चले अब आगे देखते है दीपू और मंजू कितने आगे बढे .......................
मैं: ” काला है तो क्या पर तुम जैसी गोरियों को काला ज़्यादा पसंद होता है। क्यों तुम्हें काला पसंद नही? अगर काला पसंद नहीं मेरी जान तुम अपने हाथों से क्रीम लगा कर इसको गोरा कर देना”
मम्मी शरमाते हुए “ऐसा नहीं है”
मैं: “यानी तुझे भी काला पसंद है”
मम्मी: “पर तुम्हारा बहुत बड़ा मोटा है”
मैं: “ सिर्फ मोटा है लंबा नहीं!!!! तुम्हारे पहले पति का कितना था बताओ ना”
मम्मी धीरे से शरमाते हुए “उनका भी तुम्हारे जितना पर तुम से कम मोटा।“
फिर तो तुम्हें खांख मजा आता होगा तेरे इस पूजा के पापा का झांटे ही कितना बड़ा है पूरे 8 इंच का पूरा अंदर तक जाता है बच्चेदानी तक, जब मेरा बड़ा सा लंबा मोटा अंदर जाएगा तो ऐसे चीखेगी जैसे सोलह साल की लौंडिया चीखती है। मेरी जान ये मेरा हथियार तुझे सोलह साल की लौंडिया बना देगा ये मेरा हथियार,”
मेरे हथियार के बारे सुन कर मम्मी हैरानी से अपना मुँह हाथ से दबाते हुए “क्या इतना बड़ा वैसे बाप वैसा बेटा”
मैं: “अरे बड़ा है तभी तो तुझे मजा आएगा क्यू पगली तुझे बड़ा पसंद नहीं मेरा बड़ा और मोटा जब तुम्हारे चूत का भोसड़ा बनाएगा तो देखना तुझे कितना मजा आएगा”
मम्मी: “मुझे नहीं पता”
मैं: हाय हाय मेरी छमकछल्लो कैसी शरमा रही है, अरे बता ना रात को पूजा को मेरा मस्त केला खाते देख तेरा दिल भी मेरा केला खाने को कर रहा था ना?”
मै: “ बोल ना अब क्यू शरमा रही हो, पूजा के पापा का केला देख कर तेरा दिल भी किया था ना तूने भी अपनी सलवार उतार कर खुजली मिटाई थी ना!!! बता ना कैसे मिटाई थी खुजली उंगली से या फिर गाजर से???”
शर्म की मारी मम्मी का लाल चेहरा देखने लायक था मम्मी मेरी बाहो में आंखे झुकाए शरमा रही थी मैं मम्मी को अपनी बाहो में ज्यादा भ्सिते बोला
“मेरी जान अब से तुम्हें अपनी उंगली से अपनी खुजली मिटाने की जरूरत नहीं अब पूजा का पापा ही तुम्हारी खुजली मिटाएगा। आज तुम्हारी नथ उतरूंगा तुम्हे पहले से बेहतर औरत बनाऊंगा आज तुझे पता चलेगा असली मर्द के साथ सोने तुझे कितना मजा मिलता है”
“मेरी जान आज मैं अपनी रानी को अपना मस्त केला खिलाऊंगा ऊपर से भी और दूसरे से दो छेदों में भी बोलो खाओगी ना!!!”
मम्मी: “ मुझे नहीं पता”;
मै:” पूजा की मम्मी अगर तुझे नहीं पता तो फिर किसे पता होगा। पूजा के पापा का केला तो पूजा की मम्मी ही खायेगी ना बोल ना पूजा की मम्मी कैसे खायेगी केला निचे लेट कर या फिर जैसे पूजा खाती है ऊपर चढ़ कर घोड़ी बन कर। बोल ऊपर चढ़ कर खायेगी या घोड़ी बन कर पूजा की मम्मी”
मैं: ” देखा था ना पूजा कैसे मेरे लंड पर बैठ कर कितना मजे से उछल रही थी वैसे ही. पूजा के पापा की गोद में बैठ कर उछाल उछाल कर मजा लोगी या फिर इस गोरी को घोड़ी बना कर पीछे से ठोकू”
मम्मी ने शरमा कर अपना चेहरा मेरे सीने मैंने छुपा लिया, फिर अचानक अपना हाथ पीछे खींच लिया,
“'नहीं दीपू बेटा...नहीं...ये ठीक नहीं है...छोड़ दो मुझे!!''
