Alok
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Atyadhik kamukta se paripurna update Unique star bhai......
Aap aise hi likhoge toh Hume jyada khane padege.....
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Mast update morning ko hot bna diyaमधुलिका और मोहित दोनो ने पूरी ताकत से एक दूसरे को कसा हुआ था आई और मधुलिका की प्यासी जलती हुई चूत वीर्य की पिचकारियो से राहत महसूस कर रही थी। दोनो की हो सांसे एक चुदाई में पूरी तरह से उखड़ गई थी और मधुलिका अपनी सांसे दुरुस्त करती हुई अपने बेटे की कमर पर प्यार से हाथ फिरा रही थी मानो उसे इस जबरदस्त चुदाई के लिए शाबासी दे रही हो। थोड़ी देर के बाद दोनो की सांसे नॉर्मल हो गई तो दोनो ने एक दूसरे की आंखो में देखा और दोनो एक साथ मुस्कुरा दिए और मधुलिका ने अपना चेहरा उठाकर अपने बेटे के होंठ को चूम लिया। मोहित ने भी अपनी मम्मी के चेहरे को चूम लिया तो मधुलिका बोली:"
" मोहित तुमने तो मुझे इस बार पूरी तरह से थका दिया।
मोहित:" मम्मी क्या करू आपको देखकर बर्दाश्त नहीं होता। आप सच में कमाल हो मम्मी।
लंड फिर से सिकुड़ कर उसकी चूत से बाहर निकल गया और
मधुलिका अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:"
" अच्छा जी, चल अब उठ मेरे उपर से।
मोहित अपनी मां के ऊपर से उतरकर साइड में लेट गया और मधुलिका जैसे ही बैठी तो उसकी कमर पर ढेर हो गुलाब की पंखुड़िया चिपक गई जो बुरी तरह से मसली हुई थी। मधुलिका धीरे धीरे बेड के किनारे पहुंची और नीचे उतर से खड़ी हो गई तो पीछे से पूरी नंगी मधुलिका की गांड़ देखकर मोहित तारीफ किए बिना ना रह सका। मधुलिका की गांड़ के आस पास भी काफी सारी गुलाब की पंखुड़िया चिपकी हुई थी और मधुलिका ने जैसे ही आगे कदम रखा तो उसे अपनी टांगो के बीच हल्का सा दर्द महसूस हुआ जो चुदाई की वजह से था। मधुलिका धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी तो मोहित खड़ा होकर उसके पास पहुंच गया और बोला:"
" क्या हुआ मम्मी? आप कहां जा रही हो ?
मधुलिका:" बाथरूम होकर आती हु। जो तुमने गंदी कर दी हैं उसे धोना भी तो हैं। तुम यहीं बैठो।
मोहित ने बिना कुछ बोले मधुलिका को सीधे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम की तरफ लेकर चल पड़ा। मधुलिका को पूरा यकीन हो गया कि उसका बेटा पूरी तरह से उसकी जवानी का भार उठा सकता हैं तो उसने फिर से मोहित के होंठ चूम लिए और मोहित उसे बाथरूम के अंदर ले गया तो मधुलिका बोली:
" जाओ अब तुम बाहर जाओ। मुझे मेरा काम करने दो।
मोहित: मम्मी लाओ मैं धो देता हूं। गंदा मैंने किया तो साफ भी मैं ही कर देता हूं।
मधुलिका ने उसकी तरफ आंखे तरेरी और बोली:"
" जा अपना काम कर, मैं खुद कर लूंगी। तुझे बाद में कभी मौका दूंगी।
मोहित बाहर आ गया और मधुलिका ने अच्छे से अपनी चूत को साफ़ किया तो फिर से उसकी चूत साफ चिकनी होकर चमकने लगी। मधुलिका ने अपनी चूत के होंठो को एक उंगली से सहलाया तो उसे दर्द का एहसास हुआ और वो सिसक उठी। उफ्फ इसी मीठे मीठे दर्द के लिए तो तड़प रही थी मैं कबसे मोहित। आखिर मेरा अपना बेटा ही मेरे काम आया।
मधुलिका बाहर आ गई और वो किचन में घुस कर दूध गर्म करने लगी। मधुलिका ने दूध में काजू, केसर मिला दिया और मधुलिका के होंठो पर स्माइल आ गई। मधुलिका के नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा मुस्कुरा रहे थे। मधुलिका ने दूध को ग्लास में लिया और नंगी हो अपने बेडरूम की तरफ चल पड़ी।
मोहित तो पूरी बेताबी से उसका ही इंतजार कर रहा था। मधुलिका बेड पर चढ़ गई और अपनी दोनो चुचियों के बिलकुल बीच में ग्लास को करते हुए मोहित की तरफ झुक गई और बोली
" लो गर्म गर्म दूध पियो और फिर दूध का जलवा दिखा कर हलवा खाओ।
मोहित अपनी मां की एक अदा पर फिदा हो गया और उसके होंठ आगे बढ़े और उसने मधुलिका के निप्पल को छुआ तो मधुलिका सिसक पर पीछे हट गई और सेक्सी अंदाज में बोली:"
" ये दूध पियो मोहित, ग्लास वाला, आज बस ये ही मिलेगा तुम्हे।
मोहित मधुलिका की तरफ बढ़ा और बोला:"
" आह मम्मी, असली वाला पिलाओ न गर्म गर्म अपनी चुचियों का मधुलिका !!
