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Incest तीनो की संमति से .....

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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Rouny

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दीदी ने अपना सर पीछे की तरफ सरकाकर आँखें बंद करके चैन की लंबी सांस ली। जीजू दीदी की चूचियों पे झुके उन्हें चूसने में मस्त थे, फिर टेढ़ी आँख से मुझे दीदी की चूत में चोदते देखने लगे। मेरा लण्ड पूरी तेजी से दीदी की चूत के अंदर-बाहर आ जा रहा था, में अपना 8-10 साल पुराना गुस्सा निकाल रहा था। इस जिश्म के लिए मैं 4-5 साल तड़पा था। चोदते-चोदते मुझे जब भी दीदी की डाँट का ख्याल आता तो मेरा गुस्सा और भड़क जाता और मैं अपना पूरा लण्ड बाहर निकालकर उसे जोरदार झटके से चूत के निशाने पे हिट करता, और जोर से झटका मारता तो दीदी का सारा जिश्म हिल जाता।

कई बार तो दीदी का सर बेडरेस्ट से जा टकराता लेकिन मुझे उस बात से कोई फरक नहीं पड़ता था। अगले ही पल मैं जल्दी से भूखे शेर की तरह दीदी की कमर पे चिपके अपने हाथों से दीदी के सारे जिश्म को नीचे खींच लेता, और फिर से जोरदार चुदाई शुरू कर देता। दिल कर रहा था कि दीदी की चूत का ऐसा हाल कर दूं कि उसे हमेशा याद रहे।

जोरदार झटकों के लगने से दीदी के मुँह से-“अया… अया… उम्म्म… उम्म…” की आवाजें की सिसकन हो रही थी।

मेरा लण्ड तेजी से दीदी की चूत को ड्रिल कर रहा था जिससे मेरे लण्ड के पीछे वाली साइड और दीदी की चूत के आस-पास एक सफेद कलर का झाग जमा होने लगा था। जीजू दीदी की चूचियों को किस करते-करते नीचे मेरे लण्ड और दीदी की चूत की तरफ आ गये, जीजू ने उस सफेद झाग को अपनी उंगली से सॉफ किया और अपने अंगूठे और पहली उंगली से उसकी गांड टाइप चिपचिपाहट देखने लगे। फिर उन्होंने वोही सफेद झाग थोड़ा और अपनी उंगली पे लगाया और अपनी उंगली दीदी के मुँह में डाल दी। दीदी ने भी कोई विरोध किये बगैर उसे चाट गई| ये देख कर मै और भी उत्तेजित हो गया जैसे खून का दबाव मेरे लंड में उंचाई तक पहोच गया हो|

मैंने चुदाई की स्पीड और तेज कर दी। मैं दीदी पे अब तक का सारा गुस्सा निकाल रहा था। और दीदी की चूत से अपना लौड़ा बाहर निकलकर ऐसे हिट करता जैसे कोई सांड़ किसी इंसान को पीछे हटकरके अपने सर से हिट करता है। मेरे अंदर लण्ड के पीछे जलन हो रही थी कि कब मैं अपना सारा गरम पानी निकालकर दीदी के अंदर छोड़ दूं। लेकिन इतना तेज चोदने के वाबजूद अभी भी मेरा बहनचोद लण्ड पानी छोड़ने के आस-पास भी नहीं था। दूज डिले स्प्रे ने अपना अच्छा असर दिखाया था।

उधर जीजू कभी दीदी के धाईओ को दबाने लगते, और कभी किसिंग करते-करते दीदी को स्मूच करने लगते। मैं अपना पूरा जोर लगा रहा था कि मेरे लण्ड से पानी निकल जाए, और ऐसा लग भी रहा था कि थोड़ा और तेज दीदी की चूत पर धक्के मारने से मेरे लण्ड का पानी निकल जाएगा। उसी चक्कर में दीदी को चोदने की मेरी स्पीड और तेज होती गई, इतना तेज करने से मेरे लण्ड की स्किन जलने जैसी लग रही थी। लेकिन साली दीदी को कोई कहा फर्क पड़ रहा था वो तो अपनी गांड को उठाये जा रही थी और लंड को पूरा निगल ने की पूरी कोशिश में थी उसकी आँखे बांध थी पर उसकी गांड मस्त उछल रही थी| मेरे लंड को पूरा सन्मान मिल रहा था उसकी चूत के द्वारा|
अब दीदी भी नीचे से अपनी गाण्ड उचका-उचका के चुदवा रही थी और पूरा मज़ा ले रही थी-“आह्ह… आह्ह… आह्ह… आह्ह… आह्ह… दीपूउउ, चोद ले अपनी दीदी को… अगर मुझे पहले पता होता की तुझसे चुदवाने में इतना मज़ा आयेगा तो कब का चुदवा लिया होता। हाईई मर गई मेरे दीपू राजा… उस दिन क्यों नहीं मेरा बलात्कार कर दिया… हाए नहीं, अपना ये लण्ड मेरी चूत में डालकर मेरी चूत फाड़ दी…”ये सुन के मेरा लंड उसकी चूत को और ज्यादा चिर के अपनी जगह बनाने लग गया| जैसी दीदी की आवाजें अब और तेज हो गई थीं, और तभी दीदी ने अपनी चूची चूसते जीजू को बालों से पकड़कर जोर से नोंच लिया, फिर दीदी की कमर ऊपर उठी और 3-4 झटके खाने के बाद “आआह्ह… ऊप्प…” की आवाज़ के साथ ही उसका शरीर एक जोरदार थरथरात के साथ ही कमर घूमी और ढीली पड़ गई।
हाहाकारी
 

