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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

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chapter 13

साम 6 बजे - एक अंजान जगह मे कम से कम 37 लोगो के बीच ग्रुप मीटिंग हो रही थी

एक बंदा - हम किया करेगे महारे बॉस dp devil तो मारे गये उपर से साली वो कमीनी इंस्पेस्टर हमारे पीछे कुत्तो की तरह परी हुई है हम बाहर भी नही निकल सकते सास लेने के लिये

दूसरा बंदा - तुम ने सही कहा अगर हम बाहर निकले तो साली कमीनी को पता चल जायेगा और हमारा काम तमाम हो जायेगा

तीसरा - यार किया मस्त लाइफ चल रही थी मजा आ रहा कमीनो को मारने मे dp बॉस हमारा ख्याल भी अच्छे से रखते थे लेकिन उनके मरने के बाद सब खतम

चौथा - सही कहा अब हम इधर उधर छुप कर रह रहे है पता नही कब तक छुप कर रेहना होगा

बाकी जो बन्दे थी उनकी बाते बैठे आराम से सुन रहे थे सभी के बीच एक बंदा बैठा हुवा था वो dp devil का राइट हैंड था

राइट हैंड - चिंता मत करो तुम सब मे हु ना मे बनुगा तुम सब का अगला dp devil और इस बार हम अपना एक नया ओरोग्नाईजेसन बनायेगे उसी के साथ अपने बॉस का बदला भी लेगे जो बॉस के कैद से भाग गये है उन्हे हम ढूढ़ कर चुन चुन कर मारेगे चारों तरफ तबाही बचा देगे कोई नही बचेगा और वो कमीनी इंस्पेटर उसके साथ हम मजे करेगे और वीडियो बना का पूरी दुनिया को देखायेंगे ताकि सब को पता चले बॉस नही है तो किया हुवा उसके वफादार लोग अभी जिंदा है

राइट हैंड की बात सुन सब खुशी से हाथ उठाते हुवे हम आपके साथ है हम आपके साथ है बोलने लगते है

बंदा 1 - लेकिन कप्तान ये सब होगा कब कैसे करेगे कियुंकी वो कमीनी तो हमारा पीछा ही नही छोर रही है

राइट हैंड सभी को - अभी सही वक़्त नही आया है पेहले हमे अपने आप को बचा के रखना होगा मामला ठंडा हो जायेगा जब पुलिस और वो कमीनी हमारा पीछा करना छोर देगी तब हम फिर लोगो की भर्ती करेगे एक नया बरा टीम खरा करेगे और हमारा मकसद एक हि होगा दुनिया मे बताहि मचाना ताकि सरकार से लेकर सब को एहसास हो की उन्होंने हम से पंगा लेकर अपनी मौत को दावत दी है

( इंस्पेस्टर नीतिका के घर ) 9.30 बजे

नीतिका अपनी बेटी मिका के कमरे मे दोनो मा बेटी बिस्तर पे लेते बाते कर रहे होते है

मिका - मा वो कमीना dp devil तो मारा गया लेकिन उसके कई साथी अभी भी वहा से भाग गये थे औरआप उनके पीछे परी हुई तो अभी तक कितने लोगो को आप ने पकरा हो

नीतिका मिका को देख - बेटा अभी कुछ लोग अपने किसी बिल मे छुपे हुवे है लेकिन जिस दिन अपने बिल से निकले वैसे ही वो मेरे चंगुल मे होगे

मिका नीतिका को देख - मा किया होता अगर वो लरका आप ने किया ( नीतिका अभय) हा अभय अगर हिम्मत नही दिखाता भागने का तो
नीतिका मुस्कुराते हुवे - तो आज कोई भी उस कैद से निकल नही पाता उसके अंदर अपनो का प्यार भरा था अभय से उसकी मा भाई भी बेहन सब बहोत प्यार करते है अभय भी उनके बीच जो प्यार था उसी ने अभय को हिम्मत दी एसी लिये उसने दो रास्ते चुने या तो अपने घर चाहने वालो के पास भाग कर जायेगा या भागते हुवे मारा जायेगा लेकिन उसे कैद मे अपनो के बिना नही रेहना था

मिका - आप की बात समझ मे आता है सभी के बीच कितना प्यार होगा सभी एक दूसरे को कितना प्यार करते होगे

नीतिका मुस्कुराते हुवे - सही कहा बहोत प्यार होगा हद पार प्यार होगा

मिका हस्ते हुवे - वैसे वो लरका अभय कैसा लिखता है
मिका की बात सुन नीतिका घूर के मिका को देखती है
मिका हस्ते हुवे - अरे आप गलत मत समझिये मेने बस ऐसे ही पूजा कियुंकी जिस लरके की वजह से dp devil जैसा हेवान मारा गया जिसकी वजह से कई मा बेहन को उसका बेटा भाई मिला आखिर वो दिखता कैसा होगा

नीतिका मिका को देखती है फिर अपना मोबाइल निकाल कर abh का फोटो दिखाते हुवे ये है अभय देख लो

मिका अभय की फोटो देखती है तो देखती ही रेह जाती है
मिका के मुह से निकल जाता है - कितना हैंडसम है बॉडी भी मस्त है
नीतिका मिका की बात सुन मिका के सर पे दे मारती है मिका आउच करते हुवे मा को देखते हुवे

मिका - मारा कियु लगी मुझे
नीतिका - बस दिल किया
मिका - ये गलत है आप मा है तो बेटी को बेवजह मारेगी
नीतिका मिका को देख - फिर लगाऊ एक
मिका हस्ते हुवे - ना बाबा ना


रात 9 बजे - अभय के घर

मिनीता कोमल काजल तीनों अभय के घर निकल परे थे लेकिन विजय नही आता कियुंकी अभय जो नही था और विजय औरतो के बीच किया हि करता बेचारा तो अपने पापा के साथ ही बाते करने लग गया

मिनीता कोमल काजल अभय के घर आते है अंदर आँगन मे जाते है तो देखते है आसा अदिति दोनो खाट पे बैठ बाते कर रहे थे

मिनीता आसा के पास जाते हुवे - किया बात है दीदी आपका लाल बहु नही है तो आज बेटी के साथ ही बाते करने मे लगी हुई है

मिनीता की आवाज सुन आसा अदिति मिनीता की तरफ देखते है तो उन्हे कोमल काजल भी दिखाई देते है

आसा तीनों का देख - अरे तुम सब आओ आओ अच्छा हुवा तुम सब आ गई थोरि बाते हो जाइयेगी टाइम पास भी हो जायेगा

अदिति चटाई लेकर आती है और नीचे बिछा लेती है सभी बैठ जाते है

काजल आसा से - हा हा कियु नही भाभी आपका लाल जो नही है जब होता है तो आप अपने सीने से लगा के रखती है उसके बाद तो आप को कोई दिखता ही नही
मिनीता हस्ते हुवे - सही कहा तुम ने ननद जी दीदी तो हमेसा अभय को सीने से लगा के रखती है ये तो कुछ दिनों मे देख लिया मेने

आसा हस्ते हुवे मिनीता काजल को देख - अरे मेरा लाल हो तो सीने से लगा कर रखुंगी ही ना तुम दोनो बताओ खाना पीना हो गया

मिनीता - हो गया दीदी तभी तो सोचा आके बात कर ले आप से मिल ले
आसा - जरूर ये अच्छा किया तुम सब आती रहोगी तो मुझे भी अच्छा लगेगा ( आसा काजल को देख) ये बताओ तुम कब तक यहा रहने वाली हो नंदोई जी पे दया कारों बेचारे अकेले ही रात काट रहे होगे

आसा की बात सुन मिनीता जोर जोर से हस्ते हुवे - ये आप ने सही कहा दीदी
वही आसा की बात सुन काजल सर्म से लाल हो जाती

अदिति के पास कोमल बैठी हुई थी अदिति अपनी मा मिनीता काजल को बात करता देख उनकी बाते सुन अदिति कोमल से

अदिति - कोमल दीदी चलो कमरे मे बैठ कर बाते करते है
कोमल - ठीक है चलो चलते है ( कोमल अपनी मा आसा काजल का देख) यहा सब अपने मे हि लगे है


अदिति कोमल कमरे मे आके बिस्तर पे लेत जाते है

अदिति - भाई के बिना ये साल 4 साल मेने जैसे बिताये याद करती हु तो रोना आ जाता है

कोमल अदिति को देख - समझ सकती हु मेने मेरा भी वही हाल था और सायद रेहता अभी तक लेकिन तुमहारा भाई अभय ने हिम्मत दिखाई इस लिये अभय मेरा भाई यहा है

अदिति कोमल को देख - हा ये बात तो है लेकिन जितना हमने दर्द साहा है उन्होंने भी साहा होगा

कोमल - ये भी का केहने की बात है

अदिति मुस्कुराते हुवे - ये बताइये सादी कब कर रही है 19 की हो गई है आप
कोमल मुस्कुराते हुवे - अच्छा तुझे मेरी सादी की कियु परी है तेरा किया हुवा

अदिति - भाई नही थे लेकिन अब है तो फील्हाल दूर दूर तक मे सादी के बारे मे नही सोचने वाली मे तो अभी भाई के साथ खूब मस्ती करुगी घुमुगि फिरूगी लाइफ के मजे लूगि

कोमल हस्ते हुवे - तेरा सही है लगी रह छोटी बेहन होने का फायेदा अच्छे से उठा ले

अदिति हस्ते हुवे - अरे तो किया हो गया तुम विजय का फायेदा उठा लो छोटा हुवा तो किया हुवा

कोमल हस्ते हुवे - वाह किया बात कही है सोचूँगी

तारा के घर रात 10 बजे

तारा अपने पति के साथ सो चुकी थी पूजा अपने कमरे मे लेकिन वही दिशा अभय आज सब कुछ कर गुजरने वाले थे


दिशा के हा केहते ही अभय दिशा के ऊपर आके दिशा के चेहरे का गाल को किस करने लगता है दिशा सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर सर्म से लाल आखे बंद किये हुवे थी


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अभय दिशा के ऊपर था और दिशा को चूम रहा था अभय का ये पेहला एहसास उपर से दिशा जैसी खूबसूरत हॉट लरकी के गर्म जवानी अभय का पागल कर रही थी

अभय दिशा को चूमते हुवे धीरे धीरे नीचे दिशा के चुचे को ब्लाउस के ऊपर से चुपते हुवे नीचे आने लगता है अभय जैसे दिशा को पुरा चूस जाना चाहता हो वही दिशा अभय के इस तरह छुमने चाटने अपने बदन के अपने देवर के जिब का एहसास पाके दिशा बिस्तर पे मचल रही होती है दिशा के सिसकिया निकल रहे होते है


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अभय पेहली बार इस एहसास हो फिल कर रहा था किसी के गरम कयामत बॉडी को चुसे जा रहा था अभय दिशा की बरी कयामत बॉडी देख उसके अंदर खून मे उबाल आ गये थे दिशा सर्म से आखे बंद किये लेती कुछ बोल रही रही थी बस अपने देवर के प्यार का एहसास फिल कर मचल के मजे ले रही थी वही अभय तो खोया हुवा था दिशा के पूरे सरीर के को चूस रस पीने मे


अभय धीरे धीरे नीचे दिशा के गहरी कयामत ढोरी के पास आके ढोरी और दिशा के पेट को चूमने और जिब से चाटने लग जाता है दिशा की हालत खराब होने लगती है दिशा की सासे तेज होने लगती है दिशा आह उह्ह् के साथ बिस्तर पकर सिसकिया लेने लगती है


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अभय सब भूल बस दिशा की जवानी कयामत बॉडी के हर अंग को चूमने और मजे से पीने मे लगा था जैसे दिशा के पूरी बॉडी पे सहद लगा और अभय एक मधुमखि की तरह चाट रहा था

दिशा बिस्तर पे आह उह्ह् सिसकिया लेते हुवे मचलते हुवे आखे खोल अभय को देख मन मे - देवर जी ये किया कर रहे है आप आह मा ऐसे तो बिना किये ही मेरा निकल जायेगा मेरी चुत गीली हो चुकी है आपकी हरकत मुझे पागल कर रही है मुझे सेहना मुश्किल हो रहा है


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वही अभय लगा हवा था दिशा के पूरे सरीर को चूमने मे लेकिन अभय के मन मे - किया ये सब मे इतना मजा आता है मुझे पता नही था भाभी का हर अंग बॉडी कयामत है मेरे अंदर जोस बढ़ता जा रहा है

अभय दिशा के हर अंग को चूमने के बाद उपर आता है और दिशा के ऊपर से सारी हटा देता है दिशा ब्लाउस पेटीकोट मे आ जाती है दिशा जल्दी से सर्म से आखे बंद कर लेती है अभय उपर आके दिशा के ब्लाउस को खोलने लगता है तो दिशा की दिल की धरकन तेज चलने लगती है सासे फूलने लगती है दिशा बिस्तर पकर मचल जाती है


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अभय दिशा के ब्लाउस निकाल देता है तो दिशा के बरे गोल टाइट दूध जैसे चुचे नंगे हो जाते है अभय पागलो की तरफ फिर दिशा के चेहरे चुचे को चूमने लगता है वही दिशा के लिये सब सेहना मुश्किल हो जाता रहा था लेकिन वही अभय पुरा डूबा था

अभय अब दिशा के बरे टाइट चुचे को पकर के जोर जोर से दबाने मसलने लगता है दिशा बिस्तर पकर दर्द मे आह उह्ह् करने लगती है


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अभय दिशा के चुचे को दबाते हुवे मन मे - भाभी के चुचे कितने मस्त मुलायम है दबाने मे मजा आ रहा है ये मेरा पेहली बार है तो आज अच्छे से भाभी को प्यार करने वाला हु


अभय जी भर के अच्छे से दिशा के चुचे दबाने के बाद दिशा मे चुचे को मुह मे लेके अभय पीने लगता है उसी के साथ जिब से दिशा के चुचे को चाटने लगता दिशा बिस्तर पे मछली की तरह तरप रही थी


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दिशा मन मे - देवर जी आपका ये पेहली बार है मुझे नही लगता इतना आराम से तो आपके भाई मे भी मुझे प्यार नही किया बहोत मुश्किल हो रहा है सेहना जैसे कभी भी मेरा निकल जायेगा अभय अच्छे से जी भर के दिशा के चुचे चुस्ता है पिता है

अभय दिशा के ऊपर आके दिशा को किस करते हुवे धीरे से भाभी अपने बाकी कपड़े निकालने मे मेरी मदद कीजिये


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अभय की बात सुन दिशा की सासे और तेज हो जाती है दिशा मन मे - हाय सर्म से मर ना जाऊ देवर जी अब मुझे पुरा नँगा करने वाले है किया सोचेंगे मेरे नंगे बदन को देख किया उन्हे पसंद आयेगी मेरी बॉडी

अभय दिशा के बाकी कमरे निकालने लगता है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय का साथ देने लगती है फाइनलि अभय के सामने दिशा का खजाना आ जाता है जिसे अभय अब जाके उपर से नीचे तक आखे फार मुह खोले देखने लगता है


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दिशा सच मे कयामत थी बरे दूध जैसे चुचे जो जायदा बरे ना छोटे थे कमर भी ना जायदा पतली ना मोती नीचे मोटे जांघों के बीच साफ सुथरी चिकनी फूली हुई चुत जो सब मिलाकर दिशा की बॉडी कमाल की थी अभय दिशा के नंगे बदन को देख मन मे - बाप रे भाभी कि बॉडी किया कमाल कि है उनके बरे चुचे कमर नीचे इनकी मोती जांघे के बीच फूली चुत पेहली बार अच्छे से अंजदिक से किसी को नँगा देख रहा हु वो भी अपनी भाभी को दिशा आखे खोल एक नजर अभय को देखती है और जल्दी से आखे बंद कर लेती है



अभय अपने कपड़े निकालने लगता है तो दिशा ये देख उसकी सासे उपर तेज हो जाती है दिल धक धक करने लगता है अभय कपड़े निकाल चड्डी मे आ जाता है औद् दिशा के पास जाके कान मे धीरे से भाभी मेरा लंड चुसो ना

दिशा ये सुनते हि सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा आखे बंद किये शर्मा के धीरे से - देवर जी मुझसे नही होगा मेने कभी नही किया है मुझे पसंद नही
अभय - मान जाओ ना भाभी प्लेस मेरा पेहली बार है तो मे अच्छे से सब करना चाहता हु बस एक बार कोसिस तो करिये
दिशा अभय को ना केहने की हिम्मत नही जुटा पति
दिशा शर्मा के - ठीक है आपको मना भी नही कर सकती

अभय भी खुश हो जाता है और चड्डी निकाल देता है वैसे ही दिशा की नजर अभय के लंड पे जाती है जिसे देख दिशा की सासे दिल की धरकन एक पल के लिये रुक सी जाती है आखे बाहर आ जाती है मुह खुले रेह जाते अभय दिशा को ऐसे पथर् बना देख समझ नही पाता दिशा को किया हो गया है ऐसे कियु उसके लंड को देख रही है


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बेचारा अभय को कोन बताये की उसका 10 इंच लम्बा 5 इंच मोटा लंड हर किसी के पास नही होता अभय दिशा को आवाज देता है तो दिशा होस मे आके अभय के लंड को देख मन मे- बाप रे मे ये किया देख रही हुई इतना बरा लंड है देवर जी का क्या इतना बरा लंड भी होता है अभय बिस्तर पे लेत जाता है


दिशा हिम्मत कर अभय के लंड को पकर मुह मे लेके चूसने लगती है तो दिशा को बहोत गंदा लगता है लेकिन अभय को सोच दिशा मुह के लिये चूसती रहती है


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थोरि देर बाद ही दिशा को अच्छा लगने लगता है दिशा को अभय के लंड का स्वाद लेके मजा आने लगता है तो दिशा मजे से मुह मे लेके चूसने लगती है

अब दिशा को इतना मजा आ रहा था की दिशा जिब निकाल कर अभय के लंड को चाटने लगती है पीने लगती है वही अभय बिस्तर क लेता मजे से आसमान मे उर रहा था


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अभय मन मे - आह इतना मजा सुकून मिल रहा है और मे पागल इस सब से अंजान था लेकिन अब नही हु मुझे यकीन नही हो रहा मेरी प्यारी भाभी मेरा लंड चूस रही है और मेरा लंड उनके मुह मे है ये सोच कर अंदर अजीब सी फीलिंग और जोस जाग रही है आह मजा आ रहा है दिशा 4 मिनट तक अच्छे से अभय का लंड चुस्ती है फिर छोर लेती है

अभय उठ जाता है दिशा फिर बिस्तर पे लेत आखे बंद कर अपने मन मे - आज तो मे गई मेरी चुत आज देवर जी फार ही डालेंगे
दिशा ये सोच ही रही थी की की अभय दिशा के चुत के फाके फैला के देखता है तो अभय को छोटा लाल छेद दिखाई देता है


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अभय के चुत को छुटे ही दिशा पागल होने लगती है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे आखे खोल अभय को देखती है जो दिशा के चुत के छेद को गौर से देखे जा रहा था तो दिशा और सर्म से लाल हो जाती है

अभय जी भर कर दिशा के चुत का छेद देखने के बाद अभय का दिल चुत चाटने का करने लगता है तो अभय बिना देरी किये दिशा की चुत पे टूट परता है और मुह मे लेके चूसने लगता है चुत के अंदर छेद मे जिब दाल कर चाटने पीने लगता है दिशा के तो होस उर जाते है दिशा बिस्तर पे मछली की तरह छतपटाने लगती है दिशा का लंड चूसना पेहली बार था और चुत चटवाना भी


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अभय को मजा आ रहा था दिशा के फूली गर्म चुत का रस पीने तो अभय मजे से मुह मे लेके जिब दाल चुसे पिये जा रहा था लेकिन अब दिशा के लिये सेहना मुश्किल हो जाता है दिशा का शरीर जोर से कापने लगता है दिशा बिस्तर पकर आह मा करते हुवे कापते हुवे झर जाती है अभय हैरान हो जाता है चुत से इतना पानी निकलता देख लेकिन अभय सब भूल मजे से पी जाता है

विनय के जाने के बाद से जितना पानी जमा था दिशा सब निकाल देती है दिशा पसीने से भीगी जोर जोर से सासे लिये जा रही थी अभय दिशा को देख कर
अभय - किया हुवा भाभी आप ठीक तो है ना
दिशा जोर जोर से सासे लेते हुवे आखे बंद किये हुवे सर्म से - हा मे ठीक हु देवर जी
अभय - अच्छा तो मे आगे बधू
दिशा - हा


अभय फिर दिशा के चुत के पास बैठ जाता है और अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घुसने लगता है दिशा को मोटा गर्म लंड चुत पे फिल होता है तो दिशा बिस्तर को जोर से पकर आह सिसकिया लेने लगती है मचलने लगती है


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remember poem analysis
अभय अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घिसे जा रहा था
अभय मन मे - आह बहोत गर्म है भाभी की चुत आज पेहली बार मेरा लंड चुत मे जायेगा वो भी मेरी भाभी कि चुत मे अब मे रुक नही सकता कियुंकी मुझे रुका नही जा रहा


अभय दिशा के ऊपर आ जाता है दिशा अभय को बाहों मे जोर से पकर देती है अभय अपने हाथ नीचे ले जाके अपना लंड दिशा की चुत के छेद पे रख देता है दिशा की हालत डर से खराब हो जाती है
अभय दिशा को किस करने लगता है और फिर एक धक्का मारता है


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srijato poem abhishap
अभय का मोटा लंड आधा दिशा की चुत मे घुस जाता है इतने मे दिशा दर्द से रो परती है अपना पैर इधर उधर करने लगती है कैसे अपनी चुत से लंड निकाल देना चाहती हो लेकिन अभय दिशा के ऊपर लेता दिशा को मजबूती से पकर रखा था

अभय दिशा को किस करते हुवे एक आखरी धक्का जोर से मारता है तो तो अभय का मोटा लम्बा लंड दिशा की चुत को चीरते हुवे पुरा अंदर घुस जाता है दिशा की सासे रुक जाती है पुरा सरीर काप् जाता है दर्द इतना हो रहा था की बर्दास्त करना मुश्किल था लेकिन अभय दिशा को किस किये जा रहा था तो आवाज अंदर हि रेह जाती है


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दिशा दर्द के मारे रो रही थी उसे ऐसा लग रहा था वैसे उसकी चुत फट गई है अभय का लंड दिशा की चुत को पुरा फैलाये हुवे था अभय को भी ये साफ फिल हो रहा था और दिशा कि चुत की गर्मी भी दिशा के चुत से खुन तप तप कर बिस्तर पे गिर रहा था 3 मिनट बाद

अभय धीरे धीरे चुदाई करना सुरु कर देता है और अभय का मोठा लंड दिशा की चुत को फैलाये अंदर जाने लगता है बाहर आने लगता है अब थोरा दिशा का दर्द कम हो गया था


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अभय दिशा को देख - भाभी आप ठीक है ; दिशा अभय को देख रोते हुवे - जान निकाल दी मेरी और आप पूछ रहे है मे ठीक हु ; अभय - माफ करना भाभी मे अपने आप को रोक नही पाया ; दिशा आसु साफ करते हुए - कोई बात नही आप अपने आप को डोस मत दीजिये करते रहिये

अभय भी दिशा की बात सुन दिशा को किस करते हुवे धक्का मारना सुरु कर देता है अभय का ये पेहला सेक्स अनुभव था वो उसे मिल रहा था और अभय भी उसका पुरा मजा लिये जा रहा था


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दिशा को दर्द हो रहा था लेकिन अब अपने देवर का मोटा गर्म लंड अपनी गर्म फूली चुत के अंदर तेजी से आते जाते फिल कर दिशा को भी एक अलग माजा आने लगता है दिशा भी इस मजे मे खो जाती है


अभय फिर दिशा के ऊपर से हट दिशा के चुचे पकर चुदाई करने लगता है दिशा का मुह आजाद हो गया था तो दिशा आह उह्ह् मा दर्द हो रहा है आह बहोत अंदर तक जा रहा है आह देवर जी


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अभय दिशा को देख - भाभी आपकी चुत इतनी टाइट गर्म है कि मेरा लंड अंदर मे जल रहा है लेकिन कसम से ये फिल कर मुझे इतना मजा आ रहा है की मे आप को सब्दो मे पता नही पाऊगा आप कमाल हो भाभी और आपकी ये खूबसूरत हॉट बॉडी भी जो मुझे और जोस बढ़ा रही है हाल ये था दिशा फिर कापते हुवे झर जाती है


अभय - भाभी घोरी बन जाओ दिशा दिशा घोरी बन जाती है और अभय जोर जोर से धक्के मारने लगता है तो वही दिशा के बरे गोल मटोल चुचे हवा मे जोर जोर से हिले जा रहे थे उसी के साथ दिशा का पुरा सरीर भी अभय के जोरदार धक्के से हिल रहा था


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दिशा घोरी बनी मन मे - आह मा देवर जी का बहोत लम्बा मोटा है और इस पोजिसंन मे देवर जी का लंड मेरे बचेदानी मे जाके सीधा लग रहा है इस लिये मुझे और भी जयादा दर्द हो रहा है अभय पूरे जोस मे धक्का मारे जा रहा था कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुजे जा रही थी दिशा थक जाती है तो अभय को बिस्तर पे लेता कर सब सर्म छोर उपर आ जाती है

दिशा अभय के लंड को पकर अभय के लंड पे बैठ कर पुरा लंड अपनी चुत के अंदर लेके अभय के ऊपर लेत जाती है अभय भी दिशा को बाहों मे पकर लेता है वही दिशा अपनी गांड उठा उठा कर अभय का लंड चुत मे लेने लगती अभय के लंड की सवारी करने लगती है


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अभय दिशा को बाहों मे पकर बिस्तर पे लेते लेते पुरा मजा ले रहा था अभय दिशा सरीर चुत की गर्मी से पागल हुवे जा रहा था पेहला सेक्स वो भी अपनी भाभी के साथ अभय को और जोस मजा दे रही थी दिशा भी थक जाती है तो अभय दिशा को नीचे लेता कर दिशा के ऊपर आ जाता

अभय चुदाई किये जा रहा था 40 मिनट से उपर होने वाले थे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर लेत दिशा को बाहों मे पकर धक्के मारे जा रहा था और दिशा के गले पे किस किये जा रहा था दोनो की मेहनत पसीने मे बदल कर निकल रही थी जो साफ दिख रहा था दोनो थके हुवे भी लग रहे थे


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अभय अब झरने वाला था दिशा भी अभय जोर जोर से धक्का मारने लगता है तो दिशा भी अभय को कस के पकर लेती है अभय धक्के मारते हुवे लास्ट जोर का धक्का मार अभय दिशा आह करते हुवे दोनो झर जाते है 45 मिनट चुदाई चली

अभय दिशा की हालत खराब थी दोनो पूरे पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर से लीचे लेत जाता है दोनो की सासे तेज चल रही दोनो बहोत थके हुवे थे

दिशा बिस्तर पी लेती जोर जोर से सासे लेते हुवे मन मे - ये किया था इतनी देर कोन चुदाई करता है आज तो लगा था आज मे गई काम से उपर से देवर जी मा मोटा लम्बा लंड मेरा तो पुरा सरीर दर्द कर रहा उपर से मेरी चुत मे दर्द के साथ जलन भी हो रही है

अभय जोर जोर से सासे लेते हुवे - बाप र ये किया था चुदाई मे इतना मजा आता है कसम से क्या किस्मत है मेरी किसने सोचा था मेरा पेहला सेक्स भाभी के साथ होगा लेकिन भाभी की चुदाई मे एक अगल मजा आया जो सायद किसी और लरकी के साथ नही आता वैसे भी भाभी उपर से नीचे तक कयामत है

दोनो अपने सोचो मे घुम थे 10 मिनट बाद दोनो की सासे नॉर्मल होती है दोनो सांत होते है

दिशा अभय की तरफ पलट जाती है और अभय को देखने लगती है अभय भी पलट कर दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे नीचे कर लेती है अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बाहों मे भर लेता है तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा को देख

अभय - भाभी जो होना था हो गया आप का दिल से थैंक्स मुझे बहोत मजा आया आपकी
दिशा अभय के मुह बंद करते हुवे अभय को देख
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - आगे कुछ मत कहिये मुझे बहोत सर्म आ रही है
अभय दिशा के हाथ हटा कर मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन मेरा एक बार मे मन नही भरने वाला
दिशा हैरानी से - किया कहा
दिशा फिर अभय के लंड को देखती है तो दिशा की सासे फिर रुक जाती है अभय का लंड फिर पूरे ओकात मे आ गया था

अभय पुरा फिट था ऊपर से अभय का पेहला सेक्स था पेहला चुदाई का स्वाद चखा था वो भी अपनी खूबसूरत हॉट भाभी के साथ तू एक बार मे भला अभय का मन कैसे भरता

अभय दिशा के ऊपर आके तांगे फैला के दिशा के चुत मे लंड दाल देता है दिशा आह मा आज तो मे गई काम से


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अभय मुस्कुराते हुवे जोर जोर से धक्का मारते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है दिशा आह मा मर गई उह्ह् आह करने लगती है फिर कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुज उठती है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
chapter 14

रात 3 बजे

अभय अभी भी लगा हुवा था दिशा की चुदाई करने मे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे हाफ रहे थे दिशा की हालत बहोत खराब हो गई थी आखो से आसु निकल रहे थे दिशा को बहोत दर्द हो रहा था जलन भी


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सर्म की वजह से दिशा ने अभय से कुछ बोला नही था लेकिन अब दिशा सेह नही पाती और दिशा को अभय से बोलना ही परता है अभय धक्के मे धक्का मारे जा रहा था कियुंकी सेक्स का चस्का जो लग गया था

अभय दिशा को के ऊपर था जोर जोर से धक्का मारे जा रहा था दिशा रोते हुवे अभय को देख - बस कीजिये देवर जी कितना करेगे मुझे वाहा दर्द और जलन दोनो हो रही है और आप है की जोर जोर से धक्का मारे जा रहे तो मुझे और दर्द हो रहा अंदर लग रहा है मुझे अब तो रुक जाइये मुझसे दर्द सहा नही जा रहा


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अभय दिशा को देख धक्का मारते हुवे हाफते हुवे - बस भाभी हो ही गया थोरि देर और सेह लीजिये ; दिशा आखो मे आसु लिये आह मा मर गई देवर जी धीरे धक्का मारिये ना दर्द हो रहा है आप पुरा अंदर तक घुसा दे रहे है ऐसा लग रहा है अंदर के चमरे छील गये है (दिशा अभय के सीने पे दोनो हाथ रख अभय को धीरे से रोकने लग जाती ताकि अभय पुरा अंदर तक ना डाले )


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अभय जोर से धक्का मारता है दिशा आह मा मर गई करते हुवे आखो मे आसु लेके अभय को देखती है अभय दिशा को देख एक और जोर का धक्का मारता है दिशा अभय को देख रोते हुवे इतना जोर से कियु धक्का मार रहे है कहा ना मुझे दर्द हो रहा है ; अभय - बस मेरा आने वाला है भाभी ;दिशा अभय को पकर लेती है अभय जोर से एक धक्का मारता है दिशा की सासे रुक जाती है और दोनो झर जाते है


रात के 4 बज रहे थे अभय बिस्तर पे परा हाफ रहा था पसीने से भीगा हवा तो वही दिशा का पुरा सरीर दर्द से काप् रहा था दिशा अपना पैर भी दर्द की वजह से हिला नही पा रही थी दिशा अपने आसु साफ करते हुवे बिस्तर पे परी पसीने से हाफ रही थी 10 मिनट बाद


अभय दिशा के तरफ पलट कर दिशा को बाहों मे लेके दिशा के आखो मे देखता है दिशा अभय को देखती है दिशा के आखो मे दर्द साफ दिख रहा था अभय को अब अपने आप मे गुस्सा आने लगता है दिशा की हालत देख कर


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अभय दिशा के आखो मे देख अपने आखो मे आसु लिये - माफ कर देना भाभी अपने मजे में इतना डूब गया था की मेने आपका दर्द देखा ही नही मेने अपनी प्यारी भाभी जो मुझे इतना प्यार करती है मानती है मेने उनके साथ इतना गलत किया दर्द दिया ( अभय के आखो से आसु निकल बिस्तर पे गिरने रगते है)

अभय दिशा के गाल को प्यार से सेहलाते हुवे - मे आप का गुनेगार हु आप मुझे जो सजा देगी मुझे मंजूर होगा मुझे सोच कर ही की मेने आपके साथ इतना बुरा किया मेरा दम घुट रहा है अपनी प्यारी भाभी को दर्द दिया जिससे मेने वादा किया था मे आपको हमेसा खुश रखुंगा कोई तकलीफ नही होने दुगा आज मेने उसका उल्टा ही कर दिया आप को दर्द दिया आप को रुलाया मेने मे अपने आप को एक अच्छा इंसान समझता था लेकिन

दिशा बीच मे ही अभय के होठो पे उंगली रख कर - आगे कुछ मत कहिये आप बहोत अच्छे है देवर जी अपने आप को बुरा मत कहिये हा आप ने मुझे दर्द दिया मुझे रुलाया भी लेकिन इसमें आपकी कोई गलती नही है सच ये है मेरे प्यारे देवर जी मुझे भी बहोत मजा आया इतना की मे आप को सब्दो से बता ना पाउ हा दर्द भी बहोत दिया आप ने लेकिन मे आप को एक बात बताना चाहती हु आपका जितना बरा है आपके अंदर जितनी पॉवर है आप किसी भी लरकी या औरत हो खुश कर सकते है मे तो ये कहूगी जो आपका एक बार लेगा बार बार आपको ही याद करेगा आपके अलावा किसी के साथ उसे मजा भी नही आयेगा लेकिन उसी के साथ ये भी है पेहली बार आपका लम्बा मोटा लेगा कोई 4 बच्चो वाली औरत भी लेगी तो उसकी भी फट जरूर जायेगी और हा दर्द औरतो को और मजा देता है लेकिन लिमिट मे ये आपको याद रखना है पेहली बार करे तो समझ गये

अभय आसु साफ करते हुवे - अच्छा तो मे दूसरे के साथ चुदाई का मजा ले सकता हु लेकिन ध्यान से लिमिट मे अच्छा है ध्यान रखुंगा मे आगे से

अभय की बात सुन दिशा का गुस्सा हाई पे आ जाता है दिशा अभय के चेहरे को पकर आखो मे देख गुस्से से


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दिशा - मेने आपको एक इनजाम्पल दिया था ना कि बाहर जाके किसी के साथ मजे करने के लिये बोला अगर बाहर किसी के साथ मुह काला कर के घर आये तो याद रखना मे आपका लंड काट कर फेक दुगी समझ गये बाहर मजे लेने है वाह केह किया दिया हवा मे उड़ने लगे

दिशा का ये रूप देख अभय उपर से नीचे तक काप् जाता है
अभय हकलाते हुवे दिशा को देख - भाभी मे भी तो मजाक कर रहा था मे भला बाहर किसी के साथ कियु कुछ करुगा आप है ना मेरी खूबसूरत हॉट प्यार भाभी

अभय कि बात सुन दिशा अभय को छोर सांत होते हुवे
दिशा - सही है याद रखना नही तो जिस दिन पता चला आपका बाहर किसी के साथ चक्कर है यकीन मानिये मेने जो कहा कर कर दुगी

अभय डरते हुवे मन मे - अरे यार भाभी तो ऐसे बात कर रही है मुझपे गुस्सा कर रही है जैसे वो मेरी बीवी हो अरे यार मे किया सोचने लगा अभी मुझे भाभी को सांत करना चाहिये

अभय दिशा को बाहों मे लिये किस करते हुवे - मे वही करुगा जो मेरी प्यारी भाभी कहेगी
disa दिशा अभय को देख करते हुवे मुस्कुरा के - करना ही परेगा नही तो
अभय डरते हुवे - समझ गया समझ गया अब हमे सोना चाहिये
दिशा अभय के बाहों मे समा के दोनो एक दूसरे को पकर सो जाते है कियुंकी दोनो बहोत थके हुवे थे तो जल्दी ही नींद आ जाती है


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सुबह होने वाली थी थोरा थोरा अंधेरा था तभी दिशा की आखे खुलती है दिशा अपने आप को नँगा देखती है फिर अभय को उसके बाद रात का सीन याद आता है तो सर्म से पानी पानी हो जाती है

तभी दिशा घबरा जाती है दिशा जल्दी से फोन उठा के टाइम देखती है तो उसके होस उर जाते है
दिशा अभय को गुस्से मे देख मन मे - देखो तो कितने आराम से सो रहे है रात को मेरी बजा के जैसे किसी की परवाह ही नही

दिशा अभय के मुह पे हाथ रख अभय के कमर पे जोर से चिमटी काट लेती है अभय दर्द से आह मा करते हुवे उठ जाता है लेकिन अभय की आवाज अंदर ही रेह जाती है अभय दिशा को देखता है दिशा अभय को गुस्से से देख

दिशा - हाथ हटा रही हु कोई आवाज नही समझ गये
दिलीप दिशा को इसारे से - हा ठीक है
दिशा अभय मे मुह से हाथ हटा लेती है
अभय उठ कर बैठ जाता है और अपने कमर को जहाँ दिशा से चिमटी काटी थी सेहलाते हुवे - आप ने मुझे चिमटी कियु काटी बहोत दर्द हुवा मुझे
दिशा अभय को देख प्यारा सा सेहरा बना के अभय के गालो को सेहलाते हुवे
दिशा - अरे रे मेरे प्यारे देवर जी को बहोत दर्द हुवा लेकिन आपने जो अपना मोटा लम्बा मेरी छोटी बिल मे डाला तो मुझे तो दर्द हुवा ही नही