शायद मम्मी के मन में हमारे रिश्ते के कारण झिझक सी आ गई थी या वो इसे पाप समझने के कारण पीछे हट गई थी या फिर क्या पता कुछ नाटक ही कर रही थी|||| लेकिन मेरी तो गांड ही फट गई थी |
मैं मम्मी का हाथ पकड़ कर अपने से चिपकते हुए कहा :” डार्लिंग मैंने ये हाथ छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा अब से तुम मेरी हो मेरी और आज रात मैं तुम पर अपनी पक्की मोहर लगा दूंगा”।
पक्की मोहर लगाने की बात कह कर एक तरह से मैंने मम्मी को बता दिया था कि आज मैं उसको चोद कर हमेशा हमेशा के लिए अपनी बना लूंगा।
बनोगी ना मेरी?? पूजा की मम्मी
मम्मी का दिमाग अब भी शायद हमारे इस नए रिश्ते को स्वीकार नहीं कर रहा था चाहे वो दिल से तो चाहती थी पर उसका दिमाग ये सोच रहा था कि ये गलत है इस के लिए ही वो मुझसे दूर हो रही थी पर मुझे अब डर लगने लगा की अगर मम्मी को मेरा और उसका ये रिश्ता गलत लग रहा है तो मेरा और दीदी का रिश्ता गलत लगने लगेगा या कहीं वो हम दोनो को प्यार करने से रोक ना दे मै यही सोच कर कांप उठा | और आज ही मम्मी को अपना लंड से चुदवा कर अपनी बनना चाहता था| मम्मी पर अपनी पक्की मोहर लगा कर उन्हें अपना बना लेना चाहता था। क्योंकि अब मैंने ठान लिया था और पूजा ने भी तो मम्मी को सही तरीके से बताया हुआ था तभी तो कह रहीथी की तेरा रास्ता क्लीन है जब चाहे मम्मी को चोद सकता है बस थोडा सा प्यार से | तभी से मेरे दिमाग में अपनी मां के लिए वासना भर चुकी थी। मैंने मम्मी का हाथ पकड़ कर अपनी ऑर खींची मम्मी मेरी बाहो में फिर से आ गई|
मेरा एक साथ मम्मी का हाथ पकड़ और दूसरा हाथ मम्मी की कमर डाल कर मम्मी को अपने से चिपका लिया | और अपना चेहरा मम्मी के चेहरे के पास ले जा कर मम्मी की बड़ी गांड को सहलाते हुए मम्मी से कहा,
“ मेरी रानी अब हम से दूर कहा जा रही हो और वो बी पूजा के पापा से!!! और मेरा जो हाथ मम्मी की गांड पर था वो अग्गे मम्मी की सलवार का नाड़ा ढूंढने लगा और जैसा ही मेरे हाथ मी मम्मी की सलवार का नाड़ा आया मै उसको खींचने लगा तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली
“प्लीज इसको मत खोलो”
मैं “ क्यू जान अब पूजा की मम्मी की सलवार खोलने का हक पूजा के पापा का है और तुम मुझे पूजा का पापा मान भी चुकी हो तो फिर सलवार खोलने का हक नहीं देती”।
और मम्मी का हाथ पकड़ कर अपना लंड पर रख दिया और अपने मुँह माँ के मुँह के करीब ले गया और बोला
“देखो ना रानी कैसे मेरा पप्पू अपनी रानी से मिलने को तड़प रहा है| मम्मी अपना हाथ मेरे लंड से हटाने लगी तो मैंने कहा “क्या हुआ मेरी जान क्या हुआ मेरी जान क्या तुम्हें मेरी कुल्फी पसंद नहीं आई”।
मेरी बात सुनते ही मम्मी बोली
“अरे नहीं जी ऐसी बात नहीं, कोन औरत होगी जिसको ये पसंद नहीं आएगा और तेरी ये कुल्फी नहीं ये तो मस्त खुलफा ही कोई बी औरत तुम्हारा ये मस्त खुलफा देख ले तो मुझे यकीन है कि इसे अपने में समाये बिना चैन नहीं लेगी”
मम्मी का इतना कहना ही था कि मै मम्मी की छातीयो को मसलने लगा और मम्मी की बगिया पर किस करने लगा (सच बात तो ये थी कि मम्मी को ये सब अच्छा लग रहा था लेकिन वो ऊपर से नाटक करती थी ताकि उसके और उसके बेटे के बीच में शरम का पर्दा बना रहे ..) और मै अब हाथ में आई हुई तक को किसी भी हालत में छोड़ न नहीं चाहता था मै उसे तन से तो ठीक है पर मन से भि नंगी करना चाहता था जैसे मै और पूजा दीदी खुल्लेआम लंड और चूत की बाते करते थे ठीक वैसे ही मै मम्मी को भि खुल्लेआम लंड और चूत की बाते करते हुए देखना चाहता था हलाकि मुझे पता था की मम्मी और पूजा दोनों आपस में काफी नंगी है|
मैं: ”अच्छा, मेरी जान फिर क्या तुम्हारा मन ये कुल्फ़ा खाने को नहीं करता। या फिर तुम औरत नहीं हो”।
मां: “धत् मुजे शर्म आती है”
मैं: ”हाय मेरी जान तेरी इसी अदा पर तो मेरी मौत हो गई अभी से इतनी शरम करोगी तो फिर बिस्तर पर मेरा साथ कैसे दे पाओगी?”
