नवाब साहब का गुस्सा अब धीरे धीरे कम हो रहा था क्योंकि साहिल की शहर में अच्छी खासी चल पड़ी थी। साहिल ने अपने अब्बा को खूब समझाया लेकिन उस पर कोई फर्क नही पड़ा।
शहनाज अपने बेटे से बेहद खुश थी और उसका बड़ा ध्यान रखती थी। धीरे धीरे शहनाज के जिस्म पर खुजली बढ़ रही थी और उसे इससे काफी ज्यादा दिक्कत हो रही थी लेकिन किसी से कुछ कह पाने की हिम्मत उसके अंदर नहीं थी। एक दिन शहनाज ने हिम्मत जुटाई और जब साहिल ऑफिस जा रहा था तो शहनाज बोली:"
" बेटा मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी बेहद जरूरी।
साहिल ने अपना बैग टेबल पर रख दिया और बैठ गया सोफे पर और बोला:"
" जी अम्मी बोलिए आप।
शहनाज को समझ नही आया कि क्या करे। काफी कोशिश के बाद भी उसके मुंह से एक शब्द नही निकला और उसके माथे पर पसीना छलक आया तो साहिल बोला:"
" क्या हुआ अम्मी ? आप कौन बोल रही थी ना ?
शहनाज का दिल तेजी से धाड धाड़ कर रहा था और जिस्म में एक बिजली सी दौड़ रही थी। उसे समझ नहीं आया कि कैसे अपनी बात कहे तो साहिल बोला:"
" अम्मी क्या हुआ है ? आप कुछ तो बोलिए। मुझे ऑफिस के लिए लेट हो जायेगा
शहनाज को बचने का बहाना मिल गया और तेजी से बोली:"
" एक काम करो तुम अपनी दुकान पर जाओ। फिर कभी बाद मे बता दूंगी।
साहिल के होंठो पर स्माइल आ गई और बोला:"
" अम्मी आप भी ना किसी छोटी बच्ची की तरह कर रही है। अच्छा लेट होने दीजिए, आपकी मेरी अम्मी हैं तो आपकी मदद करना मेरा पहला फर्ज है।
शहनाज:" अरे नही नही, जाओ तुम ऑफिस जाओ। मैं फिर कभी बाद मे बता दूंगी।
साहिल ने अपना बैग उठाया और बोला:" ठीक हैं लेकिन आप ध्यान रखना कि आज शाम में मुझे जरूर बता देना आप।
इतना कहकर साहिल बाहर निकल गया और शहनाज ने चैन की सांस ली। लेकिन अगले ही पल वो मायूस हो गई क्योंकि उसकी समस्या बढ़ती ही जा रही थी और उसे कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था। दिन भर वो यही सोचती रही कि शाम होने पर उसका बेटा फिर से उससे सवाल करेगा और किस तरह से अपनी समस्या उससे कहेगी।
रात के करीब आठ साहिल वापिस घर आ गया और शहनाज ने खाना बना दिया था। दोनो मां बेटे एक साथ बैठे खाना खा रहे थे तो साहिल बोला:"
" अभी बोलिए अम्मी जान आप सुबह कुछ बोल रही थी
शहनाज जिस बात से डर रही थी वही डर उसके सामने आ गया और एक बार फिर से शहनाज का जिस्म कांप उठा। उसके मुंह में खाना का निवाला नीचे नही उतर पा रहा था और बड़ी मुश्किल से वो हिम्मत करके बोली:"
" पहले खाना तो खा लो आराम से फिर बात करते है।
साहिल ने अपनी अम्मी को स्माइल दी और खाना खाने लग गया। शहनाज ने एक बात फिर को घुमा दिया था लेकिन कब तक वो अपने बेटे को नहीं बता पाएगी ये सोचकर वो परेशान थी।