अभय समझ जाता है दिशा उसको ताना मार रही है
अभय सर नीचे कर भोले आवाज मे - आप अभी भी नाराज है किया
दिशा अभय के आखो मे देख प्यार से - नाराज नही हु प्यारे देवर जी बल्कि आप मेरे कमरे मे सुबह होने वाली है किया आप चाहते है सब को पता चले आप ने मेरी ली है हा बोलिये चाहते है तो चलो सोते है फिर

दिशा की बात सुनते ही अभय की भी हालत खराब हो जाती है उसे समझ मे आता है दिशा उसकी बीवी नही है जो कोई उसे कुछ नही कहेगा

अभय दिशा को देख - भाभी समझ गया मे

अभय जल्दी जल्दी कपड़े पेहन कर रेडी हो जाता है दिशा भी रेडी हो जाती है
अभय - ठीक है भाभी मे जाता हु
दिशा अभय को गले लगते हुवे अभय को प्यार से आखो मे देख
दिशा - आज की रात मे मरते दम तक नही भुलुगी ( ये केह दिशा अभय को किस करने लगती है


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अभय भी दिशा को बाहों मे पकर किस कम सुरु कर देता है दोनो एक दूसरे के होठो का रस चूस कर पीने लगते है 2 मिनट बाद

अभय दिशा को देख - मे भी भाभी आज की ये रात कभी भूल नही पाऊगा आई लोव यू भाभी
दिशा अभय को देख - आई लोव यु देवर जी

अभय अपने कमरे मे फिर आ जाता है और बिस्तर पे सो जाता है नींद पूरी नही हुई थी रात भर तो लगे परे थे दिशा का भी वही हाल था तो दिशा भी सो जाती है


सुबह 9 बजे

अभय आराम से कमरे मे बिस्तर पे परे नींद पूरी करने मे लगा हुवा था तो वही दिशा भी सोई हुई थी बाकी सभी उठ कर रेडी होकर खाना बनाने मे भी लग गये थे

पूजा रोटी बनाने मे लगी हुई थी तो वही तारा पास मे ही खाट पे बैठी हुई थी

पूजा तारा से - मा ये दोनो भाभी देवर एक जैसे है अभी तक सो रहे है लेकिन दीदी तो हमेसा सुबह ही उठ जाया करती थी पर आज पेहली बार देख रही हु दीदी इतनी देर तक सो रही है

तारा एक नजर पूजा को देखती है फिर पूजा से - खाना बनाने पे ध्यान दे मे जाके दिशा को जगा देती हु

पूजा - हा हा ठीक है आपकी लाडली तो को जाके जगा दीजिये

तारा दिशा के कमरे के दरवाजे पे खरी होके - दिशा बेटी उठ जा कब तक सोती रहेगी सुबह के 9 बज चुके है उठ जा बेटी

तारा की आवाज सुन दिखा की नींद टूट जाती है और दिशा अपनी आखे खोलती है तो दिशा को एहसास होता है आज वो बहोत देर तक सोती रही है

दिशा तारा से - मा मे उठ गई हु आप चलिये मे आती हु
तारा - ठीक है बेटी

दिशा उठने की कोसिस करती है तो एक दर्द कि लेहर पूरे सरीर मे डोर जाती है दिशा के नीचे भी बहोत जलन दर्द हो रहा था दिशा बरी मुश्किल से उठ कर बैठती है तभी दिशा की नजर बिस्तर पे जाती है तो दिशा के पूरे होस उर जाते है कियुंकी बिस्तर खून और दिशा अभय के पानी से सना हुवा था दिशा अपना सर पकर लेती है

दिशा अभय को सोच मन मे - अब मे किया करू अगर ये सब मा छोटी ने देख लिया तो मे तो गई ये सब देवर जी की करनी है मुझे अपने ही घर आके मेरी बजा दी और मेने बजवा भी ली उनकी वजह से आज मे इतना देर उठी हु और (दिशा अपनी कमर पकर के ) हाय मेरा पुरा सरीर दर्द कर रहा है और मेरी मुनिया का तो बुरा हाल है

दिशा जैसे तैसे खरी होकर बिस्तर के ऊपर जो चादर जिसपे खून पानी गिरा था जल्दी से उसे उठा के एक जगह रख देती है

दिशा मन मे - मुझे इस चादर को सभी से छुपा के जल्दी से पानी मे डालना पड़ेगा

दिशा लंगराते हुवे चल के दरवाजे कि तरफ जाते हुवे - किया हाल कर दी है मेरी चला भी नही जा रहा हे उपर वाले किसी को सक ना हो

दिशा धीरे से नजर बचा के घर के पीछे थोरि दूर जाके एक जगह मे बैठ जाती है हल्का होने के लिये जब दिशा पिसाब करती है तो दिशा चुत मे जलन दर्द होता है


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दिशा आह मा ये दर्द जलन सब देवर जी का किया है इतना मोटा लम्बा लंड कैसे मेने अपनी छोटी छेद मे लिया और दर्द साहा है वो याद कर मेरा सरीर काप् जाता है

हल्का होने के बाद दिशा घर आती है

दिशा नहाने के लिये जाते टाइम चादर को लेकर सब की नजर से बच के नहाने चली जाती है और पेहले चादर को धो देती है फिर नहाने लगती है फिर नहा के कमरे मे आके रेडी हो जाती है और आँगन मे आती है

पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है दीदी आज पेहली बार इतनी देर मे उठते देखा है

दिशा अंदर से घबरा जाती है लेकिन दिखती नही
दिशा मुस्कुराते हुवे - अरे वो किया है ना पता नही कियु रात को नींद जल्दी आ ही नही रही थी देर से नींद आई ना इस लिये

पूजा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है वैसे आपका प्यारा देवर अभी भी कुमकरन की तरह सो रहा है किया वो हमेसा इतनी ही देर सोते रेहते है
दिशा पूजा को देख - अरे नही वो तो ( तभी दिशा अरे ये मे किया बोल रही हु ऐसे मे पूजा को सक हो सकता है की दोनो को नींद कियु नही आई तो मे किया जवाब दुगी)

पूजा दिशा को सोचते देख - किया हुवा दीदी कुछ बोल रही थी आप
दिशा होस् मे आते हुवे - हा हा वो इतने देर तक सोते रेहते है
पूजा हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है समझ सकती हुई सब के लाडले है तो कोई जागता नही होगा सुबह सुबह
दिशा मुस्कुराने का दिखावा करते हुवे - सही कहा मे जाके देवर जि को जगा देती हु

पूजा हस्ते हुवे - हा जाइये जाइये अपने प्यारे दुलारे देवर जि को जगा दीजिये
दिशा पूजा को घूर के देखती है फिर अभय के कमरे के दरवाजा खोलती है तो खुल जाता है अभय को बहोत नींद आ रही थी तो दरवाजा बंद किये बगैर ही सो गया था


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दिशा अंदर जाती है तो देखती है अभय आराम से सो रहा था अभय चैन की नींद सोता देख दिशा को अच्छा फिल होता है दिशा को अभय पे प्यार आने लगता है

दिशा अभय को देख मन मे - सोते हुवे कितने प्यारे लग रहे है ( लेकिन दिशा रात को जो हुवा उसे याद कर शर्मा के ) लेकिन प्यारे देवर जी के पास एक बरा हथियार है जो किसी की जान निकाल दे ले लेकिन किसी ने सेह लिया तो मजा भी देता है

दिशा खुद सोच अपना चेहरा दोनो हाथो से धक कर सर्माने लगती है

दिशा अभय के पास जाके अपना झुक कर अभय के होठो पे किस करते हुवे - मेरे प्यारे देवर जी उठ जाइये कब तक सोते रहेगे 10 बजने वाले है

दिशा की आवाज सुन अभय आखे खोल दिशा को देखता है फिर अभय को याद आता है उसने रात को किया कांड किये है तो अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को देखता है दिशा अभय को मुस्कुराते हुवे देख समझ जाती है लेकिन दिशा अभय से दूर भाग पाती तक तक अभय दिशा को पकर बिस्तर पे लेता के दिशा के ऊपर आ जाता है

दिशा अभय के लीचे दबी हुई दरी हुई अभय को देख रोने सी आवाज मे - देवर जी प्लेस मुझे जाने दीजिये कोई देख लेगा
अभय दिशा को प्यार से देख - थोरा प्यार कर लू अपनी भाभी को
दिशा डरते हुवे - नही मे अभी नहा के आई हु और वो ( शर्मा के) नीचे बहोत जलन दर्द भी तो समझिये ना प्लेस


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अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा समझ गया मे आपके साथ जोर जबरदस्ती नही करुगा
दिशा अभय को देख - आप गलत समझ रहे है मेरे केहने का मतलब है अभी टाइम सही नही है और मेरे वहा दर्द भी है बाद मे कर लेना ना जितना करना है
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है जैसा मेरी प्यारी भाभी कहे लेकिन किस तो कर ही सकता हु ना
दिशा अभय को देख - हा किस कर सकते है


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दिशा के केहते ही अभय दिशा के होठो को चूसने लगता है जिब को मुह मे लेके पीने लगता है दिशा भी पूरे जोर सोर से अभय के जिब को मुह मे लेके चूसने लगती है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस पीते है फिर दोनो एक दूसरे के आखो मे देखते है

दिशा अभय को देख शर्मा के - देवर जी अब मेरे उपर से हतिये नही तो फिर मुझे तैयार होना परेगा
अभय दिशा को देख - आई लोव यू भाभी
दिशा भी मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू देवर जी

अभय फिर दिशा के ऊपर से हट जाता है तो दिशा खरी होकर अपने बाल सारी सब सही कर अभय को देख - आप बहोत बुरे है देवर जी ये केहते हुवे कमरे से भाग जाती है

अभय दिशा को जाते देख मुस्कुराते हुवे - और आप बहोत अच्छी प्यारी हो भाभी


अभय भी अपना काम कर नहा के रेडी होकर बाहर निकाल आस पास के नजारे को देखने लगता है फिर रात को जो हुवा उसे याद कर अभय मन मे - यकीन कर नही पा रहा हु रात जो भाभी मेरे बीच हुवा उसपे लेकिन ऐसा हुवा है मेरा पेहला सेक्स मेरा पेहला अनुभव पेहला सेक्स फीलिंग सब बहोत कमाल का रहा और ऐसा हो भी कियु ना पेहला सेक्स मेरी खूबसूरत प्यारी भाभी के साथ जो हुवा है

अभय सोचो मे गुम ना तभी पीछे से पूजा आते हुवे - किसके ख्यालों मे खोये हुवे के जीजा जी
पूजा की आवाज सुन अभय होस् मे आते हुवे पीछे मुर पूजा को देखता है पूजा आज भी बहोत कमाल की लग रही थी


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अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे सामने इतनी खूबसूरत लरकी है तो मे उसी के बारे मे सोचुगा ना साली जी
पूजा अभय के पास आके अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे जीजा जी मेरे बारे मे सोचना छोर दीजिये आपको कुछ नही मिलेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - कोसिस नही करुगा तो पता कैसे चलेगा
पूजा अभय के और पास आके अभय की आखो मे देख - जीजा जि सपने देखने से आप को नही रोकूगी लेकिन सपने सच नही होते


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अभय पूजा की आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - जानता हु साली जी लेकिन कई सपने पूरे भी हो जाते है किया पता मेरी भी पूरे हो जाये
पूजा मुस्कुराते हुवे - तो फिर देखते रहिये सपने लेकिन आपका ये सपना पुरा नही होगा मे जानती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही तो फिर मे किसी और के सपने देखने लगूगा


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अभय की बात सुन दिशा अभय के पेट मे जोर से मुक्का मारते हुवे - ठरकी जीजा ( केहते हुवे चली जाती है )
अभय पूजा को जाते देख पेट पकरे आह मार डाला रे मेने तो बस थोरि मस्ती की तो मुझे मारा कियु उपर से मुक्के मे दम बहोत है

अभय अपने आप को संभाल कर फिर नजारे का मजा लेने लगता है पॉकेट मे हाथ डाले गाना गुनगुनाते हुवे तभी अभय की नजर थोरि दूर आते हुवे एक लरकी पे परती है तो अभय उस लरकी को देखने लगता है 1
लरकी जब अभय के पास पहुँचती है तो अभय कि नजर लरकी के दो बरे बरे चुचे मे जाती है तो अभय कि नजर उस पर ठीक जाती है अभय सब भूल कर लरकी के बरे बरे चुचे को देख कर मजे लेने लगता है


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तभी कोई आके अभय के कान को पकर जोर से घुमा लेता है अभय दर्द से आह करते हुवे पीछे देखता है तो अभय की फट जाती है दिशा गुस्से से अभय को देखे जा रही थी


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वही जो लरकी थी आराम से वहा से चली जाती है लेकिन अभय बेचारा थोरे मजे के चक्कर मे फस गया था

अभय दिशा को देख डरते हुवे हकलाते हुवे - भाभी जो आप मेरे कान को कियु पकरी है दर्द हो रहा है छोर दीजिये ना
दिशा अभय के कान को और जोर से पकर अभय को देख गुस्से से - आप की नजर कहा पे थी आप किया देख रहे थे
अभय दर्द मे - भाभी मे तो गाव के नजारे का देख रहा था सच्ची आप को सायद गलतफमि हो गई है
दिशा अभय के कान को जोर से खीच के - अच्छा मुझे गलतफमि हो गई है अब आप मुझसे झुठ बोलगे आपको किया लगता है मेने देखा नही आपको कैसे उसके बरे बरे को देखे जा रहे थे जैसे खा ही जाइयेगे
अभय की और फट जाती है

दिशा अभय के कॉलर को पकर अपना चेहरा अभय के एकदम सामने लाने अभय की आखो मे देख गुस्से से - मेने जो कहा सायद आप भूल गये इतनी जल्दी बोलो को आपके पप्पू को काट हु
अभय जल्दी से अपने पप्पू को छुपाते हुवे डरते हुवे दिशा को देख
अभय - भाभी ऐसा मत कीजिये पप्पू बिना मे आपको प्यार कैसे कर पाऊगा
अभय की बात सुन दिशा बहोत शर्मा जाती हो लेकिन अभय के सामने जाहिर नही होने देती और अपना चेहरा गुस्से वाला ही बना के रखती है
दिशा अभय को देख - जब ऐसा है तो बाहर किसी पे नजर कियु डाल रहे है मे हु तो आपके पास मेरे पास भी बरे बरे हो रात को तो मजे से आप ने दबाया चूसा भी है ये लास्ट है फिर देखा तो आपका पप्पू सो टाइम काट दुगी फिर देखते तारते रेहना जितना दिल करे

दिशा अभय के कान छोर अभय के पेट मे एक घुसा मरते हुवे - गलती कि हो ये उसकी सजा है


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दिशा फिर कमर मतकाते हुवे गांड हिलाते हुवे अंदर चली जाती है

अभय पेट पकर दर्द मे - ये दोनो बहने पूजा का समझ मे आता है लेकिन भाभी का गुस्से वाला चेहरा आज देखा भी मार भी खा लिया वाह जो भाभी प्यार से मुझे मुलाती थी बाते करती थी मुझे pya करती थी आज वही भाभी ने मेरी बैंड बजा के चली गई

कमरे मे दिशा गुस्से से लाल होते हुवे समान पैक करते हुवे - रात को मेरी बजाई औद् सुबह होते ही दूसरी लरकी पे नजर डालने लगे ठरकी कही का गुस्सा इतना आ रहा है की क्या बताऊ

पूजा अंदर आते हुवे - किया बरबरा रही है दीदी
पूजा की आवाज सुन दिशा जल्दी से अपने आप को नॉर्मल कर मुस्कुराते हुवे पीछे मूर पूजा को देख
दिशा - अरे कुछ नही तुम बताओ कुछ चाहिये होगा तो देवर जी से मांग लेना बहोत पैसे है उनके पास ( मन मे बस बच के रेहना एक ही दिन मे ठरकी बन गये है)
पूजा हस्ते हुवे - फिलाल तो उन्होंने मुझे बहोत कुछ दे दिया है जरूरत परेगी तो जरूर मांग लूगि
दिशा मुस्कुराते हुवे - हा वो तो है

सुबह के 11 बजे

खाना पीना बाते करने के बाद अभय दिशा जाने के लिये रेडी थे

अभय बाइक पे बैठा हुवा था और दिशा अपनी मा पूजा से वा बाते कर रही थी

दिशा तारा से - मा मे जा रही हु कुछ भी चाहिये या मदद की जरूरत परे तो फोन करना ( दिशा अभय को देख) देवर जी है सब देख लेगे
अभय दिशा की बात सुन मन मे - हा हा कियु नही जो मे देख रहा था वो तो देखने नही दिया मुझे मारा भी

तारा हस्ते हुवे दिशा को देख - अपने प्यारे देवर पर इतना बोझ मत डाला कर बेटी
दिशा मुह बनाते हुवे - कमजोर नही है वो सब संभाल लेते है
दिशा मन मे - जैसे मुझे रात को बजा डाला
पूजा अभय को देख हस्ते हुवे - सही कहा दीदी आप चिंता मत कीजिये पुरा फायदा उठाउंगी
दिशा मन मे - उठा लेना लेकिन ऐसा ना हो देवर जी तुम्हारे ही फायदे उठा ले कियुंकी रात सब करने के बाद उनके अंदर बजाने का नसा चड चुका है

दिशा तारा से - मा अब हमे जाना चाहिये
तारा - ठीक है बेटा
दिशा बाइक पे बैठ जाती है और अभय के कमर को एक हाथ से पकर लेती है

तारा अभय के सामने जाके - अच्छे से जाइयेगा और अपनी भाभी सब का ख्याल रखियेगा अब आप ही है सब के एक लोटे सहारे

अभय तारा को देख - जानता हु आप चिंता मत कीजिये मे सब का ख्याल अच्छे से रखुंगा आप का भी
तारा मुस्कुराते हुवे - अच्छा देखती हु कैसे ख्याल रखते है
पूजा मुह बनाते हुवे - बरे आये हमारा ख्याल रखने वाले

अभय 10 हजार की एक गद्दी निकाल कर पूजा को दिखाते हुवे
अभय - मेने सोचा था ये पैसे अपनी साली को दूंगा ताकि वो बाकी जो चाहे करीद सके लेकिन मुझे लगता है उन्हे ये पैसे नही चाहिये

अभय की बात सुन पैसे को देख पूजा की आखो मे पैसे ही पैसे दिखाई देने लगती है पूजा एकदम से भोला प्यारा चेहरा बना के
पूजा प्यार से - आप तो हमान है आप ही हमारे करता धरता है जीजा जी

दिशा तारा पूजा को ऐसे करता देख मुह खोले देखने लगते है

अभय - ठीक है ठीक है ये लीजिये फालतू का खर्च मत करना
पूजा बिना देरी किये अभय के हाथो से पैसे लेते हुवे खुश होकर - थैंक्स जीजा जी आप बहोत अच्छे है

अभय पूजा को देख - हा कियु नही अभी के लिये बाद मे तो मे आपके लिये ठरकी हु गिरगिट कही की

तारा अभय को देख - आप ने इसी इतना पैसा कियु दिया बहोत जायदा है ये ( तारा पूजा को देख)
अभय - किया हो गया स्कूल जायेगी तो बाकी जरूरत कि छोटी मोती चीजे ले लेगी

दिशा पूजा को देख - पैसे सही जगह मे खर्चा करना नही तो आगे से एक रुपया नही मिलेगा
पूजा - समझ गई दीदी
अभय तारा पूजा को देख - ठीक है तो हम चलते है
तारा - ठीक है अच्छे से जाइये गा

अभय फिर बाइक चालू कर निकल परता है अभय दिशा के जाने के बाद पूजा पैसे लेकर खुशी खुशी घर मे अंदर चली जाती है वही तारा अपने ब्लाउस से फोन निकाल आसा को फोन करती है

आसा कमरे मे थी तो फोन उठा के - अरे आपने कैसे फोन किया कुछ हुवा है किया

तारा चारों तरफ देख कर - हा बहोत कुछ हुवा है जिसे जान आप भी हैरान हो जायेगी

आसा कम्हयुज़ होते हुवे - आप केहना किया चाहती है साफ साफ बोलिये ना
तारा - आपका लाडला और मेरी बेटी आपकी बहु दिशा के बीच वो सब चल रहा है

आसा समझ नही पाती वो सब तभी आसा का दिमाग थानकता है समझ मे आता है तारा के केहने का मतलम तो आसा जोर से किया

तारा - सही समझा आप ने
आसा हैरानी से - लेकिन ये कैसे हो सकता है अभय तो कुछ दिन पेहले ही आया है इतनी जल्दी इनके बीच वो सब मे मान नही सकती किया आप ने आखो से देखा है
तारा शर्मा के - नही लेकिन मेने आवाजे सुनी साफ साफ
आसा समझ नही पाती - आवाजे अरे बाबा साफ साफ पूरी बात बताइये ना
तारा - अच्छा सुनिये रात 2 मे उठी बाथरूम जाने के लिये जब मे आँगन मे आई तो मुझे दिशा के कमरे से कुछ आवाजे सुनाई दी लेकिन धीमा आवाज था तो मे समझ नही पाई तो मे कमरे के दरवाजे के पास जाके खरी हो गई

तारा रात का सीन याद कर बहोत सर्म से लाल हो जाती है
आसा बेचैनी से - अरे आगे भी बोलेगी आप
तारा - हा तो अंदर से फच् फच् पट फट कि आवाजे आ रही थी और दिशा अभय की भी

आसा जो यकीन नही हो रहा था उसने किया सुना

आसा सर्म से लाल होते हुवे - किया आप ने जो कहा सच है
तारा - कसम से सच केह रही हु
आसा हैरानी से - यकीन नही हो रहा दोनो तो बहोत फास्ट निकले
तारा - आपने मुझसे से पेहले कहा था अगर अभय आ जाता तो आप अभय की सादी दिशा से करवाते अब अभय आ गया है तो आपने जो कहा उसे पुरा कीजिये ( तारा इमोसनल होते हुवे आखो मे आसु लिये हुवे) मे अब और अपनी बेटी को विधवा के रूप मे नही देख सकती

आसा - आप चिंता मत कीजिये मुझे भी दिशा की चिंता थी जब विनय गुजरा तब मेने बहोत कोसिस की थी ताकि दिशा किसी से सादी कर ले लेकिन नही मानी उसके बाद मे अपने दोनो बेटे के खोने के गम मे जीने लगी लेकिन दिशा को जब देखती थी तो मुझे उसके लिये और बुरा लगता था विनय तो आ नही सकता था लेकिन मेरे दिल मे ये आस थी की किसी दिन मेरा अभय लौट की आयेगा और वो आया भी उपर वाले ने मेरी सुन ली अभय के आने के बाद दिशा अभय को साथ देख मुझे मेरी कही गई बात याद आ गई लेकिन मेने अभी बात इस लिये नही चलाई थी कियुंकी मेरा लाल सुरु से ही भाभी के साथ मस्ती मजाक करना ये सब उसने एक चाह बनाई थी तो मेने सोचा अभी अभय को अपनी भाभी के साथ वो पल जी लेने देती हु फिर बाद मे दोनो से बात कर सादी करवा दुगी इसी लिये रुकी थी लेकिन मुझे किया पता था दोनो के बीच से सब हो रहा होगा लेकिन ये तो अच्छा ही हुवा दोनो बहोत तेज निकले तो मे भी उनकी मा हु मे भी फास्ट तरीके से पेहला शुभ मुहूरत मे ही दोनो को पकर सादी करवा दुगी आप चिंता मत कीजिये

तारा खुश होते हुवे - मुझे यही आपसे सुनना था कियुंकी मे अब अपनी बेटी को फिर से सुहागन और उसका घर बस्ता देखना चाहती हु

आसा - चिंता मत कीजिये एक काम करिये कल आप सब आ जाना मे पंडित जी को बुला के सब के पेहले वो शुभ मुहूरत होगी निकलवाती हु

तारा - जैसा आप कहे हम कल आ जायेंगे
आसा - ठीक है तो ये तय रहा मे नही चाहती की दिशा अभय दोनो सादी से पेहले ही हमे दादी नानी बना दे जिस तरह से दोनो फास्ट निकले मुझे लगता है जल्दी ही हम दादी नानी बन जायेंगे
तारा हस्ते हुवे - आप का केहना बिल्कुल सही है मे भी दिल से चाहती हु मेरी बेटी मा बने उसे एक प्यारा खूबसूरत बच्चा हो और मे नानी बनू आप दादी
आसा हस्ते हुवे - मे भी चाहती हु की मेरे भर मे जल्दी ही नये मेहमान कि खिलकारी गुजे
तारा - हा जरुर होगा
आसा हस्ते हुवे - ये बताइये फट फच् अच्छे से मजे से लेके सुना ना
तारा सर्म से लाल होते हुवे - छी छी आप कैसी बाते कर रही है
आसा हस्ते हुवे - वही जो आपने कहा आपने सुना खैर अच्छा हुवा आप को पता चल गया नही तो हमे दिशा मा बनती तभी पता चलता
तारा हस्ते हुवे - बात तो सही कही आप ने
आसा - आने दो दोनो को आज उनकी अच्छी से खबर लूगि अच्छा तो कल मिलते है
तारा - जी कल मिलते है

फोन कट

तारा मन मे - उपर वाले आप का दिल से सुक्रिया दामाद जी घर नही आते तो मेरी बेटी जिंदगी भर एक बिधवा के रूप मे जीती और हम सब उनके गम मे जीते लेकिन दामाद जि की आने के बाद जैसे अब खुसिया ही खुसिया आने वाली है

वही आसा बिस्तर पे बैठी मुस्कुराते हुवे मन मे - वाह मेरे लाडले तुम तो बहोत तेज निकले भाभी को उनके भर ले जाके ही बजा डाला इसकी उमीद तो नही की थी वो भी इतनी जल्दी लेकिन ये कर के तुम ने मेरी प्रोबलम ही खत्म कर दी अब मुझे रुकने की कोई जरूरत रही जल्दी ही कुछ दिनों मे तुम दोनो की सादी करवा दुगी लेकिन पेहले तुम दोनो की अच्छे से खबर लूगि

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही गरमागरम कामुक और शानदार लाजवाब मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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chapter 15

( सुबह 11.30 )

गाव के एक छोटे से चौक पे जहा 15 कुछ दुकाने होगी चाय पान रासन कपड़े बाकी सभी छोटे दुकाने जैसा गाव मे होता है

रासन दुकान मे एक बंदा वो 25 या 27 के पास होगा कुछ सामान लेने मे लगा हुवा था बंदे ने एक टोपी पेहनी हुई थी कपड़े भी नॉर्मल थे बोले तो पूरा गाव के लोगो जैसे

बंदा समान लेके के बाद पैसे देने के बाद पीछे मूर जाने लगता है दो कदम आगे बढ़ाता ही है की बंदा नीचे झुक कर पैर को खुजाने लगता है जैसे उसे पैर मे खुजली हो रही हो लेकिन झुकने की वजह से उसके सर से टोपी नीचे गिर जाती है उसी की सामने सामने रोड उस पार एक पान वाले की दुकान थी पान वाली की उमर यही 32 के पास होगी पान वाले की नजर अचानक उस बंदे पे चली जाती है जिसे देख वो पूरी तरह से हैरान हो जाता है पान वाला बिना देरी किये एक फोटो निकाल देखता है फिर उस बंदे को देखता और उस फोटो पे जो नंबर था उस पे फोन लगा देता है

वही जो बंदा था पैर खुजाने के बाद जो टोपी गिरी हुई थी जल्दी से उठा के पेहन लेता है और जाने लगता है

पान वाला फोन लगा चुका था रिंग जा रही थी पान वाला बेचैन था सोच रहा था कॉल कोई जल्दी कियु नही उठा था पान वाले की नजर अभी भी उस बंदे पे थी ठिकी हुई थी

तभी फोन उठ जाता है पान वाला बिना देरी किये

पान वाला - मेडम मे लाल चौक से बोल रहा हु पर्मोध पान वाला मुझे कुछ लोगो की फोटो दी थी आप ने उसमेसे एक बंदे को अभी मेने देखा है ( पर्मोध बंदे हो जाते देख) अभी भी वो मेरी नजर मे है

पर्मोध की बाते सुनने के बाद दूसरी तरफ से
मैडम - किया कहा तुम सच केह रहे हो ना
पर्मोध - जी मैडम मे भला आप से झूठ कियु बोलुगा
मैडम - बहोत अच्छे बिना देरी कियु उसके पीछे जाओ मे जल्दी ही वहा आ रही हु याद रखना वो आदमी तुम्हारी नजरो से गायेब नही होना चाहिये
पर्मोध - जी मैडम मे उसपे नजर रखता हुई आप जल्दी आ जाइये
मैडम - वेरी गुड मे जल्दी ही आती हु

फोन कट

मैडम नितिका हि थी नितिका जल्दी से ऑफिस से बाहर निकाल अपने लोगो से चिलाते हुवे - हमे जिसकी तलास थी उसमेसे एक बंदे को देखा गया इसका मतलब और भी उसके साथी वहा हो सकते है जल्दी से रेडी हो जाओ हमे निकलना है फास्ट

नितिका के ओडर मिलते ही सभी भागते हुवे रेडी होने जाते है बुलेट फ्रूफ जैकेट गन से लेस सभी खतरों से लरने के लिये तैयार

नितिका भी बुलेट फ्रूफ जैकेट पेहन लेती है गन को चेक करते हुवे
नितिका - चूहा बिल से बाहर निकल ही आये लेकिन अब उन चूहो का शिकार करने का वक़्त है किसी एक को भी नही छोरुगी

नितिका बाहर आती है तो नितिका की टीम पूरी रेडी होकर खरी थी

नितिका अपनी टीम को देख - किया तुम सब रेडी हो
नितिका की टीम पुरे जोस से एक साथ - जी मैडम
नितिका तेजी से आगे बढ़ते हुवे - तो फिर चलो जल्दी नही मे नही चाहती वो कमीने फिर हाथ से निकल जाये

नितिका आगे कि सीट पे बैठ जाती है बाकी नितिका कि टीम पीछे गारी तेजी से चल परती है

नितिका पर्मोध को फोन करती है पर्मोध फोन उठाता है

नितिका - हा पर्मोध उस कमीने पे नजर रखी है ना
पर्मोध - जी मैडम अभी भी वो बंदा मेरी नजरो मे है
नितिका - गुड हमे आने मे 10 मिनट लगेगे तब तक उस उस बंदे पे नजर बनाये रखो वो कहा जाता है
पर्मोध - समझ गया मैडम आप चिंता ना करे बस आप आ जाये जल्दी फोन कट
नितिका और तेज गारी चलाने के लिये केहती है नितिका बेचैन भी बहोत थी बरी मुश्किल से कोई नजर मे आया है और नितका उसको जाने देना नही चाहती थी

10 मिनट लग ही जाते है नितिका लाल चौक पे पहुँच जाती है नितिका गारी से उतर जल्दी से पर्मोध को कॉल करती है

नितिका - हा पर्मोध मे लाल चौक आ गई तुम कहा हो

पर्मोध एक जगह पेर के पीछे छुप कर उस बंदे पे नजर रख रहा था

पर्मोध - मैडम दाहिने 5 मिनट चलिये फिर खेतो की तरफ देखेगी तो आपको सिर्फ दो घर खेतो के बीच दिखाई देगा कुछ पेर भी है वही आ जाइये

नितका ये सुन पूरी तरह हैरान हो जाती है

नितका - ठीक है मे समझ गई ( नितिका अपने टीम को देख) जल्दी चलो मेरे पीछे

नितिका तेजी से भागते हुवे आगे बढ़ने लगती है नितिका कि टीम मे 15 लोग थे 4 लेडी पुलिस भी थी सभी नितिका को फलो करते हुवे नितिका के पीछे पीछे भाग रहे थे

थोरि देर बाद नितिका खेतो की तरफ देखती है थोरि दूर कुछ 5 आम के पेर और बास के बहोत सारे पेर भी थे 2 घर थे घास फुस के

नितिका आगे बढ़ती है और नितिका अपने टीम के साथ वहा पहुँचती है तो पर्मोध एक आम के पेर के पीछे छुपा नजर रख रहा था

नितिका पीछे मूर अपनी टीम को इसारे सी सांत और अपनी जगह लेके छुप जाने के लिये केहती है नितिका के इसारे समझ सभी टीम अपनी अपनी एक जगह ढूंढ छुप जाते है

नितिका पर्मोध के पास आके - किया इसी घर मे वो कमीना है
पर्मोध नितिका को देख - जी मैडम इसी घर मे गया है
नितिका घर और चारों तरफ देख कर मन मे - यहा तो चारों तरफ खुला खेत है खेतो के बीच गाव से हट कर दो घर वैसे ये जगह सही है लोगो की नजर से बच कर रेहने के लिये लेकिन उतना खतरा भी है कियुंकी चारों तरफ खुला खेत है

नितका घर को देखते हुवे पर्मोध से - ये बताओ इस घर मे कोन कोन रेहता है
पर्मोध नितिका को देख - मैडम ये जगह मे एक ही परिवार रेहते है निदेश उसकी वाइफ एक बेटे के साथ बेटी की सादी हो गई है तो वो अपने ससुराल रेहती है

नितिका - लेकिन गाव से दूर आके ये लोग यहा कियु रेह रहे है
पर्मोध - मैडम दिनेस गाव मे ही रेहता था लेकिन उसके परोसी बार बार दिनेस से लरते झगरते रेहते थे तो तंग आके दिनेस यहा आके रेहने लगा

नितिका - अच्छा ये बात है तभी सोचु कोई गाव से दूर खेतो के बीच कियु रेहने आयेगा

तभी एक घर से दो और बंदे निकलता है जिसे देख नितिका पर्मोध भी हैरान हो जाते है

पर्मोध - बंदे को देख मैडम ये दोनो तो यही है जिनकी आपको तलास थी
नितिका दोनो को यही आपके बहोत खुश हो जाती है
नितिका - सही कहा अच्छा हुवा दोनो कमीने यही एक साथ मिल गये ( तभी नितिका बहोत घबरा जाती हो बहोत टेंसन मे आ जाती है)

पर्मोध नितिका को देख- किया हुवा मैडम आप टेंसन और घबराई हुई कियु है
नितिका पर्मोध को देख - तुम्हे पता है ये दोनो कोन है
पर्मोध - नही मुझे नही पता
नितिका - ये दोनो रेपिस्ट है कई लरकियो औरतो का रेप कर चुके है और सबसे बुरी और खतरनाक बात ये है रेप करने की बाद दोनो उसे मार देते है बरी मुश्किल से इनके बारे मे पता चला तब से हर किसी को इसकी तलास मे लगे हुवे है किसने सोचा था ये हेवान यहा गाव मे ही मिल जायेंगे और में डरी घबराई टेंसन मे इस लिये हु कियुंकी ये यहा है निदेश के घर मे तो निदेश और उसकी बीवी समझ गये मुझे उनकी चिंता है उसका किया कैसे है
नितिका की बात सुन पर्मोध भी घबरा जाता है पर्मोध को भी दिनेस और उसकी बीवी बेटे कि चिंता होने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाहर खरे बाते कर रहे थे रेपिस्ट 2 ये वही बंदा है जिसे पर्मोध ने देखा था

दोनो रेपिस्ट है हमेसा अपने आसान शिकार को ढूढ़ते रेहते है कोई मिल गया तो उसका रेप करते है फिर मार देते है आप इन्हें साइको रेपिस्ट सीरियल किलर भी केह सकते है अब तक इन दोनो ने 25 से जायदा लरकी औरतो का रेप कर उन्हे मारा है जिसकी तलास मे हर फोर्स लगी हुई है

नितिका अपने उंगली के इसारे से अपनी टीम को चारों तरफ फैल कर घेर लेने के लिये केहती है नितिका के इसारे पाके सभी टीम धीरे धीरे चारों तरफ फैलने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाते करते मे लगे हुवे थे इन सब से अंजान

रेपिस्ट 2 - यार मजा आ गया जैसे तुमने बोला था गाव की औरतो की चुदाई करने का मजा ही अगल है

रेपिस्ट 1 सिग्रेट पीते हुवे - बोला था ना गाव की औरते संस्कारी और भरी हुई होती है उसकी चुत मारने का मजा ही अगल आता है लेकिन वही सेहर की बात करे तो साली उसका तो खुद कई लोगो से अफेयर चलता रेहता है चुदवाती रेहती है मॉडल बन कर भूमती रहती ही अगर उनके सामने मोटा पैसा फेक दो तो जल्दी ही घोरी बन जायेगी लेकिन गाव की औरते मे बहोत कम ऐसी होती है उनको उनकी इजत बहोत प्यारी होती है देखा नही कैसे गीरगिरा रही थी प्लेस मुझे कुछ मत करो मुझे जाने दो मेरे सरीर तो टच मत करना

रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - सही कहा लेकिन वो जितना गीरगीरा रही थी हाथ पैर मार रही थी मेरे अंदर उतना ही जोस बढ़ रहा था कसम से अभी भी दिल नही भरा उसकी चुत मार कर

