अपडेट नंबर 10
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मधुलिका के उपर चढ़ा हुआ मोहित पूरी बेताबी से उसके होंठ चूस रहा था और मधुलिका भी पूरे जोश के साथ उसका साथ दे रही थी। लंड झड़ने के बाद धीरे धीरे चूत से बाहर निकल रहा था और मायूस सी हुई मधुलिका की चूत उसे कसकर रोकने की पूरी कोशिश कर रही थी मानो उसे बाहर ही न जाने देना चाहती हो। मोहित सिकुड़ते हुए लंड से धक्के लगाते हुए उसके होंठ चूस रहा था। मोहित का लंड पूरी तरह से सिकुड़ कर बाहर निकल गया और दोनो मा बेटे एक साथ मुस्कुरा उठे।
मोहित अभी भी मधुलिका के उपर पड़ा था और उसकी चुचियों के निप्पल मोहित के सीने से टकरा रहे थे। मोहित और मधुलिका दोनो पसीने पसीने हो गए थे और मधुलिका की ममता जाग उठी और वो बेड पर पड़ा हुआ एक कपड़ा उठाकर मोहित का पसीना साफ करने लगी। मधुलिका की नजर हाथ में पकड़े हुए कपड़े पर पड़ी तो उसकी सांसे रुक सी गई और मधुलिका का समूचा बदन फिर से कांप कर थरथरा उठा। हाय भगवान अब क्या करू ये तो मेरी पेंटी हैं जिससे मैं अपने बेटे का पसीना पूछ रही हूं। मधुलिका की पेंटी से उठती हुई मादक गंध मोहित के नथुनों में समाने लगी तो मोहित पूरी तरह से मदहोश होने लगा। मचलती हुई मधुलिका ने हिम्मत करके पेंटी को मोहित माथे पर से घुमाते हुए जैसे ही उसके मुंह के सामने किया तो मोहित ने उस पर अपनी जीभ फिरा दी जिसे देखकर मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मधुलिका की टांगो के बीच उसकी चूत फिर से उछल पड़ी तो मधुलिका ने फिर से पेंटी को उसके मुंह पर से घुमाया तो मोहित ने अपने दांतों से पेंटी को पकड़ लिया और मुंह में भर कर चूसने लगा।
मधुलिका अपनी बेटे की ये कामुक हरकत देख कर फिर से बहकने लगी और वो सिसकती हुई पेंटी को उसके मुंह से बाहर की तरफ खींचती तो मोहित उतने ही जोर से पेंटी को अपने दांतों में कस लेता तो मधुलिका उसे जोर से अपनी तरफ खींच लेती। मोहित का लंड एक फिर से कड़क होकर कठोर होने लगा और मधुलिका की चूत को छूने लगा तो मधुलिका फिर से बेकाबू सी होने लगी। मधुलिका जितने जोर से पेंटी को अपनी तरफ खींचती मोहित उतने ही जोर से उसे अपने दांतो मे दबाकर नोचता जिसका नतीजा ये हुआ कि मधुलिका की पेंटी फट गई और मोहित की जीभ पेंटी के बीच से निकलकर मधुलिका के लिप्स के एक दम सामने आ गई। मधुलिका पूरी तरह से मचल उठी कर उसने कसमसा कर अपनी आंखो को बंद कर लिया और मोहित ने अपनी गर्म गर्म जीभ को मधुलिका के कांपते हुए लिप्स पर फेर दिया और नीचे हाथ ले जाकर एक उंगली को उसकी फिर से भीग गई चूत के छेद पर रगड़ा तो मधुलिका के मुंह से एक फिर से एक जोरदार सिसकी निकली और उसने पागल सी होकर अपने बेटे की आंखो मे देखा और उसकी जीभ अपने आप बाहर निकलती चली गई।
दोनो की तड़पती मचलती हुई जीभे जैसे ही आपस में टकराई तो मोहित ने आधी उंगली को अपनी मां की चूत में घुसा दिया और मधुलिका बावरी सी होकर झूम उठी और उसने अपनी जीभ को अपने बेटे की जीभ से रगड़ना शुरू कर दिया। मोहित आधी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर करने तो मधुलिका मोहित की चूत उसकी उंगली पर थिरकने लगी और मधुलिका ने देखते ही देखते अपने बेटे की जीभ को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी मानो मानो उसकी जीभ खा लेना चाहती हो।
