• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

15,608
32,143
259
nice update ..maa itni naraj kyu hai chunaw jeetne par 🤔..thodi to khushi honi chahiye ..

aur deepa ki soch bhi alag hi hai ,,,nishant ke ghar par sab hai tab bhi waha nahi reh sakti par apne ghar me nishant ko rukne ke liye bol rahi hai ..

lagta hai raat me kuch ho jayega dono ke bich 😁😁.
 

mashish

BHARAT
8,032
25,910
218
बीसवाँ भाग


मेरी जीत पर कॉलेज के सभी छात्र-छात्राएं काफी खुश थे। मैं भी काफी खुश था।और मैं चाहता था मेरी जीत की जानकारी मेरे घरवालों को भी होनी चाहिए।ताकि वो भी मेरी जीत की खुशी का जश्न मनाये।

इसलिए यह खुशखबरी बताने के लिए मैंने अपनी मां को फोन किया।
"हेलो मां मैं निशांत बोल रहा हूं"

"हां छोटे बोलो। कॉलेज से वापस कब आ रहे हो।" मां बोली।

" मां मैं छात्र संघ चुनाव जीत चुका हूं।
मैं कॉलेज का छात्र नेता बन गया हूँ।" मैंने अपनी खुशी को दुगुना करते हुए मां को बताया।

"देखो बेटा अपनी पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान दो।और अगर पढ़ाई लिखाई नहीं हो रही है तुमसे तो भैया काऑफिस ज्वाइन कर लो।" मां थोड़ी चिढ़ी हुई बोली।

मुझे लगा छात्र नेता बनने की खुशखबरी सुनकर मेरी माँ खुश होगी। मगर वह तो चिढ़ सी गयी।

"मां...." मैं बोला।

"मैंने तुझे कितनी बार समझाया है कि इन सब चक्करो में मत पड़ो। मैं तो तुझे चुनाव में भी खड़ा नहीं होने देना चाहती थी लेकिन अर्जुन की वजह से मैं मना नहीं कर पाई।" मां बोली।

लेकिन माँ आपको तो मेरी जीत पर खुश होने चाहिए था। मैंने माँ से कहा।

मैं तेरी कोई दुश्मन नहीं हूँ निशांत। जिस दिन तू कोई अच्छा काम करेगा उस दिन मैं बहुत खुश होऊँगी। माँ ने कहा।

मेरे जीत पर माँ से इस तरह की बात सुनकर मैं उदास सा हो गया।
मैं उदास होकर कॉलेज के कॉरिडोर में खड़ा था। उसी वक्त कुछ लड़के-लड़कियां अपने हाथों में माला लिए मेरे पास आए। सभी के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।

" बहुत बहुत बधाई निशांत।आपकी जीत के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं" सभी एक साथ बोले।

धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद आप सभी लोगों का मेरा सहयोग करने और मुझे इस काबिल समझने के लिए कि मैं कॉलेज के लिए कुछ कर सकता हूँ। मैंने सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा।

वो सभी लोग मुझे शुभ कामनाएं देकर वापस लाइब्रेरी की ओर चले गए उसके बाद वहां दीपा आई।

" निशांत क्या हुआ उदास लग रहे हो?" दीपा आते ही मेरे हाथ को पकड़ती हुई बोली।

"नहीं बस ऐसे ही" मैंने कहा।

"कुछ तो बात है, वरना ऐसे उदास ना होते।देखो तुम्हारी जीत की खुशी में सारा कॉलेज जश्न मना रहा है और तुम यहां उदास एकांत में खड़े हो।कहीं तुम्हें देवांशु ने कुछ तो नही कहा। दीपा मेरी उदासी को झांकती हुई बोली।

" नही, नही।मेरी तो देवांशु से अभी तक कोई मुलाकात ही नहीं हुई है।मां से बात हुई है। मेरी जीत पर मां खुश नहीं है और वो ये सब छोड़कर मुझे भैया के ऑफिस ज्वाइन करने के लिए बोल रही है।" मैंने उदासी भरे स्वर में कहा।