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 को देखता है और दोनो सैतानो की तरह पागलो की तरह हसने लगते है
रेपिस्ट 1 - चलो तो फिर एक राउंड और मार लेते है अब तो गाव की औरतो की ही लेगे
रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - जरूर मुझे भी गाव की औरतो की चुदाई का चस्का लग गया है


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दोनो अंदर जाते है एक कमरे मे दिनेस की बीवी पूरी नंगी बिस्तर पे लेती हुई थी दूसरे कमरे मे दिनेस और उसका बेटा था जिसे बांध कर रखा गया था

दोनो अंदर जाते है तो दिनेस की बीवी जिसका नाम रेमा था दोनो को देख फिर काप् जाती है थर थर कापने लगती है रेमा को कापते डरते देख दोनो रेपिस्ट शैतानी हसी हसने लगते है

रेपिस्ट 1 रेमा को देख - मेरी बुलबुल चलो घोरी बन जाओ तेरी चुत बहोत फूली रस से भरी है इतनी बार चुदाई कर के भी दिल नही भरा
रेमा कापते हुवे दोनो रेपिस्ट को देख आखो मे आसु लिये हाथ जोर
रेमा - प्लेस मुझपे रेहम करो मे अब और नही कर पाउंगी मुझे दर्द हो रहा है जलन हो रही है प्लेस मत करो मेरे साथ जाने दो हमे

रेपिस्ट 1 अपना सर पकर पागलो की तरह हस्ते हुवे शैतानी चेहरा बना के रेमा को देख - बुलबुल चुप चाप घोरी बन जाओ नही तो तेरे पति बचे


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इतना सुनते ही रेमा रोते हुवे कापते हुवे घोरी बन जाती है जिसे देख दोनो रेपिस्ट लार तपकाते हुवे रेमा की बरी गांड चुत को देख पागल होने लगते है

बाहर नितिका की टीम चारों तरफ फैल चुकी थी नितिका अपना गन हाथो मे लेके धीरे धीरे अपने साथ दो लोगो को लेकर घर के अंदर दाखिल होती आँगन मे जाने के बाद नितिका को एक कमरे मे से धीमा आवाजे सुनाई देती है नितिका धीरे धीरे कमरे के दरवाजे के पास जाती है तो नितिका को अंदर से आह मर गई प्लेस मत करो फट फच् की आवाजो के साथ रोने की आवाजे सुनाई देती है ये सुन नितिका की रूह काप् जाती नितिका को समझते देर नही लगी अंदर किया चल रहा है

नितिका की सासे तेज हो जाती है मुठी गुस्से से कस जाती है सरीर का खून उबाल मारने लगता है नितिका रेपिस्ट हत्यारों को देखना भी पसंद नहीं करती थी और देख ले तो नितिका एक भयानक रूप मे आ जाती है जिसे देख कोई भी काप् जाये नितिका के साथ सुरु से जो रेहते आये है उन्हे अच्छे से पता है


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नितिका कापते हाथो से दरवाजा जो खुला था नितिका धीरे से दरवाजे को खोल अंदर देखती है तो नितिका की आखे फैल जाती है अंदर मे दोनो रेपिस्ट रेमा की चुदाई करने के लगे हुवे थे सिन बहोत भयानक था नितिका के लिये और रेमा के लिये भी रेमा रोये जा रही थी गीरगिराते जा रही थी लेकिन दोनो दरिंदे रेमा का रेप किये जा रहे थे

दोनो रेपिस्ट रेमा के रेप करने मे खोये थे इस लिये उन्हे पता भी नही था उसकी मौत सामने है नितिका अपने आप को रोक नही पाती और तेजी से जाके दोनो के ऊपर गन तान देती है नितिका के साथी टीम के दोनो लोग भी

अचानक पुलिस को सामने देख दोनो की फट जाती है नितिका गुस्से से दोनो को देख - कमीनो जल्दी से अपना हाथ उपर करो
दोनो रेपिस्ट जल्दी से अपना हाथ उपर कर देते है नितिका अपने साथी को इसारे से दोनो का हाँथ बांध देने के लिये केहती है वही रेमा रोते हुवे चादर से अपने आप को धक लेती है और फुट फुट कर रोने लगती है

दोनो रेपिस्ट के हाथो को बांध दिया गया था नितिका रेमा के पास जाके रेमा को बाहों मे लेके रेमा को चुप कराने लगती है

रेमा नितिका के बाहों मे रोते हुवे - इन दोनो कमीनो ने मुझे दो दिन दो रात से हेवानो की तरह मेरी इज़त लूटी है दिल कर रहा था अपनी जान दे दु लेकिन अपने पति बच्चो की सोच हिम्मत नही हुई ( रेमा दोनो रेपिस्ट को देख) मैडम इन दोनो कुत्तो ने मुझे बर्बाद कर दिया कही का नही छोरा मुझे इन दोनो का जान से मार दीजिये दोनो हेवान है जिन्दा मत छोरो इन्हें

नितिका रेमा के पीट सेहलाते हुवे - तुम चिंता मत करो ऐसा ही होगा

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 से गुस्से मे - कमीने तुझे कहा था ना बाहर मत जा देख आज हम पकरे गये ना
रेपिस्ट 2 - यार मुझे किया पता था ऐसा कुछ होगा

नितिका रेमा को पकरे पेहने के लिये केहती है फिर दोनो रेपिस्ट को गुस्से से देखने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को देख

रेपिस्ट 1 - देखो मैडम हमे जाने दो उसके बदले आप जितना पैसा मागोगे मिलेगा
रेपिस्ट 2 नितिका को उपर से नीचे तक देख लार चुवाते हुवे
रेपिस्ट 2- हा जितना चाहो पैसे देने के लिये तैयार है तुम चाहो तो ( रेपिस्ट नितिका के बरे चुचे देख हवस भरी नजरो से) हम तीनों यहा मजा कर सकते है उसके पैसे तुम्हे हम देगे

रेपिस्ट 1 नितिका को देख मुस्कुराते हुवे - तुम भी कमाल कि माल हो मेरे दोस्त ने सही कहा मान जाओ तुम्हे हम दोनो खूब मजा देगे

दोनो की बात सुन नितिका दोनो के पास आके दोनो का प्यार से देख
नितिका - अच्छा तो तुम दोनो मुझे मजा दोगे पैसे भी
दोनो रेपिस्ट खुश होते हुवे - हा सही बोला तूने
सारिका - कितने पैसे दोगे
रेपिस्ट 1 - कितना चाहिये
नितिका मुस्कुराते हुवे - 1 करोड़ काफी होगा
दोनो रेपिस्ट एक दूसरे को देखते है फिर मुस्कुराते है

रेपिस्ट 1 - मंजूर है
नितिका - किया तुम्हारे पास इतने पैसे है
रेपिस्ट 2 हस्ते हुवे - मैडम हमने कई अमीर औरतो के घर जाके उनका रस पिया ही मजे लिये तो साथ मे उनको लूट भी लेते है बहोत पैसे है ये बताओ आप रेडी है मजे करने के लिये

रेमा तीनों की बात सुन रही थी रेमा को समझ नही आ रहा था चल किया रहा है यही नितिका के साथ दोनो जो थे आराम से खरे थे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - मजे तो मुझे भी करने ही लेकिन फिर अभी फिल्हाल तुम दोनो दोनो जा सकते हो

नितिका कि बात सुन दोनो रेपिस्ट खुश हो जाते है तो यही रेमा का बहोत बरा झटका लगता है

नितिका अपने दोनो साथियों से - इन्हें बाहर ले चलो
नितिका के केहने पे दोनो रेपिस्ट को बाहर ले जाया जाता है
रेमा नितिका को देख - हैरानी से मैडम आप ये किया कर रही ही आप उनका साथ दे रही ही छि मुझे लगा आप उनको सजा देगी लेकिन आप तो उनसे भी बुरी निकली

नितिका रेमा कि तरफ देख - तुम जायदा नही बोल रही जाके देखो तुम्हारे पति बचे कैसे है

नितिका भी बाहर आ जाती ही नितिका के बाकी टीम अभी भी छुपे हुवे थे नितिका इसारा करती ही तो एक हवलदार दोनो रेपिस्ट के हाथो की रस्सी खोल देता है

नितिका दोनो को देख - ये बताओ मेरा पैसा कैसे मिलेगा मुझे
रेपिस्ट 1 - आप अपना अकाउंट नंबर दे दीजिये वादा है जो दिल हुवा था उतने पैसे आपके अकाउंट मे आ जायेंगे
रेपिस्ट 2 मुस्कुराते हुवे- या आप कहे तो खुद हम आपके पास आ जायेंगे फिर आपको पैसे भी दे देगे और मजे भी कर लेगे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है तुम दोनो खुद आ जाना मेरे पुलिस इस्टेशन लेकिन अभी जल्दी जाओ समझ रहे हो ना

दोनो रेपिस्ट- समझ गये जाने मन हम जा रहे है जल्दी ही मुलाकात होगी
नितिका मुस्कुराते हुवे - हा कियु नही अब जाओ

दोनो रेपिस्ट आराम से खेतो से होकर जाने लगते है थोरि दूर गये ही थे की डिस्कियाओ डिस्कियाओ दो गोली चलती है और दोनो रेपिस्ट के पैर मे जाके लगती ही दोनो रेपिस्ट जमीन पे ध्राम से गिर चिलाते हुवे नीचे गिर जाते है

नितिका के पीछे दो लेडी पुलिस मे से एक नितिका को देख - मैडम पेहले ऐसे ही करती पेहले तू जाने को बोलती उसको एक आस देती है फिर दोरा दोरा के मारती है

लेडी पुलिस 2 नितिका को देख - हमारी मैडम हत्यारो रेपिस्ट से बहोत नफरत करती है उन्हे तो देखना भी पसंद नही करती और गलती से भी कोई मैडम की हाथ लग गया तो समझो मर गया

रेमा नरेश उसका बेटा भी बाहर आते है तीनों का चिलाने कि दर्द मे रोने की आवाजे सुनाई देती है तीनों सामने खेतो मे देखते ही तो दोनो रेपिस्ट पैर पकर जोर जोर से दर्द मे चिल्ला रहे होते है रेमा ये देख हैरान होती है और नितिका को देखने लगती है

नितिका हाथो मे गन लिये दोनो रेपिस्ट की तरफ जाने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को अपनी तरफ हाथो मे गन लेकर आते हुए देखते है तो उसकी रूप काप् जाती दोनो को पेहली बार डर दर्द का एहसास होता और अपने पापो का मरने का भी

नितिका जब दोनो रेपिस्ट के सामने आखे खरी होती है तो दोनो नितिका के सामने गिर गिराते हुवे जान की भीख मांगने लगते है

नितिका गुस्से से लाल जहा दोनो को गोली लगी थी उसी जगह दोनो को अपने पैर से जोर से मारती है तो दोनो रेपिस्ट जोर से दर्द से चिलाने लगते है

नितिका दोनो को देख गुस्से से - डर दर्द मरने का एहसास हो रहा है ना वैसे ही तुमने जीतने मासूम लरकी औरतो का रेप किया वो भी तुम के सामने गीरगिराये होगे छोर देने के लिये लेकिन तुम दोनो के नही छोरा हेवानो की तरह जब तुम दोनो ने रेप किया होगा तब उन्हे दर्द हुवा होगा लेकिन फिर भी तुम लोगो नही रुके होगे बहोत बेदर्दी से जितनो को तुम लोगो ने मारा उन्हे भी मरने से डर लगा होगा दर्द हुवा होगा तुम्हारे सामने गिरगिराये होगे

नितिका दोनो के पैर एक एक गोली मारती है अब दोनो रेपिस्ट के दोनो पैर मे गोली लगी हुई थी दोनो जितना जोर से चिलाते ही की पीछे खरे लोग भी काप् जाते है

नितिका दोनो के बाल पकर दोनो को गुस्से से देख - तुम दोनो कि गन्दी जुबान से मेरे लिये गंदे शब्द सुन मेरा खून खोल रहा था दिल कर रहा था वही मार दु

नितिका दोनो को छोर - ठीक है चलो भागो मे तुम दोनो को नही मारुगी जल्दी करो नही तो मेरा मन बदल सकता है

नितिका कि बात सुन दोनो के अंदर एक आसा हिम्मत जाग जाती है दोनो नितिका को देख - सच केह रही है आप
नितिका - हा जल्दी करो भागो

दोनो रेपिस्ट उठने की कोसिस करते ही लेकिन उठ नही पा रहे थे लेकिन जान बचानी थी तो जैसे तैसे खरे होकर लंगड़ाते हुवे चल के भागने लगते है और नितिका दोनो को देखे जा रही थी

दोनो रेपिस्ट पूरी जि जान लगा के दर्द कि परवाह किये बगैर आगे थोरि दूर ही जाते है की दिशा दोनो के सर पे गन तान निसाना लगा के ढाये ढाये दो गोली चलाती है और दोनो गोली जाके दोनो रेपिस्ट के सर के आर पार निकल जाते ही और दोनो रेपिस्ट ध्राम से जमीन मे गिर जाते ही

नितिका अपना गन रखते हुवे - मे कोई हत्यारे रेपिस्ट को छोर दु सपने मे भी नही मेने वर्दी इसी लिये पेहनी ताकि तुम जैसे गंदगी का साफ कर सकु इस पिर्थवि से

नितिका फिर अपनी टीम के पास आ जाती है रेमा नितिका के पास जाके

रेमा - माफ करना मैडम मेने बिना जाने आपको बुरा भला कहा
नितिका रेमा को देख - आपकी कोई गलती नही है वहा कोई और होता तो वो भी यही सोचता मुझे तो आपके लिये दुख हो रहा है लेकिन आपको जीना होगा

फिर एम्बुलेंस रिपोटर आते है पूरे गाव मे ये बात फैल जाती है


अब आते है अभय दिशा की तरफ


अभय दिशा को लेकर घर निकल चुका था सभी आधे रास्ते मे पहुँच चुके थे वही दिशा पीछे अभय को पकरे बैठी हुई थी लेकिन बार बार हिल रही थी कियुंकी दिशा को नीचे दर्द जलन अभी तक था दिशा अपनी मा बेहन के सामने तो कैसे भी दर्द को छुपा कर रखा लेकिन दोनो के सामने नॉर्मल रही लेकिन अब सहा नही जा रहा था

अभय को भी ये एहसास होता है दिशा बार बार हिल रही है

अभय दिशा से - भाभी किया बात है आराम से बैठा भी नही जा रहा है किया

दिशा अभय की बात सुन गुस्से से मुह फुलाते हुवे - नही बैठा जा रहा कियुंकी किसी ने अपना मोटा लम्बा साप जबरदस्ती मेरे छोटे से बिल मे गुस्सा दिया था और रात भर घुसाता रहा वही बुघट रही हु

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है लेकिन मुझे लगता है मोटा लम्बा साप छोटे से बिल के अंदर जबरदस्ती गया भी तो किया हुवा मजा तो आया होगा ना बिल को भी साप को भी कियुंकी बिल बहोत गर्म था और साप को गर्म बिल बहोत पसंद आती है

अभय की बात सुन समझ कर दिशा सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा अभय के पीट पे मारते हुवे शर्मा के
दिशा - छी गंदे देवर जी आप ना अब बहोत गंदे हो गये है
अभय हस्ते हुवे - अरे किया करू रात को जो देखा किया उसके बाद तो हर सीन मेरे आखो के सामने आ रहे है

बेचारी दिशा सर्म से लाल होगा जाती है इसी बीच मस्ती मजाक करते हुवे अभय घर पहुँच जाता है बाइक कि आवाज सुन अदिति भागते हुवे बाहर आती है

अभय दिशा बाइक से उतर कर अंदर जाने ही वाले थे कि अदिति भाई केहते हुवे सीधा अभय पे कुद परती है अभय जल्दी से अदिति को पकर लेता है


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अभय अदिति को बाहों मे उठाये अदिति को देख हस्ते हुवे - तुम भी ना गुरिया अचानक आके मेरे उपर कुद जाती हो
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - किया करू आपको देखते ही अपने आप को रोक नही पाती
दिशा अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - आप दोनो की हरकते और प्यार कोई समझ नही पायेगा चलिये अंदर चलते है

अभय अदिति को बाहों मे लिये ही अंदर जाता है तो सामने ही आसा कमर पे हाथ रखे आँगन मे खरी थी अभय मा को देख मुस्कुराता है लेकिन आसा तो दिशा अभय को ही चिल की निगाह से देख रही थी

आसा अदिति को से देख - अदिति बेटा भाई की गोद से उतर मेरे पास आओ और ( आसा दिशा अभय को देख) तुम दोनो वही रुको

आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा हैरान और कंफ्यूज से आसा को देखने लगते है किसी को समझ नही आ रहा था

अदिति को देख थोरे गुस्से से - सुना नही किया मेने किया कहा
अपनी मा के गुस्से वाली आवाज सुन अदिति अभय कि गोद से उतर कर आसा के पास जाके खरी हो जाती है

आसा चलते हुवे दिशा अभय के पास जाके खरी हो जाती है
अभय दिशा अभी भी समझ नही पा रहे थे चल किया रहा है कियु आसा उनको रोक रही है

अभय आसा को देख - मा किया बात है हमे रोका कियु है
आसा दिशा अभय दोनो को देख - तुम दोनो मेरे सामने घुटने पे बैठो
आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा पूरी तरह से हैरान होकर आसा को ही देखने लगते है

आसा करक आवाज मे - कोई सवाल नही मेने जो कहा जल्दी करो
अभय दिशा एक दूसरे को देखते है समझ तो नही आ रहा था आसा ऐसा कियु कर रही है फिर भी आसा के सामने दोनो की कहा चलने वाली थी अभय दिशा घुटने पे आसा के सामने बैठ जाते है

अदिति आसा को देख हैरानी से - मा आप ये किया कर रही है
आसा अदिति को देख - तुम चुप रेह पता चल जायेगा
आसा अभय अदिति को देख - चलो तुम दोनो अपने कान कपरो
आसा की बात सुन फिर अदिति दिशा अभय हैरान हो जाते है
अभय आसा को देख - मा ये आप किया कर रही है
आसा अभय दिशा को देख - सवाल नही जैसा मेने कहा करो
अभय दिशा फिर एक दूसरे को देखते है फिर हार मान कर अपने दोनो कान पकर आसा को देखने लगते है

आसा अभय दिशा को देख - चलो अब तुम दोनो अपनी गलती कबूल करो जल्दी
आसा की सुन फिर सही हैरान होते है और किसी का समझ नही आता खास कर अभय दिशा को की आसा किस गलती को कबूल करने के लिये केह रही है

आसा अभय दिशा को देख एक शैतानी मुस्कान देते हुवे - समझ नही आ रहा था मे कोन सी गलती कबूल करने के लिये केह रही हु ठीक है तुम दोनो के लिये आसान कर देती हु तुम दोनो वहा रात को जो कांड कर के आये हो उसी की गलती को कबूल करने के लिये केह रही हु अब समझ मे तुम दोनो को आ गया होगा

आसा की बात सुन अभय दिशा को जोर का झटका लगता है दोनो को ऐसा लगता है नीचे से जमीन गायब होगी हो आखे फैल जाती है सरीर के रोवे खरे हो जाते है माथे से पसीना आने लगता है

दोनो की हालत देख आसा अंदर ही अंदर जोर जोर से हस्ते जा रही थी
वही अदिति माथे को खुजलाते हुवे - लगता है मा पागल हो गई है आखिर भाभी भाई वहा रात को कोन कांड किये है भला जिसकी वजह से भइया भाभी को नीचे बैठाये हुवे है

आसा अदिति की बात सुन अदिति के सर मे जोर से मारते हुवे - बरी हो गई लेकिन समझ एक पैसे कि नही मे कोई पागल नही हु समझी

आह लग गई करते हुवे अपना सर पकर लेती है

वही अभय दिशा की चोरी पकरे जाने के बाद दोनो डर से कापने लगते है दोनो के पसीने निकल तप तप नीचे गिरे जा रहे थे अभय दिशा एक दूसरे को देखते है
अभय मन मे - कैसे कैसे मा को कैसे पता चला वहा रात को हमने क्या किया है कैसे अब किया होगा मेरा मेरे तो लग गये थु है मुझपे पेहली बार चुदाई मे ही पकरा गया वो भी मा सब से

दिशा सर्म से नजरे नीचे किये हुवे मन मे - किया सासु मा को पता चल गया हमारे बीच जो हुवा सब कुछ लेकिन एक बात समझ नही आ रही मम्मी जी को पता कैसे चला कैसे कैसे

आसा अभय दिशा को सोचता देख समझ जाती है दोनो किया सोचने मे लगे हुवे है

आसा मुस्कुराते हुवे अभय दिशा को देख - तुम दोनो यही सोच रहे हो ना मुझे ये कैसे पता चला
आसा की बात सुन अभय दिशा आसा की तरफ डर के शर्म से देखने लगते है
आसा को देख हस्ते हुवे - देखो तो अभी सर्म आ रही है करते वक़्त नही आई
आसा की बात सुन अभय दिशा फिर नजरे नीचे कर लेते है
आसा मुस्कुराते हुवे - बहु मुझे तुम्हारी मा ने बताया रात को तुम दोनो तो लगे परे थे सब भूल कर अब समझ मे आया मुझे कैसे पता चला

एक और बरा झटका अभय दिशा को लगता है

अभय मन मे - क्या सासु मा को पता चल गया था लग गये किया सोच रही होगी मेरे बारे मे मेरी तो इज़त की ऐसी की तैसी हो गई

दिशा मन मे - किया मा ने देख लिया हे उपर वाले ये किया हो गया अब किया होगा मुझे इतनी सर्म आ रही है की कही मे सर्म से मर ना जाऊ

अदिति आसा से - मा मुझे बताओगी भी चल किया रहा है मुझे तो कुछ समझ मे नही आ रहा
आसा अदिति की बात सुन अपना सर पकर के - तेरा दिमाग है या उसमे भूसा भरा है ( आसा अदिति को देख) तेरा प्यारा भाई भाभी वहा रात मे एक पति पत्नी के बीच जो होता है वही कर के आये हो अब समझी की और अच्छे से समझाउ

आसा कि बात सुन अब जाके अदिति को सब माजरा समझ मे आता है अदिति अभय दिशा को देख मुह पे हाथ रखते हुवे जोर से चिल्ला के किया

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर लाजवाब और जबरदस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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ajay bhai

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chapter 42

अभय आसा के कमरे मे आता है आसा बिस्तर पे बैठी मोबाइल चला रही थी अभय अंदर आते हुवे आसा को देख - मा
आसा अभय को देखती है फोन रख मुस्कुराते हुवे - लाला

अभय जाके अपनी मा के गोद मे बैठ जाती है आसा भी बरे प्यार से बाहों मे ले लेती है अभय अपनी मा के मोटे जांघे चुत के गर्मी फिल करने लगता है साथ मे आसा के चुचे पीछे अभय के पीट से पुरा चिपका भी फिल करता है

अभय मुस्कुराते हुवे - नर्म गर्म फिल कर सुकून मिला
आसा शर्म से - अच्छा लेकिन हर इंसान का शरीर गर्म ही होता है
अभय आसा कि गोद से उठ कर बिस्तर पे लेत जाता है आसा हैरान कंफ्यूज मे अभय को देखती है
अभय मुस्कुराते हुवे अपने उपर आके बैठने के लिये केहता है आसा एकदम शर्म से लाल हो जाती है
आसा अभय को देख सर्म से -लेकिन लाला मेरा वजन
अभय मुस्कुराते हुवे आसा की आखो मे देख -आप तो एक खूबसूरत सी कली है जयदा मत सोचिये

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आसा सर्म की लाली लिये अभय के ऊपर आके बैठ जाती कालि सारी काले ब्लाउस काले घने बाल खूबसूरत चेहरा चेहरे पे मुस्कुराहट गुलाबी होठ बरा बदन पर्फेट बॉडी पीछे निकले बरे गांड ब्लाउस मे कसे चुचे की उभार आसा को सच मे एक हुर की परी कहना गलत नही था अभय भी जानता उसकी मा गाव की सब से खूबसूरत औरत है और ये सच भी है आसा बिना वजह घर से बाहर नही निकलती लेकिन जब निकलती है तो लरके हो या बूढ़े को घायल कर देती है

आसा अपने मोटी जांघे बरे नर्म गर्म गांड के साथ अभय के ऊपर बैठी हुई सर्म से लाल थी अभय साफ अपनी मा के मुलायम नर्म गर्म जांघे गांड और चुत कि गर्म अच्छे से फिल कर पा रहा था अभय को फिल होता है जैसे उपर उपर उसकी मा नही कोई नर्म रुई लेकिन गर्म तकिया रखा हो जाहिर है आसा के मुलायम बरे गांड नर्म रुई जैसे ही थे तो अभय को फिल भी वैसा ही दे रही थी सीन अब तक का सबके खूबसूरत कामुक् था दोनों एक दूसरे की आखो मे देखते है

अभय अपनी मा की आखो मे देख - आपने कहा हर इंसान का शरीर गर्म हि होता है
आसा अभय को देख - हा सही तो कहा
अभय अपनी मा की आखो मे देख - लेकिन इंसान के शरीर के कुछ ऐसे अंग जगह बहोत गर्म होते है बाकी जगह से हद से जयदा जिसे मे अभी अच्छे से फिल कर पा रहा हु ( अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देखता रहता है

अभय की बात आसा को अच्छे से समझ मे आ चुकी थी उसका प्यारा बेटा किस जगह की गर्मी कि बात कर रहा है लेकिन आसा अपने आप को काबू कर अंजान मनते हुवे अभय को देख - अच्छा मुझे तो नही पता कोन की जगह ज्यादा गर्म होती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - वो जगह जो बहोत खास होता है नाजुक होता है लेकिन उसी के साथ बहोत गर्म भी
आसा सर्म पे बाकू करते हुवे अभय को देख मन मे - आज मेरे लाला को किया हो गया है कैसी कैसी बाते कर रहा है बरी मुश्किल से अपनी सासे दिल की धरकंन अपनी सर्म को रोके हुई हु
आसा अंजान बनते हुवे अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लेकिन अभी भी मुझे समझ मे नही आया
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - झुठ बोल रही है आप
आसा - नही सच मुझे नही पता
अभय मुस्कुराते हुवे - हु वो नाजुक खूबसूरत गर्म जगह टांगों के बीच होता है
आसा की सासे दिल की धरकंन रुक जाती है एक पल के लिये आसा के चेहरे पे सर्म की लाली आने लगती है लेकिन आसा फिर अपने आप पे काबू कर अभय को देख - अच्छा अब समझी लेकिन मुझे तो जो वजह जयदा गर्म नही लगती
अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - आपको ना लगती हो लेकिन अभी मे आपके टांगों के बीच उस नाजुक खूबसूरत चीज कि गर्मी अच्छे से फिल कर पा रहा हु

इस बार आसा अपने आप को काबू नही कर पाती और तेज तेज सासे लेने लगती है दिल तेजी से धक धक करने लगता है चेहरे पे सर्म पसीना दोनों आने लगता है अभय अपनी मा के चुचे को देखता जो आसा के तेज सासे लेने की वजह से उपर नीचे हो रहे थे

आसा अभय के सीने पे दोनों हाथ रख नजरे नीचे कर मन मे - उफ आज मेरा बेटा अलग ही मुंड मे है उफ मेरा बेटा मेरी चुत की गर्मी फिल कर रहा है उफ मुझे पहले से पता था लेकिन आज उससे खुल कर तो नही लेकिन बातो को घुमा के केह दिया उफ

अभय आसा को देख - किया हुआ मा
आसा अपने आप को नॉर्मल कर अभय को देख मुस्कुराते हुवे - कुछ नही बस सोच रही थी आज मेरा लाला बदला बदला नजर आ रहा है

अभय अपनी मा की आखो मे देख मन मे - हु हा कियुंकी मुझे आपको पाना है काजल बुआ के साथ सब होने के बाद मुझे अच्छे से एहसास हुआ मेरा दिल किसको किसको चाहता है लेकिन किया आप मुझे चाहती है

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मे तो जैसा था वैसा ही हु आपका प्यारा लाला
आसा मन मे - वाह झूठा कही का
आसा अभय को देख - अच्छा ठीक है मान किया वहा जयदा गर्मी होती है तो तुझे फिल कर किया मिल रहा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सुकून एक एहसास नई फीलिंग खास कर कोई बेटा जब अपनी मा के वो वाली जगह की गर्मी फिल कर रहा हो तो वो बेटा दुनिया के सब से किस्मत वाला बेटा है

आसा मुठी कस अपने आप को रोके - अच्छा जी लेकिन लाला संभल के कही उस जगह वाली गर्मी से जल ना जाओ
अभय मुस्कुराते हुवे अपनी मा की आखो मे देख - हु ऐसा नही होगा कियुंकी मेरे पास एक लम्बा मोटा गर्म तोप् है जो उस गर्मी को ठंडा कर देगा

अभय की बात आसा फिर अच्छे से समझ चुकी थी अब आसा को रोकना बरा मुश्किल हो रहा था आसा तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ आज किया हो गया है मेरे लाला जो डबल मिलिंग बाते कर रहा है उफ मुझे भी बहोत अच्छा लग रहा है बात कर लेकिन मे रोक नही पाउंगी खुद को

अभय अपनी मा की हालत समझ सकता था अभय मन मे - पापा के जाने के बाद आपने कैसे अपनी खुशी अरमान दबा के जिये मुझे एहसास है अच्छा हुआ काजल बुआ मेरी जिंदगी मे आई उसकी बाते सुन उसकी लाइफ मे जो हुआ सहा जान मुझे एहसास हुआ जब बुआ के पास फूफा जी है फिर भी बुआ के लाइफ मे खुशी नही लेकिन मा आप तो अकेली है पापा के जाने के बाद से तो मे सोच भी नही सकता आपने कितनी कुर्बानी दी दर्द तकलीफ सेह हमे पाला है लेकिन अब आपके लाला को अच्छे से एहसास हो चुका है अब से मे और पूरी कोसिस करुगा आपको हर खुशी दु

अभय - मा अब आप बिस्तर पे बैठ जाइये
आसा ये सुनते ही जल्दी से बिस्तर पे बैठ जाती है और मन मे - उफ चलो बच गई

अभय आसा के पास आके आखो मे देख होठ पे किस करते हुवे - आई लोव यू मा
आसा अभय के चेहरे को पकर होठ पे किस कर - आई लोव यू लाला

अभय मुस्कुराते हुवे - मा गुड नाइट मे सोने जा रहा हु
आसा मुस्कुराते हुवे - कियु आज कोई पोस् मारने को नही बोलेगा
अभय आसा की आखो मे देख - किया दिखाओगी इस बार
आसा शर्म से अभय को देख - किया देखेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - देखना तो मे बस कुछ चाहता हु लेकिन मेरी एक सीमा लिमिट है तो वही तक देखा दीजिये
आसा अभय को देख मन मे - लाला को अपनी लिमिट पता है ये जान मुझे खुशी हुई एक मा हु मेरी भी एक हद है उसके आगे मे अपने जिगर के तुकरे को प्यार नही दे सकती

नोट - आसा को पहले से अंदाज़ा हो गया था उसके और अभय के बीच एक मा बेटे से कई आगे निकल चुके है लेकिन अभय को काजल की कहानी सुनने के बाद पता चला अभय को पता था उसकी मा ने उसको बरे दुख तकलीफ सेह कर पाला है लेकिन काजल की कहानी जानने के बाद अभय को एहसास हुआ उसकी मा ने और किया क्या सहा है

अभय को भी अब अंदाज़ा था उसकी एक लिमिट है जिसके आगे वो अपनी मा के साथ आगे नही जा सकता ना ही उसकी मा जाने देगी ना जायेगी पर अभय उसी लिमिट को तोरने की थान चुका था जो आसान नही होने वाला था अभय आसा के बीच अभी जो है या चल रहा है उसमे आसा को कोई दिकत नही थी लेकिन आसा उसके आगे नही जा सकती थी यानी बाते करना बॉडी थोरा शो करना जितना आसा लास्ट अभय के लिये कर सकती थी

फिल्हाल ये आसा की सोच लिमिट थी आगे किया होगा किसने जाना है

आसा अभय को देख - तु बोल मे करूगी
अभय आसा की आखो मे देख - आपके दो बरे जितना हो सके देखना है
आसा शर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे अभय को देखती है फिर सीने से सारी हटा के अभय के सामने झुक जाती है अभय कि नजर अपनी मा के सीने पे जाती है जिसे देख अभय थम सा जाता है सासे दिल पलके सब कुछ कुछ पल के लिये आसा अभय को ऐसे बिना पलके झपकाये अपने दोनों दूध को देखता देख और शर्म से लाल हो जाती है

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आसा झुकी हुई थी अभय के सामने आसा के दोनों बरे दूध जैसे मुलायम नर्म चुचे लटके हुवे थे अभय होस मे आके अपनी मा के चुचे को गौर से देख - कितने बरे दूध जैसे गोरे है ये वही चुचे हो जिसे मेने मुह मे लेके चूस कर दूध पिया है मा आपने चुचे बहोत बरे खूबसूरत है

अपने बेटे की बात सुन आसा का शरीर झनझना जाता तेज सासे लेते हुवे आसा सारी अपने सीने पे रख खरी होके - उफ अब खुश
अभय आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - बहोत
आसा शर्म से नजरे नीचे कर - चल जा अब सो जा
अभय मुस्कुराते हुवे - आज तो सायद नींद हि ना आये
आसा और शर्मा जाती है

अभय जाते हुवे - मा सारी के ऊपर से गर्मी बहोत फिल हुई लेकिन नाइटी मे सब से जयदा गर्मी और वो फिल होता है मुझे आपका
ये केह अभय मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आ जाता है

लेकिन आसा बिस्तर पे बैठ तेज सासे चेहरे पे पसीने लिये - उफ मुझे लगा ही था लाला मेरे उपर लेत कर सोता है और मे अंदर कुछ नही पहनती तो साफ था लाला को सब अच्छे से फिल होता होगा

आसा बिस्तर पे लेत तकिया सीने पे रख बाहों मे भर छत को देखते हुवे - लाला इसके आगे मुझे जाने के लिये मत कहना नही तो पहली बार मुझे तुझे किसी चीज के लिये ना कहना होगा जो मे नही चाहती ऐसा पल आये

अभय अदिति के पास आके थोरा बात कर कमरे मे आके लेत छत को देखते हुवे मन मे - मा मुझे पता है आप एक. लिमिट के आगे नही जायेगी लेकिन जब मुझे एहसास हो चुका है आप मेरे लिये किया है मेरे दिल मे आपके लिये कैसी फीलिंग है तो मे आपको पा के रहुंगा मे हमारे बीच की दीवार तोर दुगा चाहे मुझे उसके लिये जो करना परे मे आपका दिल जीत कर रहुंगा

अभय आखे बंद कर सो जाता है

सुबह होती है अभय मिनीता के घर आता है कोमल अभय को देख मुह बना के - कमीना
अभय कोमल के पास जाके - किया कहा
कोमल अभय की आखो मे देख - कमीना कहा अब सुनाई दिया
अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - कमीनी
कोमल हैरान शोक अभय को देख - कुत्ते
अभय मुस्कुराते हुवे - कुतिया
कोमल और गुस्से मे लाल होके अभय के कोलर पकर गुस्से से - गधा लूचा
अभय कोमल के कमर मे हाथ डाल अपने से चिपका के कोमल के होठ पे उंगली फेरते हुवे - गढ़ी लुचि
कोमल अपने होठ पे अभय की उंगली फिर कर तेज सासे लेने लगती है अभय अपना होठ आगे ले जाने लगता है कोमल ये देख अपना होठ खोल देती है

गुस्सा सांत सब भूल दोनों एक दूसरे को बाहों मे लिये किस करना सुरु कर देते है कोमल अभय के होठ जिब चुस्टे हुवे मन मे - मुझे आदत होती जा रही है अभय मेरे पास आता है तो मेरे सरीर मे अंदर मे कुछ होने लगता है मेरे होठ अपने आप खुल गये कियु दिल रुक जाता है सासे तेज हो जाती है ये फीलिंग मे समझ नही पा रही

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अभय कोमल को किस करते हुवे मन मे - बहोत सॉफ्ट नर्म मिठा रस है कोमल का ये मेरा अगल एहसास है कोमल के साथ 2 मिनट तक दोनों एक दूसरे का रस अच्छे से पीते है फिर होठ अलग होते है

फिर वही कोमल शर्म से लाल जल्दी से चुल्हे के पास बैठ जाती है अभय ये देख मुस्कुरा देता है
कोमल मन मे - उफ मुझे इतना शर्म कियु आ रही है

तभी मिनीता कमरे से आते हुवे अभय को देख - अभय बेटा
अभय मिनीता को देख - ऑन्टी काजल बुआ नही दिख रही
मिनीता अभय के पास आके - ननद जी विजय पीछे है गाय के लिये घास काट रहे है
अभय मिनीता को देख - अच्छा
मिनीता अभय को देख सर्म से - कमरे मे चलो ना बैठ के बात करते है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा

दोनों कमरे मे जाते है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी दो दिन हो गये आपने जो कहा नही किया
मिनीता अभय को सर्म से देख - बेटा टाइम ही नही मिला
अभय मिनीता की जांघे पे हाथ रख - अभी है जल्दी से कर सकते है
मिनीता सर्म से नजरे नीचे कर - हु ठीक है
अभय भी बहोत खुश हो जाता है