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मोहित अपनी मां मधुलिका की जीभ की गर्मी से पिघलने लगा और उसने कचकचा कर जोर से अपनी उंगली को अपनी मां की चूत में घुसेड़ दिया तो मधुलिका जोर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और उसने सीधे मोहित के होंठो को चूसना शुरू कर दिया जिससे उसके होंठ अब उसकी अपनी खुद की पेंटी से भी टकरा रहे थे जिससे उठती हुई मादक गंध मधुलिका को बेहद पसंद आई और मधुलिका ने खुद ही अपने मुंह को पूरा खोल दिया और अपने बेटे के होंठो समेट पेंटी को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी।।उफ्फ मधुलिका और मोहित दोनो के लिए ये बिलकुल अदभुत नया एहसास था और अपने ही चूत के स्वाद से पागल सी मधुलिका ने बेताब सी होकर अपने होंठो को खोल दिया और मोहित ने उसकी चूची को अपने हथेली में भरते हुए मधुलिका की पेंटी को अपने होंठो समेत उसके मुंह में घुसा दिया और मधुलिका के सब्र का बांध एक बार फिर से टूट पड़ा और वो पागलों की तरह उछल उछल कर अपने ही पेंटी को चूसने लगी और जोर से सिसक पड़ी "
" आह मोहित मेरी पेंटी कितनी अच्छी हैं आह्ह्ह्ह्ह्।
मोहित का लंड इतना कठोर हो गया था कि मानो मांस का ना होकर लोहे का कोई टुकड़ा हो। मोहित ने अब लंड के सुपाड़े को उसकी चूत पर टिका और चूत पर रगड़ते हुए सिसका:"
" आह तेरी चूत रस से भीगी हुई हैं मधुलिका ये पेंटी।
कभी मोहित पेंटी को चूसता तो कभी अपनी मां के होंठो को। लंड एक बार फिर से पूरी तरह से कठोर हो गया था और मधुलिका की चूत फिर से चुदने के लिए पानी पानी हो गई थी। मधुलिका की पेंटी पूरी तरह से फट सी गई थी और अभी भी दोनो उसे ही चूसे जा रहे थे। अपनी ही चूत का रस मधुलिका को बेहद स्वादिष्ट लग रहा था और मधुलिका से अब बर्दाश्त नही हुआ और उसने अपनी टांगो को फिर से खोलते हुए मोहित की कमर पर लपेट लिया। मोहित समझ गया कि उसकी मां एक बार से लंड अपने अंदर चाहती है मोहित ने अपनी मां की चूत के छेद पर बिलकुल बीच में अपना सुपाड़ा टिका दिया और किस करते करते दोनो की आंखे एक पल के लिए खुली और मधुलिका ने एक कामुक आह भरी और मोहित ने हल्का सा धक्का लगाया तो उसका सुपाड़ा चूत के नाजुक होंठो को फैलाते हुए पूरा उसकी चूत में घुस गया तो मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी। उफ्फ मधुलिका की कसी कमर चूत के गर्म गर्म फूकते हुए होंठो का कसाव मोहित अपने लंड के सुपाड़े पर साफ महसूस कर रहा था और मोहित ने अपनी मां की आंखो मे देखते हुए एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका आधा लंड और मधुलिका की चूत में घुस गया तो मधुलिका किसी कुंवारी की तरह उससे दर्द के मारे उससे लिपटती चली गई। मधुलिका जैसी अनुभवी के मुंह से दर्द भरी आह सुनकर मोहित अपनी मर्दानगी पर इतरा उठा और उसने अपने आधे घुसे हुए लंड को पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींचा और किसी जंगली सांड की तरह एक ही धक्के में पूरा जड़ तक घुसा दिया।
मधुलिका अभी आधे लंड को ठीक से संभाल नही पाई थी कि इससे पहले की कुछ समझ पाती बेकाबू मोहित का लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसता चला गया और मधुलिका एक बार फिर से मोहित से पूरी कसकर लिपटी चली गई और दर्द से जोर से कराह उठी:"
" आह मोहित, मार डाला हाय भगवान, अह्ह्ह् अपनी ही मां की चूत फाड़ दी सीईईईईईई।
मधुलिका की चूत की आग की तरह तपती हुई दीवारे मोहित के लंड को कस रही थी जिससे मोहित को फिर से लगा कि वो ज्यादा देर नहीं टिक पायेगा और उसने फिर से अपने लंड को जड़ तक बाहर खींचा और अगले ही पल फिर से पूरी ताकत से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे मधुलिका की उसकी मां की बच्चेदानी से जा टकराया और मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी अपने दांत उसके कंधे में गड़ा दिए । जोशीला मोहित अनुभवी मधुलिका पर बहुत ज्यादा भारी पड़ रहा था और मधुलिका फिर से सिसक उठी
