Badhiya shaandar updatechapter 44
अभय अपनी मा को लेकर घर आता है आसा अपने बेटे के सरप्राइज से बहोत खुश हुई थी बेटे के साथ अकेले डिनर करना नहाना वक़्त बिताना अकेले मे वो भी एक खूबसूरत जगह पे
रात 9 बजे
आँगन मे अभय आसा के गोद मे बैठा हुआ था मिनिता काजल कोमल अदिति भी बैठे हुवे थे सब अभय आसा को देख रहे है कियुंकी सब को जानना था अभय अपनी मा को कहा ले गया और कैसे कितने मजे किये
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बता भी दे कहा ली गया था अपनी मा को
अभय मुस्कुराते हुवे - मा आप ही बता दो ना
आसा मुस्कुराते हुवे सभी को देखते हुवे सारी कहानी बताने लगती है अभय उसे कहा ले गया डिनर नहाना कितनी खूबसूरत जगह थी बस आसा अभय उसके बीच हुई कुछ बाते जो बताया नही जा सकता था नही बतानी
सभी आसा की बात सुन हैरान होते है और अभय को घूर के देखने लगते है खास कर मिनिता काजल
अभय मिनिता काजल को देख डर के नजरे दूसरी तरफ कर लेता है कियुंकी अभय को बता था मिनिता काजल कियु उसे घूर रहे है
काजल आसा को देख - भाभी आप किस्मत वाली है आपको खूबसूरत जगह लेके गया डिनर किया नहाया प्यारे वक़्त बिताये लेकिन मुझे तो सुके सुके ले गया ले आया था ( काजल अभय को घूर के देखती है
अभय और डर जाता है
मिनिता आसा को देख - ननद जी ने बिल्कुल सही कहा भाभी मुझे भी ले गया खूबसूरत जगह थी अच्छा लगा लेकिन मुझे भी सुके सुके ले गया ले ना कोई डिनर करवाया ना कुछ ( मिनिता bhi अभय को घूर के देखती है)
अभय काजल मिनिता को देख मन मे - धत तेरी की कहा फस गया दोनों गुस्से मे है
अभय काजल मिनिता से मुस्कुराते हुवे - प्यारी ऑन्टी बुआ मानता हु गलती हुई है लेकिन मेने प्लान किया है 1 महीने तक हम कम्पिंग करने जायेंगे जहा खूबसूरत पहार् झरने खूबसूरत नदी जंगल जहा सिर्फ सांति होगी सुकून होगा प्यारी चिरिया की आवाज होगी तो अब गुस्सा सांत कर लीजिये प्लेस
काजल मिनिता अभय को देख खुश होके - अगर ऐसा है तो ठीक है हम भूल जाते है तेरी इस गलती को
कोमल अभय को देख - मा ये बंदर अपनी बीवी के आने का इंतज़ार कर रहा है फिर जाने का प्लान किया है
मिनिता हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है सही है भला अपनी बीवी को छोर कैसे जा सकता है कियु दीदी
आसा हस्ते हुवे - हा तुमने सही कहा
अदिति हस्ते हुवे - अगर भाई भाभी बिना चले गये तो भाभी भाई की वाट लगा देगी
काजल हस्ते हुवे - अदिति तूने बात सही बोली है दिशा टांगे तोर देगी
आसा मुस्कुराते हुवे - एक पति का फर्ज़ है अपनी बीवी को खुश रहना मेरा लाल वही कर रहा है
मिनिता - वैसे मे भी कैंपिंग करने जाने के लिये बहोत बेताब हु बहोत मजा आयेगा पहली बार घर लोगो से सोर सराबे से दूर जायेंगे
काजल - मे भी बहोत मजा आयेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु मजा तो बहोत आयेगा ( अभय काजल को देख आख मार देता है काजल सर्म से लाल हो जाती है
कोमल अदिति से - चल अदिति कमरे मे हम बाते करते है
अदिति खरी होके - ठीक है दीदी
कोमल अदिति कमरे मे आके बिस्तर पे लेट बाते करने लगते है
अभय भी उठ - आप लोग बाते करो मे भी कमरे मे जा रहा हु
अभय भी कमरे मे आके लेत जाता है
मिनिता आसा को देख - दीदी मजा बहोत आया ना बेटे के साथ वक़्त बिता के
आसा - हा बहोत पहली बार इतनी खूबसूरत जगह पे गई थी वो भी मेरा लाल ले गया था तो मजा कैसे आ आता
काजल - भाभी बात तो सही है अभय बेटा सच मे आपसे बहोत प्यार करता है
आसा - हा बहोत प्यार करता है मेरा लाल
20 मिनट बाद काजल अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख काजल के पास जाके बाहों मे लेके आखो मे देख - मेरी जान
काजल सर्म से अभय को देख - मेरे राजा
अभय काजल काजल को किस करने लगता है समय नही था बातो मे वक़्त गवाने का काजल भी अभय को कस के बाहों मे लेके किस करना सुरु कर देती है
दोनों बुआ भतीजे एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूस कर पीने लगते है काजल मन मे - उफ इतना सुकून मेरी राजा के बाहों मे ही मुझे आता है मेरा दिल करता है ऐसे ही अभय के बहोत मे रहु और अभय बेटा मुझे प्यार करता रहे
2 मिनट बाद
अभय काजल को देख - बुआ टाइम नही है आपको बता है किया करना है
काजल अभय को देख सर्म से - हा अच्छे से पता है
काजल घुटने पे बैठ अभय के पैंट खोल अभय का लंड बाहर निकाल हाथ मे पकर लंड को देखते हुवे - उफ बेटा तेरा लंड जब भी देखती हु मेरी सासे तेज हो जाती है और चुत गीली हो जाती है
काजल बरे प्यार से लंड हिलाने लगती है
अभय काजल के सर पे हाथ रख मजे से आह भरते हुवे - बुआ ये वही लंड है जो आपकी चुत मे गया है और जाते रहेगा
काजल अभय को देख मदहोसी मे - और मे लेती रहूगी अपनी चुत मे अपने भतीजे का मोटा लम्बा गर्म लंड उफ
आयन मुस्कुराते हुवे - बुआ मुह मे लेके स्वाद भी लेलो
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर अपने भतीजे के लंड का स्वाद लिये बगैर मे कैसे रह सकती हु
काजल मुह खोल लंड अंदर लेके मजे से चाटने चूसने लगती है अभय काजल फिर मजे की दुनिया मे जाने लगते है एक जवान लरका एक औरत जो दो बच्चो की मा है यही दोनों को जोस दिला रहा था
काजल मन मे - उफ इस उमर मे आके उफ लंड का स्वाद ले रही हु चुदाई का भी वो भी अपने भीतिजे से उफ ये फीलिंग मुझे मदहोस कर रही है ( अभय मन मे काजल को मजे से लंड चुस्ता देख - उफ बुआ जैसी खूबसूरत औरत जो मेरी मा की उमर की है उफ हर बार मेरा जोस बढ़ा देती है उफ ये एहसास
अभय को मजा आ रहा था जोस मे था अभय काजल के सर के पीछे हाथ ले जाके काजल के सर पकर धक्का मारते हुवे अपना लंड काजल के मुह मे देने लगता है अभय काजल की मुह चुदाई करने लगता है अभय तेजी से काजल के मुह मे अंदर बाहर होने लगता है काजल की सासे फूलने लगती है 3 मिनट बाद काजल गिले होठ लिये अभय को देख सर्म से - ले लिया स्वाद पी लिया जी भर के रस
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ अपने पी लिया अपने इस भतीजे को भी पिला को अपनी चुत का रस
काजल बिस्तर पे लेत सारी पेटीकोट उपर कर अपनी चुत दोनों हाथो से फैला के अभय के सामने करते हुवे अभय को शर्म से देखते हुवे मदहोसी मे - भतीजे तेरी इस बुआ की चुत का रस तूने ही पिया है और आगे भी तू ही पियेगा आजा देख तेरी बुआ की चुत तेरे सामने है चूस कर जितना रस पीना है पीले
अभय को काजल की चुत अंदर के लाली और काजल की बाते पागल करने लगती है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - उफ बुआ आप कमाल है आपकी चुत का रस भी आह रहा नही जा रहा
काजल बेचैन मदहोसी मे अभय को देख - तो रुका कियु है उफ देर मत कर
अभय मुस्कुराते हुवे- हु
अभय काजल के टाँगों के बीच आके बैठ काजल के चुत को चूमता है काजल मचल के तेज सिसकिया लेती है अभय फिर जिब से काजल के ऊपर हिस्से को अच्छे से चाटने लगता है और हाथो से काजल के मोटे चिकने जांघों को सेहलानें लगता है काजल बिस्तर कस के पकर मदहोसी मे आह उफ सिसकिया लेने लगती है अभय चुत के आस पास चाट कर साफ करने के बाद पूरी चुत को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल की सिसकिया और तेज हो जाती
काजल अपनी चुत अभय के मुह मे फिल करते हुवे चुत पे अभय का जिब चलते फिल कर बिस्तर पे मचलने लगती है आह उफ सिसकिया कमरे मे गुज रही थी लेकिन धीरे अभय ही सुन सकता था काजल जानती थी तेज आवाज नही करना है 3 मिनट बाद काजल बिस्तर पकरे गांड कमर उठा उठा के आह मा करते हुवे झर जाती है अभय सब रस पी जाता है काजल बिस्तर पे तेज तेज सासे लेने लगती है
काजल अभय को देख मन मे - उफ मेरा भतीजा मेरा राजा बिना कुछ किये ही मेरा पानी निकाल देता है उफ जब मेरी चुत मे लंड डाल चुदाई करता है तो उफ मेरी चुत पानी छोरति रहती है एक बात दावे से केह सकती हु अभय बेटा किसी भी औरत को खुश कर सकता है उफ भाभी आपका बेटा मर्द है
अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - बुआ डाल दु
काजल अभय को देख नसिलि आखो से - डाल दे बेटा पुरा अंदर तक तेरा लंड फिल करना चाहती हु उफ देर मत कर
अभय काजल के एक टांग पुरा उपर उठा के काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ ऐसे ही इस टांग को उठा के रखो
काजल सर्म से अपनी टांगे उपर उठाये पकर के - हु अब ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा अब मजा आयेगा आपकी चुत मारने मे
अभय काजल की चुत पे लंड घिसता है और एक बार मे ही डाल देता है काजल दर्द मे आह मा मर गई
अभय बिना रुके अब काजल के चुचे दबाते हुवे धक्का मारना सुरु कर देता है ब्लाउस मे कसे दोनों उजले चुचे आधे झाक रहे थे काजल का शरीर अभय के हर धक्के से हिल रहा था और काजल अभय के हर धक्के से मजे मे आह उफ सिसकिया लेती मजे से चुदाई का मजा लेने लगती है लंड तेजी से चुत मे अंदर बाहर हो रहा था
काजल मोटा लम्बा अपने भतीजे का लंड अपनी चुत की गहराई मे आते जाते फिल कर सुकून वाली दुनिया मे चली गई थी काजल को यही फिल चुदाई चाहिये थी जब से काजल ने अभय का लंड लिया था तब से काजल की चुत सिर्फ अभय का लंड मांगती थी अभय भी काजल की चुत का दीवाना हो गया था
अभय काजल के ऊपर लेत तेज तेज शॉट मारने लगता है काजल दर्द मे रोने लग जाती है लेकिन ये दर्द काजल खुद चाहती थी काजल मुह बंद किये आखो मे आसु लिये मन मे - आह मा बहोत दर्द हो रहा है अभय बेटे का लंड अंदर चुत मे लग रहा है उफ लेकिन ये दर्द मुझे सुकून दे रहा है आह अभय बेटा चोद मे सेह लुगी मा उफ
अभय काजल को देख बुआ आह आने वाला है उफ मेरी जान आपकी चुत की गर्मी आह मुझे पागल कर देगी काजल अभय को कस के पकर कापते हुवे - मेरा भी आने वाला है आह बेटा
काजल अभय को बाहों मे लिये गांड उठा उठा के झरने लगती है अभय फिर उठ खरा होके देखता है काजल टांगे उठाये है और उसका पानी चुत से निकल रहा है काजल भी अपनी चुत मे अभय का गर्म पानी लेके मदहोस हो चुकी थी
अभय काजल के ऊपर लेत काजल की आखो मे देख - उफ बुआ आप को तो एक बार ही अच्छे से चोद पाया था लेकिन अब मोक्का ही नही मिलता लेकिन सादी के बाद मोक्का ही मोक्का मिलेगा तब मजे से सांति से आपकी चुत मारुंगा
काजल अभय को बाहों मे कस सर्म से - इतना ही मेरे लिये बहोत है मेरे भतीजे इतने मे तीन बार तु मेरी चुत से पानी निकाल देता है बता नही सकती जब तेरा लंड मेरी चुत मे जाता है तो कितना मजा सुकून मिलता है
