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जी कोमल जीबहुत बहुत धन्यवाद,... ये आपकी ज़र्रानवाज़ी है.
अब डाक्टर गिल की पोस्ट में कुछ मेडिकल की बातें आ गयीं मैंने अल्ट्रा साउंड की पिक्स भी शेयर की. मुझे लगता है पढ़ने वाले को इन डिटेल्स से उस माहौल को समझने में मदद मिलती है।
इसी तरह बिजनेस है तो थोड़ी बहुत बिजनेस की भी बातें और अभी शायद इनका अनुपात बढे भी
एक बार फिर से
और हाँ शीला भाभी की और पोस्ट्स हो गयी हैं।
Thanks so much bina aapke support aur comment ke ye storry adhuri lagti hai lekin main aapki majburi smajhti hun fir bhi aap ne aake comments kiya thanks so much
Sach me bahot pyar aata he is feelings par unki sali ko chidhane sajanji ki burai karna. Or vo chidehegi. Ese me sajan ji se jyada chhutkiya par jyada pyar aata he. Or bhog do kache tikoro ka. Chhutki to sab samaz gai. Maza aa gaya ye last vale update me to. Love it.
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जी कोमल जी
हार्दिक आभार
सादर
Awesome super updateजोरू का गुलाम भाग १९२
डाक्टर गिल
१६,२०,४७७
" बंटू , बाबू , रवि और मुन्ना। "
मैंने मिसेज मल्होत्रा को उन चारों का नाम व्हाट्सऐप कर दिया इस रिवेस्ट के साथ की , कि पार्टी में इन चारों लड़कों का नाम जरूर रखें , और असेम्बली प्वाइंट भी गुड्डी वाला ही हो।
एक मोबाइल निकाले और दूसरी लड़की बिना मोबाइल पर हाथ रखे बैठे , ये इतना ही बड़ा झूठ है जितना तीन औरतें चुपचाप बैठी थीं ,
गुड्डी ने कोचिंग की सोशल मिडिया का ऐप खोल कर बंटू का पेज खोल दिया था और उसे दाने डाल रही थी , अपने ' दूसरे वाले ' फेसबुक अकाउंट ( 'ऑफिसियल ' वाले का तो उसने वैसे ही दे रखा था ) का लिंक, अपने इंस्टाग्राम का अकाउंट , और हालचाल ,... फिर बाबू को ही ,...
मिसेज मलहोत्रा का व्हाट्सऐप मेसेज तुरंत ही आगया ,
" श्योर ,पक्का, नो इशूज , एनीथिंग फॉर माई सेक्सी ननद। " मैंने गुड्डी को दिखाया और वो भी खिलखिलाने लगी ,
जवाब में उसने अपने मोबाइल से मिसेज मल्होत्रा को ढेर सारे हग्स , किसेज , लिप्पी भेज दी , " थैंक यू भौजी। "
" यार इस पार्टी में तेरा गैंग बैंग होगा , पक्का डर तो नहीं रही है मेरी ननदिया। " मैंने गुड्डी से पूछा।
" अरे भाभी अपने पास ओखली है तो मूसल से क्या डरना। गैंग बैंग तो अच्छा है न , टाइम सेवर , एक साथ कई के साथ , ... और अपुन के पास टाइम की बहुत शार्टेज है , मेरी प्यारी प्यारी भौजी के प्यारे प्यारे सैंया , फिर कोचिंग भी , अच्छा है न बजाय सीरीज में होने के पैरेलेल प्रॉसेसिंग होगी। एक साथ कई का मजा ,.. "
वो शोख हिम्मत से सीना उभार के बोली।
पर असली बात ये थी की जब वो चारों गन्ने के खेत में उसका पाटा बना के घिर्रायेंगे , ढेले पर उसका चूतड़ रगड़ा जाएगा , अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों ओर बालिश्त भर तब ये हिम्मत पता चलेगी , लेकिन अब गुड्डी रानी का उस पार्टी में जाना तय , और उन चारों का भी ,... फिर कोई वो चार थोड़े ही ,... पूरी रात ट्रेन बनेगी मेरी ननदी की। मैंने सोचा।
