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Incest तीनो की संमति से .....

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Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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Premkumar65

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मम्मी के चेहरे पर आज अलग ही तरह की मुश्कान थी। हमें अंदर बुलाते हुये मम्मी ने कहा-“पूजा, अब तू दामाद जी के साथ आई है, या फिर दीपू मेरे लिए बहू लेकर आया है?”

मम्मी की बात सुनकर मैंने शर्म से अपनी आँखें नीची कर ली।

दीदी मेरी ओर देखकर मम्मी के गले मिलती हुई बोली-“मम्मी, अभी तो मैं इसे लेकर आई हूँ, तो इस नाते ये तुम्हारा दामाद हुआ और जब ये मुझे लेकर आएगा तब तुम समझ लेना की दीपू तुम्हारी बहू लेकर आया है…” और इतना कहकर वो दोनों हूँसने लगी।

मैंने देखा की मम्मी ने दीदी के धइले पर हाथ रखते हुए कान में फुसफुसाई “क्या तेरा सही इस्तमाल हुआ की नहीं ?”

पूजा ने भी ऐसे ही जवाब दिया “मम्मी सब सुजा पड़ा है”

और एक जोरदार दोनों के मुह से अटहास्य निकला

मम्मी: चलो दामादजी अब अन्दर नहीं आओगे ?

मै: मम्मी हम अन्दर ही है आपको शायद ध्यान में नहीं है

मा: शायद आपको ध्यान में नहीं है दामादजी!!!! दामादजी पे भार रखते हुए

मै: मोम क्या आज मेरी ही लेकने की बारी है तो मै ऊपर जाऊ

“हा हा जाओ और सब कुछ रेडी कर लो” मोम ने टोंट मारते हुए कहा

मुझे वहां से खिसक जाना ही बेहतर लगा



आजा मेरी बच्ची कह के मा ने पूजा को गले लगाया और उसके पेट के निचले हिस्से पे हाथ रखते हुए पूछा “क्या खबर लायी है ? फुग्गा फूलेगा ?”

“अरे मा अभी तो उसको शांति मिली है सालो के बाद मै नहीं चाहती की अभी से मेरा फुग्गा फुले”

“हा बेटे जहा इतनी देर हुई है थोड़ी और सही” मा ने आँख मिच्कारते हुए कहा तो दीदी शर्मा गई

वो सब तो ठीक है बेटे बाकी सब ठीक हुआ न जैसा तू चाहती थी या हम चाहते थे कैसा है दीपू “

“मा अब मै तुम्हे क्या बताऊ कैसा है दीपू ये संजो की मैंने बहोत बड़ी गलती की थी उस दिन वर्ना आज उतनी देर नहीं हुई होती मै कब की उसके बच्चे की मा बन गई होती”

“क्या कड़क माल है मा उसका”

बस बस ज्यादा नहीं

माने दीदी की गांड को मसलते हुए कहा “इसकी खबर ली गई है या बाकि है अगर बाकी है तो दीपू को कह देती हु की अभी सब छेद सही नहीं हुए”

किस की मा “गांड की” कोई छोड़ता है भला

मोम एक बात बता दू की दीपू सही मर्द है और उसने मेरा हर पुर्जा ढीला कर दिया है मेरी चूत अब उसके लंड की साइज़ की बना दी है और अब बाकि सब फुग्गे उस के लंड से ही फुलेगे”

“ठीक है ठीक है ज्यादा प्रशंसा मत कर”

दीदी ने मा के कुल्हे पे हाथ रख के बोली “आप को भी टेस्ट कर ही लेना चाहिए तो मुज से पूछ ने की जरुरत नहीं पड़ेगी हा थोडा चलने में तकलीफ कर देगी”

चल जा बा यहाँ से बोल के मम्मी ने उसके हाथ अपने कुल्हे से हटा दिए और रसोई के अन्दर चल ने को निकल गई पर मुझे ऐसा लग रहा था की दीदी ने इसके स्तन को थोड़े टटोल दिए थे और मा ने एक हलकी सी आह निकाल के बोली “बहन और भाई दोनों अब बदमाश है”

लेकिन अब मुझे ये बता की रमेश वह सब सही रहे थे ना कुछ गर्बाद तो नहीं की

नहीं मा ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि हम साथ ही रहे और सब कुछ उनके सामने हुआ लेकिन .....

लेकिन क्या बेटे ?????

कुछ नहीं मोम

अब बता भोसड़ीकी रहा नहीं जाएगा जाने बगैर

अब वो मा बस ऐसे ही अब क्या बताऊ ??

बोल ना भाई लोडी

“रमेश आप को नंगा देखना चाहता है” “और यही बात थी जब उन्हों ने पहले कहा था की सब बाते कर ली ना “
क्या ..................... रंडी का बच्चा लंड उठता नहीं और मुझे ......... छी गन्दा साला



मोम मैंने वादा किया था अगर दीपू से चुदवा लू तो कम एस कम एक बार मा को आपके सामने नंगा कर दूंगी

क्या ये गलत है समज में अत है तुम दोनों को ???