अभय मुस्कुराते हुवे - आपकी टाइट गर्म चुत के अंदर मेरा लंड भी जाके खुश हो जाता है बुआ मेरी जान सच मे आपकी बॉडी और आपकी खूबसूरती कमाल की है
काजल सर्म से - सच
अभय काजल को किस करते हुवे - हा
काजल फिर खरी होके कापते पैरो से सारी आसु साफ कर बाल सही कर लेती है काजल अभय के लंड का पानी फिल अपनी जांघे से रिस्ता फिल कर मदहोस हो जाती है
काजल अभय के पास आके होठ पे किस कर - मेरे राजा अब मुझे जाना होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु लेकिन जल्दी ही आपकी गांड मारनी है मुझे आपके गांड बहोत बरे है मजा आयेगा
काजल सोक हैरान डरते हुवे अभय को देख - छी कोई गांड मारता है किया भूल जाओ मे जा रही हु
काजल जल्दी से बाहर आके आसा के पास बैठ जाती है लेकिन चुत जांघे अभय के पानी से गीली चिप चिपि हो गई थी लेकिन काजल खुद ये फिल करना चाहती थी इसी लिये चुत साफ नही करती थी
आसा काजल को देख - किया बाते करने गई थी आप
काजल खुद को संभाल के मुस्कुराते हुवे - भाभी आपको पता ही आपके लाडले से बात किये बगैर जा नही सकते है
मिनिता भी काजल का साथ देते हुवे आसा को देख - हा ननद जी ने सही कहा आप तो जानती है अभय बेटा कैसा है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा पता है अच्छा अब मे चली आराम करने आज थक गई हु
मिनिता - हा कियुंकी घूम कर जो आई थी
आसा खरी होके मुस्कुराते हुवे - हु सह कहा अच्छा बाकी बाते कल करेगे
काजल - जी भाभी
काजल मिनिता को देख - भाभी जाके अभय से बात कर लीजिये मे बाहर हवा खाने जाती हु
मिनिता काजल को देख - ठीक है
काजल बाहर आके खरी होके आस पास देखने लगती है फिर अपनी चुत को सारी के ऊपर से छुटे हुवे मन मे - उफ अभय बेटे के चुदाई के बाद आह बहोत सुकून अच्छा फिल होता है रात को मे चैन से सो पाती हु नही पिछले कई साल मेरी चुत ने मुझे बहोत परेसान किया
काजल आसमान मे तारे देखते हुवे - पर यहा बात जिस्म की प्यास बुझाने की नही है अभय बेटे कि बाते मस्टिया उसके साथ वक़्त बिताना उसका मेरे लिये इतना प्यार ये सब भी मुझे सुकून देता है मेने सोचा नही था एक लरका मुझे इतना प्यार करेगा इस आधे जी चुकी औरत से
मिनिता कमरे मे जाती है कई सवाल दिमाग मे चल रहे थे अभय मिनिता को देख मुस्कुरा देता है मिनिता सर्म से लाल अभय के पास आके बैठ जाती है
अभय मिनिता के जांघों पे हाथ रख सेहलाते हुवे - ऑन्टी
मिनिता अभय को देख सर्म से - अभय बेटा
दोनों अपना होठ एक दूसरे के पास लेके जाते है फिर दोनों किस मे खो जाते है किस करने के बाद
अभय मिनिता को देख - रोज की तरफ बहोत मिठा था
मिनिता सर्म से - तू भी ना अच्छा अब मुझे जाना होगा तेरी बुआ बाहर इंतज़ार कर रही है
अभय - जी
मिनिता जाने लगती हैं तभी अभय मिनिता को देख - ऑन्टी
मिनिता रुक पीछे मूर अभय को देख - हा अभय बेटा
अभय मिनिता को देख - नही कुछ नही आप जा सकती है
मिनिता अभय देखती है गौर से फिर सझते देर नही लगती अभय किया चाहता है लेकिन फिर भी मिनिता कमरे से बाहर आ जाती है
अभय मिनिता को जाते देखता रह जाता है
अभय बिस्तर पे लेत गहरी सास लेते हुवे मन मे - एक बार की बात हुई थी ऑन्टी मे मेरे लिये दिल से किया तो मुझे भी जायदा लालच नही करनी चाहिये
अभय आसा के कमरे मे आता है तो देखता है आसा सो रही है असल मे आसा थकी हुई थी नींद मे थी तो अभय अदिति के कमरे मे आता है और बिस्तर पे लेत अदिति को बाहों मे भर लेता है अदिति भी अपने भाई की बाहों मे अच्छा सुकून फिल कर रही थी
roll dice now
अदिति अभय से चिपकी सीने पे सर रख लेती हुई अपने भाई के बाहों मे सुकून पा रही थी अभय - गुरिया किया सोचा है कैपिंग मे कैसे मजे लेने है
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - भाई बहोत मजे करने है जंगल मे खूबसूरत नाजरे पहारो को झरने को खूबसूरत चिरिया को देखना है झरने मे नहाना है मे तो बहोत मजे करने वाली हु आपके साथ
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - ऐसा किया बहोत खूब मेरी गुरिया खुश रहे बस
अदिति अभय की आखो मे देख - भाई मेरे साथ है तो आपकी गुरिया खुश है मुझे और कुछ नही चाहिये
अभय अदिति के होठ छुटे हुवे प्यार से आखो मे देख - लेकिन मुझे तो चाहिये
अपने भाई को होठ पे उंगली फेरते देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे - किया
अभय अदिति के होठ को देख मुस्कुराते हुवे - किस और किया
अदिति सर्म से अभय की आखो मे देख - ले लीजिये ना भाई
अभय अदिति की को देखता है अदिति अभय के होठ के पास अपना होठ ले जाने लगती है अदिति की सासे तेज चल रही थी दिल मे हलचल मचा हुआ था अभय भी अपना होठ आगे के जाता है फिर दोनों भाई बहन के होठ मिल जाते है
अदिति अपने होठ पे अपने भाई के होठ फिल कर मदहोस हो जाती है सरीर मे सिहरन डोर जाती है एक छोटा किस करने के बाद अभय अदिति एक दूसरे को देखते है लेकिन अदिति सर्म से नजरे नीचे कर लेती है
अभय मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट गुरिया
अदिति अभय को देख - गुड नाइट भाई
अभय फिर कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करता है 12 मिनट बात करने के बाद अभय फोन रख आखे बंद कर लेता है 15 मिनट हुवे थे फोन बजता है
अभय आखे खोल नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के
अभय - भाभी आपको ही याद कर सोने जा रहा था
ममता - सर्म से देवर जी मुझे कियु याद कर सोने जा रहे थे अपनी बीवी को याद कर सोना चाहिये आप को
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी की बात अलग है बीवी की अलग
ममता हस्ते हुवे - वो कैसे
अभय मुस्कुराते हुवे - बीवी के साथ अलग मजा लेकिन भाभी के साथ अलग मजा आता है
ममता सर्म से - अच्छा जी आपको कैसे पता
अभय मुस्कुराते हुवे - भूल गई आप दिशा मेरी भाभी ही थी लेकिन अब बीवी बनने वाली है
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई देवर जी लेकिन यहा डाल नही गलेगी आपकी
अभय हस्ते हुवे - कोसिस करने मे किया जाता है किया पता गल जाये डाल
ममता - ऐसी बात है कोसिस करते रहिये कुछ हाथ नही लगेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - कोसिस करता रहुंगा फिर भी ये बताइये आज भाई मे प्यार किया या नही
ममता सर्म से - हु किया
अभय - मजा आया
ममता - छि गंदे देवर जी
अभय हस्ते हुवे - बताइये ना भाभी
ममता सर्म से धीरे से - हा
अभय - नाइटी उठा के टांगे फैला के सुरु हो जाते होगे है ना
ममता तेज सासे लेते हुवे मदहोसी मे - हा
अभय मन मे - किया भाई मेरे से एक साल बरे है फिर भी पुराने ज्वाने के प्यार करने मे लगे है
अभय - भाभी नाइटी मे है अभी
ममता अपने आप को देख सर्म से - हा कियु
अभय - कल अपने उपर का दिखाया कसम से बहोत बरे टाइट है बिकनी के कसे हुवे थे उफ भाभी कल तो रात नींद नही आई मुझे
ममता सर्म से लाल - देवर जी आप भी ना
लेकिन असल मे अभय को अपने चुचे की तारीफ सुन अच्छा लग रहा था
अभय - भाभी कल जैसे उपर का दिखाया आज नीचे का दिखा दो ना
अभय की बात सुन ममता की सासे और तेज हो जाती है दिल जोर से धक धक करने लगता है
ममता तेज सासे लेते हुवे -गुड नाइट
फोन कट
अभय फोन देखते हुवे मन मे - धत पता नही अब किया होगा
ममता कमरे मे जाती है मुकेश सोया था ममता एक चड्डी लेती है फिर पहन के एक फोटो लेती है
ममता मन मे - मुझे नही पता मे ये कियु कर रही हु ये गलत है लेकिन मे खुद को रोक नही पा रही
ममता फिर अभय को फोटो भेज के सो जाती है
अभय बिस्तर पे लेता था तभी मैसेज आता है अभय देखता है तो अभय का लंड झटके मारने लगता है अभय की बात से ममता की चुत गीली हो गई थी जब ममता मे चड्डी पहनी तो चड्डी भी चुत के पानी से पूरी गीली हो गई थी जो अभय को साफ दिख रहा था
अभय फोटो देखते हुवे उफ भाभी आपकी चुत तो रस बहा रही है उफ जायदा कुछ नही देख रहा लेकिन बहोत कुछ दिख गया उफ
अभय फिर सो जाता है
सुबह होती है अभय आसा अभय को जगाती है अभय नॉर्मल गुड मोर्निंग करता है अपनी मा अदिति को भी उसके बाद अपना सुबह का काम कर मिनिता के घर आता है
कोमल अभय को देख सर्माने खुद को रोक नही पाती दिल धक धक करने लगता है
कोमल अभय को देख मन मे -मुझे ये किया हो रहा है मे इस बंदर को देख शर्मा कियु रही हु मेरा दिल धक धक कियु करने लगा
अभय कोमल को देख - ओये बंदरिया कहा किस सोच मे डूबी हैं
कोमल होस मे आके अभय को देख - तुझे किया बंदर कही का
अभय कोमल के पास आता है कोमल की सासे तेज होने लगती है
अभय कोमल को देख - ये बता बुआ ऑन्टी कहा है
कोमल अभय को देख - विजय बुआ पीछे खास काट रहे है मा कमरे मे है
अभय मिनिता के कमरे मे जाते हुवे - अच्छा
कोमल हैरान अभय को जाते देख मन मे - किया मुझे लगा छी मे ये किया सोच रही हु ये कमीना बंदर मुझे पागल कर देगा
अभय मिनिता के कमरे मे जाता है मिनिता आईने के सामने खरी सारी सही करने मे लगी हुई थी लेकिन आईने मे अभय भी दिख जाता अभय को देख मिनिता को सब याद आने लगता है कैसे उसने अभय के लंड को मजे से चूस कर रस पिया तो मिनिता की सासे तेज दिल धक धक करने लगता है
मिनिता अभय को देख - अभय बेटा आ गये
अभय मिनिता के पास जाके बाहों मे लेके - हा आना ही था
अभय मिनिता को किस करने लगता है बिना देरी किये मिनिता भी तैयारी थी दोनों एक दूसरे का रस पीते है
अभय मिनिता को देख - आप बहोत खूबसूरत लग रही
मिनिता सर्म से - थैंक्स
अभय - अच्छा मे जाता हु बुआ मे मिलने
अभय जाने लगता है तो मिनिता अभय का हाथ पकर रोक लेती है अभय मिनिता को देखता है लेकिन मिनिता नजरे नीचे किये थी
अभय समझ जाता है फिर मुस्कुराते हुवे मिनिता के कान मे - चूसना है रस पीना है मेरे लंड का
मिनिता सर्म तेज सासे लेते हुवे धीरे से - हा
अभय मुस्कुराते हुवे अपना लंड बाहर निकाल देता है अभय का बरा लम्बा लंड मिनिता के सामने आ जाता है मिनिता घुटने पे बैठ अभय के लंड को पकर के देखते हुवे मन मे - कल रात अभय बेटा चाहता था मे फिर लंड मुह मे लू लेकिन मे नही चाहती थी दुबारा ऐसा हो लेकिन उसके बाद रात भर मुझे वही सीन आखो मे आते रहे मेरे मुह मे अभय के लंड का स्वाद आने लगा मे रात भर सो नही पाई
मिनिता के मुह मे पानी आ गया था अभय का लंड देख कर
