• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest तीनो की संमति से .....

Status
Not open for further replies.

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
14,904
20,807
229
मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
Last edited:

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
14,904
20,807
229
Marvelous and fabulous story!
Exciting and breathtaking writings!
Fantastic and fascinating descriptions!
Hats off!
Thank you friend

There are many more episodes to boost up your excitement

I m sure you may like
Just be here for more
 

rhyme_boy

Well-Known Member
3,747
4,040
159
और मम्मी के गरदन और रेशमी झुल्फो को चूमते बोला

“अच्छा जी हमें भी तो बताओ कि हम बड़े वो क्या है?”

तो मम्मी इस बार मुस्कुराती बोली “बदमाश।“ .

मम्मी की बात सुन कर मैंने मम्मी को पलट दिया और अब मम्मी और मेरा चेहरा सामने था मैंने मम्मी को अपनी बाहो में ऑर जोर से कसते कहा

“मेरी जान अब जो भी है वो तुमने ही तो बनाया है तुम्हारी इस खूबसूरत जवानी ने।“



औरत अपनी तारीफ सुन कर कितनी खुश होती है अगर कोई इस समय मम्मी को देख ले तो ये बात बहुत अच्छे से जान ले| और मैंने फिर से अपने होठों को मम्मी के गुलाबी होठों पर रख दिया मै मम्मी के होठों को चूस रहा था और साथ ही मेरे हाथ मम्मी के मांसल बदन को सहला रहे थे | मम्मी की मस्त गद्देदार गांड को अपने हाथो से हलकी सी थप्पड़ मार रहा था जिस से मम्मी के मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी पर ना उसने कोई मना किया ना मेरा हाथ उसने अपनी गांड की दरार से हटाया ना कुछ हिली बस मुझे उनकी गांड से खेल ने कका कुल्ला निमंत्रण था | हम दोनो के होठ आपस में जुड़े हुए और आपस में बाते करते होने के कारण मम्मी की सिस्की मेरे मुँह के अंदर ही दब कर रह जाती थी। मै मम्मी के होठों को चूमते मेरा हाथ जो पीछे था उससे आगे ले जाते हुए मम्मी के चिकने पेट पर फिराने लगा और धीरे-धीरे अपने हाथ को मम्मी की सलवार के अंदर सरकने लगा। मम्मी ने अपनी सलवार का नाड़ा बहुत कस कर बाँध रखा था और जैसे ही मैंने अपना हाथ मम्मी की सलवार मी घुसाने की कोशिश की मम्मी ने अपनी सांसों को अंदर खींच लिया जिससे मम्मी का पेट अंदर चला गया और अगले ही पल मेरा हाथ मम्मी की सलवार के अंदर चला गया। मम्मी ने शर्म से अपनी टांगों को कस कर जोड़ कर बंद कर लिया, मैंने अपने हाथ से खोलने की कोशिश की, लेकिन मम्मी की सलवार टाइट बंधी थी कि मैं मम्मी की टांगें खोलने में कामयाब नहीं हो सका तो मैंने मम्मी को चूम लिया।

धीरे से कहा “जान ये क्या प्लीज खोलो ना मुझे प्यार करने दो ना अगर पूजा के पप्पा उसकी मम्मी को प्यार नहीं करेंगे तो कैसे चलेगा फिर उसकी मम्मी मुज से नाराज हो जायेगी”

मम्मी मेरी बाहो मेरी खड़ी शरमाते हुए बोली “नहीं मुझे शर्म आती है।“



मैंने मम्मी की आंखें मेरी आंखें डाल कर कहा “मेरी जान अब पूजा के पापा से बहुत शर्म आती है। हम कोई गैर थोड़े ही है अब तो तुम पूजा के पापा की जान हो और इस पर अब पूजा के पापा का हक है ना, या इस पर अब सिर्फ पूजा के पापा का ही नाम लिखा है बोलो डार्लिंग लिखा हाय ना!!!!!



