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Incest तीनो की संमति से .....

Funlover

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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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अब मेरा दूसरा हाथ दीदी की फूली हुई चूत सहला रहा था और दीदी अपनी चूत मेरे हाथ पर जोर से रगड़ रही थी, कहा-“तेरा जीजा मादरचोद तो बस मेरी जाँघ पर ही अपना पानी निकाल देता है। मेरे भाई, मैं तो तड़पती चीखती रहती थी पर वहां मेरी सुनने वाला कौन था? मेरे भाई मुझे आनंद आ रहा है। तेरा लण्ड भी बहुत खुश्बूदार है, बहुत सुंदर है, तेरा स्पर्श बहुत सेक्सी है। दीपू तेरे हाथ मेरे अंदर एक मज़ेदार आग भड़का रहे हैं। तेरी उंगलियां मेरी चूत में खलबली मचा रही हैं। मेरी चूत से रस टपक रहा है। तेरा स्पर्श ही मुझे औरत होने का एहसास करा रहा है। मैं तेरे अंदर समा जाना चाहती हूँ। चाहती हूँ की तू भी मेरे अंदर समा जाए। मेरे जिश्म का हर हिस्सा चूम लो मेरे भाई, और मुझे अपने जिश्म का हर हिस्सा चूम लेने दो…”

मैं जान गया था की दीदी अब तैयार है। मैंने एक पेग और बनाया और हम दोनों ने पी लिया। दीदी ने अपनी पैंटी अपने आप उतार डाली और मेरे लण्ड से खुले आम खेलने लगी। एक हाथ दीदी अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी। मैंने झुक कर दीदी के निप्पल्स चूसना शुरू कर दिया और दीदी मेरे बालों में उंगलियां फेरने लगी। दीदी की चूची कठोर हो चुकी थी और अब मैंने अपने होंठ नीचे सरकाने शुरू कर दिए।

जब मेरे होंठ दीदी की चूत के नज़दीक गये तो वो उत्तेजना से चीख पड़ी-“दीपू, मेरे भाई। क्यों पागल कर रहे हो अपनी बहन को? मुझे चोद डालो मेरे भाई। तेरी बहन की चूत का प्यार मैंने तेरे लण्ड के लिये संभाल रखा है। डाल दो इसको मेरी चूत में…”

मैं अपने सारे कपड़े खोलता हुआ दीदी के ऊपर चढ़ गया। दीदी का नंगा जिश्म मेरे नीचे था और उसने बाहें खोलकर मुझे आलिंगन में भर लिया। दीदी की चूत रो रही थी, आूँसू बहा रही थी। मैंने प्यार से अपना सुपाड़ा दीदी की चूत की लंबाई पर रगड़ना शुरू कर दिया। हम भाई बहन की कामुकता हद पार कर गई।

फिर दीदी ने बबनती की-“भैया, अब रहा नहीं जाता। घुसेड़ दो मेरी चूत में। होने दो दर्द मुझे परवाह मत करो, पेलो मेरी चूत में अपना लण्ड…”

लेकिन मैंने अपना सुपाड़ा चूत के मुँह पर टिकाकर हल्का धसका मारा। चूत रस के कारण सुपाड़ा आसानी से चूत में घुस गया।

दीदी तड़प उठी, जिसमें दर्द कम और मज़ा ज़्यादा था-“हे भैया मर गई… आह्ह… हाय बहुत मज़ा दे रहे हो तुम… और धकेल दो अंदर… पेलते रहो भैया… ऊऊह्ह… मेरी चूत प्यासी है। आज पहली बार चुद रही है। बहुत प्यारे हो तुम मेरे भाई। डाल दो पूरा…”

मैंने लण्ड धीरे-धीरे आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। चूत गीली होने से लण्ड ऐसे अंदर घुस गया जैसे मक्खन में छुरी। पूजा दीदी की चूत क्या थी बिल्कुल आग की भट्ठी। मैं भी मज़े में था। दीदी के निप्पल्स चूसते हुए मैंने पूरा लण्ड ठेल दिया अंदर। दीदी की सिसकारियाँ उँची आवाज़ में गूँज रही थी। मुझे शक था की माँ ना सुन ले।

लेकिन मेरे मन ने कहा-“अगर माँ सुन लेती है तो सुन ले। उसकी बेटी उसके दामाद के साथ बंद कमरे में कोई भजन तो करेगी नहीं, आख़िरकार उसकी बेटी है, चुदाई के मज़े लूट रही है। उसे भी तो लण्ड का मज़ा चाहिए। आख़िर मेरी दीदी को भी तो लण्ड का सुख चाहिए ही ना। अगर उसका पति नहीं दे सका तो भाई का फर्ज़ है उसको वो मज़ा देना…” फिर मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी।

दीदी भी अपने चूतड़ ऊपर उठाने लगी। उसको लण्ड का मज़ा मिल रहा था। दीदी ने अपनी टांगे मेरी कमर पर कस दी और मुझसे पागलों की तरह लिपटने लगी।
आप ये कहानी मेरा लण्ड तूफ़ानी गति से चुदाई कर रहा था। दीदी के हाथ मेरे नितंबों पर कस चुके थे।

मैं-“दीदी, कैसा लगा ये चुदाई का मज़ा? मेरा लण्ड? तेरी चूत में दर्द तो नहीं हो रहा? मेरी बहना तेरा भाई आज अपनी मासूका को चोद रहा है, किसी लड़की को FunLoveद्वारा और वो भी अपनी सगी बहन को…”

दीदी नीचे से धक्के मारती हुई बोली-“दीपू, मुझे क्या पता था की चुदाई ऐसी होती है, इतनी मज़ेदार। भाई मेरे अंदर कुछ हो रहा है। मेरी चूत पानी छोड़ने वाली है। मैं झड़ने को हूँ… जोर से, और जोर से चोद मेरे भाई… उउिफ्र्फ… और जोर से भैयाआ…”

मैं भी तेज चुदाई कर रहा था। मेरा लण्ड चूत की गहराई में जाकर चोद रहा था और मुझे भी झड़ने में टाइम नहीं लगने वाला था ‘फ़च-फ़च’ की आवाज़ें आ रही थी। तभी मेरे लण्ड की पिचकारी निकल पड़ी, मैं सिसका-“आआह्ह… दीदीईईई मैं भी गया… मैं गयाअ…”

दीदी की चूत से रस की धारा गिरने लगी और हम दोनों झड़ गये। मम्मी बाहर से हम भाई बहन को देख रही थी। लेकिन हम इस बात से अंजान थे। फिर मैं पूजा दीदी के साथ लिपटकर सो गया। चुदाई इतनी जोरदार थी की मुझे पता ही नहीं चला की मैं कब तक सोता रहा। जब नींद खुली तो दोपहर के 12:00 बज चुके थे। दीदी मेरे बिस्तर में नहीं थी।