मधुलिका:" ना जी न, उठो मत नही तो खुद को हाथ भी नहीं लगाने दूंगी तुम्हे समझे।
मोहित मन मसोस कर फिर से वापिस बैठ गया और मधुलिका ने फिर से दूध का ग्लास आगे कर दिया। मोहित ने एक घूंट भरा और पी गया तो मधुलिका पूरी तरह से उसके चेहरे पर घुस गई और उसकी चुचियों के बीच मोहित का चेहरा ढक सा गया। मधुलिका की तनी हुई चूचियो के निप्पल उसके गाल पर चुभ रहे थे मानो कह रहे हो कि आओ हमे चूस लो। मोहित किसी तरह खुद पर काबू किए ग्लास से दूध पीता रहा और जैसी ही ग्लास खाली हुआ तो मोहित ने नंगी मधुलिका को सीधे बेड पर गिरा दिया और उसकी एक चूची को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा।
मधुलिका मस्ती से सिसक उठी और बोली:"
" आह मोहित, नही छोड़ मेरी चूचियां, आह्ह्ह्ह्ह गंदी बात।
मोहित ने अपने मुंह को पूरा खोल कर मधुलिका की आधी से ज्यादा चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से निप्पल चूसते हुए बोला:"
" आआआह्हह मम्मी, कैसी गंदी बात, मां की चूचियां बेटा नहीं तो फिर कौन चूसेगा।
इतना कहकर उसने फिर से मधुलिका की चूची को मुंह मे भर लिया और जोर जोर से निप्पल को दांतो से खींचते हुए चूसने लगा तो मधुलिका दर्द और मस्ती से कराह उठी और अपने हाथ से अपने बेटे के सिर को अपनी चूची पर दबा दिया और सिसकी
उईईईईए माईआ, अब तो छोटा बच्चा नहीं रहा, बड़ा हो गया। आआछ्ह आह्ह्ह्ह काट तो मत।
मोहित ने उसकी चूची के निप्पल को काटो में पकड़ कर जोर से खींच दिया और मधुलिका का हाथ पकड़ कर अपने बड़े होते जा रहे लंड पर रख दिया और बोला:"
" आह काटने दो ना, मधु हाय मेरी जान। कितनी कठोर हैं तेरी चूचियां। देख न अभी तो बच्चा ही हु मैं।
मधुलिका ने इसके खड़े होते लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और सिसकी
" आह काट तो मत, धीरे धीरे चूस, हाय भगवान, तू तो बहुत बड़ा हो गया मोहित। अपने पापा से भी बहुत बड़ा
मोहित अपने लंड की तारीफ सुनकर मधुलिका की चुचियों को बारी बारी से चूसने लगा और मधुलिका की चुचियों में मस्ती भरी गुदगुदाहट हो रही थी और उसकी आंखे मजे से बंद हो गई और सिर को इधर उधर हिलाने लगी। आज मधुलिका स्वर्ग का अनुभव कर रही थी।
मोहित उत्तेजना से कभी निपल्स दांतो से काटता तो जीभ से सहला देता, कभी जोर से चूसता तो कभी हल्के हल्के। मधुलिका पूरी तरह से पागल सी हुई उसका लंड सहलाती रही और लंड बड़ा होता होता आधे से ज्यादा मधुलिका के हाथ से बाहर निकल गया और मधुलिका की चूत फिर से सिहर उठी और मधुलिका धीरे से उसके कान में सेक्सी आवाज में उसका पूरा लंड उपर से नीचे सहलाती हुई सिसकी:"
" मोहित तू सच में बच्चा नहीं रहा, बड़ा ही नही बल्कि बहुत बड़ा हो गया है।
मोहित ने मदहोश होकर उसकी भीगी हुई चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया और जोर से कसकर मसलते हुए बोला:"
" हान अब मैं बहुत बड़ा हो गया, बच्चा पैदा करने लायक। अपनी मां मधुलिका को मां बनाने लायक।
अपनी चूत मसले जाने से मधुलिका का पूरा बदन कांप उठा और मधुलिका जोर से सिसक उठी। मधुलिका ने उसके लंड को जोर से अपनी मुट्ठी में भींच दिया और बोली:"
" उफ्फ शैतान, अपनी मां को मां बनाएगा तू, बेशर्म।
मोहित ने एक उंगली को मधुलिका की चूत के छेद पर रखा और उसकी चूत की क्लिट को जोर से रगड़ते हुए आधी दो उंगली को एक साथ उसकी चूत में घुसा दिया और बोला:"
" बोल ना मधुलिका, मां बनेगी न मेरे बच्चे की, सुबह तक मां बना दूंगा आह्ह्ह्ह्ह मधुलिका बोल ना बनेगी न मां
मधुलिका दो उंगलियां घुसाए जाने से दर्द और मस्ती से कराह उठी और सिसकते हुए बोली
" आह बनूगी मोहित, मां बनेगी मधुलिका तेरे बच्चे की मां बनेगी।
मोहित ने मधुलिका की चूत में तेजी से उंगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी और बोला:"
" कैसे बनेगी मधुलिका मां ? कैसे होगा मेरा बच्चा ?
मधुलिका से अब और बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक बार फ़िर से पागल सी होकर अपने बेटे को अपने ऊपर खींच लिया जिससे लंड फिर से चूत से जा लगा तो मधुलिका जोर से मस्ती से सिसक उठी
" आह चुदकर मोहित, तेरे लंड से लंड, सारी रात चुदकर। आह चोद मुझे आह्ह्ह्ह्ह उईईईईई
मोहित ने मधुलिका की एक टांग को उठाकर उपर की तरफ मोड़ दिया और मधुलिका की चूत के छेद पर से अपना लंड अड़ा दिया तो मधुलिका ने अपना निचला होंठ काटते हुए उसे कामुक इशारा किया तो मोहित ने एक जोरदार धक्का उसकी चूत पर मारा और लंड उसकी चूत के होंठो को अंदर की तरफ खींचता हुआ जड़ तक घुस गया।
मधुलिका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी और वो मोहित से कसकर लिपट गई। दूध अब अपना असर दिखाने लगा और मोहित ने बिना रुके उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए तो मधुलिका दर्द से कराहने लगी और पूरा जिस्म बिस्तर पर पड़े पड़े उछलने लगा। मधुलिका कराह उठी थी, तड़प रही थी, मचल रही है लेकिन मुंह से कुछ नहीं बोल रही थी। बस जोर जोर से दर्द से कराहती हुई मोहित को देखे जा रही थी और मोहित अपने मां को दर्द और मस्ती से कराहती हुई देखकर और जोर जोर से धक्के लगाने लगा और मधुलिका की दोनो चूचियां जोर जोर से उछल उछल पड़ रही थी। मधुलिका अपने बेटे को देखती कभी कभी अपने दांत होंठो से काट रही थी तो कभी अपने होंठो पर जीभ फेर रही थी।
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मोहित अपनी को ऐसे मस्ती से चोदते हुए देखकर बेहद सुकून महसूस कर रहा था। लंड अब आराम से मधुलिका की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। चूत और लंड के मिलन से एक मधुर संगीत बज रहा था और मधुलिका नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर अपने बेटे की मदद कर रही थी। मोहित ने अपनी मां की चुचियों पर बने टैटू को देखा और बोला:*
" मम्मी आपका टैटू देखो, कैसे हिल रहा है।
मधुलिका ने टैटू को देखा और फिर से चुदासी हो और जोर जोर से अपनी गांड़ उठाने लगी तो मोहित ने झुक कर टैटू को चूम लिया और अपनी मां दोनो चुचियों को टैटू समेत हाथो में भर लिया और जोर जोर से पूरी ताकत से मसलते हुए तगड़े तगड़े धक्के लगाने लगा तो मधुलिका जोर जोर से सिसकने लगी। मधुलिका दर्द और मस्ती से कभी अपनी गर्दन लंबी करती तो कभी अपने हाथ उठा कर बेड पर पटकती।