इस पर पूजा के पापा का नाम.मेरी बात पर मम्मी ढेर सी शरमा उठी।

मैं: “जान प्लीज खोलो ना अपनी टाँगे तुम्हें मेरी कसम मुझे उस खजाने तक तो जाने दो जो आपने छुपा के रखा है बरसो से और वो भी सिर्फ मेरे लिए और जब आज मौक़ा है तो टला लगा दिया”

जैसे ही मैंने मम्मी को अपनी कसम दी मम्मी ने अपनी टैंगो को ढीला छोड़ दिया जिस को मैंने असानी से अलग कर के खोल दिया। मम्मी ने जैसे ही अपनी तांगे खोली मेरा हाथ मम्मी के अनमोल खज़ाने से टकरा गया मेरी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा अब ये किमती खज़ाना मेरा था और मैं इस खज़ाने का मालिक था।

मम्मी की चूत पर थोड़े बालो का जंगल था। जो कांटे के माफिक थे| मम्मी की चूत पर इतने बाल थे मानो थोड़े दिन पहले ही उसे उनको सवारा ही गया हो। मेरे अपने हाथ से मम्मी की चूत को उनकी झांटों के साथ ही मसल रहा था जिससे मम्मी मस्ती में सिसक रही थी। मम्मी की झांटे इस समय पूरी तरह से गिली थी जो ये बता रही थी कि मम्मी इस समय बहुत गरम हो रही थी या करण उसकी चूत पानी छोड़ रही थी। कुछ देर मम्मी की झांटो से पर अपना हाथ फेरा ते मैंने अपनी उंगली को मम्मी की चूत में डाल दिया मेरी उंगली अपनी चूत मी जाते ही



मम्मी हल्के से उछल पड़ी पड़ी, आज बरसो बाद उसकी चूत के अंदर किसी ने कुछ डाला था मम्मी की गालों से मैंने मां की आंखें मी आंखे डाल कर कहा “क्या हुआ मेरी जान अभी तो ये छोटी सी उंगली गई ही तेरे अंदर तो तुम इतनी चीख रही हो या जब पूजा के पापा का मसल जैसा लंड अंदर जाएगा तब क्या हालत होगी तेरी” मैंने जान बुज कर लंड शब्द इस्तेमाल किया था ताकि अब शर्म मुझे ही तो तोडनी थी | मेरी बात पर मम्मी शर्मा उठी।



मै: “मंजू कितनी टाइट है तुम्हारी”

मम्मी; “बरसो से ये बंद पड़ी है”

मैं: “ ठीक कह रही हो बारसो से बंद रहने के कारण इसके दरवाजे जाम हो गए आज मेरा ये लंड अंदर तक स्पेसियल सफेद तेल डाल कर के दर्द से तेल लगाने का काम दूंगा फिर देखना कितनी आसान से अंदर आती जाती है।“

मम्मी बी समज चुकी थी कि मेरी कोन से सुरक्षित तेल को उसकी चूत मेरी दाल कर उसकी दिवारो को चिकना करने की बात कर रहा था| मम्मी ने जब कुछ नहीं कहा बस शरमाती रही तो मेरे लिए ये ग्रीन सिग्नल था कि मम्मी मेरे माल से अपनी चूत को खोलना चाहती है| मै थोडा डरे से मम्मी को चुमते और एक हाथ से मम्मी की चूत में उंगली करते हुए बोला ये

“क्या मंजू, क्या तुम इसकी सफाई नहीं करती देखो यहां कितना घना जंगल बना रखा है”

“हाय” तो मम्मी मस्ती में आंखे बंद करते हुए बोली “अभी थोड़े महीने पहले हिसाफ किया था पर इसका इस्तेमल अब होता ही कहा है तुम्हारे पापा के जाने के बाद इसकी ऑर देखता ही कोन है”

तो मैंने मम्मी की आंखे मे आंखे डाल कर बोला “क्या अब भी नहीं करोगी इस को साफ??? अब तो इसका रोज इस्तेमाल होगा जानती हो पूजा के पापा को चिकनी चूत ही अच्छी लगती है जिस पर वो अपना घोड़ा सरपत दौड़ा सके”

क्यू क्या कहना है? दौड ने डौगी ना अपने बेटे और पूजा के पति और तुम्हारा भी पति के इस लंड को??? और अपना हाथ मम्मी की सलवार से बाहर निकला मेरी उंगली मम्मी की चूत के रस से भरी हुई थी जिसे मैंने मम्मी की आंखो में देख कर अपने मुंह में दाल कर चूसने लगा और मम्मी की आंखो में देख कर बोला “

कितना स्वादिष्ट है ये चूतरस अब तो मै रोज इस रस को चखूंगा वो भी सिधा बहा से ही अपना प्यार लगा कर।“