उठकर कपड़े पहने और मैं नहाने चला गया। पपछले दिन की शराब का नशा मुझे कुछ सोचने से रोक रहा था। सिर भारी था। नहाकर जब बाहर निकला तो मैं चुस्त महसूस करने लगा। दीदी के साथ चुदाई की याद मुझे अभी भी उतेजित कर रही थी। रात के बाद दीदी की चुदाई का अपना ही अलग मज़ा था, पर मुझे डर था की कहीं माँ हमारे इस रिश्ते से नाराज तो ना होगी? ये सवाल मेरे दिमाग़ में कौंध रहे थे। जब मैं निर्मित पढ़ रहे हैमम्मी के रूम से गुजर रहा था तो मुझे मम्मी और दीदी की आवाज़ सुनाई पड़ी,

यहाँ से अब कल मा बेटी उनका वार्तालाप और कुछ और भी ........
Achcha update tha...

Keep writing..
 

Funlover

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wonderful madam...i have noticed, jaise aapne bhi likha hai...you have also added few lines of your own (other than what is there in the OG)...super!!
hope you'll add few more lines of your own in the conversation between Puja and Manju and make it more spicier :)

look forward to it. Thanks.

Funlover
Thank you friend

Little correction the whole episode is the production of my thought process nothing from original

Even today also you will find the episode specially the conversation would also the production of my mind

Please bare with me if does not suit the original story ....................
 
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Thank you friend

Little correction the whole episode is the production of my thought process nothing from original

Even today also you will find the episode specially the conversation would also the production of my mind

Please bare with me if does not suit the original story ....................
sure, thank you Madam. Look forward to it. Much Appreciated!!

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उस से पहले मै कुछ बता देना चाहूंगी की रात को जब पूजा और दीपू की चुदाई चल रही थी उस के बाद ( मै उस चुदाई को डिस्टरब करना नहीं चाहती थी क्यों की बहोत से लोगो के हाथ अपने सही जगह पे थे)

जब दीपू और पूजा की चुदाई हो गई और दोनों नंगे पड़े रहे थे तब पूजा ने कहा “दीपू तुमने जवाब नहीं दिया यार की मोम से कुछ भी हुआ या नहीं”

दी: बताया ना कुछ भी नहीं और दीदी आपने भी कुछ नहीं बताया की मोम से आप की क्या बात हुई

पु: एक बात बता दीपू क्या तुम मोम से प्यार करते हो ???

दी सच बताऊ?? मुझे तुम पर विश्वास करना चाहिए ??? ( अब मै जानता थी की ये माल तो कही जानेवाला नहीं है अब जब तक मै उसे बच्चा ना दे दू तब तक तो नहीं )

पु: अब इतना हो चूका है फर भी पूछ रहे हो ? मेरे भाई अब तुम एक अच्छे बहनचोद हो पूरा विश्वास कर सकते हो

दी “सच कहू तो दीदी मै तुम्हारे पिछे कभी था ही नहीं, जो कुछ भी जबरजस्ती हुई वो बस एक एक्सीडेंट था और कुछ नहीं क्यों की मै शायद तुम्हे प्रिंसिपल का लंड चूसते देखा तो मुझे बस एक जलन सी थी| एक आग सी लगी हुई थी और ये जायज़ भी था, हाला की मै समजता था की वो सब गलत था या है इसलिए मैंने कभी भी अप्रोच नहीं किया| पर मै भी तो आखिर एक मर्द हु यार और मेरा भी लंड उस वक़्त खड़ा हुआ और मुझे भी तो बेसब्री थी की अगर मेरी बहन किसी और का लंड चूस सकती है तो मेरा क्यों नहीं एक जलन और एक आग दोनों मिल चुके थे| बस और कुछ नहीं|”

अब रही बात मोम की वो मेरा पहला और शायद आखरी क्रश है| बचपन से मुझे उसकी गांड आकर्षित करती रही है जब मुझे कुछ समज में नहीं था तब भी और जब मुझे कुछ समज में आने लगा तो और बढ़ गई हर वक़्त मुझे उसकी गांड के सामने मेरा लंड हार जाता है आज भी लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई और ना होगी भी| मैंने बहोत बार उसको छुप छूप के देखा है अधिनंगी भी देखा है और सच कहू तो बस हर बार घर में जब भी होता मेरी नज़रे उसके कपडे को चिर के अन्दर का नज़ारा देखती रहती थी और आज भी| अब तुमसे से कुछ छुपाना नहीं चाहता और मै जब तुम को चोद रहा था पर मेरा मन मोम के पास ही था मै तुम में मोम देख रहा था|

पु: “मालुम है बेटे तू क्या समजता है ये बात मेरे नोटिस में नहीं आई होगी ? मैंने कई बार देखा है की तुम मोम को पीछे से उसकी जवानी को जी भर के देखता था उस वक़्त मै भी ये सब समाज से विपरीत रिश्तो को गलत समजती थी लेकिन ये भी मानती थी की भाई अब जवान हो रहा है और घर में नहीं देखेगा तो और कहा जाएगा| मैंने तुम्हे कई बार उसकी पेंटी को स्मेल करते देखा है पर वो सब मैंने उतना इम्पोर्टेन्ट नहीं समजा था|” “और तू क्या समजता है ये बात उसकी नोटिस में नहीं होगी?” वो मेरी और तुम्हारी दोनों की मा है तुम से ज्यादा दिवाली उसने देखि है| कई बार हम ये समजते है की हम ने मा बाप को चूतिया बनाया पर असल में ये होता है की वो सामने से चूतिया बनते है सब कुछ जानते हुए भू अनजान बने रहते है|”

“खेर दीपू इन्सान को कुछ हालत एसे ही नहीं समज में आती है जब तक वो खुद वो स्थिति का अनुभव ना करे या फिर उस स्थिति में वो खुद ना जाये”



दी: क्या बक रही है कुछ समज मी आये ऐसा बोले तो अच्छा लगे

पु: हा हा हा हा हा मेरा भाई एक अच्छा चोदु तो है पर मगज से कमजोर है थोड़े में बहोत नहीं समज पाता......