मा हम ने जो किया वो भी गलत ही तो था फिर भी आपने परमिशन दी थी

मादरचोद वो बच्चे के लिए थी नहीं की वासना के लिए

मा वासना ना हो तो बच्चा कैसे होगा ?

हां वो भी है

देख पूजा वादा तो नहीं करती पर कोशिश करुँगी लेकिन सही समय आने पर

और मा दीपू के बारे में क्या सोचा है आपने ??

सोचना क्या है ???

मै चाहती हु की आपकी भूख वोही तोड़ सकता है

पागल लड़की ये गलत सोच कब से पाल ली

जब से दिपू ने चोदते हुए कहा

क्या उसने मेरे बारे में कहा ऐसा ???????????? चुटिया है क्या वो

फिर दीदी ने चुदाई की सब घटना बता दी

ओ बाप रे तुम दोनों मुझे भी ले लोगे ??? या अपनी चुदाई में मुझे भी शामिल या मेरे बारे में बाते करते हुए और वो भी रमेश के सामने !!!!!!!!!! शर्म से लाल हो गई

हा मोम अब जो था वो बता दिया

वैसे एक बात बता मेरी बात होती थी तब दीपू का क्या रिअक्शन था

और जोर से चोदता था मुझे और तुम्हारे बारे में सोच के

मुझे लगा की दीदी कुछ ज्यादा ही मसाला डाल रही थी उस बात को लेके

मोम मुझे पता है आप कब से भूखी है और अब इसका इलाज है

रमेश chat देगा तुम्हारी तो दीपू तुम्हारी परी की सेवा कर देगा पीछेवाली भी

बंध कर तेरी ये बकवास

थोड़ी देर के बाद मा थोड़ी ढीली हुई “तो दीपू की भी वहीच्छा है ?“

मा अब जाने दो जहा छह नहीं वह राह नहीं

मम्मी थोड़ी निराश हुई तो दीदी ने मम्मी की गांड की दरार को नापते हुए बोली “लेकिन चाह तो है”

मम्मी थोड़ी मुस्कुराई और बोली “ अब तुमने ये सब और उतना सब बता के मेरी सोई हुई आग जला दी”

तो हां शायद चाह है अब राह तुम दोनों देखोगे मेरे लिए और थोड़ी मुश्कुराई और शरमाई भी

दीदी: "बस तुम्हारी चाह है तो राह अपने आप बनेगी मा" और मा की गांड के दरार में अपनी ऊँगली डाल दी जो मा ने उसे हटा के बोली

अब ये सब तेरे लिए नहीं है बेटी दीपू..................

और वो दोनों अपने कुल्हे मटकाए हुए रसोई में चली गई | हाला की दोनों के हाथ एकदूसरे के कुल्हे पे ही रखे हुए थे

पता नहीं अन्दर जाके मा बेटी ने क्या किया लेकिन शाम को मा कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थी जब की दीदी ने मुझे इशारे से कह दिया की रास्ता साफ़ है ..........


रात को
Maa ko chodne ka rasta bhi hol diya hai Pooja ne.
 

Premkumar65

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अब मेरा दूसरा हाथ दीदी की फूली हुई चूत सहला रहा था और दीदी अपनी चूत मेरे हाथ पर जोर से रगड़ रही थी, कहा-“तेरा जीजा मादरचोद तो बस मेरी जाँघ पर ही अपना पानी निकाल देता है। मेरे भाई, मैं तो तड़पती चीखती रहती थी पर वहां मेरी सुनने वाला कौन था? मेरे भाई मुझे आनंद आ रहा है। तेरा लण्ड भी बहुत खुश्बूदार है, बहुत सुंदर है, तेरा स्पर्श बहुत सेक्सी है। दीपू तेरे हाथ मेरे अंदर एक मज़ेदार आग भड़का रहे हैं। तेरी उंगलियां मेरी चूत में खलबली मचा रही हैं। मेरी चूत से रस टपक रहा है। तेरा स्पर्श ही मुझे औरत होने का एहसास करा रहा है। मैं तेरे अंदर समा जाना चाहती हूँ। चाहती हूँ की तू भी मेरे अंदर समा जाए। मेरे जिश्म का हर हिस्सा चूम लो मेरे भाई, और मुझे अपने जिश्म का हर हिस्सा चूम लेने दो…”

मैं जान गया था की दीदी अब तैयार है। मैंने एक पेग और बनाया और हम दोनों ने पी लिया। दीदी ने अपनी पैंटी अपने आप उतार डाली और मेरे लण्ड से खुले आम खेलने लगी। एक हाथ दीदी अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी। मैंने झुक कर दीदी के निप्पल्स चूसना शुरू कर दिया और दीदी मेरे बालों में उंगलियां फेरने लगी। दीदी की चूची कठोर हो चुकी थी और अब मैंने अपने होंठ नीचे सरकाने शुरू कर दिए।