" हाय भगवान, उफ्फ सगी मां को ऐसा चोदेगा क्या सांड तू। हाय अह्ह्ह्हह सीईईईईआई।
दर्द से कराह रही ने खुद ही कमान थामने का फैसला किया और मधुलिका ने पूरी ताकत से मोहित की टांगो को अपनी टांगो में कस लिया और अपने अपनी दोनो जांघो को पूरी तरह से कसते हुए दोनो हाथो से उसकी गांड़ को दबोच लिया और चूत के अंदर ही अपनी चूत के होंठो से उसके लंड को कसने लगी तो मोहित तड़प उठा, मचल उठा और सिसक पड़ा
" आह मम्मी, उफ्फ मधुलिका ऐसे मत कसो, अह्ह्ह मेरा निकल जायेगा।
मधुलिका की चूत की दीवार पूरी तरह से फैली हुई थी और लंड कसने में उसे भी जलन हो रही थी लेकिन मरती क्या न करती। मधुलिका ने अपने मुंह को आगे किया और मोहित के होंठो को चूस लिया और बोली:"
" आह मोहित के बच्चे, अह्ह्ह्ह् तूने जो ये अपना घोड़ा लौड़ा एक हो बार में घुसा दिया, मेरी जान लेगा क्या ??
मोहित ने अपने हाथ आगे बढ़ा कर मधुलिका की चुचियों को अपनी दोनो हथेली में भर लिया और हल्के हल्के सहलाते हुए सिसका
" आह मधुलिका, मम्मी आपकी चूत इतनी गर्म और कसी हुई है कि मैं खुद को नही रोक पाया। आह मेरा निकल जायेगा।
मोहित फिर से कराह उठा तो मधुलिका ने चूत का दबाव कम कर दिया क्योंकि वो भी नही चाहती थी उसके बेटे का इतनी जल्दी फिर से निकल जाए। दबाव कम होते हुए ही मोहित ने सुकून की सांस ली और उसने मधुलिका की एक चूची को मुंह में भर लिया तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी और उसकी टांगे खुद एक बार फिर से खुद ही लंड के अभिवादन के लिए खुल गई। मोहित ने मधुलिका की तरफ देखा तो उसने एक कामुक आह भर कर अपनी गांड़ को उपर उठा लिया तो मोहित ने लंड को धीरे धीरे बाहर की तरफ खींचना शुरू किया और लंड मधुलिका की चूत की दीवारों को जबरदस्त तरीके से रगड़ता हुआ जैसे ही सुपाड़े तक आया तो मधुलिका ने अपनी चूत को कस लिया तो मोहित ने धीरे धीरे दिए से लंड को चूत में घुसा दिया पूरा बिलकुल पूरा जड़ तक, बिलकुल अपनी की बच्चेदानी तक।
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मधुलिका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी और मोहित से लिपट गई लेकिन इस उसकी टांगे खुली रही तो मोहित ने लंड को फिर से बाहर खींचा और फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से सिसक उठी और अपनी चूची मसलने लगी लेकिन आधी चूची उसकी हथेली में नही आ रही थी तो मोहित ने अपने हाथ को उसके हाथ पर टिका दिया और पूरी चूची समा गई और लंड को फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से
मस्ती से कराह उठी
" आह्ह्ह्ह्ह मेरे लाल, क्या चोदता है तू, हय्यय्य ऐसे ही कर बस, उफ्फ कितनी प्यासी थी मेरी चूत तेरे बिना।
मोहित अपनी मां की मस्ती भरी सिसकियां सुनकर जोश में आ गया और पूरे लंड को जड़ तक घुसा घुसा कर धक्के मारने लगा तो मधुलिका को हल्का सा दर्द होने लगा लेकिन मजा भरपूर था और उसने अपनी गांड़ नीचे से उठा उठा कर चुदना शुरू कर दिया और एक हाथ से बेडशीट को मसलने लगी और कुछ गुलाब की पंखुड़िया उसके हाथ में आ गई और मधुलिका ने उन्हें चूस लिया और अपने बेटे को दिखाते हुए अपने होंठ खोल दिए तो मोहित ने नीचे झुककर उसके होंठो को अपने मुंह में भर लिया और गुलाब की पंखुड़िया बारी बारी से एक दूसरे के मूंह में जाने लगी। मधुलिका दर्द पूरी ताकत से खत्म हो गया और मधुलिका का पूरा बदन लंड लेने के लिए उछल उछल पड़ रहा था। मोहित ने लंड को फिर से फिर से पूरा बाहर निकाल लिया तो मधुलिका तड़प उठी और मोहित की तरफ देखा तो मोहित ने पूरे ताकत से एक जोरदार धक्का लगाया और फिर से पूरा लंड जड़ तक मधुलिका की चूत में समा गया और मधुलिका फिर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और मोहित ने बिना देर किए पूरी ताकत से लंड को उसकी चूत में ठोकना शुरू कर दिया तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसकने लगी
