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Adultery ठाकुर ज़ालिम और इच्छाधारी नाग

आपका सबसे पसंदीदा चरित्र कौनसा है?

  • कामवती

  • रतिवती

  • रुखसाना

  • भूरी काकी

  • रूपवती

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  • ठाकुर ज़ालिम सिंह /जलन सिंह

  • नागेंद्र

  • वीरा

  • रंगा बिल्ला


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Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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चैप्टर 1, ठाकुर कि शादी, अपडेट 5

काली पहाड़ी से 2km दूर मंदिर मे रूपवती तांत्रिक कि तरफ बढ़ती है और हाथ जोड़ के धन्यवाद करती है
रूपवती :- धन्यवाद बाबा मुझमे विश्वास पैदा करने के लिए, मेरे अंदर कि नारी को जगाने के लिए
मै आपका आर्शीवाद जरूर प्राप्त करूंगी, आपका वीर्य ग्रहण करूंगी
तांत्रिक :- इतना आसान नहीं होगा ठकुराइन मेरा आशीर्वाद पाना
रूपवती :- मै इस कुरूपता को त्यागने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ बाबा, उस ठाकुर ज़ालिम सिंह ने मुझे मेरी कुरूपता कि वजह से त्यागा है उसको सबक सिखाने के लिए, असली रूपवती बनने के लिए मै किसी भी हद तक जा सकती हूँ
ऐसा सुन के तांत्रिक उलजुलूल अपने स्थान पे बैठ गया, जो कि पत्थर का कुर्सीनुमा सिंघासन था
तांत्रिक अपने दोनों पैर फैला के बैठ गया जिस वजह से उसका 12इंच का लिंग दोनों पैर के बीच किसी सांप कि तरह झूल रहा था

ये नजारा देख रूपवती सिहर उठती है साथ ही मन मे एक मदहोसी सी उठती है इतने बड़े लिंग को देख कर
रूपवती आगे बढ़ती है और पास रखे कटोरे को तांत्रिक के लिंग के नीचे रख देती है और बाबा को प्रणाम करती हुई पीछे हटती है..
आज उसे वो काम करना था जो आजतक नहीं किया था
रूपवती तांत्रिक कि आँखों मे देखती है और धीरे से अपनी साड़ी का पल्लू सरका देती है जिस वजह से रूपवती के बड़े बड़े काले स्तन कि घाटिया उभर के सामने आ जाती है
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तांत्रिक एक टक स्तन को घूरने लगता है लेकिन चेहरे पे कोई भाव नहीं आता, आंखे पथराई सी रहती है.
रूपवती मन मे :- कैसा पत्थर इंसान है ये तांत्रिक
साथ ही अब अपनी पूरी साड़ी खोल चुकी थी, रूपवती समझ चुकी थी कि ये उसकी परीक्षा है उसे अपने शरीर से एक पत्थर को पिघला के उसका रस निकालना था.

वही रंगा बिल्ला के अड्डे पर रुखसार कामवासना मे जल रही थी, हवस से उसकी आंखे लाल हो गई थी उसकी चुत और गांड मे लगातार रंगा और बिल्ला कि जबान चल रही थी
दोनों ही उसकी गांड से शराब निकाल लेना चाहते थे.
रंगा अपनी जीभ को आगे से तिकोना करता है और पूरीजीभ रुखसाना कि चुत मे घुसा के आगे पीछे करने लगता है
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रुखसार के धैर्य का अब कोई ठिकाना ही नहीं था, फिर भी अपनी गांड को पूरी ताकत से भींचे अपने स्खलन को रोके हुए थी.
लज्जत से आंखे बंद थी ऐसा लग रहा था कि कोई तूफान गांड और चुत मे कैद है जो किसी भी कीमत पे आज़ाद होना चाहता है.
इधर बिल्ला रुखसाना कि गांड को चाट रहा था अपनी जीभ घुसाने कि कोशिश कर रहा था लेकिन रुखसाना पूरी ताकत से गांड भींचे आनंद कि चरम सीमा पे थी, कामवासना मे डूबा ऐसा बम थी जो कभी भी फट सकता था.परन्तु इस बम के फटने मे असीम आनंद था वो आनंद जो शारब का नशा भी देता
बिल्ला पूरी कोशिश करता है परन्तु सफल नहीं हो पाता वो अपना पूरा मुँह खोल के गांड के छेड़ के इर्द गिर्द कब्ज़ा कर लेता है जैसे खा ही जायेगा
रंगा ने भी बिल्ला को देखते हुई पूरी चुत मुँह मे भर ली और चुत के दाने को मुँह मे ले के जोर से दबा दिया....

