• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

sunoanuj

Well-Known Member
4,067
10,551
159
chapter 45

रात 9 बजे आसा मिनिता काजल बाते कर रहे थे अभय भी आसा के गोद मे सर रख लेता बाते कर रहा था कोमल अदिति कमरे मे बाते कर रहे थे

अभय काजल को देख - बुआ मेरी शादी होने के बाद कितने दिन रुकने वाली है

काजल अभय को देख - बेटा जब तु बहु को लेके आयेगा उसके अगले दिन मे चली जाउंगी कियुंकी मे कई दिन से यही हु

आसा - हु बात तो सही कही आपने लेकिन आप के साथ हमारा एक अपना रिस्ता बन गया है जब आप चली जायेगी तो आपके बगैर मजा नही आयेगा

मिनिता - दीदी आपने सही कहा रोज हम इस टाइम एक साथ बाते करते ये पल बहोत अच्छा होता है लेकिन ननद जी के जाने के बाद उनकी कमी बहोत मेहसूस होगी

काजल सभी को देख - सच कहु तो मुझे भी यहा रहना अच्छा लगता है ( अभय को देख) यहा मेरा दिल लग गया है लेकिन मेरा घर यहा नही है मुझे अपनी जिमेदारी संभलानी ही होगी ना

आसा - मे समझ सकती हु लेकिन टाइम निकाल के आते रहियेगा
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर आयुगी और जब आना होगा अभय बेटा को ही बोलुगी लेके आये

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - जरूर बुआ बस आप एक फोन करना मे आ जाउंगा

काजल अभय को देख प्यार से - हु

अभय उठ कर कमरे मे जाते हुवे - चलो भाई अब आप खूबसूरत लेडी अपनी बाते करो मे चला

अभय जाने लगता आसा मिनिता काजल हसने लगते है फिर तीनों औरते बाते करने मे लग जाते है


अदिति कोमल बिस्तर पे लेते बाते कर रहे थे

कोमल - यार अदिति तेरा भाई आते ही अपनी भाभी के साथ गुलुगुलु कर लिया अब शादी भी हो रही है बस मे तुम सिंगल है

अदिति कोमल को देख सर्म से - किया दीदी आप फिर सुरु हो गई कियु आपको शादी करने की जल्दी है किया
कोमल अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - देख मेरी जान बात जल्दी शादी करने की नही एक दिन तो शादी कर हमे अपनी मा भाई सब को छोर जाना ही होगा ना
कोमल की बात सुन अदिति के सीने मे दर्द होता अपने भाई मा को छोर जाने का सुन

अदिति छत को देखते हुवे - अगर ऐसा है तो मे शादी नही करुगी जरूरी नही लरकी को शादी ही करना परे हर लरकी अपनी मर्ज़ी से जी सकती है मे अपनी मा भाई को छोर नही जाउंगी

कोमल हैरानी से अदिति को देख - तेरी बात सही है लेकिन
अदिति कोमल कोई देख - लेकिन किया यही ना हर किसी को अपने लाइफ मे कोई साथी चाहिये होता है मुझे नही चाहिये मुझे सिर्फ भाई का प्यार चाहिये मा सब का प्यार उसके आगे मुझे कुछ नही चाहिये कई बार आप वही बात लेके बैठ जाती है आप कर लो शादी

कोमल अदिति को देख मन मे - अदिति अपने भाई से जान से जायदा प्यार करती है और अभय भी अदिति को बहोत प्यार करता दोनों एक दूसरे की जान है ऑन्टी अभय अदिति तीनों मे जितना प्यार है सच कहूं उतना प्यार तो मेरे मेरे भाई मा के बीच भी नही है


तभी अदिति एकदम से - नही

कोमल हैरानी से - किया हुआ

अदिति कोमल को देख - पीरियड सुरु हो गया
कोमल हैरानी से - किया
अदिति - हु
कोमल - पैड है ना
अदिति - वो मे भूल गई थी आज मेरा पीरियड आने वाला है तो मे नही लाई
कोमल - धत तेरी अब किया कपरा यूज करोगी
अदिति थोरा सर्म से - दीदी अब मे किया ही कर सकती हु
कोमल - अदिति कपड़े यूज करने से इंफेक्सन का खतरा होता है तभी कोमल एक मिनट मे आई

अदिति - कहा जा रही है
कोमल - रुको आती हु

कोमल अभय के पास जाती अभय कोमल को देख - अरे बंदरिया तुम
कोमल अभय को देख - मजाक नही वो एक बात केहनी थी
अभय - हा बोलो
कोमल - वो पैड ला सकते हो जाके अभी जल्दी से
अभय जल्दी से बिस्तर से उठ कर - हा लेकिन तुम्हे चाहिये
कोमल - नही अदिति को
अभय हैरान होता है लेकिन टाइम ना गवाते - ठीक है मे जाता हु
अभय चाभी लेके जल्दी से बाहर निकल जाने लगता है आसा मिनिता काजल अभय को जल्दी मे जाते देख - कहा जा रहे हो इस टाइम

अभय पीछे मूर - अभी आता हु
अभय चला जाता है कोमल बाहर आती है तो आसा - बेटा अभय कहा गया है
कोमल सभी को देख - वो ऑन्टी अदिति का पीरियड चालू हो गया है
आसा मिनिता काजल हैरान - किया
आसा कोमल को देख - तो लाला पैड लाने गया है
कोमल - हु
मिनिता - तुमने बताया उसे
कोमल नजरे नीचे कर - हा
काजल - अरे पागल सोचना तो चाहिये था ये औरतो वाली

तभी आसा - कोई बात नही अच्छा किया
काजल मिनिता कोमल हैरान आसा को देखते है

आसा सभी को देख - ये एक नॉर्मल बात है और लाला अपनी गुरिया से बहोत प्यार करता है उसके लिये सब कुछ कर सकता है अदिति लाला का रिस्ता इस सब से उपर है

काजल मिनिता - हा हम भूल ही गये थे

कोमल कमरे मे आती है अदिति बैठी थी

अदिति कोमल को देख - आप कहा गई थी
कोमल अदिति को सब बता देती है जिसे सुन अदिति हैरान शोक हो जाती है

अदिति कोमल को देख सर्म से - अच्छा
कोमल हैरान - किया तुम गुस्सा नही हो
अदिति कोमल को देख - नही मेरा भाई ही तो है कोई गैर नही
कोमल - अदिति सच मे तुम दोनों के बीच का प्यार अब मुझे जलन होने लगी है
अदिति मुस्कुरा देती है सर्म तो अदिति को बहोत आ रही थी पर किया ही कर सकती थी

अभय तेजी से बाइक लेके मार्केट आता है पैड केला सेब अनार संतरे काजू किस्मिस् सब लेता है अदिति के लिये फिर तेजी से घर निकल परता है

ये पहली बार था जब अभय को पता चला अदिति के पीरियड के बारे मे कियुंकी अभय 14 साल का था तब उसे किडनैप कर लिया गया जब आया 19 का हो चुका था और अभय को घर आये ये महीने होने वाले है

पर बात ये है अभय को पता कैसे चला पीरियड मे किया खाना अच्छा है तो जवाब है अभय ने नेट मे सर्च किया अभय अदिति को दर्द मे देख नही सकता था इस लिये

अभय घर आता है हाथ मे थैला लिये जिसमे पैड फल सब था अभय अंदर आता है आसा काजल मिनिता अभय के हाथ मे थैली मे पैड फल सब हैरान हैरान होके अभय को देखते है

आसा - बेटा तु तो पैड लाने गया था फल काजू सब लेके भी कियु आया है

अभय आसा को देख - आप गुरिया को पीरियड आया तो फल काजू किस्मिन पीरियड मे खाने चाहिये ताकि कमजोरी ना हो और मेरी गुरिया अच्छी रहे इस लिये आया हु

अभय फिर अदिति के कमरे मे जाने लगता है लेकिन आसा मिनिता काजल हैरान अभी को देखते रहते है

मिनिता - ये मे किया देख रही हु
काजल - हा भाभी ये लरका तो अपनी बहन के लिये पागल है
आसा ये देख हैरान थी ऐसा कुछ आसा के लिये भी पहली बार था लेकिन अभय को अपनी बहन के लिये इतना प्यार चिंता करते देख खुश थी

अभय अंदर जाता है अदिति को देख सर्म से लाल नजरे नीचे कर लेती है अभय अदिति के पास जाके बैठ अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे अपना थैला देते हुवे - गुरिया इसमें पैड फल काजू किस्मिस् है यही खाना और मे जाके तेरे लिये हल्दी वाला दूध लेके आता हु