" अरे भौजी का सोच रही हैं , आज डागडर भौजी तो उँहा ऐसा ताला लगा देंगी की आप की ननद की चुनमुनिया पर कितने लोग सफ़ेद रंग से होली खेलें उसका कुछ नहीं बिगड़ने वाला है। पेट फूलने का कोई खतरा नहीं है।
मेरी ठुड्डी पकड़ कर वो बोली।
मैंने बात बदल दी , पेट तो मेरी ननद रानी का फूलेगा ही और फुलाने वाले उसके भइया ही होंगे अपनी सफ़ेद स्याही से , और ज्यादा देर नहीं तक इंतजार नहीं करेगी वो , मैं भूल भी जाऊं , तो मेरे उनके की सास भूलने नहीं देंगीं। एक बार उन्होंने अपने दामाद को मादर चोद बना दिया तो बस अगला आईटम उनके अजेंडे में वही है।
और आज डाक्टर गिल वाला इंतजाम हो गया तो बस दिन घडी इनकी सास तय करेंगी, और डाक्टर गिल बस उसी दिन ताम्बे का ताला खोलेंगी और रात को चोर घुसेगा, ... हम सब के सामने,... और फिर टेस्ट किट से दो तीन दिन के अंदर पक्का पता चल जाएगा, इनकी सास को,... सबसे बड़ी बात हर महीने जो पांच दिन के लिए दुकान बंद होती थी ननद रानी की वो ख़तम,... और एक बार अपने भैया से गाभिन हो गयीं तो चाहे जहाँ टांग उठायें, निहुरे,... और नौ महीने बाद सोहर और पहिलौठी का दूध लेकिन सबके लिए जरूरी था आज डाक्टर गिल के यहाँ जो कुछ होना था टाइम पे हो जाए
और तब तक डाक्टर गिल का क्लिनिक आ गया।
लेकिन बड़ा विचित्र सा लग रहा था , एक अजीब सा सन्नाटा। कोई ट्रैफिक नहीं , दुकाने भी उनके हॉस्पिटल के आस पास भी , लग रहा था , कुछ गड़बड़ घट चुका है , या घटने वाला है , तभी
चों चों चों चों
कई पुलिस की गाड़ियां लाल नीली बत्ती जलती बुझती , डाक्टर गिल के हॉस्पिटल की ओर से वापस आती हुयी ,
……………………………………………………………………………………………………..
गाडी की रफ़्तार मैंने भी धीमी कर दी।
हॉस्पिटल की बाहर भी सन्नाटा पसरा , दो पुलिस की गाड़ियां वहां अभी भी खड़ी
और चार पुलिस वाले खड़े , वो हमारी गाडी की ओर बढ़ते की हॉस्पिटल के सिक्योरटी वाले ने उन्हें रोक दिया,कुछ उसने पुलिस वाले को समझाया और मे
और हमारी गाडी के पास आके हमें पीछे की ओर पार्क करने के लिए बोला और हम लोगों को इशारा किया की हम चुप रहें। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था , गुड्डी भी थोड़ी घबड़ायी।
धीमी आवाज में वो बोला की आप लोग रिसेप्शन की ओर , ... और साथ साथ , ... वहां भी सन्नाटा पसरा था।
लाइट सारी डिम थीं, रिसेप्शन पर भी एक हलकी सी बत्ती जल रही थी. जिस हॉस्पिटल में २४ घण्टे हंगामा मचा रहता था वहां एक चिड़िया भी नहीं थी। बस दो चार हॉस्पिटल की सिक्योरटी वाले एकदम दीवाल से चिपके साये की तरह ध्यान से देखने पर नजर आ रहे थे, ... न नर्स न डाक्टर न मरीज,
गुड्डी ने घबड़ा के मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी ओर देख रही थी, उसे जैसे हिम्मत बंधाने के लिए मैंने भी उसका हाथ दबा दिया।
कोई नजर नहीं आ रहा था, बस रह रह के पुलिस सायरन की आवाजे आ रही थीं।
हम लोगों के पहुंचते ही एक बंद दरवाजा खुला , हमें इशारे से बुला के फिर दरवाजा बंद हो गया।
हेड मैटर्न और एक उसकी असिस्टेंट , उन दोनों ने भी हमें चुप रहने का इशारा किया और अपनी असिस्टेंट को बोला ,
