Naik
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Badhiya shaandar updatechapter 14
रात 3 बजे
अभय अभी भी लगा हुवा था दिशा की चुदाई करने मे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे हाफ रहे थे दिशा की हालत बहोत खराब हो गई थी आखो से आसु निकल रहे थे दिशा को बहोत दर्द हो रहा था जलन भी
सर्म की वजह से दिशा ने अभय से कुछ बोला नही था लेकिन अब दिशा सेह नही पाती और दिशा को अभय से बोलना ही परता है अभय धक्के मे धक्का मारे जा रहा था कियुंकी सेक्स का चस्का जो लग गया था
अभय दिशा को के ऊपर था जोर जोर से धक्का मारे जा रहा था दिशा रोते हुवे अभय को देख - बस कीजिये देवर जी कितना करेगे मुझे वाहा दर्द और जलन दोनो हो रही है और आप है की जोर जोर से धक्का मारे जा रहे तो मुझे और दर्द हो रहा अंदर लग रहा है मुझे अब तो रुक जाइये मुझसे दर्द सहा नही जा रहा
अभय दिशा को देख धक्का मारते हुवे हाफते हुवे - बस भाभी हो ही गया थोरि देर और सेह लीजिये ; दिशा आखो मे आसु लिये आह मा मर गई देवर जी धीरे धक्का मारिये ना दर्द हो रहा है आप पुरा अंदर तक घुसा दे रहे है ऐसा लग रहा है अंदर के चमरे छील गये है (दिशा अभय के सीने पे दोनो हाथ रख अभय को धीरे से रोकने लग जाती ताकि अभय पुरा अंदर तक ना डाले )
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अभय जोर से धक्का मारता है दिशा आह मा मर गई करते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देखती है अभय दिशा को देख एक और जोर का धक्का मारता है दिशा अभय को देख रोते हुवे इतना जोर से कियु धक्का मार रहे है कहा ना मुझे दर्द हो रहा है ; अभय - बस मेरा आने वाला है भाभी ;दिशा अभय को पकर लेती है अभय जोर से एक धक्का मारता है दिशा की सासे रुक जाती है और दोनो झर जाते है
रात के 4 बज रहे थे अभय बिस्तर पे परा हाफ रहा था पसीने से भीगा हवा तो वही दिशा का पुरा सरीर दर्द से काप् रहा था दिशा अपना पैर भी दर्द की वजह से हिला नही पा रही थी दिशा अपने आसु साफ करते हुवे बिस्तर पे परी पसीने से हाफ रही थी 10 मिनट बाद
अभय दिशा के तरफ पलट कर दिशा को बाहों मे लेके दिशा के आखो मे देखता है दिशा अभय को देखती है दिशा के आखो मे दर्द साफ दिख रहा था अभय को अब अपने आप मे गुस्सा आने लगता है दिशा की हालत देख कर
अभय दिशा के आखो मे देख अपने आखो मे आसु लिये - माफ कर देना भाभी अपने मजे में इतना डूब गया था की मेने आपका दर्द देखा ही नही मेने अपनी प्यारी भाभी जो मुझे इतना प्यार करती है मानती है मेने उनके साथ इतना गलत किया दर्द दिया ( अभय के आखो से आसु निकल बिस्तर पे गिरने रगते है)
अभय दिशा के गाल को प्यार से सेहलाते हुवे - मे आप का गुनेगार हु आप मुझे जो सजा देगी मुझे मंजूर होगा मुझे सोच कर ही की मेने आपके साथ इतना बुरा किया मेरा दम घुट रहा है अपनी प्यारी भाभी को दर्द दिया जिससे मेने वादा किया था मे आपको हमेसा खुश रखुंगा कोई तकलीफ नही होने दुगा आज मेने उसका उल्टा ही कर दिया आप को दर्द दिया आप को रुलाया मेने मे अपने आप को एक अच्छा इंसान समझता था लेकिन
