और मम्मी के गरदन और रेशमी झुल्फो को चूमते बोला
“अच्छा जी हमें भी तो बताओ कि हम बड़े वो क्या है?”
तो मम्मी इस बार मुस्कुराती बोली “बदमाश।“ .
मम्मी की बात सुन कर मैंने मम्मी को पलट दिया और अब मम्मी और मेरा चेहरा सामने था मैंने मम्मी को अपनी बाहो में ऑर जोर से कसते कहा
“मेरी जान अब जो भी है वो तुमने ही तो बनाया है तुम्हारी इस खूबसूरत जवानी ने।“
औरत अपनी तारीफ सुन कर कितनी खुश होती है अगर कोई इस समय मम्मी को देख ले तो ये बात बहुत अच्छे से जान ले| और मैंने फिर से अपने होठों को मम्मी के गुलाबी होठों पर रख दिया मै मम्मी के होठों को चूस रहा था और साथ ही मेरे हाथ मम्मी के मांसल बदन को सहला रहे थे | मम्मी की मस्त गद्देदार गांड को अपने हाथो से हलकी सी थप्पड़ मार रहा था जिस से मम्मी के मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी पर ना उसने कोई मना किया ना मेरा हाथ उसने अपनी गांड की दरार से हटाया ना कुछ हिली बस मुझे उनकी गांड से खेल ने कका कुल्ला निमंत्रण था | हम दोनो के होठ आपस में जुड़े हुए और आपस में बाते करते होने के कारण मम्मी की सिस्की मेरे मुँह के अंदर ही दब कर रह जाती थी। मै मम्मी के होठों को चूमते मेरा हाथ जो पीछे था उससे आगे ले जाते हुए मम्मी के चिकने पेट पर फिराने लगा और धीरे-धीरे अपने हाथ को मम्मी की सलवार के अंदर सरकने लगा। मम्मी ने अपनी सलवार का नाड़ा बहुत कस कर बाँध रखा था और जैसे ही मैंने अपना हाथ मम्मी की सलवार मी घुसाने की कोशिश की मम्मी ने अपनी सांसों को अंदर खींच लिया जिससे मम्मी का पेट अंदर चला गया और अगले ही पल मेरा हाथ मम्मी की सलवार के अंदर चला गया। मम्मी ने शर्म से अपनी टांगों को कस कर जोड़ कर बंद कर लिया, मैंने अपने हाथ से खोलने की कोशिश की, लेकिन मम्मी की सलवार टाइट बंधी थी कि मैं मम्मी की टांगें खोलने में कामयाब नहीं हो सका तो मैंने मम्मी को चूम लिया।
धीरे से कहा “जान ये क्या प्लीज खोलो ना मुझे प्यार करने दो ना अगर पूजा के पप्पा उसकी मम्मी को प्यार नहीं करेंगे तो कैसे चलेगा फिर उसकी मम्मी मुज से नाराज हो जायेगी”
मम्मी मेरी बाहो मेरी खड़ी शरमाते हुए बोली “नहीं मुझे शर्म आती है।“
मैंने मम्मी की आंखें मेरी आंखें डाल कर कहा “मेरी जान अब पूजा के पापा से बहुत शर्म आती है। हम कोई गैर थोड़े ही है अब तो तुम पूजा के पापा की जान हो और इस पर अब पूजा के पापा का हक है ना, या इस पर अब सिर्फ पूजा के पापा का ही नाम लिखा है बोलो डार्लिंग लिखा हाय ना!!!!!
