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Incest तीनो की संमति से .....

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Funlover

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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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manu@84

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मेरी बात सुनते ही जीजू ने कहा-“यार, तू इतनी चिंता क्यों करता है? अब से तू ये समझ की पूजा मेरी नहीं तेरी बीवी है। दुनियाँ के सामने वो मेरी बीवी है, पर असल में वो तेरी बीवी होगी। और यार तू सोच जिस तरह मर्दों ने घर के बाहर दूसरी औरतों को रखा होता है, अपनी रखैल बनाकर। अब से तू समझ की पूजा तेरी बहन नहीं तेरी रखैल है, और तुझे तो पता ही होगा की एक रखैल अपने यार को इतना मज़ा देती है, जितना मज़ा ना एक बीवी और ना एक मासूका दे सकती है। अरे रखैल जितना मज़ा तो लाइफ में कोई रंडी भी नहीं दे सकती…” और इतना कहकर मेरी जाँघ पर हाथ उससे दबाकर मुश्कुरा दिए।

मैं-“ठीक है जीजू, जैसा आप और दीदी को सही लगता है, वैसे ही होगा…” अब मेरे लिए पूजा दीदी को आगे भी चोदने का रास्ता सॉफ हो गया था। अब मैं खुलकर पूजा दीदी का मज़ा ले सकता था, जैसे मैं चाहता वैसे ही पूजा दीदी की मस्त गदराई हुई जवानी को चूस सकता था। अब मेरे मन में सिर्फ़ पूजा दीदी की चुदाई के बारे में विचार आ रहे थे की कैसे मैं अपनी प्यारी दीदी पूजा की चुदाई करूँगा? उसको किस-किस स्टाइल में चोदूंगा और कहां-कहां चोदूंगा? ये सब विचार मेरे मन में आ ही रहे थे की तभी मेरी आँखों के सामने पूजा दीदी की मस्त तरबूज जैसे चूतड़ आ गये।

मैंने अपने दोस्तों से सुना था की ज्यादातर लड़कियां अपनी गाण्ड मारने नहीं देती, अगर पूजा दीदी ने भी मुझे अपनी मस्त गाण्ड मारने नहीं दी तो क्या होगा? और वैसे भी जीजू और पूजा दीदी को मुझसे बच्चा ही चाहिए था, जो पूजा दीदी मुझसे अपनी चूत चुदवाकर पैदा कर सकती थी। मन में पूजा दीदी के द्वारा उसकी गाण्ड ना मारने देने के विचार से मेरा मन कांप उठा और मैं जीजू से कन्फर्म कर लेना चाहता था की पूजा दीदी मुझे अपनी गाण्ड मारने से ना रोकें।

इसलिये मैंने जीजू से कहा-“जीजू, पूजा दीदी को मुझसे बच्चा चाहिए, पर आप बताएं की पूजा दीदी जैसी मस्त पटाका लड़की का तबला (गाण्ड) देखकर किस मर्द का मन नहीं करेगा की पूजा दीदी जैसी मस्त लड़की का तबला बजाये…”

जीजू मेरी बात सुनकर मुश्कुरा दिए और बोले-“यार, तुझे कहा ना कि अब पूजा को अपनी दीदी मत समझ… बल्की उसे अपनी रखैल समझ। अब तू उस माल की आगे से बजा, या पीछे से उसका तबला बजा… बस तू उसे पेट से करके माँ बना दे…”

इसके बाद लास्ट ड्रिंक खतम करने के साथ-साथ हम घर को चल दिए। जीजू आउट हो गये थे, उनसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। जब मैं ड्राइव कर रहा था तो रास्ते में जीजू मेरे लण्ड पे हाथ रखकर बोले-“साले, अपना हथियार तो दिखा दे, कितना बड़ा है? पूजा बता रही थी की तेरा हथियार बड़ा लंबा और मोटा है…”

एक पल के लिए तो मुझे लगा कि जीजू गान्डू हैं, शायद दीदी की चूत लेने से पहले इनकी गाण्ड भी मारनी पड़े गी। मेरा लण्ड आधा खड़ा था जो उन्होंने मेरी पैंट के ऊपर से ही थोड़ा झुक के अपने दायें हाथ में पकड़ रखा था।

