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Incest टैटू गुदाई और चुदाई (complete)

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अपडेट नंबर 8


मोहित ने जबसे अपनी मम्मी को सजे हुए देखा था बस उस के बारे में ही सोच रहा था। आराम से बिस्तर पर लेटे हुए मोहित अपनी मम्मी से बात करने का और उनके पास जाने का मौका ढूंढ रहा था और अपनी मम्मी की आवाज सुनकर उसके चेहरे पर खुशी दौड़ गई। वो तो कबसे तड़प रहा था कि अपनी खूबसूरत मम्मी का जी भरकर दीदार कर करे और उसकी मम्मी ने खुद ही आवाज लगाकर उसका काम आसान कर दिया था। मम्मी ने मुझे ट्यूब के साथ बुलाया है तो इसका मतलब वो मालिश भी करेगी अपनी गर्दन और कंधे की तो अगर मैं थोड़ा सा प्रयास कर करू तो मुझे ही मालिश करने का मौका मिल सकता है। मम्मी की मुलायम और गोरी गोरी त्वचा की छूवन के जादुई एहसास को महसूस करके मोहित एक झटके के साथ खड़ा हुआ और उसने अपने ऑफिस वाला बैग निकाल लिया और सीधे अपनी आंखो में रंगीन ख्वाब लिए अपनी मम्मी के बेडरूम की तरफ चल पड़ा।

मोहित ने धीरे से दरवाजा खोला एक तेज मादक परफ्यूम की गंध ने उसका स्वागत किया और सामने बिस्तर पड़ी हुई अपनी मम्मी को देख कर मोहित की आंखे खुली की खुली रह गई। सफेद रंग की चादर जिस पर गुलाब के फूल बिखरे हुए थे उस पर झुक कर पड़ी हुई उसकी मम्मी की चुचियों का उभार बहुत ही आकर्षक गोलाई लिए अपना जादू बिखेर रहे थे।

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मोहित को देखकर मधुलिका उपर की तरफ उठी और उसकी चूचियों के उभार और भी ज्यादा अपना आकार दिखाते हुए सीधे हो गए और मोहित की खुशी का कोई ठिकाना नही था। उसकी मम्मी ऐसे उत्तेजक दृश्य के साथ उसका स्वागत करेगी उसे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी। एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि अगर उसकी मम्मी को ट्यूब ही चाहिए तो खुद भी मांगने आ सकती थी लेकिन उसने खुद मुझे अपने इस सजे हुए बेडरूम में बुलाया है तो जरूर मम्मी के मन में कुछ चल रहा हैं।

मधुलिका ने अपने बेटे के हाथ में बैग देखा तो उसे याद आया कि ये तो वही बैग हैं जिसमे टैटू बनाने का सामान था। उफ्फ भगवान क्रीम के साथ साथ ये तो टैटू का बैग भी बिना बोले ही ले आया अपने साथ। इसका मतलब ये खुद भी मेरे बदन पर टैटू बनाने के लिए मरा जा रहा।

मोहित ने टैटू का बैग वही एक टेबल पर रख दिया और उसमे से क्रीम निकालने लगा। अभी तक दोनो मे बीच कोई बात नही हुई थी और मधुलिका भी अपनी आंख में उत्तेजना लिए अपने बेटे को देख रही थी और मोहित ने ट्यूब निकाली और मधुलिका की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

"लो मम्मी। आप ट्यूब मांग रहे थे टैटू की मालिश के लिए ।

मधुलिका को निराशा हुई क्योंकि उसे उम्मीद थी कि उसका बेटा खुद से मालिश के लिए बोल देगा लेकिन मोहित चाह रहा था कि पहल उसकी मम्मी खुद अपनी तरफ से करे। मधुलिका के मुंह पर जैसे शर्म का ताला लगा हुआ था लेकिन उसका जिस्म तो आजाद हैं। ये सोचकर मधुलिका दिल ही दिल मुस्कुरा उठी। दोनो जानते थे कि वो एक दूसरे के साथ क्या करना चाहते हैं लेकिन पहल करने से हिचकिचा रहे थे। मधुलिका ने हाथ आगे बढ़ा कर ट्यूब को पकड़ लिया और मोहित को बेड पर बैठने का इशारा किया और खुद अपनी छाती को आगे करते नीचे को पूरी उम्मीद से झुका दिया और गुलाब के फूल उठाते हुए बोली:"

" रुको जरा मैं पहले गुलाब के फूल उठा देती हु।


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मधुलिका ने गुलाब के फूल हटाने के बहाने अपनी चुचियों को आधे से ज्यादा नंगा कर दिया और मोहित की नजरे किसी बाज की तरह उसकी चुचियों पर गड़ती चली गई। मधुलिका बिना उपर देखे फूल हटाने लगी तो मोहित उसकी चूचियों को देखते हुए धीरे से बेड पर बैठ गया और उसको रोकते हुए बोला:"

" वैसे मुझे फूलो से एलर्जी नही है मम्मी। उल्टा मुझे फूल बहुत ज्यादा अच्छे लगते हैं।

इतना कहकर उसने एक बार से मधुलिका की चुचियों की तरफ देखा जिनके बीच की उभार में गुलाब की कुछ पंखुड़ियां घुस गई थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी। मधुलिका ने अपनी चुचियों की तरफ देखा और समझ गई कि उसका बेटा उसकी चुचियों को फूल बोल रहा है और उसने जैसे। ही अपनी चुचियों के बीच गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को देखा तो उसकी आंखे खुशी से चमक उठी और उसने अपना एक हाथ अपनी चूचियों की गहराइयों में उतार दिया और गुलाब की पंखुड़ियों को निकालने लगी। मधुलिका ने जान बूझकर अपनी उंगलियों से अपनी चुचियों को उपर की तरफ उभार दिया और उसकी गोल गोल नारियल जैसी चुचियों के सिर निप्पल ही उसके ब्लाउस में रह गए और बाकी पूरी चूचियां छलक पड़ी। मोहित ही कामुक नजारा देखकर समझ गया कि आज रात जरूर कुछ बड़ा होगा और लंड में ना चाहते हुए तनाव आने लगा।

मधुलिका ने आराम से अपनी चुचियों के बीच से गुलाब की पंखुड़ियों को निकाल दिया और उन्हें मुंह में डाल कर खा गई। मोहित पागल सा हो गया और उसकी आंखे थोड़ा सा लाल होने लगी। मधुलिका फिर से सीधी होकर बैठ गई और ट्यूब का ढक्कन खोलते हुए उसने मोहित से कहा:"

" मोहित मेरी एक सहेली है नेहा। उसने भी टैटू बनवाया था लेकिन उसकी स्किन पर निशान पड़ गए। बोल रही थी कि उसने ठीक से मालिश नही करी इसलिए ऐसा हुआ है।

शुरुवात करते हुए पहली ही गेंद को सीधे मोहित में पाले में डाल दिया और मोहित ने मंझे हुए खिलाड़ी की तरफ पहले ही गेंद पर सिक्स जड़ते हुए बोला:"

" मम्मी ऐसा बिलकुल हो जाता है। टैटू की मशीन स्किन पहली मुलायम लेयर में घुसती हैं टैटू बनाने के लिए इसलिए मालिश करना बेहद जरूरी होता है। नेहा आंटी को मैं जानता हूं लेकिन उनसे कहीं ज्यादा आपकी स्किन मुलायम और चमकदार हैं इसलिए आपको ज्यादा अच्छे से मालिश करनी चाहिए।

मधुलिका अपने बेटे की तरफ से पहली ही बार में इतनी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलते देखकर समझ गई कि उसका बेटा उसकी सोच से कहीं ज्यादा परिपक्व और समझदार हो गया है। मधुलिका ने क्रीम को अपनी उंगलियों में लिया और अपनी गर्दन पर बने टैटू की मालिश करने लगी। मधुलिका जान बूझकर बिलकुल हल्के हाथ से धीरे धीरे मालिश कर रही थी और वही हुआ जो उसने सोचा था। मोहित उसे मालिश करते हुए देखकर बीच में ही बोल पड़ा

" ओह मम्मी। ऐसे हल्के हाथों से मालिश करी तो पक्का निशान पड़ जायेंगे आपकी रूई के समान मुलायम स्किन पर क्योंकि क्रीम पहली लेयर तक पहुंच ही नहीं पायेगी।

मधुलिका की सांसे अपने बेटे की बात सुनकर थोड़ी सी तेज होने लगी और वो समझ गई कि पहली ही बार में तीर बिलकुल सही निशाने पर लग रहा हैं। मधुलिका ने मालिश को और ज्यादा धीमा कर दिया और दुखी सी होते हुए बोली:"

" बेटा मुझसे तो बस ऐसी ही मालिश होगी। अब तू ही बता क्या करू ?