पूजा ने अपने सर को दीपू की नंगी छाती पर रख के एक ऊँगली से उसके छाती के बालो को राउंड शेप में घुमाती खेलती हुई बोली “ बेटा ये बात इसी है की जब मेरी शादी हुई और मुझे चुदाई का मजा नहीं मिला तो मै कैसी बेबाक हुई थी, मुझे हर वक़्त बस एक लंड ही दीखता था, शरीर में एक भूख रहती थी एक आग चूत को कभी सहला ने से भी वो आग बुझती नहीं पर ज्यादा भड़क जाती थी, मुझे हर मर्द के निचे पेंट में उसका लंड कैसा होगा उसकी एक अनुभूति कल्पना में रची रहती थी जहा तक मी मैंने अपने ससुर के पेंट में भी देखा और कल्पना भी की की बस ये नहीं तो ससुरजी ही सही मुझे बच्चा नहीं मेरी चूत का भुक्का बोलाना था, मेरी गांड एक अच्छा लद के द्वारा धक्का चाहती थी|

दी: हां भाई समज गया पर उसका अभी क्या है?

पु: खेर अभी भी तू नहीं समजा चल खुल के बताती हु अब मेरी परिश्थिति को तू अच्छी तरह समज गया है अब मोम के बारे में सोच वो हमारे बचपन से विधवा का जीवन गुजारती है किस के लिए ??? हमारे लिए वो चाहती तो दूसरी शादी कर के अपनी गुफा को शांत रख सकती थी उसके नए पति से बच्चे पैदा कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और अपनी जवानी को विधवा के प्लेटफोर्म पर रख के बुढ़ापे में अपने आप को ढल दी बेचारी ने, सब को भूख लगती है उसी प्रकार उसे भी तो लगी होगी या लगती होगी, चलो एक तरह से ये भी सोच लेते है की कभी कभी वो किसी पुरुष से अपना छेद को भर भी लेती होगी पर मैंने आज तक ना देखा ना उसके व्यवहार में कभीऐसा अनुभव या अनुभूति हुई तो मै नहीं मानती, अब उसरे तरीके से देखे तो उसने अपनी भूख बैगन ऊँगली या कुछ और तरीके से शांत की और ये होना भी चाहिए पर ये सही है ??? सर बच्चो की जिंदगी के लिए उसे बैगन या ककड़ी से अपने दोनों छेदों को भरना !!!!!!!!!!!!!!!



पूजा की आँख में नमी भरी और एक दो बूंद उसकी आँखों ने टपका भी दिए “ ये वासना नहीं जरुरत है भाई जो मै और तुम अब तक नहीं समज सके शायद अब भी तुम नहीं समजे पर मै उस दौर से गुजारी तब मुझे मोम की हालत का पता चला मै सर 2 साल में थकी और अपने भाई से हार गई लेकिन अब वो सोच की कितना सालो से ऐसी है

पु: “ भाई मै उसे तुम्हारे लिए तुम्हारे निचे लाने की नहीं पर उसकी जरूरतों को समजते हुए मै तुम्हे उसके ऊपर लाने की कोशिश कर रही हु| एक तरीके से ये कह सकते है की मै तुम्हे सपोर्ट नहीं कर रही पर मोम को सपोर्ट कर रही हु

अब शायद मुझे भी कुछ समज में आने लगा था पर मेरी हालत कुछ कहने की नहीं थी

दी: दीदी मै आपसे आपकी बातो से सहमत हु और समज भी सकता हु लेकिन मै इस मामले में कुछ नहीं कर सकता क्यों की मै पहेल नहीं करूँगा और नहीं मोम

पता नहीं मोम मेरे बारे मे क्या समज रहि है और मेरी कल्पना में वो है पर मै उसके लिए शायद एक बेटा हु

पु: तू मेरा भी तो भाई था और मोम की ही सहमती से तू आज अपना लंड मेरे चूत और गांड की खबर लेता है उस में उसका कोई विरोध नहीं था

खेर वो सब बाते छोड़ तू मुझे ये बता की अगर वो कुछ ढीला छोड़े तो तू तक समज के आगे बढेगा ?

दी: दीदी ये मेरे लिए जीवन का सब से बड़ा गिफ्ट होगा भगवान की तरफ से

पु: चूतिये मुझे कुछ नहीं ??? जब की करुँगी मै !!!! मै तुम दोनों को मिलाने में जो हो सकेगा करुँगी पर एक शर्त पर

दी: हा हा पता है मुझे तेरी वो शर्त मै तुम्हे मा बना के रहूँगा बस !!!!

पु: नहीं वो शर्त नहीं है वो करार है बेटे

तो???????????????? अब कैसी शर्त

पु: जैसे तू तेरी मा का दीवाना है उसकी जवानी का दीवाना है वैसे ही कोई और भी है जो तेरी मा का दीवाना है

कौन है भोसड़ीका ????? बता तो सही मै उसकी मा चोद के उसके सामने रख दूंगा

पु: मै उस आदमी से एक करार में हु

अरे बता तो सही

पु: नहीं शायद तुम गुस्से में हो अभ इसही समय नहीं है लेकिन वो नहीं होगा ती मै कुछ नही कर सकुंगी

दी: चल अब बोल भी दे यार वैसे तू बहोत अच्छी है

पु: मस्का नहीं बेटे मै तुम से बड़ी हु तो कुछ दिवाली मैंने भी तुम से ज्यादा देखि है

दी: हे भगवान नाम तो बता मै कुछ नहीं करूँगा बस पक्का वादा करता हु

पु: तेरे जीजाजी यानि की रमेश

दी: बहेनचोद साला खुद की बीवी को अच्छे से चोद नहीं पाया और .......छी अगर मैंने वादा नहीं किया होता तो अभी उसकी मा चोद देता

स........टा........क से दीपू के गाल पर एक थप्पड़ पड़ी देख तू कुछ ज्यादा बोल रहा है उसके बारे में

मैएँ अपने गाल को सहलाते हुए : क्या गलत बोला मै और तूने मुझे मारा क्यों??????

पु: सुन साले मै उस से पहले प्यार नहीं करती थी क्यों की वो मुझे मेरी जरूरियात नहीं दे सकता था ...लेकिन अब उस से बहोत प्यार करती हु ये भी सुन क्यों उस से प्यार करती हु........