इस पर पूजा के पापा का नाम.मेरी बात पर मम्मी ढेर सी शरमा उठी।
मैं: “जान प्लीज खोलो ना अपनी टाँगे तुम्हें मेरी कसम मुझे उस खजाने तक तो जाने दो जो आपने छुपा के रखा है बरसो से और वो भी सिर्फ मेरे लिए और जब आज मौक़ा है तो टला लगा दिया”
जैसे ही मैंने मम्मी को अपनी कसम दी मम्मी ने अपनी टैंगो को ढीला छोड़ दिया जिस को मैंने असानी से अलग कर के खोल दिया। मम्मी ने जैसे ही अपनी तांगे खोली मेरा हाथ मम्मी के अनमोल खज़ाने से टकरा गया मेरी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा अब ये किमती खज़ाना मेरा था और मैं इस खज़ाने का मालिक था।
मम्मी की चूत पर थोड़े बालो का जंगल था। जो कांटे के माफिक थे| मम्मी की चूत पर इतने बाल थे मानो थोड़े दिन पहले ही उसे उनको सवारा ही गया हो। मेरे अपने हाथ से मम्मी की चूत को उनकी झांटों के साथ ही मसल रहा था जिससे मम्मी मस्ती में सिसक रही थी। मम्मी की झांटे इस समय पूरी तरह से गिली थी जो ये बता रही थी कि मम्मी इस समय बहुत गरम हो रही थी या करण उसकी चूत पानी छोड़ रही थी। कुछ देर मम्मी की झांटो से पर अपना हाथ फेरा ते मैंने अपनी उंगली को मम्मी की चूत में डाल दिया मेरी उंगली अपनी चूत मी जाते ही
मम्मी हल्के से उछल पड़ी पड़ी, आज बरसो बाद उसकी चूत के अंदर किसी ने कुछ डाला था मम्मी की गालों से मैंने मां की आंखें मी आंखे डाल कर कहा “क्या हुआ मेरी जान अभी तो ये छोटी सी उंगली गई ही तेरे अंदर तो तुम इतनी चीख रही हो या जब पूजा के पापा का मसल जैसा लंड अंदर जाएगा तब क्या हालत होगी तेरी” मैंने जान बुज कर लंड शब्द इस्तेमाल किया था ताकि अब शर्म मुझे ही तो तोडनी थी | मेरी बात पर मम्मी शर्मा उठी।
मै: “मंजू कितनी टाइट है तुम्हारी”
मम्मी; “बरसो से ये बंद पड़ी है”
मैं: “ ठीक कह रही हो बारसो से बंद रहने के कारण इसके दरवाजे जाम हो गए आज मेरा ये लंड अंदर तक स्पेसियल सफेद तेल डाल कर के दर्द से तेल लगाने का काम दूंगा फिर देखना कितनी आसान से अंदर आती जाती है।“
मम्मी बी समज चुकी थी कि मेरी कोन से सुरक्षित तेल को उसकी चूत मेरी दाल कर उसकी दिवारो को चिकना करने की बात कर रहा था| मम्मी ने जब कुछ नहीं कहा बस शरमाती रही तो मेरे लिए ये ग्रीन सिग्नल था कि मम्मी मेरे माल से अपनी चूत को खोलना चाहती है| मै थोडा डरे से मम्मी को चुमते और एक हाथ से मम्मी की चूत में उंगली करते हुए बोला ये
“क्या मंजू, क्या तुम इसकी सफाई नहीं करती देखो यहां कितना घना जंगल बना रखा है”
“हाय” तो मम्मी मस्ती में आंखे बंद करते हुए बोली “अभी थोड़े महीने पहले हिसाफ किया था पर इसका इस्तेमल अब होता ही कहा है तुम्हारे पापा के जाने के बाद इसकी ऑर देखता ही कोन है”
तो मैंने मम्मी की आंखे मे आंखे डाल कर बोला “क्या अब भी नहीं करोगी इस को साफ??? अब तो इसका रोज इस्तेमाल होगा जानती हो पूजा के पापा को चिकनी चूत ही अच्छी लगती है जिस पर वो अपना घोड़ा सरपत दौड़ा सके”
क्यू क्या कहना है? दौड ने डौगी ना अपने बेटे और पूजा के पति और तुम्हारा भी पति के इस लंड को??? और अपना हाथ मम्मी की सलवार से बाहर निकला मेरी उंगली मम्मी की चूत के रस से भरी हुई थी जिसे मैंने मम्मी की आंखो में देख कर अपने मुंह में दाल कर चूसने लगा और मम्मी की आंखो में देख कर बोला “
कितना स्वादिष्ट है ये चूतरस अब तो मै रोज इस रस को चखूंगा वो भी सिधा बहा से ही अपना प्यार लगा कर।“
मम्मी मेरी बात सुन कर थोड़ी सिकुड़ गई और बोली