"बस इतनी सी बात के लिए मेरा राजा बाबू उदास है। ओहो... निशांत यह सारी बातें छोड़ो हमलोग इस बारे में घर पर चलकर मां से बात कर लेंगे।अभी चलो। देखो सारे लड़के - लड़कियां तुम्हें खोज रहे हैं और राहुल भैया भी तुम्हें ही ढूंढ रहे हैं।"दीपा मुझे जबरदस्ती वहां से बाहर खिंचती हुई बोली।

" तो आप दोनों छुपकर ईधर खड़े हैं भाई साहब। मेरे वजह से ही जीते हो और जीतते ही मुझसे दूर निकल रहे हो।" राहुल भैया नजदीक आते ही मजाकिया लहजे से बोले।

"नहीं भैया ऐसी कोई बात नहीं है।आपको कैसे भूल सकता हूँ? चलिए बैठकर बात करते हैं।"

दीपा, मैं और राहुल भैया तीनों लोग कॉलेज के सेमिनार हॉल में चले गए।राहुल भैया ने कुछऔर लड़कों को कॉल कर के सेमिनार हॉल में आने के लिए कहा।हम लोगों ने इस जीत को किसी एक की व्यक्तिगत जीत ना मानते हुए इसमें शामिल सारे लोगों की जीत समझा और सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

उस समय हम लोगों के बीच बहुत सारी कॉलेज संबंधी बातें हुई और इस जीत को सेलिब्रेट करने का 1 दिन निर्धारित किया गया।इसके बाद कॉलेज के बंद होने से पहले हम सभीअपने-अपने घर जाने के लिए निकल आए।

"दीपा अब तक तुम्हारे भैया नहीं आए हैं तुम्हें रिसीव करने के लिए" मैंने दीपा से पूछा।

"वो आज आएंगे भी नही, क्योंकि वो एक रिश्तेदार की शादी में बाहर गए हुए हैं। " दीपा चहकती हुई बोली।

"वाह!""कहो तो मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ दूँ" मैंने कहा।

" अच्छा, एक अकेली अबला नारी घर में अकेली रहने वाली है और तुम वाह ! बोल रहे हो छोटे बाबू।" वह मुझे छेड़ने के मूंड़ से बोली।

तुम और अबला हाहाहाहा। अबला। मैंने दीपा को चिढ़ाते हुए कहा।

अच्छा हँस लो हँस लो। मेरा भी समय आएगी फिर बताऊँगी तुमको मैं। दीपा ने कहा।

"तो मैं चलूं तुम्हारे साथ, आज इस अबला नारी के साथ ही रात बिताते हैं।" मैंने भी मस्ती के लिए बोल दिया।

यह भी भला कोई पूछने वाली बात है चलो इतना बोलकर दीपा मेरी बाइक के पास जाकर खड़ी हो गई।

मैंने भी मौके की नजाकत समझकर गाड़ी स्टार्ट करके उसे पीछे बैठने के लिए कहा दीपा के बैठने के बाद हम होनों उसके घर के लिए निकल पड़े। रास्ते में हम दोनों खूब बकबक करते रहे हैं। हमारे रास्ते खत्म हो गए मगर दीपा की बकबक अभी भी खत्म नहीं हुई थी।

"नीचे उतारिए मेरी बकबक करने वाली प्यारी दीपा जी।" मैंने बाइक को उसके घर के पास रोकते हुए बोला।

"ओहो...मुझे लगा तुम मेरी प्यारी जानेमन बोलोगे लेकिन तुमने तो प्यारी दीपा बोलकर मेरा दिल ही तोड़ दिया दीपा दांत निकालकर हंसती हुई बोली।

मैं भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया। मैं दीपा को उसके घर तक छोड़कर वापस अपने घर जाने लगा। तभी दीपा बोली," तो आज मेरे छोटे बाबू अपनी इस अबला नारी को इस सुनसान रात को घर में अकेले ही छोड़कर चले जायेगें?"