अदिति सर्म से - जी भाई

अभय मुस्कुराते हुवे - हु

अभय कमरे से बाहर आता है कोमल सब हैरान मुह फ़ारे बैठी रह जाती है

अदिति कोमल को देख - दीदी आप

कोमल - हा हा ठीक है

कोमल दूसरी तरफ मुह कर लेती है आदिति नीचे से नंगी होके पैड निकाल पेहन लेती है फिर कपड़े भी उसके बाद बिस्तर पे बैठ - हा हो गया
कोमल अदिति को देख - अदिति मुझे लगा मेने तेरे तेरे भाई के बीच प्यार को समझ लिया है लेकिन नही तुम दोनों भाई बहन के बीच प्यार को कोई समझ नही सकता

अदिति मुस्कुरा देती है

अभय बाहर आता है खुद लरकी लेके खुल्हा जलाने लगता है ये देख आसा मिनिता काजल फिर हैरान हो जाते है

आसा हैरानी से - बेटा चूल्हे को कियु जला रहे हो
अभय आसा को देख - मा गुरिया के लिये हल्दी वाला दूध बनाना है

अभय कि बात सुन फिर तीनों हैरान हो जाते है आज आसा मिनिता काजल कोई भी अंदाज़ा हो गया की कोई भी इन दोनों भाई बहन के प्यार को समझ नाप नही सकता

अभय हल्दी वाला दूध बना के ग्लास मे लेके अदिति के पास आते बैठ अदिति को ग्लास देते हुवे - गुरिया गर्म है फुक कर पीना ठीक है
अदिति अपने भाई का इतना खुद के लिये कैर देख इमोसनल होने लगती

अदिति अभय को देख प्यार से - हु
अभय फिर एक दिस आके उसमे अनार संतरे केले को छील कर दिस मे रख अदिति को देते हुवे - ये ले गुरिया अच्छे से सब खा जाना और हा फालतू का कुछ नही खाना समझ गई
अदिति अभय को देख हस्ते हुवे - समझ गई भाई
अभय अदिति के गाल पे किस कर - मेरी गुरिया अब मे जाता हु
अभय बाहर आ जाता है कोमल तो सब देख हैरान मन मे - इतना प्यार तो एक पति बीवी को भी नही करेगा मे जानती थी अभय बहोत अच्छा लरका है लेकिन अब समझती हु मे अभय को जानती ही नही मे एक बात यकीन से केह सकती हु अभय जिसे प्यार करता है फिकर करता है वो किस्मत वाले होगे

अभय बाहर आता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हो गया सब तेरा
अभय आसा को देख - हा हो गया मा लेकिन मेरी गुरिया को 7 दिन दर्द होगा ना
मिनिता अभय को देख - तु किया चीज है रे इतना प्यार बेटा ये नॉर्मल है अच्छा भी दर्द तो होता ही है
काजल - हा लेकिन तेरी गुरिया तेरे प्यार की वजह से ठीक ठीक रहेगी थोरा भी दर्द नही होगा

अभय - हु

अभय फिर कमरे मे आ जाता है

काजल आसा को देख - भाभी मेरे पीरियड मे तो मेरा पति भी दूर रहता था ख्याल रखना फिकर करना दूर की बात है
मिनिता - सेम मेरा भी
आसा - सेम मेरा भी

आसा मन मे - मेरा पीरियड तो आज भी आता है कियुंकी मेरा ओप्रेसन नही हुआ है

अदिति मजे से बैठ दूध फल फुल खा रही थी कोमल बेचारी अदिति को देख रही थी

कोमल - वाह किस्मत तो तेरी है नॉर्मल प्रॉब्लम है फिर भी तेरा भाई तेरे लिये कितना बेचैन हो गया

अदिति कोमल को देख - एक बात बताऊ ये कुछ भी नही मे यकीन से कहती हु किसी ने गलती से भी मेरे साथ कुछ करने की कोसिस कि तो भाई उसे जान से मार देता लेकिन मे नही चाहती ऐसा कुछ हो

कोमल - हु अब तो मुझे भी लगता है

मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय भी मिनिता के पास आके बाहों मे लेके किस करने लगता है दोनों मे किस होने के बाद

अभय मिनिता को देख -ऑन्टी सुरु करो ना
मिनिता अभय को देख सर्म से - हु

समय बाते कर गवाना नही था मिनिता अभय के पैट नीचे कर लंड बाहर निकाल देखती है तो मिनिता के मुह मे पानी आने लगता है मिनिता लंड को अच्छे से जिब से चाटने लगती है अभय मजे से लंड चुस्वाने के मजे मे खोने लगता है
अभय मिनिता को देख - उफ ऑन्टी बहोत अच्छा कर रही है आह अच्छे से जिब से चाट मुह मे लेके चूसिये आह उफ ये सुकून है
मिनिता मुह मे लंड लेके चूस मन मे - उफ अभय बेटे के गर्म लंड मुह मे लेने के बाद चूस कर रस पीने मे जितना सुकून मजा आता है उफ मे कभी इस एहसास सुकून से बाहर आना नही चाहती दिल करता है मुह मे लिये रस पीती रही लेकिन मुह दर्द करने लगता है

3 मिनट बाद अभय लंड हिला के अपना माल मिनिता को पिला देता है मिनिता मजे से सब पी जाती है उसके बाद अभय का लंड मुह मे लेके अच्छे से चूस कर साफ कर देती है अभय भी मस्त हो चुका था

अभय मिनिता को उठाता है और चेहरे को पकर आखो मे देख - अभी भी यकीन नही होता एक खूबसूरत औरत मेरे लंड को मजे से चाटती है मुह मे लेके चुस्ती है मेरे लंड का माल मजे से जूस समझ पी जाती है उफ ऑन्टी आपको लंड चुस्टे माल पिता देख मेरा जोस हाई हो जाता है
अभय की बाते मिनिता की सासे तेज कर देती है मिनिता मद्होस होने लगती है मिनिता अभय को देख सर्म से - यकीन मुझे भी नही होता मे एक लरके के लंड को मुह मे लेके मजे से चूस कर उसका माल पीती हु लेकिन ये सच है और मुझे मजा आता है

मिनिता सर्म से लाल नजरे नीचे कर लेती है
अभय मिनिता के पीछे दोनों गांड पे हाथ रख अपना लंड मिनिता के चुत से सता के खरा हो जाता है मिनिता अपने गांड पे अभय का हाथ और अपनी चुत पे अभय का लंड फिल कर काप् जाती है सासे उपर नीचे होने लगती है दिल जोर से धक धक करने लगता है

अभय मिनिता की आखो मे देख -एक बात सच कहु नीचे बहोत गर्म फिल हो रहा है मुझे
अभय की बात सुन मिनिता के शरीर मे सिहरन डोर जाती है मिनिता कापते हुवे - कहा कैसी गर्मी
अभय मिनिता के कान मे धीरे से - आपकी चुत की गर्मी ऑन्टी बहोत गर्म है आपकी चुत
खुले गंदे शब्द पहली बार अभय ने मिनिता से कहा और मिनिता ने सुना जिसकी वजह से मिनिता के पैर कापने लगते है सासे फूलने लगती है सीना तेजी से उपर नीचे होने लगता है
अभय मुस्कुराते हुवे - सच बताना आपकी चुत गीली है ना
मिनिता नजरे नीचे किये कापते हुवे तेज सासे लेते हुवे - बेटा ऐसी बाते मत कर प्लेस
अभय मिनिता के गांड को सेहलाते हुवे - इसका जवाब दे दो बस
मिनिता मुठी कस कापते होठो से सर्म से लाल चेहरे के साथ धीरे से - हा
मिनिता की बात सुन अभय का लंड झटका मारने लगता है जो मिनिता अपनी चुत मे फिल करते हुवे मचल जाती है

मिनिता अभय से दूर होते हुवे - देर हो रही है मे जाती हु

मिनिता कमरे से जाने लगती है अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता को जाते देखता है फिर बिस्तर पे लेत दिशा को फोन लगा देता है