मिनिता बिना देरी किये अभय का लंड मुह मे ले लेती है अभय मजे से आह करता है वही मिनिता को सुकून मिलता है मिनिता मजे से अभय का लंड मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगती है
मिनिता मन मे - उफ अब जाके सुकून मिला नही तो मे बेचैन सी थी
अभय के लंड का स्वाद लेने के बाद मिनिता उस स्वाद को भूल नही पाई बहोत रोका खुद को मिनिता ने लेकिन रोक नही पाई
3 मिनट बाद
अभय अपने लंड को पकर हिलाने लगता है मिनिता मुह खोल लेती है अभय मिनिता को देख तेज तेज हिलाते हुवे - ऑन्टी आह करते हुवे अपना सारा लंड का माल मिनिता के मुह मे गिरा देता है मिनिता को बहोत सर्म ढेर सारा माल मुह मे फिल करती है फिर मजे से सब गटक जाती है
मिनिता के गले से नीचे जब अभय का माल जाता है तो मिनिता जो मजा स्वाद सुकून मिलता है मिनिता फिल कर मदहोस हो जाती है यही मिनिता को चाहिये जिसके लिये बेचैन थी
अभय अपना लंड मिनिता होठ से सता के - ऑन्टी अच्छे से साफ कर दो ना
मिनिता अभय को मदहोस वाली नजरे से देख मुस्कुराते हुवे अभय का लंड मुह मे लेके अच्छे से चूस कर साफ कर देती है फिर अभय अपना लंड अंदर कर लेता है मिनिता खरी होती है अभय मिनिता को बाहों मे भर लेता है
अभय मिनिता की आखो मे देख - किया आगे भी ये मजा मेरी ऑन्टी देती रहेगी या ये लास्ट है
मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से नजरे नीचे कर - मिलेगा
अभय खुशी से मिनिता को गोद मे उठा के - सच्ची
मिनिता हैरान अभय को देख सर्म से - हु
अभय मिनिता को नीचे उतार आखो मे देख - मजा आता है ना आपको लंड चूस कर मेरे लंड का माल पीने मे
मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे - हा बहोत आता है
अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता को किस कर - मुझे भी बहोत आता है जब आप मेरा लंड मुह मे लेके मजे से चूस कर पीती है
मिनिता सर्म कुछ केह नही पाती
अभय - चले बाहर
मिनिता मुह साफ कर - हा
फिर अभय बाहर आता है काजल विजय सब आजाते है तो अभय बाते कर घर आ जाता है नहा के खाना खाता है फिर मधु से मिलने जाता है आज मधु के पापा हरीनाथ सिला भी थे तो अभय नोर्मलि बाते कर
अभय सब एक कमरे मे बैठे हुवे थे
अभय - पापा आप कियु काम पे जाते है मे हु ना सब देख लुगा
हरीनाथ मुस्कुराते हुवे - बेटा मुझे पता है लेकिन मे कुछ नही करुगा तो मे और कमजोर हो जाउंगा और मुझे घर पे रहा भी नही जायेगा काम किये बगैर
अभय सिला को देख - मा आप ही कुछ कहिये ना
सिला मुस्कुराते हुवे - बेटा मे किया कहु मेरी बात भी नही मानेंगे
मधु - भाई पापा को काम से बहोत लगाव है इस लिये जब काम पे नही जाते फिर भी खेत मे जाके कुछ ना कुछ करते रहते है
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मेरे पापा एक किसान है
हरीनाथ - बिल्कुल सही वैसे सादी की तैयारी कैसी चल रही है
अभय - सब अच्छे से चल रही है
अभय बहोत सारी बाते करता है उसी मे एक बज जाते है बाते करने के बाद अभय बाइक पे आके बैठ जाता है मधु भी अभय के पास आके सर्म से - भाई आज किस नही करोगे
अभय बाइक से उतर मधु के पास आके धीरे से - बाहर लोग है अंदर मा पापा है लेकिन कल अच्छे से आज का कोटा भी पुरा कर लुगा
अभय मधु के कान मे - कियुंकी मेरी गुरिया के होठ का रस पीके मजा आता है
मधु सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे धीरे से - हु
अभय फिर बाइक पे बैठ निकल परता है
साम 3 बजे
उदय के बंगलो पे आज फिर मेहफिल सजी हुई थी जगमोहन भारती फिर आये हुवे थे तीनों बैठ बाते करते हुवे सराब चखने का मजा ली रहे थे
उदय बाते करते हुवे भारती के हर अंग को हि देखे जा रहा था
वही भारती इस सब सब अंजान थी उसे नही पता था उसका पति उदय के प्लान मे वो फस्टे जा रही है
पर कमाल की बात ये थी भारती को भी अब सराब चखने के साथ अपने दामाद पति के साथ बैठ बाते करने मे मजा आने लगा था
ऐसा होना भी था एक औरत जो अब तक की लाइफ मे घर की जिमेदारी मे हि रही ना कोई पाटी ना कुछ लेकिन अब भारती आजाद फिल कर रही थी
पर उदय खुश था उदय कोई मोक्का नही छोरता था भारती की तारीफ करने का उदय का पहला प्लान था भारती से घुल मिल जाना ताकि भारती बिना कोई झिझक के उसके पास अकेले भी आ सके बाते कर सके फिल खोल कर और ये प्लान काम भी कर रहा था
उदय भारती को देख - सासु जी मान गया अब तो आप एक बार मे ही पुरा ग्लास बिना झिझक पी जाती है और आपको जायदा नसा भी नही होता आप मजबूत है
भारती सर्माते हुवे - आप भी ना दामाद जी ऐसे ही मेरी तारीफ करते रहते है
उदय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल नही मे सच बोलता हु कियु ससुर जी
जगमोहन - बिल्कुल
यहा उदय जगमोहन भारती का पार्टी चल रहा था वही
आरोही बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती हुई थी अमर आरोही के ऊपर तेज तेज धक्का मारते हुवे अपनी छोटी बेहन की जोरदार चुदाई किये जा रहा था आरोही बिस्तर पे आह उफ भाई मर करती रहती है
अमर चुदाई करते हुवे - उफ छोटी बेहना बजा आ रहा है की नही
आरोही - उफ आह भाई बहोत मजा आ रहा है भाई करते रहिये उफ
चुदाई के बाद
आरोही - उफ अब राहत मिली मेरी चुत को
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तु रण्डी है एक लंड से तेरा अब दिल नही भरेगा
आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - नही आपके साथ जो मजा आता है वो किसी के साथ नही आता भाई
मिनिता के घर
कोमल बर्तन साफ करते हुवे मन मे - सुबह बंदर ने किस नही किया तो अभी तक मे कियु उसके बारे मे सोचे जा रही हु कियु ये कमीने ने मुझे कैसी लत लगा दी है
वही घर के पीछे मिनिता गाय को चारा खिला के खटिये पे लेत मन मे - उफ अभय बेटे के लंड जब से चुसा है तब से मेरे मुह मे फिल बार बार होता है जैसे मे अभय बेटे के लंड मुह मे लिये चूस रही हु अभी भी अभय बेटे के लंड के माल का गर्म स्वाद मेरे मुह मे है उफ बेटा तूने कैसी लत लगा डी मुझे
काजल कमरे मे बैठी हुई मन मे - अभय बेटे से पहले मेरी चुत कि चुदाई इतनी दमदार तरीके से नही हुई मेरी चुत मुश्किल से एक बार पानी निकाल पाती थी लेकिन जब से अभय बेटे का लंड मेरी चुत मे जाने लगा है उफ बिना किये एक बार झर जाती हु फिर चुदाई के बाद पता नही कितने बार
अभी भी यकीन करना मेरे लिये मुश्किल होता है मेरे बेटे के उमर का लरका मेरा भतीजा अपनी मा की उमर की औरत यानी मेरी हालत खराब कर देता है पर ये सच है
तभी काजल को फिल होता है उसकी चुत गीली हो गई है काजल अपने चुत को सेहलाते हुवे - एक ये है सोचा नही गीली हो गई सबर कर रात को मिलेगा मोटा लम्बा लंड लेकिन एक बात और है पहले मुझे इतना सेक्स करने का दिल नही करता था 3 या चार दिन मे एक बार भी चुदाई मिल जाती थी चल जाता था लेकिन अब अभय बेटे के लंड लेने के बाद बार रोज दिल करता है अपनी चुत मे अभय बेटे का मोटा लंड लेने का उफ अभय बेटा तूने कैसी लत लगा दी
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही कामुक अपडेट था ! मजा आ गयाchapter 44
अभय अपनी मा को लेकर घर आता है आसा अपने बेटे के सरप्राइज से बहोत खुश हुई थी बेटे के साथ अकेले डिनर करना नहाना वक़्त बिताना अकेले मे वो भी एक खूबसूरत जगह पे
रात 9 बजे
आँगन मे अभय आसा के गोद मे बैठा हुआ था मिनिता काजल कोमल अदिति भी बैठे हुवे थे सब अभय आसा को देख रहे है कियुंकी सब को जानना था अभय अपनी मा को कहा ले गया और कैसे कितने मजे किये
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बता भी दे कहा ली गया था अपनी मा को
अभय मुस्कुराते हुवे - मा आप ही बता दो ना
आसा मुस्कुराते हुवे सभी को देखते हुवे सारी कहानी बताने लगती है अभय उसे कहा ले गया डिनर नहाना कितनी खूबसूरत जगह थी बस आसा अभय उसके बीच हुई कुछ बाते जो बताया नही जा सकता था नही बतानी
सभी आसा की बात सुन हैरान होते है और अभय को घूर के देखने लगते है खास कर मिनिता काजल
अभय मिनिता काजल को देख डर के नजरे दूसरी तरफ कर लेता है कियुंकी अभय को बता था मिनिता काजल कियु उसे घूर रहे है
काजल आसा को देख - भाभी आप किस्मत वाली है आपको खूबसूरत जगह लेके गया डिनर किया नहाया प्यारे वक़्त बिताये लेकिन मुझे तो सुके सुके ले गया ले आया था ( काजल अभय को घूर के देखती है
अभय और डर जाता है
मिनिता आसा को देख - ननद जी ने बिल्कुल सही कहा भाभी मुझे भी ले गया खूबसूरत जगह थी अच्छा लगा लेकिन मुझे भी सुके सुके ले गया ले ना कोई डिनर करवाया ना कुछ ( मिनिता bhi अभय को घूर के देखती है)
अभय काजल मिनिता को देख मन मे - धत तेरी की कहा फस गया दोनों गुस्से मे है
अभय काजल मिनिता से मुस्कुराते हुवे - प्यारी ऑन्टी बुआ मानता हु गलती हुई है लेकिन मेने प्लान किया है 1 महीने तक हम कम्पिंग करने जायेंगे जहा खूबसूरत पहार् झरने खूबसूरत नदी जंगल जहा सिर्फ सांति होगी सुकून होगा प्यारी चिरिया की आवाज होगी तो अब गुस्सा सांत कर लीजिये प्लेस
काजल मिनिता अभय को देख खुश होके - अगर ऐसा है तो ठीक है हम भूल जाते है तेरी इस गलती को
कोमल अभय को देख - मा ये बंदर अपनी बीवी के आने का इंतज़ार कर रहा है फिर जाने का प्लान किया है
मिनिता हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है सही है भला अपनी बीवी को छोर कैसे जा सकता है कियु दीदी
आसा हस्ते हुवे - हा तुमने सही कहा
अदिति हस्ते हुवे - अगर भाई भाभी बिना चले गये तो भाभी भाई की वाट लगा देगी
काजल हस्ते हुवे - अदिति तूने बात सही बोली है दिशा टांगे तोर देगी
आसा मुस्कुराते हुवे - एक पति का फर्ज़ है अपनी बीवी को खुश रहना मेरा लाल वही कर रहा है
मिनिता - वैसे मे भी कैंपिंग करने जाने के लिये बहोत बेताब हु बहोत मजा आयेगा पहली बार घर लोगो से सोर सराबे से दूर जायेंगे
काजल - मे भी बहोत मजा आयेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु मजा तो बहोत आयेगा ( अभय काजल को देख आख मार देता है काजल सर्म से लाल हो जाती है
कोमल अदिति से - चल अदिति कमरे मे हम बाते करते है
अदिति खरी होके - ठीक है दीदी
कोमल अदिति कमरे मे आके बिस्तर पे लेट बाते करने लगते है
अभय भी उठ - आप लोग बाते करो मे भी कमरे मे जा रहा हु
अभय भी कमरे मे आके लेत जाता है
मिनिता आसा को देख - दीदी मजा बहोत आया ना बेटे के साथ वक़्त बिता के
आसा - हा बहोत पहली बार इतनी खूबसूरत जगह पे गई थी वो भी मेरा लाल ले गया था तो मजा कैसे आ आता