तुम कहो तो मैं तुम्हें कभी छोड़कर ही न जाऊँ, लेकिन अभी मुझे जाना पड़ेगा। घर में मम्मी और भैया मेरा इंतजार कर रहे होंगे। मैंने दीपा से कहा।

आज रात मेरे पास ही रुक जाओ न। मैं अकेली यहाँ बोर हो जाऊँगी और मुझे डर भी लगेगा। दीपा बड़े प्यार से मुझे मनाती हुई बोली।

तो चलो फिर मेरे घर चलते हैं। मेरा ख्याल है कि तुम्हें वहाँ डर नहीं लगना चाहिए। मैंने दीपा को छेड़ते हुए कहा।

नहीं निशांत मैं रोज-रोज बिना कारण के तुम्हारे घर नहीं चल सकती। तुम समझो न। लोग तरह तरह ही बाते बनाएँगे। और पता नहीं माँ और अदिति दी क्या सोचेंगी। दीपा ने अपनी बात कही।

कुछ नहीं होगा यार तुम न बिना मतलब सोचती बहुत हो। मैंने दीपा से कहा।

तुम ही रुक जाओ यहाँ पर मेरे साथ। वैसे भी भैया पता नहीं कब तक लौटेंगे। दीपा ने कहा।

बात तो वही हो गई दीपा। अगर किसी ने मुझे भैया की अनुपस्थिति में तुम्हारे घर पर रात को देख लिया तो पता नहीं क्या सोचेगा। मैंने दीपा से कहा।

किसी के सोचने से क्या होता है निशांत, और कौन सा हम कोई गलत काम कर रहे हैं कि किसी से डरें हम। दीपा ने मुझसे कहा।

तुम्हारे साथ रात रुकने पर अगर मेरा कुछ गलत काम करने का मन हुआ तो। मैं दीपा को आँख मारते हुए बोला।

तुम न निशांत बहुत गंदे हो। दीपा शरमाती हुई बोली।

अच्छा ठीक है मैं रात रुक रहा हूँ तुम्हारे साथ। अब खुश। मैंने दीपा से कहा।

मेरी बात सुनकर दीपा बहुत खुश हुई और मुझसे लिपट गई थोड़ी देर हम एक दूसरे से लिपटे खड़े रहे।

अच्छा रुको मैं भैया को फोन करके बता देता हूँ कि मैं आज रात घर नहीं आऊँगा।

फिर मैंने अर्जुन भैया को फ़ोन करके सारी बात बता दी। उन्हें पहले से ही दीपा और मेरे बारे में पता था, इसलिए उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी तो उन्होंने रात रुकने के लिए अनुमति दे दी।

भैया से अनुमति मिलने के बाद मैं और दीपा बरामदे से घर के अंदर आ गए। मैं अंदर आकर उसी टूटी हुई कुर्सी पर बैठ गया। दीपा ने मुझे पीने के लिए पानी लाकर दिया और कपड़े बदलने के लिए दूसरे कमरे में चली गई।



साथ बने रहिए।
nice update
 

Qaatil

Embrace The Magic Within
2,217
13,472
159
Behadd Shandar Update, bahot khub :applause: :applause:
To jesa ke mene socha tha Nishant chunav ke liye tayar ho gaya, or meri ek baat galat hui jis se me kafi khush bhi hu, ke mene socha tha kahi Dipa or Nishant me andban na ho jaye lekin jo sari baate Dipa ne Nishant se kahi us se Dipa ka Nishant ke liye Pyaar, sirf pyaar nahi, Unconditional Love dikha....
Devanshu or Nishant ke bich to baat zyada hi bigadti ja rahi he, jisme galat wo Bavli Gand he. Use samajhna chahiye ke agar Dipa Nishant ko pasand nahi karti hoti to wo uska saath kabhi nahi deti, waise Devanshu jeso ke liye to pyaar ek sauda hi hota he, jaha apna fayada dikhe ghus jao, ab wo fayda kayi baar jismani roop me samne ata he. Lekin ise kon samjhaye, ke Dipa or Nishant ka pyaar in sab chizo se aage he.
To Nishant jeet gaya, jis se students se le kar Nishant ke dost, sab khush the, siwaye uski Maa ke... Yaar jis kaam se Maa dukhi ho jaye, us kaam se hume shayad koso dur rehna chahiye, lekin kya kare, Nishant to bass apni kismat me jo likha he uspar hi amal kar raha he.

