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Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

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बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
सब झटका ही देंगे निशांत को।

और वो बेचारा झटका सहकर भी कुछ नहीं कर पाएगा।

साथ बने रहिए।
हांजी बिल्कुल
 
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अगले अपडेट का इंतजार रहेगा जल्दी देने की कोशिस करना
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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अगले अपडेट का इंतजार रहेगा जल्दी देने की कोशिस करना
अगला भाग लिख दिए हैं आज दोपहर में।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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Beechare Nishant Ko bahut jyada hi pareshan kar rahe hai.
धन्यवाद सर जी आपका।
अब अपनी पसंद की शादी करने के लिए कुछ तो पापड़ बेलने पड़ेंगे न।

साथ बने रहिए।
 
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nice update ..nishant ke pyar ko lekar sabne apni raay bata di ..
roj manane par bhi maa maan nahi rahi hai 😁..
aur ye devanshu kuch jyada hi mood me aa raha hai jhagde ke 😡..waise laato ke bhut baato se nahi maante 😈..

ek problem ko kulpati mahoday ko bata diya par ye ab hindi teacher aur ragging ka maamla bhi saamne aa gaya dekhte hai nishant kaise solve karta hai ..
 
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mashish

BHARAT
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चौबीसवाँ भाग


माँ ने मेरी बात नहीं सुनी और गुस्से से अपने कमरे में चली गयी।

भैया आप माँ से बात करिए न आप तो जानते हैं कि मैं दीपा से कितना प्यार करता हूँ। मैंने भैया से कहा।

माफ़ करना निशांत मैं इस मामले में तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता। अर्जुन भैया ने कहा।

भाभी आप तो माँ को कुछ समझाइए। मैं दीपा से बहुत प्यार करता हूँ और उससे शादी करना चाहता हूँ और माँ हैं कि किसी और लड़की को पसंद करके बैठी हैं। आप कुछ करिए न भाभी। मैने भाभी से कहा।

मैं तो तुम्हारी मदद करूँगा ही नहीं। उस दिन जब मैंने पूछा था कि अगर किसी से प्यार करते हो तो मुझे बता दो मैं तुम्हारी पूरी मदद करूँगी, लेकिन उस दिन तुम मुकर गए थे और आज पता चल रहा है कि तुम दीपा से प्यार करते हो और उसके लिए माँ से बात करने के लिए बोल रहे हो। भाभी ने कहा।

मुझे माफ़ कर दीजिए भाभी। मैं बहुत जल्द आपको बताने वाला था, लेकिन उससे पहले ही माँ ने किसी और से बात कर ली। मैंने कहा।

माफ़ करना निशांत। इस मामले में मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर पाऊँगी। भाभी ने कहा।

उसके बाद भैया और भाभी अपने कमरे में चले गए। मैं कुछ देर वहीं बैठा रहा और अपने और दीपा के बारे में सोचता रहा। फिर में भी उठकर अपने कमरे में चला गया।

मैं अपने बिस्तर पर लेटकर सोने की कोशिश करने लगा, मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने अपना मोबाइल निकाला और दीपा को फ़ोन मिलाया, लेकिन उसने फ़ोन नहीं उठाया और न ही उसका फ़ोन की आया। मैं बिस्तर पर करवटे बदलता रहा। आधी रात के बाद मुझे नींद आ गयी।

सुबह उठकर मैंने स्नान किया और कॉलेज निकल गया। आज मैं बहुत उदास था। जब मैं कॉलेज पहुँचा तो आज देवांशु मेरा कॉलेज गेट के पास अपने दोस्तों के साथ मेरा इंतज़ार कर रहा था। मैंने उसे नजरअंदाज कर दिया और अपनी कक्षा की तरफ जाने लगा।

अरे नेता जी। कहाँ चले। बड़ी जल्दी में लग रहे हो। अरे हमसे भी मिल लो। कब से हम अपने नए नेता जी की बाट जोह रहे हैं और आप हैं कि बिना मिले ही चले जा रहे हैं। देवांशु मुझपर तंज़ कसते हुए बोला।