मोहित को ये सुनहरा अवसर लगा और उसकी आंखे चमक रहा और बोला:"मम्मी आपको कठोर हाथ से मालिश की जरूरत है ताकि क्रीम पहली लेयर तक पहुंच जाए। मम्मी अगर आप चाहो तो मैं आपकी मालिश कर सकता...

नेकी और पूछ पूछ। मधुलिका ने मोहित की बात पूरी होने से पहले ही हान कर दिया और मोहित बिना एक पल भी गंवाए मधुलिका के पीछे पहुंच गया और उसने अपनी मम्मी के हाथो से ट्यूब ले ली। मधुलिका ने आने वाले उत्तेजक पलो की कल्पना करके ही अपनी आंखे बंद कर ली। मोहित ने पहली बार अपनी मम्मी की लगभग पूरी नंगी कमर को देखा और उसका दीवाना हो गया। बिलकुल चिकनी कमर, किसी नदी की तरह बलखाती हुई, हल्की सी चर्बी उसकी मादकता को और ज्यादा बढ़ा रही थी। मोहित ने अपनी उंगलियों पर क्रीम को लिया और उसने अपनी उंगलियों को अपनी मम्मी की गर्दन पर टिका दिया। मां बेटे दोनो एक साथ कांप उठे क्योंकि दोनो ही जानते थे कि दोनो एक दूसरे को आपसी सहमति से छू रहे है।

मोहित ने जैसे ही अपनी मम्मी की गर्दन पर दबाव बनाया तो मधुलिका को अपनी गर्दन की नसे खिंचती हुई सी महसूस हुई और उसके समूचे तन बदन में मीठी मीठी तरंगे दौड़ गई। मोहित ने अपनी हथेली को उसके चिकने नंगे कंधे पर टिका दिया और उसकी गर्दन पर उंगलियां घुमाते हुए मालिश करने लगा। मोहित ने अपनी चौड़ी मजबूत हथेली का दबाव पूरी ताकत से उसके कंधे पर दिया तो मधुलिका के मुंह से दर्द भरी कराह निकल पड़ी और उसका जिस्म बेड पर गिरता चला गया और मधुलिका धीरे से सिसक उठी

" आह बेटा, थोड़ा हल्के हाथ से कर ना, देख न गिर गई मैं।

मोहित भी बिना देर किए मधुलिका के पीछे ही गिर गया और उसकी गर्दन को मसलते हुए बोला:"

" हल्के हाथ से कोई फायदा नही होगा। आप एक करो ऐसे ही लेटी रहो। गिरोगी भी नहीं और मालिश अच्छे से हो जायेगी।

मधुलिका अपने बेटे के कठोर हाथो को महसूस करके कुछ बोलने की स्थिति में थी ही कहां। मोहित ने उसके पीछे आते हुए उसके एक कंधे को अपनी हथेली में फिर से पूरा भर लिया और कस कस कर मसलते हुए उसकी गर्दन पर मालिश करने लगा। गर्दन की मालिश करने के बहाने मोहित पूरी ताकत से अपनी मां के कंधे को मसल रहा था मसल रहा था और मधुलिका सब कुछ जानते हुए भी मदहोश सी पड़ी हुई थी और मधुलिका अपने पैरो की उंगलियों को आपस में रगड़ रही थी। मोहित ने रात वाली चाल चली और बोला:"

" मम्मी आपकी गर्दन बेहद ज्यादा गर्म हो रही है मानो इसमें से आग सी निकल रही है। क्रीम लगाते ही सूख रही हैं और गीली वाली क्रीम ऑफिस में ही रह गई क्या करू अब ?

मधुलिका अपने बेटे की मजबूरी समझ गई और रात जब उसके बेटे ने उसकी गर्दन को चूमा था ये सोचकर उसकी आंखे लाल सुर्ख हो गई और उसकी सांसे बेहद तेज हो गई। मधुलिका ने एक नजर अपनी उछलती हुई चुचियों पर डाली और कांपती हुई बोली:"

"रात की तरह कर ले बेटा। याद हैं ना कैसे किया रात तूने ?

मधुलिका ने पूरी तरह से मदहोश आवाज में कहा तो मोहित ने मुंह कुछ बोलने की बजाय अपने जलते हुए लिप्स को अपनी मां की गर्दन पर टिका दिया। जैसे ही मोहित ने अपनी मम्मी की गर्दन पर अपने जलते होंठो को रखा तो मधुलिका मस्ती और उत्तेजना से उछल पड़ी तो मोहित ने अपने पैरो को अपनी मां की कमर पर लपेट लिया और बोला:"

" उफ्फ मम्मी आपका सब कुछ उछलता ही रहता है। और पता नहीं क्या क्या काबू में करना पड़ेगा मुझे।

मधुलिका समझ गई थी उसकी कमर और पैरो के बाद उसका बेटा उसकी चुचियों को काबू करने की बात कर रहा है तो उसके बदन में उत्तेजना की एक तेज लहर दौड़ गई और मधुलिका मस्ती भरी आवाज में बोली:"

" आह बेटा क्या करू, तेरे छूते ही गुदगुदी सहन नहीं होती और सब कुछ उछलने लगता हैं।


मधुलिका ने जान बूझकर अपनी चुचियों को उपर की तरफ जोर से उछाल दिया तो मोहित ने उसके कंधे को कठोरता से थाम लिया और पूरी ताकत से उसकी कमर को अपनी मजबूत टांगो के बीच में कस लिया और उसके कान में फुसफुसाया

" आअअछ मम्मी। अपना बेटा सब कुछ काबू कर लेगा। रुको पहले आपकी गर्दन को ठंडा कर दू कहीं रात की तरह फिर से पापा बीच न आ जाए।

इतना कहकर उसने मधुलिका के कंधे को चूम लिया

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और जीभ निकालते हुए उसकी गर्दन को चूसने लगा। मधुलिका के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसका जिस्म उछलने लगा लेकिन उसके बेटे की मजबूत पकड़ के चलते वो उछल नही पा रही थी। मधुलिका की गर्दन खुद ही मोहित की जीभ पर उछलने लगी और मोहित ने उत्साह में आते हुए अपनी जीभ को पूरा बाहर निकाल दिया और उसकी जीभ मधुलिका की गर्दन चाटते हुए उसके गालों तक आने लगी और मधुलिका पूरी तरह से मदहोश हुए सिसक रही थी। मोहित के घुटने की रगड़ से उसकी गांड़ पर से साड़ी सरक गई थी और मधुलिका पागल सी हो गई और सिसक उठी

" अह्ह्ह्ह सीआईआई यूफफ्फ मोहित, कितनी गुदगुदी सहन नाहिईकी यूफफ्फ्फ।

मोहित ने अपने जीभ को उसके गाल पर फेरते उसके होंठ के से चूसते हुए नीचे की तरफ आया तो मधुलिका से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो किसी जंगली घोड़ी की तरह उछल उछल पड़ने लगी तो मोहित ने एक हाथ नीचे करते हुए उसकी गांड़ को अपने हाथ में थाम लिया और बोला:"

" आह मम्मी, सारे टैटू बनवा लो ना आप, गुलाब के फूलो पर आप पहली होगी जिसके जिस्म पर टैटू बनेंगे।

इतना कहकर मोहित ने उसकी गांड़ को पूरी ताकत से कस लिया और मधुलिका का पूरा शरीर उसका पूरा वजूद थरथरा उठा और जोर से कराह उठी

" आह बना ले बेटा, उफ्फ जो तेरा मन करे बना ले। सब टैटू बना दे आज ही। आह मोहित उफ्फ हय्यय।