Rouny

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जीजू मेरी तरफ देखने लगे लेकिन मेरे लण्ड से पानी अभी नहीं निकला था। मुझे पता था कि दीदी झड़ चुकी हैं, मैं फिर भी दीदी की तेजी से चुदाई करता रहा। लेकिन दीदी मृत शरीर की तरह पड़ी कोई रेस्पॉन्स नहीं दे रही थी, इसलिए मैं थोड़ा धीरे हो गया और फिर रुक गया। मैंने अपना लण्ड दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया, मेरा लण्ड दीदी के चूत जूस से पूरा भीगा हुआ था। मेरी और दीदी दोनों की सांस फूली हुई थी और मुझे काफ़ी प्यास भी लग चुकी थी। मैं टेबल से पानी उठाकर पीने लगा।

जीजू भी मेरे पास आ गये और पेग बनाते मुझे बोले-“दीपक रुक क्यों गया यार, चोदता रह… जब तक तुम डिस्चार्ज नहीं होते लगे रहो…”

मैं अपनी सांसें कंट्रोल करता हुआ बोला-“जीजू, अब आपकी बारी है, लगता है दीदी को भी ब्रेक चाहिये…”

दीदी भी उठकर बेड पे बैठ गई। फिर कुछ देर हम बातें करते रहे और पेग लगाते रहे। मैंने और जीजू ने अपना गिलास खाली कर दिया था, लेकिन दीदी का गिलास भरा पड़ा था। फिर दीदी उठी, अपना पेग उठाया और आधा गिलास ड्रिंक अपने मुँह में भर ली, फिर जीजू को अपने होंठ पे इशारा करके किस करने के लिए कहा।

जीजू ने दीदी के दोनों होंठ अपने मुँह में लेकर लाक कर लिया। अब दीदी ने अपने फूले हुए गालों वाले मुँह में भरी सारी व्हिस्की जीजू के मुँह में ट्रांसफर कर दी, और 1-2 मिनट तक वो दोनों एक दूसरे की जीभ चूसते रहे, स्मूच करते रहे। दीदी साथ में एक हाथ से जीजू का लण्ड भी हिलाने लगी थी और जीजू भी दीदी की चूचियों को दबाकर मस्त हो रहे थे।

फिर कुछ देर के बाद दीदी ने स्माइल के साथ मेरी तरफ देखा और अपना बाकी आधा भरा व्हिस्की का गिलास उठाया और अपनी एक टांग बेड पे रखकर अपनी चूत के आगे गिलास करके अपनी चूत को गिलास के किनारों से सॉफ कर दिया, चूत ज्यूस गिलास के किनारों पे रेंग रहे थे, फिर दीदी ने व्हिस्की के गिलास के अंदर अपना हाथ डालकर व्हिस्की और चूत रस को मिक्स कर दिया। अब ठीक पहले की तरह व्हिस्की का सारा गिलास खाली करके सारी ड्रिंक अपने मुँह में भर ली और मुझे अपने होंठों की तरफ इशारा करके किस करने को बोली।

मैंने भी जीजू की तरह ही दीदी के बंद दोनों होंठों को अपने मुँह में ले लिया तो दीदी ने सारी ड्रिंक मेरे मुँह में भर दी। और हम दोनों का कामरस वैसे मेरा प्री कम ही खो लेकिन पि चुके|

हम दोनों बहन भाई बेशर्म हो चुके थे, अब जीजू की प्रेजेन्स का भी कोई खास असर नहीं हो रहा था। हम करीब 5 मिनट तक एक दूसरे के होंठ और जीभ चूसते रहे, साथ-साथ मैं दीदी के हाथ मेरे लण्ड से और मेरे हाथ दीदी की चूत और चूचियां पे खेल रहे थे।

दीदी कैसा रहा ??

