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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

Naik

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chapter 14

रात 3 बजे

अभय अभी भी लगा हुवा था दिशा की चुदाई करने मे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे हाफ रहे थे दिशा की हालत बहोत खराब हो गई थी आखो से आसु निकल रहे थे दिशा को बहोत दर्द हो रहा था जलन भी


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सर्म की वजह से दिशा ने अभय से कुछ बोला नही था लेकिन अब दिशा सेह नही पाती और दिशा को अभय से बोलना ही परता है अभय धक्के मे धक्का मारे जा रहा था कियुंकी सेक्स का चस्का जो लग गया था

अभय दिशा को के ऊपर था जोर जोर से धक्का मारे जा रहा था दिशा रोते हुवे अभय को देख - बस कीजिये देवर जी कितना करेगे मुझे वाहा दर्द और जलन दोनो हो रही है और आप है की जोर जोर से धक्का मारे जा रहे तो मुझे और दर्द हो रहा अंदर लग रहा है मुझे अब तो रुक जाइये मुझसे दर्द सहा नही जा रहा


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अभय दिशा को देख धक्का मारते हुवे हाफते हुवे - बस भाभी हो ही गया थोरि देर और सेह लीजिये ; दिशा आखो मे आसु लिये आह मा मर गई देवर जी धीरे धक्का मारिये ना दर्द हो रहा है आप पुरा अंदर तक घुसा दे रहे है ऐसा लग रहा है अंदर के चमरे छील गये है (दिशा अभय के सीने पे दोनो हाथ रख अभय को धीरे से रोकने लग जाती ताकि अभय पुरा अंदर तक ना डाले )


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अभय जोर से धक्का मारता है दिशा आह मा मर गई करते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देखती है अभय दिशा को देख एक और जोर का धक्का मारता है दिशा अभय को देख रोते हुवे इतना जोर से कियु धक्का मार रहे है कहा ना मुझे दर्द हो रहा है ; अभय - बस मेरा आने वाला है भाभी ;दिशा अभय को पकर लेती है अभय जोर से एक धक्का मारता है दिशा की सासे रुक जाती है और दोनो झर जाते है


रात के 4 बज रहे थे अभय बिस्तर पे परा हाफ रहा था पसीने से भीगा हवा तो वही दिशा का पुरा सरीर दर्द से काप् रहा था दिशा अपना पैर भी दर्द की वजह से हिला नही पा रही थी दिशा अपने आसु साफ करते हुवे बिस्तर पे परी पसीने से हाफ रही थी 10 मिनट बाद


अभय दिशा के तरफ पलट कर दिशा को बाहों मे लेके दिशा के आखो मे देखता है दिशा अभय को देखती है दिशा के आखो मे दर्द साफ दिख रहा था अभय को अब अपने आप मे गुस्सा आने लगता है दिशा की हालत देख कर


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अभय दिशा के आखो मे देख अपने आखो मे आसु लिये - माफ कर देना भाभी अपने मजे में इतना डूब गया था की मेने आपका दर्द देखा ही नही मेने अपनी प्यारी भाभी जो मुझे इतना प्यार करती है मानती है मेने उनके साथ इतना गलत किया दर्द दिया ( अभय के आखो से आसु निकल बिस्तर पे गिरने रगते है)

अभय दिशा के गाल को प्यार से सेहलाते हुवे - मे आप का गुनेगार हु आप मुझे जो सजा देगी मुझे मंजूर होगा मुझे सोच कर ही की मेने आपके साथ इतना बुरा किया मेरा दम घुट रहा है अपनी प्यारी भाभी को दर्द दिया जिससे मेने वादा किया था मे आपको हमेसा खुश रखुंगा कोई तकलीफ नही होने दुगा आज मेने उसका उल्टा ही कर दिया आप को दर्द दिया आप को रुलाया मेने मे अपने आप को एक अच्छा इंसान समझता था लेकिन

दिशा बीच मे ही अभय के होठो पे उंगली रख कर - आगे कुछ मत कहिये आप बहोत अच्छे है देवर जी अपने आप को बुरा मत कहिये हा आप ने मुझे दर्द दिया मुझे रुलाया भी लेकिन इसमें आपकी कोई गलती नही है सच ये है मेरे प्यारे देवर जी मुझे भी बहोत मजा आया इतना की मे आप को सब्दो से बता ना पाउ हा दर्द भी बहोत दिया आप ने लेकिन मे आप को एक बात बताना चाहती हु आपका जितना बरा है आपके अंदर जितनी पॉवर है आप किसी भी लरकी या औरत हो खुश कर सकते है मे तो ये कहूगी जो आपका एक बार लेगा बार बार आपको ही याद करेगा आपके अलावा किसी के साथ उसे मजा भी नही आयेगा लेकिन उसी के साथ ये भी है पेहली बार आपका लम्बा मोटा लेगा कोई 4 बच्चो वाली औरत भी लेगी तो उसकी भी फट जरूर जायेगी और हा दर्द औरतो को और मजा देता है लेकिन लिमिट मे ये आपको याद रखना है पेहली बार करे तो समझ गये

अभय आसु साफ करते हुवे - अच्छा तो मे दूसरे के साथ चुदाई का मजा ले सकता हु लेकिन ध्यान से लिमिट मे अच्छा है ध्यान रखुंगा मे आगे से

अभय की बात सुन दिशा का गुस्सा हाई पे आ जाता है दिशा अभय के चेहरे को पकर आखो मे देख गुस्से से


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दिशा - मेने आपको एक इनजाम्पल दिया था ना कि बाहर जाके किसी के साथ मजे करने के लिये बोला अगर बाहर किसी के साथ मुह काला कर के घर आये तो याद रखना मे आपका लंड काट कर फेक दुगी समझ गये बाहर मजे लेने है वाह केह किया दिया हवा मे उड़ने लगे

दिशा का ये रूप देख अभय उपर से नीचे तक काप् जाता है
अभय हकलाते हुवे दिशा को देख - भाभी मे भी तो मजाक कर रहा था मे भला बाहर किसी के साथ कियु कुछ करुगा आप है ना मेरी खूबसूरत हॉट प्यार भाभी

अभय कि बात सुन दिशा अभय को छोर सांत होते हुवे
दिशा - सही है याद रखना नही तो जिस दिन पता चला आपका बाहर किसी के साथ चक्कर है यकीन मानिये मेने जो कहा कर कर दुगी

अभय डरते हुवे मन मे - अरे यार भाभी तो ऐसे बात कर रही है मुझपे गुस्सा कर रही है जैसे वो मेरी बीवी हो अरे यार मे किया सोचने लगा अभी मुझे भाभी को सांत करना चाहिये

अभय दिशा को बाहों मे लिये किस करते हुवे - मे वही करुगा जो मेरी प्यारी भाभी कहेगी
disa दिशा अभय को देख करते हुवे मुस्कुरा के - करना ही परेगा नही तो
अभय डरते हुवे - समझ गया समझ गया अब हमे सोना चाहिये
दिशा अभय के बाहों मे समा के दोनो एक दूसरे को पकर सो जाते है कियुंकी दोनो बहोत थके हुवे थे तो जल्दी ही नींद आ जाती है


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सुबह होने वाली थी थोरा थोरा अंधेरा था तभी दिशा की आखे खुलती है दिशा अपने आप को नँगा देखती है फिर अभय को उसके बाद रात का सीन याद आता है तो सर्म से पानी पानी हो जाती है

तभी दिशा घबरा जाती है दिशा जल्दी से फोन उठा के टाइम देखती है तो उसके होस उर जाते है
दिशा अभय को गुस्से मे देख मन मे - देखो तो कितने आराम से सो रहे है रात को मेरी बजा के जैसे किसी की परवाह ही नही

दिशा अभय के मुह पे हाथ रख अभय के कमर पे जोर से चिमटी काट लेती है अभय दर्द से आह मा करते हुवे उठ जाता है लेकिन अभय की आवाज अंदर ही रेह जाती है अभय दिशा को देखता है दिशा अभय को गुस्से से देख

दिशा - हाथ हटा रही हु कोई आवाज नही समझ गये
दिलीप दिशा को इसारे से - हा ठीक है
दिशा अभय मे मुह से हाथ हटा लेती है
अभय उठ कर बैठ जाता है और अपने कमर को जहाँ दिशा से चिमटी काटी थी सेहलाते हुवे - आप ने मुझे चिमटी कियु काटी बहोत दर्द हुवा मुझे
दिशा अभय को देख प्यारा सा सेहरा बना के अभय के गालो को सेहलाते हुवे
दिशा - अरे रे मेरे प्यारे देवर जी को बहोत दर्द हुवा लेकिन आपने जो अपना मोटा लम्बा मेरी छोटी बिल मे डाला तो मुझे तो दर्द हुवा ही नही

अभय समझ जाता है दिशा उसको ताना मार रही है
अभय सर नीचे कर भोले आवाज मे - आप अभी भी नाराज है किया
दिशा अभय के आखो मे देख प्यार से - नाराज नही हु प्यारे देवर जी बल्कि आप मेरे कमरे मे सुबह होने वाली है किया आप चाहते है सब को पता चले आप ने मेरी ली है हा बोलिये चाहते है तो चलो सोते है फिर

दिशा की बात सुनते ही अभय की भी हालत खराब हो जाती है उसे समझ मे आता है दिशा उसकी बीवी नही है जो कोई उसे कुछ नही कहेगा

अभय दिशा को देख - भाभी समझ गया मे

अभय जल्दी जल्दी कपड़े पेहन कर रेडी हो जाता है दिशा भी रेडी हो जाती है
अभय - ठीक है भाभी मे जाता हु
दिशा अभय को गले लगते हुवे अभय को प्यार से आखो मे देख
दिशा - आज की रात मे मरते दम तक नही भुलुगी ( ये केह दिशा अभय को किस करने लगती है


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अभय भी दिशा को बाहों मे पकर किस कम सुरु कर देता है दोनो एक दूसरे के होठो का रस चूस कर पीने लगते है 2 मिनट बाद

अभय दिशा को देख - मे भी भाभी आज की ये रात कभी भूल नही पाऊगा आई लोव यू भाभी
दिशा अभय को देख - आई लोव यु देवर जी

अभय अपने कमरे मे फिर आ जाता है और बिस्तर पे सो जाता है नींद पूरी नही हुई थी रात भर तो लगे परे थे दिशा का भी वही हाल था तो दिशा भी सो जाती है


सुबह 9 बजे

अभय आराम से कमरे मे बिस्तर पे परे नींद पूरी करने मे लगा हुवा था तो वही दिशा भी सोई हुई थी बाकी सभी उठ कर रेडी होकर खाना बनाने मे भी लग गये थे

पूजा रोटी बनाने मे लगी हुई थी तो वही तारा पास मे ही खाट पे बैठी हुई थी

पूजा तारा से - मा ये दोनो भाभी देवर एक जैसे है अभी तक सो रहे है लेकिन दीदी तो हमेसा सुबह ही उठ जाया करती थी पर आज पेहली बार देख रही हु दीदी इतनी देर तक सो रही है

तारा एक नजर पूजा को देखती है फिर पूजा से - खाना बनाने पे ध्यान दे मे जाके दिशा को जगा देती हु

पूजा - हा हा ठीक है आपकी लाडली तो को जाके जगा दीजिये

तारा दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरी होके - दिशा बेटी उठ जा कब तक सोती रहेगी सुबह के 9 बज चुके है उठ जा बेटी

तारा की आवाज सुन दिखा की नींद टूट जाती है और दिशा अपनी आखे खोलती है तो दिशा को एहसास होता है आज वो बहोत देर तक सोती रही है

दिशा तारा से - मा मे उठ गई हु आप चलिये मे आती हु
तारा - ठीक है बेटी

दिशा उठने की कोसिस करती है तो एक दर्द कि लेहर पूरे सरीर मे डोर जाती है दिशा के नीचे भी बहोत जलन दर्द हो रहा था दिशा बरी मुश्किल से उठ कर बैठती है तभी दिशा की नजर बिस्तर पे जाती है तो दिशा के पूरे होस उर जाते है कियुंकी बिस्तर खून और दिशा अभय के पानी से सना हुवा था दिशा अपना सर पकर लेती है

दिशा अभय को सोच मन मे - अब मे किया करू अगर ये सब मा छोटी ने देख लिया तो मे तो गई ये सब देवर जी की करनी है मुझे अपने ही घर आके मेरी बजा दी और मेने बजवा भी ली उनकी वजह से आज मे इतना देर उठी हु और (दिशा अपनी कमर पकर के ) हाय मेरा पुरा सरीर दर्द कर रहा है और मेरी मुनिया का तो बुरा हाल है

दिशा जैसे तैसे खरी होकर बिस्तर के ऊपर जो चादर जिसपे खून पानी गिरा था जल्दी से उसे उठा के एक जगह रख देती है

दिशा मन मे - मुझे इस चादर को सभी से छुपा के जल्दी से पानी मे डालना पड़ेगा

दिशा लंगराते हुवे चल के दरवाजे कि तरफ जाते हुवे - किया हाल कर दी है मेरी चला भी नही जा रहा हे उपर वाले किसी को सक ना हो

दिशा धीरे से नजर बचा के घर के पीछे थोरि दूर जाके एक जगह मे बैठ जाती है हल्का होने के लिये जब दिशा पिसाब करती है तो दिशा चुत मे जलन दर्द होता है


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दिशा आह मा ये दर्द जलन सब देवर जी का किया है इतना मोटा लम्बा लंड कैसे मेने अपनी छोटी छेद मे लिया और दर्द साहा है वो याद कर मेरा सरीर काप् जाता है

हल्का होने के बाद दिशा घर आती है

दिशा नहाने के लिये जाते टाइम चादर को लेकर सब की नजर से बच के नहाने चली जाती है और पेहले चादर को धो देती है फिर नहाने लगती है फिर नहा के कमरे मे आके रेडी हो जाती है और आँगन मे आती है

पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है दीदी आज पेहली बार इतनी देर मे उठते देखा है

दिशा अंदर से घबरा जाती है लेकिन दिखती नही
दिशा मुस्कुराते हुवे - अरे वो किया है ना पता नही कियु रात को नींद जल्दी आ ही नही रही थी देर से नींद आई ना इस लिये

पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है वैसे आपका प्यारा देवर अभी भी कुमकरन की तरह सो रहा है किया वो हमेसा इतनी ही देर सोते रेहते है
दिशा पूजा को देख - अरे नही वो तो ( तभी दिशा अरे ये मे किया बोल रही हु ऐसे मे पूजा को सक हो सकता है की दोनो को नींद कियु नही आई तो मे किया जवाब दुगी)

पूजा दिशा को सोचते देख - किया हुवा दीदी कुछ बोल रही थी आप
दिशा होस् मे आते हुवे - हा हा वो इतने देर तक सोते रेहते है
पूजा हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है समझ सकती हुई सब के लाडले है तो कोई जागता नही होगा सुबह सुबह
दिशा मुस्कुराने का दिखावा करते हुवे - सही कहा मे जाके देवर जि को जगा देती हु

पूजा हस्ते हुवे - हा जाइये जाइये अपने प्यारे दुलारे देवर जि को जगा दीजिये
दिशा पूजा को घूर के देखती है फिर अभय के कमरे के दरवाजा खोलती है तो खुल जाता है अभय को बहोत नींद आ रही थी तो दरवाजा बंद किये बगैर ही सो गया था


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दिशा अंदर जाती है तो देखती है अभय आराम से सो रहा था अभय चैन की नींद सोता देख दिशा को अच्छा फिल होता है दिशा को अभय पे प्यार आने लगता है

दिशा अभय को देख मन मे - सोते हुवे कितने प्यारे लग रहे है ( लेकिन दिशा रात को जो हुवा उसे याद कर शर्मा के ) लेकिन प्यारे देवर जी के पास एक बरा हथियार है जो किसी की जान निकाल दे ले लेकिन किसी ने सेह लिया तो मजा भी देता है

दिशा खुद सोच अपना चेहरा दोनो हाथो से धक कर सर्माने लगती है

दिशा अभय के पास जाके अपना झुक कर अभय के होठो पे किस करते हुवे - मेरे प्यारे देवर जी उठ जाइये कब तक सोते रहेगे 10 बजने वाले है

दिशा की आवाज सुन अभय आखे खोल दिशा को देखता है फिर अभय को याद आता है उसने रात को किया कांड किये है तो अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को देखता है दिशा अभय को मुस्कुराते हुवे देख समझ जाती है लेकिन दिशा अभय से दूर भाग पाती तक तक अभय दिशा को पकर बिस्तर पे लेता के दिशा के ऊपर आ जाता है

दिशा अभय के लीचे दबी हुई दरी हुई अभय को देख रोने सी आवाज मे - देवर जी प्लेस मुझे जाने दीजिये कोई देख लेगा
अभय दिशा को प्यार से देख - थोरा प्यार कर लू अपनी भाभी को
दिशा डरते हुवे - नही मे अभी नहा के आई हु और वो ( शर्मा के) नीचे बहोत जलन दर्द भी तो समझिये ना प्लेस