जब मेरे होंठ दीदी की चूत के नज़दीक गये तो वो उत्तेजना से चीख पड़ी-“दीपू, मेरे भाई। क्यों पागल कर रहे हो अपनी बहन को? मुझे चोद डालो मेरे भाई। तेरी बहन की चूत का प्यार मैंने तेरे लण्ड के लिये संभाल रखा है। डाल दो इसको मेरी चूत में…”

मैं अपने सारे कपड़े खोलता हुआ दीदी के ऊपर चढ़ गया। दीदी का नंगा जिश्म मेरे नीचे था और उसने बाहें खोलकर मुझे आलिंगन में भर लिया। दीदी की चूत रो रही थी, आूँसू बहा रही थी। मैंने प्यार से अपना सुपाड़ा दीदी की चूत की लंबाई पर रगड़ना शुरू कर दिया। हम भाई बहन की कामुकता हद पार कर गई।

फिर दीदी ने बबनती की-“भैया, अब रहा नहीं जाता। घुसेड़ दो मेरी चूत में। होने दो दर्द मुझे परवाह मत करो, पेलो मेरी चूत में अपना लण्ड…”

लेकिन मैंने अपना सुपाड़ा चूत के मुँह पर टिकाकर हल्का धसका मारा। चूत रस के कारण सुपाड़ा आसानी से चूत में घुस गया।

दीदी तड़प उठी, जिसमें दर्द कम और मज़ा ज़्यादा था-“हे भैया मर गई… आह्ह… हाय बहुत मज़ा दे रहे हो तुम… और धकेल दो अंदर… पेलते रहो भैया… ऊऊह्ह… मेरी चूत प्यासी है। आज पहली बार चुद रही है। बहुत प्यारे हो तुम मेरे भाई। डाल दो पूरा…”

मैंने लण्ड धीरे-धीरे आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। चूत गीली होने से लण्ड ऐसे अंदर घुस गया जैसे मक्खन में छुरी। पूजा दीदी की चूत क्या थी बिल्कुल आग की भट्ठी। मैं भी मज़े में था। दीदी के निप्पल्स चूसते हुए मैंने पूरा लण्ड ठेल दिया अंदर। दीदी की सिसकारियाँ उँची आवाज़ में गूँज रही थी। मुझे शक था की माँ ना सुन ले।

लेकिन मेरे मन ने कहा-“अगर माँ सुन लेती है तो सुन ले। उसकी बेटी उसके दामाद के साथ बंद कमरे में कोई भजन तो करेगी नहीं, आख़िरकार उसकी बेटी है, चुदाई के मज़े लूट रही है। उसे भी तो लण्ड का मज़ा चाहिए। आख़िर मेरी दीदी को भी तो लण्ड का सुख चाहिए ही ना। अगर उसका पति नहीं दे सका तो भाई का फर्ज़ है उसको वो मज़ा देना…” फिर मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी।

दीदी भी अपने चूतड़ ऊपर उठाने लगी। उसको लण्ड का मज़ा मिल रहा था। दीदी ने अपनी टांगे मेरी कमर पर कस दी और मुझसे पागलों की तरह लिपटने लगी।
आप ये कहानी मेरा लण्ड तूफ़ानी गति से चुदाई कर रहा था। दीदी के हाथ मेरे नितंबों पर कस चुके थे।

मैं-“दीदी, कैसा लगा ये चुदाई का मज़ा? मेरा लण्ड? तेरी चूत में दर्द तो नहीं हो रहा? मेरी बहना तेरा भाई आज अपनी मासूका को चोद रहा है, किसी लड़की को FunLoveद्वारा और वो भी अपनी सगी बहन को…”


दीदी नीचे से धक्के मारती हुई बोली-“दीपू, मुझे क्या पता था की चुदाई ऐसी होती है, इतनी मज़ेदार। भाई मेरे अंदर कुछ हो रहा है। मेरी चूत पानी छोड़ने वाली है। मैं झड़ने को हूँ… जोर से, और जोर से चोद मेरे भाई… उउिफ्र्फ… और जोर से भैयाआ…”

मैं भी तेज चुदाई कर रहा था। मेरा लण्ड चूत की गहराई में जाकर चोद रहा था और मुझे भी झड़ने में टाइम नहीं लगने वाला था ‘फ़च-फ़च’ की आवाज़ें आ रही थी। तभी मेरे लण्ड की पिचकारी निकल पड़ी, मैं सिसका-“आआह्ह… दीदीईईई मैं भी गया… मैं गयाअ…”

दीदी की चूत से रस की धारा गिरने लगी और हम दोनों झड़ गये। मम्मी बाहर से हम भाई बहन को देख रही थी। लेकिन हम इस बात से अंजान थे। फिर मैं पूजा दीदी के साथ लिपटकर सो गया। चुदाई इतनी जोरदार थी की मुझे पता ही नहीं चला की मैं कब तक सोता रहा। जब नींद खुली तो दोपहर के 12:00 बज चुके थे। दीदी मेरे बिस्तर में नहीं थी।

