ranveer888
Member
- 199
- 166
- 43
Bahut mast kamukta bhara updateकहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट जल्दी ही।
Har baar ki tarah mast kamuk updateकुछ 1 घंटे बाद निशा खाना परोसकर सब लोग खाने लगे।
आशा: दीदी… आप पिछले 3 दिनों से कॉलेज नही गयी ना…कल का क्या प्लान है।।
निशा: हाँ… कलललल…।।नही जाऊँगी…। कल तो फ्राइडे है… वैसे भी लेक्चर्स कम है…
निशा खाते खाते सोच रही थी।
निशा(मन में): कल तोह फ्राइडे है…कल के बाद मंडे से मेरी कालेज, पापा का ओफ्फिस। और यह ४ दिन की लहर थी यही ख़तम हो जाएगी…यह उमंग जो मैंने जगाया है इसे कायम रखना बहूत ज़रूरी है… पापा के लिए… और शायद अब मेरे लिए भी…
फ्राइडे सुबह निशा जल्दी उठ गयी थी। उसने फ़टाफ़ट नाश्ता वग़ैरा बनाना शुरू कर दिया।
रात को वह ठीक से सो नहीं पाई थी। अपने पापा का प्यारा चेहरा , उनका बदन और उनका कठोर मोटा लंड उसे सोने नहीं दे रही थी। पिछले ४ दिन से जो उसे आज़ादी मिली थी , आज के बाद मिलना मुश्किल होने वाला था।
निशा (मन में):मुझे तो अपने डबल-मीनिंग वाले टेढ़े बातों को भी कण्ट्रोल करना पडेगा। ओवरस्मार्ट आशा का दिमाग तेज़ी से चलता है।
करीब 9 बजे जगदीश राय उठे। आज कल जगदीश राय सुबह बेहद खुश रहते थे। सब कुछ मानो ठीक चल रहा हो।
निशा: पापा… चाय।
जगदीश राय , निशा का सुन्दर चेहरा देखकर और भी खुश हो गया। वह अपनी मम्मी की नाइटी पहनी थी।
निशा चाय देकर, किचन के तरफ चल दी। नाइटी से साफ़ पता चल रहा था की निशा ने अंदर पेटिकोट नहीं पहना था। जगदीश राय, रोज़ की तरह निशा की गांड पर अपनी आँखे सेंकता रहा।
Akhir seal toot gai Nisha ki hot and erotic updateनिशा की चूत 4 इंच मोटे लंड से खीचकर फ़टने के कगार में थी।
और फिर जगदीश राय ने वह देखा जिसको देखकर उसको ख़ुशी हुई। कसी हुई चूत से लंड से सरकते हुए लाल खून निकल रहा था।
जगदीश राय खुश हुआ की निशा अब तक कुँवारी थी और उसे कूँवारी चूत मारने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
जगदीश राय पूरा लंड निशा की चूत में डाले कम से कम 3 मिनट वेट किया।
वह निशा को अब पूरा गरम करके चोदना चाहता था। और निशा की कान, गर्दन और चूचो को चाट और चूम रहा था निप्पलो को दांतो से धीरे धीरे काट रहा था।
कुछ देर बाद निशा को चूत का खिचाव महसूस हुआ। जगदीश राय ने पेलना शुरू किया।
पहले धीरे से, फिर जोर से। पुरे कमरे में सिर्फ निशा और जगदीश राय की चीखों और आह की आवाज़ थी।
कोई 10 मिनट चोदने के बाद, जगदीश राय ने अब पूरा ताकत से अपनी बेटी को पेलना शुरू किया।
जगदीश राय: ओह निशा…।आह आहः
और तभी जगदीश राय को सुबह से तडपा रही ओर्गास्म आने का अनुमान हुआ।
उसने लंड तुरंत बाहर निकाल लिया। निशा अचानक से लंड के बाहर खीचने से चीख पडी।
और निशा की आँखे जगदीश राय के लंड पर गयी।जगदीश राय का लंड पूरा खून से लाल था और फिर २ सेक्ण्ड में लंड ने वीर्य फेकना शुरू किया।
जगदीश राय: आअह आआअह्ह बेटी…।यह ले……।
गरम लंड का पहला माल निशा के पेट और चूचो पर जा गिरा। निशा लंड की गर्मी को देखकर चौक गयी।
जगदीश राय कम से कम 1 मिनट तक जोर जोर से झड़ता रहा। और फिर बेड पर एक ज़ख़्मी शेर की तरह गिर पडा।