दिशा बीच मे ही अभय के होठो पे उंगली रख कर - आगे कुछ मत कहिये आप बहोत अच्छे है देवर जी अपने आप को बुरा मत कहिये हा आप ने मुझे दर्द दिया मुझे रुलाया भी लेकिन इसमें आपकी कोई गलती नही है सच ये है मेरे प्यारे देवर जी मुझे भी बहोत मजा आया इतना की मे आप को सब्दो से बता ना पाउ हा दर्द भी बहोत दिया आप ने लेकिन मे आप को एक बात बताना चाहती हु आपका जितना बरा है आपके अंदर जितनी पॉवर है आप किसी भी लरकी या औरत हो खुश कर सकते है मे तो ये कहूगी जो आपका एक बार लेगा बार बार आपको ही याद करेगा आपके अलावा किसी के साथ उसे मजा भी नही आयेगा लेकिन उसी के साथ ये भी है पेहली बार आपका लम्बा मोटा लेगा कोई 4 बच्चो वाली औरत भी लेगी तो उसकी भी फट जरूर जायेगी और हा दर्द औरतो को और मजा देता है लेकिन लिमिट मे ये आपको याद रखना है पेहली बार करे तो समझ गये
अभय आसु साफ करते हुवे - अच्छा तो मे दूसरे के साथ चुदाई का मजा ले सकता हु लेकिन ध्यान से लिमिट मे अच्छा है ध्यान रखुंगा मे आगे से
अभय की बात सुन दिशा का गुस्सा हाई पे आ जाता है दिशा अभय के चेहरे को पकर आखो मे देख गुस्से से
दिशा - मेने आपको एक इनजाम्पल दिया था ना कि बाहर जाके किसी के साथ मजे करने के लिये बोला अगर बाहर किसी के साथ मुह काला कर के घर आये तो याद रखना मे आपका लंड काट कर फेक दुगी समझ गये बाहर मजे लेने है वाह केह किया दिया हवा मे उड़ने लगे
दिशा का ये रूप देख अभय उपर से नीचे तक काप् जाता है
अभय हकलाते हुवे दिशा को देख - भाभी मे भी तो मजाक कर रहा था मे भला बाहर किसी के साथ कियु कुछ करुगा आप है ना मेरी खूबसूरत हॉट प्यार भाभी
अभय कि बात सुन दिशा अभय को छोर सांत होते हुवे
दिशा - सही है याद रखना नही तो जिस दिन पता चला आपका बाहर किसी के साथ चक्कर है यकीन मानिये मेने जो कहा कर कर दुगी
अभय डरते हुवे मन मे - अरे यार भाभी तो ऐसे बात कर रही है मुझपे गुस्सा कर रही है जैसे वो मेरी बीवी हो अरे यार मे किया सोचने लगा अभी मुझे भाभी को सांत करना चाहिये
अभय दिशा को बाहों मे लिये किस करते हुवे - मे वही करुगा जो मेरी प्यारी भाभी कहेगी
disa दिशा अभय को देख करते हुवे मुस्कुरा के - करना ही परेगा नही तो
अभय डरते हुवे - समझ गया समझ गया अब हमे सोना चाहिये
दिशा अभय के बाहों मे समा के दोनो एक दूसरे को पकर सो जाते है कियुंकी दोनो बहोत थके हुवे थे तो जल्दी ही नींद आ जाती है
सुबह होने वाली थी थोरा थोरा अंधेरा था तभी दिशा की आखे खुलती है दिशा अपने आप को नँगा देखती है फिर अभय को उसके बाद रात का सीन याद आता है तो सर्म से पानी पानी हो जाती है
तभी दिशा घबरा जाती है दिशा जल्दी से फोन उठा के टाइम देखती है तो उसके होस उर जाते है
दिशा अभय को गुस्से मे देख मन मे - देखो तो कितने आराम से सो रहे है रात को मेरी बजा के जैसे किसी की परवाह ही नही
दिशा अभय के मुह पे हाथ रख अभय के कमर पे जोर से चिमटी काट लेती है अभय दर्द से आह मा करते हुवे उठ जाता है लेकिन अभय की आवाज अंदर ही रेह जाती है अभय दिशा को देखता है दिशा अभय को गुस्से से देख
दिशा - हाथ हटा रही हु कोई आवाज नही समझ गये
दिलीप दिशा को इसारे से - हा ठीक है
दिशा अभय मे मुह से हाथ हटा लेती है
अभय उठ कर बैठ जाता है और अपने कमर को जहाँ दिशा से चिमटी काटी थी सेहलाते हुवे - आप ने मुझे चिमटी कियु काटी बहोत दर्द हुवा मुझे
दिशा अभय को देख प्यारा सा सेहरा बना के अभय के गालो को सेहलाते हुवे
दिशा - अरे रे मेरे प्यारे देवर जी को बहोत दर्द हुवा लेकिन आपने जो अपना मोटा लम्बा मेरी छोटी बिल मे डाला तो मुझे तो दर्द हुवा ही नही
अभय समझ जाता है दिशा उसको ताना मार रही है
अभय सर नीचे कर भोले आवाज मे - आप अभी भी नाराज है किया