फिर कुछ सोचकर जीजू बोले-“चल छोड़ कल ही देखेंगे जब तुम मेरी बीवी की चुदाई करोगे…”

मेरे दिल में आया कि मादरचोद, तेरी बीवी को चोदने का तो पता नहीं मुझे मज़ा आएगा या नहीं? लेकिन अपनी बहन को चोदने के लिए तो मैं बरसों से तरस रहा हूँ, उसे चोदने में तो मुझे जन्नत का मज़ा आएगा।

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


stay tuned
Update 9-10-11

जीजा साले की kashmkash से लबरेज बहुत ही खुले विचारों की धारणा वाकई कमाल कर रही थी। निसंतांता आज के दौर में अभिशाप नही रही है बहुत से ivf clinic खुल चुके है लोग लाभ ले रहे हैं। कुछ हिंदी filmo मे भी ivf clinic से बच्चे पैदा करने की स्टोरी है।

मेरे निजी नजरिये से ivf से बच्चे पैदा करने से अच्छा नियोग प्रथा से बच्चे पैदा karकरना चाहिए। ivf की प्रक्रिया जटिल होती हैं ।
 

Funlover

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hot and seductive update Madam...
Let Ramesh enjoy orally with Manju here...and Deepu uske ghar mein oral and physical enjoy karega... :)

Good one though..


Funlover
Ha ab dipu ko usi ne to bheja hai
Ab dipu enjoy kar raha hai ya manorama
Kisi ek ko enjoyment to hota nahi. Females r not for enjoyment at all. Males provides enjoyment to female and the same to males fr females.
 
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Funlover

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Madam, Heartiest Congratulations on your story completing 100 pages...and 6L+ views..
both achievements outstanding...good going!!

Funlover
Thank you very much friend
It won't be possible without support of people like YOU....
Stay excited and tuned
 
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Funlover

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Super amazing wonderfull update
Thanks a lot friend

Be with the story.... Along with me
 

Funlover

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Update 9-10-11

जीजा साले की kashmkash से लबरेज बहुत ही खुले विचारों की धारणा वाकई कमाल कर रही थी। निसंतांता आज के दौर में अभिशाप नही रही है बहुत से ivf clinic खुल चुके है लोग लाभ ले रहे हैं। कुछ हिंदी filmo मे भी ivf clinic से बच्चे पैदा करने की स्टोरी है।

मेरे निजी नजरिये से ivf से बच्चे पैदा करने से अच्छा नियोग प्रथा से बच्चे पैदा karकरना चाहिए। ivf की प्रक्रिया जटिल होती हैं ।
Somehow and somewhere i agree with you

If time permits i may write a story on the same plot.

Thank you for being with story
 

Bittoo

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जैसे ही रमेश अन्दर को आया तो मंजू ने पिछले पाव से डोर को बंध किया और रमेश से चिपक गई| रमेश हक्काबक्का से रह गया और बोला: “मम्मी ये क्या कर रही है एक दम से हमला?”



मंजू रमेश से चिपकी और उसको भिचते हुए बोली: “रमेश मुझे ठंडी करो वरना मै मर जाउंगी”| मंजू ने उसके होठो को ऊपर की और ले जाके रमेश के करीब लेके बोली “i Love You too”|

रमेश: “अब बोली तुम पहले बोलना था”

मंजू: “मै वो पूजा के सामने नहीं बोलना चाहती थी, मुझे उसके सामने शर्म महसूस हो रही थी”|

रमेश: “अब शर्म कैसी मम्मी”|

“बस अब no mummy please, सिर्फ और सिर्फ मंजू बोलो, जब तक हम इस बेडरूम में है तबतक तो सिर्फ मंजू|”

रमेश खुश हुआ और बोला “ओके ओके डार्लिंग” और मंजू को अपनी ऑर खीचा वैसे खीचना क्या था मंजू खुद ही खिचती चली गई और उसकी बाही में समा गई| रमश का एक हाथ अब मंजू की गांड को नापते थे वही दूसरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहे थे|



“मंजू तुम्हे पता है मै आज बहोत खुश हु क्यों की आज मेरी सब से बड़ी इच्छा पूर्ण हो रही है”

मंजू: “कैसे?”