मधुलिका की चूत में फिर से कंपन होना शुरू हो गया और मधुलिका अपने होंठो को मस्ती से गोल गोल करते हुए सीटियां सी बजाने लगी मानो अपने चुदने को खुशी मना रही हो। मधुलिका जोर जोर से अपनी गांड़ उठाने लगी और उसकी पागलों जैसी हालत हो गई। मधुलिका ने अपने दोनो हाथो को मोहित की कमर पर बांध दिया और नीचे को दबाने लगी। मोहित मधुलिका की चूत और मुंह से निकलती हुई सीटियां सुनकर पागल सा हो उठा और किसी पागल सांड की तरह धक्के मारने लगा तो मधुलिका का पूरा बदन कांपने लगा और उसकी सिसकियां तेज तेज और तेज बहुत तेज होती चली गई और मधुलिका की चूत झड़ने के कगार पर पहुंच गई तो जैसे ही लंड अंदर घुसा मधुलिका ने को पूरी ताकत से कस लिया और उसकी चूत ने लंड के उपर अपने रस के फव्वारे छोड़ने शुरू कर दिए और मधुलिका पागल सी होकर मोहित को चूमने लगी।
जैसे ही मधुलिका का स्खलन खत्म हुआ तो उसकी टांगे फिर से खुल गई और मोहित ने अपनी मां के होंठो को चूसते फिर से धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
मस्ती में चूर बदहवास सी मधुलिका अपने बेटे की पीठ सहलाते हुए उसके होंठ चूसने लगी और मोहित ने धीरे धीरे अपने लंड की गति को बढ़ाना शुरू कर दिया तो मधुलिका की आंखे फिरने से खुलने लगी क्योंकि उसकी चूत में हल्का हल्का दर्द होना शुरू हो गया था। मधुलिका के रस से चूत पहले से ज्यादा चिकनी हो गई थी और मोहित ने अपनी मां की चूत की चिकनाहट का फायदा उठाकर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए तो मधुलिका उसके नीचे पड़ी हुई दर्द से तड़पने लगी। मोहित के लंड में भी तनाव बढ़ने लगा और धक्के की गति भी बढ़ती चली गई। फक्क से लंड बाहर आता और झक्क से चूत में घुस जाता। मधुलिका कभी इधर गर्दन पटकती तो कभी उधर, कभी मोहित को नाखून चुभाती तो कभी बेडशीट मसलती। मधुलिका पूरी तरह से अपने बेटे के नीचे दबी हुई तड़प रही थी और इधर उधर हिल रही थी तो मोहित ने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाकर मजबूती से उसके दोनो कंधे को थाम लिया और जोर जोर से पूरा लंड बाहर निकाल निकाल कर चोदने लगा।
कंधे पकड़े जाने से मधुलिका का इधर उधर हिलना डुलना कम हुआ तो मोहित ने अपना दम दिखाते हुए मधुलिका को पूरी ताकत से ठोकना शुरू कर दिया और मधुलिका अपने बेटे की तरफ देखते हुए जोर जोर से सिसक रही थी, कराह रही थी, तड़प रही थी और उसकी चुचियों में एक दूसरे से उपर उछलने की जंग सी लगी हुई थी।
मोहित अब घोड़े की तरह उछल उछल कर धक्के लगाने लगा और मधुलिका से बोला:"
" आह्ह्ह्ह्ह मधुलिका देख न तेरे बेटा घोड़े की तरह उछल उछल कर तुझे चोद रहा है।
मधुलिका अपने बेटे की तुलना उस दिन वाले घोड़े से करने लगी और उसके पूरे जिस्म में फिर से उत्तेजना भरती चली गई और
मधुलिका की चूत एक बार बार फिर से गर्म हो गई और मधुलिका भी किसी घोड़ी की तरह अपनी चूत उछालने लगी और जोर से सिसक उठी
" आह्ह्ह्ह्ह ईआईईईई, आउच, सीईईईईईईई हाय चोद मुझे मोहित, घोड़ी की तरह चुदती मधुलिका।
मधुलिका ने खुद ही मोहित के हाथो को अपने कंधे पर से हटाकर अपनी चुचियों पर रख दिया और पूरी ताकत से अपनी चूत उछालने लगी। मोहित अपनी मां को अब पूरी ताकत से चोद रहा और मधुलिका उसका पूरा साथ दे रही थी। पूरे कमरे ही नही बल्कि पूरे घर में फच फच की मधुर आवाज गूंज रही थी और मधुलिका पूरी ताकत से अपने नीचे में होंठ खोल रही थी और उतनी ही ताकत से उसकी मधुर कराहें, सिसकियां गूंज रही थी। मोहित के लंड में उबाल आने लगा तो मधुलिका की भी चूत कांपने लगी। मोहित ने मधुलिका को अपनी बांहों में कस लिया और पूरी ताकत से आखिरी धक्के लगाने लगा। दोनो जंगलियो की तरह उछल रहे थे और मधुलिका भी अपना पूरा दम दिखा रही थी।
तभी मोहित के मुंह से शेर की तरह गुर्राहट सी निकली और उसने अपने लंड को बाहर की तरफ पूरी ताकत से खींचा और दुगनी ताकत से वापिस अपनी मां की चूत में ठोक दिया। लंड चूत से निकल जाने से मधुलिका तड़प सी और खुद ही अपनी चूत लंड पर उछाल दी। लंड चूत को आखिर तक फैलाता हुआ फिर से बच्चेदानी के मुंह से टकराया और सुपाड़ा फिर से बच्चेदानी के मुंह में घुस कर गर्म गर्म वीर्य की पिचकारी की बारिश करने लगा और दोनो मा एक बेटे एक दूसरे की आंखो में देखते हुए एक साथ झड़ने लगे।
मोहित ने पूरी रात अपनी मां को बेदर्दी से चोदा और मधुलिका भी कहां पीछे रही। वो ही अपने बेटे का साथ देती और सुबह तक उनकी चुदाई चलती रही। कभी मोहित मधुलिका पर भारी तो कभी मधुलिका मोहित पर भारी। इस मधुर लड़ाई में आखरिकार दोनो ही एक दूसरे से जीतकर हार गए और सुबह करीब पांच बजे दोनो मां बेटे नंगे हो एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
Bahut hi badhiya update diya hai Unique star bhai....मधुलिका और मोहित दोनो ने पूरी ताकत से एक दूसरे को कसा हुआ था आई और मधुलिका की प्यासी जलती हुई चूत वीर्य की पिचकारियो से राहत महसूस कर रही थी। दोनो की हो सांसे एक चुदाई में पूरी तरह से उखड़ गई थी और मधुलिका अपनी सांसे दुरुस्त करती हुई अपने बेटे की कमर पर प्यार से हाथ फिरा रही थी मानो उसे इस जबरदस्त चुदाई के लिए शाबासी दे रही हो। थोड़ी देर के बाद दोनो की सांसे नॉर्मल हो गई तो दोनो ने एक दूसरे की आंखो में देखा और दोनो एक साथ मुस्कुरा दिए और मधुलिका ने अपना चेहरा उठाकर अपने बेटे के होंठ को चूम लिया। मोहित ने भी अपनी मम्मी के चेहरे को चूम लिया तो मधुलिका बोली:"
" मोहित तुमने तो मुझे इस बार पूरी तरह से थका दिया।
मोहित:" मम्मी क्या करू आपको देखकर बर्दाश्त नहीं होता। आप सच में कमाल हो मम्मी।
लंड फिर से सिकुड़ कर उसकी चूत से बाहर निकल गया और
मधुलिका अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:"
" अच्छा जी, चल अब उठ मेरे उपर से।
मोहित अपनी मां के ऊपर से उतरकर साइड में लेट गया और मधुलिका जैसे ही बैठी तो उसकी कमर पर ढेर हो गुलाब की पंखुड़िया चिपक गई जो बुरी तरह से मसली हुई थी। मधुलिका धीरे धीरे बेड के किनारे पहुंची और नीचे उतर से खड़ी हो गई तो पीछे से पूरी नंगी मधुलिका की गांड़ देखकर मोहित तारीफ किए बिना ना रह सका। मधुलिका की गांड़ के आस पास भी काफी सारी गुलाब की पंखुड़िया चिपकी हुई थी और मधुलिका ने जैसे ही आगे कदम रखा तो उसे अपनी टांगो के बीच हल्का सा दर्द महसूस हुआ जो चुदाई की वजह से था। मधुलिका धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी तो मोहित खड़ा होकर उसके पास पहुंच गया और बोला:"
" क्या हुआ मम्मी? आप कहां जा रही हो ?