दीपू तू तो जबरदस्त है और ये रोड का तो क्या कहना तुम्हारा क्या कहना है रमेश ?

रमेश: “अरे बिचारे का लंड अभी खाली नहीं हुआ और तेरी गुफा हार गई, लेकिन उसने तेरी मुह चुदाई अच्छी की थी| मुझे मेरे माल के लिए ऐसा ही लंड चाहिए था जो मिल गया अब मै निश्चिन्त हो गया| उसकी मा को चोदे घर में ही ऐसा प्यारा सा लंड मौजूद था और हम दोनों बहार की सोच रहे थे”


पूजा: अरे मेरी चूत में बहोत रस बाकी है ऐसे कैसे खाली हो जाती वो तो मै थक गई और हां चूत ने भी थोडा जवाब दे ही दिया पर दीपू तुम्हे चिंता करने की कोई जरुरत नहीं ये चुदाई मशीन अभी भी तेरे लंड को खाली करने को तैयार ही है ये तो चूत के लिए पहला अनुभव था ऐसा सांड का लंड लेने के लिए लेकिन अब मेरी गुफा बस दीपू के लंड की है| बस एक बार उसके लंड जैसा मेरी चूत में से भोस अपनी आकार ले ले फिर आनंद ही आनंद”

दीदी फिर से गरम हो गई लगती थी, जीजू और दीदी बिल्कुल नंगे खड़े थे लेकिन मेरे जिश्म पे अभी भी टी-शर्ट थी। फिर दीदी ने मेरी टी-शर्ट को कमर के करीब से पकड़ा और उतार दिया। अब मैं और जीजू फिर दीदी के सामने खड़े हो गये। दीदी हम दोनों के लण्ड को एक साथ मुँह में डालने की कोशिश करने लगी। जीजू का लण्ड तो मेरे लण्ड से आधा भी नहीं था और मेरा लण्ड लंबा होने के साथ-साथ काफ़ी मोटा भी था। दीदी हम दोनों के लण्ड से खेल रही थी। कुछ देर के बाद दीदी हमारे लण्ड चूसने के बाद खड़ी हो गई और मैं और जीजू दीदी के जिश्म को भूखे कुत्ते की तरह चाटने लगे। जीजू दीदी के पीछे खड़े होकर उसके कान, गर्दन, कंधे और उभरी हुई गाण्ड के गोले चूमने लगे, तो मैं पहले मुँह में मुँह डालकर स्मूच करने लगा, फिर गर्दन पे किसिंग करता नीचे आ गया, चूचियों को दोनों हाथों से पकड़कर अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। धीरे-धीरे नीचे नाभि पे ही पहुँचा था।

तभी जीजू बोले-“पूजा बेड पे सही रहेगा, खड़े-खड़े मुश्किल हो रही है…”

अगले पल हम तीनों बेड के ऊपर थे। मैं दीदी की चूत चाटने के लिए मरा जा रहा था, लेकिन फिर भी जीजू की प्रेजेन्स मुझे थोड़ा रोक रही थी। अब मैं सोच रहा था कि दीदी को इतना मज़ा देना है कि दीदी यह सोचने के लिये मजबूर हो जाये कि काश, उसने यह मज़ा पहले ही ले लिया होता। दीदी को चोदकर आज मुझे उसे अपनी कुतिया बनाना था। इसलिये मैंने स्लो मोशन शुरू किया, दीदी के पैर के अंगूठे को किस करना शुरू कर दिया, फिर धीरे-धीरे पैर की बाकी उंगलियों को चाटने लगा, फिर टांगों पे किस करता हुआ ऊपर जांघों की तरफ जाने लगा।

दीदी की गोरी चिकनी टांगों पे मेरी तरह कोई बाल नहीं था, मैं दीदी के घुटनों को चूमता ऊपर जांघों पे आ पहुँचा था। फिर मैंने दीदी की दोनों टांगों को इकट्ठे करके अपने सामने 90° डडग्री पे ऊपर खड़ा कर दिया और चूतड़ों पे अपना मुँह घुमाने लगा, दीदी की गाण्ड के दोनों चूतड़ों को किस करता-करता फिर टांगें खोलकर दीदी की जांघों पे लगाकर उसकी चूत और मेरे लण्ड का मिक्स जूस चाटने लगा। फिर चूत के आस-पास अपनी जीभ घुमाकर सारा जूस चाट लिया और दीदी की नाभि पे अपना सलाइवा डालकर उसे अपनी जीभ से नीचे दीदी की चूत की तरफ फैला दिया।