मधुलिका ने खुद को पूरी तरह से अपने आपको अपने बेटे के हवाले कर दिया। मधुलिका जोर जोर से उछल उछल पड़ने लगी लेकिन मोहित की मजबूत बांहों में पूरी तरह से जकड़ी हुई थी और उसे आज एहसास हो रहा था कि असली और ताकतवर मर्द क्या होता है। उसके बेटे ने आज उसके छह फीट लंबे चौड़े भरे हुए मांसल शरीर को पूरी तरह से अपने कब्जे मे कर लिया था और मधुलिका उसकी ताकत पर फिदा होती चली गई।

मोहित ने जी भरकर अपनी मां की गर्दन को चूमा, चूसा चाटा और मधुलिका की पेंटी गीली होती चली गई। करीब 15 मिनट मोहित ने मधुलिका की गर्दन को चूसा और जैसे ही उसने अपनी पकड़ को ढीला किया तो मधुलिका बिस्तर पर लेट कर लंबी लंबी सांसे भरते हुए अपनी सांसों को काबू करने लगी। मोहित का लंड पत्थर की तरफ सख्त हो गया था और मोहित चाह रहा था कि उसकी मां की नजर उसके लंड पर न पड़े। मधुलिका की सांसे नॉर्मल हुई तो उसने अपनी गर्दन को छुआ तो उसकी गर्दन अब पहले जितनी गर्म महसूस नही हो रही थी। मधुलिका अपने बेटे की ताकत, उसके मजबूत जिस्म और उसकी मर्दानगी के आगे पूरी तरह से हार गई थी और उसने सोच लिया कि चाहे जो हो जाए वो आज अपने बेटे से टैटू जरूर बनवा कर रहेगी।

मोहित ने एक नजर अपनी मां के जिस्म पर डाली और देखा कि मधुलिका की केले के तने के समान मांसल चिकनी चिकनी जांघें और जांघो के बीच उसकी लाल रंग की छोटी सी पैंटी गीली होकर चमक रही थी। मोहित का मन किया कि अभी मुंह में भर कर चूस ले लेकिन उसके अंदर अभी इतनी हिम्मत नही थी।

मधुलिका की सांसे नॉर्मल हो गई तो उसे अपनी हालत का एहसास हुआ और अपनी साड़ी को ठीक किया और शर्मा गई। मोहित धीरे से उठा और बोला:"

" मम्मी मैं अभी बाथरूम से आया।

मोहित बाहर निकल गया और मधुलिका शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देखने लगी तो उसने देखा कि उसकी गर्दन उसके बेटे से चूस चूस कर बिल्कुल लाल सुर्ख कर दी थी। मधुलिका को नेहा की चूत याद आ गई और उसे एहसास हुआ कि नेहा की चूत भी इतनी लाल नही थी जितनी मोहित ने उसकी गर्दन कर दी थी। हाय भगवान मेरी चूत का क्या हाल..

मधुलिका सोचते सोचते बीच में ही रुक गई। उफ्फ मैं ये क्या सोचने लगी थी। मधुलिका ने अपना फोन निकाला और देखा कि 10:30 हो गए थे। उसने अपने पति राकेश का नंबर मिलाया ताकि ये पता चल जाए कि वो कब तक आयेगा। घंटी जा रही थी और मधुलिका मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी कि आज रात उसका पति घर आने के लिए मना कर दे।

राकेश ने फोन फोन उठाया और बोला:" सॉरी यार मधु। मैं आज रात नही आ पाऊंगा। एक बिजनेस डील के लिए मीटिंग है जो कल सुबह तक चलेगी।

अपने पति की बात सुनकर मधुलिका का मन खुशी से नाच उठा और बोली:"

" आप मेरी चिन्ता मत करो। मीटिंग पर ध्यान दो आखिर कार आप मेरे लिए ही तो सब करते हो। मैं नहीं समझूंगी तो भला कौन समझेगा।

राकेश:" थैंक्स मधु। अच्छा बाद में बात करता हु।

मधुलिका की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। पहली बार उसके पति ने कोई अच्छा काम किया है। थोड़ी देर पहले पति को देर से आने के लिए बोलने पर गाली देने वाली मधुलिका अब अपने बेटे के लिए दीवानी होकर उसके ना आने पर खुशी से मचल रही थी। उसका जिस्म उसके काबू में नहीं था और मधुलिका बेड पर लेट कर आने वाले मधुर पलो को सोचने लगी और उसकी चूचियां अकड़ने लगी और चूत में फिर से गीलापन उभार आया। मधुलिका ने बेड पर पड़ी हुई गुलाब की पंखुड़ियों को देखा जिनमे से कुछ बुरी तरह से मसली जा चुकी थी और मधुलिका ने बाकी गुलाब की पंखुड़ियों को कामुक स्माइल दी मानो उन्हें कह रही हो आज तुम्हारी खैर नहीं।

मोहित सीधे बाथरूम में घुस गया और उसने अपने लंबे चौड़े तगड़े लंड को बाहर निकाला और मधुलिका को याद करके जोर जोर से मुट्ठी मारने लगा। अपनी मां के कमरे में जाने से पहले एक बार लंड पर काबू करने के लिए मोहित उसे पूरी जोर जोर से हिलाने लगा और जल्दी ही उसकी मेहनत रंग लाई और उसके लंड ने एक जोरदार पिचकारी मार दी और मोहित सिसक उठा

" Ahhhhhh मधुलिका तेरी chutttttt

लंड के शांत पड़ते ही मोहित एक बार फिर से पूरे आत्म विश्वास के साथ अपनी मां के बेडरूम की तरफ चल पड़ा।
 
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GRahul

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मोहित ने जबसे अपनी मम्मी को सजे हुए देखा था बस उस के बारे में ही सोच रहा था। आराम से बिस्तर पर लेटे हुए मोहित अपनी मम्मी से बात करने का और उनके पास जाने का मौका ढूंढ रहा था और अपनी मम्मी की आवाज सुनकर उसके चेहरे पर खुशी दौड़ गई। वो तो कबसे तड़प रहा था कि अपनी खूबसूरत मम्मी का जी भरकर दीदार कर करे और उसकी मम्मी ने खुद ही आवाज लगाकर उसका काम आसान कर दिया था। मम्मी ने मुझे ट्यूब के साथ बुलाया है तो इसका मतलब वो मालिश भी करेगी अपनी गर्दन और कंधे की तो अगर मैं थोड़ा सा प्रयास कर करू तो मुझे ही मालिश करने का मौका मिल सकता है। मम्मी की मुलायम और गोरी गोरी त्वचा की छूवन के जादुई एहसास को महसूस करके मोहित एक झटके के साथ खड़ा हुआ और उसने अपने ऑफिस वाला बैग निकाल लिया और सीधे अपनी आंखो में रंगीन ख्वाब लिए अपनी मम्मी के बेडरूम की तरफ चल पड़ा।

मोहित ने धीरे से दरवाजा खोला एक तेज मादक परफ्यूम की गंध ने उसका स्वागत किया और सामने बिस्तर पड़ी हुई अपनी मम्मी को देख कर मोहित की आंखे खुली की खुली रह गई। सफेद रंग की चादर जिस पर गुलाब के फूल बिखरे हुए थे उस पर झुक कर पड़ी हुई उसकी मम्मी की चुचियों का उभार बहुत ही आकर्षक गोलाई लिए अपना जादू बिखेर रहे थे।

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मोहित को देखकर मधुलिका उपर की तरफ उठी और उसकी चूचियों के उभार और भी ज्यादा अपना आकार दिखाते हुए सीधे हो गए और मोहित की खुशी का कोई ठिकाना नही था। उसकी मम्मी ऐसे उत्तेजक दृश्य के साथ उसका स्वागत करेगी उसे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी। एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि अगर उसकी मम्मी को ट्यूब ही चाहिए तो खुद भी मांगने आ सकती थी लेकिन उसने खुद मुझे अपने इस सजे हुए बेडरूम में बुलाया है तो जरूर मम्मी के मन में कुछ चल रहा हैं।

