तौर से बहुत सी औरतें उनसे थोड़ा बच के ही ,लेकिन मैं उनकी पक्की चमची बन गयी थी , मुझे मालूम था अगर इतनी जूनियर होने पे भी
अगर मुझे लेडीज क्लब की सेक्रेटरी बनना है ,
और इनके करियर के लिए भी मिसेज खन्ना बहुत इम्पॉरटेंट हैं।
हम लोग सीरियल के बारे बाते कर रहे थे , उनके दुश्मनों की बुराई कर रहे थे
और हर चार पांच मिनट में मैं २०० - २५० ग्राम मक्खन बहुत सफाई से ,
तबतक ये आ गए।
और उनके आते ही वो खड़ी हो गयीं और मुझसे कहने लगी ,
" मैं चलती हूँ , अब तेरे हबी आ गए हैं , तू चल चाय वाय बना। "
" नहीं नहीं मैडम बैठिये न , "
और फिर 'उनकी 'ओर मुड़ के मैंने जोर से बोला ,
" सुनो ,हम लोगों के लिए चाय बना लेना और हाँ कुछ पकौड़ी वकौड़ी भी। "
मिसेज खन्ना को जैसे अपने कानों पे यकीन नहीं हो रहा था।
मेरे कहने पे बैठते हुए हलके से ,फुस्फुसफुसा के मुझसे बोलीं वो ,
" तू उससे चाय बनाने को बोल रही है ,अभी वो आफिस से आया है। "
" तो क्या हुआ मैडम , और चाय अच्छी बनाते हैं वो ,
" हलके से मुस्कराते हुए मैं बोली और फिर किचेन की ओर आवाज लगाई जैसे किसी बेयरर को बोल रहीं हूँ ,
" सुनो ,शुगर अलग से लाना। "
मैडम के अचरज का कोई ठिकाना नहीं रहा।
कुछ दूर रुक के उन्होंने गहरी सांस ली और मेरी ओर झुक के हलके से बोलीं ,
" सुनो , लेकिन , शुरू में जब तुम लोग यहां आये , तो ,… ये थोड़ा ,… अलग सा था न। "
" एकदम मैडम , लेकिन मजा तो अनरूली हॉर्सेज को ही टेम करने में आता है न ,"
मैं बोली और हम दोनों एक साथ खिलखिला पड़े।
मिसेज खन्ना एप्रोविंग स्माइल के साथ मुझे देख रही थीं।
उनकी एक अप्रूविंग नाड के लिए क्लब की सारी सारी एक से एक सीनियर लेडीज ,मरी पड़ती थीं और यहाँ वो खुद ,…
" यार तुझमे कुछ है , सच में दैट इज व्हाई यू आर सो क्लोज टू माई हार्ट , यू हैव रिएल टैलेंट "
वो बोलीं और अबकी वो एकदम सीरियस थीं।
मुश्किल से ब्लश करने से मैंने रोका मैंने और बोली ,
" मैडम ये सब आपकी ट्रेनिंग का असर है , आपकी लीडरशिप में तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ। "
लेडीज क्लब का इलेक्शन जल्द होने वाला था , पुरानी सेक्रेटरी चली गयी थीं और इलेक्शन क्या जिसे मिसेज खन्ना कहें उसका बनना तय था। एज में सीनियरिटीमें मैं बहुत जूनियर थी , अभी कुछ ही दिन तो हुए थे हम लोगों के यहाँ आये।
मुझसे १०-१५ साल सीनियर लेडीज मैदान में थीं , लेकिन अगर मिसेज खन्ना साथ मेंहो तो , और , …
लेडीज क्लब की सेक्रेटरी का बहुत रोल था , जब कंपनी के बोर्ड आफ डायरेकटर आते थे , उनकी मिसेज के साथ , …
और मेम्बर्स को भी रिसीवकरना , … चेयरमैन से भी सीधे , फिर फंड भी , सी एस आर का इतना ढेर सारा फंड था सोशल वर्क के नाम पे आउटिंग , मस्ती।
मेरी किस्मत , तभी वो चाय और पकौड़े ले के आ गए।
" हे तुम भी बैठों न , " मैंने इंसिस्ट किया।
जो थोड़ी सी जगह सोफे पे थी वो मिसेज खन्ना के बगल में थी।
और मिसेज खन्ना अच्छी खासी दीर्घ नितम्बा थीं , ३८ + या शायद और ज्यादा।
मिसेज खन्ना जरा भी नहीं सरकी ,
थैंक्स ,मैडम कहते वो शरमाते झिझकते उनके बगल में बैठ गए।