“धत् तुम भी ना...” और अपना चेहरे एक तरफ मोड़ दिया लेकिन अब मैंने सोचा अपने जाल में आई चिड़िया को चोदने वाला था| मैंने प्यार से अपने हाथों से मम्मी के कांधे को पकड़ा या अपने एक हाथ से मम्मी की ठुड्डी पर से पकड़ कर अपनी तरफ घुमाते बोला,
” मंजू बोलो चखाओगी ना पूजा के पापा को अपना मीठा रस”
तो मम्मी को मुस्कुरा कर अपनी आँखों से ग्रीन सिग्नल देने लगी तो मैंने मम्मी को अपनी बाहो में कस्ते हुए कहा
“मेरी डार्लिंग तेरी इसी अदा का तो मैं दीवाना हूं। मेरी जान पूजा के पापा की जान हो तुम बोलो ना पिलाओगी ना पूजा के पापा को अपना एनर्जी ड्रिंक”
मम्मी को मेरी आँखों में देखकर ग्रीन सिग्नल दे दिया।
मै: “मेरी जान हम भी आपको अपना एनर्जी ड्रिंक पिलाएंगे मम्मी मेरा लंड चूसने की बात सुन कर मुस्कुराने लगी और मैंने उसके स्तन (धइले) पर हाथ रख कर थोडा सा मसल ने लगा|
मेरे मन में मम्मी के लिए इतना प्यार आया कि मैंने उसको बाहों में ले कर चूम लिया।
मम्मी अपने धइले को मेरे द्वारा मसले जाने की वजह से उसकी सांसें भी तेज़ हो गईं और उसके सीने का उत्थान ऊपर नीचे होने लगा। मम्मी की चूची मेरी छाती से चिपक गयी। मुझे वही लग रहा है जो पूजा दीदी को किस करते हुए हो रही थी। मुझे लग रहा था कि मेरा प्यार मेरी बाहों में है। जब मैंने मम्मी के मुंह में अपनी जुबान डाल दी तो मम्मी उसे चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लंड अब फिर से मम्मी के पेट से टकरा रहा था। मैंने अब हर हद पार करते हुए मम्मी कपाट के ऊपर से खड़े लंड की ऑर इशारा किया और मम्मी का हाथ अपने तड़पते हुए लंड पर रख दिया|
मम्मी ने पहले तो मेरा लंड थाम लिया और मेरे लंड को सहलाने लगी मम्मी को इस तरह अपना लंड सहलाते हैं देख अपनी आंखे मम्मी की आंखो में डाल दी या मम्मी से पूछने लगा
“ मेरी रानी केसा लग रहा जो रात को देखा था कि पूजा कैसे मेरे लंड से खेल रही थी”
मम्मी की तो मानो चोरी ही पकड़ी तो मम्मी अपनी आंखे मेरी आंखो से हटा कर बोली,
“नहीं तो मैं कह रही हूं मुझे कुछ नहीं पता तो मैं मम्मी के चिकने गालों को मसल कर बोल चल झूठी मुझे सब पता ही है कि कैसे तू मेरे काले नाग को देख रही थी बता ना तुझे मेरा केला कैसा लगा? बता ना मेरी छमकछल्लो तुझे पूजा के पापा का लंड कैसा लगा???”
मम्मी; शरमाते हुए:” मुझे नहीं पता”
मैं: “अरे शरमाती क्यों हो? बता ना केसा लगा तुझे मेरा फुला हुआ लंड तूने क्या किसी मर्द का देखा है? पूजा के पापा का केला पूजा की मम्मी नहीं देखेगी तो क्या दूसरी औरत देखेगी? बता ना देखा पूजा की मम्मी ही देखेगी ना .देखा था ना मेरा. हमें भी तो पता चले पूजा की मम्मी को उसके पापा का केला कैसा लगा छोटा तो नहीं लगेगा ?
मम्मी शरमाते हुए हा में सर हिला देती है
मैं:”तो फिर बता मेरी जान तुझे पूजा के पापा का केला केसा लगा। वैसे आपकी बेटी इस लंड पे पागल हो गई है अब उसकी मम्मी को भी पागल कर दूंगा बस तुम्हारे इस चीरे के अन्दर गया तो मुझे लगता है की तुम भी इस लंड के लिए कुछ भी करोगी”
मम्मी: “निचे की ऑर देखते हुए “बड़ा काला है”
मै: तो क्या हुआ मम्मी लंड तो काले ही होते है और काले लंड में मलाई भी उतनी ही सफ़ेद आती है देखना तेरी बेटी को इसी लंड से बच्चा होनेवाला है”
मम्मी: “पता है पूजा कह रही थी” उसने अभी तक निचे से ऊपर नहीं देखा बस मेरे लंड की ऑर देख रही थी शायद wait कर रही थी की कब ये लंड उसे उसके सभी छेदों को छेदेगा
चुदाई आगे भी जारी रहेगी ...............जाइएगा नहीं ............