अभय - मेरी सोना कैसी है
दिशा - आपकी सोना आपको भी बहोत मिस करती है
अभय - ओ मेरा बाबू मे भी बहोत मिस करता हु लेकिन अब अब कूछ दिन और उसके बाद तुम मेरी बाहों मे होगी फिर रोज बहोत प्यार करुगा
दिशा सर्म से - हु
अभय - मेरी हॉट सासु मा कैसी है
दिशा हस्ते हुवे - आपकी हॉट सासु मा अच्छी है आराम कर रही है
अभय हस्ते हुवे - और मेरी लालची चालाक साली जी
दिशा हस्ते हुवे - वो तो मस्त है फोन कपड़े पैसे किसी की कमी नही है उसको तो किया ही टेंसन है
अभय मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है वैसे जान चुत मे बाल है या साफ कर लिये
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - कितने बेसर्म है मे नही बताने वाली
अभय - अरे मे तुम्हारा पति हु इतना भी मत सर्माओ बता भी दो
दिशा सर्म से धीरे से - वो है लेकिन कल साफ कर लुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - एक फोटो भेजो ना जब तुम्हारी चुदाई की थी तब बाल छोटे थे लेकिन अब तुम्हारी बालों वाली चुत देखनी है
दिशा की सासे तेज हो जाती है सर्म से लाल दिशा - प्लेस ना सर्म आती है
अभय - यार सब तो मेरा है मेने देखा भी है प्लेस भेजो ना
दिशा सर्म से - ठीक है
अभय- ये हुई ना बात जल्दी भेजो

दिशा सर्म से मन मे - उफ मेरे पति जी भी ना कैसी कैसी बाते करते रहते है और मुझे करने को कहते है लेकिन वो मेरे जान है मेरा सब कुछ है

दिशा दोनों पैर सीधा किये लेती हुई थी दिशा बस अपनी नाइटी उपर करती है फिर केमरा चुत के ऊपर लेजा के एक फोटो लेती है फिर फोटो को देखती और सर्म लाल अभय को फोटो भेज देती है

दिशा मन मे - पता नही किया सोचेंगे बालों वाली चुत देख कर

अभय फोटो देखता है जिसमे दिशा के चुत बाल से धके हुवे थे चुत और चुत के फाके दिख भी नही रहे थे दिशा की बालों वाली चुत देख अभय का लंड झटका मारने लगता है
अभय मन मे - काजल बुआ की चुत देखी चुदाई भी करता हु लेकिन दिशा की बात भी अलग है दिशा भी बहोत खूबसूरत है सब की तरह दिशा के साथ पहली बार करने मे जो माया आया आज भी भूल नही पाता मेरा पहला प्यार मेरी जान दिशा

अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत खूबसूरत लग रही है तुम्हारी बालों वाली चुत
दिशा सर्म से लाल होके - बेसर्म

10 मिनट बाद काजल आती

अभय मुस्कुराते हुवे - घोरी बन जाइये

काजल की चुत मे तो खुजली हो रही थी काजल जल्दी से सारी उपर कर बिस्तर पे घोरी बन जाती है अभय लंड निकाल काजल की चुत पे रख एक धक्का मारता है काजल मेहसूस करती है मोटा लंड पुरा उसकी चुत मे घुस गया है अंदर तक काजल दर्द मे आह मा करती है
अभय चुदाई करना सुरु करता है लंड अपनी चुत मे आता जाता फिल कर काजल मस्त होके आह उफ मा करने लगती है वही अभय काजल की टाइट चुत अंदर गर्मी लंड पे फिल कर पागल होने लगता है
अभय चुदाई करते हुवे काजल के बरे उजले गोरे गांड देख सेहलाते हुवे उफ बुआ आपकी चुत तो है ही कमाल की लेकिन आपकी ये बरी फैली बाहर निकली गोरी गांड देख दिल कर रहा है आपकी गांड मे जोर जोर से चाटा मारू उफ
काजल अपने गांड पे अभय का हाथ फिल कर मद्होस और मचलते हुवे - उफ बेटा मार लेता गांड पे चाटा उफ लेकिन अभी चुत मार अच्छे से अपनी बुआ की आह ये मजा उफ हाय सुकून आह चोद बेटा आह

16 मिनट बाद

काजल कापते हुवे खरी होके सारी नीचे कर बाल सही कर लेती है अभय काजल को बाहों मे लेके - आप जैसी औरत मेरी गिर्लफ्रेड है यकीन करना मुश्किल होता है लेकिन सच है मेरी जान आपकी आपकी खूबसूरती आपकी बॉडी सब का दीवाना है ये आपका अभय
अभय की बात सुन काजल को बहोत अच्छा लगता है
काजल अभय को प्यार से देख - मे भी अपने अभय कि दीवानी हु
अभय होठ पे किस कर - जान आपके चूचे चूस कर पीना है

अभय की बात सुनते ही काजल जल्दी से ब्लाउस के बटन खोल अपने चूचे बाहर निकाल - ये ले बेटा मे तेरी हु आत्मा दिल सब तेरा है पी ले जितना पीना है काजल के चूचे इस उमर मे भी पुरे टाइट थे दूध जैसे गोरे बरे चूचे देख अभय फिर पागल होने लगता है
अभय चूचे को दबाते हुवे काजल की आखो मे देख - बुआ यकीन करना ही पड़ेगा आपके चूचे बहोत खूबसूरत टाइट खरे है उफ मे होस खोने लगा हु फिर से
काजल अभय की बात सुन सिसकिया लेते हुवे - उफ बेटा तु जब मेरी तारीफ करता है मेरे बॉडी खूबसूरती मेरी चुत चूचे की तो उफ आह मुझे बहोत अच्छा लगता है आह धीरे दबा
अभय दोनों चूचे पकर जिब से चाटने लगता है फिर मुह मे लेके पीने लगता है काजल मद्होस होके तेज सासे लेते हुवे सिसकिया लेने लगती है काजल उफ आह बेटा बहोत अच्छा फिल हो रहा है चूस अपनी बुआ के चूचे को अच्छे से आह बेटा मेरी जान
3 मिनट बाद

काजल चूचे अंदर कर बटन लगाने लगती है अभय ये देख - बुआ दिल तो आपकी चुत का रस पीने का भी कर रहा है लेकिन समय इतना होता ही नही की मे आपको अच्छे से प्यार कर सकु

काजल बटन लगा के अभय के पास आके होठ पे किस कर सर्म से - दिल तो मेरा भी बहोत कर रहा है चुत चुस्वाने का लेकिन तेरे लंड लेके के बाद उफ अब सांत है पर कल अच्छे से अपनी बुआ की चुत का रस चूस कर पीना मेरे भतीजे

अभय काजल के गांड के धीरे से मारते हुवे - जरूर बुआ
काजल आह करते हुवे सर्म से - जाती हु मे
अभय मुस्कुराते हुवे - किसी अच्छे दिन देख आपकी गांड मारुंगा
काजल सर्म से - ठीक है

काजल बाहर आती है मिनिता काजल को देख चले दीदी

काजल - हा

मिनिता काजल आसा को देख - हम चलते है
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है

मिनिता काजल कोमल घर जाने लगते है

काजल मस्त अपनी अपनी चुत जांघों पे अभय का गर्म माल फिल कर सुकून पा रही थी वही मिनिता बेचैन थी कियुंकी अभय की खुले बाते सुन मिनिता की चुत गीली होके चिपचिपी हो गई थी जिसे फिल कर मिनिता बेचैन थी

मिनिता मन मे - ये लरका कितना बेसर्म है खुले गंदे शब्द कोन बोलता है लेकिन उसकी बाते मेरी हालत खराब कर दी है उफ मेरी चुत गीली है

अभय काजल की चुदाई करने के बाद अपनी मा के कमरे मे आता है
आसा बिस्तर पे लेती हुई थी आगे की तरफ करवट लेके आसा को एहसास होता है उसका लाल पीछे है

आसा पीछे मूर अभय को देखती तो पाती है उसका लाला फिर उसके हुस्न को देख खो गया है आसा ये देख मुस्कुरा देती है आसा बिस्तर पे लेती करवट होके थी लेकिन पीछे का सीन उफ बहोत कामुक् था आसा के चिकने गोरे पीठ पैर मोरने से सारी आसा की गांड से चिपकी हुई थी जिसके वजह से आसा की गांड के बरे गांड की उभार दिख रही थी
अभय को जब से एहसास हुआ की उसके दिल मे मा के लिये फीलिंग प्यार है तब से अभय आसा को इस तरह देख हर बार् होस खोने लगा था अभय बरे गोर से अपनी मा के पीछे का खूबसूरत कामुक् नजारा देखने मे लगा था सब भूल के