उठकर कपड़े पहने और मैं नहाने चला गया। पपछले दिन की शराब का नशा मुझे कुछ सोचने से रोक रहा था। सिर भारी था। नहाकर जब बाहर निकला तो मैं चुस्त महसूस करने लगा। दीदी के साथ चुदाई की याद मुझे अभी भी उतेजित कर रही थी। रात के बाद दीदी की चुदाई का अपना ही अलग मज़ा था, पर मुझे डर था की कहीं माँ हमारे इस रिश्ते से नाराज तो ना होगी? ये सवाल मेरे दिमाग़ में कौंध रहे थे। जब मैं निर्मित पढ़ रहे हैमम्मी के रूम से गुजर रहा था तो मुझे मम्मी और दीदी की आवाज़ सुनाई पड़ी,

यहाँ से अब कल मा बेटी उनका वार्तालाप और कुछ और भी ........
Superb update. Dekhte hain ab Maa beti kya gul khilati hain.
 

Premkumar65

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उस से पहले मै कुछ बता देना चाहूंगी की रात को जब पूजा और दीपू की चुदाई चल रही थी उस के बाद ( मै उस चुदाई को डिस्टरब करना नहीं चाहती थी क्यों की बहोत से लोगो के हाथ अपने सही जगह पे थे)

जब दीपू और पूजा की चुदाई हो गई और दोनों नंगे पड़े रहे थे तब पूजा ने कहा “दीपू तुमने जवाब नहीं दिया यार की मोम से कुछ भी हुआ या नहीं”

दी: बताया ना कुछ भी नहीं और दीदी आपने भी कुछ नहीं बताया की मोम से आप की क्या बात हुई

पु: एक बात बता दीपू क्या तुम मोम से प्यार करते हो ???

दी सच बताऊ?? मुझे तुम पर विश्वास करना चाहिए ??? ( अब मै जानता थी की ये माल तो कही जानेवाला नहीं है अब जब तक मै उसे बच्चा ना दे दू तब तक तो नहीं )

पु: अब इतना हो चूका है फर भी पूछ रहे हो ? मेरे भाई अब तुम एक अच्छे बहनचोद हो पूरा विश्वास कर सकते हो

दी “सच कहू तो दीदी मै तुम्हारे पिछे कभी था ही नहीं, जो कुछ भी जबरजस्ती हुई वो बस एक एक्सीडेंट था और कुछ नहीं क्यों की मै शायद तुम्हे प्रिंसिपल का लंड चूसते देखा तो मुझे बस एक जलन सी थी| एक आग सी लगी हुई थी और ये जायज़ भी था, हाला की मै समजता था की वो सब गलत था या है इसलिए मैंने कभी भी अप्रोच नहीं किया| पर मै भी तो आखिर एक मर्द हु यार और मेरा भी लंड उस वक़्त खड़ा हुआ और मुझे भी तो बेसब्री थी की अगर मेरी बहन किसी और का लंड चूस सकती है तो मेरा क्यों नहीं एक जलन और एक आग दोनों मिल चुके थे| बस और कुछ नहीं|”

अब रही बात मोम की वो मेरा पहला और शायद आखरी क्रश है| बचपन से मुझे उसकी गांड आकर्षित करती रही है जब मुझे कुछ समज में नहीं था तब भी और जब मुझे कुछ समज में आने लगा तो और बढ़ गई हर वक़्त मुझे उसकी गांड के सामने मेरा लंड हार जाता है आज भी लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई और ना होगी भी| मैंने बहोत बार उसको छुप छूप के देखा है अधिनंगी भी देखा है और सच कहू तो बस हर बार घर में जब भी होता मेरी नज़रे उसके कपडे को चिर के अन्दर का नज़ारा देखती रहती थी और आज भी| अब तुमसे से कुछ छुपाना नहीं चाहता और मै जब तुम को चोद रहा था पर मेरा मन मोम के पास ही था मै तुम में मोम देख रहा था|

पु: “मालुम है बेटे तू क्या समजता है ये बात मेरे नोटिस में नहीं आई होगी ? मैंने कई बार देखा है की तुम मोम को पीछे से उसकी जवानी को जी भर के देखता था उस वक़्त मै भी ये सब समाज से विपरीत रिश्तो को गलत समजती थी लेकिन ये भी मानती थी की भाई अब जवान हो रहा है और घर में नहीं देखेगा तो और कहा जाएगा| मैंने तुम्हे कई बार उसकी पेंटी को स्मेल करते देखा है पर वो सब मैंने उतना इम्पोर्टेन्ट नहीं समजा था|” “और तू क्या समजता है ये बात उसकी नोटिस में नहीं होगी?” वो मेरी और तुम्हारी दोनों की मा है तुम से ज्यादा दिवाली उसने देखि है| कई बार हम ये समजते है की हम ने मा बाप को चूतिया बनाया पर असल में ये होता है की वो सामने से चूतिया बनते है सब कुछ जानते हुए भू अनजान बने रहते है|”