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अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा समझ गया मे आपके साथ जोर जबरदस्ती नही करुगा
दिशा अभय को देख - आप गलत समझ रहे है मेरे केहने का मतलब है अभी टाइम सही नही है और मेरे वहा दर्द भी है बाद मे कर लेना ना जितना करना है
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है जैसा मेरी प्यारी भाभी कहे लेकिन किस तो कर ही सकता हु ना
दिशा अभय को देख - हा किस कर सकते है


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दिशा के केहते ही अभय दिशा के होठो को चूसने लगता है जिब को मुह मे लेके पीने लगता है दिशा भी पूरे जोर सोर से अभय के जिब को मुह मे लेके चूसने लगती है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस पीते है फिर दोनो एक दूसरे के आखो मे देखते है

दिशा अभय को देख शर्मा के - देवर जी अब मेरे उपर से हतिये नही तो फिर मुझे तैयार होना परेगा
अभय दिशा को देख - आई लोव यू भाभी
दिशा भी मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू देवर जी

अभय फिर दिशा के ऊपर से हट जाता है तो दिशा खरी होकर अपने बाल सारी सब सही कर अभय को देख - आप बहोत बुरे है देवर जी ये केहते हुवे कमरे से भाग जाती है

अभय दिशा को जाते देख मुस्कुराते हुवे - और आप बहोत अच्छी प्यारी हो भाभी


अभय भी अपना काम कर नहा के रेडी होकर बाहर निकाल आस पास के नजारे को देखने लगता है फिर रात को जो हुवा उसे याद कर अभय मन मे - यकीन कर नही पा रहा हु रात जो भाभी मेरे बीच हुवा उसपे लेकिन ऐसा हुवा है मेरा पेहला सेक्स मेरा पेहला अनुभव पेहला सेक्स फीलिंग सब बहोत कमाल का रहा और ऐसा हो भी कियु ना पेहला सेक्स मेरी खूबसूरत प्यारी भाभी के साथ जो हुवा है

अभय सोचो मे गुम ना तभी पीछे से पूजा आते हुवे - किसके ख्यालों मे खोये हुवे के जीजा जी
पूजा की आवाज सुन अभय होस् मे आते हुवे पीछे मुर पूजा को देखता है पूजा आज भी बहोत कमाल की लग रही थी


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अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे सामने इतनी खूबसूरत लरकी है तो मे उसी के बारे मे सोचुगा ना साली जी
पूजा अभय के पास आके अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे जीजा जी मेरे बारे मे सोचना छोर दीजिये आपको कुछ नही मिलेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - कोसिस नही करुगा तो पता कैसे चलेगा
पूजा अभय के और पास आके अभय की आखो मे देख - जीजा जि सपने देखने से आप को नही रोकूगी लेकिन सपने सच नही होते


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अभय पूजा की आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - जानता हु साली जी लेकिन कई सपने पूरे भी हो जाते है किया पता मेरी भी पूरे हो जाये
पूजा मुस्कुराते हुवे - तो फिर देखते रहिये सपने लेकिन आपका ये सपना पुरा नही होगा मे जानती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही तो फिर मे किसी और के सपने देखने लगूगा


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अभय की बात सुन दिशा अभय के पेट मे जोर से मुक्का मारते हुवे - ठरकी जीजा ( केहते हुवे चली जाती है )
अभय पूजा को जाते देख पेट पकरे आह मार डाला रे मेने तो बस थोरि मस्ती की तो मुझे मारा कियु उपर से मुक्के मे दम बहोत है

अभय अपने आप को संभाल कर फिर नजारे का मजा लेने लगता है पॉकेट मे हाथ डाले गाना गुनगुनाते हुवे तभी अभय की नजर थोरि दूर आते हुवे एक लरकी पे परती है तो अभय उस लरकी को देखने लगता है 1
लरकी जब अभय के पास पहुँचती है तो अभय कि नजर लरकी के दो बरे बरे चुचे मे जाती है तो अभय कि नजर उस पर ठीक जाती है अभय सब भूल कर लरकी के बरे बरे चुचे को देख कर मजे लेने लगता है


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तभी कोई आके अभय के कान को पकर जोर से घुमा लेता है अभय दर्द से आह करते हुवे पीछे देखता है तो अभय की फट जाती है दिशा गुस्से से अभय को देखे जा रही थी


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वही जो लरकी थी आराम से वहा से चली जाती है लेकिन अभय बेचारा थोरे मजे के चक्कर मे फस गया था

अभय दिशा को देख डरते हुवे हकलाते हुवे - भाभी जो आप मेरे कान को कियु पकरी है दर्द हो रहा है छोर दीजिये ना
दिशा अभय के कान को और जोर से पकर अभय को देख गुस्से से - आप की नजर कहा पे थी आप किया देख रहे थे
अभय दर्द मे - भाभी मे तो गाव के नजारे का देख रहा था सच्ची आप को सायद गलतफमि हो गई है
दिशा अभय के कान को जोर से खीच के - अच्छा मुझे गलतफमि हो गई है अब आप मुझसे झुठ बोलगे आपको किया लगता है मेने देखा नही आपको कैसे उसके बरे बरे को देखे जा रहे थे जैसे खा ही जाइयेगे
अभय की और फट जाती है

दिशा अभय के कॉलर को पकर अपना चेहरा अभय के एकदम सामने लाने अभय की आखो मे देख गुस्से से - मेने जो कहा सायद आप भूल गये इतनी जल्दी बोलो को आपके पप्पू को काट हु
अभय जल्दी से अपने पप्पू को छुपाते हुवे डरते हुवे दिशा को देख
अभय - भाभी ऐसा मत कीजिये पप्पू बिना मे आपको प्यार कैसे कर पाऊगा
अभय की बात सुन दिशा बहोत शर्मा जाती हो लेकिन अभय के सामने जाहिर नही होने देती और अपना चेहरा गुस्से वाला ही बना के रखती है
दिशा अभय को देख - जब ऐसा है तो बाहर किसी पे नजर कियु डाल रहे है मे हु तो आपके पास मेरे पास भी बरे बरे हो रात को तो मजे से आप ने दबाया चूसा भी है ये लास्ट है फिर देखा तो आपका पप्पू सो टाइम काट दुगी फिर देखते तारते रेहना जितना दिल करे

दिशा अभय के कान छोर अभय के पेट मे एक घुसा मरते हुवे - गलती कि हो ये उसकी सजा है


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दिशा फिर कमर मतकाते हुवे गांड हिलाते हुवे अंदर चली जाती है

अभय पेट पकर दर्द मे - ये दोनो बहने पूजा का समझ मे आता है लेकिन भाभी का गुस्से वाला चेहरा आज देखा भी मार भी खा लिया वाह जो भाभी प्यार से मुझे मुलाती थी बाते करती थी मुझे pya करती थी आज वही भाभी ने मेरी बैंड बजा के चली गई

कमरे मे दिशा गुस्से से लाल होते हुवे समान पैक करते हुवे - रात को मेरी बजाई औद् सुबह होते ही दूसरी लरकी पे नजर डालने लगे ठरकी कही का गुस्सा इतना आ रहा है की क्या बताऊ

पूजा अंदर आते हुवे - किया बरबरा रही है दीदी
पूजा की आवाज सुन दिशा जल्दी से अपने आप को नॉर्मल कर मुस्कुराते हुवे पीछे मूर पूजा को देख
दिशा - अरे कुछ नही तुम बताओ कुछ चाहिये होगा तो देवर जी से मांग लेना बहोत पैसे है उनके पास ( मन मे बस बच के रेहना एक ही दिन मे ठरकी बन गये है)
पूजा हस्ते हुवे - फिलाल तो उन्होंने मुझे बहोत कुछ दे दिया है जरूरत परेगी तो जरूर मांग लूगि
दिशा मुस्कुराते हुवे - हा वो तो है

सुबह के 11 बजे

खाना पीना बाते करने के बाद अभय दिशा जाने के लिये रेडी थे

अभय बाइक पे बैठा हुवा था और दिशा अपनी मा पूजा से वा बाते कर रही थी

दिशा तारा से - मा मे जा रही हु कुछ भी चाहिये या मदद की जरूरत परे तो फोन करना ( दिशा अभय को देख) देवर जी है सब देख लेगे
अभय दिशा की बात सुन मन मे - हा हा कियु नही जो मे देख रहा था वो तो देखने नही दिया मुझे मारा भी

तारा हस्ते हुवे दिशा को देख - अपने प्यारे देवर पर इतना बोझ मत डाला कर बेटी
दिशा मुह बनाते हुवे - कमजोर नही है वो सब संभाल लेते है
दिशा मन मे - जैसे मुझे रात को बजा डाला
पूजा अभय को देख हस्ते हुवे - सही कहा दीदी आप चिंता मत कीजिये पुरा फायदा उठाउंगी
दिशा मन मे - उठा लेना लेकिन ऐसा ना हो देवर जी तुम्हारे ही फायदे उठा ले कियुंकी रात सब करने के बाद उनके अंदर बजाने का नसा चड चुका है

दिशा तारा से - मा अब हमे जाना चाहिये
तारा - ठीक है बेटा
दिशा बाइक पे बैठ जाती है और अभय के कमर को एक हाथ से पकर लेती है

तारा अभय के सामने जाके - अच्छे से जाइयेगा और अपनी भाभी सब का ख्याल रखियेगा अब आप ही है सब के एक लोटे सहारे

अभय तारा को देख - जानता हु आप चिंता मत कीजिये मे सब का ख्याल अच्छे से रखुंगा आप का भी
तारा मुस्कुराते हुवे - अच्छा देखती हु कैसे ख्याल रखते है
पूजा मुह बनाते हुवे - बरे आये हमारा ख्याल रखने वाले

अभय 10 हजार की एक गद्दी निकाल कर पूजा को दिखाते हुवे
अभय - मेने सोचा था ये पैसे अपनी साली को दूंगा ताकि वो बाकी जो चाहे करीद सके लेकिन मुझे लगता है उन्हे ये पैसे नही चाहिये

अभय की बात सुन पैसे को देख पूजा की आखो मे पैसे ही पैसे दिखाई देने लगती है पूजा एकदम से भोला प्यारा चेहरा बना के
पूजा प्यार से - आप तो हमान है आप ही हमारे करता धरता है जीजा जी

दिशा तारा पूजा को ऐसे करता देख मुह खोले देखने लगते है

अभय - ठीक है ठीक है ये लीजिये फालतू का खर्च मत करना
पूजा बिना देरी किये अभय के हाथो से पैसे लेते हुवे खुश होकर - थैंक्स जीजा जी आप बहोत अच्छे है

अभय पूजा को देख - हा कियु नही अभी के लिये बाद मे तो मे आपके लिये ठरकी हु गिरगिट कही की

तारा अभय को देख - आप ने इसी इतना पैसा कियु दिया बहोत जायदा है ये ( तारा पूजा को देख)
अभय - किया हो गया स्कूल जायेगी तो बाकी जरूरत कि छोटी मोती चीजे ले लेगी

दिशा पूजा को देख - पैसे सही जगह मे खर्चा करना नही तो आगे से एक रुपया नही मिलेगा
पूजा - समझ गई दीदी
अभय तारा पूजा को देख - ठीक है तो हम चलते है
तारा - ठीक है अच्छे से जाइये गा

अभय फिर बाइक चालू कर निकल परता है अभय दिशा के जाने के बाद पूजा पैसे लेकर खुशी खुशी घर मे अंदर चली जाती है वही तारा अपने ब्लाउस से फोन निकाल आसा को फोन करती है

आसा कमरे मे थी तो फोन उठा के - अरे आपने कैसे फोन किया कुछ हुवा है किया

तारा चारों तरफ देख कर - हा बहोत कुछ हुवा है जिसे जान आप भी हैरान हो जायेगी

आसा कम्हयुज़ होते हुवे - आप केहना किया चाहती है साफ साफ बोलिये ना
तारा - आपका लाडला और मेरी बेटी आपकी बहु दिशा के बीच वो सब चल रहा है

आसा समझ नही पाती वो सब तभी आसा का दिमाग थानकता है समझ मे आता है तारा के केहने का मतलम तो आसा जोर से किया

तारा - सही समझा आप ने
आसा हैरानी से - लेकिन ये कैसे हो सकता है अभय तो कुछ दिन पेहले ही आया है इतनी जल्दी इनके बीच वो सब मे मान नही सकती किया आप ने आखो से देखा है
तारा शर्मा के - नही लेकिन मेने आवाजे सुनी साफ साफ
आसा समझ नही पाती - आवाजे अरे बाबा साफ साफ पूरी बात बताइये ना
तारा - अच्छा सुनिये रात 2 मे उठी बाथरूम जाने के लिये जब मे आँगन मे आई तो मुझे दिशा के कमरे से कुछ आवाजे सुनाई दी लेकिन धीमा आवाज था तो मे समझ नही पाई तो मे कमरे के दरवाजे के पास जाके खरी हो गई

तारा रात का सीन याद कर बहोत सर्म से लाल हो जाती है
आसा बेचैनी से - अरे आगे भी बोलेगी आप
तारा - हा तो अंदर से फच् फच् पट फट कि आवाजे आ रही थी और दिशा अभय की भी

आसा जो यकीन नही हो रहा था उसने किया सुना

आसा सर्म से लाल होते हुवे - किया आप ने जो कहा सच है
तारा - कसम से सच केह रही हु
आसा हैरानी से - यकीन नही हो रहा दोनो तो बहोत फास्ट निकले
तारा - आपने मुझसे से पेहले कहा था अगर अभय आ जाता तो आप अभय की सादी दिशा से करवाते अब अभय आ गया है तो आपने जो कहा उसे पुरा कीजिये ( तारा इमोसनल होते हुवे आखो मे आसु लिये हुवे) मे अब और अपनी बेटी को विधवा के रूप मे नही देख सकती

आसा - आप चिंता मत कीजिये मुझे भी दिशा की चिंता थी जब विनय गुजरा तब मेने बहोत कोसिस की थी ताकि दिशा किसी से सादी कर ले लेकिन नही मानी उसके बाद मे अपने दोनो बेटे के खोने के गम मे जीने लगी लेकिन दिशा को जब देखती थी तो मुझे उसके लिये और बुरा लगता था विनय तो आ नही सकता था लेकिन मेरे दिल मे ये आस थी की किसी दिन मेरा अभय लौट की आयेगा और वो आया भी उपर वाले ने मेरी सुन ली अभय के आने के बाद दिशा अभय को साथ देख मुझे मेरी कही गई बात याद आ गई लेकिन मेने अभी बात इस लिये नही चलाई थी कियुंकी मेरा लाल सुरु से ही भाभी के साथ मस्ती मजाक करना ये सब उसने एक चाह बनाई थी तो मेने सोचा अभी अभय को अपनी भाभी के साथ वो पल जी लेने देती हु फिर बाद मे दोनो से बात कर सादी करवा दुगी इसी लिये रुकी थी लेकिन मुझे किया पता था दोनो के बीच से सब हो रहा होगा लेकिन ये तो अच्छा ही हुवा दोनो बहोत तेज निकले तो मे भी उनकी मा हु मे भी फास्ट तरीके से पेहला शुभ मुहूरत मे ही दोनो को पकर सादी करवा दुगी आप चिंता मत कीजिये

तारा खुश होते हुवे - मुझे यही आपसे सुनना था कियुंकी मे अब अपनी बेटी को फिर से सुहागन और उसका घर बस्ता देखना चाहती हु

आसा - चिंता मत कीजिये एक काम करिये कल आप सब आ जाना मे पंडित जी को बुला के सब के पेहले वो शुभ मुहूरत होगी निकलवाती हु

तारा - जैसा आप कहे हम कल आ जायेंगे
आसा - ठीक है तो ये तय रहा मे नही चाहती की दिशा अभय दोनो सादी से पेहले ही हमे दादी नानी बना दे जिस तरह से दोनो फास्ट निकले मुझे लगता है जल्दी ही हम दादी नानी बन जायेंगे
तारा हस्ते हुवे - आप का केहना बिल्कुल सही है मे भी दिल से चाहती हु मेरी बेटी मा बने उसे एक प्यारा खूबसूरत बच्चा हो और मे नानी बनू आप दादी
आसा हस्ते हुवे - मे भी चाहती हु की मेरे भर मे जल्दी ही नये मेहमान कि खिलकारी गुजे
तारा - हा जरुर होगा
आसा हस्ते हुवे - ये बताइये फट फच् अच्छे से मजे से लेके सुना ना
तारा सर्म से लाल होते हुवे - छी छी आप कैसी बाते कर रही है
आसा हस्ते हुवे - वही जो आपने कहा आपने सुना खैर अच्छा हुवा आप को पता चल गया नही तो हमे दिशा मा बनती तभी पता चलता
तारा हस्ते हुवे - बात तो सही कही आप ने
आसा - आने दो दोनो को आज उनकी अच्छी से खबर लूगि अच्छा तो कल मिलते है
तारा - जी कल मिलते है

फोन कट

तारा मन मे - उपर वाले आप का दिल से सुक्रिया दामाद जी घर नही आते तो मेरी बेटी जिंदगी भर एक बिधवा के रूप मे जीती और हम सब उनके गम मे जीते लेकिन दामाद जि की आने के बाद जैसे अब खुसिया ही खुसिया आने वाली है