इस बीच दीदी का एक हाथ, स्मूच कर रहे जीजू के सर के पीछे था और दूसरे हाथ से वो जीजू के लण्ड को हिला रही थी।

अब मुझसे सबर नहीं हो रहा था, मैंने दीदी की चूत के होंठों को अपने दोनों हाथों से खोला, चूत के बीच में जो रेड कलर की संतरे की फांकों जैसी चमड़ी होती है उस पे अपनी जीभ लगाकर उस पे लगा जूस चाटने लग गया।

दीदी से भी कंट्रोल नहीं हुआ तो उसने जीजू का लण्ड छोड़कर झट से अपने दोनों हाथों से मेरा सिर अपनी चूत पे दबा दिया। जैसे-जैसे मैं चूत पे अपनी जीभ फिराता, दीदी की कमर और ऊपर उठने लगी थी। फिर मैंने स्मूच करने वाले स्टाइल में दीदी की चूत को पूरा अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और अपनी जीभ को दीदी की चूत के अंदर घुसेड़ने की कोशिश करने लगा।

दीदी के मुँह से बहुत जोर से निकला-“अयाया दीपू, मेरे भाई, अब शुरू कर दो… अब रहा नहीं जाता मेरे प्यारे भैया…”

मैं दीदी की बात सुनकर बोला-“मेरी जान, मेरी छम्मकछल्लो, अब मैं तेरा भैया नहीं, अब तो मैं तेरा सैया हूँ, अब तो लण्ड डालने के लिए भैया से नहीं अपने सैंया से कह…”

दीदी-“हाँ मेरे सैंया, अब से तुम मेरे भैया भी हो, और मेरे सैंया भी। अब क्यों तड़पाते हो, डाल भी दो ना अपना ये मस्त लौड़ा मेरी चूत में…”

जीजू स्माइल करते हुये मेरी तरफ देखने लगे फिर बोले-“एक मिनट दीपक…”
तो मैं दीदी की चूत चाटता चाटता उनकी तरफ देखने लगा।

वो फिर बोले-“पूजा तुम उठो, दीपक तुम लेट जाओ सीधे…”

हम दोनों बहन भाई ने उनको फॉलो किया। मैं सीधा लेट गया और जीजू ने मेरे सर के पीछे दो तकिए रख दिए, जिससे मेरा सर ऊंचा हो गया। जीजू की प्लानिंग के हिसाब से दीदी ने अपनी टांगें मोड ली, और अपने घुटनों पे बैठकर मेरे सिर के दोनों तरफ अपनी टांगें कर ली और अपनी चूत मेरे मुँह के बिल्कुल सामने कर दी थी, दीदी के दोनों हाथ मेरे सर के पीछे थे, वो जब चाहे मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत पे दबा सकती थी, यानी दीदी मेरे मुँह के ऊपर चढ़कर अपनी चूत चटवाने लगी थी, मेरा लण्ड किसी सख़्त डंडे की तरह खड़ा उठक बैठक कर रहा था, में दीदी की चूत चाटने में मस्त हो गया।

दीदी अपना पानी छोड़ती जा रही थी, और मैं चाटता जा रहा था। अब दीदी खुद जैसे उसको अच्छा लगता था, अपनी चूत ऊपर-नीचे करके मेरे मुँह पे रगड़ रही थी। दीदी अपनी कमर चला-चलाकर मुझे अपनी चूत चटवा रही थी-“हाए मेरे राजा, मेरे सैंया, मेरे भैया, चाटो मेरी चूत… अपनी इस रांड़ सजनी की चूत…”
और जीजू दीदी को पीछे से किस करते-करते, मेरे पेट पे हाथ फिराने लगे, कुछ देर बाद उन्होंने मेरे लण्ड को पकड़कर हिलाना शुरू कर दिया, और मुझे स्ट्रोक करने लगे फिर धीरे-धीरे मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे, मैं चकित हो गया, मेरा शक सही निकला, जीजू ‘गे’ ही निकले थे (
वैसे ओरिजिनल कहानी में गे था पर हिंगलिश कहानी में नहीं था और मेरी इस कहानी में भी गे नहीं होगा शायद ककोल्ड हो सकता है सो माफ़ करे मैंने उसके गे पार्ट को हर जगह से एडिट कर दिया है और आपकी जानकारी के लिए मै हिंगलिश कहानी को फोलो नहीं करती पर इंग्लिश से कर रही हु हिंगलिश में पूजा दीपू के पीछे थी और यहाँ दीपू पूजा के पीछे आगे भी बहोत डिफ़रेंस आप को मिलेंगे )। उन्होंने बहुत शौक से मेरे लण्ड को चूमना चाटना शुरू कर दिया।