जैसे जैसे खाना खत्म हो रहा था शहनाज की चिंता बढ़ती जा रही थी। उसे समझ नही आ रहा था कि अब क्या होगा। जैसे ही खाना खत्म हुआ तो शहनाज के माथे पर पसीना छलक आया और उसने जल्दी से बर्तन उठाए और बोली:"
"मैं बर्तन धोकर आती हु।
इतना कहकर वो तेजी से किचन में घुस गई। साहिल को समझ नही आ रहा था कि आखिर ऐसी क्या बात हैं जो उसकी अम्मी चाह कर भी उसे नही बता पा रही हैं और बात को बार बार टालने की कोशिश कर रही हैं।
शहनाज बर्तन धोने के बाद फिर से परेशान हो गई कि अब क्या करू। उसकी समस्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी और वो अब चाह कर चुप भी तो नहीं कर सकती थी।
शहनाज अपने कमरे में आ गई और बिस्तर को ठीक करने लगी तभी साहिल उसके कमरे में दाखिल हुआ और उसके बेड पर बैठ गया। साहिल को अपने कमरे में पाकर एक बार फिर से शहनाज की बेचैनी बढ़ गई और उसकी सांसे तेजी से चलने लगी। साहिल बोला:"
" हान अम्मी अब बताए आपकी क्या बताने वाली थी मुझे ?
शहनाज:" बेटा ऐसे ही बस कुछ खास नहीं था। तुम बताओ कैसा रहा आज का दिन आपका ?
साहिल:" अम्मी मेरा दिन तो बहुत ही अच्छा था लेकिन आप क्यों जान बूझकर बात को घुमा रही हैं ? आखिरकार ऐसी क्या बात हैं जो आप चाह कर भी नही बोल पा रही हो।
शहनाज को कुछ समझ नहीं आया कि क्या कहे इसलिए खामोश ही रही और नजरे नीचे कर ली। साहिल ध्यान से देख रहा था कि कुछ तो हैं जो उसकी अम्मी को परेशान कर रहा है और किसी बात की वजह से वो उसे नही बता पा रही है। साहिल ने थोड़ा समझदारी से काम लिया और बोला:"
" आप मुझसे बेफिक्र होकर बोल सकती है। आपकी बात मैं किसी से नही कहूंगा इतना यकीन तो आपको मुझ पर होना ही चाहिए। क्या आपको अपने बेटे पर यकीन नही है क्या ?
शहनाज अपने बेटे की बात सुनकर तड़प सी उठी और उसका हाथ पकड़ कर बोली:"
" तुम पर तो मुझे खुद से ज्यादा यकीन है बेटा। लेकिन समझ नही आ रहा कि तुमसे कैसे कहूं।
साहिल थोड़ा सा और खिसक कर अपनी अम्मी के बेहद करीब हो गया और बोला:"
" अम्मी आप बेफिक्र होकर बोलिए। मैं कोशिश करूंगा कि आपकी समस्या कोई हो तो उसे दूर कर सकू। चलिए अब आप जल्दी से बोलिए।
शहनाज जानती थी कि ये उसके लिए अब अभी नही तो कभी नही का मौका था और उसकी समस्या उससे अब बर्दाश्त नहीं हो रही थी इसलिए वो अपने अंदर हिम्मत बटोरने लगी। उसके माथे पर एक बार फिर से पसीना छलक आया और उसने अपने पसीना को साफ किया और फिर अपनी नजरे नीचे झुका ली और बोली:"