दिशा अभय के आखो मे देख प्यार से - नाराज नही हु प्यारे देवर जी बल्कि आप मेरे कमरे मे सुबह होने वाली है किया आप चाहते है सब को पता चले आप ने मेरी ली है हा बोलिये चाहते है तो चलो सोते है फिर
दिशा की बात सुनते ही अभय की भी हालत खराब हो जाती है उसे समझ मे आता है दिशा उसकी बीवी नही है जो कोई उसे कुछ नही कहेगा
अभय दिशा को देख - भाभी समझ गया मे
अभय जल्दी जल्दी कपड़े पेहन कर रेडी हो जाता है दिशा भी रेडी हो जाती है
अभय - ठीक है भाभी मे जाता हु
दिशा अभय को गले लगते हुवे अभय को प्यार से आखो मे देख
दिशा - आज की रात मे मरते दम तक नही भुलुगी ( ये केह दिशा अभय को किस करने लगती है
अभय भी दिशा को बाहों मे पकर किस कम सुरु कर देता है दोनो एक दूसरे के होठो का रस चूस कर पीने लगते है 2 मिनट बाद
अभय दिशा को देख - मे भी भाभी आज की ये रात कभी भूल नही पाऊगा आई लोव यू भाभी
दिशा अभय को देख - आई लोव यु देवर जी
अभय अपने कमरे मे फिर आ जाता है और बिस्तर पे सो जाता है नींद पूरी नही हुई थी रात भर तो लगे परे थे दिशा का भी वही हाल था तो दिशा भी सो जाती है
सुबह 9 बजे
अभय आराम से कमरे मे बिस्तर पे परे नींद पूरी करने मे लगा हुवा था तो वही दिशा भी सोई हुई थी बाकी सभी उठ कर रेडी होकर खाना बनाने मे भी लग गये थे
पूजा रोटी बनाने मे लगी हुई थी तो वही तारा पास मे ही खाट पे बैठी हुई थी
पूजा तारा से - मा ये दोनो भाभी देवर एक जैसे है अभी तक सो रहे है लेकिन दीदी तो हमेसा सुबह ही उठ जाया करती थी पर आज पेहली बार देख रही हु दीदी इतनी देर तक सो रही है
तारा एक नजर पूजा को देखती है फिर पूजा से - खाना बनाने पे ध्यान दे मे जाके दिशा को जगा देती हु
पूजा - हा हा ठीक है आपकी लाडली तो को जाके जगा दीजिये
तारा दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरी होके - दिशा बेटी उठ जा कब तक सोती रहेगी सुबह के 9 बज चुके है उठ जा बेटी
तारा की आवाज सुन दिखा की नींद टूट जाती है और दिशा अपनी आखे खोलती है तो दिशा को एहसास होता है आज वो बहोत देर तक सोती रही है
दिशा तारा से - मा मे उठ गई हु आप चलिये मे आती हु
तारा - ठीक है बेटी
दिशा उठने की कोसिस करती है तो एक दर्द कि लेहर पूरे सरीर मे डोर जाती है दिशा के नीचे भी बहोत जलन दर्द हो रहा था दिशा बरी मुश्किल से उठ कर बैठती है तभी दिशा की नजर बिस्तर पे जाती है तो दिशा के पूरे होस उर जाते है कियुंकी बिस्तर खून और दिशा अभय के पानी से सना हुवा था दिशा अपना सर पकर लेती है
दिशा अभय को सोच मन मे - अब मे किया करू अगर ये सब मा छोटी ने देख लिया तो मे तो गई ये सब देवर जी की करनी है मुझे अपने ही घर आके मेरी बजा दी और मेने बजवा भी ली उनकी वजह से आज मे इतना देर उठी हु और (दिशा अपनी कमर पकर के ) हाय मेरा पुरा सरीर दर्द कर रहा है और मेरी मुनिया का तो बुरा हाल है
दिशा जैसे तैसे खरी होकर बिस्तर के ऊपर जो चादर जिसपे खून पानी गिरा था जल्दी से उसे उठा के एक जगह रख देती है
दिशा मन मे - मुझे इस चादर को सभी से छुपा के जल्दी से पानी मे डालना पड़ेगा
दिशा लंगराते हुवे चल के दरवाजे कि तरफ जाते हुवे - किया हाल कर दी है मेरी चला भी नही जा रहा हे उपर वाले किसी को सक ना हो
दिशा धीरे से नजर बचा के घर के पीछे थोरि दूर जाके एक जगह मे बैठ जाती है हल्का होने के लिये जब दिशा पिसाब करती है तो दिशा चुत मे जलन दर्द होता है