Dipa or Nishant aaj ghar me akele honge 😁 ab jab machis or tel saath ho to chingari kese na lagegi? Ek Request karna chahunga Mahi Maurya ji, agar inme koi bhi sexual scene dikha rahe ho to use Passionate rakhiye, na ke Vulgar... Baki jesa apne likha he, hum to padhenge hi, or ha... Shayad ye kahani mere sabse pasandida kahaniyo me se ek hone ja rahi he. Eagerly Waiting For Next Update ❤️
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
32,346
58,681
304
Behtareen update,
Per bahut hi Chhota hai
धन्यवाद आपका सर जी।
समय ज्यादा नहीं मिल पाता। जितना लिख पाते हैं उतना यहां डाल देते हैं।

साथ बने रहिए।
 
  • Like
Reactions: Qaatil

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
32,346
58,681
304
nice update ..maa itni naraj kyu hai chunaw jeetne par 🤔..thodi to khushi honi chahiye ..

aur deepa ki soch bhi alag hi hai ,,,nishant ke ghar par sab hai tab bhi waha nahi reh sakti par apne ghar me nishant ko rukne ke liye bol rahi hai ..

lagta hai raat me kuch ho jayega dono ke bich 😁😁.
धन्यवाद आपका सर जी।
अब माँ नाराज हैं या खुश ये अंदर की बात है🤗🤗

हो सकता है कि दीपा निशांत के घर अब शादी के बाद ही रहना चाहती हो😃😃

ज्यादा खुश मत होइए। हो सकता है आपकी उम्मीद के मुताबिक कुछ न हो😋😊😉

साथ बने रहिए।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
32,346
58,681
304
Behadd Shandar Update, bahot khub :applause: :applause:
To jesa ke mene socha tha Nishant chunav ke liye tayar ho gaya, or meri ek baat galat hui jis se me kafi khush bhi hu, ke mene socha tha kahi Dipa or Nishant me andban na ho jaye lekin jo sari baate Dipa ne Nishant se kahi us se Dipa ka Nishant ke liye Pyaar, sirf pyaar nahi, Unconditional Love dikha....
Devanshu or Nishant ke bich to baat zyada hi bigadti ja rahi he, jisme galat wo Bavli Gand he. Use samajhna chahiye ke agar Dipa Nishant ko pasand nahi karti hoti to wo uska saath kabhi nahi deti, waise Devanshu jeso ke liye to pyaar ek sauda hi hota he, jaha apna fayada dikhe ghus jao, ab wo fayda kayi baar jismani roop me samne ata he. Lekin ise kon samjhaye, ke Dipa or Nishant ka pyaar in sab chizo se aage he.
To Nishant jeet gaya, jis se students se le kar Nishant ke dost, sab khush the, siwaye uski Maa ke... Yaar jis kaam se Maa dukhi ho jaye, us kaam se hume shayad koso dur rehna chahiye, lekin kya kare, Nishant to bass apni kismat me jo likha he uspar hi amal kar raha he.

Dipa or Nishant aaj ghar me akele honge 😁 ab jab machis or tel saath ho to chingari kese na lagegi? Ek Request karna chahunga Mahi Maurya ji, agar inme koi bhi sexual scene dikha rahe ho to use Passionate rakhiye, na ke Vulgar... Baki jesa apne likha he, hum to padhenge hi, or ha... Shayad ye kahani mere sabse pasandida kahaniyo me se ek hone ja rahi he. Eagerly Waiting For Next Update ❤
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर जी।

अभी देवांशु बहुत कुछ कांड करने वाला है , लेकिन वो सब बाद में होने वाला है।

जरूरी नहीं है न सर जी कि माचिस और तेल साथ होने पर आग ही लगे। उसके लिए जरूरी ये है कि माचिस को कोई जलाकर तेल के पास ले जाए🤣😂😁😀

आप बेफिक्र रहिए सर जी दीपा और निशांत के बीच जो कुछ भी होगा। मुझे लगता है आप उससे निराश बिल्कुल भी नहीं होंगे।😊😊😊