मम्मी - दीपू प्लीज पीछे हटो मुझे अभी बहुत काम करना है”
मै मम्मी की दूध को मसलते हुए बोला “मेरी जान मुझे भी तो आज आपका सारा काम करना है मेरी रानी अब से मेरा बेटा नहीं बल्कि तुम मेरे बेटे की मम्मी हो”।
मम्मी शरारत से – “बदतमीज कहीं का…!!! अपनी मम्मी से कोई ऐसी बात करता है”।
मै –“ बदतमीज दिल…. बदतमीज़ दिल……मने ना माने ना….”!!!!!
मम्मी- “हां बड़ा आया हीरो...चल पीछे हट अगर पूजा आ गई तो गड़बड़ हो जाएगी”
मै “-हाय मेरी रानी तेरे जैसी पटाखा माल पास हो तो गड़बड़ तो हो जाएगी। मेरी जान मुझे प्यार करने दो.. “
मम्मी; ”चल बदमाश कहीं का और हा अब ऑर इस से आगे नहीं बढ़ना”।
“और हां अब बस भी करो मै कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हु मेरी भी कुछ इज्जत है थोड़ी लिमिट में रहो”।
“अगर ऐसा होता तो अब तक तुम्हारे बदन पर कोई कपड़े ही नहीं होते यहा इस सारे कमरे में ऐसे ही ज़मीन पर बिखरे पड़े होते या तुम मेरे सामने एक दम नंगी अपनी पैर खोल कर मेरे लौड़े के नीचे पड़ी होती या फिर”
मैंने मम्मी को बहो मी भारत हुए कहा “”मुझे एक बात बताओ तो”
मम्मी ने कहा “पूछ”
तो मैंने कहा “पापा के बाद उनकी हर चीज पर मेरा हक है?
तो मम्मी ने कहा “हा है तो???”
फिर अपने हाथ से मम्मी की गांड को सहलाते हुए पूछा “अगर है तो फिर पापा के सब से सीमित खज़ाने पर क्या मेरा पूरा हक नहीं? अगर पापा की हर चीज मेरी है तो क्या उनकी सुंदर जवान सेक्सी बीवी मेरी बीवी नहीं है? उनकी सुंदर जवान बीवी की जवानी का रस चूसने का हक क्या मुझे नहीं है?”
“या जिस तरह तूने पापा की हर चीज को भोगने का हक मुझे दिया और क्या अपनी जिंदगी में मम्मी पापा का हक नहीं दे सकती कि मेरे पापा की तरह ही आपकी जवानी को भोग लग सकता है?”