आसा बिस्तर से उठ खरी होती है तब अभय होस मे आता है और अपनी मा को देखता है

आसा अभय के पास आके अपनी चुत अभय के लंड पे और अपने दोनों बरे चूचे अभय के सीने से सता के अपने बेटे से पूरा चिपक कर दोनों हाथ से अभय के कमर पकर खरी होके अभय की आखो मे देखने लगती अभय अपने लंड पे मा की चुत की गर्मी सीने पे अपनी मा की टाइट बरे मुलायम चूचे फिल हर भाई के पसीने छुट्ने लगते है आसा ये देख मुस्कुरा देती है आसा ही एक थी जिसके आगे अभय के पसीने छुट जाते है भाई कुछ बोल भी नही पा रहा था
अभय अपनी मा की आखो मे देखता है आसा अभय की आखो मे
अभय आसा की आखो मे देख कापते हुवे - इतनी गर्मी फिल कर आपके लाला की हालत खराब मत करिये मा उपर से आपके दोनों बरे मुलायम टाइट सीने पे फिल कर मे कही होस खोके कुछ कर ना दु
आसा अभय की आखो मे देख - ऐसा गलती से भी मत करना मेरे लाला लेकिन मुझे यकीन है मेरा लाला मेरे साथ किया किसी और के स साथ भी उसकी मर्ज़ी के बगैर कुछ नही करेगा
अभय तेज सासे लेते हुवे - हा नही कर सकता कयुंकी

आसा मन मे - ये मेरी सीमा के अंदर है जो तेरे लिये कर सकती हु दूसरी मुझे तेरे मे यकीन है मेरा लाला किसी के मर्ज़ी बगैर कुछ कर नही सकता

तभी अभय अपनी मा के होठ पे अपनी उंगली फेरने लगता है आसा की सासे तेज दिल जोर से धक धक करने लगता है आसा अपनी मुठी कस लेती है सीना तेज सासे लेने से उपर नीचे होने लगता है
अभय अपनी मा के गुलाबी नर्म होठ को उंगली से फिल करते हुवे अपनी मा को प्यार से देख - आज एक इजाजत चाहिये
आसा अभय अभय की आखो मे देख तेज सासे लेते हुवे - किया
अभय अपनी मा के होठ देखते हुवे - जब मेने पहली बार आपके इस नर्म मुलायम होठो का रस पिया था वो पल वो स्वाद आज भी भूल नही पाया हु तो मे चाहता हु आपके होठो का रस मुझे रोज हर वक़्त पीने को मिले

अभय की बात आसा के शरीर मे सिहरन पैदा कर देती है आसा तेज सासे लेते हुवे अभय को देख मन मे - एक नही दो बार मेरा लाला मेरे होठो का रस पी चुका था उस पहले एहसास को मे भी भूल नही पाई हु इतना मे कर सकती हु ये मेरे बनाये सीमा के अंदर है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है
अभय आसा की बात सुन बहोत खुश होता है
अभय खुशी से - आप बहोत अच्छी है मा वैसे याद है ना किस कैसे करना है
आसा सर्म से धीरे से - हा
अभय मुस्कुराते हुवे - तो सुरु करते है

अभय आसा एक दूसरे की आखो मे देखते है फिर दोनों अपने जिब बाहर निकाल एक दूसरे के जिब से सता के चाट कर एक दूसरे के होठो का रस पीने लगते है आसा जैसे ही एक घुट रस पीती है आसा को ये एहसास से मद्होस होने लगती है आसा अभय दोनों एक दूसरे के गीले जिब को फिल कर मजे से चूस कर रस पीते रहते है
आसा मन मे - वही पहला एहसास उफ ये एहसास मुझे मद्होस पागल कर रहा लेकिन उसी के साथ एक सुकून वाली दुनिया मे लेके भी जा रहा है मेरा लाल मेरी गीली जिब को बरे मजे से चाट कर रस पी रहा है उफ मेरी जिब मेरे लाल के जिब से मिल रही है ये फिल कर उफ मे पागल होने लग गई हु बेटा मेरे लाल

मा बेटा किस करते करते दोनों एक दूसरे के होठ मुह मे लेके चूसना सुरु कर देते है अभय अपनी मा के चेहरे को पकर पागलो की तरह किस किये जा रहा था अभय मन मे - उफ मा आपके नर्म रसीले होठ मुह मे लेके चूसने मे जितना मजा मुझे आ रहा है आपका लाल आपको बता नही सकता यही स्वाद लेने के लिये कब से मचल रहा था
आसा अपने बेटे से चिपकी खरी रस पिये जा रही थी आसा ने कभी सोचा नही था 41 की उमर मे आके उसका बेटा ही उसे होठ के रस का स्वाद उसके मजे का एहसास करवाएगा मा बेटा सब भूल मजे से रस पीने के बाद होठ अलग करते है दोनों के होठ लार से गिले थे

आसा अभय को सर्म से देखती है अभय आसा को देख - मा इस स्वाद एहसास के लिये तरप् रहा था लेकिन अब खुशी है मुझे रोज आपके रसीले होठो का स्वाद पीने को मिलेगा
आसा सर्म से - अच्छा अब जा जाके सो जा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु गुड नाइट वैसे अब तो मेरा हर गुड नाइट गुड मोर्निंग अच्छा होने वाला है

अभय फिर मुस्कुराते हुवे चला जाता है अभय के जाते ही आसा सीने पे हाथ रख - ये लरका मुझे पागल करने लगता है

आसा अपने होठ छुटे हुवे - लेकिन ये स्वाद एहसास मुझे भी चाहिये था उफ

आसा फिर मुस्कुराते हुवे सारी ब्लाउस निकाल नंगी होके आईने के सामने अपने नंगे जिस्म को देखती है फिर अपने दोनों हाथ अपने दोनों चूचे पे रख दबाती है आसा खुद अपने चूचे दबाते हुवे आह करती है आसा फिर धीरे से अपनी उंगली चूचे के बीच से होते हुवे पेट ढोरी से सेहलाते हुवे तेज सासे लेते हुवे अपनी चुत पे आके रुक जाती है आसा आईने मे अपनी चुत को अच्छे से देख रही थी

आसा अपनी टांगे फैला के अपनी चुत के फाके उंगली से फैला के अंदर मे लाल लाल देखती है चुत गीली थी आसा फिर एक उंगली धीरे से अपनी चुत के अंदर घुसाने लगती है तभी आसा जल्दी से उंगली बाहर निकाल दुखी होके - जो बुर का मालिक है वो किसी दूसरे के बुर के पीछे चला गया लेकिन जिसका हक मेरी बुर पे नही है वो मेरी बुर के पीछे है वो भी मेरा बेटा मुझे पता है मेरे लाल मेरे जिस्म के पीछे नही है उसकी आखो मे मुझे साफ दिखाई देता है वो मुझे किस कदर प्यार करता है लेकिन ये वो चीज है जिसपे तेरा हक नही है मेरे लाल

आसा दुखी अपने पति को याद फिर नाइटी पेहन बिस्तर पे सो जाती है

अभय अदिति के कमरे मे आता है अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी अभय को देख - भाई
अभय - लेती रह

अभय अदिति के पास बैठ प्यार से सर सेहलाते हुवे - कुछ भी हो तो मुझे केहना ठीक है
अदिति सर्म से - भाई ये तो नॉर्मल है हर लरकी को सेहना परता है
अभय मुस्कुराते हुवे - हु फिर भी कुछ हो केहना फल सब खाके खतम किया ना
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा पुरा कर दिया
अभय - बहोत अच्छा

अभय अदिति के होठ पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया अब जवान हो गई है आज एहसास हुआ मुझे

अदिति सर्म चेहरे को चादर मे छुपा के - भाई आप भी ना
अभय हस्ते हुवे - अच्छा गुरिया गुड नाइट
अदिति - गुड नाइट भाई

अभय फिर मुस्कुराते हुवे कमरे मे आके बिस्तर पे लेत जाता है अभय के जाने के बाद अदिति अपने चेहरे को चादर से निकाल - आपके जैसा प्यार करने वाला बरा भाई आके आपकी गुरिया अभय खुश है

अभय छत को देखते हुवे मन मे- मुझे पता है मा ने मेरे लिये एक सीमा दीवार बना दी है लेकिन मे उसे एक एक कर तोर के रहुंगा चाहे जितना वक़्त लगे मे जल्दी नही कर सकता कियुंकी में मा के मर्ज़ी के बगैर उसके बनाये सीमा के आगे गया तो मे अपनी मा को वो दर्द दुगा जिसे सायद मा सेह ना पाये ना फिर आगे मा मुझपे भरोसा करेगी और तो और मे उनकी नजर मे गिर जाउंगा ऐसा मे कभी सपने मे नही चाहता हो इस लिये मुझे धीरे धीरे कुछ ऐसा करते रहना होगा की मा खुद अपनी बनाई दीवार एक एक कर मेरे लिये तोर दे

अभय बिस्तर पे करवट लेते हुवे -यही एक रास्ता है मुझे नही पता मे कर पाऊगा या नही पर कोसिस तो मरते दम तक करनी है

अभय फिर आखे बंद करने जाता है तो ममता का फोन आ जाता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏

बहुत ही बेहतरीन अपडेट दिया है आपने !
 