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आआआ हहहह ..... नहीं आआआ हहहहहह
किसी शेरनी कि गर्जना करती रुखसाना भरभरा के रंगा बिल्ला के मुँह मे झड़ने लगी....
फट फट .... फुर्रररररर कि आवाज़ के साथ गांड खुल गई और ढेर सारी शराब तेज़ प्रेशर के साथ सीधा बिल्ला के मुँह मे जाने लगी, और कुछ नीचे रिसती हुई चुत के रास्ते रंगा के मुँह मे जाने लगी.
रुखसार बैदम सी निढाल ही के आगे को पसर गई लेकिन बिल्ला ने गांड को सहारा दे के उसे ऊपर कि तरफ ही टांगे रखा
और गांड से निकली शराब पिने लगे.
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एक भी बून्द जमीन मे नहीं गिरने दी,खूब चाट चाट के चूस चूस के जीभ गांड के अंदर डाल के, मुँह से खींच खींच के दोनों ने खूब शराब पी
शराब पिने ने ऐसा आनंद आज तक नहीं आया था....
जब पूरी शराब ख़त्म ही गई तो बिल्ला ने रुखसाना को छोड़ दिया.
रुखसाना किसी कटे पेड़ कि तरह ढह गई, लम्बी लम्बी सांसे खींचने लगी
ऐसा स्खलन उसे आज तक नहीं मिला था वो अंदर तक तृप्त हो चुकी थी.
अब रंगा बिल्ला शराब के नशे मे धुत रुखसाना को हाफ्ता देख रहे थे.... और जोर का ठाहका लगा रहे थे.
लंड अभी भी दोनों के बराबर खडे थे, आंखे हवस से भरी हुई थी...
रुखसाना समझ चुकी थी अब आगे क्या होना है


काली पहाड़ी से दूर मंदिर मे रूपवती अब सिर्फ ब्रा और पैंटी मे थी, तांत्रिक भी उसकीकाया देख के हैरान था
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ऐसी स्त्री उसने भी आज तक नहीं देखि थी
रूप वती तांत्रिक के सामने घुटनो पे बैठ जाती है और अपनी एक ऊँगली मुँह मे डाल के कुछ देर चुस्ती है, ऐसे चुस्ती है जैसे कि लंड को और ऐसा करते हुए रूपवती कि नजर तांत्रिक के लिंग पे ही थी
अब वो अपनी ऊँगली को बाहर निकलती है उसपे लगे थूक को तांत्रिक कि तरफ दिखा कर अपने होंठ पे फेरने लगती है
रूपवती खुद नहीं जानती थी कि वो ऐसा कैसे कर ले रही है उसने तो कभी ऐसा देखा सुना ही नहीं था.
अपनी मनमोहनी अदाओ से रूपवती तांत्रिक को रिझा रही थी.
रूपवती अपने होंठो को गोल कर के ऊँगली अंदर बाहर करने लगी, थूक रिसते हुए ब्रा मे कैद स्तन पे गिर रहा था.
इतना थूक गिरा रही थी कि ब्रा गीली हो चली थी.
गिलापन तो नीचे पैंटी मे भी उत्पन्न होने लगा था, रूपवती हैरान थी कि ऐसे कैसे हो रहा है कभी भी इतनी वासना हावी नहीं हुई कि पैंटी गीली हो सके. बिना किसी मर्द के छुए चुत गीली कैसे हो रही है.
क्युकी ठाकुर साहेब के साथ तो सम्भोग ना के बराबर ही था,
वासना मे डूबी रूपवती आज कुछ भी कर गुजरने को तैयार थी
रूपवती अपने काले घने बालो को खोल के लहरा देती है और दोनों हाथ सर के पीछे रख अपनी काली कांख(armpit) दिखाते हुए तांत्रिक कि आँखों मे देखती है...
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वासना से भारी आँखों से देखते हुए रूपवती अपनी नाक कांख के करीब लाती है और एक गहरी सांस लेती है आज ये खुसबू उसे मदहोश कर रही थी, पसीने और इत्र कि मिली जुली खुसबू मंदिर के इस छोटे से गुफा नुमा कमरे मे फ़ैल जाती है.
ये खुसबू तांत्रिक कि नाक मे पहुँचती है, तांत्रिक हल्का सा विचलित होता है परन्तु इस विचलन को रूपवती भांप नहीं पाती और अपनी जीभ निकल के पता नहीं किस आवेश मे अपनी कांख चाटने लगती है
आज तक ये काम घृणाप्रद था परन्तु आज यही काम सुख प्रदान कर रहा था.
काम वासना मे औतप्रोत रूपवती पूरी जीभ निकाल के अपनी कांख ऊपर नीचे चाटने लगती है और एकटक तांत्रिक कि आँखों मे देखती रहती है.
ऐसा ही वो अपनी दूसरी कांख के साथ करती है दोनों ही कांख थूक से पुरे गीले हो चुके थे, जबान थी कि फिसले ही जा रही थी, रूपवती कि शरीर बेहद गरम होने पे आया था ऐसा लगता था जैसे रूपवती जल के खाक हो जाएगी...
कथा जारी है
Superb kya baat hai erotic update bhai
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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अपडेट 5 contd....