मधुलिका:" बाथरूम होकर आती हु। जो तुमने गंदी कर दी हैं उसे धोना भी तो हैं। तुम यहीं बैठो।
मोहित ने बिना कुछ बोले मधुलिका को सीधे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम की तरफ लेकर चल पड़ा। मधुलिका को पूरा यकीन हो गया कि उसका बेटा पूरी तरह से उसकी जवानी का भार उठा सकता हैं तो उसने फिर से मोहित के होंठ चूम लिए और मोहित उसे बाथरूम के अंदर ले गया तो मधुलिका बोली:
" जाओ अब तुम बाहर जाओ। मुझे मेरा काम करने दो।
मोहित: मम्मी लाओ मैं धो देता हूं। गंदा मैंने किया तो साफ भी मैं ही कर देता हूं।
मधुलिका ने उसकी तरफ आंखे तरेरी और बोली:"
" जा अपना काम कर, मैं खुद कर लूंगी। तुझे बाद में कभी मौका दूंगी।
मोहित बाहर आ गया और मधुलिका ने अच्छे से अपनी चूत को साफ़ किया तो फिर से उसकी चूत साफ चिकनी होकर चमकने लगी। मधुलिका ने अपनी चूत के होंठो को एक उंगली से सहलाया तो उसे दर्द का एहसास हुआ और वो सिसक उठी। उफ्फ इसी मीठे मीठे दर्द के लिए तो तड़प रही थी मैं कबसे मोहित। आखिर मेरा अपना बेटा ही मेरे काम आया।
मधुलिका बाहर आ गई और वो किचन में घुस कर दूध गर्म करने लगी। मधुलिका ने दूध में काजू, केसर मिला दिया और मधुलिका के होंठो पर स्माइल आ गई। मधुलिका के नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा मुस्कुरा रहे थे। मधुलिका ने दूध को ग्लास में लिया और नंगी हो अपने बेडरूम की तरफ चल पड़ी।
मोहित तो पूरी बेताबी से उसका ही इंतजार कर रहा था। मधुलिका बेड पर चढ़ गई और अपनी दोनो चुचियों के बिलकुल बीच में ग्लास को करते हुए मोहित की तरफ झुक गई और बोली
" लो गर्म गर्म दूध पियो और फिर दूध का जलवा दिखा कर हलवा खाओ।
मोहित अपनी मां की एक अदा पर फिदा हो गया और उसके होंठ आगे बढ़े और उसने मधुलिका के निप्पल को छुआ तो मधुलिका सिसक पर पीछे हट गई और सेक्सी अंदाज में बोली:"
" ये दूध पियो मोहित, ग्लास वाला, आज बस ये ही मिलेगा तुम्हे।
मोहित मधुलिका की तरफ बढ़ा और बोला:"
" आह मम्मी, असली वाला पिलाओ न गर्म गर्म अपनी चुचियों का मधुलिका !!
मधुलिका:" ना जी न, उठो मत नही तो खुद को हाथ भी नहीं लगाने दूंगी तुम्हे समझे।
मोहित मन मसोस कर फिर से वापिस बैठ गया और मधुलिका ने फिर से दूध का ग्लास आगे कर दिया। मोहित ने एक घूंट भरा और पी गया तो मधुलिका पूरी तरह से उसके चेहरे पर घुस गई और उसकी चुचियों के बीच मोहित का चेहरा ढक सा गया। मधुलिका की तनी हुई चूचियो के निप्पल उसके गाल पर चुभ रहे थे मानो कह रहे हो कि आओ हमे चूस लो। मोहित दूध पीते हुए मधुलिका के निप्पल को ललचाई नजरों से देख रहा था और मधुलिका जान बूझकर अपने तीखे निपल्स का दबाव उसके गाल पर बढ़ा दिया तो मोहित पूरी तरह से बेचैन हो उठा मोहित किसी तरह खुद पर काबू किए ग्लास से दूध पीता रहा। मधुलिका ने अपने बेटे की आंखो में देखते हुए अपने बूब्स को हिलाया तो वो चुचियों के निपल्स मोहित के होंठो के टकराते हुए, हिलते हुए निकले और मोहित से अब बर्दाश्त नही हुआ और दूध के ग्लास को मुंह से लगाकर गटागट एक ही सांस में खाली कर दिया और जैसी ही ग्लास खाली हुआ तो मोहित ने बिना एक भी पल गंवाए नंगी मधुलिका को सीधे बेड पर गिरा दिया और उसकी एक चूची को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा।
मधुलिका मस्ती से सिसक उठी और बोली:"
" आह मोहित, नही छोड़ मेरी चूचियां, आह्ह्ह्ह्ह गंदी बात।
मोहित ने अपने मुंह को पूरा खोल कर मधुलिका की आधी से ज्यादा चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से निप्पल चूसते हुए बोला:"
" आआआह्हह मम्मी, कैसी गंदी बात, मां की चूचियां बेटा नहीं तो फिर कौन चूसेगा।
इतना कहकर उसने फिर से मधुलिका की चूची को मुंह मे भर लिया और जोर जोर से निप्पल को दांतो से खींचते हुए चूसने लगा तो मधुलिका दर्द और मस्ती से कराह उठी और अपने हाथ से अपने बेटे के सिर को अपनी चूची पर दबा दिया और सिसकी
उईईईईए माईआ, अब तो छोटा बच्चा नहीं रहा, बड़ा हो गया। आआछ्ह आह्ह्ह्ह काट तो मत।
मोहित ने उसकी चूची के निप्पल को काटो में पकड़ कर जोर से खींच दिया और मधुलिका का हाथ पकड़ कर अपने बड़े होते जा रहे लंड पर रख दिया और बोला:"
" आह काटने दो ना, मधु हाय मेरी जान। कितनी कठोर हैं तेरी चूचियां। देख न अभी तो बच्चा ही हु मैं।
मधुलिका ने इसके खड़े होते लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और सिसकी
" आह काट तो मत, धीरे धीरे चूस, हाय भगवान, तू तो बहुत बड़ा हो गया मोहित। अपने पापा से भी बहुत बड़ा
मोहित अपने लंड की तारीफ सुनकर मधुलिका की चुचियों को बारी बारी से चूसने लगा और मधुलिका की चुचियों में मस्ती भरी गुदगुदाहट हो रही थी और उसकी आंखे मजे से बंद हो गई और सिर को इधर उधर हिलाने लगी। आज मधुलिका स्वर्ग का अनुभव कर रही थी।
मोहित उत्तेजना से कभी निपल्स दांतो से काटता तो जीभ से सहला देता, कभी जोर से चूसता तो कभी हल्के हल्के। मधुलिका पूरी तरह से पागल सी हुई उसका लंड सहलाती रही और लंड बड़ा होता होता आधे से ज्यादा मधुलिका के हाथ से बाहर निकल गया और मधुलिका की चूत फिर से सिहर उठी और मधुलिका धीरे से उसके कान में सेक्सी आवाज में उसका पूरा लंड उपर से नीचे सहलाती हुई सिसकी:"
" मोहित तू सच में बच्चा नहीं रहा, बड़ा ही नही बल्कि बहुत बड़ा हो गया है।
मोहित ने मदहोश होकर उसकी भीगी हुई चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया और जोर से कसकर मसलते हुए बोला:"
" हान अब मैं बहुत बड़ा हो गया, बच्चा पैदा करने लायक। अपनी मां मधुलिका को मां बनाने लायक।
अपनी चूत मसले जाने से मधुलिका का पूरा बदन कांप उठा और मधुलिका जोर से सिसक उठी। मधुलिका ने उसके लंड को जोर से अपनी मुट्ठी में भींच दिया और बोली:"
" उफ्फ शैतान, अपनी मां को मां बनाएगा तू, बेशर्म।
मोहित ने एक उंगली को मधुलिका की चूत के छेद पर रखा और उसकी चूत की क्लिट को जोर से रगड़ते हुए आधी दो उंगली को एक साथ उसकी चूत में घुसा दिया और बोला:"
" बोल ना मधुलिका, मां बनेगी न मेरे बच्चे की, सुबह तक मां बना दूंगा आह्ह्ह्ह्ह मधुलिका बोल ना बनेगी न मां
मधुलिका दो उंगलियां घुसाए जाने से दर्द और मस्ती से कराह उठी और सिसकते हुए बोली
" आह बनूगी मोहित, मां बनेगी मधुलिका तेरे बच्चे की मां बनेगी।
मोहित ने मधुलिका की चूत में तेजी से उंगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी और बोला:"
" कैसे बनेगी मधुलिका मां ? कैसे होगा मेरा बच्चा ?