लेकिन उस ने मुझे अँधेरे में भी नहीं रखा उसने कह दिया अपनी कमजोरी

सब से बड़ी बात उसने मुज पर कोई पाबन्दी नहीं डाली मुझे फ्री रखा और कह दिया की तुम अगर कही किसी और से समागम करना चाहतो हो तो मुझे कोई एतराज नहीं ..............कोई पति ऐसा नहीं चाहेगा भले ही खुद की कमजोरी हो फिर भी अपनी बीवी को किसी और के निचे नहीं देगा ............और ये आदमी ने सामने से कहा तुम पसंद करो मै सपोर्ट करूँगा और जो भी परिणाम होने हम साथ में सहेंगे.............वो गे नहीं है फिर भी तुम्हारे साथ उसने खुद को समर्पित किया सिर्फ और सिर्फ मेरे खातिर ..............बच्चे के लिए ........वो चाहता तो हमें छोड़ के चला जाता......और सब से बड़ी बात भाई उसको मैंने रोते हुए देखा है........ सोच एक पुरुष की हालत उसको हालत क्या होगी जब उसकी बीवी किसी और से चुद रही होती है उसी के सामने और वो ककोल्ड की जवाबदारी निभा रहा है................ आई सेल्यूट हिम............ मैंने उसे कहा ये सब बांध अगर तुम्हे उतना दुःख हो रहा है तो .........उस ने हस के कहा नहीं अब रुक नही सकते ........कुछ इधर उधर की बाते हुई....... उसकी इच्छा जानी की मा को वो नंगा देखना चाहता है .......मैंने उसे कामिट कर दिया की कोशिश जरुर करुँगी और हां ये बात उसने मुझे हमारी चुदाई के पहले कही थी पर मैंने मजाक में लिया था की मुझे कुछ कर नहीं सकता और मेरी मा को देखना है..............और मै अपना ट्राय करुँगी रोक सको तो रोक लेना .............लेकिन एक बात समज ले की वो चोद नहीं सकता तो तुम्हारी मोम उसके सामने सेफ भी है................

दी: शायद दीदी आप सही कह रहे हो मै उसे मजाक में ले रहा था अच्छा किया एक थप्पड़ ने मुझे उसकी गहराई समज में आ गई मै भी पुरुष हु और उनकी स्थिति को समज सकता हु|

लेकिन अब मै क्या कर सकता हु मै खुद भी तो तरस रहा हु

तुम्हे कुछ नहीं करना है जो करुँगी मै करुँगी बस तुम्हे बता के करुँगी या बता दूंगी जहा तक होगा मै ये सब मेरे सामने होने दूंगी लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी मोम सेफ ही है

और तुम्हे कुछ नहीं करना है बस चुप रहना जैसे की तुम्हे कुछ पता ही नहीं ना मोम तुम्हे कुछ कहेगी ना तुम जीजाजी से समजे लल्लू ???????????



दीदी अब सो जाना पड़ेगा उतनी सी बात के लिए भी मुझे मेरी मर्दानगी साथ नहीं दे रही तो जीजू की तो बात ही अलग है .............मै ये शेर नहीं कर पाऊंगा क्यों की मा पर सिर्फ मेरा हक है

पु: सही कहा और जहा तक होगा मै कोशिश करुँगी तो मोम नामक माल सिर्फ तुम्हारा रहे और उनके छेद बस तुम्हे समर्पित रहे रमेश तो वैसे भी कुछ नहीं कर पायेगा तो भी उसकी गारंटी मै तुम्हे देती हु ........और हां हमारी चुदाई मोम ने देखि

क्या????? और हम ऐसी बात कर रहे है

नहीं बेटा वो सिर्फ थोडा देख के चली गई

चलो दीदी मुझे अब सोना पड़ेगा मै बहोत कन्फुज़ हु ........दीदी जो करो मुझे मत बताना मै जीजू की तरह महान नही हु.........मेरे बरदाश्त के बहार होगा सब..........

ठीक है लेकिन तेरी जानकारी में रहे|

और हम दोनों करवट बदल के सो गए|


बाकी कल
 

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उस से पहले मै कुछ बता देना चाहूंगी की रात को जब पूजा और दीपू की चुदाई चल रही थी उस के बाद ( मै उस चुदाई को डिस्टरब करना नहीं चाहती थी क्यों की बहोत से लोगो के हाथ अपने सही जगह पे थे)

जब दीपू और पूजा की चुदाई हो गई और दोनों नंगे पड़े रहे थे तब पूजा ने कहा “दीपू तुमने जवाब नहीं दिया यार की मोम से कुछ भी हुआ या नहीं”

दी: बताया ना कुछ भी नहीं और दीदी आपने भी कुछ नहीं बताया की मोम से आप की क्या बात हुई

पु: एक बात बता दीपू क्या तुम मोम से प्यार करते हो ???

दी सच बताऊ?? मुझे तुम पर विश्वास करना चाहिए ??? ( अब मै जानता थी की ये माल तो कही जानेवाला नहीं है अब जब तक मै उसे बच्चा ना दे दू तब तक तो नहीं )

पु: अब इतना हो चूका है फर भी पूछ रहे हो ? मेरे भाई अब तुम एक अच्छे बहनचोद हो पूरा विश्वास कर सकते हो

दी “सच कहू तो दीदी मै तुम्हारे पिछे कभी था ही नहीं, जो कुछ भी जबरजस्ती हुई वो बस एक एक्सीडेंट था और कुछ नहीं क्यों की मै शायद तुम्हे प्रिंसिपल का लंड चूसते देखा तो मुझे बस एक जलन सी थी| एक आग सी लगी हुई थी और ये जायज़ भी था, हाला की मै समजता था की वो सब गलत था या है इसलिए मैंने कभी भी अप्रोच नहीं किया| पर मै भी तो आखिर एक मर्द हु यार और मेरा भी लंड उस वक़्त खड़ा हुआ और मुझे भी तो बेसब्री थी की अगर मेरी बहन किसी और का लंड चूस सकती है तो मेरा क्यों नहीं एक जलन और एक आग दोनों मिल चुके थे| बस और कुछ नहीं|”

अब रही बात मोम की वो मेरा पहला और शायद आखरी क्रश है| बचपन से मुझे उसकी गांड आकर्षित करती रही है जब मुझे कुछ समज में नहीं था तब भी और जब मुझे कुछ समज में आने लगा तो और बढ़ गई हर वक़्त मुझे उसकी गांड के सामने मेरा लंड हार जाता है आज भी लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई और ना होगी भी| मैंने बहोत बार उसको छुप छूप के देखा है अधिनंगी भी देखा है और सच कहू तो बस हर बार घर में जब भी होता मेरी नज़रे उसके कपडे को चिर के अन्दर का नज़ारा देखती रहती थी और आज भी| अब तुमसे से कुछ छुपाना नहीं चाहता और मै जब तुम को चोद रहा था पर मेरा मन मोम के पास ही था मै तुम में मोम देख रहा था|