दिशा आह मा ये दर्द जलन सब देवर जी का किया है इतना मोटा लम्बा लंड कैसे मेने अपनी छोटी छेद मे लिया और दर्द साहा है वो याद कर मेरा सरीर काप् जाता है
हल्का होने के बाद दिशा घर आती है
दिशा नहाने के लिये जाते टाइम चादर को लेकर सब की नजर से बच के नहाने चली जाती है और पेहले चादर को धो देती है फिर नहाने लगती है फिर नहा के कमरे मे आके रेडी हो जाती है और आँगन मे आती है
पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है दीदी आज पेहली बार इतनी देर मे उठते देखा है
दिशा अंदर से घबरा जाती है लेकिन दिखती नही
दिशा मुस्कुराते हुवे - अरे वो किया है ना पता नही कियु रात को नींद जल्दी आ ही नही रही थी देर से नींद आई ना इस लिये
पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है वैसे आपका प्यारा देवर अभी भी कुमकरन की तरह सो रहा है किया वो हमेसा इतनी ही देर सोते रेहते है
दिशा पूजा को देख - अरे नही वो तो ( तभी दिशा अरे ये मे किया बोल रही हु ऐसे मे पूजा को सक हो सकता है की दोनो को नींद कियु नही आई तो मे किया जवाब दुगी)
पूजा दिशा को सोचते देख - किया हुवा दीदी कुछ बोल रही थी आप
दिशा होस् मे आते हुवे - हा हा वो इतने देर तक सोते रेहते है
पूजा हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है समझ सकती हुई सब के लाडले है तो कोई जागता नही होगा सुबह सुबह
दिशा मुस्कुराने का दिखावा करते हुवे - सही कहा मे जाके देवर जि को जगा देती हु
पूजा हस्ते हुवे - हा जाइये जाइये अपने प्यारे दुलारे देवर जि को जगा दीजिये
दिशा पूजा को घूर के देखती है फिर अभय के कमरे के दरवाजा खोलती है तो खुल जाता है अभय को बहोत नींद आ रही थी तो दरवाजा बंद किये बगैर ही सो गया था
दिशा अंदर जाती है तो देखती है अभय आराम से सो रहा था अभय चैन की नींद सोता देख दिशा को अच्छा फिल होता है दिशा को अभय पे प्यार आने लगता है
दिशा अभय को देख मन मे - सोते हुवे कितने प्यारे लग रहे है ( लेकिन दिशा रात को जो हुवा उसे याद कर शर्मा के ) लेकिन प्यारे देवर जी के पास एक बरा हथियार है जो किसी की जान निकाल दे ले लेकिन किसी ने सेह लिया तो मजा भी देता है
दिशा खुद सोच अपना चेहरा दोनो हाथो से धक कर सर्माने लगती है
दिशा अभय के पास जाके अपना झुक कर अभय के होठो पे किस करते हुवे - मेरे प्यारे देवर जी उठ जाइये कब तक सोते रहेगे 10 बजने वाले है
दिशा की आवाज सुन अभय आखे खोल दिशा को देखता है फिर अभय को याद आता है उसने रात को किया कांड किये है तो अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को देखता है दिशा अभय को मुस्कुराते हुवे देख समझ जाती है लेकिन दिशा अभय से दूर भाग पाती तक तक अभय दिशा को पकर बिस्तर पे लेता के दिशा के ऊपर आ जाता है
दिशा अभय के लीचे दबी हुई दरी हुई अभय को देख रोने सी आवाज मे - देवर जी प्लेस मुझे जाने दीजिये कोई देख लेगा
अभय दिशा को प्यार से देख - थोरा प्यार कर लू अपनी भाभी को
दिशा डरते हुवे - नही मे अभी नहा के आई हु और वो ( शर्मा के) नीचे बहोत जलन दर्द भी तो समझिये ना प्लेस
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा समझ गया मे आपके साथ जोर जबरदस्ती नही करुगा
दिशा अभय को देख - आप गलत समझ रहे है मेरे केहने का मतलब है अभी टाइम सही नही है और मेरे वहा दर्द भी है बाद मे कर लेना ना जितना करना है
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है जैसा मेरी प्यारी भाभी कहे लेकिन किस तो कर ही सकता हु ना