वही आसा बिस्तर पे बैठी मुस्कुराते हुवे मन मे - वाह मेरे लाडले तुम तो बहोत तेज निकले भाभी को उनके भर ले जाके ही बजा डाला इसकी उमीद तो नही की थी वो भी इतनी जल्दी लेकिन ये कर के तुम ने मेरी प्रोबलम ही खत्म कर दी अब मुझे रुकने की कोई जरूरत रही जल्दी ही कुछ दिनों मे तुम दोनो की सादी करवा दुगी लेकिन पेहले तुम दोनो की अच्छे से खबर लूगि

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Badhiya shaandar update
Yeh tow hona hi tha or dono ne or asan kar dia asha ke Liye
Ab dekhte h aash kia khabar leti h dono ka
 
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Mahendra Baranwal

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chapter 14

रात 3 बजे

अभय अभी भी लगा हुवा था दिशा की चुदाई करने मे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे हाफ रहे थे दिशा की हालत बहोत खराब हो गई थी आखो से आसु निकल रहे थे दिशा को बहोत दर्द हो रहा था जलन भी


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सर्म की वजह से दिशा ने अभय से कुछ बोला नही था लेकिन अब दिशा सेह नही पाती और दिशा को अभय से बोलना ही परता है अभय धक्के मे धक्का मारे जा रहा था कियुंकी सेक्स का चस्का जो लग गया था

अभय दिशा को के ऊपर था जोर जोर से धक्का मारे जा रहा था दिशा रोते हुवे अभय को देख - बस कीजिये देवर जी कितना करेगे मुझे वाहा दर्द और जलन दोनो हो रही है और आप है की जोर जोर से धक्का मारे जा रहे तो मुझे और दर्द हो रहा अंदर लग रहा है मुझे अब तो रुक जाइये मुझसे दर्द सहा नही जा रहा


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अभय दिशा को देख धक्का मारते हुवे हाफते हुवे - बस भाभी हो ही गया थोरि देर और सेह लीजिये ; दिशा आखो मे आसु लिये आह मा मर गई देवर जी धीरे धक्का मारिये ना दर्द हो रहा है आप पुरा अंदर तक घुसा दे रहे है ऐसा लग रहा है अंदर के चमरे छील गये है (दिशा अभय के सीने पे दोनो हाथ रख अभय को धीरे से रोकने लग जाती ताकि अभय पुरा अंदर तक ना डाले )


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अभय जोर से धक्का मारता है दिशा आह मा मर गई करते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देखती है अभय दिशा को देख एक और जोर का धक्का मारता है दिशा अभय को देख रोते हुवे इतना जोर से कियु धक्का मार रहे है कहा ना मुझे दर्द हो रहा है ; अभय - बस मेरा आने वाला है भाभी ;दिशा अभय को पकर लेती है अभय जोर से एक धक्का मारता है दिशा की सासे रुक जाती है और दोनो झर जाते है


रात के 4 बज रहे थे अभय बिस्तर पे परा हाफ रहा था पसीने से भीगा हवा तो वही दिशा का पुरा सरीर दर्द से काप् रहा था दिशा अपना पैर भी दर्द की वजह से हिला नही पा रही थी दिशा अपने आसु साफ करते हुवे बिस्तर पे परी पसीने से हाफ रही थी 10 मिनट बाद


अभय दिशा के तरफ पलट कर दिशा को बाहों मे लेके दिशा के आखो मे देखता है दिशा अभय को देखती है दिशा के आखो मे दर्द साफ दिख रहा था अभय को अब अपने आप मे गुस्सा आने लगता है दिशा की हालत देख कर


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अभय दिशा के आखो मे देख अपने आखो मे आसु लिये - माफ कर देना भाभी अपने मजे में इतना डूब गया था की मेने आपका दर्द देखा ही नही मेने अपनी प्यारी भाभी जो मुझे इतना प्यार करती है मानती है मेने उनके साथ इतना गलत किया दर्द दिया ( अभय के आखो से आसु निकल बिस्तर पे गिरने रगते है)

अभय दिशा के गाल को प्यार से सेहलाते हुवे - मे आप का गुनेगार हु आप मुझे जो सजा देगी मुझे मंजूर होगा मुझे सोच कर ही की मेने आपके साथ इतना बुरा किया मेरा दम घुट रहा है अपनी प्यारी भाभी को दर्द दिया जिससे मेने वादा किया था मे आपको हमेसा खुश रखुंगा कोई तकलीफ नही होने दुगा आज मेने उसका उल्टा ही कर दिया आप को दर्द दिया आप को रुलाया मेने मे अपने आप को एक अच्छा इंसान समझता था लेकिन

दिशा बीच मे ही अभय के होठो पे उंगली रख कर - आगे कुछ मत कहिये आप बहोत अच्छे है देवर जी अपने आप को बुरा मत कहिये हा आप ने मुझे दर्द दिया मुझे रुलाया भी लेकिन इसमें आपकी कोई गलती नही है सच ये है मेरे प्यारे देवर जी मुझे भी बहोत मजा आया इतना की मे आप को सब्दो से बता ना पाउ हा दर्द भी बहोत दिया आप ने लेकिन मे आप को एक बात बताना चाहती हु आपका जितना बरा है आपके अंदर जितनी पॉवर है आप किसी भी लरकी या औरत हो खुश कर सकते है मे तो ये कहूगी जो आपका एक बार लेगा बार बार आपको ही याद करेगा आपके अलावा किसी के साथ उसे मजा भी नही आयेगा लेकिन उसी के साथ ये भी है पेहली बार आपका लम्बा मोटा लेगा कोई 4 बच्चो वाली औरत भी लेगी तो उसकी भी फट जरूर जायेगी और हा दर्द औरतो को और मजा देता है लेकिन लिमिट मे ये आपको याद रखना है पेहली बार करे तो समझ गये

अभय आसु साफ करते हुवे - अच्छा तो मे दूसरे के साथ चुदाई का मजा ले सकता हु लेकिन ध्यान से लिमिट मे अच्छा है ध्यान रखुंगा मे आगे से

अभय की बात सुन दिशा का गुस्सा हाई पे आ जाता है दिशा अभय के चेहरे को पकर आखो मे देख गुस्से से


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दिशा - मेने आपको एक इनजाम्पल दिया था ना कि बाहर जाके किसी के साथ मजे करने के लिये बोला अगर बाहर किसी के साथ मुह काला कर के घर आये तो याद रखना मे आपका लंड काट कर फेक दुगी समझ गये बाहर मजे लेने है वाह केह किया दिया हवा मे उड़ने लगे

दिशा का ये रूप देख अभय उपर से नीचे तक काप् जाता है
अभय हकलाते हुवे दिशा को देख - भाभी मे भी तो मजाक कर रहा था मे भला बाहर किसी के साथ कियु कुछ करुगा आप है ना मेरी खूबसूरत हॉट प्यार भाभी

अभय कि बात सुन दिशा अभय को छोर सांत होते हुवे
दिशा - सही है याद रखना नही तो जिस दिन पता चला आपका बाहर किसी के साथ चक्कर है यकीन मानिये मेने जो कहा कर कर दुगी

अभय डरते हुवे मन मे - अरे यार भाभी तो ऐसे बात कर रही है मुझपे गुस्सा कर रही है जैसे वो मेरी बीवी हो अरे यार मे किया सोचने लगा अभी मुझे भाभी को सांत करना चाहिये

अभय दिशा को बाहों मे लिये किस करते हुवे - मे वही करुगा जो मेरी प्यारी भाभी कहेगी
disa दिशा अभय को देख करते हुवे मुस्कुरा के - करना ही परेगा नही तो
अभय डरते हुवे - समझ गया समझ गया अब हमे सोना चाहिये
दिशा अभय के बाहों मे समा के दोनो एक दूसरे को पकर सो जाते है कियुंकी दोनो बहोत थके हुवे थे तो जल्दी ही नींद आ जाती है


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सुबह होने वाली थी थोरा थोरा अंधेरा था तभी दिशा की आखे खुलती है दिशा अपने आप को नँगा देखती है फिर अभय को उसके बाद रात का सीन याद आता है तो सर्म से पानी पानी हो जाती है

तभी दिशा घबरा जाती है दिशा जल्दी से फोन उठा के टाइम देखती है तो उसके होस उर जाते है
दिशा अभय को गुस्से मे देख मन मे - देखो तो कितने आराम से सो रहे है रात को मेरी बजा के जैसे किसी की परवाह ही नही

दिशा अभय के मुह पे हाथ रख अभय के कमर पे जोर से चिमटी काट लेती है अभय दर्द से आह मा करते हुवे उठ जाता है लेकिन अभय की आवाज अंदर ही रेह जाती है अभय दिशा को देखता है दिशा अभय को गुस्से से देख

दिशा - हाथ हटा रही हु कोई आवाज नही समझ गये
दिलीप दिशा को इसारे से - हा ठीक है
दिशा अभय मे मुह से हाथ हटा लेती है
अभय उठ कर बैठ जाता है और अपने कमर को जहाँ दिशा से चिमटी काटी थी सेहलाते हुवे - आप ने मुझे चिमटी कियु काटी बहोत दर्द हुवा मुझे
दिशा अभय को देख प्यारा सा सेहरा बना के अभय के गालो को सेहलाते हुवे
दिशा - अरे रे मेरे प्यारे देवर जी को बहोत दर्द हुवा लेकिन आपने जो अपना मोटा लम्बा मेरी छोटी बिल मे डाला तो मुझे तो दर्द हुवा ही नही

अभय समझ जाता है दिशा उसको ताना मार रही है
अभय सर नीचे कर भोले आवाज मे - आप अभी भी नाराज है किया
दिशा अभय के आखो मे देख प्यार से - नाराज नही हु प्यारे देवर जी बल्कि आप मेरे कमरे मे सुबह होने वाली है किया आप चाहते है सब को पता चले आप ने मेरी ली है हा बोलिये चाहते है तो चलो सोते है फिर

दिशा की बात सुनते ही अभय की भी हालत खराब हो जाती है उसे समझ मे आता है दिशा उसकी बीवी नही है जो कोई उसे कुछ नही कहेगा

अभय दिशा को देख - भाभी समझ गया मे

अभय जल्दी जल्दी कपड़े पेहन कर रेडी हो जाता है दिशा भी रेडी हो जाती है
अभय - ठीक है भाभी मे जाता हु
दिशा अभय को गले लगते हुवे अभय को प्यार से आखो मे देख
दिशा - आज की रात मे मरते दम तक नही भुलुगी ( ये केह दिशा अभय को किस करने लगती है


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अभय भी दिशा को बाहों मे पकर किस कम सुरु कर देता है दोनो एक दूसरे के होठो का रस चूस कर पीने लगते है 2 मिनट बाद

अभय दिशा को देख - मे भी भाभी आज की ये रात कभी भूल नही पाऊगा आई लोव यू भाभी
दिशा अभय को देख - आई लोव यु देवर जी

अभय अपने कमरे मे फिर आ जाता है और बिस्तर पे सो जाता है नींद पूरी नही हुई थी रात भर तो लगे परे थे दिशा का भी वही हाल था तो दिशा भी सो जाती है


सुबह 9 बजे

अभय आराम से कमरे मे बिस्तर पे परे नींद पूरी करने मे लगा हुवा था तो वही दिशा भी सोई हुई थी बाकी सभी उठ कर रेडी होकर खाना बनाने मे भी लग गये थे

पूजा रोटी बनाने मे लगी हुई थी तो वही तारा पास मे ही खाट पे बैठी हुई थी

पूजा तारा से - मा ये दोनो भाभी देवर एक जैसे है अभी तक सो रहे है लेकिन दीदी तो हमेसा सुबह ही उठ जाया करती थी पर आज पेहली बार देख रही हु दीदी इतनी देर तक सो रही है

तारा एक नजर पूजा को देखती है फिर पूजा से - खाना बनाने पे ध्यान दे मे जाके दिशा को जगा देती हु

पूजा - हा हा ठीक है आपकी लाडली तो को जाके जगा दीजिये

तारा दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरी होके - दिशा बेटी उठ जा कब तक सोती रहेगी सुबह के 9 बज चुके है उठ जा बेटी

तारा की आवाज सुन दिखा की नींद टूट जाती है और दिशा अपनी आखे खोलती है तो दिशा को एहसास होता है आज वो बहोत देर तक सोती रही है

दिशा तारा से - मा मे उठ गई हु आप चलिये मे आती हु
तारा - ठीक है बेटी

दिशा उठने की कोसिस करती है तो एक दर्द कि लेहर पूरे सरीर मे डोर जाती है दिशा के नीचे भी बहोत जलन दर्द हो रहा था दिशा बरी मुश्किल से उठ कर बैठती है तभी दिशा की नजर बिस्तर पे जाती है तो दिशा के पूरे होस उर जाते है कियुंकी बिस्तर खून और दिशा अभय के पानी से सना हुवा था दिशा अपना सर पकर लेती है

दिशा अभय को सोच मन मे - अब मे किया करू अगर ये सब मा छोटी ने देख लिया तो मे तो गई ये सब देवर जी की करनी है मुझे अपने ही घर आके मेरी बजा दी और मेने बजवा भी ली उनकी वजह से आज मे इतना देर उठी हु और (दिशा अपनी कमर पकर के ) हाय मेरा पुरा सरीर दर्द कर रहा है और मेरी मुनिया का तो बुरा हाल है

दिशा जैसे तैसे खरी होकर बिस्तर के ऊपर जो चादर जिसपे खून पानी गिरा था जल्दी से उसे उठा के एक जगह रख देती है

दिशा मन मे - मुझे इस चादर को सभी से छुपा के जल्दी से पानी मे डालना पड़ेगा

दिशा लंगराते हुवे चल के दरवाजे कि तरफ जाते हुवे - किया हाल कर दी है मेरी चला भी नही जा रहा हे उपर वाले किसी को सक ना हो

दिशा धीरे से नजर बचा के घर के पीछे थोरि दूर जाके एक जगह मे बैठ जाती है हल्का होने के लिये जब दिशा पिसाब करती है तो दिशा चुत मे जलन दर्द होता है


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दिशा आह मा ये दर्द जलन सब देवर जी का किया है इतना मोटा लम्बा लंड कैसे मेने अपनी छोटी छेद मे लिया और दर्द साहा है वो याद कर मेरा सरीर काप् जाता है

हल्का होने के बाद दिशा घर आती है

दिशा नहाने के लिये जाते टाइम चादर को लेकर सब की नजर से बच के नहाने चली जाती है और पेहले चादर को धो देती है फिर नहाने लगती है फिर नहा के कमरे मे आके रेडी हो जाती है और आँगन मे आती है

पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है दीदी आज पेहली बार इतनी देर मे उठते देखा है

दिशा अंदर से घबरा जाती है लेकिन दिखती नही
दिशा मुस्कुराते हुवे - अरे वो किया है ना पता नही कियु रात को नींद जल्दी आ ही नही रही थी देर से नींद आई ना इस लिये

पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है वैसे आपका प्यारा देवर अभी भी कुमकरन की तरह सो रहा है किया वो हमेसा इतनी ही देर सोते रेहते है
दिशा पूजा को देख - अरे नही वो तो ( तभी दिशा अरे ये मे किया बोल रही हु ऐसे मे पूजा को सक हो सकता है की दोनो को नींद कियु नही आई तो मे किया जवाब दुगी)

पूजा दिशा को सोचते देख - किया हुवा दीदी कुछ बोल रही थी आप
दिशा होस् मे आते हुवे - हा हा वो इतने देर तक सोते रेहते है
पूजा हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है समझ सकती हुई सब के लाडले है तो कोई जागता नही होगा सुबह सुबह
दिशा मुस्कुराने का दिखावा करते हुवे - सही कहा मे जाके देवर जि को जगा देती हु

पूजा हस्ते हुवे - हा जाइये जाइये अपने प्यारे दुलारे देवर जि को जगा दीजिये
दिशा पूजा को घूर के देखती है फिर अभय के कमरे के दरवाजा खोलती है तो खुल जाता है अभय को बहोत नींद आ रही थी तो दरवाजा बंद किये बगैर ही सो गया था


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दिशा अंदर जाती है तो देखती है अभय आराम से सो रहा था अभय चैन की नींद सोता देख दिशा को अच्छा फिल होता है दिशा को अभय पे प्यार आने लगता है

दिशा अभय को देख मन मे - सोते हुवे कितने प्यारे लग रहे है ( लेकिन दिशा रात को जो हुवा उसे याद कर शर्मा के ) लेकिन प्यारे देवर जी के पास एक बरा हथियार है जो किसी की जान निकाल दे ले लेकिन किसी ने सेह लिया तो मजा भी देता है

दिशा खुद सोच अपना चेहरा दोनो हाथो से धक कर सर्माने लगती है

दिशा अभय के पास जाके अपना झुक कर अभय के होठो पे किस करते हुवे - मेरे प्यारे देवर जी उठ जाइये कब तक सोते रहेगे 10 बजने वाले है