पु: “मालुम है बेटे तू क्या समजता है ये बात मेरे नोटिस में नहीं आई होगी ? मैंने कई बार देखा है की तुम मोम को पीछे से उसकी जवानी को जी भर के देखता था उस वक़्त मै भी ये सब समाज से विपरीत रिश्तो को गलत समजती थी लेकिन ये भी मानती थी की भाई अब जवान हो रहा है और घर में नहीं देखेगा तो और कहा जाएगा| मैंने तुम्हे कई बार उसकी पेंटी को स्मेल करते देखा है पर वो सब मैंने उतना इम्पोर्टेन्ट नहीं समजा था|” “और तू क्या समजता है ये बात उसकी नोटिस में नहीं होगी?” वो मेरी और तुम्हारी दोनों की मा है तुम से ज्यादा दिवाली उसने देखि है| कई बार हम ये समजते है की हम ने मा बाप को चूतिया बनाया पर असल में ये होता है की वो सामने से चूतिया बनते है सब कुछ जानते हुए भू अनजान बने रहते है|”

“खेर दीपू इन्सान को कुछ हालत एसे ही नहीं समज में आती है जब तक वो खुद वो स्थिति का अनुभव ना करे या फिर उस स्थिति में वो खुद ना जाये”



दी: क्या बक रही है कुछ समज मी आये ऐसा बोले तो अच्छा लगे

पु: हा हा हा हा हा मेरा भाई एक अच्छा चोदु तो है पर मगज से कमजोर है थोड़े में बहोत नहीं समज पाता......

पूजा ने अपने सर को दीपू की नंगी छाती पर रख के एक ऊँगली से उसके छाती के बालो को राउंड शेप में घुमाती खेलती हुई बोली “ बेटा ये बात इसी है की जब मेरी शादी हुई और मुझे चुदाई का मजा नहीं मिला तो मै कैसी बेबाक हुई थी, मुझे हर वक़्त बस एक लंड ही दीखता था, शरीर में एक भूख रहती थी एक आग चूत को कभी सहला ने से भी वो आग बुझती नहीं पर ज्यादा भड़क जाती थी, मुझे हर मर्द के निचे पेंट में उसका लंड कैसा होगा उसकी एक अनुभूति कल्पना में रची रहती थी जहा तक मी मैंने अपने ससुर के पेंट में भी देखा और कल्पना भी की की बस ये नहीं तो ससुरजी ही सही मुझे बच्चा नहीं मेरी चूत का भुक्का बोलाना था, मेरी गांड एक अच्छा लद के द्वारा धक्का चाहती थी|

दी: हां भाई समज गया पर उसका अभी क्या है?

पु: खेर अभी भी तू नहीं समजा चल खुल के बताती हु अब मेरी परिश्थिति को तू अच्छी तरह समज गया है अब मोम के बारे में सोच वो हमारे बचपन से विधवा का जीवन गुजारती है किस के लिए ??? हमारे लिए वो चाहती तो दूसरी शादी कर के अपनी गुफा को शांत रख सकती थी उसके नए पति से बच्चे पैदा कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और अपनी जवानी को विधवा के प्लेटफोर्म पर रख के बुढ़ापे में अपने आप को ढल दी बेचारी ने, सब को भूख लगती है उसी प्रकार उसे भी तो लगी होगी या लगती होगी, चलो एक तरह से ये भी सोच लेते है की कभी कभी वो किसी पुरुष से अपना छेद को भर भी लेती होगी पर मैंने आज तक ना देखा ना उसके व्यवहार में कभीऐसा अनुभव या अनुभूति हुई तो मै नहीं मानती, अब उसरे तरीके से देखे तो उसने अपनी भूख बैगन ऊँगली या कुछ और तरीके से शांत की और ये होना भी चाहिए पर ये सही है ??? सर बच्चो की जिंदगी के लिए उसे बैगन या ककड़ी से अपने दोनों छेदों को भरना !!!!!!!!!!!!!!!



पूजा की आँख में नमी भरी और एक दो बूंद उसकी आँखों ने टपका भी दिए “ ये वासना नहीं जरुरत है भाई जो मै और तुम अब तक नहीं समज सके शायद अब भी तुम नहीं समजे पर मै उस दौर से गुजारी तब मुझे मोम की हालत का पता चला मै सर 2 साल में थकी और अपने भाई से हार गई लेकिन अब वो सोच की कितना सालो से ऐसी है

पु: “ भाई मै उसे तुम्हारे लिए तुम्हारे निचे लाने की नहीं पर उसकी जरूरतों को समजते हुए मै तुम्हे उसके ऊपर लाने की कोशिश कर रही हु| एक तरीके से ये कह सकते है की मै तुम्हे सपोर्ट नहीं कर रही पर मोम को सपोर्ट कर रही हु

अब शायद मुझे भी कुछ समज में आने लगा था पर मेरी हालत कुछ कहने की नहीं थी

दी: दीदी मै आपसे आपकी बातो से सहमत हु और समज भी सकता हु लेकिन मै इस मामले में कुछ नहीं कर सकता क्यों की मै पहेल नहीं करूँगा और नहीं मोम

पता नहीं मोम मेरे बारे मे क्या समज रहि है और मेरी कल्पना में वो है पर मै उसके लिए शायद एक बेटा हु

पु: तू मेरा भी तो भाई था और मोम की ही सहमती से तू आज अपना लंड मेरे चूत और गांड की खबर लेता है उस में उसका कोई विरोध नहीं था

खेर वो सब बाते छोड़ तू मुझे ये बता की अगर वो कुछ ढीला छोड़े तो तू तक समज के आगे बढेगा ?

दी: दीदी ये मेरे लिए जीवन का सब से बड़ा गिफ्ट होगा भगवान की तरफ से

पु: चूतिये मुझे कुछ नहीं ??? जब की करुँगी मै !!!! मै तुम दोनों को मिलाने में जो हो सकेगा करुँगी पर एक शर्त पर

दी: हा हा पता है मुझे तेरी वो शर्त मै तुम्हे मा बना के रहूँगा बस !!!!

पु: नहीं वो शर्त नहीं है वो करार है बेटे

तो???????????????? अब कैसी शर्त

पु: जैसे तू तेरी मा का दीवाना है उसकी जवानी का दीवाना है वैसे ही कोई और भी है जो तेरी मा का दीवाना है

कौन है भोसड़ीका ????? बता तो सही मै उसकी मा चोद के उसके सामने रख दूंगा

पु: मै उस आदमी से एक करार में हु

अरे बता तो सही

पु: नहीं शायद तुम गुस्से में हो अभ इसही समय नहीं है लेकिन वो नहीं होगा ती मै कुछ नही कर सकुंगी

दी: चल अब बोल भी दे यार वैसे तू बहोत अच्छी है

पु: मस्का नहीं बेटे मै तुम से बड़ी हु तो कुछ दिवाली मैंने भी तुम से ज्यादा देखि है

दी: हे भगवान नाम तो बता मै कुछ नहीं करूँगा बस पक्का वादा करता हु

पु: तेरे जीजाजी यानि की रमेश

दी: बहेनचोद साला खुद की बीवी को अच्छे से चोद नहीं पाया और .......छी अगर मैंने वादा नहीं किया होता तो अभी उसकी मा चोद देता

स........टा........क से दीपू के गाल पर एक थप्पड़ पड़ी देख तू कुछ ज्यादा बोल रहा है उसके बारे में

मैएँ अपने गाल को सहलाते हुए : क्या गलत बोला मै और तूने मुझे मारा क्यों??????