काजल - भाभी बात तो सही है अभय बेटा सच मे आपसे बहोत प्यार करता है
आसा - हा बहोत प्यार करता है मेरा लाल
20 मिनट बाद काजल अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख काजल के पास जाके बाहों मे लेके आखो मे देख - मेरी जान
काजल सर्म से अभय को देख - मेरे राजा
अभय काजल काजल को किस करने लगता है समय नही था बातो मे वक़्त गवाने का काजल भी अभय को कस के बाहों मे लेके किस करना सुरु कर देती है
दोनों बुआ भतीजे एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूस कर पीने लगते है काजल मन मे - उफ इतना सुकून मेरी राजा के बाहों मे ही मुझे आता है मेरा दिल करता है ऐसे ही अभय के बहोत मे रहु और अभय बेटा मुझे प्यार करता रहे
2 मिनट बाद
अभय काजल को देख - बुआ टाइम नही है आपको बता है किया करना है
काजल अभय को देख सर्म से - हा अच्छे से पता है
काजल घुटने पे बैठ अभय के पैंट खोल अभय का लंड बाहर निकाल हाथ मे पकर लंड को देखते हुवे - उफ बेटा तेरा लंड जब भी देखती हु मेरी सासे तेज हो जाती है और चुत गीली हो जाती है
काजल बरे प्यार से लंड हिलाने लगती है
अभय काजल के सर पे हाथ रख मजे से आह भरते हुवे - बुआ ये वही लंड है जो आपकी चुत मे गया है और जाते रहेगा
काजल अभय को देख मदहोसी मे - और मे लेती रहूगी अपनी चुत मे अपने भतीजे का मोटा लम्बा गर्म लंड उफ
आयन मुस्कुराते हुवे - बुआ मुह मे लेके स्वाद भी लेलो
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर अपने भतीजे के लंड का स्वाद लिये बगैर मे कैसे रह सकती हु
काजल मुह खोल लंड अंदर लेके मजे से चाटने चूसने लगती है अभय काजल फिर मजे की दुनिया मे जाने लगते है एक जवान लरका एक औरत जो दो बच्चो की मा है यही दोनों को जोस दिला रहा था
काजल मन मे - उफ इस उमर मे आके उफ लंड का स्वाद ले रही हु चुदाई का भी वो भी अपने भीतिजे से उफ ये फीलिंग मुझे मदहोस कर रही है ( अभय मन मे काजल को मजे से लंड चुस्ता देख - उफ बुआ जैसी खूबसूरत औरत जो मेरी मा की उमर की है उफ हर बार मेरा जोस बढ़ा देती है उफ ये एहसास
अभय को मजा आ रहा था जोस मे था अभय काजल के सर के पीछे हाथ ले जाके काजल के सर पकर धक्का मारते हुवे अपना लंड काजल के मुह मे देने लगता है अभय काजल की मुह चुदाई करने लगता है अभय तेजी से काजल के मुह मे अंदर बाहर होने लगता है काजल की सासे फूलने लगती है 3 मिनट बाद काजल गिले होठ लिये अभय को देख सर्म से - ले लिया स्वाद पी लिया जी भर के रस
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ अपने पी लिया अपने इस भतीजे को भी पिला को अपनी चुत का रस
काजल बिस्तर पे लेत सारी पेटीकोट उपर कर अपनी चुत दोनों हाथो से फैला के अभय के सामने करते हुवे अभय को शर्म से देखते हुवे मदहोसी मे - भतीजे तेरी इस बुआ की चुत का रस तूने ही पिया है और आगे भी तू ही पियेगा आजा देख तेरी बुआ की चुत तेरे सामने है चूस कर जितना रस पीना है पीले
अभय को काजल की चुत अंदर के लाली और काजल की बाते पागल करने लगती है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - उफ बुआ आप कमाल है आपकी चुत का रस भी आह रहा नही जा रहा
काजल बेचैन मदहोसी मे अभय को देख - तो रुका कियु है उफ देर मत कर
अभय मुस्कुराते हुवे- हु
अभय काजल के टाँगों के बीच आके बैठ काजल के चुत को चूमता है काजल मचल के तेज सिसकिया लेती है अभय फिर जिब से काजल के ऊपर हिस्से को अच्छे से चाटने लगता है और हाथो से काजल के मोटे चिकने जांघों को सेहलानें लगता है काजल बिस्तर कस के पकर मदहोसी मे आह उफ सिसकिया लेने लगती है अभय चुत के आस पास चाट कर साफ करने के बाद पूरी चुत को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल की सिसकिया और तेज हो जाती
काजल अपनी चुत अभय के मुह मे फिल करते हुवे चुत पे अभय का जिब चलते फिल कर बिस्तर पे मचलने लगती है आह उफ सिसकिया कमरे मे गुज रही थी लेकिन धीरे अभय ही सुन सकता था काजल जानती थी तेज आवाज नही करना है 3 मिनट बाद काजल बिस्तर पकरे गांड कमर उठा उठा के आह मा करते हुवे झर जाती है अभय सब रस पी जाता है काजल बिस्तर पे तेज तेज सासे लेने लगती है
काजल अभय को देख मन मे - उफ मेरा भतीजा मेरा राजा बिना कुछ किये ही मेरा पानी निकाल देता है उफ जब मेरी चुत मे लंड डाल चुदाई करता है तो उफ मेरी चुत पानी छोरति रहती है एक बात दावे से केह सकती हु अभय बेटा किसी भी औरत को खुश कर सकता है उफ भाभी आपका बेटा मर्द है
अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - बुआ डाल दु
काजल अभय को देख नसिलि आखो से - डाल दे बेटा पुरा अंदर तक तेरा लंड फिल करना चाहती हु उफ देर मत कर
अभय काजल के एक टांग पुरा उपर उठा के काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ ऐसे ही इस टांग को उठा के रखो
काजल सर्म से अपनी टांगे उपर उठाये पकर के - हु अब ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा अब मजा आयेगा आपकी चुत मारने मे
अभय काजल की चुत पे लंड घिसता है और एक बार मे ही डाल देता है काजल दर्द मे आह मा मर गई
अभय बिना रुके अब काजल के चुचे दबाते हुवे धक्का मारना सुरु कर देता है ब्लाउस मे कसे दोनों उजले चुचे आधे झाक रहे थे काजल का शरीर अभय के हर धक्के से हिल रहा था और काजल अभय के हर धक्के से मजे मे आह उफ सिसकिया लेती मजे से चुदाई का मजा लेने लगती है लंड तेजी से चुत मे अंदर बाहर हो रहा था
काजल मोटा लम्बा अपने भतीजे का लंड अपनी चुत की गहराई मे आते जाते फिल कर सुकून वाली दुनिया मे चली गई थी काजल को यही फिल चुदाई चाहिये थी जब से काजल ने अभय का लंड लिया था तब से काजल की चुत सिर्फ अभय का लंड मांगती थी अभय भी काजल की चुत का दीवाना हो गया था
अभय काजल के ऊपर लेत तेज तेज शॉट मारने लगता है काजल दर्द मे रोने लग जाती है लेकिन ये दर्द काजल खुद चाहती थी काजल मुह बंद किये आखो मे आसु लिये मन मे - आह मा बहोत दर्द हो रहा है अभय बेटे का लंड अंदर चुत मे लग रहा है उफ लेकिन ये दर्द मुझे सुकून दे रहा है आह अभय बेटा चोद मे सेह लुगी मा उफ
अभय काजल को देख बुआ आह आने वाला है उफ मेरी जान आपकी चुत की गर्मी आह मुझे पागल कर देगी काजल अभय को कस के पकर कापते हुवे - मेरा भी आने वाला है आह बेटा
काजल अभय को बाहों मे लिये गांड उठा उठा के झरने लगती है अभय फिर उठ खरा होके देखता है काजल टांगे उठाये है और उसका पानी चुत से निकल रहा है काजल भी अपनी चुत मे अभय का गर्म पानी लेके मदहोस हो चुकी थी
अभय काजल के ऊपर लेत काजल की आखो मे देख - उफ बुआ आप को तो एक बार ही अच्छे से चोद पाया था लेकिन अब मोक्का ही नही मिलता लेकिन सादी के बाद मोक्का ही मोक्का मिलेगा तब मजे से सांति से आपकी चुत मारुंगा
काजल अभय को बाहों मे कस सर्म से - इतना ही मेरे लिये बहोत है मेरे भतीजे इतने मे तीन बार तु मेरी चुत से पानी निकाल देता है बता नही सकती जब तेरा लंड मेरी चुत मे जाता है तो कितना मजा सुकून मिलता है
अभय मुस्कुराते हुवे - आपकी टाइट गर्म चुत के अंदर मेरा लंड भी जाके खुश हो जाता है बुआ मेरी जान सच मे आपकी बॉडी और आपकी खूबसूरती कमाल की है
काजल सर्म से - सच
अभय काजल को किस करते हुवे - हा
काजल फिर खरी होके कापते पैरो से सारी आसु साफ कर बाल सही कर लेती है काजल अभय के लंड का पानी फिल अपनी जांघे से रिस्ता फिल कर मदहोस हो जाती है
काजल अभय के पास आके होठ पे किस कर - मेरे राजा अब मुझे जाना होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु लेकिन जल्दी ही आपकी गांड मारनी है मुझे आपके गांड बहोत बरे है मजा आयेगा
काजल सोक हैरान डरते हुवे अभय को देख - छी कोई गांड मारता है किया भूल जाओ मे जा रही हु
काजल जल्दी से बाहर आके आसा के पास बैठ जाती है लेकिन चुत जांघे अभय के पानी से गीली चिप चिपि हो गई थी लेकिन काजल खुद ये फिल करना चाहती थी इसी लिये चुत साफ नही करती थी
आसा काजल को देख - किया बाते करने गई थी आप
काजल खुद को संभाल के मुस्कुराते हुवे - भाभी आपको पता ही आपके लाडले से बात किये बगैर जा नही सकते है
मिनिता भी काजल का साथ देते हुवे आसा को देख - हा ननद जी ने सही कहा आप तो जानती है अभय बेटा कैसा है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा पता है अच्छा अब मे चली आराम करने आज थक गई हु
मिनिता - हा कियुंकी घूम कर जो आई थी
आसा खरी होके मुस्कुराते हुवे - हु सह कहा अच्छा बाकी बाते कल करेगे
काजल - जी भाभी
काजल मिनिता को देख - भाभी जाके अभय से बात कर लीजिये मे बाहर हवा खाने जाती हु
मिनिता काजल को देख - ठीक है
काजल बाहर आके खरी होके आस पास देखने लगती है फिर अपनी चुत को सारी के ऊपर से छुटे हुवे मन मे - उफ अभय बेटे के चुदाई के बाद आह बहोत सुकून अच्छा फिल होता है रात को मे चैन से सो पाती हु नही पिछले कई साल मेरी चुत ने मुझे बहोत परेसान किया
काजल आसमान मे तारे देखते हुवे - पर यहा बात जिस्म की प्यास बुझाने की नही है अभय बेटे कि बाते मस्टिया उसके साथ वक़्त बिताना उसका मेरे लिये इतना प्यार ये सब भी मुझे सुकून देता है मेने सोचा नही था एक लरका मुझे इतना प्यार करेगा इस आधे जी चुकी औरत से
मिनिता कमरे मे जाती है कई सवाल दिमाग मे चल रहे थे अभय मिनिता को देख मुस्कुरा देता है मिनिता सर्म से लाल अभय के पास आके बैठ जाती है
अभय मिनिता के जांघों पे हाथ रख सेहलाते हुवे - ऑन्टी
मिनिता अभय को देख सर्म से - अभय बेटा
दोनों अपना होठ एक दूसरे के पास लेके जाते है फिर दोनों किस मे खो जाते है किस करने के बाद
अभय मिनिता को देख - रोज की तरफ बहोत मिठा था
मिनिता सर्म से - तू भी ना अच्छा अब मुझे जाना होगा तेरी बुआ बाहर इंतज़ार कर रही है
अभय - जी
मिनिता जाने लगती हैं तभी अभय मिनिता को देख - ऑन्टी
मिनिता रुक पीछे मूर अभय को देख - हा अभय बेटा
अभय मिनिता को देख - नही कुछ नही आप जा सकती है
मिनिता अभय देखती है गौर से फिर सझते देर नही लगती अभय किया चाहता है लेकिन फिर भी मिनिता कमरे से बाहर आ जाती है
अभय मिनिता को जाते देखता रह जाता है
अभय बिस्तर पे लेत गहरी सास लेते हुवे मन मे - एक बार की बात हुई थी ऑन्टी मे मेरे लिये दिल से किया तो मुझे भी जायदा लालच नही करनी चाहिये