Ek number

Well-Known Member
9,279
20,186
188
chapter 45

रात 9 बजे आसा मिनिता काजल बाते कर रहे थे अभय भी आसा के गोद मे सर रख लेता बाते कर रहा था कोमल अदिति कमरे मे बाते कर रहे थे

अभय काजल को देख - बुआ मेरी शादी होने के बाद कितने दिन रुकने वाली है

काजल अभय को देख - बेटा जब तु बहु को लेके आयेगा उसके अगले दिन मे चली जाउंगी कियुंकी मे कई दिन से यही हु

आसा - हु बात तो सही कही आपने लेकिन आप के साथ हमारा एक अपना रिस्ता बन गया है जब आप चली जायेगी तो आपके बगैर मजा नही आयेगा

मिनिता - दीदी आपने सही कहा रोज हम इस टाइम एक साथ बाते करते ये पल बहोत अच्छा होता है लेकिन ननद जी के जाने के बाद उनकी कमी बहोत मेहसूस होगी

काजल सभी को देख - सच कहु तो मुझे भी यहा रहना अच्छा लगता है ( अभय को देख) यहा मेरा दिल लग गया है लेकिन मेरा घर यहा नही है मुझे अपनी जिमेदारी संभलानी ही होगी ना

आसा - मे समझ सकती हु लेकिन टाइम निकाल के आते रहियेगा
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर आयुगी और जब आना होगा अभय बेटा को ही बोलुगी लेके आये

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - जरूर बुआ बस आप एक फोन करना मे आ जाउंगा

काजल अभय को देख प्यार से - हु

अभय उठ कर कमरे मे जाते हुवे - चलो भाई अब आप खूबसूरत लेडी अपनी बाते करो मे चला

अभय जाने लगता आसा मिनिता काजल हसने लगते है फिर तीनों औरते बाते करने मे लग जाते है


अदिति कोमल बिस्तर पे लेते बाते कर रहे थे

कोमल - यार अदिति तेरा भाई आते ही अपनी भाभी के साथ गुलुगुलु कर लिया अब शादी भी हो रही है बस मे तुम सिंगल है

अदिति कोमल को देख सर्म से - किया दीदी आप फिर सुरु हो गई कियु आपको शादी करने की जल्दी है किया
कोमल अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - देख मेरी जान बात जल्दी शादी करने की नही एक दिन तो शादी कर हमे अपनी मा भाई सब को छोर जाना ही होगा ना
कोमल की बात सुन अदिति के सीने मे दर्द होता अपने भाई मा को छोर जाने का सुन

अदिति छत को देखते हुवे - अगर ऐसा है तो मे शादी नही करुगी जरूरी नही लरकी को शादी ही करना परे हर लरकी अपनी मर्ज़ी से जी सकती है मे अपनी मा भाई को छोर नही जाउंगी

कोमल हैरानी से अदिति को देख - तेरी बात सही है लेकिन
अदिति कोमल कोई देख - लेकिन किया यही ना हर किसी को अपने लाइफ मे कोई साथी चाहिये होता है मुझे नही चाहिये मुझे सिर्फ भाई का प्यार चाहिये मा सब का प्यार उसके आगे मुझे कुछ नही चाहिये कई बार आप वही बात लेके बैठ जाती है आप कर लो शादी

कोमल अदिति को देख मन मे - अदिति अपने भाई से जान से जायदा प्यार करती है और अभय भी अदिति को बहोत प्यार करता दोनों एक दूसरे की जान है ऑन्टी अभय अदिति तीनों मे जितना प्यार है सच कहूं उतना प्यार तो मेरे मेरे भाई मा के बीच भी नही है


तभी अदिति एकदम से - नही

कोमल हैरानी से - किया हुआ

अदिति कोमल को देख - पीरियड सुरु हो गया
कोमल हैरानी से - किया
अदिति - हु
कोमल - पैड है ना
अदिति - वो मे भूल गई थी आज मेरा पीरियड आने वाला है तो मे नही लाई
कोमल - धत तेरी अब किया कपरा यूज करोगी
अदिति थोरा सर्म से - दीदी अब मे किया ही कर सकती हु
कोमल - अदिति कपड़े यूज करने से इंफेक्सन का खतरा होता है तभी कोमल एक मिनट मे आई

अदिति - कहा जा रही है
कोमल - रुको आती हु

कोमल अभय के पास जाती अभय कोमल को देख - अरे बंदरिया तुम
कोमल अभय को देख - मजाक नही वो एक बात केहनी थी
अभय - हा बोलो
कोमल - वो पैड ला सकते हो जाके अभी जल्दी से
अभय जल्दी से बिस्तर से उठ कर - हा लेकिन तुम्हे चाहिये
कोमल - नही अदिति को
अभय हैरान होता है लेकिन टाइम ना गवाते - ठीक है मे जाता हु
अभय चाभी लेके जल्दी से बाहर निकल जाने लगता है आसा मिनिता काजल अभय को जल्दी मे जाते देख - कहा जा रहे हो इस टाइम

अभय पीछे मूर - अभी आता हु
अभय चला जाता है कोमल बाहर आती है तो आसा - बेटा अभय कहा गया है
कोमल सभी को देख - वो ऑन्टी अदिति का पीरियड चालू हो गया है
आसा मिनिता काजल हैरान - किया
आसा कोमल को देख - तो लाला पैड लाने गया है
कोमल - हु
मिनिता - तुमने बताया उसे
कोमल नजरे नीचे कर - हा
काजल - अरे पागल सोचना तो चाहिये था ये औरतो वाली

तभी आसा - कोई बात नही अच्छा किया
काजल मिनिता कोमल हैरान आसा को देखते है

आसा सभी को देख - ये एक नॉर्मल बात है और लाला अपनी गुरिया से बहोत प्यार करता है उसके लिये सब कुछ कर सकता है अदिति लाला का रिस्ता इस सब से उपर है

काजल मिनिता - हा हम भूल ही गये थे

कोमल कमरे मे आती है अदिति बैठी थी

अदिति कोमल को देख - आप कहा गई थी
कोमल अदिति को सब बता देती है जिसे सुन अदिति हैरान शोक हो जाती है

अदिति कोमल को देख सर्म से - अच्छा
कोमल हैरान - किया तुम गुस्सा नही हो
अदिति कोमल को देख - नही मेरा भाई ही तो है कोई गैर नही
कोमल - अदिति सच मे तुम दोनों के बीच का प्यार अब मुझे जलन होने लगी है
अदिति मुस्कुरा देती है सर्म तो अदिति को बहोत आ रही थी पर किया ही कर सकती थी

अभय तेजी से बाइक लेके मार्केट आता है पैड केला सेब अनार संतरे काजू किस्मिस् सब लेता है अदिति के लिये फिर तेजी से घर निकल परता है

ये पहली बार था जब अभय को पता चला अदिति के पीरियड के बारे मे कियुंकी अभय 14 साल का था तब उसे किडनैप कर लिया गया जब आया 19 का हो चुका था और अभय को घर आये ये महीने होने वाले है

पर बात ये है अभय को पता कैसे चला पीरियड मे किया खाना अच्छा है तो जवाब है अभय ने नेट मे सर्च किया अभय अदिति को दर्द मे देख नही सकता था इस लिये

अभय घर आता है हाथ मे थैला लिये जिसमे पैड फल सब था अभय अंदर आता है आसा काजल मिनिता अभय के हाथ मे थैली मे पैड फल सब हैरान हैरान होके अभय को देखते है

आसा - बेटा तु तो पैड लाने गया था फल काजू सब लेके भी कियु आया है

अभय आसा को देख - आप गुरिया को पीरियड आया तो फल काजू किस्मिन पीरियड मे खाने चाहिये ताकि कमजोरी ना हो और मेरी गुरिया अच्छी रहे इस लिये आया हु

अभय फिर अदिति के कमरे मे जाने लगता है लेकिन आसा मिनिता काजल हैरान अभी को देखते रहते है

मिनिता - ये मे किया देख रही हु
काजल - हा भाभी ये लरका तो अपनी बहन के लिये पागल है
आसा ये देख हैरान थी ऐसा कुछ आसा के लिये भी पहली बार था लेकिन अभय को अपनी बहन के लिये इतना प्यार चिंता करते देख खुश थी

अभय अंदर जाता है अदिति को देख सर्म से लाल नजरे नीचे कर लेती है अभय अदिति के पास जाके बैठ अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे अपना थैला देते हुवे - गुरिया इसमें पैड फल काजू किस्मिस् है यही खाना और मे जाके तेरे लिये हल्दी वाला दूध लेके आता हु