" आह मोहित, मेरे अच्छे बेटे, आह ऐसे नही करते अपने मां के साथ, आह अअह्ह्ह्ह्ह उफ्फ
मोहित तो जैसे पागल सा हो गया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो मधुलिका की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे घर में गूंजने लगी। मधुलिका का जिस्म जोर जोर से उछल रहा था जिससे उसकी पायल और चूड़ियां मधुर संगीत उत्पन्न कर रही थी और मोहित और तेजी से धक्के लगाने शुरू तो मधुलिका की गांड़ एक एक फुट उछलने लगी। मधुलिका की आज मस्ती की कोई सीमा नहीं थी उसकी चूत आज जोर जोर से चुद रही थी और मधुलिका मजे से सिसक रही ,मचल रही थी, कूक रही थी, उछल रही थी। उसने अपन टांगो को पूरी तरह से खोल दिया और जोर से सिसकते हुए कराह उठी
" आह्ह्ह्ह्ह मोहित, उफ्फ चोद अपनी मा की चूत, मधुलिका की चूत, घोड़ी बनकर भी चूदूंगी।
मोहित अपनी की मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर किसी बेलगाम घोड़े की तरह लंड को अंदर बाहर करते हुए उसे चोदने लगा और मधुलिका अपने बेटे के नीचे पड़ी हुई सिसक सिसक पर चुद रही थी।
मधुलिका से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हो रही थी और उसकी चूत में कंपन होना शुरू हो गया तो मधुलिका खुद ही मुंह में भर कर अपनी चूचियां चूसने लगी तो मोहित ने अपने लंड को किसी पिस्टन की तरह अपनी मां की चूत मे घुसेड़ना शुरू कर दिया और मधुलिका की चूत से बर्दाश्त नहीं हुआ और मधुलिका ने किसी जंगली घोड़ी की तरह अपनी चूत को लंड पर उछाला और जड़ तक अपनी चूत में घुसा लिया और मधुलिका एक जोरदार सिसकी के साथ झड़ गई
" आआह्ह्ह्ह मोहित तेरी मां की चूत, उईईईई मम्मी रीईईईई सीईईईईईईई ईईईईई।
मोहित ने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया तो झड़ती हुई मधुलिका की चूत थरथरा सी गई और मधुलिका जोर जोर से सिसकने लगीं। मोहित के मुंह से अब भी मस्ती मस्ती भरी आह निकलने लगी और वो भी झड़ने की कगार पर पहुंचने वाला था तो उसके लंड में तूफानी सी ताकत आ गई और उसने तगड़े, जानलेवा धक्के लगाने शुरू किए तो मधुलिका से बर्दाश्त नहीं हुआ और दर्द और मस्ती से कराह उठी तो मोहित ने मोहित ने अपने दोनो हाथ आगे ले जाकर उसके कंधो को पकड़ लिया और किसी शेर की तरह गुर्राते हुए धक्के जड़ने लगा। मधुलिका की पूरी बच्चेदानी हिल रही थी, सिकुड़ रही थी, फैल रही थी और मधुलिका की सिर्फ चूत ही नहीं बल्कि पूरा जिस्म उसके लंड के साथ उछल उछल पड़ रहा था।
मधुलिका से इतनी मस्ती और दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मोहित को लगा कि उसका लंड फटने वाला है तो पूरी ताकत से लंड को बाहर की तरफ खींचा और फिर से एक ही बार में जड़ तक किसी मूसल की तरह ठोक दिया और मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी क्योंकि लंड का सुपाड़ा उसकी बच्चेदानी के मुंह को खोलता हुआ अंदर घुस था और लंड ने एक के बाद एक वीर्य की पिचकारी अपनी सगी मां की चूत में मारनी शुरू कर दी और मोहित जोर से मधुलिका को कसते हुए उसके उपर गिरकर उसके होंठ चूसने लगा।