अब ये गर्मी सहन से बाहर थी रूपवती अपनी एडियों के बल बैठ जाती है और पीछे हाथ ले जा के अपनी ब्रा का हुक खोल देती है

अब तांत्रिक भी बैचेन होने लगता है उसे कुछ देखना था, वो खजाना देखना था जो पर्दे के पीछे था.
टक.... कि आवाज़ के साथ ब्रा खुल के आगे को लटक जाती है परन्तु रूपवती उसे गिरने नहीं देती और एक हाथ से दोनों स्तन को ढक लेती है और एक हाथ सर के पीछे मदहोसी मे आंख बंद किये अपनी कांख को चाटने लगती है.
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ऐसा शानदार नजारा तांत्रिक क्या उसके पूर्वज ने भी कभी नहीं देखा था.
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तांत्रिक मन मे :- हे देवता ये स्त्री को समझ पाना भी कितना मुश्किल है, किसी ने सही कहाँ है जब कोई घरेलु औरत हवस, कामवासना पे उतर आये तो पत्थर तक़ पिघला दे.
रूपवती तांत्रिक कि आँखों मे देखती हुई धीरे धीरे अपने हाथ स्तन से हटा लेती है....
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आअह्ह्ह.... क्या नजारा था मोटे मोटे सुडोल स्तन धम से तांत्रिक के सामने छलछला गये.
ये नजारा देखते ही तांत्रिक के लिंग ने एक जोरदार झटका मारा और वापस लटक गया.
इस बार लिंग कि ये हरकत रूपवती कि नजर मे आ गई थी.
वो समझ चुकी थी कि वो सही रास्ते पर है... उसे और आगे बढ़ना होगा उसकी मेहनत सफल हो रही है
अब रूपवती भी गरम थी हवस से भरपूर थी, वो अपने घुटने के बल हाथ आगे कर के चौपया हो जाती है, ऐसा करते ही उसके स्तन आगे को लटक जाते है जैसे कोई दुधारू कुतिया हो.