निशा, चुदाई ,से लथपफ अपनी पैर खोले पड़ी रही। कुछ 5 मिनट बाद बड़ी मुश्किल से वह उठी।
और अपने चूत और जांघ पर लगे खून को देखकर चौक और डर गयी। जगदीश राय उसे देख रहा था। दोनों कुछ बोलने के स्थिथि में नहीं थे।
निशा बेड से उठी और नंगी होकर लंगडाते हुए रूम के बाहर जाने लगी।
जगदीश राय: निशा बेटी…।।
निशा मुडी और जगदीश राय के ऑंखों में देखा। उसके ऑंखों में आँसू भरे थे।
जगदीश राय : आई ऍम सॉरी बेटी…।मुझे माफ़ कर दो…मैं अपने आपे में नहीं था…।तुम मसाज…।
निशा बिना कुछ कहे अपने रूम के तरफ चल देती है।
Very nice updateकम से काम आधा घण्टा दोनों ऐसे ही बिस्तर पर एक दूसरे से लीपटे पड़े रहे। दोनों खामोश थे। कमरे में एक अजीब सी ख़ामोशी थी।
जदगीश राय के मन में एक अजीब सा उत्साह थी। और निशा के मन में सुकून।
थोड़ी देर बाद निशा उठी। उठते वक़्त निशा के बाल उसके पापा के जांघो के निचे फस गया था।
निशा हँस पडी।
निशा: हे।।हे …उठिये पापा…आशा-सशा के आने से पहले…
जगदीश राय: और कुछ देर लेटी रहो बेटी…।ऐसे ही…
और जगदीश राय , किसी जवान प्रेमी की तरह , निशा को अपने बांहो में लेना चाहा। और इस कोशिश में निशा के भारी चुचो को छुकर मसल दिया।
निशा: न जी न…मैं तो चली…चलिए…आप भी…
निशा किसी नयी नवेली दुल्हन के जैसे बोल पडी।
जगदीश राय: अच्छा बाबा…।पर एक बात पुछु बेटी…।कैसा लग रहा है तुम्हे…।
निशा: हल्का…बहुत हल्का…वैरी लाइट…जैसे मन से कोई बोझ निकल गया हो…
जगदीश राय:अच्छा…?
निशा (अपनी बाहें फैलाये):…और मैं इस हलके पन में तैरते रहना चाहती हु…सदा आप की बाहों में।।
यह कहते जगदीश राय हँस पड़ा और निशा भी हँस पडी।
और दोनों एक दूसरे के बाँहों में समां गये।
फिर निशा उठी और कमरे में पड़े कपडे और टॉवल उठानी लगी। वह नंगी थी।
और जगदीश राय उसके मोटी गांड और भारी चूचो को देख रहा था।
और निशा बीच-बीच में ताक़ते पापा को देखकर मुस्कुरा रही थी।
अचानक से बेल बजी। दोनों चौक गये। निशा तुरंत कपड़े और बिस्तर पर खून-लगी-बेडशीट लेकर रूम के तरफ चल दी।
Bahut badhiya likhte ho bhai superbकहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट जल्दी ही.....
आज पहली बार उसने वीर्य का स्वाद चखा था। और उसे बिलकुल भी बुरा नहीं लग रहा था। शायद शहद थोड़ी मदद कर रही थी।
निशा कूछ १० मिनट तक शहद और वीर्य चाटती गयी।
और जगदीश राय , हाफ्ता रहा। पूरा लंड लाल हो चूका था। लंड की चमड़ी दर्द कर रहा था।
निशा ने फिर टट्टो को भी चाटकर साफ़ किया।
कफी सारा शहद और वीर्य लंड से गलकर , टट्टो से सैर करके , गांड तक पहुच गयी थी।
निशा : पापा…चलिए …अपना पैर पूरा ऊपर कीजिये…।
जगदीश राय बिना कुछ कहे ,पैरो को कंधे तक ले गया। और निशा ने अपने पापा का साफ़ सुथरी गांड में से शहद और वीर्य चाटने लगी।
गाँड पर निशा की जीभ लगते ही जगदीश राय के लंड से वीर्य कुछ बूंद और निकल पडा।
जब निशा ने पापा के सब अंग शहद और वीर्य से साफ कर दिया, तो संतुष्ट होकर राहत की सास ली।
जगदीश राय: यह क्या था बेटी…मैं ने ऐसा कभी सोचा नहीं था।।।
निशा: क्यों आपको मजा नहीं आया…।
जगदीश राय:मज़ा तो बहुत आया…पर …पर…दर्द भी बहुत हुआ…देखो तो ।।मेरे लंड को…कैसा लाल हो गया है…अगले ४ दिन तक तो इसे हाथ भी नहीं लगा सकता…
