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Incest टैटू गुदाई और चुदाई (complete)

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कोमल रानी का जबाव नहीं इरोटिका लिखने में । और यूनिक भाई की स्टोरी अधिकतर " मां बेटे " के उपर लिखी गई इन्सेस्ट स्टोरी होती है ।
कोमल रानी की लेंग्वेज शैली ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली भाषाओं पर आधारित होती है । जबकि यूनिक भाई की स्टोरी में अधिकतर खड़ी हिंदी का प्रयोग होता है ।

कोमल रानी जी का नोलेज बहुत सारे सब्जेक्ट पर अद्भुत है । मेरे नजर में वो एक प्रोफेशनल राइटर हैं ।
अरे कोमल दिदी हमारी आजमगढ़ से है 😁😁😁
 

SameeraX

New Member
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Mene kuch saal pehle ek regional language mein aisi story padhi thi:(bengali but naam yaad nehi)
Hero:lafanga beta
Heroine:strict and sanskari maa(paralyzed baap inse bohot darre)
Bete ko maa se pyar ho jaye
Wo izhar kare but maa naa kar de
Bohot koshish karne ke baad maa gf banne ko maan jaye but no sex
Dono sath mein ghumne firne jaye aur beta maa ko modern bana de. Dhire dhire beta inke badan ke saath ched khani shuru kare
thodi thodi karke chudai tak pohonch jaye.
Maa bhi poori tarah se besharam ban jaye aur inke bich ghamashan sex ki silsile shuru ho.
Baap ko shaq ho jaye but patni ke dar se kuch na bol paye. Hero heroine Ghar ke 1st floor mein shift ho jaye aur din raat sex kare. Baap wheelchair mein hone ke karan sirf awaje shune aur niche se kavi kavi dono ki adhnangi jhalak dekhe but upar naa jaa paye.

CAN ANY GOOD INCEST WRITER REWRITE A STORY SIMILAR TO THIS WITH THEIR OWN LANGUAGE???
 
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अरे कोमल दिदी हमारी आजमगढ़ से है 😁😁😁
और आजमगढ़ मैं अपने रिश्तेदारी में कई बार जा चुका हूं ।
उनकी सबसे बेहतरीन रचना " फागुन के दिन चार " है जो मैंने बहुत बार पढ़ा है ।
मुझे तो बहुत पहले ही लग गया था कि वो हमारे ही मिट्टी से विल़ोंग करती है ।
वैसे आप की स्टोरी की लेंग्वेज भी मुझे लाजबाव कर गया । कानपुर की लेंग्वेज शैली । ये लिखना बहुत ज्यादा ही कठीन है ।
 

DREAMBOY40

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Baap wheelchair mein hone ke karan sirf awaje shune aur niche se kavi kavi dono ki adhnangi jhalak dekhe but upar naa jaa paye.

bhagam-bhag-baccho-ka-niwala-cheente-ho
छीईई छीईई :roflol:
 

DREAMBOY40

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और आजमगढ़ मैं अपने रिश्तेदारी में कई बार जा चुका हूं ।
उनकी सबसे बेहतरीन रचना " फागुन के दिन चार " है जो मैंने बहुत बार पढ़ा है ।
मुझे तो बहुत पहले ही लग गया था कि वो हमारे ही मिट्टी से विल़ोंग करती है ।
वैसे आप की स्टोरी की लेंग्वेज भी मुझे लाजबाव कर गया । कानपुर की लेंग्वेज शैली । ये लिखना बहुत ज्यादा ही कठीन है ।
:thank_you:
 

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एक्सफॉर्म के कुछ धुरंधर लेखकों ने अपने विचार रखे और कहानी का गौरव बढ़ाया। हर लेखक अपने आप में अदभुत होता हैं बस ये अलग बात हैं कि किसी की पकड़ किसी विषय पर अच्छी होती हैं।

मैने एक कहानी " मां का मेडिकल चेक अप" पढ़ी थी जो मेरे द्वारा पढ़ी गई सबसे बेहतरीन कहानी हैं। असली लेखक का नाम मुझे मालूम नही लेकिन कमाल का लिखा था उन्होंने। दुख बस एक बात का हैं कि कहानी अधूरी रह गई है।

" मेरी बहुत इच्छा हैं कि उस कहानी को जरूर पूरा करू।

पढ़ाई और जॉब के कारण मेरे जीवन का अधिकतर समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही गुजरा और यहां की भाषा तो बिलकुल जाटों वाली ठेंठ देसी हैं। फिर भी मैं अपनी तरफ से शुद्ध हिंदी लिखने की कोशिश करता हूं ताकि सभी को समझने में आसानी हो। अंततः आप सभी का एक बार फिर से धन्यवाद, आपने मुझ नाचीज के लिए लिखा ये मेरे लिए फख्र की बात है। आज की तारीख में मुझे एक्सफॉर्म पर 129 लोग फॉलो कर रहे हैं और ये सब आपके प्यार और सम्मान का ही नतीजा हैं। एक अनजान आदमी के लिए आपका प्यार बहुत मायने रखता हैं।


पिछले तीन दिन से खांसी और बुखार से पीड़ित था इसलिए अपडेट नहीं दे पाया। अपडेट कल रात आने की संभावना हैं।
 
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Kattapa

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एक्सफॉर्म के कुछ धुरंधर लेखकों ने अपने विचार रखे और कहानी का गौरव बढ़ाया। हर लेखक अपने आप में अदभुत होता हैं बस ये अलग बात हैं कि किसी की पकड़ किसी विषय पर अच्छी होती हैं।

मैने एक कहानी " मां का मेडिकल चेक अप" पढ़ी थी जो मेरे द्वारा पढ़ी गई सबसे बेहतरीन कहानी हैं। असली लेखक का नाम मुझे मालूम नही लेकिन कमाल का लिखा था उन्होंने। दुख बस एक बात का हैं कि कहानी अधूरी रह गई है।

" मेरी बहुत इच्छा हैं कि उस कहानी को जरूर पूरा करू।

पढ़ाई और जॉब के कारण मेरे जीवन का अधिकतर समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही गुजरा और यहां की भाषा तो बिलकुल जाटों वाली ठेंठ देसी हैं। फिर भी मैं अपनी तरफ से शुद्ध हिंदी लिखने की कोशिश करता हूं ताकि सभी को समझने में आसानी हो। अंततः आप सभी का एक बार फिर से धन्यवाद, आपने मुझ नाचीज के लिए लिखा ये मेरे लिए फख्र की बात है। आज की तारीख में मुझे एक्सफॉर्म पर 129 लोग फॉलो कर रहे हैं और ये सब आपके प्यार और सम्मान का ही नतीजा हैं। एक अनजान आदमी के लिए आपका प्यार बहुत मायने रखता हैं।


पिछले तीन दिन से खांसी और बुखार से पीड़ित था इसलिए अपडेट नहीं दे पाया। अपडेट कल रात आने की संभावना हैं।
Corona badh raha hai bhai apna dhayan rakhna 👍
 
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