" तुम तो जानते ही हो मेरी एक सहेली है रूबी। तीन महीने पहले मेरी उससे मुलाकात हुई क्योंकि वो घर आई थी। बातो ही बातो में उसने बताया कि उसका पति पहले उससे बहुत ज्यादा प्यार नही करता था और न ही उसे समय देता था। फिर रूबी ने अपने पति को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए अपने जिस्म पर टैटू बनवा लिए और उसका शौहर इससे बेहद खुश हुआ क्योंकि अब रूबी पहले से ज्यादा आकर्षक लग रही थी। टैटू बनवाने से उसकी जिंदगी में फिर से खुशियां लौट आई और उसने जब यहां तुम्हारे अब्बा की हरकते देखी तो उसने मुझे भी टैटू बनवाने की सलाह दी।
इतना कहकर शहनाज थोड़ी देर के लिए रुक गई। उसके माथे पर पसीना आ गया था और उसका पूरा चेहरा पसीने से भीग रहा था। साहिल ने अपना हाथ आगे बढाया और अपने रुमाल से अपनी मां का पसीना साफ किया और बोला:"
" अम्मी आप बिलकुल मत डरिए। आजकल ये सब आम बात है। टैटू के लिए औरतों की दीवानगी भला मैं नहीं समझूंगा तो भला और कौन समझेगा।
शहनाज ने अपने बेटे का सहयोग पूर्ण रवैया देखकर थोड़ी चैन की सांस ली। लेकिन उसकी धड़कन बहुत ज्यादा बढ़ गई थी और पहली बार उसके पूरे ढके हुए जिस्म के बावजूद उसकी छातियों के उभार में कम्पन हो रहा था और उसका हाथ अपने बेटे के हाथ में था लेकिन मारे उत्तेजना के उसका हाथ और भी ज्यादा कांप रहा था।
शहनाज:" बेटा देखो अब जो मैं तुम्हे बताने जा रही हूं तुम वादा करो कि मेरे बारे में कुछ भी गलत नही सोचोगे। मैं तुम्हे नही बताना चाह रहे थी लेकिन अब समस्या मेरी बर्दाश्त से बाहर हो रही हैं बस इसलिए अब मजबूर हो गई पूरी तरह से।
साहिल ने अपनी अम्मी का हाथ सहलाया और बोला:" अम्मी मुझ पर यकीन रखिए। मैं क्यों आपके बारे में भला गलत सोचने लगा, आप अपनी बात निडर होकर कहिए।
थोड़ी देर शहनाज कुछ नहीं बोली तो साहिल ने उसे पीने के लिए पानी दिया और पानी पीकर शहनाज के अंदर थोड़ी हिम्मत आई लेकिन उसकी उसकी नजरे शर्म से नीचे झुकी जा रही थी क्योंकि आगे जो वो बोलने जा रही थी वो बोलते समय अपने बेटे से आंख मिलाने की हिम्मत उसके अंदर नहीं थी। शहनाज का चेहरा लाल सुर्ख हो गया और उसके होंठ कांप उठे और बड़ी मुश्किल से उसने बोलना शुरू किया
" तुम तो अपने अब्बा के बारे में जानते हो। बस मैने भी रूबी की बात मान ली और अपने जिस्म पर टैटू बनवाने का फैसला लिया और एक दिन मैं रूबी के साथ टैटू बनवाने चली गई और उसने मेरे जिस्म पर भी टैटू बनवा दिए।
इतना कहकर शहनाज ने शर्म से अपना मुंह अपने दोनो हाथो में छुपा लिया। उसकी सांसे इतनी ज्यादा तेज थी मानो उसका दिल उसका सीना फाड़ कर बाहर आना चाहता हो।
साहिल अपनी अम्मी की हालत समझ गया और साहिल के होंठो पर स्माइल आ गई और बोला:" बस आप इतनी सी बात के लिए डर रही थी अम्मी। टैटू का तो आजकल फैशन है, अच्छा किया को आपने बनवा लिए। फिर टैटू के बाद अब्बा पर क्या फर्क पड़ा ?