दिशा की आवाज सुन अभय आखे खोल दिशा को देखता है फिर अभय को याद आता है उसने रात को किया कांड किये है तो अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को देखता है दिशा अभय को मुस्कुराते हुवे देख समझ जाती है लेकिन दिशा अभय से दूर भाग पाती तक तक अभय दिशा को पकर बिस्तर पे लेता के दिशा के ऊपर आ जाता है

दिशा अभय के लीचे दबी हुई दरी हुई अभय को देख रोने सी आवाज मे - देवर जी प्लेस मुझे जाने दीजिये कोई देख लेगा
अभय दिशा को प्यार से देख - थोरा प्यार कर लू अपनी भाभी को
दिशा डरते हुवे - नही मे अभी नहा के आई हु और वो ( शर्मा के) नीचे बहोत जलन दर्द भी तो समझिये ना प्लेस


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अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा समझ गया मे आपके साथ जोर जबरदस्ती नही करुगा
दिशा अभय को देख - आप गलत समझ रहे है मेरे केहने का मतलब है अभी टाइम सही नही है और मेरे वहा दर्द भी है बाद मे कर लेना ना जितना करना है
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है जैसा मेरी प्यारी भाभी कहे लेकिन किस तो कर ही सकता हु ना
दिशा अभय को देख - हा किस कर सकते है


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दिशा के केहते ही अभय दिशा के होठो को चूसने लगता है जिब को मुह मे लेके पीने लगता है दिशा भी पूरे जोर सोर से अभय के जिब को मुह मे लेके चूसने लगती है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस पीते है फिर दोनो एक दूसरे के आखो मे देखते है

दिशा अभय को देख शर्मा के - देवर जी अब मेरे उपर से हतिये नही तो फिर मुझे तैयार होना परेगा
अभय दिशा को देख - आई लोव यू भाभी
दिशा भी मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू देवर जी

अभय फिर दिशा के ऊपर से हट जाता है तो दिशा खरी होकर अपने बाल सारी सब सही कर अभय को देख - आप बहोत बुरे है देवर जी ये केहते हुवे कमरे से भाग जाती है

अभय दिशा को जाते देख मुस्कुराते हुवे - और आप बहोत अच्छी प्यारी हो भाभी


अभय भी अपना काम कर नहा के रेडी होकर बाहर निकाल आस पास के नजारे को देखने लगता है फिर रात को जो हुवा उसे याद कर अभय मन मे - यकीन कर नही पा रहा हु रात जो भाभी मेरे बीच हुवा उसपे लेकिन ऐसा हुवा है मेरा पेहला सेक्स मेरा पेहला अनुभव पेहला सेक्स फीलिंग सब बहोत कमाल का रहा और ऐसा हो भी कियु ना पेहला सेक्स मेरी खूबसूरत प्यारी भाभी के साथ जो हुवा है

अभय सोचो मे गुम ना तभी पीछे से पूजा आते हुवे - किसके ख्यालों मे खोये हुवे के जीजा जी
पूजा की आवाज सुन अभय होस् मे आते हुवे पीछे मुर पूजा को देखता है पूजा आज भी बहोत कमाल की लग रही थी


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अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे सामने इतनी खूबसूरत लरकी है तो मे उसी के बारे मे सोचुगा ना साली जी
पूजा अभय के पास आके अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे जीजा जी मेरे बारे मे सोचना छोर दीजिये आपको कुछ नही मिलेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - कोसिस नही करुगा तो पता कैसे चलेगा
पूजा अभय के और पास आके अभय की आखो मे देख - जीजा जि सपने देखने से आप को नही रोकूगी लेकिन सपने सच नही होते


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अभय पूजा की आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - जानता हु साली जी लेकिन कई सपने पूरे भी हो जाते है किया पता मेरी भी पूरे हो जाये
पूजा मुस्कुराते हुवे - तो फिर देखते रहिये सपने लेकिन आपका ये सपना पुरा नही होगा मे जानती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही तो फिर मे किसी और के सपने देखने लगूगा


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अभय की बात सुन दिशा अभय के पेट मे जोर से मुक्का मारते हुवे - ठरकी जीजा ( केहते हुवे चली जाती है )
अभय पूजा को जाते देख पेट पकरे आह मार डाला रे मेने तो बस थोरि मस्ती की तो मुझे मारा कियु उपर से मुक्के मे दम बहोत है

अभय अपने आप को संभाल कर फिर नजारे का मजा लेने लगता है पॉकेट मे हाथ डाले गाना गुनगुनाते हुवे तभी अभय की नजर थोरि दूर आते हुवे एक लरकी पे परती है तो अभय उस लरकी को देखने लगता है 1
लरकी जब अभय के पास पहुँचती है तो अभय कि नजर लरकी के दो बरे बरे चुचे मे जाती है तो अभय कि नजर उस पर ठीक जाती है अभय सब भूल कर लरकी के बरे बरे चुचे को देख कर मजे लेने लगता है


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तभी कोई आके अभय के कान को पकर जोर से घुमा लेता है अभय दर्द से आह करते हुवे पीछे देखता है तो अभय की फट जाती है दिशा गुस्से से अभय को देखे जा रही थी


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वही जो लरकी थी आराम से वहा से चली जाती है लेकिन अभय बेचारा थोरे मजे के चक्कर मे फस गया था

अभय दिशा को देख डरते हुवे हकलाते हुवे - भाभी जो आप मेरे कान को कियु पकरी है दर्द हो रहा है छोर दीजिये ना
दिशा अभय के कान को और जोर से पकर अभय को देख गुस्से से - आप की नजर कहा पे थी आप किया देख रहे थे
अभय दर्द मे - भाभी मे तो गाव के नजारे का देख रहा था सच्ची आप को सायद गलतफमि हो गई है
दिशा अभय के कान को जोर से खीच के - अच्छा मुझे गलतफमि हो गई है अब आप मुझसे झुठ बोलगे आपको किया लगता है मेने देखा नही आपको कैसे उसके बरे बरे को देखे जा रहे थे जैसे खा ही जाइयेगे
अभय की और फट जाती है

दिशा अभय के कॉलर को पकर अपना चेहरा अभय के एकदम सामने लाने अभय की आखो मे देख गुस्से से - मेने जो कहा सायद आप भूल गये इतनी जल्दी बोलो को आपके पप्पू को काट हु
अभय जल्दी से अपने पप्पू को छुपाते हुवे डरते हुवे दिशा को देख
अभय - भाभी ऐसा मत कीजिये पप्पू बिना मे आपको प्यार कैसे कर पाऊगा
अभय की बात सुन दिशा बहोत शर्मा जाती हो लेकिन अभय के सामने जाहिर नही होने देती और अपना चेहरा गुस्से वाला ही बना के रखती है
दिशा अभय को देख - जब ऐसा है तो बाहर किसी पे नजर कियु डाल रहे है मे हु तो आपके पास मेरे पास भी बरे बरे हो रात को तो मजे से आप ने दबाया चूसा भी है ये लास्ट है फिर देखा तो आपका पप्पू सो टाइम काट दुगी फिर देखते तारते रेहना जितना दिल करे

दिशा अभय के कान छोर अभय के पेट मे एक घुसा मरते हुवे - गलती कि हो ये उसकी सजा है


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दिशा फिर कमर मतकाते हुवे गांड हिलाते हुवे अंदर चली जाती है

अभय पेट पकर दर्द मे - ये दोनो बहने पूजा का समझ मे आता है लेकिन भाभी का गुस्से वाला चेहरा आज देखा भी मार भी खा लिया वाह जो भाभी प्यार से मुझे मुलाती थी बाते करती थी मुझे pya करती थी आज वही भाभी ने मेरी बैंड बजा के चली गई

कमरे मे दिशा गुस्से से लाल होते हुवे समान पैक करते हुवे - रात को मेरी बजाई औद् सुबह होते ही दूसरी लरकी पे नजर डालने लगे ठरकी कही का गुस्सा इतना आ रहा है की क्या बताऊ

पूजा अंदर आते हुवे - किया बरबरा रही है दीदी
पूजा की आवाज सुन दिशा जल्दी से अपने आप को नॉर्मल कर मुस्कुराते हुवे पीछे मूर पूजा को देख
दिशा - अरे कुछ नही तुम बताओ कुछ चाहिये होगा तो देवर जी से मांग लेना बहोत पैसे है उनके पास ( मन मे बस बच के रेहना एक ही दिन मे ठरकी बन गये है)
पूजा हस्ते हुवे - फिलाल तो उन्होंने मुझे बहोत कुछ दे दिया है जरूरत परेगी तो जरूर मांग लूगि
दिशा मुस्कुराते हुवे - हा वो तो है

सुबह के 11 बजे

खाना पीना बाते करने के बाद अभय दिशा जाने के लिये रेडी थे

अभय बाइक पे बैठा हुवा था और दिशा अपनी मा पूजा से वा बाते कर रही थी

दिशा तारा से - मा मे जा रही हु कुछ भी चाहिये या मदद की जरूरत परे तो फोन करना ( दिशा अभय को देख) देवर जी है सब देख लेगे
अभय दिशा की बात सुन मन मे - हा हा कियु नही जो मे देख रहा था वो तो देखने नही दिया मुझे मारा भी

तारा हस्ते हुवे दिशा को देख - अपने प्यारे देवर पर इतना बोझ मत डाला कर बेटी
दिशा मुह बनाते हुवे - कमजोर नही है वो सब संभाल लेते है
दिशा मन मे - जैसे मुझे रात को बजा डाला
पूजा अभय को देख हस्ते हुवे - सही कहा दीदी आप चिंता मत कीजिये पुरा फायदा उठाउंगी
दिशा मन मे - उठा लेना लेकिन ऐसा ना हो देवर जी तुम्हारे ही फायदे उठा ले कियुंकी रात सब करने के बाद उनके अंदर बजाने का नसा चड चुका है

दिशा तारा से - मा अब हमे जाना चाहिये
तारा - ठीक है बेटा
दिशा बाइक पे बैठ जाती है और अभय के कमर को एक हाथ से पकर लेती है

तारा अभय के सामने जाके - अच्छे से जाइयेगा और अपनी भाभी सब का ख्याल रखियेगा अब आप ही है सब के एक लोटे सहारे

अभय तारा को देख - जानता हु आप चिंता मत कीजिये मे सब का ख्याल अच्छे से रखुंगा आप का भी
तारा मुस्कुराते हुवे - अच्छा देखती हु कैसे ख्याल रखते है
पूजा मुह बनाते हुवे - बरे आये हमारा ख्याल रखने वाले

अभय 10 हजार की एक गद्दी निकाल कर पूजा को दिखाते हुवे
अभय - मेने सोचा था ये पैसे अपनी साली को दूंगा ताकि वो बाकी जो चाहे करीद सके लेकिन मुझे लगता है उन्हे ये पैसे नही चाहिये

अभय की बात सुन पैसे को देख पूजा की आखो मे पैसे ही पैसे दिखाई देने लगती है पूजा एकदम से भोला प्यारा चेहरा बना के
पूजा प्यार से - आप तो हमान है आप ही हमारे करता धरता है जीजा जी

दिशा तारा पूजा को ऐसे करता देख मुह खोले देखने लगते है

अभय - ठीक है ठीक है ये लीजिये फालतू का खर्च मत करना
पूजा बिना देरी किये अभय के हाथो से पैसे लेते हुवे खुश होकर - थैंक्स जीजा जी आप बहोत अच्छे है

अभय पूजा को देख - हा कियु नही अभी के लिये बाद मे तो मे आपके लिये ठरकी हु गिरगिट कही की

तारा अभय को देख - आप ने इसी इतना पैसा कियु दिया बहोत जायदा है ये ( तारा पूजा को देख)
अभय - किया हो गया स्कूल जायेगी तो बाकी जरूरत कि छोटी मोती चीजे ले लेगी

दिशा पूजा को देख - पैसे सही जगह मे खर्चा करना नही तो आगे से एक रुपया नही मिलेगा
पूजा - समझ गई दीदी
अभय तारा पूजा को देख - ठीक है तो हम चलते है
तारा - ठीक है अच्छे से जाइये गा

अभय फिर बाइक चालू कर निकल परता है अभय दिशा के जाने के बाद पूजा पैसे लेकर खुशी खुशी घर मे अंदर चली जाती है वही तारा अपने ब्लाउस से फोन निकाल आसा को फोन करती है

आसा कमरे मे थी तो फोन उठा के - अरे आपने कैसे फोन किया कुछ हुवा है किया

तारा चारों तरफ देख कर - हा बहोत कुछ हुवा है जिसे जान आप भी हैरान हो जायेगी

आसा कम्हयुज़ होते हुवे - आप केहना किया चाहती है साफ साफ बोलिये ना
तारा - आपका लाडला और मेरी बेटी आपकी बहु दिशा के बीच वो सब चल रहा है

आसा समझ नही पाती वो सब तभी आसा का दिमाग थानकता है समझ मे आता है तारा के केहने का मतलम तो आसा जोर से किया

तारा - सही समझा आप ने
आसा हैरानी से - लेकिन ये कैसे हो सकता है अभय तो कुछ दिन पेहले ही आया है इतनी जल्दी इनके बीच वो सब मे मान नही सकती किया आप ने आखो से देखा है
तारा शर्मा के - नही लेकिन मेने आवाजे सुनी साफ साफ
आसा समझ नही पाती - आवाजे अरे बाबा साफ साफ पूरी बात बताइये ना
तारा - अच्छा सुनिये रात 2 मे उठी बाथरूम जाने के लिये जब मे आँगन मे आई तो मुझे दिशा के कमरे से कुछ आवाजे सुनाई दी लेकिन धीमा आवाज था तो मे समझ नही पाई तो मे कमरे के दरवाजे के पास जाके खरी हो गई

तारा रात का सीन याद कर बहोत सर्म से लाल हो जाती है
आसा बेचैनी से - अरे आगे भी बोलेगी आप
तारा - हा तो अंदर से फच् फच् पट फट कि आवाजे आ रही थी और दिशा अभय की भी

आसा जो यकीन नही हो रहा था उसने किया सुना

आसा सर्म से लाल होते हुवे - किया आप ने जो कहा सच है
तारा - कसम से सच केह रही हु
आसा हैरानी से - यकीन नही हो रहा दोनो तो बहोत फास्ट निकले
तारा - आपने मुझसे से पेहले कहा था अगर अभय आ जाता तो आप अभय की सादी दिशा से करवाते अब अभय आ गया है तो आपने जो कहा उसे पुरा कीजिये ( तारा इमोसनल होते हुवे आखो मे आसु लिये हुवे) मे अब और अपनी बेटी को विधवा के रूप मे नही देख सकती

आसा - आप चिंता मत कीजिये मुझे भी दिशा की चिंता थी जब विनय गुजरा तब मेने बहोत कोसिस की थी ताकि दिशा किसी से सादी कर ले लेकिन नही मानी उसके बाद मे अपने दोनो बेटे के खोने के गम मे जीने लगी लेकिन दिशा को जब देखती थी तो मुझे उसके लिये और बुरा लगता था विनय तो आ नही सकता था लेकिन मेरे दिल मे ये आस थी की किसी दिन मेरा अभय लौट की आयेगा और वो आया भी उपर वाले ने मेरी सुन ली अभय के आने के बाद दिशा अभय को साथ देख मुझे मेरी कही गई बात याद आ गई लेकिन मेने अभी बात इस लिये नही चलाई थी कियुंकी मेरा लाल सुरु से ही भाभी के साथ मस्ती मजाक करना ये सब उसने एक चाह बनाई थी तो मेने सोचा अभी अभय को अपनी भाभी के साथ वो पल जी लेने देती हु फिर बाद मे दोनो से बात कर सादी करवा दुगी इसी लिये रुकी थी लेकिन मुझे किया पता था दोनो के बीच से सब हो रहा होगा लेकिन ये तो अच्छा ही हुवा दोनो बहोत तेज निकले तो मे भी उनकी मा हु मे भी फास्ट तरीके से पेहला शुभ मुहूरत मे ही दोनो को पकर सादी करवा दुगी आप चिंता मत कीजिये

तारा खुश होते हुवे - मुझे यही आपसे सुनना था कियुंकी मे अब अपनी बेटी को फिर से सुहागन और उसका घर बस्ता देखना चाहती हु

आसा - चिंता मत कीजिये एक काम करिये कल आप सब आ जाना मे पंडित जी को बुला के सब के पेहले वो शुभ मुहूरत होगी निकलवाती हु

तारा - जैसा आप कहे हम कल आ जायेंगे
आसा - ठीक है तो ये तय रहा मे नही चाहती की दिशा अभय दोनो सादी से पेहले ही हमे दादी नानी बना दे जिस तरह से दोनो फास्ट निकले मुझे लगता है जल्दी ही हम दादी नानी बन जायेंगे
तारा हस्ते हुवे - आप का केहना बिल्कुल सही है मे भी दिल से चाहती हु मेरी बेटी मा बने उसे एक प्यारा खूबसूरत बच्चा हो और मे नानी बनू आप दादी
आसा हस्ते हुवे - मे भी चाहती हु की मेरे भर मे जल्दी ही नये मेहमान कि खिलकारी गुजे
तारा - हा जरुर होगा
आसा हस्ते हुवे - ये बताइये फट फच् अच्छे से मजे से लेके सुना ना
तारा सर्म से लाल होते हुवे - छी छी आप कैसी बाते कर रही है
आसा हस्ते हुवे - वही जो आपने कहा आपने सुना खैर अच्छा हुवा आप को पता चल गया नही तो हमे दिशा मा बनती तभी पता चलता
तारा हस्ते हुवे - बात तो सही कही आप ने
आसा - आने दो दोनो को आज उनकी अच्छी से खबर लूगि अच्छा तो कल मिलते है
तारा - जी कल मिलते है