मधुलिका से अब और बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक बार फ़िर से पागल सी होकर अपने बेटे को अपने ऊपर खींच लिया जिससे लंड फिर से चूत से जा लगा तो मधुलिका जोर से मस्ती से सिसक उठी
" आह चुदकर मोहित, तेरे लंड से लंड, सारी रात चुदकर। आह चोद मुझे आह्ह्ह्ह्ह उईईईईई
मोहित ने मधुलिका की एक टांग को उठाकर उपर की तरफ मोड़ दिया और मधुलिका की चूत के छेद पर से अपना लंड अड़ा दिया तो मधुलिका ने अपना निचला होंठ काटते हुए उसे कामुक इशारा किया तो मोहित ने एक जोरदार धक्का उसकी चूत पर मारा और लंड उसकी चूत के होंठो को अंदर की तरफ खींचता हुआ जड़ तक घुस गया।
मधुलिका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी और वो मोहित से कसकर लिपट गई। दूध अब अपना असर दिखाने लगा और मोहित ने बिना रुके उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए तो मधुलिका दर्द से कराहने लगी और पूरा जिस्म बिस्तर पर पड़े पड़े उछलने लगा। मधुलिका कराह उठी थी, तड़प रही थी, मचल रही है लेकिन मुंह से कुछ नहीं बोल रही थी। बस जोर जोर से दर्द से कराहती हुई मोहित को देखे जा रही थी और मोहित अपने मां को दर्द और मस्ती से कराहती हुई देखकर और जोर जोर से धक्के लगाने लगा और मधुलिका की दोनो चूचियां जोर जोर से उछल उछल पड़ रही थी। मधुलिका अपने बेटे को देखती कभी कभी अपने दांत होंठो से काट रही थी तो कभी अपने होंठो पर जीभ फेर रही थी।
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मोहित अपनी को ऐसे मस्ती से चोदते हुए देखकर बेहद सुकून महसूस कर रहा था। लंड अब आराम से मधुलिका की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। चूत और लंड के मिलन से एक मधुर संगीत बज रहा था और मधुलिका नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर अपने बेटे की मदद कर रही थी। मोहित ने अपनी मां की चुचियों पर बने टैटू को देखा और बोला:*
" मम्मी आपका टैटू देखो, कैसे हिल रहा है।
मधुलिका ने टैटू को देखा और फिर से चुदासी हो और जोर जोर से अपनी गांड़ उठाने लगी तो मोहित ने झुक कर टैटू को चूम लिया और अपनी मां दोनो चुचियों को टैटू समेत हाथो में भर लिया और जोर जोर से पूरी ताकत से मसलते हुए तगड़े तगड़े धक्के लगाने लगा तो मधुलिका जोर जोर से सिसकने लगी। मधुलिका दर्द और मस्ती से कभी अपनी गर्दन लंबी करती तो कभी अपने हाथ उठा कर बेड पर पटकती।
मधुलिका की चूत में फिर से कंपन होना शुरू हो गया और मधुलिका अपने होंठो को मस्ती से गोल गोल करते हुए सीटियां सी बजाने लगी मानो अपने चुदने को खुशी मना रही हो। मधुलिका जोर जोर से अपनी गांड़ उठाने लगी और उसकी पागलों जैसी हालत हो गई। मधुलिका ने अपने दोनो हाथो को मोहित की कमर पर बांध दिया और नीचे को दबाने लगी। मोहित मधुलिका की चूत और मुंह से निकलती हुई सीटियां सुनकर पागल सा हो उठा और किसी पागल सांड की तरह धक्के मारने लगा तो मधुलिका का पूरा बदन कांपने लगा और उसकी सिसकियां तेज तेज और तेज बहुत तेज होती चली गई और मधुलिका की चूत झड़ने के कगार पर पहुंच गई तो जैसे ही लंड अंदर घुसा मधुलिका ने को पूरी ताकत से कस लिया और उसकी चूत ने लंड के उपर अपने रस के फव्वारे छोड़ने शुरू कर दिए और मधुलिका पागल सी होकर मोहित को चूमने लगी।
जैसे ही मधुलिका का स्खलन खत्म हुआ तो उसकी टांगे फिर से खुल गई और मोहित ने अपनी मां के होंठो को चूसते फिर से धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
मस्ती में चूर बदहवास सी मधुलिका अपने बेटे की पीठ सहलाते हुए उसके होंठ चूसने लगी और मोहित ने धीरे धीरे अपने लंड की गति को बढ़ाना शुरू कर दिया तो मधुलिका की आंखे फिरने से खुलने लगी क्योंकि उसकी चूत में हल्का हल्का दर्द होना शुरू हो गया था। मधुलिका के रस से चूत पहले से ज्यादा चिकनी हो गई थी और मोहित ने अपनी मां की चूत की चिकनाहट का फायदा उठाकर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए तो मधुलिका उसके नीचे पड़ी हुई दर्द से तड़पने लगी। मोहित के लंड में भी तनाव बढ़ने लगा और धक्के की गति भी बढ़ती चली गई। फक्क से लंड बाहर आता और झक्क से चूत में घुस जाता। मधुलिका कभी इधर गर्दन पटकती तो कभी उधर, कभी मोहित को नाखून चुभाती तो कभी बेडशीट मसलती। मधुलिका पूरी तरह से अपने बेटे के नीचे दबी हुई तड़प रही थी और इधर उधर हिल रही थी तो मोहित ने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाकर मजबूती से उसके दोनो कंधे को थाम लिया और जोर जोर से पूरा लंड बाहर निकाल निकाल कर चोदने लगा।
कंधे पकड़े जाने से मधुलिका का इधर उधर हिलना डुलना कम हुआ तो मोहित ने अपना दम दिखाते हुए मधुलिका को पूरी ताकत से ठोकना शुरू कर दिया और मधुलिका अपने बेटे की तरफ देखते हुए जोर जोर से सिसक रही थी, कराह रही थी, तड़प रही थी और उसकी चुचियों में एक दूसरे से उपर उछलने की जंग सी लगी हुई थी।
मोहित अब घोड़े की तरह उछल उछल कर धक्के लगाने लगा और मधुलिका से बोला:"
" आह्ह्ह्ह्ह मधुलिका देख न तेरे बेटा घोड़े की तरह उछल उछल कर तुझे चोद रहा है।