मम्मी मेरी बात सुन कर थोड़ी सिकुड़ गई और बोली

“धत् तुम भी ना...” और अपना चेहरे एक तरफ मोड़ दिया लेकिन अब मैंने सोचा अपने जाल में आई चिड़िया को चोदने वाला था| मैंने प्यार से अपने हाथों से मम्मी के कांधे को पकड़ा या अपने एक हाथ से मम्मी की ठुड्डी पर से पकड़ कर अपनी तरफ घुमाते बोला,

” मंजू बोलो चखाओगी ना पूजा के पापा को अपना मीठा रस”

तो मम्मी को मुस्कुरा कर अपनी आँखों से ग्रीन सिग्नल देने लगी तो मैंने मम्मी को अपनी बाहो में कस्ते हुए कहा

“मेरी डार्लिंग तेरी इसी अदा का तो मैं दीवाना हूं। मेरी जान पूजा के पापा की जान हो तुम बोलो ना पिलाओगी ना पूजा के पापा को अपना एनर्जी ड्रिंक”

मम्मी को मेरी आँखों में देखकर ग्रीन सिग्नल दे दिया।

मै: “मेरी जान हम भी आपको अपना एनर्जी ड्रिंक पिलाएंगे मम्मी मेरा लंड चूसने की बात सुन कर मुस्कुराने लगी और मैंने उसके स्तन (धइले) पर हाथ रख कर थोडा सा मसल ने लगा|

मेरे मन में मम्मी के लिए इतना प्यार आया कि मैंने उसको बाहों में ले कर चूम लिया।

मम्मी अपने धइले को मेरे द्वारा मसले जाने की वजह से उसकी सांसें भी तेज़ हो गईं और उसके सीने का उत्थान ऊपर नीचे होने लगा। मम्मी की चूची मेरी छाती से चिपक गयी। मुझे वही लग रहा है जो पूजा दीदी को किस करते हुए हो रही थी। मुझे लग रहा था कि मेरा प्यार मेरी बाहों में है। जब मैंने मम्मी के मुंह में अपनी जुबान डाल दी तो मम्मी उसे चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लंड अब फिर से मम्मी के पेट से टकरा रहा था। मैंने अब हर हद पार करते हुए मम्मी कपाट के ऊपर से खड़े लंड की ऑर इशारा किया और मम्मी का हाथ अपने तड़पते हुए लंड पर रख दिया|

मम्मी ने पहले तो मेरा लंड थाम लिया और मेरे लंड को सहलाने लगी मम्मी को इस तरह अपना लंड सहलाते हैं देख अपनी आंखे मम्मी की आंखो में डाल दी या मम्मी से पूछने लगा

“ मेरी रानी केसा लग रहा जो रात को देखा था कि पूजा कैसे मेरे लंड से खेल रही थी”

मम्मी की तो मानो चोरी ही पकड़ी तो मम्मी अपनी आंखे मेरी आंखो से हटा कर बोली,

“नहीं तो मैं कह रही हूं मुझे कुछ नहीं पता तो मैं मम्मी के चिकने गालों को मसल कर बोल चल झूठी मुझे सब पता ही है कि कैसे तू मेरे काले नाग को देख रही थी बता ना तुझे मेरा केला कैसा लगा? बता ना मेरी छमकछल्लो तुझे पूजा के पापा का लंड कैसा लगा???”

मम्मी; शरमाते हुए:” मुझे नहीं पता”

मैं: “अरे शरमाती क्यों हो? बता ना केसा लगा तुझे मेरा फुला हुआ लंड तूने क्या किसी मर्द का देखा है? पूजा के पापा का केला पूजा की मम्मी नहीं देखेगी तो क्या दूसरी औरत देखेगी? बता ना देखा पूजा की मम्मी ही देखेगी ना .देखा था ना मेरा. हमें भी तो पता चले पूजा की मम्मी को उसके पापा का केला कैसा लगा छोटा तो नहीं लगेगा ?