फोन कट

तारा मन मे - उपर वाले आप का दिल से सुक्रिया दामाद जी घर नही आते तो मेरी बेटी जिंदगी भर एक बिधवा के रूप मे जीती और हम सब उनके गम मे जीते लेकिन दामाद जि की आने के बाद जैसे अब खुसिया ही खुसिया आने वाली है

वही आसा बिस्तर पे बैठी मुस्कुराते हुवे मन मे - वाह मेरे लाडले तुम तो बहोत तेज निकले भाभी को उनके भर ले जाके ही बजा डाला इसकी उमीद तो नही की थी वो भी इतनी जल्दी लेकिन ये कर के तुम ने मेरी प्रोबलम ही खत्म कर दी अब मुझे रुकने की कोई जरूरत रही जल्दी ही कुछ दिनों मे तुम दोनो की सादी करवा दुगी लेकिन पेहले तुम दोनो की अच्छे से खबर लूगि

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Nice update
 
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ajay bhai

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chapter 15

( सुबह 11.30 )

गाव के एक छोटे से चौक पे जहा 15 कुछ दुकाने होगी चाय पान रासन कपड़े बाकी सभी छोटे दुकाने जैसा गाव मे होता है

रासन दुकान मे एक बंदा वो 25 या 27 के पास होगा कुछ सामान लेने मे लगा हुवा था बंदे ने एक टोपी पेहनी हुई थी कपड़े भी नॉर्मल थे बोले तो पूरा गाव के लोगो जैसे

बंदा समान लेके के बाद पैसे देने के बाद पीछे मूर जाने लगता है दो कदम आगे बढ़ाता ही है की बंदा नीचे झुक कर पैर को खुजाने लगता है जैसे उसे पैर मे खुजली हो रही हो लेकिन झुकने की वजह से उसके सर से टोपी नीचे गिर जाती है उसी की सामने सामने रोड उस पार एक पान वाले की दुकान थी पान वाली की उमर यही 32 के पास होगी पान वाले की नजर अचानक उस बंदे पे चली जाती है जिसे देख वो पूरी तरह से हैरान हो जाता है पान वाला बिना देरी किये एक फोटो निकाल देखता है फिर उस बंदे को देखता और उस फोटो पे जो नंबर था उस पे फोन लगा देता है

वही जो बंदा था पैर खुजाने के बाद जो टोपी गिरी हुई थी जल्दी से उठा के पेहन लेता है और जाने लगता है

पान वाला फोन लगा चुका था रिंग जा रही थी पान वाला बेचैन था सोच रहा था कॉल कोई जल्दी कियु नही उठा था पान वाले की नजर अभी भी उस बंदे पे थी ठिकी हुई थी

तभी फोन उठ जाता है पान वाला बिना देरी किये

पान वाला - मेडम मे लाल चौक से बोल रहा हु पर्मोध पान वाला मुझे कुछ लोगो की फोटो दी थी आप ने उसमेसे एक बंदे को अभी मेने देखा है ( पर्मोध बंदे हो जाते देख) अभी भी वो मेरी नजर मे है

पर्मोध की बाते सुनने के बाद दूसरी तरफ से
मैडम - किया कहा तुम सच केह रहे हो ना
पर्मोध - जी मैडम मे भला आप से झूठ कियु बोलुगा
मैडम - बहोत अच्छे बिना देरी कियु उसके पीछे जाओ मे जल्दी ही वहा आ रही हु याद रखना वो आदमी तुम्हारी नजरो से गायेब नही होना चाहिये
पर्मोध - जी मैडम मे उसपे नजर रखता हुई आप जल्दी आ जाइये
मैडम - वेरी गुड मे जल्दी ही आती हु

फोन कट

मैडम नितिका हि थी नितिका जल्दी से ऑफिस से बाहर निकाल अपने लोगो से चिलाते हुवे - हमे जिसकी तलास थी उसमेसे एक बंदे को देखा गया इसका मतलब और भी उसके साथी वहा हो सकते है जल्दी से रेडी हो जाओ हमे निकलना है फास्ट

नितिका के ओडर मिलते ही सभी भागते हुवे रेडी होने जाते है बुलेट फ्रूफ जैकेट गन से लेस सभी खतरों से लरने के लिये तैयार

नितिका भी बुलेट फ्रूफ जैकेट पेहन लेती है गन को चेक करते हुवे
नितिका - चूहा बिल से बाहर निकल ही आये लेकिन अब उन चूहो का शिकार करने का वक़्त है किसी एक को भी नही छोरुगी

नितिका बाहर आती है तो नितिका की टीम पूरी रेडी होकर खरी थी

नितिका अपनी टीम को देख - किया तुम सब रेडी हो
नितिका की टीम पुरे जोस से एक साथ - जी मैडम
नितिका तेजी से आगे बढ़ते हुवे - तो फिर चलो जल्दी नही मे नही चाहती वो कमीने फिर हाथ से निकल जाये

नितिका आगे कि सीट पे बैठ जाती है बाकी नितिका कि टीम पीछे गारी तेजी से चल परती है

नितिका पर्मोध को फोन करती है पर्मोध फोन उठाता है

नितिका - हा पर्मोध उस कमीने पे नजर रखी है ना
पर्मोध - जी मैडम अभी भी वो बंदा मेरी नजरो मे है
नितिका - गुड हमे आने मे 10 मिनट लगेगे तब तक उस उस बंदे पे नजर बनाये रखो वो कहा जाता है
पर्मोध - समझ गया मैडम आप चिंता ना करे बस आप आ जाये जल्दी फोन कट
नितिका और तेज गारी चलाने के लिये केहती है नितिका बेचैन भी बहोत थी बरी मुश्किल से कोई नजर मे आया है और नितका उसको जाने देना नही चाहती थी

10 मिनट लग ही जाते है नितिका लाल चौक पे पहुँच जाती है नितिका गारी से उतर जल्दी से पर्मोध को कॉल करती है

नितिका - हा पर्मोध मे लाल चौक आ गई तुम कहा हो

पर्मोध एक जगह पेर के पीछे छुप कर उस बंदे पे नजर रख रहा था

पर्मोध - मैडम दाहिने 5 मिनट चलिये फिर खेतो की तरफ देखेगी तो आपको सिर्फ दो घर खेतो के बीच दिखाई देगा कुछ पेर भी है वही आ जाइये

नितका ये सुन पूरी तरह हैरान हो जाती है

नितका - ठीक है मे समझ गई ( नितिका अपने टीम को देख) जल्दी चलो मेरे पीछे

नितिका तेजी से भागते हुवे आगे बढ़ने लगती है नितिका कि टीम मे 15 लोग थे 4 लेडी पुलिस भी थी सभी नितिका को फलो करते हुवे नितिका के पीछे पीछे भाग रहे थे

थोरि देर बाद नितिका खेतो की तरफ देखती है थोरि दूर कुछ 5 आम के पेर और बास के बहोत सारे पेर भी थे 2 घर थे घास फुस के

नितिका आगे बढ़ती है और नितिका अपने टीम के साथ वहा पहुँचती है तो पर्मोध एक आम के पेर के पीछे छुपा नजर रख रहा था

नितिका पीछे मूर अपनी टीम को इसारे सी सांत और अपनी जगह लेके छुप जाने के लिये केहती है नितिका के इसारे समझ सभी टीम अपनी अपनी एक जगह ढूंढ छुप जाते है

नितिका पर्मोध के पास आके - किया इसी घर मे वो कमीना है
पर्मोध नितिका को देख - जी मैडम इसी घर मे गया है
नितिका घर और चारों तरफ देख कर मन मे - यहा तो चारों तरफ खुला खेत है खेतो के बीच गाव से हट कर दो घर वैसे ये जगह सही है लोगो की नजर से बच कर रेहने के लिये लेकिन उतना खतरा भी है कियुंकी चारों तरफ खुला खेत है

नितका घर को देखते हुवे पर्मोध से - ये बताओ इस घर मे कोन कोन रेहता है
पर्मोध नितिका को देख - मैडम ये जगह मे एक ही परिवार रेहते है निदेश उसकी वाइफ एक बेटे के साथ बेटी की सादी हो गई है तो वो अपने ससुराल रेहती है

नितिका - लेकिन गाव से दूर आके ये लोग यहा कियु रेह रहे है
पर्मोध - मैडम दिनेस गाव मे ही रेहता था लेकिन उसके परोसी बार बार दिनेस से लरते झगरते रेहते थे तो तंग आके दिनेस यहा आके रेहने लगा

नितिका - अच्छा ये बात है तभी सोचु कोई गाव से दूर खेतो के बीच कियु रेहने आयेगा

तभी एक घर से दो और बंदे निकलता है जिसे देख नितिका पर्मोध भी हैरान हो जाते है

पर्मोध - बंदे को देख मैडम ये दोनो तो यही है जिनकी आपको तलास थी
नितिका दोनो को यही आपके बहोत खुश हो जाती है
नितिका - सही कहा अच्छा हुवा दोनो कमीने यही एक साथ मिल गये ( तभी नितिका बहोत घबरा जाती हो बहोत टेंसन मे आ जाती है)

पर्मोध नितिका को देख- किया हुवा मैडम आप टेंसन और घबराई हुई कियु है
नितिका पर्मोध को देख - तुम्हे पता है ये दोनो कोन है
पर्मोध - नही मुझे नही पता
नितिका - ये दोनो रेपिस्ट है कई लरकियो औरतो का रेप कर चुके है और सबसे बुरी और खतरनाक बात ये है रेप करने की बाद दोनो उसे मार देते है बरी मुश्किल से इनके बारे मे पता चला तब से हर किसी को इसकी तलास मे लगे हुवे है किसने सोचा था ये हेवान यहा गाव मे ही मिल जायेंगे और में डरी घबराई टेंसन मे इस लिये हु कियुंकी ये यहा है निदेश के घर मे तो निदेश और उसकी बीवी समझ गये मुझे उनकी चिंता है उसका किया कैसे है
नितिका की बात सुन पर्मोध भी घबरा जाता है पर्मोध को भी दिनेस और उसकी बीवी बेटे कि चिंता होने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाहर खरे बाते कर रहे थे रेपिस्ट 2 ये वही बंदा है जिसे पर्मोध ने देखा था

दोनो रेपिस्ट है हमेसा अपने आसान शिकार को ढूढ़ते रेहते है कोई मिल गया तो उसका रेप करते है फिर मार देते है आप इन्हें साइको रेपिस्ट सीरियल किलर भी केह सकते है अब तक इन दोनो ने 25 से जायदा लरकी औरतो का रेप कर उन्हे मारा है जिसकी तलास मे हर फोर्स लगी हुई है

नितिका अपने उंगली के इसारे से अपनी टीम को चारों तरफ फैल कर घेर लेने के लिये केहती है नितिका के इसारे पाके सभी टीम धीरे धीरे चारों तरफ फैलने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाते करते मे लगे हुवे थे इन सब से अंजान

रेपिस्ट 2 - यार मजा आ गया जैसे तुमने बोला था गाव की औरतो की चुदाई करने का मजा ही अगल है

रेपिस्ट 1 सिग्रेट पीते हुवे - बोला था ना गाव की औरते संस्कारी और भरी हुई होती है उसकी चुत मारने का मजा ही अगल आता है लेकिन वही सेहर की बात करे तो साली उसका तो खुद कई लोगो से अफेयर चलता रेहता है चुदवाती रेहती है मॉडल बन कर भूमती रहती ही अगर उनके सामने मोटा पैसा फेक दो तो जल्दी ही घोरी बन जायेगी लेकिन गाव की औरते मे बहोत कम ऐसी होती है उनको उनकी इजत बहोत प्यारी होती है देखा नही कैसे गीरगिरा रही थी प्लेस मुझे कुछ मत करो मुझे जाने दो मेरे सरीर तो टच मत करना

रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - सही कहा लेकिन वो जितना गीरगीरा रही थी हाथ पैर मार रही थी मेरे अंदर उतना ही जोस बढ़ रहा था कसम से अभी भी दिल नही भरा उसकी चुत मार कर

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 को देखता है और दोनो सैतानो की तरह पागलो की तरह हसने लगते है
रेपिस्ट 1 - चलो तो फिर एक राउंड और मार लेते है अब तो गाव की औरतो की ही लेगे
रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - जरूर मुझे भी गाव की औरतो की चुदाई का चस्का लग गया है


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दोनो अंदर जाते है एक कमरे मे दिनेस की बीवी पूरी नंगी बिस्तर पे लेती हुई थी दूसरे कमरे मे दिनेस और उसका बेटा था जिसे बांध कर रखा गया था

दोनो अंदर जाते है तो दिनेस की बीवी जिसका नाम रेमा था दोनो को देख फिर काप् जाती है थर थर कापने लगती है रेमा को कापते डरते देख दोनो रेपिस्ट शैतानी हसी हसने लगते है

रेपिस्ट 1 रेमा को देख - मेरी बुलबुल चलो घोरी बन जाओ तेरी चुत बहोत फूली रस से भरी है इतनी बार चुदाई कर के भी दिल नही भरा
रेमा कापते हुवे दोनो रेपिस्ट को देख आखो मे आसु लिये हाथ जोर
रेमा - प्लेस मुझपे रेहम करो मे अब और नही कर पाउंगी मुझे दर्द हो रहा है जलन हो रही है प्लेस मत करो मेरे साथ जाने दो हमे

रेपिस्ट 1 अपना सर पकर पागलो की तरह हस्ते हुवे शैतानी चेहरा बना के रेमा को देख - बुलबुल चुप चाप घोरी बन जाओ नही तो तेरे पति बचे


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इतना सुनते ही रेमा रोते हुवे कापते हुवे घोरी बन जाती है जिसे देख दोनो रेपिस्ट लार तपकाते हुवे रेमा की बरी गांड चुत को देख पागल होने लगते है

बाहर नितिका की टीम चारों तरफ फैल चुकी थी नितिका अपना गन हाथो मे लेके धीरे धीरे अपने साथ दो लोगो को लेकर घर के अंदर दाखिल होती आँगन मे जाने के बाद नितिका को एक कमरे मे से धीमा आवाजे सुनाई देती है नितिका धीरे धीरे कमरे के दरवाजे के पास जाती है तो नितिका को अंदर से आह मर गई प्लेस मत करो फट फच् की आवाजो के साथ रोने की आवाजे सुनाई देती है ये सुन नितिका की रूह काप् जाती नितिका को समझते देर नही लगी अंदर किया चल रहा है

नितिका की सासे तेज हो जाती है मुठी गुस्से से कस जाती है सरीर का खून उबाल मारने लगता है नितिका रेपिस्ट हत्यारों को देखना भी पसंद नहीं करती थी और देख ले तो नितिका एक भयानक रूप मे आ जाती है जिसे देख कोई भी काप् जाये नितिका के साथ सुरु से जो रेहते आये है उन्हे अच्छे से पता है


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नितिका कापते हाथो से दरवाजा जो खुला था नितिका धीरे से दरवाजे को खोल अंदर देखती है तो नितिका की आखे फैल जाती है अंदर मे दोनो रेपिस्ट रेमा की चुदाई करने के लगे हुवे थे सिन बहोत भयानक था नितिका के लिये और रेमा के लिये भी रेमा रोये जा रही थी गीरगिराते जा रही थी लेकिन दोनो दरिंदे रेमा का रेप किये जा रहे थे

दोनो रेपिस्ट रेमा के रेप करने मे खोये थे इस लिये उन्हे पता भी नही था उसकी मौत सामने है नितिका अपने आप को रोक नही पाती और तेजी से जाके दोनो के ऊपर गन तान देती है नितिका के साथी टीम के दोनो लोग भी

अचानक पुलिस को सामने देख दोनो की फट जाती है नितिका गुस्से से दोनो को देख - कमीनो जल्दी से अपना हाथ उपर करो
दोनो रेपिस्ट जल्दी से अपना हाथ उपर कर देते है नितिका अपने साथी को इसारे से दोनो का हाँथ बांध देने के लिये केहती है वही रेमा रोते हुवे चादर से अपने आप को धक लेती है और फुट फुट कर रोने लगती है

दोनो रेपिस्ट के हाथो को बांध दिया गया था नितिका रेमा के पास जाके रेमा को बाहों मे लेके रेमा को चुप कराने लगती है

रेमा नितिका के बाहों मे रोते हुवे - इन दोनो कमीनो ने मुझे दो दिन दो रात से हेवानो की तरह मेरी इज़त लूटी है दिल कर रहा था अपनी जान दे दु लेकिन अपने पति बच्चो की सोच हिम्मत नही हुई ( रेमा दोनो रेपिस्ट को देख) मैडम इन दोनो कुत्तो ने मुझे बर्बाद कर दिया कही का नही छोरा मुझे इन दोनो का जान से मार दीजिये दोनो हेवान है जिन्दा मत छोरो इन्हें