मधुलिका अपने बेटे की तुलना उस दिन वाले घोड़े से करने लगी और उसके पूरे जिस्म में फिर से उत्तेजना भरती चली गई और
मधुलिका की चूत एक बार बार फिर से गर्म हो गई और मधुलिका भी किसी घोड़ी की तरह अपनी चूत उछालने लगी और जोर से सिसक उठी
" आह्ह्ह्ह्ह ईआईईईई, आउच, सीईईईईईईई हाय चोद मुझे मोहित, घोड़ी की तरह चुदती मधुलिका।
मधुलिका ने खुद ही मोहित के हाथो को अपने कंधे पर से हटाकर अपनी चुचियों पर रख दिया और पूरी ताकत से अपनी चूत उछालने लगी। मोहित अपनी मां को अब पूरी ताकत से चोद रहा और मधुलिका उसका पूरा साथ दे रही थी। पूरे कमरे ही नही बल्कि पूरे घर में फच फच की मधुर आवाज गूंज रही थी और मधुलिका पूरी ताकत से अपने नीचे में होंठ खोल रही थी और उतनी ही ताकत से उसकी मधुर कराहें, सिसकियां गूंज रही थी। मोहित के लंड में उबाल आने लगा तो मधुलिका की भी चूत कांपने लगी। मोहित ने मधुलिका को अपनी बांहों में कस लिया और पूरी ताकत से आखिरी धक्के लगाने लगा। दोनो जंगलियो की तरह उछल रहे थे और मधुलिका भी अपना पूरा दम दिखा रही थी।
तभी मोहित के मुंह से शेर की तरह गुर्राहट सी निकली और उसने अपने लंड को बाहर की तरफ पूरी ताकत से खींचा और दुगनी ताकत से वापिस अपनी मां की चूत में ठोक दिया। लंड चूत से निकल जाने से मधुलिका तड़प सी और खुद ही अपनी चूत लंड पर उछाल दी। लंड चूत को आखिर तक फैलाता हुआ फिर से बच्चेदानी के मुंह से टकराया और सुपाड़ा फिर से बच्चेदानी के मुंह में घुस कर गर्म गर्म वीर्य की पिचकारी की बारिश करने लगा और दोनो मा एक बेटे एक दूसरे की आंखो में देखते हुए एक साथ झड़ने लगे।
मोहित ने पूरी रात अपनी मां को बेदर्दी से चोदा और मधुलिका भी कहां पीछे रही। वो ही अपने बेटे का साथ देती और सुबह तक उनकी चुदाई चलती रही। कभी मोहित मधुलिका पर भारी तो कभी मधुलिका मोहित पर भारी। इस मधुर लड़ाई में आखरिकार दोनो ही एक दूसरे से जीतकर हार गए और सुबह करीब पांच बजे दोनो मां बेटे नंगे हो एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
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मधुलिका के उपर चढ़ा हुआ मोहित पूरी बेताबी से उसके होंठ चूस रहा था और मधुलिका भी पूरे जोश के साथ उसका साथ दे रही थी। लंड झड़ने के बाद धीरे धीरे चूत से बाहर निकल रहा था और मायूस सी हुई मधुलिका की चूत उसे कसकर रोकने की पूरी कोशिश कर रही थी मानो उसे बाहर ही न जाने देना चाहती हो। मोहित सिकुड़ते हुए लंड से धक्के लगाते हुए उसके होंठ चूस रहा था। मोहित का लंड पूरी तरह से सिकुड़ कर बाहर निकल गया और दोनो मा बेटे एक साथ मुस्कुरा उठे।
मोहित अभी भी मधुलिका के उपर पड़ा था और उसकी चुचियों के निप्पल मोहित के सीने से टकरा रहे थे। मोहित और मधुलिका दोनो पसीने पसीने हो गए थे और मधुलिका की ममता जाग उठी और वो बेड पर पड़ा हुआ एक कपड़ा उठाकर मोहित का पसीना साफ करने लगी। मधुलिका की नजर हाथ में पकड़े हुए कपड़े पर पड़ी तो उसकी सांसे रुक सी गई और मधुलिका का समूचा बदन फिर से कांप कर थरथरा उठा। हाय भगवान अब क्या करू ये तो मेरी पेंटी हैं जिससे मैं अपने बेटे का पसीना पूछ रही हूं। मधुलिका की पेंटी से उठती हुई मादक गंध मोहित के नथुनों में समाने लगी तो मोहित पूरी तरह से मदहोश होने लगा। मचलती हुई मधुलिका ने हिम्मत करके पेंटी को मोहित माथे पर से घुमाते हुए जैसे ही उसके मुंह के सामने किया तो मोहित ने उस पर अपनी जीभ फिरा दी जिसे देखकर मधुलिका के मुंह से आह निकल पड़ी और मधुलिका की टांगो के बीच उसकी चूत फिर से उछल पड़ी तो मधुलिका ने फिर से पेंटी को उसके मुंह पर से घुमाया तो मोहित ने अपने दांतों से पेंटी को पकड़ लिया और मुंह में भर कर चूसने लगा।
मधुलिका अपनी बेटे की ये कामुक हरकत देख कर फिर से बहकने लगी और वो सिसकती हुई पेंटी को उसके मुंह से बाहर की तरफ खींचती तो मोहित उतने ही जोर से पेंटी को अपने दांतों में कस लेता तो मधुलिका उसे जोर से अपनी तरफ खींच लेती। मोहित का लंड एक फिर से कड़क होकर कठोर होने लगा और मधुलिका की चूत को छूने लगा तो मधुलिका फिर से बेकाबू सी होने लगी। मधुलिका जितने जोर से पेंटी को अपनी तरफ खींचती मोहित उतने ही जोर से उसे अपने दांतो मे दबाकर नोचता जिसका नतीजा ये हुआ कि मधुलिका की पेंटी फट गई और मोहित की जीभ पेंटी के बीच से निकलकर मधुलिका के लिप्स के एक दम सामने आ गई। मधुलिका पूरी तरह से मचल उठी कर उसने कसमसा कर अपनी आंखो को बंद कर लिया और मोहित ने अपनी गर्म गर्म जीभ को मधुलिका के कांपते हुए लिप्स पर फेर दिया और नीचे हाथ ले जाकर एक उंगली को उसकी फिर से भीग गई चूत के छेद पर रगड़ा तो मधुलिका के मुंह से एक फिर से एक जोरदार सिसकी निकली और उसने पागल सी होकर अपने बेटे की आंखो मे देखा और उसकी जीभ अपने आप बाहर निकलती चली गई।
दोनो की तड़पती मचलती हुई जीभे जैसे ही आपस में टकराई तो मोहित ने आधी उंगली को अपनी मां की चूत में घुसा दिया और मधुलिका बावरी सी होकर झूम उठी और उसने अपनी जीभ को अपने बेटे की जीभ से रगड़ना शुरू कर दिया। मोहित आधी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर करने तो मधुलिका मोहित की चूत उसकी उंगली पर थिरकने लगी और मधुलिका ने देखते ही देखते अपने बेटे की जीभ को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी मानो मानो उसकी जीभ खा लेना चाहती हो।