अदिति सर्म से - जी भाई

अभय मुस्कुराते हुवे - हु

अभय कमरे से बाहर आता है कोमल सब हैरान मुह फ़ारे बैठी रह जाती है

अदिति कोमल को देख - दीदी आप

कोमल - हा हा ठीक है

कोमल दूसरी तरफ मुह कर लेती है आदिति नीचे से नंगी होके पैड निकाल पेहन लेती है फिर कपड़े भी उसके बाद बिस्तर पे बैठ - हा हो गया
कोमल अदिति को देख - अदिति मुझे लगा मेने तेरे तेरे भाई के बीच प्यार को समझ लिया है लेकिन नही तुम दोनों भाई बहन के बीच प्यार को कोई समझ नही सकता

अदिति मुस्कुरा देती है

अभय बाहर आता है खुद लरकी लेके खुल्हा जलाने लगता है ये देख आसा मिनिता काजल फिर हैरान हो जाते है

आसा हैरानी से - बेटा चूल्हे को कियु जला रहे हो
अभय आसा को देख - मा गुरिया के लिये हल्दी वाला दूध बनाना है

अभय कि बात सुन फिर तीनों हैरान हो जाते है आज आसा मिनिता काजल कोई भी अंदाज़ा हो गया की कोई भी इन दोनों भाई बहन के प्यार को समझ नाप नही सकता

अभय हल्दी वाला दूध बना के ग्लास मे लेके अदिति के पास आते बैठ अदिति को ग्लास देते हुवे - गुरिया गर्म है फुक कर पीना ठीक है
अदिति अपने भाई का इतना खुद के लिये कैर देख इमोसनल होने लगती

अदिति अभय को देख प्यार से - हु
अभय फिर एक दिस आके उसमे अनार संतरे केले को छील कर दिस मे रख अदिति को देते हुवे - ये ले गुरिया अच्छे से सब खा जाना और हा फालतू का कुछ नही खाना समझ गई
अदिति अभय को देख हस्ते हुवे - समझ गई भाई
अभय अदिति के गाल पे किस कर - मेरी गुरिया अब मे जाता हु
अभय बाहर आ जाता है कोमल तो सब देख हैरान मन मे - इतना प्यार तो एक पति बीवी को भी नही करेगा मे जानती थी अभय बहोत अच्छा लरका है लेकिन अब समझती हु मे अभय को जानती ही नही मे एक बात यकीन से केह सकती हु अभय जिसे प्यार करता है फिकर करता है वो किस्मत वाले होगे

अभय बाहर आता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हो गया सब तेरा
अभय आसा को देख - हा हो गया मा लेकिन मेरी गुरिया को 7 दिन दर्द होगा ना
मिनिता अभय को देख - तु किया चीज है रे इतना प्यार बेटा ये नॉर्मल है अच्छा भी दर्द तो होता ही है
काजल - हा लेकिन तेरी गुरिया तेरे प्यार की वजह से ठीक ठीक रहेगी थोरा भी दर्द नही होगा

अभय - हु

अभय फिर कमरे मे आ जाता है

काजल आसा को देख - भाभी मेरे पीरियड मे तो मेरा पति भी दूर रहता था ख्याल रखना फिकर करना दूर की बात है
मिनिता - सेम मेरा भी
आसा - सेम मेरा भी

आसा मन मे - मेरा पीरियड तो आज भी आता है कियुंकी मेरा ओप्रेसन नही हुआ है

अदिति मजे से बैठ दूध फल फुल खा रही थी कोमल बेचारी अदिति को देख रही थी

कोमल - वाह किस्मत तो तेरी है नॉर्मल प्रॉब्लम है फिर भी तेरा भाई तेरे लिये कितना बेचैन हो गया

अदिति कोमल को देख - एक बात बताऊ ये कुछ भी नही मे यकीन से कहती हु किसी ने गलती से भी मेरे साथ कुछ करने की कोसिस कि तो भाई उसे जान से मार देता लेकिन मे नही चाहती ऐसा कुछ हो

कोमल - हु अब तो मुझे भी लगता है

मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय भी मिनिता के पास आके बाहों मे लेके किस करने लगता है दोनों मे किस होने के बाद

अभय मिनिता को देख -ऑन्टी सुरु करो ना
मिनिता अभय को देख सर्म से - हु

समय बाते कर गवाना नही था मिनिता अभय के पैट नीचे कर लंड बाहर निकाल देखती है तो मिनिता के मुह मे पानी आने लगता है मिनिता लंड को अच्छे से जिब से चाटने लगती है अभय मजे से लंड चुस्वाने के मजे मे खोने लगता है
अभय मिनिता को देख - उफ ऑन्टी बहोत अच्छा कर रही है आह अच्छे से जिब से चाट मुह मे लेके चूसिये आह उफ ये सुकून है
मिनिता मुह मे लंड लेके चूस मन मे - उफ अभय बेटे के गर्म लंड मुह मे लेने के बाद चूस कर रस पीने मे जितना सुकून मजा आता है उफ मे कभी इस एहसास सुकून से बाहर आना नही चाहती दिल करता है मुह मे लिये रस पीती रही लेकिन मुह दर्द करने लगता है

3 मिनट बाद अभय लंड हिला के अपना माल मिनिता को पिला देता है मिनिता मजे से सब पी जाती है उसके बाद अभय का लंड मुह मे लेके अच्छे से चूस कर साफ कर देती है अभय भी मस्त हो चुका था

अभय मिनिता को उठाता है और चेहरे को पकर आखो मे देख - अभी भी यकीन नही होता एक खूबसूरत औरत मेरे लंड को मजे से चाटती है मुह मे लेके चुस्ती है मेरे लंड का माल मजे से जूस समझ पी जाती है उफ ऑन्टी आपको लंड चुस्टे माल पिता देख मेरा जोस हाई हो जाता है
अभय की बाते मिनिता की सासे तेज कर देती है मिनिता मद्होस होने लगती है मिनिता अभय को देख सर्म से - यकीन मुझे भी नही होता मे एक लरके के लंड को मुह मे लेके मजे से चूस कर उसका माल पीती हु लेकिन ये सच है और मुझे मजा आता है

मिनिता सर्म से लाल नजरे नीचे कर लेती है
अभय मिनिता के पीछे दोनों गांड पे हाथ रख अपना लंड मिनिता के चुत से सता के खरा हो जाता है मिनिता अपने गांड पे अभय का हाथ और अपनी चुत पे अभय का लंड फिल कर काप् जाती है सासे उपर नीचे होने लगती है दिल जोर से धक धक करने लगता है

अभय मिनिता की आखो मे देख -एक बात सच कहु नीचे बहोत गर्म फिल हो रहा है मुझे
अभय की बात सुन मिनिता के शरीर मे सिहरन डोर जाती है मिनिता कापते हुवे - कहा कैसी गर्मी
अभय मिनिता के कान मे धीरे से - आपकी चुत की गर्मी ऑन्टी बहोत गर्म है आपकी चुत
खुले गंदे शब्द पहली बार अभय ने मिनिता से कहा और मिनिता ने सुना जिसकी वजह से मिनिता के पैर कापने लगते है सासे फूलने लगती है सीना तेजी से उपर नीचे होने लगता है
अभय मुस्कुराते हुवे - सच बताना आपकी चुत गीली है ना
मिनिता नजरे नीचे किये कापते हुवे तेज सासे लेते हुवे - बेटा ऐसी बाते मत कर प्लेस
अभय मिनिता के गांड को सेहलाते हुवे - इसका जवाब दे दो बस
मिनिता मुठी कस कापते होठो से सर्म से लाल चेहरे के साथ धीरे से - हा
मिनिता की बात सुन अभय का लंड झटका मारने लगता है जो मिनिता अपनी चुत मे फिल करते हुवे मचल जाती है

मिनिता अभय से दूर होते हुवे - देर हो रही है मे जाती हु

मिनिता कमरे से जाने लगती है अभय मुस्कुराते हुवे मिनिता को जाते देखता है फिर बिस्तर पे लेत दिशा को फोन लगा देता है