मम्मी शरमाते हुए हा में सर हिला देती है

मैं:”तो फिर बता मेरी जान तुझे पूजा के पापा का केला केसा लगा। वैसे आपकी बेटी इस लंड पे पागल हो गई है अब उसकी मम्मी को भी पागल कर दूंगा बस तुम्हारे इस चीरे के अन्दर गया तो मुझे लगता है की तुम भी इस लंड के लिए कुछ भी करोगी”



मम्मी: “निचे की ऑर देखते हुए “बड़ा काला है”

मै: तो क्या हुआ मम्मी लंड तो काले ही होते है और काले लंड में मलाई भी उतनी ही सफ़ेद आती है देखना तेरी बेटी को इसी लंड से बच्चा होनेवाला है”


मम्मी: “पता है पूजा कह रही थी” उसने अभी तक निचे से ऊपर नहीं देखा बस मेरे लंड की ऑर देख रही थी शायद wait कर रही थी की कब ये लंड उसे उसके सभी छेदों को छेदेगा


चुदाई आगे भी जारी रहेगी ...............जाइएगा नहीं ............
hot conversation... nice update.
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
14,904
20,807
229
चले अब आगे देखते है दीपू और मंजू कितने आगे बढे .......................



मैं: ” काला है तो क्या पर तुम जैसी गोरियों को काला ज़्यादा पसंद होता है। क्यों तुम्हें काला पसंद नही? अगर काला पसंद नहीं मेरी जान तुम अपने हाथों से क्रीम लगा कर इसको गोरा कर देना”

मम्मी शरमाते हुए “ऐसा नहीं है”

मैं: “यानी तुझे भी काला पसंद है”

मम्मी: “पर तुम्हारा बहुत बड़ा मोटा है”

मैं: “ सिर्फ मोटा है लंबा नहीं!!!! तुम्हारे पहले पति का कितना था बताओ ना”

मम्मी धीरे से शरमाते हुए “उनका भी तुम्हारे जितना पर तुम से कम मोटा।“

फिर तो तुम्हें खांख मजा आता होगा तेरे इस पूजा के पापा का झांटे ही कितना बड़ा है पूरे 8 इंच का पूरा अंदर तक जाता है बच्चेदानी तक, जब मेरा बड़ा सा लंबा मोटा अंदर जाएगा तो ऐसे चीखेगी जैसे सोलह साल की लौंडिया चीखती है। मेरी जान ये मेरा हथियार तुझे सोलह साल की लौंडिया बना देगा ये मेरा हथियार,”

मेरे हथियार के बारे सुन कर मम्मी हैरानी से अपना मुँह हाथ से दबाते हुए “क्या इतना बड़ा वैसे बाप वैसा बेटा”

मैं: “अरे बड़ा है तभी तो तुझे मजा आएगा क्यू पगली तुझे बड़ा पसंद नहीं मेरा बड़ा और मोटा जब तुम्हारे चूत का भोसड़ा बनाएगा तो देखना तुझे कितना मजा आएगा”

मम्मी: “मुझे नहीं पता”

मैं: हाय हाय मेरी छमकछल्लो कैसी शरमा रही है, अरे बता ना रात को पूजा को मेरा मस्त केला खाते देख तेरा दिल भी मेरा केला खाने को कर रहा था ना?”

मै: “ बोल ना अब क्यू शरमा रही हो, पूजा के पापा का केला देख कर तेरा दिल भी किया था ना तूने भी अपनी सलवार उतार कर खुजली मिटाई थी ना!!! बता ना कैसे मिटाई थी खुजली उंगली से या फिर गाजर से???”

शर्म की मारी मम्मी का लाल चेहरा देखने लायक था मम्मी मेरी बाहो में आंखे झुकाए शरमा रही थी मैं मम्मी को अपनी बाहो में ज्यादा भ्सिते बोला

“मेरी जान अब से तुम्हें अपनी उंगली से अपनी खुजली मिटाने की जरूरत नहीं अब पूजा का पापा ही तुम्हारी खुजली मिटाएगा। आज तुम्हारी नथ उतरूंगा तुम्हे पहले से बेहतर औरत बनाऊंगा आज तुझे पता चलेगा असली मर्द के साथ सोने तुझे कितना मजा मिलता है”

“मेरी जान आज मैं अपनी रानी को अपना मस्त केला खिलाऊंगा ऊपर से भी और दूसरे से दो छेदों में भी बोलो खाओगी ना!!!”