अभय खरा हो जाता है और अपना पैंट खोलने लगता है मिनीता ये देख सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ आज पहली बार मे किसका लंड देखने वाली हु वो भी अपने भतीजे का उफ जो मेरे बेटे के उमर का है ये सोच मुझे अजीब फिल हो रहा है मेरी सासे दिल की धरकंन तेज हो रही है

अभय पैंट खोल अपना लंड निकाल मिनीता के सामने कर देता है जैसे ही मिनीता की नजर अभय के लंड पे जाती है मिनीता की सासे दिल थम सा जाता है पुरा सरीर झटके मार काप् जाता है
अभय मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे ऑन्टी

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मिनिगा होस् मे आती है और मुह खोले आके फ़ारे अभय का लंड देखते हुवे मन मे - नही ये कैसे हो सकता है अभय बेटे का लंड इतना बरा मोटा लम्बा कैसे हो सकता है विजय के पापा का लंड तो अभय बेटे के लंड के सामने बचा लग रहा है अब मुझे पहली बार मेने अपने पति के अलावा किसी का लंड देखा वो भी इतना बरा मोटा किसी के अंदर जायेगा तो छि छि मिनीता तु ये किया सोच रही है सर्म कर

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी टाइम नही है कोई भी आ सकता है
मिनीता अभय को देख सर्म से कापते हुवे - हा सही कहा
अभय मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी हाथ मे पकर हिलाओ ना
मिनीता अभय के लंड को कापते हुवे हाथ पे पकर देती है तभी मिनीता को बहोत गर्म फिल होता है

मिनीता अच्छे से गौर से अभय के लंड को देख हाथ से पकर मोटाई लम्बाई फिल करते हुवे मन मे - उफ बहोत गर्म मोटा है मे सोचे बगैर नही रे पा रही इतना मोटा लम्बा लंड दिशा बहु ने कैसे लिया होगा

अभय मिनीता के सर पे हाथ रख - हिलाओ ना
मिनीता अभय को देख फिर सर्म से अभय के लंड को पकरे हिलाने लगती है अभय मजे मे खोने लगता है अभय मिनीता को देख - उफ ऑन्टी आप अच्छा कर रही है उफ मजा आ रहा है आपके नर्म हाथो मे अपना लंड फिल कर उफ हिलाते रहिये

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मिनीता अभय की बात सुन मदहोस होने लगती है मिनीता लंड हिलाते हुवे मन मे - उफ पहली बार पति के अलावा अभय बेटे का मोटा लम्बा लंड हाथ मे पकर हिला रही हु ये फीलिंग एहसास अलग ही है और लंड की गर्मी उफ लंड का टोपा बहोत मोटा है आह मुझे सहा नही जा रहा है

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी अब मुह मे लो ना
मिनीता अभय को सर्म से देख - बेटा वो मेने पहले कभी नही लिया मुह मे तो कैसे मे कर पाउंगी
अभय मिनीता को देख - ऑन्टी बस आइस्कृम की तरह मुह मे लेके चूसना है पहले आपको बहोत गंदा लगेगा उल्टी जैसा होगा लेकिन बाद मे मजा आयेगा
अभय की बात सुन मिनीता अभय के लंड को देखते हुवे मन मे - आज मे पहली बार मुह मे लंड लेने जा रही हु वो भी अभय बेटे का ये एहसास फीलिंग अलग ही है वो मे फिल कर पा रही हु

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मिनीता हिम्मत कर अपने जिब से अभय के लंड के टोपे को चाट के स्वाद लेती है तो मिनीता को बहोत गंदा उल्टी जैसा होने लगता है मिनीता नीचे थूकते हुवे मन मे - बहोत गंदा है उल्टी करने का मन कर रहा है
अभय मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी बोला तो था फिर कोसिस करिये बाद मे अच्छा लगेगा

मिनीता अभय को देखती है फिर लंड को देख - तुम कहते हो तो ठीक है वैसे भी मेने कहा था मे करूगी तो करना ही होगा

मिनीता हिम्मत कर फिर से अभय के लंड को जिब से चाटने लगती है मिनीता को बहोत गंदा स्वाद आ रहा था दिल उल्टी करने का कर रहा था लेकिन मिनीता हिम्मत कर चाटते रहती है अच्छे से अभय के लंड को अभय मिनीता को अपना लंड चाटते देख मजे की दुनिया मे खोने लगता है अभय मन मे उफ ये एहसास की मेरा लंड को ऑन्टी चाट रही है उफ मुझे जोस आ रहा हो उफ अपने लंड पे ऑन्टी के जिब फिल कर उफ ये मोमेंट ये पल बहोत खास खूबसूरत है मेरे लिये

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अभय जहा मिनीता के गीले खुरखुरे जिब को अपने लंड टोपे पे फिल कर मजे कि दुनिया मे खोता जा रहा था वही मिनीता को अब गंदा नही बल्कि नमकीन गर्म स्वाद मिलने लगता है जो मिनीता को मदहोस करने लगता है मिनीता को पहली बार लंड के स्वाद का मजा मिलने लगता है मिनीता को अब मजा आने लगता है मिनीता मन मे - ये किया पहले तो बहोत गंदा स्वाद आ रहा था लेकिन अब मजा आने लगा उफ अभय बेटे ने जैसा कहा वैसा ही हुआ

मिनीता को मजा आने लगा था तो मिनीता अब अभय के लंड को जितना हो सके मुह मे अंदर लेके चूसने लगती है अभय को अपने लंड पे मिनीता का जिब लार फिल कर आह उफ ऑन्टी अब आ रहा है असली मजा आह आप अब अच्छे से करने लगती है

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मिनीता लंड को चूस रस पीते हुवे मन मे - मे अच्छे से नही कर रही बल्कि मुझे मजा आ रहा है बेटा तेरे लंड का स्वाद मुझे बहोत अच्छा लग रहा है उफ इसी लिये जैसे भी कर रस पी रही हु आह इतना मजा आयेगा मुझे किसी के लंड को मुझे मे लेके चूस रस पीने मे पता नही था

दोनों मजे से खोये हुवे थे मिनीता मजे से लंड चूस रस पी रही थी अभय मिनीता के सर पकरे आनद मे खोया था 4 मिनट बाद मिनीता अपना लंड मुह से निकाल देती है लार की एक लकीर बन जाती है

अभय लंड पकर जोर जोर से हिलाते हुवे - ऑन्टी मुह खोलो
मिनीता मुह खोल जिब निकाल देती है अभय तेज तेज अपना लंड हिला के अपना सारा पानी मिनीता के मुह मे गिरा देता है कुछ बूंद मिनीता के चेहरे पे भी गिरता है मिनीता को मुह मे चेहरे पे ढेर सारा गर्म गर्म अभय का पानी फिल होता है

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मिनीता मुह बंद कर सारा पानी एक बार मे ही पुरा पी जाती है
मिनीता तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ अभय बेटे के लंड के पानी का स्वाद बहोत मजेदार था आह मजा आ गया पीके इतना मजा आता है इस सब मे आज पहली बार पता चला

अभय तेज सासे लेके - ऑन्टी लंड साफ कर दो
मिनीता लंड को पकर मजे से अंदर मुह मे लेके अभय का लंड चूस कर अच्छे से साफ कर देती है

अभय अपना पैंट पहन बैठ जाता है लेकिन मिनीता आईने के सामने जाके अपने चेहरे पे कई बूंद अभय के लंड के पानी को देखती है फिर अपने उंगली पे लेके चाट जाती है अभय सब देख मुस्कुरा देता है
मिनीता फिर कमरे से चेहरा साफ कर अभय के पास आके सर्म से नजरे किये बैठ जाती हैं

मिनीता मन मे - अब मुझे बहोत सर्म आ रही है लेकिन इस बात को मे नकार नही सकती मुझे बहोत मजा आया मुझे नया मजा मिला मुझे लंड चाटा जाता है लंड का पानी पिया जाता है उसका स्वाद जो अभी भी मेरे जिब मे है सब पता चला उफ बेटा तूने क्या करवा दिया

अभय मिनीता के चेहरे को पकर अपनी तरफ कर आखो मे देख - ऑन्टी कैसा लगा पहली बार लंड मुह मे लेके लंड का पानी पीके
मिनीता तेज सासे लेते हुवे सर्म से अभय को देख - बेटा बहोत मजा आया ये सब मेरे लिये नया पहली बार था लेकिन बहोत मस्त मस्त था पर ये लास्ट होगा

अभय मिनीता के होठ पे किस करते हुवे - आप जैसा कहे मेरे लिये आपने वो किया वही काफी है

तभी विजय काजल की आवाज मिनीता अभय को सुनाई देती है तो दोनों एक दूसरे को देखते है फिर बाहर आ जाते हैं


काजल अभय को देख - अच्छा तो अपनी ऑन्टी से बात करने मे लगे थे
अभय मुस्कुराते हुवे काजल के पास जाके - हा
काजल मुस्कुराते हुवे - किया बात हो रही थी
अभय - कोमल की सादी की
कोमल ये सुनते ही अभय को देख - बंदर मेरी सादी छोर अपनी सादी पे ध्यान दे
अभय मुस्कुराते हुवे - वो तो मे दे रहा हु
विजय - भाई
अभय विजय को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात हैं आज जल्दी उठ गये
काजल हस्ते हुवे - तुम गलत हो मेने उठाया तब जाके उठा है
मिनीता विजय के सर सेहलाते हुवे - हा नही तो मेरे बच्चा इतना जल्दी उठ जाये हो नही सकता

अभय मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है अच्छा बुआ ऑन्टी विजय बंदरिया मे जा रहा हु

सभी - ठीक है

अभय फिर घर जाते हुवे मन मे मुस्कुराते हुवे - उफ यार बहोत मजा आया कसम से ऑन्टी के मुह मे लंड देख मे तो पागल हो रहा था ऑन्टी भी मजे से चूस रही थी उफ और मजे से मेरे लंड का पानी भी पी गई लेकिन अफसोस लास्ट था फिर भी कोई बात नही जितना मिले उतने मे खुश रहना चाहिये


अभय घर आता है मुह धो नहा के रेडी होके खाना खाता है फिर अभय अपनी मा से बैठ बाते करने लगता है अदिति अभय के गोद मे बैठी हुई थी और अभय अदिति को बाहों मे पकरे हुवे था

अभय आसा को देख - मा नया घर हमारा रेडी है सब का कमरा भी मेने सजा दिया है
आसा मुस्कुराते हुवे - मुझे यकीन है मेरे बेटे ने खुद अपने पसंद से कमरा सजाया है तो बहोत खूबसूरत होगा
अदिति - भाई मेरा कमरा अच्छे से सजाया है ना अगर मुझे पसंद नही आया तो मे आपके कमरे को ले लूगि
अभय हस्ते हुवे अदिति के गाल पकर - गुरिया तुझे जरूर पसंद आयेगा नही आया तो मे फिर चेंज कर दुगा
अदिति अभय की तरफ देख मुस्कुराते हुवे - ऐसा हो ही नही सकता मेरा भाई का दिया मुझे या मेरा भाई मेरे लिये कुछ पसंद करे और जो मुझे पसंद ना आये आपने दिल से मेरे लिये कमरा सजाया है तो मेरे किये वो सब से खास बन गया है
अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया

तभी आसा का फोन बजता है आसा मुस्कुराते हुवे

आसा - हा बहु बोलो
दिशा - मम्मी जी आप कैसी है
आसा हस्ते हुवे - रोज फोन कर के पूछती हो और जो मे कहती हु बहोत अच्छी हु तुम बताओ समधन जी किया कर रही है
दिशा अपनी मा को देख - यही मेरे पास बैठी है
आसा - कैसी है आप समधन जी
तारा - जी मे बिल्कुल ठीक हु
आसा हस्ते हुवे - जयदा दिन नही है जल्दी ही फिर आपकी बेटी फिर हमारे घर आ जायेगी
दिशा सर्म से लाल होने लगती है
तारा मुस्कुराते हुवे - सच कहु तो मे उस दिन का बहोत बेसबरी से इंतज़ार कर रही हु की कब मेरी बेटी आपकी बहु बन आपके घर जाये जो एक स्वर्ग है मुझे पता है आप मेरी बेटी को अपनी बेटी की तरह ही मानती प्यार करती है तो मुझे किया ही दर दुख होगा
आसा - बिल्कुल दिशा मेरी बेटी ही है उसकी जैसी प्यार बहु मिलना किस्मत की बात है
दिशा सब सुन बहोत खुश और इमोसनल हो जाती है दिशा को पता था आसा सच मे उसे बेटी की तरह ही बहोत प्यार करती है

पूजा भी वही बैठी थी पूजा दिशा के कंधे पे हाथ रख मुस्कुराते हुवे - दीदी जल्दी ही आप फिर वही चली जायेगी उन लोगो के पास जो आपको बहोत प्यार करते है आप किस्मत वाली है
दिशा पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हु

तभी अभय मुस्कुराते हुवे - अरे मे भी बहोत प्यार करता हु आपकी बेटी से सासु मा
तारा हस्ते हुवे - हा दामाद जी मुझे पता है आप कितना प्यार करते है
दिशा तो सब सुन सर्म से लाल हो जाती है
अदिति - और नही तो किया मे भी भाभी से बहोत प्यार करती हु कियु भाभी सही कहा ना
दिशा मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल आप भी मुझसे बहोत प्यार करती है मे भी आपसे बहोत प्यार करती हु

पूजा - अरे भाई कोई मेरी बात कियु नही कर रहा सब मुझे भूल हि जाते है
आसा हस्ते हुवे - ये तो गलत हुआ कैसे आपको कोई भूल सकता है
पूजा - आपने सही कहा लेकिन भूल जाते है
अभय हस्ते हुवे - साली जी मे तो बहोत याद करता हु आपको
पूजा मुह बना के - गंदे जीजा आप बहोत बुरे है आपसे बात नही करनी मुझे
आयन - अरे मे सोच रहा था किसी दिन अपनी प्यारी साली जी को कही घुमाने ले जाऊ लेकिन अब लगता है

तभी पूजा जल्दी से- मेरे प्यारे जीजा जी आप बहोत अच्छे है आप तो दुनिया मे सब से अच्छे इंसान है

पूजा को यू बदलता देख बाते सुन सब जोर जोर से हसने लगते है

आसा - समधन जी नया घर रेडी है सीधा बहु अपना कदम नये घर मे ही रखेगी
तारा हरानी से - अच्छा
आसा - हा मेने भी अभी तक नया घर नही देखा लेकिन जैसा भी होगा यकीन है बहोत अच्छा होगा
तारा - समधन जी मेरी बेटी आप सब के साथ है तो कही भी खुशी से रह लेगी
पूजा - जीजा जी बताइये ना नया घर कैसा हो कितना बरा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सरप्राइज है साली जी
पूजा - अच्छा ये बात है
दिशा मन मे - नया घर मे यकीन से केह सकती हु बहोत बरा सानदार होगा लेकिन मुझे तो आपके साथ रहना है पति जी चाहे आप मुझे कही भी अपने साथ रखे रह लूगि
अभय मुस्कुराते हुवे - साली जी वैसे भी आप जान कर किया करेगी आपको थोरि रहना है
पूजा मुह बना के - हा हा पता है
सब के बीच बहोत सारी बाते होती रहती है

अभय बैठा मन मे - सब को घुमाने लेके गया लेकिन मा को घुमाने ले जाने के लिये मुहरत का इंतज़ार कर रहा हु लालत है खुद पे मुझे तो रोज मा को घुमाने ले जाना चाहिये था लेकिन मे कर किया रहा हु मुहरत अच्छे दिन का इंतज़ार

अभय अपनी मा को देख - मेरी मा बाहर घूमने नही गई बस शोपिंग पे गई थी मुझे खुद पे सर्म आ रही है कैसा बेटा हु मे

आसा अभय को देख मुस्कुराते प्यार से देखती है बाते करती है फिर फोन कट हो जाता है

अभय आसा को देख - मा साम को रेडी रहना मे आपको घुमाने लेके जाउंगा
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - चलो मेरा नंबर तो आया
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हु आप मा को लेके जाओ जिस दिन मुझे घूमने जाना होगा मे खुद आपको बोल दुगी

अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - हा ठीक है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
 

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chapter 16

एक बंगलो मे कोई बेसबरी से किसी का इंतज़ार करने मे लगा हुवा था

बंदा इधर उधर टहलते हुवे बेचैनी से मन मे - किया हो आयेगी या नही

बंदा सोचो मे गुम था तभी उसे डोर बेल सुनाई परती है तो बंदे के चेहरे पे खुशी छा जाती है बन्दा जल्दी से जाके दरवाजा खोलता है सामने एक लरकी को देख खुश हो जाता है जिसका उसे इंतज़ार था वो आ चुकी थी

बंदा - तुम आ गई मुझे लगा तुम नही आओगी
लरकी - बहोत सोचा उसके बाद मुझे लगा उसमे मेरा बहोत फायदा है तो मे आ गई
बंदा मुस्कुराते हुवे - जरूर होगा जैसा मेने वादा किया था वो सब तुम्हे मिलेगा तुम्हारी लाइफ बदल दुगा मे चलो अंदर बैठ कर बाते करते है

दोनो अंदर एक कमरे मे जाके बिस्तर पे बैठ जाते है

लरकी- किया सोचा है आगे किया करने वालो हो और कैसे
बंदा शैतानी मुस्कान मुस्कुराते हुवे - पुरा प्लान रेडी है लेकिन तुम्हारे बिना मे कुछ कर नही पाऊगा इसी लिये तो मेने तुमसे मदद मांगी है
लरकी मुस्कुराते हुवे - मसझ गई मे जरूर मदद करुगी
बंदा - मुझे खुशी हुई जान कर
लरकी - लेकिन अभी हम कुछ कर नही सकते कियुंकी वो अभी घर से बाहर नही निकलती है
बंदा- पता है साली कमीनी का भाई आया है तो उससे चिपकी रेहती है लेकिन कोई बात नही कब तक उसके बाद उसके साथ जा करुगा उसकी रूह काप् जायेगी
लरकी - जो करना है कर लेना पर अभी इंतज़ार करना होगा
बंदा लरकी जांघों पे हाथ रखते हुवे - किया हम कुछ कर सकते है
लरकी बंदे के हाथ को हटाते हुवे - नही मुझे ये सब नही करना मे यहा सिर्फ दिल दन करने आई थी अपनी ये गंदी हरकत बंद करो नही तो
बन्दा घबराते जल्दी से - नही नही मे अब कुछ उल्टा सीधा नही करुगा

लरकी - ठीक है फिर बाते हो गई अब मुझे जाना चाहिये
बंदा जल्दी से - एक मिनट रूको ना
लरकी बंदे को देख - अब किया है
बंदा मन मे - साली ये भी किसी से कम नही है थोरा मजे मिल जाये तो मजा आ जाये एक आखरी कोसिस करता हु नही मानी तो पेहले काम निकलवा लुगा फिर उसकी भी मारुंगा

बंदा बिस्तर के नीचे से 2 लाख कैस निकाल कर लरकी के सामने रख लेता है

लरकी पैसों को देखती है फिर बंदे को अजीब नजरो से देख - उसका मतलब मे किया समझू
बंदा थोरा डरा घबराया - ये पुरे 2 लाख है मे बस तुमसे एक और दिल करना चाहता हु बुरा मत मानना गुस्सा भी मत करना
लरकी बंदे को अजीब नजरो से घूर के देख - बोलो
बंदा - ये पैसे तुम्हारे हो जायेंगे उसके बदले ज्यादा नही बस मुझे तुम्हारे चुचे देखने है दबाने है पीने है और तुम मेरे लंड को चूस कर पानी गिरा देना है इतना ही

बंदे की बात सुन लरकी गुस्से से खरी होते हुवे - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस तरह कि बात करने की
बंदा जल्दी से 2 लाख और निकाल लरकी के सामने कर देता है
बंदा लरकी को देख -प्लेस दया कर दो इस बंदे पे
लरकी बंदे को देखती है फिर सामने परे 4 लाख रुपये को फिर लरकी कुछ देर सोचती है उसके बाद
लरकी बंदे से - ठीक है लेकिन आगे कुछ करने कि कोसिस की तो
बंदा जल्दी से - कसम से नही करुगा
लरकी एक और बात - मे मुह मे नही लूगि दूसरी दबा सकते हो मुह मे नही ले सकते लेकिन हाथ से हिला कर पानी गिरा दुगी
बंदा जो मिल रहा है ले लेता हु अभी - ठीक है चलेगा

बंदा मन मे खुश होते हुवे - पैसा सब को बदल देता है जैसे तुम बदल गई और आज ये सब करने के लिये दोस्त को धोका देने के लिये राजी हो गई मुझे लगा नही था तुम जैसी लरकी मेरा साथ देने के लिये मान जायेगी लेकिन तुम मानी भी और पैसों के लिये मजे देने के लिये भी तैयार हो गई पैसा है तो भाई सब मुमकिन है और मेरे पास पैसों की कोई कमी नही है

लरकी बंदे को देख - जो करना है जल्दी करो
बंदा लार चुवाते हुवे - ठीक है

लरकी शर्मा रही थी लेकिन दिखाती नही और अपने बरे दोनो चुचे बाहर निकाल देती है जिसे देख बंदे का लंड खरा हो जाता हो लरकी के चुचे बरे टाइट गोल मटोल थे निपल काले देखने मे मस्त लग रहा था


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बंदा मन मे - साली को जब भी देखता था तो उसके बरे उभार साफ दिखाई देते थे अब जब उसके बरे चुचे नंगे देख रहा हुई तो जैसा सोचा था बरे टाइट गोल मटोल है अभी जितना मजा मिल रहा है ले लेता हुई बाद मे पुरा मजा लूंगा

लरकी बंदे को देख - जल्दी करो मुझे घर भी जाना है
बंदा - हा हा ठीक है
लरकी को सर्म आ रही थी थोरा अजीब लग रहा था दिमाग मे कई सवाल दोर रहे थे किया वो जो कर रही हो सही है किया उसे ये सब करना चाहिये य अभी सब खतम कर पीछे हठ जाना चाहिये लरकी आखे बंद कर सोच ही रही थी कि तभी लरकी को अपने चुचे पे बंदे का हाथ मेहसूस होता है जिसे फिल कर लरकी के पूरे सरीर मे सिहर सी डोर जाती है


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बंदा लरकी के चुचे को दबाता है लरकी अपने दतों से होठो को दबाये अपनी सिसकिया को रोकने की कोसिस कर रही थी बंदा चुचे का दबाते हुवे - बहोत मुलायम है मजा आ रहा है दबाने में

तभी लरकी जल्दी से बंदे के हाथ का हटा कर अपने चुचे अंदर कर लेती है ये देख बंदा हैरानी से लरकी को देखता है
लरकी बंदे को देख - ऐसे हैरानी से मत देखो जो बात हुई थी उतना मेने किया
बंदा मन मे - साली कमीनी कुत्ती बाद मे तुझे देख लूंगा
बंदा हस्ते हुवे - हा सही कहा जितना मेने कहा तुमने किया

बंदा अपना लंड निकाल चलो अब मेरा लंड हिला के पानी गिरा दो
लरकी बंदे के लंड को देखती है फिर आगे जाके बंदे के लंड को हाथ मे पकर हिलाने लगती है बंदा पुरा फिल लेके आह करने लगता है


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लरकी तेज तेज हिलाने लगती है बंदा - आह करते रहो बहोत मुलायम हाथ है तुम्हारे लंड भी अच्छे से हिला रही हो आह मजा आ रहा है 2 लरका मेरा आने वाला हो तेज तेज चलाओ हाथ लरकी तेज तेज हिलाने लगती है फिर लरका जोर कि पिचकारी मार पानी छोर देता है

लरकी अपने पैसे लेते हुवे - ठीक मे जा रही हु
बंदा अपना लंड अंदर करते हुवे - ठीक है जाओ

लरकी बैग मे पैसे लिये चली जाती है बंदा बिस्तर पे लेत जाता है

बंदा हस्ते हुवे - कुत्ते पे भरोसा कर लो लेकिन किसी इंसान पे नही साले कम बदल जाये कहा नही जा सकता इसी लिये में किसी पे पुरा भरोसा नही करता रही मेरी जान तेरी तो तुझे तो मे दिन रात पेलूगा


( मधु के घर )

मधु बिस्तर पे लेती हुई अभय के बारे मे सोचते हुवे - भाई अभी घर आ गये होगे भाभी को लेकर किया मे फोन कर लू

तभी मधु को कल सुबह वाला कांड याद आता है तो मधु सर्म से लाल हो जाती है
मधु - कल जो हुवा उसमे मेरी ही गलती थी मुझे सोचना चाहिये था अब मेरे भाई है जो आते रहेगे लेकिन मे ये भूल गई थी इस लिये हमेसा ही तरह आँगन मे कपड़े बदल रही थी और फिर

मधु शर्मा के बिस्तर पे तकिये से मुह छुपाते हुवे - भाई किया सोच रहे होगे मेरे बारे मे (तभी मधु मुह फुलाते हुवे ) लेकिन भाई तो मेरा मजाक उराते है मुझे छेरते है


( अभय के घर )

अभय दिशा बेचारे कान पकरे आसा के सामने घुटनों के बल बैठे हुवे थे वही अदिति का पता चलता है उसकी मा रात का कांड के केहने का किया मतलब था जिसे जान अदिति हैरानी से चिल्ला परती है

अदिति मुह पे हाथ रखे अभय दिशा को देख मन मे - ये मे क्या सुन देख रही हुई भइया भाई दोनो के बीच टपाटप चल रहा है लेकिन ये कैसे हो सकता है यार भाई के आये कुछ दिन ही तो हुवे थे लरके का तो लरकी पटाने मे कई महीने साल लग जाते है उसके बाद कुछ कहा नही जा सकता लेकिन मेरा भाई भाभी दोनो तो बुलेट ट्रेन से भी फास्ट निकले ये किया देखना सुनना पर रहा है अच्छा होता मे बहरी अंधी होती बाबा रे बाबा मेरा भाई तो खिलाडी निकला

सुमन अदिति को देख - किस सोच मे खो गई तुम
अदिति होस मे आते हुवे सुमन को देख - मा मे सोच रही थी ( अदिति अभय दिशा को देख ) भइया भाभी ने जो किया उसकी सजा तो उसको मिलनी ही चाहिये

अदिति कि बात सुन अभय हैरानी से अदिति को देखता है अदिति अभय को देख मुस्कुरा देती है

अभय अदिति को घूर के देख - वाह यही देखना सुनना बाकी था मेरी गुरिया मुझे बचाने के बजाये मुझे सजा दिलवाने मे लगी है मे तो टूट गया भाई बिखर गया मेरी गुरिया ने मेरे साथ गद्दारी कर दी
अदिति सुमन से - मा देखो ना भाई मुझे गुस्से से घूर रहे है
अभय डर के काप् जाता है
आसा अभय को देख गुस्से से - मेरी बच्ची का घूरना बंद करो और हा अदिति ने सही कहा है सजा तो तुम दोनो को मिल कर रहेगी

अभय दिशा आसा कि बात सुन और डर जाते है
दिशा मन में - गई काम से आज मे रात भर देवर जी ने मुझे बजाया अभी मम्मी जी बजाने वाली है दोनो मे फर्क है लेकिन लगेगे मेरे ही ना

आसा अभय दिशा को देख - तुम दोनो नजरे उपर करो मेरी तरफ देखो
अभय दिशा डरते हुवे आसा को देखते है आसा दिशा को देख

आसा - बहु कल तुम्हारे पापा मा बेहन सब आने वाले है
दिशा ये सुन घबराते हुवे - लेकिन कियु मम्मी जी
आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - तुम दोनो ने जो किया उसके बाद कल पंडित जी को बुलवा कर तुम दोनो की शादी का दिन निकलवाना है इस लिये समझ गये तुम दोनो

अभय दिशा पूरी तरह हैरान आसा को देखते है फिर एक दूसरे को
आसा अभय दिशा को घूर के देख - किया तुम दोनो कुछ के केहना चाहते हो
अभय - मा लेकिन
आसा बीच मे रोकते हुवे गहरी सास छोर के अभय को देख - बेटा तुम दोनो ने जो क्या उससे मे तुम दोनो पे गुस्सा नही हुई ना कोई तुम दोनो पे गुस्सा है बल्कि हम खुश है

आसा की बात दिशा अभय के दिमाग के ऊपर से चली जाती है और दोनो कंफ्यूज से आसा को देखते है

आसा दोनो को देख - लगता है समझ नही आया तुम दोनो को चलो अच्छे से समझा देती हु ( आसा इमोसनल होते हुवे ) विनय बेटे के जाने के बाद मे पूरी तरह टूट गई थी मे जैसे तैसे जि रही थी लेकिन ( दिशा को देख ) बहु को दूसरी शादी करने के लिये कई बार कहा पर मानी नही बहु को अकेला देख मुझे और दुख होता था मेरे दिल मे कई बार आया काश तुम लौट आओ तो तेरी शादी दिशा बहु से करवा दुगी तो बहु का घर भी बस जायेगा और बहु इस घर मे ही रहेगी जो मेने सोचा तुम आ गये लेकिन तुम्हे भाभी चाहिये था मस्ती मजाक करना था जो तुम सुरु से चाहते थे इस लिये मेने सोचा कुछ महीने रुक जाती हुई ताकि तुम देवर भाभी वाले रिश्ते को जीलो बाद मे तुम दोनो की शादी करवा दुगी लेकिन ( आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे) तुम दोनो तो बहोत तेज निकले तो मेरा काम भी आसान हो गया

आसा की बात सुन दिशा अभय फिर हैरान हो जाते है वही अदिति ये सब देख सुन मन मे - वाह इसका मतलब भइया भाभी की फील्डिंग तो मा ले पेहले ही सेट कर रखी थी अब दोनो तो गये काम से ( अदिति दोनो को देख हसने लगती है)


आसा अभय को देख - बेटा मे तुम पे जोर नही दुगी तुम्हारी अपनी लाइफ है बोलो किया तुम दिशा बहु से शादी करोगे तुम चाहो तो ना भी कर सकते हो मे तुम्हे फोर्स नही करुगी

अभय सोचने लगता है तो दिशा अभय को देखने लगती है

अभय अपनी मा को देख - मा भाभी जैसी बीवी हर किसी को नही मिलती भाई के जाने के बाद भाभी चाहती तो जा सकती थी किसी और से शादी कर अपनी जिंदगी बसा सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया कियुंकी भाभी भाई के साथ आप को गुरिया इस घर को ही सब कुछ मान लिया था आज की समय मे ऐसी सोच रखने वाली बीवी मिलना बहोत मुश्किल है( अभय दिशा कि आखो मे देख )


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आप नही भी केहती तो मे खुद मे भाभी को ही अपना जीवन साथ अपनी बीवी चुनता ( अभय दिशा के हाथ पकर दिशा की आखो मे देख प्यार से ) भाभी किया आप इस पगलेट देवर से शादी करेगी किया आप मेरी लाइफ पातनर् बनेगी

अभय की बात सुन दिशा खुशी के आसु लिये अभय को देख - हा मे बनुगी आपकी बीवी मे हर कदम पे आपके साथ रहूगी आपका हर मुश्किल मे साथ दुगी और आपकी बीवी होने का हर फर्ज़ अदा करुगी


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अभय दिशा को गले लगा के - मे भी आपको हर खुशी दूंगा आपका हर एक तरह से ख्याल रखुंगा आपके पति होने का फर्ज़ अदा करुगा

आसा अदिति इतने प्यारे मोमेंट को देख दोनो के आखो मे खुशी के आसु आ जाते है 2 मिनट बाद

आसा अभय दिशा को देख - बेसर्मो कब तक तुम दोनो को ऐसे ही गले लगे रेहना है यहा हम भी है

आसा की बात सुन अभय दिशा होस मे आते ही और सर्म से नजरे नीचे कर लेते है ये देख आसा अदिति को हसी आ जाती है

आसा अभय दिशा के पास जाके दोनो के कान पकर देती तो दोनो दर्द से आह करने लगते है आसा दोनो के कान पकरे दोनो को देख
आसा - एक बात तुम दोनो कान खोल के सुन लो जब तक शादी नही हो जाती तब तक तुम दोनो कुछ करने की कोसिस कि तो टांग तोर दुगी समझ गये दोनो

अभय दिशा दर्द मे - जी जी समझ गये

आसा दोनो के कान छोर - ठीक है तुम दोनो जा सकते हो

आसा के ये केहते ही दिशा सर्म से लाल भागते हुवे अपने कमरे में चली जाती है वही अभय भी भाग कर अपने कमरे मे चला जाता है

आसा अदिति दोनो एक दूसरे को देखते है और जोर जोर से हसने लगते है

दिशा दरवाजा बंद कर बिस्तर पे तकिये मे मुह छुपा के शर्म से लाल हुवे जा रही थी अभी जो हुवा उसे सोच कर

दिशा मन मे - आज तो मम्मी जी के सामने ऐसा लग रहा था सर्म से डूब जाउंगी ये सब उनकी वजह से हवा है

तभी दिशा को अभय की कही बात याद आती है ( मा अगर आप नही केहती तो भी मे अपनी बीवी के रूप मे भाभी को ही चुनता ) ये याद कर दिशा

दिशा मन मे - इसका मतलब देवर जी को मे पसंद थी पेहले से ही सच कहु तो मुझे भी आप पसंद आ गये थे इस कुछ दिनों मे ही मे आपकी तरफ खिचती चली गई आपकी हरकते आपकी मस्तिया आपका साफ दिल सभी के लिये प्यार देख कर कोन बेवकूफ लरकी होगी जो आप जैसे लरके को पति के रूप मे पाना नही चाहेगी

वही अभय भी रात से लेकर अभी तक जो हुवा उसके बारे मे बिस्तर पे परा सोचे जा रहा था

अभय मन मे - पेहली बार आपको देखा था तभी आप मुझे पसंद आ गई थी लेकिन उस समय मुझे ये एहसास नही हुवा ना मेने जायदा कुछ सोचा लेकिन अब एहसास हुवा आप जैसी बीवी पाके मेरी मे बहोत खुश हु

दिशा अभय दोनो सोचते सोचते सो जाते है कियुंकी पिछली रात नींद पूरी नही हुई थी दोपहर हो चुकी थी तो आसा अदिति भी सो जाते है


( साम 3 बजे)

सभी सोके उठ चुके थे अभय सोया हुवा था तो अदिति अभय के कमरे मे जाके अभय के ऊपर ही लेटते हुवे

अदिति - भाई साम के 3 बज गये है उठ जाइये
अदिति की बात सुन अभय अदिति को पकर अदिति के ऊपर आ जाता है और अदिति को देख - मेरी गुरिया तुम तो अपने भाई को सजा दिलवाने वाले थी ना


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अदिति डरते हुवे - भाई वो तो मेने ऐसे ही केह दिया था मे भला आपको कियु सजा दिलवाउगी
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा झूठी आज तुझे सजा मिलेगी


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अभय अदिति को गुदगुदी करने लगता है तो अदिति जोर जोर से हसने लगती है झटपटाने लगती है अभय को दूर करने की कोसिस करने लगती और हस्ते हुवे - भाई भाई प्लेस ऐसा मत करो मे फिर कभी ऐसा नही करुगी

अभय भी अदिति को छोर देता है अदिति जोर जोर से सासे लेते हुवे अभय को देख - आप बहोत बुरे है भइया


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अभय अदिति को बाहों मे लेके - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति भी अभय की बाहों मे समा के - मेरा प्यारा भाई

थोरि देर बाद दोनो भाई बेहन बाहर आते है तो आसा आँगन मे खाट पे ही बैठी हुई थी .