माँ अब चुप मेरी बाहो में मुस्कुरा रही थी और धीरे से बोली “लगता है आज तुम पूरी तरह से अपने पापा की जगह ले लोगे मुझे विधवा से फिर से सुहागन बना दोगे।“
मेने अपना एक हाथ को मम्मी की निपल से हटा दिया और और मम्मी से बोला “क्यों नहीं बनाऊंगा सुहागन अपनी रानी को तुम्हारी मांग मी भर दूंगा और तुम्हारी पैरो के बीच जो मांग है उसे मेरा ये लंड अपनी खुद की श्याही से भरेगा”
“तुम सारे रिश्ते भूल जाओ बस ये सोचो कि तुम औरत हो और मै एक मर्द। समझो मेरी छमकछल्लो”
और मेरे हाथ में मम्मी की सलवार का नाड़ा पे आ गया तो मैंने मम्मी का सलवार का नाड़ा पकड़ कर खींचने लगा तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मैंने मम्मी को चूमते कहा “क्या हुआ मेरी जान खोलने दो ना।“
तो मम्मी शरमाते हुए जल्दी से मेरी बाहो से निकल कर किचन में भाग गई।
मै: बहेनचोद, ये माल को पाना आसन नहीं रहेगा जितना पूजा की चूत का रास्ता मुझे जल्दी मिला था
मै मम्मी के पीछे पीछे किचन में गया और दरवाजे के पास ही खड़ा हो गया तो मम्मी मेरी ऑर पलट कर देखने लगी मम्मी हमें समय मेरी या देख कर मुस्कुरा रही थी तो मैंने मम्मी से दूर से खड़े हो कर कहा “मेरी जान क्या हुआ भाग क्यों रही हो खोलने दो ना”
तो मम्मी शामरते निचे देखती हुई ना में सर हिलाने लगी।
मै: ” अच्छा अभी तो भाग गई हो देखता हूं रात को कैसे मुझसे दूर भागती हो जब मैं तुम्हारा नाडा खोलूंगा।“ और हां अब खुल्ला बोल रहा हु की तेरी चूत का भोसडा बना दूंगा” शायद मैंने अपनी धीरज गवा दी थी |
मै;” मेरी रानी वो तो मैं खोल कर रहूंगा”।
मम्मी मेरी बात से बुरी तरह शरमा गई और बोली “धत् बदमाश।“
मैं मम्मी के पास गया और अपनी आंखे मम्मी की आंखो में डाल कर बोला,
“ मेरी रानी अभी से बदमाश कह रही हो अभी मैंने बदमाशी की ही कहा है, बदमाशी तो रात को होगी ना मेरी रानी जब तुम मेरे साथ बिस्तर पर हमसाथ होगी और तब मै तुम्हारी सलवार खोल कर तुम ऊपर चडूंगा और सच बात कहू तो तेरी इस चूत रूपी मांग को मेरा ये लोडा अपने सफ़ेद रस तेर मांग भरेगा“
मेरी बात सुन मम्मी ढेर से मुस्कुरा पड़ी और बोली “हटो ना जाओ ना “
मम्मी मेरी आंखें में आंखे डाल कर बोली “तुम्हारी मंजू रानी जानती है की तुम्हारी मा की सलवार का नाडा कैसे खुलेगा??”
पता नहीं उस समय मम्मी के मुंह से कैसे निकल गया और जब मेरी मम्मी की आँखे मुझे देख कर मुस्कुराया तो मम्मी को पता चला उसके मुँह से क्या निकल गया और शर्म से मुँह छुपा लिया
और मैंने मम्मी का चेहरे अपने हाथों से पकड़ कर ऊपर उठाया और मम्मी की आँखे मेरी आँखे डाल कर बोला “मै तुम्हारी जैसी मस्त हसीना की सलवार का नाड़ा मी अपने हाथ से नहीं खोलूंगा”
तो मम्मी मेरी आंखें, ऐसे देख कर मुस्कुराने लगी मानो पूछ रही हो कि अगर हाथ से नहीं खोलोगे तो फिर कैसे खोलोगे तो मैंने कहा
“तेरे जैसी हसीना की सलवार का नाड़ा हाथ से नहीं मेरी जान अपनी होठो से खोलूंगा।“
होठों से खोलने की बात सुन मम्मी बुरी तरह से शर्म की मारी पानी पानी गई और मम्मी का चेहरे एक दम से लाल हो गया मेरी बात सुन मम्मी मुस्कुराते हुए बोली “पागल हो गए हो तुम”
मैंने मम्मी के होठों को चूमते कहा “मेरी रानी पागल तो मुझे तेरी जवानी ने कर रखा है मम्मी शरमाते हुए मेरी बाहो से निकल गई
मैं: “ पूजा की मम्मी मुँह से तो खोलने दोगी??”
तो मम्मी शरमाते ना मील सर हिलाने लगी।
थक गई बाकी कल