मधुलिका ने अपने बेटे के हाथ में बैग देखा तो उसे याद आया कि ये तो वही बैग हैं जिसमे टैटू बनाने का सामान था। उफ्फ भगवान क्रीम के साथ साथ ये तो टैटू का बैग भी बिना बोले ही ले आया अपने साथ। इसका मतलब ये खुद भी मेरे बदन पर टैटू बनाने के लिए मरा जा रहा।

मोहित ने टैटू का बैग वही एक टेबल पर रख दिया और उसमे से क्रीम निकालने लगा। अभी तक दोनो मे बीच कोई बात नही हुई थी और मधुलिका भी अपनी आंख में उत्तेजना लिए अपने बेटे को देख रही थी और मोहित ने ट्यूब निकाली और मधुलिका की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

"लो मम्मी। आप ट्यूब मांग रहे थे टैटू की मालिश के लिए ।

मधुलिका को निराशा हुई क्योंकि उसे उम्मीद थी कि उसका बेटा खुद से मालिश के लिए बोल देगा लेकिन मोहित चाह रहा था कि पहल उसकी मम्मी खुद अपनी तरफ से करे। मधुलिका के मुंह पर जैसे शर्म का ताला लगा हुआ था लेकिन उसका जिस्म तो आजाद हैं। ये सोचकर मधुलिका दिल ही दिल मुस्कुरा उठी। दोनो जानते थे कि वो एक दूसरे के साथ क्या करना चाहते हैं लेकिन पहल करने से हिचकिचा रहे थे। मधुलिका ने हाथ आगे बढ़ा कर ट्यूब को पकड़ लिया और मोहित को बेड पर बैठने का इशारा किया और खुद अपनी छाती को आगे करते नीचे को पूरी उम्मीद से झुका दिया और गुलाब के फूल उठाते हुए बोली:"

" रुको जरा मैं पहले गुलाब के फूल उठा देती हु।


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मधुलिका ने गुलाब के फूल हटाने के बहाने अपनी चुचियों को आधे से ज्यादा नंगा कर दिया और मोहित की नजरे किसी बाज की तरह उसकी चुचियों पर गड़ती चली गई। मधुलिका बिना उपर देखे फूल हटाने लगी तो मोहित उसकी चूचियों को देखते हुए धीरे से बेड पर बैठ गया और उसको रोकते हुए बोला:"

" वैसे मुझे फूलो से एलर्जी नही है मम्मी। उल्टा मुझे फूल बहुत ज्यादा अच्छे लगते हैं।

इतना कहकर उसने एक बार से मधुलिका की चुचियों की तरफ देखा जिनके बीच की उभार में गुलाब की कुछ पंखुड़ियां घुस गई थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी। मधुलिका ने अपनी चुचियों की तरफ देखा और समझ गई कि उसका बेटा उसकी चुचियों को फूल बोल रहा है और उसने जैसे। ही अपनी चुचियों के बीच गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को देखा तो उसकी आंखे खुशी से चमक उठी और उसने अपना एक हाथ अपनी चूचियों की गहराइयों में उतार दिया और गुलाब की पंखुड़ियों को निकालने लगी। मधुलिका ने जान बूझकर अपनी उंगलियों से अपनी चुचियों को उपर की तरफ उभार दिया और उसकी गोल गोल नारियल जैसी चुचियों के सिर निप्पल ही उसके ब्लाउस में रह गए और बाकी पूरी चूचियां छलक पड़ी। मोहित ही कामुक नजारा देखकर समझ गया कि आज रात जरूर कुछ बड़ा होगा और लंड में ना चाहते हुए तनाव आने लगा।

मधुलिका ने आराम से अपनी चुचियों के बीच से गुलाब की पंखुड़ियों को निकाल दिया और उन्हें मुंह में डाल कर खा गई। मोहित पागल सा हो गया और उसकी आंखे थोड़ा सा लाल होने लगी। मधुलिका फिर से सीधी होकर बैठ गई और ट्यूब का ढक्कन खोलते हुए उसने मोहित से कहा:"

" मोहित मेरी एक सहेली है नेहा। उसने भी टैटू बनवाया था लेकिन उसकी स्किन पर निशान पड़ गए। बोल रही थी कि उसने ठीक से मालिश नही करी इसलिए ऐसा हुआ है।

शुरुवात करते हुए पहली ही गेंद को सीधे मोहित में पाले में डाल दिया और मोहित ने मंझे हुए खिलाड़ी की तरफ पहले ही गेंद पर सिक्स जड़ते हुए बोला:"

" मम्मी ऐसा बिलकुल हो जाता है। टैटू की मशीन स्किन पहली मुलायम लेयर में घुसती हैं टैटू बनाने के लिए इसलिए मालिश करना बेहद जरूरी होता है। नेहा आंटी को मैं जानता हूं लेकिन उनसे कहीं ज्यादा आपकी स्किन मुलायम और चमकदार हैं इसलिए आपको ज्यादा अच्छे से मालिश करनी चाहिए।

मधुलिका अपने बेटे की तरफ से पहली ही बार में इतनी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलते देखकर समझ गई कि उसका बेटा उसकी सोच से कहीं ज्यादा परिपक्व और समझदार हो गया है। मधुलिका ने क्रीम को अपनी उंगलियों में लिया और अपनी गर्दन पर बने टैटू की मालिश करने लगी। मधुलिका जान बूझकर बिलकुल हल्के हाथ से धीरे धीरे मालिश कर रही थी और वही हुआ जो उसने सोचा था। मोहित उसे मालिश करते हुए देखकर बीच में ही बोल पड़ा

" ओह मम्मी। ऐसे हल्के हाथों से मालिश करी तो पक्का निशान पड़ जायेंगे आपकी रूई के समान मुलायम स्किन पर क्योंकि क्रीम पहली लेयर तक पहुंच ही नहीं पायेगी।

मधुलिका की सांसे अपने बेटे की बात सुनकर थोड़ी सी तेज होने लगी और वो समझ गई कि पहली ही बार में तीर बिलकुल सही निशाने पर लग रहा हैं। मधुलिका ने मालिश को और ज्यादा धीमा कर दिया और दुखी सी होते हुए बोली:"

" बेटा मुझसे तो बस ऐसी ही मालिश होगी। अब तू ही बता क्या करू ?

मोहित को ये सुनहरा अवसर लगा और उसकी आंखे चमक रहा और बोला:"मम्मी आपको कठोर हाथ से मालिश की जरूरत है ताकि क्रीम पहली लेयर तक पहुंच जाए। मम्मी अगर आप चाहो तो मैं आपकी मालिश कर सकता...

नेकी और पूछ पूछ। मधुलिका ने मोहित की बात पूरी होने से पहले ही हान कर दिया और मोहित बिना एक पल भी गंवाए मधुलिका के पीछे पहुंच गया और उसने अपनी मम्मी के हाथो से ट्यूब ले ली। मधुलिका ने आने वाले उत्तेजक पलो की कल्पना करके ही अपनी आंखे बंद कर ली। मोहित ने पहली बार अपनी मम्मी की लगभग पूरी नंगी कमर को देखा और उसका दीवाना हो गया। बिलकुल चिकनी कमर, किसी नदी की तरह बलखाती हुई, हल्की सी चर्बी उसकी मादकता को और ज्यादा बढ़ा रही थी। मोहित ने अपनी उंगलियों पर क्रीम को लिया और उसने अपनी उंगलियों को अपनी मम्मी की गर्दन पर टिका दिया। मां बेटे दोनो एक साथ कांप उठे क्योंकि दोनो ही जानते थे कि दोनो एक दूसरे को आपसी सहमति से छू रहे है।

मोहित ने जैसे ही अपनी मम्मी की गर्दन पर दबाव बनाया तो मधुलिका को अपनी गर्दन की नसे खिंचती हुई सी महसूस हुई और उसके समूचे तन बदन में मीठी मीठी तरंगे दौड़ गई। मोहित ने अपनी हथेली को उसके चिकने नंगे कंधे पर टिका दिया और उसकी गर्दन पर उंगलियां घुमाते हुए मालिश करने लगा। मोहित ने अपनी चौड़ी मजबूत हथेली का दबाव पूरी ताकत से उसके कंधे पर दिया तो मधुलिका के मुंह से दर्द भरी कराह निकल पड़ी और उसका जिस्म बेड पर गिरता चला गया और मधुलिका धीरे से सिसक उठी