माँ और भैया भाभी की बात को लेकर मैं पहले से ही बहुत परेशान था और इस समय देवांशु से बात करने का मतलब था कि लड़ाई होना निश्चित था और मेरा इस समय लड़ाई करने का कोई मूड़ नहीं था।

मैं अभी बहुत जल्दी में हूँ देवांशु। फिर कभी बात करेंगे। मैंने देवांशु से कहा और बिना उसकी बात सुन आगे बढ़ गया।

मैंने अपनी क्लास में जाकर अपनी सीट पर बैठ गया और टीचर के आने पर क्लास अटेंड की। आगे की क्लास करने का मेरा मन नहीं था तो मैं जाकर गार्डन में बैठ गया। आस पास अन्य छात्र-छात्राएँ बैठे हुए थे। थोड़ी देर बाद देवांशु अपने दोस्तों के साथ वहाँ पर आ गया।

क्या बात है नेता जी। आपके चेहरे की हवाइयाँ क्यों उड़ी हुई हैं। ऐसा लगता है जैसे किसी से मार खाकर आये हो। देवांशु व्यंग्यात्मक लहजे में बोला।

नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। बस तबियत थोड़ी ठीक नहीं है। मैंने बात को यहीं खत्म करने की नीयत से देवांशु को जवाब दिया।

लग तो नहीं रहा है कि तुम्हारी तबियत को कुछ हुआ है। ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने दो चार थप्पड़ लगाए हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि दीपा ने ही तुझे पीटकर तेरा ये हाल किया है। देवांशु ने कहा।

देख देवांशु। मैं तुझसे कोई पंगा नहीं चाहता। तो अपनी ये बकवास बन्द कर और जा यहाँ से। मेरा मूड़ मत खराब कर। मैंने देवांशु से कहा।

क्यों बे। चुनाव क्या जीत गया तू, बहुत अकड़ने लगा है, तेरी सारी अकड़ मैं निकालूँगा और उस दीपा को भी सबक सिखाऊंगा। साली ने मुझसे धोखा करके मेरे खिलाफ जाकर तेरा साथ दिया। छोडूंगा नहीं तुम दोनों को। देवांशु ने कहा।

देवांशु ने दीपा को गाली दी थी जिसे सुनकर मुझे गुस्सा आ गया। मैं उठा और देवांशु का कॉलर पकड़ लिया।

अपनी गंदी जुबान से दीपा का नाम लेने की कोशिश दोबारा मत करना। नहीं तो तेरा वो हाल करूँगा कि तुझे जिंदगी भर पछतावा रहेगा कि तुमने निशांत से पंगा क्यों लिया। मैं गुस्से में चिल्लाते हुए बोला।

हम दोनों एक दूसरे का कॉलर पकड़कर गुत्थम गुत्था हो गए थे। आस पास की छात्र-छात्राएँ भी हम दोनों के पास जमा हो गए। राहुल भैया और विक्रम भैया भी अपने दोस्तों के साथ वहाँ आ गए थे। उन्होंने हम दोनों को अलग किया।

तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी निशांत मुझसे उलझकर। ये तुझे बहुत महँगा पड़ेगा। छोडूंगा नहीं में तुझे। देवांशु अपने दोस्तों के साथ मुझे धमकी देते हुए चला गया।

उसके जाने के बाद राहुल भैया के पूछने पर मैंने उसे सारी बात बता दी।

देखो निशांत अब तुम छात्रों के नेता बन चुके हो और तुम्हे बात बात पर आपा खो देना शोभा नहीं देता। इससे विद्यार्थियों के मन मे तुम्हारे लिए गलत छवि बनेगी। तो आगे से इसका ध्यान रखना और उस देवांशु के मुंह बिल्कुल भी मत लगना। वो तो चाहता ही है कि तुम्हारी छवि विद्यार्थियों के बीच खराब हो। राहुल भैया मुझे समझते हुए बोले।

मैंने भी हाँ में सिर हिला दिया। उसके बाद सभी अपनी अपनी कक्षाओं में चले गये। आज दीपा भी कॉलेज नहीं आयी थी। मेरा अब पढ़ाई की कोई इच्छा नहीं थी, इसलिए मैं कॉलेज से घर के लिए निकल पड़ा।