बाकी कल
Good going
 

Rouny

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दीदी मेरी तरफ देखते हुए स्माइलिंग चेहरे के साथ बोली-“सच में स्वीट हार्ट, पहली बार इतना मज़ा आया है…” दीदी बहुत खुश नज़र आ रही थी। वो बार-बार मेरे जिश्म से छेड़-छाड़ कर रही थी, कभी मेरे गाल पे लगा कुछ पोंछने लगती, तो कभी मेरे बालों में उंगलियां डालकर उन्हें ठीक करने लगती, तो कभी मुझे कुछ खाने को कहती और कभी कुछ पीने को कहती। मुझे तो लग रहा था की दीदी आज के आज ही उसके चूत रस को खली कर देना चाहती हो | फिर मेरे लण्ड को किस करके जीजू की तरफ देखती हुई बोली-“जानू, तुम भी कुछ ऐसा करो ना कि तुम्हारा भी स्टेमिना दीपू जैसा हो जाये, देखो हम 2-2 बार झड़ चुके हैं और दीपू पहली बार भी कितनी मुश्किल से झड़ा है…”

फिर जीजू बोले-“दीपक, यार तुम्हारा लण्ड तो डिस्चार्ज होने के बाद भी वैसा है खड़ा है…”

मैंने दीदी और जीजू की तरफ देखा फिर बोला-“अरे बहनचोदो जीजू, मैं अभी डिस्चार्ज कहाँ हुआ हूँ?”

दीदी और जीजू हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखने लगे। फिर दीदी बोली-“माई गोऽऽड, मुझे पहले ही शक था, क्योंकि मुझे ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि मेरे अंदर कुछ गिरा है, फिर मैंने सोचा क्या पता…इतनी एक्साईटमेंट में कुछ ध्यान ना रहा हो ” दीदी की आँखें फटी-फटी थीं।

जीजू मज़ाक में बोले-“मेरे बाप, हमें जल्दी बच्चा चाहिये। जल्दी से यह बता कि तू कैसे छूटेगा? दो घंटे में एक बार भी नहीं छूटा…” चूत की मा बहन एक हो गई है मेरे बाप|




फिर दीदी की तरफ देखते हुये बोले-“चलो मेरी तो बात छोड़ो, मैं तो जल्दी झड़ जाता हूँ, लेकिन ये महकता माल तुम्हारी दीदी भी तो 2-2 बार झड़ गई है…”

मैंने स्माइल दी और बोला-“जीजू, आपने मुझे व्हिस्की पिला-पिलाकर ओवर ड्रंक कर दिया है, शायद इसीलिये नहीं हो रहा है…”

फिर जीजू बोले-“चल, यह बता कि तुम्हारा फ़ेवरेट स्टाइल कौन सा है?”

मैंने कहा-“डोगी स्टाइल…”

जीजू-“इसीलिये नहीं हुआ, तुमने अपने फ़ेवरेट स्टाइल में तो पूजा को चोदा ही नहीं, फिर होता कैसे? मेरा भी डोगी फ़ेवरेट है, लेकिन मैं तो डोगी में शुरू करते ही झड़ जाता हूँ,और मेरे लंड की लम्बाई भी उतनी नहीं की माल के जड़ तक जाए } व्हिस्की थोड़ा रोक लाती है बस…”

फिर चेयर पे बैठे-बैठे दीदी को बोले-“उठो मेरी जान, मुख्य काम तो अभी बाकी है। अभी डोगी स्टाइल में अपने भाई को भी झड़वा दो…...और उसका माल का एक एक बूंद तेरी इस चूत में अरे नहीं अब तो भोस बन चुई है उसे भर दे बस.....”

हा हा मेरे राजा आपकी बात बिलकुल सही है अब ये भोस हो ही चुकी है और इस गहरे खड्डे को बस ये का लंड अपने माल से भर दे |

दीदी चेयर पे बैठे जीजू की जांघों पे अपने हाथ रखकर मेरे सामने डागी स्टाइल में झुक गई, यानी मेरे सामने घोड़ी बन गई, मेरी सबसे बड़ी कमज़ोरी है, कि कोई सेक्सी फिगर वाली लड़की डोगी स्टाइल में मेरे सामने झुकी होती है तो उसकी सुराही जैसी कमर और गाण्ड और गोल मटोल चूतड़ देखकर मैं आउट आज कंट्रोल हो जाता हूँ। दीदी अभी भी उसी स्टाइल में मेरे सामने झुकी हुई थी, तो मेरा लण्ड किसी खंबे की तरह लहराने लगा लेकिन मैंने पहले दीदी की चूत को चाटना सही समझा।