" मेरी ननद को ले जाके कपडे उतार दो तुरंत , और ला कर वापस कर दो। "
गुड्डी ने कुछ ना नुकर करने की कोशिश की तो वो असिस्टेंट बोली , " ननदों का काम कपडे पहनना नहीं , उतारना होता है। "
और गुड्डी का हाथ पकड़ कर आपरेशन थियेटर के अंदर चल दी।
मेरे चेहरे पर मुस्कान आयी , कुछ नार्मलसी रिस्टोर होई , अब गुड्डी सारे शहर की ननद तो ही चुकी थी।
गुड्डी ने सर्जिकल गाउन पहन लिया था , और वो वहीँ से मुझे देख रही थी . हेड मेट्रन ने उसी के सामने मुझसे कहा , " आप घर चली जाइये , दो ढाई घंटे बाद आ जाइयेगा तब तक प्रोसीजर पूरा हो जाएगा।
गुड्डी का कोचिंग का टॉप , स्कर्ट , ब्रा थांग सब लेकर वो असिस्टेंट ले कर आगयी , और हेड मैट्रन मुझे छोड़ने बाहर आयी,... वही जिसे में श्वेता कहती थी और जो मिसेज गिल की ख़ास थी और मुझे सारा माजरा समझाया।
Healthy updateमामला
गुड्डी का कोचिंग का टॉप , स्कर्ट , ब्रा थांग सब लेकर वो असिस्टेंट ले कर आगयी , और हेड मैट्रन मुझे छोड़ने बाहर आयी और मुझे सारा माजरा समझाया।
आज दोपहर को तीन बजे , एक लोकल सेलेब्रेटी , वो आधी पोलिटिसियन आधी बिजनेसवुमैन हैं , 'पार्टी इन पावर' में उनकी बहुत चलती है। स्टेट होम मिनिस्टर उनके कजिन हैं , और डी आई जी भी बहुत ही क्लोज रिलेशन में , मैंने उनका नाम सुन रखा था। उनकी लड़की , ... एक बाचड अबॉर्शन , लड़की की उम्र , अभी न बताने लायक न यहाँ लिखने लायक , गुड्डी से भी छोटी , ... उसने अपने आप कुछ गोली वाली खा ली और एक दो बजे के करीब वैजाइना से ब्लीडिंग स्टार्ट हो गयी , एकदम लाइफ थ्रीटेनिंग , वो खुद ड्राईव् कर के ले आयीं , मिसेज गिल को उन्होंने फोन कर दिया था , और मिसेज गिल ने खुद उन्हें ,
यहाँ तक तो एक मेडिकल इशू था ,
लेकिन तब तक कहीं से अपॉज़िशन पार्टी ने सूंघ लिया और ये अफवाह फ़ैल गयी की उस लड़की ने सुसाइड किया है और डाक्टर गिल की मदद से उसे कवर अप किया जा रहा है।
एक दो झोला छाप पत्रकार भी माइक ले ले कर आस पास घूमने लगे। एक चैनल जो उन मैडम के खिलाफ पार्टी वालो का हैं , वो तो उसकी ,.. ओबी वान भी निकल पड़ी थी।
वो उसे हॉनर किलिंग का रूप देने के चक्कर में , बस वो वेट कर रहे थे की वो लड़की मरे ,उन्होंने तो वोमेन कमीशन से बात कर के रखी थी , आप तो जानती है कित्ती नम्बरी छिनार है वो , हेड मेट्रन बोली।
" एकदम ज्यादा नहीं तो चौदह पन्दरह तो मैं गिना ही सकती हूँ , ... " मैंने हंस के बताया। चंदे के लिए वो कितनी बार आती थी जब वोमेन कमीशन की सेक्रेटरी नहीं बनी थी।
" और होम मिनिस्टर , छोटे वाले ,.. उनसे मैडम का रिश्ता, जिनकी लड़की का मामला था, इसलिए सीधे स्टेट होम मिनिस्टर का फोन आया था डाक्टर गिल के पास की एकदम किसी को कानोकान खबर नहीं होनी चाहिए,... मैडम का रिश्ता ,.. " उसने आगे बढ़ाई बात। मैं चकित हो गयी , पर वो तो कजिन हैं उनके।