मम्मी: “ मुझे नहीं पता”;

मै:” पूजा की मम्मी अगर तुझे नहीं पता तो फिर किसे पता होगा। पूजा के पापा का केला तो पूजा की मम्मी ही खायेगी ना बोल ना पूजा की मम्मी कैसे खायेगी केला निचे लेट कर या फिर जैसे पूजा खाती है ऊपर चढ़ कर घोड़ी बन कर। बोल ऊपर चढ़ कर खायेगी या घोड़ी बन कर पूजा की मम्मी”



मैं: ” देखा था ना पूजा कैसे मेरे लंड पर बैठ कर कितना मजे से उछल रही थी वैसे ही. पूजा के पापा की गोद में बैठ कर उछाल उछाल कर मजा लोगी या फिर इस गोरी को घोड़ी बना कर पीछे से ठोकू”

मम्मी ने शरमा कर अपना चेहरा मेरे सीने मैंने छुपा लिया, फिर अचानक अपना हाथ पीछे खींच लिया,

“'नहीं दीपू बेटा...नहीं...ये ठीक नहीं है...छोड़ दो मुझे!!''

शायद मम्मी के मन में हमारे रिश्ते के कारण झिझक सी आ गई थी या वो इसे पाप समझने के कारण पीछे हट गई थी या फिर क्या पता कुछ नाटक ही कर रही थी|||| लेकिन मेरी तो गांड ही फट गई थी |

मैं मम्मी का हाथ पकड़ कर अपने से चिपकते हुए कहा :” डार्लिंग मैंने ये हाथ छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा अब से तुम मेरी हो मेरी और आज रात मैं तुम पर अपनी पक्की मोहर लगा दूंगा”।

पक्की मोहर लगाने की बात कह कर एक तरह से मैंने मम्मी को बता दिया था कि आज मैं उसको चोद कर हमेशा हमेशा के लिए अपनी बना लूंगा।

बनोगी ना मेरी?? पूजा की मम्मी

मम्मी का दिमाग अब भी शायद हमारे इस नए रिश्ते को स्वीकार नहीं कर रहा था चाहे वो दिल से तो चाहती थी पर उसका दिमाग ये सोच रहा था कि ये गलत है इस के लिए ही वो मुझसे दूर हो रही थी पर मुझे अब डर लगने लगा की अगर मम्मी को मेरा और उसका ये रिश्ता गलत लग रहा है तो मेरा और दीदी का रिश्ता गलत लगने लगेगा या कहीं वो हम दोनो को प्यार करने से रोक ना दे मै यही सोच कर कांप उठा | और आज ही मम्मी को अपना लंड से चुदवा कर अपनी बनना चाहता था| मम्मी पर अपनी पक्की मोहर लगा कर उन्हें अपना बना लेना चाहता था। क्योंकि अब मैंने ठान लिया था और पूजा ने भी तो मम्मी को सही तरीके से बताया हुआ था तभी तो कह रहीथी की तेरा रास्ता क्लीन है जब चाहे मम्मी को चोद सकता है बस थोडा सा प्यार से | तभी से मेरे दिमाग में अपनी मां के लिए वासना भर चुकी थी। मैंने मम्मी का हाथ पकड़ कर अपनी ऑर खींची मम्मी मेरी बाहो में फिर से आ गई|

मेरा एक साथ मम्मी का हाथ पकड़ और दूसरा हाथ मम्मी की कमर डाल कर मम्मी को अपने से चिपका लिया | और अपना चेहरा मम्मी के चेहरे के पास ले जा कर मम्मी की बड़ी गांड को सहलाते हुए मम्मी से कहा,

“ मेरी रानी अब हम से दूर कहा जा रही हो और वो बी पूजा के पापा से!!! और मेरा जो हाथ मम्मी की गांड पर था वो अग्गे मम्मी की सलवार का नाड़ा ढूंढने लगा और जैसा ही मेरे हाथ मी मम्मी की सलवार का नाड़ा आया मै उसको खींचने लगा तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली

“प्लीज इसको मत खोलो”

मैं “ क्यू जान अब पूजा की मम्मी की सलवार खोलने का हक पूजा के पापा का है और तुम मुझे पूजा का पापा मान भी चुकी हो तो फिर सलवार खोलने का हक नहीं देती”।

और मम्मी का हाथ पकड़ कर अपना लंड पर रख दिया और अपने मुँह माँ के मुँह के करीब ले गया और बोला

“देखो ना रानी कैसे मेरा पप्पू अपनी रानी से मिलने को तड़प रहा है| मम्मी अपना हाथ मेरे लंड से हटाने लगी तो मैंने कहा “क्या हुआ मेरी जान क्या हुआ मेरी जान क्या तुम्हें मेरी कुल्फी पसंद नहीं आई”।