पु: सुन साले मै उस से पहले प्यार नहीं करती थी क्यों की वो मुझे मेरी जरूरियात नहीं दे सकता था ...लेकिन अब उस से बहोत प्यार करती हु ये भी सुन क्यों उस से प्यार करती हु........

लेकिन उस ने मुझे अँधेरे में भी नहीं रखा उसने कह दिया अपनी कमजोरी

सब से बड़ी बात उसने मुज पर कोई पाबन्दी नहीं डाली मुझे फ्री रखा और कह दिया की तुम अगर कही किसी और से समागम करना चाहतो हो तो मुझे कोई एतराज नहीं ..............कोई पति ऐसा नहीं चाहेगा भले ही खुद की कमजोरी हो फिर भी अपनी बीवी को किसी और के निचे नहीं देगा ............और ये आदमी ने सामने से कहा तुम पसंद करो मै सपोर्ट करूँगा और जो भी परिणाम होने हम साथ में सहेंगे.............वो गे नहीं है फिर भी तुम्हारे साथ उसने खुद को समर्पित किया सिर्फ और सिर्फ मेरे खातिर ..............बच्चे के लिए ........वो चाहता तो हमें छोड़ के चला जाता......और सब से बड़ी बात भाई उसको मैंने रोते हुए देखा है........ सोच एक पुरुष की हालत उसको हालत क्या होगी जब उसकी बीवी किसी और से चुद रही होती है उसी के सामने और वो ककोल्ड की जवाबदारी निभा रहा है................ आई सेल्यूट हिम............ मैंने उसे कहा ये सब बांध अगर तुम्हे उतना दुःख हो रहा है तो .........उस ने हस के कहा नहीं अब रुक नही सकते ........कुछ इधर उधर की बाते हुई....... उसकी इच्छा जानी की मा को वो नंगा देखना चाहता है .......मैंने उसे कामिट कर दिया की कोशिश जरुर करुँगी और हां ये बात उसने मुझे हमारी चुदाई के पहले कही थी पर मैंने मजाक में लिया था की मुझे कुछ कर नहीं सकता और मेरी मा को देखना है..............और मै अपना ट्राय करुँगी रोक सको तो रोक लेना .............लेकिन एक बात समज ले की वो चोद नहीं सकता तो तुम्हारी मोम उसके सामने सेफ भी है................

दी: शायद दीदी आप सही कह रहे हो मै उसे मजाक में ले रहा था अच्छा किया एक थप्पड़ ने मुझे उसकी गहराई समज में आ गई मै भी पुरुष हु और उनकी स्थिति को समज सकता हु|

लेकिन अब मै क्या कर सकता हु मै खुद भी तो तरस रहा हु

तुम्हे कुछ नहीं करना है जो करुँगी मै करुँगी बस तुम्हे बता के करुँगी या बता दूंगी जहा तक होगा मै ये सब मेरे सामने होने दूंगी लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी मोम सेफ ही है

और तुम्हे कुछ नहीं करना है बस चुप रहना जैसे की तुम्हे कुछ पता ही नहीं ना मोम तुम्हे कुछ कहेगी ना तुम जीजाजी से समजे लल्लू ???????????



दीदी अब सो जाना पड़ेगा उतनी सी बात के लिए भी मुझे मेरी मर्दानगी साथ नहीं दे रही तो जीजू की तो बात ही अलग है .............मै ये शेर नहीं कर पाऊंगा क्यों की मा पर सिर्फ मेरा हक है

पु: सही कहा और जहा तक होगा मै कोशिश करुँगी तो मोम नामक माल सिर्फ तुम्हारा रहे और उनके छेद बस तुम्हे समर्पित रहे रमेश तो वैसे भी कुछ नहीं कर पायेगा तो भी उसकी गारंटी मै तुम्हे देती हु ........और हां हमारी चुदाई मोम ने देखि

क्या????? और हम ऐसी बात कर रहे है

नहीं बेटा वो सिर्फ थोडा देख के चली गई

चलो दीदी मुझे अब सोना पड़ेगा मै बहोत कन्फुज़ हु ........दीदी जो करो मुझे मत बताना मै जीजू की तरह महान नही हु.........मेरे बरदाश्त के बहार होगा सब..........

ठीक है लेकिन तेरी जानकारी में रहे|


और हम दोनों करवट बदल के सो गए|


बाकी कल
beautiful

... keep writing
 

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उस से पहले मै कुछ बता देना चाहूंगी की रात को जब पूजा और दीपू की चुदाई चल रही थी उस के बाद ( मै उस चुदाई को डिस्टरब करना नहीं चाहती थी क्यों की बहोत से लोगो के हाथ अपने सही जगह पे थे)

जब दीपू और पूजा की चुदाई हो गई और दोनों नंगे पड़े रहे थे तब पूजा ने कहा “दीपू तुमने जवाब नहीं दिया यार की मोम से कुछ भी हुआ या नहीं”

दी: बताया ना कुछ भी नहीं और दीदी आपने भी कुछ नहीं बताया की मोम से आप की क्या बात हुई

पु: एक बात बता दीपू क्या तुम मोम से प्यार करते हो ???