दिशा अभय को देख - हा किस कर सकते है
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दिशा के केहते ही अभय दिशा के होठो को चूसने लगता है जिब को मुह मे लेके पीने लगता है दिशा भी पूरे जोर सोर से अभय के जिब को मुह मे लेके चूसने लगती है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस पीते है फिर दोनो एक दूसरे के आखो मे देखते है
दिशा अभय को देख शर्मा के - देवर जी अब मेरे उपर से हतिये नही तो फिर मुझे तैयार होना परेगा
अभय दिशा को देख - आई लोव यू भाभी
दिशा भी मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू देवर जी
अभय फिर दिशा के ऊपर से हट जाता है तो दिशा खरी होकर अपने बाल सारी सब सही कर अभय को देख - आप बहोत बुरे है देवर जी ये केहते हुवे कमरे से भाग जाती है
अभय दिशा को जाते देख मुस्कुराते हुवे - और आप बहोत अच्छी प्यारी हो भाभी
अभय भी अपना काम कर नहा के रेडी होकर बाहर निकाल आस पास के नजारे को देखने लगता है फिर रात को जो हुवा उसे याद कर अभय मन मे - यकीन कर नही पा रहा हु रात जो भाभी मेरे बीच हुवा उसपे लेकिन ऐसा हुवा है मेरा पेहला सेक्स मेरा पेहला अनुभव पेहला सेक्स फीलिंग सब बहोत कमाल का रहा और ऐसा हो भी कियु ना पेहला सेक्स मेरी खूबसूरत प्यारी भाभी के साथ जो हुवा है
अभय सोचो मे गुम ना तभी पीछे से पूजा आते हुवे - किसके ख्यालों मे खोये हुवे के जीजा जी
पूजा की आवाज सुन अभय होस् मे आते हुवे पीछे मुर पूजा को देखता है पूजा आज भी बहोत कमाल की लग रही थी
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे सामने इतनी खूबसूरत लरकी है तो मे उसी के बारे मे सोचुगा ना साली जी
पूजा अभय के पास आके अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे जीजा जी मेरे बारे मे सोचना छोर दीजिये आपको कुछ नही मिलेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - कोसिस नही करुगा तो पता कैसे चलेगा
पूजा अभय के और पास आके अभय की आखो मे देख - जीजा जि सपने देखने से आप को नही रोकूगी लेकिन सपने सच नही होते
अभय पूजा की आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - जानता हु साली जी लेकिन कई सपने पूरे भी हो जाते है किया पता मेरी भी पूरे हो जाये
पूजा मुस्कुराते हुवे - तो फिर देखते रहिये सपने लेकिन आपका ये सपना पुरा नही होगा मे जानती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही तो फिर मे किसी और के सपने देखने लगूगा
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अभय की बात सुन दिशा अभय के पेट मे जोर से मुक्का मारते हुवे - ठरकी जीजा ( केहते हुवे चली जाती है )
अभय पूजा को जाते देख पेट पकरे आह मार डाला रे मेने तो बस थोरि मस्ती की तो मुझे मारा कियु उपर से मुक्के मे दम बहोत है
अभय अपने आप को संभाल कर फिर नजारे का मजा लेने लगता है पॉकेट मे हाथ डाले गाना गुनगुनाते हुवे तभी अभय की नजर थोरि दूर आते हुवे एक लरकी पे परती है तो अभय उस लरकी को देखने लगता है 1
लरकी जब अभय के पास पहुँचती है तो अभय कि नजर लरकी के दो बरे बरे चुचे मे जाती है तो अभय कि नजर उस पर ठीक जाती है अभय सब भूल कर लरकी के बरे बरे चुचे को देख कर मजे लेने लगता है
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तभी कोई आके अभय के कान को पकर जोर से घुमा लेता है अभय दर्द से आह करते हुवे पीछे देखता है तो अभय की फट जाती है दिशा गुस्से से अभय को देखे जा रही थी