“खेर दीपू इन्सान को कुछ हालत एसे ही नहीं समज में आती है जब तक वो खुद वो स्थिति का अनुभव ना करे या फिर उस स्थिति में वो खुद ना जाये”



दी: क्या बक रही है कुछ समज मी आये ऐसा बोले तो अच्छा लगे

पु: हा हा हा हा हा मेरा भाई एक अच्छा चोदु तो है पर मगज से कमजोर है थोड़े में बहोत नहीं समज पाता......

पूजा ने अपने सर को दीपू की नंगी छाती पर रख के एक ऊँगली से उसके छाती के बालो को राउंड शेप में घुमाती खेलती हुई बोली “ बेटा ये बात इसी है की जब मेरी शादी हुई और मुझे चुदाई का मजा नहीं मिला तो मै कैसी बेबाक हुई थी, मुझे हर वक़्त बस एक लंड ही दीखता था, शरीर में एक भूख रहती थी एक आग चूत को कभी सहला ने से भी वो आग बुझती नहीं पर ज्यादा भड़क जाती थी, मुझे हर मर्द के निचे पेंट में उसका लंड कैसा होगा उसकी एक अनुभूति कल्पना में रची रहती थी जहा तक मी मैंने अपने ससुर के पेंट में भी देखा और कल्पना भी की की बस ये नहीं तो ससुरजी ही सही मुझे बच्चा नहीं मेरी चूत का भुक्का बोलाना था, मेरी गांड एक अच्छा लद के द्वारा धक्का चाहती थी|

दी: हां भाई समज गया पर उसका अभी क्या है?

पु: खेर अभी भी तू नहीं समजा चल खुल के बताती हु अब मेरी परिश्थिति को तू अच्छी तरह समज गया है अब मोम के बारे में सोच वो हमारे बचपन से विधवा का जीवन गुजारती है किस के लिए ??? हमारे लिए वो चाहती तो दूसरी शादी कर के अपनी गुफा को शांत रख सकती थी उसके नए पति से बच्चे पैदा कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और अपनी जवानी को विधवा के प्लेटफोर्म पर रख के बुढ़ापे में अपने आप को ढल दी बेचारी ने, सब को भूख लगती है उसी प्रकार उसे भी तो लगी होगी या लगती होगी, चलो एक तरह से ये भी सोच लेते है की कभी कभी वो किसी पुरुष से अपना छेद को भर भी लेती होगी पर मैंने आज तक ना देखा ना उसके व्यवहार में कभीऐसा अनुभव या अनुभूति हुई तो मै नहीं मानती, अब उसरे तरीके से देखे तो उसने अपनी भूख बैगन ऊँगली या कुछ और तरीके से शांत की और ये होना भी चाहिए पर ये सही है ??? सर बच्चो की जिंदगी के लिए उसे बैगन या ककड़ी से अपने दोनों छेदों को भरना !!!!!!!!!!!!!!!



पूजा की आँख में नमी भरी और एक दो बूंद उसकी आँखों ने टपका भी दिए “ ये वासना नहीं जरुरत है भाई जो मै और तुम अब तक नहीं समज सके शायद अब भी तुम नहीं समजे पर मै उस दौर से गुजारी तब मुझे मोम की हालत का पता चला मै सर 2 साल में थकी और अपने भाई से हार गई लेकिन अब वो सोच की कितना सालो से ऐसी है

पु: “ भाई मै उसे तुम्हारे लिए तुम्हारे निचे लाने की नहीं पर उसकी जरूरतों को समजते हुए मै तुम्हे उसके ऊपर लाने की कोशिश कर रही हु| एक तरीके से ये कह सकते है की मै तुम्हे सपोर्ट नहीं कर रही पर मोम को सपोर्ट कर रही हु

अब शायद मुझे भी कुछ समज में आने लगा था पर मेरी हालत कुछ कहने की नहीं थी

दी: दीदी मै आपसे आपकी बातो से सहमत हु और समज भी सकता हु लेकिन मै इस मामले में कुछ नहीं कर सकता क्यों की मै पहेल नहीं करूँगा और नहीं मोम

पता नहीं मोम मेरे बारे मे क्या समज रहि है और मेरी कल्पना में वो है पर मै उसके लिए शायद एक बेटा हु

पु: तू मेरा भी तो भाई था और मोम की ही सहमती से तू आज अपना लंड मेरे चूत और गांड की खबर लेता है उस में उसका कोई विरोध नहीं था

खेर वो सब बाते छोड़ तू मुझे ये बता की अगर वो कुछ ढीला छोड़े तो तू तक समज के आगे बढेगा ?