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मोहित अपनी मां मधुलिका की जीभ की गर्मी से पिघलने लगा और उसने कचकचा कर जोर से अपनी उंगली को अपनी मां की चूत में घुसेड़ दिया तो मधुलिका जोर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और उसने सीधे मोहित के होंठो को चूसना शुरू कर दिया जिससे उसके होंठ अब उसकी अपनी खुद की पेंटी से भी टकरा रहे थे जिससे उठती हुई मादक गंध मधुलिका को बेहद पसंद आई और मधुलिका ने खुद ही अपने मुंह को पूरा खोल दिया और अपने बेटे के होंठो समेट पेंटी को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी।।उफ्फ मधुलिका और मोहित दोनो के लिए ये बिलकुल अदभुत नया एहसास था और अपने ही चूत के स्वाद से पागल सी मधुलिका ने बेताब सी होकर अपने होंठो को खोल दिया और मोहित ने उसकी चूची को अपने हथेली में भरते हुए मधुलिका की पेंटी को अपने होंठो समेत उसके मुंह में घुसा दिया और मधुलिका के सब्र का बांध एक बार फिर से टूट पड़ा और वो पागलों की तरह उछल उछल कर अपने ही पेंटी को चूसने लगी और जोर से सिसक पड़ी "
" आह मोहित मेरी पेंटी कितनी अच्छी हैं आह्ह्ह्ह्ह्।
मोहित का लंड इतना कठोर हो गया था कि मानो मांस का ना होकर लोहे का कोई टुकड़ा हो। मोहित ने अब लंड के सुपाड़े को उसकी चूत पर टिका और चूत पर रगड़ते हुए सिसका:"
" आह तेरी चूत रस से भीगी हुई हैं मधुलिका ये पेंटी।
कभी मोहित पेंटी को चूसता तो कभी अपनी मां के होंठो को। लंड एक बार फिर से पूरी तरह से कठोर हो गया था और मधुलिका की चूत फिर से चुदने के लिए पानी पानी हो गई थी। मधुलिका की पेंटी पूरी तरह से फट सी गई थी और अभी भी दोनो उसे ही चूसे जा रहे थे। अपनी ही चूत का रस मधुलिका को बेहद स्वादिष्ट लग रहा था और मधुलिका से अब बर्दाश्त नही हुआ और उसने अपनी टांगो को फिर से खोलते हुए मोहित की कमर पर लपेट लिया। मोहित समझ गया कि उसकी मां एक बार से लंड अपने अंदर चाहती है मोहित ने अपनी मां की चूत के छेद पर बिलकुल बीच में अपना सुपाड़ा टिका दिया और किस करते करते दोनो की आंखे एक पल के लिए खुली और मधुलिका ने एक कामुक आह भरी और मोहित ने हल्का सा धक्का लगाया तो उसका सुपाड़ा चूत के नाजुक होंठो को फैलाते हुए पूरा उसकी चूत में घुस गया तो मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी। उफ्फ मधुलिका की कसी कमर चूत के गर्म गर्म फूकते हुए होंठो का कसाव मोहित अपने लंड के सुपाड़े पर साफ महसूस कर रहा था और मोहित ने अपनी मां की आंखो मे देखते हुए एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका आधा लंड और मधुलिका की चूत में घुस गया तो मधुलिका किसी कुंवारी की तरह उससे दर्द के मारे उससे लिपटती चली गई। मधुलिका जैसी अनुभवी के मुंह से दर्द भरी आह सुनकर मोहित अपनी मर्दानगी पर इतरा उठा और उसने अपने आधे घुसे हुए लंड को पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींचा और किसी जंगली सांड की तरह एक ही धक्के में पूरा जड़ तक घुसा दिया।
मधुलिका अभी आधे लंड को ठीक से संभाल नही पाई थी कि इससे पहले की कुछ समझ पाती बेकाबू मोहित का लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसता चला गया और मधुलिका एक बार फिर से मोहित से पूरी कसकर लिपटी चली गई और दर्द से जोर से कराह उठी:"
" आह मोहित, मार डाला हाय भगवान, अह्ह्ह् अपनी ही मां की चूत फाड़ दी सीईईईईईई।
मधुलिका की चूत की आग की तरह तपती हुई दीवारे मोहित के लंड को कस रही थी जिससे मोहित को फिर से लगा कि वो ज्यादा देर नहीं टिक पायेगा और उसने फिर से अपने लंड को जड़ तक बाहर खींचा और अगले ही पल फिर से पूरी ताकत से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे मधुलिका की उसकी मां की बच्चेदानी से जा टकराया और मधुलिका फिर से दर्द से कराह उठी अपने दांत उसके कंधे में गड़ा दिए । जोशीला मोहित अनुभवी मधुलिका पर बहुत ज्यादा भारी पड़ रहा था और मधुलिका फिर से सिसक उठी
" हाय भगवान, उफ्फ सगी मां को ऐसा चोदेगा क्या सांड तू। हाय अह्ह्ह्हह सीईईईईआई।
दर्द से कराह रही ने खुद ही कमान थामने का फैसला किया और मधुलिका ने पूरी ताकत से मोहित की टांगो को अपनी टांगो में कस लिया और अपने अपनी दोनो जांघो को पूरी तरह से कसते हुए दोनो हाथो से उसकी गांड़ को दबोच लिया और चूत के अंदर ही अपनी चूत के होंठो से उसके लंड को कसने लगी तो मोहित तड़प उठा, मचल उठा और सिसक पड़ा
" आह मम्मी, उफ्फ मधुलिका ऐसे मत कसो, अह्ह्ह मेरा निकल जायेगा।
मधुलिका की चूत की दीवार पूरी तरह से फैली हुई थी और लंड कसने में उसे भी जलन हो रही थी लेकिन मरती क्या न करती। मधुलिका ने अपने मुंह को आगे किया और मोहित के होंठो को चूस लिया और बोली:"
" आह मोहित के बच्चे, अह्ह्ह्ह् तूने जो ये अपना घोड़ा लौड़ा एक हो बार में घुसा दिया, मेरी जान लेगा क्या ??