शहनाज के मुझ से एक शब्द नही निकल रहा था।उसका गला एक बार फिर से पूरी तरह से सूख गया था और उसने आपके थूक को सटका और फिर से पानी पी गई और मुंह नीचे किए ही बोली:"
" नही कोई फर्क नही पड़ा। उन्होंने तो मेरे टैटू ठीक से देखे भी नही और गुस्सा होने लगे।
साहिल:" उनकी तो आदत है गुस्सा करने की। उनकी बातो का आपको बुरा नहीं मानना चाहिए।
शहनाज:" उनकी आदत तो मैं जानती हूं अच्छे से। लेकिन अब मेरे साथ कुछ और दिक्कत आ गई और मैं बेहद परेशान हू।
साहिल:" अच्छा ऐसा क्या हुआ अब अम्मी ?
शहनाज ने फिर से शर्म से अपना चेहरा नीचे झुका लिया और कांपती हुई बोली:"
" टैटू धीरे धीरे खुजली करने लगे और मुझे दिक्कत होने लगी। शुरू में मुझे लगा कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन अब खुजली बेहद ज्यादा हो गई और टैटू के एरिया में लाल लाल निशान पड़ रहे हैं। मैं चोरी छिपे काफी डॉक्टरों को दिखा चुकी हूं लेकिन कोई फायदा नही हुआ।
इतना कहकर शहनाज खामोश हो गई तो साहिल बोला:"
" ओह अम्मी, बस इतनी सी बात के लिए आप इतना परेशान हो रही थी। अच्छा किया आपने जो मुझे बता दिया। आप एक काम कीजिए एक बार मुझे टैटू दिखा दीजिए अम्मी !!
शहनाज को काटो तो खून नहीं, अब अपने बेटे को क्या जवाब दे। इसी स्थिति का सामना वो नहीं करना चाहती थी लेकिन अभी कर भी क्या सकती थी। शहनाज के जिस्म में बिजली सी दौड़ रही थी और वो खड़ी खड़ी कांप रही थी। साहिल ने अपने एक हाथ को उसके कंधे पर रखा और बोला:"
" आप हिम्मत कीजिए और एक बार मुझे दिखा दीजिए। देखने के बाद मुझे आपकी सही स्थिति का अंदाजा हो जाएगा और फिर कुछ ही दिनों में आप ठीक हो जाएगी।
शहनाज चाह कर भी हिम्मत नही कर पाई और बोली:"
" तुम एक काम करो, बिना देखे ही कोई दवा दे दो मुझे। उससे ही आराम मिल जायेगा।
साहिल:" क्या अम्मी आप भी इतनी समझदार होकर बच्चे जैसी बात कर रही हो। जब तक बीमारी का पता नही चलेगा मैं भला कैसे कुछ बता पाऊंगा आपको।
शहनाज कुछ नहीं बोली और मुंह नीचे किए खड़ी रही। साहिल उसके पास खड़ा हो गया और उसका एक हाथ फिर से पकड़ लिया और बोला:"
" अम्मी आप जिद मत कीजिए। मुझ पर भरोसा रखिए।
शहनाज का कोमल मुलायम सा नाजुक हाथ साहिल के हाथ में पूरा समा गया था और शहनाज अब पहले से ज्यादा कांप रही थी और उसकी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। वो समझ नहीं पा रही थी कि अपने बेटे को कैसे अपने जिस्म पर अंदर बने टैटू दिखाए। साहिल फिर से बोला:"
" अम्मी अगर आप नही दिखा पाएंगी तो हो सकता है कि आपकी समस्या और बढ़ जाए। लोगो को सर्जरी तक करवानी पड़ती है लेकिन बाद मे उससे भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। आप अब जिद मत कीजिए।
शहनाज को समझ नही आया कि कैसे कहे तो साहिल ने अपनी तरफ से बात को आगे बढाया और बोला:"
" अम्मी ये तो आप बता ही सकती है कि आपने कहां कहां टैटू बनवाया है। चलिए यही बता दीजिए।
शहनाज की हालत अब आसमान से गिरे और खुजूर पर अटके जैसी हो गई थी। उसे दिल कर रहा था कि ये धरती फट जाए और वो उसमे समा जाए। शहनाज बार बार अपना पसीना साफ कर रही थी और अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने के बाद भी कुछ बोल नहीं पा रही है तो साहिल बोला:"
" चलिए एक काम करता हु, मैं आपसे पूछूंगा कि आपने कहां कहां टैटू बनवाया है और आप अपनी गर्दन को हां या ना में तो हिला ही सकती है।
शहनाज को लगा कि ये सही रहेगा इसलिए उसने अपनी गर्दन हिला कर सहमति दे दी। साहिल ने धीरे से पूछा
" अम्मी जान क्या आपने अपने हाथ पर टैटू बनवाया है?