दी सच बताऊ?? मुझे तुम पर विश्वास करना चाहिए ??? ( अब मै जानता थी की ये माल तो कही जानेवाला नहीं है अब जब तक मै उसे बच्चा ना दे दू तब तक तो नहीं )

पु: अब इतना हो चूका है फर भी पूछ रहे हो ? मेरे भाई अब तुम एक अच्छे बहनचोद हो पूरा विश्वास कर सकते हो

दी “सच कहू तो दीदी मै तुम्हारे पिछे कभी था ही नहीं, जो कुछ भी जबरजस्ती हुई वो बस एक एक्सीडेंट था और कुछ नहीं क्यों की मै शायद तुम्हे प्रिंसिपल का लंड चूसते देखा तो मुझे बस एक जलन सी थी| एक आग सी लगी हुई थी और ये जायज़ भी था, हाला की मै समजता था की वो सब गलत था या है इसलिए मैंने कभी भी अप्रोच नहीं किया| पर मै भी तो आखिर एक मर्द हु यार और मेरा भी लंड उस वक़्त खड़ा हुआ और मुझे भी तो बेसब्री थी की अगर मेरी बहन किसी और का लंड चूस सकती है तो मेरा क्यों नहीं एक जलन और एक आग दोनों मिल चुके थे| बस और कुछ नहीं|”

अब रही बात मोम की वो मेरा पहला और शायद आखरी क्रश है| बचपन से मुझे उसकी गांड आकर्षित करती रही है जब मुझे कुछ समज में नहीं था तब भी और जब मुझे कुछ समज में आने लगा तो और बढ़ गई हर वक़्त मुझे उसकी गांड के सामने मेरा लंड हार जाता है आज भी लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई और ना होगी भी| मैंने बहोत बार उसको छुप छूप के देखा है अधिनंगी भी देखा है और सच कहू तो बस हर बार घर में जब भी होता मेरी नज़रे उसके कपडे को चिर के अन्दर का नज़ारा देखती रहती थी और आज भी| अब तुमसे से कुछ छुपाना नहीं चाहता और मै जब तुम को चोद रहा था पर मेरा मन मोम के पास ही था मै तुम में मोम देख रहा था|

पु: “मालुम है बेटे तू क्या समजता है ये बात मेरे नोटिस में नहीं आई होगी ? मैंने कई बार देखा है की तुम मोम को पीछे से उसकी जवानी को जी भर के देखता था उस वक़्त मै भी ये सब समाज से विपरीत रिश्तो को गलत समजती थी लेकिन ये भी मानती थी की भाई अब जवान हो रहा है और घर में नहीं देखेगा तो और कहा जाएगा| मैंने तुम्हे कई बार उसकी पेंटी को स्मेल करते देखा है पर वो सब मैंने उतना इम्पोर्टेन्ट नहीं समजा था|” “और तू क्या समजता है ये बात उसकी नोटिस में नहीं होगी?” वो मेरी और तुम्हारी दोनों की मा है तुम से ज्यादा दिवाली उसने देखि है| कई बार हम ये समजते है की हम ने मा बाप को चूतिया बनाया पर असल में ये होता है की वो सामने से चूतिया बनते है सब कुछ जानते हुए भू अनजान बने रहते है|”

“खेर दीपू इन्सान को कुछ हालत एसे ही नहीं समज में आती है जब तक वो खुद वो स्थिति का अनुभव ना करे या फिर उस स्थिति में वो खुद ना जाये”



दी: क्या बक रही है कुछ समज मी आये ऐसा बोले तो अच्छा लगे

पु: हा हा हा हा हा मेरा भाई एक अच्छा चोदु तो है पर मगज से कमजोर है थोड़े में बहोत नहीं समज पाता......

पूजा ने अपने सर को दीपू की नंगी छाती पर रख के एक ऊँगली से उसके छाती के बालो को राउंड शेप में घुमाती खेलती हुई बोली “ बेटा ये बात इसी है की जब मेरी शादी हुई और मुझे चुदाई का मजा नहीं मिला तो मै कैसी बेबाक हुई थी, मुझे हर वक़्त बस एक लंड ही दीखता था, शरीर में एक भूख रहती थी एक आग चूत को कभी सहला ने से भी वो आग बुझती नहीं पर ज्यादा भड़क जाती थी, मुझे हर मर्द के निचे पेंट में उसका लंड कैसा होगा उसकी एक अनुभूति कल्पना में रची रहती थी जहा तक मी मैंने अपने ससुर के पेंट में भी देखा और कल्पना भी की की बस ये नहीं तो ससुरजी ही सही मुझे बच्चा नहीं मेरी चूत का भुक्का बोलाना था, मेरी गांड एक अच्छा लद के द्वारा धक्का चाहती थी|

दी: हां भाई समज गया पर उसका अभी क्या है?

पु: खेर अभी भी तू नहीं समजा चल खुल के बताती हु अब मेरी परिश्थिति को तू अच्छी तरह समज गया है अब मोम के बारे में सोच वो हमारे बचपन से विधवा का जीवन गुजारती है किस के लिए ??? हमारे लिए वो चाहती तो दूसरी शादी कर के अपनी गुफा को शांत रख सकती थी उसके नए पति से बच्चे पैदा कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और अपनी जवानी को विधवा के प्लेटफोर्म पर रख के बुढ़ापे में अपने आप को ढल दी बेचारी ने, सब को भूख लगती है उसी प्रकार उसे भी तो लगी होगी या लगती होगी, चलो एक तरह से ये भी सोच लेते है की कभी कभी वो किसी पुरुष से अपना छेद को भर भी लेती होगी पर मैंने आज तक ना देखा ना उसके व्यवहार में कभीऐसा अनुभव या अनुभूति हुई तो मै नहीं मानती, अब उसरे तरीके से देखे तो उसने अपनी भूख बैगन ऊँगली या कुछ और तरीके से शांत की और ये होना भी चाहिए पर ये सही है ??? सर बच्चो की जिंदगी के लिए उसे बैगन या ककड़ी से अपने दोनों छेदों को भरना !!!!!!!!!!!!!!!



पूजा की आँख में नमी भरी और एक दो बूंद उसकी आँखों ने टपका भी दिए “ ये वासना नहीं जरुरत है भाई जो मै और तुम अब तक नहीं समज सके शायद अब भी तुम नहीं समजे पर मै उस दौर से गुजारी तब मुझे मोम की हालत का पता चला मै सर 2 साल में थकी और अपने भाई से हार गई लेकिन अब वो सोच की कितना सालो से ऐसी है

पु: “ भाई मै उसे तुम्हारे लिए तुम्हारे निचे लाने की नहीं पर उसकी जरूरतों को समजते हुए मै तुम्हे उसके ऊपर लाने की कोशिश कर रही हु| एक तरीके से ये कह सकते है की मै तुम्हे सपोर्ट नहीं कर रही पर मोम को सपोर्ट कर रही हु

अब शायद मुझे भी कुछ समज में आने लगा था पर मेरी हालत कुछ कहने की नहीं थी

दी: दीदी मै आपसे आपकी बातो से सहमत हु और समज भी सकता हु लेकिन मै इस मामले में कुछ नहीं कर सकता क्यों की मै पहेल नहीं करूँगा और नहीं मोम

पता नहीं मोम मेरे बारे मे क्या समज रहि है और मेरी कल्पना में वो है पर मै उसके लिए शायद एक बेटा हु

पु: तू मेरा भी तो भाई था और मोम की ही सहमती से तू आज अपना लंड मेरे चूत और गांड की खबर लेता है उस में उसका कोई विरोध नहीं था

खेर वो सब बाते छोड़ तू मुझे ये बता की अगर वो कुछ ढीला छोड़े तो तू तक समज के आगे बढेगा ?