दी: दीदी ये मेरे लिए जीवन का सब से बड़ा गिफ्ट होगा भगवान की तरफ से

पु: चूतिये मुझे कुछ नहीं ??? जब की करुँगी मै !!!! मै तुम दोनों को मिलाने में जो हो सकेगा करुँगी पर एक शर्त पर

दी: हा हा पता है मुझे तेरी वो शर्त मै तुम्हे मा बना के रहूँगा बस !!!!

पु: नहीं वो शर्त नहीं है वो करार है बेटे

तो???????????????? अब कैसी शर्त

पु: जैसे तू तेरी मा का दीवाना है उसकी जवानी का दीवाना है वैसे ही कोई और भी है जो तेरी मा का दीवाना है

कौन है भोसड़ीका ????? बता तो सही मै उसकी मा चोद के उसके सामने रख दूंगा

पु: मै उस आदमी से एक करार में हु

अरे बता तो सही

पु: नहीं शायद तुम गुस्से में हो अभ इसही समय नहीं है लेकिन वो नहीं होगा ती मै कुछ नही कर सकुंगी

दी: चल अब बोल भी दे यार वैसे तू बहोत अच्छी है

पु: मस्का नहीं बेटे मै तुम से बड़ी हु तो कुछ दिवाली मैंने भी तुम से ज्यादा देखि है

दी: हे भगवान नाम तो बता मै कुछ नहीं करूँगा बस पक्का वादा करता हु

पु: तेरे जीजाजी यानि की रमेश

दी: बहेनचोद साला खुद की बीवी को अच्छे से चोद नहीं पाया और .......छी अगर मैंने वादा नहीं किया होता तो अभी उसकी मा चोद देता

स........टा........क से दीपू के गाल पर एक थप्पड़ पड़ी देख तू कुछ ज्यादा बोल रहा है उसके बारे में

मैएँ अपने गाल को सहलाते हुए : क्या गलत बोला मै और तूने मुझे मारा क्यों??????

पु: सुन साले मै उस से पहले प्यार नहीं करती थी क्यों की वो मुझे मेरी जरूरियात नहीं दे सकता था ...लेकिन अब उस से बहोत प्यार करती हु ये भी सुन क्यों उस से प्यार करती हु........

लेकिन उस ने मुझे अँधेरे में भी नहीं रखा उसने कह दिया अपनी कमजोरी

सब से बड़ी बात उसने मुज पर कोई पाबन्दी नहीं डाली मुझे फ्री रखा और कह दिया की तुम अगर कही किसी और से समागम करना चाहतो हो तो मुझे कोई एतराज नहीं ..............कोई पति ऐसा नहीं चाहेगा भले ही खुद की कमजोरी हो फिर भी अपनी बीवी को किसी और के निचे नहीं देगा ............और ये आदमी ने सामने से कहा तुम पसंद करो मै सपोर्ट करूँगा और जो भी परिणाम होने हम साथ में सहेंगे.............वो गे नहीं है फिर भी तुम्हारे साथ उसने खुद को समर्पित किया सिर्फ और सिर्फ मेरे खातिर ..............बच्चे के लिए ........वो चाहता तो हमें छोड़ के चला जाता......और सब से बड़ी बात भाई उसको मैंने रोते हुए देखा है........ सोच एक पुरुष की हालत उसको हालत क्या होगी जब उसकी बीवी किसी और से चुद रही होती है उसी के सामने और वो ककोल्ड की जवाबदारी निभा रहा है................ आई सेल्यूट हिम............ मैंने उसे कहा ये सब बांध अगर तुम्हे उतना दुःख हो रहा है तो .........उस ने हस के कहा नहीं अब रुक नही सकते ........कुछ इधर उधर की बाते हुई....... उसकी इच्छा जानी की मा को वो नंगा देखना चाहता है .......मैंने उसे कामिट कर दिया की कोशिश जरुर करुँगी और हां ये बात उसने मुझे हमारी चुदाई के पहले कही थी पर मैंने मजाक में लिया था की मुझे कुछ कर नहीं सकता और मेरी मा को देखना है..............और मै अपना ट्राय करुँगी रोक सको तो रोक लेना .............लेकिन एक बात समज ले की वो चोद नहीं सकता तो तुम्हारी मोम उसके सामने सेफ भी है................

दी: शायद दीदी आप सही कह रहे हो मै उसे मजाक में ले रहा था अच्छा किया एक थप्पड़ ने मुझे उसकी गहराई समज में आ गई मै भी पुरुष हु और उनकी स्थिति को समज सकता हु|

लेकिन अब मै क्या कर सकता हु मै खुद भी तो तरस रहा हु

तुम्हे कुछ नहीं करना है जो करुँगी मै करुँगी बस तुम्हे बता के करुँगी या बता दूंगी जहा तक होगा मै ये सब मेरे सामने होने दूंगी लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी मोम सेफ ही है

और तुम्हे कुछ नहीं करना है बस चुप रहना जैसे की तुम्हे कुछ पता ही नहीं ना मोम तुम्हे कुछ कहेगी ना तुम जीजाजी से समजे लल्लू ???????????