मेरी बात सुनते ही मम्मी बोली

“अरे नहीं जी ऐसी बात नहीं, कोन औरत होगी जिसको ये पसंद नहीं आएगा और तेरी ये कुल्फी नहीं ये तो मस्त खुलफा ही कोई बी औरत तुम्हारा ये मस्त खुलफा देख ले तो मुझे यकीन है कि इसे अपने में समाये बिना चैन नहीं लेगी”

मम्मी का इतना कहना ही था कि मै मम्मी की छातीयो को मसलने लगा और मम्मी की बगिया पर किस करने लगा (सच बात तो ये थी कि मम्मी को ये सब अच्छा लग रहा था लेकिन वो ऊपर से नाटक करती थी ताकि उसके और उसके बेटे के बीच में शरम का पर्दा बना रहे ..) और मै अब हाथ में आई हुई तक को किसी भी हालत में छोड़ न नहीं चाहता था मै उसे तन से तो ठीक है पर मन से भि नंगी करना चाहता था जैसे मै और पूजा दीदी खुल्लेआम लंड और चूत की बाते करते थे ठीक वैसे ही मै मम्मी को भि खुल्लेआम लंड और चूत की बाते करते हुए देखना चाहता था हलाकि मुझे पता था की मम्मी और पूजा दोनों आपस में काफी नंगी है|

मैं: ”अच्छा, मेरी जान फिर क्या तुम्हारा मन ये कुल्फ़ा खाने को नहीं करता। या फिर तुम औरत नहीं हो”।

मां: “धत् मुजे शर्म आती है”

मैं: ”हाय मेरी जान तेरी इसी अदा पर तो मेरी मौत हो गई अभी से इतनी शरम करोगी तो फिर बिस्तर पर मेरा साथ कैसे दे पाओगी?”

मम्मी - दीपू प्लीज पीछे हटो मुझे अभी बहुत काम करना है”

मै मम्मी की दूध को मसलते हुए बोला “मेरी जान मुझे भी तो आज आपका सारा काम करना है मेरी रानी अब से मेरा बेटा नहीं बल्कि तुम मेरे बेटे की मम्मी हो”।

मम्मी शरारत से – “बदतमीज कहीं का…!!! अपनी मम्मी से कोई ऐसी बात करता है”।

मै –“ बदतमीज दिल…. बदतमीज़ दिल……मने ना माने ना….”!!!!!

मम्मी- “हां बड़ा आया हीरो...चल पीछे हट अगर पूजा आ गई तो गड़बड़ हो जाएगी”

मै “-हाय मेरी रानी तेरे जैसी पटाखा माल पास हो तो गड़बड़ तो हो जाएगी। मेरी जान मुझे प्यार करने दो.. “

मम्मी; ”चल बदमाश कहीं का और हा अब ऑर इस से आगे नहीं बढ़ना”।

“और हां अब बस भी करो मै कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हु मेरी भी कुछ इज्जत है थोड़ी लिमिट में रहो”।

“अगर ऐसा होता तो अब तक तुम्हारे बदन पर कोई कपड़े ही नहीं होते यहा इस सारे कमरे में ऐसे ही ज़मीन पर बिखरे पड़े होते या तुम मेरे सामने एक दम नंगी अपनी पैर खोल कर मेरे लौड़े के नीचे पड़ी होती या फिर”

मैंने मम्मी को बहो मी भारत हुए कहा “”मुझे एक बात बताओ तो”

मम्मी ने कहा “पूछ”

तो मैंने कहा “पापा के बाद उनकी हर चीज पर मेरा हक है?

तो मम्मी ने कहा “हा है तो???”

फिर अपने हाथ से मम्मी की गांड को सहलाते हुए पूछा “अगर है तो फिर पापा के सब से सीमित खज़ाने पर क्या मेरा पूरा हक नहीं? अगर पापा की हर चीज मेरी है तो क्या उनकी सुंदर जवान सेक्सी बीवी मेरी बीवी नहीं है? उनकी सुंदर जवान बीवी की जवानी का रस चूसने का हक क्या मुझे नहीं है?”

“या जिस तरह तूने पापा की हर चीज को भोगने का हक मुझे दिया और क्या अपनी जिंदगी में मम्मी पापा का हक नहीं दे सकती कि मेरे पापा की तरह ही आपकी जवानी को भोग लग सकता है?”