आसा अदिति को देख - वाह कितनी जल्दी आ गई भाई को जगा के ( आसा अभय को देख) और तुम लाडले साहब और थोरा सो लेते

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के को पीछे से बाहों मे भरते हुवे
अभय - मेरी प्यारी मा उठ तो गया ना अच्छा मे जाके मधु से मिल कर आता हु

आसा अभय को देख - ठीक है जा सकता है लेकिन मधु के साथ उसकी मा पापा को कल आने के लिये बोल देना समझ गये

अभय आसा के गाल मे किस करते हुवे - समझ गया मेरी प्यारी मा
आसा अभय को देख मुस्कुराने लगती है

दिशा दरवाजे पे खरी थी अभय दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे झुका देती है

अदिति दोनो के नैन मिलन देख मुस्कुरा लेती है

अभय फरेस् होने के बाद बाइक लेके मधु के घर पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो मधु अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और जल्दी से भइया केहते हुवे अभय के गले लग जाती है


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अभय भी मधु को बाहों मे लेके किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया किया कर रही थी
मधु - आप का इंतज़ार भइया
दोनो अलग होते है अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - साम को नही नहाती किया

अभय की बात सुन मधु सर्म से लाल होते हुवे अभय के सीने पे प्यार से मुक्का मारते हुवे - भाई आप बहोत गंदे है

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बताओ ऑन्टी कहा है
मधु अभय को देख - मा परोसी के यहा है आप कहे तो बुला लाउ

तभी सिला अंदर आते हुवे मुस्कुरा के - किया बात है बेटा अपनी ऑन्टी को कियु ढूंढ रहे हो

सिला की आवाज सुन अभय मधु पीछे सिला को देखते है अभय आगे जाके सिला को बाहों मे भर लेता है सिला थोरा शर्मा जाती है

अभय - किया करू आप इतनी खूबसूरत है आपको देखे बगैर रेह नही पाया तो चला आया आपको देखने के लिये
सिला शर्मा के अभय के सर मे धीरे से मारते हुवे - ऑन्टी से मस्ती बहोत मार परेगी
अभय हस्ते हुवे सिला को छोर - तब तो संभल के मस्ती करनी पड़ेगी
अभय की बात सुन सिला हसने लगती है

सिला - चलो बेटा बैठ के बाते करते है

आँगन मे खाट थी तीनों बैठ जाते है

सिला अभय को देख - बताओ बेटा कुछ केहना था
अभय सिला को देख - आया तो था गुरिया को से मिलने लेकिन मा ने आपको कुछ केहने को कहा है

सिला हैरान होते हुवे - दीदी ने किया केहने को कहा है
अभय थोरा शर्मा के - वो कल ना मेरी और भाभी की शादी का दिन तय होने वाला है इस लिये
मधु जैसे ही ये सुनती है मधु चिलाते हुवे - किया आपकी शादी भाभी के साथ होने वाली है और कल दिन भी तय होने वाला है
अभय मधु को देख - हा बाबा इस लिये तुम सब को आना है
मधु खुश होते हुवे - ये तो बढ़िया है मे अब ऑन्टी अदिति दीदी भाभी से मिल पाउंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तब तो आना ही परेगा हम जरूर आयेगे लेकिन आना कब है
अभय - पता नही लेकिन मे कल मधु को फोन कर बता दुगा फिर खुद आके आप सब को ले जाउंगा या किसी को भेज दुगा आप सब रेडी रेहना

सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा जैसा तुम कहो हम रेडी रहेगे
अभय खरा होते हुवे - तो ठीक है ऑन्टी मे चलता हु
मधु अभय का हाथ पकर के - नही आप आज यहा से खाना खाके जाओगे मेरे हाथो का

सिला ये देख मुस्कुराते हुवे - अब तो बेटा तुम्हे रुकना ही परेगा मधु बहोत जिद्दी है मानेगी नही
अभय मधु को देखता है तो मधु प्यारा सा कीयूट् सा चेहरा बना के अभय को देखती फिर किया अभय पिघल जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है
मधु खुशी से अभय को गले लग जाती है - थैंक्स भाई
सिला मधु को इतना खुश देख सिला को बहोत अच्छा फिल होता है

अभय सिला को देख अभी टाइम है तो कियु ना हम बाजार भुम कर आये
मधु खुश होते हुवे - मुझे भी जाना है आपके साथ
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बाबा तुम भी चलना
सिला अभय को देख - बेटा मे कहा घूमने

सिला ने इतना कहा ही था की अभय सिला को पकर गोदी मे उठा लेता है जिसे देख सिला हैरान और थोरा डर के साथ शर्मा भी जाती है अभय सिला को कमरे मे लेजा कर नीचे उतार देता है

अभय - जल्दी से तैयार हो जाइये मे बाहर खरा हु

अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है
मधु अभय को देख हस्ते हुवे - एकदम सही किया भाई आपने
अभय मुस्कुरा देता है

अंदर सिला हैरान खरी थी सिला फिर मुस्कुराते हुवे - ये लरका भी मधु की तरह जिद्दी है

सिला फिर कपड़े चेंज कर बाहर आती है अभय सिला को देखता है तो देखता ही रेह जाता है सिला नई सारी मे बवाल लग रही थी


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अभय सिला को उपर से नीचे तक देखते हुवे - ऑन्टी आप इस नई सारी मे बहोत ही खूबसूरत हॉट लग रही है कसम से

सिला चलते हुई कमर हिला के अभय के पास आके अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - ऑन्टी को हॉट केहता है बदमास

अभय मुस्कुराते हुवे मधु को देख - गुरिया किया मेने गलत कहा
मधु मुस्कुराते हुवे सिला को देख - मा भाई ने सच ही कहा है आप सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही है

अभय मधु की बात सुन इस बार सिला सर्म से लाल हो जाती है

अभय ठीक है चलो चलते है

अभय बाइक चालू करता है मधु दोनो तरफ पैर रख अभय से चिपक कर अभय को पकर बैठ जाती है फिर सिला एक तरफ पैर कर बैठ जाती है

अभय -ऑन्टी आप मधु को पकर लेना ठीक है
सिला - ठीक है बेटा

अभय - तो चले ऑन्टी
सिला मुस्कुराते हुवे - हाचलो

अभय बाइक दोरा देता है 20 मिनट मे बाजार पहुँच जाता है अभय एक जगह बाइक लगा के सिला अभय के साथ बाजार मे घुमता ही बहोत सारी बाते करता है सिला को भी बहोत अच्छा लग रहा था इस तरफ घूमते हुवे अभय फिर सिला मधु को पानी पूरी खिलाने लेकर जाता है

अभय सिला को अपने हाथ से पानी पूरी खिलाते हुवे - ये लीजिये मेरी प्यारी ऑन्टी आ करिये
सिला को लोगो के बीच बहोत सर्म आ रही थी लेकिन सिला सर्म छोर अभय के हाथो से पानी पूरी खा लेती है
मधु मुह फुलाते हुवे - भाई आपने मुझे पेहले नही खिलाया आपने मा को खिलाया
सिला हस्ते हुवे - अभय बेटा रूठ गई खिला तुम्हारी गुरिया
अभय मुस्कुराते हुवे - मना लूंगा फिर ये तो खा लो

मधु आ करती है अभय पानी पूरी खिला देता है मधु खुश होते हुवे खाने लगती है

अभय - अब खुश मधु हा लेकिन मे भी खिलाऊँगी
अभय - ठीक है खिला दो
मधु अभय को खिलाती है तो सिला भी अभय को खिला देती है अपने हाथो से

पानी पूरी खाने के बाद घूमने के बाद अभय सभी को ले लेकर घर आ जाता है साम हो चुकी थी अभय आसा को बता दिया था थोरा लेट आयेगा

मधु खाना बनाने मे लगी हुई थी सिला अभय खाट पे बैठे थे बाते चल रही थी

अभय - ऑन्टी आपके साथ घूम कर मजा आया अब तो आपको मोक्का मिलते ही घुमाने लेकर जाता रहुंगा
सिला हस्ते हुवे - आज कल तो लरके लरकी के साथ या बीवी के साथ जाते है घुमने तुम कहा इस बुढी ऑन्टी को ले जाना चाहते हो

अभय सिला को देख - अरे किसने कहा आप बुढी है देखा नही बाजार मे लरके से लेकर बूढ़े कैसे आपको देख रहे थे घूर घूर के

सिला याद करते हुवे मन मे - हा सब मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे खा जायेंगे
मधु हस्ते हुवे - सही कहा भाई आपने

जोगिनाथ अंदर आते हुवे - किया सही कहा तुम्हारे भाई है

जोगिनाथ की आवाज सुन सभी की नजर जोगिनाथ पे जाती है

अभय अंकल पे पैर छुटे हुवे - वो अंकल आज हम बाजार घूमने गये थे तो

तभी सिला खास्टे हुवे - तो हमने बहोत मजा किया घूम फिर कर आये

जोगिनाथ हस्ते हुवे - ये तो अच्छी बात है हमारी बेटी को इतना अच्छा भाई जो मिला है
सिला मुस्कुराते हुवे - हा आपने सही कहा
अभय - ऑन्टी अंकल को बता दीजिये कल काम पर ना जाये

सिला अरे हा - सुनिये कल अभय बेटा के घर जाना है दीदी ने बुलाया है
जोगिनाथ सिला अभय को देख - ठीक है भाभी ने बुलाया है तो जायेंगे लेकिन कियु कुछ है किया
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हा कल अभय बेटे का दिन तय होने वाला है

जोगिनाथ अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तो फिर जरूर जायेंगे
अभय - थैंक्स अंकल
जोगिनाथ - बेटा अपनो मे थैंक्स नही केहते तुमने मेरी बेटी को अपनी बेहन माना है उस हिसाब से तुम भी हमारे बेटे जैसे हुवे मधु तुम्हे भाई के रूप मे पाके बहोत खुश है हम भी तुम्हे भी

अभय - समझ गया अंकल आके से नो थैंक्स
जोगिनाथ मुस्कुराते हुवे - हा अब सही है

वही सिला मधु बहोत खुश हो जाते है

( रात 8 बजे )

आंगन मे चटाइ बिछा दी जाती है अभय जोहिनाथ सिला सब बैठ खाना खाने लगते है

अभय एक निवाला खाता है वही मधु अभय को ही देखे जा रही थी सिला जोगिनाथ मधु को देख मुस्कुरा रहे होते है

अभय एक निवाला खाने मे बाद - गुरिया बहोत अच्छा सोवादिस्ट खाना बना है मजा आ गया
अभय की बात सुन मधु बहोत खुश हो जाती है
मधु - अच्छी भाई
अभय - भला मे अपनी गुरिया से झुठ कियु बोलुगा
सिला हस्ते हुवे - हम जब केहते थे खाना अच्छा बना है तो इतना खुश नही होती थी लेकिन तेरे केहने पे देखो कितना खुश हो गई है

जोहिनाथ - बात तो सही सही तुम से भाग्यवान
अभय एक निवाला मधु को खिलाते हुवे - ये लो
मधु भी बहोत खुशी से आ करती है अभय मुस्कुराते हुवे खिला देता है

सिला जोथीनाथ मधु अभय को देख बहोत खुश थे सिला जोगिनाथ को देखती है जोगिनाथ सिला को दोनो एक दूसरे को मन से यही केह रहे थे अभय मधु को साथ देख जैसे हमे बेटा मिल गया हो

अभय जोथीनाथ सिला को देख समझ जाता है अभय प्यार की फीलिंग भले ही आज समझ पाया हो लेकिन परिवार के बीच प्यार की जो फीलिंग है अभय किसी के चेहरे को देख ही समझ जाता है

अभय सिला जोथीनाथ को देख - मे किया केह रहा था
जोथीनाथ सिला अभय को देखते है
अभय - आप दोनो को अंकल ऑन्टी केहना अच्छा नही लगता तो आज से अभी से मे आप दोनो को छोटे पापा छोटी मा कहुंगा चलो चलेगा ना

अभय की बात सुनते ही जोहिनाथ सिला की आखो मे खुशी के आसु आ जाते है

अभय मुस्कुराते हुवे - खाना पे ध्यान दीजिये आसु गिर रहे है नमक जयादा हो जायेगा

जोगिनाथ सिला मुस्कुरा देते है मधु भी बहोत खुश हो जाती है

खाना खाने के बाद अभय बाइक पे बैठा हुवा था मधु सिला जोथीनाथ आये थे बाहर छोरने

अभय सभी को देख - ठीक है गुरिया छोटी मा छोटे पापा अब मे चलता हु
सिला अभय को प्यार से गाल पे किस करते हुवे - ठीक है मेरा बच्चा सही से जाना
जोथीनाथ - बेटा तेज गारी मच चलाना समझ गये

जोथीनाथ की बात सुन अभय को अपने पापा की याद आ जाती है अपने पापा की कमी खलने लगती है
अभय मुस्कुराते हुवे - समझ गया छोटे पापा
मधु - भाई कल आउंगी लेकिन आपके साथ ही रुकूगी
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है गुरिया रुक जाना एक रात उसमे किया है
अभय - ठीक है चलता हु

अभय भी निकल परता है अपने घर अभय के जाने के बाद जोगिनाथ सिला को देख - भाग्यवान बेटे की कमी पूरी हो गई
सिला - हा सही कहा
दोनो के आखो मे खुशी के आसु थे
मधु - बच्चो की तरह रोना बंद कीजिये और अंदर चलिये
मधु की बात सुन जोगिनाथ सिला की हसी झुठ जाती है

अभय घर आता है और अंदर जब जाता है तो देखता है कोमल काजल मिनिता विजय सब आये हुवे है सभी की भी नजर अभय पे जाती है तो सभी अभय को अजीब नजरो से देखने लगते है

अभय सभी को देख समझ जाना है इज़त डूब गई है

दिशा अभय को देख मन मे - ये सब आपकी वजह से हुआ है मुझे तो इतनी सर्म आ रही है किया बताऊ

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 
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chapter 17

एक कमरे मे वही लरकी बिस्तर पे लेती उस बंदे के साथ पेहले जो बात हुई उसे याद करने लगती है

( एक दिन पेहले ) साम 4 बजे स्कूल की छुट्टी के बाद

लरकी अकेले हि घर जा रही थी तभी उसके सामने एक बंदा आके खरा हो जाता है जिसे देख लरकी बहोत गुस्से से बंदे को देखने लगती है

लरकी गुस्से से - तुमने मेरा रास्ता कियु रोका है
बंदा - पेहले जो मेने किया उसके लिये माफी मागता हु बस मुझे कुछ मिनट तुमसे बात करनी है
लरकी गुस्से से - मुझे तुम जैसे कमीने से कोई बात नही करनी
बन्दा थोरा गुस्से मे - देखो मेने कहा ना बस मुझे तुमसे कुछ मिनट बात करनी है अगर तुम मुझे कुछ मिनट टाइम देती हो तो वादा करता हु फिर मे तुम्हारे और तुमहारे भाई के रास्ते मे कभी नही आऊगा

लरकी मन मे - ये बहोत कमीना और अमीर पावर फुल है हम जैसे गरीब लोग इन जैसो से लर भी नही सकते अच्छा मोक्का है इस कमीने से पीछा छूटेगा बस कुछ मिनट की हि तो बात है

लरकी - ठीक है लेकिन वादा करो फिर हमारे रास्ते मे नही आओगे
बंदा - वादा करता हु चलो मेरी गारी मे बैठ जाओ
लरकी हैरानी से बंदे को देख - गारी मे कियु
बंदा - डरो नही वादा करता हु मे तुमहारे साथ कुछ नही करुगा थोरि दूर मेरा एक बंगलो है वहा मे ही रेहता हु वही बातें करेगे आराम से

लरकी बंदे को देखती है सोचती है फिर जाके गारी मे बैठ जाती है बंदा ये देख मुस्कुरा देता है

बंदा गारी चालू करता है और थोरि दूर बाद लरकी को लेकर अपनेे बंगलो मे पहुँच जाता है बंदा गारी पार्क करता है और गारी से बाहर आता है लरकी भी गारी से बाहर आती है और अपनी नजर चारो तरफ दोराती है

लरकी चारो तरफ देख - तुम ने ऐसी जगह बंगलो कियु बनवाया जहा आप परोसी कोई नही है
बंदा लरकी को देख मुस्कुराते हुवे -ये मेरे मौज मस्ती करने कि जगह है जहा मे दोस्तो के साथ मस्ती पार्टी करता रेहता हु तुम समझ गई होगी
लरकी बंदे को देख - समझ गई
बंदा - चलो अंदर चलते है

दोनो अंदर जाती है लरकी बंगलो को अच्छे से देखने लगती है बंदा ये देख - कैसा लगा तुम्हे ये बंगलो
लरकी बंदे को देख - अच्छा लेकिन मुड़े पे आओ मुझसे तुम्हे किया बात करनी है
बंदा सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है चलो बैठो बताता हु
लरकी भी सामने सोफे पे बैठ जाती है

बंदा - देखो मे घुमा फिरा कर बाते नही करुगा उस कमीने ने मुझे बहोत मारा है मुझे बदला लेना है लेकिन मे उसकी बेहन को पेहले अपने कब्ज़े मे लुगा फिर वो कमीना मेरे सामने घुटने टेक देगा लेकिन इस सब मे मुझे तुम्हारी मदद चाहिये

बंदे की बात सुन लरकी हैरान सॉक होते हुवे खरी होकर गुस्से से
लरकी बंदे को देख - तुम चाहते हो मे अपनी दोस्त को धोका दु तुमने ऐसा सोच भी कैसे लिया मुझे समझ जाना चाहिये था तुम कमीने हो और अपना कमीना पन फिर दिखा ही दिया मे जा रही हु

बंदा लरकी के सामने आके - देखो मेरी पूरी बात एक बार सांति से सुन लो फिर फैसला करना मे तुम्हे फोर्स नही करुगा वादा है

लरकी बंदे को गुस्से से देख - देखो मेरा फैसला नही बदलेगा तो अच्छा होगा जाने दो मुझे
बंदा - चलो मान लिया तुम साथ नही दोगी लेकिन प्लेस मेरी पूरी बात तो सुन ही सकती हो फिर चली जाना

लरकी बंदे को देखती है फिर सोफे पे जाके बैठते हुवे - मुझे घर जल्दी जाना है जो का केहना है जल्दी कहो

बंदा खुश होते हुवे सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है सुनो मुझे पता है दोस्त को धोका देना अच्छी बात नही होती लेकिन तुम भी जानती हो आज कि दुनिया कैसी है खैर देखो पेहली बात तुम्हारा भाई तुम्हारी दोस्त से प्यार करता है लेकिन उस दिन मेने उसके भाई कि बात सुनी और मे यकीन से केह सकता हु तुम्हारे भाई से वो कमीना उसकी शादी नही करवाएगा यही एक रीजन भी हो मेने तुमसे मदद मांगने का फैसला लिया

लरकी मन मे - मुझे भी यही लगता है उसका भाई मेरे भाई से अपनी बेहन की शादी नही करवाएगा और जब से उसका भाई आया है एक बार मुझसे मिलना तो दूर एक बार फोन भी नही किया

बंदा लरकी को सोचता देख मुस्कुरा देता है
लरकी बंदे को देख - रुक कियु गये गल्दी बोलो ताकि तुम्हारी बात खतम हो तो मे घर जा सकु

बंदा - हा तो एसी लिये मेने तुम से मदद मांगी दूसरी देखो तुम इतनी पढाई मे मेहनत कर रही हो किस लिये ताकि कोई अच्छी नोकरी कर सको लेकिन तुम्हारी शादी जल्दी ही तुम्हारे घर वाले कर देगे अगर आगे पढाई करती हो तो किया गारंटी है तुम्हे अच्छी नोकरी मिल जायेगी मान लो मिल भी गई तो आज के समय मे लरकी के लिये नोकरी करना आसान नही होता चलो कर भी लिया तो पूरी जिंदगी किसी की डाट सुन किसी के अंदर मे रेह कर काम करना परेगा उसके बाद भी सेलरी बहोत कम मिलेगी

लरकी अजीब नजरो से बंदे को देख - तुम केहना किया चाहते हो
बंदा मुस्कुराते हुवे बंगलो को देखाते हुवे - देखो इस बंगलो को तुम पूरी जिंदगी मे भी ऐसा बंगला खरीद नही पाओगी लेकिन ये बंगलो तुम्हारा हो सकता है ( बंदा लरकी को देख) और हा मे तुम्हे अपने पापा कि कंपनी एक अच्छे पोजिसन पे नोकरी दिला सकता हुई और तुम्हे जायदा कुछ करना भी नही परेगा बस 10 बजे आना बैठ कर 5 बजे घर चली उसी के साथ गारी घर सब मे तुम्हे दूंगा सोच लो अच्छे से गरीबी मे जीना है या मेरी तरह मौज कि जिदगी जहा की तुम रानी रहोगी तुम अपनी जिंदगी अपनी मर्ज़ी से जी सकती हो दुनिया पैसे के पीछे भागती है लेकिन उसी मे कई जीना जिंदगी खतम हो जाती है

लरकी बंदे की बात सुन खरी होते हुवे - तुम्हारी बात मेने सुन लिया अब मुझे जाना चाहिये

बंदा गहरी सास लेते हुवे - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी चलो मे तुम्हे छोर देता हु

बंदा गारी से लरकी को उसके घर के पास छोर देता है लरकी गारी से उतर जाने लगती है बंदा लरकी को देख - मुझे यकीन है तुम हा करोगी 70 चांस है 30 ना का कियुंकी मेने तुम्हारे मारे मे पता किया तो मुझे पता चला तुम्हारी कुछ अमीर दोस्त भी है जो तुम्हे बताती रहती है वो यहा गुमने गई वहा गई उनकी मस्त लाइफ देख तुम्हे दिल मे भी वैसी लाइफ जीने की चाहत जाग गई बस मेने उसी का सहारा लिया अब देखते है तुम क्या डीसीजंन लेती हो

लरकी अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर बंदे ने जो कहा उसके बारे मे सोचने लगती है

लरकी - हा ये सच है मुझे भी अमीरों वाली लाइफ जीनी है मेरे कुछ दोस्त बहोत अमीर है कही ना कही घूमने जाते रेहते है उसके पास गारी बंगलो सब है अच्छे नये कपड़े सब कुछ और मे एक गरीब मेरी लाइफ गरीबी मे चल रही हो फिर शादी होगी उसके बाद एक हाउस वाइफ बन घर मे रेह जाउंगी मुझे बाहर कि दुनिया देखनी है घुमनी है अपनी लाइफ खुल कर जीनी है मौज मस्ती के साथ लेकिन मे ऐसा नही कर सकती कियुंकी मे अमीर नही हु मेरे पास पैसे नही है

लरकी उठ कर बैठते हुवे - मेरी दोस्त मुझे एक मोक्का मिला है अपनी लाइफ को बदलने का अपने सपने पूरी करने का तुम वैसे भी मुझे नही लगता मेरे भाई सी शादी करोगी ना तुम्हारा भाई तुम्हारी शादी मेरे भाई से करायेगा अगर ऐसा होता तो सायद मे उस कमीने का साथ ना देती ना तुम्हे माफ करना दोस्त मेने फैसला कर लिया है मुझे अमीरों वाली लाइफ जीनी है ना गरीबो वाली

ये केहने के बाद लरकी मुस्कुरा देती है यही सब लरकी बिस्तर लेती सोचे जा रही थी

तभी किसी की आवाज लरकी को सुनाई देती है - आरोही दरवाजा खोलो सो गई किया इतनी जल्दी

लरकी यानी आरोही होस मे आते हुवे दरवाजे कि तरफ देख - भाई जगी हुई हु अभी आई

आरोही जाके दरवाजा खोलता है सामने अमर खरा था अमर आरोही दोनो बिस्तर पे जाके बैठ जाते है

आरोही अमर को देख - किया बात है भाई कुछ बात करनी है क्या
अमर आरोही को देखता है फिर नजरे नीचे कर - जब से अदिति का भाई आया है अदिति एक बार भी मुझसे मिलने नही आई

आरोही अपने भाई को उदास देख बहोत दुख होता है

आरोही - भाई ये इस लिये कियुंकी अदिति का भाई 4 साल बाद आया है ना तो अदिति पुरे साल साल दूर रही तो अब अपने भाई के साथ वक़्त गुजार रही है वैसे मे कल जाके अदिति से मीलुगी और आपसे मिलने के लिये भी कहूगी

सुहानी की बात सुन अमर खुश होते हुवे सुहानी को देख - क्या सच मे तुम कल अदिति के घर जाओगी अदिति का मुझसे मिलने के लिये कहोगी
सुहानी हस्ते हुवे - क्या बात है भाई रहा नही जा रहा अदिति के बिना
अमर सुहानी के टकले पे मारते हुवे - मार खायेगी लगता है ये बता तूने जो कहा करेगी ना
अदिति मुस्कुराते हुवे - जरूर करुगी अपने भाई के लिये
अमर आरोही के गाल पे किस करते हुवे - थैंक्स मेरी बेहना अब मे चलता हु सो जा गूड नाइट
आरोही - गूड नाइट भाई

अमर चला जाता है और आरोही दरवाजा बंद कर बिस्तर पे लेत
आरोही मन मे - कल देखना है आरोही के दिल मे किया है

( अभय के घर )

अभय बेचारा मधु के घर से खाना पीना खाके अपने घर आता है लेकिन अंदर जाता है तो आँगन मे आसा दिशा अदिति के साथ विजय मिनिता काजल कोमल भी आये हुवे थे सभी की नजर अभय पे जाती है तो अभय समझ जाता है बच्ची इज़त भी गई

विजय अभय के पास आके हस्ते हुवे - भाई ये मे किया सुन रहा हु मेरा बॉस ऐसा कुछ कर देगा सोचा नही था भाई आप तो बहोत फास्ट निकले मान गया आपको आप हमारे बॉस हो तो मुझे भी थोरा ज्ञान दे दीजिये ताकि मे भी सिंगल से मिंगल हो जाऊ

अभय अजीब सा सरा सा चेहरा मना के विजय को देखता है और एक जोर दार तपली सर पे दे मारता है विजय दर्द मे सर पकर् आउच लग गई
अभय विजय को घूर के देख - और ज्ञान दु
विजय सर सेहलाते हुवे अभय को देख दर्द भरी आवाज मे डरते हुवे - नही बॉस बस इतना हि काफी है

अभय फिर सभी को देखता है तो कोमल मिनिता काजल अजीब नजरो से अभय को देख रहे थे बेचारा अभय पेहली बार सर्म से लाल हो गया अभय बात को बदलने के लिये चेहरे पे मुस्कान लाते हुवे

अभय - अरे ऑन्टी बुआ कोमल आप तीनों को बहोत खूबसूरत लग रही है आज सच्ची

अभय ये केहते हुवे अपनी मा के पास जाके बैठ जाता है

अभय की बात सुन मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बेटा तुमने हमारी तारीफ की मुझे बहोत अच्छा लगा लेकिन तुम जो टॉपिक बदलने कि कोसिस कर रहे हो ना वो नही होगा वाला
काजल मुस्कुराते हुवे अभय को देख - बेटा हमारे सामने चालाकी नही चलने वाली समझ गये
कोमल अभय को देख हस्ते हुवे - अपने आप को चालाक समझता है
काजल - तुम्हारे कांड जो तुम ने किया है जान कर मे तो हैरान सॉक् हो गई थी यकीन नही होता आते हि कुछ दिन मे हि तुम ने अपनी भाभी के ऊपर ही झण्डा गार दिया वाह मान गई तुम्हे

दिशा बेचारी काजल की बात सुन सर्म से लाल होते हुवे कमरे मे जाने लगती है तभी कोमल दिशा को जाते हुवे देख लेती है तो जल्दी से जाके दिशा के हाथ पकर् कर
दिशा - आप कहा चली भाभी जी
दिशा कोमल को देख शर्मा के - ननद जि जाने दीजिये ना मुझे प्लेस
काजल दिशा को देख कोमल से - लेकर आओ उसे कोमल बेटा
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बुआ

दिशा कोसिस करती है कोमल से हाथ छुरा कर भागने कि लेकिन कर नही पाती कोमल दिशा को पकर अभय के पास लाके दिशा को अभय की गोदी मे जबरदस्ती बैठा देती है

कोमल अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - अब दोनो साथ मे अच्छे लग रहे है कियु सही कहा ना

मिनिता काजल आसा विजय अदिति मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल

लेकिन वही दिशा बहोत जायदा शर्मा रही थी ये तो दिशा घुघट मे रेहती है इस लिये कोई दिशा का चेहरा देख नही पा रहा था अगर ऐसा होता तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती

अभय के गोदी मे दिशा थी तो अभय भी दिशा को बाहों मे कस लेता है ये देख दिशा सर्म से लाल नही कान से धुवा निकल जाता है


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काजल हस्ते हुवे - देखो तो कैसे अपनी होने वाली बीवी कोई बाहों मे लिये हुवे है
मिनिता हस्ते हुवे - सच कहु तो दोनो कि जोरि बहोत खूबसूरत है
काजल - हा ये बात तो है मे दुवा करती हु तुम दोनो हमेसा ऐसे हि खुश रहो

अदिति - मेरा भाई इतना हैंड्सम् है भाभी भी इतनी खूबसूरत है तो जोरि भी खूबसूरत होगी ही कियु मा

आसा अभय दिशा को देख - हा मेरी बच्ची तुमने सही कहा
minita आसा को देख - दीदी ये बताइये क्या इस बार भी अभय दिशा कि शादी मन्दिर मे करवाएगी
मिनिता की बात सुन सभी आसा को देखने लगते है आसा किया बोले समझ मे नही आ रहा था

अभय - नही मे बारात लेकर जाउंगा अपनी बीवी को लाने ( अभय इमोसनल होते हुवे) भाई ने शादी मन्दिर मे की मे समझ सकता हु कियु लेकिन अब मे घर का एक लौटा लरका हु तो मे चाहता हु मेरी शादी धूम धाम से हर रस्म के साथ हो गाव वालो को भोज खिलाया जाये

ये मेरी इक्छा है और उसी के साथ मुझे लगता है भाभी की भी होगी कियुंकी हर लरकी चाहती है उसका पती बारात लेके आये उसे डोली मे लेके जाये मे इस लिये भी चाहता हु की इस घर मे फिर सहनाइ बजे

अभय की बात सुन पूरी खामोसी छा जाती है आसा के आखो से आसु निकल आते है
आसा अभय को देख - मेरा बच्चा कितना समझदार है तू जैसा चाहता है वैसा हि होगा भले ही मुझे फिर खेत कियु ना मा बेचना परे

अभय आसा को देख - मा पैसों की चिंता मत करो मे सब देख लुगा
अभय दिशा को देखता है तो दिशा अभय के बाहों मे समाये रोये जा रही थी
अभय दिशा के चेहरे को पकर् आखो मे देख - आप कियु रो रही है
दिशा नजरे नीचे कर के - बस ये खुशी के आसु है निकल गये
काजल मिनिता को देख - भाभी देखो ना दोनो मे कितना प्यार है
मिनिता अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - हा देख रही हु
अभय सभी को देख - तो तय रहा ( अभय मिनिता काजल कोमल विजय को देख) आप सब कल जरूर आईयेगा

मिनिता मुस्कुराते हुवे - तु नही बुलाता तो भी मे आती समझा
काजल - हा भाभी ने सही कहा लगता है शादी मे मजा आने वाला है
विजय - अच्छा हुवा भाई ने बारात ने जाने की बात कही अब मुझे भी भाई के बारात जाने का मोक्का मिलेगा
कोमल - और मुझे शादी देखने का

अदिति खुश होते हुवे - वाओ मजा आने वाला है भाई बारात लेकर जायेंगे भाभी को को लो लेने

आसा - हा लेकिन कल दिन तय होने के बाद दिशा अपने घर जायेगी और मेरा लाल बारात लेकर जायेगा और लेकर आयेगा अपनी बीवी को
कोमल हस्ते हुवे - ये तो होना ही था
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही कुछ रेह लुगा तब तक
दिशा शर्मा के अभय को चुटि काट लेती है अभय आउच करता है सभी ये देख हसने लगते है

कुछ देर और बाते होती है फिर विजय मिनिता काजल कोमल सभी अपने घर के लिये निकल परते है

राते मे मिनिता विजय को देखते हुवे - अभय आते ही बाइक लेली अपनी शादी का खर्चा भी खुद उठा रहा है तुम दोनो ने कहा जब कैद मे थे तो काम करने के पैसे मिलते थे एक बात बताओ जीन लोगो से तुम दोनो को किडनैप कर के ले गये अपने कैद मे रखा सभी से जबरदस्ती काम करवाते थे तो वो कमीने लोग सब को पैसा कियु देते थे जबकि वो लोग किसी को बाहर जाने नही देते तुम दोनो मुझे बेवकूफ सकते हो क्या

अपनी मा की बात सुन विजय हैरान सॉक हो जाता है और घबराते हुवे मिनिता को देख - मा हमने आप से झुठ नही बोला सच बोला है

काजल विजय को घबराते हुवे देख मुस्कुरा के - लगता है भाभी तीर सही जगह लगी है
मिनिता मुस्कुराते हुवे - इन दोनो को किया लगा हम बेवकूफ है हमे आसानी से बेवकूफ बना देगे जरूर दोनो न कई सारी बाते हम से छुपा कर रखी है

मिनिता विजय को देख - बता है बेटा सच किया है

विजय मा की बात सुन रुक जाता है विजय को रुकता देख तीनों भी रुक जाते है

विजय अपनी बेहन मा बुआ को देख - ये सच है कई बात हमने आप को नही बताइ लेकिन ये भी सच है भले ही आप मेरी मा बेहन बुआ है लेकिन मे आपको कुछ नही बताने वाला कियुंकी मेरे भाई ने जो मेरे नही कईयो के बॉस और हमारे जीवन दाता है उनकी वजह से मे आपके सामने हु तो मे उनको धोका नही दे सकता माफ करना

विजय की बात सब हो हैरान कर देती है

मिनिता विजय के पास जाके विजय को गले लगा के - मेरा लाल मुझे गर्व है की तुम अपने भाई के कर्ज को नही भूले मुझे गर्व है तुम अपने भाई के रॉयल हो ऐसे हि रेहना कभी कोई तुम्हारी मदद करे उसके एहसास को नही भूलना रही बात अभय के तो हम भी कर्ज दार और उस कर्ज को हम कभी चुका नही पायेंगे

काजल - सही कहा भाभी ने अभय बेटे ने कुछ सोच कर हि हमे सच नही बताया होगा और हमे फर्क भी नही परता तुम हमारे पास हो यही बहोत है रही सच किया है हमे नही जानना हम तो हम ऐसे हि पूछ लिये थे

कोमल - चलो भी रास्ते मे हम है बाकी बाते घर कर लेना

मिनिता मुस्कुराते हुवे - चलो
फिर सभी घर पहुँच जाते है


( अभय के घर)

खाना खाना बाकी था तो सभी खाना खाने बैठ जाते हो अभय तो खाके आया था लेकिन फिर भी सब के साथ खाता है सब को खिलाता है कुछ बाते भी कर देता है

खाना खाने के बाद सभी अपने कमरे मे चले जाते है

रात 9.30 बज चुके थे

अभय हमेसा की तरह सभी से एक बार मिल कर ही सोने जाता है ये उसकी आदत है इस लिये अभय अपनी का के कमरे मे जाता है अंदर जाके देखता है आसा बिस्तर पे लेती अभय के आने का ही इंतज़ार कर रही थी आसा सारी मे ही थी और बहोत खूबसूरत अंदाज़ा मे लेती हुई थी


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अभय की नजर अपनी मा की गहरी ढोरी पे ठीक जाती है अभय अपनी मा की कयामत कमर गहरी ढोरी को देख पहली बार खो सा जाता है आसा अभय कि नजर का पीछा करती है तो आसा को पता लग जाता है अभय उसकी कमर ढोरी को देख रहा है तो आसा सर्म से लाल होते हुवे जल्दी से खरी हो जाती है और कमर को सारी से धक लेती है

आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे लाल कहा खो गये
आसा की आवाज सुन अभय होस मे आते हुवे आसा को देख मुस्कुराते हुवे आसा के पास जाता है

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आप इतनी खूबसूरत कियु है जब भी देखता हु तो लगता है आप दिन पर दिन और खूबसूरत होता सेक्सी होती जा रही है


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अपने बेटे की बात सुन आसा जोर जोर से खिलखिलाते हुवे हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - अच्छा तो तुम्हे भी इतनी खूबसूरत लगती हु आज पता चला

अभय आसा के पीछे जाके आसा के कमर मे हाथ दाल आसा को कस के पकर् अपने से सता कर बाहों मे भर लेता है आसा मे मुह से आह निकल जाती है


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अभय प्यारी आवाज मे - मा मुझे आपकी ढोरी पे किस्सी करना है
आसा घबराते हुवे जल्दी से - बिल्कुल भी नही अब तुम्हे ढोरी पे किस्सी नही मिलेगी

अभय आसा को छोर उदास चेहरा लेके बिस्तर पे लेत जाता है दूसरी तरफ चेहरा कर के

आसा अभय कि बच्चो वाली तरकत हसी आ जाती है लेकिन आसा अपने आप को रोक लेती है

आसा अभय को देख मन मे - मुझसे गलती हो गई मुझे याद रखना चाहिये था मेरा लाल मेरी ढोरी देखते ही किस्सी मागता है उसके अभी मेरी ढोरी देख ली इस किये उसे याद आ गया ढोरी पे किस्सी देने मे कोई परोबलम् नही है मेरे लाल को लेकिन ये मेरी ढोरी को गिला कर देता है चात् कर इस लिये दूसरी मुझे बहोत गुदगुदी होती है

( नोट - अभय सुरु से ही जब बच्चा था तब से आसा की ढोरी के किस करते आ रहा है अभय आसा को ढोरी पे किस कर आसा को अभय बहोत हसाता था कियुंकी आसा को गुदगुदी होती थी और अभय को बहोत मजा आता था )

आसा अभय को रूठा देख अभय से - मेरे लाल किस्सी दुगी लेकिन मेरी ढोरी को चात् कर गिला नही करेगा कियुंकी मुझे गुदगुदी होती है

अभय मा को देख - ठीक है आप जैसा कहे

आसा हैरानी से अभय को देख - किया बात है एक बार मे हि मान गया
अभय आसा के पास आके अपनी मा को प्यार से देख भोला चेहरा बना के - मा अब मे बारा हो गया हु इस लिये

आसा प्यार से अभय के गाल पे हाथ फेरते हुवे - मेरे लाल तु ही है बस मेरा सहारा तेरी मस्ती तेरी हरकते 4 साल बहोत मिस किया मेने तु बरा हो गया है लेकिन मेरे लिये तुम वही नटखट मस्ती करने वाला मेरा लाल ही रेहना मेरे लिये लिये और हा बच्चे कितने भी बरे कियु ना हो जाये मा के लिये बच्चे ही रेहते है

अभय आसा को गले लगा के इमोसनल होते हुवे - मा मे भी आपका वही नटखट मस्ती करने वाला बच्चा ही बन कर रेहना चाहता हु अगर मे चाहू भी तो आप से मस्ती मजाक किये बगैर मे रेह नही सकता

आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - हा जानती हु मेरे बच्चे मे भी नही रेह सकती एसी लिये तो तेरा इंतज़ार सोने से पेहले करती हु ताकि तेरे साथ थोरि मस्ती करो उसके बाद ही मुझे चैन की नींद आती है

आसा अपनी सारी हटा लेती है तो आसा कि कयामत कमर और गहरी ढोरी अभय के सामने आ जाती है
आसा अभय को देख - ले बेटा तेरे किस्सी वाली जगह कर ले किस


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अभय नीचे बैठ अपनी मा की ढोरी देखता है गौर से फिर अभय को पेहले वाला सब सीन याद आने लगता है जब वो रोज सोने से पेहले मा के ढोरी को किस करता था और आसा खिलखिलाते हुवे हस्ती थी अभय अपने आसु रोक नही पाता और अभय रो परता है


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अभय जल्दी से अपनी मा के ढोरी पे हल्का सा किस कर खरा हो जाता है आसा अभय को देखती है तो अभय की आखो मे आसा को आसु दिखाई देते है

आसा अभय को गले लगाते हुवे - किया हुवा मेरे बच्चे तुम रो कियु रहे हो
अभय आसा को बाहों मे कसते हुवे - बस पुराने पल याद आ गये अगर अभी कैद मे होता तो ये सब बहोत मिस कर रहा होता

आसा अभय के चेहरे को पकर् आसु साफ करते हुवे - वो 4 साल हमारे लिये बहोत बुरे रहे है लेकिन अब तुम हमारे पास हो हम तुमहारे पास है भूल जाओ वो मनहुस दिन

अभय आसा को देख - देखो ना मा मेने खुद कहा था पुरे पल याद नही करुगा आप लोगो के सामने कमजोर नही परुगा लेकिन
आसा - कोई बात नही मेरे लाल ये मेरी ढोरी देखने की वजह से हुवा है
आसा ने ये बात बदलने के लिये कहा
अभय आसा को देख हस्ते हुवे - आपने सही कहा मेरी सेक्सी मा
आसा हस्ते हुवे - मा मे सेक्सी तो हु मेरे लाल के लिये
अभय आसा को देख - लेकिन आज के बाद से मे आपके ढोरी पे किस नही करुगा
आसा हैरानी से - कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी बीवी को करुगा
आसा मुह फुलाते हुवे रूठने का नाटक करते हुवे अभय ने जैसा किया था जाके बिस्तर पे दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
आसा - किसी ने सही कहा है बीवी के आते ही बेटा मा को भूल जाता है और मा के प्यार से जायदा बीवी का प्यार अच्छा लगता है

अभय बिस्तर पे जाके आसा को तो अपनी तरफ घुमा लेता है अभय आसा के चेहरे को देखता है आसा बहोत ही फनी चेहरा बनाये हुवे थी

अभय आसा को देख हस्ते हुवे - मा आप बहोत कियुत् लग रही है
आसा रूठे आवाज मे - कही कियुत् कभी सेक्सी कभी हॉट बता नही किया क्या केहता रेहता है
अभय प्यार से आसा के चेहरे को सेहलाते हुवे - कियुंकी मेरी का के ऐसी है सब से खूबसूरत इस लिये केहता हु
आसा अभय की आखो मे देख - सच्ची
अभय हस्ते हुवे - रोज तो केहता हु सच्ची फिर भी बिस्वास नही होता आपको
आसा मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मुझे तेरे मुह से बार बार सुनना अच्छा लगता है
अभय - कियुंकी आप है इतनी खूबसूरत हॉट कियुत् की मेरे मुह से निकल ही जाता है आपको देख कर

आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाल भी बहोत हैंड्सम् है
अभय - मा एक किस्सी दो ना
आसा हस्ते हुवे - मेने मना कब किया है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आ जाता है आसा नीचे अभय आसा को देख - कर लू किस्सी
आसा हस्ते हुवे - कर ले बाबा


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अभय आसा के प्यारे नरम गर्म गुलाबी होठों पे अपना होठ रख किस कर लेता है और आसा को देख - बहोत मोठा है
आसा हस्ते हुवे - बदमास्

अभय आसा के ऊपर से खरा होते हुवे - मा अब मे जाता हु सोने पता है ना गुरिया को भी गूड नाइट नही बोलुगा तक तक सोयेगी नही और मेरा इंतज़ार करती रेहगी

आसा हस्ते हुवे - हा जानती हु जा जाके गूड नाइट बोल से
अभय मुस्कुराते हुवे - पेहले अपनी हॉट मा को बोलुगा गूड नाइट मा
आसा मुस्कुराते हुवे - गूड नाइट मेरे हैंड्सम् बेटे

अभय फिर कमरे से बाहर आके दिशा के कमरे की तरफ जाता है

अभय के जाने के बाद दिशा इमोसनल होते हुवे करवट बदल कर
आसा - आप चले गये हमे छोर कर मेने सेह लिया फिर किस्मत ने मेरे लाल को मुझसे दूर कर दिया एसी बीच मेरा बरा लाल विनय हमे छोर हमेसा के लिये चला गया आज अगर मेरा अभय बच्चा वापस नही आता तो सायद मे जी नहीं पाती किया होता बेटी बच्ची का सायद उपर वाले को हम पे तरस आ गया इस लिये मेरे अभय लाल को मेरे पास भेज दिया अगर आप विनय हमारे साथ होते तो खुसिया डबल होती
आसा अपने आसु साफ करते हुवे - किस्मत मे सायद जो होना होता है होके ही रेहता लेकिन अब मुझे जीना है अपने लाल मेरी बच्ची बहु और आने वाले पोता पोती के लिये इस लिये अब खुश रहूगी मेरा लाल मुझे रोते देखेगा तो उसे अच्छा नही लगेगा

आसा ये केहते हुवे आखे बंद कर लेती है

अभय दिशा के कमरे के पास जाके धीरे से - भाभी दरवाजा खोलो ना
दिशा दरवाजे के पास आके धीरे से - नही खोलूगि मुझे पता है आप कियु आये है
अभय - पता है तो खोल कियु नही रही है आप
दिशा थोरा शर्मा के- कियुंकी अभी भी वहा की हालत सही नही है दूसरी मम्मी जी ने भी दूर रेहने को कहा है याद है ना
अभय - हद है यार अच्छा ठीक है वादा करता हु कुछ नही करुगा बस थोरि बात करने के बाद चला जाउंगा
दिशा - सच केह रहे है
अभय - हा बाबा अब खोलो भी
दिशा दरवाजा खोल देती है लेकिन अभय दिशा को देखता ही रेह जाता है अभय - ऐसा सीन देखा के आप मुझे कुछ ना करने के लिये केहती है भला कोई कैसे खुद को रोकेगा

दिशा दरवाजे को पकरे दरवाजे पे बरी सेक्सी अंदाज़ मे कमर पे हाथ रखे सेक्सी पोस् मे नासिलि अदा के साथ अभय को देख - ऐसे किया देख रहे है देवर जी


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अभय दिशा के पतली कमर ढोरी को देख - आपके होस्न का दिलदार कर रहा हु भाभी
अभय की बात सुन दिशा सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - लेकिन आपको कुछ मिलने वाला नही है तो कियु आये है
अभय - मुझे किया पता था आज मुझे बेड वाला खेल खेलने को नही मिलेगा
दिशा अभय की बात सुन और सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - तो जाइये जाके सो जाइये
अभय दिशा को देख - लेकिन थोरा बहोत प्यार को कर के जाउंगा

दिशा कुछ समझ पाती अभय दिशा को गोदी मे उठा के बिस्तर पे लेजाकर लेता लेता है और दिशा के ऊपर आ जाता है

दिशा अभय को देख शर्मा के - आपने वादा किया था
अभय - पता है लेकिन उसके अलावा

तभी आसा बाहर से चिल्लाते हुवे - मना किया था ना फिर भी तुम दोनो नही माने अब तो डंडे परेगे जल्दी बाहर निकल लाला

मा की आवाज सुन दिशा अभय की फट के हाथ मे आ जाती है दोनो के पसीने निकलने लगते है
दिशा अभय पे गुस्सा करते हुवे - देख लिया था मुझे अंदाज़ा था मम्मी जी हम पे नजर रखेगी आपकी वजह से मुझे भी डंडे खाने परेगे
अभय डरते हुवे - मुझे लगा नही था सच्ची मा हमपे नजर रखेगी

आसा गुस्से से - लाला आता है या मे अंदर आउ

अभय तेजी से बाहर आके नजरे नीचे किये - मा
आसा - लाला मना किया था ना
अभय - मा मे तो बस बाते कर रहा था जैसा रोज करता हु
आसा अभय को देख - अच्छा ठीक है जा अदिति इंतज़ार कर रही है

अभय तेजी से अदिति के कमरे मे आ जाता है

आसा दिशा को देखती है जो दरवाज़े पे डरी हुई खरी थी

आसा मुस्कुराते हुवे - शादी तक कुछ नही होना चाहिये शादी के बाद तो मे खुद कहूगी मुझे जल्दी पोता पोती देदो

आसा ये केह मुस्कुराते हुवे कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर - बरा आया जरूर वो सब करने गया था

वही दिशा आसा के मुह से पोता पोती देने की बात सुन शर्मा के बिस्तर पे जाके लेत जाती है

अभय अंदर जाता है तो दिशा बिस्तर पे लेती हुई अभय को देख हस्ते हुवे - कियु दात परी ना मा की
अभय दिशा को देख - तुझे कैसे पता चला
अदिति हस्ते हुवे - कियुंकी मा पेहले मेरे कमरे मे आई आप यहा नही थे तो मा समझ गई
अभय बिस्तर पे जाके दिशा को बाहों मे भर लेता है दिशा अभय के सीने पे सर रख अभय से चिपक जाती है


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अभय - मेरी गुरिया मुझे बाहों मे लेके मुझे सुकून मिलता है
अदिति अभय को देख - मुझे भी भाई दिल करता है आपके बाहों मे रहु

थोरि देर दोनो भाई बेहन के बीच प्यारी बाते होती है उसके भाई अभय अदिति से - अच्छा तो अब मे जाता हु सोने तुम भी सो जाओ

अभय की बात ससुन अदिति अभय को जोर से पकर् लेती है

अदिति प्यारा चेहरा बना के - भाई मुझे आपके साथ ही सोना है प्लेस
अभय हस्ते हुवे - एक किस्सी दो तो रुक जाउंगा

अदिति खुश होते हुवे अभय के गाल के दोनों तरफ किस करते हुवे अब रुकेंगे ना


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अभय अदिति को बाहों मे कसते हुवे मुस्कुरा के हा
दोनो भाई बेहन एक दूसरे मे समाये सो जाते है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Ek number

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chapter 42

अभय आसा के कमरे मे आता है आसा बिस्तर पे बैठी मोबाइल चला रही थी अभय अंदर आते हुवे आसा को देख - मा
आसा अभय को देखती है फोन रख मुस्कुराते हुवे - लाला

अभय जाके अपनी मा के गोद मे बैठ जाती है आसा भी बरे प्यार से बाहों मे ले लेती है अभय अपनी मा के मोटे जांघे चुत के गर्मी फिल करने लगता है साथ मे आसा के चुचे पीछे अभय के पीट से पुरा चिपका भी फिल करता है

अभय मुस्कुराते हुवे - नर्म गर्म फिल कर सुकून मिला
आसा शर्म से - अच्छा लेकिन हर इंसान का शरीर गर्म ही होता है
अभय आसा कि गोद से उठ कर बिस्तर पे लेत जाता है आसा हैरान कंफ्यूज मे अभय को देखती है
अभय मुस्कुराते हुवे अपने उपर आके बैठने के लिये केहता है आसा एकदम शर्म से लाल हो जाती है
आसा अभय को देख सर्म से -लेकिन लाला मेरा वजन
अभय मुस्कुराते हुवे आसा की आखो मे देख -आप तो एक खूबसूरत सी कली है जयदा मत सोचिये

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आसा सर्म की लाली लिये अभय के ऊपर आके बैठ जाती कालि सारी काले ब्लाउस काले घने बाल खूबसूरत चेहरा चेहरे पे मुस्कुराहट गुलाबी होठ बरा बदन पर्फेट बॉडी पीछे निकले बरे गांड ब्लाउस मे कसे चुचे की उभार आसा को सच मे एक हुर की परी कहना गलत नही था अभय भी जानता उसकी मा गाव की सब से खूबसूरत औरत है और ये सच भी है आसा बिना वजह घर से बाहर नही निकलती लेकिन जब निकलती है तो लरके हो या बूढ़े को घायल कर देती है

आसा अपने मोटी जांघे बरे नर्म गर्म गांड के साथ अभय के ऊपर बैठी हुई सर्म से लाल थी अभय साफ अपनी मा के मुलायम नर्म गर्म जांघे गांड और चुत कि गर्म अच्छे से फिल कर पा रहा था अभय को फिल होता है जैसे उपर उपर उसकी मा नही कोई नर्म रुई लेकिन गर्म तकिया रखा हो जाहिर है आसा के मुलायम बरे गांड नर्म रुई जैसे ही थे तो अभय को फिल भी वैसा ही दे रही थी सीन अब तक का सबके खूबसूरत कामुक् था दोनों एक दूसरे की आखो मे देखते है

अभय अपनी मा की आखो मे देख - आपने कहा हर इंसान का शरीर गर्म हि होता है
आसा अभय को देख - हा सही तो कहा
अभय अपनी मा की आखो मे देख - लेकिन इंसान के शरीर के कुछ ऐसे अंग जगह बहोत गर्म होते है बाकी जगह से हद से जयदा जिसे मे अभी अच्छे से फिल कर पा रहा हु ( अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देखता रहता है

अभय की बात आसा को अच्छे से समझ मे आ चुकी थी उसका प्यारा बेटा किस जगह की गर्मी कि बात कर रहा है लेकिन आसा अपने आप को काबू कर अंजान मनते हुवे अभय को देख - अच्छा मुझे तो नही पता कोन की जगह ज्यादा गर्म होती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - वो जगह जो बहोत खास होता है नाजुक होता है लेकिन उसी के साथ बहोत गर्म भी
आसा सर्म पे बाकू करते हुवे अभय को देख मन मे - आज मेरे लाला को किया हो गया है कैसी कैसी बाते कर रहा है बरी मुश्किल से अपनी सासे दिल की धरकंन अपनी सर्म को रोके हुई हु
आसा अंजान बनते हुवे अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लेकिन अभी भी मुझे समझ मे नही आया
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - झुठ बोल रही है आप
आसा - नही सच मुझे नही पता
अभय मुस्कुराते हुवे - हु वो नाजुक खूबसूरत गर्म जगह टांगों के बीच होता है
आसा की सासे दिल की धरकंन रुक जाती है एक पल के लिये आसा के चेहरे पे सर्म की लाली आने लगती है लेकिन आसा फिर अपने आप पे काबू कर अभय को देख - अच्छा अब समझी लेकिन मुझे तो जो वजह जयदा गर्म नही लगती
अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - आपको ना लगती हो लेकिन अभी मे आपके टांगों के बीच उस नाजुक खूबसूरत चीज कि गर्मी अच्छे से फिल कर पा रहा हु

इस बार आसा अपने आप को काबू नही कर पाती और तेज तेज सासे लेने लगती है दिल तेजी से धक धक करने लगता है चेहरे पे सर्म पसीना दोनों आने लगता है अभय अपनी मा के चुचे को देखता जो आसा के तेज सासे लेने की वजह से उपर नीचे हो रहे थे

आसा अभय के सीने पे दोनों हाथ रख नजरे नीचे कर मन मे - उफ आज मेरा बेटा अलग ही मुंड मे है उफ मेरा बेटा मेरी चुत की गर्मी फिल कर रहा है उफ मुझे पहले से पता था लेकिन आज उससे खुल कर तो नही लेकिन बातो को घुमा के केह दिया उफ

अभय आसा को देख - किया हुआ मा
आसा अपने आप को नॉर्मल कर अभय को देख मुस्कुराते हुवे - कुछ नही बस सोच रही थी आज मेरा लाला बदला बदला नजर आ रहा है

अभय अपनी मा की आखो मे देख मन मे - हु हा कियुंकी मुझे आपको पाना है काजल बुआ के साथ सब होने के बाद मुझे अच्छे से एहसास हुआ मेरा दिल किसको किसको चाहता है लेकिन किया आप मुझे चाहती है

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मे तो जैसा था वैसा ही हु आपका प्यारा लाला
आसा मन मे - वाह झूठा कही का
आसा अभय को देख - अच्छा ठीक है मान किया वहा जयदा गर्मी होती है तो तुझे फिल कर किया मिल रहा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सुकून एक एहसास नई फीलिंग खास कर कोई बेटा जब अपनी मा के वो वाली जगह की गर्मी फिल कर रहा हो तो वो बेटा दुनिया के सब से किस्मत वाला बेटा है

आसा मुठी कस अपने आप को रोके - अच्छा जी लेकिन लाला संभल के कही उस जगह वाली गर्मी से जल ना जाओ
अभय मुस्कुराते हुवे अपनी मा की आखो मे देख - हु ऐसा नही होगा कियुंकी मेरे पास एक लम्बा मोटा गर्म तोप् है जो उस गर्मी को ठंडा कर देगा

अभय की बात आसा फिर अच्छे से समझ चुकी थी अब आसा को रोकना बरा मुश्किल हो रहा था आसा तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ आज किया हो गया है मेरे लाला जो डबल मिलिंग बाते कर रहा है उफ मुझे भी बहोत अच्छा लग रहा है बात कर लेकिन मे रोक नही पाउंगी खुद को

अभय अपनी मा की हालत समझ सकता था अभय मन मे - पापा के जाने के बाद आपने कैसे अपनी खुशी अरमान दबा के जिये मुझे एहसास है अच्छा हुआ काजल बुआ मेरी जिंदगी मे आई उसकी बाते सुन उसकी लाइफ मे जो हुआ सहा जान मुझे एहसास हुआ जब बुआ के पास फूफा जी है फिर भी बुआ के लाइफ मे खुशी नही लेकिन मा आप तो अकेली है पापा के जाने के बाद से तो मे सोच भी नही सकता आपने कितनी कुर्बानी दी दर्द तकलीफ सेह हमे पाला है लेकिन अब आपके लाला को अच्छे से एहसास हो चुका है अब से मे और पूरी कोसिस करुगा आपको हर खुशी दु

अभय - मा अब आप बिस्तर पे बैठ जाइये
आसा ये सुनते ही जल्दी से बिस्तर पे बैठ जाती है और मन मे - उफ चलो बच गई

अभय आसा के पास आके आखो मे देख होठ पे किस करते हुवे - आई लोव यू मा
आसा अभय के चेहरे को पकर होठ पे किस कर - आई लोव यू लाला

अभय मुस्कुराते हुवे - मा गुड नाइट मे सोने जा रहा हु
आसा मुस्कुराते हुवे - कियु आज कोई पोस् मारने को नही बोलेगा
अभय आसा की आखो मे देख - किया दिखाओगी इस बार
आसा शर्म से अभय को देख - किया देखेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - देखना तो मे बस कुछ चाहता हु लेकिन मेरी एक सीमा लिमिट है तो वही तक देखा दीजिये
आसा अभय को देख मन मे - लाला को अपनी लिमिट पता है ये जान मुझे खुशी हुई एक मा हु मेरी भी एक हद है उसके आगे मे अपने जिगर के तुकरे को प्यार नही दे सकती

नोट - आसा को पहले से अंदाज़ा हो गया था उसके और अभय के बीच एक मा बेटे से कई आगे निकल चुके है लेकिन अभय को काजल की कहानी सुनने के बाद पता चला अभय को पता था उसकी मा ने उसको बरे दुख तकलीफ सेह कर पाला है लेकिन काजल की कहानी जानने के बाद अभय को एहसास हुआ उसकी मा ने और किया क्या सहा है

अभय को भी अब अंदाज़ा था उसकी एक लिमिट है जिसके आगे वो अपनी मा के साथ आगे नही जा सकता ना ही उसकी मा जाने देगी ना जायेगी पर अभय उसी लिमिट को तोरने की थान चुका था जो आसान नही होने वाला था अभय आसा के बीच अभी जो है या चल रहा है उसमे आसा को कोई दिकत नही थी लेकिन आसा उसके आगे नही जा सकती थी यानी बाते करना बॉडी थोरा शो करना जितना आसा लास्ट अभय के लिये कर सकती थी

फिल्हाल ये आसा की सोच लिमिट थी आगे किया होगा किसने जाना है

आसा अभय को देख - तु बोल मे करूगी
अभय आसा की आखो मे देख - आपके दो बरे जितना हो सके देखना है
आसा शर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे अभय को देखती है फिर सीने से सारी हटा के अभय के सामने झुक जाती है अभय कि नजर अपनी मा के सीने पे जाती है जिसे देख अभय थम सा जाता है सासे दिल पलके सब कुछ कुछ पल के लिये आसा अभय को ऐसे बिना पलके झपकाये अपने दोनों दूध को देखता देख और शर्म से लाल हो जाती है

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आसा झुकी हुई थी अभय के सामने आसा के दोनों बरे दूध जैसे मुलायम नर्म चुचे लटके हुवे थे अभय होस मे आके अपनी मा के चुचे को गौर से देख - कितने बरे दूध जैसे गोरे है ये वही चुचे हो जिसे मेने मुह मे लेके चूस कर दूध पिया है मा आपने चुचे बहोत बरे खूबसूरत है

अपने बेटे की बात सुन आसा का शरीर झनझना जाता तेज सासे लेते हुवे आसा सारी अपने सीने पे रख खरी होके - उफ अब खुश
अभय आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - बहोत
आसा शर्म से नजरे नीचे कर - चल जा अब सो जा
अभय मुस्कुराते हुवे - आज तो सायद नींद हि ना आये
आसा और शर्मा जाती है

अभय जाते हुवे - मा सारी के ऊपर से गर्मी बहोत फिल हुई लेकिन नाइटी मे सब से जयदा गर्मी और वो फिल होता है मुझे आपका
ये केह अभय मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आ जाता है

लेकिन आसा बिस्तर पे बैठ तेज सासे चेहरे पे पसीने लिये - उफ मुझे लगा ही था लाला मेरे उपर लेत कर सोता है और मे अंदर कुछ नही पहनती तो साफ था लाला को सब अच्छे से फिल होता होगा

आसा बिस्तर पे लेत तकिया सीने पे रख बाहों मे भर छत को देखते हुवे - लाला इसके आगे मुझे जाने के लिये मत कहना नही तो पहली बार मुझे तुझे किसी चीज के लिये ना कहना होगा जो मे नही चाहती ऐसा पल आये

अभय अदिति के पास आके थोरा बात कर कमरे मे आके लेत छत को देखते हुवे मन मे - मा मुझे पता है आप एक. लिमिट के आगे नही जायेगी लेकिन जब मुझे एहसास हो चुका है आप मेरे लिये किया है मेरे दिल मे आपके लिये कैसी फीलिंग है तो मे आपको पा के रहुंगा मे हमारे बीच की दीवार तोर दुगा चाहे मुझे उसके लिये जो करना परे मे आपका दिल जीत कर रहुंगा

अभय आखे बंद कर सो जाता है

सुबह होती है अभय मिनीता के घर आता है कोमल अभय को देख मुह बना के - कमीना
अभय कोमल के पास जाके - किया कहा
कोमल अभय की आखो मे देख - कमीना कहा अब सुनाई दिया
अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - कमीनी
कोमल हैरान शोक अभय को देख - कुत्ते
अभय मुस्कुराते हुवे - कुतिया
कोमल और गुस्से मे लाल होके अभय के कोलर पकर गुस्से से - गधा लूचा
अभय कोमल के कमर मे हाथ डाल अपने से चिपका के कोमल के होठ पे उंगली फेरते हुवे - गढ़ी लुचि
कोमल अपने होठ पे अभय की उंगली फिर कर तेज सासे लेने लगती है अभय अपना होठ आगे ले जाने लगता है कोमल ये देख अपना होठ खोल देती है

गुस्सा सांत सब भूल दोनों एक दूसरे को बाहों मे लिये किस करना सुरु कर देते है कोमल अभय के होठ जिब चुस्टे हुवे मन मे - मुझे आदत होती जा रही है अभय मेरे पास आता है तो मेरे सरीर मे अंदर मे कुछ होने लगता है मेरे होठ अपने आप खुल गये कियु दिल रुक जाता है सासे तेज हो जाती है ये फीलिंग मे समझ नही पा रही

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अभय कोमल को किस करते हुवे मन मे - बहोत सॉफ्ट नर्म मिठा रस है कोमल का ये मेरा अगल एहसास है कोमल के साथ 2 मिनट तक दोनों एक दूसरे का रस अच्छे से पीते है फिर होठ अलग होते है

फिर वही कोमल शर्म से लाल जल्दी से चुल्हे के पास बैठ जाती है अभय ये देख मुस्कुरा देता है
कोमल मन मे - उफ मुझे इतना शर्म कियु आ रही है

तभी मिनीता कमरे से आते हुवे अभय को देख - अभय बेटा
अभय मिनीता को देख - ऑन्टी काजल बुआ नही दिख रही
मिनीता अभय के पास आके - ननद जी विजय पीछे है गाय के लिये घास काट रहे है
अभय मिनीता को देख - अच्छा
मिनीता अभय को देख सर्म से - कमरे मे चलो ना बैठ के बात करते है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा

दोनों कमरे मे जाते है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी दो दिन हो गये आपने जो कहा नही किया
मिनीता अभय को सर्म से देख - बेटा टाइम ही नही मिला
अभय मिनीता की जांघे पे हाथ रख - अभी है जल्दी से कर सकते है
मिनीता सर्म से नजरे नीचे कर - हु ठीक है
अभय भी बहोत खुश हो जाता है

अभय खरा हो जाता है और अपना पैंट खोलने लगता है मिनीता ये देख सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ आज पहली बार मे किसका लंड देखने वाली हु वो भी अपने भतीजे का उफ जो मेरे बेटे के उमर का है ये सोच मुझे अजीब फिल हो रहा है मेरी सासे दिल की धरकंन तेज हो रही है

अभय पैंट खोल अपना लंड निकाल मिनीता के सामने कर देता है जैसे ही मिनीता की नजर अभय के लंड पे जाती है मिनीता की सासे दिल थम सा जाता है पुरा सरीर झटके मार काप् जाता है
अभय मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे ऑन्टी

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मिनिगा होस् मे आती है और मुह खोले आके फ़ारे अभय का लंड देखते हुवे मन मे - नही ये कैसे हो सकता है अभय बेटे का लंड इतना बरा मोटा लम्बा कैसे हो सकता है विजय के पापा का लंड तो अभय बेटे के लंड के सामने बचा लग रहा है अब मुझे पहली बार मेने अपने पति के अलावा किसी का लंड देखा वो भी इतना बरा मोटा किसी के अंदर जायेगा तो छि छि मिनीता तु ये किया सोच रही है सर्म कर

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी टाइम नही है कोई भी आ सकता है
मिनीता अभय को देख सर्म से कापते हुवे - हा सही कहा
अभय मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी हाथ मे पकर हिलाओ ना
मिनीता अभय के लंड को कापते हुवे हाथ पे पकर देती है तभी मिनीता को बहोत गर्म फिल होता है

मिनीता अच्छे से गौर से अभय के लंड को देख हाथ से पकर मोटाई लम्बाई फिल करते हुवे मन मे - उफ बहोत गर्म मोटा है मे सोचे बगैर नही रे पा रही इतना मोटा लम्बा लंड दिशा बहु ने कैसे लिया होगा

अभय मिनीता के सर पे हाथ रख - हिलाओ ना
मिनीता अभय को देख फिर सर्म से अभय के लंड को पकरे हिलाने लगती है अभय मजे मे खोने लगता है अभय मिनीता को देख - उफ ऑन्टी आप अच्छा कर रही है उफ मजा आ रहा है आपके नर्म हाथो मे अपना लंड फिल कर उफ हिलाते रहिये

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मिनीता अभय की बात सुन मदहोस होने लगती है मिनीता लंड हिलाते हुवे मन मे - उफ पहली बार पति के अलावा अभय बेटे का मोटा लम्बा लंड हाथ मे पकर हिला रही हु ये फीलिंग एहसास अलग ही है और लंड की गर्मी उफ लंड का टोपा बहोत मोटा है आह मुझे सहा नही जा रहा है

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी अब मुह मे लो ना
मिनीता अभय को सर्म से देख - बेटा वो मेने पहले कभी नही लिया मुह मे तो कैसे मे कर पाउंगी
अभय मिनीता को देख - ऑन्टी बस आइस्कृम की तरह मुह मे लेके चूसना है पहले आपको बहोत गंदा लगेगा उल्टी जैसा होगा लेकिन बाद मे मजा आयेगा
अभय की बात सुन मिनीता अभय के लंड को देखते हुवे मन मे - आज मे पहली बार मुह मे लंड लेने जा रही हु वो भी अभय बेटे का ये एहसास फीलिंग अलग ही है वो मे फिल कर पा रही हु

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मिनीता हिम्मत कर अपने जिब से अभय के लंड के टोपे को चाट के स्वाद लेती है तो मिनीता को बहोत गंदा उल्टी जैसा होने लगता है मिनीता नीचे थूकते हुवे मन मे - बहोत गंदा है उल्टी करने का मन कर रहा है
अभय मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी बोला तो था फिर कोसिस करिये बाद मे अच्छा लगेगा

मिनीता अभय को देखती है फिर लंड को देख - तुम कहते हो तो ठीक है वैसे भी मेने कहा था मे करूगी तो करना ही होगा

मिनीता हिम्मत कर फिर से अभय के लंड को जिब से चाटने लगती है मिनीता को बहोत गंदा स्वाद आ रहा था दिल उल्टी करने का कर रहा था लेकिन मिनीता हिम्मत कर चाटते रहती है अच्छे से अभय के लंड को अभय मिनीता को अपना लंड चाटते देख मजे की दुनिया मे खोने लगता है अभय मन मे उफ ये एहसास की मेरा लंड को ऑन्टी चाट रही है उफ मुझे जोस आ रहा हो उफ अपने लंड पे ऑन्टी के जिब फिल कर उफ ये मोमेंट ये पल बहोत खास खूबसूरत है मेरे लिये

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अभय जहा मिनीता के गीले खुरखुरे जिब को अपने लंड टोपे पे फिल कर मजे कि दुनिया मे खोता जा रहा था वही मिनीता को अब गंदा नही बल्कि नमकीन गर्म स्वाद मिलने लगता है जो मिनीता को मदहोस करने लगता है मिनीता को पहली बार लंड के स्वाद का मजा मिलने लगता है मिनीता को अब मजा आने लगता है मिनीता मन मे - ये किया पहले तो बहोत गंदा स्वाद आ रहा था लेकिन अब मजा आने लगा उफ अभय बेटे ने जैसा कहा वैसा ही हुआ

मिनीता को मजा आने लगा था तो मिनीता अब अभय के लंड को जितना हो सके मुह मे अंदर लेके चूसने लगती है अभय को अपने लंड पे मिनीता का जिब लार फिल कर आह उफ ऑन्टी अब आ रहा है असली मजा आह आप अब अच्छे से करने लगती है

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मिनीता लंड को चूस रस पीते हुवे मन मे - मे अच्छे से नही कर रही बल्कि मुझे मजा आ रहा है बेटा तेरे लंड का स्वाद मुझे बहोत अच्छा लग रहा है उफ इसी लिये जैसे भी कर रस पी रही हु आह इतना मजा आयेगा मुझे किसी के लंड को मुझे मे लेके चूस रस पीने मे पता नही था

दोनों मजे से खोये हुवे थे मिनीता मजे से लंड चूस रस पी रही थी अभय मिनीता के सर पकरे आनद मे खोया था 4 मिनट बाद मिनीता अपना लंड मुह से निकाल देती है लार की एक लकीर बन जाती है

अभय लंड पकर जोर जोर से हिलाते हुवे - ऑन्टी मुह खोलो
मिनीता मुह खोल जिब निकाल देती है अभय तेज तेज अपना लंड हिला के अपना सारा पानी मिनीता के मुह मे गिरा देता है कुछ बूंद मिनीता के चेहरे पे भी गिरता है मिनीता को मुह मे चेहरे पे ढेर सारा गर्म गर्म अभय का पानी फिल होता है

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मिनीता मुह बंद कर सारा पानी एक बार मे ही पुरा पी जाती है
मिनीता तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ अभय बेटे के लंड के पानी का स्वाद बहोत मजेदार था आह मजा आ गया पीके इतना मजा आता है इस सब मे आज पहली बार पता चला

अभय तेज सासे लेके - ऑन्टी लंड साफ कर दो
मिनीता लंड को पकर मजे से अंदर मुह मे लेके अभय का लंड चूस कर अच्छे से साफ कर देती है

अभय अपना पैंट पहन बैठ जाता है लेकिन मिनीता आईने के सामने जाके अपने चेहरे पे कई बूंद अभय के लंड के पानी को देखती है फिर अपने उंगली पे लेके चाट जाती है अभय सब देख मुस्कुरा देता है
मिनीता फिर कमरे से चेहरा साफ कर अभय के पास आके सर्म से नजरे किये बैठ जाती हैं

मिनीता मन मे - अब मुझे बहोत सर्म आ रही है लेकिन इस बात को मे नकार नही सकती मुझे बहोत मजा आया मुझे नया मजा मिला मुझे लंड चाटा जाता है लंड का पानी पिया जाता है उसका स्वाद जो अभी भी मेरे जिब मे है सब पता चला उफ बेटा तूने क्या करवा दिया

अभय मिनीता के चेहरे को पकर अपनी तरफ कर आखो मे देख - ऑन्टी कैसा लगा पहली बार लंड मुह मे लेके लंड का पानी पीके
मिनीता तेज सासे लेते हुवे सर्म से अभय को देख - बेटा बहोत मजा आया ये सब मेरे लिये नया पहली बार था लेकिन बहोत मस्त मस्त था पर ये लास्ट होगा

अभय मिनीता के होठ पे किस करते हुवे - आप जैसा कहे मेरे लिये आपने वो किया वही काफी है

तभी विजय काजल की आवाज मिनीता अभय को सुनाई देती है तो दोनों एक दूसरे को देखते है फिर बाहर आ जाते हैं


काजल अभय को देख - अच्छा तो अपनी ऑन्टी से बात करने मे लगे थे
अभय मुस्कुराते हुवे काजल के पास जाके - हा
काजल मुस्कुराते हुवे - किया बात हो रही थी
अभय - कोमल की सादी की
कोमल ये सुनते ही अभय को देख - बंदर मेरी सादी छोर अपनी सादी पे ध्यान दे
अभय मुस्कुराते हुवे - वो तो मे दे रहा हु
विजय - भाई
अभय विजय को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात हैं आज जल्दी उठ गये
काजल हस्ते हुवे - तुम गलत हो मेने उठाया तब जाके उठा है
मिनीता विजय के सर सेहलाते हुवे - हा नही तो मेरे बच्चा इतना जल्दी उठ जाये हो नही सकता

अभय मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है अच्छा बुआ ऑन्टी विजय बंदरिया मे जा रहा हु

सभी - ठीक है

अभय फिर घर जाते हुवे मन मे मुस्कुराते हुवे - उफ यार बहोत मजा आया कसम से ऑन्टी के मुह मे लंड देख मे तो पागल हो रहा था ऑन्टी भी मजे से चूस रही थी उफ और मजे से मेरे लंड का पानी भी पी गई लेकिन अफसोस लास्ट था फिर भी कोई बात नही जितना मिले उतने मे खुश रहना चाहिये


अभय घर आता है मुह धो नहा के रेडी होके खाना खाता है फिर अभय अपनी मा से बैठ बाते करने लगता है अदिति अभय के गोद मे बैठी हुई थी और अभय अदिति को बाहों मे पकरे हुवे था

अभय आसा को देख - मा नया घर हमारा रेडी है सब का कमरा भी मेने सजा दिया है
आसा मुस्कुराते हुवे - मुझे यकीन है मेरे बेटे ने खुद अपने पसंद से कमरा सजाया है तो बहोत खूबसूरत होगा
अदिति - भाई मेरा कमरा अच्छे से सजाया है ना अगर मुझे पसंद नही आया तो मे आपके कमरे को ले लूगि
अभय हस्ते हुवे अदिति के गाल पकर - गुरिया तुझे जरूर पसंद आयेगा नही आया तो मे फिर चेंज कर दुगा
अदिति अभय की तरफ देख मुस्कुराते हुवे - ऐसा हो ही नही सकता मेरा भाई का दिया मुझे या मेरा भाई मेरे लिये कुछ पसंद करे और जो मुझे पसंद ना आये आपने दिल से मेरे लिये कमरा सजाया है तो मेरे किये वो सब से खास बन गया है
अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया

तभी आसा का फोन बजता है आसा मुस्कुराते हुवे

आसा - हा बहु बोलो
दिशा - मम्मी जी आप कैसी है
आसा हस्ते हुवे - रोज फोन कर के पूछती हो और जो मे कहती हु बहोत अच्छी हु तुम बताओ समधन जी किया कर रही है
दिशा अपनी मा को देख - यही मेरे पास बैठी है
आसा - कैसी है आप समधन जी
तारा - जी मे बिल्कुल ठीक हु
आसा हस्ते हुवे - जयदा दिन नही है जल्दी ही फिर आपकी बेटी फिर हमारे घर आ जायेगी
दिशा सर्म से लाल होने लगती है
तारा मुस्कुराते हुवे - सच कहु तो मे उस दिन का बहोत बेसबरी से इंतज़ार कर रही हु की कब मेरी बेटी आपकी बहु बन आपके घर जाये जो एक स्वर्ग है मुझे पता है आप मेरी बेटी को अपनी बेटी की तरह ही मानती प्यार करती है तो मुझे किया ही दर दुख होगा
आसा - बिल्कुल दिशा मेरी बेटी ही है उसकी जैसी प्यार बहु मिलना किस्मत की बात है
दिशा सब सुन बहोत खुश और इमोसनल हो जाती है दिशा को पता था आसा सच मे उसे बेटी की तरह ही बहोत प्यार करती है

पूजा भी वही बैठी थी पूजा दिशा के कंधे पे हाथ रख मुस्कुराते हुवे - दीदी जल्दी ही आप फिर वही चली जायेगी उन लोगो के पास जो आपको बहोत प्यार करते है आप किस्मत वाली है
दिशा पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हु

तभी अभय मुस्कुराते हुवे - अरे मे भी बहोत प्यार करता हु आपकी बेटी से सासु मा
तारा हस्ते हुवे - हा दामाद जी मुझे पता है आप कितना प्यार करते है
दिशा तो सब सुन सर्म से लाल हो जाती है
अदिति - और नही तो किया मे भी भाभी से बहोत प्यार करती हु कियु भाभी सही कहा ना
दिशा मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल आप भी मुझसे बहोत प्यार करती है मे भी आपसे बहोत प्यार करती हु

पूजा - अरे भाई कोई मेरी बात कियु नही कर रहा सब मुझे भूल हि जाते है
आसा हस्ते हुवे - ये तो गलत हुआ कैसे आपको कोई भूल सकता है
पूजा - आपने सही कहा लेकिन भूल जाते है
अभय हस्ते हुवे - साली जी मे तो बहोत याद करता हु आपको
पूजा मुह बना के - गंदे जीजा आप बहोत बुरे है आपसे बात नही करनी मुझे
आयन - अरे मे सोच रहा था किसी दिन अपनी प्यारी साली जी को कही घुमाने ले जाऊ लेकिन अब लगता है

तभी पूजा जल्दी से- मेरे प्यारे जीजा जी आप बहोत अच्छे है आप तो दुनिया मे सब से अच्छे इंसान है

पूजा को यू बदलता देख बाते सुन सब जोर जोर से हसने लगते है

आसा - समधन जी नया घर रेडी है सीधा बहु अपना कदम नये घर मे ही रखेगी
तारा हरानी से - अच्छा
आसा - हा मेने भी अभी तक नया घर नही देखा लेकिन जैसा भी होगा यकीन है बहोत अच्छा होगा
तारा - समधन जी मेरी बेटी आप सब के साथ है तो कही भी खुशी से रह लेगी
पूजा - जीजा जी बताइये ना नया घर कैसा हो कितना बरा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सरप्राइज है साली जी
पूजा - अच्छा ये बात है
दिशा मन मे - नया घर मे यकीन से केह सकती हु बहोत बरा सानदार होगा लेकिन मुझे तो आपके साथ रहना है पति जी चाहे आप मुझे कही भी अपने साथ रखे रह लूगि
अभय मुस्कुराते हुवे - साली जी वैसे भी आप जान कर किया करेगी आपको थोरि रहना है
पूजा मुह बना के - हा हा पता है
सब के बीच बहोत सारी बाते होती रहती है

अभय बैठा मन मे - सब को घुमाने लेके गया लेकिन मा को घुमाने ले जाने के लिये मुहरत का इंतज़ार कर रहा हु लालत है खुद पे मुझे तो रोज मा को घुमाने ले जाना चाहिये था लेकिन मे कर किया रहा हु मुहरत अच्छे दिन का इंतज़ार

अभय अपनी मा को देख - मेरी मा बाहर घूमने नही गई बस शोपिंग पे गई थी मुझे खुद पे सर्म आ रही है कैसा बेटा हु मे

आसा अभय को देख मुस्कुराते प्यार से देखती है बाते करती है फिर फोन कट हो जाता है

अभय आसा को देख - मा साम को रेडी रहना मे आपको घुमाने लेके जाउंगा
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - चलो मेरा नंबर तो आया
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हु आप मा को लेके जाओ जिस दिन मुझे घूमने जाना होगा मे खुद आपको बोल दुगी

अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - हा ठीक है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Nice update
 

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chapter 18

सुबह हो जाती रोज की तरह दिशा आसा जल्दी उठ कर नहा धोके तैयार हो जाती है दिशा खाना बनाने की तैयारी मे लग जाती है तो वही आसा अभय को उठाते जाती है

आसा अभय के कमरे मे जाती है तो अभय होता ही नही आसा फिर अदिति के कमरे मे जाती तो अभय दिशा को चिपके सोये देखती है

आसा मुस्कुराते हुवे अभय के पास जाके कान मे धीरे से उठ जा मेरे लाल सुबह हो गई है अपनी मा की मिठी आवाज के साथ अभय अपनी आखे खोल आसा को देखता

अभय - गूड मोर्निंग मेरी प्यारी मा
आसा अभय के होठो पे किस करते हुवे - गूड मॉर्निग मेरे लाल

आसा अदिति को देखती है जो मुस्कुरा रही होती है

आसा मुस्कुराते हुवे - तेरी गुरिया जगी हुई है लेकिन मेरे आने पे भी आखे नही खोली मेने उसको जन्म दिया लेकिन तेरे जागने पे ही जागती है भाई की लाडली

अभय मुस्कुराते हुवे - जैसे मे आपका लाडला हु वैसे मेरी गुरिया मेरी लाडली है
अभय की बात सुन अदिति जो जगी हुई थी बस सोने का नाटक कर रही थी उसके चेहरे पे इस्माइल आ जाती है

आसा ये देख मुस्कुराते हुवे - जानती हु ठीक है जा रही हुई अपनी लाडली को भी उठा दे

आसा चली जाती है अभय को प्यार से देखता है और अदिति के गाल पे किस करते हुवे- उठ जा मेरी गुरिया
अदिति अंगराई लेते हुवे अभय के गाल पे किस करते हुवे - गूड मोर्निंग भाई
अभय मुस्कुराते हुवे - गूड मोर्निंग चलो चलते है
आदिरी मुस्कुराते हुवे - जी
दोनो भाई बेहन आँगन मे आते है दिशा खाना बनाने मे लगी हुई थी

अभय दिशा को देख - गूड मोर्निंग मेरी प्यारी
दिशा अभय कि बात सुन अभय को देख शर्मा के - गूड मोर्निंग
अदिति दिशा को देख हस्ते हुवे - किया बात है भाभी अब तो आप को भाई प्यारी केह रहे है ना वैसे गूड मोर्निंग
दिशा शर्मा के - गोड मोर्निंग ननद जी

अभय फिर हल्का होने जाता है उसके बाद सुबह की जोगिंग करने मे लग जाता है 20 मिनट जोगिंग करने के बाद अभय सीधा विजय के घर आता है अभय अंदर जाता है तो कोमल भी खाना बनाने मे लगी हुई थी

कोमल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आ गया किस्सी का भूखा
अभय मुस्कुराते हुवे - तुम तो देती नही फिर कियु बके जा रही हो

कोमल गुस्से से - किया कहा तुम ने
अभय को मारने के लिये दोरती अभय भागते अरे मेने तो मजाक मे कहा था अभय भागते हुवे कमरे मे जाता है जहा मिनिता बाल सवार रही थी अभय मिनिता के पीछे छुप जाता है

मिनिता हैरान हो जाती है

कोमल गुस्से से - मा आगे से हतो आज तो मे इसके दात तोर दूंगी
मिनिता अभय को बाहों मे लेते हुवे कोमल को देख - मेरे बच्चे ने तेरा क्या बिगारा है जो इसके पीछे परी हुई है

कोमल हैरानी से - आपके बच्चे को किस चाहिये मे नही देने वाली
मिनिता हस्ते हुवे - ठीक तुम मत देना हम तो देगे

मिनिता अभय के गाल पे किस करते हुवे - लो दे दिया
अभय कोमल के मजे लेते हुवे - तुझे नही देना मत दे वैसे भी तेरे किस मे जो मजा नही जितना ऑन्टी बुआ के किस मे है
कोमल अभय कि बात सुन और गुस्सा हो जाती है

तभी काजल आते हुवे अभय को देख - अरे अभय बेटा यहा चल किया रहा है ( काजल कोमल का देख) ये इतना गुस्से से लाल कियु है
मिनिता हस्ते हुवे - मे बताती हु ( मिनिता सब बता देती है)

काजल हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है कोई बात नही तुम मत दो हम दो अपने प्यारे लाल को किस्सी देगे

काजल अभय के पास जाके गाल पे किस दे देती है

अभय कोमल को देख चीढाते हुवे मुस्कुरा के - देखा कई लोग है मुझे किस्सी देने वाले तुम नही दोगी तो भी चलेगा

कोमल गुस्से से - हा हा हा एक प्यारा छोटा बच्चा किस्सी का दीवाना

अभय - बहोत मार खायेगी मेरे से केह रहा हु
कोमल - मार के दिखा तांगे तोर दुगी

मिनिता काजल - बस करो लरना कोमल तुम खाना बनाने पे ध्यान दो
कोमल - अरे मे तो भूल ही गई थी

अभय मिनिता को देख - ऑन्टी कोमल के शादी का कुछ सोचा है
मिनिता अभय को देख - विजय के जाने के बाद ध्यान नही दे पाई लेकिन अब लरका धुधना सुरु कर दुगी
काजल - मेरे नजर मे कुछ करके है
अभय काजल मिनिता को देख - मेरे नजर मे कई है लेकिन एक है यकीन मानिये दोनो की जोरि बहोत मस्त रहेगी और वो कोमल का बहोत ख्याल भी रखेगा

मिनिता काजल हैरानी से - कोन है वो
अभय - उसका नाम है जीत जिसके बारे मे विजय भी अच्छे से जानता है हम 4 साल साथ मे रहे थे

विजय भी अंदर आते हुवे - मा बुआ भाई सही केह रहे है जीत बहोत अच्छा लरका है दीदी जीत की जोरि मस्त लगेगी

मिनिता - अगर तुम दोनो केह रहे हो तो मुझे यकीन है
अभय - मेरी शादी मे जीत आयेगा आप खुद मिल कर देख ले लेना बाकी आप विजय से भी अच्छे से उसके बारे मे जान लेना
काजल - ये भी सही है और जब वो आयेगा तब हम खुद मिल कर देख लेगे

अभय - सही है अच्छा मे चलता हु

मिनिता काजल - ठीक है मिलते है बेटा
अभय - जी
अभय बाहर आके कोमल को देखते हुवे - जा रहा हु गुस्से वाली लरकी
कोमल अभय को देख अभय के पास आके अभय के गाल पे किस करते हुवे अभय को देख - किस्सी दे तुमपे तरस आ गया इस लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - थैंक्स ऐसे हि मुझपे तरस खाते रेहना
कोमल मुस्कुराते हुवे - अब जाता है या
अभय मुस्कुराते हुवे - जा रहा हु हमेसा गुस्सा करती रहती है

अभय फिर जाने लगता है कोमल अभय को जाता देख मुस्कुराते हुवे - इस जैसा पागल प्यारा लरका नही देखा मेने

अभय घर आता है आगन मे आसा अदिति खाट पे बैठे थे दिशा खाना बनाने मे लगी हुई थी बाते भी चल रही थी

अभय अंदर आता है आसा अभय को देख - आ गया जा जल्दी से नहा ले
अभय - जी मा

अभय टोवेल लेकर बाथरूम मे चला जाता है और नहाने लगता है तभी अभय दिशा को आवाज लगाता है

अभय - भाभी ओ भाभी
दिशा अभय की आवाज सुन - जी देवर जी
अभय - भाभी जरा मेरा पीठ रगर दो ना
दिशा आसा को देखती है तो आसा दिशा को देख - जा सकती हो
आसा की बात सुन दिशा शर्मा के अभय के पास जाने लगती है
आसा अदिति को देख - जाओ खाना देखो
अदिति मुस्कुराते हुवे - जी मा

अंदर अभय चड्डी मे था दिशा अंदर जाती है अभय को चड्डी मे देख सर्म से लाल हो जाती है
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - आ गई जरा पीछे मा मैल रगर के छुरा दो
दिशा सर्माते हुवे - जी

दिशा अपनी सारी उपर कर अभय के पीछे खरी होकर अभय की पीठ रगर कर मैल छुराने लगती है 2 मिनट बाद

अभय खरा हो जाता है और दिशा के हाथ पकर् लेता है और दिशा को देखने लगता है दिशा सर्म से घबराते हुवे अभय को देख धीरे से

दिशा - जाने दीजिये ना मम्मी जी ननद जी पास मे ही है
अभय धीरे से - एक किस दो ना फिर चली जाना
दिशा शर्मा के - ठीक है ले लीजिये जल्दी से

अभय दिशा को बाहों मे लेना चाहता था लेकिन अभय पानी से गिला था अगर अभय दिशा को बाहों मे लेता है तो दिशा भी गिला हो जायेगी उसके बाद अभय को पता है मा दोनो की खबर ले लेगी इस लिये अभय दिशा से चिपकता नही और दिशा के चेहरे को पकर् दिशा के होठ पे होठ रख देता है

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दिशा भी अपनी आखे बंद कर अभय का पुरा साथ देती है दोनो एक दूसरे के रस पीने चूसने मे लग जाते है 2 मिनट बाद
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - मजा आ गया भाभी दिल कर रहा है और पीयू आपके होठो का रस

दिशा सर्म से लाल नजरे नीचे किये - किया अब मे जाऊ
अभय मुस्कुराते हुवे - जी मेरी रानी साहेबा
अभय की बात सुन दिशा बहोत शर्मा जाती है और जल्दी से बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते हुवे नहाने मे लग जाता है

दिशा घुघट् दाल फिर खाना बनाने मे लग जाती है लेकिन अभय की बात याद कर सरमाये जा रही थी
दिशा सर्माते हुवे मन मे - मे उनकी दिल की रानी वो मेरे दिल के राजा


अभय नहाने के बाद रेडी होता फिर मा के साथ बाते करता है शादी से लेकर खाना होने के बाद सभी खाना खाते है इसी मे 10 बज जाते है

आसा अभय आँगन मे खरे थे

आसा अभय को देख - बेटा हमारे गाव के पंडित के बारे मे जानते हो ना
अभय - जी मा जानता हु
आसा - ठीक है जाके उन्हें कहो वो कब आयेगे ताकि बाकी लोगो को भी बुलाया जा सके

अभय - ठीक है मा जाके मे पूछत कर आता हु

अभय बाइक लेके निकल जाता है अभय के जाते ही आरोही साइकल से अदिति के घर आती है अंदर जाने के बाद आसा की नजर आरोही पे परती है

आसा आरोही को देख - अरे बेटा आरोही अदिति से मिलने आई हो
आरोही - जी ऑन्टी कहा है अदिति
आसा - कमरे मे है जाओ मिल लो
आरोही - जी

आरोही कमरे मे जाती है तो अदिति बिस्तर पे बैठी मोबाइल चला रही होती है अदिति की नजर आरोही पे परती है तो अदिति हैरानी से
अदिति - आरोही तुम किया बात है आओ बैठो
आरोही अदिति के पास बैठते हुवे अदिति को देख - अरे वाह अब तो तेरे पास मोबाइल भी है
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा भाई ने दिलाई है
आरोही -कितने की है
अदिति - 25 जाहर की है बस
आरोही चारो तरफ नजर दोराती है तो आरोही को अदिति के नये सेंडल कपड़े मेहगे मेकप् का समान गले मे लॉकेट नाक कान मे का
अदिति अब पेहले वाली गरीब अदिति नही दिख रही हालाँकि अभय ने सिर्फ थोरा ही कर्चा किया था लेकिन आरोही के लिये बहोत मेहगा था और अदिति का बदला रूप देख कर
आरोही मन मे - पेहले फटे पुराने कपड़े मे रहती थी अब देखो नये मेहगे कपड़े मोबाइल देखने मे भी बहोत ही खूबसूरत लग रही है पेहले से

अदिति - ये बताओ तुम कैसे हो
आरोही अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छी हु लेकिन मेरी दोस्त के भाई के आने के बाद हमे भूल ही गई

अदिति आरोही को देख - ऐसा नही है यार तुम्हे पता है ना मे भाई के लिये कितना तर्पि हु 4 साल तक
आरोही - पता और मे समझ भी सकती हु
अदिति - थैंक्स लेकिन अब मोबाइल है ना तो अब बाते होती रहेगी
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा ये तो है अब मे इसी लिये आये ताकि अपने दोस्त की हाल चाल पूछ सकु
अदिति - माफ करना मे अपने भाई के साथ वक़्त बिताने मे लगी हुई हु
इस लिये तुम सब से मिलने नही आ पाई
आरोही मुस्कुराते हुवे - अरे कोई बात नही अच्छा अपना नंबर देदो
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा लिखो xxxxxxxxxx
आरोही अदिति का नंबर एड करते हुवे - चलो हो गया

आरोही तो - कब से स्कूल आना है आगे का किया प्लान है
अदिति - सच कहु तो फिल्हाल मे अपने भाई के साथ जी भर के वक़्त गुजारना चाहती हूँ आगे की आगे सोचुगी
आरोही - इसका मतलब स्कूल नही आओगी
अदिति - हा
आरोही - चलो ठीक है जैसा तुम्हे सही लगे मे अब चलती हु फोन पे अब बाते करते रहेगे
अदिति - जरूर करेगे

अदिति आरोही को बाहर छोरने के लिये आती है आरोही बाय बोल निकल परती है और अदिति फिर कमरे मे चली जाती है

आरोही साइकल से जाते हुवे कई सारी बाते सोचे जा रही थी

आरोही मन मे - अदिति ने तो मेरे भाई का नाम तक नही लिया हाल चाल तक नही पूछा इसी लिये मेने भी भाई के बारे मे बात नही थी मुझे पता है सुरु से अदिति मेरे भाई से प्यार नही करती है उसने मेरे भाई तो एक अच्छे पति के तोर पे चुना ना की प्यार के तोर पे लेकिन फिर भी एक बार मेरे भाई का हाल चाल पूछ लेती तो उसका क्या जाता

आरोही की दिल मे अदिति के लिये गुस्सा नफरत पैदा होने लगता है


वही अभय पंडित जी से बात कर घर आ जाता है एक कमरे मे आसा अदिति अभय बैठे हुवे थे

आसा - कब आयेगे पंडित जी
अभय - मा 2 बजे बोले है आयेगे
आसा -समझ गई ठीक है सभी को बोल दो 2 बजे से पेहले आ जाये
अभय - जैसा आप कहे मा

अभय बाहर आता है तो दिशा बाहर खरी सुन रही थी अंदर क्या बाते हो रही है दिशा अभय को देख सर्म से लाल होके कमरे मे भाग जाती है

अभय दिशा को सर्माते भागते देख मन मे - हाय इनका सरमाना

अभय घर से बाहर आके बाइक लेके विजय के घर जाता है

अंदर जाते ही काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - क्या बात है बेटा कैसे आना हुआ

अभय काजल के पास जाके बाहों मे लेके आखो मे देख - अपनी हॉट बुआ को देखने आया हु
काजल सर्म से - तू भी ना फूफा को बता दु तुम उसकी बीवी को हॉट बोलते हो

अभय ये सुनते ही डर के काजल का छोर पीछे हटते हुवे - अरे आप भी ना फूफा को बताने की क्या जरूरत है मे नही बोलुगा ना फिर हॉट

काजल जोर जोर से हस्ते हुवे - बच्चा तो डर गया
अभय अजीब चेहरा बना के - हा तो फूफा जी से मुझे मार खाने क कोई सॉक नही है

मिनिता आते हुवे हस के - अच्छा ऐसा है तो बच कर रेहना
अभय मिनिता को देख मिनिता के पीछे जाके बाहों से लेके - वो तो रेहना हि पड़ेगा बुआ नही तो आप है ना

काजल हस्ते हुवे - अभय को देख बेटा मेरे भाई को पता चला ना की तुम तो भी मार खायेगा

अभय मिनिता को छोर फनी चेहरा बना के - लगता है मेरी दाल नही गलेगी यहा

काजल मिनिता अभय की बात सुन जोर जोर से हसने लगते है

अभय काजल मिनिता को देख - अच्छा सुनिये मे यहा ये बताने के लीये आया था पंडित जी 2 बजे आने वाले है तो आप सब 2 बजे से पेहले आ जाना ठीक है

मिनिता - अच्छा ये बात है ठीक है बेटा हम सब आ जायेंगे
काजल - जरूर आयेगे जल्दी हि आ जायेंगे तुम चिंता कर

अभय - अच्छा है अच्छा ये बताइये आप मे से कोन मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी

मिनिता काजल हैरानी से अभय को देखते है काजल फोन निकाल किसी को कॉल करने लगती है

अभय ये देख हैरान कंफ्यूज मे काजल से - बुआ आप किसको कॉल कर रही है

काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - तेरे फूफा को

अभय ये सुनते ही 90 के स्पीड मे भाग निकलता है बिना देरी किये

अभय को इतनी तेज भागता देख काजल मिनिता एक दूसरे को देख जोर जोर से हसने लगते है
काजल हस्ते हुवे - ये लरका जब भी आता है माहौल बदल देता है और हसा कर ही जाता है हमे

मिनिता हस्ते हुवे - आप ने सही कहा बहोत मजाकिया नटखट है

अभय बाइक लेके घर आता है और मधु को फोन करता है

मधु कमरे मे मा के साथ बैठी बाते कर रही थी अभय के बारे मे हि तभी फोन बजता है फोन देखती है तो बहोत खुश हो जाती है

मधु - भईया आप के बारे मे ही बात कर रही थी और आपका फोन आ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा क्या बात हो रही थी
मधु - मा मे आपके शादी को लेकर बात कर रहे थे
अभय - अच्छा ये बात है गुरिया मा को फोन दो
मधु - जी भाई ( मधु सिला को देख ) मा भाई बात करना चाहते है

सिला फोन लेकर - हा बेटा बोलो
अभय - छोटी मा पंडित जी 2 बजे आयेगे तो आप सब रेडी रेहना पेहले ही में खुद लेने आयुगा आप सब को
सिला - समझ गई बेटा हम रेडी रहेगे
अभय- ठीक है मा मे रखता हु
सिला - ठीक है बेटा

फोन कट

मधु सिला को देख - भाई ने क्या कहा मा
सिला मुस्कुराते हुवे - 2 बजे पंडित जी आयेगे तो हमे तैयार रेहना है तेरा भाई खुद आयेगा हमे लेने
मधु खुश होते हुवे - मुझे पता था भाई हमे खुद लेने आयेगे
सिला मुस्कुराते हुवे - लगता है तुम्हे बहोत जल्दी है भाई के घर जाने की
मधु सिला को देख - मा जल्दी तो होगी ही आज पेहली बार मे सब से मिलने वाली हु

सिला मुस्कुराते हुवे - मे भी

आसा बिस्तर पे लेती तारा को फोन करती है तारा फोन उठा के

तारा - हा बोलिये
आसा - 2 मजे पंडित जी आयेगे तो आप सब को पेहले हि आ जाना है
तारा बहोत खुश हो जाती है
तारा - जी हम पहुँच जायेंगे
आसा - कुछ बाते बताती है लेकिन आप आयेगी तो बैठ कर बाते करेगे
तारा - जी समझ गई

फोन कट

अभय अपने कमरे मे बिस्तर पे लेता मन मे - वैसे तो जीत जीतू को बुला लेता लेकिन अभी कुछ दिन हि हुवे है तो सही नही होगा शादी कि कार्ड देने जाउंगा तो जीत जीतू के परिवार वालो से भी मिल लुगा ये सही रहेगा अभी दोनो को परिवार के साथ रेहना अच्छा है


( दोहर 1 बजे )

( तारा के घर )

पूजा अपने कमरे मे रेडी होते हुवे मन मे - मुझे यकीन नही हो रहा मा को भी पता चल गया रात को जीजा दीदी कोन सा खेल खेल रहे थे और ऐसा होना हि था सब भूल लगे जो परे थे आवाजे भी बाहर तक आ रही थी ( पूजा सर्म से लाल होते हुवे ) जीजा दीदी मान गई आप दोनो को

पूजा फिर इमोसनल होते हुवे - पेहले तो लगा था मेरी दीदी पूरी जिंदगी बिधवा बन कर ही गुजार देगी दीदी को बिधवा के रूप मे जब भी देखती थी तो मेरा दिल रो देता था ( पूजा आसु साफ करते हुवे) लेकिन अब मे बहोत खुश हु मेरी दीदी फिर से सुहागन बनने वाली है

यहा तारा पूजा सभी रेडी होने मे लगे हुवे थे

( सिला के घर )

मधु भी तैयार होने मे लगी हुई थी और आज सब से जायदा हि खुश थी

मधु - मुझे अच्छे से तैयार होना होगा आज नई मा दीदी भाभी से सब से मिलने वाली हो अच्छे से रेडी नही हुई और मे बेकार दिखी तो सब कहेगे जैसी बेहन है अभय की कितनी बेकार दिखती है

यहा भी सभी रेडी होने में लगे हुवे थे

( विजय के घर )

एक कमरे मे काजल मिनिता रेडी होने मे लगे थे

काजल रेडी होते हुवे - सच कहु भाभी अभय की शादी देखने के लिये बहोत बेचैन हु इस कुछ दिनों मे ही अभय और सब से एक रिस्ता बन गया है
मिनिता काजल को देख - हा आपका केहना सही है अभय के घर जाके दीदी से बात कर की बहोत अच्छा फिल होता है
काजल - सही कहा भाभी आप ने
कोमल विजय भी रेडी होने मे लगे हुवे थे

वही अभय कार मे था हा अभय कार 🚘 कहा से लाया खरीदा या किसी से लेके आया बाद मे पता चलेगा

अभय सिटी बाजार जाके नास्ता जैसे मिठाई समोसे ठंडा सब लेने आया था सब आयेगे तो कुछ खिलाना तो पड़ेगा ही ना अभय सब लेने के बाद घर आ जाता है.

सारे समान को एक कमरे मे रख देता है अब बारी थी सब को लाने की

अभय मधु सब को आने के लिये निकल परता है आसा दिशा अदिति भी रेडी होने मे लगे हुवे थे

अभय मधु के घर पहुँच जाता है अंदर जाने के बाद अभय मधु के कमरे मे जाता है सामने मधु खरी थी पूरी रेडी होके मधु की नजर अभय पे जाती है मधु अभय को देख बहोत खुश हो जाती है


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मधु फ्रॉक मे बहोत खूबसूरत लग रही थी अभय की नजर ना चाहते हुवे मधु के बरे बरे दो उभार पे चले जाते है लेकिन अभय जल्दी से दिमाग से गंदे ख्याल निकाल फेकता है

तभी मधु आके अभय के गले लग जाती है अभय मुस्कुराते हुवे मधु को बाहों मे भर लेता है

अभय - गुरिया आज तुम बहोत खूबसूरत लग रही हो नये कपरो मे
मधु सर्माते हुवे अभय को देख - आप सच केह केह रहे है
अभय मधु के आखो मे देख - हा सच्ची लेकिन उस दिन से कम
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है मा से मिल के आता हु
मधु हैरान कंफ्यूज से अभय को देख - भाई किस दिन से कम आपके केहने का मतलब समझी नही
अभय पीछे मूर मधु को देख मुस्कुरा देता है फिर चला जाता है मधु दिमाग का घोरा दोराती है तभी मधु को अभय की बात समझ मे आती है तो मधु से से पानी पानी हो जाती है

अभय सिला के कमरे मे जाता है तो देखता है सिला सारी सही कर रही थी सिला ग्रीन सारी मे बहोत कमाल की खूबसूरत हॉट लग रही थी अभय की नजर सिला के बवाल कमर और गहरी ढोरी पे चली जाती है तो अभय देखता ही रेह जाता है


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सिला की नजर अभय पे जाती है और सिला अभय को देख समझ जाती है अभय की नजर कहा है सिला थोरा शर्मा जाती है
सिला - बेटा तेरी नजर कहा है
अभय सिला को देख - छोटी मा आपकी गहरी ढोरी पे
सिला पूरी तरह हैरान हो जाती है अभय की बात सुन कर सिला बस अभय को देखती रहती है किया बोले समझ नही आता

अभय सिला को देख उसे एहसास होता है सामने उसकी अपनी मा नही है ना सिला उसके बीच उस तरह का प्यार रिस्ता बना है

अभय सिला के पास जाके नजरे नीचे कर - माफ करना छोटी मा

अभय मन मे - मे भूल जाता हु मेरी मा मेरे बीच जो प्यार रिस्ता है वही मे सब से उमीद नही कर सकता मेरी मा मेरे बीच सुरु से मस्ती मजाक वाला रिस्ता रहा है लेकिन मे अपनी कुछ आदत की वजह से एक दिन पक्का मार खायुगा

सिला अभय को देखती है फिर अभय का चेहरा पकर् उपर करते हुवे आखो मे देख हस्ते हुवे - अरे मे तो नाटक कर रही थी तुम तो डर गये मेरे लाल

अभय फनी चेहरा बना के - हे आप नाटक कर रही थी मुझे लगा आप मेरी पिटाई करेगी
सिला हस्ते हुवे - वो दिन कभी नही आयेगा तेरे उपर हाथ उठाने का सोच भी नही सकती मेरे लाल अच्छा ये बताओ तूने मुझे अच्छे से देख लिया तो अब बताओ मे दीदी से जायदा सुंदर हु या दीदी

अभय सिला को गौर से उपर से नीचे देखते हुवे - हु केहना मुश्किल है कियुंकी आप मा की तरह बहोत खूबसूरत है बाकी मे बता नही सकता कियुंकी आपका लाल हु ना इस लिये

सिला जोर जोर से हस्ते हुवे - एक बात बता दीदी पूछती तो सब बता देता
अभय - हा बता देता
सिला - तो मुझे कियु बता नही रहा
अभय सिला को देख मुस्कुराते हुवे - छोटी मा आप खुश मा से पूछ लेना आपको सब पता चल जायेगा लेकिन फिल्हाल देरी हो रही है चलिये

सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है दीदी से पूछ लुगी चलो अब

दोनो कमरे से बाहर आते है बाहर जोगिनाथ मधु खरे थे

जोगिनाथ सिला मधु को देख - हो गया मा बेटे के बीच बात चित और करना है तो कर लो हम इंतज़ार कर देगे कियु मधु बेटा
मधु हस्ते हुवे - जी पापा

सिला - जयादा मत बोलिये मेरा जितना मन करे अपने बेटे से बात करुगी
जोगिनाथ - मेने भी तो वही कहा है

अभय बीच मे आते हुवे - देरी हो रही है बाद मे बात लर लेना पापा चलिये

सभी बाहर आते है सामने कार देख हैरान हो जाते है


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मधु अभय को देख - भाई ये कार किसकी है
अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - मेने नई ली है
मधु खुशी से - क्या सच मे
अभय - हा बाबा
मधु - मा पापा हम भाई की गारी मे जायेंगे
जोगिनाथ सिला - हा बाबा

अभय कार का दरवाजा खोलता है सिला जोगिनाथ पीछे बैठ जाते है मधु आगे अभय के साथ बैठ जाती है
मधु बहोत खुश थी आगे अभय के साथ बैठ कर

अभय गारी चालू करता है और निकल परता है अभय 10 मिनट मे घर पहुँच जाता है अभय सभी को अंदर लेकर जाता है आसा दिशा अदिति सब आँगन मे आते है

अभय आसा दिशा अदिति का परिचय मधु सिला जोगिनाथ को देता है

मधु जल्दी से जाके आसा के पैर छूटी है

आसा मधु के चेहरे को पकर् प्यार से देख - तो तुम हो मेरे लाल की दूसरी खूबसूरत गुरिया

मधु - जी बरी मा

मधु फिर दिशा के पैर छूटी है अदिति से गले मिलती है

आसा सिला के पास जाके सिला को देख - मेरे लाल ने बहोत खूबसूरत गुरिया के साथ बहोत खूबसूरत मा भी मिली है

सिला शर्मा के - आप भी ना दीदी
आसा सिला के गले लगते हुवे - तुम सब का स्वागत है मेरे परिवार मे
आसा - थैंक्स दीदी हमे अपने परिवार का हिस्सा बनाने के लिये
आसा अलग होते हुवे सिला को देख - अपनो को थैंक्स नही बोलते

सिला जोगिनाथ को देख - आप वहा कियु खरे है आइये बैठ कर बाते करते है
जोगिनाथ - जी भाभी

अभय आसा से - मा मे सासु मा पूजा को लेकर आता हु
आसा - ठीक है जा

अभय फिर तारा के घर पहुँच जाता है अंदर जाता है तो तारा पूजा पुरा रेडी खरे थे तारा पूजा दोनो बहोत खूबसूरत लग रहे थे पूजा तारा अभय को देख आ गये आप


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अभय तारा को देख - सासु मा आप मेरी किस्मत कितनी अच्छी है आपकी खूबसूरत बेटी मेरी मुझे मिल गई उसी के साथ खूबसूरत सासु मा भी ( अभय पूजा को देख अजीब फनी सकल बना के) बस एक बंदरिया मिल गई

अभय की बात सुन तारा जोर जोर से हंसने लगती है पूजा को बहोत गुस्सा आता है लेकिन अपने आप को सांत कर लेती है

पूजा अभय को देख प्यार से - जीजा जी आज बहोत अच्छा दिन है मे बहोत खुश भी हु इस लिये आप को छोर देती हु लेकिन अगली बार डोरा डोरा कर मारुगी

अभय मुस्कुराते हुवे - देखेंगे
पूजा जीब दिखा के - देख लेना

अभय तारा को देख - सासु मा जन्म कुंडली ले ली ना आप ने
तारा - जी ले ली है

अभय तो चलिये फिर अभय पूजा तारा बाहर आते है पूजा तारा नई कार को देख हैरान हो जाते है

पूजा अभय को देख हैरानी से - ये कार किसकी है
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हमारी है और क्या
पूजा हैरान होते हुवे - कब ली आप ने
अभय - आज हि जरूरत मेहसूस हुई ले ली बाकी बात बाद मे चलो बैठो

तारा पीछे बैठ जाती है पूजा आगे पहली बार कार मे बैठे थे तारा पूजा अच्छा लग रहा था अभय बिना देरी किये सभी को लेकर घर आ जाता है अंदर जब जाते है तो सभी आँगन मे बैठे हुवे थे विजय मिनिता काजल कोमल सभी आ चुके थे

आसा तारा को देख - आइये यहा बैठिये
तारा आसा के पास बैठ जाती है

आसा सिला तारा मिनिता काजल इन के बीच बाते होने लगती है
वही पूजा दिशा अदिति मधु कोमल अपना ग्रोप् बना कर बाते करने लगते है

दो बरे लोग थे मिनिता के पति भोला और सिला के पति जोगिनाथ तो दोनो अपने मे बाते करने लगते है

अभय विजय दोनो एक जगह बैठ ये भी बाते करने मे लग जाते है सभी आ चुके थे बस पंडित जी का इंतज़ार था



आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Napster

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chapter 19

जीत जीतू फोन पे बाते कर रहे होते है..