शहनाज को ये अच्छा लग रहा था और उसने इंकार में अपनी गर्दन को हिला दिया तो साहिल ने फिर से अगला सवाल किया और बोला:"
" अम्मी जान औरतों के चिकने खूबसूरत कंधो पर टैटू बेहद आकर्षक लगता है। मुझे लगता है कि आपने अपने गोरे कंधे पर टैटू जरूर बनवाया होगा।
अपने बेटे के मुंह से गोरा कंधा सुनकर शहनाज का बदन कांप उठा और उसने फिर से मुंह नीचे किए ही इंकार में सिर हिला दिया। साहिल ने आगे बढ़ते हुए अगला सवाल किया:"
" अम्मी एक औरत की लंबी गर्दन
मर्दों को अपनी तरफ आकर्षित करती है और टैटू गर्दन पर बनवाना बेहद आम बात हैं। मुझे यकीन है कि आपने अपनी गर्दन पर जरूर टैटू बनवाया होगा।
शहनाज को आज पहली बार एहसास हो रहा था कि उसका बेटा औरत के जिस्म के बारे मे कितना कुछ जान गया है और शहनाज ने इस बार हां में सिर हिला दिया।
साहिल;" अम्मी औरत की कमर उसके शरीर का बेहद आकर्षक हिस्सा होती है। क्या आपने अपनी कमर पर भी टैटू बनवाया है क्या ?
शहनाज की गर्दन इस बार फिर से हान में हिल गई और अब आगे आने वाले सवालों के बारे मे सोचकर शहनाज सहम सी गई। हाय मेरे खुदा अब क्या होगा, क्या मेरे बेटा मेरे सामने ही मेरे शरीर के नाजुक और जनाना हिस्सो के नाम लेगा। उफ्फ मुझसे नही हो पाएगा अब आगे , हाय अम्मी ये कैसी मुसीबत में फंस गई हु मैं। अब क्या करू, उफ्फ मेरे बेटे अब कुछ मत बोलना।
साहिल भी अब थोड़ा सा परेशान सा हो गया कि अब किस तरह वो अपनी अम्मी से आगे टैटू के बारे में पूछे। फिर भी उसने हिम्मत करके आगे बढ़ने का फैसला किया और बोला:"
" अम्मी अगर आपकी इजाजत हो तो आगे आपसे पूछूं?
उफ्फ ये क्या मुसीबत थी अब शहनाज के लिए। उसके बेटे ने समझदारी से काम लेते हुए सब कुछ उसके ऊपर ही छोड़ दिया था और अब शहनाज को समझ नही आ रहा था कि क्या जवाब दे। थोड़ी देर बिलकुल चुप्पी छाई रही तो साहिल बोला:"
" बताए अम्मी आप ? टैटू तो आपको बताना हो पड़ेगा तभी आपका कुछ इलाज हो पायेगा नही तो देर करने से दिक्कत बढ़ सकती है। आगे जो भी मैं आपसे सवाल करूंगा आप सब सही बताना ताकि मुझे सब सच पता चल सके।
शहनाज अपनी समस्या से इतनी ज्यादा परेशान थी कि उसे अब कुछ समझ नही आया और उसने हिम्मत करके अपने बेटे को अपनी गर्दन हिला कर मौन सहमति दे दी।
साहिल" अम्मी एक औरत के सीने पर टैटू बेहद आकर्षक लगता है। मर्द यहां टैटू देखते ही दीवाने बन जाते हैं। क्या आपने अपने सीने पर टैटू बनवाया है?