नितिका रेमा के पीट सेहलाते हुवे - तुम चिंता मत करो ऐसा ही होगा

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 से गुस्से मे - कमीने तुझे कहा था ना बाहर मत जा देख आज हम पकरे गये ना
रेपिस्ट 2 - यार मुझे किया पता था ऐसा कुछ होगा

नितिका रेमा को पकरे पेहने के लिये केहती है फिर दोनो रेपिस्ट को गुस्से से देखने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को देख

रेपिस्ट 1 - देखो मैडम हमे जाने दो उसके बदले आप जितना पैसा मागोगे मिलेगा
रेपिस्ट 2 नितिका को उपर से नीचे तक देख लार चुवाते हुवे
रेपिस्ट 2- हा जितना चाहो पैसे देने के लिये तैयार है तुम चाहो तो ( रेपिस्ट नितिका के बरे चुचे देख हवस भरी नजरो से) हम तीनों यहा मजा कर सकते है उसके पैसे तुम्हे हम देगे

रेपिस्ट 1 नितिका को देख मुस्कुराते हुवे - तुम भी कमाल कि माल हो मेरे दोस्त ने सही कहा मान जाओ तुम्हे हम दोनो खूब मजा देगे

दोनो की बात सुन नितिका दोनो के पास आके दोनो का प्यार से देख
नितिका - अच्छा तो तुम दोनो मुझे मजा दोगे पैसे भी
दोनो रेपिस्ट खुश होते हुवे - हा सही बोला तूने
सारिका - कितने पैसे दोगे
रेपिस्ट 1 - कितना चाहिये
नितिका मुस्कुराते हुवे - 1 करोड़ काफी होगा
दोनो रेपिस्ट एक दूसरे को देखते है फिर मुस्कुराते है

रेपिस्ट 1 - मंजूर है
नितिका - किया तुम्हारे पास इतने पैसे है
रेपिस्ट 2 हस्ते हुवे - मैडम हमने कई अमीर औरतो के घर जाके उनका रस पिया ही मजे लिये तो साथ मे उनको लूट भी लेते है बहोत पैसे है ये बताओ आप रेडी है मजे करने के लिये

रेमा तीनों की बात सुन रही थी रेमा को समझ नही आ रहा था चल किया रहा है यही नितिका के साथ दोनो जो थे आराम से खरे थे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - मजे तो मुझे भी करने ही लेकिन फिर अभी फिल्हाल तुम दोनो दोनो जा सकते हो

नितिका कि बात सुन दोनो रेपिस्ट खुश हो जाते है तो यही रेमा का बहोत बरा झटका लगता है

नितिका अपने दोनो साथियों से - इन्हें बाहर ले चलो
नितिका के केहने पे दोनो रेपिस्ट को बाहर ले जाया जाता है
रेमा नितिका को देख - हैरानी से मैडम आप ये किया कर रही ही आप उनका साथ दे रही ही छि मुझे लगा आप उनको सजा देगी लेकिन आप तो उनसे भी बुरी निकली

नितिका रेमा कि तरफ देख - तुम जायदा नही बोल रही जाके देखो तुम्हारे पति बचे कैसे है

नितिका भी बाहर आ जाती ही नितिका के बाकी टीम अभी भी छुपे हुवे थे नितिका इसारा करती ही तो एक हवलदार दोनो रेपिस्ट के हाथो की रस्सी खोल देता है

नितिका दोनो को देख - ये बताओ मेरा पैसा कैसे मिलेगा मुझे
रेपिस्ट 1 - आप अपना अकाउंट नंबर दे दीजिये वादा है जो दिल हुवा था उतने पैसे आपके अकाउंट मे आ जायेंगे
रेपिस्ट 2 मुस्कुराते हुवे- या आप कहे तो खुद हम आपके पास आ जायेंगे फिर आपको पैसे भी दे देगे और मजे भी कर लेगे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है तुम दोनो खुद आ जाना मेरे पुलिस इस्टेशन लेकिन अभी जल्दी जाओ समझ रहे हो ना

दोनो रेपिस्ट- समझ गये जाने मन हम जा रहे है जल्दी ही मुलाकात होगी
नितिका मुस्कुराते हुवे - हा कियु नही अब जाओ

दोनो रेपिस्ट आराम से खेतो से होकर जाने लगते है थोरि दूर गये ही थे की डिस्कियाओ डिस्कियाओ दो गोली चलती है और दोनो रेपिस्ट के पैर मे जाके लगती ही दोनो रेपिस्ट जमीन पे ध्राम से गिर चिलाते हुवे नीचे गिर जाते है

नितिका के पीछे दो लेडी पुलिस मे से एक नितिका को देख - मैडम पेहले ऐसे ही करती पेहले तू जाने को बोलती उसको एक आस देती है फिर दोरा दोरा के मारती है

लेडी पुलिस 2 नितिका को देख - हमारी मैडम हत्यारो रेपिस्ट से बहोत नफरत करती है उन्हे तो देखना भी पसंद नही करती और गलती से भी कोई मैडम की हाथ लग गया तो समझो मर गया

रेमा नरेश उसका बेटा भी बाहर आते है तीनों का चिलाने कि दर्द मे रोने की आवाजे सुनाई देती है तीनों सामने खेतो मे देखते ही तो दोनो रेपिस्ट पैर पकर जोर जोर से दर्द मे चिल्ला रहे होते है रेमा ये देख हैरान होती है और नितिका को देखने लगती है

नितिका हाथो मे गन लिये दोनो रेपिस्ट की तरफ जाने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को अपनी तरफ हाथो मे गन लेकर आते हुए देखते है तो उसकी रूप काप् जाती दोनो को पेहली बार डर दर्द का एहसास होता और अपने पापो का मरने का भी

नितिका जब दोनो रेपिस्ट के सामने आखे खरी होती है तो दोनो नितिका के सामने गिर गिराते हुवे जान की भीख मांगने लगते है

नितिका गुस्से से लाल जहा दोनो को गोली लगी थी उसी जगह दोनो को अपने पैर से जोर से मारती है तो दोनो रेपिस्ट जोर से दर्द से चिलाने लगते है

नितिका दोनो को देख गुस्से से - डर दर्द मरने का एहसास हो रहा है ना वैसे ही तुमने जीतने मासूम लरकी औरतो का रेप किया वो भी तुम के सामने गीरगिराये होगे छोर देने के लिये लेकिन तुम दोनो के नही छोरा हेवानो की तरह जब तुम दोनो ने रेप किया होगा तब उन्हे दर्द हुवा होगा लेकिन फिर भी तुम लोगो नही रुके होगे बहोत बेदर्दी से जितनो को तुम लोगो ने मारा उन्हे भी मरने से डर लगा होगा दर्द हुवा होगा तुम्हारे सामने गिरगिराये होगे

नितिका दोनो के पैर एक एक गोली मारती है अब दोनो रेपिस्ट के दोनो पैर मे गोली लगी हुई थी दोनो जितना जोर से चिलाते ही की पीछे खरे लोग भी काप् जाते है

नितिका दोनो के बाल पकर दोनो को गुस्से से देख - तुम दोनो कि गन्दी जुबान से मेरे लिये गंदे शब्द सुन मेरा खून खोल रहा था दिल कर रहा था वही मार दु

नितिका दोनो को छोर - ठीक है चलो भागो मे तुम दोनो को नही मारुगी जल्दी करो नही तो मेरा मन बदल सकता है

नितिका कि बात सुन दोनो के अंदर एक आसा हिम्मत जाग जाती है दोनो नितिका को देख - सच केह रही है आप
नितिका - हा जल्दी करो भागो

दोनो रेपिस्ट उठने की कोसिस करते ही लेकिन उठ नही पा रहे थे लेकिन जान बचानी थी तो जैसे तैसे खरे होकर लंगड़ाते हुवे चल के भागने लगते है और नितिका दोनो को देखे जा रही थी

दोनो रेपिस्ट पूरी जि जान लगा के दर्द कि परवाह किये बगैर आगे थोरि दूर ही जाते है की दिशा दोनो के सर पे गन तान निसाना लगा के ढाये ढाये दो गोली चलाती है और दोनो गोली जाके दोनो रेपिस्ट के सर के आर पार निकल जाते ही और दोनो रेपिस्ट ध्राम से जमीन मे गिर जाते ही

नितिका अपना गन रखते हुवे - मे कोई हत्यारे रेपिस्ट को छोर दु सपने मे भी नही मेने वर्दी इसी लिये पेहनी ताकि तुम जैसे गंदगी का साफ कर सकु इस पिर्थवि से

नितिका फिर अपनी टीम के पास आ जाती है रेमा नितिका के पास जाके

रेमा - माफ करना मैडम मेने बिना जाने आपको बुरा भला कहा
नितिका रेमा को देख - आपकी कोई गलती नही है वहा कोई और होता तो वो भी यही सोचता मुझे तो आपके लिये दुख हो रहा है लेकिन आपको जीना होगा

फिर एम्बुलेंस रिपोटर आते है पूरे गाव मे ये बात फैल जाती है


अब आते है अभय दिशा की तरफ


अभय दिशा को लेकर घर निकल चुका था सभी आधे रास्ते मे पहुँच चुके थे वही दिशा पीछे अभय को पकरे बैठी हुई थी लेकिन बार बार हिल रही थी कियुंकी दिशा को नीचे दर्द जलन अभी तक था दिशा अपनी मा बेहन के सामने तो कैसे भी दर्द को छुपा कर रखा लेकिन दोनो के सामने नॉर्मल रही लेकिन अब सहा नही जा रहा था

अभय को भी ये एहसास होता है दिशा बार बार हिल रही है

अभय दिशा से - भाभी किया बात है आराम से बैठा भी नही जा रहा है किया

दिशा अभय की बात सुन गुस्से से मुह फुलाते हुवे - नही बैठा जा रहा कियुंकी किसी ने अपना मोटा लम्बा साप जबरदस्ती मेरे छोटे से बिल मे गुस्सा दिया था और रात भर घुसाता रहा वही बुघट रही हु

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है लेकिन मुझे लगता है मोटा लम्बा साप छोटे से बिल के अंदर जबरदस्ती गया भी तो किया हुवा मजा तो आया होगा ना बिल को भी साप को भी कियुंकी बिल बहोत गर्म था और साप को गर्म बिल बहोत पसंद आती है

अभय की बात सुन समझ कर दिशा सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा अभय के पीट पे मारते हुवे शर्मा के
दिशा - छी गंदे देवर जी आप ना अब बहोत गंदे हो गये है
अभय हस्ते हुवे - अरे किया करू रात को जो देखा किया उसके बाद तो हर सीन मेरे आखो के सामने आ रहे है

बेचारी दिशा सर्म से लाल होगा जाती है इसी बीच मस्ती मजाक करते हुवे अभय घर पहुँच जाता है बाइक कि आवाज सुन अदिति भागते हुवे बाहर आती है

अभय दिशा बाइक से उतर कर अंदर जाने ही वाले थे कि अदिति भाई केहते हुवे सीधा अभय पे कुद परती है अभय जल्दी से अदिति को पकर लेता है


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अभय अदिति को बाहों मे उठाये अदिति को देख हस्ते हुवे - तुम भी ना गुरिया अचानक आके मेरे उपर कुद जाती हो
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - किया करू आपको देखते ही अपने आप को रोक नही पाती
दिशा अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - आप दोनो की हरकते और प्यार कोई समझ नही पायेगा चलिये अंदर चलते है

अभय अदिति को बाहों मे लिये ही अंदर जाता है तो सामने ही आसा कमर पे हाथ रखे आँगन मे खरी थी अभय मा को देख मुस्कुराता है लेकिन आसा तो दिशा अभय को ही चिल की निगाह से देख रही थी

आसा अदिति को से देख - अदिति बेटा भाई की गोद से उतर मेरे पास आओ और ( आसा दिशा अभय को देख) तुम दोनो वही रुको

आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा हैरान और कंफ्यूज से आसा को देखने लगते है किसी को समझ नही आ रहा था

अदिति को देख थोरे गुस्से से - सुना नही किया मेने किया कहा
अपनी मा के गुस्से वाली आवाज सुन अदिति अभय कि गोद से उतर कर आसा के पास जाके खरी हो जाती है

आसा चलते हुवे दिशा अभय के पास जाके खरी हो जाती है
अभय दिशा अभी भी समझ नही पा रहे थे चल किया रहा है कियु आसा उनको रोक रही है

अभय आसा को देख - मा किया बात है हमे रोका कियु है
आसा दिशा अभय दोनो को देख - तुम दोनो मेरे सामने घुटने पे बैठो
आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा पूरी तरह से हैरान होकर आसा को ही देखने लगते है

आसा करक आवाज मे - कोई सवाल नही मेने जो कहा जल्दी करो
अभय दिशा एक दूसरे को देखते है समझ तो नही आ रहा था आसा ऐसा कियु कर रही है फिर भी आसा के सामने दोनो की कहा चलने वाली थी अभय दिशा घुटने पे आसा के सामने बैठ जाते है

अदिति आसा को देख हैरानी से - मा आप ये किया कर रही है
आसा अदिति को देख - तुम चुप रेह पता चल जायेगा
आसा अभय अदिति को देख - चलो तुम दोनो अपने कान कपरो
आसा की बात सुन फिर अदिति दिशा अभय हैरान हो जाते है
अभय आसा को देख - मा ये आप किया कर रही है
आसा अभय दिशा को देख - सवाल नही जैसा मेने कहा करो
अभय दिशा फिर एक दूसरे को देखते है फिर हार मान कर अपने दोनो कान पकर आसा को देखने लगते है

आसा अभय दिशा को देख - चलो अब तुम दोनो अपनी गलती कबूल करो जल्दी
आसा की सुन फिर सही हैरान होते है और किसी का समझ नही आता खास कर अभय दिशा को की आसा किस गलती को कबूल करने के लिये केह रही है

आसा अभय दिशा को देख एक शैतानी मुस्कान देते हुवे - समझ नही आ रहा था मे कोन सी गलती कबूल करने के लिये केह रही हु ठीक है तुम दोनो के लिये आसान कर देती हु तुम दोनो वहा रात को जो कांड कर के आये हो उसी की गलती को कबूल करने के लिये केह रही हु अब समझ मे तुम दोनो को आ गया होगा

आसा की बात सुन अभय दिशा को जोर का झटका लगता है दोनो को ऐसा लगता है नीचे से जमीन गायब होगी हो आखे फैल जाती है सरीर के रोवे खरे हो जाते है माथे से पसीना आने लगता है

दोनो की हालत देख आसा अंदर ही अंदर जोर जोर से हस्ते जा रही थी
वही अदिति माथे को खुजलाते हुवे - लगता है मा पागल हो गई है आखिर भाभी भाई वहा रात को कोन कांड किये है भला जिसकी वजह से भइया भाभी को नीचे बैठाये हुवे है

आसा अदिति की बात सुन अदिति के सर मे जोर से मारते हुवे - बरी हो गई लेकिन समझ एक पैसे कि नही मे कोई पागल नही हु समझी

आह लग गई करते हुवे अपना सर पकर लेती है

वही अभय दिशा की चोरी पकरे जाने के बाद दोनो डर से कापने लगते है दोनो के पसीने निकल तप तप नीचे गिरे जा रहे थे अभय दिशा एक दूसरे को देखते है
अभय मन मे - कैसे कैसे मा को कैसे पता चला वहा रात को हमने क्या किया है कैसे अब किया होगा मेरा मेरे तो लग गये थु है मुझपे पेहली बार चुदाई मे ही पकरा गया वो भी मा सब से

दिशा सर्म से नजरे नीचे किये हुवे मन मे - किया सासु मा को पता चल गया हमारे बीच जो हुवा सब कुछ लेकिन एक बात समझ नही आ रही मम्मी जी को पता कैसे चला कैसे कैसे

आसा अभय दिशा को सोचता देख समझ जाती है दोनो किया सोचने मे लगे हुवे है

आसा मुस्कुराते हुवे अभय दिशा को देख - तुम दोनो यही सोच रहे हो ना मुझे ये कैसे पता चला
आसा की बात सुन अभय दिशा आसा की तरफ डर के शर्म से देखने लगते है
आसा को देख हस्ते हुवे - देखो तो अभी सर्म आ रही है करते वक़्त नही आई
आसा की बात सुन अभय दिशा फिर नजरे नीचे कर लेते है
आसा मुस्कुराते हुवे - बहु मुझे तुम्हारी मा ने बताया रात को तुम दोनो तो लगे परे थे सब भूल कर अब समझ मे आया मुझे कैसे पता चला

एक और बरा झटका अभय दिशा को लगता है

अभय मन मे - क्या सासु मा को पता चल गया था लग गये किया सोच रही होगी मेरे बारे मे मेरी तो इज़त की ऐसी की तैसी हो गई

दिशा मन मे - किया मा ने देख लिया हे उपर वाले ये किया हो गया अब किया होगा मुझे इतनी सर्म आ रही है की कही मे सर्म से मर ना जाऊ