अभय - मेरी सोना कैसी है
दिशा - आपकी सोना आपको भी बहोत मिस करती है
अभय - ओ मेरा बाबू मे भी बहोत मिस करता हु लेकिन अब अब कूछ दिन और उसके बाद तुम मेरी बाहों मे होगी फिर रोज बहोत प्यार करुगा
दिशा सर्म से - हु
अभय - मेरी हॉट सासु मा कैसी है
दिशा हस्ते हुवे - आपकी हॉट सासु मा अच्छी है आराम कर रही है
अभय हस्ते हुवे - और मेरी लालची चालाक साली जी
दिशा हस्ते हुवे - वो तो मस्त है फोन कपड़े पैसे किसी की कमी नही है उसको तो किया ही टेंसन है
अभय मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है वैसे जान चुत मे बाल है या साफ कर लिये
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - कितने बेसर्म है मे नही बताने वाली
अभय - अरे मे तुम्हारा पति हु इतना भी मत सर्माओ बता भी दो
दिशा सर्म से धीरे से - वो है लेकिन कल साफ कर लुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - एक फोटो भेजो ना जब तुम्हारी चुदाई की थी तब बाल छोटे थे लेकिन अब तुम्हारी बालों वाली चुत देखनी है
दिशा की सासे तेज हो जाती है सर्म से लाल दिशा - प्लेस ना सर्म आती है
अभय - यार सब तो मेरा है मेने देखा भी है प्लेस भेजो ना
दिशा सर्म से - ठीक है
अभय- ये हुई ना बात जल्दी भेजो

दिशा सर्म से मन मे - उफ मेरे पति जी भी ना कैसी कैसी बाते करते रहते है और मुझे करने को कहते है लेकिन वो मेरे जान है मेरा सब कुछ है

दिशा दोनों पैर सीधा किये लेती हुई थी दिशा बस अपनी नाइटी उपर करती है फिर केमरा चुत के ऊपर लेजा के एक फोटो लेती है फिर फोटो को देखती और सर्म लाल अभय को फोटो भेज देती है

दिशा मन मे - पता नही किया सोचेंगे बालों वाली चुत देख कर

अभय फोटो देखता है जिसमे दिशा के चुत बाल से धके हुवे थे चुत और चुत के फाके दिख भी नही रहे थे दिशा की बालों वाली चुत देख अभय का लंड झटका मारने लगता है
अभय मन मे - काजल बुआ की चुत देखी चुदाई भी करता हु लेकिन दिशा की बात भी अलग है दिशा भी बहोत खूबसूरत है सब की तरह दिशा के साथ पहली बार करने मे जो माया आया आज भी भूल नही पाता मेरा पहला प्यार मेरी जान दिशा

अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत खूबसूरत लग रही है तुम्हारी बालों वाली चुत
दिशा सर्म से लाल होके - बेसर्म

10 मिनट बाद काजल आती

अभय मुस्कुराते हुवे - घोरी बन जाइये

काजल की चुत मे तो खुजली हो रही थी काजल जल्दी से सारी उपर कर बिस्तर पे घोरी बन जाती है अभय लंड निकाल काजल की चुत पे रख एक धक्का मारता है काजल मेहसूस करती है मोटा लंड पुरा उसकी चुत मे घुस गया है अंदर तक काजल दर्द मे आह मा करती है
अभय चुदाई करना सुरु करता है लंड अपनी चुत मे आता जाता फिल कर काजल मस्त होके आह उफ मा करने लगती है वही अभय काजल की टाइट चुत अंदर गर्मी लंड पे फिल कर पागल होने लगता है
अभय चुदाई करते हुवे काजल के बरे उजले गोरे गांड देख सेहलाते हुवे उफ बुआ आपकी चुत तो है ही कमाल की लेकिन आपकी ये बरी फैली बाहर निकली गोरी गांड देख दिल कर रहा है आपकी गांड मे जोर जोर से चाटा मारू उफ
काजल अपने गांड पे अभय का हाथ फिल कर मद्होस और मचलते हुवे - उफ बेटा मार लेता गांड पे चाटा उफ लेकिन अभी चुत मार अच्छे से अपनी बुआ की आह ये मजा उफ हाय सुकून आह चोद बेटा आह

16 मिनट बाद

काजल कापते हुवे खरी होके सारी नीचे कर बाल सही कर लेती है अभय काजल को बाहों मे लेके - आप जैसी औरत मेरी गिर्लफ्रेड है यकीन करना मुश्किल होता है लेकिन सच है मेरी जान आपकी आपकी खूबसूरती आपकी बॉडी सब का दीवाना है ये आपका अभय
अभय की बात सुन काजल को बहोत अच्छा लगता है
काजल अभय को प्यार से देख - मे भी अपने अभय कि दीवानी हु
अभय होठ पे किस कर - जान आपके चूचे चूस कर पीना है

अभय की बात सुनते ही काजल जल्दी से ब्लाउस के बटन खोल अपने चूचे बाहर निकाल - ये ले बेटा मे तेरी हु आत्मा दिल सब तेरा है पी ले जितना पीना है काजल के चूचे इस उमर मे भी पुरे टाइट थे दूध जैसे गोरे बरे चूचे देख अभय फिर पागल होने लगता है
अभय चूचे को दबाते हुवे काजल की आखो मे देख - बुआ यकीन करना ही पड़ेगा आपके चूचे बहोत खूबसूरत टाइट खरे है उफ मे होस खोने लगा हु फिर से
काजल अभय की बात सुन सिसकिया लेते हुवे - उफ बेटा तु जब मेरी तारीफ करता है मेरे बॉडी खूबसूरती मेरी चुत चूचे की तो उफ आह मुझे बहोत अच्छा लगता है आह धीरे दबा
अभय दोनों चूचे पकर जिब से चाटने लगता है फिर मुह मे लेके पीने लगता है काजल मद्होस होके तेज सासे लेते हुवे सिसकिया लेने लगती है काजल उफ आह बेटा बहोत अच्छा फिल हो रहा है चूस अपनी बुआ के चूचे को अच्छे से आह बेटा मेरी जान
3 मिनट बाद

काजल चूचे अंदर कर बटन लगाने लगती है अभय ये देख - बुआ दिल तो आपकी चुत का रस पीने का भी कर रहा है लेकिन समय इतना होता ही नही की मे आपको अच्छे से प्यार कर सकु

काजल बटन लगा के अभय के पास आके होठ पे किस कर सर्म से - दिल तो मेरा भी बहोत कर रहा है चुत चुस्वाने का लेकिन तेरे लंड लेके के बाद उफ अब सांत है पर कल अच्छे से अपनी बुआ की चुत का रस चूस कर पीना मेरे भतीजे

अभय काजल के गांड के धीरे से मारते हुवे - जरूर बुआ
काजल आह करते हुवे सर्म से - जाती हु मे
अभय मुस्कुराते हुवे - किसी अच्छे दिन देख आपकी गांड मारुंगा
काजल सर्म से - ठीक है

काजल बाहर आती है मिनिता काजल को देख चले दीदी

काजल - हा

मिनिता काजल आसा को देख - हम चलते है
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है

मिनिता काजल कोमल घर जाने लगते है

काजल मस्त अपनी अपनी चुत जांघों पे अभय का गर्म माल फिल कर सुकून पा रही थी वही मिनिता बेचैन थी कियुंकी अभय की खुले बाते सुन मिनिता की चुत गीली होके चिपचिपी हो गई थी जिसे फिल कर मिनिता बेचैन थी

मिनिता मन मे - ये लरका कितना बेसर्म है खुले गंदे शब्द कोन बोलता है लेकिन उसकी बाते मेरी हालत खराब कर दी है उफ मेरी चुत गीली है

अभय काजल की चुदाई करने के बाद अपनी मा के कमरे मे आता है
आसा बिस्तर पे लेती हुई थी आगे की तरफ करवट लेके आसा को एहसास होता है उसका लाल पीछे है

आसा पीछे मूर अभय को देखती तो पाती है उसका लाला फिर उसके हुस्न को देख खो गया है आसा ये देख मुस्कुरा देती है आसा बिस्तर पे लेती करवट होके थी लेकिन पीछे का सीन उफ बहोत कामुक् था आसा के चिकने गोरे पीठ पैर मोरने से सारी आसा की गांड से चिपकी हुई थी जिसके वजह से आसा की गांड के बरे गांड की उभार दिख रही थी
अभय को जब से एहसास हुआ की उसके दिल मे मा के लिये फीलिंग प्यार है तब से अभय आसा को इस तरह देख हर बार् होस खोने लगा था अभय बरे गोर से अपनी मा के पीछे का खूबसूरत कामुक् नजारा देखने मे लगा था सब भूल के