इसी स्थति मे रूपवती घुटनो के बल किसी कुतिया कि तरह जीभ अपने होंठों पे फेरती हुई तांत्रिक कि और बढ़ चलती है और एक दम करीब पहुंच कर अपने दोनों स्तन ऊपर को उठा कर तांत्रिक को दिखाती है
और बारी बारी एक एक स्तन को हाथो से ऊपर नीचे हिला हिला के मादक अदा दिखाती है.
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तांत्रिक ऐसा नजारा देख के दंग रह जाता है उसे लगता है वो अपना कण्ट्रोल खो देगा.
इधर रूपवती खुद हैरान थी कि वो ऐसा कैसे कर पा रही है, लेकिन इसमें एक मजा था, एक कसक थी
रूपवती खुद अपनी हरकत से उत्तेजित होती जा रही थी.
अँधेरी गुफानूमा कमरे मे दिये कि मद्दम रौशनी मे आज कामवासना का खेल अपने चरम पे था.

उधर काली पहाड़ी रंगा बिल्ला के अड्डे पर भी नजारा कुछ कम नहीं था
मादकता चारो तरफ फैली थी शराब और चुत से निकले पानी कि खुसबू कमरे मे फ़ैल गई थी
हाफ़ती हुई रुखसाना को देख के रंगा मुस्कुराता है और उसके मुँह पे जा के बैठ जाता है.
रंगा:- चल रांड गांड चाट मेरी, ऐसा कह के अपनी गली गांड रुखसाना के होंठो पे रख देता है और उसके टट्टे रुखसाना कि नाक मे घुसे जाते है और लंड माथे पर टक्कर देता है
रुखसाना जो अभी अभी बुरी तरह झड़ी थी वो रंगा के लंड और गांड कि खुसबू पा के फिर उत्तेजित होने लगती है.
उसकी खास बात ही यही थी कि वो चुदाई से कभी थकती नहीं थी.
तुरंत अपनी जीभ निकल के रंगा कि गांड के छेद को कुरेदने लगती है बड़ा कसैला स्वाद था परन्तु उसे वो पसंद था.
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इधर बिल्ला चिकेन खाने और दारू पिने मे बिजी था और किसी भैसे कि तरह पड़ा हुआ रंगा कि गांड चटाई देख रहा था.
अब रुखसाना ने अपनी जीभ तिकोनी के रंगा कि गांड मे घुसाने कि कोशिश कि.
रंगा :- वाह रांड वाह तेरा कोई जवाब नहीं चाटने मे भी उस्ताद और चाटवाने मे भी उस्ताद.
रुखसाना :- मालिक सब आप कि ही कृपा है, अपने ही जगाया है मेरे अंदर कि रांड को
रंगा का लंड उत्तेजना मे पत्थर कि तरह कड़क हो जाता है और उछाल उछाल के रुखसाना के माथे पे चोट करने लगता है.
अब रुखसाना रंगा के टट्टे मुँह मे भर के चूस राही थी.

बिल्ला :- रांड मेरा भी चूस ले, या आज रंगा को ही पीयेगी. हाहाहाहाहा
इतना बोल के जमीन पे लेती रुखसाना के मुँह के पास आ के बैठ जाता है और अपने लंड कि चोट उसके गालो पे करने लगता.
रंगा अपना लंड रुखसाना के मुँह मे ठूस देता है बिल्ला भी कहाँ पीछे रहने वाला था

बिल्ला :- ले रांड मेरा लंड भी ले मुँह मे
अब रुखसाना के लिए एक लंड लेना ही मुश्किल था दो दो कैसे घुसाती मुँह मे, फिर भी कोशिश करती है और दोनों लंडो को पकड़ के एक साथ चाटने लगती है
रंगा एक हाथ पीछे ले जा के चुत के दाने से खेलने लगता है.
उत्तेजना और लज्जत कि वजह से रुखसाना हद से ज्यादा मुँह खोलती है और एक साथ दोनों लंड को अंदर ले लेती है.
अब हालात ये थे कि रंगा अपना लंड थोड़ा बाहर निकलता तो बिल्ला अपना भारी लंड गले टक ठूस देता, फिर बिल्ला लंड बाहर खींचता तो रंगा अपना भयंकर लंड जड़ तक़ थोक देता.

कमरे मे गु गु गुमममम फच फच कि आवाज़ गूंज रही थी. रुखसाना के मुँह से ढेर सारा थूक निकल निकल के फर्श पे गिरता जा रहा था.