बस मंजू मै तुम से बहोत प्यार करता हु, ये इसलिए नहीं की मुझे तुम अपना चुतरस दे रही हो, बस मै तुमसे प्यार कर रहा था, पूजा से भी करता हु पर मेरा पहला प्यार तुम से हुआ मंजू”|



“ऐसा कैसे हुआ रमेश मुज में ऐसा क्या पाया?” मंजू अब रमेशको अपने दोनों हाथो से प्रेम करी हुई बोली



“मैंने जब तुम्हे कही देखा था तो मुझे तुम सब से ज्यादा अच्छी लगी बस उसी टाइम से मुझे तुम से प्यार हो गया और सोच रहा था की काया मुझे तुम मिल सकोगी कभी!”



“पूजा को देखने आया और तुम्हे देखा तो मै शादी के लिए ना नहीं कह सका बस यही कारण था की मैंने पूजा की बर्बादी कर दी और यही कारण है की आज पूजा खुश भी है सब में बस तुम ही तुम हो मंजू”



“पर ऐसा क्या देखा मै तो वैसे भी बूढी हु तुम से”

“मेरी नजर से देखो मंजू तो तुम रोज ही कुब्सुरत हो रही हो जो पहले थी उस से भी ज्यादा खुबसूरत”

“अच्छा क्या देखा मुज में? जो इतना पागल हो गए और ये सब खेल रचाना पड़ा”



“सच बताऊ?”

“तो क्या अब तुम जुट भी बोलोगे?”

“नहीं मै तुम से जुट कभी नहीं बोलूँगा” कह के उसने मंजू को चुमते हुए|

“तो? अब बताओ भी”

“तुम्हारे ये दो पहाड़ और उन पहाडो की चोटी मुझे पसंद आई थी और पीछेवाली velly मुझे पागल कर गई थी की कितनी गहरी होगी ये पीछेवाली खाई”



“ओह्ह रमेश मै पागल हो जाउंगी ऐसा बोलोगे तो, मुझे ये नहीं पता चला की तुम मुझे इतना प्यार करते होंगे और मेरी इस खाई को और इस पहाडो को” फिर थोडा उदास होते हुए बोली|



“सच रमेश अगर मुझे पहले पता होता तो मै मेरी इस पिछली खाई को कभी दीपू को नहीं देती पर अब बहोत देर हो चुकी है मेरे पास तुम्हे देने को अब कुछ नहीं है”|



“तुम उसकी चिंता मत करो अगर मै चाहता की तुम्हारी खाई मेरे लंड से भरी जाए तो दीपू तुम्हारी गांड कभी नहीं मारता एक तरह से ये समजो की चोदता वो था लेकिन कहता मै था”|



“ओह्ह रमेश तुम्हे ऐसा नहीं करना था मेरी इन गहरी खाई को तुम्हारे लिए अनामत रख लेना था मुझे बहत दुःख है की मै मेरी गांड को सुरक्षित नहीं रख पाई और दीपू ने उसके लंड से मेरी गांड की मांग भिभर दी है”|

“ओह्ह् मुझे ऐसा नहीं करना था मेरे जमाई के लिए कुछ रेख लेना चाहिए था पर सच में रमेश मुझे अब तक ऐसा था की हम सिर्फ और सिर्फ मिल रहे है ये प्यार मै नहीं समज सकी मुझे माफ़ कर दो प्लीज़” |



“चलो अब छोडो जो हुआ है वो सब मेरी ही इच्छा से हुआ है|”

“पर तुमने ऐसा क्यों किया? जब की तुम तो सब जानते थे?”

“मुझे मेरे प्यार पे भरोसा है और मुझे परवाह नहीं की तुम मुज पे भरोसा रखो या ना रखो|”

“मै मानती हु की पहले मुझे तुम से डर लग रहा था की क्या होगा लेकिन अब मुझे तुम पर पूरा भरोसा है और तुम जैसा कहोगे वैसे ही करुँगी”



रमेश: “तो अब तुम्हारी चूत का पान करने दो”| “और एक वादा चाहिए”|



“वादा? कैसा वादा रमेश?”

“मुझे तुम्हारी चूत का रस कभी भी पीने का हक देदो”|



“नहीं रमेश तुम जानते हो की मै दीपू से शादी कर चुकी हु| अब मन से वप मेरा पति स्वीकार चुकी हु| उसकी मर्जी के बिना मै कुछ नहीं कर सकती”

“लेकिन कभी दीपू एतराज़ ना करे तो?”