हेड मैट्रन मुस्करायी , अरे कजिन मतलब आप समझती ही हैं , ... निशाने पर वो सोसायटी वाली महिला तो थीं ही असली निशाना उन्ही स्टेट होम मिनिस्टर पर था, ... इसलिए उन्ही के पार्टी के एक छोटे मंत्री ने जिसे कोई ऐसा वैसा चवन्नी छाप मंत्रालय मिला था कुछ मिडिया वालों को भड़काया, रनर भी चलना शुरू हो गया था. और डी आईजी भी उनके खास हैं इसलिए बस इनके बहाने उनका शिकार हो जाता।
" फिर ,.. " मैं बोली।
" बस मंत्री जी ने बोला , और जो डी आई जी , खुद आगये ,.. और हॉस्पिटल सील करा दिया , कोई पत्रकार दिखे तो उसकी माँ बहन चोद दो , उन्होंने खुद दरोगा से बोला , और वो जो एकमात्र ओ बी वान थी उस चॅनेल वाले की , उसका ट्रेफिक वाले ने चालान कर दिया , एक टेल लाइट खराब थी , और ड्राइवर को भी अरेस्ट कर लिया। बस। अखबार वाले थोड़े ठन्डे पड़े , तो जो मैडम की ओर के चैनल वाले थे उनको मंत्री जी के लोगों ने मैनेज किया. और एकदम हॉस्पिटल के आसपास कर्फ्यू जैसा , ... बहुत टेंशन था। "
" लड़की की हालत कैसी थी। " मैं भी परेशान हो गयी।
" १० % चांस था , मुश्किल से , ब्लीडिंग बहुत हो गयी थी , इंटरनल डैमेज भी था ,... ७ बॉटल खून चढ़ चुका है , डाक्टर गिल ने खुद भी दिया , मैंने भी। पांच बॉटल हॉस्पिटल के एम्प्लॉयीज ने , ... वो तो उन का हाथ है , तुरंत आपरेट किया , यूटेरस भी सेव हो गया। अभी ५० % चांस है , होश आ गया है। एक सर्जन और फिजिशयन बाहर से भी आएं हैं। इसीसलिए आप लोगों को डिले किया था , डाक्टर गिल उस लड़की के पास ही हैं , रात में भी हॉस्पिटल में ही रहेंगी। लेकिन उन्होंने कहा की मैं हॉस्पिटल में ही हूँ , घर का मामला है और छोटा सा आपरेशन ,... "
मैट्रन तब तक लेकर मुझे बाहर आगयी थी , मैं गाडी में बैठी उस के पहले मुस्कराकर वो बोली हाँ डाक्टर गिल ने कहा था की कोमल मैडम से बोल देना , अब ये उनकी ननद है तो , ... एक सरप्राइज प्रोसीजर और करेंगी वो ,... वो कल शाम को ही आप को बताएंगी , आफ कोर्स पेपर में तो सिर्फ कापर टी ही होगा। "
गाडी में बैठ कर मुझे समझ में आया और शीशा नीचा कर मैंने हेड मैट्रन से पूछा ,
" तो इसका असर ,.. "
" १२ -१४ घंटे तक सोन चिरैया चारा नहीं खा पायेगी , बस यानी कल दोपहर तक , उसके बाद तो जित्ते मूसल चलें उत्ते कम " खिलखिलाती हुयी वो बोली।
" चलना फिरना और कोई प्रिकॉशन " मैंने फिर से पूछा।
" आप आइएगा न तो दौड़ती हुयी आएगी आप के पास , कोई और प्रीकाशन नहीं , और उस छेद को छोड़ कर बाकी जगह जो रगड़ाई करना हो कर सकती हैं , आपरेशन से तो और रिलैक्स हो जाएगी वो। " ये कह कर हेड मैट्रन अंदर और मैं घर की ओर।
" चलो , तो गुड्डी रानी के एक बित्ते की जगह छोड़कर बाकी जगह तो रगड़ाई होई सकती है , और वो इतनी मस्त माल है की उसके बदन के हर हिस्से से रस के झरने फूटते हैं , " गाड़ी स्टार्ट करते हिये मैंने सोचा और अब दिमाग दूसरी ओर दौड़ने लगा।
Business updateबिजनेस की बातें
ये बिजनेस की बातें न , मेरी तो एकदम समझ में नहीं आतीं , पता नहीं मम्मी कैसे ,... मैं कार ड्राइव कर रही थी और सोच रही थी।
मम्मी तो चलो मम्मी है , ये मिसेज मल्होत्रा जो बातें बताई उन्होंने , मैं दंग रह गयी। मैंने उनसे पूछ भी लिया , यार ये जिम , सोना , जाक्युजी लाउंज ,... इतना पैसा इन सब चीजों पर ये कोई लक्जरी का ,..