रंगा लगातार रुखसाना कि चुत पे हाथ चलाये जा रहा था दोनों ही कोई रहम दिखाने के मूड मे नहीं थे
तीनो ही परम आनद कि चरम सीमा पे थे.
करीबन आधे घंटे हो गये थे मुख चुदाई को अब रंगा बिल्ला झड़ने वाले थे.
धप घप घप.... आअह्ह्ह आअह्ह्ह
हुंकार भरते हुए रंगा बिल्ला स्खालित होने लगे, मारे उत्तेजना के दोनों ने एक साथ ही अपना लंड रुखसाना के गले मे झाड तक़ ठूस दिया दोनों के टट्टे बुरी तरह रुखसाना के चेहरे पे दब गये थे.

भल भला के दोनों का वीर्य रुखसाना के गले और मुँह मे भरने लगा... एक मिनट तक़ दोनों ही अपने टट्टो को खाली करते रहे.
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पूरी तरह खाली होने के बाद दोनों रुखसाना के अजूबाजू ढह जाते है.
रुखसाना खासती घरघारती बेचैनी से पेट के बल पलट जाती है, उसकी सांसे किसी धोकनी कि तरह चल रही थी सारा वीर्य उसके पेट मे जा चूका था एक बून्द भी व्यर्थ नहीं गया था.
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रुखसाना तो वीर्य पी चुकी थी.
क्या रूपवती भी वीर्य पी पायेगी?
बने रहिये..... रूपवती कि अदाओ के साथ जल्दी मिलेंगे
Hot erotic update bhai jabarjast
 

andypndy

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चैप्टर -1, ठाकुर कि शादी, अपडेट -6

कालीपहाड़ी के मंदिर मे
रूपवती तांत्रिक के सामने अपने स्तन को हिला हिला के रिझा रही थी आज वजन कुछ ज्यादा ही बड़ गया था उसके सतनो का
निप्पल बिल्कुल टाइट हो के खड़े थेजिन्हे रूपवती ऊँगली और अंगूठे मे पकड़ के कुरेद रही थी.
रूपवती अपने दाएं स्तन को उठा के अपने मुँह के पास लाती है और जीभ बाहर निकल के निप्पल पे रख देती है, ऐसा करते ही लज्जत हवस से उसकी आंखे बंद हो जाती है.
एक सुकून था जो कि आज तक़ कहाँ छुपा था पता नहीं, रूपवती आंखे बंद कर निप्पल को चाटती है और उसकी मुँह से आह आआह निकल जाती है.
इस आह मे एक आह और शामिल थी जो तांत्रिक के मुँह से निकलती है ऐसा नजारा देख आहहहह फुट ही पड़ती है.
परन्तु तांत्रिक कि आह, रूपवती के हवस भारी गुरराहट मे दबा जाती है
रूपवती कहाँ थी किसके सामने थी उसे कुछ नहीं पता था उसे बस अपने शरीर से खेलने मे आनंद प्राप्त हो रहा था वो इस खेल को पूरा खेल लेना चाहती थी.
इसी चाहत मे वो अपना बाया स्तन पकड़ के अपने मुँह मे लगा देती है और निप्पल को अपने दांतो तले चबाने लगती है.
ऐसा लगता था जैसे उसमे दूध बह रहा हो और वो एक एक बून्द चूस लेना चाहती हो.
अपनी जबान से लगातार बारी बारी दोनों निप्पल्स को कुरैदे जा रही थी... आज एक अलग ही भूख जग गई थी रूपवती के तन बदन मे.
इस गर्मी और हवस से तांत्रिक का बचे रह पाना भी नामुमकिन था.
रूपवती बदहवास सी तांत्रिक के लटके लंड के बिल्कुल गरीब पहुंच जाती है और अपनी लम्बी काली जबान निकाल के लंड को बिना टच किये ही सुड़प सुड़प जीभ चलाने लगती है जैसे कि कोई कुतिया लंड चाट रही हो.
कुतिया बनी रूपवती अपनी मोटी काली गांड पीछे कि और पूरी तरह उठा लेती है, और मुँह पूरा नीचे कर के लपड़ लपड़ जीभ चला रही थी जिस वजह से गांड धलक धलक हिल रही थी.
ये नजारा देख के तांत्रिक उलजुलूल के मुँह से काम भारी सिसक निकल ही जाती है आआहहहहह... और लंड झटके खा के उठने लगता है, परन्तु जैसे ही लंड रूपवती को छूने को होता है वह पीछे हट जाती है,
तांत्रिक मन मसोस के रह जाता है, रूपवती के पीछे हटने से उसकी गांड बहुत जोर से हिलती है, तांत्रिक कि नजर पूरी तरह रूपवती कि गाण्ड पर टीक जाती है.
अब रूपवती समझ चुकी थी कि उसकी गांड तांत्रिक को आकर्षित कर ही है
अब वो और हौसले के साथ अपनी काम क्रिया को अंजाम देने का इरादा कर लेती है.
इसी फिराक मे रूपवती एक दम पीछे को पलट जाती है.
अपनी मोटी बड़ी काली गांड छलकाती हुई तांत्रिक के सामने प्रस्तुत कर देती है, ये नजारा देखते ही तो तांत्रिक कि आंखे फटी कि फटी रह जाती है.
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तांत्रिक :- हे देवता ये क्या नजारा दिखाया तूने, आअह्ह्ह..... मेरा लंड क्या हो रहा है इसे.
आआहहहहह
आवाज़ सुंन के गांड हिलाती रूपवती बड़ी अदा मदहोशि के साथ गर्दन पीछे घुमाती है
पीछे का नजारा देख रूपवती आश्चर्य से बोखला जाती है. हे भगवान इतना बड़ा लंड ये नजारा देख के रूपवती कि चुत पानी छोड़ने लगती है पूरी पैंटी गीली हो चुकी थी जैसे किसी ने तेल मे भिगो दी हो.
पीछे का नजारा था ही कुछ ऐसा तांत्रिक का 12इंच 5इंच मोटा लंड जाग्रत अवस्था मे आ चूका था, इतना भयानक काला लिंग देख के किसी भी औरत के होश उड़ जाते.
आगे यहाँ पढ़े.
 