साथ बने रहिए।
 
  • Love
Reactions: Qaatil

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
32,346
58,681
304
इक्कीसवाँ भाग


भैया से दीपा के यहाँ रुकने की अनुमति मिलने के बाद मैंने भैया को अपनी जीत के बारे में भी बता दिया। भैया मेरी जीत पर बहुत खुश हुए, फिर मैंने उन्हें माँ की नाराजगी के बारे में भी बताया।

उसके बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया और दीपा घर के अंदर कपड़े बदलने के लिए चली गई। थोड़ी देर बाद दीपा कपड़े बदल कर बाहर आई तो मैं दीपा को देखता ही रह गया। दीपा को मैंने हमेशा ही थोड़ा बहुत साजो-श्रृंगार में देखा था, लेकिन वो आज बिना साजो-श्रृंगार के साधारण कपड़ों में भी और भी ज्यादा खूबसूरत और मासूम लग रही थी। ऐसा नहीं था कि दीपा खूबसूरत नहीं थी, परंतु रोज के मुकाबले आज मुझे वो ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। मैं बस एकटक दीपा को देखे जा रहा था। दीपा भी आकर मेरे पास वाली चारपाई पर बैठ गई।

अरे छोटे बाबू क्या हुआ। ऐसे क्या देख रहे हो जैसे पहली बार देख रहे हो। दीपा ने मुझसे कहा।

देखता तो मैं तुमको रोज ही हूँ, मगर आज तुम रोज से अलग लग रही हो। मैंने कहा।

अच्छा, आज ऐसा क्या खास है जो अलग लग रही हूँ मैं। दीपा ने मुझसे पूछा।

तुम इस समय बहुत ज्यादा खूबसूरत और मासूम लग रही हो। मैंने दीपा से कहा।

मेरी बात सुनकर दीपा शरमाने लगी और वहाँ से उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर जोर से अपनी तरफ खीचा। दीपा सीधे आकर मेरी गोद में गिर पड़ी। मैंने दीपा को कसकर अपनी बाहों में भर लिया और उसके चेहरे पर आई लटों को अपने हाथों से संवार कर उसके कंधे के पीछे कर दिया तथा उसके खूबसूरत चेहरे को निहारने लगा।

दीपा ने कुछ देर मेरी आँखों में देखा। उसकी आँखों में मुझे अपने लिए बेइंतेहाँ प्यार नजर आया। मैंने उसकी आँखों में देखते हुए अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों पर रख दिए। दीपा ने भी मेरा साथ दिया। लगभग 5 मिनट सॉफ्ट किस करने के बाद दीपा ने अपने आपको मुझसे अलग किया।

यही सब गंदी हरकतें करने के लिए रुके हो क्या छोटे बाबू। दीपा ने मुझसे कहा।

इससे भी ज्यादा गंदी हरकतें करने का मन है मेरी प्यारी दीपा। मैंने दीपा को छेड़ते हुए कहा।

चलो हटो। खाना भी बनाना है। भूखा सोने का इरादा है क्या। दीपा ने मुझे प्यार से झिड़कते हुए कहा।

फिर दीपा खाना बनाने के लिए रसोईघर में चली गई। मैं भी उसके पीछे-पीछे रसोईघर में चला गया। दीपा मुझे मना करती रही लेकिन मैंने उसकी थोड़ी बहुत मदद खाना बनाने में की। खाना बन जाने के बाद हमदोनों ने मिलकर खाना खाया। फिर दीपा बरतन साफ करने लगी और मैं वापस आकर चारपाई पर बैठ गया।

उधर घर पर मेरे न पहुँचने के बाद माँ बहुत परेशान थी। खाना खाने की मेज पर जब सभी लोग खाना खाने के लिए बैठे तो माँ ने अर्जुन भैया से पूछा।

आज ये निशांत कहाँ रह गया है। अभी तक घर नहीं आया।

वो आज दीपा के यहाँ पर रूका हुआ है। अर्जुन भैया ने माँ से कहा।

क्यों कुछ काम था क्या उसे जो वो दीपा के यहाँ रुका है। माँ ने अर्जुन भैया से पूछा।