अभय आसा के कमरे मे आता है तो देखता है आसा सो रही है असल मे आसा थकी हुई थी नींद मे थी तो अभय अदिति के कमरे मे आता है और बिस्तर पे लेत अदिति को बाहों मे भर लेता है अदिति भी अपने भाई की बाहों मे अच्छा सुकून फिल कर रही थी
roll dice now
अदिति अभय से चिपकी सीने पे सर रख लेती हुई अपने भाई के बाहों मे सुकून पा रही थी अभय - गुरिया किया सोचा है कैपिंग मे कैसे मजे लेने है
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - भाई बहोत मजे करने है जंगल मे खूबसूरत नाजरे पहारो को झरने को खूबसूरत चिरिया को देखना है झरने मे नहाना है मे तो बहोत मजे करने वाली हु आपके साथ
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - ऐसा किया बहोत खूब मेरी गुरिया खुश रहे बस
अदिति अभय की आखो मे देख - भाई मेरे साथ है तो आपकी गुरिया खुश है मुझे और कुछ नही चाहिये
अभय अदिति के होठ छुटे हुवे प्यार से आखो मे देख - लेकिन मुझे तो चाहिये
अपने भाई को होठ पे उंगली फेरते देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे - किया
अभय अदिति के होठ को देख मुस्कुराते हुवे - किस और किया
अदिति सर्म से अभय की आखो मे देख - ले लीजिये ना भाई
अभय अदिति की को देखता है अदिति अभय के होठ के पास अपना होठ ले जाने लगती है अदिति की सासे तेज चल रही थी दिल मे हलचल मचा हुआ था अभय भी अपना होठ आगे के जाता है फिर दोनों भाई बहन के होठ मिल जाते है
अदिति अपने होठ पे अपने भाई के होठ फिल कर मदहोस हो जाती है सरीर मे सिहरन डोर जाती है एक छोटा किस करने के बाद अभय अदिति एक दूसरे को देखते है लेकिन अदिति सर्म से नजरे नीचे कर लेती है
अभय मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट गुरिया
अदिति अभय को देख - गुड नाइट भाई
अभय फिर कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करता है 12 मिनट बात करने के बाद अभय फोन रख आखे बंद कर लेता है 15 मिनट हुवे थे फोन बजता है
अभय आखे खोल नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के
अभय - भाभी आपको ही याद कर सोने जा रहा था
ममता - सर्म से देवर जी मुझे कियु याद कर सोने जा रहे थे अपनी बीवी को याद कर सोना चाहिये आप को
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी की बात अलग है बीवी की अलग
ममता हस्ते हुवे - वो कैसे
अभय मुस्कुराते हुवे - बीवी के साथ अलग मजा लेकिन भाभी के साथ अलग मजा आता है
ममता सर्म से - अच्छा जी आपको कैसे पता
अभय मुस्कुराते हुवे - भूल गई आप दिशा मेरी भाभी ही थी लेकिन अब बीवी बनने वाली है
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई देवर जी लेकिन यहा डाल नही गलेगी आपकी
अभय हस्ते हुवे - कोसिस करने मे किया जाता है किया पता गल जाये डाल
ममता - ऐसी बात है कोसिस करते रहिये कुछ हाथ नही लगेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - कोसिस करता रहुंगा फिर भी ये बताइये आज भाई मे प्यार किया या नही
ममता सर्म से - हु किया
अभय - मजा आया
ममता - छि गंदे देवर जी
अभय हस्ते हुवे - बताइये ना भाभी
ममता सर्म से धीरे से - हा
अभय - नाइटी उठा के टांगे फैला के सुरु हो जाते होगे है ना
ममता तेज सासे लेते हुवे मदहोसी मे - हा
अभय मन मे - किया भाई मेरे से एक साल बरे है फिर भी पुराने ज्वाने के प्यार करने मे लगे है
अभय - भाभी नाइटी मे है अभी
ममता अपने आप को देख सर्म से - हा कियु
अभय - कल अपने उपर का दिखाया कसम से बहोत बरे टाइट है बिकनी के कसे हुवे थे उफ भाभी कल तो रात नींद नही आई मुझे
ममता सर्म से लाल - देवर जी आप भी ना
लेकिन असल मे अभय को अपने चुचे की तारीफ सुन अच्छा लग रहा था
अभय - भाभी कल जैसे उपर का दिखाया आज नीचे का दिखा दो ना
अभय की बात सुन ममता की सासे और तेज हो जाती है दिल जोर से धक धक करने लगता है
ममता तेज सासे लेते हुवे -गुड नाइट
फोन कट
अभय फोन देखते हुवे मन मे - धत पता नही अब किया होगा
ममता कमरे मे जाती है मुकेश सोया था ममता एक चड्डी लेती है फिर पहन के एक फोटो लेती है
ममता मन मे - मुझे नही पता मे ये कियु कर रही हु ये गलत है लेकिन मे खुद को रोक नही पा रही
ममता फिर अभय को फोटो भेज के सो जाती है
अभय बिस्तर पे लेता था तभी मैसेज आता है अभय देखता है तो अभय का लंड झटके मारने लगता है अभय की बात से ममता की चुत गीली हो गई थी जब ममता मे चड्डी पहनी तो चड्डी भी चुत के पानी से पूरी गीली हो गई थी जो अभय को साफ दिख रहा था
अभय फोटो देखते हुवे उफ भाभी आपकी चुत तो रस बहा रही है उफ जायदा कुछ नही देख रहा लेकिन बहोत कुछ दिख गया उफ
अभय फिर सो जाता है
सुबह होती है अभय आसा अभय को जगाती है अभय नॉर्मल गुड मोर्निंग करता है अपनी मा अदिति को भी उसके बाद अपना सुबह का काम कर मिनिता के घर आता है
कोमल अभय को देख सर्माने खुद को रोक नही पाती दिल धक धक करने लगता है
कोमल अभय को देख मन मे -मुझे ये किया हो रहा है मे इस बंदर को देख शर्मा कियु रही हु मेरा दिल धक धक कियु करने लगा
अभय कोमल को देख - ओये बंदरिया कहा किस सोच मे डूबी हैं
कोमल होस मे आके अभय को देख - तुझे किया बंदर कही का
अभय कोमल के पास आता है कोमल की सासे तेज होने लगती है
अभय कोमल को देख - ये बता बुआ ऑन्टी कहा है
कोमल अभय को देख - विजय बुआ पीछे खास काट रहे है मा कमरे मे है
अभय मिनिता के कमरे मे जाते हुवे - अच्छा
कोमल हैरान अभय को जाते देख मन मे - किया मुझे लगा छी मे ये किया सोच रही हु ये कमीना बंदर मुझे पागल कर देगा
अभय मिनिता के कमरे मे जाता है मिनिता आईने के सामने खरी सारी सही करने मे लगी हुई थी लेकिन आईने मे अभय भी दिख जाता अभय को देख मिनिता को सब याद आने लगता है कैसे उसने अभय के लंड को मजे से चूस कर रस पिया तो मिनिता की सासे तेज दिल धक धक करने लगता है
मिनिता अभय को देख - अभय बेटा आ गये
अभय मिनिता के पास जाके बाहों मे लेके - हा आना ही था
अभय मिनिता को किस करने लगता है बिना देरी किये मिनिता भी तैयारी थी दोनों एक दूसरे का रस पीते है
अभय मिनिता को देख - आप बहोत खूबसूरत लग रही
मिनिता सर्म से - थैंक्स
अभय - अच्छा मे जाता हु बुआ मे मिलने
अभय जाने लगता है तो मिनिता अभय का हाथ पकर रोक लेती है अभय मिनिता को देखता है लेकिन मिनिता नजरे नीचे किये थी
अभय समझ जाता है फिर मुस्कुराते हुवे मिनिता के कान मे - चूसना है रस पीना है मेरे लंड का
मिनिता सर्म तेज सासे लेते हुवे धीरे से - हा
अभय मुस्कुराते हुवे अपना लंड बाहर निकाल देता है अभय का बरा लम्बा लंड मिनिता के सामने आ जाता है मिनिता घुटने पे बैठ अभय के लंड को पकर के देखते हुवे मन मे - कल रात अभय बेटा चाहता था मे फिर लंड मुह मे लू लेकिन मे नही चाहती थी दुबारा ऐसा हो लेकिन उसके बाद रात भर मुझे वही सीन आखो मे आते रहे मेरे मुह मे अभय के लंड का स्वाद आने लगा मे रात भर सो नही पाई
मिनिता के मुह मे पानी आ गया था अभय का लंड देख कर
मिनिता बिना देरी किये अभय का लंड मुह मे ले लेती है अभय मजे से आह करता है वही मिनिता को सुकून मिलता है मिनिता मजे से अभय का लंड मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगती है
मिनिता मन मे - उफ अब जाके सुकून मिला नही तो मे बेचैन सी थी
अभय के लंड का स्वाद लेने के बाद मिनिता उस स्वाद को भूल नही पाई बहोत रोका खुद को मिनिता ने लेकिन रोक नही पाई
3 मिनट बाद
अभय अपने लंड को पकर हिलाने लगता है मिनिता मुह खोल लेती है अभय मिनिता को देख तेज तेज हिलाते हुवे - ऑन्टी आह करते हुवे अपना सारा लंड का माल मिनिता के मुह मे गिरा देता है मिनिता को बहोत सर्म ढेर सारा माल मुह मे फिल करती है फिर मजे से सब गटक जाती है
मिनिता के गले से नीचे जब अभय का माल जाता है तो मिनिता जो मजा स्वाद सुकून मिलता है मिनिता फिल कर मदहोस हो जाती है यही मिनिता को चाहिये जिसके लिये बेचैन थी
अभय अपना लंड मिनिता होठ से सता के - ऑन्टी अच्छे से साफ कर दो ना
मिनिता अभय को मदहोस वाली नजरे से देख मुस्कुराते हुवे अभय का लंड मुह मे लेके अच्छे से चूस कर साफ कर देती है फिर अभय अपना लंड अंदर कर लेता है मिनिता खरी होती है अभय मिनिता को बाहों मे भर लेता है
अभय मिनिता की आखो मे देख - किया आगे भी ये मजा मेरी ऑन्टी देती रहेगी या ये लास्ट है
मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से नजरे नीचे कर - मिलेगा
अभय खुशी से मिनिता को गोद मे उठा के - सच्ची
मिनिता हैरान अभय को देख सर्म से - हु
अभय मिनिता को नीचे उतार आखो मे देख - मजा आता है ना आपको लंड चूस कर मेरे लंड का माल पीने मे
मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे - हा बहोत आता है
अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता को किस कर - मुझे भी बहोत आता है जब आप मेरा लंड मुह मे लेके मजे से चूस कर पीती है
मिनिता सर्म कुछ केह नही पाती
अभय - चले बाहर
मिनिता मुह साफ कर - हा
फिर अभय बाहर आता है काजल विजय सब आजाते है तो अभय बाते कर घर आ जाता है नहा के खाना खाता है फिर मधु से मिलने जाता है आज मधु के पापा हरीनाथ सिला भी थे तो अभय नोर्मलि बाते कर
अभय सब एक कमरे मे बैठे हुवे थे
अभय - पापा आप कियु काम पे जाते है मे हु ना सब देख लुगा
हरीनाथ मुस्कुराते हुवे - बेटा मुझे पता है लेकिन मे कुछ नही करुगा तो मे और कमजोर हो जाउंगा और मुझे घर पे रहा भी नही जायेगा काम किये बगैर
अभय सिला को देख - मा आप ही कुछ कहिये ना
सिला मुस्कुराते हुवे - बेटा मे किया कहु मेरी बात भी नही मानेंगे
मधु - भाई पापा को काम से बहोत लगाव है इस लिये जब काम पे नही जाते फिर भी खेत मे जाके कुछ ना कुछ करते रहते है
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मेरे पापा एक किसान है
हरीनाथ - बिल्कुल सही वैसे सादी की तैयारी कैसी चल रही है
अभय - सब अच्छे से चल रही है
अभय बहोत सारी बाते करता है उसी मे एक बज जाते है बाते करने के बाद अभय बाइक पे आके बैठ जाता है मधु भी अभय के पास आके सर्म से - भाई आज किस नही करोगे
अभय बाइक से उतर मधु के पास आके धीरे से - बाहर लोग है अंदर मा पापा है लेकिन कल अच्छे से आज का कोटा भी पुरा कर लुगा
अभय मधु के कान मे - कियुंकी मेरी गुरिया के होठ का रस पीके मजा आता है
मधु सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे धीरे से - हु
अभय फिर बाइक पे बैठ निकल परता है
साम 3 बजे