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andypndy

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चैप्टर -1, ठाकुर कि शादी, अपडेट -7

मंगलवार का दिन भी आ चूका था,
ठाकुर ज़ालिम सिंह कि हवेली मे सुबह से ही चहल पहल हो रही थी, घोड़ा गाड़ी पे सामान बांधे जा रहे थे. खूब अन्न गेहूं चावल फल मिठाईया बांध ली गई थी.
ठाकुर :- अरे हरामियों कालू, बिल्लू, रामु कहाँ मर गये सब के सब मेरी पगड़ी कहाँ है?
सब के सब हरामखोर है सालो कोमुफ्त खाने कि आदत पड़ गई है.
ठाकुर साहेब कपडे पहने जा रहे थे और भुंभूनाते जा रहे थे.
तभी कमरे मे छन छन पायल छनकाती भूरी काकी पगड़ी लिए खड़ी थी.

भूरी काकी
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उम्र 50 साल लेकिन आज भी कसा हुआ बदन है.
साइज 34-26-38 है,
उम्र होने के बावजूद भी स्तन और गांड का कसाव बारकरारा है.
या यु कहिये भूरी काकी पुरानी शराब कि तरह है जो वक़्त के साथ और ज्यादा नशीली होती जा रही है.
गांव मे इनकी बहुत इज़्ज़त है, ठाकुर भी इज़्ज़त से ही पेश आते है इनके सामने.
परन्तु ये अंदर से है बिल्कुल सुलगती भट्टी, हवस हमेशा दबी रहती है बस आगे से पहल नहीं करती.
इनकी 16 साल कि उम्र मे ही शादी हो गई थी, शादी मात्र 4 साल ही चल पाई इनका पति वक़्त से पहले ही भरी जवानी मे खेत मे काम करते वक़्त सांप काटने कि वजह से मारा गया था.
तब से आज तक भूरी ने सम्भोग नहीं किया, हालांकि रोज़ रात ऊँगली, बेंगन, खीरा, बेलन जरूर डालती है चुत मे जैसे तैसे अपनी हवस मिटाती है लेकिन शर्माहाट और शराफत के कारण कभी बाहर चुदवा ना पाई.
हाय री किस्मत... ऐसे मस्त बदन को भोगने वाला कोई था ही नहीं.
ठाकुर ज़ालिम कि माँ ने भूरी को हवेली के काम काज के लिए रख लिया था.
तब से आज तक भूरी हवेली कि सेवा मे ही रह गई.