मेरी बात काट कर बोलीं , " चल यार तू बहुत सीधी है समझाती हूँ तुझे। इसे गोल्ड प्लेटिंग कहते हैं , करना पड़ता है . देख हमारी अर्निंग का सोर्स क्या है मेजर सोर्स ,
" फ़ीस ,... " जवाब देने में मुझे बहुत दिमाग नहीं लगाना पड़ता है।
" यस , आलमोस्ट ८६ % . " और सारी फ़ीस हम चेक से लेते हैं या डी डी या डायरेक्ट बैंक डिपॉजिट , है न सब कुछ व्हाइट ,... और मेजर खर्चा , सैलरी ,... वो भी टीचर्स के बैंक अकाउंट में ,.. वो भी व्हाइट ,... और जो प्रॉफिट होगा उसका एक तिहाई इनकम टैक्स वाले , तो हमारी अर्निंग बची ही कितनी। देख ये जो सब कुछ देख रही हैं , सिक्योरटी , आन लाइन , जिम विम , ये सब हमारे एक्सपेंडिचर में जाते हैं , टीचिंग और ट्रेनिंग इक्विपमेंट। और बुक्स में इनकी कास्ट हम दिखाते हैं जानती हो कितना होता है ,..
" कम से कम कम दुगुना ,.. " अब मैं समझ रही थी थोड़ी थोड़ी।
" नहीं यार इतना भी नहीं , सिर्फ चार से पांच गुना। मान लो दस लाख लगा तो उसने वाउचर पचास लाख का दिया , तो चालीस लाख बचा न। "
" फिर उसे पचास लाख पर टैक्स देना पडेगा या उसके वेंडर को ,... " मैंने भी थोड़ी बहुत इको पढ़ी थी।
" नहीं यार , पहली बात तो वो अपनी कास्ट में लेबर इनपुट ८० % डाल देता है , और वेंडर उसके जो स्माल वेंडर्स होते हैं , आधे टाइम तो वो भी सिर्फ वाउचर देने का कुछ चार्ज कर लेते हैं , सामान तो ग्रे मार्केट से आता है। फिर टैक्स तो प्रॉफिट पर लगता है न और प्रॉफिट वो बहुत कम मार्जिनल दिखाते हैं , यार ये सी ए सब इसी का तो पैसा लेते हैं। " वो बोलीं और उन्होने जोड़ा।
" फिर जो हम सब कोचिंग की बुक्स में दिखाते हैं न , हमारे घर की बहुत चीजें , घर पर भी मेरे जिम , सोना, जाक्युजी , टेनिस कोर्ट , और अब हम एक छोटा सा स्वीमिंग पूल भी ,... और फिर ये जो डिफ़रेंस होता है न वही ब्लैक मनी , जिसके बिना बिजनेस हो ही नहीं सकता। तुम सोच नहीं सकती किसको किसको खिलाना पड़ता है , पुलिस , एजुकेशन , मेडिकल , सबका महीना , अब उसे तो बुक्स में दिखा नहीं सकते न।
मुझे याद आया किस तरह थानेदार ने इन्हे पकड़ कर , और जो दरोगी इनकी साडी उतारने के चक्कर में थी उसे अगले ही दिन एक लाख ,...