नहीं माँ कुछ काम नहीं था। आज आशीष कहीं बाहर गया हुआ है और दीपा घर में अकेली है, इसलिए वो आज दीपा के साथ ही रुक गया है। अर्जुन भैया ने माँ को बताया।

क्या कहा। दीपा घर में अकेली है और निशांत उसके साथ है। ये लड़का भी ना। क्या जरूरत थी दोनों को अकेला वहाँ रहने की। दीपा को लेकर वो घर भी तो आ सकता था। माँ ने कहा।

दीपा यहाँ आने के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए निशांत रुक गया उसके साथ। अर्जुन भैया ने कहा।

क्यों नहीं आने को तैयार थी वो। तुम लोगों ने कुछ कहा है क्या उससे। माँ ने अर्जुन भैया से कहा।

नहीं माँ उसके लगता है कि बार बार हमारे घर आने से पास-पड़ोस में तरह-तरह की बातें होने लगेंगी। इसलिए वो यहाँ आने को तैयार नहीं थी। अर्जुन भैया ने कहा।

और वो दोनो जो कर रहे हैं उससे पास-पड़ोस में कोई बातें नहीं होंगी। एक जवान लड़का और लड़की पूरी रात एक घर में अकेले रहेंगें। तो लोगों को तो और भी मौका मिलेगा तरह तरह की बात बनाने का। माँ ने अर्जुन भैया से कहा।

क्या माँ। आपको अपने बेटे के ऊपर विश्वास नहीं है क्या। अर्जुन भैया ने कहा।

मुझे दोनों पर पूरा विश्वास है कि वो दोनों कोई ऐसा-वैसा काम नहीं करेंगे जिससे हम लोगों की बदनामी हो, लेकिन हम समाज के बनाए नियमों को अनदेखा भी तो नहीं कर सकते। हम सबको समाज के साथ ही चलना पड़ता है। दोनों ने ये बिलकुल ठीक नहीं किया। माँ ने निशांत भैया को समझाते हुए कहा।

माँ की बात भी एक हद तक सही ही थी। एक लड़का लड़की अकेले एक घर में रात गुजार लें तो लोगों के मुँह पर तरह-तरह की बातें होने लगती है।

छोड़ों न माँ। आप कहाँ ये सब बातें लेकर बैठ गई हो। एक बात कहूँ अगर आपको बुरा न लगे तो। अर्जुन भैया ने माँ से कहा।

हाँ बोलो अर्जुन। माँ ने कहा।

आपको दीपा कैसी लगती है माँ। अर्जुन भैया ने कहा।

दीपा बहुत अच्छी और संस्कारों वाली लड़की है। भगवान ऐसी बेटी सभी को दे। माँ-बाप के न रहने के बाद भी आशीष ने बहुत अच्छे संस्कार दिए हैं दीपा को। माँ ने दीपा की तारीफ करते हुए कहा।

माँ मुझे लगता है कि अपना निशांत दीपा का बहुत पसंद करता है और दीपा भी निशांत को पसंद करती है। तो क्यों न दोनों की शादी करवा दी जाए।

ये तो बहुत अच्छी बात है अर्जुन। दीपा जैसी लड़की अगर इस घर की बहू बने। ये तो हमारे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। सबसे बड़ी बात ये कि दीपा जैसी संस्कारों वाली लड़की के साथ शादी करके उस नालायक की किस्मत खुल जाएगी। माँ ने खुश होते हुए कहा।

माँ की सहमति मिलने के बाद अर्जुन भैया और अदिती भाभी बहुत खुश हो गए। कुछ ही दिनों में दीपा ने अपने कुशल व्यवहार और अपने पन से घर के हर सदस्य के अंदर एक अलग जगह बना ली थी।

लेकिन अभी तो दोनों की पढ़ाई चल रही है। बिना पढ़ाई पूरी हुए शादी करना जल्दबाजी होगी, और सबसे बड़ी बात क्या आशीष इस रिश्ते के लिए तैयार होंगे। माँ ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा।