दीदी अब सो जाना पड़ेगा उतनी सी बात के लिए भी मुझे मेरी मर्दानगी साथ नहीं दे रही तो जीजू की तो बात ही अलग है .............मै ये शेर नहीं कर पाऊंगा क्यों की मा पर सिर्फ मेरा हक है

पु: सही कहा और जहा तक होगा मै कोशिश करुँगी तो मोम नामक माल सिर्फ तुम्हारा रहे और उनके छेद बस तुम्हे समर्पित रहे रमेश तो वैसे भी कुछ नहीं कर पायेगा तो भी उसकी गारंटी मै तुम्हे देती हु ........और हां हमारी चुदाई मोम ने देखि

क्या????? और हम ऐसी बात कर रहे है

नहीं बेटा वो सिर्फ थोडा देख के चली गई

चलो दीदी मुझे अब सोना पड़ेगा मै बहोत कन्फुज़ हु ........दीदी जो करो मुझे मत बताना मै जीजू की तरह महान नही हु.........मेरे बरदाश्त के बहार होगा सब..........

ठीक है लेकिन तेरी जानकारी में रहे|


और हम दोनों करवट बदल के सो गए|


बाकी कल
Dillema in front of Puja and dipu.
 
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अगली सुबह



अगली सुबह 8 बजे पूजा अपने बेड से उठी तो पाया की दोनों नंगे ही थे और दीपू का एक हाथ उसके स्तन पे था और लगभग आधा उसके ऊपर ही था क्यों की उस्ल्का एक पैर उसके साथल पे था जो उसके पेट से थोडा निचे वो धीरे से उसकी नींद ख़राब ना हो उसके हाथ और पैर को हटाके बेड पद बैठ गई उसने देखा की दीपू का लंड बहोत गहरी नींद में था एकदम मुरजाया हुआ

वो थोडा मुस्कुराई और धीरे से निचे की तरफ उसके लंड के करीब गई और एक मुस्कान के साथ मन में बोली बहोत थक गया है मेरी चूत का यार है ना !!! और थोडा झुक के जो लंड पे एक किस कर दी और थोडा लंड के ऊपर जो रात का माल पड़ा था दोनों का उसने धीरे से लंड को पकड़ के थोडा ऊपर की और कर के उसके सुप्पारा जो की चमड़ी के अन्दर पूरी नींद में था उसको अपनी जीभ की नोक से चाट कर साफ़ कर दिया एक चादर दीपू के ऊपर डाल दी और बोली मेरे लंड पे कोई नजर ना डाले और बाथरूम के तरफ फ्रेश होने को चली गई|



आधा घंटे के बाद जब वो अपने कमरे से बहार आई और सीडिया उतारते हुए देखा की मोम सोफे में बैठी हुई थी

अरे मोम आप उठ गई ???

मोम ने ऊपर की और देखा और इशारा किया की रम को बंध करे

पूजा ने रुम लोक किआ और फ़टाफ़ट निचे उतर गई पर ठीक से चल नहीं पाई

मोम थोडा सा मुस्कुराई और बोली “दीपू सो रहा है अभी ???? और तू मुझे पूछ रही है देख सुबह के 9 बज गए है”

“हां मोम सोरी वो जरा कल रात को थोडा लेट हो गया”

मोम थोडा हसी और बोली “हां भाई रात की थकावट वैसे भी कुछ ज्यदा होती है अब इतनी बार हो चुका है फिर भी उतरते वक़्त ठीक से उतर नहीं सकती !!!!!!!!!”

“मोम वो बस ऐसा वैसा कुछ नहीं आप भी ना मेरी टांग खीच ने से उबती ही नहीं”

“चल बाते मत बना मुझे पता है चाय किसे बनानी है मैंने मेरी चाय एक बार तो पि ली” मोम ने पूजा के शरीर पे पूरी नजर डालते हुए कहा

आप चाहे तो मै बना लेती हु दूसरी बार पीयेगी ??



हा बिलकुल अकेले में कुछ मजा ही नहीं आई चल मै भी अन्दर आती हु कुछ शब्जी काट लेती हु ..........