वही जो लरकी थी आराम से वहा से चली जाती है लेकिन अभय बेचारा थोरे मजे के चक्कर मे फस गया था
अभय दिशा को देख डरते हुवे हकलाते हुवे - भाभी जो आप मेरे कान को कियु पकरी है दर्द हो रहा है छोर दीजिये ना
दिशा अभय के कान को और जोर से पकर अभय को देख गुस्से से - आप की नजर कहा पे थी आप किया देख रहे थे
अभय दर्द मे - भाभी मे तो गाव के नजारे का देख रहा था सच्ची आप को सायद गलतफमि हो गई है
दिशा अभय के कान को जोर से खीच के - अच्छा मुझे गलतफमि हो गई है अब आप मुझसे झुठ बोलगे आपको किया लगता है मेने देखा नही आपको कैसे उसके बरे बरे को देखे जा रहे थे जैसे खा ही जाइयेगे
अभय की और फट जाती है
दिशा अभय के कॉलर को पकर अपना चेहरा अभय के एकदम सामने लाने अभय की आखो मे देख गुस्से से - मेने जो कहा सायद आप भूल गये इतनी जल्दी बोलो को आपके पप्पू को काट हु
अभय जल्दी से अपने पप्पू को छुपाते हुवे डरते हुवे दिशा को देख
अभय - भाभी ऐसा मत कीजिये पप्पू बिना मे आपको प्यार कैसे कर पाऊगा
अभय की बात सुन दिशा बहोत शर्मा जाती हो लेकिन अभय के सामने जाहिर नही होने देती और अपना चेहरा गुस्से वाला ही बना के रखती है
दिशा अभय को देख - जब ऐसा है तो बाहर किसी पे नजर कियु डाल रहे है मे हु तो आपके पास मेरे पास भी बरे बरे हो रात को तो मजे से आप ने दबाया चूसा भी है ये लास्ट है फिर देखा तो आपका पप्पू सो टाइम काट दुगी फिर देखते तारते रेहना जितना दिल करे
दिशा अभय के कान छोर अभय के पेट मे एक घुसा मरते हुवे - गलती कि हो ये उसकी सजा है
दिशा फिर कमर मतकाते हुवे गांड हिलाते हुवे अंदर चली जाती है
अभय पेट पकर दर्द मे - ये दोनो बहने पूजा का समझ मे आता है लेकिन भाभी का गुस्से वाला चेहरा आज देखा भी मार भी खा लिया वाह जो भाभी प्यार से मुझे मुलाती थी बाते करती थी मुझे pya करती थी आज वही भाभी ने मेरी बैंड बजा के चली गई
कमरे मे दिशा गुस्से से लाल होते हुवे समान पैक करते हुवे - रात को मेरी बजाई औद् सुबह होते ही दूसरी लरकी पे नजर डालने लगे ठरकी कही का गुस्सा इतना आ रहा है की क्या बताऊ
पूजा अंदर आते हुवे - किया बरबरा रही है दीदी
पूजा की आवाज सुन दिशा जल्दी से अपने आप को नॉर्मल कर मुस्कुराते हुवे पीछे मूर पूजा को देख
दिशा - अरे कुछ नही तुम बताओ कुछ चाहिये होगा तो देवर जी से मांग लेना बहोत पैसे है उनके पास ( मन मे बस बच के रेहना एक ही दिन मे ठरकी बन गये है)
पूजा हस्ते हुवे - फिलाल तो उन्होंने मुझे बहोत कुछ दे दिया है जरूरत परेगी तो जरूर मांग लूगि
दिशा मुस्कुराते हुवे - हा वो तो है
सुबह के 11 बजे
खाना पीना बाते करने के बाद अभय दिशा जाने के लिये रेडी थे
अभय बाइक पे बैठा हुवा था और दिशा अपनी मा पूजा से वा बाते कर रही थी
दिशा तारा से - मा मे जा रही हु कुछ भी चाहिये या मदद की जरूरत परे तो फोन करना ( दिशा अभय को देख) देवर जी है सब देख लेगे
अभय दिशा की बात सुन मन मे - हा हा कियु नही जो मे देख रहा था वो तो देखने नही दिया मुझे मारा भी
तारा हस्ते हुवे दिशा को देख - अपने प्यारे देवर पर इतना बोझ मत डाला कर बेटी
दिशा मुह बनाते हुवे - कमजोर नही है वो सब संभाल लेते है
दिशा मन मे - जैसे मुझे रात को बजा डाला
पूजा अभय को देख हस्ते हुवे - सही कहा दीदी आप चिंता मत कीजिये पुरा फायदा उठाउंगी