इतना कहकर साहिल ने एक नजर अपनी मां की चुचियों पर डाली और शहनाज के बदन को साहिल की बात सुनकर झटका सा लगा और वो एक कदम आगे को खिसक गई। शहनाज अपने बेटे के मुंह से ये सब सुनकर पागल सी हो रही थी और हिम्मत करके उसने अपनी गर्दन को झुका दिया और उत्तेजना में उसने साहिल के हाथ को अपने हाथ में कस दिया। साहिल ने आगे बढ़ते हुए पूछा:"
" अम्मी आपने अपने सीने के कौन सी तरफ मेरा मतलब है कि इधर या इधर टैटू बनवाया है।
इतना कहकर साहिल ने अपने हाथ को शहनाज की छातियों के सामने कर दिया। साहिल ने पहले बाई तरह ठीक उसकी छाती के सामने अपनी उंगली से इशारा किया तो शहनाज शर्म से पानी पानी हो गई। उसके अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि अपनी गर्दन हिला दे। उफ्फ ये क्या दिन उसे देखना पड़ रहा था कि उसका सगा बेटा उसकी चुचियों के ठीक सामने अपने हाथ से इशारा कर रहा था। साहिल ने फिर से अपना सवाल किया तो शहनाज ने हिम्मत करके अपनी गर्दन को हान में हिला दिया और उसकी छातियों में अकड़न सी शुरू हो गई। साहिल को अब अपनी अम्मी की चुचियों का आकार कपड़ो के उपर से ही महसूस हो रहा था और वो समझ गया था कि उसकी अम्मी की चुचियों का आकार एक मध्यम आकार के पपीते से जरा भी कम नहीं है। साहिल ने अपने हाथ को थोड़ा सा आगे बढ़ा दिया और शहनाज की दूसरी चूची के सामने कर दिया तो शहनाज की सांसे अटकने लगी। थोड़ी देर के लिए उसकी आंखे बिलकुल बंद हो गई और साहिल धीरे से बोला:"
" बताए न अम्मी क्या आपने अपने खूबसूरत भरे हुए सीने के इस तरफ भी टैटू बनवाया है !!
उफ्फ शहनाज अब पूरी तरह से बेचैन हो गई थी और उसके मुंह से शर्म और उत्तेजना के मारे शब्द नही निकल रहे थे तो साहिल ने उसके हाथ पर दबाव बनाया और बोला:"
" अम्मी आप समझ रही है न मैं किसकी बात कर रहा हूं!! मैं आपके इस सीने की बात कर रहा हूं मेरी अम्मी।
इतना कहकर उसने अपनी उंगली को आगे बढ़ाया और शहनाज की दाई चूची के बिलकुल करीब ले गया। साहिल को उंगली और उसकी अम्मी की चूची के बीच मुश्किल से एक इंच का फासला बच गया था। शहनाज की बची कूची हिम्मत भी जवाब दे गई और उसने हिम्मत करके अपनी गर्दन को हान में हिला दिया और इसके साथ ही उसका समूचा बदन कांप उठा और उसके जिस्म को एक झटका सा लगा और शहनाज की चूचियां साहिल की उंगलियों से जा टकराई और शहनाज के मुंह से न चाहते हुए भी एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी जिसने उसने बड़ी मुश्किल से अपने मुंह में ही रोक दिया। वहीं साहिल को पहली बार अपनी अम्मी की चुचियों के आकार और कठोरता का एहसास भले ही कुछ पल के लिए अपने हाथ पर हुआ लेकिन वो समझ गया कि उसकी अम्मी का शरीर अभी कितना कसा हुआ है।