माँ अब चुप मेरी बाहो में मुस्कुरा रही थी और धीरे से बोली “लगता है आज तुम पूरी तरह से अपने पापा की जगह ले लोगे मुझे विधवा से फिर से सुहागन बना दोगे।“

मेने अपना एक हाथ को मम्मी की निपल से हटा दिया और और मम्मी से बोला “क्यों नहीं बनाऊंगा सुहागन अपनी रानी को तुम्हारी मांग मी भर दूंगा और तुम्हारी पैरो के बीच जो मांग है उसे मेरा ये लंड अपनी खुद की श्याही से भरेगा”

“तुम सारे रिश्ते भूल जाओ बस ये सोचो कि तुम औरत हो और मै एक मर्द। समझो मेरी छमकछल्लो”

और मेरे हाथ में मम्मी की सलवार का नाड़ा पे आ गया तो मैंने मम्मी का सलवार का नाड़ा पकड़ कर खींचने लगा तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मैंने मम्मी को चूमते कहा “क्या हुआ मेरी जान खोलने दो ना।“

तो मम्मी शरमाते हुए जल्दी से मेरी बाहो से निकल कर किचन में भाग गई।



मै: बहेनचोद, ये माल को पाना आसन नहीं रहेगा जितना पूजा की चूत का रास्ता मुझे जल्दी मिला था

मै मम्मी के पीछे पीछे किचन में गया और दरवाजे के पास ही खड़ा हो गया तो मम्मी मेरी ऑर पलट कर देखने लगी मम्मी हमें समय मेरी या देख कर मुस्कुरा रही थी तो मैंने मम्मी से दूर से खड़े हो कर कहा “मेरी जान क्या हुआ भाग क्यों रही हो खोलने दो ना”

तो मम्मी शामरते निचे देखती हुई ना में सर हिलाने लगी।

मै: ” अच्छा अभी तो भाग गई हो देखता हूं रात को कैसे मुझसे दूर भागती हो जब मैं तुम्हारा नाडा खोलूंगा।“ और हां अब खुल्ला बोल रहा हु की तेरी चूत का भोसडा बना दूंगा” शायद मैंने अपनी धीरज गवा दी थी |

मै;” मेरी रानी वो तो मैं खोल कर रहूंगा”।

मम्मी मेरी बात से बुरी तरह शरमा गई और बोली “धत् बदमाश।“

मैं मम्मी के पास गया और अपनी आंखे मम्मी की आंखो में डाल कर बोला,

“ मेरी रानी अभी से बदमाश कह रही हो अभी मैंने बदमाशी की ही कहा है, बदमाशी तो रात को होगी ना मेरी रानी जब तुम मेरे साथ बिस्तर पर हमसाथ होगी और तब मै तुम्हारी सलवार खोल कर तुम ऊपर चडूंगा और सच बात कहू तो तेरी इस चूत रूपी मांग को मेरा ये लोडा अपने सफ़ेद रस तेर मांग भरेगा“

मेरी बात सुन मम्मी ढेर से मुस्कुरा पड़ी और बोली “हटो ना जाओ ना “

मम्मी मेरी आंखें में आंखे डाल कर बोली “तुम्हारी मंजू रानी जानती है की तुम्हारी मा की सलवार का नाडा कैसे खुलेगा??”

पता नहीं उस समय मम्मी के मुंह से कैसे निकल गया और जब मेरी मम्मी की आँखे मुझे देख कर मुस्कुराया तो मम्मी को पता चला उसके मुँह से क्या निकल गया और शर्म से मुँह छुपा लिया

और मैंने मम्मी का चेहरे अपने हाथों से पकड़ कर ऊपर उठाया और मम्मी की आँखे मेरी आँखे डाल कर बोला “मै तुम्हारी जैसी मस्त हसीना की सलवार का नाड़ा मी अपने हाथ से नहीं खोलूंगा”

तो मम्मी मेरी आंखें, ऐसे देख कर मुस्कुराने लगी मानो पूछ रही हो कि अगर हाथ से नहीं खोलोगे तो फिर कैसे खोलोगे तो मैंने कहा

“तेरे जैसी हसीना की सलवार का नाड़ा हाथ से नहीं मेरी जान अपनी होठो से खोलूंगा।“

होठों से खोलने की बात सुन मम्मी बुरी तरह से शर्म की मारी पानी पानी गई और मम्मी का चेहरे एक दम से लाल हो गया मेरी बात सुन मम्मी मुस्कुराते हुए बोली “पागल हो गए हो तुम”

मैंने मम्मी के होठों को चूमते कहा “मेरी रानी पागल तो मुझे तेरी जवानी ने कर रखा है मम्मी शरमाते हुए मेरी बाहो से निकल गई

मैं: “ पूजा की मम्मी मुँह से तो खोलने दोगी??”