अदिति आसा से - मा मुझे बताओगी भी चल किया रहा है मुझे तो कुछ समझ मे नही आ रहा
आसा अदिति की बात सुन अपना सर पकर के - तेरा दिमाग है या उसमे भूसा भरा है ( आसा अदिति को देख) तेरा प्यारा भाई भाभी वहा रात मे एक पति पत्नी के बीच जो होता है वही कर के आये हो अब समझी की और अच्छे से समझाउ

आसा कि बात सुन अब जाके अदिति को सब माजरा समझ मे आता है अदिति अभय दिशा को देख मुह पे हाथ रखते हुवे जोर से चिल्ला के किया

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 

kgfchapter3

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chapter 15

( सुबह 11.30 )

गाव के एक छोटे से चौक पे जहा 15 कुछ दुकाने होगी चाय पान रासन कपड़े बाकी सभी छोटे दुकाने जैसा गाव मे होता है

रासन दुकान मे एक बंदा वो 25 या 27 के पास होगा कुछ सामान लेने मे लगा हुवा था बंदे ने एक टोपी पेहनी हुई थी कपड़े भी नॉर्मल थे बोले तो पूरा गाव के लोगो जैसे

बंदा समान लेके के बाद पैसे देने के बाद पीछे मूर जाने लगता है दो कदम आगे बढ़ाता ही है की बंदा नीचे झुक कर पैर को खुजाने लगता है जैसे उसे पैर मे खुजली हो रही हो लेकिन झुकने की वजह से उसके सर से टोपी नीचे गिर जाती है उसी की सामने सामने रोड उस पार एक पान वाले की दुकान थी पान वाली की उमर यही 32 के पास होगी पान वाले की नजर अचानक उस बंदे पे चली जाती है जिसे देख वो पूरी तरह से हैरान हो जाता है पान वाला बिना देरी किये एक फोटो निकाल देखता है फिर उस बंदे को देखता और उस फोटो पे जो नंबर था उस पे फोन लगा देता है

वही जो बंदा था पैर खुजाने के बाद जो टोपी गिरी हुई थी जल्दी से उठा के पेहन लेता है और जाने लगता है

पान वाला फोन लगा चुका था रिंग जा रही थी पान वाला बेचैन था सोच रहा था कॉल कोई जल्दी कियु नही उठा था पान वाले की नजर अभी भी उस बंदे पे थी ठिकी हुई थी

तभी फोन उठ जाता है पान वाला बिना देरी किये

पान वाला - मेडम मे लाल चौक से बोल रहा हु पर्मोध पान वाला मुझे कुछ लोगो की फोटो दी थी आप ने उसमेसे एक बंदे को अभी मेने देखा है ( पर्मोध बंदे हो जाते देख) अभी भी वो मेरी नजर मे है

पर्मोध की बाते सुनने के बाद दूसरी तरफ से
मैडम - किया कहा तुम सच केह रहे हो ना
पर्मोध - जी मैडम मे भला आप से झूठ कियु बोलुगा
मैडम - बहोत अच्छे बिना देरी कियु उसके पीछे जाओ मे जल्दी ही वहा आ रही हु याद रखना वो आदमी तुम्हारी नजरो से गायेब नही होना चाहिये
पर्मोध - जी मैडम मे उसपे नजर रखता हुई आप जल्दी आ जाइये
मैडम - वेरी गुड मे जल्दी ही आती हु

फोन कट

मैडम नितिका हि थी नितिका जल्दी से ऑफिस से बाहर निकाल अपने लोगो से चिलाते हुवे - हमे जिसकी तलास थी उसमेसे एक बंदे को देखा गया इसका मतलब और भी उसके साथी वहा हो सकते है जल्दी से रेडी हो जाओ हमे निकलना है फास्ट

नितिका के ओडर मिलते ही सभी भागते हुवे रेडी होने जाते है बुलेट फ्रूफ जैकेट गन से लेस सभी खतरों से लरने के लिये तैयार

नितिका भी बुलेट फ्रूफ जैकेट पेहन लेती है गन को चेक करते हुवे
नितिका - चूहा बिल से बाहर निकल ही आये लेकिन अब उन चूहो का शिकार करने का वक़्त है किसी एक को भी नही छोरुगी

नितिका बाहर आती है तो नितिका की टीम पूरी रेडी होकर खरी थी

नितिका अपनी टीम को देख - किया तुम सब रेडी हो
नितिका की टीम पुरे जोस से एक साथ - जी मैडम
नितिका तेजी से आगे बढ़ते हुवे - तो फिर चलो जल्दी नही मे नही चाहती वो कमीने फिर हाथ से निकल जाये

नितिका आगे कि सीट पे बैठ जाती है बाकी नितिका कि टीम पीछे गारी तेजी से चल परती है

नितिका पर्मोध को फोन करती है पर्मोध फोन उठाता है

नितिका - हा पर्मोध उस कमीने पे नजर रखी है ना
पर्मोध - जी मैडम अभी भी वो बंदा मेरी नजरो मे है
नितिका - गुड हमे आने मे 10 मिनट लगेगे तब तक उस उस बंदे पे नजर बनाये रखो वो कहा जाता है
पर्मोध - समझ गया मैडम आप चिंता ना करे बस आप आ जाये जल्दी फोन कट
नितिका और तेज गारी चलाने के लिये केहती है नितिका बेचैन भी बहोत थी बरी मुश्किल से कोई नजर मे आया है और नितका उसको जाने देना नही चाहती थी

10 मिनट लग ही जाते है नितिका लाल चौक पे पहुँच जाती है नितिका गारी से उतर जल्दी से पर्मोध को कॉल करती है

नितिका - हा पर्मोध मे लाल चौक आ गई तुम कहा हो

पर्मोध एक जगह पेर के पीछे छुप कर उस बंदे पे नजर रख रहा था

पर्मोध - मैडम दाहिने 5 मिनट चलिये फिर खेतो की तरफ देखेगी तो आपको सिर्फ दो घर खेतो के बीच दिखाई देगा कुछ पेर भी है वही आ जाइये

नितका ये सुन पूरी तरह हैरान हो जाती है

नितका - ठीक है मे समझ गई ( नितिका अपने टीम को देख) जल्दी चलो मेरे पीछे

नितिका तेजी से भागते हुवे आगे बढ़ने लगती है नितिका कि टीम मे 15 लोग थे 4 लेडी पुलिस भी थी सभी नितिका को फलो करते हुवे नितिका के पीछे पीछे भाग रहे थे

थोरि देर बाद नितिका खेतो की तरफ देखती है थोरि दूर कुछ 5 आम के पेर और बास के बहोत सारे पेर भी थे 2 घर थे घास फुस के

नितिका आगे बढ़ती है और नितिका अपने टीम के साथ वहा पहुँचती है तो पर्मोध एक आम के पेर के पीछे छुपा नजर रख रहा था

नितिका पीछे मूर अपनी टीम को इसारे सी सांत और अपनी जगह लेके छुप जाने के लिये केहती है नितिका के इसारे समझ सभी टीम अपनी अपनी एक जगह ढूंढ छुप जाते है

नितिका पर्मोध के पास आके - किया इसी घर मे वो कमीना है
पर्मोध नितिका को देख - जी मैडम इसी घर मे गया है
नितिका घर और चारों तरफ देख कर मन मे - यहा तो चारों तरफ खुला खेत है खेतो के बीच गाव से हट कर दो घर वैसे ये जगह सही है लोगो की नजर से बच कर रेहने के लिये लेकिन उतना खतरा भी है कियुंकी चारों तरफ खुला खेत है

नितका घर को देखते हुवे पर्मोध से - ये बताओ इस घर मे कोन कोन रेहता है
पर्मोध नितिका को देख - मैडम ये जगह मे एक ही परिवार रेहते है निदेश उसकी वाइफ एक बेटे के साथ बेटी की सादी हो गई है तो वो अपने ससुराल रेहती है

नितिका - लेकिन गाव से दूर आके ये लोग यहा कियु रेह रहे है
पर्मोध - मैडम दिनेस गाव मे ही रेहता था लेकिन उसके परोसी बार बार दिनेस से लरते झगरते रेहते थे तो तंग आके दिनेस यहा आके रेहने लगा

नितिका - अच्छा ये बात है तभी सोचु कोई गाव से दूर खेतो के बीच कियु रेहने आयेगा

तभी एक घर से दो और बंदे निकलता है जिसे देख नितिका पर्मोध भी हैरान हो जाते है

पर्मोध - बंदे को देख मैडम ये दोनो तो यही है जिनकी आपको तलास थी
नितिका दोनो को यही आपके बहोत खुश हो जाती है
नितिका - सही कहा अच्छा हुवा दोनो कमीने यही एक साथ मिल गये ( तभी नितिका बहोत घबरा जाती हो बहोत टेंसन मे आ जाती है)

पर्मोध नितिका को देख- किया हुवा मैडम आप टेंसन और घबराई हुई कियु है
नितिका पर्मोध को देख - तुम्हे पता है ये दोनो कोन है
पर्मोध - नही मुझे नही पता
नितिका - ये दोनो रेपिस्ट है कई लरकियो औरतो का रेप कर चुके है और सबसे बुरी और खतरनाक बात ये है रेप करने की बाद दोनो उसे मार देते है बरी मुश्किल से इनके बारे मे पता चला तब से हर किसी को इसकी तलास मे लगे हुवे है किसने सोचा था ये हेवान यहा गाव मे ही मिल जायेंगे और में डरी घबराई टेंसन मे इस लिये हु कियुंकी ये यहा है निदेश के घर मे तो निदेश और उसकी बीवी समझ गये मुझे उनकी चिंता है उसका किया कैसे है
नितिका की बात सुन पर्मोध भी घबरा जाता है पर्मोध को भी दिनेस और उसकी बीवी बेटे कि चिंता होने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाहर खरे बाते कर रहे थे रेपिस्ट 2 ये वही बंदा है जिसे पर्मोध ने देखा था

दोनो रेपिस्ट है हमेसा अपने आसान शिकार को ढूढ़ते रेहते है कोई मिल गया तो उसका रेप करते है फिर मार देते है आप इन्हें साइको रेपिस्ट सीरियल किलर भी केह सकते है अब तक इन दोनो ने 25 से जायदा लरकी औरतो का रेप कर उन्हे मारा है जिसकी तलास मे हर फोर्स लगी हुई है

नितिका अपने उंगली के इसारे से अपनी टीम को चारों तरफ फैल कर घेर लेने के लिये केहती है नितिका के इसारे पाके सभी टीम धीरे धीरे चारों तरफ फैलने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाते करते मे लगे हुवे थे इन सब से अंजान

रेपिस्ट 2 - यार मजा आ गया जैसे तुमने बोला था गाव की औरतो की चुदाई करने का मजा ही अगल है

रेपिस्ट 1 सिग्रेट पीते हुवे - बोला था ना गाव की औरते संस्कारी और भरी हुई होती है उसकी चुत मारने का मजा ही अगल आता है लेकिन वही सेहर की बात करे तो साली उसका तो खुद कई लोगो से अफेयर चलता रेहता है चुदवाती रेहती है मॉडल बन कर भूमती रहती ही अगर उनके सामने मोटा पैसा फेक दो तो जल्दी ही घोरी बन जायेगी लेकिन गाव की औरते मे बहोत कम ऐसी होती है उनको उनकी इजत बहोत प्यारी होती है देखा नही कैसे गीरगिरा रही थी प्लेस मुझे कुछ मत करो मुझे जाने दो मेरे सरीर तो टच मत करना

रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - सही कहा लेकिन वो जितना गीरगीरा रही थी हाथ पैर मार रही थी मेरे अंदर उतना ही जोस बढ़ रहा था कसम से अभी भी दिल नही भरा उसकी चुत मार कर

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 को देखता है और दोनो सैतानो की तरह पागलो की तरह हसने लगते है
रेपिस्ट 1 - चलो तो फिर एक राउंड और मार लेते है अब तो गाव की औरतो की ही लेगे
रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - जरूर मुझे भी गाव की औरतो की चुदाई का चस्का लग गया है


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दोनो अंदर जाते है एक कमरे मे दिनेस की बीवी पूरी नंगी बिस्तर पे लेती हुई थी दूसरे कमरे मे दिनेस और उसका बेटा था जिसे बांध कर रखा गया था

दोनो अंदर जाते है तो दिनेस की बीवी जिसका नाम रेमा था दोनो को देख फिर काप् जाती है थर थर कापने लगती है रेमा को कापते डरते देख दोनो रेपिस्ट शैतानी हसी हसने लगते है

रेपिस्ट 1 रेमा को देख - मेरी बुलबुल चलो घोरी बन जाओ तेरी चुत बहोत फूली रस से भरी है इतनी बार चुदाई कर के भी दिल नही भरा
रेमा कापते हुवे दोनो रेपिस्ट को देख आखो मे आसु लिये हाथ जोर
रेमा - प्लेस मुझपे रेहम करो मे अब और नही कर पाउंगी मुझे दर्द हो रहा है जलन हो रही है प्लेस मत करो मेरे साथ जाने दो हमे

रेपिस्ट 1 अपना सर पकर पागलो की तरह हस्ते हुवे शैतानी चेहरा बना के रेमा को देख - बुलबुल चुप चाप घोरी बन जाओ नही तो तेरे पति बचे


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इतना सुनते ही रेमा रोते हुवे कापते हुवे घोरी बन जाती है जिसे देख दोनो रेपिस्ट लार तपकाते हुवे रेमा की बरी गांड चुत को देख पागल होने लगते है

बाहर नितिका की टीम चारों तरफ फैल चुकी थी नितिका अपना गन हाथो मे लेके धीरे धीरे अपने साथ दो लोगो को लेकर घर के अंदर दाखिल होती आँगन मे जाने के बाद नितिका को एक कमरे मे से धीमा आवाजे सुनाई देती है नितिका धीरे धीरे कमरे के दरवाजे के पास जाती है तो नितिका को अंदर से आह मर गई प्लेस मत करो फट फच् की आवाजो के साथ रोने की आवाजे सुनाई देती है ये सुन नितिका की रूह काप् जाती नितिका को समझते देर नही लगी अंदर किया चल रहा है

नितिका की सासे तेज हो जाती है मुठी गुस्से से कस जाती है सरीर का खून उबाल मारने लगता है नितिका रेपिस्ट हत्यारों को देखना भी पसंद नहीं करती थी और देख ले तो नितिका एक भयानक रूप मे आ जाती है जिसे देख कोई भी काप् जाये नितिका के साथ सुरु से जो रेहते आये है उन्हे अच्छे से पता है


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नितिका कापते हाथो से दरवाजा जो खुला था नितिका धीरे से दरवाजे को खोल अंदर देखती है तो नितिका की आखे फैल जाती है अंदर मे दोनो रेपिस्ट रेमा की चुदाई करने के लगे हुवे थे सिन बहोत भयानक था नितिका के लिये और रेमा के लिये भी रेमा रोये जा रही थी गीरगिराते जा रही थी लेकिन दोनो दरिंदे रेमा का रेप किये जा रहे थे

दोनो रेपिस्ट रेमा के रेप करने मे खोये थे इस लिये उन्हे पता भी नही था उसकी मौत सामने है नितिका अपने आप को रोक नही पाती और तेजी से जाके दोनो के ऊपर गन तान देती है नितिका के साथी टीम के दोनो लोग भी

अचानक पुलिस को सामने देख दोनो की फट जाती है नितिका गुस्से से दोनो को देख - कमीनो जल्दी से अपना हाथ उपर करो
दोनो रेपिस्ट जल्दी से अपना हाथ उपर कर देते है नितिका अपने साथी को इसारे से दोनो का हाँथ बांध देने के लिये केहती है वही रेमा रोते हुवे चादर से अपने आप को धक लेती है और फुट फुट कर रोने लगती है

दोनो रेपिस्ट के हाथो को बांध दिया गया था नितिका रेमा के पास जाके रेमा को बाहों मे लेके रेमा को चुप कराने लगती है

रेमा नितिका के बाहों मे रोते हुवे - इन दोनो कमीनो ने मुझे दो दिन दो रात से हेवानो की तरह मेरी इज़त लूटी है दिल कर रहा था अपनी जान दे दु लेकिन अपने पति बच्चो की सोच हिम्मत नही हुई ( रेमा दोनो रेपिस्ट को देख) मैडम इन दोनो कुत्तो ने मुझे बर्बाद कर दिया कही का नही छोरा मुझे इन दोनो का जान से मार दीजिये दोनो हेवान है जिन्दा मत छोरो इन्हें

नितिका रेमा के पीट सेहलाते हुवे - तुम चिंता मत करो ऐसा ही होगा

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 से गुस्से मे - कमीने तुझे कहा था ना बाहर मत जा देख आज हम पकरे गये ना
रेपिस्ट 2 - यार मुझे किया पता था ऐसा कुछ होगा

नितिका रेमा को पकरे पेहने के लिये केहती है फिर दोनो रेपिस्ट को गुस्से से देखने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को देख