" आह बेटा, थोड़ा हल्के हाथ से कर ना, देख न गिर गई मैं।

मोहित भी बिना देर किए मधुलिका के पीछे ही गिर गया और उसकी गर्दन को मसलते हुए बोला:"

" हल्के हाथ से कोई फायदा नही होगा। आप एक करो ऐसे ही लेटी रहो। गिरोगी भी नहीं और मालिश अच्छे से हो जायेगी।

मधुलिका अपने बेटे के कठोर हाथो को महसूस करके कुछ बोलने की स्थिति में थी ही कहां। मोहित ने उसके पीछे आते हुए उसके एक कंधे को अपनी हथेली में फिर से पूरा भर लिया और कस कस कर मसलते हुए उसकी गर्दन पर मालिश करने लगा। गर्दन की मालिश करने के बहाने मोहित पूरी ताकत से अपनी मां के कंधे को मसल रहा था मसल रहा था और मधुलिका सब कुछ जानते हुए भी मदहोश सी पड़ी हुई थी और मधुलिका अपने पैरो की उंगलियों को आपस में रगड़ रही थी। मोहित ने रात वाली चाल चली और बोला:"

" मम्मी आपकी गर्दन बेहद ज्यादा गर्म हो रही है मानो इसमें से आग सी निकल रही है। क्रीम लगाते ही सूख रही हैं और गीली वाली क्रीम ऑफिस में ही रह गई क्या करू अब ?

मधुलिका अपने बेटे की मजबूरी समझ गई और रात जब उसके बेटे ने उसकी गर्दन को चूमा था ये सोचकर उसकी आंखे लाल सुर्ख हो गई और उसकी सांसे बेहद तेज हो गई। मधुलिका ने एक नजर अपनी उछलती हुई चुचियों पर डाली और कांपती हुई बोली:"
"रात की तरह कर ले बेटा।

मधुलिका ने पूरी तरह से मदहोश आवाज में कहा तो मोहित ने जैसे ही अपनी मम्मी की गर्दन पर अपने जलते होंठो को रखा तो मधुलिका मस्ती और उत्तेजना से उछल पड़ी तो मोहित ने अपने पैरो को अपनी मां की कमर पर लपेट लिया और बोला:"

" उफ्फ मम्मी आपका सब कुछ उछलता ही रहता है। और पता नहीं क्या क्या काबू में करना पड़ेगा मुझे।

मधुलिका समझ गई थी उसकी कमर और पैरो के बाद उसका बेटा उसकी चुचियों को काबू करने की बात कर रहा है तो उसके बदन में उत्तेजना की एक तेज लहर दौड़ गई और मधुलिका मस्ती भरी आवाज में बोली:"

" आह बेटा क्या करू, तेरे छूते ही गुदगुदी सहन नहीं होती और सब कुछ उछलने लगता हैं।

मोहित ने उसके कंधे को कठोरता से थाम लिया और पूरी ताकत से उसकी कमर को अपनी मजबूत टांगो के बीच में कस लिया और उसके कान में फुसफुसाया

" आअअछ मम्मी। अपना बेटा सब कुछ काबू कर लेगा। रुको पहले आपकी गर्दन को ठंडा कर दू कहीं रात की तरह फिर से पापा बीच न आ जाए।

इतना कहकर उसने मधुलिका के कंधे को चूम लिया

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और जीभ निकालते हुए उसकी गर्दन को चूसने लगा।
मधुलिका के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसका जिस्म उछलने लगा लेकिन उसके बेटे की मजबूत पकड़ के चलते वो उछल नही पा रही थी। मधुलिका की गर्दन खुद ही मोहित की जीभ पर उछलने लगी और मोहित ने उत्साह में आते हुए अपनी जीभ को पूरा बाहर निकाल दिया और उसकी जीभ मधुलिका की गर्दन चाटते हुए उसके गालों तक आने लगी और मधुलिका पूरी तरह से मदहोश हुए सिसक रही थी। मोहित के घुटने की रगड़ से उसकी गांड़ पर से साड़ी सरक गई थी और मधुलिका पागल सी हो गई और सिसक उठी

" अह्ह्ह्ह सीआईआई यूफफ्फ मोहित, कितनी गुदगुदी सहन नाहिईकी यूफफ्फ्फ।

मोहित ने अपने जीभ को उसके गाल पर फेरते उसके होंठ के से चूसते हुए नीचे की तरफ आया तो मधुलिका से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो किसी जंगली घोड़ी की तरह उछल उछल पड़ने लगी तो मोहित ने एक हाथ नीचे करते हुए उसकी गांड़ को अपने हाथ में थाम लिया और बोला:"

" आह मम्मी, सारे टैटू बनवा लो ना आप, गुलाब के फूलो पर आप पहली होगी जिसके जिस्म पर टैटू बनेंगे।

इतना कहकर मोहित ने उसकी गांड़ को पूरी ताकत से कस लिया और मधुलिका का पूरा शरीर उसका पूरा वजूद थरथरा उठा और जोर से कराह उठी

" आह बना ले बेटा, उफ्फ जो तेरा मन करे बना ले। सब टैटू बना दे आज ही। आह मोहित उफ्फ हय्यय।


मधुलिका ने खुद को पूरी तरह से अपने आपको अपने बेटे के हवाले कर दिया। मधुलिका जोर जोर से उछल उछल पड़ने लगी
लेकिन मोहित की मजबूत बांहों में पूरी तरह से जकड़ी हुई थी और उसे आज एहसास हो रहा था कि असली और ताकतवर मर्द क्या होता है। उसके बेटे ने आज उसके छह फीट लंबे चौड़े भरे हुए मांसल शरीर को पूरी तरह से अपने कब्जे मे कर लिया था और मधुलिका उसकी ताकत पर फिदा होती चली गई।

मोहित ने जी भरकर अपनी मां की गर्दन को चूमा, चूसा चाटा और मधुलिका की पेंटी गीली होती चली गई। करीब 15 मिनट मोहित ने मधुलिका की गर्दन को चूसा और जैसे ही उसने अपनी पकड़ को ढीला किया तो मधुलिका बिस्तर पर लेट कर लंबी लंबी सांसे भरते हुए अपनी सांसों को काबू करने लगी। मोहित का लंड पत्थर की तरफ सख्त हो गया था और मोहित चाह रहा था कि उसकी मां की नजर उसके लंड पर न पड़े। मधुलिका की सांसे नॉर्मल हुई तो उसने अपनी गर्दन को छुआ तो उसकी गर्दन अब पहले जितनी गर्म महसूस नही हो रही थी। मधुलिका अपने बेटे की ताकत, उसके मजबूत जिस्म और उसकी मर्दानगी के आगे पूरी तरह से हार गई थी और उसने सोच लिया कि चाहे जो हो जाए वो आज अपने बेटे से टैटू जरूर बनवा कर रहेगी।

मोहित ने एक नजर अपनी मां के जिस्म पर डाली और देखा कि मधुलिका की केले के तने के समान मांसल चिकनी चिकनी जांघें और जांघो के बीच उसकी लाल रंग की छोटी सी पैंटी गीली होकर चमक रही थी। मोहित का मन किया कि अभी मुंह में भर कर चूस ले लेकिन उसके अंदर अभी इतनी हिम्मत नही थी।

मधुलिका की सांसे नॉर्मल हो गई तो उसे अपनी हालत का एहसास हुआ और अपनी साड़ी को ठीक किया और शर्मा गई। मोहित धीरे से उठा और बोला:"

" मम्मी मैं अभी बाथरूम से आया।

मोहित बाहर निकल गया और मधुलिका शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देखने लगी तो उसने देखा कि उसकी गर्दन उसके बेटे से चूस चूस कर बिल्कुल लाल सुर्ख कर दी थी। मधुलिका को नेहा की चूत याद आ गई और उसे एहसास हुआ कि नेहा की चूत भी इतनी लाल नही थी जितनी मोहित ने उसकी गर्दन कर दी थी। हाय भगवान मेरी चूत का क्या हाल..