साहिल;" ओह अम्मी आपके टैटू तो बेहद खूबसूरत लगते होंगे। अब्बा पता भी कौन सी दुनिया के आदमी हैं। खैर छोड़िए, अब आप आगे बताए कि क्या आपने अपने शरीर के किसी और हिस्से पर भी टैटू बनवाया है।
शहनाज पानी पानी हो गई थी और मन ही मन दुआ कर रही थी कि किसी तरह उसे इस मुसीबत से छुटकारा मिल जाए। शहनाज ने हिम्मत करके अपनी गर्दन को हिला दिया और इस बार जैसे कयामत हो गई। बार बार गर्दन हिलाने से शहनाज के दुपट्टे का पल्लू सरक गया और उसकी छातियों का उभार थोड़ा सा उसके बेटे के सामने खुल गया।
शहनाज का इस तरफ थोड़ा भी ध्यान नहीं गया और साहिल को अब बिल्कुल सही अंदाजा हो गया था कि उसकी अम्मी की चुचिया सच में कितनी बड़ी हैं। बार बार उसकी नजरे उसकी चुचियों की गोलाई के बीच में पड़ रही थी। साहिल थोड़ा सा अपने अंदर अब गर्मी महसूस कर रहा था और बोला:"
" अम्मी जब औरत चलती है तो उसका पिछवाड़ा बेहद कामुक होता है। मर्दों को रिझाने के लिए यहां टैटू बनवाना औरतों की पहली पसंद होता है खासतौर से आपके जैसे बड़े पिछवाड़े पर।
उफ्फ अपने बेटे के मुंह से अपने लिए बड़ा पिछवाड़ा सुनकर शहनाज की मानो बोलती ही बंद सी हो गई और उसके मुंह से कोई जवाब नही निकला तो साहिल फिर से बोला:"
" बताए न अम्मी आप, क्या आपने अपने चौड़े मोटे, उभरे हुए पिछवाड़े पर भी टैटू बनवाया है?
शहनाज की हालत अपने बेटे के मुंह से अपने पिछवाड़े की ऐसी कामुक तारीफ सुनकर बद से बदतर होती गई और उसकी चुचियों में कम्पन शुरू हो गया। शहनाज का कोई जवाब नही आया तो साहिल फिर से धीरे से बोला:"
" अम्मी आप पिछवाड़ा समझती हो न क्या होता है?
बदहवाश सी हुई शहनाज की गर्दन पता नहीं कैसे इंकार में हिल गई और उसकी गर्दन के हिलते ही जैसे कमरे में आग लग गई। साहिल ने ठीक उसके पीछे आते हुए अपने दोनो हाथों को एक साथ उसकी बड़ी मोटी, उभरी हुई, चौड़ी मजबूत गांड़ पर टिका दिया और शहनाज से इस बार बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ और उसके मुंह से एक कामुक आह निकल पड़ी। अपनी अम्मी के मुंह से आह सुनकर साहिल ने उसकी गांड़ को हल्का सा सहला दिया और बोला:"
" अम्मी ये होता है पिछवाड़ा। इसे थोड़ी गंदी भाषा में गांड़ भी बोलते है मेरी प्यारी अम्मी। क्या आपने अपनी गांड़ पर भी टैटू बनवाया है
अपनी गांड़ सहलाए जाने से मदहोश सी हुई शहनाज मस्ती से बिफर पड़ी क्योंकि उसकी चूत में कम्पन हुआ और जल्दी से अपनी गर्दन हां में हिला कर झटके से आगे बढ़ गई। शहनाज दीवार से जा लगी थी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी। साहिल धीरे धीरे आगे बढ़ा और उसके करीब पहुंच गया और बोला:"
" अम्मी आप भी ना किसी छोटी बच्ची की तरह शर्मा रही हैं एकदम। अच्छा चलिए आगे बताए आप....