लेकिन इन चीजों का दो सॉलिड एडवांटेज भी है ,एक तो हमारी ब्रांड वैल्यू बढ़ती है , जो लड़के लड़कियां यहाँ इस सेक्शन पढ़ते हैं उनके पेरेंट्स रियल ओपिनियन मेकर हैं , और जो स्टैण्डर्ड वो चाहते हैं , जिसके उनके बच्चे आदी होते हैं , वो हम इस फ्लोर पर प्रोवाइड करते हैं। और बायोमेट्रिक्स , आई टी , सिक्योरटी के साथ इन्फ़्लूनेन्स भी करता है की इस कोचिंग का लेवल कुछ अलग ही है।
" चलिए इन फिजिकल फैसिलिटीज की बात तो समझ में आगयी , लेकिन वो जो पार्टीज ,.. खासतौर से आउटडोर पार्टीज , बहुत खर्चा आता होगा उसमें। " मैं बोली। और वो जोर से हंसी।
" यार वो मेरा इनोवशन है , खर्चा तो होता है और कस के होता है। मान लो एक पार्टिसिपेंट पर औसत भी लगाओ , तो २,००० से कम नहीं , अगर १०० लोग भी पार्टिसिपेट करते हैं तो २,लाख तो यही मान लो , फिर ड्रिंक्स , डी जे , फैसलिटीज सिक्योरिटी , १०-१२ से कम नहीं बैठता , लेकिन वही वो भी ग्रुप इंटरएक्शन या इंटेंस कोचिंग के नाम पर ,.. यहाँ की पार्टी में कुछ हो गया तो हम जिम्मेदार होते हैं पर ये पार्टी पूरी तरह आउटसोर्स होती है। खर्चा तो तुम समझ ही गयी , कोचिंग के एक्सपेंडिचर में जाता है , फिर बहुत से लोगो को हम सीधे पैसा नहीं ऑफर कर सकते , शहर के इन्फ्लुएंशियल लोग हैं ,... उनके फ़ार्म हाउस , पार्टी वेन्यू ,... इन्फ्लेटेड दाम पर पांच गुना , छह गुना , समझते हम भी हैं , वो भी हैं ,... अब बिना ब्राइब बोले ,...
फिर जो इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी है , वो भी सब , एक तो लोकल मिनिस्टर के वाइफ के नाम पर रजिस्टर्ड हैं , इसलिए पुलिस वुलिस को भी कोई चक्कर नहीं ,.. वो सब मैनेज करते हैं। अब लड़के लड़कियां हैं तो ,.. धमाल तो होगा ही ,... वो कंपनी भी , सब कुछ आउटसोर्स करती हैं , लोकल थानेदार को पैसा खिलाने से लेकर ,.. उसी नाम पर हम उन मंत्री जी जो भी ,...
बहुत सी क्लियरेंस लगती हैं बिजनेस करने में , इत्ते फ़ार्म ,.. अब इससे हमारे पैसे का लेन देन का काम आसान होगया , उस एक्सपेंडिचर को बुक्स में दिखा सकते हैं ,... और लेने वाले को भी तकलीफ नहीं।
मैं मान गयी मिसेज मल्होत्रा को , पर एक बात और बतायी उन्होंने और मैं चौंक गयी। जो बसें स्टूडेंट्स को ट्रांसपोर्ट करती हैं , वो भी एक एजेंसी , लोकल एम् पी की बीबी , ...और वो सिर्फ बसें उसी दिन हायर करतीं हैं , उस कंपनी का और कोई बिजनेस है ही नहीं।
" लेकिन स्टूडेन्ट्स का डिस्ट्रेशन ,... वहां तो सिर्फ मस्ती और ,... " मैं अभी भी कन्विंस नहीं थी।
वो जोर से हंसी , " ये भी मेरी स्ट्रेटजी थी ,..यार फर्स्ट टू फ्लोर ए और बी सेक्शन वाले तो जायेंगे नहीं , वो तो सब कुछ भूलकर ,... होली दिवाली में घर नहीं जाते , सी वाले भी थोड़े बहुत बहुत मुश्किल से ,...और इस फ्लोर वाले लड़के तो ,... उनकी अपनी तो वो नाक के नीचे समझते हैं ,.. तो ज्यादातर डी और ई सेक्शन वाले ,.. करीब दो सौ लड़के लड़कियां हैं , ... पैसे वाले , हमारे कैश काऊ ,... वही और वो नहीं सेलेक्ट होंगे तो भी उन्हें फरक नहीं पड़ता। वो कोचिंग सिर्फ स्टेटस सिंबल और मस्ती के लिए करते हैं।
मान गयी मैं मिसेज मल्होत्रा को ,
लेकिन तब तक घर आगया और मेरे मन में मेरी ननद के लिए प्लान बनने लगा।