मधुलिका सोचते सोचते बीच में ही रुक गई। उफ्फ मैं ये क्या सोचने लगी थी। मधुलिका ने अपना फोन निकाला और देखा कि 10:30 हो गए थे। उसने अपने पति राकेश का नंबर मिलाया ताकि ये पता चल जाए कि वो कब तक आयेगा। घंटी जा रही थी और मधुलिका मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी कि आज रात उसका पति घर आने के लिए मना कर दे।

राकेश ने फोन फोन उठाया और बोला:" सॉरी यार मधु। मैं आज रात नही आ पाऊंगा। एक बिजनेस डील के लिए मीटिंग है जो कल सुबह तक चलेगी।

अपने पति की बात सुनकर मधुलिका का मन खुशी से नाच उठा और बोली:"

" आप मेरी चिन्ता मत करो। मीटिंग पर ध्यान दो आखिर कार आप मेरे लिए ही तो सब करते हो। मैं नहीं समझूंगी तो भला कौन समझेगा।

राकेश:" थैंक्स मधु। अच्छा बाद में बात करता हु।

मधुलिका की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। पहली बार उसके पति ने कोई अच्छा काम किया है। थोड़ी देर पहले पति को देर से आने के लिए बोलने पर गाली देने वाली मधुलिका अब अपने बेटे के लिए दीवानी होकर उसके ना आने पर खुशी से मचल रही थी। उसका जिस्म उसके काबू में नहीं था और मधुलिका बेड पर लेट कर आने वाले मधुर पलो को सोचने लगी और उसकी चूचियां अकड़ने लगी और चूत में फिर से गीलापन उभार आया। मधुलिका ने बेड पर पड़ी हुई गुलाब की पंखुड़ियों को देखा जिनमे से कुछ बुरी तरह से मसली जा चुकी थी और मधुलिका ने बाकी गुलाब की पंखुड़ियों को कामुक स्माइल दी मानो उन्हें कह रही हो आज तुम्हारी खैर नहीं।

मोहित सीधे बाथरूम में घुस गया और उसने अपने लंबे चौड़े तगड़े लंड को बाहर निकाला और मधुलिका को याद करके जोर जोर से मुट्ठी मारने लगा। अपनी मां के कमरे में जाने से पहले एक बार लंड पर काबू करने के लिए मोहित उसे पूरी जोर जोर से हिलाने लगा और जल्दी ही उसकी मेहनत रंग लाई और उसके लंड ने एक जोरदार पिचकारी मार दी और मोहित सिसक उठा

" Ahhhhhh मधुलिका तेरी chutttttt

लंड के शांत पड़ते ही मोहित एक बार फिर से पूरे आत्म विश्वास के साथ अपनी मां के बेडरूम की तरफ चल पड़ा।
Jabardast aur kamuk update keep it continue
 
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Naik

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मोहित ने जबसे अपनी मम्मी को सजे हुए देखा था बस उस के बारे में ही सोच रहा था। आराम से बिस्तर पर लेटे हुए मोहित अपनी मम्मी से बात करने का और उनके पास जाने का मौका ढूंढ रहा था और अपनी मम्मी की आवाज सुनकर उसके चेहरे पर खुशी दौड़ गई। वो तो कबसे तड़प रहा था कि अपनी खूबसूरत मम्मी का जी भरकर दीदार कर करे और उसकी मम्मी ने खुद ही आवाज लगाकर उसका काम आसान कर दिया था। मम्मी ने मुझे ट्यूब के साथ बुलाया है तो इसका मतलब वो मालिश भी करेगी अपनी गर्दन और कंधे की तो अगर मैं थोड़ा सा प्रयास कर करू तो मुझे ही मालिश करने का मौका मिल सकता है। मम्मी की मुलायम और गोरी गोरी त्वचा की छूवन के जादुई एहसास को महसूस करके मोहित एक झटके के साथ खड़ा हुआ और उसने अपने ऑफिस वाला बैग निकाल लिया और सीधे अपनी आंखो में रंगीन ख्वाब लिए अपनी मम्मी के बेडरूम की तरफ चल पड़ा।

मोहित ने धीरे से दरवाजा खोला एक तेज मादक परफ्यूम की गंध ने उसका स्वागत किया और सामने बिस्तर पड़ी हुई अपनी मम्मी को देख कर मोहित की आंखे खुली की खुली रह गई। सफेद रंग की चादर जिस पर गुलाब के फूल बिखरे हुए थे उस पर झुक कर पड़ी हुई उसकी मम्मी की चुचियों का उभार बहुत ही आकर्षक गोलाई लिए अपना जादू बिखेर रहे थे।

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मोहित को देखकर मधुलिका उपर की तरफ उठी और उसकी चूचियों के उभार और भी ज्यादा अपना आकार दिखाते हुए सीधे हो गए और मोहित की खुशी का कोई ठिकाना नही था। उसकी मम्मी ऐसे उत्तेजक दृश्य के साथ उसका स्वागत करेगी उसे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी। एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि अगर उसकी मम्मी को ट्यूब ही चाहिए तो खुद भी मांगने आ सकती थी लेकिन उसने खुद मुझे अपने इस सजे हुए बेडरूम में बुलाया है तो जरूर मम्मी के मन में कुछ चल रहा हैं।

मधुलिका ने अपने बेटे के हाथ में बैग देखा तो उसे याद आया कि ये तो वही बैग हैं जिसमे टैटू बनाने का सामान था। उफ्फ भगवान क्रीम के साथ साथ ये तो टैटू का बैग भी बिना बोले ही ले आया अपने साथ। इसका मतलब ये खुद भी मेरे बदन पर टैटू बनाने के लिए मरा जा रहा।

मोहित ने टैटू का बैग वही एक टेबल पर रख दिया और उसमे से क्रीम निकालने लगा। अभी तक दोनो मे बीच कोई बात नही हुई थी और मधुलिका भी अपनी आंख में उत्तेजना लिए अपने बेटे को देख रही थी और मोहित ने ट्यूब निकाली और मधुलिका की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

"लो मम्मी। आप ट्यूब मांग रहे थे टैटू की मालिश के लिए ।

मधुलिका को निराशा हुई क्योंकि उसे उम्मीद थी कि उसका बेटा खुद से मालिश के लिए बोल देगा लेकिन मोहित चाह रहा था कि पहल उसकी मम्मी खुद अपनी तरफ से करे। मधुलिका के मुंह पर जैसे शर्म का ताला लगा हुआ था लेकिन उसका जिस्म तो आजाद हैं। ये सोचकर मधुलिका दिल ही दिल मुस्कुरा उठी। दोनो जानते थे कि वो एक दूसरे के साथ क्या करना चाहते हैं लेकिन पहल करने से हिचकिचा रहे थे। मधुलिका ने हाथ आगे बढ़ा कर ट्यूब को पकड़ लिया और मोहित को बेड पर बैठने का इशारा किया और खुद अपनी छाती को आगे करते नीचे को पूरी उम्मीद से झुका दिया और गुलाब के फूल उठाते हुए बोली:"

" रुको जरा मैं पहले गुलाब के फूल उठा देती हु।


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मधुलिका ने गुलाब के फूल हटाने के बहाने अपनी चुचियों को आधे से ज्यादा नंगा कर दिया और मोहित की नजरे किसी बाज की तरह उसकी चुचियों पर गड़ती चली गई। मधुलिका बिना उपर देखे फूल हटाने लगी तो मोहित उसकी चूचियों को देखते हुए धीरे से बेड पर बैठ गया और उसको रोकते हुए बोला:"

" वैसे मुझे फूलो से एलर्जी नही है मम्मी। उल्टा मुझे फूल बहुत ज्यादा अच्छे लगते हैं।

इतना कहकर उसने एक बार से मधुलिका की चुचियों की तरफ देखा जिनके बीच की उभार में गुलाब की कुछ पंखुड़ियां घुस गई थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी। मधुलिका ने अपनी चुचियों की तरफ देखा और समझ गई कि उसका बेटा उसकी चुचियों को फूल बोल रहा है और उसने जैसे। ही अपनी चुचियों के बीच गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को देखा तो उसकी आंखे खुशी से चमक उठी और उसने अपना एक हाथ अपनी चूचियों की गहराइयों में उतार दिया और गुलाब की पंखुड़ियों को निकालने लगी। मधुलिका ने जान बूझकर अपनी उंगलियों से अपनी चुचियों को उपर की तरफ उभार दिया और उसकी गोल गोल नारियल जैसी चुचियों के सिर निप्पल ही उसके ब्लाउस में रह गए और बाकी पूरी चूचियां छलक पड़ी। मोहित ही कामुक नजारा देखकर समझ गया कि आज रात जरूर कुछ बड़ा होगा और लंड में ना चाहते हुए तनाव आने लगा।