दी: दीदी ये मेरे लिए जीवन का सब से बड़ा गिफ्ट होगा भगवान की तरफ से

पु: चूतिये मुझे कुछ नहीं ??? जब की करुँगी मै !!!! मै तुम दोनों को मिलाने में जो हो सकेगा करुँगी पर एक शर्त पर

दी: हा हा पता है मुझे तेरी वो शर्त मै तुम्हे मा बना के रहूँगा बस !!!!

पु: नहीं वो शर्त नहीं है वो करार है बेटे

तो???????????????? अब कैसी शर्त

पु: जैसे तू तेरी मा का दीवाना है उसकी जवानी का दीवाना है वैसे ही कोई और भी है जो तेरी मा का दीवाना है

कौन है भोसड़ीका ????? बता तो सही मै उसकी मा चोद के उसके सामने रख दूंगा

पु: मै उस आदमी से एक करार में हु

अरे बता तो सही

पु: नहीं शायद तुम गुस्से में हो अभ इसही समय नहीं है लेकिन वो नहीं होगा ती मै कुछ नही कर सकुंगी

दी: चल अब बोल भी दे यार वैसे तू बहोत अच्छी है

पु: मस्का नहीं बेटे मै तुम से बड़ी हु तो कुछ दिवाली मैंने भी तुम से ज्यादा देखि है

दी: हे भगवान नाम तो बता मै कुछ नहीं करूँगा बस पक्का वादा करता हु

पु: तेरे जीजाजी यानि की रमेश

दी: बहेनचोद साला खुद की बीवी को अच्छे से चोद नहीं पाया और .......छी अगर मैंने वादा नहीं किया होता तो अभी उसकी मा चोद देता

स........टा........क से दीपू के गाल पर एक थप्पड़ पड़ी देख तू कुछ ज्यादा बोल रहा है उसके बारे में

मैएँ अपने गाल को सहलाते हुए : क्या गलत बोला मै और तूने मुझे मारा क्यों??????

पु: सुन साले मै उस से पहले प्यार नहीं करती थी क्यों की वो मुझे मेरी जरूरियात नहीं दे सकता था ...लेकिन अब उस से बहोत प्यार करती हु ये भी सुन क्यों उस से प्यार करती हु........

लेकिन उस ने मुझे अँधेरे में भी नहीं रखा उसने कह दिया अपनी कमजोरी

सब से बड़ी बात उसने मुज पर कोई पाबन्दी नहीं डाली मुझे फ्री रखा और कह दिया की तुम अगर कही किसी और से समागम करना चाहतो हो तो मुझे कोई एतराज नहीं ..............कोई पति ऐसा नहीं चाहेगा भले ही खुद की कमजोरी हो फिर भी अपनी बीवी को किसी और के निचे नहीं देगा ............और ये आदमी ने सामने से कहा तुम पसंद करो मै सपोर्ट करूँगा और जो भी परिणाम होने हम साथ में सहेंगे.............वो गे नहीं है फिर भी तुम्हारे साथ उसने खुद को समर्पित किया सिर्फ और सिर्फ मेरे खातिर ..............बच्चे के लिए ........वो चाहता तो हमें छोड़ के चला जाता......और सब से बड़ी बात भाई उसको मैंने रोते हुए देखा है........ सोच एक पुरुष की हालत उसको हालत क्या होगी जब उसकी बीवी किसी और से चुद रही होती है उसी के सामने और वो ककोल्ड की जवाबदारी निभा रहा है................ आई सेल्यूट हिम............ मैंने उसे कहा ये सब बांध अगर तुम्हे उतना दुःख हो रहा है तो .........उस ने हस के कहा नहीं अब रुक नही सकते ........कुछ इधर उधर की बाते हुई....... उसकी इच्छा जानी की मा को वो नंगा देखना चाहता है .......मैंने उसे कामिट कर दिया की कोशिश जरुर करुँगी और हां ये बात उसने मुझे हमारी चुदाई के पहले कही थी पर मैंने मजाक में लिया था की मुझे कुछ कर नहीं सकता और मेरी मा को देखना है..............और मै अपना ट्राय करुँगी रोक सको तो रोक लेना .............लेकिन एक बात समज ले की वो चोद नहीं सकता तो तुम्हारी मोम उसके सामने सेफ भी है................

दी: शायद दीदी आप सही कह रहे हो मै उसे मजाक में ले रहा था अच्छा किया एक थप्पड़ ने मुझे उसकी गहराई समज में आ गई मै भी पुरुष हु और उनकी स्थिति को समज सकता हु|

लेकिन अब मै क्या कर सकता हु मै खुद भी तो तरस रहा हु

तुम्हे कुछ नहीं करना है जो करुँगी मै करुँगी बस तुम्हे बता के करुँगी या बता दूंगी जहा तक होगा मै ये सब मेरे सामने होने दूंगी लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी मोम सेफ ही है

और तुम्हे कुछ नहीं करना है बस चुप रहना जैसे की तुम्हे कुछ पता ही नहीं ना मोम तुम्हे कुछ कहेगी ना तुम जीजाजी से समजे लल्लू ???????????



दीदी अब सो जाना पड़ेगा उतनी सी बात के लिए भी मुझे मेरी मर्दानगी साथ नहीं दे रही तो जीजू की तो बात ही अलग है .............मै ये शेर नहीं कर पाऊंगा क्यों की मा पर सिर्फ मेरा हक है

पु: सही कहा और जहा तक होगा मै कोशिश करुँगी तो मोम नामक माल सिर्फ तुम्हारा रहे और उनके छेद बस तुम्हे समर्पित रहे रमेश तो वैसे भी कुछ नहीं कर पायेगा तो भी उसकी गारंटी मै तुम्हे देती हु ........और हां हमारी चुदाई मोम ने देखि

क्या????? और हम ऐसी बात कर रहे है

नहीं बेटा वो सिर्फ थोडा देख के चली गई

चलो दीदी मुझे अब सोना पड़ेगा मै बहोत कन्फुज़ हु ........दीदी जो करो मुझे मत बताना मै जीजू की तरह महान नही हु.........मेरे बरदाश्त के बहार होगा सब..........

ठीक है लेकिन तेरी जानकारी में रहे|


और हम दोनों करवट बदल के सो गए|


बाकी कल
Wow..super...this is your original plot and writing...wonderful...look forward to Puja and Manju.....Great going!!

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