आप FunLove द्वारा निर्मित कहानी पढ़ रहे है
जीजू को भी इशारा किया की उसकी गांड को साफ़ करे जीजू हस्ते हस्ते आगे की तरफ बढे और कुछ भी देरी ना करते हुए पूजा की गांड के छेड़ को ज़रा सा चौड़ा कर के अपने मुह को सही जगह पर टिका दिया| ऐसा होने से पूजा की तो आधी जान ही निकल गई समजो शायद उसका ये सेंसिटिव पॉइंट था गांड के छेद को सही तरीके से छटा जाना |
घमासान चुदाई जारी रहेगी बने रहिये
Vakai ghamashan yuddh nahi Chudai🔥🔥
 

Rouny

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मैं छलाँग लगाकर जल्दी से दीदी के पीछे टायलेट में चला गया, जीजू सो रहे थे। टायलेट में पहुँचते ही मैंने दीदी को दबोच लिया, उसकी चूचियां अपने मुँह में डालते हुए बोला-“दीदी मैं आपको चोदने के लिये कितने बरस तरसा, कितना तडपाया आपने मुझे?”

दीदी मेरे बालों में उंगलियां फिरते हुए बोली-“सारी मेरे बच्चे… मैंने तुमको बहुत तरसाया है, मुझे पता है। काश मैं उस वक़्त तुम्हारी फीलिंग्स समझ जाती, तो अपने घर हम बहन भाई जो मर्ज़ी करते… अब जब मैंने तुझे इतना तरसा कर गलती की है तो मैं तुझे इसका इनाम भी दूंगी। तू मम्मी को चोदना चाहता है मेरे भैया राजा? अब मैं तुम्हारी मम्मी को चोदने में हेल्प करूँगी ताकि तुझे और तुम्हारे इस लण्ड को चूत के लिए कभी तरसना ना पड़े…” यह कहते हुए वो मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर स्मूच करने लगी।

मैंने शावर खोल दिया, और हम दोनों बहन भाई एक दूसरे के जिश्म से खेलने लगे।

दीदी मेरे बालों में अपनी लंबी-लंबी उंगलियां फिराते हुए बोली-“अया मेरे राजा भैया, मुझे तुमको तरसाने की सज़ा मिल रही है, तुम्हें क्या पता कि मैं शादी करके कितनी प्यासी हूँ, तुम्हारे जीजू दो मिनट में अपना काम करके सो जाते हैं, इससे मेरी प्यास क्या बुझनी है, उल्टा मेरे अंदर आग लगाकर सो जाते हैं, उसके बाद मुझे ही पता है मेरी क्या हालत होती है? सुहागरात से लेकर आज तक तेरे जीजू मुझे एक बार भी शांत नहीं कर पाये, कभी-कभी फिंगरिंग करके अपने आपको शांत कर लेती हूँ। कल तुम्हारे साथ सेक्स करके मुझे पहली बार एहसास हुआ कि असली चुदाई क्या होती है? मर्द से औरत की प्यास कैसे बुझती है? कल तूने मुझे कली से फूल बनाया…” यह कहती वो मेरे जिश्म को जल्दी-जल्दी चूमने लगी थी।

शावर का पानी हम दोनों पे गिर रहा था और अब दीदी मेरे लण्ड को नहीं छोड़ रही थी और मैं उसके गोल-गोल चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से दबा रहा था। मैं दीदी के कान को किस करता बोला-“दीदी आपको पता है कि मैं आपको चोदने के लिये 10 साल पहले से स्कूल टाइम से कोशिश कर रहा हूँ…”

दीदी-“मुझे सब पता है मेरे भाई, एक-एक बात याद है, लेकिन पता नहीं क्यों मैं उस वक़्त तुमको समझ नहीं पाई, शायद इसीलिये आज प्यासी हूँ। तुम्हारे जीजू तो मुझे अपने किसी कजिन विकास के साथ यह सब करने को कह रहे थे, लेकिन मुझे वो बिल्कुल पसंद नहीं था, उसकी बाडी पे परफ्यूम लगाने के बाद भी इतनी गंदी गंध आती है कि उसके पास खड़े होना भी मुश्किल है। पता नहीं कैसे-कैसे मैंने तेरे जीजा को तुम्हारे लिये पटाया है, मेरे सोना भाई…”