तो मम्मी शरमाते ना मील सर हिलाने लगी।



थक गई बाकी कल
 

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
14,904
20,807
229
मैं; “ठीक है मेरी छाम्क्छाल्लो आज मैं तेरी सलवार का नाड़ा नहीं खोलूंगा,”

यह सुनकर मम्मी को थोड़ी राहत महसूस हुई और बोली थैंक्स दीपू,

मैं: “मेरी जान, मैंने कहा था न कि मैं तेरी सलवार का नाड़ा नहीं खोलूंगा पर तू खोल सकती है, आज रात पूजा की मम्मी पूजा के सामने खुद अपनी सलवार का नाड़ा खोलेगी और अपनी टांगे फैला कर अपनी चूत सहलाएगी और कहेगी पूजा के पापा प्लीज पूजा की मम्मी की चूत चाट, अब यह तेरी अमानत है”।

अपनी सलवार का नाड़ा खुद खोलने और मुझसे चूत चटवाने की बात सुनकर मम्मी का चेहरा शर्म से लाल हो गया,

मुझे भी उस वक्त बाहर जीजू से मिलने जाना था तो मैंने मम्मी को छोड़ दिया|

एक बात थी अब मम्मी मुझसे पूरी तरह से सेट हो चुकी थी। मेरी हर बात उन्हें अच्छी लग रही थी। जब मैं अपनी मम्मी को उनके नाम से बुलाता या प्यार से जान या रानी कहता तो उन्हें बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होता था।

मैं बाहर जाकर आता हु मम्मी तब तक तुम अपनी यह मेरी जान जो है है अब आप इसे चिकनी कर दो।

“क्या??”

माँ मुझसे ऐसे पूछने लगी जैसे उन्हें कुछ पता ही न हो, तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा

“ओ मेरी गुलाबो तुम्हारी टांगों के बीच में क्या है, वहाँ जहा जंगल है, क्योंकि अब पूजा का पापा रोज तुम्हारी गुलाबो का इस्तेमाल करेंगे”।

क्या मेरा इशारा मम्मी की चूत की तरफ था या मैंने अपने शब्दों से मम्मी को बता दिया था कि मुझे चिकनी चूत पसंद है और इसीलिए उन्हें अपनी चूत के बाल साफ करने चाहिए। मेरे इतना कहते ही मम्मी शर्म के मारे पलट गई और फिर अपना चेहरा छुपाते हुए दीवार के सहारे खड़ी हो गई।

मम्मी को इस तरह शरमाते देख मै मम्मी के पास गया और पीछे से मम्मी को बाहों में भरते बोला “मंजू करोगी ना चिकना!!! मुझे चिकनी चिकनी चाटने में बड़ा मजा आता ही आज मैं तुम्हारी चिकनी चटना चाहता हूं।

मेरी बात सुन कर मम्मी शरमाते हुए बोली “मैं नहीं करूंगी”

अब मैं मुस्कुराता बोला “वो रात को देखूंगा मेरी बुलबुल की पूजा की मम्मी पूजा के पापा की बात मानती है या नहीं अब देखता हूं रात को बिस्तर पर मै बदमाशी करता हूं और तुम बोलो करोगी ना जान करोगी ना अपनी गुलाबो को चिकना या नहीं”

तो मम्मी अपने अंगुठे को अपने दांतो पर दबा कर मुस्कुरा कर ये बताने लगी कि “अगर वो मेरी बात नहीं मानेगी तो फिर किसकी मानेगी??”

यानी के मम्मी ने मुझे मन से मुझे अपना पति मान लिया था बस अब रात को मुझे मम्मी को तन से बी अपनी बनाना था

मैं; पूजा की मम्मी अगर तुम कहो तो मुझे चिकना कर दो

मम्मी;” नहीं”



और फिर मम्मी मेरे लिए अपनी चूत को चिकना करेगी यहीं सब सोचते हुए मैं वहां से बाहर की या निकल पड़ा।


बने रहिये
 
Status
Not open for further replies.
Top