आसा बिस्तर से उठ खरी होती है तब अभय होस मे आता है और अपनी मा को देखता है

आसा अभय के पास आके अपनी चुत अभय के लंड पे और अपने दोनों बरे चूचे अभय के सीने से सता के अपने बेटे से पूरा चिपक कर दोनों हाथ से अभय के कमर पकर खरी होके अभय की आखो मे देखने लगती अभय अपने लंड पे मा की चुत की गर्मी सीने पे अपनी मा की टाइट बरे मुलायम चूचे फिल हर भाई के पसीने छुट्ने लगते है आसा ये देख मुस्कुरा देती है आसा ही एक थी जिसके आगे अभय के पसीने छुट जाते है भाई कुछ बोल भी नही पा रहा था
अभय अपनी मा की आखो मे देखता है आसा अभय की आखो मे
अभय आसा की आखो मे देख कापते हुवे - इतनी गर्मी फिल कर आपके लाला की हालत खराब मत करिये मा उपर से आपके दोनों बरे मुलायम टाइट सीने पे फिल कर मे कही होस खोके कुछ कर ना दु
आसा अभय की आखो मे देख - ऐसा गलती से भी मत करना मेरे लाला लेकिन मुझे यकीन है मेरा लाला मेरे साथ किया किसी और के स साथ भी उसकी मर्ज़ी के बगैर कुछ नही करेगा
अभय तेज सासे लेते हुवे - हा नही कर सकता कयुंकी

आसा मन मे - ये मेरी सीमा के अंदर है जो तेरे लिये कर सकती हु दूसरी मुझे तेरे मे यकीन है मेरा लाला किसी के मर्ज़ी बगैर कुछ कर नही सकता

तभी अभय अपनी मा के होठ पे अपनी उंगली फेरने लगता है आसा की सासे तेज दिल जोर से धक धक करने लगता है आसा अपनी मुठी कस लेती है सीना तेज सासे लेने से उपर नीचे होने लगता है
अभय अपनी मा के गुलाबी नर्म होठ को उंगली से फिल करते हुवे अपनी मा को प्यार से देख - आज एक इजाजत चाहिये
आसा अभय अभय की आखो मे देख तेज सासे लेते हुवे - किया
अभय अपनी मा के होठ देखते हुवे - जब मेने पहली बार आपके इस नर्म मुलायम होठो का रस पिया था वो पल वो स्वाद आज भी भूल नही पाया हु तो मे चाहता हु आपके होठो का रस मुझे रोज हर वक़्त पीने को मिले

अभय की बात आसा के शरीर मे सिहरन पैदा कर देती है आसा तेज सासे लेते हुवे अभय को देख मन मे - एक नही दो बार मेरा लाला मेरे होठो का रस पी चुका था उस पहले एहसास को मे भी भूल नही पाई हु इतना मे कर सकती हु ये मेरे बनाये सीमा के अंदर है

आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है
अभय आसा की बात सुन बहोत खुश होता है
अभय खुशी से - आप बहोत अच्छी है मा वैसे याद है ना किस कैसे करना है
आसा सर्म से धीरे से - हा
अभय मुस्कुराते हुवे - तो सुरु करते है

अभय आसा एक दूसरे की आखो मे देखते है फिर दोनों अपने जिब बाहर निकाल एक दूसरे के जिब से सता के चाट कर एक दूसरे के होठो का रस पीने लगते है आसा जैसे ही एक घुट रस पीती है आसा को ये एहसास से मद्होस होने लगती है आसा अभय दोनों एक दूसरे के गीले जिब को फिल कर मजे से चूस कर रस पीते रहते है
आसा मन मे - वही पहला एहसास उफ ये एहसास मुझे मद्होस पागल कर रहा लेकिन उसी के साथ एक सुकून वाली दुनिया मे लेके भी जा रहा है मेरा लाल मेरी गीली जिब को बरे मजे से चाट कर रस पी रहा है उफ मेरी जिब मेरे लाल के जिब से मिल रही है ये फिल कर उफ मे पागल होने लग गई हु बेटा मेरे लाल

मा बेटा किस करते करते दोनों एक दूसरे के होठ मुह मे लेके चूसना सुरु कर देते है अभय अपनी मा के चेहरे को पकर पागलो की तरह किस किये जा रहा था अभय मन मे - उफ मा आपके नर्म रसीले होठ मुह मे लेके चूसने मे जितना मजा मुझे आ रहा है आपका लाल आपको बता नही सकता यही स्वाद लेने के लिये कब से मचल रहा था
आसा अपने बेटे से चिपकी खरी रस पिये जा रही थी आसा ने कभी सोचा नही था 41 की उमर मे आके उसका बेटा ही उसे होठ के रस का स्वाद उसके मजे का एहसास करवाएगा मा बेटा सब भूल मजे से रस पीने के बाद होठ अलग करते है दोनों के होठ लार से गिले थे

आसा अभय को सर्म से देखती है अभय आसा को देख - मा इस स्वाद एहसास के लिये तरप् रहा था लेकिन अब खुशी है मुझे रोज आपके रसीले होठो का स्वाद पीने को मिलेगा
आसा सर्म से - अच्छा अब जा जाके सो जा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु गुड नाइट वैसे अब तो मेरा हर गुड नाइट गुड मोर्निंग अच्छा होने वाला है

अभय फिर मुस्कुराते हुवे चला जाता है अभय के जाते ही आसा सीने पे हाथ रख - ये लरका मुझे पागल करने लगता है

आसा अपने होठ छुटे हुवे - लेकिन ये स्वाद एहसास मुझे भी चाहिये था उफ

आसा फिर मुस्कुराते हुवे सारी ब्लाउस निकाल नंगी होके आईने के सामने अपने नंगे जिस्म को देखती है फिर अपने दोनों हाथ अपने दोनों चूचे पे रख दबाती है आसा खुद अपने चूचे दबाते हुवे आह करती है आसा फिर धीरे से अपनी उंगली चूचे के बीच से होते हुवे पेट ढोरी से सेहलाते हुवे तेज सासे लेते हुवे अपनी चुत पे आके रुक जाती है आसा आईने मे अपनी चुत को अच्छे से देख रही थी

आसा अपनी टांगे फैला के अपनी चुत के फाके उंगली से फैला के अंदर मे लाल लाल देखती है चुत गीली थी आसा फिर एक उंगली धीरे से अपनी चुत के अंदर घुसाने लगती है तभी आसा जल्दी से उंगली बाहर निकाल दुखी होके - जो बुर का मालिक है वो किसी दूसरे के बुर के पीछे चला गया लेकिन जिसका हक मेरी बुर पे नही है वो मेरी बुर के पीछे है वो भी मेरा बेटा मुझे पता है मेरे लाल मेरे जिस्म के पीछे नही है उसकी आखो मे मुझे साफ दिखाई देता है वो मुझे किस कदर प्यार करता है लेकिन ये वो चीज है जिसपे तेरा हक नही है मेरे लाल

आसा दुखी अपने पति को याद फिर नाइटी पेहन बिस्तर पे सो जाती है

अभय अदिति के कमरे मे आता है अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी अभय को देख - भाई
अभय - लेती रह

अभय अदिति के पास बैठ प्यार से सर सेहलाते हुवे - कुछ भी हो तो मुझे केहना ठीक है
अदिति सर्म से - भाई ये तो नॉर्मल है हर लरकी को सेहना परता है
अभय मुस्कुराते हुवे - हु फिर भी कुछ हो केहना फल सब खाके खतम किया ना
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा पुरा कर दिया
अभय - बहोत अच्छा

अभय अदिति के होठ पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया अब जवान हो गई है आज एहसास हुआ मुझे

अदिति सर्म चेहरे को चादर मे छुपा के - भाई आप भी ना
अभय हस्ते हुवे - अच्छा गुरिया गुड नाइट
अदिति - गुड नाइट भाई

अभय फिर मुस्कुराते हुवे कमरे मे आके बिस्तर पे लेत जाता है अभय के जाने के बाद अदिति अपने चेहरे को चादर से निकाल - आपके जैसा प्यार करने वाला बरा भाई आके आपकी गुरिया अभय खुश है

अभय छत को देखते हुवे मन मे- मुझे पता है मा ने मेरे लिये एक सीमा दीवार बना दी है लेकिन मे उसे एक एक कर तोर के रहुंगा चाहे जितना वक़्त लगे मे जल्दी नही कर सकता कियुंकी में मा के मर्ज़ी के बगैर उसके बनाये सीमा के आगे गया तो मे अपनी मा को वो दर्द दुगा जिसे सायद मा सेह ना पाये ना फिर आगे मा मुझपे भरोसा करेगी और तो और मे उनकी नजर मे गिर जाउंगा ऐसा मे कभी सपने मे नही चाहता हो इस लिये मुझे धीरे धीरे कुछ ऐसा करते रहना होगा की मा खुद अपनी बनाई दीवार एक एक कर मेरे लिये तोर दे

अभय बिस्तर पे करवट लेते हुवे -यही एक रास्ता है मुझे नही पता मे कर पाऊगा या नही पर कोसिस तो मरते दम तक करनी है

अभय फिर आखे बंद करने जाता है तो ममता का फोन आ जाता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Nice update
 
Top