मोहित ने अपने हाथ आगे बढ़ा कर मधुलिका की चुचियों को अपनी दोनो हथेली में भर लिया और हल्के हल्के सहलाते हुए सिसका
" आह मधुलिका, मम्मी आपकी चूत इतनी गर्म और कसी हुई है कि मैं खुद को नही रोक पाया। आह मेरा निकल जायेगा।
मोहित फिर से कराह उठा तो मधुलिका ने चूत का दबाव कम कर दिया क्योंकि वो भी नही चाहती थी उसके बेटे का इतनी जल्दी फिर से निकल जाए। दबाव कम होते हुए ही मोहित ने सुकून की सांस ली और उसने मधुलिका की एक चूची को मुंह में भर लिया तो मधुलिका मस्ती से कराह उठी और उसकी टांगे खुद एक बार फिर से खुद ही लंड के अभिवादन के लिए खुल गई। मोहित ने मधुलिका की तरफ देखा तो उसने एक कामुक आह भर कर अपनी गांड़ को उपर उठा लिया तो मोहित ने लंड को धीरे धीरे बाहर की तरफ खींचना शुरू किया और लंड मधुलिका की चूत की दीवारों को जबरदस्त तरीके से रगड़ता हुआ जैसे ही सुपाड़े तक आया तो मधुलिका ने अपनी चूत को कस लिया तो मोहित ने धीरे धीरे दिए से लंड को चूत में घुसा दिया पूरा बिलकुल पूरा जड़ तक, बिलकुल अपनी की बच्चेदानी तक।
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मधुलिका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी और मोहित से लिपट गई लेकिन इस उसकी टांगे खुली रही तो मोहित ने लंड को फिर से बाहर खींचा और फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से सिसक उठी और अपनी चूची मसलने लगी लेकिन आधी चूची उसकी हथेली में नही आ रही थी तो मोहित ने अपने हाथ को उसके हाथ पर टिका दिया और पूरी चूची समा गई और लंड को फिर से घुसा दिया तो मधुलिका फिर से
मस्ती से कराह उठी
" आह्ह्ह्ह्ह मेरे लाल, क्या चोदता है तू, हय्यय्य ऐसे ही कर बस, उफ्फ कितनी प्यासी थी मेरी चूत तेरे बिना।
मोहित अपनी मां की मस्ती भरी सिसकियां सुनकर जोश में आ गया और पूरे लंड को जड़ तक घुसा घुसा कर धक्के मारने लगा तो मधुलिका को हल्का सा दर्द होने लगा लेकिन मजा भरपूर था और उसने अपनी गांड़ नीचे से उठा उठा कर चुदना शुरू कर दिया और एक हाथ से बेडशीट को मसलने लगी और कुछ गुलाब की पंखुड़िया उसके हाथ में आ गई और मधुलिका ने उन्हें चूस लिया और अपने बेटे को दिखाते हुए अपने होंठ खोल दिए तो मोहित ने नीचे झुककर उसके होंठो को अपने मुंह में भर लिया और गुलाब की पंखुड़िया बारी बारी से एक दूसरे के मूंह में जाने लगी। मधुलिका दर्द पूरी ताकत से खत्म हो गया और मधुलिका का पूरा बदन लंड लेने के लिए उछल उछल पड़ रहा था। मोहित ने लंड को फिर से फिर से पूरा बाहर निकाल लिया तो मधुलिका तड़प उठी और मोहित की तरफ देखा तो मोहित ने पूरे ताकत से एक जोरदार धक्का लगाया और फिर से पूरा लंड जड़ तक मधुलिका की चूत में समा गया और मधुलिका फिर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और मोहित ने बिना देर किए पूरी ताकत से लंड को उसकी चूत में ठोकना शुरू कर दिया तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसकने लगी
" आह मोहित, मेरे अच्छे बेटे, आह ऐसे नही करते अपने मां के साथ, आह अअह्ह्ह्ह्ह उफ्फ
मोहित तो जैसे पागल सा हो गया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो मधुलिका की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे घर में गूंजने लगी। मधुलिका का जिस्म जोर जोर से उछल रहा था जिससे उसकी पायल और चूड़ियां मधुर संगीत उत्पन्न कर रही थी और मोहित और तेजी से धक्के लगाने शुरू तो मधुलिका की गांड़ एक एक फुट उछलने लगी। मधुलिका की आज मस्ती की कोई सीमा नहीं थी उसकी चूत आज जोर जोर से चुद रही थी और मधुलिका मजे से सिसक रही ,मचल रही थी, कूक रही थी, उछल रही थी। उसने अपन टांगो को पूरी तरह से खोल दिया और जोर से सिसकते हुए कराह उठी
" आह्ह्ह्ह्ह मोहित, उफ्फ चोद अपनी मा की चूत, मधुलिका की चूत, घोड़ी बनकर भी चूदूंगी।
मोहित अपनी की मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर किसी बेलगाम घोड़े की तरह लंड को अंदर बाहर करते हुए उसे चोदने लगा और मधुलिका अपने बेटे के नीचे पड़ी हुई सिसक सिसक पर चुद रही थी।
मधुलिका से इतनी मस्ती बर्दाश्त नही हो रही थी और उसकी चूत में कंपन होना शुरू हो गया तो मधुलिका खुद ही मुंह में भर कर अपनी चूचियां चूसने लगी तो मोहित ने अपने लंड को किसी पिस्टन की तरह अपनी मां की चूत मे घुसेड़ना शुरू कर दिया और मधुलिका की चूत से बर्दाश्त नहीं हुआ और मधुलिका ने किसी जंगली घोड़ी की तरह अपनी चूत को लंड पर उछाला और जड़ तक अपनी चूत में घुसा लिया और मधुलिका एक जोरदार सिसकी के साथ झड़ गई
" आआह्ह्ह्ह मोहित तेरी मां की चूत, उईईईई मम्मी रीईईईई सीईईईईईईई ईईईईई।
मोहित ने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया तो झड़ती हुई मधुलिका की चूत थरथरा सी गई और मधुलिका जोर जोर से सिसकने लगीं। मोहित के मुंह से अब भी मस्ती मस्ती भरी आह निकलने लगी और वो भी झड़ने की कगार पर पहुंचने वाला था तो उसके लंड में तूफानी सी ताकत आ गई और उसने तगड़े, जानलेवा धक्के लगाने शुरू किए तो मधुलिका से बर्दाश्त नहीं हुआ और दर्द और मस्ती से कराह उठी तो मोहित ने मोहित ने अपने दोनो हाथ आगे ले जाकर उसके कंधो को पकड़ लिया और किसी शेर की तरह गुर्राते हुए धक्के जड़ने लगा। मधुलिका की पूरी बच्चेदानी हिल रही थी, सिकुड़ रही थी, फैल रही थी और मधुलिका की सिर्फ चूत ही नहीं बल्कि पूरा जिस्म उसके लंड के साथ उछल उछल पड़ रहा था।
मधुलिका से इतनी मस्ती और दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मोहित को लगा कि उसका लंड फटने वाला है तो पूरी ताकत से लंड को बाहर की तरफ खींचा और फिर से एक ही बार में जड़ तक किसी मूसल की तरह ठोक दिया और मधुलिका दर्द के मारे कराह उठी क्योंकि लंड का सुपाड़ा उसकी बच्चेदानी के मुंह को खोलता हुआ अंदर घुस था और लंड ने एक के बाद एक वीर्य की पिचकारी अपनी सगी मां की चूत में मारनी शुरू कर दी और मोहित जोर से मधुलिका को कसते हुए उसके उपर गिरकर उसके होंठ चूसने लगा।