उदय के बंगलो पे आज फिर मेहफिल सजी हुई थी जगमोहन भारती फिर आये हुवे थे तीनों बैठ बाते करते हुवे सराब चखने का मजा ली रहे थे
उदय बाते करते हुवे भारती के हर अंग को हि देखे जा रहा था
वही भारती इस सब सब अंजान थी उसे नही पता था उसका पति उदय के प्लान मे वो फस्टे जा रही है
पर कमाल की बात ये थी भारती को भी अब सराब चखने के साथ अपने दामाद पति के साथ बैठ बाते करने मे मजा आने लगा था
ऐसा होना भी था एक औरत जो अब तक की लाइफ मे घर की जिमेदारी मे हि रही ना कोई पाटी ना कुछ लेकिन अब भारती आजाद फिल कर रही थी
पर उदय खुश था उदय कोई मोक्का नही छोरता था भारती की तारीफ करने का उदय का पहला प्लान था भारती से घुल मिल जाना ताकि भारती बिना कोई झिझक के उसके पास अकेले भी आ सके बाते कर सके फिल खोल कर और ये प्लान काम भी कर रहा था
उदय भारती को देख - सासु जी मान गया अब तो आप एक बार मे ही पुरा ग्लास बिना झिझक पी जाती है और आपको जायदा नसा भी नही होता आप मजबूत है
भारती सर्माते हुवे - आप भी ना दामाद जी ऐसे ही मेरी तारीफ करते रहते है
उदय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल नही मे सच बोलता हु कियु ससुर जी
जगमोहन - बिल्कुल
यहा उदय जगमोहन भारती का पार्टी चल रहा था वही
आरोही बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती हुई थी अमर आरोही के ऊपर तेज तेज धक्का मारते हुवे अपनी छोटी बेहन की जोरदार चुदाई किये जा रहा था आरोही बिस्तर पे आह उफ भाई मर करती रहती है
अमर चुदाई करते हुवे - उफ छोटी बेहना बजा आ रहा है की नही
आरोही - उफ आह भाई बहोत मजा आ रहा है भाई करते रहिये उफ
चुदाई के बाद
आरोही - उफ अब राहत मिली मेरी चुत को
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तु रण्डी है एक लंड से तेरा अब दिल नही भरेगा
आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - नही आपके साथ जो मजा आता है वो किसी के साथ नही आता भाई
मिनिता के घर
कोमल बर्तन साफ करते हुवे मन मे - सुबह बंदर ने किस नही किया तो अभी तक मे कियु उसके बारे मे सोचे जा रही हु कियु ये कमीने ने मुझे कैसी लत लगा दी है
वही घर के पीछे मिनिता गाय को चारा खिला के खटिये पे लेत मन मे - उफ अभय बेटे के लंड जब से चुसा है तब से मेरे मुह मे फिल बार बार होता है जैसे मे अभय बेटे के लंड मुह मे लिये चूस रही हु अभी भी अभय बेटे के लंड के माल का गर्म स्वाद मेरे मुह मे है उफ बेटा तूने कैसी लत लगा डी मुझे
काजल कमरे मे बैठी हुई मन मे - अभय बेटे से पहले मेरी चुत कि चुदाई इतनी दमदार तरीके से नही हुई मेरी चुत मुश्किल से एक बार पानी निकाल पाती थी लेकिन जब से अभय बेटे का लंड मेरी चुत मे जाने लगा है उफ बिना किये एक बार झर जाती हु फिर चुदाई के बाद पता नही कितने बार
अभी भी यकीन करना मेरे लिये मुश्किल होता है मेरे बेटे के उमर का लरका मेरा भतीजा अपनी मा की उमर की औरत यानी मेरी हालत खराब कर देता है पर ये सच है
तभी काजल को फिल होता है उसकी चुत गीली हो गई है काजल अपने चुत को सेहलाते हुवे - एक ये है सोचा नही गीली हो गई सबर कर रात को मिलेगा मोटा लम्बा लंड लेकिन एक बात और है पहले मुझे इतना सेक्स करने का दिल नही करता था 3 या चार दिन मे एक बार भी चुदाई मिल जाती थी चल जाता था लेकिन अब अभय बेटे के लंड लेने के बाद बार रोज दिल करता है अपनी चुत मे अभय बेटे का मोटा लंड लेने का उफ अभय बेटा तूने कैसी लत लगा दी
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 44
अभय अपनी मा को लेकर घर आता है आसा अपने बेटे के सरप्राइज से बहोत खुश हुई थी बेटे के साथ अकेले डिनर करना नहाना वक़्त बिताना अकेले मे वो भी एक खूबसूरत जगह पे
रात 9 बजे
आँगन मे अभय आसा के गोद मे बैठा हुआ था मिनिता काजल कोमल अदिति भी बैठे हुवे थे सब अभय आसा को देख रहे है कियुंकी सब को जानना था अभय अपनी मा को कहा ले गया और कैसे कितने मजे किये
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बता भी दे कहा ली गया था अपनी मा को
अभय मुस्कुराते हुवे - मा आप ही बता दो ना
आसा मुस्कुराते हुवे सभी को देखते हुवे सारी कहानी बताने लगती है अभय उसे कहा ले गया डिनर नहाना कितनी खूबसूरत जगह थी बस आसा अभय उसके बीच हुई कुछ बाते जो बताया नही जा सकता था नही बतानी
सभी आसा की बात सुन हैरान होते है और अभय को घूर के देखने लगते है खास कर मिनिता काजल
अभय मिनिता काजल को देख डर के नजरे दूसरी तरफ कर लेता है कियुंकी अभय को बता था मिनिता काजल कियु उसे घूर रहे है
काजल आसा को देख - भाभी आप किस्मत वाली है आपको खूबसूरत जगह लेके गया डिनर किया नहाया प्यारे वक़्त बिताये लेकिन मुझे तो सुके सुके ले गया ले आया था ( काजल अभय को घूर के देखती है
अभय और डर जाता है
मिनिता आसा को देख - ननद जी ने बिल्कुल सही कहा भाभी मुझे भी ले गया खूबसूरत जगह थी अच्छा लगा लेकिन मुझे भी सुके सुके ले गया ले ना कोई डिनर करवाया ना कुछ ( मिनिता bhi अभय को घूर के देखती है)
अभय काजल मिनिता को देख मन मे - धत तेरी की कहा फस गया दोनों गुस्से मे है
अभय काजल मिनिता से मुस्कुराते हुवे - प्यारी ऑन्टी बुआ मानता हु गलती हुई है लेकिन मेने प्लान किया है 1 महीने तक हम कम्पिंग करने जायेंगे जहा खूबसूरत पहार् झरने खूबसूरत नदी जंगल जहा सिर्फ सांति होगी सुकून होगा प्यारी चिरिया की आवाज होगी तो अब गुस्सा सांत कर लीजिये प्लेस
काजल मिनिता अभय को देख खुश होके - अगर ऐसा है तो ठीक है हम भूल जाते है तेरी इस गलती को
कोमल अभय को देख - मा ये बंदर अपनी बीवी के आने का इंतज़ार कर रहा है फिर जाने का प्लान किया है
मिनिता हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है सही है भला अपनी बीवी को छोर कैसे जा सकता है कियु दीदी
आसा हस्ते हुवे - हा तुमने सही कहा
अदिति हस्ते हुवे - अगर भाई भाभी बिना चले गये तो भाभी भाई की वाट लगा देगी
काजल हस्ते हुवे - अदिति तूने बात सही बोली है दिशा टांगे तोर देगी
आसा मुस्कुराते हुवे - एक पति का फर्ज़ है अपनी बीवी को खुश रहना मेरा लाल वही कर रहा है
मिनिता - वैसे मे भी कैंपिंग करने जाने के लिये बहोत बेताब हु बहोत मजा आयेगा पहली बार घर लोगो से सोर सराबे से दूर जायेंगे
काजल - मे भी बहोत मजा आयेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु मजा तो बहोत आयेगा ( अभय काजल को देख आख मार देता है काजल सर्म से लाल हो जाती है
कोमल अदिति से - चल अदिति कमरे मे हम बाते करते है
अदिति खरी होके - ठीक है दीदी
कोमल अदिति कमरे मे आके बिस्तर पे लेट बाते करने लगते है
अभय भी उठ - आप लोग बाते करो मे भी कमरे मे जा रहा हु
अभय भी कमरे मे आके लेत जाता है
मिनिता आसा को देख - दीदी मजा बहोत आया ना बेटे के साथ वक़्त बिता के
आसा - हा बहोत पहली बार इतनी खूबसूरत जगह पे गई थी वो भी मेरा लाल ले गया था तो मजा कैसे आ आता
काजल - भाभी बात तो सही है अभय बेटा सच मे आपसे बहोत प्यार करता है
आसा - हा बहोत प्यार करता है मेरा लाल
20 मिनट बाद काजल अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख काजल के पास जाके बाहों मे लेके आखो मे देख - मेरी जान
काजल सर्म से अभय को देख - मेरे राजा
अभय काजल काजल को किस करने लगता है समय नही था बातो मे वक़्त गवाने का काजल भी अभय को कस के बाहों मे लेके किस करना सुरु कर देती है
दोनों बुआ भतीजे एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूस कर पीने लगते है काजल मन मे - उफ इतना सुकून मेरी राजा के बाहों मे ही मुझे आता है मेरा दिल करता है ऐसे ही अभय के बहोत मे रहु और अभय बेटा मुझे प्यार करता रहे
2 मिनट बाद
अभय काजल को देख - बुआ टाइम नही है आपको बता है किया करना है
काजल अभय को देख सर्म से - हा अच्छे से पता है
काजल घुटने पे बैठ अभय के पैंट खोल अभय का लंड बाहर निकाल हाथ मे पकर लंड को देखते हुवे - उफ बेटा तेरा लंड जब भी देखती हु मेरी सासे तेज हो जाती है और चुत गीली हो जाती है
काजल बरे प्यार से लंड हिलाने लगती है
अभय काजल के सर पे हाथ रख मजे से आह भरते हुवे - बुआ ये वही लंड है जो आपकी चुत मे गया है और जाते रहेगा
काजल अभय को देख मदहोसी मे - और मे लेती रहूगी अपनी चुत मे अपने भतीजे का मोटा लम्बा गर्म लंड उफ
आयन मुस्कुराते हुवे - बुआ मुह मे लेके स्वाद भी लेलो
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर अपने भतीजे के लंड का स्वाद लिये बगैर मे कैसे रह सकती हु
काजल मुह खोल लंड अंदर लेके मजे से चाटने चूसने लगती है अभय काजल फिर मजे की दुनिया मे जाने लगते है एक जवान लरका एक औरत जो दो बच्चो की मा है यही दोनों को जोस दिला रहा था
काजल मन मे - उफ इस उमर मे आके उफ लंड का स्वाद ले रही हु चुदाई का भी वो भी अपने भीतिजे से उफ ये फीलिंग मुझे मदहोस कर रही है ( अभय मन मे काजल को मजे से लंड चुस्ता देख - उफ बुआ जैसी खूबसूरत औरत जो मेरी मा की उमर की है उफ हर बार मेरा जोस बढ़ा देती है उफ ये एहसास
अभय को मजा आ रहा था जोस मे था अभय काजल के सर के पीछे हाथ ले जाके काजल के सर पकर धक्का मारते हुवे अपना लंड काजल के मुह मे देने लगता है अभय काजल की मुह चुदाई करने लगता है अभय तेजी से काजल के मुह मे अंदर बाहर होने लगता है काजल की सासे फूलने लगती है 3 मिनट बाद काजल गिले होठ लिये अभय को देख सर्म से - ले लिया स्वाद पी लिया जी भर के रस
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ अपने पी लिया अपने इस भतीजे को भी पिला को अपनी चुत का रस
काजल बिस्तर पे लेत सारी पेटीकोट उपर कर अपनी चुत दोनों हाथो से फैला के अभय के सामने करते हुवे अभय को शर्म से देखते हुवे मदहोसी मे - भतीजे तेरी इस बुआ की चुत का रस तूने ही पिया है और आगे भी तू ही पियेगा आजा देख तेरी बुआ की चुत तेरे सामने है चूस कर जितना रस पीना है पीले
अभय को काजल की चुत अंदर के लाली और काजल की बाते पागल करने लगती है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - उफ बुआ आप कमाल है आपकी चुत का रस भी आह रहा नही जा रहा
काजल बेचैन मदहोसी मे अभय को देख - तो रुका कियु है उफ देर मत कर
अभय मुस्कुराते हुवे- हु