मैं-“दीदी, मैं आपकी प्यास बुझाऊूँगा। आप फिकर मत करो, मैं आपकी हर इच्छा पूरी करूँगा…” यह कहते हुये मैं दीदी के गालों पे, होंठ पे, कानों पे और गर्दन पे किस करने लगा। हम दोनों बहन भाई एक दूसरे के जिश्म से खेलने लगे, दीदी मेरे लण्ड को हिलाती जा रही थी, मैंने दीदी की टांगों के बीच चूत पे अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया फिर धीरे-धीरे अपनी दो उंगलियां दीदी की चूत में घुमाने लगा।

दीदी बहुत गरम हो चुकी थी उसके होंठ फड़फडाने लगे थे। वो मेरा हाथ अपनी चूत पे दबाती हुई बोली-“दीपू मेरे बच्चे, अब और मत तड़पाओ… मैं पहले ही दो साल से तड़प रही हूँ…”

मैं दीदी की टांगों के बीच बैठ गया और दीदी की चूत चाटने लगा।


बने रहिये
Just amazing really super hot 🔥 🔥 🔥
 

pussylover1

Milf lover.
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मम्मी के चेहरे पर आज अलग ही तरह की मुश्कान थी। हमें अंदर बुलाते हुये मम्मी ने कहा-“पूजा, अब तू दामाद जी के साथ आई है, या फिर दीपू मेरे लिए बहू लेकर आया है?”

मम्मी की बात सुनकर मैंने शर्म से अपनी आँखें नीची कर ली।

दीदी मेरी ओर देखकर मम्मी के गले मिलती हुई बोली-“मम्मी, अभी तो मैं इसे लेकर आई हूँ, तो इस नाते ये तुम्हारा दामाद हुआ और जब ये मुझे लेकर आएगा तब तुम समझ लेना की दीपू तुम्हारी बहू लेकर आया है…” और इतना कहकर वो दोनों हूँसने लगी।

मैंने देखा की मम्मी ने दीदी के धइले पर हाथ रखते हुए कान में फुसफुसाई “क्या तेरा सही इस्तमाल हुआ की नहीं ?”

पूजा ने भी ऐसे ही जवाब दिया “मम्मी सब सुजा पड़ा है”

और एक जोरदार दोनों के मुह से अटहास्य निकला

मम्मी: चलो दामादजी अब अन्दर नहीं आओगे ?

मै: मम्मी हम अन्दर ही है आपको शायद ध्यान में नहीं है

मा: शायद आपको ध्यान में नहीं है दामादजी!!!! दामादजी पे भार रखते हुए

मै: मोम क्या आज मेरी ही लेकने की बारी है तो मै ऊपर जाऊ

“हा हा जाओ और सब कुछ रेडी कर लो” मोम ने टोंट मारते हुए कहा

मुझे वहां से खिसक जाना ही बेहतर लगा



आजा मेरी बच्ची कह के मा ने पूजा को गले लगाया और उसके पेट के निचले हिस्से पे हाथ रखते हुए पूछा “क्या खबर लायी है ? फुग्गा फूलेगा ?”

“अरे मा अभी तो उसको शांति मिली है सालो के बाद मै नहीं चाहती की अभी से मेरा फुग्गा फुले”

“हा बेटे जहा इतनी देर हुई है थोड़ी और सही” मा ने आँख मिच्कारते हुए कहा तो दीदी शर्मा गई

वो सब तो ठीक है बेटे बाकी सब ठीक हुआ न जैसा तू चाहती थी या हम चाहते थे कैसा है दीपू “

“मा अब मै तुम्हे क्या बताऊ कैसा है दीपू ये संजो की मैंने बहोत बड़ी गलती की थी उस दिन वर्ना आज उतनी देर नहीं हुई होती मै कब की उसके बच्चे की मा बन गई होती”

“क्या कड़क माल है मा उसका”

बस बस ज्यादा नहीं

माने दीदी की गांड को मसलते हुए कहा “इसकी खबर ली गई है या बाकि है अगर बाकी है तो दीपू को कह देती हु की अभी सब छेद सही नहीं हुए”

किस की मा “गांड की” कोई छोड़ता है भला

मोम एक बात बता दू की दीपू सही मर्द है और उसने मेरा हर पुर्जा ढीला कर दिया है मेरी चूत अब उसके लंड की साइज़ की बना दी है और अब बाकि सब फुग्गे उस के लंड से ही फुलेगे”

“ठीक है ठीक है ज्यादा प्रशंसा मत कर”

दीदी ने मा के कुल्हे पे हाथ रख के बोली “आप को भी टेस्ट कर ही लेना चाहिए तो मुज से पूछ ने की जरुरत नहीं पड़ेगी हा थोडा चलने में तकलीफ कर देगी”

चल जा बा यहाँ से बोल के मम्मी ने उसके हाथ अपने कुल्हे से हटा दिए और रसोई के अन्दर चल ने को निकल गई पर मुझे ऐसा लग रहा था की दीदी ने इसके स्तन को थोड़े टटोल दिए थे और मा ने एक हलकी सी आह निकाल के बोली “बहन और भाई दोनों अब बदमाश है”

लेकिन अब मुझे ये बता की रमेश वह सब सही रहे थे ना कुछ गर्बाद तो नहीं की

नहीं मा ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि हम साथ ही रहे और सब कुछ उनके सामने हुआ लेकिन .....