दिशा मन मे - उठा लेना लेकिन ऐसा ना हो देवर जी तुम्हारे ही फायदे उठा ले कियुंकी रात सब करने के बाद उनके अंदर बजाने का नसा चड चुका है
दिशा तारा से - मा अब हमे जाना चाहिये
तारा - ठीक है बेटा
दिशा बाइक पे बैठ जाती है और अभय के कमर को एक हाथ से पकर लेती है
तारा अभय के सामने जाके - अच्छे से जाइयेगा और अपनी भाभी सब का ख्याल रखियेगा अब आप ही है सब के एक लोटे सहारे
अभय तारा को देख - जानता हु आप चिंता मत कीजिये मे सब का ख्याल अच्छे से रखुंगा आप का भी
तारा मुस्कुराते हुवे - अच्छा देखती हु कैसे ख्याल रखते है
पूजा मुह बनाते हुवे - बरे आये हमारा ख्याल रखने वाले
अभय 10 हजार की एक गद्दी निकाल कर पूजा को दिखाते हुवे
अभय - मेने सोचा था ये पैसे अपनी साली को दूंगा ताकि वो बाकी जो चाहे करीद सके लेकिन मुझे लगता है उन्हे ये पैसे नही चाहिये
अभय की बात सुन पैसे को देख पूजा की आखो मे पैसे ही पैसे दिखाई देने लगती है पूजा एकदम से भोला प्यारा चेहरा बना के
पूजा प्यार से - आप तो हमान है आप ही हमारे करता धरता है जीजा जी
दिशा तारा पूजा को ऐसे करता देख मुह खोले देखने लगते है
अभय - ठीक है ठीक है ये लीजिये फालतू का खर्च मत करना
पूजा बिना देरी किये अभय के हाथो से पैसे लेते हुवे खुश होकर - थैंक्स जीजा जी आप बहोत अच्छे है
अभय पूजा को देख - हा कियु नही अभी के लिये बाद मे तो मे आपके लिये ठरकी हु गिरगिट कही की
तारा अभय को देख - आप ने इसी इतना पैसा कियु दिया बहोत जायदा है ये ( तारा पूजा को देख)
अभय - किया हो गया स्कूल जायेगी तो बाकी जरूरत कि छोटी मोती चीजे ले लेगी
दिशा पूजा को देख - पैसे सही जगह मे खर्चा करना नही तो आगे से एक रुपया नही मिलेगा
पूजा - समझ गई दीदी
अभय तारा पूजा को देख - ठीक है तो हम चलते है
तारा - ठीक है अच्छे से जाइये गा
अभय फिर बाइक चालू कर निकल परता है अभय दिशा के जाने के बाद पूजा पैसे लेकर खुशी खुशी घर मे अंदर चली जाती है वही तारा अपने ब्लाउस से फोन निकाल आसा को फोन करती है
आसा कमरे मे थी तो फोन उठा के - अरे आपने कैसे फोन किया कुछ हुवा है किया
तारा चारों तरफ देख कर - हा बहोत कुछ हुवा है जिसे जान आप भी हैरान हो जायेगी
आसा कम्हयुज़ होते हुवे - आप केहना किया चाहती है साफ साफ बोलिये ना
तारा - आपका लाडला और मेरी बेटी आपकी बहु दिशा के बीच वो सब चल रहा है
आसा समझ नही पाती वो सब तभी आसा का दिमाग थानकता है समझ मे आता है तारा के केहने का मतलम तो आसा जोर से किया
तारा - सही समझा आप ने
आसा हैरानी से - लेकिन ये कैसे हो सकता है अभय तो कुछ दिन पेहले ही आया है इतनी जल्दी इनके बीच वो सब मे मान नही सकती किया आप ने आखो से देखा है
तारा शर्मा के - नही लेकिन मेने आवाजे सुनी साफ साफ
आसा समझ नही पाती - आवाजे अरे बाबा साफ साफ पूरी बात बताइये ना
तारा - अच्छा सुनिये रात 2 मे उठी बाथरूम जाने के लिये जब मे आँगन मे आई तो मुझे दिशा के कमरे से कुछ आवाजे सुनाई दी लेकिन धीमा आवाज था तो मे समझ नही पाई तो मे कमरे के दरवाजे के पास जाके खरी हो गई
तारा रात का सीन याद कर बहोत सर्म से लाल हो जाती है
आसा बेचैनी से - अरे आगे भी बोलेगी आप
तारा - हा तो अंदर से फच् फच् पट फट कि आवाजे आ रही थी और दिशा अभय की भी
आसा जो यकीन नही हो रहा था उसने किया सुना
आसा सर्म से लाल होते हुवे - किया आप ने जो कहा सच है
तारा - कसम से सच केह रही हु
आसा हैरानी से - यकीन नही हो रहा दोनो तो बहोत फास्ट निकले