रेपिस्ट 1 - देखो मैडम हमे जाने दो उसके बदले आप जितना पैसा मागोगे मिलेगा
रेपिस्ट 2 नितिका को उपर से नीचे तक देख लार चुवाते हुवे
रेपिस्ट 2- हा जितना चाहो पैसे देने के लिये तैयार है तुम चाहो तो ( रेपिस्ट नितिका के बरे चुचे देख हवस भरी नजरो से) हम तीनों यहा मजा कर सकते है उसके पैसे तुम्हे हम देगे

रेपिस्ट 1 नितिका को देख मुस्कुराते हुवे - तुम भी कमाल कि माल हो मेरे दोस्त ने सही कहा मान जाओ तुम्हे हम दोनो खूब मजा देगे

दोनो की बात सुन नितिका दोनो के पास आके दोनो का प्यार से देख
नितिका - अच्छा तो तुम दोनो मुझे मजा दोगे पैसे भी
दोनो रेपिस्ट खुश होते हुवे - हा सही बोला तूने
सारिका - कितने पैसे दोगे
रेपिस्ट 1 - कितना चाहिये
नितिका मुस्कुराते हुवे - 1 करोड़ काफी होगा
दोनो रेपिस्ट एक दूसरे को देखते है फिर मुस्कुराते है

रेपिस्ट 1 - मंजूर है
नितिका - किया तुम्हारे पास इतने पैसे है
रेपिस्ट 2 हस्ते हुवे - मैडम हमने कई अमीर औरतो के घर जाके उनका रस पिया ही मजे लिये तो साथ मे उनको लूट भी लेते है बहोत पैसे है ये बताओ आप रेडी है मजे करने के लिये

रेमा तीनों की बात सुन रही थी रेमा को समझ नही आ रहा था चल किया रहा है यही नितिका के साथ दोनो जो थे आराम से खरे थे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - मजे तो मुझे भी करने ही लेकिन फिर अभी फिल्हाल तुम दोनो दोनो जा सकते हो

नितिका कि बात सुन दोनो रेपिस्ट खुश हो जाते है तो यही रेमा का बहोत बरा झटका लगता है

नितिका अपने दोनो साथियों से - इन्हें बाहर ले चलो
नितिका के केहने पे दोनो रेपिस्ट को बाहर ले जाया जाता है
रेमा नितिका को देख - हैरानी से मैडम आप ये किया कर रही ही आप उनका साथ दे रही ही छि मुझे लगा आप उनको सजा देगी लेकिन आप तो उनसे भी बुरी निकली

नितिका रेमा कि तरफ देख - तुम जायदा नही बोल रही जाके देखो तुम्हारे पति बचे कैसे है

नितिका भी बाहर आ जाती ही नितिका के बाकी टीम अभी भी छुपे हुवे थे नितिका इसारा करती ही तो एक हवलदार दोनो रेपिस्ट के हाथो की रस्सी खोल देता है

नितिका दोनो को देख - ये बताओ मेरा पैसा कैसे मिलेगा मुझे
रेपिस्ट 1 - आप अपना अकाउंट नंबर दे दीजिये वादा है जो दिल हुवा था उतने पैसे आपके अकाउंट मे आ जायेंगे
रेपिस्ट 2 मुस्कुराते हुवे- या आप कहे तो खुद हम आपके पास आ जायेंगे फिर आपको पैसे भी दे देगे और मजे भी कर लेगे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है तुम दोनो खुद आ जाना मेरे पुलिस इस्टेशन लेकिन अभी जल्दी जाओ समझ रहे हो ना

दोनो रेपिस्ट- समझ गये जाने मन हम जा रहे है जल्दी ही मुलाकात होगी
नितिका मुस्कुराते हुवे - हा कियु नही अब जाओ

दोनो रेपिस्ट आराम से खेतो से होकर जाने लगते है थोरि दूर गये ही थे की डिस्कियाओ डिस्कियाओ दो गोली चलती है और दोनो रेपिस्ट के पैर मे जाके लगती ही दोनो रेपिस्ट जमीन पे ध्राम से गिर चिलाते हुवे नीचे गिर जाते है

नितिका के पीछे दो लेडी पुलिस मे से एक नितिका को देख - मैडम पेहले ऐसे ही करती पेहले तू जाने को बोलती उसको एक आस देती है फिर दोरा दोरा के मारती है

लेडी पुलिस 2 नितिका को देख - हमारी मैडम हत्यारो रेपिस्ट से बहोत नफरत करती है उन्हे तो देखना भी पसंद नही करती और गलती से भी कोई मैडम की हाथ लग गया तो समझो मर गया

रेमा नरेश उसका बेटा भी बाहर आते है तीनों का चिलाने कि दर्द मे रोने की आवाजे सुनाई देती है तीनों सामने खेतो मे देखते ही तो दोनो रेपिस्ट पैर पकर जोर जोर से दर्द मे चिल्ला रहे होते है रेमा ये देख हैरान होती है और नितिका को देखने लगती है

नितिका हाथो मे गन लिये दोनो रेपिस्ट की तरफ जाने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को अपनी तरफ हाथो मे गन लेकर आते हुए देखते है तो उसकी रूप काप् जाती दोनो को पेहली बार डर दर्द का एहसास होता और अपने पापो का मरने का भी

नितिका जब दोनो रेपिस्ट के सामने आखे खरी होती है तो दोनो नितिका के सामने गिर गिराते हुवे जान की भीख मांगने लगते है

नितिका गुस्से से लाल जहा दोनो को गोली लगी थी उसी जगह दोनो को अपने पैर से जोर से मारती है तो दोनो रेपिस्ट जोर से दर्द से चिलाने लगते है

नितिका दोनो को देख गुस्से से - डर दर्द मरने का एहसास हो रहा है ना वैसे ही तुमने जीतने मासूम लरकी औरतो का रेप किया वो भी तुम के सामने गीरगिराये होगे छोर देने के लिये लेकिन तुम दोनो के नही छोरा हेवानो की तरह जब तुम दोनो ने रेप किया होगा तब उन्हे दर्द हुवा होगा लेकिन फिर भी तुम लोगो नही रुके होगे बहोत बेदर्दी से जितनो को तुम लोगो ने मारा उन्हे भी मरने से डर लगा होगा दर्द हुवा होगा तुम्हारे सामने गिरगिराये होगे

नितिका दोनो के पैर एक एक गोली मारती है अब दोनो रेपिस्ट के दोनो पैर मे गोली लगी हुई थी दोनो जितना जोर से चिलाते ही की पीछे खरे लोग भी काप् जाते है

नितिका दोनो के बाल पकर दोनो को गुस्से से देख - तुम दोनो कि गन्दी जुबान से मेरे लिये गंदे शब्द सुन मेरा खून खोल रहा था दिल कर रहा था वही मार दु

नितिका दोनो को छोर - ठीक है चलो भागो मे तुम दोनो को नही मारुगी जल्दी करो नही तो मेरा मन बदल सकता है

नितिका कि बात सुन दोनो के अंदर एक आसा हिम्मत जाग जाती है दोनो नितिका को देख - सच केह रही है आप
नितिका - हा जल्दी करो भागो

दोनो रेपिस्ट उठने की कोसिस करते ही लेकिन उठ नही पा रहे थे लेकिन जान बचानी थी तो जैसे तैसे खरे होकर लंगड़ाते हुवे चल के भागने लगते है और नितिका दोनो को देखे जा रही थी

दोनो रेपिस्ट पूरी जि जान लगा के दर्द कि परवाह किये बगैर आगे थोरि दूर ही जाते है की दिशा दोनो के सर पे गन तान निसाना लगा के ढाये ढाये दो गोली चलाती है और दोनो गोली जाके दोनो रेपिस्ट के सर के आर पार निकल जाते ही और दोनो रेपिस्ट ध्राम से जमीन मे गिर जाते ही

नितिका अपना गन रखते हुवे - मे कोई हत्यारे रेपिस्ट को छोर दु सपने मे भी नही मेने वर्दी इसी लिये पेहनी ताकि तुम जैसे गंदगी का साफ कर सकु इस पिर्थवि से

नितिका फिर अपनी टीम के पास आ जाती है रेमा नितिका के पास जाके

रेमा - माफ करना मैडम मेने बिना जाने आपको बुरा भला कहा
नितिका रेमा को देख - आपकी कोई गलती नही है वहा कोई और होता तो वो भी यही सोचता मुझे तो आपके लिये दुख हो रहा है लेकिन आपको जीना होगा

फिर एम्बुलेंस रिपोटर आते है पूरे गाव मे ये बात फैल जाती है


अब आते है अभय दिशा की तरफ


अभय दिशा को लेकर घर निकल चुका था सभी आधे रास्ते मे पहुँच चुके थे वही दिशा पीछे अभय को पकरे बैठी हुई थी लेकिन बार बार हिल रही थी कियुंकी दिशा को नीचे दर्द जलन अभी तक था दिशा अपनी मा बेहन के सामने तो कैसे भी दर्द को छुपा कर रखा लेकिन दोनो के सामने नॉर्मल रही लेकिन अब सहा नही जा रहा था

अभय को भी ये एहसास होता है दिशा बार बार हिल रही है

अभय दिशा से - भाभी किया बात है आराम से बैठा भी नही जा रहा है किया

दिशा अभय की बात सुन गुस्से से मुह फुलाते हुवे - नही बैठा जा रहा कियुंकी किसी ने अपना मोटा लम्बा साप जबरदस्ती मेरे छोटे से बिल मे गुस्सा दिया था और रात भर घुसाता रहा वही बुघट रही हु

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है लेकिन मुझे लगता है मोटा लम्बा साप छोटे से बिल के अंदर जबरदस्ती गया भी तो किया हुवा मजा तो आया होगा ना बिल को भी साप को भी कियुंकी बिल बहोत गर्म था और साप को गर्म बिल बहोत पसंद आती है

अभय की बात सुन समझ कर दिशा सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा अभय के पीट पे मारते हुवे शर्मा के
दिशा - छी गंदे देवर जी आप ना अब बहोत गंदे हो गये है
अभय हस्ते हुवे - अरे किया करू रात को जो देखा किया उसके बाद तो हर सीन मेरे आखो के सामने आ रहे है

बेचारी दिशा सर्म से लाल होगा जाती है इसी बीच मस्ती मजाक करते हुवे अभय घर पहुँच जाता है बाइक कि आवाज सुन अदिति भागते हुवे बाहर आती है

अभय दिशा बाइक से उतर कर अंदर जाने ही वाले थे कि अदिति भाई केहते हुवे सीधा अभय पे कुद परती है अभय जल्दी से अदिति को पकर लेता है


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अभय अदिति को बाहों मे उठाये अदिति को देख हस्ते हुवे - तुम भी ना गुरिया अचानक आके मेरे उपर कुद जाती हो
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - किया करू आपको देखते ही अपने आप को रोक नही पाती
दिशा अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - आप दोनो की हरकते और प्यार कोई समझ नही पायेगा चलिये अंदर चलते है

अभय अदिति को बाहों मे लिये ही अंदर जाता है तो सामने ही आसा कमर पे हाथ रखे आँगन मे खरी थी अभय मा को देख मुस्कुराता है लेकिन आसा तो दिशा अभय को ही चिल की निगाह से देख रही थी

आसा अदिति को से देख - अदिति बेटा भाई की गोद से उतर मेरे पास आओ और ( आसा दिशा अभय को देख) तुम दोनो वही रुको

आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा हैरान और कंफ्यूज से आसा को देखने लगते है किसी को समझ नही आ रहा था

अदिति को देख थोरे गुस्से से - सुना नही किया मेने किया कहा
अपनी मा के गुस्से वाली आवाज सुन अदिति अभय कि गोद से उतर कर आसा के पास जाके खरी हो जाती है

आसा चलते हुवे दिशा अभय के पास जाके खरी हो जाती है
अभय दिशा अभी भी समझ नही पा रहे थे चल किया रहा है कियु आसा उनको रोक रही है

अभय आसा को देख - मा किया बात है हमे रोका कियु है
आसा दिशा अभय दोनो को देख - तुम दोनो मेरे सामने घुटने पे बैठो
आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा पूरी तरह से हैरान होकर आसा को ही देखने लगते है

आसा करक आवाज मे - कोई सवाल नही मेने जो कहा जल्दी करो
अभय दिशा एक दूसरे को देखते है समझ तो नही आ रहा था आसा ऐसा कियु कर रही है फिर भी आसा के सामने दोनो की कहा चलने वाली थी अभय दिशा घुटने पे आसा के सामने बैठ जाते है

अदिति आसा को देख हैरानी से - मा आप ये किया कर रही है
आसा अदिति को देख - तुम चुप रेह पता चल जायेगा
आसा अभय अदिति को देख - चलो तुम दोनो अपने कान कपरो
आसा की बात सुन फिर अदिति दिशा अभय हैरान हो जाते है
अभय आसा को देख - मा ये आप किया कर रही है
आसा अभय दिशा को देख - सवाल नही जैसा मेने कहा करो
अभय दिशा फिर एक दूसरे को देखते है फिर हार मान कर अपने दोनो कान पकर आसा को देखने लगते है

आसा अभय दिशा को देख - चलो अब तुम दोनो अपनी गलती कबूल करो जल्दी
आसा की सुन फिर सही हैरान होते है और किसी का समझ नही आता खास कर अभय दिशा को की आसा किस गलती को कबूल करने के लिये केह रही है

आसा अभय दिशा को देख एक शैतानी मुस्कान देते हुवे - समझ नही आ रहा था मे कोन सी गलती कबूल करने के लिये केह रही हु ठीक है तुम दोनो के लिये आसान कर देती हु तुम दोनो वहा रात को जो कांड कर के आये हो उसी की गलती को कबूल करने के लिये केह रही हु अब समझ मे तुम दोनो को आ गया होगा

आसा की बात सुन अभय दिशा को जोर का झटका लगता है दोनो को ऐसा लगता है नीचे से जमीन गायब होगी हो आखे फैल जाती है सरीर के रोवे खरे हो जाते है माथे से पसीना आने लगता है

दोनो की हालत देख आसा अंदर ही अंदर जोर जोर से हस्ते जा रही थी
वही अदिति माथे को खुजलाते हुवे - लगता है मा पागल हो गई है आखिर भाभी भाई वहा रात को कोन कांड किये है भला जिसकी वजह से भइया भाभी को नीचे बैठाये हुवे है

आसा अदिति की बात सुन अदिति के सर मे जोर से मारते हुवे - बरी हो गई लेकिन समझ एक पैसे कि नही मे कोई पागल नही हु समझी

आह लग गई करते हुवे अपना सर पकर लेती है

वही अभय दिशा की चोरी पकरे जाने के बाद दोनो डर से कापने लगते है दोनो के पसीने निकल तप तप नीचे गिरे जा रहे थे अभय दिशा एक दूसरे को देखते है
अभय मन मे - कैसे कैसे मा को कैसे पता चला वहा रात को हमने क्या किया है कैसे अब किया होगा मेरा मेरे तो लग गये थु है मुझपे पेहली बार चुदाई मे ही पकरा गया वो भी मा सब से

दिशा सर्म से नजरे नीचे किये हुवे मन मे - किया सासु मा को पता चल गया हमारे बीच जो हुवा सब कुछ लेकिन एक बात समझ नही आ रही मम्मी जी को पता कैसे चला कैसे कैसे

आसा अभय दिशा को सोचता देख समझ जाती है दोनो किया सोचने मे लगे हुवे है

आसा मुस्कुराते हुवे अभय दिशा को देख - तुम दोनो यही सोच रहे हो ना मुझे ये कैसे पता चला
आसा की बात सुन अभय दिशा आसा की तरफ डर के शर्म से देखने लगते है
आसा को देख हस्ते हुवे - देखो तो अभी सर्म आ रही है करते वक़्त नही आई
आसा की बात सुन अभय दिशा फिर नजरे नीचे कर लेते है
आसा मुस्कुराते हुवे - बहु मुझे तुम्हारी मा ने बताया रात को तुम दोनो तो लगे परे थे सब भूल कर अब समझ मे आया मुझे कैसे पता चला

एक और बरा झटका अभय दिशा को लगता है

अभय मन मे - क्या सासु मा को पता चल गया था लग गये किया सोच रही होगी मेरे बारे मे मेरी तो इज़त की ऐसी की तैसी हो गई

दिशा मन मे - किया मा ने देख लिया हे उपर वाले ये किया हो गया अब किया होगा मुझे इतनी सर्म आ रही है की कही मे सर्म से मर ना जाऊ

अदिति आसा से - मा मुझे बताओगी भी चल किया रहा है मुझे तो कुछ समझ मे नही आ रहा
आसा अदिति की बात सुन अपना सर पकर के - तेरा दिमाग है या उसमे भूसा भरा है ( आसा अदिति को देख) तेरा प्यारा भाई भाभी वहा रात मे एक पति पत्नी के बीच जो होता है वही कर के आये हो अब समझी की और अच्छे से समझाउ

आसा कि बात सुन अब जाके अदिति को सब माजरा समझ मे आता है अदिति अभय दिशा को देख मुह पे हाथ रखते हुवे जोर से चिल्ला के किया

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Har baar ki tarah Awesome.
Wait for next update.

Ab dekhna hai aasha kaise Abhay aur Disha ki shaadi karwati Hai.
 
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