मधुलिका ने आराम से अपनी चुचियों के बीच से गुलाब की पंखुड़ियों को निकाल दिया और उन्हें मुंह में डाल कर खा गई। मोहित पागल सा हो गया और उसकी आंखे थोड़ा सा लाल होने लगी। मधुलिका फिर से सीधी होकर बैठ गई और ट्यूब का ढक्कन खोलते हुए उसने मोहित से कहा:"

" मोहित मेरी एक सहेली है नेहा। उसने भी टैटू बनवाया था लेकिन उसकी स्किन पर निशान पड़ गए। बोल रही थी कि उसने ठीक से मालिश नही करी इसलिए ऐसा हुआ है।

शुरुवात करते हुए पहली ही गेंद को सीधे मोहित में पाले में डाल दिया और मोहित ने मंझे हुए खिलाड़ी की तरफ पहले ही गेंद पर सिक्स जड़ते हुए बोला:"

" मम्मी ऐसा बिलकुल हो जाता है। टैटू की मशीन स्किन पहली मुलायम लेयर में घुसती हैं टैटू बनाने के लिए इसलिए मालिश करना बेहद जरूरी होता है। नेहा आंटी को मैं जानता हूं लेकिन उनसे कहीं ज्यादा आपकी स्किन मुलायम और चमकदार हैं इसलिए आपको ज्यादा अच्छे से मालिश करनी चाहिए।

मधुलिका अपने बेटे की तरफ से पहली ही बार में इतनी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलते देखकर समझ गई कि उसका बेटा उसकी सोच से कहीं ज्यादा परिपक्व और समझदार हो गया है। मधुलिका ने क्रीम को अपनी उंगलियों में लिया और अपनी गर्दन पर बने टैटू की मालिश करने लगी। मधुलिका जान बूझकर बिलकुल हल्के हाथ से धीरे धीरे मालिश कर रही थी और वही हुआ जो उसने सोचा था। मोहित उसे मालिश करते हुए देखकर बीच में ही बोल पड़ा

" ओह मम्मी। ऐसे हल्के हाथों से मालिश करी तो पक्का निशान पड़ जायेंगे आपकी रूई के समान मुलायम स्किन पर क्योंकि क्रीम पहली लेयर तक पहुंच ही नहीं पायेगी।

मधुलिका की सांसे अपने बेटे की बात सुनकर थोड़ी सी तेज होने लगी और वो समझ गई कि पहली ही बार में तीर बिलकुल सही निशाने पर लग रहा हैं। मधुलिका ने मालिश को और ज्यादा धीमा कर दिया और दुखी सी होते हुए बोली:"

" बेटा मुझसे तो बस ऐसी ही मालिश होगी। अब तू ही बता क्या करू ?

मोहित को ये सुनहरा अवसर लगा और उसकी आंखे चमक रहा और बोला:"मम्मी आपको कठोर हाथ से मालिश की जरूरत है ताकि क्रीम पहली लेयर तक पहुंच जाए। मम्मी अगर आप चाहो तो मैं आपकी मालिश कर सकता...

नेकी और पूछ पूछ। मधुलिका ने मोहित की बात पूरी होने से पहले ही हान कर दिया और मोहित बिना एक पल भी गंवाए मधुलिका के पीछे पहुंच गया और उसने अपनी मम्मी के हाथो से ट्यूब ले ली। मधुलिका ने आने वाले उत्तेजक पलो की कल्पना करके ही अपनी आंखे बंद कर ली। मोहित ने पहली बार अपनी मम्मी की लगभग पूरी नंगी कमर को देखा और उसका दीवाना हो गया। बिलकुल चिकनी कमर, किसी नदी की तरह बलखाती हुई, हल्की सी चर्बी उसकी मादकता को और ज्यादा बढ़ा रही थी। मोहित ने अपनी उंगलियों पर क्रीम को लिया और उसने अपनी उंगलियों को अपनी मम्मी की गर्दन पर टिका दिया। मां बेटे दोनो एक साथ कांप उठे क्योंकि दोनो ही जानते थे कि दोनो एक दूसरे को आपसी सहमति से छू रहे है।

मोहित ने जैसे ही अपनी मम्मी की गर्दन पर दबाव बनाया तो मधुलिका को अपनी गर्दन की नसे खिंचती हुई सी महसूस हुई और उसके समूचे तन बदन में मीठी मीठी तरंगे दौड़ गई। मोहित ने अपनी हथेली को उसके चिकने नंगे कंधे पर टिका दिया और उसकी गर्दन पर उंगलियां घुमाते हुए मालिश करने लगा। मोहित ने अपनी चौड़ी मजबूत हथेली का दबाव पूरी ताकत से उसके कंधे पर दिया तो मधुलिका के मुंह से दर्द भरी कराह निकल पड़ी और उसका जिस्म बेड पर गिरता चला गया और मधुलिका धीरे से सिसक उठी

" आह बेटा, थोड़ा हल्के हाथ से कर ना, देख न गिर गई मैं।

मोहित भी बिना देर किए मधुलिका के पीछे ही गिर गया और उसकी गर्दन को मसलते हुए बोला:"

" हल्के हाथ से कोई फायदा नही होगा। आप एक करो ऐसे ही लेटी रहो। गिरोगी भी नहीं और मालिश अच्छे से हो जायेगी।

मधुलिका अपने बेटे के कठोर हाथो को महसूस करके कुछ बोलने की स्थिति में थी ही कहां। मोहित ने उसके पीछे आते हुए उसके एक कंधे को अपनी हथेली में फिर से पूरा भर लिया और कस कस कर मसलते हुए उसकी गर्दन पर मालिश करने लगा। गर्दन की मालिश करने के बहाने मोहित पूरी ताकत से अपनी मां के कंधे को मसल रहा था मसल रहा था और मधुलिका सब कुछ जानते हुए भी मदहोश सी पड़ी हुई थी और मधुलिका अपने पैरो की उंगलियों को आपस में रगड़ रही थी। मोहित ने रात वाली चाल चली और बोला:"

" मम्मी आपकी गर्दन बेहद ज्यादा गर्म हो रही है मानो इसमें से आग सी निकल रही है। क्रीम लगाते ही सूख रही हैं और गीली वाली क्रीम ऑफिस में ही रह गई क्या करू अब ?

मधुलिका अपने बेटे की मजबूरी समझ गई और रात जब उसके बेटे ने उसकी गर्दन को चूमा था ये सोचकर उसकी आंखे लाल सुर्ख हो गई और उसकी सांसे बेहद तेज हो गई। मधुलिका ने एक नजर अपनी उछलती हुई चुचियों पर डाली और कांपती हुई बोली:"
"रात की तरह कर ले बेटा।

मधुलिका ने पूरी तरह से मदहोश आवाज में कहा तो मोहित ने जैसे ही अपनी मम्मी की गर्दन पर अपने जलते होंठो को रखा तो मधुलिका मस्ती और उत्तेजना से उछल पड़ी तो मोहित ने अपने पैरो को अपनी मां की कमर पर लपेट लिया और बोला:"

" उफ्फ मम्मी आपका सब कुछ उछलता ही रहता है। और पता नहीं क्या क्या काबू में करना पड़ेगा मुझे।

मधुलिका समझ गई थी उसकी कमर और पैरो के बाद उसका बेटा उसकी चुचियों को काबू करने की बात कर रहा है तो उसके बदन में उत्तेजना की एक तेज लहर दौड़ गई और मधुलिका मस्ती भरी आवाज में बोली:"