“तो तो शायद हो सकता है, लेकिन कोई भी पति ऐसा नहीं चाहेगा की उसके पत्निका माल का रस कोई और पिए”

“वो मेरे हि केहने पे तुम्हे चोद पाया है और मेरे हिकेहने पे आगे भी चोदेगा डार्लिंग वो मेरे काबू में है”|



“अगर ऐसा है तो शायद मुझे कोई एतराज़ नहीं है तुम्हे मेरी चूत देने में रमेश पर मै विश्वासघाती नहीं बनूँगी और नाही मै तुमसे कोई गलत करार करुँगी बाकी मुझे तुम पर पूरा भरोसा है”|



“क्या तुम मन से मेरे साथ में हो? क्या तुम्मन से तुम्हारी चूत दे रही हो मुझे?”



मंजू शरमा के रमेश की छाती में अपना मुह छुपाते हुए “हम्म मन से और तन से भी”

मंजू: “मुझे पूरा भरोसा है की तुम मेरा कभी भी गलत नहीं करोगे, या मेरी बदनामी कभी नहीं होने दोगे”|

रमेश : “जिस दिन तुम्हे ऐसा लगे तो मेरा मुह और तुम्हारा चप्पल रहेगा डार्लिंग मुज पर भरोसा रखो और तुम्हे मै खुश ही देखूंगा और वोही करूँगा जिस में तुम्हारी भलाई हो”|



दीपू की चिंता तुम करना बंध करो, भले हीवो तुम्हारा पति हो लेकिनुसका मालिक मै हु| तो इस तरह से मै भी तुम्हारा मालिक ही हुआ”|



मंजू: “जब नहीं था तब कोई नर मेरे साथ नहीं था और आज दो दो मेरे नर है जो मेरी भुख्शांत करेंगे| मै तुम्हे तुम्हारे इस शब्दों पे विश्वास रखते हुए कह रही हु की जब चाहो तुम मेरी चूत के स्वामी बन सकते हो, अगर दीपू..”



“अब बस मै तुम्हारी रहूंगी मेरी भोस और गांड भी अब तुम्हारे भी हुए| लेकिन पहला हक दीपू का”|

“ऐसा क्यों?” रमेश ने उसके बोबले को कसते हुए कहा|



मंजू धीरे से उसकी कान की ऑर गई और बोली: “सच में वो चोदता बहोत अच्छा है” और हस दी|



“ओके डार्लिंग”



तभी पूजा के ऊपर आने की आहात सुनाई दी तो मंजू थोड़ी रमेश से दूर हो गई और धीरे से बोली “नाटक तो करना पड़ेगा, ऐसे ही ये नहीं मिलने वाला उसके सामने” उसने अपनी चूत की ऑर इशारा करते हुए|




तभी डोर ओपन हुआ और पूजा अन्दर सरक गई| उसके हाथ में बियर के केन और कुछ खाने का सामान था|
बहुत ही अद्भुत। प्रशंसा के लिए शब्द नहीं मिल रहे। वैसे भी मैं कोई लेखक नहीं हूँ इस लिए शब्द चयन नहीं कर पाता लिखने के लिए । पर आपस् का संवाद बहुत की कामुक है। यह अद्भुत शैली है। बधाई।
 

VickyBulletking

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Story to mast hai lekin hero koun hai samajh nahi aa raha hai .......
 

Funlover

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बहुत ही अद्भुत। प्रशंसा के लिए शब्द नहीं मिल रहे। वैसे भी मैं कोई लेखक नहीं हूँ इस लिए शब्द चयन नहीं कर पाता लिखने के लिए । पर आपस् का संवाद बहुत की कामुक है। यह अद्भुत शैली है। बधाई।
आपका बहोत बहोत धन्यवाद की आप को मेरी कहानी और उसका वर्णन आपको पसंद आया

बस बने रहिये कहानी के अंत तक शायद आप को आगे भी मजा आये.........
 

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Behtareen updates...aur kamuk banao isse
जी कोशिश तो यही है की उसे और ज्यादा कामुक बनाऊ

बस बने रहिये कहानी के साथ और मजे लेते रहिये
 
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