“वैसे भी अब इस घर में मै अकेली ही हु जिस के पास टाइम ही टाइम है बाकी लोग तो थके हुए ही रहते है” मोम अन्दर की ऑर चलते हुए बोली

“मम्मी तो आप भी थक जाए किसने रोका है”

“अब तू मेरी टांग खीच” हस्ते हुए मा बोली

“पता नहीं इस घर में और क्या क्या हुआ है और आगे क्या क्या होने वाला है मेरी तो समज के सब बाहर है”

पूजा को लगा की मोम को पघल ने के लिए उसे और बहोत महेनत करनी पड़ेगी|

“अच्छा मम्मी क्या आपको सच में ये सब बुरा अगता है?” अगर ऐसा है तो हम या मै चली जाती हु मेरा क्या है रमेश कोई और जुगार्ड कर लेगा या फिर मुझे ही कही और जगह ननगा होना पड़ेगा और उसके क्या क्या परिणाम हो सकते है या कितना ख़राब स्थिति का निर्माण होगा ये सब भुगतने को मुझे और मेरे घरवाले को तैयार ही रहना पड़ेगा|”

पूजा ने मोम को इमोशनल ब्लेक मेल करने प्रयास किया जो कुछ हद तक सार्थक भी रहा



मोम ने पूजा के गाल पर एक हलकी सी थप्पड़ मारते हुए कहा “ऐसी बात फिर कभी ना बोलना ये सब हुआ है उसमे सब की समाती है या थी सब से पहले रमेशजी की बाद में तेरी और मेरी भी हां मुझे ये सब बुरा तो लगा ही था पर अब शायद मै मन से इस रिश्ते को स्वीकार कर्ण लगी हु”

“पर कभी कभी डर भी लगता है की भविष्य में रमेशजी ने कुछ ऐसा वैसा सूना दिया मेरी बच्ची को तो मै क्या करुँगी” उस्न्की आँखे थोड़ी नमी हुई थी

“मोम उनकी फिकर ना करे क्यों की ये सब बाते पुरे सोच विचार के साथ किया है और सब बाते जो अब तक हुई है उसमे रमेश का पूरा साथ और सहकार है और आगे जो भी होगा उसमे भी”

पूजा को लगा मोम को थोडा सा जलन भी पैदा करनी पड़ेगी तभी ये भूख और बहार आ सकती है जब तक मोम की भूख बहार नहीं आयेगी या फिर लंड की तड़प जो है पर दिखा नहीं रही उसे बहार तो लाना ही पड़ेगा तभी दीपू का रास्ता साफ़ होगा और मेरा भी|

कुछ देर दोनों ने कुछ बात नहीं हुई पर अचानक पूजा ने कहा

“मम्मी, दीपू ने मुझे जिंदगी का असल आनंद दिया है। उसी ने मुझे बताया की एक मर्द एक औरत को कितना मज़ा और आनंद दे सकता है, सच माँ, दुनिया ने तो जितना दर्द दिया सब भुला दिया भाई ने। चाहे दुनियाँ इस प्यार को जो चाहे नाम दे, या पाप कहे लेकिन मेरे लिए दीपू किसी भगवान से कम नहीं है। मेरे लिए देवता है, मेरा मालिक है, मैं तो अपने भाई के साथ ये जिंदगी बिताने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। कल तक लण्ड, चूत, चुदाई जैसे शब्द मुझे गाली लगते थे, लेकिन आज ये सब मेरी जिंदगी हैं। मम्मी, तू तो मेरी मम्मी है। तुझे तो मेरी खुशी की प्रार्थना करनी चाहिए। अब तो तुझे भी मर्द का सुख ना मिलने पर दुख हो रहा होगा। मम्मी, अब मैंने दीपू को अपना पति, अपना परमेश्वर मान लिया है…”

मोम: “ठीक है ठीक है” लेकिन इस “ठीक” है बोलने में पूजा को उसकी थोड़ी सी जलन दिखाई इ उनके मुह पर अब थोड़ी सी उदासी भी दिखी, अब तक चाय बन चुकी थी दो कप में चाय को निकाल के दोनों डायनिंग टेबल की और बढ़ी



दोनों डायनिंग टेबल पे बैठ के अपनी अपनी चाय को न्याय दे रहे थे तभी ..............



ट्रिन.......ट्रिन.........ट्रिन.......पूजा का मोबाइल बज उठा

पूजा ने स्क्रीन पे देखते हुए थोडा मुस्कुराई और फोन पिक किया

हल्लो .....

सामने से आवाज आई “hello आपको तो हमारी याद आएगी नहीं सोचा हमें ही याद करना पड़ेगा”

पु:”अरे एसा कुछ नहीं है डियर मै तुम लोगो को कैसे भूल सकती हु भला”

सामने: “खेर आपका फोन अब तक नहीं आया तो मुझे तो ऐसा लगा की मुझे आपको याद दिलानी ही पड़ेगी की दुनिया में और कोई भी है ....और बताओ बाकी आप लोग कैसे है?”

पु; “जी हम लोग तो सही है और अच्छे है आप लोग कैसे है और हां भूल ने की कोई बात ही नहीं बस समय नहीं मिला”




खेर चलो इन लोगो को बाते करने दो तब तक हम थोडा फ्लेश बेक में चले जाते है................... अभी तक की कहानी को यहाँ थोडा अल्पविराम देते है ताकि वो लोग अपनी आप को आगे बढे और तब तक हम कुछ और पता करके आते है वापिस यही पर ......................
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