भूरी काकी :- ये लीजिये ठाकुर साहेब पगड़ी पहनिये, ऐसा बोल के खुद अपने हांथो से पहना देती है.
वाह ठाकुर साहेब क्या लग रहे है, जँच रहे है
कामवती आपको देखते ही पसंद कर लेगी, ऐसा कह के एक काला टिका ठाकुर साहेब को लगा देती है.
ठाकुर :- काकी आप भी ना, हालांकि ठाकुर और भूरी कि उम्र मे ज्यादा अंतर नहीं था.
लेकिन सब भूरी को काकी ही बोलते थे क्युकी भूरी ठाकुर कि माँ कि सेवादारनी थी.
तो ठाकुर भी बचपन से ही भूरी को काकी ही बोलते थे.
काकी आप ना होती तो ये हवेली कैसे चलती, बाकि सब साले हरामी हो गये है.
भूरी काकी :- छोडीये गुस्सा मै उन्हें देख लुंगी, आप अच्छे काम के लिए जा रहे है गुस्सा थूक दीजिये.

कालू, बिल्लू, रामु तीनो ही ठाकुर के आदमी थे वफादार थे
बस प्यार कि भाषा नहीं समझते थे, ठाकुर जब तक चिल्लाता नहीं इनसे काम होता नहीं.
तीनो एक नंबर के हरामी शराबखोर और चोदने के शौक़ीन थे.
लेकिन वफादार गजब के.
तीनो एक जैसे ही दीखते थे,मुछे रोबदार hight 5.8इंच,चौड़ी छाती.
बिल्कुल लथेट, लंड भी तीनो के एक सामान 7इंच के काले मोटे बेंगन जैसे लंड.

इतने मे डॉ. असलम हवेली मे प्रवेश करता है
डॉ. असलम :- क्या ठाकुर साहेब कितना सजेंगे चलना नहीं है क्या?
कहाँ रह गये.
ठाकुर :- आओ असलम आओ... मै तुंहारी ही राह देख रहा था.
मै तो तैयार ही हूँ लेकिन वो तीनो हरामी घोड़ा गाड़ी तो तैयार करे.
डॉ. असलम :-हाहाहाहाहा क्या ठाकुर साहेब उन बेचारो पे चिल्लाते हो उन्होंने गाड़ी तैयार भी कर दि है.
तभी बिल्लू अंदर आता है, और सर झुका के बोलता है ठाकुर साहेब गाड़ी तैयार है सारा सामान लाद दिया है और गाड़िवान भी आ चूका है.
आप प्रस्थान कर सकते है, और यादि इज़ाज़त हो तो हम तीनो भी साथ चले?
ठाकुर :- नहीं हम अच्छे काम के लिए जा रहे है तुम तीनो मनहूसो को ले जा के काम नहीं बिगाड़ना मुझे.
तुम लोग हवेली मे ही रहो कोई चोर लुटेरा घुस गया तो फिर हो गई शादी.
ठाकुर हमेशा ही तीनो को लताड़ते रहते थे, तीनो थे भी इसी लायक कोई काम ठीक से करते ही नहीं थे.
जो करते कुछ ना कुछ बिगाड़ ही देते.
बस ठाकुर के प्रति हद से ज्यादा वफादार थे इसलिए अब तक हवेली मे टीके हुए थे.
डॉ.असलम और ठाकुर घोड़ा गाड़ी पे सवार हो के निकल चुके थे..
और पीछे रह गये थे तीनो जमुरे और भूरी काकी
आगे यहाँ पढ़े.
 
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Napster

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

andypndy

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
आज रात ही मिलेगा dont worry 😀👍
 
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