अभय काजल के टाँगों के बीच आके बैठ काजल के चुत को चूमता है काजल मचल के तेज सिसकिया लेती है अभय फिर जिब से काजल के ऊपर हिस्से को अच्छे से चाटने लगता है और हाथो से काजल के मोटे चिकने जांघों को सेहलानें लगता है काजल बिस्तर कस के पकर मदहोसी मे आह उफ सिसकिया लेने लगती है अभय चुत के आस पास चाट कर साफ करने के बाद पूरी चुत को मुह मे लेके चूसने लगता है काजल की सिसकिया और तेज हो जाती
काजल अपनी चुत अभय के मुह मे फिल करते हुवे चुत पे अभय का जिब चलते फिल कर बिस्तर पे मचलने लगती है आह उफ सिसकिया कमरे मे गुज रही थी लेकिन धीरे अभय ही सुन सकता था काजल जानती थी तेज आवाज नही करना है 3 मिनट बाद काजल बिस्तर पकरे गांड कमर उठा उठा के आह मा करते हुवे झर जाती है अभय सब रस पी जाता है काजल बिस्तर पे तेज तेज सासे लेने लगती है
काजल अभय को देख मन मे - उफ मेरा भतीजा मेरा राजा बिना कुछ किये ही मेरा पानी निकाल देता है उफ जब मेरी चुत मे लंड डाल चुदाई करता है तो उफ मेरी चुत पानी छोरति रहती है एक बात दावे से केह सकती हु अभय बेटा किसी भी औरत को खुश कर सकता है उफ भाभी आपका बेटा मर्द है
अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - बुआ डाल दु
काजल अभय को देख नसिलि आखो से - डाल दे बेटा पुरा अंदर तक तेरा लंड फिल करना चाहती हु उफ देर मत कर
अभय काजल के एक टांग पुरा उपर उठा के काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ ऐसे ही इस टांग को उठा के रखो
काजल सर्म से अपनी टांगे उपर उठाये पकर के - हु अब ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा अब मजा आयेगा आपकी चुत मारने मे
अभय काजल की चुत पे लंड घिसता है और एक बार मे ही डाल देता है काजल दर्द मे आह मा मर गई
अभय बिना रुके अब काजल के चुचे दबाते हुवे धक्का मारना सुरु कर देता है ब्लाउस मे कसे दोनों उजले चुचे आधे झाक रहे थे काजल का शरीर अभय के हर धक्के से हिल रहा था और काजल अभय के हर धक्के से मजे मे आह उफ सिसकिया लेती मजे से चुदाई का मजा लेने लगती है लंड तेजी से चुत मे अंदर बाहर हो रहा था
काजल मोटा लम्बा अपने भतीजे का लंड अपनी चुत की गहराई मे आते जाते फिल कर सुकून वाली दुनिया मे चली गई थी काजल को यही फिल चुदाई चाहिये थी जब से काजल ने अभय का लंड लिया था तब से काजल की चुत सिर्फ अभय का लंड मांगती थी अभय भी काजल की चुत का दीवाना हो गया था
अभय काजल के ऊपर लेत तेज तेज शॉट मारने लगता है काजल दर्द मे रोने लग जाती है लेकिन ये दर्द काजल खुद चाहती थी काजल मुह बंद किये आखो मे आसु लिये मन मे - आह मा बहोत दर्द हो रहा है अभय बेटे का लंड अंदर चुत मे लग रहा है उफ लेकिन ये दर्द मुझे सुकून दे रहा है आह अभय बेटा चोद मे सेह लुगी मा उफ
अभय काजल को देख बुआ आह आने वाला है उफ मेरी जान आपकी चुत की गर्मी आह मुझे पागल कर देगी काजल अभय को कस के पकर कापते हुवे - मेरा भी आने वाला है आह बेटा
काजल अभय को बाहों मे लिये गांड उठा उठा के झरने लगती है अभय फिर उठ खरा होके देखता है काजल टांगे उठाये है और उसका पानी चुत से निकल रहा है काजल भी अपनी चुत मे अभय का गर्म पानी लेके मदहोस हो चुकी थी
अभय काजल के ऊपर लेत काजल की आखो मे देख - उफ बुआ आप को तो एक बार ही अच्छे से चोद पाया था लेकिन अब मोक्का ही नही मिलता लेकिन सादी के बाद मोक्का ही मोक्का मिलेगा तब मजे से सांति से आपकी चुत मारुंगा
काजल अभय को बाहों मे कस सर्म से - इतना ही मेरे लिये बहोत है मेरे भतीजे इतने मे तीन बार तु मेरी चुत से पानी निकाल देता है बता नही सकती जब तेरा लंड मेरी चुत मे जाता है तो कितना मजा सुकून मिलता है
अभय मुस्कुराते हुवे - आपकी टाइट गर्म चुत के अंदर मेरा लंड भी जाके खुश हो जाता है बुआ मेरी जान सच मे आपकी बॉडी और आपकी खूबसूरती कमाल की है
काजल सर्म से - सच
अभय काजल को किस करते हुवे - हा
काजल फिर खरी होके कापते पैरो से सारी आसु साफ कर बाल सही कर लेती है काजल अभय के लंड का पानी फिल अपनी जांघे से रिस्ता फिल कर मदहोस हो जाती है
काजल अभय के पास आके होठ पे किस कर - मेरे राजा अब मुझे जाना होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु लेकिन जल्दी ही आपकी गांड मारनी है मुझे आपके गांड बहोत बरे है मजा आयेगा
काजल सोक हैरान डरते हुवे अभय को देख - छी कोई गांड मारता है किया भूल जाओ मे जा रही हु
काजल जल्दी से बाहर आके आसा के पास बैठ जाती है लेकिन चुत जांघे अभय के पानी से गीली चिप चिपि हो गई थी लेकिन काजल खुद ये फिल करना चाहती थी इसी लिये चुत साफ नही करती थी
आसा काजल को देख - किया बाते करने गई थी आप
काजल खुद को संभाल के मुस्कुराते हुवे - भाभी आपको पता ही आपके लाडले से बात किये बगैर जा नही सकते है
मिनिता भी काजल का साथ देते हुवे आसा को देख - हा ननद जी ने सही कहा आप तो जानती है अभय बेटा कैसा है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा पता है अच्छा अब मे चली आराम करने आज थक गई हु
मिनिता - हा कियुंकी घूम कर जो आई थी
आसा खरी होके मुस्कुराते हुवे - हु सह कहा अच्छा बाकी बाते कल करेगे
काजल - जी भाभी
काजल मिनिता को देख - भाभी जाके अभय से बात कर लीजिये मे बाहर हवा खाने जाती हु
मिनिता काजल को देख - ठीक है
काजल बाहर आके खरी होके आस पास देखने लगती है फिर अपनी चुत को सारी के ऊपर से छुटे हुवे मन मे - उफ अभय बेटे के चुदाई के बाद आह बहोत सुकून अच्छा फिल होता है रात को मे चैन से सो पाती हु नही पिछले कई साल मेरी चुत ने मुझे बहोत परेसान किया
काजल आसमान मे तारे देखते हुवे - पर यहा बात जिस्म की प्यास बुझाने की नही है अभय बेटे कि बाते मस्टिया उसके साथ वक़्त बिताना उसका मेरे लिये इतना प्यार ये सब भी मुझे सुकून देता है मेने सोचा नही था एक लरका मुझे इतना प्यार करेगा इस आधे जी चुकी औरत से
मिनिता कमरे मे जाती है कई सवाल दिमाग मे चल रहे थे अभय मिनिता को देख मुस्कुरा देता है मिनिता सर्म से लाल अभय के पास आके बैठ जाती है
अभय मिनिता के जांघों पे हाथ रख सेहलाते हुवे - ऑन्टी
मिनिता अभय को देख सर्म से - अभय बेटा
दोनों अपना होठ एक दूसरे के पास लेके जाते है फिर दोनों किस मे खो जाते है किस करने के बाद
अभय मिनिता को देख - रोज की तरफ बहोत मिठा था
मिनिता सर्म से - तू भी ना अच्छा अब मुझे जाना होगा तेरी बुआ बाहर इंतज़ार कर रही है
अभय - जी
मिनिता जाने लगती हैं तभी अभय मिनिता को देख - ऑन्टी
मिनिता रुक पीछे मूर अभय को देख - हा अभय बेटा
अभय मिनिता को देख - नही कुछ नही आप जा सकती है
मिनिता अभय देखती है गौर से फिर सझते देर नही लगती अभय किया चाहता है लेकिन फिर भी मिनिता कमरे से बाहर आ जाती है
अभय मिनिता को जाते देखता रह जाता है
अभय बिस्तर पे लेत गहरी सास लेते हुवे मन मे - एक बार की बात हुई थी ऑन्टी मे मेरे लिये दिल से किया तो मुझे भी जायदा लालच नही करनी चाहिये
अभय आसा के कमरे मे आता है तो देखता है आसा सो रही है असल मे आसा थकी हुई थी नींद मे थी तो अभय अदिति के कमरे मे आता है और बिस्तर पे लेत अदिति को बाहों मे भर लेता है अदिति भी अपने भाई की बाहों मे अच्छा सुकून फिल कर रही थी
roll dice now
अदिति अभय से चिपकी सीने पे सर रख लेती हुई अपने भाई के बाहों मे सुकून पा रही थी अभय - गुरिया किया सोचा है कैपिंग मे कैसे मजे लेने है
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - भाई बहोत मजे करने है जंगल मे खूबसूरत नाजरे पहारो को झरने को खूबसूरत चिरिया को देखना है झरने मे नहाना है मे तो बहोत मजे करने वाली हु आपके साथ
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - ऐसा किया बहोत खूब मेरी गुरिया खुश रहे बस
अदिति अभय की आखो मे देख - भाई मेरे साथ है तो आपकी गुरिया खुश है मुझे और कुछ नही चाहिये
अभय अदिति के होठ छुटे हुवे प्यार से आखो मे देख - लेकिन मुझे तो चाहिये
अपने भाई को होठ पे उंगली फेरते देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे - किया
अभय अदिति के होठ को देख मुस्कुराते हुवे - किस और किया
अदिति सर्म से अभय की आखो मे देख - ले लीजिये ना भाई
अभय अदिति की को देखता है अदिति अभय के होठ के पास अपना होठ ले जाने लगती है अदिति की सासे तेज चल रही थी दिल मे हलचल मचा हुआ था अभय भी अपना होठ आगे के जाता है फिर दोनों भाई बहन के होठ मिल जाते है
अदिति अपने होठ पे अपने भाई के होठ फिल कर मदहोस हो जाती है सरीर मे सिहरन डोर जाती है एक छोटा किस करने के बाद अभय अदिति एक दूसरे को देखते है लेकिन अदिति सर्म से नजरे नीचे कर लेती है
अभय मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट गुरिया
अदिति अभय को देख - गुड नाइट भाई
अभय फिर कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करता है 12 मिनट बात करने के बाद अभय फोन रख आखे बंद कर लेता है 15 मिनट हुवे थे फोन बजता है
अभय आखे खोल नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के
अभय - भाभी आपको ही याद कर सोने जा रहा था
ममता - सर्म से देवर जी मुझे कियु याद कर सोने जा रहे थे अपनी बीवी को याद कर सोना चाहिये आप को
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी की बात अलग है बीवी की अलग
ममता हस्ते हुवे - वो कैसे
अभय मुस्कुराते हुवे - बीवी के साथ अलग मजा लेकिन भाभी के साथ अलग मजा आता है
ममता सर्म से - अच्छा जी आपको कैसे पता
अभय मुस्कुराते हुवे - भूल गई आप दिशा मेरी भाभी ही थी लेकिन अब बीवी बनने वाली है
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई देवर जी लेकिन यहा डाल नही गलेगी आपकी
अभय हस्ते हुवे - कोसिस करने मे किया जाता है किया पता गल जाये डाल
ममता - ऐसी बात है कोसिस करते रहिये कुछ हाथ नही लगेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - कोसिस करता रहुंगा फिर भी ये बताइये आज भाई मे प्यार किया या नही
ममता सर्म से - हु किया
अभय - मजा आया
ममता - छि गंदे देवर जी
अभय हस्ते हुवे - बताइये ना भाभी
ममता सर्म से धीरे से - हा
अभय - नाइटी उठा के टांगे फैला के सुरु हो जाते होगे है ना
ममता तेज सासे लेते हुवे मदहोसी मे - हा
अभय मन मे - किया भाई मेरे से एक साल बरे है फिर भी पुराने ज्वाने के प्यार करने मे लगे है
अभय - भाभी नाइटी मे है अभी
ममता अपने आप को देख सर्म से - हा कियु
अभय - कल अपने उपर का दिखाया कसम से बहोत बरे टाइट है बिकनी के कसे हुवे थे उफ भाभी कल तो रात नींद नही आई मुझे