हां ,मिसेज खन्ना ने अपना आँचल हल्का सा ठीक किया और उनके लो कट ब्लाउज से उनके 'ट्विन पीक्स ' ( वहां भी वो + साइज थीं ) अच्छे खासे झलक गए।
और चुपके से जिस तरह उन्होंने जो एक झलक उन उभारों की ली , मिसेज खन्ना की चपल निगाहों से न बची और न मेरे।
लेकिन मिसेज खन्ना चाहती भी तो यही थीं ,
" आराम से बैठो न ," जिस तरह शहद घोल के मिसेज खन्ना ने उनसे कहा , वो और वीर बहूटी हो गए , ऊपर से मिसेज खन्ना थोड़ा और उनकी ओर , … वो अच्छेखासे स्कवीज हो रहे थे।
मुझे उनकी ये हालत देख के बहुत मजा आ रहा था।
और यही कारण था जब मिसेज खन्ना आस पास होती थीं , बहुत सी लेडीज अपने हसबैंड्स को अपने पल्लू में छिपा के रखती थीं ,लेकिन मेरे लिए स्टेक्स बड़े हैवी थे, और मुझे ऐसी कोई घबड़ाहट भी नहीं थी।
जब झुक के पोलाइटली वो मिसेज खन्ना के लिए चाय ढाल रहे थे ,मिसेज खन्ना का शरारती आँचल एक बार
फिर और अबकी सिर्फ गोरी गोरी मांसल गहराइयाँ हीनहीं बल्कि ,कटाव ,कड़ा उभार सब कुछ साफ साफ झलक गया ,
और लाख कोशिश उनके करने के बावजूद एक नन्ही बूँद प्लेट में छलक गयी।
पहले तो मुझे गुस्सा लगा लेकिन मिसेज खन्ना का चेहरा देखकर मैं अपनी ख़ुशी नहीं रोक पायी ,
उन्होंने जोबन का जो तीर चलाया था ,वो एकदम सही लगा था।
और उनके आँखों में जीत की एक हलकी मस्ती छलक रही थी।
प्याला पकड़ते हुए भी उनकी अंगुली कुछ ज्यादा देर तक उनकी ऊँगली को छूती रही।
Fantastic updateघर आया मेरा साजन
मैं समझ रही थी ,जितना मिसेज खन्ना को मेरी आइडिया पसंद आई उससे ज्यादा ये , और इनका चेंज्ड , ट्रान्सफार्मड लुक।
इनको गए आधे घंटे से ऊपर हो गए थे मुश्किल से १०-१५ मिनट लगता मैडम को छोड़के आने में ,
बची हुयी कॉकटेल मैंने खत्म कर दी ,इन्तजार करते सब सामान भी समेट दिया।
बार बार नजर घडी की और दौड़ती थी।
पचास मिनट हो गए और तब ये आये।
इन्हे देखते ही पहली नजर में मैं समझ गयी , अब मुझे सेक्रेटरी बनने से कोई रोक नहीं सकता।
कांटा चुभ गया।
इनकी शर्ट आधे से ज्यादा बाहर निकली थी , और इनके होंठों पे स्मज्ड पिंक लिपस्टिक , वही जो थोड़ी देर पहले मिसेज खन्ना के होंठों पे थीं.
मैंने उन्हें बाँहों में भर के चूम लिया , लिपस्टिक का स्वाद भी अनमिस्टेकेबल था ,मैडम की खास इम्पोर्टेड लिपस्टिक
मेरे होंठों ने उनको होंठों को दबोच लिया , जैसे मैं उनके नहीं मिसेज खन्ना के होंठों को खा रही हूँ ,
मैंने उनकी शर्ट उतार के वहीँ ड्राइंग रूम में फ़ेंक दी ,
अंदर बनयान पे मिसेज खन्ना का स्पेशल इम्पोर्टेड चैनेल परफ्यूम,
यू हैव बीन अ गुड ब्वॉय , वेरी गुड ब्वॉय , यू डिजर्व अन अवार्ड ,स्पेशल अवार्ड टुनाइट ,
लेट इट बी इ स्पेशल नाइट फॉर यू ,
और मैं उन्हें आलमोस्ट ड्रैग करते हुए बेडरूम में ले गयी।
Superb.
Each update is competing with other updates.
It's really amazing on the part of Writer to write such a good story and that too creating interests of the Readers for each and every update as each one is complete of its own.
Fabulous work.
Jabardast
Thanks so much , ye apka badappan hai , ....