लेकिन क्या बेटे ?????

कुछ नहीं मोम

अब बता भोसड़ीकी रहा नहीं जाएगा जाने बगैर

अब वो मा बस ऐसे ही अब क्या बताऊ ??

बोल ना भाई लोडी

“रमेश आप को नंगा देखना चाहता है” “और यही बात थी जब उन्हों ने पहले कहा था की सब बाते कर ली ना “
क्या ..................... रंडी का बच्चा लंड उठता नहीं और मुझे ......... छी गन्दा साला



मोम मैंने वादा किया था अगर दीपू से चुदवा लू तो कम एस कम एक बार मा को आपके सामने नंगा कर दूंगी

क्या ये गलत है समज में अत है तुम दोनों को ???

मा हम ने जो किया वो भी गलत ही तो था फिर भी आपने परमिशन दी थी

मादरचोद वो बच्चे के लिए थी नहीं की वासना के लिए

मा वासना ना हो तो बच्चा कैसे होगा ?

हां वो भी है

देख पूजा वादा तो नहीं करती पर कोशिश करुँगी लेकिन सही समय आने पर

और मा दीपू के बारे में क्या सोचा है आपने ??

सोचना क्या है ???

मै चाहती हु की आपकी भूख वोही तोड़ सकता है

पागल लड़की ये गलत सोच कब से पाल ली

जब से दिपू ने चोदते हुए कहा

क्या उसने मेरे बारे में कहा ऐसा ???????????? चुटिया है क्या वो

फिर दीदी ने चुदाई की सब घटना बता दी

ओ बाप रे तुम दोनों मुझे भी ले लोगे ??? या अपनी चुदाई में मुझे भी शामिल या मेरे बारे में बाते करते हुए और वो भी रमेश के सामने !!!!!!!!!! शर्म से लाल हो गई

हा मोम अब जो था वो बता दिया

वैसे एक बात बता मेरी बात होती थी तब दीपू का क्या रिअक्शन था

और जोर से चोदता था मुझे और तुम्हारे बारे में सोच के

मुझे लगा की दीदी कुछ ज्यादा ही मसाला डाल रही थी उस बात को लेके

मोम मुझे पता है आप कब से भूखी है और अब इसका इलाज है

रमेश chat देगा तुम्हारी तो दीपू तुम्हारी परी की सेवा कर देगा पीछेवाली भी

बंध कर तेरी ये बकवास

थोड़ी देर के बाद मा थोड़ी ढीली हुई “तो दीपू की भी वहीच्छा है ?“

मा अब जाने दो जहा छह नहीं वह राह नहीं

मम्मी थोड़ी निराश हुई तो दीदी ने मम्मी की गांड की दरार को नापते हुए बोली “लेकिन चाह तो है”

मम्मी थोड़ी मुस्कुराई और बोली “ अब तुमने ये सब और उतना सब बता के मेरी सोई हुई आग जला दी”

तो हां शायद चाह है अब राह तुम दोनों देखोगे मेरे लिए और थोड़ी मुश्कुराई और शरमाई भी

दीदी: "बस तुम्हारी चाह है तो राह अपने आप बनेगी मा" और मा की गांड के दरार में अपनी ऊँगली डाल दी जो मा ने उसे हटा के बोली

अब ये सब तेरे लिए नहीं है बेटी दीपू..................

और वो दोनों अपने कुल्हे मटकाए हुए रसोई में चली गई | हाला की दोनों के हाथ एकदूसरे के कुल्हे पे ही रखे हुए थे

पता नहीं अन्दर जाके मा बेटी ने क्या किया लेकिन शाम को मा कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थी जब की दीदी ने मुझे इशारे से कह दिया की रास्ता साफ़ है ..........


रात को
Wah mast update
 

Funlover

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Bohot mazedar update..... sexy dialog.... between mom and her son and daughter......

Keep writing...
thank you

ye original story me nahi tha meri upaj hai aage bhi shayad mai meri upaj add karu
 
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