इससे पहले कि साहिल कुछ बोलता शहनाज ने उसके होंठो पर उंगली रख दी और शर्म से अपना खूबसूरत सा चेहरा नीचे झुका दिया। तभी कमरे की लाइट चली गई और एकदम पूरा अंधेरा हो गया तो शहनाज ने सुकून की सांस ली। साहिल को अच्छा मौका लगा और बोला:"
" अम्मी अब आप बोलिए कि...
उत्तेजना से कांप रही शहनाज तेजी से बोली:" बस करो साहिल अब, मुझसे और नही होगा।
साहिल:" अम्मी ये हिम्मत तो आपको करनी ही पड़ेगी। बिना सब कुछ जाने में कैसे इलाज कर पाऊंगा। चलिए अब बोलिए क्या आपने अपनी दोनो टांगो के बीच में कहीं टैटू बनवाया है क्या?
शहनाज की चूत से रस की एक बूंद टपक पड़ी और शहनाज अंधेरे का फायदा उठाकर अपनी जांघो को एक दूसरे से मसलने लगी। साहिल ने हिम्मत करके फिर से शहनाज का एक हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" बोलिए न अम्मी, क्या आपने अपनी दोनो टांगो के बीच में छिपे हुए उस चिकने, नाजुक, मुलायम, कसे हुए कुदरत के बेशकीमती तोहफे पर भी टैटू बनवाया है !!
अपने आप के मुंह से अपनी चूत की इतनी तारीफ सुनकर शहनाज से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसकी चूत ने अपना बांध तोड़ दिया और उसकी पेंटी को पूरी तरह से भिगो दिया और शहनाज ने अपनी पूरी ताकत से अपने बेटे के हाथ को कस दिया और अपनी गर्दन को हान में हिला दिया और इसके साथ ही शहनाज का पूरा जिस्म जोर जोर से कांपने लगा और उसकी चूत में रस की बाढ़ सी आ गई और शहनाज जोर से सिसकते हुए गिरने लगी तो साहिल ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और शहनाज पूरी जोर से उससे कसकर लिपट गई और जब तक लिपटी रही तब तक उसकी चूत से काम रस टपकता रहा। ऐसा मस्ती भरा स्खलन शहनाज को आज तक नही हुआ था। जैसे ही उसका स्खलन रुका तो दरवाजे पर दस्तक हुई और शहनाज डरी हुई सी उससे अलग हो गई और बोली:"
" तुम्हारे अब्बा आ गए हैं। अब तुम अपने कमरे में जाओ साहिल।
साहिल:" ठीक हैं अम्मी, मुझे कम से कम ये तो पता चल गया कि आपके जिस्म पर कहां कहां टैटू बने हुए है। सुबह बात करते है।
इतना कहकर वो शहनाज के कमरे से निकल गया और शहनाज ने जल्दी से अपने आपको संभाला और गेट खोल दिया। रोज की तरह नवाब गुलाम अली खान दारू पिए हुए झूमते हुए आए तो बेड पर गिरते ही गहरी नींद में सो गए।
शहनाज भी बेड पर पड़ी हुई करवट बदल रही थी और सोच रही थी कि इस टैटू के चक्कर में उसे अपने बेटे के सामने किस स्थिति का सामना करना पड़ा। उसका बेटा बड़ा होने के साथ बेहद समझदार भी हो गया और औरत के जिस्म के बारे में उसे कितनी अच्छी जानकारी हैं इसका एहसास भी शहनाज को हो गया था। धीरे धीरे शहनाज नींद के आगोश में चली गई।
वहीं दूसरी तरफ साहिल अपनी अम्मी के बारे में ही सोच रहा था कि उसकी अम्मी जितनी खुबूसरत हैं यकीनन उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत उसका जिस्म है। कितनी शर्मीली और नाजुक सी हैं उसकी अम्मी। ये सब सोचते सोचते उसे भी नींद आ गई।