ममता सर्म से लाल - देवर जी आप भी ना
लेकिन असल मे अभय को अपने चुचे की तारीफ सुन अच्छा लग रहा था
अभय - भाभी कल जैसे उपर का दिखाया आज नीचे का दिखा दो ना
अभय की बात सुन ममता की सासे और तेज हो जाती है दिल जोर से धक धक करने लगता है
ममता तेज सासे लेते हुवे -गुड नाइट
फोन कट
अभय फोन देखते हुवे मन मे - धत पता नही अब किया होगा
ममता कमरे मे जाती है मुकेश सोया था ममता एक चड्डी लेती है फिर पहन के एक फोटो लेती है
ममता मन मे - मुझे नही पता मे ये कियु कर रही हु ये गलत है लेकिन मे खुद को रोक नही पा रही
ममता फिर अभय को फोटो भेज के सो जाती है
अभय बिस्तर पे लेता था तभी मैसेज आता है अभय देखता है तो अभय का लंड झटके मारने लगता है अभय की बात से ममता की चुत गीली हो गई थी जब ममता मे चड्डी पहनी तो चड्डी भी चुत के पानी से पूरी गीली हो गई थी जो अभय को साफ दिख रहा था
अभय फोटो देखते हुवे उफ भाभी आपकी चुत तो रस बहा रही है उफ जायदा कुछ नही देख रहा लेकिन बहोत कुछ दिख गया उफ
अभय फिर सो जाता है
सुबह होती है अभय आसा अभय को जगाती है अभय नॉर्मल गुड मोर्निंग करता है अपनी मा अदिति को भी उसके बाद अपना सुबह का काम कर मिनिता के घर आता है
कोमल अभय को देख सर्माने खुद को रोक नही पाती दिल धक धक करने लगता है
कोमल अभय को देख मन मे -मुझे ये किया हो रहा है मे इस बंदर को देख शर्मा कियु रही हु मेरा दिल धक धक कियु करने लगा
अभय कोमल को देख - ओये बंदरिया कहा किस सोच मे डूबी हैं
कोमल होस मे आके अभय को देख - तुझे किया बंदर कही का
अभय कोमल के पास आता है कोमल की सासे तेज होने लगती है
अभय कोमल को देख - ये बता बुआ ऑन्टी कहा है
कोमल अभय को देख - विजय बुआ पीछे खास काट रहे है मा कमरे मे है
अभय मिनिता के कमरे मे जाते हुवे - अच्छा
कोमल हैरान अभय को जाते देख मन मे - किया मुझे लगा छी मे ये किया सोच रही हु ये कमीना बंदर मुझे पागल कर देगा
अभय मिनिता के कमरे मे जाता है मिनिता आईने के सामने खरी सारी सही करने मे लगी हुई थी लेकिन आईने मे अभय भी दिख जाता अभय को देख मिनिता को सब याद आने लगता है कैसे उसने अभय के लंड को मजे से चूस कर रस पिया तो मिनिता की सासे तेज दिल धक धक करने लगता है
मिनिता अभय को देख - अभय बेटा आ गये
अभय मिनिता के पास जाके बाहों मे लेके - हा आना ही था
अभय मिनिता को किस करने लगता है बिना देरी किये मिनिता भी तैयारी थी दोनों एक दूसरे का रस पीते है
अभय मिनिता को देख - आप बहोत खूबसूरत लग रही
मिनिता सर्म से - थैंक्स
अभय - अच्छा मे जाता हु बुआ मे मिलने
अभय जाने लगता है तो मिनिता अभय का हाथ पकर रोक लेती है अभय मिनिता को देखता है लेकिन मिनिता नजरे नीचे किये थी
अभय समझ जाता है फिर मुस्कुराते हुवे मिनिता के कान मे - चूसना है रस पीना है मेरे लंड का
मिनिता सर्म तेज सासे लेते हुवे धीरे से - हा
अभय मुस्कुराते हुवे अपना लंड बाहर निकाल देता है अभय का बरा लम्बा लंड मिनिता के सामने आ जाता है मिनिता घुटने पे बैठ अभय के लंड को पकर के देखते हुवे मन मे - कल रात अभय बेटा चाहता था मे फिर लंड मुह मे लू लेकिन मे नही चाहती थी दुबारा ऐसा हो लेकिन उसके बाद रात भर मुझे वही सीन आखो मे आते रहे मेरे मुह मे अभय के लंड का स्वाद आने लगा मे रात भर सो नही पाई
मिनिता के मुह मे पानी आ गया था अभय का लंड देख कर
मिनिता बिना देरी किये अभय का लंड मुह मे ले लेती है अभय मजे से आह करता है वही मिनिता को सुकून मिलता है मिनिता मजे से अभय का लंड मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगती है
मिनिता मन मे - उफ अब जाके सुकून मिला नही तो मे बेचैन सी थी
अभय के लंड का स्वाद लेने के बाद मिनिता उस स्वाद को भूल नही पाई बहोत रोका खुद को मिनिता ने लेकिन रोक नही पाई
3 मिनट बाद
अभय अपने लंड को पकर हिलाने लगता है मिनिता मुह खोल लेती है अभय मिनिता को देख तेज तेज हिलाते हुवे - ऑन्टी आह करते हुवे अपना सारा लंड का माल मिनिता के मुह मे गिरा देता है मिनिता को बहोत सर्म ढेर सारा माल मुह मे फिल करती है फिर मजे से सब गटक जाती है
मिनिता के गले से नीचे जब अभय का माल जाता है तो मिनिता जो मजा स्वाद सुकून मिलता है मिनिता फिल कर मदहोस हो जाती है यही मिनिता को चाहिये जिसके लिये बेचैन थी
अभय अपना लंड मिनिता होठ से सता के - ऑन्टी अच्छे से साफ कर दो ना
मिनिता अभय को मदहोस वाली नजरे से देख मुस्कुराते हुवे अभय का लंड मुह मे लेके अच्छे से चूस कर साफ कर देती है फिर अभय अपना लंड अंदर कर लेता है मिनिता खरी होती है अभय मिनिता को बाहों मे भर लेता है
अभय मिनिता की आखो मे देख - किया आगे भी ये मजा मेरी ऑन्टी देती रहेगी या ये लास्ट है
मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से नजरे नीचे कर - मिलेगा
अभय खुशी से मिनिता को गोद मे उठा के - सच्ची
मिनिता हैरान अभय को देख सर्म से - हु
अभय मिनिता को नीचे उतार आखो मे देख - मजा आता है ना आपको लंड चूस कर मेरे लंड का माल पीने मे
मिनिता अभय की आखो मे देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे - हा बहोत आता है
अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता को किस कर - मुझे भी बहोत आता है जब आप मेरा लंड मुह मे लेके मजे से चूस कर पीती है
मिनिता सर्म कुछ केह नही पाती
अभय - चले बाहर
मिनिता मुह साफ कर - हा
फिर अभय बाहर आता है काजल विजय सब आजाते है तो अभय बाते कर घर आ जाता है नहा के खाना खाता है फिर मधु से मिलने जाता है आज मधु के पापा हरीनाथ सिला भी थे तो अभय नोर्मलि बाते कर
अभय सब एक कमरे मे बैठे हुवे थे
अभय - पापा आप कियु काम पे जाते है मे हु ना सब देख लुगा
हरीनाथ मुस्कुराते हुवे - बेटा मुझे पता है लेकिन मे कुछ नही करुगा तो मे और कमजोर हो जाउंगा और मुझे घर पे रहा भी नही जायेगा काम किये बगैर
अभय सिला को देख - मा आप ही कुछ कहिये ना
सिला मुस्कुराते हुवे - बेटा मे किया कहु मेरी बात भी नही मानेंगे
मधु - भाई पापा को काम से बहोत लगाव है इस लिये जब काम पे नही जाते फिर भी खेत मे जाके कुछ ना कुछ करते रहते है
अभय मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मेरे पापा एक किसान है
हरीनाथ - बिल्कुल सही वैसे सादी की तैयारी कैसी चल रही है
अभय - सब अच्छे से चल रही है
अभय बहोत सारी बाते करता है उसी मे एक बज जाते है बाते करने के बाद अभय बाइक पे आके बैठ जाता है मधु भी अभय के पास आके सर्म से - भाई आज किस नही करोगे
अभय बाइक से उतर मधु के पास आके धीरे से - बाहर लोग है अंदर मा पापा है लेकिन कल अच्छे से आज का कोटा भी पुरा कर लुगा
अभय मधु के कान मे - कियुंकी मेरी गुरिया के होठ का रस पीके मजा आता है
मधु सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे धीरे से - हु
अभय फिर बाइक पे बैठ निकल परता है
साम 3 बजे
उदय के बंगलो पे आज फिर मेहफिल सजी हुई थी जगमोहन भारती फिर आये हुवे थे तीनों बैठ बाते करते हुवे सराब चखने का मजा ली रहे थे
उदय बाते करते हुवे भारती के हर अंग को हि देखे जा रहा था
वही भारती इस सब सब अंजान थी उसे नही पता था उसका पति उदय के प्लान मे वो फस्टे जा रही है
पर कमाल की बात ये थी भारती को भी अब सराब चखने के साथ अपने दामाद पति के साथ बैठ बाते करने मे मजा आने लगा था
ऐसा होना भी था एक औरत जो अब तक की लाइफ मे घर की जिमेदारी मे हि रही ना कोई पाटी ना कुछ लेकिन अब भारती आजाद फिल कर रही थी
पर उदय खुश था उदय कोई मोक्का नही छोरता था भारती की तारीफ करने का उदय का पहला प्लान था भारती से घुल मिल जाना ताकि भारती बिना कोई झिझक के उसके पास अकेले भी आ सके बाते कर सके फिल खोल कर और ये प्लान काम भी कर रहा था
उदय भारती को देख - सासु जी मान गया अब तो आप एक बार मे ही पुरा ग्लास बिना झिझक पी जाती है और आपको जायदा नसा भी नही होता आप मजबूत है
भारती सर्माते हुवे - आप भी ना दामाद जी ऐसे ही मेरी तारीफ करते रहते है
उदय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल नही मे सच बोलता हु कियु ससुर जी
जगमोहन - बिल्कुल
यहा उदय जगमोहन भारती का पार्टी चल रहा था वही
आरोही बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती हुई थी अमर आरोही के ऊपर तेज तेज धक्का मारते हुवे अपनी छोटी बेहन की जोरदार चुदाई किये जा रहा था आरोही बिस्तर पे आह उफ भाई मर करती रहती है
अमर चुदाई करते हुवे - उफ छोटी बेहना बजा आ रहा है की नही
आरोही - उफ आह भाई बहोत मजा आ रहा है भाई करते रहिये उफ
चुदाई के बाद
आरोही - उफ अब राहत मिली मेरी चुत को
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तु रण्डी है एक लंड से तेरा अब दिल नही भरेगा
आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - नही आपके साथ जो मजा आता है वो किसी के साथ नही आता भाई
मिनिता के घर
कोमल बर्तन साफ करते हुवे मन मे - सुबह बंदर ने किस नही किया तो अभी तक मे कियु उसके बारे मे सोचे जा रही हु कियु ये कमीने ने मुझे कैसी लत लगा दी है
वही घर के पीछे मिनिता गाय को चारा खिला के खटिये पे लेत मन मे - उफ अभय बेटे के लंड जब से चुसा है तब से मेरे मुह मे फिल बार बार होता है जैसे मे अभय बेटे के लंड मुह मे लिये चूस रही हु अभी भी अभय बेटे के लंड के माल का गर्म स्वाद मेरे मुह मे है उफ बेटा तूने कैसी लत लगा डी मुझे
काजल कमरे मे बैठी हुई मन मे - अभय बेटे से पहले मेरी चुत कि चुदाई इतनी दमदार तरीके से नही हुई मेरी चुत मुश्किल से एक बार पानी निकाल पाती थी लेकिन जब से अभय बेटे का लंड मेरी चुत मे जाने लगा है उफ बिना किये एक बार झर जाती हु फिर चुदाई के बाद पता नही कितने बार
अभी भी यकीन करना मेरे लिये मुश्किल होता है मेरे बेटे के उमर का लरका मेरा भतीजा अपनी मा की उमर की औरत यानी मेरी हालत खराब कर देता है पर ये सच है
तभी काजल को फिल होता है उसकी चुत गीली हो गई है काजल अपने चुत को सेहलाते हुवे - एक ये है सोचा नही गीली हो गई सबर कर रात को मिलेगा मोटा लम्बा लंड लेकिन एक बात और है पहले मुझे इतना सेक्स करने का दिल नही करता था 3 या चार दिन मे एक बार भी चुदाई मिल जाती थी चल जाता था लेकिन अब अभय बेटे के लंड लेने के बाद बार रोज दिल करता है अपनी चुत मे अभय बेटे का मोटा लंड लेने का उफ अभय बेटा तूने कैसी लत लगा दी
आज के लिये इतना ही![]()