तारा - आपने मुझसे से पेहले कहा था अगर अभय आ जाता तो आप अभय की सादी दिशा से करवाते अब अभय आ गया है तो आपने जो कहा उसे पुरा कीजिये ( तारा इमोसनल होते हुवे आखो मे आसु लिये हुवे) मे अब और अपनी बेटी को विधवा के रूप मे नही देख सकती
आसा - आप चिंता मत कीजिये मुझे भी दिशा की चिंता थी जब विनय गुजरा तब मेने बहोत कोसिस की थी ताकि दिशा किसी से सादी कर ले लेकिन नही मानी उसके बाद मे अपने दोनो बेटे के खोने के गम मे जीने लगी लेकिन दिशा को जब देखती थी तो मुझे उसके लिये और बुरा लगता था विनय तो आ नही सकता था लेकिन मेरे दिल मे ये आस थी की किसी दिन मेरा अभय लौट की आयेगा और वो आया भी उपर वाले ने मेरी सुन ली अभय के आने के बाद दिशा अभय को साथ देख मुझे मेरी कही गई बात याद आ गई लेकिन मेने अभी बात इस लिये नही चलाई थी कियुंकी मेरा लाल सुरु से ही भाभी के साथ मस्ती मजाक करना ये सब उसने एक चाह बनाई थी तो मेने सोचा अभी अभय को अपनी भाभी के साथ वो पल जी लेने देती हु फिर बाद मे दोनो से बात कर सादी करवा दुगी इसी लिये रुकी थी लेकिन मुझे किया पता था दोनो के बीच से सब हो रहा होगा लेकिन ये तो अच्छा ही हुवा दोनो बहोत तेज निकले तो मे भी उनकी मा हु मे भी फास्ट तरीके से पेहला शुभ मुहूरत मे ही दोनो को पकर सादी करवा दुगी आप चिंता मत कीजिये
तारा खुश होते हुवे - मुझे यही आपसे सुनना था कियुंकी मे अब अपनी बेटी को फिर से सुहागन और उसका घर बस्ता देखना चाहती हु
आसा - चिंता मत कीजिये एक काम करिये कल आप सब आ जाना मे पंडित जी को बुला के सब के पेहले वो शुभ मुहूरत होगी निकलवाती हु
तारा - जैसा आप कहे हम कल आ जायेंगे
आसा - ठीक है तो ये तय रहा मे नही चाहती की दिशा अभय दोनो सादी से पेहले ही हमे दादी नानी बना दे जिस तरह से दोनो फास्ट निकले मुझे लगता है जल्दी ही हम दादी नानी बन जायेंगे
तारा हस्ते हुवे - आप का केहना बिल्कुल सही है मे भी दिल से चाहती हु मेरी बेटी मा बने उसे एक प्यारा खूबसूरत बच्चा हो और मे नानी बनू आप दादी
आसा हस्ते हुवे - मे भी चाहती हु की मेरे भर मे जल्दी ही नये मेहमान कि खिलकारी गुजे
तारा - हा जरुर होगा
आसा हस्ते हुवे - ये बताइये फट फच् अच्छे से मजे से लेके सुना ना
तारा सर्म से लाल होते हुवे - छी छी आप कैसी बाते कर रही है
आसा हस्ते हुवे - वही जो आपने कहा आपने सुना खैर अच्छा हुवा आप को पता चल गया नही तो हमे दिशा मा बनती तभी पता चलता
तारा हस्ते हुवे - बात तो सही कही आप ने
आसा - आने दो दोनो को आज उनकी अच्छी से खबर लूगि अच्छा तो कल मिलते है
तारा - जी कल मिलते है
फोन कट
तारा मन मे - उपर वाले आप का दिल से सुक्रिया दामाद जी घर नही आते तो मेरी बेटी जिंदगी भर एक बिधवा के रूप मे जीती और हम सब उनके गम मे जीते लेकिन दामाद जि की आने के बाद जैसे अब खुसिया ही खुसिया आने वाली है
वही आसा बिस्तर पे बैठी मुस्कुराते हुवे मन मे - वाह मेरे लाडले तुम तो बहोत तेज निकले भाभी को उनके भर ले जाके ही बजा डाला इसकी उमीद तो नही की थी वो भी इतनी जल्दी लेकिन ये कर के तुम ने मेरी प्रोबलम ही खत्म कर दी अब मुझे रुकने की कोई जरूरत रही जल्दी ही कुछ दिनों मे तुम दोनो की सादी करवा दुगी लेकिन पेहले तुम दोनो की अच्छे से खबर लूगि
आज के लिये इतना ही![]()
Yeh tow hona hi tha or dono ne or asan kar dia asha ke Liye
Ab dekhte h aash kia khabar leti h dono ka