निशा: आप ने तो कहा था न…जो सजा देना चाहे दे सकती हो…सो यह थी मेरी सजा…हे हे…याद आया…
जगदीश राय:ओह ओह…तो मेरी बेटी …अपनी पापा से बदला ले रही थी…
निशा:।हाँ जी…स्वीट बदला…।हा हा
जगदीश राय : चलो सजा तो पूरा हुआ…
निशा: जी नही…अब और सजा मिलेगी…रुको …चलो बैडरूम में…आपको तो अपनी निशा को आज पुरे दिन खुश करना था न।
जगदीश राय: अरे नही…अभी नहीं…।लन्ड तो बहुत जल रहा है…।
निशा हँस पडी।
जगदीश राय, उठकर बाथरूम जाने लगा।
तब निशा ने रोक लिया।
निशा: पापा…एक मिनट…ये क्या है…यहाँ तो प्यार से दो बूंद लटक रहे है।।
जगदीश राय के अर्ध-खडे लंड में वीर्य का बूंद लगा हुआ था।
निशा ने अपने मुठी से पापा के लंड को बेदरदी से अपनी तरफ खीच लिया।
चोट खाया हुआ लंड निशा के इस बरताव से जगदीश राय चीख़ पडा।।
जगदीश राय: अरे …बेटी… लंड नहीं…आह्ह्ह्हह
निश ने तुरंत लंड को मुह में ले लिया। और वीर्य चाट लिया।
लंड को मुँह के सलीवा से राहत महसूस हो रहा था।
जगदीश राय: अरे वाह… तुम्हारे मूह में आराम मिल रहा है…
निशा: इसलिए तो कहती हु चलो बेडरुम।पुरा दिन अब लंड मेरे मुह में होगा। ठीक है…
जगदीश राय: अच्छा…तो यह सब तुम्हारी चाल थी…लंड मुह में घुसाये रखने की…
निशा: हे हे…हाँ…आल माय प्लानिंग…एक मिनट…बैडरूम में जाने से पहले।।।
फिर निशा ने लंड को बाहर निकाला। लंड अब फिर से थोड़ा खड़ा हो चूका था।
निशा ने लंड को अपने मुठी में लेकर ज़ोर से दबाया। जगदीश राय गुर्राने लगा।
लंड के द्वार पर एक छोटी सी प्यारी सी वीर्य के बूंद उभरकर आयी।
निशा ने उसे चाटते हुए कहा। Wahh bahut hi kamuk update.pic aur gif hoti hor maza ata
Very interesting and asha ki bariआशा (थोडा मुस्कुराते): नहीं…वह तो काम कर रहा है…इंजीनियर है…उसकी पढाई सब हो गयी।।
जगदीश राय: मतलब।।वह स्टूडेंट नहीं है…और तुम उसके साथ…कहाँ मिला तुम्हे…बताओ…
सवाल पूछते हुए जगदीश राय आशा की नंगे शरीर को निहार भी रहा था। और धीरे धीरे उसके लंड पर प्रभाव पडने लगा।
आशा भी खूब जानती थी। इसलिए उसने भी जान बुझकर कपडे नहीं पहने।
और वैसे ही नंगी रहकर जावब दे रही थी। वह जान चुकी थी की पापा की नज़रे कहाँ कहाँ घूम रही है।
आशा: एक कॉमन फ्रेंड की ओर से…मेरी एक सहेली है…उसका कजिन भाई है वह…
जगदीश राय: पर तुझे शर्म नहीं आयी…यह सब करते हुए तेरी।।उमर ही क्या है…अगर इस उम्र में कुछ उच-नीच हो गया तो क्या होगा इस घर की इज़्ज़त का…सोचा कभी तूने…
आशा: पापा…मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे घर की इज़्ज़त को धक्का लग सके…बस थोड़ा सा मजा कर रही थी।
आशा ने यह कहते अपने हाथो से टीशर्ट ठीक किया और इसी बहाने अपने हाथो से अपने चूचे मसल दिए।
जगदीश राय यह देखकर हिल गया।
चूचे इतने मस्त आकार के थे की उसके मुह में पानी आ गया और लंड खड़ा होने लगा।
जगदीश राय (संभालते हुए):मम्म।।मज़ा…क्या यह मजा है…इसे मजा कहते है…
आशा (थोडा मुस्कुराते): और फिर क्या कहते है…जो आप और निशा दीदी करते है वह मजा नहीं तो और क्या है…
जगदीश राय , एक मिनट समझा नहीं की जो उसने सुना वह ठीक सुना या नही। वह दंग रह गया।
Bahut mast aur kamukta se bhara updateकहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट कल सुबह.......thanks