मैं अपने कमरे में उदास बैठा हुआ था। खाने के समय मैंने माँ से फिर बात करनी चाही, लेकिन वो अपने फैसले पर अडिग रही। इसी तरह तीन दिन बीत गए।

मैं रोज सुबह कॉलेज जाता और शाम को कॉलेज से घर आता। रात में माँ को मानता, लेकिन माँ ने तो जैसे कसम खा रखी थी उस लड़की से मेरी शादी करवाने की।

चौथे दिन मैं कॉलेज में था और अपने दुःख को कम करने के लिए राहुल भैया और विक्रम भैया से कॉलेज के बारे में मंत्रणा कर रहा था।

निशांत मुझे लगता है कि कक्षा में विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था के बारे में एक बात कुलपति महोदय से बात करनी चाहिए। राहुल भैया ने कहा।

कॉलेज परिसर में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। कई नल खराब पड़े हुए हैं। विद्यार्थियों के बैठने के लिए भी पार्क के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बारे में भी उनसे बात करनी चाहिए। अब ये सब देखना भी काम है। विक्रम भैया ने कहा।

ठीक है जैसा आप लोग कहें। चलिए फिर चलते हैं कुलपति महोदय के पास। मैंने कहा।

उसके बाद मैं, राहुल भैया, विक्रम भैया और उनके दो दोस्त कुलपति महोदय के कार्यालय पहुचे और उन्हें उक्त सभी समस्याओं से अवगत कराया। कुलपति महोदय ने भी जल्द से जल्द इन समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

उसके बाद हम अपनी अपनी कक्षाओं में चले गए। इन 3-4 दिनों से मेरी दीपा से ठीक से बात नहीं हो पाई थी, बस हाय हेल्लो तक ही बात हुई थी, क्योंकि मैं घर वाली समस्या का जिक्र अभी फिलहाल दीपा से नहीं करना चाहता था।

कॉलेज खत्म होने पर मैं घर आया और रात में खाने के समय मैंने फिर माँ से बात की, लेकिन माँ नहीं मानी। खाने के बाद हम अपने अपने कमरे में सोने के लिए निकल गए।

सुबह उठकर मैं कॉलेज गया और अपनी क्लास में बैठकर पढ़ाई की। भोजनावकाश के समय मैं पार्क में बैठा था कि तभी विद्यार्थियों का दो समूह मेरे पास आया।

सर, हम द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी हैं। सभी विषय तो ठीक से पढ़ाए जा रहे हैं, परंतु हिंदी विषय के प्रोफेसर ठीक से पढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हमने इस बारे में पहले भी बात करी थी, लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। प्रथम समूह के एक छात्र ने अपनी समस्या बताई।

ठीक है मैं बात करता हूँ इस बारे में। और आप सब की क्या परेशानी है। मैंने दूसरे समूह की तरफ देखते हुए कहा।

सर, हम प्रथम वर्ष के विद्यार्थी हैं, अंतिम वर्ष के कुछ छात्र हम लोगों की रोज रैगिंग करते हैं। तरह तरह के उलटे सीधे सवाल पूछते हैं। गंदे गंदे टास्क करने के लिए देते हैं। मना करने पर मारते हैं, जिससे हमारी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। आप इस बारे में कुछ करिए सर। उस समूह से एक लड़की ने अपनी परेशानी बताई।

ठीक है में कुछ करता हूँ। इतना बोलकर में राहुल भैया के पास जाने के लिए उठ खड़ा हुआ।



साथ बने रहिए।
good update
 
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Mahi Maurya

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nice update ..nishant ke pyar ko lekar sabne apni raay bata di ..
roj manane par bhi maa maan nahi rahi hai 😁..
aur ye devanshu kuch jyada hi mood me aa raha hai jhagde ke 😡..waise laato ke bhut baato se nahi maante 😈..

ek problem ko kulpati mahoday ko bata diya par ye ab hindi teacher aur ragging ka maamla bhi saamne aa gaya dekhte hai nishant kaise solve karta hai ..
धन्यवाद आपका सर जी।

लातों के भूत लातों से ही मानते हैं।

साथ बने रहिए।
 
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Mahi Maurya

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good update
धन्यवाद आपका सर जी।

साथ बने रहिए।
 
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