जीतू - यार आज बॉस के शादी फिक्स हो रही है मेरा दिल बहोत कर रहा था जाने का लेकिन बॉस ने रोक दिया

जीत - दिल तो मेरा भी कर रहा था जाने का ले लेकिन बॉस चाहते हो हम अपने लोगो के साथ वक़्त बिताये

जीत - बॉस बहोत अच्छे है सब के बारे मे सोचते है
जीतू -तुमने सही कहा मे तो जब सोचता हु बॉस नही आये होते तो हमारा क्या होता
जीत - मे भी सोचता हु लेकिन 4 साल जो हमने जुगारे साथ मे वो पल खतरनाक के साथ बहोत अच्छे पल भी थे जो मुझे bah याद आते है
जीतू - मे तो याद भी नही करना चाहता जहा हम रहे वो किया लेकिन बॉस के साथ बिताये पल याद आ जाते है

जीत - हा सही कहा खैर मे बहोत खुश हु भले ही हम बॉस की शादी तय नही देख पाये लेकिन बॉस ने कहा है शादी के कार्ड लेकर खुद हमारे घर आयेगे उस दिन का मुझे बेसबरी से इंतज़ार रहेगा

जीतू - सही कहा वैसे भी हमारे घर वाले उन से मिलना चाहते है muj तो कई बार केहते रेहते है कब आयेगा अभय
जीत - सेब भाई वही मेरे घर वाले भी बोलते रेहते है
जीतू - वैसे बॉस ने जो कहा वो सब काम चल रहा है ना
जीत - बॉस ने जो कहा वो मे कर रहा हु लेकिन तेरा क्या
जीतू - मेरा भी चल रहा है मुझे लगता है बॉस जल्दी हि फॉर्म मे आयेगे
जीत मुस्कुराते हुवे - सही कहा

जीत जीतू दोनो बाते करते रहेगे हम चलते है अभय के पास


आँगन मे सभी बैठे बाते करते हुवे पंडित जी का इंतज़ार कर रहे थे


तभी पंडित जी आ जाते है पंडित जी घर के अंदर कदम रखते है तो उन्होंने बहोत बुरी फिलिग आती है

पंडित जी मन मे - इस घर मे बुरी साया है

पंडित जी का नाम है रामा - उमर 35 साल बहोत हि ज्ञानी है

सभी की नजर पंडित जी पे जाती है तो सभी एकदम सांत हो जाते है

पंडित जी सभी को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है लगता है सभी मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे

काजल - पंडित जि ये भी पूछने कि बात है

पंडित जी के लिये बैठते का इंतजाम कर दिया गया था पंडित जी जाके पल्थी मार बैठ जाते है बाकी सभी पंडित के आगे चारो तरफ घेर बैठ जाते है

पंडित जी एक नजर सभी को देखते है फिर अपने थैले से कुंडली मिलान निकाल लेते है

पंडित जी - ठीक है लरका लरकी आके मेरे पास बैठ जाये


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पंडित जी की बात सुन अभय दिशा आके पंडित जी के सामने बैठे जाते है पंडित जी एक नजर अभय दिशा को देखते है

पंडित जी - ठीक है लरका लरकी के जन्म समय कब किस महीने साल मे हुवा बताये

सिला अभय के जन्म जिस दिन समय महीने साल मे हुवा बता देती है
तारा भी दिशा के जन्म दिन समय महीने साल बता देती है


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पंडित जी दोनो की बात सुनते है फिर जन्म कुंडली मिलान करने लगते है सभी की नजर पंडित जि पे टिकी हुई थी

अभय दिशा भी एक दूसरे को देख है और फिर पंडित जि को देखते है

आसा मन मे - उपर वाले मेरे बेटे बहु की जारी बना देना प्लेस ताकि दोनो पूरी जिंदगी एक साथ हसी खुशी बिताये

तारा मन मे - एक लास्ट हॉप दामाद जी हि है मे बस अपनी बेटी का घर बस्ता देखना चाहती हु उसे फिर से सुहागन देखना चाहती हु उपर वाले प्लेस सब अच्छे से हो जाये

10 मिनट तक पंडित जी अच्छे से दोनो की कुंडली मिलान करते है फिर दिशा को देख - बेटी अपना हाथ आगे करो

दिशा अपना हाथ आगे करती है पंडित जी दिशा के हाथ पकर दिशा के हाथो की लकीर देखते है फिर आखे बंद कर देते है 2 मिनट बाद पंडित जी दिशा के हाथ छोर देते है

पंडित अभय को देख - बेटा तुम अपना हाथ आगे करो
अभय अपना हाथ आगे करता है पंडित जि अभय के हाथो कि लकीर देख आखे बंद कर लेते है 4 मिनट बाद पंडित जी अभय का हाथ छोर देते है और एक गहरी सास लेते है

पंडित जी अभय दिशा को देख मन मे - बहोत कम ऐसा होता है की किसी की कुंडली इतनी आसानी अच्छे से मैच कर जाये ये केहना गलत नही होगा ये दोनो एक दूसरे के लिये हि बने है

पंडित जी दिशा को देख मन मे - उसके अंदर कोई बुराई ना किसी के लिये जलन गुस्सा भरा है यानी दिल कि बहोत साफ है

पंडित जी अभय को देख - इस लरके के अंदर सिर्फ अपने लोगो के लिये प्यार ही प्यार भरा है दिल का साफ मिलन सार मस्ती से जीने वाला लेकिन गलती से भी इस लरके के अपनो को कोई चोट पहुचाने कि कोसिस करेगा तो उसका हाल क्या होगा मुझे भी नही पता मुझे लगता है ये लरका उनका क्या हाल करेगा उसे खुद नही पता होगा

आसा पंडित जी को सोचो मे गुम देख - पंडित जी किया हुआ कुछ गर्बर् है क्या

पंडित जी होस मे आते हुवे आसा सभी को देख मुस्कुराते हुवे - नही कोई गर्बर नही बल्कि मे हैरान हु लरका लरकी के 36 के 36 गुण मिल रहे हो सच कहु तो दोनो एक दूसरे की लिये ही बने है

पंडित जी कि बात सुन सही को राहत मिलती है और बहोत खुश भी हो जाते है

पंडित जी आसा तारा को देख - तो बताइये शादी कब का फिक्स करू

तारा आसा को देख - बताइये ना
आसा मुस्कुराते हुवे अभय दिशा को देख - पंडित जी जो पेहला शुभ मुहूरत है वही दिन फिक्स कर दीजिये

पंडित जी - जैसा आप कहे

अभय दिशा के कान मे धीरे से - लगता है मेरी भाभी मेरी रानी जल्दी से बनने वाली है
दिशा अभय कि बात सुन शर्म से लाल हो जाती है

पंडित जी थोरि देर बाद सभी को देख - हा तो पेहला शुभ मुहूरत आज से 26 वे दिन का है बोलिये क्या केहते है

आसा मुस्कुराते हुवे - पंडित जि फिस्क कर दीजिये

पंडित जी मुस्कुराते हुवे - ठीक है आज से 26 दिन लरका लरकी कि शादी फिक्स होती है

पंडित जी कि बात सुन सभी खुशी से तालियां बजाने लगते है

पंडित जी आसा को देख - लेकिन एक जरूरी बात कहनी है

आसा हैरानी से - वो क्या है पंडित जी

पंडित जी - मे जब इस घर मे आया तो मुझे बुरी साया फिल हुवा यानी ये घर रेहने लायक नही है अगर आप इस घर मे रहती है तो कोई ना कोई घटना होती रहेगी

पंडित जी कि बात सुन सभी बहोत हैरान हो जाते है खास कर आसा

पंडित जी - मुझे लगता है इस घर मे पेहले हि कई घटना हो चुकी है

आसा को सुरु सी लेकर सब घटना याद आने लगता अपनी बेहन से लराइ रिस्ता टूट गया,पति छोर चला गया,देवर इज़त लूटने की कोसिस, अभय का किडनैप, विनय के साप् काटने से मौत, कुछ ना कुछ होता आया है सुरु से इस घर मे

आसा घबराते हुवे - पंडित जि आपका केहना बिल्कुल सही है लेकिन अब हम किया करे

पंडित जी - दो रास्ते है पेहला आपका बेटा नई लाइफ सुरु करने वाला है तो आप नये घर में करिये दूसरा मे इस घर को सुध कर दुगा बस कुछ दिन का समय लगेगा

आसा कुछ बोलने वाली होती है तभी अभय - पंडित जी सच ये है मेने पेहले से नये घर मे जाने का सोच रखा था बस समय का इंतज़ार कर राहा लेकिन जब आपने ये केह दिया हो तो हम नये घर में ही सिफ्ट हो जायेंगे

आसा अभय को देख - लेकिन बेटा
अभय बीच मे आसा को रोक - मे सब देख लुगा

अभय मन मे - मेने घर ले लिया है और वहा काम चालू है सभी आने वाले खतरों से लरने के लिये शादी तक सब काम पुरा हो जायेगा

पंडित जी - ये तो और अच्छी बात है

अभय दिशा की शादी फिक्स हो चुकी थी आज से 26 दिन

आसा तारा को देख मुस्कुराते हुवे दोनो गले मिलते है बाकी सभी दिशा अभय को बधाई देते है

अभय विजय पेहले नास्ता कराते है पंडित जी को फिर पैसे दे दिये जाते है उसके बाद बाकी सभी को नास्ता कराया जाता है


एक कमरे मे दिशा अदिति पूजा कोमल मधु के बीच बाते चल रही होती है

अदिति कोमल को देख - भइया भाभी का तो शादी तय हो गया आप कब कर रही है
कोमल अदिति को देख - एक बात बताओ तुम दोनो भाई मेरी शादी के पीछे कियु परे हो ये बताओ पेहले

दिशा हैरान से कोमल को देख - तुमहारे केहने का किया मतलब है कोमल
कोमल दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - आया था आज सुबह आपका होने वाला पति और मेरी मा बुआ से मेरी शादी के बारे मे बात कर के गया है
मधु - लेकिन भाई के नजर मे कोई होगा आपके लायक तभी तो भाई ने बात सुरु की होगी

कोमल - हा तुमने सही कहा अभय का दोस्त है शादी मे आयेगा
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो खुद मिल कर देख लेना वैसे मुझे यकीन है भाई मे आपके लिये कोई लरका चुना है तो अच्छा हि होगा

दिशा - मुझे लगता है जीत या जीतू ही होगे
पूजा - लेकिन दीदी आपको कैसे पता
दिशा मुस्कुराते हुवे - अरे पागल उन्होंने बताया था ना जब कैद मे थे तो उसके साथ जीत जीतू भी थे और उन्होंने मुझे दोनो के बारे मे बताया भी था
मधु - याद आया हा उन्होंने कहा था इसका मतलब दोनो में से एक ( कोमल को देख मुस्कुराते हुवे) दीदी का सइया बनेगा

कोमल मधु के कान पकर - अच्छा तो एक एक मेरा सइया बनेगा तो दूसरे को तुम बना लेना

मधु दर्द मे - दीदी छोरो दर्द हो रहा है
कोमल मधु का कान छोर देती है

मधु कान सेहलाते हुवे - मे तो अभी बच्ची हु आप लोग ही बना लेना सइया 1
मधु कि बात सुन सभी मधु के बरे बरे चुचे को देखने लगते है घूर घूर के मधु को जब एहसास होता है तो शर्म से चिल्लाते हुवे - छी आप सब कहा देख रही है

मधु की बात सुन सभी हसने लगते है

एक कमरे मे आसा काजल मिनिता तारा सिला बैठे थे

आसा तारा से - बात ये है शादी मन्दिर मे नही होगी बलकी मेरा लाल बारात लेकर जायेगा बहु को लाने लाला चाहता है घूम घाम से शादी करना

आसा की बात सुन तारा बहोत हैरान और घबरा भी जाती है

तारा घबराते हुवे - मे भी चाहती हु मेरी बेटी की शादी धूम धाम से करना लेकिन आप जानती है ना

आसा तारा को देख - मुझे पता है आप उसकी चिंता मत कीजिये मेरा लाला सब देख लेगा बस आप अपनी मा का फर्ज़ निभाइये

तारा - लेकिन मुझे अच्छा नही लग रहा दामाद जी सब सर्च उठा रहे है
सिला - मेरा बेटा जिसको अपना मान लेता है उसे दिल मे बसा कर रखता है और आप तो उसकी सासु मा है

मिनिता हस्ते हुवे - अरे हॉट सासु मा कहो
मिनिता कि बात सुन सिला शर्मा के - शर्म कीजिये कुछ भी बोलती है
काजल हस्ते हुवे - भाभी ने गलत नही कहा अभय तो हमे भी हॉट बोलता है कियु भाभी
मिनिता मुस्कुराते हुवे - सही कहा
सिला - तो किया गलत कहा तुम सब हॉट और क्या बोलते है हा सेक्सी हो तो कहेगा हि

सिला की बात सुन सब शर्मा जाते है और जोर जोर से हसने लगते है

आसा तारा से - अच्छा तो सब समझ गई है दिन भी तय हो गया है तो अब आपको दिशा को लेकर जाना होगा
तारा - जी समझ गई

30 मिनट बाते करने के बाद : मिनिता काजल विजय कोमल भोला अपने घर चले जाते है

दिशा अपने कमरे मे समान पैक करने मे लग जाती है तभी अभय कमरे मे आता है और दिशा को पीछे से कमर मे हाथ दा पकर अपने से सता लेता है दिशा घबरा जाती है अचानक अभय के पकरने से लेकिन फिर अभय को देख सांत हो जाती है


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दिशा शर्मा के आपने तो मुझे डरा ही दिया था ( अभय - वो छोरो आपके बिना मे अब कैसे इतने दिन रहुंगा मेने तो सोचा था दुबारा आपकी ( तभी दिशा बीच मे - छी गंदे वैसे ही 26 दिन कोई जायदा नही है


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अभय दिशा के गर्दन मे किस करते हुवे - लेकिन मेरे लिये बहोत जायदा है
दिशा अभय के किस करने से सिसकिया लेते हुवे - ऐसा कियु
अभय - कियुंकी मेरा पेहली बार था दुबारा के लिये अब मुझे इंतज़ार करना परेगा

अभय दिशा को अपनी तरफ घुमा के दिशा के कमर को कस के पकर अपने से पूरा सता के दिशा के आखो मे देख - आपको देखता हु तो रुकना मुश्किल हो जाता है मेरा


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दिशा शर्म से नजरे नीचे कर - बस शादी तक इंतज़ार कीजिये फिर
अभय दिशा के होठो के पास अपने होठ ले जाते हुवे - फिर किया
दिशा की सासे तेज होने लगती है दिशा - फिर आपको अपने आप का रोकने की जरूरत नही परेगी

अभय दिशा की आखो मे देख - शादी के बाद मे अपने आप का रोकुगा भी नही ( ये केहते हुवे अभय दिशा को किस करने लगता है
दिशा भी अभय को पकर किस करने लगती है


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दोनो एक दूसरे से चिपके एक दूसरे को बाहों में पकर एक दूसरे के जीब को मुह मे लेने चूस कर रस पीने लगते है 2 मिनट बाद दिशा सर्म से अभय को धक्का देखे कमरे से बाहर निकालते हुवे - अब जाइये

अभय को बाहर निकालने के बाद दिशा दरवाजा बंद कर लेती है और जोर जोर से सासे लेते हुवे शर्म से लाल - मेरे लिये भी ये 26 दिन बहोत बरा होने वाला है मेरे पति देव

अभय हैरान बाहर करे दरवाजे कि तरफ देख - अरे यार धक्के मार कर निकाल दिया ऐसा कोन करता है

( साम 4 बजे )

तारा पूजा दिशा जाने के लिये तैयार थे

तारा आसा को देख - तो अब हम चलते है
आसा तारा को गले लगाते हुवे - हम एक फैमली है और रहेगे ये मत भूलियेगा हम सब आपके साथ है आप चिंता मत करना आप अकेली नही है

तारा इमोसनल होते हुवे - मुझे पता है और ना मे भुलुगी
दोनो अलग होते है
आसा दिशा के पास जाके दिशा के गाल सेहलाते हुवे - मेरी बहु कुछ दिनों के लिये आपकी है लेकिन फिर मेरी हो जायेगी
तारा मुस्कुराते हुवे - जी बिल्कुल
दिशा आसा को गले लगाते हुवे - मम्मी जी मेरे ना रहने मे अपना ख्याल रखियेगा

दिशा अगल होके अदिति को देख - ननद रानी जब तक मे वापस आपकी भाभी बन कर नही आती आप को हि घर का काम करना है मम्मी जी को आराम करने देना

अदिति दिशा को गले लगते हुवे - आप चिंता मत कीजिये आपने जैसा कहा वैसा हि मे करुगी

अदिति फिर पूजा के गले लगते हुवे - मेरी भाभी का ख्याल रखना नही तो बहोत मारुगी तुझे
पूजा हस्ते हुवे - तुम भी मेरे जीजा जी का ख्याल रखना
अदिति हस्ते हुवे - वो खुद सब का ख्याल रखते है
दिशा मधु से - ननद रानी भाई का ख्याल रखना अच्छे से
मधु दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - जरूर रखुंगी जब आप आ जायेगी तो आप खुद रख लेना
दिशा मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
मधु हस्ते हुवे - हा जी
दिशा मधु गले मिलते है

सिला दिशा के पास जाके दिशा को देख - सच मे मेरी बहू बहोत हि खूबसूरत है
दिशा सर्माते हुवे - मम्मी जी आप भी अपना ख्याल रखियेगा
सिला मुस्कुराते हुवे - मेरा ख्याल रखने के लिये मेरा बेटा है तुम अपना ख्याल रखना
दिशा -जी

बाते हो जाती है अभय सभी बाहर आते है पूजा तारा पीछे बैठ जाते है और आगे दिशा अभय कार चालू करता है

आसा अदिति सिला मधु दिशा पूजा तारा सब एक दूसरे को देखते है और बाय बोल अभय कार लेकर निकल परता है 15 मिनट बाद अभय अपने ससुराल पहुँच जाता है

सारा समान अभय अंदर रख देता है दिशा का फिर सभी बाहर आ जाते है

तारा अभय के पास जाके अभय को देख इमोसनल होते हुवे

तारा - दामाद जी आपका सुक्रिया कैसे करू सब के लिये मेरी बेटी को अपनाने के लिये
अभय - सासु मा हम सब एक परिवार है और दिशा जैसी बीवी पाके मे बहोत खुश हु आप सब अपना ख्याल रखना और हा शादी की सब तैयारी मे देख लूंगा बाकी फोन पर बाते होती रहेगी

पूजा - जीजा जी ने केह दिया हमे अब कोई चिंता नही है
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हा जरूर

तारा पूजा को देख - चलो पूजा बेटी अंदर कुछ काम करने है

पूजा अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गई मा चलो

तारा पूजा अंदर चले जाते है तो दिशा नजरे नीचे किये खरी रहती है
अभय गारी से सता हुवा खरा था

अभय दिशा को देख - मेरी रानी अब आ भी जाओ बाहों मे
दिशा अभय की बात सुन जाके समाते हुवे अभय के बाहों मे समा जाती है और अभय को कस के पकर लेती है


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अभय दिशा को बाहों मे लिये - मेरी रानी फोन मे बाते करते रहेगे और मे छुपके छुपके मिलने आता रहुंगा ठीक है ना
दिशा शर्मा के धीरे से - ठीक है जी लेकिन


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अभय दिशा के चेहरे को पकर आखो मे देखता है दिशा अभय को देखती है फिर दोनो किस करते है
दिशा शर्मा के - अब जाइये
अभय - आई लोव यू मेरी रानी
दिशा अभय को देख - आई लोव यू मेरे राजा

अभय फिर गारी मे बैठ निकल परता है घर वही दिशा अभय को जाते हुवे देखने लगती है वही पूजा दरवाजे पे खरी दिशा को देख हस्ते हुवे - दीदी चले गये हो जीजा जी अंदर आ जाइये

पूजा कि आवाज बात सुन हैरानी से दिशा पीछे मूर पूजा को देख - किया तुम सब देख रही थी

पूजा मुस्कुराते हुवे - हा
दिशा गुस्से से - रुक अभी बताती हु बेशर्म ( दिशा केहते हुवे पूजा को पकरने भागती है पूजा डर के घर में चली जाती है


( अभय के घर )

कमरे मे अब सिर्फ सिला आसा हि थे

सिला आसा को देख - दीदी मे आपसे अभय के बारे मे कुछ पूछना चाहती हु

आसा सिला को देख - पूछो ना
सिला - दीदी आज मे रेडी हो रही थी तब अभय बेटा अंदर आ गया मेरी ढोरी

सिला बीच मे रोकते हुवे मुस्कुराते हुवे - आगे मे बताता हु फिर लाला तुम्हारी ढोरी को घूर कर देखने लगा होगा

सिला हैरानी से - हा ऐसा हि हुवा था
आसा - ठीक है बताती हु असल मे विनय अदिति से अभय बहोत मस्ती करने वाला बच्चा सुरु से रहा है जब मे सोई रहती थी तब कभी कभी मेरी सारी नीचे गिर जाती थी तो लाला आके मेरी ढोरी पे किस करता था चाटता था और पर पर की आवाजे मुह से निकालता था मुझे बहोत गुदगुदी होती थी लेकिन लाला को मजा आता था लाला की दूसरी आदत है मुझे खुद उसे जगाने जाना परता है तभी वो उठता है तीसरी उसे किस्सी भी चाहिये होता है ये सब लाला छोटा था तब से अब तक चलता आ रहा है

सिला हैरानी से - अच्छा ये बात है तभी अभय बेटा इतना मस्ती करता है मुझे हॉट भी बोलता है

आसा मुस्कुराते हुवे - हा लाला जिसे अपना मान लेता है दिल से उसे ही ऐसा बोलता है

सिला - दीदी मे देख सकती हु आप का अभय बेटा का रिस्ता इतना कियु प्यारा है सच मे अभय बेटा आपका लाला है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन अब तेरा भी बेटा है उसने तुझे भी तो मा माना है
सिला - हा और अभय बेटे को पाके बहोत खुश हु


अभय भी घर आ जाता है

अब बारी थी सिला जोगिनाथ के जाने की सभी आँगन मे खरे थे

जोगिनाथ आसा को देख - भाभी तो अब हमे जाना चाहिये
आसा - जी लेकिन शादी कुछ दिन पेहले ही सब को फिर आ जाना है
जोगिनाथ - ये भी केहने की बात है जरूर आऊगा अभय बेटे कि जो शादी है
आसा मधु से - गुरिया अपना ख्याल रखना वैसे तेरा भाई तो रोज मिलने जाता रहेगा
मधु - जी बरी मा भाई तो आते रहेगे नही आयेगे तो मे खुद आ जाउंगी
मधु कि बात सुन सब हसने लगते है
अदिति - आ जाना बना किसने किया है

बाते होती है और अभय सिला मधु जोगिनाथ को घर आ जाता है ठोरी देर रुकता है बाते करता है और घर आ जाता है

( रात 9 बजे )

खाना पीना होने के बाद अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है दिशा सारी पेहले बिस्तर पे लेती हुई थी

अभय दिशा को देख - मा मुझे लगा आप बुल्लू नाइटी मे होगी
आसा हस्ते हुवे - कियु तुम्हे मुझे बुल्लू नाइटी मे देखना है

अभय आसा के पास बिस्तर पे लेट आसा को कस के बाहों मे भर आसा के आखो मे देख - मा मुझे तो आपको जीन्स लेहगा लेगिंस सूट सलवार सब मे देखना है
आसा हैरान से अभय को देख - किया लाला मे इस उमर मे ये सब पेहनुगी
अभय आसा को देख - मेने कहा था ना आप अभी बहोत जवान और खूबसूरत हॉट है आप जो पेहनोगी आपके उपर अच्छा हि लगेगा
आसा शर्म से लाल हो जाती है

दोनो मा बेटा एक दूसरे से पूरा चिपके हुवे एक दूसरे के आखो मे देख बाते कर रहे थे अभय को अपनी मा के करक टाइट बरे चुचे निपल अपने सीने मे दबे साफ मेहसूस हो रहे थे और अपनी मा के शरीर की गर्मी भी लेकिन अभय गलत नजर से मा को नही देख रहा था ना

आसा अभय को देख - लेकिन बेटा बाहर वाले देखेंगे तो किया चोगेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - आपको सिर्फ मुझे पेहन कर दिखाना है बाहर नही जाना है बाहर आप सारी पेहन कर हि जाना मे नही चाहता कोई मेरी मा को देखे जीन्स सब मे

आसा हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है तुम तो मुझे मॉडल बनाना चाहते हो
अभय हस्ते हुवे - मा मॉडल को सभी देखते है लेकिन आप को मे ही सिर्फ देखुंगा मेरी हॉट मा
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है बाबा लाला की इक्छा मे जरूर पूरी करुगी
अभय - मेरी प्यारी बेस्ट मा है
आसा हस्ते हुवे - मस्का मत मार


अभय- मा नाइटी पेहनो ना देखता है मुझे वैसे मुझे पता है आप बहोत सेक्सी लगेगी नाइटी मे
आसा शर्मा के - मुझे पता था लाला तु इसी लिये रेड बुल्लु नाइटी लेने के लिये कहा था ना ताकि तुम मुझे रेड बुल्लू नाइटी मे देख सको

अभय मुस्कुराते हुवे - हा आगे तो और रंग बिरंगे नाइटी लाउगा आपके लिये
आसा शर्मा के अभय को मारते हुवे - शैतान कही का

आसा - चल ठीक है मे नाइटी पेहन लेती हु
अभय आसा को छोर देता है और खरा होते हुवे - ठीक है आप चेंज कर दीजिये मे बाहर खरा रेहता हु

आसा - कोई जरूरत नही है यही खरा रेह
अभय मुस्कुराते हुवे - समझ गया सेक्सी मा

अभय आगे थोरा जाके एक जगह आखे बंद कर खरा हो जाता है अभय की नजर आगे थी आखे भी बंद थी


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आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे अपनी सारी निकालने लगती है और थोरि देर मे पूरी नंगी हो जाती आसा फिर बुल्लू नाइटी निकाल पेहन लेती है अंदर कोई बिकनी चड्डी नही पेहनी थी आसा मे रात को आसा ऐसे ही सोती है लेकिन दिन मे चड्डी बिकनी सब पहनती है


अभय सब बहोत छोटा था किसी चीज की समझ नही थी तब आसा अभय के सामने ही नंगी होकर कपड़े बदल लेती थी लेकिन जब अभय समझदार हुवा चीजे समझने लगा तक भी आसा अभय को बाहर जाने के लिये नही केहती थी बल्कि आगे जाके खरा होकर आखे बंद करने के लिये केहती थी वही आज आसा ने किया इसी लिये अभय हैरान नही हुवा और सीधा जाके आखे बंदकर खरा हो गया

आसा नाइटी पेहन चुकी थी

आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लाला अबदे देख सकता है
आसा के केहने पे अभय पीछे मूर आखे खोल आसा को देखता है
आसा बुल्लू नाइटी मे बहोत ही हॉट सेक्सी लग रही थी आसा शर्मा भी रही थी


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अभय आसा के पास जाके उपर से नीचे तक अच्छे से देखता है फिर आसा की आखो मे देख - जैसा मेने कहा था आप बहोत हॉट सेक्सी लग रही है इस बुल्लू नाइटी मे
आसा शर्मा के - सच केह रहा है लाला


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अभय आसा के कमर मे दोनो हाथ डाल जोर से पकर अपने सीने से सता लेता है जिसके वजह से आसा के मुह से आह निकल जाती है


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अभय आसा के आखो मे देख - किया हुआ मा
आसा शर्मा के - कुछ नही
अभय आसा के लाल रसीले होठो को देख - मुझे किस्सी चाहिये
आसा अभय की आखो मे देख - पूछता कियु है जब दिल करे कर लेना

अभय मुस्कुराते हुवे अपना होठ अपनी मा के होठो के नजदिक ले जाने लगता है आसा अभय को देख शर्मा रही होती है फिर अभय अपना होठ अपनी मा के होठ से सता के हटा लेता है


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अभय आसा को देखता है आसा अभय को
अभय आसा को देख - गुड नाइट सेक्सी मा
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट लाला
2 मिनट बाद

आसा अभय को देख प्यार से - छोरेगा मुझे या ऐसे ही पकरे रहेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आपको बाहों मे लेके मुझे सुकून मिलता है

अभय आसा को छोर - लेकर छोरना परेगा
आसा -अगर मेरा लाला चाहता है तो पकर ले फिर मुझे अपने बाहों मे
अभय आसा के गाल पे किस करते हुवे - आप मेरी मा है जब दिल करेगा बाहों मे भर लुगा
आसा मुस्कुराते हुवे - हा ये भी है
अभय - ठीक है मा सो जाइये गुड नाइट
आसा मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट लाला

अभय बाहर आ जाता है और आसा बिस्तर पे लेत जाती है और मुस्कुराते हुवे मन मे - मेरे लाला का डिमांड बढ़ते जा रहा है इस उमर मे भी मुझे जीन्स सब पहनाने मे लगा हुवा है

अदिति कमरा

अभय अंदर जाता है अदिति नाइट गाउन मे बिस्तर पे लेती आखे बंद किये सो रही थी अदिति बहोत सेक्सी लग रही थी सोते हुवे


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अभय अदिति को सोता देख मुस्कुराते हुवे - लगता है आज गुरिया जल्दी सो गई है मुझे जाना चाहिये

अभय जाने लगता है तभी अदिति जल्दी से उठ कर अभय के पीछे से पकर लेती है अभय भी मुस्कुराते हुवे अदिति को अपनी तरफ घुमा बाहों मे भर लेता है

अदिति अभय के बाहों मे समाये - आपको पता था ना मे सोने का नाटक कर रही हु

अभय मुस्कुराते हुवे - हा पता
अभय अदिति को गोद मे उठा कर अदिति के आखो मे देख - मेरी प्यारी खूबसूरत गुरिया
अदिति अभय के आखो मे देख - मेरा हैंडसम भाई

अभय अदिति को बिस्तर पे लेता देता है और खुद लेत जाता है अदिति अभय के सीने पे सर रख लेती है


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अदिति - भाई पंडित जी ने कहा है इस घर मे बुरी साया है और आपके कहा हम नये घर मे जायेंगे
अभय अदिति को बाहों मे लेते हुवे - हा गुरिया मेने घर खरीद रखा है बस कुछ दिनों बाद हम नये घर मे रेहने चलेंगे

अदिति बहोत खुश होते हुवे अभय को देख - अच्छी लेकिन आपने कैसा घर लिया है मुझे भी बताइये ना भाई

अभय मुस्कुराते हुवे - ना हम जब जायेंगे तब खुद देख लेना
अदिति - तो आप नही बतायेगे ठीक है इंतज़ार कर लुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - करना ही परेगा लेकिन तुम्हे घर बहोत पसंद आयेगा पक्का
अदिति मुह फुलाते हुवे -बता तो रहे नही और घर पसंद आयेगा केह रहे है
अभय हस्ते हुवे अदिति के गाल पे किस करते हुवे - सच्ची केह रहा हु

अभय मन मे - मेने तुमहरा कमरा मा अपना अच्छे से सजाने मे लगा हु जब तुम अपना कमरा देखोगी तो खुशी से नाच उठोगी

अभय - अच्छा गुरिया तुम सो जाओ मे जाता हु
अदिति अभय को देख - ठीक है भाई गुड नाइट
अभय खरा होकर अदिति को देख - गुड नाइट गुरिया

अभय कमरे से निकल अपने कमरे मे आ जाता है वही अदिति बिस्तर पे लेती मन मे - आपके बाहों मे जल्दी नींद आ जाती है लेकिन आपके बाहों बिना जल्दी नींद नही आती लेकिन मुझे भी समझना होगा

अदिति मुस्कुराते हुवे - पक्का भाभी से बात करेगे अकेले मे लेकिन मे आरोही से बात कर लेती हु

अदिति आरोही को फोन लगा देती है आरोही बिस्तर पे लेती हुई थी अदिति का फोन देख उठा के

आरोही - याद आ गई अपने दोस्त की मुझे लगा भूल जाओगी फिर
अदिति - अरे नही यार ये बताओ क्या हो रहा है
आरोही - खाना खाने के बाद अभी पढाई कर सोने जा रही थी
अदिति - अच्छा सुन मेरे भाई की शादी तय हो गई है इस 29 तारीख को कार्ड तो मे खुद दुगी लेकिन मेने सोचा पता दु
आरोही - ये तो अच्छी बात है दिशा भाभी से तय हुई है ना
अदिति - तुम्हे बता तो है
आरोही - तुम ने हि तो बताया था अच्छा अदिति सच बता मेरे भाई से शादी करेगे या नही
अदिति - अरे यार बताया तो था फिर पीछे पर गई मेने कहा ना मे तुम्हारे भाई से प्यार नही करती अब चीजे बदल गई है
आरोही - सीधा बोल नही करनी है
अदिति - हा नही करनी मुझे गलत मत समझना
आरोही - कोई बात नही अच्छा मे रखती हु
अदिति - ठीक है
फोन कट

आरोही मन मे - तूने अच्छा नही क्या अदिति भाई आ गया तो क्या हुवा लेकिन इसकी किमत तुझे चुकानी परेगी

आरोही किसी को फोन करती है

आरोही - मे रेडी हु आपने जैसा कहा लेकिन मेरी एक सर्ट है
अंजान - हा बोलो
आरोही - अदिति के साथ पेहले मेरा भाई जी भर के मजे करेगा
अंजान - मंजूर है
आरोही - और एक बात आपने जितना वादा किया है याद रखना और हा उस कमीनी के भाई की शादी तय हो गई है
अंजान - कब है शादी
आरोही - इस 29 को
अंजान जोर जोर से हस्ते हुवे - तब तो मुझे उसकी शादी मे फटाका फोरना ही परेगा अभय यही नाम है ना उसका
आरोही - जी
अंजान हस्ते हुवे - उसकी जिंदगी मे जो भी प्यारा है उसे एक एक कर उससे छीन लुगा और सुरुवात उसकी शादी के दिन से करुगा
आरोही - आप किया करते है मुझे उससे कोई मतलब नही है अब वो मेरी दोस्त नही रही बस मुझे अब अमीरी की लाइफ जीनी है
अंजान - जरूर मेरी बात मानते जाओ बस लेकिन एक बात अभी उससे बात करती रेहना समझ गई
आरोही - मुस्कुराते हुवे समझ गई
अंजान - ठीक है रात को रेडी रेहना
आरोही - धीरे से ठीक है
फोन कट

अदिति कमरा

अदिति मन मे - प्यार होता तो करती उस समय मा भाभी तेरे केहने पे मेने तेरे भाई को सुना ना की प्यार की वजह से


अभय कमरा

आज अभय के आने के बाद पेहले बार अभय अकेले अपने कमरे मे बिस्तर पे लेता था

अभय - मा गुरिया के साथ मस्त नींद आती है लेकिन खैर मेरी रानी से बात कर लेता हु

अभय दिशा को फोन लगा देता है दिशा बिस्तर पे लेती फोन देखते हुवे - अब याद आई उनको मेरी

दिशा - मुझे लगा भूल गये मुझे
अभय - मेरी रानी ऐसा कियु बोल रही हो
दिशा - कियु ना बोलू कितने बज रहे है आपको पता भी है
अभय टाइम देख कर - हा 11 बज रहे है
दिशा गुस्से से - तो इतनी देरी कियु हुई
अभय - मेरी रानी गुस्सा कियु कर रही हो तुम्हे पता तो है मे मा गुरिया से बात करके ही सोने जाता हु तो समय लग जाता है

दिशा - ठीक ठीक है
अभय - मेरी रानी तुम चली गई रात को करने वाले थे लेकिन मा आ गई अब मे अकेले तरप् रहा हु

दिशा शर्मा के - छि गंदे इंतज़ार भी नही होता आपको
अभय - मेरी हालत तुम नही समझोगी मेरी रानी
दिशा शर्मा के मन मे - अच्छे से समझ रही हु सच ये है आपके साथ सब करने के बाद मुझे भी आपका वो छी छी

अभय - कुछ बोलो भी
दिशा - हा तो कुछ दिन की ही तो बात है
अभय - तुम ना जाने दो मुझे उसकी फोटो भेजो हिला कर सो जाउंगा

दिशा हैरानी से सर्म से लाल थोरा जोर से - गंदे गंदे गंदे सोचना भी मत
अभय उदास होते हुवे - लेकिन कियु
दिशा शर्मा के - बाबा आप जो केह रहे है मुझे अपने पति को भेजने मे कोई परोबलम नही है लेकिन मे नही चाहती आप वो करे कमजोर हो जायेंगे
अभय - हद हो गई ठीक है मत भेजो सेह लुगा रेह लुगा रोक लुगा
दिशा अपना सर पकर - प्लेस नाराज मत होइये आप चाहते है तो भेज देती हु लेकिन आप वो मत करना
अभय मजे लेते हुवे - पताओ कियु ना करू
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - पेहला वो करने से कमजोरी होती हो दूसरा मे नही चाहती आप वो ऐसे

दिशा सर्म से मन मे - हाय ये किया बोल रही हुई कैसे बोलू मे इनको

अभय मुस्कुराते हुवे - जैसा तुम कहो मुझे मेरी रानी की बात माननी तो परेगी गी
दिशा ये सुन हैरानी से - आप मान गये
अभय हस्ते हुवे - तुम मेरी बीवी हो तो कैसे मे तुम्हारी बात ना मानु
अभय की बात सुन दिशा को बहोत अच्छा लगता है खुश हो जाती है

दिशा शर्मा के धीरे से - किया आपको फोटो भेज दु
अभय मुस्कुराते हुवे - नही मेरी रानी हा ये सच हो दिल बहोत कर रहा हो लेकिन मे ऐसे हि हिला कर नही गिराना चाहता गिराउंगा तो तुम्हारे अंदर

दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे - आप बहोत गंदे है कितना गंदा बाते कर रहे है छी बेसर्म

दोनो के बीच 20 मिनट बाते होती है उसके बाद सो जाते है


( रात 12 बजे )

एक गारी आरोही के घर के सामने रोकती है आरोही आती है और अंदर गारी मे बैठ जाती है

( सुबह के 4 बजे )

वही गारी आरोही को छोरने आती है आरोही गारी सी उतर जाती है गारी तेजी से चली जाती है आरोही लंगराते हुवे टांगे फैला के घर के अंदर जाने लगती है चेहरे पे दर्द साफ दिख रहा था आरोही धीरे से अपने कमरे मे जाके दरवाजा बंद कर बिस्तर पे टांगे फैला के आखे बंद कर अदिति के घर से जाने के बाद तभी तक जो हुवा सोचने लगती है


आरोही दर्द भरी चेहरे के साथ अपनी मुठी कस मन मे - आरोही अगर तुम मेरे भाई के साथ शादी करने के लिये तैयार हो जाती तो सायद मे ऐसा नही करती (आरोही सैतानी चेहरा बनाते हुवे ) जब मेने अपना रास्ता चुन उसके उपर चल चुकी हु तो अपना सपना भी पुरा करुगी और तेरी नींद चैन छीन लुगी


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही शानदार जानदार और जबरदस्त अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 
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