" आह बेटा क्या करू, तेरे छूते ही गुदगुदी सहन नहीं होती और सब कुछ उछलने लगता हैं।

मोहित ने उसके कंधे को कठोरता से थाम लिया और पूरी ताकत से उसकी कमर को अपनी मजबूत टांगो के बीच में कस लिया और उसके कान में फुसफुसाया

" आअअछ मम्मी। अपना बेटा सब कुछ काबू कर लेगा। रुको पहले आपकी गर्दन को ठंडा कर दू कहीं रात की तरह फिर से पापा बीच न आ जाए।

इतना कहकर उसने मधुलिका के कंधे को चूम लिया

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और जीभ निकालते हुए उसकी गर्दन को चूसने लगा।
मधुलिका के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसका जिस्म उछलने लगा लेकिन उसके बेटे की मजबूत पकड़ के चलते वो उछल नही पा रही थी। मधुलिका की गर्दन खुद ही मोहित की जीभ पर उछलने लगी और मोहित ने उत्साह में आते हुए अपनी जीभ को पूरा बाहर निकाल दिया और उसकी जीभ मधुलिका की गर्दन चाटते हुए उसके गालों तक आने लगी और मधुलिका पूरी तरह से मदहोश हुए सिसक रही थी। मोहित के घुटने की रगड़ से उसकी गांड़ पर से साड़ी सरक गई थी और मधुलिका पागल सी हो गई और सिसक उठी

" अह्ह्ह्ह सीआईआई यूफफ्फ मोहित, कितनी गुदगुदी सहन नाहिईकी यूफफ्फ्फ।

मोहित ने अपने जीभ को उसके गाल पर फेरते उसके होंठ के से चूसते हुए नीचे की तरफ आया तो मधुलिका से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो किसी जंगली घोड़ी की तरह उछल उछल पड़ने लगी तो मोहित ने एक हाथ नीचे करते हुए उसकी गांड़ को अपने हाथ में थाम लिया और बोला:"

" आह मम्मी, सारे टैटू बनवा लो ना आप, गुलाब के फूलो पर आप पहली होगी जिसके जिस्म पर टैटू बनेंगे।

इतना कहकर मोहित ने उसकी गांड़ को पूरी ताकत से कस लिया और मधुलिका का पूरा शरीर उसका पूरा वजूद थरथरा उठा और जोर से कराह उठी

" आह बना ले बेटा, उफ्फ जो तेरा मन करे बना ले। सब टैटू बना दे आज ही। आह मोहित उफ्फ हय्यय।


मधुलिका ने खुद को पूरी तरह से अपने आपको अपने बेटे के हवाले कर दिया। मधुलिका जोर जोर से उछल उछल पड़ने लगी
लेकिन मोहित की मजबूत बांहों में पूरी तरह से जकड़ी हुई थी और उसे आज एहसास हो रहा था कि असली और ताकतवर मर्द क्या होता है। उसके बेटे ने आज उसके छह फीट लंबे चौड़े भरे हुए मांसल शरीर को पूरी तरह से अपने कब्जे मे कर लिया था और मधुलिका उसकी ताकत पर फिदा होती चली गई।

मोहित ने जी भरकर अपनी मां की गर्दन को चूमा, चूसा चाटा और मधुलिका की पेंटी गीली होती चली गई। करीब 15 मिनट मोहित ने मधुलिका की गर्दन को चूसा और जैसे ही उसने अपनी पकड़ को ढीला किया तो मधुलिका बिस्तर पर लेट कर लंबी लंबी सांसे भरते हुए अपनी सांसों को काबू करने लगी। मोहित का लंड पत्थर की तरफ सख्त हो गया था और मोहित चाह रहा था कि उसकी मां की नजर उसके लंड पर न पड़े। मधुलिका की सांसे नॉर्मल हुई तो उसने अपनी गर्दन को छुआ तो उसकी गर्दन अब पहले जितनी गर्म महसूस नही हो रही थी। मधुलिका अपने बेटे की ताकत, उसके मजबूत जिस्म और उसकी मर्दानगी के आगे पूरी तरह से हार गई थी और उसने सोच लिया कि चाहे जो हो जाए वो आज अपने बेटे से टैटू जरूर बनवा कर रहेगी।

मोहित ने एक नजर अपनी मां के जिस्म पर डाली और देखा कि मधुलिका की केले के तने के समान मांसल चिकनी चिकनी जांघें और जांघो के बीच उसकी लाल रंग की छोटी सी पैंटी गीली होकर चमक रही थी। मोहित का मन किया कि अभी मुंह में भर कर चूस ले लेकिन उसके अंदर अभी इतनी हिम्मत नही थी।

मधुलिका की सांसे नॉर्मल हो गई तो उसे अपनी हालत का एहसास हुआ और अपनी साड़ी को ठीक किया और शर्मा गई। मोहित धीरे से उठा और बोला:"

" मम्मी मैं अभी बाथरूम से आया।

मोहित बाहर निकल गया और मधुलिका शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देखने लगी तो उसने देखा कि उसकी गर्दन उसके बेटे से चूस चूस कर बिल्कुल लाल सुर्ख कर दी थी। मधुलिका को नेहा की चूत याद आ गई और उसे एहसास हुआ कि नेहा की चूत भी इतनी लाल नही थी जितनी मोहित ने उसकी गर्दन कर दी थी। हाय भगवान मेरी चूत का क्या हाल..

मधुलिका सोचते सोचते बीच में ही रुक गई। उफ्फ मैं ये क्या सोचने लगी थी। मधुलिका ने अपना फोन निकाला और देखा कि 10:30 हो गए थे। उसने अपने पति राकेश का नंबर मिलाया ताकि ये पता चल जाए कि वो कब तक आयेगा। घंटी जा रही थी और मधुलिका मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी कि आज रात उसका पति घर आने के लिए मना कर दे।

राकेश ने फोन फोन उठाया और बोला:" सॉरी यार मधु। मैं आज रात नही आ पाऊंगा। एक बिजनेस डील के लिए मीटिंग है जो कल सुबह तक चलेगी।

अपने पति की बात सुनकर मधुलिका का मन खुशी से नाच उठा और बोली:"

" आप मेरी चिन्ता मत करो। मीटिंग पर ध्यान दो आखिर कार आप मेरे लिए ही तो सब करते हो। मैं नहीं समझूंगी तो भला कौन समझेगा।

राकेश:" थैंक्स मधु। अच्छा बाद में बात करता हु।

मधुलिका की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। पहली बार उसके पति ने कोई अच्छा काम किया है। थोड़ी देर पहले पति को देर से आने के लिए बोलने पर गाली देने वाली मधुलिका अब अपने बेटे के लिए दीवानी होकर उसके ना आने पर खुशी से मचल रही थी। उसका जिस्म उसके काबू में नहीं था और मधुलिका बेड पर लेट कर आने वाले मधुर पलो को सोचने लगी और उसकी चूचियां अकड़ने लगी और चूत में फिर से गीलापन उभार आया। मधुलिका ने बेड पर पड़ी हुई गुलाब की पंखुड़ियों को देखा जिनमे से कुछ बुरी तरह से मसली जा चुकी थी और मधुलिका ने बाकी गुलाब की पंखुड़ियों को कामुक स्माइल दी मानो उन्हें कह रही हो आज तुम्हारी खैर नहीं।

मोहित सीधे बाथरूम में घुस गया और उसने अपने लंबे चौड़े तगड़े लंड को बाहर निकाला और मधुलिका को याद करके जोर जोर से मुट्ठी मारने लगा। अपनी मां के कमरे में जाने से पहले एक बार लंड पर काबू करने के लिए मोहित उसे पूरी जोर जोर से हिलाने लगा और जल्दी ही उसकी मेहनत रंग लाई और उसके लंड ने एक जोरदार पिचकारी मार दी और मोहित सिसक उठा

" Ahhhhhh मधुलिका तेरी chutttttt

लंड के शांत पड़ते ही मोहित एक बार फिर से पूरे आत्म विश्वास के साथ अपनी मां के बेडरूम की तरफ चल पड़ा।
Bahot zaberdast shaandaar
Lajawab update bhai
 

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अपडेट लिख तो रहा हूं लेकिन आएगा या नही अभी कह नहीं सकता। पूरा अपडेट होगा जिसमें टैटू बनने पर ही पोस्ट होगा।
 
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