हाँ ये बात तो सही कहा आपने माँ, लेकिन एक बार उनसे बात तो करनी ही होगी न, हो सकता है उन्हें भी ये रिश्ता पसंद हो। भैया ने कहा।

तो ठीक है किसी दिन हम सब रिश्ते के लिए दीपा के घर आशीष से बात करने के लिए चलेंगे, लेकिन तुम दोनों एक बात कान खोलकर सुन लो। निशांत और दीपा के रिश्ते से मुझे कोई परेशानी नहीं है, लेकिन निशांत ने मेरी बात न मानकर अपने मन का काम किया है। तो अब मैं जैसा भी करूँ, तुम दोनों को मेरा साथ देना होगा। माँ ने भैया और भाभी से कहा।

ठीक है माँ हम आपके साथ हैं। लेकिन आप करने क्या वाली हैं। अर्जुन भैया ने माँ से सवाल किया।

वो तुम दोनों को बाद में पता चल जाएगा। मैं इतनी जल्दी निशांत के सामने दीपा से उसकी शादी के लिए हाँ थोड़े ही बोलूँगी, उसे भी तो पता चले कि उसने किससे पंगा लिया है। माँ ने मजाकिया लहजे में कहा।

ठीक है माँ वैसे निशांत बता रहा था कि आप उसके चुनाव जीतने पर खुश नहीं हैं। भैया ने कहा।

मैं खुश क्यों नहीं होऊँगी, आखिर मेरे बेटे ने जीत हासिल की है। मैं उसके सामने नाराजगी इसलिए दिखाई, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि वो किसी गलत रास्ते पर चले पड़े, मेरी नाराजगी से उसे कम-से-कम ये तो लगता रहेगा कि उसके किसी गलत काम करने से मैं नाराज हो सकती हूँ। माँ ने कहा।

उसके बाद माँ, भैया और भाभी ने मिलकर खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

इधर मैं और दीपा भी खाना खाकर सोने की तैयारी करने लगे। दीपा ने सोने के लिए मेरा बिस्तर लगा दिया और वो सोने के लिए दूसरे कमरे में जाने लगी। मैंने दीपा का हाथ पकड़ लिया।

मुझे अकेला छोड़कर कहाँ चल दी मेरी प्यारी दीपा। मैंने दीपा से कहा।

अब रात हो गई है और सोने के समय भी हो गया है। तो सोने जा रही हूँ। दीपा ने कहा।

क्या तुम आज रात मेरे साथ मेरे बिस्तर पर नहीं सो सकती। मैंने दीपा से कहा।

मैं तो खुद तुम्हारे साथ सोना चाहती थी, लेकिन मुझे लगा कहीं तुम नाराज न हो जाओ इसलिए मैं अंदर जो रही थी। दीपा ने कहा।

क्या बात है दीपा, मतलब तुमने पूरी तैयारी करके रखी है। मैंने शरारत के साथ दीपा से कहा।

तुम न आजकल कुछ ज्यादा ही शरारती होते जा रहे हो छोटे बाबू। दीपा ने कहा।

अभी मैंने अपनी शरारत शुरू कहाँ की है दीपा डार्लिंग। मैंने दीपा से कहा।

तुम भी न, अच्छा रुको मैं कपड़े बदलकर आती हूँ। यह बोलते हुए दीपा दूसरे कमरे मे चली गई।

थोड़ी देर बाद दीपा एक गाउन पहनकर बाहर आई। मैं दीपा को देखते हुए कहा।

लगता है तुम आज मेरी जान लेकर ही मानोगी। तुम्हें इन कपड़ों में देखकर मेरी तो नीयत खराब हो रही है दीपा डार्लिंग। मैंने दीपा से शरारत से कहा।

अच्छा, अब अपनी नीयत ठीक कर लो, नहीं तो मैं दूसरे कमरे में जा रही हूँ। दीपा ने कहा।

मैंने दीपा का हाथ पकड़ लिया और उसे पकड़कर अपने ऊपर खीच लिया, दीपा मैरे ऊपर गिर पड़ी। थोड़ी देर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए एक दूसरे की आँखों में देखते रहे।


साथ बने रहिए।
 
Top